लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

१९४६

सूची १९४६

1946 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

84 संबंधों: एट डेज़ (1946 फ़िल्म), झारखण्ड के मुख्यमन्त्रियों की सूची, डेट्रॉयट पिस्टन्स, डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, तमिल नाडु के राज्यपालों की सूची, द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस - १८५७, दुनिया एक सराय, दीपक शर्मा, न्यूयॉर्क निक्स, पर्सी ब्रिजमन, पुजारी (1946 फ़िल्म), फुलवारी (फ़िल्म), बिहार के मुख्यमंत्रियों की सूची, बिहार के राज्यपालों की सूची, बॉस्टन सेल्टिक्स, बीरबल साहनी पुरावनस्पतिविज्ञान संस्थान, बीसवीं शताब्दी, भारत रत्‍न, भारतीय इतिहास तिथिक्रम, महात्मा गांधी, मेरी असफलताएँ, यूनिसेफ, राजपूतानी (1946 फ़िल्म), राजेश जोशी, रांगेय राघव, रघुवंश प्रसाद सिंह, लता मंगेशकर, शत्रुघन सिन्हा, शर्मिला टैगोर, शिकारी (1946 फ़िल्म), सिद्धांत और अध्ययन, संविधान, सैक्रामेंटो किंग्स, सीरिया, हम एक हैं (1946 फ़िल्म), हरमन हेस, हृदयेश्वर, जयप्रकाश नारायण यादव, ज़मीन आसमान (1946 फ़िल्म), जॉर्ज वॉकर बुश, घूँघट (1946 फ़िल्म), वाल्मीकि (1946 फ़िल्म), वागीश शुक्ल, विनायक दामोदर सावरकर, विनोद खन्ना, विलियम जॉनस्तन, विलियम क्लिंटन, गांधीवाद, गिरिधर राठी, गजानन विष्णु दामले, ..., गुरचरण दास, ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची, ग्रेट एक्स्पेक्टैशन, गोल्डन स्टेट वॉरियर्स, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक, आतंकवाद, आनन्द महिदोल, इटली, इली नासतासे, कानू सान्याल, के॰ सच्चिदानन्दन, अनमोल घड़ी, अन्वेषणों की समय-रेखा, अमूल, अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची, असम के राज्यपालों की सूची, असगर वजाहत, अग्रदूत, उत्तरा अभिमन्यु, ११ दिसम्बर, १२ नवम्बर, १४ दिसम्बर, १६ जनवरी, १९ अगस्त, २० सितम्बर, २३ नवम्बर, २४ अक्टूबर, २७ जून, ५ दिसम्बर, ५०० होम रन दल, ६ दिसम्बर, ६ अक्टूबर, ८ दिसम्बर, ९ दिसम्बर सूचकांक विस्तार (34 अधिक) »

एट डेज़ (1946 फ़िल्म)

एट डेज़ 1946 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९४६ और एट डेज़ (1946 फ़िल्म) · और देखें »

झारखण्ड के मुख्यमन्त्रियों की सूची

झारखण्ड पूर्वी भारत का एक राज्य है जिसकी स्थापना 15 नवम्बर 2000 को हुई और इसके प्रथमा मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी बने। .

नई!!: १९४६ और झारखण्ड के मुख्यमन्त्रियों की सूची · और देखें »

डेट्रॉयट पिस्टन्स

श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन.

नई!!: १९४६ और डेट्रॉयट पिस्टन्स · और देखें »

डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय

डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय भारत के मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। इसको सागर विश्वविद्यालय के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना डॉ॰ हरिसिंह गौर ने १८ जुलाई १९४६ को अपनी निजी पूंजी से की थी। अपनी स्थापना के समय यह भारत का १८वाँ विश्वविद्यालय था। किसी एक व्यक्ति के दान से स्थापित होने वाला यह देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है। वर्ष १९८३ में इसका नाम डॉ॰ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय कर दिया गया। २७ मार्च २००८ से इसे केन्द्रीय विश्वविद्यालय की श्रेणी प्रदान की गई है। .

नई!!: १९४६ और डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय · और देखें »

तमिल नाडु के राज्यपालों की सूची

यह सूची सन् १९४६ से भारत के तमिल नाडु राज्य के राज्यपालों की है। तमिल नाडु के राज्यपाल का आधिकारिक आवास राजभवन राज्य की राजधानी चेन्नई में है। .

नई!!: १९४६ और तमिल नाडु के राज्यपालों की सूची · और देखें »

द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस - १८५७

द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस - १८५७ प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर द्वारा लिखित एक पुस्तक है, जिसमें उन्होंने सनसनीखेज व खोजपूर्ण इतिहास लिख कर ब्रिटिश शासन को हिला डाला था। अधिकांश इतिहासकारों ने १८५७ के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक सिपाही विद्रोह या अधिकतम भारतीय विद्रोह कहा था। दूसरी ओर भारतीय विश्लेषकों ने भी इसे तब तक एक योजनाबद्ध राजनीतिक एवं सैन्य आक्रमण कहा था, जो भारत में ब्रिटिष साम्राज्य के ऊपर किया गया था। सावरकर ने १८५७ की घटनाओं को भारतीय दृष्टिकोण से देखा। स्वयं एक तेजस्वी नेता व क्रांतिकारी होते हुए, वे १८५७ के शूरवीरों के साहस, वीरता, ज्वलंत उत्साह व दुर्भाग्य की ओर आकर्षित हुए। उन्होंने इस पूरी घटना को उस समय उपलब्ध साक्ष्यों व पाठ सहित पुनरव्याख्यित करने का निश्चय किया। उन्होंने कई महीने इण्डिया ऑफिस पुस्तकालय में इस विषय पर अध्ययन में बिताये। सावरकर ने पूरी पुस्तक मूलतः मराठी में लिखी व १९०८ में पूर्ण की। क्योंकि उस समय इसका भारत में मुद्रण असंभव था, इसकी मूल प्रति इन्हें लौटा दी गई। इसका मुद्रण इंग्लैंड व जर्मनी में भी असफाल रहा। इंडिया हाउस में रह रहेक छ छात्रों ने इस पुस्तक का अंग्रेज़ी अनुवाद किया। और अन्ततः यह पुस्तक १९०९ में हॉलैंड में मुद्रित हुयी। इसका शीर्षक था द इण्डियन वार ऑफ इंडिपेन्डेंस – १८५७। इसप स्तक का द्वितीय संस्करण लाला हरदयाल द्वारा गदर पार्टी की ओर से अमरीका में निकला और तृतीय संस्करण सरदार भगत सिंह द्वारा निकाला गया। इसका चतुर्थ संस्करण नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा सुदूर-पूर्व में निकाला गया। फिर इस पुस्तक का अनुवाद उर्दु, हिंदी, पंजाबी व तमिल में किया गया। इसके बाद एक संस्करण गुप्त रूप से भारत में भी द्वितीय विश्व यु्द्ध के समाप्त होने के बाद मुद्रित हुआ। इसकी मूल पांडु-लिपि मैडम भीकाजी कामा के पास पैरिस में सुरक्षित रखी थी। यह प्रति अभिनव भारत के डॉ॰क्यूतिन्हो को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान पैरिसम संकट आने के दौरान सौंपी गई। डॉ॰क्युतिन्हो ने इसे किसी पवित्र धार्मिक ग्रंथ की भांति ४० वर्षों तक सुरक्षित रखा। भारतीय स्वतंत्रता उपरांत उन्होंने इसे रामलाल वाजपेयी और डॉ॰मूंजे को दे दिया, जिन्होंने इसे सावरकर को लौटा दिया। इस पुस्तक पर लगा निषेध अन्ततः मई, १९४६ में बंबई सरकार द्वारा हटा लिया गया। .

नई!!: १९४६ और द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस - १८५७ · और देखें »

दुनिया एक सराय

दुनिया एक सराय 1946 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९४६ और दुनिया एक सराय · और देखें »

दीपक शर्मा

दीपक शर्मा दीपक शर्मा (जन्म ३० नवंबर १९४६) हिन्दी की जानी मानी कथाकार हैं। उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से अँग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। उनके पिता आल्हासिंह भुल्लर पाकिस्तान के लब्बे गाँव के निवासी थे तथा माँ मायादेवी धर्मपरायण गृहणी थीं। १९७२ में उनका विवाह श्री प्रवीण चंद्र शर्मा से हुआ जो भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। संप्रति वे लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज के अंग्रेज़ी विभाग में वरिष्ठ प्रवक्ता हैं। .

नई!!: १९४६ और दीपक शर्मा · और देखें »

न्यूयॉर्क निक्स

न्यूयॉर्क निकरबॉकर्स जो "निक्स" से ज्यादातर जाने जाते हैं, न्यूयॉर्क शहर में बसी एक व्यावसायिक बास्केटबॉल टीम हैं। यह टीम नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन (एन बी ए) की पूर्वी कांफ्रेंस की अटलांटिक डिवीज़न में खेलते हैं। श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन.

नई!!: १९४६ और न्यूयॉर्क निक्स · और देखें »

पर्सी ब्रिजमन

पर्सी ब्रिजमन अमेरिका के प्रसिद्द वैज्ञानिक थे। 1946 में इन्हें भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। श्रेणी:वैज्ञानिक श्रेणी:नोबेल पुरस्कार विजेता.

नई!!: १९४६ और पर्सी ब्रिजमन · और देखें »

पुजारी (1946 फ़िल्म)

पुजारी 1946 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९४६ और पुजारी (1946 फ़िल्म) · और देखें »

फुलवारी (फ़िल्म)

फूलवरी 1946 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९४६ और फुलवारी (फ़िल्म) · और देखें »

बिहार के मुख्यमंत्रियों की सूची

कोई विवरण नहीं।

नई!!: १९४६ और बिहार के मुख्यमंत्रियों की सूची · और देखें »

बिहार के राज्यपालों की सूची

कोई विवरण नहीं।

नई!!: १९४६ और बिहार के राज्यपालों की सूची · और देखें »

बॉस्टन सेल्टिक्स

बॉस्टन सेल्टिक्स बॉस्टन, मैसाचुसेट्स में स्थित एक पेशेवर बास्केटबॉल टीम हैं, में खेल अटलांटिक डिवीज़न नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (एन बी ए) में पूर्वी सम्मेलन का। Tउनकी 16 एन बी ए आठ सीधे खिताब के साथ एन बी ए चैम्पियनशिप की 1959 से 1966 वर्चस्व है, किसी भी उत्तर अमेरिकी पेशेवर खेल की टीम के सबसे लंबे समय तक लगातार चैम्पियनशिप जीतने लकीर है, जबकि चैंपियनशिप, किसी भी एन बी ए मताधिकार के लिए सबसे अधिक हैं तारीख करने के लिए.

नई!!: १९४६ और बॉस्टन सेल्टिक्स · और देखें »

बीरबल साहनी पुरावनस्पतिविज्ञान संस्थान

बीरबल साहनी पुरावनस्पतिविज्ञान संस्थान लखनऊ का एक पुरावनस्पतिविज्ञान पर अनुसंधान संस्थान है। यह भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान है। से बीरबल साहनी: संस्थापक एवं प्रथम मानित निदेशक यह ५३, विश्वविद्यालय मार्ग, लखनऊ पर स्थित है। इसका नाम इसके संस्थापक श्री बीरबल साहनी, प्रसिद्ध परावनस्पति वैज्ञानिक के नाम पर रखा गया है। सितंबर, १९३९ में इनको अध्यक्ष बनाकर एक पुरावनस्पतिज्ञों की समिति अनुसंधान हेतु गठित हुई थी। इसकी प्रथम रिपोर्ट १९४० एवं अंतिम रिपोर्ट १९५० में प्रकाशित हुई। ३ जून, १९५३ को आठ वैज्ञानिकों के नाम से एक न्यास की स्थापना भारतीय सोसायटी पंजीकरण धारा-२१ (१८६०) के अंतर्गत हुई। इसका उद्देश्य पुरावनस्पति विज्ञान पर प्रो॰ बीरबल साहनी एवं सावित्री साहनी के मूल शोध में एकत्रित किए गये जीवाश्म संग्रह एवं एक सन्दर्भ पुस्त्तकालय के गठन हेतु फंड जुटाना था। और अंततः इस संस्थान की स्थापना १० सितंबर, १९४६ को हुई। इसके प्रथम मानित निदेशक बीरबल साहनी को बनाया गया। सरकार ने इसके लिए ३.५ एकड़ भूमि भी आवंटित की। संस्थान की इमारत ३ अप्रैल, १९४९ को इसकी नींव प्रथम प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने रखी। हालाँकि दुर्भाग्य से बीरबल साहनी की मृत्यु १० अप्रैल, १९४९ को ही हो गयी। किंतु १९५२ के अंत तक इसकी इमारत भी बनकर तैयार हो गयी। १९५१ में यूनेस्को ने इसे अपने तकनीकी सहयोग कार्यक्रम में भी सम्मिलित कर लिया। इतिहास .

नई!!: १९४६ और बीरबल साहनी पुरावनस्पतिविज्ञान संस्थान · और देखें »

बीसवीं शताब्दी

ग्रेगरी पंचांग (कलेंडर) के अनुसार ईसा की बीसवीं शताब्दी 1 जनवरी 1901 से 31 दिसम्बर 2000 तक मानी जाती है। कुछ इतिहासवेत्ता 1914 से 1992 तक को संक्षिप्त बीसवीं शती का नाम भी देते हैं। (उन्नीसवी शताब्दी - बीसवी शताब्दी - इक्कीसवी शताब्दी - और शताब्दियाँ) दशक: १९०० का दशक १९१० का दशक १९२० का दशक १९३० का दशक १९४० का दशक १९५० का दशक १९६० का दशक १९७० का दशक १९८० का दशक १९९० का दशक ---- समय के गुज़रने को रेकोर्ड करने के हिसाब से देखा जाये तो बीसवी शताब्दी वह शताब्दी थी जो १९०१ - २००० तक चली थी। मनुष्य जाति के जीवन का लगभग हर पहलू बीसवी शताब्दी में बदल गया।.

नई!!: १९४६ और बीसवीं शताब्दी · और देखें »

भारत रत्‍न

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात् 13 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 12 मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है। उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के पश्चात् क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं। .

नई!!: १९४६ और भारत रत्‍न · और देखें »

भारतीय इतिहास तिथिक्रम

भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं तिथिक्रम में।;भारत के इतिहास के कुछ कालखण्ड.

नई!!: १९४६ और भारतीय इतिहास तिथिक्रम · और देखें »

महात्मा गांधी

मोहनदास करमचन्द गांधी (२ अक्टूबर १८६९ - ३० जनवरी १९४८) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले १९१५ में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था।। उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू यानी पिता) के नाम से भी याद किया जाता है। सुभाष चन्द्र बोस ने ६ जुलाई १९४४ को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं। प्रति वर्ष २ अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है। सबसे पहले गान्धी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिये संघर्ष हेतु सत्याग्रह करना शुरू किया। १९१५ में उनकी भारत वापसी हुई। उसके बाद उन्होंने यहाँ के किसानों, मजदूरों और शहरी श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिये एकजुट किया। १९२१ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण व आत्मनिर्भरता के लिये अस्पृश्‍यता के विरोध में अनेकों कार्यक्रम चलाये। इन सबमें विदेशी राज से मुक्ति दिलाने वाला स्वराज की प्राप्ति वाला कार्यक्रम ही प्रमुख था। गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कर के विरोध में १९३० में नमक सत्याग्रह और इसके बाद १९४२ में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की। दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। गांधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी की। उन्होंने साबरमती आश्रम में अपना जीवन गुजारा और परम्परागत भारतीय पोशाक धोती व सूत से बनी शाल पहनी जिसे वे स्वयं चरखे पर सूत कातकर हाथ से बनाते थे। उन्होंने सादा शाकाहारी भोजन खाया और आत्मशुद्धि के लिये लम्बे-लम्बे उपवास रखे। .

नई!!: १९४६ और महात्मा गांधी · और देखें »

मेरी असफलताएँ

यह कृति १९४६ में प्रकाशित हुई।.

नई!!: १९४६ और मेरी असफलताएँ · और देखें »

यूनिसेफ

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (अंग्रेज़ी:यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड, लघुनाम:यूनीसेफ) की स्थापना का आरंभिक उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध में नष्ट हुए राष्ट्रों के बच्चों को खाना और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना था। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने ११ दिसंबर, १९४६ को की थी।। हिन्दुस्तान लाइव। १७ जनवरी २०१० १९५३ में यूनीसेफ, संयुक्त राष्ट्र का स्थाई सदस्य बन गया। उस समय इसका नाम यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रेंस फंड की जगह यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड कर दिया गया।। हिन्दी रेडियो। १० जून २००८ इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है। वर्तमान में इसके मुखिया ऐन वेनेमन है। यूनीसेफ को १९६५ में उसके बेहतर कार्य के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। १९८९ में संगठन को इंदिरा गाँधी शांति पुरस्कार भी प्रदान किया गया था। डॉक्युमेंट आइ.डी:afpr000020011031dpbk02rxb, अभिगमन तिथि:४ नवम्बर २००६ इसके १२० से अधिक शहरों में कार्यालय हैं और १९० से अधिक स्थानों पर इसके कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्तमान में यूनीसेफ फंड एकत्रित करने के लिए विश्व स्तरीय एथलीट और टीमों की सहायता लेता है। यूनीसेफ का सप्लाई प्रभाग कार्यालय कोपनहेगन, डेनमार्क में है। यह कुछ महत्वपूर्ण सामान जैसे जीवन रक्षक टीके, एचआईवी पीड़ित बच्चों व उनकी माताओं के लिए दवा, कुपोषण के उपचार के लिए दवाइयां, आकस्मिक आश्रय आदि के वितरण की प्राथमिक जगह होती है। ३६ सदस्यों का कार्यकारी दल यूनीसेफ के कामों की देखरेख करता है। यह नीतियाँ बनाता है और साथ ही यह वित्तीय और प्रशासनिक योजनाओं से जुड़े कार्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान करता है। वर्तमान में यूनीसेफ मुख्यत: पांच प्राथमिकताओं पर केन्द्रित है। बच्चों का विकास, बुनियादी शिक्षा, लिंग के आधार पर समानता (इसमें लड़कियों की शिक्षा शामिल है), बच्चों का हिंसा से बचाव, शोषण, बाल-श्रम के विरोध में, एचआईवी एड्स और बच्चों, बच्चों के अधिकारों के वैधानिक संघर्ष के लिए काम करता है। .

नई!!: १९४६ और यूनिसेफ · और देखें »

राजपूतानी (1946 फ़िल्म)

राजपूतानी 1946 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९४६ और राजपूतानी (1946 फ़िल्म) · और देखें »

राजेश जोशी

राजेश जोशी, जुलाई २०१७राजेश जोशी (जन्म १९४६) साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत हिन्दी साहित्यकार हैं। उनका जन्म मध्य प्रदेश के नरसिंहगढ़ जिले में हुआ। उन्होंने शिक्षा पूरी करने के बाद पत्रकारिता शुरू की और कुछ सालों तक अध्यापन किया। राजेश जोशी ने कविताओं के अलावा कहानियाँ, नाटक, लेख और टिप्पणियाँ भी लिखीं। साथ ही उन्होंने कुछ नाट्य रूपांतर तथा कुछ लघु फिल्मों के लिए पटकथा लेखन का कार्य भी किया। उनके द्वारा भतृहरि की कविताओं की अनुरचना भूमिका "कल्पतरू यह भी" एवं मायकोवस्की की कविता का अनुवाद "पतलून पहिना बादल" नाम से किए गए है। कई भारतीय भाषाओं के साथ-साथ अँग्रेजी, रूसी और जर्मन में भी उनकी कविताओं के अनुवाद प्रकाशित हुए हैं। राजेश जोशी के चार कविता-संग्रह- एक दिन बोलेंगे पेड़, मिट्टी का चेहरा, नेपथ्य में हँसी और दो पंक्तियों के बीच, दो कहानी संग्रह - सोमवार और अन्य कहानियाँ, कपिल का पेड़, तीन नाटक - जादू जंगल, अच्छे आदमी, टंकारा का गाना। इसके अतिरिक्त आलोचनात्मक टिप्पणियों की किताब - एक कवि की नोटबुक प्रकाशित हुए हैं। उन्हें शमशेर सम्मान, पहल सम्मान, मध्य प्रदेश सरकार का शिखर सम्मान और माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार के साथ केन्द्र साहित्य अकादमी के प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित किया गया है। राजेश जोशी की कविताएँ गहरे सामाजिक अभिप्राय वाली होती हैं। वे जीवन के संकट में भी गहरी आस्था को उभारती हैं। उनकी कविताओं में स्थानीय बोली-बानी, मिजाज़ और मौसम सभी कुछ व्याप्त है। उनके काव्यलोक में आत्मीयता और लयात्मकता है तथा मनुष्यता को बचाए रखने का एक निरंतर संघर्ष भी। दुनिया के नष्ट होने का खतरा राजेश जोशी को जितना प्रबल दिखाई देता है, उतना ही वे जीवन की संभावनाओं की खोज के लिए बेचैन दिखाई देते हैं। .

नई!!: १९४६ और राजेश जोशी · और देखें »

रांगेय राघव

रांगेय राघव (१७ जनवरी, १९२३ - १२ सितंबर, १९६२) हिंदी के उन विशिष्ट और बहुमुखी प्रतिभावाले रचनाकारों में से हैं जो बहुत ही कम उम्र लेकर इस संसार में आए, लेकिन जिन्होंने अल्पायु में ही एक साथ उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार, आलोचक, नाटककार, कवि, इतिहासवेत्ता तथा रिपोर्ताज लेखक के रूप में स्वंय को प्रतिस्थापित कर दिया, साथ ही अपने रचनात्मक कौशल से हिंदी की महान सृजनशीलता के दर्शन करा दिए।आगरा में जन्मे रांगेय राघव ने हिंदीतर भाषी होते हुए भी हिंदी साहित्य के विभिन्न धरातलों पर युगीन सत्य से उपजा महत्त्वपूर्ण साहित्य उपलब्ध कराया। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर जीवनीपरक उपन्यासों का ढेर लगा दिया। कहानी के पारंपरिक ढाँचे में बदलाव लाते हुए नवीन कथा प्रयोगों द्वारा उसे मौलिक कलेवर में विस्तृत आयाम दिया। रिपोर्ताज लेखन, जीवनचरितात्मक उपन्यास और महायात्रा गाथा की परंपरा डाली। विशिष्ट कथाकार के रूप में उनकी सृजनात्मक संपन्नता प्रेमचंदोत्तर रचनाकारों के लिए बड़ी चुनौती बनी। .

नई!!: १९४६ और रांगेय राघव · और देखें »

रघुवंश प्रसाद सिंह

रघुवंश प्रसाद सिंह डाक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह (जन्म 6 जून, 1946) भारत के चौदहवीं लोकसभा के सदस्य हैं एवं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। श्री सिंह ग्रामीण विकास मंत्रालय का कामकाज संभालते हैं। वे संप्रग सरकार में राष्ट्रीय जनता दल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। श्री सिंह बिहार के वैशाली लोकसभा क्षेत्र से चुनकर आये हैं। .

नई!!: १९४६ और रघुवंश प्रसाद सिंह · और देखें »

लता मंगेशकर

लता मंगेशकर (जन्म 28 सितंबर, 1929 इंदौर) भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका हैं, जिनका छ: दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालाँकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है। अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है। लता की जादुई आवाज़ के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं। टाईम पत्रिका ने उन्हें भारतीय पार्श्वगायन की अपरिहार्य और एकछत्र साम्राज्ञी स्वीकार किया है। .

नई!!: १९४६ और लता मंगेशकर · और देखें »

शत्रुघन सिन्हा

शत्रुघन सिन्हा (जन्म: 15 जुलाई, 1946) एक हिन्दी फिल्म अभिनेता एवं भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं। .

नई!!: १९४६ और शत्रुघन सिन्हा · और देखें »

शर्मिला टैगोर

शर्मिला टैगोर (जन्म: 8 दिसंबर, 1946) हिन्दी एवं बांगला सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं। .

नई!!: १९४६ और शर्मिला टैगोर · और देखें »

शिकारी (1946 फ़िल्म)

शिकारी 1946 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९४६ और शिकारी (1946 फ़िल्म) · और देखें »

सिद्धांत और अध्ययन

यह कृति १९४६ में प्रकाशित हुई।.

नई!!: १९४६ और सिद्धांत और अध्ययन · और देखें »

संविधान

संविधान, मूल सिद्धान्तों या स्थापित नज़ीरों का एक समुच्चय है, जिससे कोई राज्य या अन्य संगठन अभिशासित होते हैं। वह किसी संस्था को प्रचालित करने के लिये बनाया हुआ संहिता (दस्तावेज) है। यह प्रायः लिखित रूप में होता है। यह वह विधि है जो किसी राष्ट्र के शासन का आधार है; उसके चरित्र, संगठन, को निर्धारित करती है तथा उसके प्रयोग विधि को बताती है, यह राष्ट्र की परम विधि है तथा विशेष वैधानिक स्थिति का उपभोग करती है सभी प्रचलित कानूनों को अनिवार्य रूप से संविधान की भावना के अनुरूप होना चाहिए यदि वे इसका उल्लंघन करेंगे तो वे असंवैधानिक घोषित कर दिए जाते है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी सम्प्रभु देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है, जिसमें, उसके अंग्रेज़ी-भाषी संस्करण में १४६,३८५ शब्दों के साथ, २२ भागों में ४४४ अनुच्छेद, १२ अनुसूचियाँ और १०१ संशोधन हैं, जबकि मोनाको का संविधान सबसे छोटा लिखित संविधान है, जिसमें ९७ अनुच्छेदों के साथ १० अध्याय, और कुल ३,८१४ शब्द हैं। .

नई!!: १९४६ और संविधान · और देखें »

सैक्रामेंटो किंग्स

श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन - पैसिफिक डिवीज़न श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन - पश्चिमी कांफ्रेंस श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन.

नई!!: १९४६ और सैक्रामेंटो किंग्स · और देखें »

सीरिया

सीरिया ('''سوريّة'''. or), आधिकारिक रूप से सीरियाई अरब गणराज्य (अरबी: الجمهورية العربية السورية), दक्षिण-पश्चिम एशिया का एक राष्ट्र है। इसके पश्चिम में लेबनॉन तथा भूमध्यसागर, दक्षिण-पश्चिम में इजराइल, दक्षिण में ज़ॉर्डन, पूरब में इराक़ तथा उत्तर में तुर्की है। इसराइल तथा इराक़ के बीच स्थित होने के कारण यह मध्य-पूर्व का एक महत्वपूर्ण देश है। इसकी राजधानी दमास्कस है जो उमय्यद ख़िलाफ़त तथा मामलुक साम्राज्य की राजधानी रह चुका है। अप्रैल 1946 में फ्रांस से स्वाधीनता मिलने के बाद यहाँ के शासन में बाथ पार्टी का प्रभुत्व रहा है। 1963 से यहाँ आपातकाल लागू है जिसके कारण 1970 के बाद से यहाँ के शासक असद परिवार के लोग होते हैं। .

नई!!: १९४६ और सीरिया · और देखें »

हम एक हैं (1946 फ़िल्म)

हम एक हैं 1946 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९४६ और हम एक हैं (1946 फ़िल्म) · और देखें »

हरमन हेस

हरमन हेस या हेरमान हेस्से (२ जुलाई १८७७ – ९ अगस्त १९६२) एक जर्मन उपन्यासकार, कहानीकार और कवि थे।नोबेल पुरस्कार से सम्मानित जर्मन साहित्यकार हरमन हेस मुख्य रूप से अपने तीन उपन्यासों सिद्धार्थ, स्टेपेनवौल्फ़ और मागिस्टर लुडी के लिये जाने जाते हैं। उन्होनें कविताएँ भी लिखीं और पेंटिंग्स भी बनाईं है। उन्हें १९४६ में साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया। हरमन हेस के सृजन में जो अन्तर्बोध और पूर्वी रहस्यवाद की व्यापक धारा बहती है, उसने उन्हें अपनी मृत्यु के बाद यूरोप में युवा वर्ग के बीच अत्यंत लोकप्रिय बना दिया। .

नई!!: १९४६ और हरमन हेस · और देखें »

हृदयेश्वर

हृदयेश्वर हिन्दी नवगीत के स्थापित हस्ताक्षर हैं। इनका जन्म: 10 जनवरी 1946 को पूर्वी चम्पारन के ग्राम ऊँचीभटिया में हुआ। इनकी अनेकों प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हुयी हैं। अनेक साहित्यिक पत्रों के सम्पादन में इन्होने सहयोग किया है। ‘आँगन के ईच-बीच’, ‘बस्ते में भूगोल’ व ‘धाह देती धूप’ (गीत संग्रह) तथा ‘मुंडेर पर सूरज’ (काव्य संग्रह) इनकी प्रकाशित कृतियाँ है। इन्हें बिहार सरकार के प्रतिष्ठित राजभाषा सम्मान (2002) व रामइकबाल सिंह ‘राकेश’ स्मृति समिति, मुजफ्फरपुर (बिहार) के ‘गंध ज्वार सम्मान’ सहित के साथ-साथ कई स्तरों पर सम्मानित किया गया है। .

नई!!: १९४६ और हृदयेश्वर · और देखें »

जयप्रकाश नारायण यादव

श्री जयप्रकाश नारायण यादव (जन्म 2 अगस्त, 1946) भारत के चौदहवीं लोकसभा के सदस्य हैं एवं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। श्री यादव जलसंसाधन मंत्रालय का कामकाज संभालते हैं। वे संप्रग सरकार में राष्ट्रीय जनता दल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। श्री यादव बिहार के मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से चुनकर आये हैं। .

नई!!: १९४६ और जयप्रकाश नारायण यादव · और देखें »

ज़मीन आसमान (1946 फ़िल्म)

ज़मीन आसमान 1946 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९४६ और ज़मीन आसमान (1946 फ़िल्म) · और देखें »

जॉर्ज वॉकर बुश

6 जुलाई 1946 को जन्मे जॉर्ज वॉकर बुश अमरीका के 43वें राष्ट्रपति थे। उन्होंने अपना पदभार 20 जनवरी सन 2001 को ग्रहण किया था। 20 जनवरी, 2009 को उन्होंने डैमोक्रेटिक पार्टी के नव निर्वाचित बराक ओबामा को सत्ता सौंप दी। बुश को सन 2004 के राष्ट्रपति के चुनाव में चार वर्षों के लिये दोबारा चुन लिया गया था। राजनीति में प्रवेश करने से पहले श्री बुश एक व्यापारी थे। तेल और गैस का उत्पादन करने वाली कई कंपनियों से वे जुड़े रहे थे और 1989 से 1998 तक टेक्सस रेंजर्स बेसबाल क्लब के सह मालिकों में से एक थे। वे सन 1995 से सन 2000 तक टेक्सस राज्य के राज्यपाल भी रह चुके हैं। उनके परिवार के सभी सदस्य राजनीति में काफी घनिष्ठ रूप से जुड़े हुये हैं। श्री बुश के पिता जॉर्ज हर्बट वॉकर बुश स्वयं अमरीका के भूतपूर्व राष्ट्रपति हैं। श्री बुश के बड़े भाई जेब बुश फ्लोरिडा के वर्तमान राज्यपाल हैं। श्रेणी:अमेरिका के राष्ट्रपति.

नई!!: १९४६ और जॉर्ज वॉकर बुश · और देखें »

घूँघट (1946 फ़िल्म)

घूँघट 1946 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९४६ और घूँघट (1946 फ़िल्म) · और देखें »

वाल्मीकि (1946 फ़िल्म)

वाल्मीकि 1946 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९४६ और वाल्मीकि (1946 फ़िल्म) · और देखें »

वागीश शुक्ल

वागीश शुक्ल (जन्म 1946) एक आलोचक, चिन्तक एवं परम्पारविद् हैं। ये ग़ालिब के दीवान की टीका लिखने के महत्त्वपूर्ण कार्य में संलग्न हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनकी आलोचनाएँ प्रकाशित होती रहती हैं। राम की शक्तिपूजा की टीका- छंद-छंद पर कुंकुम नाम से प्रकाशित। श्रेणी:हिन्दी साहित्यकार.

नई!!: १९४६ और वागीश शुक्ल · और देखें »

विनायक दामोदर सावरकर

विनायक दामोदर सावरकर (जन्म: २८ मई १८८३ - मृत्यु: २६ फ़रवरी १९६६) भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के अग्रिम पंक्ति के सेनानी और प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे। उन्हें प्रायः स्वातंत्र्यवीर, वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित किया जाता है। हिन्दू राष्ट्र की राजनीतिक विचारधारा (हिन्दुत्व) को विकसित करने का बहुत बडा श्रेय सावरकर को जाता है। वे न केवल स्वाधीनता-संग्राम के एक तेजस्वी सेनानी थे अपितु महान क्रान्तिकारी, चिन्तक, सिद्धहस्त लेखक, कवि, ओजस्वी वक्ता तथा दूरदर्शी राजनेता भी थे। वे एक ऐसे इतिहासकार भी हैं जिन्होंने हिन्दू राष्ट्र की विजय के इतिहास को प्रामाणिक ढँग से लिपिबद्ध किया है। उन्होंने १८५७ के प्रथम स्वातंत्र्य समर का सनसनीखेज व खोजपूर्ण इतिहास लिखकर ब्रिटिश शासन को हिला कर रख दिया था।वे एक वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार थे। उन्होंने परिवर्तित हिंदुओं के हिंदू धर्म को वापस लौटाने हेतु सतत प्रयास किये एवं आंदोलन चलाये। सावरकर ने भारत के एक सार के रूप में एक सामूहिक "हिंदू" पहचान बनाने के लिए हिंदुत्व का शब्द गढ़ा । उनके राजनीतिक दर्शन में उपयोगितावाद, तर्कवाद और सकारात्मकवाद, मानवतावाद और सार्वभौमिकता, व्यावहारिकता और यथार्थवाद के तत्व थे। सावरकर एक नास्तिक और एक कट्टर तर्कसंगत व्यक्ति थे जो सभी धर्मों में रूढ़िवादी विश्वासों का विरोध करते थे । .

नई!!: १९४६ और विनायक दामोदर सावरकर · और देखें »

विनोद खन्ना

विनोद खन्ना (जन्म: रविवार, ६ अक्टूबर, १९४६ - निधन: गुरुवार, २७ अप्रैल २०१७) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे जिनका जन्म पेशावर (ब्रितानी भारत) में हुआ था जबकि इनका लम्बे समय से कैंसर से पीड़ित रहने की वजह से २७ अप्रैल २०१७ को मुम्बई के एच एन रिलायंस अस्पताल में निधन हो गया । .

नई!!: १९४६ और विनोद खन्ना · और देखें »

विलियम जॉनस्तन

विलियम जॉनस्तन (जन्म: 2 नवंबर 1894 निधन: 1 मई, 1946) एक १९२० के दशक में टेनिस जगत के मशहूर अमरीकी टेनिस खिलाड़ी (लिटिल बिल) हैं। श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:पुरुष टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:टेनिस ग्रैंड स्लैम विजेता.

नई!!: १९४६ और विलियम जॉनस्तन · और देखें »

विलियम क्लिंटन

विलियम जेफरसन क्लिंटन (जन्म 19 अगस्त, 1946) अमरीका के 42वें राष्ट्रपति थे। उनका कार्यकाल 1993 से 2001 का था। थियोडोर रूज़वेल्ट और जॉन एफ॰ केनेडी के बाद वे अमरीका के तीसरे सबसे युवा राष्ट्रपति थे। वे न्यूयॉर्क से कनिष्ठ अमरीकी सेनेटर और सामजिक कार्यकर्ता और 2008 के राष्ट्रपति चुनाव की प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन के पति हैं। श्रेणी:अमेरिका के राष्ट्रपति श्रेणी:अमेरिकी राजनीतिज्ञ .

नई!!: १९४६ और विलियम क्लिंटन · और देखें »

गांधीवाद

गांधीवाद मोहनदास करमचंद गांधी (जिन्हे ज्यादातर महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है) के आदर्शों, विश्वासों एवं दर्शन से उदभूत विचारों के संग्रह को कहा जाता है, जो स्वतंत्रता संग्राम के सबसे बड़े राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेताओं में से थे। यह ऐसे उन सभी विचारों का एक समेकित रूप है जो गांधीजी ने जीवन पर्यंत जिया एवं किया था। जब किसी व्यक्ति या संस्थान को गांधीवादी कहकर संबोधित करते हैं तो उसका तात्पर्य होता है गांधीजी द्वारा स्थापित मूल्यों एवं आदर्शों का अनुपालन करनेवाला होता है। .

नई!!: १९४६ और गांधीवाद · और देखें »

गिरिधर राठी

गिरिधर राठी (जन्म १९४६) ओंमप्रकाश साहित्य सम्मान प्राप्त कवि आलोचक एवं अनुवादक हैं। ऊहापोह इनकी आलोचना पुस्तक है। शब्द-सेतु: दस भारतीय कवि, समकालीन भारतीय साहित्य (पत्रिका) का सम्पादन इन्होंने किया है। श्रेणी:हिन्दी साहित्यकार.

नई!!: १९४६ और गिरिधर राठी · और देखें »

गजानन विष्णु दामले

गजानन विष्णु दामले हिन्दू महासभा के निःस्वार्थ सेवक रहे। शिरगांव के विष्णुपंत दामले के पुत्र थे। रत्नागिरी में प्लेग महामारी के दौरान वीर सावरकर ने इनके यहां २४ नवंबर, १९२४ से २० जून, १९२५ तक आवास किया था। यहीं पर सावरकर ने अपनी पुस्तक हिन्दू पादपादशाही लिखी थी। १९३७ में सावरकर जब मुंबई आए, तब दामले इनके निजी सचिव रहे थे। ये सावरकर की सभी यात्राओं में उनके साथ रहे थे। १९३८ में भागनगर (हैदराबाद) के अहिंसक प्रतिरोध में इन्होंने भाग लिया व गिरफ्तार भी हुए। इन्हें १९४६ के मुंबई दंगों में भी गिरफतार किया गया था। बाद में गांधी हत्याकाण्ड के आरोप में इन्हें १९४८ से लंबे समय तक कारावास भोगना पड़ा था। .

नई!!: १९४६ और गजानन विष्णु दामले · और देखें »

गुरचरण दास

गुरचरण दास (जन्म - 1946) एक भारतीय लेखक तथा पत्रकार हैं। अभी वे भारत के प्रमुख अंग्रेजी पत्र द टाइम्स ऑफ़ इंडिया के लिए कॉलम (स्तंभ) भी लिखते हैं। इनका जन्म लॉयलपुर, पाकिस्तान में 1946 में हुआ था पर इनका जीवन न्यूयॉर्क में बीता जहाँ इनके पिता नौकरी करते थे। इन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से प्रबंधन की स्नातक डिग्री ली। इसके बाद वे प्रॉक्टर एंड गैम्बल (पी & जी) के प्रधान भी रह चुके हैं। इन्होंने तीन नाटकों की रचना की है - लारिन्स साहिब (1970), मीरा (1971) और 9 जखू हिल (1973)। इसके संकलन को थ्री इंग्लिश प्लेज़ के नाम से प्रकाशित किया गया। इसके अतिरिक्त उन्होंने एक उपन्यास भी लिखा - ए फ़ाईन फैमिली (1990) श्रेणी:भारतीय अंग्रेज़ी लेखक.

नई!!: १९४६ और गुरचरण दास · और देखें »

ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची

List of Men's Singles Grand Slam tournaments tennis champions: .

नई!!: १९४६ और ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची · और देखें »

ग्रेट एक्स्पेक्टैशन

ग्रेट एक्स्पेक्टैशन चार्ल्स डिकेंस का एक उपन्यास है। इसे सबसे पहले 1 दिसम्बर 1860 से 3 अगस्त 1861 तक ऑल द इयर राउंड प्रकाशन की एक श्रृंखला के रूप में प्रकाशित किया गया। इसे 250 से अधिक बार स्टेज और स्क्रीन के लिए चुना गया है। ग्रेट एक्स्पेक्टैशन बिल्दुंग्सरोमन (bildungsroman) की शैली में लिखा गया है, जो अपनी परिपक्वता की खोज में किसी पुरुष या महिला की कहानी का अनुसरण करती है, आम तौर पर यह बचपन से शुरू होती है और अंततः मुख्य पात्र की वयस्कता में समाप्त होती है। ग्रेट एक्स्पेक्टैशन एक अनाथ पिप की कहानी है, जो उसके जीवन के बारे में लिखी गयी है, जो एक जेंटलमेन बनने का प्रयास कर रहा है। उपन्यास को डिकेंस की अर्द्ध-आत्मकथा भी माना जा सकता है, उनके अधिकांश काम की तरह वे इस उपन्यास में भी जीवन और लोगों के अनुभव का चित्रण कर रहे हैं। ग्रेट एक्स्पेक्टैशन का मुख्य कथानक 1812 के क्रिसमस की पूर्व संध्या से शुरू होता है, जब नायक लगभग सात साल का है (जो डिकेंस के जन्म का साल भी है) और यह 1840 की सर्दियों तक जाता है। .

नई!!: १९४६ और ग्रेट एक्स्पेक्टैशन · और देखें »

गोल्डन स्टेट वॉरियर्स

श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन - पैसिफिक डिवीज़न श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन - पश्चिमी कांफ्रेंस श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन.

नई!!: १९४६ और गोल्डन स्टेट वॉरियर्स · और देखें »

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (अंग्रेजी:इंडेक्स ऑफ़ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, लघु: आईआईपी) किसी अर्थ व्यवस्था के औद्योगिक क्षेत्र में किसी खास अवधि में उत्पादन के स्थिति के बारे में जानकारी देता है। भारत में हर माह इस सूचकांक के आंकड़े जारी किए जाते हैं। ये आंकड़े आधार वर्ष के मुकाबले उत्पादन में बढ़ोतरी या कमी के संकेत देते हैं। भारत में आईआईपी की तुलना के लिए वर्ष १९९३-९४ को आधार वर्ष माना गया है।। इकोनॉमिक टाइम्स। १९ अक्टूबर २००९ ये सूचकांक उद्योग क्षेत्र में हो रही बढ़ोतरी या कमी को बताने का सबसे सरल तरीका है।। बिज़्नेस स्टैन्डर्ड। १३ मई २००८। कुमार नरोत्तम .

नई!!: १९४६ और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक · और देखें »

आतंकवाद

विभाग राज्य Department of State) आतंकवाद एक प्रकार के erहौल को कहा जाता है। इसे एक प्रकार के हिंसात्मक गतिविधि के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो कि अपने आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक एवं विचारात्मक लक्ष्यों की प्रतिपूर्ति के लिए गैर-सैनिक अर्थात नागरिकों की सुरक्षा को भी निशाना बनाते हैं। गैर-राज्य कारकों द्वारा किये गए राजनीतिक, वैचारिक या धार्मिक हिंसा को भी आतंकवाद की श्रेणी का ही समझा जाता है। अब इसके तहत गैर-क़ानूनी हिंसा और युद्ध को भी शामिल कर लिया गया है। अगर इसी तरह की गतिविधि आपराधिक संगठन द्वारा चलाने या को बढ़ावा देने के लिए करता है तो सामान्यतः उसे आतंकवाद नहीं माना जाता है, यद्यपि इन सभी कार्यों को आतंकवाद का नाम दिया जा सकता है। गैर-इस्लामी संगठनों या व्यक्तित्वों को नजरअंदाज करते हुए प्रायः इस्लामी या जिहादी के साथ आतंकवाद की अनुचित तुलना के लिए इसकी आलोचना भी की जाती है। .

नई!!: १९४६ और आतंकवाद · और देखें »

आनन्द महिदोल

आनन्द महिदोल आनन्द महिदोल King Ananda Mahidol or Rama VIII (long royal name: Phrabat Somdej Phra Paramenthara Maha Ananda Mahidol Phra Athama Ramathibodinthra (roughly "HM King Ananda Mahidol, the Eighth Ruler") (September 20, 1925 - June 9, 1946) थाईलैंड का आधुनिक काल का राजा। श्रेणी:थाईलैण्ड का इतिहास.

नई!!: १९४६ और आनन्द महिदोल · और देखें »

इटली

इटली यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में स्थित एक देश है जिसकी मुख्यभूमि एक प्रायद्वीप है। इटली के उत्तर में आल्प्स पर्वतमाला है जिसमें फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया तथा स्लोवेनिया की सीमाएँ आकर लगती हैं। सिसली तथा सार्डिनिया, जो भूमध्य सागर के दो सबसे बड़े द्वीप हैं, इटली के ही अंग हैं। वेटिकन सिटी तथा सैन मरीनो इटली के अंतर्गत समाहित दो स्वतंत्र देश हैं। इटली, यूनान के बाद यूरोप का दूसरा का दूसरा प्राचीनतम राष्ट्र है। रोम की सभ्यता तथा इटली का इतिहास देश के प्राचीन वैभव तथा विकास का प्रतीक है। आधुनिक इटली 1861 ई. में राज्य के रूप में गठित हुआ था। देश की धीमी प्रगति, सामाजिक संगठन तथा राजनितिक उथल-पुथल इटली के 2,500 वर्ष के इतिहास से संबद्ध है। देश में पूर्वकाल में राजतंत्र था जिसका अंतिम राजघराना सेवाय था। जून, सन् 1946 से देश एक जनतांत्रिक राज्य में परिवर्तित हो गया। इटली की राजधानी रोम प्राचीन काल के एक शक्ति और प्रभाव से संपन्न रोमन साम्राज्य की राजधानी रहा है। ईसा के आसपास और उसके बाद रोमन साम्राज्य ने भूमध्य सागर के क्षेत्र में अपनी प्रभुता स्थापित की थी जिसके कारण यह संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में आधुनिक यूरोप की आधारशिला के तौर पर माना जाता है। तथा मध्यपूर्व (जिसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में मध्य-पश्च भी कह सकते हैं) के इतिहास में भी रोमन साम्राज्य ने अपना प्रभाव डाला था और उनसे प्रभावित भी हुआ था। आज के इटली की संस्कृति पर यवनों (ग्रीक) का भी प्रभाव पड़ा है। इटली की जनसंख्या २००८ में ५ करोड़ ९० लाख थी। देश का क्षेत्रफल ३लाख वर्ग किलोमीटर के आसपास है। १९९१ में यहाँ की सरकार के शीर्ष पदस्थ अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ जिसके बाद यहाँ की राजनैतिक सत्ता और प्रशासन में कई बदलाव आए हैं। रोम यहाँ की राजधानी है और अन्य प्रमुख नगरों में वेनिस, मिलान इत्यादि का नाम लिया जा सकता है। .

नई!!: १९४६ और इटली · और देखें »

इली नासतासे

श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:पुरुष टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:टेनिस ग्रैंड स्लैम विजेता.

नई!!: १९४६ और इली नासतासे · और देखें »

कानू सान्याल

कानू सान्याल कानू सान्याल (जन्म १९३२) भारत में नक्सलवादी आंदोलन के जनक कहे जाने हैं। दार्जीलिंग जिले के कर्सियांग में जन्में कानू सान्याल अपने पांच भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। पिता आनंद गोविंद सान्याल कर्सियांग के कोर्ट में पदस्थ थे। कानू सान्याल ने कर्सियांग के ही एमई स्कूल से १९४६ में मैट्रिक की अपनी पढ़ाई पूरी की। बाद में इंटर की पढाई के लिए उन्होंने जलपाईगुड़ी कॉलेज में दाखिला लिया लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। उसके बाद उन्हें दार्जीलिंग के ही कलिंगपोंग कोर्ट में राजस्व क्लर्क की नौकरी मिली। कुछ ही दिनों बाद बंगाल के मुख्यमंत्री विधान चंद्र राय को काला झंडा दिखाने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जेल में रहते हुए उनकी मुलाकात चारु मजुमदार से हुई। जब कानू सान्याल जेल से बाहर आए तो उन्होंने पूर्णकालिक कार्यकर्ता के बतौर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता ली। १९६४ में पार्टी टूटने के बाद उन्होंने माकपा के साथ रहना पसंद किया। १९६७ में कानू सान्याल ने दार्जिलिंग के नक्सलबाड़ी में सशस्त्र आंदोलन की अगुवाई की। अपने जीवन के लगभग १४ साल कानू सान्याल ने जेल में गुजारे। इन दिनों वे भाकपा माले के महासचिव के बतौर सक्रिय हैं और नक्सलबाड़ी से लगे हुए हाथीघिसा गांव में रहते हैं। .

नई!!: १९४६ और कानू सान्याल · और देखें »

के॰ सच्चिदानन्दन

के.

नई!!: १९४६ और के॰ सच्चिदानन्दन · और देखें »

अनमोल घड़ी

अनमोल घड़ी 1946 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९४६ और अनमोल घड़ी · और देखें »

अन्वेषणों की समय-रेखा

यहाँ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण तकनीकी खोजों की समय के सापेक्ष सूची दी गयी है। .

नई!!: १९४६ और अन्वेषणों की समय-रेखा · और देखें »

अमूल

आनंद में अमूल का कारखाना अमूल भारत का एक दुग्ध सहकारी आन्दोलन है जिसका मूल आणंद (गुजरात) में है। यह एक ब्रान्ड नाम है जो गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड नाम की सहकारी संस्था के प्रबन्धन में चलता है। गुजरात के लगभग २६ लाख दुग्ध उत्पाद दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड के अंशधारी (मालिक) हैं। अमूल, संस्कृत के अमूल्य का अपभ्रंश है; अमूल्य का अर्थ है- जिसका मूल्य न लगाया जा सके। अमूल, गुजरात के आणंद मेम स्थित है। यह किसी सहकारी आन्दोलन की दीर्घ अवधि में सफलता का एक श्रेष्ठ उदाहरण है। यह विकासशील देशों में सहकारी उपलब्धि के श्रेष्ठतम उघरणों में से एक है। अमूल ने भारत में श्वेत क्रान्ति की नींव रखी जिससे भारत संसार का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश बन गया है। अमूल ने ग्रामीण विकास का एक सम्यक मॉडल प्रस्तुत किया है। अमूल (आणंद सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ), की स्थापना १४ दिसंबर, १९४६ मे एक डेयरी यानि दुग्ध उत्पाद के सहकारी आंदोलन के रूप में हुई थी। जो जल्द ही घर घर मे स्थापित एक ब्रांड बन गया जिसे गुजरात सहकारी दुग्ध वितरण संघ के द्वारा प्रचारित और प्रसारित किया गया। अमूल के प्रमुख उत्पाद हैं: दूध, दूध के पाउडर, मक्खन (बटर), घी, चीज, दही, चॉकलेट, श्रीखण्ड, आइस क्रीम, पनीर, गुलाब जामुन, न्यूट्रामूल आदि। .

नई!!: १९४६ और अमूल · और देखें »

अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची

* 1881 - रिचर्ड सीअर्स.

नई!!: १९४६ और अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची · और देखें »

असम के राज्यपालों की सूची

असम के राज्यपालों की सूची नामक इस सूची में १९३७ से अब तक के राज्यपालों के नाम हैं। असम के राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। असम के राज्यपाल का आधिकारिक आवास राजभवन है। .

नई!!: १९४६ और असम के राज्यपालों की सूची · और देखें »

असगर वजाहत

असग़र वजाहत (जन्म - 5 जुलाई, 1946) हिन्दी के प्रोफ़ेसर तथा रचनाकार हैं। इन्होंने नाटक, कथा, उपन्यास, यात्रा-वृत्तांत तथा अनुवाद के क्षेत्र में रचा है। ये दिल्ली स्थित जामिला मिलिया इस्लामिया के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रह चुके हैं। .

नई!!: १९४६ और असगर वजाहत · और देखें »

अग्रदूत

अग्रदूत बांग्ला फिल्मों के कुछ प्रमुख व्यक्तियों का समूह है जो एक साथ निर्देशन का काम करते हैं। इसकी स्थापना 1946 में हुई थी। श्रेणी:फिल्म संगीतकार श्रेणी:चित्र जोड़ें.

नई!!: १९४६ और अग्रदूत · और देखें »

उत्तरा अभिमन्यु

उत्तरा अभिमन्यु 1946 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

नई!!: १९४६ और उत्तरा अभिमन्यु · और देखें »

११ दिसम्बर

11 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 345वॉ (लीप वर्ष में 346 वॉ) दिन है। साल में अभी और 20 दिन बाकी है। .

नई!!: १९४६ और ११ दिसम्बर · और देखें »

१२ नवम्बर

१२ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३१६वॉ (लीप वर्ष मे ३१७ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ४९ दिन बाकी है। .

नई!!: १९४६ और १२ नवम्बर · और देखें »

१४ दिसम्बर

14 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 348वॉ (लीप वर्ष मे 349 वॉ) दिन है। साल में अभी और 17 दिन बाकी है। भारत देशमें १४ दिसम्बर के रोज राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिन मनाया जाता है। .

नई!!: १९४६ और १४ दिसम्बर · और देखें »

१६ जनवरी

16 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 16वाँ दिन है। साल में अभी और 349 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 350)।.

नई!!: १९४६ और १६ जनवरी · और देखें »

१९ अगस्त

19 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 231वॉ (लीप वर्ष मे 232 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 134 दिन बाकी है। .

नई!!: १९४६ और १९ अगस्त · और देखें »

२० सितम्बर

२० सिंतम्बर। 20 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 263वॉ (लीप वर्ष मे 264 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 102 दिन बाकी है पहला कान फिल्म समारोह। .

नई!!: १९४६ और २० सितम्बर · और देखें »

२३ नवम्बर

२३ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३२७वॉ (लीप वर्ष में ३२८ वॉ) दिन है। साल में अभी और 38 दिन बाकी है। .

नई!!: १९४६ और २३ नवम्बर · और देखें »

२४ अक्टूबर

24 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 297वॉ (लीप वर्ष मे 298 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 68 दिन बाकी है।.

नई!!: १९४६ और २४ अक्टूबर · और देखें »

२७ जून

२७ जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १७८वाँ (लीप वर्ष में १७९ वाँ) दिन है। साल में अभी और १८७ दिन बाकी हैं। .

नई!!: १९४६ और २७ जून · और देखें »

५ दिसम्बर

5 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 339वॉ (लीप वर्ष मे 340 वॉ) दिन है। साल में अभी और 26 दिन बाकी है। .

नई!!: १९४६ और ५ दिसम्बर · और देखें »

५०० होम रन दल

In मेजर लीग बेसबॉल, the ५०० होम रन क्लब is an informal term applied to the group of players who have hit 500 or more career home runs.

नई!!: १९४६ और ५०० होम रन दल · और देखें »

६ दिसम्बर

६ दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४०वॉ (लीप वर्ष में ३४१ वॉ) दिन है। अर्ष में अभी और २५ दिन बाकी है। .

नई!!: १९४६ और ६ दिसम्बर · और देखें »

६ अक्टूबर

6 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 279वॉ (लीप वर्ष में 280 वॉ) दिन है। साल में अभी और 86 दिन बाकी है। .

नई!!: १९४६ और ६ अक्टूबर · और देखें »

८ दिसम्बर

८ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४२वॉ (लीप वर्ष मे ३४३वॉ) दिन है। साल में अभी और २३ दिन बाकी है। .

नई!!: १९४६ और ८ दिसम्बर · और देखें »

९ दिसम्बर

9 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 343वॉ (लीप वर्ष मे 344 वॉ) दिन है। साल में अभी और 22 दिन बाकी है। .

नई!!: १९४६ और ९ दिसम्बर · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

1946

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »