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१८१६

सूची १८१६

1816 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

9 संबंधों: देहरादून जिला, बाञ्जुल, मोटर एवं इंजन प्रौद्योगिकी की समयरेखा, हल्द्वानी, आविष्कार और आविष्कारक, कार्बनिक रसायन, अन्वेषणों की समय-रेखा, १० अप्रैल, २१ जुलाई

देहरादून जिला

यह लेख देहरादून जिले के विषय में है। नगर हेतु देखें देहरादून। देहरादून, भारत के उत्तराखंड राज्य की राजधानी है इसका मुख्यालय देहरादून नगर में है। इस जिले में ६ तहसीलें, ६ सामुदायिक विकास खंड, १७ शहर और ७६४ आबाद गाँव हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ १८ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ कोई नहीं रहता। देश की राजधानी से २३० किलोमीटर दूर स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह नगर अनेक प्रसिद्ध शिक्षा संस्थानों के कारण भी जाना जाता है। यहाँ तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान आदि जैसे कई राष्ट्रीय संस्थान स्थित हैं। देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय मिलिटरी कालेज और इंडियन मिलिटरी एकेडमी जैसे कई शिक्षण संस्थान हैं। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। अपनी सुंदर दृश्यवाली के कारण देहरादून पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और विभिन्न क्षेत्र के उत्साही व्यक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। विशिष्ट बासमती चावल, चाय और लीची के बाग इसकी प्रसिद्धि को और बढ़ाते हैं तथा शहर को सुंदरता प्रदान करते हैं। देहरादून दो शब्दों देहरा और दून से मिलकर बना है। इसमें देहरा शब्द को डेरा का अपभ्रंश माना गया है। जब सिख गुरु हर राय के पुत्र रामराय इस क्षेत्र में आए तो अपने तथा अनुयायियों के रहने के लिए उन्होंने यहाँ अपना डेरा स्थापित किया। www.sikhiwiki.org.

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बाञ्जुल

बांजुल (भूतपूर्व बाथर्स्ट), जिसका आधिकारिक नाम बांजुल नगर है, अफ़्रीका महाद्वीप के गाम्बिया की राजधानी, जो उसी नाम के विभाग में स्थित है। बांजुल नगर की जनसंख्या मात्र ३४,८२८ है जबकि वृहदतर बांजुल क्षेत्र, जिसमें बांजुल नगर और कानिफ़िंग नगरपालिका परिषद सम्मिलित हैं, की जनसंख्या ३,५७,२३८ (२००३ की जनगणना अनुसार) है। यह नगर सेंट मैरी द्वीप (जिसे बांजुल द्वीप भी कहते हैं) पर स्थित है। यहीं पर गाम्बिया नदी, अंध महासागर में मिलती है। यह द्वीप मुख्यभूमि से उत्तर की ओर यात्री और वाहन नौकाओं से और दक्षिण की ओर पुल से जुड़ा हुआ है। वर्तमान गाम्बिया राष्ट्र कभी घाना साम्राज्य और सोंघाई साम्राज्य का भाग हुआ करता था। इस क्षेत्र के संबंध में उपलब्ध प्रथम लिखित प्रमाण ९वीं और १०वीं शताब्दियों में अरब व्यापारियों के लिखे मिलते हैं। अरब व्यापारियों ने इस क्षेत्र में दासों, सोने और हाथी-दाँत के व्यापार के लिए ट्रांस-सहारा व्यापार मार्ग की स्थापना की थी। १५वीं शताब्दी में पुर्तगालियो ने समुद्री व्यापार मार्गों की स्थापना की। उस समय गाम्बिया, माली साम्राज्य का भाग था। सन १८१६ में अंग्रेज़ों ने बाजुंल की स्थापना एक व्यापार-गाह के रूप में और दास व्यापार को कुचलने के लिए की थी। इसका सर्वप्रथम नामकरण ब्रितानी औपनिवेशिक कार्यालय के सचिव हेनरी बाथर्स्ट के नाम पर बाथर्स्ट हुआ था, लेकिन १९७३ में इसका नाम बांजुल रख दिया गया। २२ जुलाई, १९९४ को बाजुंल में रक्तहीन सैन्य विद्रोह घटित हुआ था जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति दाव्डा जावारा को अपदस्थ कर दिया गया और उनके स्थान पर देश के वर्तमान राष्ट्रपति याह्या जाम्मे सत्तारूढ़ हुए। उस घटना की स्मृति स्वरूप, आर्क २२ को नगर के प्रवेशद्वार के रूप में बनाया गया। यह द्वार ३५ मीटर ऊँचा है और इसके बीच में एक वर्गाकार छिद्र है। इसमें एक वस्त्र संग्रहालय भी है। आर्क-२२ के अलावा नगर के अन्य दर्शनीय आकर्षणों में गाम्बियाई राष्ट्रीय संग्रहालय, अल्बर्ट बाज़ार, बांजुल राजकीय आवास, बांजुल न्यायालय आवास, दो गिरिजाघर और बहुत सी मस्जिदें हैं। बांजुल देश का आर्थिक और प्रशासनिक केन्द्र है और देश का प्रमुख बैंक गाम्बिया केन्द्रीय बैंक भी यहीं स्थित है। मूँगफली प्रक्रमण (प्रोसेसिंग) देश का प्रमुख उद्योग है, लेकिन मधु-मोम, ताड़ की लकड़ी, ताड़ का तेल और खालों इत्यादि का भी बांजुल बंदरगाह से निर्यात किया जाता है। बांजुल और बारा नगरों के बीच नौकाएं चलती हैं। बांजुल अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र इस नगर को वायु-सेवाओं द्वारा बाहरी विश्व से जोड़ता है। बांजुल शहर ट्रांस-पश्विम अफ़्रीकी तटीय महामार्ग पर स्थित है जो इसे डकार और बिसाउ से जोड़ता है और जो अंततः इकोवास (ECOWAS) के ११ अन्य देशों के लिए पक्का महामार्ग उपलब्ध कराएगा। बांजुल विभाग (वृहदतर बांजुल क्षेत्र) दो जिलों में विभाजित है.

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मोटर एवं इंजन प्रौद्योगिकी की समयरेखा

इंजन एवं मोटर का विकास सभ्यता के विकास के इतिहास का शायद सबसे महत्वपूर्ण अध्याय है क्योंकि इनके बिना मशीनीकरण की कल्पना नहीं की जा सकती। इनके बिना स्वतः नियन्त्रण (आटॉमैटिक कन्ट्रोल) का भी कोई अर्थ नहीं है। आज भी मोटर एवं इंजन ही प्रौद्योगिकी के रीढ बने हुए हैं।.

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हल्द्वानी

हल्द्वानी, उत्तराखण्ड के नैनीताल ज़िले में स्थित एक नगर है जो काठगोदाम के साथ मिलकर हल्द्वानी-काठगोदाम नगर निगम बनाता है। हल्द्वानी उत्तराखण्ड के सर्वाधिक जनसँख्या वाले नगरों में से है और इसे "कुमाऊँ का प्रवेश द्वार" भी कहा जाता है। कुमाऊँनी भाषा में इसे "हल्द्वेणी" भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ "हल्दू" (कदम्ब) प्रचुर मात्रा में मिलता था। सन् १८१६ में गोरखाओं को परास्त करने के बाद गार्डनर को कुमाऊँ का आयुक्त नियुक्त किया गया। बाद में जॉर्ज विलियम ट्रेल ने आयुक्त का पदभार संभाला और १८३४ में "हल्दु वनी" का नाम हल्द्वानी रखा। ब्रिटिश अभिलेखों से हमें ये ज्ञात होता है कि इस स्थान को १८३४ में एक मण्डी के रूप में उन लोगों के लिए बसाया गया था जो शीत ऋतु में भाभर आया करते थे। .

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आविष्कार और आविष्कारक

आविष्कार और आविष्कारक नामक इस सूची में आविष्कार, आविष्कारक, वर्ष और देश का नाम दिए गए हैं। .

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कार्बनिक रसायन

कार्बनिक रसायन रसायन विज्ञान की एक प्रमुख शाखा है, दूसरी प्रमुख शाखा है - अकार्बनिक रसायन। कार्बनिक रसायन का सम्बन्ध मुख्यतः कार्बन और हाइड्रोजन के अणुओं वाले रासायनिक यौगिकों के संरचना, गुणधर्म, रासायनिक अभिक्रियाओं एवं उनके निर्माण (संश्लेषण या सिन्थेसिस एवं अन्य प्रक्रिया द्वारा) आदि के वैज्ञानिक अध्ययन से है। कार्बनिक यौगिकों में कार्बन और हाइड्रोजन के अतिरिक्त अन्य अणु भी हो सकते हैं, जैसे- नाइट्रोजन (नत्रजन), ऑक्सीजन, हैलोजन, फॉस्फोरस, सिलिकॉन, गंधक (सल्फर) आदि।.

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अन्वेषणों की समय-रेखा

यहाँ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण तकनीकी खोजों की समय के सापेक्ष सूची दी गयी है। .

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१० अप्रैल

10 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 100वॉ (लीप वर्ष मे 101 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 265 दिन बाकी है। .

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२१ जुलाई

२१ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २०२वॉ (लीप वर्ष में २०३ वॉ) दिन है। साल में अभी और १६३ दिन बाकी है। .

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