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ह्वांगहो

सूची ह्वांगहो

ह्वांगहो या ह्वांगहे या ह्वांगहा जिसे पीली नदी भी कहा जाता है, चीन से होकर बहने वाली एक नदी है। लम्बाई के हिसाब से यह विश्व में सातवां स्थान रखती है। .

29 संबंधों: चिंगहई, चीन का इतिहास, चीनी जनवादी गणराज्य, ताईआन, तुयुहुन राज्य, निंगशिया, प्राकृतिक आपदा, पीला सागर, बसंत और शरद काल, मध्यकालीन चीन, मा परिवार सेना, मोती नदी, लान्झू, लंबाई के आधार पर नदियों की सूची, लोएस पठार, शानदोंग, शान्शी, शांग राजवंश, सुई राजवंश, हेनान, हेबेई, जल संसाधन, जलसम्भर, जलोढ़क, जीनान, विश्व की नदियां, वेई नदी (चीन), ओब नदी, अम्दो

चिंगहई

चिंगहई (चीनी: 青海; अंग्रेजी: Qinghai, मंगोल: Көкнуур, कोक नूर; तिब्बती: མཚོ་སྔོན་) जनवादी गणराज्य चीन के पश्चिमी भाग में स्थित एक प्रांत है। इसकी राजधानी शिनिंग शहर है। यह प्रांत अधिकतर तिब्बत के पठार पर स्थित है और परंपरागत रूप से तिब्बती लोग इसके अधिकतर भाग को तिब्बत का एक क्षेत्र समझते हैं जिसका तिब्बती नाम 'आमदो' है। इस प्रान्त का नाम चिंगहई झील पर पड़ा है। ऐतिहासिक रूप से यह इलाक़ा चीन का भाग नहीं था बल्कि इसपर कई जातियों में खींचातानी चलती थी, जिनमें तिबाती, हान चीनी, मंगोल और तुर्की लोग शामिल थे। चीन की एक महत्वपूर्ण नदी ह्वांग हो (उर्फ़ 'पीली नदी') इसी प्रान्त के दक्षिणी भाग में जन्म लेती है जबकि यांग्त्से नदी और मिकोंग नदी इसके दक्षिण-पश्चिमी भाग में जन्मती हैं।, Shelley Jiang, Shelley Cheung, Macmillan, 2004, ISBN 978-0-312-32005-8,...

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चीन का इतिहास

चीन के राजवंशों की राज्यसीमाएँ पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर चीन में मानव बसाव लगभग साढ़े बाईस लाख (22.5 लाख) साल पुराना है। चीन की सभ्यता विश्व की पुरातनतम सभ्यताओं में से एक है। यह उन गिने-चुने सभ्यताओं में एक है जिन्होनें प्राचीन काल में अपना स्वतंत्र लेखन पद्धति का विकास किया। अन्य सभ्यताओं के नाम हैं - प्राचीन भारत (सिंधु घाटी सभ्यता), मेसोपोटामिया की सभ्यता, मिस्र सभ्यता और माया सभ्यता। चीनी लिपि अब भी चीन, जापान के साथ-साथ आंशिक रूप से कोरिया तथा वियतनाम में प्रयुक्त होती है। .

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चीनी जनवादी गणराज्य

चीनी जनवादी गणराज्य (चीनी: 中华人民共和国) जिसे प्रायः चीन नाम से भी सम्बोधित किया जाता है, पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है। १.३ अरब निवासियों के साथ यह विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है और ९६,४१,१४४ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ यह रूस और कनाडा के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला देश है। इतना विशाल क्षेत्रफल होने के कारण इसकी सीमा से लगते देशों की संख्या भी विश्व में सर्वाधिक (रूस के बराबर) है जो इस प्रकार है (उत्तर से दक्षिणावर्त्त): रूस, मंगोलिया, उत्तर कोरिया, वियतनाम, लाओस, म्यान्मार, भारत, भूटान, नेपाल, तिबत देश,पाकिस्तान, अफ़्गानिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और कज़ाख़िस्तान। उत्तर पूर्व में जापान और दक्षिण कोरिया मुख्य भूमि से दूरी पर स्थित हैं। चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना १ अक्टूबर, १९४९ को हुई थी, जब साम्यवादियों ने गृहयुद्ध में कुओमिन्तांग पर जीत प्राप्त की। कुओमिन्तांग की हार के बाद वे लोग ताइवान या चीनी गणराज्य को चले गए और मुख्यभूमि चीन पर साम्यवादी दल ने साम्यवादी गणराज्य की स्थापना की। लेकिन चीन, ताईवान को अपना स्वायत्त क्षेत्र कहता है जबकि ताइवान का प्रशासन स्वयं को स्वतन्त्र राष्ट्र कहता है। चीनी जनवादी गणराज्य और ताइवान दोनों अपने-अपने को चीन का वैध प्रतिनिधि कहते हैं। चीन विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो अभी भी अस्तित्व में है। इसकी सभ्यता ५,००० वर्षों से अधिक भी पुरानी है। वर्तमान में यह एक "समाजवादी गणराज्य" है, जिसका नेतृत्व एक दल के हाथों में है, जिसका देश के २२ प्रान्तों, ५ स्वायत्तशासी क्षेत्रों, ४ नगरपालिकाओं और २ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों पर नियन्त्रण है। चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी है। यह विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और एक मान्यता प्राप्त नाभिकीय महाशक्ति है। चीनी साम्यवादी दल के अधीन रहकर चीन में "समाजवादी बाज़ार अर्थव्यवस्था" को अपनाया जिसके अधीन पूंजीवाद और अधिकारवादी राजनैतिक नियन्त्रण सम्मित्लित है। विश्व के राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक ढाँचे में चीन को २१वीं सदी की अपरिहार्य महाशक्ति के रूप में माना और स्वीकृत किया जाता है। यहाँ की मुख्य भाषा चीनी है जिसका पाम्परिक तथा आधुनिक रूप दोनों रूपों में उपयोग किया जाता है। प्रमुख नगरों में बीजिंग (राजधानी), शंघाई (प्रमुख वित्तीय केन्द्र), हांगकांग, शेन्ज़ेन, ग्वांगझोउ इत्यादी हैं। .

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ताईआन

ताईआन शहर से ताई पर्वत का नज़ारा ताईआन (चीनी: 泰安, अंग्रेज़ी: Tai'an) जनवादी गणराज्य चीन के पूर्वी भाग में स्थित शानदोंग प्रांत का एक शहर है। यह प्रान्त की राजधानी जीनान से दक्षिण में स्थित है और प्रसिद्ध ताई पर्वत के इर्द-गिर्द बसा हुआ है। इसके पश्चिम में पीली नदी आती है जिसके पार हेनान प्रान्त है। २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ५४,९४,२०० थी जिसमें से १५,९४,८७७ शहरी नागरिक और बाक़ी ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी थे। .

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तुयुहुन राज्य

तुयुहुन राज्य (Tuyuhun Kingdom) या अझ़ा ('Azha, बिन्दुयुक्त 'झ़' के उच्चारण पर ध्यान दें) प्राचीनकाल में तिब्बत से पूर्वोत्तर कोको नूर नामक झील (आधुनिक काल में चिंगहई झील) के क्षेत्र में चिलियन पर्वतों और पीली नदी (ह्वांगहो) की ऊपरी घाटी के इलाक़ों में रहने वाले शियानबेई लोगों से सम्बन्धित ख़ानाबदोश क़बीलों द्वारा स्थापित एक राज्य का नाम था।, Barbara A. West, pp.

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निंगशिया

चीन के नक़्शे पर निंगशिया (लाल रंग में) निंगशिया या निंगशिया हुई (宁夏回族自治区, निंगशिया हुईज़ू ज़िझिचु; Ningxia) जनवादी गणतंत्र चीन का एक स्वशासित प्रदेश है। यह चीन के हान चीनी जाती वाले इलाक़ों के उत्तर-पश्चिम में स्थित है और इसमें मुस्लिम हुई लोग रहते हैं। इसकी राजधानी यिनचुआन शहर है। निंगशिया लोएस पठार पर स्थित है और पीली नदी (ह्वांग हो) इसमें से गुज़रती है। इसकी पूर्वोत्तरी सीमा पर चीन की महान दीवार चलती है। निंगशिया का कुल क्षेत्रफल ६६,००० वर्ग किमी है और सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ६३,०१,३५० अनुमानित की गई थी।, Graham Hutchings, Harvard University Press, 2003, ISBN 978-0-674-01240-0,...

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प्राकृतिक आपदा

एक प्राकृतिक आपदा एक प्राकृतिक जोखिम (natural hazard) का परिणाम है (जैसे की ज्वालामुखी विस्फोट (volcanic eruption), भूकंप, या भूस्खलन (landslide) जो कि मानव गतिविधियों को प्रभावित करता है। मानव दुर्बलताओं को उचित योजना और आपातकालीन प्रबंधन (emergency management) का आभाव और बढ़ा देता है, जिसकी वजह से आर्थिक, मानवीय और पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है। परिणाम स्वरुप होने वाली हानि निर्भर करती है जनसँख्या की आपदा को बढ़ावा देने या विरोध करने की क्षमता पर, अर्थात उनके लचीलेपन पर। ये समझ केंद्रित है इस विचार में: "जब जोखिम और दुर्बलता (vulnerability) का मिलन होता है तब दुर्घटनाएं घटती हैं". जिन इलाकों में दुर्बलताएं निहित न हों वहां पर एक प्राकृतिक जोखिम कभी भी एक प्राकृतिक आपदा में तब्दील नहीं हो सकता है, उदहारण स्वरुप, निर्जन प्रदेश में एक प्रबल भूकंप का आना.बिना मानव की भागीदारी के घटनाएँ अपने आप जोखिम या आपदा नहीं बनती हैं, इसके फलस्वरूप प्राकृतिक शब्द को विवादित बताया गया है। .

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पीला सागर

पीले सागर और उसकी अंदरूनी बोहाई सागर नामक खाड़ी का नक़्शा पीत सागर या पीला सागर (चीनी भाषा: 黃海, अंग्रेज़ी: Yellow Sea) पूर्वी चीन सागर के उत्तरी भाग का नाम है, जो स्वयं प्रशांत महासागर का एक हिस्सा है। यह चीन की मुख्यभूमि (मेनलैंड) और कोरिया के बीच स्थित है। यहाँ पर पास के गोबी मरुस्थल से रेत उड़ाती आंधियाँ आकर पीला रेगिस्तानी रेत समुद्र की सतह पर गिरा देती हैं जिस से सागर पीले रंग का लगता है। इसी से इस सागर का नाम पड़ा है। पीले सागर की सबसे अंदरूनी खाड़ी को बोहाई सागर कहते हैं। चीन की प्रसिद्ध पीली नदी (उर्फ़ ह्वांग नदी उर्फ़ ह्वांग हो) बहकर इस सागर में मिलती है और उस में मिश्रित रेत इसे और भी पीला रंग देती है। .

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बसंत और शरद काल

पूर्वी झोऊ काल के बसंत और शरद काल की रियासतें बसंत और शरद काल में बना एक कांसे का बर्तन (हेनान संग्राहलय में) ची राज्य के नरेश जिंग के मक़बरे में बलि किये गए घोड़ों के अस्ति-पिंजर बसंत और शरद काल (चीनी:春秋时代, चुन च्यु शी दाई; अंग्रेज़ी: Spring and Autumn Period) प्राचीन चीन के पूर्वी झोऊ राजवंश काल के पहले भाग को कहते हैं, जो ७७१ ईसापूर्व से ४७६ ईसापूर्व तक चला, हालाँकि कभी-कभी ४०३ ईसापूर्व को इस काल का अंत माना जाता है। इस काल से सम्बंधित चीनी सभ्यता का क्षेत्र ह्वांग नदी घाटी के मैदान में, शानदोंग प्रायद्वीप में और इनके कुछ नज़दीकी इलाक़ों में स्थित था। इस काल का 'बसंत और शरद' वाला नाम 'बसंत और शरद के वृतान्त' नामक ऐतिहासिक ग्रन्थ से आता है, जिसमें लू (鲁国, Lu) नाम के राज्य की दास्तान दर्ज है, जो प्रसिद्ध धार्मिक दार्शनिक कन्फ़्यूशियस का घर भी था।, Metropolitan Museum of Art (New York, N.Y.), Ballantine Books, 1980, ISBN 978-0-345-29051-9,...

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मध्यकालीन चीन

सुई राजवंश के बाद तंग राजवंश और सोंग राजवंश काकाल आया। इनके शासन के दौरान चीन की संस्कृति और विज्ञान अपने चरम पर पहुंच गया। सातवीं से चौदहवीं सदी तक चीन विश्व का सबसे संस्कृत देश बना रहा। 1271 में मंगोल सरदार कुबलय खां ने युआन रादवंश की स्थापना की जिसने 1279 तक सोंग वंश को सत्ता से हटाकर अपना अधिपत्य कायम किया। एक किसान ने 1368 में मंगोलों को भगा दिया और मिंग राजवंश की स्थापना की जो 1664 तक चला। मंचू लोगों के द्वारा स्थापित क्विंग राजवंश ने चीन पर 1911 तक राज किया जो चीन का अंतिम वंश था। चीन का सबसे पुराना राजवंश है - शिया राजवंश। इनका अस्तित्व एक लोककथा लगता था पर हेनान में पुरातात्विक खुदाई के बाद इसके वजूद की सत्यता सामने आई। प्रथम प्रत्यक्ष राजवंश था - शांग राजवंश, जो पूर्वी चीन में 18वीं से 12 वीं सदी इसा पूर्व पीली नदी के किनारे बस गए। 12वीं सदी ईसा पूर्व में पश्चिम से झोऊ शासकों ने इनपर हमला किया और इनके क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया। इन्होने 5वीं सदी ईसा पूर्व तक राज किया। इसके बाद चीन के छोटे राज्य आपसी संघर्ष में भिड़ गए। ईसा पूर्व 221 में चिन राजवंश ने चीन का प्रथम बार एकीकरण किया। इन्होने राजा का कार्यालय स्थापित किया और चीनी भाषा का मानकीकरण किया। ईसा पूर्व 220 से 206 ई. तक हान राजवंश के शासकों ने चीन पर राज किया और चीन की संस्कृति पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। य़ह प्रभाव अब तक विद्यमान है। इन्होने रेशम मार्ग की भी स्थापना रखी। हानों के पतन के बाद चीन में फिर से अराजकता का माहौल छा गया। सुई राजवंश ने 580 ईस्वी में चान का एकीकरण किया जिसके कुछ ही सालों बाद (614 ई.) इस राजवंश का पतन हो गया। युद्ध कला में मध्य एशियाई देशों से आगे निकल जाने के कारण चीन ने मध्य एशिया पर अपना प्रभुत्व जमा लिया, पर साथ ही साथ वह यूरोपीय शक्तियों के समक्ष कमजोर पड़ने लगा। चीन शेष विश्व के प्रति सतर्क हुआ और उसने यूरोपीय देशो के साथ व्यापार का रास्ता खोल दिया। ब्रिटिश भारत तथा जापान के साथ हुए युद्धों तथा गृहयुद्धो ने क्विंग राजवंश को कमजोर कर डाला। अंततः 1912 में चीन में गणतंत्र की स्थापना हुई। युद्ध कला में मध्य एशियाई देशों से आगे निकल जाने के कारण चीन ने मध्य एशिया पर अपना प्रभुत्व जमा लिया, पर साथ ही साथ वह यूरोपीय शक्तियों के समक्ष कमजोर पड़ने लगा। चीन शेष विश्व के प्रति सतर्क हुआ और उसने यूरोपीय देशो के साथ व्यापार का रास्ता खोल दिया। ब्रिटिश भारत तथा जापान के साथ हुए युद्धों तथा गृहयुद्धो ने क्विंग राजवंश को कमजोर कर डाला। अंततः 1912 में चीन में गणतंत्र की स्थापना हुई। चीन की विशाल दीवार मिट्टी और पत्थर से बनी एक किलेनुमा दीवार है जिसे चीन के विभिन्न शासको के द्वारा उत्तरी हमलावरों से रक्षा के लिए पाँचवीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर सोलहवी शताब्दी तक बनवाया गया। इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इस मानव निर्मित ढांचे को अन्तरिक्ष से भी देखा जा सकता है। यह दीवार ६,४०० किलोमीटर (१०,००० ली, चीनी लंबाई मापन इकाई) के क्षेत्र में फैली है। इसका विस्तार पूर्व में शानहाइगुआन से पश्चिम में लोप नुर तक है और कुल लंबाई लगभग ६७०० कि॰मी॰ (४१६० मील) है। हालांकि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के हाल के सर्वेक्षण के अनुसार समग्र महान दीवार, अपनी सभी शाखाओं सहित ८,८५१.८ कि॰मी॰ (५,५००.३ मील) तक फैली है। अपने उत्कर्ष पर मिंग वंश की सुरक्षा हेतु दस लाख से अधिक लोग नियुक्त थे। यह अनुमानित है, कि इस महान दीवार निर्माण परियोजना में लगभग २० से ३० लाख लोगों ने अपना जीवन लगा दिया था। चीन में राज्य की रक्षा करने के लिए दीवार बनाने की शुरुआत हुई आठवीं शताब्दी ईसापूर्व में जिस समय कुई (अंग्रेजी:Qi), यान (अंग्रेजी:Yan) और जाहो (अंग्रेजी:Zhao) राज्यों ने तीर एवं तलवारों के आक्रमण से बचने के लिए मिटटी और कंकड़ को सांचे में दबा कर बनाई गयी ईटों से दीवार का निर्माण किया। ईसा से २२१ वर्ष पूर्व चीन किन (अंग्रेजी:Qin) साम्राज्य के अनतर्गत आ गया। इस साम्राज्य ने सभी छोटे राज्यों को एक करके एक अखंड चीन की रचना की। किन साम्राज्य से शासको ने पूर्व में बनायी हुई विभिन्न दीवारों को एक कर दिया जो की चीन की उत्तरी सीमा बनी। पांचवीं शताब्दी से बहुत बाद तक ढेरों दीवारें बनीं, जिन्हें मिलाकर चीन की दीवार कहा गया। प्रसिद्धतम दीवारों में से एक २२०-२०६ ई.पू.

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मा परिवार सेना

ज़िबे सान मा का पताका मा परिवार सेना (पुराना चीना भाषा: 馬家軍, नया चीना भाषा: 马家军, पिनयिन: Mǎ Jiājūn, अंग्रेज़ी: Ma clique) चीन मे योद्धाओं का एक परिवार था। इस परिवार ने चीन के चिंग-है, शिंजांग गांसू और निंग्सिया प्रदेशों में १९१० से १९४९ तक राज किया था। .

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मोती नदी

मोती नदी मंडल का नक़्शा मोती नदी या झू नदी (珠江, झू जिआंग; Pearl River) दक्षिणी चीन की एक मुख्य नदी है जिसका एक विस्तृत उपनदियों का मंडल है और दक्षिण चीन सागर के साथ एक बड़ा नदीमुख (डेल्टा) क्षेत्र है। इसमें तीन नदियाँ - शी नदी (Xi River, यानि 'पश्चिमी नदी'), बेई नदी (Bei River, यानि 'उत्तरी नदी') और दोंग नदी (Dong River, यानि 'पूर्वी नदी') - मिलकर नदीमुख बनती हैं, इसलिए इन्हें एक ही मोती नदी मंडल का हिस्सा मन जाता है। अगर शी नदी के सुदूर छोर से समुद्र तक की लम्बाई देखी जाए तो मोती नदी २,४०० किमी लम्बी है, जो इसे यांग्त्से नदी और पीली नदी (उर्फ़ ह्वांग हो) के बाद चीन की तीसरी सबसे लम्बी नदी बना देती है। मोती नदी का कुल जलसम्भर क्षेत्रफल ४,०९,४८० वर्ग किमी है जो अधिकतर चीन में है लेकिन जिसका एक अंश उत्तरी वियतनाम में भी आता है। ग्वांगझोउ शहर से गुज़रते हुए इस नदी के नीचे मोती के रंग वाले असंख्य शंख पड़े नज़र आते हैं, जिस से इसका नाम 'मोती नदी' पड़ा है। इस नदी मंडल के इर्द-गिर्द भारी आबादी, उद्योग और जल-यातायात की वजह से इस नदीमुख का पानी बहुत प्रदूषित है।, Yue-man Yeung, Jianfa Shen, Chinese University Press, 2008, ISBN 978-962-996-376-7,...

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लान्झू

लान्झू शहर का एक दृश्य लान्झू (चीनी: 兰州, अंग्रेज़ी: Lanzhou) चीन के गांसू प्रान्त की राजधानी और उस प्रांत का सबसे बड़ा शहर है। इसकी जनसँख्या सन् 2008 में लगभग 33 लाख मापी गयी थी। इस नगर के उत्तर और दक्षिण में पहाड़ स्थित हैं और शहर ह्वांगहो नदी के किनारे बसा हुआ है। गर्मियों में यहाँ का तापमान आम तौर पर 30°सेंटीग्रेड से कम ही रहता है और सर्दियों में -10°सेंटीग्रेड तक गिर जाता है। इतनी सर्दी के बावजूद यहाँ पर मौसम इतना शुष्क है कि बर्फ़ बहुत कम पड़ती है। .

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लंबाई के आधार पर नदियों की सूची

एक जलपोत से नील नदी का दृश्य, मिस्र में लक्सर और असवान के बीच. यह पृथ्वी पर सबसे लंबी नदियों की सूची है। इसमें 1,000 किलोमीटर से अधिक वाले नदी तंत्र शामिल हैं। .

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लोएस पठार

शन्शी प्रान्त में लोएस पठार का एक नज़ारा लोएस पठार (Loess Plateau, लोएस प्लैटो) या हुआंगतु पठार (黃土高原, हुआंगतु गाओयेन) चीन की पीली नदी के ऊपरी और मध्य भागों में ६,४०,००० किमी२ पर विस्तृत एक पठार है। 'लोएस' एक प्रकार की बारीक़ रेतीली मिटटी को कहते हैं जिसे आँधियों ने युगों के काल में इस पठार पर बिछा दिया है और इसी मिटटी से पठार का नाम आया है। इस प्रकार की मिटटी को हवा और पानी आराम से खींचकर फैला देते हैं। लोएस पठार और इसकी यह धूली मिटटी शन्शी (Shanxi) और शान्शी (Shaanxi) प्रान्तों के पूरे भोभाग पर और गांसू, निंगशिया और भीतरी मंगोलिया के कुछ भागों पर विस्तृत है। इस पठार की लोएस मिटटी बहुत उपजाऊ है और इसपर हज़ारों सालों से कृषि चलती आ रही है, लेकिन इस मिटटी की आसानी से हिल जाने की प्रकृति के कारण यहाँ आंधी और पानी से अकसर खेतों की ज़मीन खाई जाती है, जिस से किसानों को परेशानी रहती है।, Lydia Mihelic Pulsipher, Alex Pulsipher, Conrad M. Goodwin, Macmillan, 2007, ISBN 978-0-7167-7792-2,...

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शानदोंग

शानदोंग (山东, Shandong) जनवादी गणराज्य चीन के पूर्वी तट पर स्थित एक प्रांत है। इस प्रान्त ने चीन के इतिहास में एक अहम केन्द्रीय भूमिका निभाई है। चीनी सभ्यता यहीं पीली नदी के अंतिम भाग में जन्मी थी। यह चीन में ताओ धर्म, बौद्ध धर्म और कुन्फ़्यूशियसी धर्म के लिए एक अति-महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक भूमि रही है। शानदोंग का ताई पर्वत ताओ धर्म के सबसे पवित्र तीर्थों में से एक है और यहाँ ३,००० से पूजा चलती आ रही है। प्रान्त की राजधानी जीनान से दक्षिण में चीन के सबसे पुराने बौद्ध स्थल हैं। चूफ़ू शहर कनफ़्यूशियस का जन्मस्थान है। उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम जाने वाले बहुत से मार्गों पर स्थित होने से शानदोंग आर्थिक नज़रिए से हमेशा केन्द्रीय रहा है। १९वीं सदी में शुरू हुई राजनैतिक अस्थिरता और आर्थिक मुश्किलों के बाद वर्तमान में शानदोंग प्रान्त चीन के सबसे विकसित और बड़ी आबादी वाले प्रान्तों में से एक है।, David Leffman, Martin Zatko, Penguin, 2011, ISBN 978-1-4053-8908-2 .

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शान्शी

चीन के नक़्शे में शान्शी प्रान्त (लाल रंग) (चीनी: 陕西; अंग्रेज़ी: Shaanxi) जनवादी गणराज्य चीन के केन्द्रीय भाग में स्थित एक प्रांत हैं। यह पीली नदी (ह्वांग हो) के मध्य भाग में आने वाले लोएस पठार और चिनलिंग पहाड़ों पर विस्तृत है। शान्शी की राजधानी शिआन शहर है।, David Leffman, Martin Zatko, Penguin, 2011, ISBN 978-1-4053-8908-2 शान्शी प्रान्त का क्षेत्रफल २,०५,८०० वर्ग किमी है। सन् २०१० की जनगणना में शान्शी की प्रांतीय आबादी ३,७३,२७,३७८ थी। .

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शांग राजवंश

चीन के शांग राजवंश का इलाक़ा (पीला रंग) शांग काल में हड्डियों पर खरोंची गई चीनी चित्रलिपि - इनसे भविष्यवानियाँ की जाती थीं शांग राजवंश (चीनी: 商朝, शांग चाओ; पिनयिन अंग्रेज़ीकरण: Shang dynasty) प्राचीन चीन में लगभग १६०० ईसापूर्व से १०४६ ईसापूर्व तक राज करने वाला एक राजवंश था, जिनका राज्य ह्वांगहो (पीली नदी) की वादी में स्थित था। चीनी स्रोतों के अनुसार यह राजवंश शिया राजवंश के राजकाल के बाद आया और शांग राजवंश के बाद चीन में झोऊ राजवंश सत्ता में आया। चीन के हेनान प्रांत के सुदूर उत्तरी इलाक़े में स्थित यिनशु पुरातत्व स्थल को शांग राजधानी का स्थान माना जाता है। यहाँ ग्याराह शाही मक़बरे मिले हैं और महलों-मंदिरों के खँडहर भी मिले हैं। इनसे हथियार और जानवरों और मानवों की बलि देने के स्थल भी देखे गए हैं। इसके अलावा हज़ारों कांसे, हरिताश्म (जेड), पत्थर, हड्डी और चिकनी मिटटी की वस्तुएँ मिली हैं, जिनकी बारीक़ कारीगिरी को देखकर इस संस्कृति के काफ़ी विकसित होने का पता चलता है।, James P. Holoka, Jiu-Hwa Lo Upshur, West Pub.

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सुई राजवंश

सुई राजवंश (चीनी: 隋朝, सुई चाओ; अंग्रेज़ी: Sui Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था। यह केवल ५८९ ईसवी से ६१८ ईसवी (यानि २९ वर्ष) तक चला लेकिन इस समय में वह सशक्त रहा। सुई काल से पहले उत्तरी और दक्षिणी राजवंशों का काल था और उसके बाद तंग राजवंश सत्ता में आया। .

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हेनान

हेनान (河南, Henan) जनवादी गणराज्य चीन के केन्द्रीय भाग में स्थित एक प्रांत है। हान राजवंश के ज़माने में इस क्षेत्र में एक युझोऊ (豫州, Yuzhou) नामक राज्य हुआ करता था इसलिए चीनी भावचित्रों में हेनान प्रांत को संक्षिप्त रूप में '豫' (उच्चारण: यु) लिखते हैं। 'हेनान' नाम दो शब्दों को जोड़कर बना है: 'हे' यानि 'नदी' और 'नान' यानि 'दक्षिण'। हेनान पीली नदी (ह्वांग हे) के दक्षिण में है, इसलिए इसका नाम यह पड़ा। हेनान को चीनी सभ्यता की जन्मभूमि माना जाता है क्योंकि चीन का एक अति-प्राचीन राजवंश, शांग राजवंश, यहीं केन्द्रित था।, Long River Press, 2008, ISBN 978-1-59265-060-6,...

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हेबेई

चीन में हेबेई प्रांत (लाल रंग में) हेबेई (河北, Hebei) जनवादी गणराज्य चीन के उत्तरी भाग में स्थित एक प्रांत है। हेबेई का अर्थ 'नदी से उत्तर' होता है, जो इस प्रांत की पीली नदी (ह्वांग हो) से उत्तर की स्थिति पर पड़ा है। हान राजवंश के ज़माने में यहाँ जी प्रांत होता था जिस वजह से हेबेई को चीनी भावचित्रों में संक्षिप्त रूप से '冀' (जी) लिखा जाता है।, Gregory Veeck, Clifton W. Pannell, Christopher J. Smith, Youqin Huang, Rowman & Littlefield, 2011, ISBN 978-0-7425-6783-2 हेबेई का क्षेत्रफल १,८७,७०० वर्ग किमी है, यानि भारत के कर्नाटक राज्य से ज़रा कम। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ७,१८,५४,२०२ थी, यानि भारत के तमिल नाडू राज्य से ज़रा कम। हेबेई की राजधानी और सबसे बड़ा शहर शिजियाझुआंग है। .

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जल संसाधन

जल संसाधन पानी के वह स्रोत हैं जो मानव के लिए उपयोगी हों या जिनके उपयोग की संभावना हो। पानी के उपयोगों में शामिल हैं कृषि, औद्योगिक, घरेलू, मनोरंजन हेतु और पर्यावरणीय गतिविधियों में। वस्तुतः इन सभी मानवीय उपयोगों में से ज्यादातर में ताजे जल की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर पानी की कुल उपलब्ध मात्रा अथवा भण्डार को जलमण्डल कहते हैं। पृथ्वी के इस जलमण्डल का ९७.५% भाग समुद्रों में खारे जल के रूप में है और केवल २.५% ही मीठा पानी है, उसका भी दो तिहाई हिस्सा हिमनद और ध्रुवीय क्षेत्रों में हिम चादरों और हिम टोपियों के रूप में जमा है। शेष पिघला हुआ मीठा पानी मुख्यतः जल के रूप में पाया जाता है, जिस का केवल एक छोटा सा भाग भूमि के ऊपर धरातलीय जल के रूप में या हवा में वायुमण्डलीय जल के रूप में है। मीठा पानी एक नवीकरणीय संसाधन है क्योंकि जल चक्र में प्राकृतिक रूप से इसका शुद्धीकरण होता रहता है, फिर भी विश्व के स्वच्छ पानी की पर्याप्तता लगातार गिर रही है दुनिया के कई हिस्सों में पानी की मांग पहले से ही आपूर्ति से अधिक है और जैसे-जैसे विश्व में जनसंख्या में अभूतपूर्व दर से वृद्धि हो रही हैं, निकट भविष्य मैं इस असंतुलन का अनुभव बढ़ने की उम्मीद है। पानी के प्रयोक्ताओं के लिए जल संसाधनों के आवंटन के लिए फ्रेमवर्क (जहाँ इस तरह की एक फ्रेमवर्क मौजूद है) जल अधिकार के रूप में जाना जाता है। आज जल संसाधन की कमी, इसके अवनयन और इससे संबंधित तनाव और संघर्ष विश्वराजनीति और राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। जल विवाद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण विषय बन चुके हैं। .

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जलसम्भर

जलसंभर का उदहारण - लाल रंग की लकीर जलविभाजक क्षेत्र को दर्शा रही है जलसंभर या द्रोणी उस भौगोलिक क्षेत्र को कहते हैं जहाँ वर्षा अथवा पिघलती बर्फ़ का पानी नदियों, नेहरों और नालों से बह कर एक ही स्थान पर एकत्रित हो जाता है। उस स्थान से या तो एक ही बड़ी नदी में पानी जलसंभर क्षेत्र से निकास कर के आगे बह जाता है, या फिर किसी सरोवर, सागर, महासागर या दलदली इलाक़े में जा के मिल जाता है। इस सन्दर्भ में कभी-कभी जलविभाजक शब्द का भी प्रयोग होता है क्योंकि भिन्न-भिन्न जलसंभर किसी भी विस्तृत क्षेत्र को अलग-अलग जल मंडलों में विभाजित करते हैं। जलसंभर खुले या बंद हो सकते हैं। बंद जलसंभारों में पानी किसी सरोवर या सूखे सरोवर में जा कर रुक जाता है। जो बंद जलसंभर शुष्क स्थानों पर होते हैं उनमें अक्सर जल आ कर गर्मी से भाप बनकर हवा में वाष्पित (इवैपोरेट) हो जाता है या उसे धरती सोख लेती है। पड़ौसी जलसंभर अक्सर पहाड़ों, पर्वतों या धरती की भिन्न ढलानों के कारण एक-दुसरे से विभाजित होते हैं। भौगोलिक दृष्टि से जलसंभर एक कीप (यानि फनल) का काम करते हैं क्योंकि वे एक विस्तृत क्षेत्र के पानी को इक्कठा कर के एक ही नदी, जलाशय, दलदल या धरती के भीतर पानी सोखने वाले स्थान पर ले जाते हैं। .

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जलोढ़क

जलोढ़: नदी जल द्वारा अपने मार्ग में जमा की गई मिट्टी जलोढ़क, अथवा अलूवियम उस मृदा को कहा जाता है, जो बहते हुए जल द्वारा बहाकर लाया तथा कहीं अन्यत्र जमा किया गया हो। यह भुरभुरा अथवा ढीला होता है अर्थात् इसके कण आपस में सख्ती से बंधकर कोई 'ठोस' शैल नहीं बनाते। जलोढ़क से भरी मिट्टी को जलोढ़ मृदा या जलोढ़ मिट्टी कहा जाता है। जलोढ़ मिट्टी प्रायः विभिन्न प्रकार के पदार्थों से मिलकर बनी होती है जिसमें गाद (सिल्ट) तथा मृत्तिका के महीन कण तथा बालू तथा बजरी के अपेक्षाकृत बड़े कण भी होते हैं। .

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जीनान

जीनान के नज़ारे जीनान (चीनी: 济南, अंग्रेज़ी: Jinan) जनवादी गणराज्य चीन के पूर्वी भाग में स्थित शानदोंग प्रांत की राजधानी है। इस क्षेत्र की चीनी सभ्यता के शुरुआत से ही एक अहम भूमिका रही है और अब जीनान एक बड़ा प्रशासनिक, आर्थिक और यातायात केंद्र है। २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ६८,१४,००० थी जिसमें से ३२,४५,००० शहरी नागरिक और बाक़ी ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी थे। चीन की प्रशासन प्रणाली में इस शहर को "उप-प्रांतीय नगर' का दर्जा हासिल है। .

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विश्व की नदियां

विश्व के नदियों की सूची महाद्वीप के आधार पर इस प्रकार हैं -.

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वेई नदी (चीन)

वेई नदी का जलसम्भर क्षेत्र पश्चिमी झोऊ राजवंश (१०५०-७७१ ईपू) के ज़माने में चीनी आबादियाँ - इसमें वेई के किनारे लोगों के बसेरे साफ़ दिखते हैं वेई नदी या वेई हो (渭河, वेई हो; We River) चीन के गांसू और शान्शी प्रान्तों में बहने वाली ८१८ की लम्बी एक नदी है जो प्रसिद्ध पीली नदी (ह्वांग हो) की सबे बड़ी उपनदी भी है। वेई नदी का स्रोत गांसू प्रांत के वेईयुआन ज़िले (Weiyuan) में है - दरसल चीनी भाषा में 'वेई युआन' का मतलब ही 'वेई का स्रोत' है। वेई नदी का कुल जलसम्भर क्षेत्रफल १,३५,००० वर्ग किमी है। इसकी मुख्य उपनदियाँ लुओ नदी, जिंग नदी और चिशुई नदी हैं।, Tetsuya Kusuda, World Scientific, 2010, ISBN 978-981-4280-95-2,...

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ओब नदी

ओब-इरतिश नदियों का जलसम्भर क्षेत्र रूस के बारनाउल शहर के पास ओब नदी ओब नदी या ओबी नदी (रूसी: Обь, अंग्रेज़ी: Ob) उत्तरी एशिया के पश्चिमी साइबेरिया क्षेत्र की एक नदी है और दुनिया की सातवी सबसे लम्बी नदी है। येनिसेय नदी और लेना नदी के साथ यह आर्कटिक सागर में बहने वाली तीसरी महान साइबेरियाई नदी मानी जाती है। ओब की खाड़ी दुनिया की सबसे लम्बी एस्चुएरी मानी जाती है (वह क्षेत्र जहाँ नदी डेल्टा बनाने की बजाए समुद्री ज्वारभाटा के कारण सीधे समुद्र में विलय हो)। .

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अम्दो

अम्दो (तिब्बती: ཨ༌མདོ, अंग्रेज़ी: Amdo) तिब्बत के तीन पारम्परिक प्रान्तों में से एक है, जिन्हे तिब्बती भाषा में तिब्बत के तीन 'चोलका' कहा जाता है। अन्य दो प्रान्त खम और इउ-त्संग हैं।, Ashild Kolas, Monika P Thowsen, pp.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

पीला रंग नदि, पीली नदी, ह्वांग नदी, ह्वांग हो, ह्वांग-हो, ह्वांगहा, ह्वांगहे

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