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१९२३

सूची १९२३

कोई विवरण नहीं।

105 संबंधों: तिराना, तुर्की, निनियन स्टीफ़ेन, प्रसिद्ध पुस्तकें, बीसवीं शताब्दी, भारतीय गणितज्ञों की सूची, भैरोंसिंह शेखावत, भीमराव आम्बेडकर, मर्यादा (पत्रिका), मुकेश, मेघनाद साहा, रासबिहारी बोस, रांगेय राघव, रोबर्ट ए मिल्लिकन, लखनऊ, लखनऊ में यातायात, लखनऊ के रेलवे स्टेशन, लीला नाग, शिक्षक दिवस, शंकर रामचन्द्र, सिंधु घाटी सभ्यता, वारन गैमेलियल हार्डिंग, ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची, गोविन्द चन्द्र पाण्डेय, ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ इंडिया, कन्नड साहित्य सम्मेलन, कन्वेंशन ड्यू मेत्रे, कादम्बिनी गांगुली, किशन महाराज, केशव बलिराम हेडगेवार, कॉल्विन कूलिज, अन्वेषणों की समय-रेखा, अबुल कलाम आज़ाद, अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची, अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस, उत्तराखंड में स्वाधीनता संग्राम, १ नवंबर, १ मार्च, १ सितंबर, १ जनवरी, १० सितंबर, ११ जनवरी, १२ दिसम्बर, १२ नवम्बर, १२ अप्रैल, १३ सितम्बर, १३ जून, १३ अगस्त, १३ अक्टूबर, १४ सितम्बर, ..., १४ अक्टूबर, १५ नवम्बर, १५ जुलाई, १५ अक्टूबर, १६ जून, १६ अक्टूबर, १७ सितम्बर, १७ जनवरी, १७ जुलाई, १८ सितम्बर, १८ जनवरी, १८ जून, १८ अप्रैल, १९१४, १९१५, १९१६, १९१७, १९१८, १९१९, १९२०, १९२१, १९२२, १९२३, २ अगस्त, २० दिसम्बर, २० जुलाई, २२ जुलाई, २३ नवम्बर, २३ फ़रवरी, २३ मार्च, २३ मई, २४ मई, २४ सितम्बर, २४ जुलाई, २६ नवम्बर, २६ सितम्बर, २६ अप्रैल, २६ अक्टूबर, २७ दिसम्बर, २७ मई, २८ मार्च, २९ अप्रैल, २९ अक्टूबर, ३ मार्च, ३० अगस्त, ४ सितम्बर, ६ सितम्बर, ८ दिसम्बर, ८ फ़रवरी, ८ मार्च, ८ सितम्बर, ९ मार्च, ९ मई, ९ सितम्बर, ९ जून सूचकांक विस्तार (55 अधिक) »

तिराना

तिराना (अल्बानियाई: Tiranë) अल्बानिया की राजधानी और सबसे बड़ा नगर है। २००८ के अनुमान के अनुसार यहाँ की जनसंख्या लगभग ९ लाख है। तिराना की स्थापना सुलेज्मन पाशा द्वारा १६१४ में की गई थी और १९२० यह नगर अल्बानिया की राजधानी बना। यह नगर १६१४ में सुलेज्मान पाशा द्वारा स्थापित किया गया था और १९२० में अल्बानिया की राज्धानी बना। तिराना नगरपालिका इशेम नदी के किनारे स्थित है और तिराना जिले में स्थित है। तिराना समुद्र तल से १०० मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और अधिकत ऊँचाई वाला बिन्दू १,८२८ मीटर पर स्थित है। इसके अतिरिक्त दो मुख्य नदियां यहाँ से होकर बहती हैं: लाने और तिराने। नगर में चार कृत्रिम झीले भी हैं: तिराना झील, कोदर-कामेज़ झील, फारका झील और टुफिना झील। यह नगर उसी समानान्तर पर स्थित है जिस पर नेपल्स, मैड्रिड और इस्तांबुल स्थित हैं और इसकी मध्याह्न रेखा वही है जो बुडापेस्ट और क्राकौव की है। .

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तुर्की

तुर्की (तुर्क भाषा: Türkiye उच्चारण: तुर्किया) यूरेशिया में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी अंकारा है। इसकी मुख्य- और राजभाषा तुर्की भाषा है। ये दुनिया का अकेला मुस्लिम बहुमत वाला देश है जो कि धर्मनिर्पेक्ष है। ये एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। इसके एशियाई हिस्से को अनातोलिया और यूरोपीय हिस्से को थ्रेस कहते हैं। स्थिति: 39 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 36 डिग्री पूर्वी देशान्तर। इसका कुछ भाग यूरोप में तथा अधिकांश भाग एशिया में पड़ता है अत: इसे यूरोप एवं एशिया के बीच का 'पुल' कहा जाता है। इजीयन सागर (Aegean sea) के पतले जलखंड के बीच में आ जाने से इस पुल के दो भाग हो जाते हैं, जिन्हें साधारणतया यूरोपीय टर्की तथा एशियाई टर्की कहते हैं। टर्की के ये दोनों भाग बॉसपोरस के जलडमरूमध्य, मारमारा सागर तथा डारडनेल्ज द्वारा एक दूसरे से अलग होते हैं। टर्की गणतंत्र का कुल क्षेत्रफल 2,96,185 वर्ग मील है जिसमें यूरोपीय टर्की (पूर्वी थ्रैस) का क्षेत्रफल 9,068 वर्ग मील तथा एशियाई टर्की (ऐनाटोलिआ) का क्षेत्रफल 2,87,117 वर्ग मील है। इसके अंतर्गत 451 दलदली स्थल तथा 3,256 खारे पानी की झीलें हैं। पूर्व में रूस और ईरान, दक्षिण की ओर इराक, सीरिया तथा भूमध्यसागर, पश्चिम में ग्रीस और बुल्गारिया और उत्तर में कालासागर इसकी राजनीतिक सीमा निर्धारित करते हैं। यूरोपीय टर्की - त्रिभुजाकर प्रायद्वीपी प्रदेश है जिसका शीर्षक पूर्व में बॉसपोरस के मुहाने पर है। उसके उत्तर तथा दक्षिण दोनों ओर पर्वतश्रेणियाँ फैली हुई हैं। मध्य में निचला मैदान मिलता है जिसमें होकर मारीत्सा और इरजिन नदियाँ बहती हैं। इसी भाग से होकर इस्तैस्म्यूल का संबंध पश्चिमी देशों से है। एशियाई टर्की - इसको हम तीन प्राकृतिक भागों में विभाजित कर सकते हैं: 1.

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निनियन स्टीफ़ेन

निनिय़न माऱ्टिन स्टीफ़ेन (Ninian Stephen) (1923-2017) एक ऑस्ट्रेलियाई राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 29 जुलाई 1982-16 फ़रवरी 1989 के बीच, ऑस्ट्रेलिया की रानी, एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महारानी के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। .

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प्रसिद्ध पुस्तकें

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बीसवीं शताब्दी

ग्रेगरी पंचांग (कलेंडर) के अनुसार ईसा की बीसवीं शताब्दी 1 जनवरी 1901 से 31 दिसम्बर 2000 तक मानी जाती है। कुछ इतिहासवेत्ता 1914 से 1992 तक को संक्षिप्त बीसवीं शती का नाम भी देते हैं। (उन्नीसवी शताब्दी - बीसवी शताब्दी - इक्कीसवी शताब्दी - और शताब्दियाँ) दशक: १९०० का दशक १९१० का दशक १९२० का दशक १९३० का दशक १९४० का दशक १९५० का दशक १९६० का दशक १९७० का दशक १९८० का दशक १९९० का दशक ---- समय के गुज़रने को रेकोर्ड करने के हिसाब से देखा जाये तो बीसवी शताब्दी वह शताब्दी थी जो १९०१ - २००० तक चली थी। मनुष्य जाति के जीवन का लगभग हर पहलू बीसवी शताब्दी में बदल गया।.

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भारतीय गणितज्ञों की सूची

सिन्धु सरस्वती सभ्यता से आधुनिक काल तक भारतीय गणित के विकास का कालक्रम नीचे दिया गया है। सरस्वती-सिन्धु परम्परा के उद्गम का अनुमान अभी तक ७००० ई पू का माना जाता है। पुरातत्व से हमें नगर व्यवस्था, वास्तु शास्त्र आदि के प्रमाण मिलते हैं, इससे गणित का अनुमान किया जा सकता है। यजुर्वेद में बड़ी-बड़ी संख्याओं का वर्णन है। .

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भैरोंसिंह शेखावत

भैरोंसिंह शेखावत (२३ अक्टूबर १९२३ - १५ मई २०१०) भारत के उपराष्ट्रपति थे। वे १९ अगस्त २००२ से २१ जुलाई २००७ तक इस पद पर रहे। वे १९७७ से १९८०, १९९० से १९९२ और १९९३ से १९९८ तक राजस्थान के मुख्यमंत्री भी रहे। वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे। भैरोंसिंह शेखावत का जन्म तत्कालिक जयपुर रियासत के गाँव खाचरियावास में हुआ था। यह गाँव अब राजस्थान के सीकर जिले में है। इनके पिता का नाम श्री देवी सिंह शेखावत और माता का नाम श्रीमती बन्ने कँवर था। गाँव की पाठशाला में अक्षर-ज्ञान प्राप्त किया। हाई-स्कूल की शिक्षा गाँव से तीस किलोमीटर दूर जोबनेर से प्राप्त की, जहाँ पढ़ने के लिए पैदल जाना पड़ता था। हाई स्कूल करने के पश्चात जयपुर के महाराजा कॉलेज में दाखिला लिया ही था कि पिता का देहांत हो गया और परिवार के आठ प्राणियों का भरण-पोषण का भार किशोर कंधों पर आ पड़ा, फलस्वरूप हल हाथ में उठाना पड़ा। बाद में पुलिस की नौकरी भी की; पर उसमें मन नहीं रमा और त्यागपत्र देकर वापस खेती करने लगे। स्वतंत्रता-प्राप्ति के पश्चात लोकतंत्र की स्थापना में आम नागरिक के लिए उन्नति के द्वार खोल दिए। राजस्थान में वर्ष १९५२ में विधानसभा की स्थापना हुई तो शेखावत ने भी भाग्य आजमाया और विधायक बन गए। फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा तथा सीढ़ी-दर-सीढ़ी चढ़ते हुए विपक्ष के नेता, मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति पद तक पहुँच गए। .

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भीमराव आम्बेडकर

भीमराव रामजी आम्बेडकर (१४ अप्रैल, १८९१ – ६ दिसंबर, १९५६) बाबासाहब आम्बेडकर के नाम से लोकप्रिय, भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) के खिलाफ सामाजिक भेद भाव के विरुद्ध अभियान चलाया। श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री, भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। आम्बेडकर विपुल प्रतिभा के छात्र थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त की। उन्होंने विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के शोध कार्य में ख्याति प्राप्त की। जीवन के प्रारम्भिक करियर में वह अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवम वकालत की। बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में बीता; वह भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रचार और बातचीत में शामिल हो गए, पत्रिकाओं को प्रकाशित करने, राजनीतिक अधिकारों की वकालत करने और दलितों के लिए सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत और भारत की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। 1990 में, उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था। आम्बेडकर की विरासत में लोकप्रिय संस्कृति में कई स्मारक और चित्रण शामिल हैं। .

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मर्यादा (पत्रिका)

मर्यादा पत्रिका का पहला अंक नवम्बर सन १९१० ई० में कृष्णकान्त मालवीय ने 'अभ्युदय' कार्यालय प्रयाग से इसे प्रकाशित हुआ था। इसके प्रथम अंक का प्रथम लेख 'मर्यादा' शीर्षक से पुरुषोत्तमदास टण्डन ने लिखा। १० वर्षों तक इस पत्रिका को प्रयाग से निकालने के बाद कृष्णकान्त मालवीय ने इसका प्रकाशन ज्ञानमण्डल काशी को सौंप दिया। सन १९२१ ई० से श्री शिवप्रसाद गुप्त कस संचालन में और सम्पूर्णानन्द जी के संपादकत्व में "मर्यादा" ज्ञानमण्डल से प्रकाशित हुई। असहयोग आन्दोलन में उनके जेल चले जाने पर धनपत राय प्रेमचन्द स्थानापन्न संपादक हुए। पत्रिका का वार्षिक मूल्य ५ रुपए तथा एक प्रति का २ आना था। इसका आकार १० * ७ था। मर्यादा अपने समय की सर्वश्रेष्ट मासिक पत्रिका थी। प्रेमचन्द की आरम्भिक कहानियाँ इसमें प्रकाशित हुईं। सन १९२३ ई० में यह पत्रिका अनिवार्य कारणों से बन्द हो गई। इसका अन्तिम अंक प्रवासी विशेषांक के रूप में बनारसीदास चतुर्वेदी के सम्पादन में निकला, जो अपनी विशिष्ट लेख सामग्री के कारण ऍतिहासिक महत्त्व रखता है। .

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मुकेश

मुकेश चंद माथुर (जुलाई २२, १९२३, दिल्ली, भारत - अगस्त २७, १९७६), लोकप्रिय तौर पर सिर्फ़ मुकेश के नाम से जाने वाले, हिन्दी सिनेमा के एक प्रमुख पार्श्व गायक थे। मुकेश की आवाज़ बहुत खूबसूरत थी पर उनके एक दूर के रिश्तेदार मोतीलाल ने उन्हें तब पहचाना जब उन्होंने उसे अपनी बहन की शादी में गाते हुए सुना। मोतीलाल उन्हें बम्बई ले गये और अपने घर में रहने दिया। यही नहीं उन्होंने मुकेश के लिए रियाज़ का पूरा इन्तजाम किया। इस दौरान मुकेश को एक हिन्दी फ़िल्म निर्दोष (१९४१) में मुख्य कलाकार का काम मिला। पार्श्व गायक के तौर पर उन्हें अपना पहला काम १९४५ में फ़िल्म पहली नज़र में मिला। मुकेश ने हिन्दी फ़िल्म में जो पहला गाना गाया, वह था दिल जलता है तो जलने दे जिसमें अदाकारी मोतीलाल ने की। इस गीत में मुकेश के आदर्श गायक के एल सहगल के प्रभाव का असर साफ़-साफ़ नज़र आता है। 1959 में अनाड़ी फ़िल्म के ‘सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी’ गाने के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर का फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला था। १९७४ में मुकेश को रजनीगन्धा फ़िल्म में कई बार यूँ भी देखा है गाना गाने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। १९७६ में जब वे अमेरीका के डेट्रॉयट शहर में दौरे पर थे, तब उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गयी। .

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मेघनाद साहा

मेघनाद साहा (६ अक्टूबर १८९३ - १६ फरवरी, १९५६) सुप्रसिद्ध भारतीय खगोलविज्ञानी (एस्ट्रोफिजिसिस्ट्) थे। वे साहा समीकरण के प्रतिपादन के लिये प्रसिद्ध हैं। यह समीकरण तारों में भौतिक एवं रासायनिक स्थिति की व्याख्या करता है। उनकी अध्यक्षता में गठित विद्वानों की एक समिति ने भारत के राष्ट्रीय शक पंचांग का भी संशोधन किया, जो २२ मार्च १९५७ (१ चैत्र १८७९ शक) से लागू किया गया। इन्होंने साहा नाभिकीय भौतिकी संस्थान तथा इण्डियन एसोसियेशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साईन्स नामक दो महत्त्वपूर्ण संस्थाओं की स्थापना की। .

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रासबिहारी बोस

रासबिहारी बोस (बांग्ला: রাসবিহারী বসু, जन्म:२५ मई १८८६ - मृत्यु: २१ जनवरी १९४५) भारत के एक क्रान्तिकारी नेता थे जिन्होने ब्रिटिश राज के विरुद्ध गदर षडयंत्र एवं आजाद हिन्द फौज के संगठन का कार्य किया। इन्होंने न केवल भारत में कई क्रान्तिकारी गतिविधियों का संचालन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, अपितु विदेश में रहकर भी वह भारत को स्वतन्त्रता दिलाने के प्रयास में आजीवन लगे रहे। दिल्ली में तत्कालीन वायसराय लार्ड चार्ल्स हार्डिंग पर बम फेंकने की योजना बनाने, गदर की साजिश रचने और बाद में जापान जाकर इंडियन इंडिपेंडेस लीग और आजाद हिंद फौज की स्थापना करने में रासबिहारी बोस की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यद्यपि देश को स्वतन्त्र कराने के लिये किये गये उनके ये प्रयास सफल नहीं हो पाये, तथापि स्वतन्त्रता संग्राम में उनकी भूमिका का महत्व बहुत ऊँचा है। .

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रांगेय राघव

रांगेय राघव (१७ जनवरी, १९२३ - १२ सितंबर, १९६२) हिंदी के उन विशिष्ट और बहुमुखी प्रतिभावाले रचनाकारों में से हैं जो बहुत ही कम उम्र लेकर इस संसार में आए, लेकिन जिन्होंने अल्पायु में ही एक साथ उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार, आलोचक, नाटककार, कवि, इतिहासवेत्ता तथा रिपोर्ताज लेखक के रूप में स्वंय को प्रतिस्थापित कर दिया, साथ ही अपने रचनात्मक कौशल से हिंदी की महान सृजनशीलता के दर्शन करा दिए।आगरा में जन्मे रांगेय राघव ने हिंदीतर भाषी होते हुए भी हिंदी साहित्य के विभिन्न धरातलों पर युगीन सत्य से उपजा महत्त्वपूर्ण साहित्य उपलब्ध कराया। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर जीवनीपरक उपन्यासों का ढेर लगा दिया। कहानी के पारंपरिक ढाँचे में बदलाव लाते हुए नवीन कथा प्रयोगों द्वारा उसे मौलिक कलेवर में विस्तृत आयाम दिया। रिपोर्ताज लेखन, जीवनचरितात्मक उपन्यास और महायात्रा गाथा की परंपरा डाली। विशिष्ट कथाकार के रूप में उनकी सृजनात्मक संपन्नता प्रेमचंदोत्तर रचनाकारों के लिए बड़ी चुनौती बनी। .

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रोबर्ट ए मिल्लिकन

रोबर्ट ए मिल्लिकन अमेरिका के प्रसिद्द वैज्ञानिक थे। 1923 में इन्हें भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। श्रेणी:1868 में जन्मे लोग श्रेणी:नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिक विज्ञानी श्रेणी:१९५३ में निधन.

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लखनऊ

लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .

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लखनऊ में यातायात

चारबाग रेलवे स्टेशन लखनऊ में कई रेलवे स्टेशन हैं। शहर में मुख्य रेलवे स्टेशन चारबाग रेलवे स्टेशन है। इसकी शानदार महल रूपी इमारत १९२३ में बनी थी। मुख्य टर्मिनल उत्तर रेलवे का है (स्टेशन कोड: LKO)। दूसरा टर्मिनल पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) मंडल का है। (स्टेशन कोड: LJN)। लखनऊ एक प्रधान जंक्शन स्टेशन है, जो भारत के लगभग सभी मुख्य शहरों से रेल द्वारा जुड़ा हुआ है। यहां और १३ रेलवे स्टेशन हैं.

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लखनऊ के रेलवे स्टेशन

चारबाग रेलवे स्टेशन लखनऊ में कई रेलवे स्टेशन हैं। शहर में मुख्य रेलवे स्टेशन चारबाग रेलवे स्टेशन है। इसकी शानदार महल रूपी इमारत १९२३ में बनी थी। मुख्य टर्मिनल उत्तर रेलवे का है (स्टेशन कोड: LKO)। दूसरा टर्मिनल पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) मंडल का है। (स्टेशन कोड: LJN)। लखनऊ एक प्रधान जंक्शन स्टेशन है, जो भारत के लगभग सभी मुख्य शहरों से रेल द्वारा जुड़ा हुआ है। यहां और १३ रेलवे स्टेशन हैं.

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लीला नाग

लीला नाग (जन्म: 2 अक्टूबर, 1900, मृत्यु:11 जून, 1970)সংসদ বাঙালি চরিতাভিধান, সম্পাদনাঃ সুবোধচন্দ্র সেনগুপ্ত এবং অঞ্জলি বসু, ১ম খণ্ড, সংশোধিত পঞ্চম সংস্করণ, সাহিত্য সংসদ, ২০১০, কলকাতা (शादी के बाद, नाम है लीला रॉय), एक बंगाली पत्रकार, ghitis और राजनीतिक आंदोलन में सक्रिय व्यक्ति था। उन्होंने कहा, ढाका विश्वविद्यालय में पहली बार छात्र था। লীলা নাগ, সোনিয়া আমিন, বাংলাপিডিয়া, সংস্করণ 2.0.0 (সিডি সংস্করণ), কর্তৃক প্রকাশিত। वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सहायक था। .

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शिक्षक दिवस

विश्व के कुछ देशों में शिक्षकों (गुरुओं) को विशेष सम्मान देने के लिये शिक्षक दिवस का आयोजन होता है। कुछ देशों में छुट्टी रहती है जबकि कुछ देश इस दिन कार्य करते हुए मनाते हैं। भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन (५ सितंबर) भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। .

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शंकर रामचन्द्र

शंकर रामचंद्र या मामाराव दांते (२८ सितंबर, १८९८-), ने पुणे से १९२० में कला स्नातक किया। १९२०-१९२३ तक लोक-संग्रह समाचार पत्र के संपादकीय विभाग में कार्यरत रहे। १९२३ के बाद इन्होंने देवनागरी लिपि के अक्षरों के मुद्रण एवं टंकण पर शोध किया और देवनागरी लिपि का मोनो-टाइप पर मुद्रण संभव हुआ। १९२४-१९३० तक पुणे हिन्दू महासभा के सचिव रहे थे। इस दौरान शुद्धि कार्यक्रम किए थे। १९२८ में दंगा प्रभावित महाद का सर्वेक्षण किया। १९३८ में इन्होंने निज़ाम के शासन में हिन्दुओं की स्थिति का सर्वेक्षण किया तथा सरकार को अवगत कराया। ये १९४०-१९४५ तक महाराष्ट्र हिन्दू महासभा के सचिव रहे थे। १९३८ में भागनगर (हैदराबाद) के अहिंसक प्रतिरोध के बाद १९३९ में इन्हें कारावास भोगना पड़ा। १९५० में ये अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के सचिव निर्वाचित हुए। बाद में १९७५ में उपाध्यक्ष भी बने। इन्होंने चित्तराव शास्त्री के ऋगवेद के मराठी अनुवाद, मेट्स बुक ऑन द प्लाइट ऑफ अनटचेबल्स, बलशास्त्री हरिदास के पुणे में दिए व्याख्यानों व सावरकर के कार्यों का प्रकाशन भी किया। ये १९४०-५५ तक काल- समाचारपत्र के संपादक भी रहे। १९६७ में इन्होंने काल-साप्ताहिक निकाला। गणपत महादेव नलदाड़े (१० फरवरी-) इनका जन्म पुणे में हुआ। आरंभ में इन्होंने अपने पिता के तंबाकू के व्यापार में सहओग किया। १९२२ में मुद्रणालय खोला। १९२५-३२ तक संग्राम-साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन किया। १९२८-५४ तक पुणे नगर निगम के अध्यक्ष भी रहे। १९४२ में ये पुणे शहर के महापौर भी चुने गए थे। १९६४ में ये मुंबई विधान परिषद के सदस्य चुने गए। मर्चेन्ट्स कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष रहे थे। गांधी हत्याकाण्ड के दंगों के दौरान इनकी प्रिंटिंग प्रेस जला दी गई। १९४८ एवं १९५० में ये ४-४ महीनों के लिए जेल भी गए। १९७५ में पुणे में आयोजित हिन्दू महासभा सत्र की स्वागत समिति के अध्यक्ष भी रहे थे। .

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सिंधु घाटी सभ्यता

सिंधु घाटी सभ्यता अपने शुरुआती काल में, 3250-2750 ईसापूर्व सिंधु घाटी सभ्यता (3300 ईसापूर्व से 1700 ईसापूर्व तक,परिपक्व काल: 2600 ई.पू. से 1900 ई.पू.) विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता है। जो मुख्य रूप से दक्षिण एशिया के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में, जो आज तक उत्तर पूर्व अफगानिस्तान,पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम और उत्तर भारत में फैली है। प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया की प्राचीन सभ्यता के साथ, यह प्राचीन दुनिया की सभ्यताओं के तीन शुरुआती कालक्रमों में से एक थी, और इन तीन में से, सबसे व्यापक तथा सबसे चर्चित। सम्मानित पत्रिका नेचर में प्रकाशित शोध के अनुसार यह सभ्यता कम से कम 8000 वर्ष पुरानी है। यह हड़प्पा सभ्यता और 'सिंधु-सरस्वती सभ्यता' के नाम से भी जानी जाती है। इसका विकास सिंधु और घघ्घर/हकड़ा (प्राचीन सरस्वती) के किनारे हुआ। मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा, राखीगढ़ी और हड़प्पा इसके प्रमुख केन्द्र थे। दिसम्बर २०१४ में भिर्दाना को सिंधु घाटी सभ्यता का अब तक का खोजा गया सबसे प्राचीन नगर माना गया है। ब्रिटिश काल में हुई खुदाइयों के आधार पर पुरातत्ववेत्ता और इतिहासकारों का अनुमान है कि यह अत्यंत विकसित सभ्यता थी और ये शहर अनेक बार बसे और उजड़े हैं। 7वी शताब्दी में पहली बार जब लोगो ने पंजाब प्रांत में ईटो के लिए मिट्टी की खुदाई की तब उन्हें वहां से बनी बनाई इटे मिली जिसे लोगो ने भगवान का चमत्कार माना और उनका उपयोग घर बनाने में किया उसके बाद 1826 में चार्ल्स मैसेन ने पहली बार इस पुरानी सभ्यता को खोजा। कनिंघम ने 1856 में इस सभ्यता के बारे में सर्वेक्षण किया। 1856 में कराची से लाहौर के मध्य रेलवे लाइन के निर्माण के दौरान बर्टन बंधुओं द्वारा हड़प्पा स्थल की सूचना सरकार को दी। इसी क्रम में 1861 में एलेक्जेंडर कनिंघम के निर्देशन में भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना की। 1904 में लार्ड कर्जन द्वारा जॉन मार्शल को भारतीय पुरातात्विक विभाग (ASI) का महानिदेशक बनाया गया। फ्लीट ने इस पुरानी सभ्यता के बारे में एक लेख लिखा। १९२१ में दयाराम साहनी ने हड़प्पा का उत्खनन किया। इस प्रकार इस सभ्यता का नाम हड़प्पा सभ्यता रखा गया व दयाराम साहनी को इसका खोजकर्ता माना गया। यह सभ्यता सिन्धु नदी घाटी में फैली हुई थी इसलिए इसका नाम सिन्धु घाटी सभ्यता रखा गया। प्रथम बार नगरों के उदय के कारण इसे प्रथम नगरीकरण भी कहा जाता है। प्रथम बार कांस्य के प्रयोग के कारण इसे कांस्य सभ्यता भी कहा जाता है। सिन्धु घाटी सभ्यता के १४०० केन्द्रों को खोजा जा सका है जिसमें से ९२५ केन्द्र भारत में है। ८० प्रतिशत स्थल सरस्वती नदी और उसकी सहायक नदियों के आस-पास है। अभी तक कुल खोजों में से ३ प्रतिशत स्थलों का ही उत्खनन हो पाया है। .

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वारन गैमेलियल हार्डिंग

वारन गैमेलियल हार्डिंग संयुक्त राज्य अमरीका के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १९२१ से १९२३ तक था। ये रिपब्लिकन पार्टी से थे। श्रेणी:अमेरिका के राष्ट्रपति.

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ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची

List of Men's Singles Grand Slam tournaments tennis champions: .

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गोविन्द चन्द्र पाण्डेय

डॉ॰ गोविन्द चन्द्र पाण्डेय (30 जुलाई 1923 - 21 मई 2011) संस्कृत, लेटिन और हिब्रू आदि अनेक भाषाओँ के असाधारण विद्वान, कई पुस्तकों के यशस्वी लेखक, हिन्दी कवि, हिन्दुस्तानी अकादमी इलाहबाद के सदस्य राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति और सन २०१० में पद्मश्री सम्मान प्राप्त, बीसवीं सदी के जाने-माने चिन्तक, इतिहासवेत्ता, सौन्दर्यशास्त्री और संस्कृतज्ञ थे। .

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ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ इंडिया

collar of a Knight Grand Commander of the Order of the Star of India. Maharaja Jagatjit Singh of Kapurthala, an Knight Grand Commander of this order. The flag of the Viceroy of India displayed the Star of the Order beneath the Imperial Crown of India. सर्वोन्नत ऑर्डर ऑफ स्टार ऑफ इंडिया एक बहादुरी के लिये दिया जाता हुआ सम्मान होता था। इसकी स्थापना महारानी विक्टोरिया द्वारा १८६१ में की गयी थी। इस सम्मान की तीन श्रेणियां थीं.

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कन्नड साहित्य सम्मेलन

कन्नड साहित्य सम्मेलन कन्नड साहित्यकारों, लेखकों तथा कननाडिगारु लोगों का सम्मेलन है। इसका लक्षय कन्नड भाषा, कन्नड साहित्य, कला, संगीत और संस्कृति का विकास करना है। इसका आरम्भ १९१५ में एच वी नान्जुनैया ने किया था। पहला सम्मेलन बंगलुरु में हुआ था। १९४८ तक इसका उद्घाटन किसी सुप्रसिद्ध कवि या लेखक द्वारा किया जाता था कि्न्तु १९४८ के बाद से कर्नाटक के मुख्यमंत्री इसका उद्घाटन करते हैं। इस सम्मेलन का आयोजन कन्नड साहित्य परिषद करती है। .

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कन्वेंशन ड्यू मेत्रे

कन्वेंशन ड्यू मेत या फ्रेंच में Convention du Mètre 20 मई, 1875 को हुई एन अन्तर्राष्ट्रीय संधि थी, जिसमें मीट्रिक मानकों पर नजर रखने हेतु तीन संगठनों की स्थापना की गयी थी। यह फ़्रेंच भाषा में लिखी गयी है और इसे अंग्रेजी भाषा में Metre Convention या मीटर सम्मेलन कहा जाता है। संयुक्त राज्य में इसे मीटर की संधि भी कहते हैं। इसे 1921 में छठी CGPM में पुनरावलोकित किया गया था। इस सम्मेलन में तीन संगठनों का प्रादुर्भाव हुआ थ। वे हैं.

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कादम्बिनी गांगुली

कादम्बिनी गांगुली (जन्म- 18 जुलाई, 1861, भागलपुर, बिहार; मृत्यु- 3 अक्टूबर, 1923, कलकत्ता, ब्रिटिश भारत) भारत की पहली महिला स्नातक और पहली महिला फ़िजीशियन थीं। यही नहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में सबसे पहले भाषण देने वाली महिला का गौरव भी कादम्बिनी गांगुली को ही प्राप्त है। कादम्बिनी गांगुली पहली दक्षिण एशियाई महिला थीं, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण लिया था। इन्होंने कोयला खदानों में काम करने वाली महिलाओं की लचर स्थिति पर भी काफ़ी कार्य किया। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की रचनाओं से कादम्बिनी बहुत प्रभावित थीं। उनमें देशभक्ति की भावना बंकिमचन्द्र की रचनाओं से ही जागृत हुई थी। .

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किशन महाराज

पण्डित किशन महराज अपने शिष्य विनीत व्यास तथा शाहिद परवेज खान के साथ किशन महाराज या पंडित किशन महाराज (1923 - 4 मई, 2008) विख्यात तबला वादक थे। .

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केशव बलिराम हेडगेवार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डा.

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कॉल्विन कूलिज

कालविन कूलिज कॉल्विन कूलिज संयुक्त राज्य अमरीका के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १९२३ से १९२९ तक था। ये रिपब्लिकन पार्टी से थे। श्रेणी:अमेरिका के राष्ट्रपति.

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अन्वेषणों की समय-रेखा

यहाँ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण तकनीकी खोजों की समय के सापेक्ष सूची दी गयी है। .

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अबुल कलाम आज़ाद

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन (11 नवंबर, 1888 - 22 फरवरी, 1958) एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के वाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कार्य किया, तथा वे अलग मुस्लिम राष्ट्र (पाकिस्तान) के सिद्धांत का विरोध करने वाले मुस्लिम नेताओ में से थे। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1923 में वे भारतीय नेशनल काग्रेंस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने। वे 1940 और 1945 के बीच काग्रेंस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के वाद वे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने। वे धारासन सत्याग्रह के अहम इन्कलाबी (क्रांतिकारी) थे। वे 1940-45 के बीट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे जिस दौरान भारत छोड़ो आन्दोलन हुआ था। कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेताओं की तरह उन्हें भी तीन साल जेल में बिताने पड़े थे। स्वतंत्रता के बाद वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना में उनके सबसे अविस्मरणीय कार्यों में से एक था। .

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अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची

* 1881 - रिचर्ड सीअर्स.

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अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस

अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस या मई दिन मनाने की शुरूआत 1 मई 1886 से मानी जाती है जब अमेरिका की मज़दूर यूनियनों नें काम का समय 8 घंटे से ज़्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी। इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ था। यह बम किस ने फेंका किसी का कोई पता नहीं। इसके निष्कर्ष के तौर पर पुलिस ने मज़दूरों पर गोली चला दी और सात मज़दूर मार दिए। "भरोसेमंद गवाहों ने तस्दीक की कि पिस्तौलों की सभी फलैशें गली के केंद्र की तरफ से आईं जहाँ पुलिस खड़ी थी और भीड़ की तरफ़ से एक भी फ्लैश नहीं आई। इस से भी आगे वाली बात, प्राथमिक अखबारी रिपोर्टों में भीड़ की तरफ से गोलीबारी का कोई ज़िक्र नहीं। मौके पर एक टेलीग्राफ खंबा गोलियों के साथ हुई छेद से पुर हुआ था, जो सभी की सभी पुलिस वाले तरफ़ से आईं थीं।" चाहे इन घटनाओं का अमेरिका पर एकदम कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा था लेकिन कुछ समय के बाद अमेरिका में 8 घंटे काम करने का समय निश्चित कर दिया गया था। मौजूदा समय भारत और अन्य मुल्कों में मज़दूरों के 8 घंटे काम करने से संबंधित क़ानून लागू है। अंतरराष्ट्रीय मज़दूर आंदोलन, अराजकतावादियों, समाजवादियों, तथा साम्यवादियों द्वारा समर्थित यह दिवस ऐतिहासिक तौर पर केल्त बसंत महोत्सव से भी संबंधित है। इस दिवस का चुनाव हेमार्केट घटनाक्रम की स्मृति में, जो कि 4 मई 1886 को घटित हुआ था, द्वितीय अंतरराष्ट्रीय के दौरान किया गया। .

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उत्तराखंड में स्वाधीनता संग्राम

सुगौली संधि द्वारा गोरखा शासन से मुक्त हुआ क्षेत्र। वर्तमान राज्य उत्तराखण्ड जिस भौगोलिक क्षेत्र पर विस्तृत है उस इलाके में ब्रिटिश शासन का इतिहास उन्नीसवी सदी के दूसरे दशक से लेकर भारत की आज़ादी तक का है। उत्तराखण्ड में ईस्ट इंडिया कंपनी का आगमन 1815 में हुआ। इससे पहले यहाँ नेपाली गोरखों का शासन था। यह भी माना जाता है कि गोरखा शासकों द्वारा इस इलाके के लोगों पर किये गये अत्याचारों को देखकर ही अंग्रेजों का ध्यान इस ओर गया। हालाँकि अंग्रेजों और नेपाली गुरखाओं के बीच लड़े गये गोरखा युद्ध के अन्य कारण भी थे। अल्मोड़ा में 27 अप्रैल 1815 को गोरखा प्रतिनिधि बमशाह और लेफ्टिनेंट कर्नल गार्डनर के बीच हुई एक संधि के बाद नेपाली शासक ने इस क्षेत्र से हट जाने को स्वीकारा और इस क्षेत्र पर ईस्ट इण्डिया कंपनी का अधिकार हो गया। अंग्रेजों का इस क्षेत्र पर पूर्ण अधिकार 4 अप्रैल 1816 को सुगौली की सन्धि के बाद इस पूरे क्षेत्र पर हो गया और नेपाल की सीमा काली नदी घोषित हुई। अंग्रेजों ने पूरे इलाके को अपने शासन में न रख अप्रैल 1815 में ही गढ़वाल के पूर्वी हिस्से और कुमायूँ के क्षेत्र पर अपना अधिकार रखा और पश्चिमी हिस्सा सुदर्शन शाह, जो गोरखों के शासन से पहले गढ़वाल के राजा थे, को सौंप दिया जो अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के पश्चिम में पड़ता था।Robert Montgomery Martin, History of the Possessions of the Honourable East India Company, Volume 1, pg.

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१ नवंबर

१ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३०५वॉ (लीप वर्ष मे ३०६ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ६० दिन बाकी है। .

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१ मार्च

1 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 60वॉ (लीप वर्ष में 61 वॉ) दिन है। साल में अभी और 305 दिन बाकी है। .

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१ सितंबर

१ सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २४४वॉ (लीप वर्ष मे २४५वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और १२१ दिन बाकी है। .

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१ जनवरी

१ जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का पहला दिन है। वर्ष में अभी और ३६४ दिन बाकी है (लीप वर्ष में ३६५)। .

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१० सितंबर

10 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 253वॉ (लीप वर्ष में 254 वॉ) दिन है। साल में अभी और 112 दिन बाकी है। .

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११ जनवरी

११ जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ११वाँ दिन है। साल में अभी और ३५४ दिन बाकी है (लीप वर्ष में ३५५)। .

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१२ दिसम्बर

12 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 346वॉ (लीप वर्ष मे 347 वॉ) दिन है। साल में अभी और 19 दिन बाकी है। .

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१२ नवम्बर

१२ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३१६वॉ (लीप वर्ष मे ३१७ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ४९ दिन बाकी है। .

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१२ अप्रैल

12 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 102वाँ (लीप वर्ष मे 103वाँ) दिन है। साल मे अभी और 263 दिन बाकी है। .

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१३ सितम्बर

13 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 256वॉ (लीप वर्ष में 257 वॉ) दिन है। साल में अभी और 109 दिन बाकी है। .

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१३ जून

13 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 164वाँ (लीप वर्ष में 165 वाँ) दिन है। साल में अभी और 201 दिन बाकी हैं। .

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१३ अगस्त

13 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 225वॉ (लीप वर्ष में 226 वॉ) दिन है। साल में अभी और 140 दिन बाकी है। .

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१३ अक्टूबर

१३ अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २८६वॉ (लीप वर्ष मे २८७ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ७९ दिन बाकी है। .

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१४ सितम्बर

14 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 257वॉ (लीप वर्ष मे 258 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 108 दिन बाकी है। भारत में राजभाषा हिंदी दिवस .

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१४ अक्टूबर

14 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 287वॉ (लीप वर्ष मे 288 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 78 दिन बाकी है। .

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१५ नवम्बर

१५ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३१९वॉ (लीप वर्ष में ३२० वॉ) दिन है। साल में अभी और ४६ दिन बाकी है। .

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१५ जुलाई

१५ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९वॉ (लीप वर्ष मे १९७वॉ) दिन है। साल मे अभी और १६९ दिन बाकी है। .

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१५ अक्टूबर

१५ अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २८८वां (लीप वर्ष में १८९ वां) दिन है। साल मे अभी और ७७ दिन बाकी है। .

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१६ जून

16 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 167वाँ (लीप वर्ष में 168 वाँ) दिन है। साल में अभी और 198 दिन बाकी हैं। .

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१६ अक्टूबर

16 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 289वॉ (लीप वर्ष मे 290 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 76 दिन बाकी है। .

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१७ सितम्बर

17 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 260वॉ (लीप वर्ष में 261 वॉ) दिन है। साल में अभी और 105 दिन बाकी है। .

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१७ जनवरी

17 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 17वाँ दिन है। साल में अभी और 348 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष 17 जनवरी 1946 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पहली बैठक हुई .

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१७ जुलाई

१७ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९८वॉ (लीप वर्ष में १९९वॉ) दिन है। वर्ष में अभी और १६७ दिन बाकी है। .

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१८ सितम्बर

18 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 261वॉ (लीप वर्ष मे 262 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 104 दिन बाकी है। .

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१८ जनवरी

18 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 18वाँ दिन है। साल में अभी और 347 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 348)। .

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१८ जून

18 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 169वाँ (लीप वर्ष में 170 वाँ) दिन है। साल में अभी और 196 दिन बाकी हैं। .

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१८ अप्रैल

18 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 108वॉ (लीप वर्ष मे 109 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 257 दिन बाकी है। .

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१९१४

1914 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९१५

१९१५ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९१६

1916 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

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१९१७

1917 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९१८

1918 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९१९

1919 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९२०

कोई विवरण नहीं।

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१९२१

1921 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९२२

1922 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९२३

कोई विवरण नहीं।

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२ अगस्त

2 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 214वॉ (लीप वर्ष में 215 वॉ) दिन है। साल में अभी और 151 दिन बाकी है। चाईरोनिया की लड़ाई, 338 BC- 2 अगस्त में होता है। .

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२० दिसम्बर

20 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 354वॉ (लीप वर्ष में 355 वॉ) दिन है। साल में अभी और 11 दिन बाकी है। .

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२० जुलाई

२० जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २०१वॉ (लीप वर्ष में २०२ वॉ) दिन है। साल में अभी और १६४ दिन बाकी है। .

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२२ जुलाई

२२ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २०३वॉ (लीप वर्ष मे २०४ वॉ) दिन है। साल मे अभी और १६२ दिन बाकी है। .

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२३ नवम्बर

२३ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३२७वॉ (लीप वर्ष में ३२८ वॉ) दिन है। साल में अभी और 38 दिन बाकी है। .

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२३ फ़रवरी

23 फरवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 54वॉ दिन है। साल में अभी और 311 दिन बाकी है (लीप वर्ष में 312)। .

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२३ मार्च

23 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 82वॉ (लीप वर्ष मे 83 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 283 दिन बाकी है। .

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२३ मई

23 मई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 143वॉ (लीप वर्ष में 144 वॉ) दिन है। साल में अभी और 222 दिन बाकी है। .

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२४ मई

24 मई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 144वॉ (लीप वर्ष मे 145 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 221 दिन बाकी है। .

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२४ सितम्बर

24 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 267वॉ (लीप वर्ष मे 268 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 98 दिन बाकी है। .

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२४ जुलाई

२४ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २०५वॉ (लीप वर्ष में २०६ वॉ) दिन है। साल में अभी और १६० दिन बाकी है। .

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२६ नवम्बर

२६ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३३०वाँ (लीप वर्ष मे ३३१वाँ) दिन है। वर्ष मे अभी और ३५ दिन बाकी है। .

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२६ सितम्बर

26 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 269वॉ (लीप वर्ष में 270 वॉ) दिन है। साल में अभी और 96 दिन बाकी है। .

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२६ अप्रैल

26 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 116वॉ (लीप वर्ष में 117 वॉ) दिन है। साल में अभी और 249 दिन बाकी है। .

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२६ अक्टूबर

26 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 299वॉ (लीप वर्ष मे 300 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 66 दिन बाकी है। .

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२७ दिसम्बर

२७ दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३६१वॉ (लीप वर्ष मे ३६२वॉ) दिन है। साल में अभी और ४ दिन बाकी है। .

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२७ मई

27 मई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 147वॉ (लीप वर्ष मे 148 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 218 दिन बाकी है। .

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२८ मार्च

28 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 87वॉ (लीप वर्ष मे 88 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 278 दिन बाकी है। .

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२९ अप्रैल

29 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 119वॉ (लीप वर्ष में 120 वॉ) दिन है। साल में अभी और 246 दिन बाकी है।.

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२९ अक्टूबर

29 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 302वॉ (लीप वर्ष में 303 वॉ) दिन है। साल में अभी और 63 दिन बाकी है। .

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३ मार्च

3 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 62वॉ (लीप वर्ष में 63 वॉ) दिन है। साल में अभी और 303 दिन बाकी है। .

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३० अगस्त

30 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 242वॉ (लीप वर्ष मे 243 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 123 दिन बाकी है। .

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४ सितम्बर

४ सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २४७वाँ (लीप वर्ष में २४८वाँ) दिन है। वर्ष में अभी और ११८ दिन बाकी है। .

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६ सितम्बर

6 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 249वॉ (लीप वर्ष मे 250 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 116 दिन बाकी है। .

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८ दिसम्बर

८ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४२वॉ (लीप वर्ष मे ३४३वॉ) दिन है। साल में अभी और २३ दिन बाकी है। .

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८ फ़रवरी

8 फरवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 39वॉ दिन है। साल मे अभी और 326 दिन बाकी है (लीप वर्ष मे 327)। .

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८ मार्च

8 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 67वॉ (लीप वर्ष में 68 वॉ) दिन है। साल में अभी और 298 दिन बाकी है। अंतराष्ट्रीय नारी दिवस (संयुक्त राष्ट्र संघ) .

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८ सितम्बर

8 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 251वॉ (लीप वर्ष मे 252 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 114 दिन बाकी है। .

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९ मार्च

९ मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ६८वॉ (लीप वर्ष मे ६९वॉ) दिन है। साल मे अभी और २९७ दिन बाकी है। .

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९ मई

9 मई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 129वॉ (लीप वर्ष मे 130 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 236 दिन बाकी है। .

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९ सितम्बर

9 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 252वॉ (लीप वर्ष मे 253 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 113 दिन बाकी है। .

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९ जून

9 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार इस वर्ष का 160वाँ (लीप वर्ष में 161 वाँ) दिन है। वर्ष में अभी और 205 दिन बाकी हैं। .

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1923

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