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१८६३

सूची १८६३

1863 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

10 संबंधों: प्रतापगढ़ (राजस्थान) का इतिहास, प्रतापगढ़, राजस्थान, फुटबॉल, भारत के महाराज्यपाल, लियो बैकलैंड, स्वामी विवेकानन्द, अन्वेषणों की समय-रेखा, १३ जुलाई, २९ अक्टूबर, ८ दिसम्बर

प्रतापगढ़ (राजस्थान) का इतिहास

सुविख्यात इतिहासकार महामहोपाध्याय पंडित गौरीशंकर हीराचंद ओझा (1863–1947) के अनुसार "प्रतापगढ़ का सूर्यवंशीय राजपूत राजपरिवार मेवाड़ के गुहिल वंश की सिसोदिया शाखा से सम्बद्ध रहा है".

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प्रतापगढ़, राजस्थान

प्रतापगढ़, क्षेत्रफल में भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान के ३३वें जिले प्रतापगढ़ जिले का मुख्यालय है। प्राकृतिक संपदा का धनी कभी इसे 'कान्ठल प्रदेश' कहा गया। यह नया जिला अपने कुछ प्राचीन और पौराणिक सन्दर्भों से जुड़े स्थानों के लिए दर्शनीय है, यद्यपि इसके सुविचारित विकास के लिए वन विभाग और पर्यटन विभाग ने कोई बहुत उल्लेखनीय योगदान अब तक नहीं किया है। .

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फुटबॉल

एसोसिएशन फुटबॉल जिसे आमतौर पर सिर्फ फुटबॉल (अंग्रेजी: फुट: पाद या पग, बॉल: गेंद) या सॉकर कहा जाता है, दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है। यह एक सामूहिक खेल है और इसे ग्यारह खिलाड़ियों के दो दलों के बीच खेला जाता हैं। फुटबॉल को सामान्यत: एक आयताकार घास या कृत्रिम घास के मैदान पर खेला जाता है जिसके दोनों छोरों पर एक एक गोल होता है। खिलाड़ियों द्वारा विरोधी दल के गोल में चालाकी से गेंद को डालना ही इस खेल का उद्देश्य है। खेल में गोलरक्षक ही एक मात्र ऐसा खिलाड़ी होता है जिसे गेंद को रोकने के लिए अपना हाथ इस्तेमाल करने की अनुमति होती है। दल के बाकी खिलाड़ी आमतौर पर गेंद को मारने (किक या पदाघात) के लिये अपने पैर का इस्तेमाल करते हैं तथा कभी कभी हवा में गेंद को रोकने के लिए वे अपने धड़ या फिर सिर का इस्तेमाल करते हैं। जो दल खेल के अंत या समय समाप्ति तक ज्यादा गोल करता है, विजयी रहता है। खेल के अंत यानि समय समाप्ति तक यदि स्कोर बराबर रहे तो उस मुकाबले को बराबर या ड्रा घोषित करना, या खेल को अतिरिक्त समय में ले जाना और/या पेनाल्टी शूट आउट के द्वारा हार जीत का फैसला करना सब प्रतियोगिता के स्वरुप पर निर्भर करता है। आधुनिक फुटबॉल को इंग्लैंड में द फुटबॉल एसोसिएशन (फुटबॉल संघ) के गठन के साथ कूटबद्ध किया गया और जिसके 1863 में बने लॉज़ ऑफ द गेम (खेल के कानून) के आधार पर ही आज फुटबॉल खेली जाती है। अंतरराष्ट्रीय आधार पर फुटबॉल का नियंत्रण Fédération Internationale de Football Association (फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन) या एसोसिएशन फुटबॉल का अंतरराष्ट्रीय महासंघ जिसे संक्षेप में FIFA या फीफा कहा जाता है। फुटबॉल की सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय और लोकप्रिय प्रतियोगिता फीफा विश्व कप है, जिसका आयोजन हर चौथे वर्ष किया जाता है। इस प्रतियोगिता को व्यापक रूप से पूरे विश्व में देखा जाता है और इसके दर्शक ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों को मिले दर्शकों से लगभग दुगने होते हैं। .

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भारत के महाराज्यपाल

भारत के महाराज्यपाल या गवर्नर-जनरल (१८५८-१९४७ तक वाइसरॉय एवं गवर्नर-जनरल अर्थात राजप्रतिनिधि एवं महाराज्यपाल) भारत में ब्रिटिश राज का अध्यक्ष और भारतीय स्वतंत्रता उपरांत भारत में, ब्रिटिश सम्प्रभु का प्रतिनिधि होता था। इनका कार्यालय सन 1773 में बनाया गया था, जिसे फोर्ट विलियम की प्रेसीडेंसी का गवर्नर-जनरल के अधीन रखा गया था। इस कार्यालय का फोर्ट विलियम पर सीधा नियंत्रण था, एवं अन्य ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों का पर्यवेक्षण करता था। सम्पूर्ण ब्रिटिश भारत पर पूर्ण अधिकार 1833 में दिये गये और तब से यह भारत के गवर्नर-जनरल बन गये। १८५८ में भारत ब्रिटिश शासन की अधीन आ गया था। गवर्नर-जनरल की उपाधि उसके भारतीय ब्रिटिश प्रांत (पंजाब, बंगाल, बंबई, मद्रास, संयुक्त प्रांत, इत्यादि) और ब्रिटिष भारत, शब्द स्वतंत्रता पूर्व काल के अविभाजित भारत के इन्हीं ब्रिटिश नियंत्रण के प्रांतों के लिये प्रयोग होता है। वैसे अधिकांश ब्रिटिश भारत, ब्रिटिश सरकार द्वारा सीधे शासित ना होकर, उसके अधीन रहे शासकों द्वारा ही शासित होता था। भारत में सामंतों और रजवाड़ों को गवर्नर-जनरल के ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि होने की भूमिका को दर्शित करने हेतु, सन १८५८ से वाइसरॉय एवं गवर्नर-जनरल ऑफ इंडिया (जिसे लघुरूप में वाइसरॉय कहा जाता था) प्रयोग हुई। वाइसरॊय उपाधि १९४७ में स्वतंत्रता उपरांत लुप्त हो गयी, लेकिन गवर्नर-जनरल का कार्यालय सन १९५० में, भारतीय गणतंत्रता तक अस्तित्व में रहा। १८५८ तक, गवर्नर-जनरल को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के निदेशकों द्वारा चयनित किया जाता था और वह उन्हीं को जवाबदेह होता था। बाद में वह महाराजा द्वारा ब्रिटिश सरकार, भारत राज्य सचिव, ब्रिटिश कैबिनेट; इन सभी की राय से चयन होने लगा। १९४७ के बाद, सम्राट ने उसकी नियुक्ति जारी रखी, लेकिन भारतीय मंत्रियों की राय से, ना कि ब्रिटिश मंत्रियों की सलाह से। गवर्नर-जनरल पांच वर्ष के कार्यकाल के लिये होता था। उसे पहले भी हटाया जा सकता था। इस काल के पूर्ण होने पर, एक अस्थायी गवर्नर-जनरल बनाया जाता था। जब तक कि नया गवर्नर-जनरल पदभार ग्रहण ना कर ले। अस्थायी गवर्नर-जनरल को प्रायः प्रान्तीय गवर्नरों में से चुना जाता था। .

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लियो बैकलैंड

लियो हैंड्रिक बैकेलैंड (सिंट-मार्टेन्स लैटेम, बेल्जियम, १४ नवंबर, १८६३ - २३ फरवरी, १९४४) एक बेल्जियम के रसायनशास्त्री थे। इन्होंने वेलॉक्स फोटोग्राफिक कागज की खोज की थी। (1893) उसके बाद १९०७ में बैकेलाइट की भी खोज की थी।. .

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स्वामी विवेकानन्द

स्वामी विवेकानन्द(স্বামী বিবেকানন্দ) (जन्म: १२ जनवरी,१८६३ - मृत्यु: ४ जुलाई,१९०२) वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् १८९३ में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुँचा। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है। वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण की शुरुआत "मेरे अमरीकी भाइयो एवं बहनों" के साथ करने के लिये जाना जाता है। उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था। कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली परिवार में जन्मे विवेकानंद आध्यात्मिकता की ओर झुके हुए थे। वे अपने गुरु रामकृष्ण देव से काफी प्रभावित थे जिनसे उन्होंने सीखा कि सारे जीव स्वयं परमात्मा का ही एक अवतार हैं; इसलिए मानव जाति की सेवा द्वारा परमात्मा की भी सेवा की जा सकती है। रामकृष्ण की मृत्यु के बाद विवेकानंद ने बड़े पैमाने पर भारतीय उपमहाद्वीप का दौरा किया और ब्रिटिश भारत में मौजूदा स्थितियों का पहले हाथ ज्ञान हासिल किया। बाद में विश्व धर्म संसद 1893 में भारत का प्रतिनिधित्व करने, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए कूच की। विवेकानंद के संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप में हिंदू दर्शन के सिद्धांतों का प्रसार किया, सैकड़ों सार्वजनिक और निजी व्याख्यानों का आयोजन किया। भारत में, विवेकानंद को एक देशभक्त संत के रूप में माना जाता है और इनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। .

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अन्वेषणों की समय-रेखा

यहाँ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण तकनीकी खोजों की समय के सापेक्ष सूची दी गयी है। .

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१३ जुलाई

१३ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९४वॉ (लीप वर्ष में १९५ वॉ) दिन है। साल में अभी और १७१ दिन बाकी है। .

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२९ अक्टूबर

29 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 302वॉ (लीप वर्ष में 303 वॉ) दिन है। साल में अभी और 63 दिन बाकी है। .

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८ दिसम्बर

८ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४२वॉ (लीप वर्ष मे ३४३वॉ) दिन है। साल में अभी और २३ दिन बाकी है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

1863

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