3 संबंधों: मनसा राम, मुंबा देवी मंदिर, अन्वेषणों की समय-रेखा।
मनसा राम
श्री मनसा राम सन १७३७ से १७४० तक काशी राज्य के नरेश रहे। मनसा राम काशी नरेश राजा बलवंत सिंह के पिता थे जिनका जन्म बनारस के गंगापुर गांव में हुआ था। जमींदार मनसा राम बनारस,जौनपुर और मिर्जापुर के आमिल बनने से पहले अवध के नवाब सफदरजंग के मातहत थे लेकिन राजस्व प्रबंधन के अपने काम-काज के चलते वो अपने पुत्र बलवंत सिंह को काशी नरेश का खिताब दिलवाने में कामयाब रहे। इस खिताब पर बाद में दिल्ली के मुगल बादशाह ने भी मुहर लगा दी। .
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मुंबा देवी मंदिर
मुंबा देवी मंदिर मुंबई के भूलेश्वर में स्थित है। मुंबई का नाम ही मराठी में मुंबा आई यानि मुंबा माता के नाम से निकला है। यहां इनकी बहुत मान्यता है। यह मंदिर लगभग ४०० वर्ष पुराना है। मुंबई आरंभ में मछुआरों की बस्ती थी। उन्हें यहां कोली कहते थे। कोली लोगों यहां बोरी बंदर में तब मुंबा देवी के मंदिर की स्थापना की। इन देवी की कृपा से उन्हें कभी सागर ने नुकसान नहीं पहुंचाया। यह मंदिर अपने मूल स्थान पर १७३७ में बना था, ठीक उस स्थान पर जहां आज विक्टोरिया टर्मिनस इमारत है। भारत ऑनलाइन पर बाद में अंग्रेजों के शासन में मंदिर को मैरीन लाइन्स-पूर्व क्षेत्र में बाजार के बीच स्थापित किया। तब मंदिर के तीन ओर एक बड़ा तालाब था, जो अब पाट दिया गया है। इस मंदिर की भूमि पांडु सेठ ने दान में दी थी, व मंदिर की देखरेख भी उन्हीं का परिवार करता था। बाद में मुंबई उच्च न्यायालय के आदेशा्नुसार मंदिर के न्यास की स्थापना की गई। अब भी वही मंदिर न्यास यहां की देखरेख करता है। यहां मुंबा देवी की नारंगी चेहरे वाली रजत मुकुट से सुशोभित मूर्ति स्थापित हई। इस न्यास ने यहां अन्नपूर्णा एवं जगदंबा मां की मूर्तियां भी मुंबा देवी के अगल बगल स्थापित करवायीं थीं। मंदिर में प्रतिदिन छः बार आरती की जाती है। मंगलवार का दिन यहां शुभ माना जाता है। यहां मन्नत मांगने के लिए यहां रखे कठवा (लकड़ी) पर सिक्कों को कीलों से ठोका जाता है। श्रद्धालुओं की भीड़ बहुत रहती है। यह मंदिर लगभग ५० लाख रु.
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अन्वेषणों की समय-रेखा
यहाँ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण तकनीकी खोजों की समय के सापेक्ष सूची दी गयी है। .
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यहां पुनर्निर्देश करता है:
1737।