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अंग्रेज शासकों की सूची

सूची अंग्रेज शासकों की सूची

इंग्लैण्ड रियासत में राजतंत्र की शुरुवात अल्फ्रेड महान और समाप्ति महारानी ऐन, ग्रेट ब्रिटेन की महारानी से हुई जब वो १७०७ में इंग्लैंड की राजशाही के स्कॉटलैंड की राजशाही से विलय के बाद बने ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की महारानी बनीं। महारानी ऐन के बाद के शासकों के लिये देखें ब्रिटेन के शासक। हालांकि कुछ इतिहासकारा कुछ अन्य राजाओं को भी इंग्लैंड का पहला राजा मानने का तर्क देते हैं जो आंग्ल-सैक्सनों के राज्यों पर नियंत्रण रखने का माद्दा व चाहत रखते थे। उदाहरण के तौर पर, ओफ्फा, मर्सिया का राजा और वेसेक्स का राजा एग्बर्ट को कभी-२ प्रसिध लेखकों द्वारा इंग्लैंड के राजा के रूप में निरूपित किया जाता है। लेकिन हर इतिहासकार इससे सहमत भी नहीं हैं। आठवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में ओफ़्फा ने दक्षिणी इंग्लैंड पर आधिपत्य हासिल कर अलिया था लेकिन ये राज ७९६ ई॰ में उसकी मृत्यु के पहले ही खत्म हो गया।८२९ ई॰ में एग्बर्ट ने मर्सिया पर अधिकार कर लिया लेकिन जल्द ही इसे गँवा भी दिया। नवीं शताब्दी के अंत तक वेसेक्स सबसे प्रभावशाली आंग्ल-सैक्सन साम्राज्य था। इसका राजा अल्फ्रेड महान पश्चिमी मर्सिया का एक शक्तिशाली सामंत था। वह अपने लिये आंग्ल और सैक्सनों का राजा की उपाधि का प्रयोग करता था लेकिन उसने कभी भी पूर्वी और उत्तरी इंग्लैंड पर शासन नहीं किया। उसके बेटे एडवर्ड द एल्डर ने पूर्वी डेनलॉ पर विजय हासिल की लेकिन एडवर्ड का बेटे ऍथेल्स्तन ९२७ ई में नॉर्थम्ब्रिया पर विजय हासिल करके पूरे इंग्लैंड पर शासन करने वाला पहला राजा बना। आधुनिक इतिहासकारों ऍथेल्स्तन को ही इंग्लैंड का पहला राजा मानते हैं। वेल्स की रियासत का इंग्लैंड के साम्राज्य में रुडलैन का स्टैचुएट के अंतर्गत १२८४ में विलय कर दिया गया और १३०१ में राजा एडवर्ड प्रथम ने अपने ज्येष्ठ पुत्र, भविष्य के राजा एडवर्ड द्वितीय को वेल्स का राजकुमार के तौर पर प्रतिष्ठित किया। तभी से एडवर्ड तृतीय के अलावा अंग्रेज अधीराटों के सभी बड़े बेटों ने यह पद हासिल किया है। १६०३ ई में एलिज़ाबेथ प्रथम की निसंतान मृत्यु के बाद इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के सिंहासनों का स्कॉटलैंड का जेम्स ६ के शासन में एक निजी एकीकरण कर दिया गया। शाही ऐलान के साथ जेम्स ने स्वयं को ग्रेट ब्रिटेन का राजा घोषित कर दिया लेकिन ग्रेट ब्रिटेन जैसे किसी भी साम्राज्य का कानूनी तौर पर निर्माण १७०७ तक नहीं हुआ था। महारानी ऐन के शासन काल में १७०७ में हुए विलय के अधिनियमों के बाद इंग्लैंड कानूनी तौर पर स्कॉटलैंड के साथ जुड़ गया और इस तरह ग्रेट ब्रिटेन राजशाही का गठन हुआ। १८०१ में विलय के अधिनियम के तहत आयरलैंड राजशाही जो हेनरी द्वि॰ के समय से अंग्रेजी शासन के अधीन था ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही में शामिल हो गया और १९२२ में आयरिश मुक्त राज्य के बनने तक इसका हिस्सा रहा। चूंकि उत्तरी आयरलैंड यूके के साथ रहा इसलिये इसके बाद से इस साम्राज्य को यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दर्न आयरलैंड के नाम से जानते हैं। .

51 संबंधों: टावर ऑफ़ लण्डन, ट्यूडर राजवंश, ऍथलस्टैन, एडमंड प्रथम, एडिनबर्ग किला, एडवर्ड ६, इंग्लैंड का राजा, एरागॉन की कैथरीन, एलिज़ाबेथ प्रथम, ऐन, ग्रेट ब्रिटेन की महारानी, ऐनी बोलिन, डेनमार्क, पैलेस ऑफ़ वेस्ट्मिन्स्टर, फोथरिंघे किला, ब्रिटेन के शासक, मुकुटों का एकीकरण, मैरी १ (स्कॉटलैंड की रानी), मैरी १, इंग्लैंड की रानी, मैरी २, इंग्लैंड की रानी, राज्याभिषेक, लेडी जेन ग्रे, शांतिदूत एडगर, स्कॉट्लैण्ड राज्य, सेंट जेम्स पैलेस, हेनरी स्टुअर्ट, लॉर्ड डार्न्ले, हेनरी ६, इंग्लैंड का राजा, ज्येष्ठाधिकार, जेम्स प्रथम, विलय के अधिनियम, १७०७, विलय के अधिनियम, १८००, विलियम द कॉङ्करर, विलियम ३, इंग्लैंड का राजा, विंचेस्टर, विंडसर कासल, वेस्टमिंस्टर, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, गुलाबों का युद्ध, ग्रेट ब्रिटेन राजशाही, ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही, ग्रेनिश, ऑक्सफ़र्डशायर, ऑक्सफ़ोर्ड, ओस्लो, आयरलैंड राजशाही, आयरिश मुक्त राज्य, इंग्लैण्ड पर नॉर्मन विजय, इंग्लैण्ड राज्य, इंग्लैंड के हेनरी अष्टम्, अधिनियम, अराजकता, अराजकतावाद, ..., उत्तरी आयरलैंड सूचकांक विस्तार (1 अधिक) »

टावर ऑफ़ लण्डन

ब्रिटेन की राजधानी लंदन के मध्य में टेम्स नदी के किनारे बने इस भव्य क़िले का निर्माण सन् 1078 में विलियम ने कराया था। इसके निर्माण में लगे पत्थर फ़्रांस से मंगाए गए थे। इसके परिसर में कई इमारतें हैं। एक समय यह ब्रिटेन का शाही महल था। इसी परिसर में राजसी बंदियों के लिए कारागार भी था। यह किला अनेक मृत्युदंड तथा हत्याओं का साक्षी रहा है। हेनरी अष्टम ने अपनी रानी ऐन बोलिन का 1536 में यहीं सर क़लम कराया था। वर्तमान समय में ब्रिटेन का राजपरिवार इस क़िले में नहीं रहता है लेकिन उनके शाही जवाहरात यहीं सुरक्षित रखे गए हैं। .

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ट्यूडर राजवंश

ट्यूडर राजवंश (Tudor dynasty) ने 1485 से 1603 ई0 तक इंग्लैंड में शासन किया। उसे हम इंग्लैंड के इतिहास के मध्य और आधुनिक युग की कड़ी मान सकते हैं। मध्यकालीन दुर्व्यवस्थाओं एवं अशांत स्थितियों को दूर करने, इंग्लैंड के आधुनिक राजनीतिक युग के प्रवर्तन और राष्ट्र की महत्ता के दिनों प्रारंभ करने का श्रेय उसे प्राप्त है। .

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ऍथलस्टैन

ऍथलस्टैन (Æthelstan) (पुरानी अंग्रेजी: Æþelstan, Æðelstān, अर्थात "कुलीन पत्थर"; 894 – 27 अक्टूबर 939) ९२४ से ९२७ ई॰ तक ऐंग्लों-सक्सनों का राजा और ९२७ से ९३९ ई॰ तक अंग्रेजों का राजा था। वह राजा एडवर्ड द एल्डर और उसकी पहली पत्नी एग्व्यिन का बेटा था। आधुनिक इतिहासकार उसे इंग्लैंड का पहला राजा और ऐंग्लों-सैक्सनों के महानतम राजाओं में से एक मानते हैं। उसने कभी शादी नहीं की और उसके बाद उसका सौतेला भाई एडमंड प्रथम इंग्लैंड का राजा बना। जब एडवर्ड की जुलाई ९२४ ई॰ में मृत्यु हो गयी तब ऍथलस्टैन को मर्सिया के लोगों ने अपना राजा स्वीकार कर लिया। उसका सौतेले भाई ऍल्फवियर्ड संभवत: वेसेक्स का राजा घोषित हुआ था लेकिन अपने पिता की मृत्यु के कुछ ही दिनों बाद उसका भी देहांत हो गया। कुछ महीनों तक ऍथलस्टैन को वेसेक्स में गतिरोध झेलना पड़ा लेकिन सितम्बर ९२५ में वहाँ भी उसका राज्याभिषेक हो गया। ९२७ ई॰ में उसने अंतिम बचे हुए वाइकिंग साम्राज्य स्कैन्डिनेविया के यॉर्क पर भी आधिपत्य जमा लिया और पूरे इंग्लैंड में शासन करने वाला पहला आंग्ल-सैक्सन राजा बन गया। ९३४ में उसने स्कॉटलैंड पर धावा बोला और कॉन्स्टेनटाइन द्वितीय को हथियार डालने पर मजबूर कर दिया, लेकिन ऍथलस्टैन के शासन का वाइकिंगों और स्कॉटों ने भारी विरोध किया और सन् ९३७ में इंग्लैंड पर आक्रमण कर दिया। ऍथलस्टैन ने उन्हें ब्रुनान्बर की लड़ाई में हरा दिया। इस विजय ने उसे ब्रिटिश आइल्स और पूरे महाद्वीप में बहुत ख्याति दिलाई। ९३९ ई॰ में उसकी मृत्यु के पश्चात वाइकिंगों ने पुन: यॉर्क पर अधिकार कर लिया जिसे फिर ९५४ ई॰ में ही वापस पाया जा सका। ऍथलस्टैन ने सरकार का केंद्रीकरण कर दिया; उसने सरकारी अधिकारपत्रों के जारी होने पर अपना नियंत्रण स्थापित किया और विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों को अपनी परामर्श समिति और दरबार में जगह दी। उसकी दरबारी सभाओं में उसके अधिकार क्षेत्र के बाहर के राज्यों, खासकर वेल्स, के राजाओं की भी उपस्थिति होती थी जिन्होंने उसका आधिपत्य स्वीकार कर लिया था। उसके समय के अन्य राजाओं की तुलना में अधिक कानूनी दस्तावेज आज भी सुरक्षित बचे हुए हैं। ये दस्तावेज आपराधिक घटनाओं, लूट-पाट और सामाजिक असुरक्षा के विषयों पर उसकी गहरी रूचि और चिंता दर्शाते हैं। उसके कानूनी सुधार उसके दादा अल्फ्रेड महान के कानूनों पर आधारित थे। ऍथलस्टैन पश्चिमी सैक्सन राजाओं में सबसे धर्मपरायण था और उसे स्मारकों व गिरिजाघरों के निर्माण के लिये जाना जाता है। उसके शासनकाल में उसका घर अंग्रेजी शिक्षा का केंद्र था जिसने बाद में बेनेडिक्टियाई सूफीवादी सुधार की आधारशिला रखी। यूरोपीय राजनीति में ऍथलस्टैन के अलावा और किसी भी पश्चिमी सैक्सन राजा ने इतनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा नहीं की। उसने महाद्वीपीय राजाओं से अपनी बहनों की शादियों के प्रबंध किये और कई राजनीतिक मित्र बनाए। .

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एडमंड प्रथम

एडम्ंड प्रथम (Edmund I), (Ēadmund; 921 – 26 मई 946), जिसे ज्येष्ठ, न्यायप्रिय व बेहतरीन (the Elder, the Deed-doer, the Just, or the Magnificent), कहा जाता था सन ९३९ से अंग्रेजों का राजा था। वो एडवर्ड द एल्डर का बेटा और ऍथेल्स्तन का सौतेला भाई था। ऍथेल्स्तन की 27 अक्टूबर 939 को मृत्यु हो गयी थी और उसके बाद एडमंड उसके बाद राजा बना। .

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एडिनबर्ग किला

एडिनबर्ग कासल(Edinburgh Castle, ब्रिटिश उच्चारण:एडिन्बर खास्ल्) अथवा एडिनबर्ग का किला, स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग शहर के मध्य में कासल रॉक नामक पहाड़ी पर स्थित एक गिरीदुर्ग(पहाड़ी किला) है। ऐतिहासिक तौर पर, इस किले के स्थान पर कमसेकम १२वीं सदी से एक शाही किले के होने के प्रमाण हैं। यह किला सन् १६३३ तक शाही निवास के रूप में सत्यापित रहा था। १५वीं सदी से, इस किले की रिहाइशी महत्व घटने लगी और १७वीं सदी से इसे मुख्यतः एक सैन्य ठिकाने के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा। १९वीं सदी के बाद से इस किले के ऐतिहासिक महत्व के मद्देनज़र इसे स्कॉटलैंड के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय धरोहर क्र रूप में देखा जाने लगा, और तत्पश्चात् इस किले पर अनेक पुनःस्थापन परियोजनाएँ चलाई गयीं। स्कॉटियाई राजशाही के सबसे अहम गढ़ों में से एक होने के कारण, इस किले का अनेक ऐतिहासिक युद्धों और मुठभेड़ों में अहम भूमिका रही है, जिनमे स्कॉटिश स्वतंत्रता युद्ध और १७४५ की जैकोबीयाइ जागरण शामिल हैं। इस किले पर किये गए शोधों से पता चलता है की इस किले के ११०० वर्षों के इतिहास में इस पर कमसेकम २६ मुहासरे लगाये गए थे। आज यह किला स्कॉटलैंड का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। २०१३ में इस किले को देखने के लिए कुल १४ लाख आगंतुक आये थे। इस किले को एडिनबर्ग अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव के एगींबुर्ग मिलिट्री टैटू के कार्यक्रम स्थल के रूप में उपयोग किया जाता है, जिसमे प्रत्येक वर्ष एडिनबर्ग, यूके तथा विदेशों से भी लाखों लोग आते हैं। इसकी ऐतिहारिक महत्ता और लोकप्रियता के मद्देनज़र इस किले को कई मायनों में एडिनबर्ग शहर तथा पूरे स्कॉटलैंड का प्रतीक भी माना जाता है। इस किले के प्रतिबिंब को एडिंबिरग नगर परिषद् तथा एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के कुलांकों में भी देखा जा सकता है। किले के गिने-चुने भवन हैं जो १६वीं सदी से पूर्वतीथ हैं, क्योंकि लैंग के मुहासिरे के समय तोपों की गोलाबारी द्वारा इस किले के अधिकांश इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया था। इस संदर्भ में सबसे विशिष्ट अपवादात्मक भवन सेंट मार्गारेट्स चैपल है, जोकि १२वीं साद से आबाद है, और इसे अक्सर एडिनबर्ग की सबसे पुरातन संरचना माना जाता है। इसके अलावा शाही महल और उसका "ग्रेट हॉल", दोनों हीं उस अवरोध से पूर्वतीथ हैं, हालांकि, ग्रेट हॉल के इंटीरियर्स मूल मध्य-विक्टोरियाइ काल से काफ़ी परिवर्तित हो चुके हैं। इसके अलावा यह किला, स्कॉटलैंड की राष्ट्रीय युद्ध स्मृति, राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय तथा स्कोटियाई राजपरिधानों की भी मेज़बानी करता है। आज भी इस किले के कुछ हिस्सों में ब्रिटिश सेना की उपस्थिति है, परंतु अब सेना की उपस्थिति केवल प्रशासनिक और पारंपरिक है। .

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एडवर्ड ६, इंग्लैंड का राजा

एडवर्ड षष्टम, Edward VI (12 अक्टूबर 1537 – 6 जुलाई 1553) 28 जनवरी 1547 से अपनी मृत्यु तक आयरलैंड और इंग्लैंड का राजा था। २० फरवरी को ९ वर्ष की उम्र में उसका राज्याभिषेक किया गया था। हेनरी ८ और जेन सीमोर का पुत्र एडवर्ड ट्यूडर राजवंश का तीसरा शासक सम्राट था। प्रोटेस्टैंट विचारों के तहत शिक्षित होने और बड़ा होने वाला भी वो इंग्लैंड का पहला राजा था। एक किशोर होने के नाते एडवर्ड के शासनकाल में उसका साम्राज्य वास्तव में एक राज अधिकारी द्वारा शासित होता था। राज्याधिकारियों की इस समिति के पहले अध्यक्ष उसके मामा एडवर्ड सीमोर (1547–1549), और बाद में जॉन डुडली थे। एडवर्ड का शासनकाल इंग्लैंड में आर्थिक और सामाजिक विसंगतियों के लिये याद किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप 1549 में वहाँ दंगे और विद्रोह होने लगे थे। स्कॉटलैंड के साथ एक बहुत ही महंगी लड़ाई जो पहले तो सफल रही लेकिन बाद में समझौतों और सेनाओं को पीछे खींचने पर और पिता द्वारा विजित बोलोग्न को शांति की स्थापना के लिये वापस फ्रांस को देने पर खत्म हुई। गिरिजाघर का आधिकारिक रूप से प्रोटेस्टैंट गिरिजाघर के रूप में पहचाना जाना भी एडवर्ड के ही शासनकाल में हुआ जो धार्मिक कार्यों में बहुत रूचि लेता था। हालांकि उसके पिता हेनरी अष्टम ने रोमन कैथोलिक गिरिजाघर और अंग्रेजी गिरिजाघर के बीच संबंध विच्छेद करवा दिया था लेकिन उसने कभी भी वहाँ पर कैथोलिक मान्यताओं व समारोहों के प्रचलन को बंद नहीं करवाया था। एडवर्ड के राज में प्रोटेस्टैंट विचारधारा को आधिकारिक मान्यता दी गई, पादरियों को अनिवार्य ब्र्हमचर्य से मुक्ति और अनिवार्य सामूहिक प्रार्थनाओं की समाप्ति के नियम बनाए गये। इन सुधारों के निर्माता कैंटरबरी के शीर्ष पादरी थॉमस क्रैनमर थे जिनकी लिखी पुस्तक आम प्रार्थना की पुस्तक (बुक ऑफ़ कॉमन प्रेयर) का उपयोग आज भी किया जाता है। फरवरी 1553 में 15 की उम्र में एडवर्ड बीमार पड़ गया। जब ऐसा लगा की उसकी बीमारी गंभीर है और वो नहीं बचेगा तब तब उसने अपनी सलाहकार समिति के साथ मिलकर तीसरा उत्तराधिकार कानून में परिवर्तन करने के लिये "उत्तराधिकार के लिये इच्छापत्र" तैयार किया जिसमें मैरी के सत्ता ग्रहण करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया ताकि देश बापस कैथोलिक धर्म की ओर ना जाए। एडवर्ड ने अपनी बुआ मैरी ट्यूडर की नातिन लेडी जेन ग्रे, को अपना उत्तराधिकारी बना दिया और अपनी सौतेली बहनों मैरी १ और एलिज़ाबेथ प्रथम को उत्तराधिकार पंक्ति से हटा दिया। हालांकि एडवर्ड की मृत्यु के पश्चात इस फैसले को चुनौती दी गई और जेन को १३ दिनों के अंदर मैरी ने पदच्युत कर दिया। इसलिये जेन को नौ दिनों की रानी भी कहा जाता है। रानी के तौर पर मैरी ने एडवर्ड द्वारा किये गये सभी प्रोटेस्टैंट बदलावों को पलट दिया जो कि बाद में 1559 के एलिज़ाबेथ के धार्मिक समाधान (एलिज़बेथिअन रिलीज़ियस सेटलमेंट) का आधार बने। .

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एरागॉन की कैथरीन

एरागॉन की कैथरीन (कैस्टिलियाई: कैटालीना; ऐसे भी लिखते हैं Katherine of Aragon, 16 दिसम्बर 1485 – 7 जनवरी 1536) जून १५०९ से मई १५३३ ई॰ तक हेनरी अष्टम की पहली पत्नी के तौर पर इंग्लैंड की पटरानी थीं। रानी बनने से पहले वह हेनरी के बड़े भाई आर्थर की पत्नी के तौर पर वेल्स की राजकुमारी रह चुकी थीं। कैस्टिले की इसाबेल प्रथम और एरागॉन के राजा फर्डीनंड द्वितीय की बेटी कैथरीन का तीन वर्ष की उम्र में अंग्रेजी सिंहासन के उत्तराधिकारी व हेनरी सप्तम के पुत्र आर्थर के साथ विवाह तय कर दिया गया था। उनकी शादी सन 1501 में हुई और आर्थर पांच महीने बाद ही मर गया। यूरोपीय इतिहास में पहली महिला राजदूत बनने वाली कैथरीन को 1507 ई॰ में इंग्लैंड में स्पेन के राजदूत का दर्ज़ा मिला। इसके बाद कैथरीन ने आर्थर के छोटे भाई और 1509 में राजा बने हेनरी सप्तम से विवाह कर लिया। 1513 ई॰ में छ: महीनों के लिये जब हेनरी फ्रांस की यात्रा पर थे तब उन्होंने इंग्लैंड का शासन भी संभाला था। उस वक्त इंग्लैंड ने फ्लॉडॅन का युद्ध जीता जिसमें कैथरीन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1525 तक हेनरी रानी की परिचारिका ऐनी बोलिन के प्रति आसक्त हो चुका था और कोई जीवित पुरूष संतान ना पैदा कर पाने की वजह से कैथरीन से अलग होना चाहता था। आरंभ में तो दोनों का दांपत्य जीवन सुखद रहा, पर शीघ्र ही राजनीति उसके आड़े आई। हेनरी व ऐन द्वारा उसके विवाहविच्छेद के अनेक प्रयास किए गए और २३ मई १५३३ को अंतत: आर्कविशप थॉमस क्रैनमर ने उसके विवाह को अवैध घोषित किया और १० अगस्त को वह रानी के पद से वंचित कर दी गई। हेनरी अष्टम ने एनी बोलेन से विवाह कर लिया था। फलत: कैथरीन धार्मिक जीवन व्यतीत करने लगी। साथ ही आजीवन वह अपने विवाह की अवैधता तथा एनी बोलेन के शिशु के राज्याधिकार की वैधता स्वीकार कर लेने से इनकार करती रही। फलत: उसे मार डालने की धमकी दी जाने लगी और उससे उसकी बेटी मेरी छीन ली गई और उसे किमबोल्टन के किले में नज़रबंद कर दिए गया। एक रानी को मिलने वाले सभी अधिकार उससे छीन लिये गये, एकाकी जीवन व्यतीत करते हुए फलत: उसका स्वास्थ्य खराब हो गया और ८ जनवरी १५३६ को उसकी मृत्यु हुई। वह अपनी प्रजा के बीच एक बेहद लोकप्रिय रानी थी और उसकी दुखद परिस्थियों में हुई मृत्य ने अंग्रेजी प्रज़ा को घोर निराशा और दुख में डाल दिया। जुआन लुईस वाइव्स द्वारा लिखित विवादास्पद पुस्तक द एज़ुकेशन ऑफ़ क्रिस्चियन वूमेन, जो महिला के शिक्षा अधिकारों की वकालत करती है कैथरीन को ही समर्पित थी और उन्होंने ही उसका विमोचन किया था। कैथरीन के व्यक्तित्व का प्रभाव आमजन पर इतना गहरा था कि उनके दुश्मन थॉमस क्रॉमवेल ने एक बार कहा कि अगर महिला होने की बात छोड़ दी जाए तो वो इतिहास के सभी नायकों से श्रेष्ठ साबित होंगी। उन्होंने सफलतापूर्वक शैतानी मई दिवस (एविल मे डे) में भाग लेने वालों के लिये उनके परिवारों की खातिर क्षमा याचना की। गरीबों के लिये जनसेवा के विभिन्न नि:शुल्क कार्यक्रम शुरु करने के लिये उन्हें पूरे साम्राज्य में बहुत ख्याति मिली। वह मानवतावाद की प्रमुख पक्षधर और प्रख्यात विद्वानों तोटेरडम का इरासमस और थॉमस मोर की मित्र भी थीं। .

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एलिज़ाबेथ प्रथम

एलिज़ाबेथ प्रथम (Elizabeth I, जन्म: ७ सितम्बर १५३३, मृत्यु: २४ मार्च १६०३) इंग्लैंड और आयरलैंड की महारानी थीं, जिनका शासनकाल १७ नवम्बर १५५८ से उनकी मौत तक चला। यह ब्रिटेन के ट्युडर राजवंश की पाँचवी और आख़री सम्राट थीं। इन्होनें कभी शादी नहीं की और न ही इनकी कोई संतान हुई इसलिए इन्हें "कुंवारी रानी" (virgin queen, वर्जिन क्वीन) के नाम से भी जाना जाता था। यह ब्रिटेन के सम्राट हेनरी अष्टम की बेटी होने के नाते जन्म पर एक राजकुमारी थीं, लेकिन इनके जन्म के ढाई साल बाद ही इनकी माता, ऐन बोलिन (Anne Boleyn) को मार दिया गया और इन्हें नाजायज़ घोषित कर दिया गया। १५५३ तक इनके सौतेले भाई एडवर्ड ६ के शासनकाल के बाद इनकी बहन मैरी १ ने शासन संभाला। मैरी के संतानरहित होने के बाद एलिज़ाबेथ ने १७ नवंबर १५५८ को अंग्रेजी सिंहासन की बागडोर संभाली। इन्होने अपने इर्द-गिर्द बहुत से समझदार व्यक्तियों को मंत्री-परिषद में रखा जिस से ब्रिटेन सुव्यवस्थित हुआ। इन्होनें इंग्लैंड में "इंग्लिश प्रोटेस्टैंट चर्च" की नींव रखी और स्वयं को उसका अध्यक्ष बना लिया। इस से वे ब्रिटेन की राजनैतिक नेता और धार्मिक नेता दोनों बन गई। इस से रोमन कैथोलिक शाखा का पोप नाराज़ हो गया। वह ब्रिटेन को धार्मिक मामलों में अपने अधीन एक कैथोलिक राष्ट्र मानता था। उसने १५७० में यह आदेश दिया की ब्रिटेन के नागरिकों को एलिज़ाबेथ से वफ़ादारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस से ब्रिटेन के कैथोलिक समुदाय से एलिज़ाबेथ के ख़िलाफ़ बहुत से हमले हुए और कई विद्रोह भड़के, लेकिन एलिज़ाबेथ अपने मंत्रियों की गुप्तचर सेवा की मदद से सत्ता पर बनी रहीं। १५८८ में पोप के आग्रह पर स्पेन (जो एक कैथोलिक राष्ट्र था) ने ब्रिटेन पर एक समुद्री जहाज़ों का बड़ा लेकर आक्रमण करने की कोशिश करी। इस आक्रमण को "स्पेनी अर्माडा" कहा जाता है। एलिज़ाबेथ की नौसेना ने उसे हरा दिया और यह जीत इंग्लैण्ड की सब से ऐतिहासिक जीतों में से एक मानी जाती है। एलिज़ाबेथ के शासनकाल को एलिज़ाबेथेन एरा यानी एलिज़ाबेथ का युग के नाम से भी जाना जाता है। वो अपने शासन में अपने पिता व भाई बहन के मुकाबले ज्यादा उदार थीं। उनकी बहन मैरी ने सैकणों प्रोटेस्टैंटों को मरवा दिया था जिसकी वजह से उसे खूनी मैरी के नाम से भी जाना जाता है। एलिज़ाबेथ ने ऐसा कोई काम नहीं किया। वह लोकप्रिय शासक के रूप में जानी जाती थीं। एलिज़ाबेथ के काल में ब्रिटिश साहित्य और नाटककार फले-फूले, जिनमें विलियम शेक्सपीयर और क्रिस्टोफ़र मार्लोवे के नाम सब से नुमाया हैं। उनके दौर में ब्रिटेन के नौसैनिक दूर-दूर खोज-यात्राओं में निकले। फ़्रांसिस ड्रेक ने उत्तर अमेरिका की यात्रा करी। माना जाता है कि उनके ४४ साल के राज से ब्रिटेन में एक शक्तिशाली राष्ट्रीय भावना फैल गई जिसने आगे चलकर ब्रिटेन को विश्व का सब से शक्तिशाली देश बनने में योगदान दिया। वह ऐसे समय में अपना सिंहासन बचाते हुए लंबे समय तक एक सफल शासन दे सकीं जब पड़ोसी राज्यों के शासक अंदरूनी विवादों में उलझे रहे और अपनी सत्ता गंवाते रहे, जैसे कि उनकी भतीजी व स्कॉटलैंड की रानी मैरी जिसे उन्होंने अपने खिलाफ षडयंत्र रचने के अपराध में १५६८ में मृत्युदंड दे दिया। कुछ इतिहासकार उन्हें चिड़चिड़ा व जल्द कोई फैसला ना ले पाने वाला शासक मानते हैं और उन्हें उनकी काबिलियत से ज्यादा भाग्यशाली बताते हैं। .

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ऐन, ग्रेट ब्रिटेन की महारानी

ऐन (Anne, 6 फरवरी 1665 – 1 अगस्त 1714) इंग्लैंड के राजा जेम्स २ की दूसरी बेटी थी जो ०८ मार्च १७०२ को इंग्लैण्ड, स्कॉटलैण्ड तथा आयरलैण्ड की महारानी बनी। इन्हीं के शासनकाल में १७०७ में विलय के कानून के तहत इंग्लैण्ड और स्कॉटलैण्ड मिलकर ग्रेट ब्रिटेन बने। वह मृत्युपर्यन्त ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैण्ड की राष्ट्राध्यक्ष बनी रही। इनकी कोई जीवित संतान नहीं थी और इसलिये कोई उत्तराधिकारी ना होने की वजह से ऐन स्टुअर्ट राजवंश की अंतिम शासक थीं। .

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ऐनी बोलिन

ऐनी बोलिन या (c.1501/1507 - 19 मई 1536) 1533 से 1536 तक इंग्लैंड के हेनरी अष्टम की दूसरी पत्नी और अपने आप में स्वंय और अपने वंशजों के लिए प्रथम मारकेस ऑफ़ पेमब्रोक थी। ऐनी के साथ हेनरी की शादी और उसके बाद उसके वध ने उसे धार्मिक और राजनीतिक उथल-पुथल जो अंग्रेज़ी सुधारान्दोलन का प्रारम्भ था, का महत्वपूर्ण व्यक्तित्व बना दिया.

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डेनमार्क

डेनमार्क या डेनमार्क राजशाही (डैनिश: Danmark या Kongeriget Danmark) स्कैंडिनेविया, उत्तरी यूरोप में स्थित एक देश है। इसकी भूसीमा केवल जर्मनी से मिलती है, जबकी उत्तरी सागर और बाल्टिक सागर इसे स्वीडन से अलग करते हैं। यह देश जूटलैंड प्रायद्वीप पर हज़ारों द्वीपों में फैला हुआ है। डेनमार्क ने लंबे समय तक बाल्टिक सागर को जाने वाले मार्गों को नियंत्रित किया है और इस जलराशी को डैनिश खाड़ी के नाम से जाना जाता है। इसके छोटे आकार के विपरीत इसकी समुद्री सीमा बहुत लम्बी है लगभग ७,३१४ किमी। डेनमार्क अधिकांशतः एक समतल देश है और समुद्र तल से अधिकतम ऊँचाई वाला स्थान केवल १७० मीटर ऊँचा है। फ़रो द्वीप समूह और ग्रीनलैंड डेनमार्क के अधीनस्थ है। २००८ के वैश्विक शांति सूचकांक के अनुसार डेनमार्क, आइसलैंड के बाद विश्व का सबसे शांत देश है। २००८ के ही भ्रष्टाचार दृष्टिकोण सूचकांक के अनुसार यह विश्व के सबसे कम भ्रष्ट देशों में से है और न्यूज़ीलैंड और स्वीडन के साथ पहले स्थान पर है। मोनोक्ल पत्रिका के २००८ के एक सर्वेक्षण के अनुसार इसकी राजधानी कॉपनहेगन रहने योग्य सर्वाधिक उपयुक्त नगर है। वर्ष २००९ में देश की अनुमानित जनसंख्या ५५,१९,२५९ है। .

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पैलेस ऑफ़ वेस्ट्मिन्स्टर

पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर, जिसका अर्थ है वेस्टमिंस्टर का महल और जिसे हाउस ऑफ पार्लियामेंट या वेस्टमिन्स्टर पैलेस के नाम से भी जाना जाता है, ब्रिटेन की संसद के दो सदनों का सभा स्थल है। इनमें से एक है ''हाउस ऑफ लॉर्ड्स'' और दूसरा है ''हाउस ऑफ कॉमन्स''। यह लंदन शहर के हृदय माने जाने वाले वेस्टमिन्स्टर शहर में थेम्स नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है। यह सरकारी भवन वाइटहॉल और डाउन स्ट्रीट तथा ऐतिहासिक स्थल वेस्टमिन्स्टर ऐबी के करीब है। यह नाम निम्न दो में से किसी एक संरचना को संदर्भित कर सकता है, द ओल्ड पैलेस, जो एक मध्यकालीन इमारत है जो कि 1834 में ही नष्ट हो गई थी और उसके स्थान पर बनने वाला न्यू पैलेस जो आज भी मौजूद है। लेकिन इसकी मूल शैली और शाही ठाठबाट पूर्ववत बनी हुई है। इस जगह पर पहला शाही महल ग्यारहवीं शताब्दी में बनाया गया था और 1512 में इस इमारत के नष्ट होने से पहले वेस्टमिन्स्टर ही लंदन के राजा का प्राथमिक लंदन निवास था। इसके बाद से ही यह संसद भवन के रूप में कार्य कर रहा है। 13 वीं शताब्दी से यहां संसद की सभाएं होती हैं और शाही न्याय पीठ एवं वेस्टमिन्स्टर हॉल भी यहीं पर है। पुनः पूरी भव्यता से बनाये गये इस संसद भवन में 1834 में भयानक आग लग गई। इस आग से जो इमारते बच गईं उनमें शामिल हैं वेस्टमिन्स्टर हॉल, द क्लॉइस्टर्स ऑफ सेंट स्टीफन्स, चैपल ऑफ सेंट मैरी अंडरक्राफ्ट और जूअल टॉवर.

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फोथरिंघे किला

फोथरिंघे किला Fotheringay Castle नॉथहैंप्टनशायर के ओउंडल के बाज़ार व नगर.

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ब्रिटेन के शासक

जेम्स द्वितीय और सातवीं (१४ अक्टूबर १६३३ -16 सितम्बर १७०१) था आयरलैंड और इंग्लैंड के राजा जेम्स द्वितीय और स्कॉटलैंड के राजा के रूप में जेम्स VII, के रूप में जब तक वह 1688 की गौरवशाली क्रांति में अपदस्थ किया गया 6 फरवरी 1685 से। वह के राज्यों इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड पर राज करने के लिए अंतिम रोमन कैथोलिक सम्राट था। चार्ल्स का दूसरा जीवित बेटा मैं, वह अपने भाई, चार्ल्स द्वितीय की मौत पर सिंहासन चढ़ा। ब्रिटेन के कट्टर राजनीतिक अभिजात वर्ग के सदस्यों के तेजी से उसे समर्थक फ्रेंच और समर्थक कैथोलिक होने और एक सिंगे बनने पर डिजाइन होने का संदेह है। जब वह एक कैथोलिक वारिस का उत्पादन किया, अग्रणी रईसों पर अपने कट्टर दामाद और भतीजे विलियम ऑरेंज नीदरलैंड, जो उसने 1688 की गौरवशाली क्रांति में से एक आक्रमण सेना देश के लिए कहा जाता है। जेम्स इंग्लैंड भाग गया (और इस प्रकार छोड़ा है करने के लिए आयोजित किया गया था)। उन्होंने अपने ज्येष्ठ, कट्टर बेटी मरियम और उनके पति विलियम ऑरेंज के द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था। जेम्स को पुनर्प्राप्त करने के लिए एक गंभीर प्रयास किया अपने मुकुट से विलियम और मरियम जब वह 1689 में आयरलैंड में उतरा। जुलाई 1690 में बलों के बोय्ने की लड़ाई में विलियम द्वारा जेकोबीन की हार के बाद, जेम्स फ्रांस करने के लिए लौट आए। वह बाहर एक भिखारी के रूप में अपने जीवन के बाकी रहते थे उनके चचेरे भाई और सहयोगी, राजा लुई XIV द्वारा प्रायोजित एक कोर्ट में। जेम्स अंग्रेजी संसद और हिंदी रोमन कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट, अंगरेज़ी स्थापना की इच्छाओं के खिलाफ के लिए धार्मिक स्वतंत्रता बनाने के लिए अपने प्रयास के साथ अपने संघर्ष के लिए सबसे अच्छा जाना जाता है। हालांकि, वह भी स्कॉटलैंड में प्रेस्बिटेरियन का उत्पीड़न जारी रखा। संसद अन्य यूरोपीय देशों में होने वाली थी के विकास के लिए, साथ ही इंग्लैंड के चर्च की कानूनी सर्वोच्चता के नुकसान का विरोध किया, उनकी विपक्ष क्या वे माना जाता है के रूप में पारंपरिक अंग्रेजी स्वतंत्रताओं की रक्षा करने के लिए एक मार्ग के रूप में देखा। यह तनाव बनाया जेम्स के चार-वर्षीय शासनकाल एक अंग्रेजी संसद और मुकुट, उसके बयान, अधिकार का विधेयक के पारित होने, और उसकी बेटी और उसके पति राजा और रानी के रूप में के विलय में जिसके परिणामस्वरूप के बीच वर्चस्व के लिए संघर्ष। .

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मुकुटों का एकीकरण

जेम्स ६ और १। मुकुटों का एकीकरण यानि Union of the Crowns (Aonadh nan Crùintean; Union o the Crouns) स्कॉटलैंड के राजा जेम्स ६ का २४ मार्च १६०३ ई. को अंग्रेजी सिंहासन व आयरलैंड के साम्राज्य पर अवरोहण व नतीजतन तीनों देशों के वैश्विक कूटनीतियों व संबंधों का एक सम्राट के अंतर्गत एकीकरण था। मुकुटों का एकीकरण ट्यूडर राजघराने से संबधित इंग्लैंड की अंतिम रानी एलिज़ाबेथ प्रथम की मृत्यु के बाद हुआ था जो जेम्स की अविवाहित व वंशहीन बुआ थीं। जेम्स के एकीकृत वृहद ब्रिटेन (ग्रेट ब्रिटेन) बनाने के अथक प्रयासों के बाद भी यह एकीकरण व्यक्तिगत या वंशानुगत एकीकरण ही रहा क्योंकि स्कॉटलैंड का सिंहासन ब्रिटेन से अलग ही रहा। हालांकि उसपर शासन जेम्स का ही था। इसके अनुसार स्कॉटलैंड और इंग्लैंड अलग देश बने रहे जबकि आयरलैंड के साथ उन तीनों देशों का शासक एक ही रहा। अंतिम स्कॉट रानी ऐने के समय में एकीकरण कानून, १७०७ के पारित होने के बाद स्कॉटलैंड इंग्लैंड व वेल्स के साथ मिलकर ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा हो गया। इसके बाद से इन तीनों क्षेत्रों को सम्मिलित रूप से ग्रेट ब्रिटेन कहा जाने लगा। .

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मैरी १ (स्कॉटलैंड की रानी)

कोई विवरण नहीं।

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मैरी १, इंग्लैंड की रानी

मैरी प्रथम (18 फरवरी 1516 – 17 नवंबर 1558), इंग्लैंड और आयरलैंड की जुलाई 1553 से अपनी मृत्यु तक रानी थीं। अपने शासनकाल में प्रोटेस्टैंटों को दी गई मौत की जघन्य सजाओं ने उन्हें खूनी मैरी यानि "Bloody Mary" के नाम से भी बदनाम कर दिया। बचपन पार कर युवा होने वाली मैरी हेनरी अष्टम और उनकी पहली पत्नी एरागॉन की कैथरीन की एकमात्र संतान थीं। उनसे छोटे सौतेले भाई एडवर्ड ६ (हेनरी और जेन सेमोर के पुत्र) अपने पिता के बाद 1547 में अंग्रेजी सिंहासन के उत्तराधिकारी बने। 1553 में एडवर्ड के बीमार पड़ने पर उसने मैरी को धार्मिक मतभिन्नता की वजह से सिंहासन के उत्तराधिकार सूची से हटाने की कोशिश की। उसकी मृत्यु पर पहले उसकी बुआ लेडी जेन ग्रे को सर्वप्रथम रानी घोषित किया गया। मैरी ने पूर्वी एंग्लिया में एक सैन्य बल इकट्ठा किया और जेन को सफलतापूर्वक हटा दिया और जिसे अंतत: मौत की सजा दे दी गई। जेन के शासन के विवादत दावों साम्राज्ञी मटिल्डा के अलावा— इंग्लैंड की पहली रानी शासक थीं। 1554 में मैरी ने स्पेन के फिलिप २ से शादी करके 1556 में हैब्स्बर्ग स्पेन की पटरानी भी बनीं। ट्यूडर राजवंश के चौथे शासक के रूप में मैरी को इंग्लैंड में अपने सौतेले भाई और प्रोटेस्टैंट विचारों वाले एडवर्ड ६ के छोटे से शासनकाल के खत्म होने के बाद रोमन कैथोलिक धर्म की पुनर्स्थापना के लिये जाना जाता है। अपने पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान मैरी ने 280 प्रोटेस्टैंटों को जिंदा जलवा दिया। रोमन कैथोलिक धर्म का उनका पुनर्स्थापन उनकी सौतेली बहन और 1558 में उनकी मृत्यु के बाद इंग्लैंड पर राज करने वाली हेनरी व एन बोलिन की संतान एलिज़ाबेथ प्रथम ने पलट दिया। Waller, p. 16; Whitelock, p. 9 before Mary's birth, four previous pregnancies had resulted in a stillborn daughter and three short-lived or stillborn sons, including Henry, Duke of Cornwall.

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मैरी २, इंग्लैंड की रानी

मैरी द्वितीय (३० अप्रैल १६६२ – २८ दिसम्बर १६९४) १६८९ से उनकी मृत्यु तक, अपने पति (जो उनके चचेरे भाई भी थे) विलियम तृतीय के साथ ब्रिटेन की सह-शासक और रानी थीं। .

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राज्याभिषेक

राम के राज्याभिषेक का दृष्य राज्याभिषेक एक वैदिक संस्कार है जो राजा बनने की विधिवत घोषणा है। इसी समय राज्य के अन्य अधिकारियों की भी घोषणा होती थी। .

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लेडी जेन ग्रे

लेडी जेन ग्रे (–), को लेडी जेन डुडली या नौ दिनों की रानी, भी कहा जाता है एक कुलीन घराने की अंग्रेज महिला थी और वास्तविकता में 10 जुलाई से 19 जुलाई 1553 ई॰ तक इंग्लैंड की रानी थीं। अपनी नानी मैरी ट्यूडर के जरिये हेनरी ७, इंग्लैंड का राजा की वंशज जेन एडवर्ड षष्टम की बुआ की बेटी थीं। मई 1553 में उन्होंने एडवर्ड के मुख्य मंत्री जॉन डुडली के पुत्र लॉर्ड गिल्डफोर्ड डुडली से विवाह कर लिया था। जब 15 वर्षीय राजा एडवर्ड जून 1553 में मृत्युशैय्या पर था तब उसने अपनी फुफेरी बहन जेन को अपनी वसीयतनामे में अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। इस तरह से उसकी सौतेली बहनों मैरी १ और एलिज़ाबेथ प्रथम को उत्तराधिकार की पंक्ति से हटा दिया जो उनके पिता हेनरी ८ ने उन्हें तीसरा उत्तराधिकार कानून के तहत उनको दिया हुआ था। ९ दिन बाद 19 जुलाई 1553 को जब रानी की सलाहकार समिति प्रिवि काउंसिल ने अपना मन बदल के कैथोलिक विचारों वाली मैरी को समर्थन करना प्रारंभ कर दिया तो जेन को पदच्युत करके मैरी को रानी घोषित कर दिया गया और एडवर्ड की वसीयत को अमान्य कर दिया गया। नवम्बर में जेन को देशद्रोह का दोषी घोषित करके लंदन टावर मृत्युदंड देने के लिये ले जाया गया लेकिन बाद में उसे क्षमा कर दिया गया। लेकिनजनवरी और फरवरी 1554 में व्याट का विद्रोह जो कि रानी मैरी के स्पेन के फिलिप द्वितीय से विवाह के खिलाफ हुआ था की वजह से जेन और उसके पति दोनों की मृत्यु का कारण बना। लेडी जेन ग्रे एक बहुत ही प्रतिभाशाली और मानवतावादी शिक्षा प्राप्त महिला थीं और अपने जमाने कि सर्वाधिक पढी-लिखी महिलाओं में गिनी जाती थीं। दृढ प्रोटेस्टैंट विचारधारा वाली जेन को मरणोपरान्त राजनीति पीड़ित व सुधारवादी शहीद का दर्ज़ा मिला। .

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शांतिदूत एडगर

एडगर प्रथम (Ēadgār; 943 – 8 जुलाई 975), जिसे शांतिदूत एडगर (Edgar the Peaceful or the Peaceable), के नाम से भी जाना जाता है, सन ९५९ से ९७५ ई.पू.

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स्कॉट्लैण्ड राज्य

स्कॉटलैण्ड राजशाही(Kinrick o Scotland; Rìoghachd na h-Alba), सामान्यतः स्कॉटलैंड पश्चिमोत्तर यूरोप खण्ड पर स्थित एक पूर्व ऐतिहासिक राज्य था, परंपरानुसार कहा जाता है की उसकी स्थापना सन् ८४३ में हुई थी। १७०७ में स्कॉटलैंड ने इंग्लैण्ड राज्य के साथ सम्मिलित होकर संयुक्त, ग्रेट ब्रिटेन राज्य स्थापित किया। ९वीं शताब्दी में स्थापना से १८वीं शताब्दी में इंग्लैण्ड के साथ विलय के बीच, स्कॉटलैंड की अधिकारभूमि बढ़ती-घटती रही परंतु प्रभावी रूप से यह राज्य, अपनी अस्तित्व के दौरान, मूलतः ग्रेट ब्रिटेन द्वीप की उत्तरी तियाही भाग पर अवस्थित था। यह पूर्व, पश्चिम और उत्तर दिशा में समुद्र तट से घिरा था और दक्षिण में इसकी इंग्लैण्ड के साथ भूमिगत सीमा थी। ऐतिहासिक रूप से स्कॉटलैंड ने इंग्लैण्ड द्वारा अनेक आक्रमण झेले थे, परंतु रोबर्ट प्र॰ के नेतृत्व में स्कॉटलैंड ने एक सफल स्वतंत्रता युद्ध लड़ा और पूरे उत्तर मध्यकाल के दौरान एक विभक्त राज्य के रूप में स्थापित रहा। वर्ष १६०३ में, इंग्लैंड की रानी एलिज़ाबेथ प्रथम के निधन पश्चात, स्कॉटलैंड के राजा जेम्स प्रथम, इंग्लैंड के सिंघासन के भी वारिस बने, तथा स्कॉटलैंड, इंग्लैंड के साथ एक व्यक्तिगत संयुक्ति की स्थिति में आगयी। वर्ष १७०७ में इन दोनों देशों ने सम्मिलित रूप से आपस में विलय कर संयुक्त ग्रेट ब्रिटेन राज्य स्थापित किया। १४८२ में इंग्लैण्ड द्वारा बर्विक के क़िले पर अंग्रेज़ी कब्ज़े के बाद से, इस राज्य की सीमाएँ वर्त्तमान स्कॉटलैंड की सीमाओं के समान था। .

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सेंट जेम्स पैलेस

सेंट जेम्स का महल (St James's Palace) यूनाइटेड किंगडम की साम्राज्ञी का आधिकारिक निवास स्थान है। विभिन्न शाही निवास के महलों में यह बेहद प्रमुख और वरिष्ठ है। सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर में अवस्थित यह महल फिलहाल साम्राज्ञी का वास्तविक निवास स्थल तो नहीं है लेकिन ब्रिटिश शाही परिवार और उत्तराधिकार निर्धारण समिति के प्रमुख मिलन स्थलों में से एक है। एक अस्पताल की भूमि पर इंग्लैंड के हेनरी अष्टम द्वारा बनवाया गया यह महल संत जेम्स द लेस को समर्पित था। ट्यूडर और स्टुअर्ट शासन के दौरान व्हाइटहाल का महल के बाद यह दूसरा सबसे प्रमुख महल और शाही निवास था। इस महल का महत्व हैनोवर सम्राटों के शासनकाल के काल में बढा लेकिन एक बार फिर बकिंघम पैलेस के हाथों अठ्ठारहवीं और उन्नीसवीं शताब्दी में अपना प्रमुख स्थान गवाँ बैठा। दशकों तक मात्र आधिकारिक और औपचारिक अवसरों पर इस्तेमाल होने के बाद १८३७ ई. में महारानी विक्टोरिया ने इसे आधिकारिक रूप से इन्हीं कार्यों के लिये अधिकृत कर दिया। आज ये तमाम शाही कार्यालयों के लिये इस्तेमाल होता है। .

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हेनरी स्टुअर्ट, लॉर्ड डार्न्ले

हेनरी स्टुअर्ट या स्टुअर्ट, अल्बानी का ड्यूक (7 दिसम्बर 1545 – 10 फरवरी 1567), जिसकी १५६५ से पहले नाम की शैली लॉर्ड डॉर्न्ले थी, कर्को-फील्ड में १५६७ में अपनी हत्या से पहले तक स्कॉटलैंड का पटराजा था। वह मैथ्यु स्टीवर्ट, लेनॉक्स का चौथा अर्ल व उसकी पत्नी मार्गरेट डगलस का दूसरा बेटा था। डार्न्ले के नाना आर्किबाल्ड डगलस और नानी हेनरी सप्तम की बेटी मार्गरेट टुडोर थीं जो स्कॉटलैंड के जेम्स चतुर्थ की विधवा भी थीं। ऐसा माना जाता है कि हेनरी स्टुअर्ट का जन्म ७ दिसम्बर को हुआ था। वह स्कॉटलैंड की रानी मैरी १ का फुफेरा भाई व दूसरा पति और इंग्लैंड के राजा जेम्स १ का पिता था। जेम्स, एलिज़ाबेथ प्रथम के बाद इंग्लैंड व स्कॉटलैंड का संयुक्त राजा बना था।एलैने फिनी ग्रेग, 'Stewart, Henry, duke of Albany (1545/6–1567)', Oxford Dictionary of National Biography, ऑक्स्फोर्ड विश्वविद्यालय प्रेस, 2004; online edn, Jan 2008 .

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हेनरी ६, इंग्लैंड का राजा

हेनरी षष्ठम (6 दिसम्बर 1421 – 21 मई 1471) १४२२ से १४६१ एवं बाद में १४७० से १४७१ तक पुन इंग्लैण्ड के राजा तथा १४२२ से १४५३ तक फ़्रांस के विवादित राजा रहे। हेनरी पंचम के एकमात्र बच्चे जो उनके उत्तराधिकारी के रूप में अपने पिता की मृत्यु के बाद मात्र ९ माह की आयु में सिहांसन पर बैठे तथा अपने दादा 'चार्ल्स चतुर्थ' की मृत्यु के थोड़े ही समय बाद फ्रांस के उत्तराधिकारी भी बने। .

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ज्येष्ठाधिकार

ज्येष्ठाधिकार (Primogeniture) कानून या रिवाजों के तहत ज्येष्ठ और जायज़ पुत्र का वो अधिकार होता है जिसके तहत उसका अपने छोटे भाई बहनों या बड़े नाजायज़ भाईयों की तुलना में अपने पिता की सम्पत्ति और राज पर पहला अधिकार होता है। यह अधिकार उसके ज्येष्ठ पुत्र को भी विरासत में प्राप्त होता है और उसकी मृत्यु या उसके हटने पर उसके जीवित छोटे भाई के बजाय उसका बड़ा बेटा उसकी सम्पत्ति या ज्येष्ठता की वजह से मिले उसके राज अधिकारों को ग्रहण करता है। किसी संतान के ना होने की अवस्था में उस व्यक्ति के छोटे भाई (उम्र के क्रम में) उसके अधिकारों को ग्रहण करते हैं। भाई बहनों में बहन से पहले भाई को अधिकार मिलता है भले वो बहन से छोटा हो। पुरुष वंशजों की अनुपस्थिति में ज्येष्ठाधिकार के कई संस्करण हैं जो या तो बेटियों, या फिर भाई या फिर किसी सगे-संबंधी को क्रमानुसार मिलते हैं। यह बहुत हद तक उस व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर कर्ता है जिससे यह अधिकार दूसरे के पास जाने वाले हैं। इतिहास में यह बात व्यक्ति की सम्पत्ति, उसके स्थायी कार्यालयों, अधिकारों, राजपाठों पर लागू होते आई है। ज्येष्ठाधिकार के विभिन्न संस्करणों में बड़े बेटे के अधिकारों में परिवर्तन कर उसे पूरे परिवार में विभाजित कर दिया गया है। पश्चिम में दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से पुरुष वंशजों की महिला वंशजों पर श्रेष्ठता समाप्त कर दी गई है। यूरोप की अधिकांश राजशाहियों जैसे बेल्जियम, डेनमार्क, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, युनाईटेड किंगडम आदि ने भी उत्तराधिकार में पुरुषों की श्रेष्ठता समाप्त कर दी है। श्रेणी:कानूनी शब्दावली श्रेणी:विरासत श्रेणी:अधिकार .

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जेम्स प्रथम

जेम्स प्रथम (१५६६-१६२५) ग्रेट ब्रिटेन तथा आयरलैंड का शासक (१६०३-२५) था जो 'जेम्स षष्ठ' (१५२७-१६२५) के नाम से स्काटलैंड का शासक भी था। वह मेरी स्काट तथा उसके द्वितीय पति लार्ड डार्नले की एकमात्र संतान होने के साथ साथ हेनरी सप्तम की पुत्री मार्गरेट का पौत्र था। स्काटलैंड के शासक की स्थिति से उसने सांमतों की शक्ति को विघटित किया था। डेनमार्क की ऐन से उसने १५८९ ई॰ विवाह किया। १६०३ ई॰ में इंग्लैंड का शासक होने पर इंग्लैंड और स्काटलैंड दोनों राजसत्ताओं को एक किया। अत्यधिक विद्वान तथा कौशलहीन होने के कारण उसे क्रिसेन्डम के 'सबसे बुद्धिमान मूर्ख' की उपाधि मिली थी। राजा के दैवी अधिकार का कट्टर पोषक होने के कारण उसने एक चर्चप्रधान राज्य संचालन की नीति अपनाई। प्रारंभिक वर्षों में उसके प्रमुख सलाहकार सैलिसबरी का अर्ल तथा बकिंघम का ड्यूक थे। उसके शासन से राजा तथा संसद् के दीर्घकालीन संघर्ष का प्रारंभ होता है। उसके शासन में सब मिलाकर चार संसदें आयोजित हुईं। यद्यपि जेम्स विधान के अतिक्रमण करने का दोषी नहीं था पर वह उसकी प्रतिष्ठा का सही अनुमान नहीं लगा सकता था। संघर्ष के प्रमुख कारण धर्म, कर-व्यवस्था, वैदेशिक नीति थे। बिना पार्लिमेंट की स्वीकृति के जेम्स ने इम्पोजीशन्स नामक टैक्स लगाए। पार्लिमेंट ने राजा के मंत्रियों पर लगाया जानेवाला इम्पीचमेंट का प्राचीन अधिकार पुनर्जीवित किया। जेम्स की वैदेशिक नीति ने जिसका उद्देश्य स्पेन से मैत्रीपूर्ण व्यवहार तथा साधारण शांति स्थापित करना था, उस जनता को अप्रसन्न कर दिया जो तीस वर्षीय युद्ध में यह आशा करती थी कि जेम्स, पैलेटाइन के इलेक्टर फ्रेडरिक की, जो कि उसका दामाद था, सहायता करेगा। अपने पुत्र चार्ल्स का विवाह स्पेन की राजकुमारी से कराने में असफल होने पर जेम्स ने १६२४ ई॰ में स्पेन के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की। जेम्स ने मध्यम श्रेणी की साहित्यिक रचनाएँ अपने पीछे छोड़ीं। श्रेणी:यूके का इतिहास.

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विलय के अधिनियम, १७०७

ऍक्ट्स ऑफ यूनियन अर्थात विलय के अधिनियम, तत्कालीन अंग्रेज़ी और स्कॉटिश राजशाही के सांसदों द्वारा पारित दो भिन्न अधिनियमों का नाम है, जिनके बदौलत सन 1707 में इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की राजशाहीयाँ, जो उस समय दो भिन्न सांसदों समेत, अलग-अलग रियासतें हुआ करती थी, का, ग्रेट ब्रिटेन नमक, एक देश के रूप में विलय हो गया था। इन दो अधिनियमों का नाम था:यूनियन विथ स्कॉटलैंड एक्ट, जिसे अंग्रेजी संसद में १७०६ में पारित किया गया था, और यूनियन विद इंग्लैंड ऍक्ट जिसे स्कॉटिश संसद में १७०७ में पारित किया गया था। यह अधिनियम दोनों सांसदों के प्रतिनिधियों द्वारा 22 जुलाई १७०६ को हस्ताक्षर किए गए विलय की संधि(ट्रीटी ऑफ़ यूनियन) को लागू करने के लिए पारित किए गए थे। उस समय तक स्कॉटलैंड और इंग्लैंड करीब १०० सालों से एक ही शासक को साझा कर रहे थे। यह सिलसिला 1603 में स्कॉटलैंड के जेम्स षष्टम् द्वारा अपनी चचेरी बहन इंग्लैंड की एलिजाबेथ प्रथम की मृत्यु के बाद अंग्रेजी सिंहासन को उत्तराधिकृत करने तथा दोनों राजमुकुटों के विलय द्वारा शुरू हुआ था। हालाँकि, इसे राजमुकुटों का विलय कहा गया था, परंतु वास्तविक तौर पर, दो भिन्न राजमुकुट थे जिन्हें एक की सर पर सुशोभित किया गया था, अर्थात हालाँकि दोनों देशों के शासक एक ही थे, परंतु दोनों की सरकार और साहसं व्यवस्था बिलकुल विभक्त और भिन्न था। अतः इन दोनों राष्ट्रों का एक ही देश में विलय करवाने क्व प्रयास एक से अधिक बार, १६०६, १६६७ और १६८९ में किया गया था, परंतु १८वीं सदी से पहले तक इस सुझाव को दोनों पक्षों की राजनीतिक व्यवस्थापिक का सकार्थक समर्थन नहीं मिल सका था। ये अधिनियम १ मई १७०७ से लागु हुए। उस दिन से स्कोटियाई संसद और अंग्रेज़ी संसद का विलय होकर ग्रेट ब्रिटेन की संसद की स्थापना हुई। साथ ही इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के विलय से ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना हुई। इस विलायकृत संसद का आसान लंदन का वेस्टमिंस्टर का महल था, जिसमें पूर्वतः अंग्रेज़ी संसद बैठ करती थी। इस विलय को अक्सर न केवल ब्रिटेन के, बल्कि पूरे यूरोप की राजनीतिक इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं में से एक मन जाता है। .

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विलय के अधिनियम, १८००

विलय के अधिनियम, १८०० यानि ऍक्ट्स ऑफ़ यूनियन, १८००, आयरलैंड और ग्रेट ब्रिटेन की संसद द्वारा पारित दो अधिनियमों का संयुक्त नाम है, जिनके परिणामस्वरूप, १ जनवरी १८०१ से आयरलैंड राजशाही और ग्रेट ब्रिटेन राजशाही, जोकि पूर्वतः व्यक्तिगत विलय की स्थिति में थे, का पूर्णतः, एक राज्य के रूप में विलय हो गया। यह दोनों दोनों अधिनियम (संशोधनों के साथ) आज भी यूनाइटेड किंगडम में लागू है, परंतु आयरलैंड गणराज्य में इन्हें पूर्ववत कर दिया गया है। इस विलय के बाद दोनों राज्यों के विलय से ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना हुई, और साथ ही दोनों देशों के सांसदों का भी विलय हो गया, जिसकी राजधानी लंदन का वेस्टमिंस्टर शहर था। .

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विलियम द कॉङ्करर

सन् 1620 में बनाया गया विलियम विजयी का एक चित्र जो उनके शक्ल-सूरत के लिखित विवरण के आधार पर बनाया गया था इंग्लैण्ड के विलियम प्रथम (अनुमानित जन्म: सन् 1028, देहांत: 9 सितम्बर 1087) जिसे आम तौर पर विलियम द कॉंकरर (अंग्रेज़ी: William the Conquerer) यानी विलियम विजयी भी कहते हैं इंग्लैण्ड का पहला नॉर्मन राजा था। इंग्लैण्ड फ़तेह करने से पहले उसे विलियम हरामी (William the Bastard, विलियम द बासटर्ड) के नाम से भी जाना जाता था क्योंकि उसके माँ-बाप एक दुसरे से शादीशुदा नहीं थे। सन् 1066 में उसने फ़्रांस से 696 जहाज़ों पर सेना लेकर इंग्लिश चैनल का समुद्री रास्ता पार करके इंग्लैण्ड पर धावा बोला। वहाँ उसने कई जंगे लड़ी जिनमें से "हेस्टिंग्स का युद्ध" बहुत मशहूर है। कुछ विद्रोहों को कुचलने के बाद उसने ब्रिटेन को पराजित कर दिया और वहाँ नॉर्मन राज का काल शुरू किया। क्योंकि नॉर्मन लोग फ़्रांसिसी भाषा की एक उपभाषा बोलते थे, इसलिए इसके बाद अंग्रेज़ी में बहुत से फ़्रांसिसी के शब्द आ गए जिस से आधुनिक अंग्रेज़ी प्राचीन अंग्रेज़ी से शब्दावली के हिसाब से बहुत अलग हो गयी। .

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विलियम ३, इंग्लैंड का राजा

विलियम ३ (४ नवंबर १६५०- ८ मार्च १७०२) जन्म से ही ऑरेंज के संप्रभु राजकुमार थे, इसी के कारण वे "विलियम औफ ऑरेंज" के नाम से प्रसिद्ध है। १६७२ से हॉलैंड, ज़ीलैंड, एम्सटर्डम, जेलडरलैंड और ऑवरआईज़ल डच गणराज्य के शासक थे। यह एक संयोग है कि संख्या (iii) दोनों ऑरेंज और इंग्लैंड के लिए ही किया गया है।.

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विंचेस्टर

विनचेस्टर (जिसे प्राचीन काल से विंटन और विंटनसीएस्ट्रे के नाम से जाना जाता रहा है) एक ऐतिहासिक कैथेड्रल शहर (गिरिजाघर शहर) तथा वेसेक्स और इंग्लैंड साम्राज्य की प्राचीन राजधानी है। यह दक्षिण पूर्व इंग्लैंड में स्थित हैम्पशायर का प्रांतीय शहर है। यह शहर, स्थानीय सरकारी जनपद विनचेस्टर के बड़े शहर के मध्य स्थित है तथा इटचेन नदी के बिल्कुल नजदीक साउथ डाउंस के पश्चिमी छोर पर है। 2001 की जनगणना के समय विनचेस्टर की जनसंख्या 41,420 थी। विनचेस्टर का विकास वेंटा बेलगारम के रोमन शहर से हुआ। विनचेस्टर का प्रमुख ऐतिहासिक स्थल विनचेस्टर गिरिजाघर है, जो इंग्लैंड के सबसे बड़े गिरिजाघरों में से एक है और यूरोप के सभी गोथिक गिरिजाघरों में सबसे लम्बे मध्य भाग और उसकी कुल लंबाई के कारण जाना जाता है। इस शहर में विनचेस्टर विश्वविद्यालय और प्रसिद्ध पब्लिक स्कूल विनचेस्टर कॉलेज भी स्थित हैं। विनचेस्टर रेलवे स्टेशन लंदन वाटरलू, वेमाउथ, पोर्ट्समाउथ, साउथैम्पटन और उत्तर दिशा से चलने वाली रेलगाड़ियों की सेवा प्रदान करता है। शहर के वास्तुशिल्प और ऐतिहासिक दृष्टि से प्रसिद्ध स्थानों, तथा अन्य शहरों एवं नगरों तक आसान पहुँच के कारण विनचेस्टर इस देश के सर्वाधिक महंगे और वांछित स्थानों में से एक है। विनचेस्टर से आने वाले या विनचेस्टर में रहने वाले लोग स्थानीय तौर पर विंटोनियन के नाम से जाने जाते हैं। .

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विंडसर कासल

विंड्सर कासल(Windsor Castle, ब्रिटिश उच्चारण:व़िन्ज़र् खास्ल्) अर्थात् विंड्सर किला, इंग्लैंड के बर्कशायर काउंटी के विंड्सर नामक स्थान में स्थित एक शाही किला है। यह वर्त्तमान समय में विश्व का विशालतम् रिहाइशी किला है, और इसे महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा छुट्टियों में रहने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लंदन के बकिंघम पैलेस के माफ़िक़ इस पर स्वामित्व भी ब्रिटिश राजमुकुट के पास है। इस आलिशान एवं ऐतिहासिक किले का अंग्रेज़ी तथा ब्रिटिश राजपरिवार के साथ बेहद लंबा एवं गहरा रिश्ता रहा है। इस किले को प्राथमिक तौर पर 11वीं सदी में इंग्लैंड पर नॉर्मल आक्रमण के दौरान, नॉर्मन सेना ने नेता विलियम द कॉंकरर ने बनवाया गया था। हेनरी प्रथम के समय से ही इस महल को इंग्लिस्तान तथा ब्रिटेन के सभी शासकों द्वारा उपयोग किया जाता रहा है और यह यूरोप का सबसे लंबे समय तक इस्तेमाल होने वाला किला है। इस महल को विश्व भर में अपनी आलिशान राजकीय महलों की वास्तुकला के लिए जाना जाता है जिसके लिए यह प्राथमिक आधुनिक काल के दौरान से ही प्रशंसा का पात्र रही है। यह किला, थेम्स नदीके पास एक पहाड़ी ऊंचाईपर स्थितहै और मूलतः इसे थेम्सके इस, सामरिक तौरपर, महत्वपूर्ण क्षेत्रपर नॉर्मल वर्चस्व बनाए रखनेहेतु बनाया गयाथा। इसे मूलतः मॉट एंड बेली शैलीमें एक पहाड़ीपर तीन प्रकोष्ठोंके साथ बनाया गयाथा, जिसे धीरे-धीरे पथरीली किलेबंदीसे बदल दिया गया। 13वीं सदीके शुरुआतमें इस किलेने प्रथम बैरन युद्धके दौरान लंबी घेराबंदीका भी सामना कियाथा। राजा हेनरी तृतीयने उसी सदीके मध्यमें इस किलेके भीतर एक अत्यंत आलीशान शाही महल बनवाया, जिसे एडवर्ड तृतीयने औरभी शानदार बनानेमें अपना योगदान दिया। एडवर्डद्वारा कियागया यह उदारीकरण-योजना, मध्यकालीन इंग्लैंडका बहुमूल्यतम् गैर-धार्मिक निर्माणयोजना बानी। एडवर्ड द्वारा बनाया गया डिजाइन पूरे शून्य कालके दौरान बरकरार रहा। इसबीच राजा हेनरी अष्टम और रानी एलिजाबेथ प्रथम ने इस किले का शाही दरबार, राजकीय मनोरंजन और अन्य महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्यके लिए इस महल का अघिक उपयोग करना शुरू कर दिया। इस किलेने अंग्रेजी ग्रह युद्धकी उथल-पुथलका समयभी देखा, जब संसदीय बलों द्वारा इस महल को सैन्य मुख्यालय के रूप में इस्तेमाल किया गया था। साथ ही राजा चार्ल्स प्रथम को इसी महल में बंदी बना के रखा गया था। १६६० में राजतंत्र के पुनर्स्थापन के बाद चार्ल्स द्वितीय द्वारा इस किले का नवनिर्माण किया गया, इसमें शानदार बरूक शैली की इंटीरियर कलाकारी को जोड़ा गया, जिन्हें आज भी माना जाता है। 18वीं सदी में नज़रअंदाज़गी के बाद जॉर्ज तृतीय और चतुर्थ ने चार्ल्स द्वितीय के महल को नवनिर्मित करवाया जिसके कारण महलों की वर्तमान सजावट की गई, तत्पश्चात महारानी विक्टोरियाने भी कई छोटे-मोटे निर्माण करवाएं। द्वितीय विश्वयुद्ध में इस महल को शाही परिवार की पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल किया गया था। आज के समय, इस किलेमें करीब 500 लोग रहते और काम करते हैं और यह विश्व का सबसे बड़ा रिहायशी एवं कार्यशील किला है। .

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वेस्टमिंस्टर

वेस्टमिंस्टर (अंग्रेज़ी: Westminster) एक केन्द्रीय लंदन में सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर बरो का जिला है। यहां स्थित वेस्टमिंस्टर महल में लंदन का संसद भवन है।.

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वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी

वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, (Westminster Abbey, सामान्य वर्तनी: वेस्टमिंस्टर ऐबी), जिसे पहले आधिकारिक रूप से अंग्रेज़ी में कॉलेजिएट चर्च ऑफ़ सेण्ट पीटर ऍट् वेस्ट्मिन्स्टर(वेस्टमिंस्टर में स्थित संत पीटर का कॉलेजिएट चर्च) का नाम दिया गया था, वेस्टमिंस्टर शहर, लंदन में स्थित एक विशाल, मुख्यत: गोथिक मठ व गिरिजाघर है। यह वेस्टमिंस्टर महल से पश्चिम में स्थित है। यह यूनाइटेड किंगडम के सबसे माननीय पूजा स्थलों में से एक है व ग्रेट ब्रिटेन के शाही परिवार के राज्याभिषेक का परम्परागत स्थल है। 1540 से 1556 तक इस मठ को कैथेड्रल का महत्व हासिल था। हालांकि 1560 से यह भवन मठ या कैथेड्रल नहीं रह गयी और सिर्फ़ शाही निजी संपत्ति ही कही जाती थी। "शाही निजी संपत्ति" – वो संपत्तियाँ थीं जो सीधे सम्राट के प्रति जवाबदेह थीं और सम्राट की जिम्मेदारी थीं। यह भवन वास्तविक मठ व गिरिजाघर है। 1080 में पहली बार सुलकार्ड द्वारा बताई गई परंपरा के अनुसार लंदन के थोर्नी द्वीप पर सातवीं शताब्दी में लंदन के पादरी मेलिटस के जमाने में एक गिरिजाघर का निर्माण हुआ था। वर्तमान गिरिजाघर का निर्माण सन् 1245 में हेनरी अष्टम के आदेश पर शुरु हुआ था।.

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गुलाबों का युद्ध

गुलाबों का युद्ध (War of the Roses) ब्रिटेन में घटित हुआ था। यॉर्क और लैंकॅस्टर राजवंश लड़े थे इंग्लैण्ड के सिंहासन के लिए। अंत में टूडर राजवंश बनाया गया था।.

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ग्रेट ब्रिटेन राजशाही

ग्रेट ब्रिटेन राजशाही या ग्रेट ब्रिटेन राजतंत्र, आधिकारिक रूपसे:ग्रेट ब्रिटेन, पश्चिमी यूरोप में १ मई १७०७ से १३ दिसंबर १८०० तक विद्यमान, यूनाइटेड किंगडम का पूरक राज्य था। ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना १७०६ को अंग्रेज़ी राजशाही और स्कोटियाई राजशाही के बीच तय किये गए विलयके समझौतेका १७०७में विलय के अधिनियमों के रूपमें पारित होनेके कारण हुआ था। इन अधिनोइयमोंके कारण, पूर्व आंग्ल राजतंत्र और स्कॉट राजतंत्रका एक शासक, एक संसद तथा एक व्यवस्था के साथ, एकही राजतांत्रिक इकाईके रूपमें विलय होगया, जिसका विस्तार पूरे ग्रेट ब्रिटेन और उसके निकट के द्वीपों पर अधिपत्य था। इस राजतंत्र का अधिआसन, लंदन का वेस्टमिंस्टर शहर था। यह एक पूर्णतः एकात्मक राज्य राज्य था, और इसकी राजनीतिक व्यवस्था में स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के बीच किसी प्रकार का संघीय या महासंघिया संबंध नहीं था। इंग्लैंड और स्कॉटलैंड (और आयरलैंड) सन् १६०३ में एलिज़ाबेथ प्र॰ के देहांत पश्चात् जेम्स प्रथम की सिंघासन-उत्तराधिकृति से एक व्यक्तिगत विलय की स्थिती में थे। हालाँकि, इंग्लैंड और आयरलैंड का विलय हो गया था, परंतु आईरिस राज्य, ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा नहीं था, और वह एक स्वतंत्र प्रदेश था। १ जनवरी १८०१, को ग्रेट ब्रिटेन राजशाही का आयरिश राजशाही के साथ विलय होगया और ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना हुई। १९२२ में, आयरलैंड का पांच-छ्याई भाग, इस संयुक्त राजशाही से निकल गया और इस राज्य का पुनःनामकरण कर, इसका नाम ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही कर दिया गया, जोकि आज विद्यमान है। इस संयुक्त राज्य के शुरूआती वर्ष, जकॉबियाइ जागरणों से भरे थे, जो १७४६ में स्टुअर्टवंशी चार्ल्स एडवर्ड स्टुअर्ट की हार के साथ समाप्त हुए। तत्पश्चात् १७६३ में सप्तवर्षीय युद्ध में विजय ने सर्वप्रथम वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया, जोकि अगले १०० वर्षों में इतिहास के बृहत्तम् साम्राज्य के रूप में विकसित हुई। .

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ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही

ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही, १ जनवरी वर्ष १८०१ में स्थापित, वर्त्तमान संयुक्त राजशाही और आयरिश गणराज्य का पुरख राज्य था। इसकी स्थापना ऍक्ट्स ऑफ़ यूनियन, १८०० द्वारा हुआ था। ततन्तर्गत, आयरिश राजशही का ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ विलय होगया तथा ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना हुई। वर्ष १९२२ में, आयरलैंड का पाँच-छ्याई हिस्सा आयरिश मुक्त राज्य के नाम से, इस संयुक्त राजशाही से बहार निकल गया, जबकि आयरलैंड द्वीप का पूर्वोत्तर स्थित छायाही भाग, उत्तरी आयरलैंड के नाम से, संयुक्त राज में ही रहा। परिणामस्वरूप, इस राज्य को तथा "ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही" नाम देदिया गया। .

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ग्रेनिश

ग्रेनिश या लंदन बरो ऑफ़ ग्रेनिच (अंग्रेज़ी: London Borough of Greenwich, अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि: या) एक लंदन का बरो है। श्रेणी:लंदन के बरो.

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ऑक्सफ़र्डशायर

ऑक्सफ़र्डशायर (अंग्रेज़ी: Oxfordshire) एक इंग्लैंड का काउंटी है।.

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ऑक्सफ़ोर्ड

ऑक्स्फ़ोर्ड, इंग्लैंड के ऑक्सफोर्डशायर का मुख्य नगर है। यहाँ विश्वविख्यात आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय है, जो यहां का प्राचीनतम अंग्रेज़ी का विश्वविद्यालय है। यह लंदन से पश्चिमोत्तर पश्चिम दिशा में रेल और संड़क मार्गों से क्रमशः ६३ मील और ५१ मील की दूरी पर, टेम्स नदी और उसकी सहायक चारवेल नदी के बीच के कंकरीले मैदान में स्थित है। टेम्स नदी के किनारे का क्षेत्र द आइसिस कहलाता है। क्षेत्रफल ८७.८५ वर्ग कि॰मी॰ है। नगर की विशेषता मध्यकालीन विश्वविद्यालय से है। यहां की जनसंख्या १,६५,००० के अंदर है जिसमें १,५१,००० लोग जिले की सीमा के भीतर ही रहते हैं। पूर्वकाल में यह नगर एक दीवार से घिरा था। इस दीवार के अवशेष न्यू कालेज के उद्यान में आज भी विद्यमान हैं। यहाँ का बोडलियन पुस्तकालय भवन देखने योग्य है। रैडक्लिफ कैमरा, क्लैरेंडन भवन और ४००० की दर्शक दीर्घा वाला शैलडोनियन व्याख्यान भवन, अन्य महत्वपूर्ण भवन हैं। इस नगर के अनेक विद्यालय भवनों में क्राइस्ट चर्च, मर्टन कालेज, न्यू कालेज, आल सोल्स-कालेज और सेंट जोंस उल्लेखनीय हैं। ऑक्सफोर्ड नगर में उद्योग धंधे अधिक महत्वूपर्ण नहीं हैं। शराब, बिजली का सामान, दस्ताने, कागज और साइकिल उद्योग उल्लेखनीय हैं। इनके अतिरिक्त विश्वविद्यालय से संबंधित उद्योगों में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय प्रेस महत्वपूर्ण है। .

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ओस्लो

ओस्लो युरोप महादेश में स्थित नार्वे देश की राजधानी एवं वहां का सबसे बडा़ शहर है। इसे सन १६२४ से १८७९ तक क्रिस्टैनिया के नाम से जाना जाता था। आधुनिक ओस्लो की स्थापना ३ जनवरी १८३८ को एक नगर निगम के रूप में की गयी थी। .

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आयरलैंड राजशाही

आयरलैंड राजशाही(शास्त्रीय आयरिश:Ríoghacht Éireann; आधुनिक आयरिश:Ríocht Éireann), आयरलैंड द्वीप पर १५४२ से १८०० के बीच विद्यमान अंग्रेज़ी राजशाही का एक कठपुतली राज्य था। यह तब अस्तित्व में आई जब १५४२ में आयरलैंड की संसद ने क्राउन ऑफ़ आयरलैंड ऍक्ट पारित कर इंग्लैंड के राजा हेनरी अष्टम् को आयरलैंड का राजा घोषित कर दिया। राजतंत्र घोषित होने से पहले, इस राज्य को इंग्लैण्ड रियासत की एक जागीर(लॉर्डशिप) होने का पद प्राप्त था। इस राज्य की स्थापन के प्रारंभिक वर्षों में आयरिश राजतन्त्र को अन्य यूरोपीय राज्यों द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं थी। हालाँकि, कुछ प्रोटोस्टेंट राज्यों ने इसे मान्यता दी थी, परंतु किसी भी कैथोलिक राज्य ने आयरलैंड को एक वाजिब राजतंत्र और इंग्लैंड के शासक को आयरिश सिंघासन का वैधिक वारिस मानने से इनकार कर दिया था। वर्ष १९५५ में पोप पॉल चतुर्थ ने रजा हेनरी की बेटी और उत्तराधिकारी, रानी मैरी प्र॰ को आयरलैंड की रानी होने की मान्यता प्रदान की। वर्ष १८०० में ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की सांसदों में एक्ट्स ऑफ़ यूनियन के पारित होने के कारण इसका विलय ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ होगया, और आयरलैंड की सरकार, प्रशासन तथा राजमुकुट को ग्रेट ब्रिटेन के साथ मिला कर एक संयुक्त रियासत को स्थापित किया गया। इस संयुक्त राज्य का नाम ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही(उनिदेत किंगडम ऑफ़ ग्रेट ब्रिटेन एण्ड आयरलैंड) रखा गया, जिसमे से आयरलैंड के पांच-छ्याई भाग १९२२ में ब्रिटेन से आयरिश मुक्त राज्य के रूप में स्वतंत्र होगया। .

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आयरिश मुक्त राज्य

आयरिश मुक्त राज्य (Saorstát Éireann, वर्ष १९२२ में, ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल के एक परिराज्य(डोमिनियन) के रूप में स्थापित एक स्वतंत्र राज्य था। इसे दिसंबर १९२१ के आंग्ल-आयरिश संधिके तहत स्थापित किया गया था। इस समझौते ने पिछले तीन वर्षों से, सवोऽद्घोषित आयरिश गणराज्य और ब्रिटिश मुकुट के बलों के बीच चली आ रही आयरिश स्वतंत्रता युद्ध को समाप्त कर दिया। दिसंबर १९३७ में आयरलैण्ड के नए संविधान के परवर्तन, तथा गणराज्य की घोषण के बाद यह विस्थापित होगया। प्रारंभिक समय में आयरलैण्ड की तमाम ३२ काउण्टियाँ, मुक्त राज्य के अधिकार में थीं, परंतु बाद में पूर्वोत्तर की ६ कॉउंटियों ने समझौते के अंतर्गत, मुक्त राज्य से बहार निकल कर पुनः संयुक्त राजशाही में शामिल होने का निर्णय किया। परिराज्य (डोमिनियन) होने के नाते, आयरलैंड, इस व्यवस्था के अंतर्गत, ब्रिटेन की सरकार से स्वतंत्र तो था, परंतु देश के नाममात्र राष्ट्रप्रमुख, ब्रिटिश संप्रभु थे, तथा इसकी सरकार, कार्यकारी परिषद् तथा, संप्रभु के प्रतिनिधि के रूप में, गवर्नर-जनरल द्वारा रचित थी। साथ ही एक द्विसदनीय विधायिक भी थी। सरकारी अधिकारियों को शासक के प्रति वफ़ादारी की शपथ लेने की भी अनिवार्यता थी। मुक्त राज्य के प्राथमिक महीने, आयरिश गृहयुद्ध से पस्त थे। यह युद्ध नवस्थापित सरकार की सेना और समझौता-विरोधी आयरिश रिपब्लिकन आर्मी के बीच छिड़ा था, जोकि एक गणराज्य स्थापित करने की इच्छुक थी। यह गृहयुद्ध सरकारी बालों की विजय के साथ समाप्त हुआ, संधि-विरोधी बालों ने मई १९२२ में अपने शास्त्र त्याग दिए और शांतिपूर्ण मार्ग अपनाने का निर्णय किया। संधि तथा राजतंत्र-विरोधी दाल, सिन् फेइन् ने अपने नेता डी वालेरा के नेतृत्व में १९२७ का आम चुनाव लड़ कर राष्ट्रीय विधायक में पहले बार स्थान ग्रहण किया, और १९३२ के चुनाव् के बाद सबसे बड़ी दल के रूप में उबरी। डी वालेरा ने वफादारी की शपथ को बर्खास्त कर दिया, और १९३७ में एक नए गणतांत्रिक संविधान का मसौदा तैयार किया। इस संविधान को तत्वर्ष जुलाई मास में जनमत-संग्रह द्वारा पारित कर दिया गया। २९ दिसंबर १९३७ में नए संविधान के परवर्तन के साथ ही आयरिश मुक्त राज्य का अंत हो गया, और नए संविधान के तहत इस आयरिश राज्य को आयरलैंड का नाम दिया गया। साथ ही शासक और गवर्नर जनरल के पद को समाप्त कर लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर निर्वाचित राष्ट्रपति के पद से परिवर्तित कर दिया दया। .

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इंग्लैण्ड पर नॉर्मन विजय

नॉर्मनों की सेना ने ११वीं शदी में इंग्लैण्ड पर आक्रमण किया और उस पर अधिकार कर लिया। इसमें ब्रेटोन तथा फ्रेंच सैनिक भी शामिल थे। इसका नेतृत्व ड्यूक विलियम द्वितीय ने किया था। श्रेणी:इंग्लैण्ड का इतिहास.

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इंग्लैण्ड राज्य

इंग्लैण्ड राजशाही(Kingdom of England) यानि आंग्ल राजतांत्रिक राज्य, जिसे आम वार्ता में केवल इंग्लैण्ड(ब्रिटिश उच्चारण:इंग्लॆन्ड्) कहा जाता था, ग्रेट ब्रिटेन द्वीप पर स्थित एक पूर्व सार्वभौमिक एकराष्टिय राजतांत्रिक राज्य था। इंग्लैंड का उदय १०वीं शताब्दी में विभिन्न आंग्ल-सैक्सन रजवाड़ों में से हुआ था, यह १७०७ में स्कॉटलैंड राजशाही के साथ विलय तथा ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की स्थापना तक असतित्व में रहा। ११वीं सदी में वर्त्तमान फ्रांस के नॉरमेंडी के तट से नार्मन लोगों ने आक्रमण कर इंग्लैंड पर विजय प्राप्त कर लिया था, जिस समय इंग्लैंड की राजधानी को विंचेस्टर से लंदन हस्तांतरित कर दिया गया था। अपने इतिहास के दौरान, इंग्लैंड पर चार विभिन्न वंशों का राज रहा था:नॉर्मन वंश १०६६-११५४, प्लैंटेजेनट वंश ११५४-१४८५, ट्यूडर वंश १४८५-१६०३ और स्टुअर्ट वंश १६०३-१७१४, हालाँकि इन सब को विभक्त राजवंश माना जाता है, परंतु ये सारे घराने, अंत्यतः नॉर्मनों के ही वंशज हैं। नार्मन शासन की शुरुआत के बाद से एंग्लो-सैक्सन भाषा(पुरानी अंग्रेज़ी) में फ़्रांसिस भाषा का प्रभाव अत्यंत बढ़ गया और आधुनिक अंग्रेज़ी विकसित हुई। १३वीं सदी के अंत तक इंग्लैंड ने वेल्स रियासत पर अपना अधिकार जमा लिया और १६वीं सदी में वेल्स को इंग्लैंड में पूर्णतः विलीन कर लिया गया। वेल्स पर अधिक्रमण ने इंग्लैंड को यूरोप के एक प्रमुख सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। ट्यूडर काल ने अंग्रेज़ी नवजागरण के काल को देखा, जोकि अंग्रेज़ी भाषा और संस्कृति के लिहाज़ से सबसे महत्वपूर्ण काल था। राजा हेनरी अष्टम् के राज ने अंग्रेज़ी पुनःस्थापन के काल को देखा, और तत्पश्चात उनकी पुत्री एलिज़ाबेथ प्र॰ के राज में पारित एलिज़ाबेथन धार्मिक समाधान ने चर्च ऑफ़ इंग्लैंड की स्वायत्तता पुनःस्थापि की, और इसने इंग्लैंड को एक प्राथमिक यूरोपीय महाशक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। एलिज़ाबेथन युग में इंग्लैंड ने नई दुनिया(अमरीकी महाद्वीप) के बड़े हिस्से पर अपना अधिकार स्थापित किया और अपने उपनिवेश स्थापित किये, जिसके साथ आगामी ब्रिटिश साम्राज्य की नीव पड़ी। इंग्लैंड में मैग्ना कार्टा और बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९ जैसे ऐतिहासिक विधान पारित हुए, जिसके बदौलत संसद की शक्ति बढ़ती गयी, और शासक की शक्तियों व अधिकारों पर अनेक सीमाएँ और अंकुश लगाए गए, जोकि आगे जाकर एक विशेष प्रशासनिक व्यवस्था के रूप में विकसित हुई, जिसे वेस्टमिंस्टर प्रणाली कहा जाता है। १६०३ में रानी एलिज़ाबेथ के निधन के पश्चात स्कॉटलैंड के राजा जेम्स षष्टम् ने इंग्लैंड के सिंघासन को उत्तराधिकृत किया, और इस के साथ इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड के साथ व्यक्तिगत विलय की स्थिति में आ गया, तथा स्टुअर्ट वंश के राज का प्रारम्भ हुआ। स्टुअर्ट काल में, अंग्रेज़ी गृह युद्ध हुआ, जोकि चार्ल्स प्रथम के प्राणदंड के साथ समाप्त हुआ, परंतु इस गृहयुद्ध ने शासक के शासनाधिकार पर अनेक अंकुश लगा दिए, और शासक को संसद की स्वीकृति के बिना शासन करने से वंचित कर दिया। १ मई १७०७ को, विलय के अधिनियमों के तहत इंग्लैंड का स्कॉटलैंड के साथ विलय होगया और संयुक्त ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की स्थापम हुई। .

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इंग्लैंड के हेनरी अष्टम्

हेनरी अष्टम (28 जून 1491-28 जनवरी 1547) 21 अप्रैल 1509 से अपनी मृत्यु तक इंग्लैंड के राजा थे। वे लॉर्ड ऑफ आयरलैंड (बाद में किंग ऑफ आयरलैंड) तथा फ्रांस के साम्राज्य के दावेदार थे। हेनरी ट्यूडर राजघराने के दूसरे राजा थे, जो कि अपने पिता हेनरी सप्तम के बाद इस पद पर आसीन हुए। अपने छः विवाहों के अलावा, हेनरी अष्टम चर्च ऑफ इंग्लैंड को रोमन कैथोलिक चर्च से पृथक करने में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका के लिये भी जाने जाते हैं। रोम के साथ हेनरी के संघर्षों का परिणामस्वरूप पोप के प्रभुत्व से चर्च ऑफ इंग्लैंड का पृथक्करण हुआ और मठों का विघटन हो गया और उन्होंने स्वयं को चर्च ऑफ इंग्लैंड के सर्वोच्च प्रमुख (Supreme Head of the Church of England) के रूप में स्थापित कर लिया। उन्होंने धार्मिक आयोजनों व रस्मों को बदल दिया तथा मठों का दमन किया और साथ ही वे कैथलिक धर्मशास्त्र की मूल-शिक्षाओं के समर्थक बने रहे, यहां तक कि रोमन कैथलिक चर्च के साथ उनके निष्कासन के बाद भी। वेल्स ऐक्ट्स (Wales Acts) 1535-1542 के कानूनों के साथ हेनरी ने इंग्लैंड और वेल्स के वैधानिक मिलन का निर्देशन किया। अपनी युवावस्था में हेनरी एक आकर्षक और करिश्माई पुरुष थे, शिक्षित व परिपूर्ण.

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अधिनियम

अधिनियम केन्द्र में संसद या राज्य में विधानसभा द्वारा पारित किसी विधान को कहते हैं। जब संसद या विधानसभा में किसी विषय को प्रस्तावित करते हैं तो उसे विधेयक या बिल कहते हैं। संसद या विधानसभा की सर्वसम्मति से पास होने के बाद उस बिल या विधेयक को अधिनियम का दर्जा मिल जाता है। श्रेणी:विधि श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अराजकता

अराजकता (anarchy) एक आदर्श है जिसका सिद्धांत अराजकतावाद (Anarchism) है। अराजकतावाद राज्य को समाप्त कर व्यक्तियों, समूहों और राष्ट्रों के बीच स्वतंत्र और सहज सहयोग द्वारा समस्त मानवीय संबंधों में न्याय स्थापित करने के प्रयत्नों का सिद्धांत है। अराजकतावाद के अनुसार कार्यस्वातंत्र्य जीवन का गत्यात्मक नियम है और इसीलिए उसका मंतव्य है कि सामाजिक संगठन व्यक्तियों के कार्य स्वातंत्र्य के लिए अधिकतम अवसर प्रदान करे। मानवीय प्रकृति में आत्मनियमन की ऐसी शक्ति है जो बाह्य नियंत्रण से मुक्त रहने पर सहज ही सुव्यवस्था स्थापित कर सकती है। मनुष्य पर अनुशासन का आरोपण ही सामाजिक और नैतिक बुराइयों का जनक है। इसलिए हिंसा पर आश्रित राज्य तथा उसकी अन्य संस्थाएँ इन बुराइयों को दूर नहीं कर सकतीं। मनुष्य स्वभावत: अच्छा है, किंतु ये संस्थाएँ मनुष्य को भ्रष्ट कर देती हैं। बाह्य नियंत्रण से मुक्त, वास्तविक स्वतंत्रता का सहयोगी सामूहिक जीवन प्रमुख रीति से छोटे समूहों से संभव है; इसलिए सामाजिक संगठन का आदर्श संघवादी है। .

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अराजकतावाद

अराजकतावाद (Anarchism) एक राजनीतिक दर्शन है, जो स्वैच्छिक संस्थानों पर आधारित स्वाभिशासित समाजों की वक़ालत करता है। इनका वर्णन अक्सर राज्यहीन समाजों के रूप में होता है, यद्यपि कई लेखकों ने इन्हें अधिक विशिष्टतापूर्वक अपदानुक्रमिक मुक्त संघों पर आधारित संस्थानों के रूप में परिभाषित किया हैं। अराजकतावाद के मतानुसार राज्य अवांछनीय, अनावश्यक और हानिकारक है निम्न स्रोत अराजकतावाद को एक राजनीतिक दर्शन के रूप में सन्दर्भित करते हैं: Slevin, Carl.

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उत्तरी आयरलैंड

उत्तरी आयरलैंड (अंग्रेज़ी: Northern Ireland उच्चारणः नॉर्द़र्न् आयर्लैंड; आयरिश: Tuaisceart Éireann) संयुक्त राजशाही का एक संघटक देश है। .

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