5 संबंधों: पुनर्बलन, मनोविज्ञान, स्थानान्तरण, जर्मन भाषा, उद्दीपक (मनोविज्ञान)।
पुनर्बलन
ऐसी कोई क्रिया जो अनुक्रिया की संख्या में वृद्धि करती है पुनर्बलन (reinforcement) कहलाती है। मानव द्वारा सीखे हुए अधिकांशतः व्यवहार की व्याख्या हम क्रियाप्रसूत अनुबन्धन के सहयोग से कर सकते हैं। क्रियाप्रसूत अनुबन्धन में पुनर्बलन की निर्णायक भूमिका है। यह नकारात्मक या सकारात्मक हो सकता है। .
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मनोविज्ञान
मनोविज्ञान (Psychology) वह शैक्षिक व अनुप्रयोगात्मक विद्या है जो प्राणी (मनुष्य, पशु आदि) के मानसिक प्रक्रियाओं (mental processes), अनुभवों तथा व्यक्त व अव्यक्त दाेनाें प्रकार के व्यवहाराें का एक क्रमबद्ध तथा वैज्ञानिक अध्ययन करती है। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि मनोविज्ञान एक ऐसा विज्ञान है जो क्रमबद्ध रूप से (systematically) प्रेक्षणीय व्यवहार (observable behaviour) का अध्ययन करता है तथा प्राणी के भीतर के मानसिक एवं दैहिक प्रक्रियाओं जैसे - चिन्तन, भाव आदि तथा वातावरण की घटनाओं के साथ उनका संबंध जोड़कर अध्ययन करता है। इस परिप्रेक्ष्य में मनोविज्ञान को व्यवहार एवं मानसिक प्रक्रियाओं के अध्ययन का विज्ञान कहा गया है। 'व्यवहार' में मानव व्यवहार तथा पशु व्यवहार दोनों ही सम्मिलित होते हैं। मानसिक प्रक्रियाओं के अन्तर्गत संवेदन (Sensation), अवधान (attention), प्रत्यक्षण (Perception), सीखना (अधिगम), स्मृति, चिन्तन आदि आते हैं। मनोविज्ञान अनुभव का विज्ञान है, इसका उद्देश्य चेतनावस्था की प्रक्रिया के तत्त्वों का विश्लेषण, उनके परस्पर संबंधों का स्वरूप तथा उन्हें निर्धारित करनेवाले नियमों का पता लगाना है। .
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स्थानान्तरण
अधिगम स्थान्तरण:- जब हमारे दुवारा पहले से किया गया अधिगम हमारे दुवारा किये जाने वाले नए अधिगम मई सहायता प्रदान करे या नए सीखे जाने वाले अधिगम को प्रभावित करें तो हम इससे अधिगम स्थान्तरण कहते है। अधिगम स्थान्तरण सामान्यता तीन प्रकार का होता है:- 1.सकारात्मक अधिगम स्थान्तरण 2.शून्य अधिगम स्थान्तरण 3.नकारात्मक अधिगम स्थान्तरण (1)-सकारात्मक अधिगम स्थान्तरण:-जब हमारे द्वारा पहले से किया गया अधिगम हमारे द्वारा नये किये जाने वाले अधिगम में सहायता प्रदान करे तो हम इसे सकारात्मक अधिगम स्थान्तरण कहते है। जैसे- सायकल सिख हुवा इंसान बाइक चलाने आसानी से सिख जाता है। (2).शून्य अधिगम स्थान्तरण:-जब हमारे द्वारा पहले से किया गया अधिगम हमारे द्वारा नये किये जाने अधिगम में ने तो सहायता और न ही बाधा उत्पन करे तो इसे शून्य अधिगम स्थानांतरण कहते है। जैसे-रहीम के दोहो को याद करने के बाद कबीर के दोहे याद करने में ने तो सुविधा होती ने ही बाधा उतपन होती है। (3).ऋणात्मक अधिगम स्थान्तरण:-जब हनारे द्वारा पहले से किया गया अधिगम हमारे द्वारा किये जाने वाले नए अधिगम में बाधा पहुंचाये तो हम उसे ऋणात्मक अधिगम स्थान्तरण कहते है। जैसे-भारत में गाड़ी चलाने वाला अगर अमेरिका में जाके गाड़ी चलाये तो उसे असुविधा होगी।.
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जर्मन भाषा
विश्व के जर्मन भाषी क्षेत्र जर्मन भाषा (डॉयट्श) संख्या के अनुसार यूरोप की सब से अधिक बोली जाने वाली भाषा है। ये जर्मनी, स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रिया की मुख्य- और राजभाषा है। ये रोमन लिपि में लिखी जाती है (अतिरिक्त चिन्हों के साथ)। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में जर्मनिक शाखा में आती है। अंग्रेज़ी से इसका करीबी रिश्ता है। लेकिन रोमन लिपि के अक्षरों का इसकी ध्वनियों के साथ मेल अंग्रेज़ी के मुक़ाबले कहीं बेहतर है। आधुनिक मानकीकृत जर्मन को उच्च जर्मन कहते हैं। जर्मन भाषा भारोपीय परिवार के जर्मेनिक वर्ग की भाषा, सामान्यत: उच्च जर्मन का वह रूप है जो जर्मनी में सरकारी, शिक्षा, प्रेस आदि का माध्यम है। यह आस्ट्रिया में भी बोली जाती है। इसका उच्चारण १८९८ ई. के एक कमीशन द्वारा निश्चित है। लिपि, फ्रेंच और अंग्रेजी से मिलती-जुलती है। वर्तमान जर्मन के शब्दादि में अघात होने पर काकल्यस्पर्श है। तान (टोन) अंग्रेजी जैसी है। उच्चारण अधिक सशक्त एवं शब्दक्रम अधिक निश्चित है। दार्शनिक एवं वैज्ञानिक शब्दावली से परिपूर्ण है। शब्दराशि अनेक स्रोतों से ली गई हैं। उच्च जर्मन, केंद्र, उत्तर एवं दक्षिण में बोली जानेवाली अपनी पश्चिमी शाखा (लो जर्मन-फ्रिजियन, अंग्रेजी) से लगभग छठी शताब्दी में अलग होने लगी थी। भाषा की दृष्टि से "प्राचीन हाई जर्मन" (७५०-१०५०), "मध्य हाई जर्मन" (१३५० ई. तक), "आधुनि हाई जर्मन" (१२०० ई. के आसपास से अब तक) तीन विकास चरण हैं। उच्च जर्मन की प्रमुख बोलियों में यिडिश, श्विज्टुन्श, आधुनिक प्रशन स्विस या उच्च अलेमैनिक, फ्रंकोनियन (पूर्वी और दक्षिणी), टिपृअरियन तथा साइलेसियन आदि हैं। .
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उद्दीपक (मनोविज्ञान)
मनोविज्ञान में, इन्द्रियों द्वारा पकड़े जाने योग्य किसी भी 'परिवर्तन' को उद्दीपन (स्टिमुलस) कहते हैं। श्रेणी:मनोविज्ञान.