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२१ फ़रवरी

सूची २१ फ़रवरी

२१ फरवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ५२वाँ दिन है। वर्ष मे अभी और ३१३ दिन बाकी है (लीप वर्ष मे ३१४)। .

24 संबंधों: चमेली की शादी (1986 फ़िल्म), धुंध (2003 फ़िल्म), नूतन, बुद्ध पूर्णिमा, भारत के महाराज्यपाल, मुमताज़ महल, रानी चेन्नम्मा, रॉबर्ट मुगाबे, शान्ति स्वरूप भटनागर, साहित्य संगीत कला २०१०, सैंटियागो, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', हाल की घटनाएँ नवंबर २००७, हिंदु-जर्मन षडयंत्र, जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक, ईचीरो मिज़ूकी, वॉयस ऑफ़ अमेरिका, खेल जगत २०१०, इरफ़ान ख़ान (कार्टूनिस्ट), अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस, उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव, २००७, १९७९, १९८४, २०१०

चमेली की शादी (1986 फ़िल्म)

चमेली की शादी 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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धुंध (2003 फ़िल्म)

धुंध 2003 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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नूतन

नूतन (४ जून १९३६ - २१ फ़रवरी १९९१), हिन्दी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। नूतन के सौन्दर्य को मिस इंडिया पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह इस पुरस्कार को पाने वाली पहली महिला थीं। नूतन ने ५० से भी अधिक फ़िल्मों में काम किया और उन्हे बहुत से अन्य पुरस्कारों के अलावा ६ बार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला (जो कि अभी तक किसी भी दूसरी अभिनेत्री से अधिक है)। नूतन का जन्म ४ जून १९३६ को एक पढे-लिखे और सभ्रांत परिवार में हुआ था। इनकी माता का नाम श्रीमती शोभना सामर्थ और पिता का नाम श्री कुमारसेन सामर्थ था। नूतन ने अपने फ़िल्मी जीवन की शुरुआत १९५० में की थी जब वह स्कूल में ही पढ़ती थीं। ११ अक्तुबर १९५९ को नूतन ने लेफ़्टिनेंट कमांडर रजनीश बहल से विवाह कर लिया। नूतन के पुत्र मोहनीश बहल भी हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय करते हैं। नूतन की बहन तनुजा और भतीजी काजोल भी हिन्दी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्रियों में शामिल हैं। नूतन के अभिनय को हिन्दी फ़िल्म उद्दोग के सभी बडे नामों ने सराहा है और वह आज भी बहुत सी अदाकाराओं का आदर्श बनी हुई हैं। नूतन का देहांत फरवरी १९९१ को कैंसर के कारण हुआ। जिन फ़िल्मों के लिये नूतन को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिले, उनकी सूची इस प्रकार है.

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बुद्ध पूर्णिमा

बुद्ध पूर्णिमा (वेसक या हनमतसूरी) बौद्ध धर्म में आस्था रखने वालों का एक प्रमुख त्यौहार है। यह बैसाख माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था, इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसी दिन उनका महानिर्वाण भी हुआ था। ५६३ ई.पू.

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भारत के महाराज्यपाल

भारत के महाराज्यपाल या गवर्नर-जनरल (१८५८-१९४७ तक वाइसरॉय एवं गवर्नर-जनरल अर्थात राजप्रतिनिधि एवं महाराज्यपाल) भारत में ब्रिटिश राज का अध्यक्ष और भारतीय स्वतंत्रता उपरांत भारत में, ब्रिटिश सम्प्रभु का प्रतिनिधि होता था। इनका कार्यालय सन 1773 में बनाया गया था, जिसे फोर्ट विलियम की प्रेसीडेंसी का गवर्नर-जनरल के अधीन रखा गया था। इस कार्यालय का फोर्ट विलियम पर सीधा नियंत्रण था, एवं अन्य ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों का पर्यवेक्षण करता था। सम्पूर्ण ब्रिटिश भारत पर पूर्ण अधिकार 1833 में दिये गये और तब से यह भारत के गवर्नर-जनरल बन गये। १८५८ में भारत ब्रिटिश शासन की अधीन आ गया था। गवर्नर-जनरल की उपाधि उसके भारतीय ब्रिटिश प्रांत (पंजाब, बंगाल, बंबई, मद्रास, संयुक्त प्रांत, इत्यादि) और ब्रिटिष भारत, शब्द स्वतंत्रता पूर्व काल के अविभाजित भारत के इन्हीं ब्रिटिश नियंत्रण के प्रांतों के लिये प्रयोग होता है। वैसे अधिकांश ब्रिटिश भारत, ब्रिटिश सरकार द्वारा सीधे शासित ना होकर, उसके अधीन रहे शासकों द्वारा ही शासित होता था। भारत में सामंतों और रजवाड़ों को गवर्नर-जनरल के ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि होने की भूमिका को दर्शित करने हेतु, सन १८५८ से वाइसरॉय एवं गवर्नर-जनरल ऑफ इंडिया (जिसे लघुरूप में वाइसरॉय कहा जाता था) प्रयोग हुई। वाइसरॊय उपाधि १९४७ में स्वतंत्रता उपरांत लुप्त हो गयी, लेकिन गवर्नर-जनरल का कार्यालय सन १९५० में, भारतीय गणतंत्रता तक अस्तित्व में रहा। १८५८ तक, गवर्नर-जनरल को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के निदेशकों द्वारा चयनित किया जाता था और वह उन्हीं को जवाबदेह होता था। बाद में वह महाराजा द्वारा ब्रिटिश सरकार, भारत राज्य सचिव, ब्रिटिश कैबिनेट; इन सभी की राय से चयन होने लगा। १९४७ के बाद, सम्राट ने उसकी नियुक्ति जारी रखी, लेकिन भारतीय मंत्रियों की राय से, ना कि ब्रिटिश मंत्रियों की सलाह से। गवर्नर-जनरल पांच वर्ष के कार्यकाल के लिये होता था। उसे पहले भी हटाया जा सकता था। इस काल के पूर्ण होने पर, एक अस्थायी गवर्नर-जनरल बनाया जाता था। जब तक कि नया गवर्नर-जनरल पदभार ग्रहण ना कर ले। अस्थायी गवर्नर-जनरल को प्रायः प्रान्तीय गवर्नरों में से चुना जाता था। .

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मुमताज़ महल

ताज महल मुमताज़ महल (फ़ारसी: ممتاز محل; उच्चारण /, अर्थ: महल का प्यारा हिस्सा) अर्जुमंद बानो बेगम का अधिक प्रचलित नाम है। इनका जन्म अप्रैल 1593 में आगरा में हुआ था। इनके पिता अब्दुल हसन असफ़ ख़ान एक फारसी सज्जन थे जो नूरजहाँ के भाई थे। नूरजहाँ बाद में सम्राट जहाँगीर की बेगम बनीं। १९ वर्ष की उम्र में अर्जुमंद का निकाह शाहजहाँ से 10 मई, 1612 को हुआ। अर्जुमंद शाहजहाँ की तीसरी पत्नी थी पर शीघ्र ही वह उनकी सबसे पसंदीदा पत्नी बन गईं। उनका निधन बुरहानपुर में 17 जून, 1631 को १४वीं संतान, बेटी गौहरारा बेगम को जन्म देते वक्त हुआ। उनको आगरा में ताज महल में दफनाया गया। .

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रानी चेन्नम्मा

रानी चेनम्मा की अश्वारोही प्रतिमा रानी चेनम्मा (कन्नड: ಕಿತ್ತೂರು ರಾಣಿ ಚೆನ್ನಮ್ಮ) (१७७८ - १८२९) भारत के कर्नाटक के कित्तूर राज्य की रानी थीं। सन् १८२४ में (सन् १८५७ के भारत के स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम से भी ३३ वर्ष पूर्व) उन्होने हड़प नीति (डॉक्ट्रिन ऑफ लेप्स) के विरुद्ध अंग्रेजों से सशस्त्र संघर्ष किया था। संघर्ष में वह वीरगति को प्राप्त हुईं। भारत में उन्हें भारत की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष करने वाले सबसे पहले शासकों में उनका नाम लिया जाता है। रानी चेनम्मा के साहस एवं उनकी वीरता के कारण देश के विभिन्न हिस्सों खासकर कर्नाटक में उन्हें विशेष सम्मान हासिल है और उनका नाम आदर के साथ लिया जाता है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के संघर्ष के पहले ही रानी चेनम्मा ने युद्ध में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे। हालांकि उन्हें युद्ध में कामयाबी नहीं मिली और उन्हें कैद कर लिया गया। अंग्रेजों के कैद में ही रानी चेनम्मा का निधन हो गया। .

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रॉबर्ट मुगाबे

(२००८) रॉबर्ट गैबरियल मुगाबे (जन्म २१ फरवरी, १९२४) ज़िम्बाब्वे के भूतपूर्व राष्ट्रपति हैं। वे १९८० से देश का शीर्ष नेतृत्व कर रहे हैं। वे पहली बार १९६० में ज़िम्बाब्वे अफ़्रीकन नेशनल यूनियन पार्टी के नेता के तौर पर उस समय प्रसिद्ध हुए जब रोडेशिया में गोरे लोगों का अल्पसंख्यक राज चल रहा था एवं जिसके ख़िलाफ़ नेशनल यूनियन ने (१९६४ से १९७९) के दौरान छापामार युद्ध छेड़ रखा था। मुगाबे को प्रभावशाली वक्ता, विवादों में घिरा रहने वाला व्यक्ति एवं लोगों को ध्रुवीकृत करने में माहिर समझा जाने वाला राजनीतिक समझा जाता रहा है। स्वतंत्रता युद्ध के बाद वे अफ़्रीकियों के नायक के तौर पर उभर कर सामने आये थे। 37 सालों के लंबे शासनकाल के बाद, 21 नवम्बर 2017 में हुए तख़्ता पलट की वजह से मुगाबे ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा दिया। .

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शान्ति स्वरूप भटनागर

सर शांति स्वरूप भटनागर, OBE, FRS (२१ फरवरी १८९४ – १ जनवरी १९५५) जाने माने भारतीय वैज्ञानिक थे। इनका जन्म शाहपुर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। इनके पिता परमेश्वरी सहाय भटनागर की मृत्यु तब हो गयी थी, जब ये केवल आठ महीने के ही थे। इनका बचपन अपने ननिहाल में ही बीता। इनके नाना एक इंजीनियर थे, जिनसे इन्हें विज्ञान और अभियांत्रिकी में रुचि जागी। इन्हें यांत्रिक खिलौने, इलेक्ट्रानिक बैटरियां और तारयुक्त टेलीफोन बनाने का शौक रहा। इन्हें अपने ननिहाल से कविता का शौक भी मिला और इनका उर्दु एकांकी करामाती प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाया था। भारत में स्नातकोत्तर डिग्री पूर्ण करने के उपरांत, शोध फ़ैलोशिप पर, ये इंगलैंड गये। इन्होंने युनिवर्सिटी कालेज, लंदन से १९२१ में, रसायन शास्त्र के प्रोफ़ैसर फ़्रेड्रिक जी डोन्नान की देख रेख में, विज्ञान में डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। भारत लौटने के बाद, उन्हें बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से प्रोफ़ैसर पद हेतु आमंत्रण मिला। सन १९४१ में ब्रिटिश सरकार द्वारा इनकी शोध के लिये, इन्हें नाइटहुड से सम्मानित किया गया। १८ मार्च १९४३ को इन्हें फ़ैलो आफ़ रायल सोसायटी चुना गया। इनके शोध विषय में एमल्ज़न, कोलाय्ड्स और औद्योगिक रसायन शास्त्र थे। परन्तु इनके मूल योगदान चुम्बकीय-रासायनिकी के क्षेत्र में थे। इन्होंने चुम्बकत्व को रासायनिक क्रियाओं को अधिक जानने के लिये औजार के रूप में प्रयोग किया था। इन्होंने प्रो॰ आर.एन.माथुर के साथ भटनागर-माथुर इन्टरफ़ेयरेन्स संतुलन का प्रतिपादन किया था, जिसे बाद में एक ब्रिटिश कम्पनी द्वारा उत्पादन में प्रयोग भी किया गया। इन्होंने एक सुन्दर कुलगीत नामक विश्वविद्यालय गीत की रचना भी की थी। इसका प्रयोग विश्वविद्यालय में कार्यक्रमों के पहले होता आया है। भारत के प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू वैज्ञानिक प्रसार के प्रबल समर्थक थे। १९४७ में, भारतीय स्वतंत्रता के उपरांत, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की स्थापना, श्री भटनागर की अध्यक्षता में की गयी। इन्हें सी.एस.आई.आर का प्रथम महा-निदेशक बनाया गया। इन्हें शोध प्रयोगशालाओं का जनक कहा जाता है व भारत में अनेकों बड़ी रासायनिक प्रयोगशालाओं के स्थापन हेतु स्मरण किया जाता है। इन्होंने भारत में कुल बारह राष्ट्रीय प्रयोगशालाएं स्थापित कीं, जिनमें प्रमुख इस प्रकार से हैं.

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साहित्य संगीत कला २०१०

इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .

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सैंटियागो

सैंटियागो या सैंतियागो, दक्षिण अमेरिका के चिली देश की राजधानी है। यह देश के केन्द्रीय घाटी में समुद्र तल से लगभग ५२० मी की उंचाई पर स्थित है। लगभग दो दशकों की निर्बाध आर्थिक प्रगति ने लातिनी अमरीका में सैंटियागो को सबसे आधुनिक शहरों में शुमार कर दिया है और आज यहां दर्जनों शॉपिंग मॉल एवं सैकड़ों उंची इमारते हैं। .

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सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (२१ फरवरी, १८९९ - १५ अक्टूबर, १९६१) हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं। वे जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्य में छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। उन्होंने कहानियाँ, उपन्यास और निबंध भी लिखे हैं किन्तु उनकी ख्याति विशेषरुप से कविता के कारण ही है। .

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हाल की घटनाएँ नवंबर २००७

* गुरुवार, 21 फरवरी, 2008: छत्तीसगढ़ के प्रयागराज राजिम के त्रिवेणी संगम पर कल 21 फ़रवरी माघ पूर्णिमा से पन्द्रह दिवसीय राजिम कुंभ मेला शुरू हो रहा है। छत्तीसगढ़ विधान सभा अध्यक्ष श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय कल शाम 6 बजे राजिम में राजिम कुंभ मेला का शुभारंभ करेंगे। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता करेंगे।.

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हिंदु-जर्मन षडयंत्र

हिन्दु जर्मन षडयन्त्र(नाम), १९१४ से १९१७ के (प्रथम विश्व युद्ध) दौरान ब्रिटिश राज के विरुद्ध एक अखिल भारतीय विद्रोह का प्रारम्भ करने के लिये बनाई योजनायो से सम्बद्ध है। इस षडयन्त्र मे भारतीय राष्ट्वादी सन्गठन के भारत, अमेरिका और जर्मनी के सदस्य शामिल थे। Irish Republicans और जर्मन विदेश विभाग ने इस षड्यन्त्र में भारतीयो का सहयोग किया था। यह षडयन्त्र अमेरिका मे स्थित गदर पार्टी, जर्मनी मे स्थित बर्लिन कमिटी, भारत मे स्थित Indian revolutionary Underground और सान फ़्रांसिसको स्थित दूतावास के द्वारा जर्मन विदेश विभाग ने साथ मिलकर रचा था। सबसे महत्वपूर्ण योजना पंजाब से लेकर सिंगापुर तक सम्पूर्ण भारत में ब्रिटिश भारतीय सेना के अन्दर बगावत फैलाकर विद्रोह का प्रयास करने की थी। यह योजना फरवरी १९१५ मे क्रियान्वित करके, हिन्दुस्तान से ब्रिटिश साम्राज्य को नेस्तनाबूत करने का उद्देश्य लेकर बनाई गयी थी। अन्ततः यह योजना ब्रिटिश गुप्तचर सेवा ने, गदर आन्दोलन मे सेंध लगाकर और कुछ महत्वपूर्ण लोगो को गिरफ्तार करके विफल कर दी थी। उसी तरह भारत की छोटी इकाइयों मे और बटालियनो मे भी विद्रोह को दबा दिया गया था। युगांतर जर्मन साजिश, अन्य संबंधित घटनाओं 1915 सिंगापुर विद्रोह, एनी लार्सन हथियार साजिश एनी लार्सन चक्कर शामिल हैंकाबुल, के विद्रोह.

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जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक

जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक (जन्म २१ फरवरी १९८०) भूटान के पांचवें राजा एवं वांगचुक वंश के मुखिया हैं। वे किसी भी देश के सबसे कम उम्र के राष्ट्राध्यक्ष हैं। श्री खेसर भूटान के राजा जिग्मे सिंघे वांगचुक एवं उनकी तीसरी पत्नी रानी अशी के सबसे बडे़ पुत्र हैं। .

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ईचीरो मिज़ूकी

ईचीरो मिज़ूकी (चीनी: 水木一郎) (7 जनवरी 1948-) एक प्रसिद्ध जापान के गायक, संगीतकार और अभिनेता है। .

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वॉयस ऑफ़ अमेरिका

वॉयस ऑफ़ अमेरिका (अंग्रेज़ी: Voice of America (VOA)) अमेरिकी सरकार की आधिकारिक मल्टीमीडिया प्रसारण सेवा है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय प्रसारण सेवाओं में वॉयस आफ़ अमेरिका एक जाना-माना नाम है। अंग्रेज़ी के अतिरिक्त वीओए अन्य ४४ भाषाओं में भी प्रसारण करता है। इनमें से २५ भाषाओं पर दूरदर्शन पर भी प्रसारण होता है। आधिकारिक जालस्थल इस सेवा का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर के लोगों को विश्व के बारे में अमेरिकी दृष्टिकोण से अवगत कराना है। इस सेवा के वांछित श्रोता मात्र अमेरिका में या अमेरिकी नागरिक ही नहीं है, वरन् पूरे विश्व में इस पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों को सुना जाता है। विश्व में इस सेवा के १२.५ करोड़ श्रोता/उपयोक्ता है। वीओए से प्रतिसप्ताह लगभग १५०० घंटे के समाचार, ज्ञानवर्धक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता है। इस सेवा को उत्कृष्ट बनाने में १३०० कर्मचारियों का सहयोग होता है। वीओए का गठन १९४२ में युद्ध सूचना कार्यालय के अधीन किया गया था जिसका उद्देश्य उस समय यूरोप में चल रहे द्वितीय विश्व युद्ध के समाचारों का प्रसारण करना था। वीओए ने २१ फरवरी, १९४२ को प्रसारण आरम्भ किया। वीओए द्वारा लघुतरंग ट्रान्समीटर ट्रान्समीटरों से प्रसारण किया जाता है और वे कोलम्बिया बॉडकास्टिंग सिस्टम (सीबीएस) द्वारा उपयोग किये जाते हैं। वीओए ने १७ फरवरी, १९४७ को भूतपूर्व सोवियत संघ में भी रेडियो प्रसारण आरम्भ किया।शीत युद्ध के दौरान, वीओए को संयुक्त राज्य सूचना संस्था के अधीन रखा गया। १९८० के दशक में वीओए ने दूरदर्शन सेवा भी आरम्भ की और क्यूबा के लिए विशेष कार्यक्रमों का प्रसारण भी आरम्भ किया। वर्तमान में वीओए के २७ रेडियो प्रसारण स्टूडियो, ३३ प्रोडक्शन एवं रिकॉर्डिंग स्टूडियो, ३० व्यावसायिक मिक्सिंग एवं डबिंग स्टेशन, ४ दूरदर्शन स्टूडियो, २१ वीडियो संपादन सूट्स एवं मास्टर नियंत्रण, रिकॉर्डिंग, रीशिड्यूलिंग एवं फ़ीड इन्टेक की विभिन्न सुविधाएं हैं। इनका ३०,०००व र्ग फ़ीट का समाचार केन्द्र है जिसमें २४ घंटे, ३६५ दिन १५० से २०० समाचार रिपोर्टें प्रतिदिन सभी भाशाओं की सेवाओं एवं कार्यक्रमों के लिये कार्यरत हैं। यहां २२ अंतर्देशीय एवं १६ सूदूर संवाददातागण हैं, जिनके संग ९० अंशकालिक संवाददाता भी कार्यरत हैं, जिन्हें स्ट्रिंजर्स कहते हैं। वॉयस ऑफ अमेरिका की हिंदी सेवा को ५३ वर्षों की सेवा उपरांत ३० सितंबर २००८ को बंद कर दिया गया है। .

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खेल जगत २०१०

इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .

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इरफ़ान ख़ान (कार्टूनिस्ट)

इरफ़ान ख़ान (पूरा नाम मोहम्मद इरफ़ान खान- जन्म ४ नवंबर १९६६) का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में हुआ था। स्थानीय अखबार दैनिक भास्कर और स्वदेश में सन ८२-१९८९ तक कार्टून बनाते रहे। दिल्ली की श्रीधरणी आर्ट गैलरी में अपनी प्रदर्शिनी के दौरान वे नवभारत टाइम्स लखनऊ के लिये चुन लिये गए। १९९४ में दिल्ली आकर इकोनोमिक टाइम्स, फ़ाइनेन्शिअल एक्स्प्रेस,एशियन ऐज, में स्टाफ़ कार्टूनिस्ट रहे। २००० में ज़ी न्यूज़ में वरिष्ठ कार्टूनिस्ट के पद पर काम करते हुए अपना टाक शो शख्शियत होस्ट किया, २००३ में एनडीटीवी के शो गुस्ताखी माफ़ की स्क्रिप्ट लिखी और सहारा समय पर इतनी सी बात होस्ट किया। अब तक ३ संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। एन्सीईआरटी के पाठ्यक्रम की पुस्तकों में इरफ़ान सहित देश के विभिन अन्य कार्टूनिस्टों के संपादकीय कार्टूनों को भी शामिल किया गया था। जापान फ़ाउन्डेशन ने "एशियाई कार्टून प्रदशनी" के अपने वार्षिक कार्यक्रम के तहत, २००५ में नौवी प्रदर्शिनी के लिए प्रत्येक एशियाई देश से एक कार्टूनिस्ट के चयन हेतु भारत की ओर से इरफ़ान का चयन किया। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित इरफ़ान अब तक ६ कार्टून प्रदर्शिनियाँ कर चुके हैं। जिनमें क्रिकेट, आतंकवाद, साम्प्रदायिक्ता और ग्लोबल वार्मिन्ग पर प्रदर्शिनियाँ काफ़ी चर्चित रही हैं। २००७ में मिड डे अखबार में भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश पर कार्टून बनाने पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने इरफ़ान को ४ महीने की सज़ा सुनाई। यह मामला अभी उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। .

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अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस २१ फ़रवरी को मनाया जाता है। १७ नवंबर, १९९९ को यूनेस्को ने इसे स्वीकृति दी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि विश्व में भाषाई एवँ सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषिता को बढ़ावा मिले। यूनेस्को द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की घोषणा से बांग्लादेश के भाषा आन्दोलन दिवस (बांग्ला: ভাষা আন্দোলন দিবস / भाषा आन्दोलोन दिबॉश) को अन्तर्राष्ट्रीय स्वीकृति मिली, जो बांग्लादेश में सन १९५२ से मनाया जाता रहा है। बांग्लादेश में इस दिन एक राष्ट्रीय अवकाश होता है। २००८ को अन्तर्राष्ट्रीय भाषा वर्ष घोषित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के महत्व को फिर दोहराया है। .

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उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव, २००७

उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव, २००७ भारत के उत्तराखण्ड राज्य में हुआ दूसरा विधानसभा चुनाव था। इससे पहले वर्ष २००२ में राज्य में प्रथम विधानसभा चुनाव हुआ था। दूसरा विधानसभा चुनाव २१ फ़रवरी २००७ को हुआ था तथा मतगणना २७ फ़रवरी २००७ को हुई थी। www.ceo.uk.gov.in चुनाव मतदान का समय प्रातः आठ बजे से सायं पाँच बजे तक का था। इन चुनावों में कुल मतदाताओं की संख्या ६०,८२,७५५ थी जिसमें से ३०,३२,१९१ पुरुष और २९,६८,३५१ महिलाएँ थी। इस विधानसभा चुनाव में कुल प्रत्याशियों की संख्या ८०६ थी जिसमें से ७५० पुरुष और ५६ महिलाएँ थी। .

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१९७९

1979 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८४

१९८४ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२०१०

वर्ष २०१० वर्तमान वर्ष है। यह शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष २०१० को अंतराष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

21 फरवरी, 21 फ़रवरी, २१ फरवरी

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