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१९२१

सूची १९२१

1921 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

66 संबंधों: नवलगढ, पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज, प्रसिद्ध पुस्तकें, प्रेमचंद, प्रेमचंद साहित्य संस्थान, पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव, फ़िरोज़ खान नून, फ्रेंच साहित्य, बरमूडा त्रिभुज, बलवंत सिंह (लेखक), बांग्लादेश के राष्ट्रपति, बांग्लादेश के राष्ट्रपतिगण की सूची, बीसवीं शताब्दी, भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन, भारत रत्‍न, भारत के महाराज्यपाल, भारतीय इतिहास तिथिक्रम, मर्गेरित युर्स्नर्, माधवराव सप्रे, माधुरी पत्रिका, मेघनाद साहा, लातविया, लालबहादुर शास्त्री, लीला नाग, शिकागो बीअर्स, शीतकालीन ओलम्पिक खेल, सत्यजित राय, सिंधु घाटी सभ्यता, संविधान, सुभद्रा कुमारी चौहान, सुहार्तो, सोपरोन, जैक क्रेमर, जीढ़ोग बागस ओका, वन अनुसंधान संस्थान, वारन गैमेलियल हार्डिंग, विनायक दामोदर सावरकर, विशिष्ट अस्तित्वों की सूची जिन्हें अन्तरराष्ट्रीय समझौते द्वारा मान्यता प्राप्त हैं, विक्टोरिया मेमोरियल, ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची, इमाम अहमद रज़ा, कन्नड साहित्य सम्मेलन, कन्वेंशन ड्यू मेत्रे, कोपनहेगन, अन्वेषणों की समय-रेखा, अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची, अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन, १ जुलाई, १ अगस्त, १३ दिसम्बर, ..., १३ अक्टूबर, १४ दिसम्बर, २ मई, २ अगस्त, २० अगस्त, २००४, २१ नवम्बर, २२ अगस्त, २४ दिसम्बर, २६ नवम्बर, २७ जुलाई, ३१ मार्च, ५ नवम्बर, ६ जनवरी, ७ सितम्बर, ८ मार्च सूचकांक विस्तार (16 अधिक) »

नवलगढ

नवलगढ (राजस्थानी: नौलगढ) राजस्थान में झुन्झुनू जिले की तहसील है। यह मुकुंदगढ़ के दक्षिण में और डुण्डलोद से दूर पड़ता है। नवलगढ के सीमावर्ती गाँव उत्तर में मोहब्बतसर,चेलासी,चेलासी ढ़हर,नवलड़ी,पूर्व में सैनीनगर,बिरोल दक्षिण में झाझड़,बेरीऔर पश्चिम में बिडो़दी बड़ी हैं तथा कस्बा उत्तर में डुण्डलोद, है। नवलगढ़ यह एक रेलवे-स्टेशन भी है। .

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पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज

पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज आदर्शतमसो मा ज्योतिर्गमय (संस्कृत)अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो (हिन्दी)Lead Us From Darkness to Light (अंग्रेजी) स्थापन१९२१-१९४७ लाहौर१९४७-१९५४ रुड़की१९५४-वर्तमान चंडीगढ प्रकारसार्वजनिक संचालकडॉक्टर विजय गुप्ता स्थानचंडीगढ, भारत परिसर१४६ एकड़ (०.६ km²), शहरी पूर्वस्नातक१५०० वेबसाइट पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज, या पेक चंडीगढ स्थित एक प्रमुख अभियांत्रिकी एवं तकनिकी महाविद्यालय हैं। यह १९२१ से १९४७ तक लाहौर में स्थपित था। भारत के विभाजन के बाद १९४७ से १९५४ तक रुड़की में स्थापना कि गई। १९५४ से वर्तमान तक कॉलेज चंडीगढ में स्थित हैं। २००४ तक पंजाब विश्वविद्यालय से सम्बद्ध के बाद कॉलेज स्नातक एवं अन्य उच्च उपाधियाँ प्रदान कर सकता है। .

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प्रसिद्ध पुस्तकें

कोई विवरण नहीं।

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प्रेमचंद

प्रेमचंद (३१ जुलाई १८८० – ८ अक्टूबर १९३६) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मूल नाम धनपत राय प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्‍य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्‍यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं। .

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प्रेमचंद साहित्य संस्थान

राजकीय दीक्षा विद्यालय, गोरखपुर वह विद्यालय है जहाँ उपन्यास सम्राट प्रेमचंद ने अपनी पहली नौकरी की थी। यह विद्यालय उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित है। यहाँ उन्होंने १९ अगस्त १९१६ से २६ फ़रवरी १९२१ तक सहायक अध्यापक के पद पर कार्य किया। वे इस विद्यालय के छात्रावास अधीक्षक भी थे और विद्यालय परिसर में ही बने एक मकान में रहते थे। प्रेमचंद को सम्मानित करते हुए इस विद्यालय के उनके कमरे को प्रेमचंद साहित्य संस्थान में परिवर्तित कर दिया है। प्रेमचंद ने महात्मा गांधी की स्वतंत्रता आंदोलन की पुकार पर इस नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था। श्रेणी:प्रेमचंद.

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पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव

पामुलापति वेंकट नरसिंह राव (जन्म- 28 जून 1921, मृत्यु- 23 दिसम्बर 2004) भारत के 10 वें प्रधानमंत्री के रूप में जाने जाते हैं। 'लाइसेंस राज' की समाप्ति और भारतीय अर्थनीति में खुलेपन उनके प्रधानमंत्रित्व काल में ही आरम्भ हुआ। ये आन्ध्रा प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। इनके प्रधानमंत्री बनने में भाग्य का बहुत बड़ा हाथ रहा है। 29 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या हो गई थी। ऐसे में सहानुभूति की लहर के कारण कांग्रेस को निश्चय ही लाभ प्राप्त हुआ। 1991 के आम चुनाव दो चरणों में हुए थे। प्रथम चरण के चुनाव राजीव गांधी की हत्या से पूर्व हुए थे और द्वितीय चरण के चुनाव उनकी हत्या के बाद में। प्रथम चरण की तुलना में द्वितीय चरण के चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा। इसका प्रमुख कारण राजीव गांधी की हत्या से उपजी सहानुभूति की लहर थी। इस चुनाव में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत नहीं प्राप्त हुआ लेकिन वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। कांग्रेस ने 232 सीटों पर विजय प्राप्त की थी। फिर नरसिम्हा राव को कांग्रेस संसदीय दल का नेतृत्व प्रदान किया गया। ऐसे में उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश किया। सरकार अल्पमत में थी, लेकिन कांग्रेस ने बहुमत साबित करने के लायक़ सांसद जुटा लिए और कांग्रेस सरकार ने पाँच वर्ष का अपना कार्यकाल सफलतापूर्वक पूर्ण किया। .

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फ़िरोज़ खान नून

फिरोज खान नून, एक पाकिस्तानी राजनेता, एवं पाकिस्तान के ७वें प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म 7 मई 1893 ई। को पाकीसतान के जिला सरगोधा की तहसील भलवाल के गांव हमोकह में हुआ था। वह सिर मोहम्मद हेयान नून के पुत्र थे। उनहोंने प्रारंभिक शिक्षा पब्लिक स्कूल भेरह जिले सरगोधा से प्राप्त की। 1905 में उन्होंने, एॅलिसन कॉलेज लाहौर में दाखिला लिया। 1912 में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड चले गए। 1916 में विलियम कॉलेज ऑक्सफोर्ड से हिस्ट्री में बीए किया। 1917 में बैरिस्टर बनकर वापस भारत चले आए। जन 1918 ई। में सरगोधा से अपनी प्रैक्टिस शुरू की। जन 1921 से जनवरी 1927 हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते रहे। .

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फ्रेंच साहित्य

फ्रेंच साहित्य से तात्पर्य फ्रेंच भाषा में लिखे साहित्य से है। फ्रांस, बेल्जियम, स्विट्जरलैण्ड, कनाडा, सेनेगल, अल्जीरिया तथा मोरोक्को आदि के नागरिकों द्वारा रचित साहित्य 'फ्रेंचभाषी साहित्य' (Francophone literature) कहलाता है। वर्ष २००६ तक फ्रांसीसी भाषा के सहित्यकारों को अन्य किसी भाषा के साहित्यकारों से अधिक नोबेल पुरस्कार प्राप्त हैं। .

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बरमूडा त्रिभुज

यह, जिसे शैतान के त्रिकोण के रूप में भी जाना जाता है, उत्तर पश्चिम अटलांटिक महासागर का एक क्षेत्र है जिसमे कुछ विमान और सतही त्रुटि (human error) या प्रकृति के कृत्यों (acts of nature) की सीमाओं के परे है। लोकप्रिय संस्कृति ने गायब होने की कुछ घटनाओं को अपसामान्य (paranormal), भौतिकी के नियमों (laws of physics) के निलंबन, या भूमि से परे की जीवित वस्तुओं (extraterrestrial beings)। की गतिविधियों से सम्बद्ध बताया। हालांकि बाद के लेखकों द्वारा अस्पष्ट रूप से सूचित या सृजित अनेक घटनाओं को प्रदर्शित करते हुए वास्तविक दस्तावेज उपलब्ध हैं और अनेक सरकारी एजेंसियों ने समुद्र के अन्य क्षेत्र के समान गायब होने की प्रकृति और उल्लेखित संख्या और दस्तावेजों पर कार्य किया है, परन्तु यथोचित जांच के बाद भी अनेक अवर्णित रह गए हैं। .

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बलवंत सिंह (लेखक)

बलवंत सिंह हिन्दी: (जन्म:जून 1921ई. - 27 मई 1986ई.) बीसवीं सदी की उर्दू और हिन्दी  के मशहूर नाटककार, उपन्यासकार और गल्पकार और पत्रकार हैं जिन्होंने जगा, पहला पत्थर, तारोपुद, हिंदुस्तान हमारा जैसे कहानी संग्रह और कॉल कोस, रात, चोर और चाँद, चक पीरान का जस्सा  जैसे लजवाल उपन्यास सृजन किए और अपनी रचनात्मक गुणों से उर्दू गल्प को विश्वीय पहचान देने मैं #अहम भूमिका अदा की। .

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बांग्लादेश के राष्ट्रपति

बांग्लादेश के राष्ट्रपति का पद गणप्रजातंत्री बांग्लादेश का सर्वोच्च संवैधानिक पद है। वर्तमान नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति को बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद द्वारा, खुले चुनाव प्रक्रिया द्वारा निर्वाचित होते हैं। राष्ट्रपति, बांग्लादेश की कार्यपालिका न्यायपालिका एवं विधानपालिका के सर्व शाखाओं के, पारंपरिक, प्रमुख एवं बांग्लादेश के सारे सशस्त्र बलों के सर्वादिनायक हैं। इस पद पर नियुक्त प्रत्येक राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष होता है। संसदीय बहुमत द्वारा निर्वाचित होने के कारण इस पद पर साधारण तौर पर शासक दल के प्रतिनिधि ही चुने जाते हैं। हालाँकि, एक बार निर्वाचित हो चुके पदाधिकारी चुनाव में पुनः खड़े होने के लिए मुक्त होते हैं। वर्ष 1991 में संसदीय गणतंत्र की शुरुआत से पूर्व, राष्ट्रपति का चुनाव जनता के मतों द्वारा होता था। संसदीय प्रणाली के पुनर्स्थापन के पश्चात से यह पद मूलतः एक पारंपरिक पद रह गया है, जिसकी, विशेषतः कोई सार्थक कार्यकारी शक्तियाँ नहीं हैं। प्रत्येक संसदीय साधारण चुनाव के पश्चात संसद की प्रथम अधिवेशन में राष्ट्रपति अपना उद्घाधाटनी अभिभाषण देते हैं। प्रत्येक वर्ष के प्रथम संसदीय अधिवेशन में भी राष्ट्रपति अपना उद्घाटनी अभिभाषण देते हैं। इसके अतिरिक्त, संसद में पारित हुई किसी भी अधिनियम को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक होता है। इसके अलावा राष्ट्रपति अपने विवेक पर क्षमादान भी दे सकते हैं। सन 1956 में संसद में नए कानून पारित किए, जिनके द्वारा राष्ट्रपति की, संसद के भंग होने के बाद की कार्यकारी शक्तियों को, संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत बढ़ाया गया था। बांग्लादेश के राष्ट्रपति आधिकारिक तौर पर ढाका के बंगभवन में निवास करते हैं। कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी वह अपने पद पर तब तक विराजमान रहते हैं जब तक उनका उत्तराधिकारी पद पर स्थापित नहीं हो जाता। .

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बांग्लादेश के राष्ट्रपतिगण की सूची

बांग्लादेश के राष्ट्रपतियों की सूची .

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बीसवीं शताब्दी

ग्रेगरी पंचांग (कलेंडर) के अनुसार ईसा की बीसवीं शताब्दी 1 जनवरी 1901 से 31 दिसम्बर 2000 तक मानी जाती है। कुछ इतिहासवेत्ता 1914 से 1992 तक को संक्षिप्त बीसवीं शती का नाम भी देते हैं। (उन्नीसवी शताब्दी - बीसवी शताब्दी - इक्कीसवी शताब्दी - और शताब्दियाँ) दशक: १९०० का दशक १९१० का दशक १९२० का दशक १९३० का दशक १९४० का दशक १९५० का दशक १९६० का दशक १९७० का दशक १९८० का दशक १९९० का दशक ---- समय के गुज़रने को रेकोर्ड करने के हिसाब से देखा जाये तो बीसवी शताब्दी वह शताब्दी थी जो १९०१ - २००० तक चली थी। मनुष्य जाति के जीवन का लगभग हर पहलू बीसवी शताब्दी में बदल गया।.

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भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन

भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन हिन्दी नाम है एक सम्मेलन का.

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भारत रत्‍न

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात् 13 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 12 मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है। उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के पश्चात् क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं। .

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भारत के महाराज्यपाल

भारत के महाराज्यपाल या गवर्नर-जनरल (१८५८-१९४७ तक वाइसरॉय एवं गवर्नर-जनरल अर्थात राजप्रतिनिधि एवं महाराज्यपाल) भारत में ब्रिटिश राज का अध्यक्ष और भारतीय स्वतंत्रता उपरांत भारत में, ब्रिटिश सम्प्रभु का प्रतिनिधि होता था। इनका कार्यालय सन 1773 में बनाया गया था, जिसे फोर्ट विलियम की प्रेसीडेंसी का गवर्नर-जनरल के अधीन रखा गया था। इस कार्यालय का फोर्ट विलियम पर सीधा नियंत्रण था, एवं अन्य ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों का पर्यवेक्षण करता था। सम्पूर्ण ब्रिटिश भारत पर पूर्ण अधिकार 1833 में दिये गये और तब से यह भारत के गवर्नर-जनरल बन गये। १८५८ में भारत ब्रिटिश शासन की अधीन आ गया था। गवर्नर-जनरल की उपाधि उसके भारतीय ब्रिटिश प्रांत (पंजाब, बंगाल, बंबई, मद्रास, संयुक्त प्रांत, इत्यादि) और ब्रिटिष भारत, शब्द स्वतंत्रता पूर्व काल के अविभाजित भारत के इन्हीं ब्रिटिश नियंत्रण के प्रांतों के लिये प्रयोग होता है। वैसे अधिकांश ब्रिटिश भारत, ब्रिटिश सरकार द्वारा सीधे शासित ना होकर, उसके अधीन रहे शासकों द्वारा ही शासित होता था। भारत में सामंतों और रजवाड़ों को गवर्नर-जनरल के ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि होने की भूमिका को दर्शित करने हेतु, सन १८५८ से वाइसरॉय एवं गवर्नर-जनरल ऑफ इंडिया (जिसे लघुरूप में वाइसरॉय कहा जाता था) प्रयोग हुई। वाइसरॊय उपाधि १९४७ में स्वतंत्रता उपरांत लुप्त हो गयी, लेकिन गवर्नर-जनरल का कार्यालय सन १९५० में, भारतीय गणतंत्रता तक अस्तित्व में रहा। १८५८ तक, गवर्नर-जनरल को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के निदेशकों द्वारा चयनित किया जाता था और वह उन्हीं को जवाबदेह होता था। बाद में वह महाराजा द्वारा ब्रिटिश सरकार, भारत राज्य सचिव, ब्रिटिश कैबिनेट; इन सभी की राय से चयन होने लगा। १९४७ के बाद, सम्राट ने उसकी नियुक्ति जारी रखी, लेकिन भारतीय मंत्रियों की राय से, ना कि ब्रिटिश मंत्रियों की सलाह से। गवर्नर-जनरल पांच वर्ष के कार्यकाल के लिये होता था। उसे पहले भी हटाया जा सकता था। इस काल के पूर्ण होने पर, एक अस्थायी गवर्नर-जनरल बनाया जाता था। जब तक कि नया गवर्नर-जनरल पदभार ग्रहण ना कर ले। अस्थायी गवर्नर-जनरल को प्रायः प्रान्तीय गवर्नरों में से चुना जाता था। .

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भारतीय इतिहास तिथिक्रम

भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं तिथिक्रम में।;भारत के इतिहास के कुछ कालखण्ड.

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मर्गेरित युर्स्नर्

मर्गेरित युर्स्नर् (फ़्रांसीसी भाषा,Marguerite Cleenewerck de Crayencour, Marguerite Yourcenar, बेल्जियम, ८ जून १९०३-संयुक्त राज्य अमेरिका, १७ दिसंबर १९८७) बेल्जियम के लेखक.

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माधवराव सप्रे

माधवराव सप्रे माधवराव सप्रे (जून १८७१ - २६ अप्रैल १९२६) हिन्दी के आरंभिक कहानीकारों में से एक, सुप्रसिद्ध अनुवादक एवं हिन्दी के आरंभिक संपादकों में प्रमुख स्थान रखने वाले हैं। वे हिन्दी के प्रथम कहानी लेखक के रूप में जाने जाते हैं। .

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माधुरी पत्रिका

माधुरी पत्रिका का प्रकाशन अगस्त १९२१ ई० में लखनऊ से हुआ। इसके संपादक विष्णुनारायण भार्गव थे। प्रारम्भ में कई वर्ष तक इसके संपादक दुलारेलाल भार्गव और रूपनारायण पाण्डेय थे। बाद में प्रेमचन्द और कृष्णबिहारी मिश्र ने इसका संपादन किया। इसके अतिरिक्त कुछ समय तक इसका संपादन जगन्नाथदास रत्नाकर और ब्रजरत्नदास भी करते रहे। १९२५ में कुछ समय तक आचार्य शिवपूजन सहाय ने भी इसका संपादन किया। हिन्दी की प्रारम्भिक पत्रिकाओं में "सरस्वती" के साथ ही "माधुरी" की गणना होती है। अमृतलाल नागर ने भी मेरी प्रिय कहानियाँ में लिखा है कि उनकी पहली कहानी १९३४ में माधुरी में छपी थी। .

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मेघनाद साहा

मेघनाद साहा (६ अक्टूबर १८९३ - १६ फरवरी, १९५६) सुप्रसिद्ध भारतीय खगोलविज्ञानी (एस्ट्रोफिजिसिस्ट्) थे। वे साहा समीकरण के प्रतिपादन के लिये प्रसिद्ध हैं। यह समीकरण तारों में भौतिक एवं रासायनिक स्थिति की व्याख्या करता है। उनकी अध्यक्षता में गठित विद्वानों की एक समिति ने भारत के राष्ट्रीय शक पंचांग का भी संशोधन किया, जो २२ मार्च १९५७ (१ चैत्र १८७९ शक) से लागू किया गया। इन्होंने साहा नाभिकीय भौतिकी संस्थान तथा इण्डियन एसोसियेशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साईन्स नामक दो महत्त्वपूर्ण संस्थाओं की स्थापना की। .

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लातविया

लातविया या लातविया गणराज्य (लातवियाई: Latvijas Republika) उत्तरपूर्वी यूरोप में स्थित एक देश है और उन तीन बाल्टिक गणराज्यों में से एक है जिनका द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भूतपूर्व सोवियत संघ में विलय कर दिया गया। इसकी सीमाएं लिथुआनिया, एस्टोनिया, बेलारूस और रूस से मिलती हैं। यह आकार की दृष्टि से एक छोटा देश है और इसका कुल क्षेत्रफल ६४,५८९ वर्ग किमी और जनसंख्या २२,३१,५० (२००९) है। लातविया की राजधानी है रीगा जिसकी अनुमानित जनसंख्या है ८,२६,०००। कुल जनसंख्या का ६०% लातवियाई मूल के नागरिक है और लगभग ३०% लोग रूसी मूल के हैं। यहाँ की आधिकारिक भाषा है लातवियाई, जो बाल्टिक भाषा परिवार से है। यहाँ की आधिकारिक मुद्रा है लात्स। लात्विया को १९९१ में सोवियत संघ से स्वतंत्रता मिली थी। १ मई, २००४ को लातविया यूरोपीय संघ का सदस्य बना। यहाँ के वर्तमान राष्ट्रपति हैं - वाल्डिस ज़ाट्लर्स। .

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लालबहादुर शास्त्री

लालबहादुर शास्त्री (जन्म: 2 अक्टूबर 1904 मुगलसराय - मृत्यु: 11 जनवरी 1966 ताशकन्द), भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री थे। वह 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमन्त्री रहे। इस प्रमुख पद पर उनका कार्यकाल अद्वितीय रहा। भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात शास्त्रीजी को उत्तर प्रदेश के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। गोविंद बल्लभ पंत के मन्त्रिमण्डल में उन्हें पुलिस एवं परिवहन मन्त्रालय सौंपा गया। परिवहन मन्त्री के कार्यकाल में उन्होंने प्रथम बार महिला संवाहकों (कण्डक्टर्स) की नियुक्ति की थी। पुलिस मन्त्री होने के बाद उन्होंने भीड़ को नियन्त्रण में रखने के लिये लाठी की जगह पानी की बौछार का प्रयोग प्रारम्भ कराया। 1951 में, जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में वह अखिल भारत काँग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त किये गये। उन्होंने 1952, 1957 व 1962 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से जिताने के लिये बहुत परिश्रम किया। जवाहरलाल नेहरू का उनके प्रधानमन्त्री के कार्यकाल के दौरान 27 मई, 1964 को देहावसान हो जाने के बाद साफ सुथरी छवि के कारण शास्त्रीजी को 1964 में देश का प्रधानमन्त्री बनाया गया। उन्होंने 9 जून 1964 को भारत के प्रधान मन्त्री का पद भार ग्रहण किया। उनके शासनकाल में 1965 का भारत पाक युद्ध शुरू हो गया। इससे तीन वर्ष पूर्व चीन का युद्ध भारत हार चुका था। शास्त्रीजी ने अप्रत्याशित रूप से हुए इस युद्ध में नेहरू के मुकाबले राष्ट्र को उत्तम नेतृत्व प्रदान किया और पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी। इसकी कल्पना पाकिस्तान ने कभी सपने में भी नहीं की थी। ताशकन्द में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब ख़ान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में ही रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिये मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित किया गया। .

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लीला नाग

लीला नाग (जन्म: 2 अक्टूबर, 1900, मृत्यु:11 जून, 1970)সংসদ বাঙালি চরিতাভিধান, সম্পাদনাঃ সুবোধচন্দ্র সেনগুপ্ত এবং অঞ্জলি বসু, ১ম খণ্ড, সংশোধিত পঞ্চম সংস্করণ, সাহিত্য সংসদ, ২০১০, কলকাতা (शादी के बाद, नाम है लीला रॉय), एक बंगाली पत्रकार, ghitis और राजनीतिक आंदोलन में सक्रिय व्यक्ति था। उन्होंने कहा, ढाका विश्वविद्यालय में पहली बार छात्र था। লীলা নাগ, সোনিয়া আমিন, বাংলাপিডিয়া, সংস্করণ 2.0.0 (সিডি সংস্করণ), কর্তৃক প্রকাশিত। वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सहायक था। .

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शिकागो बीअर्स

श्रेणी:नेशनल फुटबॉल लीग की टीमें.

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शीतकालीन ओलम्पिक खेल

शीतकालीन ऑलंपिक खेल (अंग्रेज़ी:विंटर ऑलंपिक्स) एक विशेष ओलम्पिक खेल होते हैं, जिनमें में अधिकांशत: बर्फ पर खेले जाने वाले खेलों की स्पर्धा होती है। इन खेलों में ऑल्पाइन स्कीइंग, बायथलॉनबॉब्स्लेड, क्रॉस कंट्री स्कीइंग, कर्लिंग, फिगर स्केटिंग, फ्रीस्टाइल स्कीइंग, आइस हॉकी, ल्यूज, नॉर्डिक कंबाइंड, शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग, स्केलेटन, स्नोबोर्डिंग, स्पीड स्केटिंग आदि स्पर्धाएं होती हैं। .

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सत्यजित राय

सत्यजित राय (बंगाली: शॉत्तोजित् राय्) (२ मई १९२१–२३ अप्रैल १९९२) एक भारतीय फ़िल्म निर्देशक थे, जिन्हें २०वीं शताब्दी के सर्वोत्तम फ़िल्म निर्देशकों में गिना जाता है। इनका जन्म कला और साहित्य के जगत में जाने-माने कोलकाता (तब कलकत्ता) के एक बंगाली परिवार में हुआ था। इनकी शिक्षा प्रेसिडेंसी कॉलेज और विश्व-भारती विश्वविद्यालय में हुई। इन्होने अपने कैरियर की शुरुआत पेशेवर चित्रकार की तरह की। फ़्रांसिसी फ़िल्म निर्देशक ज़ाँ रन्वार से मिलने पर और लंदन में इतालवी फ़िल्म लाद्री दी बिसिक्लेत (Ladri di biciclette, बाइसिकल चोर) देखने के बाद फ़िल्म निर्देशन की ओर इनका रुझान हुआ। राय ने अपने जीवन में ३७ फ़िल्मों का निर्देशन किया, जिनमें फ़ीचर फ़िल्में, वृत्त चित्र और लघु फ़िल्में शामिल हैं। इनकी पहली फ़िल्म पथेर पांचाली (পথের পাঁচালী, पथ का गीत) को कान फ़िल्मोत्सव में मिले “सर्वोत्तम मानवीय प्रलेख” पुरस्कार को मिलाकर कुल ग्यारह अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। यह फ़िल्म अपराजितो (অপরাজিত) और अपुर संसार (অপুর সংসার, अपु का संसार) के साथ इनकी प्रसिद्ध अपु त्रयी में शामिल है। राय फ़िल्म निर्माण से सम्बन्धित कई काम ख़ुद ही करते थे — पटकथा लिखना, अभिनेता ढूंढना, पार्श्व संगीत लिखना, चलचित्रण, कला निर्देशन, संपादन और प्रचार सामग्री की रचना करना। फ़िल्में बनाने के अतिरिक्त वे कहानीकार, प्रकाशक, चित्रकार और फ़िल्म आलोचक भी थे। राय को जीवन में कई पुरस्कार मिले जिनमें अकादमी मानद पुरस्कार और भारत रत्न शामिल हैं। .

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सिंधु घाटी सभ्यता

सिंधु घाटी सभ्यता अपने शुरुआती काल में, 3250-2750 ईसापूर्व सिंधु घाटी सभ्यता (3300 ईसापूर्व से 1700 ईसापूर्व तक,परिपक्व काल: 2600 ई.पू. से 1900 ई.पू.) विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता है। जो मुख्य रूप से दक्षिण एशिया के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में, जो आज तक उत्तर पूर्व अफगानिस्तान,पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम और उत्तर भारत में फैली है। प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया की प्राचीन सभ्यता के साथ, यह प्राचीन दुनिया की सभ्यताओं के तीन शुरुआती कालक्रमों में से एक थी, और इन तीन में से, सबसे व्यापक तथा सबसे चर्चित। सम्मानित पत्रिका नेचर में प्रकाशित शोध के अनुसार यह सभ्यता कम से कम 8000 वर्ष पुरानी है। यह हड़प्पा सभ्यता और 'सिंधु-सरस्वती सभ्यता' के नाम से भी जानी जाती है। इसका विकास सिंधु और घघ्घर/हकड़ा (प्राचीन सरस्वती) के किनारे हुआ। मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा, राखीगढ़ी और हड़प्पा इसके प्रमुख केन्द्र थे। दिसम्बर २०१४ में भिर्दाना को सिंधु घाटी सभ्यता का अब तक का खोजा गया सबसे प्राचीन नगर माना गया है। ब्रिटिश काल में हुई खुदाइयों के आधार पर पुरातत्ववेत्ता और इतिहासकारों का अनुमान है कि यह अत्यंत विकसित सभ्यता थी और ये शहर अनेक बार बसे और उजड़े हैं। 7वी शताब्दी में पहली बार जब लोगो ने पंजाब प्रांत में ईटो के लिए मिट्टी की खुदाई की तब उन्हें वहां से बनी बनाई इटे मिली जिसे लोगो ने भगवान का चमत्कार माना और उनका उपयोग घर बनाने में किया उसके बाद 1826 में चार्ल्स मैसेन ने पहली बार इस पुरानी सभ्यता को खोजा। कनिंघम ने 1856 में इस सभ्यता के बारे में सर्वेक्षण किया। 1856 में कराची से लाहौर के मध्य रेलवे लाइन के निर्माण के दौरान बर्टन बंधुओं द्वारा हड़प्पा स्थल की सूचना सरकार को दी। इसी क्रम में 1861 में एलेक्जेंडर कनिंघम के निर्देशन में भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना की। 1904 में लार्ड कर्जन द्वारा जॉन मार्शल को भारतीय पुरातात्विक विभाग (ASI) का महानिदेशक बनाया गया। फ्लीट ने इस पुरानी सभ्यता के बारे में एक लेख लिखा। १९२१ में दयाराम साहनी ने हड़प्पा का उत्खनन किया। इस प्रकार इस सभ्यता का नाम हड़प्पा सभ्यता रखा गया व दयाराम साहनी को इसका खोजकर्ता माना गया। यह सभ्यता सिन्धु नदी घाटी में फैली हुई थी इसलिए इसका नाम सिन्धु घाटी सभ्यता रखा गया। प्रथम बार नगरों के उदय के कारण इसे प्रथम नगरीकरण भी कहा जाता है। प्रथम बार कांस्य के प्रयोग के कारण इसे कांस्य सभ्यता भी कहा जाता है। सिन्धु घाटी सभ्यता के १४०० केन्द्रों को खोजा जा सका है जिसमें से ९२५ केन्द्र भारत में है। ८० प्रतिशत स्थल सरस्वती नदी और उसकी सहायक नदियों के आस-पास है। अभी तक कुल खोजों में से ३ प्रतिशत स्थलों का ही उत्खनन हो पाया है। .

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संविधान

संविधान, मूल सिद्धान्तों या स्थापित नज़ीरों का एक समुच्चय है, जिससे कोई राज्य या अन्य संगठन अभिशासित होते हैं। वह किसी संस्था को प्रचालित करने के लिये बनाया हुआ संहिता (दस्तावेज) है। यह प्रायः लिखित रूप में होता है। यह वह विधि है जो किसी राष्ट्र के शासन का आधार है; उसके चरित्र, संगठन, को निर्धारित करती है तथा उसके प्रयोग विधि को बताती है, यह राष्ट्र की परम विधि है तथा विशेष वैधानिक स्थिति का उपभोग करती है सभी प्रचलित कानूनों को अनिवार्य रूप से संविधान की भावना के अनुरूप होना चाहिए यदि वे इसका उल्लंघन करेंगे तो वे असंवैधानिक घोषित कर दिए जाते है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी सम्प्रभु देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है, जिसमें, उसके अंग्रेज़ी-भाषी संस्करण में १४६,३८५ शब्दों के साथ, २२ भागों में ४४४ अनुच्छेद, १२ अनुसूचियाँ और १०१ संशोधन हैं, जबकि मोनाको का संविधान सबसे छोटा लिखित संविधान है, जिसमें ९७ अनुच्छेदों के साथ १० अध्याय, और कुल ३,८१४ शब्द हैं। .

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सुभद्रा कुमारी चौहान

सुभद्रा कुमारी चौहान (१६ अगस्त १९०४-१५ फरवरी १९४८) हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं। उनके दो कविता संग्रह तथा तीन कथा संग्रह प्रकाशित हुए पर उनकी प्रसिद्धि झाँसी की रानी कविता के कारण है। ये राष्ट्रीय चेतना की एक सजग कवयित्री रही हैं, किन्तु इन्होंने स्वाधीनता संग्राम में अनेक बार जेल यातनाएँ सहने के पश्चात अपनी अनुभूतियों को कहानी में भी व्यक्त किया। वातावरण चित्रण-प्रधान शैली की भाषा सरल तथा काव्यात्मक है, इस कारण इनकी रचना की सादगी हृदयग्राही है। .

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सुहार्तो

सुहार्तोसुहार्तो (8 जून, 1921 – 27 जनवरी, 2008) इंदोनेशिया के सैनिक शासक और दूसरे राष्ट्रपति थे, जिनका कार्यकाल 1967 से 1998 तक रहा। सुहार्तो का जन्म आठ जून 1921 को इंडोनेशिया के जावा द्वीपसमूह में एक किसान परिवार के घर हुआ था। वे एक स्थानीय कृषि अधिकारी के 11 बच्चों में से दूसरे नंबर पर थे। जावा के चलन के अनुरूप, सुहार्तो ने बगैर पदवी के अपने नाम का प्रयोग किया। .

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सोपरोन

सोपरोन, हंगरी का एक नगर है जो पश्चिम में ऑस्ट्रिया से लगती हुई सीमा के निकट स्थित है, आल्प्स की तलहटी में, विएना से ६० किमी और बुडापेस्ट से २२० किमी। इस नगर के लोग अपने देश और गृहनगर के प्रति देशभक्ति के लिए जाने जाते हैं। एक प्रसिद्ध स्मारक 'निष्ठा का द्वार' यहाँ के लोगों का अपने देश के प्रति विश्वास का प्रतीक है और १९२१ में बनाया गया था। .

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जैक क्रेमर

जैक क्रेमर (जन्म: 1 अगस्त, 1921) एक अमरीकी टेनिस खिलाड़ी हैं। कई वर्षों तक विश्व नंबर १ खिलाड़ी और आधुनिक पुरुषों की "ओपन" -रा टेनिस की स्थापना में सबसे महत्वपूर्ण लोगों में से एक, १९५० और १९६० के दशक में वे पेशेवर टेनिस पर्यटन के अग्रणी प्रमोटर थे। वह शौकिया और पेशेवर खिलाड़ियों के बीच ओपन टेनिस की स्थापना के लिए एक अथक वकील थे। क अंतर्राष्ट्रीय टेनिस फेडरेशन (आईटीएफ) ने १९६० में पांच मतों से ओपन टेनिस की शुरुआत करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन १९६८ में एक वास्तविकता बन गई थी। १९७० में, उन्होंने मेन ग्रांड प्रिक्स पॉइंट सिस्टम बनाया। १९७२ में उन्होंने डोनाल्ड डेल और क्लिफ ड्रिस्डेल के साथ एसोसिएशन ऑफ टेनिस प्रोफेशनल्स (एटीपी) पाया, और पहले कार्यकारी निदेशक थे। वह अपने अनुरोध पर अवैतनिक था इस भूमिका में, वह १९७३ में विंबलडन के एटीपी बहिष्कार के नेता थे, टूर्नामेंट से निकोला पिलीक पर प्रतिबंध लगाने के लिए। श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:पुरुष टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:टेनिस ग्रैंड स्लैम विजेता .

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जीढ़ोग बागस ओका

जीढोग़ बागस ओका (१९२१-२००२) इण्डोनेशिया में एक अग्रगण्य हिन्दू समाज सुधारक थीं। यह महिला इण्डोनेशिया में हिन्दू धर्म की सब से बडी नेता थी। इन्होंने १९६० में परिषद हिन्दु धर्म नामक् संस्था स्थापित की। वे एक दार्शनिक और समाज सेविका थी। इनकी श्रद्धा अहिंसा और सत्य में थी।.

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वन अनुसंधान संस्थान

वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून, दूर से वन अनसंधान संस्थान, मुख्य द्वार वन अनुसंधान संस्थान (एफ़ आर आई), १९१७ देहरादून शहर में घंटाघर से ७ कि॰मी॰ दूर देहरादून-चकराता मोटर-योग्य मार्ग पर स्थित भारतीय वन अनुसंधान संस्थान भारत का सबसे बड़ा वन आधारित प्रशिक्षण संस्थान है। भारत के अधिकांश वन अधिकारी इसी संस्थान से आते हैं। वन अनुसंधान संस्थान का भवन बहुत शानदार है तथा इसमें एक संग्रहालय भी है। इसकी स्थापना १९०६ में इंपीरियल फोरेस्ट इंस्टीट्यूट के रूप में की गई थी। यह इंडियन काउंसिल ऑफ फोरेस्ट रिसर्च एंड एडूकेशन के अंतर्गत एक प्रमुख संस्थान है। इसकी शैली ग्रीक-रोमन वास्तुकला है और इसके मुख्य भवन को राष्ट्रीय विरासत घोषित किया जा चुका है। इसका उद्घघाटन १९२१ में किया गया था और यह वन से संबंधित हर प्रकार के अनुसंधान के लिए में प्रसिद्ध है। एशिया में अपनी तरह के इकलौते संस्थान के रूप में यह दुनिया भर में प्रख्यात है। २००० एकड़ में फैला एफआरआई का डिजाइन विलियम लुटयंस द्वारा किया गया था। इसमें ७ संग्रहालय हैं और तिब्बत से लेकर सिंगापुर तक सभी तरह के पेड़-पौधे यहां पर हैं। तभी तो इसे देहरादून की पहचान और गौरव कहा जाता है। .

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वारन गैमेलियल हार्डिंग

वारन गैमेलियल हार्डिंग संयुक्त राज्य अमरीका के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १९२१ से १९२३ तक था। ये रिपब्लिकन पार्टी से थे। श्रेणी:अमेरिका के राष्ट्रपति.

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विनायक दामोदर सावरकर

विनायक दामोदर सावरकर (जन्म: २८ मई १८८३ - मृत्यु: २६ फ़रवरी १९६६) भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के अग्रिम पंक्ति के सेनानी और प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे। उन्हें प्रायः स्वातंत्र्यवीर, वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित किया जाता है। हिन्दू राष्ट्र की राजनीतिक विचारधारा (हिन्दुत्व) को विकसित करने का बहुत बडा श्रेय सावरकर को जाता है। वे न केवल स्वाधीनता-संग्राम के एक तेजस्वी सेनानी थे अपितु महान क्रान्तिकारी, चिन्तक, सिद्धहस्त लेखक, कवि, ओजस्वी वक्ता तथा दूरदर्शी राजनेता भी थे। वे एक ऐसे इतिहासकार भी हैं जिन्होंने हिन्दू राष्ट्र की विजय के इतिहास को प्रामाणिक ढँग से लिपिबद्ध किया है। उन्होंने १८५७ के प्रथम स्वातंत्र्य समर का सनसनीखेज व खोजपूर्ण इतिहास लिखकर ब्रिटिश शासन को हिला कर रख दिया था।वे एक वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार थे। उन्होंने परिवर्तित हिंदुओं के हिंदू धर्म को वापस लौटाने हेतु सतत प्रयास किये एवं आंदोलन चलाये। सावरकर ने भारत के एक सार के रूप में एक सामूहिक "हिंदू" पहचान बनाने के लिए हिंदुत्व का शब्द गढ़ा । उनके राजनीतिक दर्शन में उपयोगितावाद, तर्कवाद और सकारात्मकवाद, मानवतावाद और सार्वभौमिकता, व्यावहारिकता और यथार्थवाद के तत्व थे। सावरकर एक नास्तिक और एक कट्टर तर्कसंगत व्यक्ति थे जो सभी धर्मों में रूढ़िवादी विश्वासों का विरोध करते थे । .

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विशिष्ट अस्तित्वों की सूची जिन्हें अन्तरराष्ट्रीय समझौते द्वारा मान्यता प्राप्त हैं

अनेकों राजनैतिक अस्तित्वों की एक विशिष्ट अवस्थिति है, जो कि अन्तरराष्ट्रीय समझौतों, संधियों या सहमतियों द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। जैसे अंडोरा, ऑलैंड - फिनलैंड में, मोनाको, स्वालबार्ड - नोर्वे में, कोसोवो - सर्बिया में, वैटिकन शहर, फिलिस्तीनी क्षेत्र एवं हाँगकाँग जो की चीन में विशिष्ट प्रशासनिक क्षेत्र हेइ, व कई अन्य भी हैं। .

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विक्टोरिया मेमोरियल

विक्टोरिया मेमोरियल विक्टोरिया मेमोरियल (विक्टोरिया स्मारक) कोलकाता में स्थित एक स्मारक है। १९०६-१९२१ के बीच निर्मित यह स्मारक रानी विक्टोरिया को समर्पित है। इस स्मारक में शिल्पकला का सुंदर मिश्रण है। इसके मुगल शैली के गुंबदों में सारसेनिक और पुनर्जागरण काल की शैलियां दिखाई पड़ती हैं। मेमोरियल में एक शानदार संग्रहालय है, जहां रानी के पियानो और स्टडी-डेस्क सहित ३००० से अधिक वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। यह रोजाना प्रात: दस बजे से सायं साढ़े चार बजे तक खुलता है, सोमवार को यह बंद रहता है। .

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ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची

List of Men's Singles Grand Slam tournaments tennis champions: .

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इमाम अहमद रज़ा

इमाम अहमद रज़ा खान फाज़िले बरेलवी का जन्म १० शव्वाल १६७२ हिजरी मुताबिक १४ जून १८५६ को बरेली में हुआ। आपके पूर्वज कंधार के पठान थे जो मुग़लों के समय में हिंदुस्तान आये थें। इमाम अहमद रज़ा खान फाज़िले बरेलवी के मानने वाले उन्हें आलाहजरत के नाम से याद करते हैं। आला हज़रत बहुत बड़े मुफ्ती, आलिम, हाफिज़, लेखक, शायर, धर्मगुरु, भाषाविद, युगपरिवर्तक, तथा समाज सुधारक थे। आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान क़ादरी 14 वीं शताब्दी के नवजीवनदाता (मुजद्दिद) थे। जिन्हेँ उस समय के प्रसिद्ध अरब विद्वानों ने यह उपाधी दी। उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलमानों के दिलों में अल्लाह तआला व मुहम्मद रसूलल्लाह सल्लाहु तआला अलैही वसल्लम के प्रती प्रेम भर कर और मुहम्मद रसूलल्लाह सल्लाहु तआला अलैही वसल्लम की सुन्नतों को जीवित कर के इस्लाम को फैलाया आपके वालिद साहब ने 13 वर्ष की छोटी सी आयु में अहमद रज़ा को मुफ्ती घोषित कर दिया। उन्होंने 72 से अधिक विभिन्न विषयों पर 1000 से अधिक किताबें लिखीं जिन में तफ्सीर हदीस उनकी एक प्रमुख पुस्तक जिस का नाम अद्दौलतुल मक्किया है जिस को उन्होंने केवल 8 घंटों में बिना किसी संदर्भ ग्रंथों के मदद से हरम-ए-मक्का में लिखा। उनकी एक प्रमुख ग्रंथ फतावा रजविया इस सदी के इस्लामी कानून का अच्छा उदाहरण है जो 13 विभागों में वितरित है। कुर॑आन करीम का उर्दू अनुवाद fk .

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कन्नड साहित्य सम्मेलन

कन्नड साहित्य सम्मेलन कन्नड साहित्यकारों, लेखकों तथा कननाडिगारु लोगों का सम्मेलन है। इसका लक्षय कन्नड भाषा, कन्नड साहित्य, कला, संगीत और संस्कृति का विकास करना है। इसका आरम्भ १९१५ में एच वी नान्जुनैया ने किया था। पहला सम्मेलन बंगलुरु में हुआ था। १९४८ तक इसका उद्घाटन किसी सुप्रसिद्ध कवि या लेखक द्वारा किया जाता था कि्न्तु १९४८ के बाद से कर्नाटक के मुख्यमंत्री इसका उद्घाटन करते हैं। इस सम्मेलन का आयोजन कन्नड साहित्य परिषद करती है। .

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कन्वेंशन ड्यू मेत्रे

कन्वेंशन ड्यू मेत या फ्रेंच में Convention du Mètre 20 मई, 1875 को हुई एन अन्तर्राष्ट्रीय संधि थी, जिसमें मीट्रिक मानकों पर नजर रखने हेतु तीन संगठनों की स्थापना की गयी थी। यह फ़्रेंच भाषा में लिखी गयी है और इसे अंग्रेजी भाषा में Metre Convention या मीटर सम्मेलन कहा जाता है। संयुक्त राज्य में इसे मीटर की संधि भी कहते हैं। इसे 1921 में छठी CGPM में पुनरावलोकित किया गया था। इस सम्मेलन में तीन संगठनों का प्रादुर्भाव हुआ थ। वे हैं.

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कोपनहेगन

कोपनहेगन (डैनिश: København), डेनमार्क की राजधानी और सबसे बड़ा नगर है, जिसकी नगरीय जनसंख्या ११,६७,५६९ (२००९) और महानगरीय जनसंख्या १८,७५,१७९ (२००९) है। कोपेनहेगन जीलण्ड और अमागर द्वीपों पर बसा हुआ है। इस क्षेत्र के प्रथम लिखित दस्तावेज ११वीं सदी के हैं और कोपनहेगन १५वीं सदी के आरम्भ में और क्रिस्चियन चतुर्थ के शासनकाल में डेनमार्क की राजधानी बना। वर्ष २००० में ओरेसण्ड सेतु के पूरा होने के साथ ही कोपनहेगन ओरेसण्ड क्षेत्र का केन्द्र बन गया है। इस क्षेत्र में, कोपनहेगन और स्वीडन का माल्मो नगर मिलकर एक आम महानगरीय क्षेत्र बनने की प्रकिया में है। ५० किमी के अर्धव्यास में २७ लाख लोगों के साथ, कोपनहेगन उत्तरी यूरोप के सबसे सघन क्षेत्रों में से एक है। नॉर्डिक देशों में कोपनहेगन सर्वाधिक पधारा जाने वाला देश है जहाँ पर २००७ में १३ लाख विदेशी पर्यटक आए। कोपनहेगन को बारम्बार एक ऐसे नगर के रूप में पहचान मिली है जहाँ का जीवन स्तर विश्व में सर्वश्रेष्ठ में से एक है। यह दुनिया के सबसे पर्यावरण-अनुकूल नगरों में से एक माना जाता है। भीतरी बन्दरगाह का पानी इतना साफ़ है की उसमें तैरा जा सकता है और प्रतिदिन ३६% निवासी साइकिल से काम पर जाते हैं, यानी की प्रतिदिन ११ लाख किमी की साइकिल यात्रा यहाँ की जाती है। यहाँ कोपेनहेगन विश्वविद्यालय, इंस्टिट्यूट फ़ॉर थियोरेटिकल फ़िजिक्स (१९२० ई.), रॉयल डैनिश जीओग्राफ़िकल सोसायटी (१८७६ ई.), अनेक शिक्षण एवं गवेषणा संस्थाएँ तथा तीन प्रमुख संग्रहालय हैं। यहाँ के रॉयल पुस्तकालय में लगभग १५,००,००० पुस्तकें हैं। नगर में अनेक प्रमोद वन, झीलें एवं भव्य भवन हैं जिनका निर्माण क्रिश्चियन चतुर्थ (१५८८-१६४८ ई.) तथा फ्रेंडरिक पंचम (१७४६-१७६६ ई.) के शासनकाल में हुआ था। .

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अन्वेषणों की समय-रेखा

यहाँ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण तकनीकी खोजों की समय के सापेक्ष सूची दी गयी है। .

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अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची

* 1881 - रिचर्ड सीअर्स.

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अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन

१९२१ में अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन (IHO) को मूलतः अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण ब्यूरो (IHB) के रूप में स्थापित किया गया था। इसका वर्तमान नाम १९७० में सदस्य राष्ट्रों के बीच हुए एक संशोधित अंतरराष्ट्रीय समझौते के परिणाम के रूप में अपनाया गया। इसके पूर्व नाम अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण ब्यूरो को इसके मोनाको स्थित मुख्यालय, जिसके प्रशासनिक निकाय में तीन निदेशक और कुछ कर्मचारी हैं, के लिए प्रयोग किया जाता है। .

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१ जुलाई

१ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १८२वॉ (लीप वर्ष में १८३ वॉ) दिन है। साल में अभी और १८३ दिन बाकी है। .

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१ अगस्त

1 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 213वॉ (लीप वर्ष मे 214 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 152 दिन बाकी है। .

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१३ दिसम्बर

13 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 347वॉ (लीप वर्ष में 348 वॉ) दिन है। साल में अभी और 18 दिन बाकी है। .

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१३ अक्टूबर

१३ अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २८६वॉ (लीप वर्ष मे २८७ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ७९ दिन बाकी है। .

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१४ दिसम्बर

14 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 348वॉ (लीप वर्ष मे 349 वॉ) दिन है। साल में अभी और 17 दिन बाकी है। भारत देशमें १४ दिसम्बर के रोज राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिन मनाया जाता है। .

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२ मई

२ मई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १२२वॉ (लीप वर्ष मे १२३वॉ) दिन है। साल मे अभी और २४३ दिन बाकी है। .

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२ अगस्त

2 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 214वॉ (लीप वर्ष में 215 वॉ) दिन है। साल में अभी और 151 दिन बाकी है। चाईरोनिया की लड़ाई, 338 BC- 2 अगस्त में होता है। .

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२० अगस्त

20 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 232वॉ (लीप वर्ष में 233 वॉ) दिन है। साल में अभी और 133 दिन बाकी है। .

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२००४

2004 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२१ नवम्बर

२१ नवम्बर ग्रीगोरी पंचाग का ३२५वां (लीप वर्ष में ३२६वां) दिन है। इसके बाद वर्षान्त तक ४० दिन और बचते हैं। .

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२२ अगस्त

22 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 234वॉ (लीप वर्ष मे 235 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 131 दिन बाकी है। .

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२४ दिसम्बर

२४ दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५८ वॉ (लीप वर्ष मे ३५९ वॉ) दिन है। साल में अभी और ७ दिन बाकी है। .

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२६ नवम्बर

२६ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३३०वाँ (लीप वर्ष मे ३३१वाँ) दिन है। वर्ष मे अभी और ३५ दिन बाकी है। .

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२७ जुलाई

२७ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २०८वॉ (लीप वर्ष में २०९ वॉ) दिन है। साल में अभी और १५७ दिन बाकी है। .

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३१ मार्च

चित्र:BP Sinha, Lion of Dhanbad.jpg ३१ मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ९०वॉ (लीप वर्ष में ९१ वॉ) दिन है। साल में अभी और २७५ दिन बाकी है। .

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५ नवम्बर

५ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३०९वॉ (लीप वर्ष मे ३१० वॉ) दिन है। साल मे अभी और ५६ दिन बाकी है। .

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६ जनवरी

6 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 6वाँ दिन है। साल में अभी और 359 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 360)।.

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७ सितम्बर

7 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 250वॉ (लीप वर्ष मे 251 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 115 दिन बाकी है। .

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८ मार्च

8 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 67वॉ (लीप वर्ष में 68 वॉ) दिन है। साल में अभी और 298 दिन बाकी है। अंतराष्ट्रीय नारी दिवस (संयुक्त राष्ट्र संघ) .

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