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२८ अगस्त

सूची २८ अगस्त

28 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 240वॉ (लीप वर्ष में 241 वॉ) दिन है। साल में अभी और 125 दिन बाकी है। .

25 संबंधों: दीपक तिजोरी, परमाणु परीक्षण, पाउला फर्नांडीस, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो, फ़िराक़ गोरखपुरी, बरमूडा त्रिभुज, बिग बैंग सिद्धांत, भारत के उच्च न्यायालयों की सूची, भारतीय रेल (पत्रिका), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, रेस तीसरी दुनिया तक, शंघाई विश्व वित्तीय केन्द्र, जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय, आई सी सी ट्वेन्टी 20, उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन, १९०४, १९१६, १९२२, १९२४, १९५६, १९६१, १९७२, १९८४, १९८६, १९९२

दीपक तिजोरी

दीपक तिजोरी (जन्म: 28 अगस्त, 1961) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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परमाणु परीक्षण

२७ मार्च, १९५४ को अमरीका द्वारा किये गये कैसल रोमियो नाभिकीय परीक्षण का चित्र "बेकर शॉट", संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया ऑपरेशन क्रॉसरोड्स अभियान का एक भाग, १९४६ नाभिकीय अस्त्र परीक्षण (अंग्रेज़ी:Nuclear weapons tests) या परमाण परीक्षण उन प्रयोगों को कहते हैं जो डिजाइन एवं निर्मित किये गये नाभिकीय अस्त्रों के प्रभाविकता, उत्पादकता एवं विस्फोटक क्षमता की जाँच करने के लिये किये जाते हैं। परमाणु परीक्षणों से कई जानकारियाँ प्राप्त होतीं हैं; जैसे - ये नाभिकीय हथियार कैसा काम करते हैं; विभिन्न स्थितियों में ये किस प्रकार का परिणाम देते हैं; भवन एवं अन्य संरचनायें इन हथियारों के प्रयोग के बाद कैसा बर्ताव करतीं हं। सन् १९४५ के बाद बहुत से देशों ने परमाणु परीक्षण किये। इसके अलावा परमाणु परीक्षणों से वैज्ञानिक, तकनीकी एवं सैनिक शक्ति का प्रदर्शन करने की कोशिश भी की जाती है। .

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पाउला फर्नांडीस

पाउला फर्नांडीस पाउला फर्नांडीस डी सूजा जन्म २८ अगस्त, १९८४ एक ब्राज़ीलियाई देश की गायिका-गीतकार.

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पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो

पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (अंग्रेज़ी:ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एण्ड डवलपमेंट, लघु:बी.पी.आर एण्ड डी) की स्थापना पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के बारे में भारत सरकार के उद्देश्य को पूरा करने के लिए २८ अगस्त, १९७० को की गई थी।- पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो अब यह बहुआयामी एवं परामर्शदाता संगठन है और इसके चार प्रभाग हैं। मूल रूप से संस्थान में दो प्रभाग होते थे: अनुसंधान एवं विकास प्रभाग। बाद में १९७३ में प्रशिक्षण प्रभाग जोड़ा गया। इसके बाद १९८३ में फॉरेन्ज़िक विज्ञान प्रभाग और १९९५ में दिष-सुधार प्रशासन प्रभाग जुड़े। इसके साथ साथ कुछ अन्य विभागों ने संस्थान के कुछ कार्य संभाले, जैसे १९७६ में अपराध विज्ञान एवं फॉरेन्ज़िक विज्ञान ने कुछ संबंधित कार्य संभाला। इस विभाग को बाद में लोक नायक जय प्रकाश नारायण राष्ट्रीय अपराध विज्ञान एवं फॉरेन्ज़िक विज्ञान नाम दिया गया। १९८६ में राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो और २००२ में फॉरेन्ज़िक विज्ञान निदेशालय ने संभाला। .

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फ़िराक़ गोरखपुरी

फिराक गोरखपुरी (मूल नाम रघुपति सहाय) (२८ अगस्त १८९६ - ३ मार्च १९८२) उर्दू भाषा के प्रसिद्ध रचनाकार है। उनका जन्म गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में कायस्थ परिवार में हुआ। इनका मूल नाम रघुपति सहाय था। रामकृष्ण की कहानियों से शुरुआत के बाद की शिक्षा अरबी, फारसी और अंग्रेजी में हुई। .

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बरमूडा त्रिभुज

यह, जिसे शैतान के त्रिकोण के रूप में भी जाना जाता है, उत्तर पश्चिम अटलांटिक महासागर का एक क्षेत्र है जिसमे कुछ विमान और सतही त्रुटि (human error) या प्रकृति के कृत्यों (acts of nature) की सीमाओं के परे है। लोकप्रिय संस्कृति ने गायब होने की कुछ घटनाओं को अपसामान्य (paranormal), भौतिकी के नियमों (laws of physics) के निलंबन, या भूमि से परे की जीवित वस्तुओं (extraterrestrial beings)। की गतिविधियों से सम्बद्ध बताया। हालांकि बाद के लेखकों द्वारा अस्पष्ट रूप से सूचित या सृजित अनेक घटनाओं को प्रदर्शित करते हुए वास्तविक दस्तावेज उपलब्ध हैं और अनेक सरकारी एजेंसियों ने समुद्र के अन्य क्षेत्र के समान गायब होने की प्रकृति और उल्लेखित संख्या और दस्तावेजों पर कार्य किया है, परन्तु यथोचित जांच के बाद भी अनेक अवर्णित रह गए हैं। .

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बिग बैंग सिद्धांत

महाविस्फोट प्रतिरूप के अनुसार, यह ब्रह्मांड अति सघन और ऊष्म अवस्था से विस्तृत हुआ है और अब तक इसका विस्तार चालू है। एक सामान्य धारणा के अनुसार अंतरिक्ष स्वयं भी अपनी आकाशगंगाओं सहित विस्तृत होता जा रहा है। ऊपर दर्शित चित्र ब्रह्माण्ड के एक सपाट भाग के विस्तार का कलात्मक दृश्य है। ब्रह्मांड का जन्म एक महाविस्फोट के परिणामस्वरूप हुआ। इसी को महाविस्फोट सिद्धान्त या बिग बैंग सिद्धान्त कहते हैं।।अमर उजाला।। श्य़ामरत्न पाठक, तारा भौतिकविद, जिसके अनुसार से लगभग बारह से चौदह अरब वर्ष पूर्व संपूर्ण ब्रह्मांड एक परमाण्विक इकाई के रूप में था।।बीबीसी हिन्दी।। बीबीसी संवाददाता, लंदन:ममता गुप्ता और महबूब ख़ान उस समय मानवीय समय और स्थान जैसी कोई अवधारणा अस्तित्व में नहीं थी।।हिन्दुस्तान लाइव।।२७ अक्टूबर, २००९ महाविस्फोट सिद्धांत के अनुसार लगभग १३.७ अरब वर्ष पूर्व इस धमाके में अत्यधिक ऊर्जा का उत्सजर्न हुआ। यह ऊर्जा इतनी अधिक थी जिसके प्रभाव से आज तक ब्रह्मांड फैलता ही जा रहा है। सारी भौतिक मान्यताएं इस एक ही घटना से परिभाषित होती हैं जिसे महाविस्फोट सिद्धांत कहा जाता है। महाविस्फोट नामक इस महाविस्फोट के धमाके के मात्र १.४३ सेकेंड अंतराल के बाद समय, अंतरिक्ष की वर्तमान मान्यताएं अस्तित्व में आ चुकी थीं। भौतिकी के नियम लागू होने लग गये थे। १.३४वें सेकेंड में ब्रह्मांड १०३० गुणा फैल चुका था और क्वार्क, लैप्टान और फोटोन का गर्म द्रव्य बन चुका था। १.४ सेकेंड पर क्वार्क मिलकर प्रोटॉन और न्यूट्रॉन बनाने लगे और ब्रह्मांड अब कुछ ठंडा हो चुका था। हाइड्रोजन, हीलियम आदि के अस्तित्त्व का आरंभ होने लगा था और अन्य भौतिक तत्व बनने लगे थे। महाविस्फोट सिद्धान्त के आरंभ का इतिहास आधुनिक भौतिकी में जॉर्ज लिमेत्री ने लिखा हुआ है। लिमेत्री एक रोमन कैथोलिक पादरी थे और साथ ही वैज्ञानिक भी। उनका यह सिद्धान्त अल्बर्ट आइंसटीन के प्रसिद्ध सामान्य सापेक्षवाद के सिद्धांत पर आधारित था। महाविस्फोट सिद्धांत दो मुख्य धारणाओं पर आधारित होता है। पहला भौतिक नियम और दूसरा ब्रह्माण्डीय सिद्धांत। ब्रह्माण्डीय सिद्वांत के मुताबिक ब्रह्मांड सजातीय और समदैशिक (आइसोट्रॉपिक) होता है। १९६४ में ब्रिटिश वैज्ञानिक पीटर हिग्गस ने महाविस्फोट के बाद एक सेकेंड के अरबें भाग में ब्रह्मांड के द्रव्यों को मिलने वाले भार का सिद्धांत प्रतिपादित किया था, जो भारतीय वैज्ञानिक सत्येन्द्र नाथ बोस के बोसोन सिद्धांत पर ही आधारित था। इसे बाद में 'हिग्गस-बोसोन' के नाम से जाना गया। इस सिद्धांत ने जहां ब्रह्मांड की उत्पत्ति के रहस्यों पर से पर्दा उठाया, वहीं उसके स्वरूप को परिभाषित करने में भी मदद की।। दैट्स हिन्दी॥।१० सितंबर, २००८। इंडो-एशियन न्यूज सर्विस। .

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भारत के उच्च न्यायालयों की सूची

भारतीय उच्च न्यायालय भारत के उच्च न्यायालय हैं। भारत में कुल २४ उच्च न्यायालय है जिनका अधिकार क्षेत्र कोई राज्य विशेष या राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के एक समूह होता हैं। उदाहरण के लिए, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय, पंजाब और हरियाणा राज्यों के साथ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को भी अपने अधिकार क्षेत्र में रखता हैं। उच्च न्यायालय भारतीय संविधान के अनुच्छेद २१४, अध्याय ५ भाग ६ के अंतर्गत स्थापित किए गए हैं। न्यायिक प्रणाली के भाग के रूप में, उच्च न्यायालय राज्य विधायिकाओं और अधिकारी के संस्था से स्वतंत्र हैं .

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भारतीय रेल (पत्रिका)

“भारतीय रेल” का मुखपृष्ठभारतीय रेल पत्रिका रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) द्वारा प्रकाशित मासिक हिंदी पत्रिका है। इस पत्रिका का पहला अंक १५ अगस्त १९६० को प्रकाशित हुआ था और इस पत्रिका की शुरूआत के पीछे तत्कालीन रेल मंत्री स्व.श्री लाल बहादुर शास्त्री तथा बाबू जगजीवन राम का विशेष प्रयास था। इस पत्रिका का उद्देश्य भारतीय रेलवे में कार्यरत लोगों में साहित्य के प्रति रुचि बढ़ाना, लेखकों को प्रोत्साहित करना, भारतीय रेल से संबंधित जानकारी और सूचनाओं का प्रकाशन करना तथा हिंदी का विकास करना था। इस वर्ष २००९ में यह पत्रिका अपनी गौरवशाली यात्रा के स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश कर रही है। बीते पांच दशकों में इस पत्रिका ने रेल कर्मियों के साथ अन्य पाठक वर्ग में भी अपनी एक विशिष्ट पहचान कायम की है। इसकी साज-सज्जा, विषय सामग्री और मुद्रण में भी निखार आया है। इसके पाठकों की संख्या में भी निरंतर वृद्धि हुई है। रेलों में हिंदी के प्रचार-प्रसार में इस पत्रिका का ऐतिहासिक योगदान रहा है। रेल प्रशासन, रेलकर्मियों और रेल उपयोगकर्ताओं के बीच भारतीय रेल पत्रिका एक मजबूत संपर्क-सूत्र का काम कर रही है। भारतीय रेल पत्रिका तथा उसके संपादकों को पत्रकारिता और साहित्य में विशेष योगदान के लिए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान तथा हिंदी अकादमी, दिल्ली समेत कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है। इस पत्रिका के प्रतिष्ठित लेखकों में स्व.श्री विष्णु प्रभाकर, श्री कमलेश्वर, डॉ॰प्रभाकर माचवे, श्री पुरुषोत्तम दास टंडन, श्री रतनलाल शर्मा, श्री श्रीनाथ सिंह, श्री रामदरश मिश्र, डॉ॰शंकर दयाल सिंह, श्री विष्णु स्वरूप सक्सेना, डॉ॰ महीप सिंह, श्री यशपाल जैन, सुश्री आशारानी व्होरा, श्री शैलेन चटर्जी, श्री लल्लन प्रसाद व्यास, श्री शेर बहादुर विमलेश, श्री अक्षय कुमार जैन, श्री प्रेमपाल शर्मा, श्री आर.के.

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, (संक्षेप में- इसरो) (Indian Space Research Organisation, ISRO) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय बेंगलुरू कर्नाटक में है। संस्थान में लगभग सत्रह हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं। संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक उपलब्ध करवाना है। अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है। 1969 में स्थापित, इसरो अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए तत्कालीन भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR) स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के प्रयासों से 1962 में स्थापित किया गया। भारत का पहला उपग्रह, आर्यभट्ट, जो 19 अप्रैल 1975 सोवियत संघ द्वारा शुरू किया गया था यह गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था बनाया।इसने 5 दिन बाद काम करना बंद कर दिया था। लेकिन ये अपने आप में भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि थी। 7 जून 1979 को भारत ने दूसरा उपग्रह भास्कर 445 किलो का था, पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया। 1980 में रोहिणी उपग्रह पहला भारतीय-निर्मित प्रक्षेपण यान एसएलवी -3 बन गया जिस्से कक्षा में स्थापित किया गया। इसरो ने बाद में दो अन्य रॉकेट विकसित किये। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान उपग्रहों शुरू करने के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी),भूस्थिर कक्षा में उपग्रहों को रखने के लिए ध्रुवीय कक्षाओं और भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान। ये रॉकेट कई संचार उपग्रहों और पृथ्वी अवलोकन गगन और आईआरएनएसएस तरह सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम तैनात किया उपग्रह का शुभारंभ किया।जनवरी 2014 में इसरो सफलतापूर्वक जीसैट -14 का एक जीएसएलवी-डी 5 प्रक्षेपण में एक स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया गया। इसरो के वर्तमान निदेशक ए एस किरण कुमार हैं। आज भारत न सिर्फ अपने अंतरिक्ष संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है बल्कि दुनिया के बहुत से देशों को अपनी अंतरिक्ष क्षमता से व्यापारिक और अन्य स्तरों पर सहयोग कर रहा है। इसरो एक चंद्रमा की परिक्रमा, चंद्रयान -1 भेजा, 22 अक्टूबर 2008 और एक मंगल ग्रह की परिक्रमा, मंगलयान (मंगल आर्बिटर मिशन) है, जो सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश पर 24 सितंबर 2014 को भारत ने अपने पहले ही प्रयास में सफल होने के लिए पहला राष्ट्र बना। दुनिया के साथ ही एशिया में पहली बार अंतरिक्ष एजेंसी में एजेंसी को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने के लिए इसरो चौथे स्थान पर रहा। भविष्य की योजनाओं मे शामिल जीएसएलवी एमके III के विकास (भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए) ULV, एक पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान, मानव अंतरिक्ष, आगे चंद्र अन्वेषण, ग्रहों के बीच जांच, एक सौर मिशन अंतरिक्ष यान के विकास आदि। इसरो को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए साल 2014 के इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के लगभग एक वर्ष बाद इसने 29 सितंबर 2015 को एस्ट्रोसैट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित किया। जून 2016 तक इसरो लगभग 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है, और इसके द्वारा उसने अब तक 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए हैं।http://khabar.ndtv.com/news/file-facts/in-record-launch-isro-flies-20-satellites-into-space-10-facts-1421899?pfrom.

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रेस तीसरी दुनिया तक

रेस तीसरी दुनिया तक (Race to Witch Mountain) २००९ की एक विज्ञान कथा/थ्रिलर फिल्म है जो १९७५ की डिज्नी फिल्म एस्केप टु विच माउंटेन नामक फ़िल्म का रीमेक है। इस श्रेणी की सभी तीनों फ़िल्में 'अलेक्ज़ेंडर की' के १९६८ के उपन्यास "एस्केप टु विच माउंटेन" पर आधारित हैं। फ़िल्म का निर्देशन एंडी फ़िकमान ने किया है। .

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शंघाई विश्व वित्तीय केन्द्र

शंघाई विश्व वित्तीय केन्द्र (चीनी: 上海环球金融中心) चीन के शंघाई नगर के पुडौंग जिले में स्थित एक गगनचुम्बी इमारत है। यह एक मिश्रित उपयोग की इमारत है जिसके भीतर होटल, कार्यालय, सम्मेलन कक्ष, प्रेक्षण डॅक और शॉपिंग मॉल इत्यादी हैं। १४ सितम्बर २००७ के दिन इस इमारत ने अपनी ४९२ मीटर की ऊँचाई प्राप्त कर ली थी और उस समय यह विश्व की दूसरी सबसे ऊँची इमारत थी। इस इमारत में कुल १०१ तल हैं और यह अभी भी (८ जनवरी, २०१२ तक) चीन की सबसे ऊँची इमारत है। यह इमारत २८ अगस्त २००८ को दैनिक कामकाज के लिए खोल दी गई थी और इसका प्रेक्षण डॅक दो दिन बाद खोला गया। अपने डिज़ाइन के लिए इस इमारत को बहुत सराहा गया है और वास्तुकारों द्वारा इसे वर्ष २००८ की सर्वश्रेष्ठ पूर्णनिर्मित इमारत स्वीकृत किया गया था। .

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जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय

जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय जम्मू और कश्मीर राज्य का न्यायालय हैं। इसे २८ अगस्त, १९४३ कश्मीर के महाराजा द्वारा जारी किए गए पेटेंट के आधार पर स्थापित किया गया था। इसकी न्यायालय कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और शीतकालीन राजधानी जम्मू के बीच में परिवर्तित होता रहता है। .

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आई सी सी ट्वेन्टी 20

नीचे ट्वेन्टी 20 में भाग लेने वाली अन्तर्राष्ट्रीय टीमों की सूची दी गई है और साथ ही में उनके द्वारा खेले गये प्रथम मैच की तिथि भी दी गई है।.

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उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन

उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन, उत्तराखण्ड राज्य के बनने से पहले की वे घटनाएँ हैं जो अन्ततः उत्तराखण्ड राज्य के रूप में परिणीत हुईं। राज्य का गठन ९ नवम्बर, २००० को भारत के सत्ताइसवें राज्य के रूप में हुआ। यहाँ पर यह उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड राज्य का गठन बहुत लम्बे संघर्ष और बलिदानों के फलस्वरूप हुआ। उत्तराखण्ड राज्य की माँग सर्वप्रथम १८९७ में उठी और धीरे-धीरे यह माँग अनेकों समय उठती रही। १९९४ में इस माँग ने जनान्दोलन का रूप ले लिया और अन्ततः नियत तिथि पर यह देश का सत्ताइसवाँ राज्य बना। .

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१९०४

1904 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

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१९१६

1916 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

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१९२२

1922 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९२४

1924 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

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१९५६

१९५६ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९६१

1961 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७२

१९७२ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८४

१९८४ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८६

1986 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९९२

1992 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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