लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

१८८९

सूची १८८९

१८८९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

34 संबंधों: नरेन्द्र देव, पुणे, पोस्टकार्ड, बेंजामिन हैरीसन, भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन, भारत रत्‍न, भारतीय इतिहास तिथिक्रम, महाराजा श्री ईश्वरी नारायण सिंह बहादुर, माइकल यूजिन शेव्रुएल, मिस्सौरी वेल्ली कॉलेज, सर प्रभु नारायण सिंह बहादुर, साधु सुन्दर सिंह, संविधान, जोज़ुआ फ्रैन्कोइस नॉडे, वृंदावनलाल वर्मा, खुदीराम बोस, ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची, ग्रोवर क्लीवलैंड, आचार्य रामलोचन सरन, कादम्बिनी गांगुली, केशव बलिराम हेडगेवार, अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची, अयोध्या प्रसाद खत्री, १० अप्रैल, ११ अक्टूबर, १३ जनवरी, १४ नवम्बर, १६ दिसम्बर, २३ मार्च, २४ दिसम्बर, २९ नवम्बर, ३ दिसम्बर, ८ जुलाई, ९ दिसम्बर

नरेन्द्र देव

फैजाबाद स्थित आचार्य नरेन्द्र देव का पारिवारिक घर आचार्य नरेंद्रदेव (1889-19 फ़रवरी 1956) भारत के प्रमुख स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी, पत्रकार, साहित्यकार एवं शिक्षाविद थे। वे कांग्रेस समाजवादी दल के प्रमुख सिद्धान्तकार थे। विलक्षण प्रतिभा और व्यक्तित्व के स्वामी आचार्य नरेन्द्रदेव अध्यापक के रूप में उच्च कोटि के निष्ठावान अध्यापक और महान शिक्षाविद् थे। काशी विद्यापीठ के आचार्य बनने के बाद से यह उपाधि उनके नाम का ही अंग बन गई। देश को स्वतंत्र कराने का जुनून उन्हें स्वतंत्रता आन्दोलन में खींच लाया और भारत की आर्थिक दशा व गरीबों की दुर्दशा ने उन्हें समाजवादी बना दिया। .

नई!!: १८८९ और नरेन्द्र देव · और देखें »

पुणे

पुणे भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक महत्त्वपूर्ण शहर है। यह शहर महाराष्ट्र के पश्चिम भाग, मुला व मूठा इन दो नदियों के किनारे बसा है और पुणे जिला का प्रशासकीय मुख्यालय है। पुणे भारत का छठवां सबसे बड़ा शहर व महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। सार्वजनिक सुखसुविधा व विकास के हिसाब से पुणे महाराष्ट्र मे मुंबई के बाद अग्रसर है। अनेक नामांकित शिक्षणसंस्थायें होने के कारण इस शहर को 'पूरब का ऑक्सफोर्ड' भी कहा जाता है। पुणे में अनेक प्रौद्योगिकी और ऑटोमोबाईल उपक्रम हैं, इसलिए पुणे भारत का ”डेट्राइट” जैसा लगता है। काफी प्राचीन ज्ञात इतिहास से पुणे शहर महाराष्ट्र की 'सांस्कृतिक राजधानी' माना जाता है। मराठी भाषा इस शहर की मुख्य भाषा है। पुणे शहर मे लगभग सभी विषयों के उच्च शिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। पुणे विद्यापीठ, राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला, आयुका, आगरकर संशोधन संस्था, सी-डैक जैसी आंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान यहाँ है। पुणे फिल्म इन्स्टिट्युट भी काफी प्रसिद्ध है। पुणे महाराष्ट्र व भारत का एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है। टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, भारत फोर्ज जैसे उत्पादनक्षेत्र के अनेक बड़े उद्योग यहाँ है। 1990 के दशक मे इन्फोसिस, टाटा कंसल्टंसी सर्विसे, विप्रो, सिमैंटेक, आइ.बी.एम जैसे प्रसिद्ध सॉफ्टवेअर कंपनियों ने पुणे मे अपने केंन्द्र खोले और यह शहर भारत का एक प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी उद्योगकेंद्र के रूप मे विकसित हुआ। .

नई!!: १८८९ और पुणे · और देखें »

पोस्टकार्ड

१८९० में प्रयुक्त एक ब्रिटिश पोस्टल कार्डपोस्टकार्ड एक मोटे कागज या पतले गत्ते से बना एक आयताकार टुकड़ा होता है जिसे संदेश लिखने के लिए प्रयोग किया जाता है, साथ ही इसे बिना किसी लिफाफे में बंद किये, डाक द्वारा भेजा भी जा सकता है। अधिकतर देशों में इसका शुल्क एक लिफाफे के (जिस पर डाक टिकट चिपकाई गयी हो) द्वारा भेजे गये एक पत्र की तुलना में कम होता है। पोस्टकार्ड का आविष्कार ऑस्ट्रिया में १८६९ को हुआ था। आस्ट्रिया में यह इतना लोकप्रिय हुआ कि इसकी देखा देखी अन्य देशों ने भी इसे अपनाने में देरी नहीं की। ब्रिटेन ने १८७२ में अपना पहला पोस्टकार्ड जारी किया तो भारत का पहला पोस्टकार्ड 1879 में जारी किया गया। भारत के पहले पोस्टकार्ड की कीमत तीन पैसे रखी गयी थी। साल की पहली तीन तिमाही में ही लगभग 7.5 लाख रुपए के पोस्टकार्ड बेचे गए थे। पहला चित्रित पोस्टकार्ड फ्रांस ने 1889 में जारी किया था और इस पर एफिल टॉवर अंकित था। पोस्टकार्डों के संग्रहण और अध्ययन को अंग्रेजी में डेल्टियोलॉजी कहते हैं। .

नई!!: १८८९ और पोस्टकार्ड · और देखें »

बेंजामिन हैरीसन

बेंजामिन हैरीसन संयुक्त राज्य अमरीका के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १८८९ से १८९३ तक था। ये रिपब्लिकन पार्टी से थे। श्रेणी:अमेरिका के राष्ट्रपति.

नई!!: १८८९ और बेंजामिन हैरीसन · और देखें »

भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन

भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन हिन्दी नाम है एक सम्मेलन का.

नई!!: १८८९ और भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन · और देखें »

भारत रत्‍न

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात् 13 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 12 मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है। उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के पश्चात् क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं। .

नई!!: १८८९ और भारत रत्‍न · और देखें »

भारतीय इतिहास तिथिक्रम

भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं तिथिक्रम में।;भारत के इतिहास के कुछ कालखण्ड.

नई!!: १८८९ और भारतीय इतिहास तिथिक्रम · और देखें »

महाराजा श्री ईश्वरी नारायण सिंह बहादुर

श्री महाराजा श्री ईश्वरी नारायण सिंह बहादुर सन १८३५ से १८८९ तक काशी राज्य के नरेश रहे। महाराजा ईश्वरी प्रसाद नारायण सिंह का जन्म सन् 1818 में हुआ था। काशी नरेश राजा उदित नारायण सिंह के निधन के बाद ईश्वरी प्रसाद नारायण सिंह सन् 1835 ई. में काशी के राजा बने। 1857 के गदर में अंग्रेजी हुकूमत के प्रति वफादार रहने की वजह से इन्हें 1859 में महाराजा बहादुर की उपाधि प्रदान की गई। जी.सी.एस.आई के तमगे के साथ 13 तोपों की सलामी का सम्मान भी इन्हें अंग्रेजी हुकूमत द्वारा प्रदान किया गया और काशी राज की पूर्व में कुर्क की गई संपत्ति को इन्हें वापस कर दिया गया। इसके साथ ही इन्हें वायसराय की लेजिस्लेटिव कौंसिल का सदस्य भी मनोनित किया गया। सन् 1889 में इन्हें महाराजाधिराज के साथ 15 तोपों की सलामी का सम्मान दिया गया। माहाराजा ईश्वरी प्रसाद नारायण सिंह साहित्य, संगीत और कला के संरक्षक थे। इन्होंने अपने शासन काल में जन कल्याण के कार्यों में रुचि ली। .

नई!!: १८८९ और महाराजा श्री ईश्वरी नारायण सिंह बहादुर · और देखें »

माइकल यूजिन शेव्रुएल

माइकल यूजिन शेव्रुएल (३१ अगस्त, १७८६ - ९ अप्रैल, १८८९) एक फ्रेंच रसायनज्ञ थे। .

नई!!: १८८९ और माइकल यूजिन शेव्रुएल · और देखें »

मिस्सौरी वेल्ली कॉलेज

मिस्सौरी वेल्ली कॉलेज एक चार-वर्षी निजी कॉलेज है। कोलेज की स्थापना सन १८८९ मई हुई थी और आज यहाँ १८०० विद्यार्थी २७ अकादमिक विषयों मैं स्नातक के लिए अद्ययनरत हैं। १५० एकर मैं फैला कॉलेज परिसर मार्शल, मिस्सौरी मैं स्तिथ है।मिस्सौरी वेल्ली कॉलेज हायेर लर्निंग कमिशन, कमिशन ऑफ़ नोर्थ सेंट्रल अस्सोसीऐशन ऑफ़ कॉलेजेस एंड स्कूल्स से मान्यता प्राप्त विश्वविध्यालय है। .

नई!!: १८८९ और मिस्सौरी वेल्ली कॉलेज · और देखें »

सर प्रभु नारायण सिंह बहादुर

श्री लेफ़्टि.कर्नल महाराजा श्री सर प्रभु नारायण सिंह बहादुर सन १८८९ से १९३१ तक काशी राज्य के नरेश रहे। .

नई!!: १८८९ और सर प्रभु नारायण सिंह बहादुर · और देखें »

साधु सुन्दर सिंह

साधु सुन्दर सिंह, ३ सिंतबर १८८९ को पटियाला में जन्मे थे। वे एक ईसाई भारतीय थे। उनका संभवतः हिमालय के निचले क्षेत्र में निधन १९२९ में हुआ था। .

नई!!: १८८९ और साधु सुन्दर सिंह · और देखें »

संविधान

संविधान, मूल सिद्धान्तों या स्थापित नज़ीरों का एक समुच्चय है, जिससे कोई राज्य या अन्य संगठन अभिशासित होते हैं। वह किसी संस्था को प्रचालित करने के लिये बनाया हुआ संहिता (दस्तावेज) है। यह प्रायः लिखित रूप में होता है। यह वह विधि है जो किसी राष्ट्र के शासन का आधार है; उसके चरित्र, संगठन, को निर्धारित करती है तथा उसके प्रयोग विधि को बताती है, यह राष्ट्र की परम विधि है तथा विशेष वैधानिक स्थिति का उपभोग करती है सभी प्रचलित कानूनों को अनिवार्य रूप से संविधान की भावना के अनुरूप होना चाहिए यदि वे इसका उल्लंघन करेंगे तो वे असंवैधानिक घोषित कर दिए जाते है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी सम्प्रभु देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है, जिसमें, उसके अंग्रेज़ी-भाषी संस्करण में १४६,३८५ शब्दों के साथ, २२ भागों में ४४४ अनुच्छेद, १२ अनुसूचियाँ और १०१ संशोधन हैं, जबकि मोनाको का संविधान सबसे छोटा लिखित संविधान है, जिसमें ९७ अनुच्छेदों के साथ १० अध्याय, और कुल ३,८१४ शब्द हैं। .

नई!!: १८८९ और संविधान · और देखें »

जोज़ुआ फ्रैन्कोइस नॉडे

जोज़ुआ फ्रैन्कोइस नॉडे (एक्टिंग) (१८८९— १९६९) दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १ जून १९६७ से १० अप्रैल १९६८ तक था। ये नेशनल पार्टी से थे। श्रेणी:दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति.

नई!!: १८८९ और जोज़ुआ फ्रैन्कोइस नॉडे · और देखें »

वृंदावनलाल वर्मा

वृन्दावनलाल वर्मा (०९ जनवरी, १८८९ - २३ फरवरी, १९६९) हिन्दी नाटककार तथा उपन्यासकार थे। हिन्दी उपन्यास के विकास में उनका योगदान महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने एक तरफ प्रेमचंद की सामाजिक परंपरा को आगे बढ़ाया है तो दूसरी तरफ हिन्दी में ऐतिहासिक उपन्यास की धारा को उत्कर्ष तक पहुँचाया है। इतिहास, कला, पुरातत्व, मनोविज्ञान, मूर्तिकला और चित्रकला में भी इनकी विशेष रुचि रही। 'अपनी कहानी' में आपने अपने संघर्षमय जीवन की गाथा कही है। .

नई!!: १८८९ और वृंदावनलाल वर्मा · और देखें »

खुदीराम बोस

युवा क्रान्तिकारी '''खुदीराम बोस''' (१९०५ में) खुदीराम बोस (बांग्ला: ক্ষুদিরাম বসু; जन्म: ३-१२-१८८९ - मृत्यु: ११ अगस्त १९०८) भारतीय स्वाधीनता के लिये मात्र १९ साल की उम्र में हिन्दुस्तान की आजादी के लिये फाँसी पर चढ़ गये। कुछ इतिहासकारों की यह धारणा है कि वे अपने देश के लिये फाँसी पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के ज्वलन्त तथा युवा क्रान्तिकारी देशभक्त थे। लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि खुदीराम से पूर्व १७ जनवरी १८७२ को ६८ कूकाओं के सार्वजनिक नरसंहार के समय १३ वर्ष का एक बालक भी शहीद हुआ था। उपलब्ध तथ्यानुसार उस बालक को, जिसका नम्बर ५०वाँ था, जैसे ही तोप के सामने लाया गया, उसने लुधियाना के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर कावन की दाढी कसकर पकड ली और तब तक नहीं छोडी जब तक उसके दोनों हाथ तलवार से काट नहीं दिये गये बाद में उसे उसी तलवार से मौत के घाट उतार दिया गया था। (देखें सरफरोशी की तमन्ना भाग ४ पृष्ठ १३) .

नई!!: १८८९ और खुदीराम बोस · और देखें »

ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची

List of Men's Singles Grand Slam tournaments tennis champions: .

नई!!: १८८९ और ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची · और देखें »

ग्रोवर क्लीवलैंड

ग्रोवर क्लीवलैंड संयुक्त राज्य अमरीका के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १८८५ से १८८९ तक था। ये डेमोक्रैट पार्टी से थे। श्रेणी:अमेरिका के राष्ट्रपति.

नई!!: १८८९ और ग्रोवर क्लीवलैंड · और देखें »

आचार्य रामलोचन सरन

आचार्य रामलोचन सरन (1889 – 1971) हिन्दी के लेखक थे। उन्होंने १९१५ में पुस्तक भंडार प्रकाशन की स्थापना लहेरियासराय और पटना में की। उन्होंने बालक पत्रिका, हिमालय पत्रिका, होनहार पत्रिका को भी प्रकाशित किया। उन्होंने नए लेखकों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने मनोहर पोथी छापी, जिससे नौसिखियों को हिन्दी सिखाया जा सके।.

नई!!: १८८९ और आचार्य रामलोचन सरन · और देखें »

कादम्बिनी गांगुली

कादम्बिनी गांगुली (जन्म- 18 जुलाई, 1861, भागलपुर, बिहार; मृत्यु- 3 अक्टूबर, 1923, कलकत्ता, ब्रिटिश भारत) भारत की पहली महिला स्नातक और पहली महिला फ़िजीशियन थीं। यही नहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में सबसे पहले भाषण देने वाली महिला का गौरव भी कादम्बिनी गांगुली को ही प्राप्त है। कादम्बिनी गांगुली पहली दक्षिण एशियाई महिला थीं, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण लिया था। इन्होंने कोयला खदानों में काम करने वाली महिलाओं की लचर स्थिति पर भी काफ़ी कार्य किया। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की रचनाओं से कादम्बिनी बहुत प्रभावित थीं। उनमें देशभक्ति की भावना बंकिमचन्द्र की रचनाओं से ही जागृत हुई थी। .

नई!!: १८८९ और कादम्बिनी गांगुली · और देखें »

केशव बलिराम हेडगेवार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डा.

नई!!: १८८९ और केशव बलिराम हेडगेवार · और देखें »

अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची

* 1881 - रिचर्ड सीअर्स.

नई!!: १८८९ और अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची · और देखें »

अयोध्या प्रसाद खत्री

अयोध्या प्रसाद खत्री अयोध्या प्रसाद खत्री (१८५७-४ जनवरी १९०५) का नाम हिंदी पद्य में खड़ी बोली हिन्दी के प्रारम्भिक समर्थकों और पुरस्कर्ताओं में प्रमुख है। उन्होंने उस समय हिन्दी कविता में खड़ी बोली के महत्त्व पर जोर दिया जब अधिकतर लोग ब्रजभाषा में कविता लिख रहे थे। उनका जन्म बिहार में हुआ था बाद में वे बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में कलक्‍टरी के पेशकार पद पर नियुक्त हुए। १८७७ में उन्होंने हिन्दी व्याकरण नामक खड़ी बोली की पहली व्याकरण पुस्तक की रचना की जो बिहार बन्धु प्रेस द्वारा प्रकाशित की गई थी। उनके अनुसार खड़ीबोली गद्य की चार शैलियाँ थीं- मौलवी शैली, मुंशी शैली, पण्डित शैली तथा मास्टर शैली। १८८७-८९ में इन्होंने "खड़ीबोली का पद्य" नामक संग्रह दो भागों में प्रस्तुत किया जिसमें विभिन्न शैलियों की रचनाएँ संकलित की गयीं। इसके अतिरिक्त सभाओं आदि में बोलकर भी वे खड़ीबोली के पक्ष का समर्थन करते थे। सरस्वती मार्च १९०५ में प्रकाशित "अयोध्याप्रसाद" खत्री शीर्षक जीवनी के लेखक पुरुषोत्तमप्रसाद ने लिखा था कि खड़ी बोली का प्रचार करने के लिए इन्होंने इतना द्रव्य खर्च किया कि राजा-महाराजा भी कम करते हैं। १८८८ में उन्‍होंने 'खडी बोली का आंदोलन' नामक पुस्तिका प्रकाशित करवाई। भारतेंदु युग से हिन्दी-साहित्य में आधुनिकता की शुरूआत हुई। इसी दौर में बड़े पैमाने पर भाषा और विषय-वस्तु में बदलाव आया। इतिहास के उस कालखंड में, जिसे हम भारतेंदु युग के नाम से जानते हैं, खड़ीबोली हिन्दी गद्य की भाषा बन गई लेकिन पद्य की भाषा के रूप में ब्रजभाषा का बोलबाला कायम रहा। अयोध्या प्रसाद खत्री ने गद्य और पद्य की भाषा के अलगाव को गलत मानते हुए इसकी एकरूपता पर जोर दिया। पहली बार इन्होंने साहित्य जगत का ध्यान इस मुद्दे की तरफ खींचा, साथ ही इसे आंदोलन का रूप दिया। हिंदी पुनर्जागरण काल में स्रष्टा के रूप में जहाँ एक ओर भारतेंदु हरिश्चंद्र जैसा प्रतिभा-पुरुष खड़ा था तो दूसरी ओर द्रष्टा के रूप में अयोध्याप्रसाद खत्री जैसा अद्वितीय युगांतरकारी व्यक्तित्व था। इसी क्रम में खत्री जी ने 'खड़ी-बोली का पद्य` दो खंडों में छपवाया। इस किताब के जरिए एक साहित्यिक आंदोलन की शुरूआत हुई। हिन्दी कविता की भाषा क्या हो, ब्रजभाषा अथवा खड़ीबोली हिन्दी? जिसका ग्रियर्सन के साथ भारतेंदु मंडल के अनेक लेखकों ने प्रतिवाद किया तो फ्रेडरिक पिन्काट ने समर्थन। इस दृष्टि से यह भाषा, धर्म, जाति, राज्य आदि क्षेत्रीयताओं के सामूहिक उद्घोष का नवजागरण था। जुलाई २००७ में बिहार के शहर मुजफ्फरपुर में उनकी समृति में 'अयोध्या प्रसाद खत्री जयंती समारोह समिति' की स्थापना की गई। इसके द्वारा प्रति वर्ष हिंदी साहित्य में विशेष योगदन करने वाले किसी विशिष्ट व्यक्ति को अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति सम्मान से सम्मानित किया जाता है। पुरस्कार में अयोध्या प्रसाद खत्री की डेढ़ फुट ऊँची प्रतिमा, शाल और नकद राशि प्रदान की जाती है। ५-६ जुलाई २००७ को पटना में खड़ी बोली के प्रथम आंदोलनकर्ता अयोध्या प्रसाद खत्री की १५०वीं जयंती आयोजित की गई। संस्था के अध्यक्ष श्री वीरेन नंदा द्वारा श्री अयोध्या प्रसाद खत्री के जीवन तथा कार्यों पर केन्द्रित 'खड़ी बोली का चाणक्य' शीर्षक फिल्म का निर्माण किया गया है। .

नई!!: १८८९ और अयोध्या प्रसाद खत्री · और देखें »

१० अप्रैल

10 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 100वॉ (लीप वर्ष मे 101 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 265 दिन बाकी है। .

नई!!: १८८९ और १० अप्रैल · और देखें »

११ अक्टूबर

11 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 284वॉ (लीप वर्ष मे 285 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 81 दिन बाकी है। .

नई!!: १८८९ और ११ अक्टूबर · और देखें »

१३ जनवरी

१३ जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १३वाँ दिन है। वर्ष में अभी और ३५२ दिन बाकी है (लीप वर्ष में ३५३)। .

नई!!: १८८९ और १३ जनवरी · और देखें »

१४ नवम्बर

१४ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३१८वॉ (लीप वर्ष मे ३१९ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ४७ दिन बाकी है। .

नई!!: १८८९ और १४ नवम्बर · और देखें »

१६ दिसम्बर

१६ दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५०वाँ (लीप वर्ष मे ३५१वाँ) दिन है। वर्ष में अभी और १५ दिन बाकी है। .

नई!!: १८८९ और १६ दिसम्बर · और देखें »

२३ मार्च

23 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 82वॉ (लीप वर्ष मे 83 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 283 दिन बाकी है। .

नई!!: १८८९ और २३ मार्च · और देखें »

२४ दिसम्बर

२४ दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५८ वॉ (लीप वर्ष मे ३५९ वॉ) दिन है। साल में अभी और ७ दिन बाकी है। .

नई!!: १८८९ और २४ दिसम्बर · और देखें »

२९ नवम्बर

29 november 1998 के दिन श्रेयश पांडेय का जन्म हरियाणा के फरीदाबाद जिले में हुआ था।इनकी माता का नाम पुष्पा पांडेय तथा पिता का नाम प्रभात प्रसून पांडेय है।इनकी बहन का नाम आकांक्षा पांडेय है। ये उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के मूल निवासी है। प्रारंभिक शिक्षा मॉडर्न पब्लिक स्कूल फरीदाबाद में हुई। ततपश्चात हाई स्कूल तथा इंटरमीडिएट की शिक्षा अभयानंद इण्टर कॉलेज से की। जहाँ गुड्डू शरद सत्यम जैसे दुनिया के सबसे अच्छे दोस्त मिले। अंजली पांडेय क्लास 10 से जो इनकी जान है वो यही पर पहली बार मिली। .

नई!!: १८८९ और २९ नवम्बर · और देखें »

३ दिसम्बर

3 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 337वॉ (लीप वर्ष में 338 वॉ) दिन है। साल में अभी और 28 दिन बाकी है। १२३४५६७८९ .

नई!!: १८८९ और ३ दिसम्बर · और देखें »

८ जुलाई

८ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १८९वॉ (लीप वर्ष में १९० वॉ) दिन है। वर्ष में अभी और १७६ दिन बाकी है। .

नई!!: १८८९ और ८ जुलाई · और देखें »

९ दिसम्बर

9 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 343वॉ (लीप वर्ष मे 344 वॉ) दिन है। साल में अभी और 22 दिन बाकी है। .

नई!!: १८८९ और ९ दिसम्बर · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

1889

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »