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२९ अक्टूबर

सूची २९ अक्टूबर

29 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 302वॉ (लीप वर्ष में 303 वॉ) दिन है। साल में अभी और 63 दिन बाकी है। .

31 संबंधों: चन्द्रयान, डब्ल्यूडब्ल्यूई, तारे ज़मीन पर (2007 फ़िल्म), तुर्की, नित्यानन्द स्वामी (राजनीतिज्ञ), फ्रैंक सैज़मैन, बर्मा के प्रधानमंत्री, भारत मे आतंकवाद इतिहास, भारत में आतंकवाद, रामसर सम्मेलन, राष्ट्रीय दिवस, रोजर फ़ेडरर, सलोम्, हॉकी, जयपुर का इंडियन ऑयल डिपो अग्निकांड, जूलियस न्येरेरे, जेम्स यंग सिंपसन, विश्व धरोहर, आर एल स्टाईनका: द हाँटींग हॉर, क्रिस्टीना फर्नांडीज डी किर्चनेर, क्लोरोफॉर्म, अब्दुल्लाह ग्युल, अकबर, १८५१, १८५९, १८६३, १९२३, १९२७, १९२९, १९४५, १९९९

चन्द्रयान

चन्द्रयान (अथवा चंद्रयान-१) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के अंतर्गत द्वारा चंद्रमा की तरफ कूच करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष यान था। इस अभियान के अन्तर्गत एक मानवरहित यान को २२ अक्टूबर, २००८ को चन्द्रमा पर भेजा गया और यह ३० अगस्त, २००९ तक सक्रिय रहा। यह यान ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यान (पोलर सेटलाईट लांच वेहिकल, पी एस एल वी) के एक संशोधित संस्करण वाले राकेट की सहायता से सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया। इसे चन्द्रमा तक पहुँचने में ५ दिन लगे पर चन्द्रमा की कक्षा में स्थापित करने में १५ दिनों का समय लग गया। चंद्रयान का उद्देश्य चंद्रमा की सतह के विस्तृत नक्शे और पानी के अंश और हीलियम की तलाश करना था। चंद्रयान-प्रथम ने चंद्रमा से १०० किमी ऊपर ५२५ किग्रा का एक उपग्रह ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया। यह उपग्रह अपने रिमोट सेंसिंग (दूर संवेदी) उपकरणों के जरिये चंद्रमा की ऊपरी सतह के चित्र भेजे। भारतीय अंतरिक्षयान प्रक्षेपण के अनुक्रम में यह २७वाँ उपक्रम था। इसका कार्यकाल लगभग २ साल का होना था, मगर नियंत्रण कक्ष से संपर्क टूटने के कारण इसे उससे पहले बंद कर दिया गया। चन्द्रयान के साथ भारत चाँद को यान भेजने वाला छठा देश बन गया था। इस उपक्रम से चन्द्रमा और मंगल ग्रह पर मानव-सहित विमान भेजने के लिये रास्ता खुला। हालाँकि इस यान का नाम मात्र चंद्रयान था, किन्तु इसी शृंखला में अगले यान का नाम चन्द्रयान-२ होने से इस अभियान को चंद्रयान-१ कहा जाने लगा। .

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डब्ल्यूडब्ल्यूई

Linda McMahon, CEOShane McMahon, Executive Vice President of Global MediaStephanie McMahon-Levesque, Executive Vice President of Talent Relations, Live Events and Creative Writing.

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तारे ज़मीन पर (2007 फ़िल्म)

तारे ज़मीन पर (का अनुवाद:हिन्दी: में तारे ज़मीन पर, (उर्दू:में تارے زمیپرن) और अंतरराष्ट्रीय डीवीडी का शीर्षक:पृथ्वी पर के सितारे की तरह) बॉलीवुड फिल्म आमिर खान के द्वारा 2007 में निर्देशितहै, आमिर खान निर्माता के द्वारा निर्मित है और शुरू की कल्पना और विकसित पति और पत्नी दल, के रूप में अमोल गुप्ते (लेखक और रचनात्मक निर्देशक) और दीपा भाटिया (अवधारणा, अनुसंधान और संपादन) के द्वारा निर्देशित है यह संगीत सुविधाएँ शंकर-एहसान-लॉय, के तिकड़ी द्वारा, गीत प्रसून जोशी के द्वारा तटरक्षक एनीमेशन दृश्य कम्प्यूटिंग लेबोरेटरीज, टाटा एल्क्स्सी लिमिटेड, के द्वारा 2डी एनीमेशन वैभव कुमारेश का वैभव स्टूडियो से है, और शीर्षक एनीमेशन.धीमंत व्यास के द्वारा किया गया है तारे ज़मीन पर विश्व भर के सिनेमा हाल में एक फिल्म के रूप में 21 दिसम्बर 2007 को जारी किया गया था। इस डीवीडी के भारतीय संस्करण को मुंबई में 25 जुलाई 2008 को जारी किया गया। तीन डिस्क वाले डीवीडी का एक अंतर्राष्ट्रीय संस्करण के शीर्षक पृथ्वी पर सितारे की तरह 7 अप्रैल 2009 को जारी करने के लिए उम्मीद है।वॉल्ट डिज्नी कंपनी ने उत्तरी अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया.में वितरण के लिए घर के वीडियो का अधिकार खरीदे हैंयह पहली बार हुआ है की। "एक अंतरराष्ट्रीय स्टूडियो भारतीय फिल्म का वीडियो अधिकार खरीदा है " यह फिल्म आठ साल के ईशान दर्शील सफारी की कहानी बताती है जो बुरी तरह पीड़ित होता है जबतक की उसकी पहचान एक शिक्षक आमिर खान के द्वारा एक द्य्स्लेक्सिक (dyslexic) के रूप में की जाती है वाणिज्यिक और समीक्षकों, प्रशंसित दोनों रूप में तारे ज़मीन पर 2008 के सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार के विजेता है। इसका कर दिल्ली सरकार द्वारा मुक्त घोषित किया गया था। .

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तुर्की

तुर्की (तुर्क भाषा: Türkiye उच्चारण: तुर्किया) यूरेशिया में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी अंकारा है। इसकी मुख्य- और राजभाषा तुर्की भाषा है। ये दुनिया का अकेला मुस्लिम बहुमत वाला देश है जो कि धर्मनिर्पेक्ष है। ये एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। इसके एशियाई हिस्से को अनातोलिया और यूरोपीय हिस्से को थ्रेस कहते हैं। स्थिति: 39 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 36 डिग्री पूर्वी देशान्तर। इसका कुछ भाग यूरोप में तथा अधिकांश भाग एशिया में पड़ता है अत: इसे यूरोप एवं एशिया के बीच का 'पुल' कहा जाता है। इजीयन सागर (Aegean sea) के पतले जलखंड के बीच में आ जाने से इस पुल के दो भाग हो जाते हैं, जिन्हें साधारणतया यूरोपीय टर्की तथा एशियाई टर्की कहते हैं। टर्की के ये दोनों भाग बॉसपोरस के जलडमरूमध्य, मारमारा सागर तथा डारडनेल्ज द्वारा एक दूसरे से अलग होते हैं। टर्की गणतंत्र का कुल क्षेत्रफल 2,96,185 वर्ग मील है जिसमें यूरोपीय टर्की (पूर्वी थ्रैस) का क्षेत्रफल 9,068 वर्ग मील तथा एशियाई टर्की (ऐनाटोलिआ) का क्षेत्रफल 2,87,117 वर्ग मील है। इसके अंतर्गत 451 दलदली स्थल तथा 3,256 खारे पानी की झीलें हैं। पूर्व में रूस और ईरान, दक्षिण की ओर इराक, सीरिया तथा भूमध्यसागर, पश्चिम में ग्रीस और बुल्गारिया और उत्तर में कालासागर इसकी राजनीतिक सीमा निर्धारित करते हैं। यूरोपीय टर्की - त्रिभुजाकर प्रायद्वीपी प्रदेश है जिसका शीर्षक पूर्व में बॉसपोरस के मुहाने पर है। उसके उत्तर तथा दक्षिण दोनों ओर पर्वतश्रेणियाँ फैली हुई हैं। मध्य में निचला मैदान मिलता है जिसमें होकर मारीत्सा और इरजिन नदियाँ बहती हैं। इसी भाग से होकर इस्तैस्म्यूल का संबंध पश्चिमी देशों से है। एशियाई टर्की - इसको हम तीन प्राकृतिक भागों में विभाजित कर सकते हैं: 1.

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नित्यानन्द स्वामी (राजनीतिज्ञ)

यह लेख नित्यानन्द स्वामी (राजनीतिज्ञ) पर है, अन्य नित्यानन्द स्वामी लेखों के लिए देखें नित्यानन्द स्वामी नित्यानन्द स्वामी भारत के उत्तराखण्ड राज्य के भूतपूर्व मुख्यमन्त्री हैं। उनके शासनकाल में उत्तराखण्ड का नाम उत्तरांचल था। वे राज्य के प्रथम मुख्यमन्त्री थे और उनका शासनकाल ९ नवम्बर, २००० से लेकर २९ अक्टूबर, २००१ तक चला। इनका जन्म २७ दिसंबर, १९२७ को हरियाणा राज्य में हुआ था, लेकिन उन्होनें अपना लगभग सारा जीवन देहरादून में बिताया जहाँ पर उनके पिता भारतीय वानिकी संस्थान में कार्यरत थे। उनका विवाह चन्द्रकान्ता स्वामी से हुआ और उनकी चार बेटियाँ हैं। कम आयु में ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम से जुड़ गए और देहरादून में उन्होंने स्थानीय विरोधों में भागीदारी की। ये पेशे से एक वकील हैं और जन संघ से जुड़कर उन्होनें सक्रीय राजनीति में प्रवेश किया। व्यावसायिक रूप से वकील, स्वामी ने जनसंघ के अन्तर्गत सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। नित्यानन्द पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गए और बाद में भारतीय जनता पार्टी में पहुँचे हैं। राजनीति की सीढ़ी चढ़कर, वह गढ़वाल और कुमाऊँ के सबसे बड़े (क्षेत्र-वार) स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद में चुने गए। वह १९९१ में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के उपाध्यक्ष बने और १९९२ में सर्वसम्मति से उसी के अध्यक्ष चुने गए। वर्ष २००० में उत्तरांचल (अब उत्तराखण्ड) के पृथक राज्य बनने पर, भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें नए राज्य के मुख्यमन्त्री का पदभार सम्भालने के लिए कहा। उन्होने ९ नवम्बर २००० से २९ अक्टूबर २००१ तक पदभार ग्रहण किया और फिर भाजपा के कहने पर भगत सिंह कोश्यारी के पक्ष में स्वेछिक पदत्याग किया। तबसे लेकर वे अपने निवास चुनावक्षेत्र लक्ष्मण चौक (देहरादून नगर) से राज्य विधानसभा के लिए दो चुनाव लड़ चुके हैं (२००२ और २००७ में), पर दोनों ही में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दिनेश अग्रवाल से हार गए। तथापि स्वामी एक सक्रीय राजनीतिज्ञ हैं और अपनी पार्टी के सक्रीय सदस्य हैं। .

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फ्रैंक सैज़मैन

Frank Sedgman फ्रैंक सैज़मैन (जन्म: 29 अक्टूबर, 1927) एक ऑस्ट्रेलियाई टेनिस खिलाड़ी हैं। श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:पुरुष टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:टेनिस ग्रैंड स्लैम विजेता.

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बर्मा के प्रधानमंत्री

प्रधान मंत्री बर्मा की सरकार का सर्वोच्च पद है। १९४८ से बर्मा के १० प्रधान मंत्री हो चुके है। बर्मा के सैन्य इतिहास के कारण इस पद पर कई बार सैन्य अधिकारी आसीन हुए है। .

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भारत मे आतंकवाद इतिहास

भारत में आतंकवाद की घटनाएं: .

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भारत में आतंकवाद

भारत बहुत समय से आतंकवाद का शिकार हो रहा है। भारत के काश्मीर, नागालैंड, पंजाब, असम, बिहार आदि विशेषरूप से आतंक से प्रभावित रहे हैं। यहाँ कई प्रकार के आतंकवादी जैसे पाकिस्तानी, इस्लामी, माओवादी, नक्सली, सिख, ईसाई आदि हैं। जो क्षेत्र आज आतंकवादी गतिविधियों से लम्बे समय से जुड़े हुए हैं उनमें जम्मू-कश्मीर, मुंबई, मध्य भारत (नक्सलवाद) और सात बहन राज्य (उत्तर पूर्व के सात राज्य) (स्वतंत्रता और स्वायत्तता के मामले में) शामिल हैं। अतीत में पंजाब में पनपे उग्रवाद में आंतकवादी गतिविधियां शामिल हो गयीं जो भारत देश के पंजाब राज्य और देश की राजधानी दिल्ली तक फैली हुई थीं। 2006 में देश के 608 जिलों में से कम से कम 232 जिले विभिन्न तीव्रता स्तर के विभिन्न विद्रोही और आतंकवादी गतिविधियों से पीड़ित थे। अगस्त 2008 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम.के.

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रामसर सम्मेलन

RAMSAR चिह्न रामसर सम्मेलन नम भूमि के संरक्षण के लिए विश्व स्तरीय प्रयास है। भविष्य के लिए झीलों एवं नम भूमि का संरक्षण‘ विषय पर आधारित इस सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रलय द्वारा राजस्थान सरकार एवं इन्टरनेशनल लेक एन्वायरन्मेंट कमेटी, जापान के सहयोग से किया गया है। बढते शहरीकरण एवं औद्योगीकरण के कारण विश्व भर में झीलों को अनेक प्रकार से क्षति पहुंची है। इसी कारण से सभी देशों में झीलों के पुनरूद्धार एवं उनकी जल की गुणवत्ता को सुधारने के लिए सघन प्रयास किये गये हैं। भारत पहला देश है जिसने कि जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए व्यापक कानून बनाया और इसी के साथ विश्व स्तर पर संरक्षण प्रयासों के तहत १९७१ में नम भूमि पर आयोजित रामसर कन्वेंशन में भी सक्रिय रूप से भागीदारी की थी। भारत में अनेक झीलों के संरक्षण के प्रयासों को विश्व स्तर पर सराहा गया है। चिल्का झील के पुनरुद्धार के लिए देश को रामसर संरक्षण अवार्ड दिया गया। इसी प्रकार भोपाल झील के संरक्षण कार्य की भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हुई है। झीलों तथा नम भूमि के संरक्षण के लिए सर्वप्रथम १९८४ में इस प्रकार का पहला सम्मेलन आयोजित किया गया था तथा इसके बाद दो वर्षों के अंतराल में विश्व के विभिन्न भागों में इसके सम्मेलन निरन्तर हो रहे हैं जो वैज्ञानिक सोच के साथ विकासशील देशों को झीलों तथा नम भूमि के रखरखाव के उपाय सुझाते हैं। उन्होंने आशा प्रकट की कि सम्मेलन में आने वाले सुझाव इस कार्य को एक नई दिशा प्रदान करेंगे। .

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राष्ट्रीय दिवस

ब्राजील की स्वतन्त्रता मनाने के लिये ''आजादी या मौत'' नामक प्रसिद्ध पेंटिंग राष्ट्रीय दिवस किसी देश द्वारा घोषित वह दिन या तिथि होती है जिस दिन कोई भूभाग राष्ट्र के रूप में उदित हुआ। प्रायः इस दिन सार्वजनिक छुट्टी होती है। .

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रोजर फ़ेडरर

रॉजर फ़ेडरर (उच्चारण / rɒdʒə fɛdərər /) (जन्म 8 अगस्त 1981) एक व्यवसायिक स्विस टेनिस खिलाड़ी हैं, जिनकी वर्तमान में एटीपी वरीयता 2 है। उनके नाम 2 फ़रवरी 2004 से 17 अगस्त 2008 तक 237 हफ़्तों तक प्रथम वरीयता पर रहने का रिकॉर्ड है। फ़ेडरर को व्यापक रूप से इस युग के महानतम एकल खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है। फ़ेडरर ने 17 ग्रैंड स्लैम एकल खिताब (4 ऑस्ट्रेलियन ओपन, 7 विम्बलडन, 5 अमरीकी ओपन) | उन्होंने 4 टेनिस मास्टर्स कप खिताब, 16 एटीपी मास्टर्स श्रृंखलाएं, तथा एक ओलम्पिक युगल स्वर्ण पदक जीते हैं। उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं, जिसमें लगातार 10 ग्रैंड स्लैम फ़ाईनलों (2005 विम्बलडन प्रतियोगिता से 2007 अमेरिकी ओपन प्रतियोगिता तक) तथा लगातार 19 ग्रैंड स्लैम सेमीफ़ाइनल मुकाबलों (2004 विम्बलडन से वर्तमान तक) में शामिल होना भी सम्मिलित है। .

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सलोम्

सलोम् सम्पादन Şalom (इब्रानी भाषा: "שלום", हिन्दी: "शांति") का यहूदी तुर्की साप्ताहिक समाचार पत्र में प्रकाशित है। उसका नाम हिब्रू शब्द के तुर्की वर्तनी एसएचएलओएम है। इसे २९ अक्टूबर १९४७ को तुर्की यहूदी पत्रकार आव्रम ळेयोन् द्वारा स्थापित किया गया था। यह इस्तांबुल में छपा है। के अलावा एक यहूदी स्पेनी पृष्ठ से, यह तुर्की में प्रकाशित है। ञकुप बरोकस् उसके संपादक है। इसका प्रचलन के बारे में ५,००० है। .

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हॉकी

मेलबर्न विश्वविद्यालय में फील्ड हॉकी का खेल हॉकी एक ऐसा खेल है जिसमें दो टीमें लकड़ी या कठोर धातु या फाईबर से बनी विशेष लाठी (स्टिक) की सहायता से रबर या कठोर प्लास्टिक की गेंद को अपनी विरोधी टीम के नेट या गोल में डालने की कोशिश करती हैं। हॉकी का प्रारम्भ वर्ष 2010 से 4,000 वर्ष पूर्व मिस्र में हुआ था। इसके बाद बहुत से देशों में इसका आगमन हुआ पर उचित स्थान न मिल सका। भारत में इसका आरम्भ 150 वर्षों से पहले हुआ था। 11 खिलाड़ियों के दो विरोधी दलों के बीच मैदान में खेले जाने वाले इस खेल में प्रत्येक खिलाड़ी मारक बिंदु पर मुड़ी हुई एक छड़ी (स्टिक) का इस्तेमाल एक छोटी व कठोर गेंद को विरोधी दल के गोल में मारने के लिए करता है। बर्फ़ में खेले जाने वाले इसी तरह के एक खेल आईस हॉकी से भिन्नता दर्शाने के लिए इसे मैदानी हॉकी कहते हैं। चारदीवारी में खेली जाने वाली हॉकी, जिसमें एक दल में छह खिलाड़ी होते हैं और छह खिलाड़ी परिवर्तन के लिए रखे जाते हैं। हॉकी के विस्तार का श्रेय, विशेषकर भारत और सुदूर पूर्व में, ब्रिटेन की सेना को है। अनेक अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आह्वान के फलस्वरूप 1971 में विश्व कप की शुरुआत हुई। हॉकी की अन्य मुख्य अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं हैं- ओलम्पिक, एशियन कप, एशियाई खेल, यूरोपियन कप और पैन-अमेरिकी खेल। दुनिया में हॉकी निम्न प्रकार से खेली जाती है।.

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जयपुर का इंडियन ऑयल डिपो अग्निकांड

जयपुर इंडियन ऑयल डिपो अग्निकांड गुरूवार २९ अक्टूबर २००९ को हुआ था। इस अग्निकाण्ड में राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर शहर के निकट स्थित सांगानेर में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के तेल भण्डार डिपो में भीषण आग लग गई जिसमें कंपनी को जहाँ करोड़ों की हानि हुई, वहीं इस दुर्घटना में ११ लोगों की मृत्यु भी हो गयी। .

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जूलियस न्येरेरे

जूलियस न्येरेरे जूलियस कम्बरागे न्येरेरे (१३ अप्रैल १९२२ - १४ अक्टूबर १९९९) तंजानिया और पहले तन्गंयिका के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में, १९६१ में देश की स्थापना से १९८५ में सेवानिवृत्ति तक सेवा की। न्येरेरे राजनीति में आने से पहले शिक्षक के पेशे की वजह से स्वाहिली नाम 'म्वालिमु' या 'गुरु' से जाने जाते हैं। उन्हें 'बाबा व तैफा' (राष्ट्रपिता) के रूप में भी जाना जाता है। वर्ष १९७३ में इन्हें जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से नवाजा गया। श्रेणी:राजनीतिज्ञ.

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जेम्स यंग सिंपसन

सर जेम्स यंग सिम्पसन (७ जून १८११ – ६ मई १८७०) एक स्खॉटिश डॉक्टर थे। सिम्पसन ने क्लोरोफार्म का निष्चेतक के रूप में अन्वेषण किया था। एडनबरा से २३ किलोमीटर दूर बाथगेट नामक स्थान पर एक हुआ था।। आज की बात।।१९ अगस्त, २००९। रिंकू,।सीवान, बिहार उनके पिता बहुत कम आमदनी पाने वाले बहुत साधारण से आदमी थे। सेम्पसन पढने लिखने में बहुत ही होशियार थे हर बात कि लगन थी उन में सिर्फ़ १४ साल कि उम्र में उन्होंने एडनबरा विश्वविधालय में दाखिला ले लिए था और मात्र १८ साल कि उम्र में अपनी डाक्टरी कि पढाई पूर्ण कर ली थी। इसके खोज का इतिहास भी रोचक है। क्लोरोफॉर्म की खोज एडनबरा के एक डाक्टर ने की थी। एक बार उनके अस्पताल में एक रोगी के खराब टांग का आपरेशन करने हेतु उसके हाथ पांव रस्सी से बाँध दिए गए। उसकी टांग में एक घाव हो गया था जो सड़ चुका था उसकी टांग काटनी पड़ी थी। जब उसकी टांग काटी गई तो वह मरीज तो दर्द के मारे बेहोश हो गया। उसके साथ ही डाक्टर सेम्प्सन जो उस वक्त पढ़ाई कर रहे थे वह भी बेहोश हो गए। होश में आने पर उन्होंने प्रतिज्ञा कि वह कोई ऐसा आविष्कार करेंगे जिस से मरीज को इतना कष्ट न हो। जब उन्होंने इस के बारे में अपने साथ पढने वाले मित्रों से बात करी तब सब ने उनका मजाक बनाया पर उन्होंने हिम्मत नही हारी। तरल अवस्था में क्लोरोफॉर्म एक परखनली में डाक्टर बन जाने के बाद भी अपनी प्रतिज्ञा भूले नही उन्होंने इस दवाई कि खोज जारी रखे जिस से शल्य-क्रिया के समय कोई रोगी दर्द न सहे। ४ नवम्बर १८४७ को कोई प्रयोग करते समय उनकी नज़र अपने सहयोगी डाक्टर पर पड़ी जो उनकी बनायी एक दवा सूंघ रहे थे और देखते ही देखते वह बेहोश हो गए। सेम्प्सन ने उसको ख़ुद सूंघ के देखा उनकी भी वही हालत हुई जो उनके सहयोगी डाक्टर की हुई थी। तभी उनकी पत्नी वहाँ आई और यह देख कर चीख उठी और किसी और डाक्टर ने डाक्टर सेम्प्सन की नाडी देखी वह ठीक चल रही थी उसी समय डाक्टर सेम्प्सन ने आँखे खोल दी और होश में आते ही वह चिल्लाए कि मिल गया, बेहोश कर के दुबारा होश में आने का नुस्खा मिल गया। बाद में इस में कई परिवर्तन किए गए और यही दवा रोगियों के लिए एक वरदान साबित हुई। क्लोरोफॉर्म का चिकित्सा जगत में प्रयोग १८४७ से ही आरंभ हो गया था, किन्तु जल्द ही रोगियों पर इसके पड़ने वाले विपरीत प्रभाव के कारण इसके प्रयोग पर शंकाएं उठने लगीं थीं।।हिन्दुस्तान लाइव।२९ अक्टूबर, २००९। बीसवीं शताब्दी के आरंभ में क्लोरोफॉर्म के स्थान पर सुरक्षित और सस्ती दवाएं इस्तेमाल में लाई जाने लगी थीं। आज चिकित्साजगत में अन्य दवाओं के साथ-साथ हेलोथेन, आइसोफ्लुरेन और सेवोफ्लुरेन का प्रयोग इसके स्थान पर किया जाता है। .

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विश्व धरोहर

यूनेस्को की विश्व विरासत समिति का लोगो युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है। अब तक (2006 तक) पूरी दुनिया में लगभग 830 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 644 सांस्कृतिक, 24 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं। प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो; परंतु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए इनका संरक्षण करें। बल्कि पूरे विश्व समुदाय को इसके संरक्षण की जिम्मेवारी होती है। .

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आर एल स्टाईनका: द हाँटींग हॉर

आर.

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क्रिस्टीना फर्नांडीज डी किर्चनेर

क्रिस्टीना किर्चेनेर क्रिस्टीना फर्नांडीज डी किर्चनेर (जन्म 19 फरवरी, 1953), एक वकील एवम् राजनेता हैं। वह २००७ से २०१५ तक अर्जेन्टीना की राष्ट्रपति थी।। .

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क्लोरोफॉर्म

क्लोरोफ़ॉर्म (अंग्रेज़ी:Chloroform) या ट्राईक्लोरो मिथेन (अंग्रेज़ी:Trichloro methane) एक कार्बनिक यौगिक है, जिसका रासयनिक सूत्र CHCl3 है। यह एक रंगहीन और सुगंधित तरल पदार्थ होता है जिसे चिकित्सा क्षेत्र में किसी रोगी को शल्य क्रिया किए जाने के लिए मूर्छित करने हेतु निष्चेतक। याहू जागरण।। डॉ॰ मुमुक्षु दीक्षित: सीनियर कन्सल्टेट एनेस्थेटिस्ट।१४ अक्टूबर, २००८ के रूप में प्रयोग किया जाता था। ।हिन्दुस्तान लाइव।२९ अक्टूबर, २००९।। निश्चेतना विज्ञान (एनेस्थीसिया) के अंतर्गत निष्चेतक देने वाले डॉक्टर के तीन महत्वपूर्ण प्रयोजन होते हैं, जिनमें पहला, शल्य-क्रिया के लिए रोगी को मूर्छा की स्थिति में पहुंचाकर उसे पुन: सकुशल अवस्था में लाना होता है। इसके बाद दूसरा काम रोगी को दर्द से छुटकारा दिलाना तथा तीसरा काम शल्य-चिकित्सक की आवश्यकतानुसार रोगी की मांसपेशियों को कुछ ढीला करने का प्रयास करना होता है। आरंभिक काल में एक ही निष्चेतक यानि ईथर या क्लोरोफॉर्म से उपरोक्त तीनों काम किये जाते थे, किंतु क्लोरोफॉर्म की मात्रा के कम या अधिक होने से रोगी पर सुरक्षापूर्वक वांछित परिणाम नहीं मिल पाते थे, जिस कारण से चिकित्सा विज्ञान में अनेक शोध जारी रहे और आज इस क्षेत्र में हुई प्रगति से संतुलित निष्चेतक के माध्यम से रोगियों को भिन्न-भिन्न औषधियों के प्रभाव से आवश्यकतानुरूप वांछित परिणाम मिलते हैं। वर्तमान चिकित्सा में इसका प्रयोग बंद कर दिया गया है। आज क्लोरोफॉर्म का प्रयोग रसायन और साबुन इत्यादि बनाने में किया जाता है। इसका निर्माण इथेनॉल के साथ क्लोरीन की अभिक्रिया कराने के बाद होता है। यह विषैला होता है और इस कारण इसे सावधानीपूर्वक प्रयोग किया जाना चाहिए। क्लोरोफॉर्म के अधिक निकटस्थ प्रयोग रहने से शरीर के कई अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है। .

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अब्दुल्लाह ग्युल

अब्दुल्लाह ग्युल अब्दुल्लाह ग्युल (तुर्क: Abdullah Gül, जन्म 29 अक्टूबर, 1949) तुर्की के प्रधानमन्त्री और विदेशमन्त्री थे। .

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अकबर

जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर (१५ अक्तूबर, १५४२-२७ अक्तूबर, १६०५) तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था। अकबर को अकबर-ऐ-आज़म (अर्थात अकबर महान), शहंशाह अकबर, महाबली शहंशाह के नाम से भी जाना जाता है। अंतरण करने वाले के अनुसार बादशाह अकबर की जन्म तिथि हुमायुंनामा के अनुसार, रज्जब के चौथे दिन, ९४९ हिज़री, तदनुसार १४ अक्टूबर १५४२ को थी। सम्राट अकबर मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पौत्र और नासिरुद्दीन हुमायूं एवं हमीदा बानो का पुत्र था। बाबर का वंश तैमूर और मंगोल नेता चंगेज खां से संबंधित था अर्थात उसके वंशज तैमूर लंग के खानदान से थे और मातृपक्ष का संबंध चंगेज खां से था। अकबर के शासन के अंत तक १६०५ में मुगल साम्राज्य में उत्तरी और मध्य भारत के अधिकाश भाग सम्मिलित थे और उस समय के सर्वाधिक शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक था। बादशाहों में अकबर ही एक ऐसा बादशाह था, जिसे हिन्दू मुस्लिम दोनों वर्गों का बराबर प्यार और सम्मान मिला। उसने हिन्दू-मुस्लिम संप्रदायों के बीच की दूरियां कम करने के लिए दीन-ए-इलाही नामक धर्म की स्थापना की। उसका दरबार सबके लिए हर समय खुला रहता था। उसके दरबार में मुस्लिम सरदारों की अपेक्षा हिन्दू सरदार अधिक थे। अकबर ने हिन्दुओं पर लगने वाला जज़िया ही नहीं समाप्त किया, बल्कि ऐसे अनेक कार्य किए जिनके कारण हिन्दू और मुस्लिम दोनों उसके प्रशंसक बने। अकबर मात्र तेरह वर्ष की आयु में अपने पिता नसीरुद्दीन मुहम्मद हुमायुं की मृत्यु उपरांत दिल्ली की राजगद्दी पर बैठा था। अपने शासन काल में उसने शक्तिशाली पश्तून वंशज शेरशाह सूरी के आक्रमण बिल्कुल बंद करवा दिये थे, साथ ही पानीपत के द्वितीय युद्ध में नवघोषित हिन्दू राजा हेमू को पराजित किया था। अपने साम्राज्य के गठन करने और उत्तरी और मध्य भारत के सभी क्षेत्रों को एकछत्र अधिकार में लाने में अकबर को दो दशक लग गये थे। उसका प्रभाव लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर था और इस क्षेत्र के एक बड़े भूभाग पर सम्राट के रूप में उसने शासन किया। सम्राट के रूप में अकबर ने शक्तिशाली और बहुल हिन्दू राजपूत राजाओं से राजनयिक संबंध बनाये और उनके यहाँ विवाह भी किये। अकबर के शासन का प्रभाव देश की कला एवं संस्कृति पर भी पड़ा। उसने चित्रकारी आदि ललित कलाओं में काफ़ी रुचि दिखाई और उसके प्रासाद की भित्तियाँ सुंदर चित्रों व नमूनों से भरी पड़ी थीं। मुगल चित्रकारी का विकास करने के साथ साथ ही उसने यूरोपीय शैली का भी स्वागत किया। उसे साहित्य में भी रुचि थी और उसने अनेक संस्कृत पाण्डुलिपियों व ग्रन्थों का फारसी में तथा फारसी ग्रन्थों का संस्कृत व हिन्दी में अनुवाद भी करवाया था। अनेक फारसी संस्कृति से जुड़े चित्रों को अपने दरबार की दीवारों पर भी बनवाया। अपने आरंभिक शासन काल में अकबर की हिन्दुओं के प्रति सहिष्णुता नहीं थी, किन्तु समय के साथ-साथ उसने अपने आप को बदला और हिन्दुओं सहित अन्य धर्मों में बहुत रुचि दिखायी। उसने हिन्दू राजपूत राजकुमारियों से वैवाहिक संबंध भी बनाये। अकबर के दरबार में अनेक हिन्दू दरबारी, सैन्य अधिकारी व सामंत थे। उसने धार्मिक चर्चाओं व वाद-विवाद कार्यक्रमों की अनोखी शृंखला आरंभ की थी, जिसमें मुस्लिम आलिम लोगों की जैन, सिख, हिन्दु, चार्वाक, नास्तिक, यहूदी, पुर्तगाली एवं कैथोलिक ईसाई धर्मशस्त्रियों से चर्चाएं हुआ करती थीं। उसके मन में इन धार्मिक नेताओं के प्रति आदर भाव था, जिसपर उसकी निजि धार्मिक भावनाओं का किंचित भी प्रभाव नहीं पड़ता था। उसने आगे चलकर एक नये धर्म दीन-ए-इलाही की भी स्थापना की, जिसमें विश्व के सभी प्रधान धर्मों की नीतियों व शिक्षाओं का समावेश था। दुर्भाग्यवश ये धर्म अकबर की मृत्यु के साथ ही समाप्त होता चला गया। इतने बड़े सम्राट की मृत्यु होने पर उसकी अंत्येष्टि बिना किसी संस्कार के जल्दी ही कर दी गयी। परम्परानुसार दुर्ग में दीवार तोड़कर एक मार्ग बनवाया गया तथा उसका शव चुपचाप सिकंदरा के मकबरे में दफना दिया गया। .

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१८५१

कोई विवरण नहीं।

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१८५९

1859 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१८६३

1863 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९२३

कोई विवरण नहीं।

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१९२७

1927 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९२९

1929 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९४५

1945 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९९९

१९९९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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