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१८९९

सूची १८९९

1899 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

सामग्री की तालिका

  1. 27 संबंधों: एल्फ़्रेड हिचकॉक, फिएट, बुर्गुला रामकृष्ण राव, भारत के महाराज्यपाल, माधवराव सप्रे, मार्सैय, रामवृक्ष बेनीपुरी, लॉर्ड एल्गिन द्वितीय, सिनसिनाटी मास्टर्स, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', हल्द्वानी, हुआंग ज़ियान फांग, जिमी एन्जिल, विनायक दामोदर सावरकर, ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची, कमला नेहरू, कंचनजंघा, कैल्कटा इलेक्ट्रिक सप्लाई कार्पोरेशन, अन्वेषणों की समय-रेखा, अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची, १ जनवरी, १ अगस्त, १९ दिसम्बर, २१ नवम्बर, २१ जुलाई, २२ नवम्बर, २५ फ़रवरी

एल्फ़्रेड हिचकॉक

सर एल्फ़्रेड हिचकॉक (अगस्त १३, १८९९ - अप्रैल २९, १९८०) हॉलीवुड के जानेमाने निर्देशक और फिल्म निर्माता थे जिन्होंने रोमांचक फिल्मों में बहुत से नए प्रयोग किये। इन्होंने ब्रिटिश फिल्मों में अपना कैरियर स्थापित करके हॉलीवुड में प्रवेश किया और मूक फिल्मों से लेकर रंगीन फिल्मों तक करीब ५० फिल्मों का निर्देशन किया। अपने जीवनकाल में ये विश्व के सबसे जानेमाने निर्देशक थे और इनकी फिल्में आज भी बहुत लोकप्रिय हैं। रोमांच और गति के प्रयोग में ये प्रवीण थे। इनकी फिल्में भय और भ्रम पर बहुत कुछ आधारित होती थीं। इनमें व्यंग्य और चातुर्य का भी भरपूर प्रयोग होता था। इनके पात्र अपने आप को ऐसी स्थितियों में पाते थे जिनपर उनका कोई बस नहीं होता था। हिचकॉक का जन्म लंदन में लेटनस्टोन में हुआ था। इन्होंने फिल्म निर्देशन की शुरुआत १९२२ में ब्रिटेन में की, लेकिन १९३९ के बाद से ये संयुक्त राज्य अमरीका में ही काम करते रहे। हिचकॉक और इनका परिवार एक पहाड़ की चोटी पर स्थापित कार्नवाल रैन्च या "हार्ट-ऑ-द-माउन्टेन" (पर्वत-हृदय) में रहते थे। हिचकॉक का देहान्त १९८० में गुर्दों की विफलता के कारण हुआ। रेबेका इनकी इकलौती फिल्म थी जिसे अकादमी पुरस्कार मिला, हालांकि इनकी सर्वप्रसिद्ध फिल्म थी सायको। इन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का अकादमी पुरस्कार कभी नहीं मिला। १९६७ में इन्हें जीवनकार्य संपादन के लिए इरविन जी थालबर्ग स्मारक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्रेणी:फिल्म निर्देशक श्रेणी:१९८० में निधन श्रेणी:1899 में जन्मे लोग.

देखें १८९९ और एल्फ़्रेड हिचकॉक

फिएट

Fiat Grande Punto - Auto Moto Show Katowice 2006. फिएट (या Fiat) (Fabbrica Italiana Automobili Torino - ट्यूरिन का इतालवी ऑटोमोबाइल कारखाना का संक्षिप्त रूप) एक वाहन निर्माता, इंजन निर्माता, एक वित्तीय और औद्योगिक समूह है जो उत्तरी इटली के ट्यूरिन में स्थित है। समूह की स्थापना 1899 में निवेशकों के एक समूह द्वारा की गयी जिसमे जिओवानी अग्नेल्ली भी शामिल थे। फिएट ने टैंक और विमान का निर्माण भी किया है। फिएट की कारों का उत्पादन दुनिया भर में होता है और समूह का इटली के बाहर सबसे बडा़ कारखाना ब्राजील में स्थित है जो इन कारों का सबसे बडा़ उपभोक्ता देश भी है। इसके कारखाने अर्जेंटीना और पोलैंड में भी हैं। फिएट का अपने उत्पादों की लाइसेसिंग अन्य देशों में कराने का एक लंबा इतिहास है भले ही इन देशों की स्थानीय राजनैतिक या सांस्कृतिक स्थितियां कुछ भी रही हों। इसके संयुक्त उद्यम फ्रांस, तुर्की, मिस्र (सरकारी नास्र कार कंपनी के साथ), दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन में कार्यरत हैं। जिओवानी अग्नेल्ली के पौत्र जिआनी अग्नेल्ली 1966 से उनकी मृत्यु 24 जनवरी 2003 तक फिएट समूह के अध्यक्ष रहे। हालाँकि 1996 से वो सिर्फ "मानद" अध्यक्ष थे और वास्तविक अध्यक्ष सीसारे रोमिति थे। उनके हटने के बाद, पाओलो फ्रेस्को को अध्यक्ष और पाओलो कैन्टारेला को सीईओ बनाया गया। 2002 से 2004 के बीच अम्बर्टो अग्नेल्ली ने समूह के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 28 मई 2004 को अम्बर्टो अग्नेल्ली की मृत्यु के बाद, लूका कोर्देरो दि मोंटेजे़मेलो को अध्यक्ष और अग्नेल्ली, के वारिस जॉन एल्कान को 28 वर्ष की उम्र में उपाध्यक्ष पद पर नामित किया गया। आजकल समूह के सीईओ सर्जिओ मार्चिओने है जिन्होने 1 जून 2004 को कार्यभार संभाला था। .

देखें १८९९ और फिएट

बुर्गुला रामकृष्ण राव

डॉ॰ बुर्गुला रामकृष्ण राव (13 मार्च,1899 - 15 सितम्बर 1967), आन्ध्र प्रदेश के राजनैतिक नेता थे। वे 6 मार्च, 1952 से 31 अक्टूबर, 1956 तक हैदराबाद राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनका जन्म महबूबनगर मे हुआ था। .

देखें १८९९ और बुर्गुला रामकृष्ण राव

भारत के महाराज्यपाल

भारत के महाराज्यपाल या गवर्नर-जनरल (१८५८-१९४७ तक वाइसरॉय एवं गवर्नर-जनरल अर्थात राजप्रतिनिधि एवं महाराज्यपाल) भारत में ब्रिटिश राज का अध्यक्ष और भारतीय स्वतंत्रता उपरांत भारत में, ब्रिटिश सम्प्रभु का प्रतिनिधि होता था। इनका कार्यालय सन 1773 में बनाया गया था, जिसे फोर्ट विलियम की प्रेसीडेंसी का गवर्नर-जनरल के अधीन रखा गया था। इस कार्यालय का फोर्ट विलियम पर सीधा नियंत्रण था, एवं अन्य ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों का पर्यवेक्षण करता था। सम्पूर्ण ब्रिटिश भारत पर पूर्ण अधिकार 1833 में दिये गये और तब से यह भारत के गवर्नर-जनरल बन गये। १८५८ में भारत ब्रिटिश शासन की अधीन आ गया था। गवर्नर-जनरल की उपाधि उसके भारतीय ब्रिटिश प्रांत (पंजाब, बंगाल, बंबई, मद्रास, संयुक्त प्रांत, इत्यादि) और ब्रिटिष भारत, शब्द स्वतंत्रता पूर्व काल के अविभाजित भारत के इन्हीं ब्रिटिश नियंत्रण के प्रांतों के लिये प्रयोग होता है। वैसे अधिकांश ब्रिटिश भारत, ब्रिटिश सरकार द्वारा सीधे शासित ना होकर, उसके अधीन रहे शासकों द्वारा ही शासित होता था। भारत में सामंतों और रजवाड़ों को गवर्नर-जनरल के ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि होने की भूमिका को दर्शित करने हेतु, सन १८५८ से वाइसरॉय एवं गवर्नर-जनरल ऑफ इंडिया (जिसे लघुरूप में वाइसरॉय कहा जाता था) प्रयोग हुई। वाइसरॊय उपाधि १९४७ में स्वतंत्रता उपरांत लुप्त हो गयी, लेकिन गवर्नर-जनरल का कार्यालय सन १९५० में, भारतीय गणतंत्रता तक अस्तित्व में रहा। १८५८ तक, गवर्नर-जनरल को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के निदेशकों द्वारा चयनित किया जाता था और वह उन्हीं को जवाबदेह होता था। बाद में वह महाराजा द्वारा ब्रिटिश सरकार, भारत राज्य सचिव, ब्रिटिश कैबिनेट; इन सभी की राय से चयन होने लगा। १९४७ के बाद, सम्राट ने उसकी नियुक्ति जारी रखी, लेकिन भारतीय मंत्रियों की राय से, ना कि ब्रिटिश मंत्रियों की सलाह से। गवर्नर-जनरल पांच वर्ष के कार्यकाल के लिये होता था। उसे पहले भी हटाया जा सकता था। इस काल के पूर्ण होने पर, एक अस्थायी गवर्नर-जनरल बनाया जाता था। जब तक कि नया गवर्नर-जनरल पदभार ग्रहण ना कर ले। अस्थायी गवर्नर-जनरल को प्रायः प्रान्तीय गवर्नरों में से चुना जाता था। .

देखें १८९९ और भारत के महाराज्यपाल

माधवराव सप्रे

माधवराव सप्रे माधवराव सप्रे (जून १८७१ - २६ अप्रैल १९२६) हिन्दी के आरंभिक कहानीकारों में से एक, सुप्रसिद्ध अनुवादक एवं हिन्दी के आरंभिक संपादकों में प्रमुख स्थान रखने वाले हैं। वे हिन्दी के प्रथम कहानी लेखक के रूप में जाने जाते हैं। .

देखें १८९९ और माधवराव सप्रे

मार्सैय

मार्सैय (फ्रांसीसी: Marseille) फ्रांस का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। इस नगर की जनसंख्या ८ लाख है और वृहद्तर मार्सेय की जनसंख्या १५ लाख है। .

देखें १८९९ और मार्सैय

रामवृक्ष बेनीपुरी

रामवृक्ष बेनीपुरी (२३ दिसंबर, 1900 - ९ सितंबर, १९६८) भारत के एक महान विचारक, चिन्तक, मनन करने वाले क्रान्तिकारी साहित्यकार, पत्रकार, संपादक थे।वे हिन्दी साहित्य के शुक्लोत्तर युग के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। .

देखें १८९९ और रामवृक्ष बेनीपुरी

लॉर्ड एल्गिन द्वितीय

लॉर्ड एल्गिन द्वितीय भारत के एक वायसराय थे जो 1894 से 1899 पद पर रहे। इन्होंने 1895 में आंग्ल रूस संधि पर हस्ताक्षर किए गये। .

देखें १८९९ और लॉर्ड एल्गिन द्वितीय

सिनसिनाटी मास्टर्स

The सिनसिनाटी मास्टर्स is an annual tennis event held in the सिनसिनाटी suburb of मेसन, ओहायो, अमेरिका.

देखें १८९९ और सिनसिनाटी मास्टर्स

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (२१ फरवरी, १८९९ - १५ अक्टूबर, १९६१) हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं। वे जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्य में छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। उन्होंने कहानियाँ, उपन्यास और निबंध भी लिखे हैं किन्तु उनकी ख्याति विशेषरुप से कविता के कारण ही है। .

देखें १८९९ और सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'

हल्द्वानी

हल्द्वानी, उत्तराखण्ड के नैनीताल ज़िले में स्थित एक नगर है जो काठगोदाम के साथ मिलकर हल्द्वानी-काठगोदाम नगर निगम बनाता है। हल्द्वानी उत्तराखण्ड के सर्वाधिक जनसँख्या वाले नगरों में से है और इसे "कुमाऊँ का प्रवेश द्वार" भी कहा जाता है। कुमाऊँनी भाषा में इसे "हल्द्वेणी" भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ "हल्दू" (कदम्ब) प्रचुर मात्रा में मिलता था। सन् १८१६ में गोरखाओं को परास्त करने के बाद गार्डनर को कुमाऊँ का आयुक्त नियुक्त किया गया। बाद में जॉर्ज विलियम ट्रेल ने आयुक्त का पदभार संभाला और १८३४ में "हल्दु वनी" का नाम हल्द्वानी रखा। ब्रिटिश अभिलेखों से हमें ये ज्ञात होता है कि इस स्थान को १८३४ में एक मण्डी के रूप में उन लोगों के लिए बसाया गया था जो शीत ऋतु में भाभर आया करते थे। .

देखें १८९९ और हल्द्वानी

हुआंग ज़ियान फांग

हुआंग ज़ियान फांग(अंग्रेजी:Huang Xian Fan; साधारणीकृत चीनी:黄现璠; पारंपरिक चीनी: 黄現璠; हान्यू पिनयिन: Huáng Xiànfán) (१३ नवंबर १८९९ – १८ जनवरी १९८२) चीन के प्रसिद्ध मानवविज्ञानी, शिक्षाशास्त्री और इतिहासकार थे। इन्हें ज़ुआंग इतिहास का पिता माना जाता है। .

देखें १८९९ और हुआंग ज़ियान फांग

जिमी एन्जिल

जिमी एन्जिल के विमान के नाम से सिउदाद बोलिवर हवाई अड्डे के बाहर प्रदर्शित ''एल रिओ कारोनी'' जेम्स क्रॉफर्ड "जिमी" एन्जिल (1 अगस्त १८९९ ८ दिसम्बर १९५६), संयुक्त राज्य अमेरिका का एक हवाबाज़ था, जिसके नाम पर दुनिया के सर्वोच्च जलप्रपात एन्जिल जलप्रपात का नाम रखा गया है। .

देखें १८९९ और जिमी एन्जिल

विनायक दामोदर सावरकर

विनायक दामोदर सावरकर (जन्म: २८ मई १८८३ - मृत्यु: २६ फ़रवरी १९६६) भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के अग्रिम पंक्ति के सेनानी और प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे। उन्हें प्रायः स्वातंत्र्यवीर, वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित किया जाता है। हिन्दू राष्ट्र की राजनीतिक विचारधारा (हिन्दुत्व) को विकसित करने का बहुत बडा श्रेय सावरकर को जाता है। वे न केवल स्वाधीनता-संग्राम के एक तेजस्वी सेनानी थे अपितु महान क्रान्तिकारी, चिन्तक, सिद्धहस्त लेखक, कवि, ओजस्वी वक्ता तथा दूरदर्शी राजनेता भी थे। वे एक ऐसे इतिहासकार भी हैं जिन्होंने हिन्दू राष्ट्र की विजय के इतिहास को प्रामाणिक ढँग से लिपिबद्ध किया है। उन्होंने १८५७ के प्रथम स्वातंत्र्य समर का सनसनीखेज व खोजपूर्ण इतिहास लिखकर ब्रिटिश शासन को हिला कर रख दिया था।वे एक वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार थे। उन्होंने परिवर्तित हिंदुओं के हिंदू धर्म को वापस लौटाने हेतु सतत प्रयास किये एवं आंदोलन चलाये। सावरकर ने भारत के एक सार के रूप में एक सामूहिक "हिंदू" पहचान बनाने के लिए हिंदुत्व का शब्द गढ़ा । उनके राजनीतिक दर्शन में उपयोगितावाद, तर्कवाद और सकारात्मकवाद, मानवतावाद और सार्वभौमिकता, व्यावहारिकता और यथार्थवाद के तत्व थे। सावरकर एक नास्तिक और एक कट्टर तर्कसंगत व्यक्ति थे जो सभी धर्मों में रूढ़िवादी विश्वासों का विरोध करते थे । .

देखें १८९९ और विनायक दामोदर सावरकर

ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची

List of Men's Singles Grand Slam tournaments tennis champions: .

देखें १८९९ और ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची

कमला नेहरू

कमला कौल नेहरू (१८९९ - १९३६) भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के शीर्ष नेता एवं भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की धर्मपत्नी थी। उनका विवाह पण्डित नेहरू से ७ फ़रवरी १९१६ को दिल्ली में हुआ था। .

देखें १८९९ और कमला नेहरू

कंचनजंघा

कंचनजंघा (नेपाली:कंचनजंघा Kanchanjaŋghā), (लिम्बू: सेवालुंगमा) विश्व की तीसरी सबसे ऊँची पर्वत चोटी है, यह सिक्किम के उत्तर पश्चिम भाग में नेपाल की सीमा पर है। .

देखें १८९९ और कंचनजंघा

कैल्कटा इलेक्ट्रिक सप्लाई कार्पोरेशन

कैल्कटा इलेक्ट्रिक सप्लाई कार्पोरेशन कोलकाता नगर निगम के क्षेत्रों को विद्युत आपूर्ति करता है। इसकी स्थापना ७ जनवरी, १७९७ में किल्बर्न एण्ड कंपनी के नाम से हुई थी। जल्दी ही इसका नाम बदल कर कैल्कटा इलेक्ट्रिक सप्लाई कार्पोरेशन कर दिया गया। इसने पहले पहल विद्युत उत्पादन स्टेशन १७ अप्रैल, १८९९ को प्रिंसेप घाट के निकट आरंभ किया था। १९०२ में कैल्कटा ट्रामवेज़ निगम ने घोड़ों से बदल कर विद्युत से ट्राम संचालन आरंब किया। तब १९०६ में तीन नये उत्पादन स्टेशन बने। १९३३ को कंपनी अपने वर्तमान कार्यालय धर्मतला (एस्प्लेनेड) में स्थानांतरित हो गयी। १९७८ में यह निगम लिमिटेड बनाया गया और १९८९ से इसे आर पी जी समूह को दिया गया। .

देखें १८९९ और कैल्कटा इलेक्ट्रिक सप्लाई कार्पोरेशन

अन्वेषणों की समय-रेखा

यहाँ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण तकनीकी खोजों की समय के सापेक्ष सूची दी गयी है। .

देखें १८९९ और अन्वेषणों की समय-रेखा

अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची

* 1881 - रिचर्ड सीअर्स.

देखें १८९९ और अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची

१ जनवरी

१ जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का पहला दिन है। वर्ष में अभी और ३६४ दिन बाकी है (लीप वर्ष में ३६५)। .

देखें १८९९ और १ जनवरी

१ अगस्त

1 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 213वॉ (लीप वर्ष मे 214 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 152 दिन बाकी है। .

देखें १८९९ और १ अगस्त

१९ दिसम्बर

19 दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 353वॉ (लीप वर्ष में 354 वॉ) दिन है। साल में अभी और 12 दिन बाकी हैं। .

देखें १८९९ और १९ दिसम्बर

२१ नवम्बर

२१ नवम्बर ग्रीगोरी पंचाग का ३२५वां (लीप वर्ष में ३२६वां) दिन है। इसके बाद वर्षान्त तक ४० दिन और बचते हैं। .

देखें १८९९ और २१ नवम्बर

२१ जुलाई

२१ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २०२वॉ (लीप वर्ष में २०३ वॉ) दिन है। साल में अभी और १६३ दिन बाकी है। .

देखें १८९९ और २१ जुलाई

२२ नवम्बर

२२ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३२६वॉ (लीप वर्ष मे ३२७ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ३९ दिन बाकी हैं। .

देखें १८९९ और २२ नवम्बर

२५ फ़रवरी

25 फरवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 56वॉ दिन है। साल में अभी और 309 दिन बाकी है (लीप वर्ष में 310)। .

देखें १८९९ और २५ फ़रवरी

1899 के रूप में भी जाना जाता है।