लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

हिमाचल प्रदेश

सूची हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश (अंग्रेज़ी: Himachal Pradesh, उच्चारण) उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। यह 21,629 मील² (56019 किमी²) से अधिक क्षेत्र में फ़ैला है तथा उत्तर में जम्मू कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में पंजाब (भारत), दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा हुआ है। हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ "बर्फ़ीले पहाड़ों का प्रांत" है। हिमाचल प्रदेश को "देव भूमि" भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है। आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, यह ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार के हाथ में आ गया। सन 1857 तक यह महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य (पंजाब हिल्स के सीबा राज्य को छोड़कर) का हिस्सा था। सन 1950 मे इसे केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया, लेकिन 1971 मे इसे, हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971 के अन्तर्गत इसे 25 january 1971 को भारत का अठारहवाँ राज्य बनाया गया। हिमाचल प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय भारत के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में अधिक है । बारहमासी नदियों की बहुतायत के कारण, हिमाचल अन्य राज्यों को पनबिजली बेचता है जिनमे प्रमुख हैं दिल्ली, पंजाब (भारत) और राजस्थान। राज्य की अर्थव्यवस्था तीन प्रमुख कारकों पर निर्भर करती है जो हैं, पनबिजली, पर्यटन और कृषि। हिंदु राज्य की जनसंख्या का 95% हैं और प्रमुख समुदायों मे ब्राह्मण, राजपूत, घिर्थ (चौधरी), गद्दी, कन्नेत, राठी और कोली शामिल हैं। ट्रान्सपरेन्सी इंटरनैशनल के 2005 के सर्वेक्षण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश देश में केरल के बाद दूसरी सबसे कम भ्रष्ट राज्य है। .

461 संबंधों: चण्डीगढ़, चनाब नदी, चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी', चमुर्थी घोड़ा, चम्पा बेन, चम्बा, चमोली-गोपेश्वर, चामुंडा देवी मंदिर, चार्ली चौहान, चितकारा विश्वविद्यालय, चिपको आन्दोलन, चिरौंजी, चिंतपूर्णी, चंद्रताल, चंबा, चंबा जिला, चौदहवीं लोकसभा, चौपाल, हिमाचल प्रदेश, चैडविक जलप्रपात, चीर, टिस्का चोपड़ा, टीवी स्वामित्व के आधार पर भारत के राज्य, टीकाकरण कवरेज के आधार पर भारत के राज्य, एच॰आई॰वी जागरुकता के आधार पर भारत के राज्य, एनएचपीसी लिमिटेड, झैंता, ठाकुर रामसिंह, ठियोग, ठकुरी, डफ, डलहौजी, डांगी, डाक सूचक संख्या, डंडानाच, डेरा गोपीपुर, डेराबस्सी, तत्तापानी, कश्मीर, ताबो, तिब्बताई भाषाएँ, तिब्बती साम्राज्य, थाती, थानाधार, थाली (नृत्य), द ट्रिब्यून (चंडीगढ़), द ग्रेट खली, दशहरा, दारचा, दार्दी भाषाएँ, द्रुतमार्ग (भारत), दैनिक भास्कर, ..., देवदार, देवसिद्ध मंदिर, दोनडुप वांग्मेय, धनसिंह थापा, धमान, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश, धौलाधार, नाथपा झाकड़ी जलविद्युत परियोजना, नाम की व्युत्पत्ति के आधार पर भारत के राज्य, निर्धनता दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, नगरकोट (बहुविकल्पी), न्गारी विभाग, नैना देवी मंदिर, नैनीताल, नैना देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश, नैना लाल किदवई, नूरपुर, नेपाल, पदम, पद्म श्री पुरस्कार (१९७०-७९), पद्म श्री पुरस्कार (१९९०–१९९९), पद्म श्री पुरस्कार (२०००–२००९), पद्म विभूषण धारकों की सूची, पद्मश्री पुरस्कार (२०१०–२०१९), पराशर झील, परिवार के आकार के आधार पर भारत के राज्य, पलानी जलप्रपात, पश्चिम हिमालयी चौड़ी पत्ती वन, पश्चिम हिमालयी उपअल्पाइन शंकुधर वन, पालमपुर, पाओंटा साहिब, पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान, पंडोह झील, पंजाब (भारत), पंजाब प्रांत (ब्रिटिश भारत), पंजाब का इतिहास, पंजाबी सूबा आन्दोलन, पुस्तक:भारत, प्रताप सिंह कैरों, प्रतापगढ़ जिला, प्रभा साक्षी, प्रस्तर मूर्तिकला, प्रिया राजवंश, प्रजनन दर के आधार पर भारत के राज्य, प्रेम कुमार धूमल, प्रीति ज़िंटा, पृथ्वी नारायण शाह, पेयजल उपलब्धता के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, पीर पंजाल पर्वतमाला, बद्दी, बाणासुर, बाथू की लड़ी, बादल फटना, बाबा फकीर चंद, बाबा बालकनाथ, बाबा कांशीराम, बाल पोषाहार के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, बाहुन, बिपिन चन्द्र, बिलासपुर, बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश), बिष्ट, बजरंग बहादुर सिंह, बंगाणा, बंगाल प्रेसीडेंसी, बुरांस, बुंदला जलप्रपात, ब्यास नदी, ब्रिटिश राज, ब्रिटिशकालीन भारत के रियासतों की सूची, ब्रज कुमार नेहरू, बैसाखी, बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश), बैजनाथ मंदिर, बेरोज़गारी की दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, भारत, भारत में पर्यटन, भारत में महिलाएँ, भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की राजमार्ग संख्या अनुसार सूची, भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (राजमार्ग संख्यानुसार), भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची, भारत में संचार, भारत में हिन्दू धर्म, भारत में विमानक्षेत्रों की सूची, भारत में विश्वविद्यालयों की सूची, भारत में आए भूकम्पों की सूची, भारत में इस्लाम, भारत का भूगोल, भारत के निजी विश्वविद्यालयों की सूची, भारत के प्रथम, भारत के प्रशासनिक विभाग, भारत के बायोस्फीयर रिजर्व, भारत के राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की सूची, भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार, भारत के राष्ट्रीय उद्यान, भारत के राजनीतिक दलों की सूची, भारत के राज्य (सकल घरेलू उत्पाद के अनुसार), भारत के राज्य (कर राजस्व के अनुसार), भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश, भारत के राज्य और संघ क्षेत्र और उनके दो वर्ण वाले कोड, भारत के राज्यकीय पुष्पों की सूची, भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की राजधानियाँ, भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की स्थापना तिथि अनुसार सूची, भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची जनसंख्या अनुसार, भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, भारत के हिमनदों की सूची, भारत के हवाई अड्डे, भारत के जल प्रपात, भारत के ज़िले, भारत के विश्व धरोहर स्थल, भारत के अभयारण्य, भारत के उच्च न्यायालयों की सूची, भारत २०१०, भारतमाला परियोजना, भारती एयरटेल, भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी, भारतीय थलसेना, भारतीय नाम, भारतीय नेपाली, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय प्रबन्धन संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मण्डी, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, भारतीय राज्य पशुओं की सूची, भारतीय राज्य पक्षियों की सूची, भारतीय राज्यों के राज्यपालों की सूची, भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूची, भारतीय सिनेमा, भारतीय संविधान सभा, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्रियों की सूची, भारतीय वस्त्र, भारतीय वाहन पंजीकरण पट्ट, भारतीय विधायिकाओं के वर्तमान अध्यक्षों की सूची, भारतीय आम चुनाव, 2014, भारतीय आम चुनाव, 2014 के लिए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण, भारतीय आम चुनाव, २००९, भारतीय क्रिकेट टीम, भाषा-परिवार, भुंतर, मणिकर्ण, मनाली लेह राजमार्ग, मनाली के पर्यटन स्थल, मनाली, हिमाचल प्रदेश, मसूरी, महाथू, महाराणा प्रताप सागर, महाराणा प्रताप अन्तर्राज्यीय बस अड्डा, दिल्ली, महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय, महासू उपत्यका, महिला सुरक्षा के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, माचिस (1996 फ़िल्म), मानव तस्करी की घटनाओं के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूची, मानव भारती विश्वविद्यालय, मजाथल हासरंग वन्यजीव विहार, मंडियाली, मंडी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, मंडी जिला, मकर संक्रान्ति, मक्का (अनाज), मछरियल जलप्रपात, मैक्लॉडगंज, मेघवाल, मोहित चौहान, मीडिया की पहुँच के आधार पर भारत के राज्य, यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, यशवंत सिंह परमार, यॉक स्कीइंग, रस्किन बॉण्ड, राम स्वरूप शर्मा, रामभद्राचार्य, राष्ट्रपति निवास, राष्ट्रीय राजमार्ग १, राष्ट्रीय राजमार्ग १ए, राष्ट्रीय राजमार्ग २०, राष्ट्रीय राजमार्ग २१, राष्ट्रीय राजमार्ग २१ए, राष्ट्रीय राजमार्ग २२, राहला जलप्रपात, राजभवन (हिमाचल प्रदेश), राजमा, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम, राजिंदर सिंह राणा, राजकीय महाविद्यालय, संजौली, राज्य पुनर्गठन आयोग, राजीव सैज़ल, रावी नदी, राइफलमैन संजय कुमार, रिवालसर, रघुराज प्रताप सिंह, रुद्रावतार, रूपनगर, रेणुका झील, रेबा सोम, रोहतांग दर्रा, लडभड़ोल, लाहौल और स्पीति जिला, लिंगानुपात के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, लंबी चोंच का गिद्ध, लोक सभा, लोकसभा सीटों के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूची, लीला सेठ, शारदा लिपि, शाहतलाई, शांता कुमार, शिपकी ला, शिमला, शिमला नगर निगम, शिमला लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, शिमला जिला, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, शिवालिक, शिवालिक जीवाश्म उद्यान, शिंगो ला, शक्ति पीठ, शीला कौल, सतलुज नदी, सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड, सत्यपाल जैन, सन्नी लियोन, सप्तर्षि संवत, सय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी, सरचु, सराहन बुशहर, साधारण राज़क, सांगला, साक्षरता दर के आधार पर भारत के राज्य, सिद्धार्थ (कलाकार), सिन्धु नदी, सिरमौर जिला, सिस्सु जलप्रपात, सिंधु जल समझौता, संधोल, संस्थागत प्रसव के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, सुमी लोग, सुरज भान, सुषमा वर्मा, सुजानपुर टीहरा, सुंदरनगर, सुकेत रियासत, स्थापित ऊर्जा उत्पादन क्षमता के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र, स्पीति घाटी, स्मृति ईरानी, स्वराज कौशल, सैनी, सैयद मुजफ्फर हुसैन बर्नी, सेब, सोमनाथ शर्मा, सोलन, सोलन जिला, सोवा रिग्पा, सीआईडी (धारावाहिक), हमीरपुर (उत्तर प्रदेश) लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, हमीरपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, हमीरपुर जिला, हिमाचल प्रदेश, हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश, हरित क्रांति (भारत), हरियाणा, हरियाणा का केंद्रीय विश्वविद्यालय, हाल की घटनाएँ दिसंबर २००७, हिन्दी, हिन्दी भाषियों की संख्या के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, हिन्दी भाषीय विद्यालय, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2012, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2017, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, २००७, हिमाचल प्रदेश का भूगोल, हिमाचल प्रदेश का संगीत, हिमाचल प्रदेश का इतिहास, हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, हिमाचल प्रदेश की कला, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय, हिमाचली धाम, हिमालय का रामचकोर, हिमालयन एक्स्प्रेसवे, हिमालयी नमक, हिमालयी मोनाल, हिमालयी उपोष्णकटिबन्धीय पाइन वन, हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य, जटोली शिव मंदिर, जद्दा, जनसंख्या के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र, जम्मू, जयराम ठाकुर, जयसिंहपुर, ज़ंस्कार, जुब्बल उपत्यका, ज्वालामुखी मंदिर, जेपी सूचना तकनीक विश्वविद्यालय, जोरावर सिंह कहलुरिया, जीवन प्रत्याशा के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, घरों मे बिजली उपलब्धता के आधार पर भारत के राज्य, घग्गर-हकरा नदी, वरुण ग्रोवर (लेखक), वाहनों के घनत्व के आधार पर भारत के राज्य, विष्णु सदाशिव कोकजे, विष्णु सहाय, विष्णुकान्त शास्त्री, विकासनगर, विक्रम बत्रा, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, वीरभद्र सिंह, वीरेंद्र कश्यप, खत्री, ख़ुबानी, खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग, खोखन वन्यजीव विहार, गढ़वाली लोग, गिरि गंगा, गिरीगंगा उपत्यका, गग्गल विमानक्षेत्र, गुर्र, गुर्जर, गुगे, ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान, गृह स्वामित्व के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, गोपाल बाबू गोस्वामी, गोबिंद सागर, गोम्पा, गोरक्षकों द्वारा हिंसा, गोजरी भाषा, गोविन्द सागर, ऑपरेशन राहत, ऑल इज़ वैल (फ़िल्म), आचार्य देवव्रत, आदमपुर, आनंद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन, आर्थिक मुक्ति के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, आलूबालू, आगरा प्रेसीडेंसी, आंचलिक परिषद, आइएसओ 3166-2:आइएन, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एडवांस्ड स्टडी, इक्का सिंह, कटवार (हिमाचल प्रदेश), कपल मोचन, कमलानाथ, कर राजस्व के आधार पर भारत के राज्य, करछम वांगतू परियोजना, कल्याण सिंह, कश्मीर हिमालय, कश्मीरी हंगुल, कसौली, काँगड़ा, काँगड़ा जिला, काँगड़ी, कामेल्या सीनेन्सीस्, कालिज, कांगड़ा दुर्ग, कांगड़ा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, कांगड़ी भाषा, किन्नौर जिला, किन्नौरी भाषा, किन्‍नर कैलाश, किब्बर ग्राम, किशोरीदास वाजपेयी, किंकरी देवी, कंचन चौधरी भट्टाचार्या, कंडाघाट, कंगना राणावत, कुफरी, कुमाऊँ हिमालय, कुमाऊँनी भाषा, कुल्लू, कुल्लू जिला, कुल्लू-मनाली विमानक्षेत्र, कुंजम दर्रा, क्षेत्रफल के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र, क्षेत्री, कूंरा, केलांग, कोटखाई, कोलडैम परियोजना, कोली, कोकलास, अतुल्य भारत, अनुपम खेर, अनुराग ठाकुर, अपराध दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, अभिलाषा कुमारी, अर्थव्यवस्था के आकार के आधार पर भारत के राज्य, अरोड़ा, अल्पभार जनसंख्या के आधार पर भारत के राज्य, अस्मिता सूद, अजय सिंह यादव, अगस्त २०१०, उच्चतम बिन्दु के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र, उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची, उत्तर भारत, उत्तर भारत बाढ़ २०१३, उत्तर-पश्चिमी प्रान्त, उत्तराखण्ड, उत्तराखण्ड परिवहन निगम, उत्तराखण्ड का भूगोल, उत्तराखण्ड/आलेख, उत्तरकाशी जिला, उत्तरी आंचलिक परिषद, उना, उना जिला, उर्मिला सिंह, ऋषि धवन, छपेली, छारबा, छितकुल, १५वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची, १६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची, १९ मई, २०१०, 1 गोरखा राइफल्स, 2008 नैना देवी भगदड़ सूचकांक विस्तार (411 अधिक) »

चण्डीगढ़

चण्डीगढ़, (पंजाबी: ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ), भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है, जो दो भारतीय राज्यों, पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है। इसके नाम का अर्थ है चण्डी का किला। यह हिन्दू देवी दुर्गा के एक रूप चण्डिका या चण्डी के एक मंदिर के कारण पड़ा है। यह मंदिर आज भी शहर में स्थित है। इसे सिटी ब्यूटीफुल भी कहा जाता है। चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र में मोहाली, पंचकुला और ज़ीरकपुर आते हैं, जिनकी २००१ की जनगणना के अनुसार जनसंख्या ११६५१११ (१ करोड़ १६ लाख) है। भारत की लोकसभा में प्रतिनिधित्व हेतु चण्डीगढ़ के लिए एक सीट आवण्टित है। वर्तमान सोलहवीं लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी की श्रीमति किरण खेर यहाँ से साँसद हैं। इस शहर का नामकरण दुर्गा के एक रूप ‘चंडिका’ के कारण हुआ है और चंडी का मंदिर आज भी इस शहर की धार्मिक पहचान है। नवोदय टाइम्स इस शहर के निर्माण में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की भी निजी रुचि रही है, जिन्होंने नए राष्ट्र के आधुनिक प्रगतिशील दृष्टिकोण के रूप में चंडीगढ़ को देखते हुए इसे राष्ट्र के भविष्य में विश्वास का प्रतीक बताया था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शहरी योजनाबद्धता और वास्तु-स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध यह शहर आधुनिक भारत का प्रथम योजनाबद्ध शहर है।, चंडीगढ़ के मुख्य वास्तुकार फ्रांसीसी वास्तुकार ली कार्बूजियर हैं, लेकिन शहर में पियरे जिएन्नरेट, मैथ्यु नोविकी एवं अल्बर्ट मेयर के बहुत से अद्भुत वास्तु नमूने देखे जा सकते हैं। शहर का भारत के समृद्ध राज्यों और संघ शसित प्रदेशों की सूची में अग्रणी नाम आता है, जिसकी प्रति व्यक्ति आय ९९,२६२ रु (वर्तमान मूल्य अनुसार) एवं स्थिर मूल्य अनुसार ७०,३६१ (२००६-०७) रु है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चण्डीगढ़ · और देखें »

चनाब नदी

चिनाब नदी या चंद्रभागा नदी भारत के हिमाचल प्रदेश के लाहौल एवं स्पीति जिला में दो नदियों चंद्र नदी एवं भागा नदी के संगम से बनी है। यह आगे जम्मू व कश्मीर से होते हुए पाकिस्तान में सिंधु नदी से जाकर मिलती है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चनाब नदी · और देखें »

चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी'

चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' (१८८३ - १२ सितम्बर १९२२) हिन्दी के कथाकार, व्यंगकार तथा निबन्धकार थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' · और देखें »

चमुर्थी घोड़ा

चमुर्थी घोड़ा, हिमाचल प्रदेश में पाई जाने वाली घोड़े की एक प्रजाति है। इसे 'पहाड़ों का ऊँट' कहा जाता है। चमुर्थी घोड़े स्पीति की पीन वैली में अधिक पाये जाते हैं। इन घोड़ों की विशेष बात यह है कि ये घोड़े यहां की भौगोलिक स्थिति में ढले होते हैं। साथ ही इन घोड़ों की एक महत्त्वपूर्ण बात यह होती है कि ये बर्फ में उसी तरह चलते हैं, जिस तरह रेगिस्तान में ऊंट चलते हैं। यही कारण है कि इन चमुर्थी घोड़ों की मांग दिन व दिन बढ़ती जा रही है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चमुर्थी घोड़ा · और देखें »

चम्पा बेन

चम्पा बेन (9 अप्रैल 1935 -- 21 जनवरी 2011) भारत की एक समाज सेविका एवं सामाजिक कार्यकर्ता थीं। उन्होने ने बेड़िया समुदाय की महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किया। इसके लिए उन्हें 2002-03 में राज्य के इंदिरा गांधी समाज सेवा पुरस्कार सहित अन्य कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चम्पा बेन · और देखें »

चम्बा

चम्बा, हिमाचल प्रदेश का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:लोक नृत्य श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के लोक नृत्य.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चम्बा · और देखें »

चमोली-गोपेश्वर

चमोली गोपेश्वर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत गढ़वाल मण्डल का एक प्रमुख नगर है। यह चमोली जनपद का मुख्यालय है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चमोली-गोपेश्वर · और देखें »

चामुंडा देवी मंदिर

श्री '''चामुंडा देवी मंदिर''', कांगडा, हिमाचल प्रदेश हिमाचल प्रदेश को देव भूमि भी कहा जाता है। इसे देवताओं के घर के रूप में भी जाना जाता है। पूरे हिमाचल प्रदेश में 2000 से भी ज्यादा मंदिर है और इनमें से ज्यादातर प्रमुख आकर्षक का केन्द्र बने हुए हैं। इन मंदिरो में से एक प्रमुख मंदिर चामुण्डा देवी का मंदिर है जो कि जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित है। चामुण्डा देवी मंदिर शक्ति के 51 शक्ति पीठो में से एक है। यहां पर आकर श्रद्धालु अपने भावना के पुष्प मां चामुण्डा देवी के चरणों में अर्पित करते हैं। मान्यता है कि यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूर्ण होती है। देश के कोने-कोने से भक्त यहां पर आकर माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। चामुण्डा देवी का मंदिर समुद्र तल से 1000 मी.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चामुंडा देवी मंदिर · और देखें »

चार्ली चौहान

चार्ली चौहान एक भारतीय टेलीविज़न अभिनेत्री हैं। चार्ली को सबसे ज्यादा जाना जाता हैं, "एला" के रोल (बेस्ट फ्रेंड्स फॉरएवर) के लिए। चार्ली ने अपने करियर की शुरुआत एम टीवी के शो, रोडीस 7 से की थी। चौहान ने बेस्ट फ्रेंड्स फॉरएवर में मुख्य भूमिका निभाई थी, श्रीतमा मुख़र्जी के साथ। उन्होंने रियलिटी डांस शो "नच बलिये 5" में भी देखा गया था। उन्हें "ये हैं आशिकी" के पहले एपिसोड में भी देखा गया था, एक साइड रोल में। उन्होंने एम टीवी शो "कैसी ये यारिया" में "मुक्ति" के किरदार में भी देखा गया था। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चार्ली चौहान · और देखें »

चितकारा विश्वविद्यालय

चितकारा विश्वविद्यालय बरोटीवाला, हिमाचल प्रदेश, भारत में स्थित एक निजि विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम मुख्यत: इंजीनियरिंग तथा व्यवसाय प्रबंधन अध्ययन में स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर का है। श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के विश्वविद्यालय श्रेणी:निजी विश्वविद्यालय.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चितकारा विश्वविद्यालय · और देखें »

चिपको आन्दोलन

पेड को काटने से बचाने के लिये उससे चिपकी ग्रामीण महिलाएँ चिपको आन्दोलन एक पर्यावरण-रक्षा का आन्दोलन है। यह भारत के उत्तराखण्ड राज्य (तब उत्तर प्रदेश का भाग) में किसानो ने वृक्षों की कटाई का विरोध करने के लिए किया था। वे राज्य के वन विभाग के ठेकेदारों द्वारा वनों की कटाई का विरोध कर रहे थे और उन पर अपना परम्परागत अधिकार जता रहे थे। यह आन्दोलन तत्कालीन उत्तर प्रदेश के चमोली जिले में सन १९७३ में प्रारम्भ हुआ। एक दशक के अन्दर यह पूरे उत्तराखण्ड क्षेत्र में फैल गया। चिपको आन्दोलन की एक मुख्य बात थी कि इसमें स्त्रियों ने भारी संख्या में भाग लिया था। इस आन्दोलन की शुरुवात १९७३ में भारत के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुन्दरलाल बहुगुणा, कामरेड गोविन्द सिंह रावत, चण्डीप्रसाद भट्ट तथा श्रीमती गौरादेवी के नेत्रत्व मे हुई थी। यह भी कहा जाता है कि कामरेड गोविन्द सिंह रावत ही चिपको आन्दोलन के व्यावहारिक पक्ष थे, जब चिपको की मार व्यापक प्रतिबंधों के रूप में स्वयं चिपको की जन्मस्थली की घाटी पर पड़ी तब कामरेड गोविन्द सिंह रावत ने झपटो-छीनो आन्दोलन को दिशा प्रदान की। चिपको आंदोलन वनों का अव्यावहारिक कटान रोकने और वनों पर आश्रित लोगों के वनाधिकारों की रक्षा का आंदोलन था रेणी में 24 सौ से अधिक पेड़ों को काटा जाना था, इसलिए इस पर वन विभाग और ठेकेदार जान लडाने को तैयार बैठे थे जिसे गौरा देवी जी के नेतृत्व में रेणी गांव की 27 महिलाओं ने प्राणों की बाजी लगाकर असफल कर दिया था। 'चिपको आन्दोलन' का घोषवाक्य है- सन १९८७ में इस आन्दोलन को सम्यक जीविका पुरस्कार (Right Livelihood Award) से सम्मानित किया गया था। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चिपको आन्दोलन · और देखें »

चिरौंजी

चिरौंजी चिरौंजी या चारोली पयार या पयाल नामक वृक्ष के फलों के बीज की गिरी है जो खाने में बहुत स्वादिष्ट होती है। इसका प्रयोग भारतीय पकवानों, मिठाइयों और खीर व सेंवई इत्यादि में किया जाता है। चारोली वर्षभर उपयोग में आने वाला पदार्थ है जिसे संवर्द्धक और पौष्टिक जानकर सूखे मेवों में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। चिरौंजी दो प्रकार की वस्तुओं को कहते हैं एक तो जो मंदिर में प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती है वह है चिरौंजी दाना। और दूसरी है वह मिलती है हमें एक वृक्ष के फलों की गुठली से। जो फलों की गुठली फोड़कर निकाली जाती है। जिसे बोलचाल की भाषा में पियाल, प्रियाल या फिर चारोली या चिरौंजी भी कहा जाता है। चारोली का वृक्ष अधिकतर सूखे पर्वतीय प्रदेशों में पाया जाता है। दक्षिण भारत, उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, छोटा नागपुर आदि स्थानों पर यह वृक्ष विशेष रूप से पैदा होता है। इस वृक्ष की लंबाई तकरीबन ५० से ६० फीट के आसपास की होती है। इस वृक्ष के फल से निकाली गई गुठली को मींगी कहते हैं। यह मधुर बल वीर्यवर्द्धक, हृदय के लिए उत्तम, स्निग्ध, विष्टंभी, वात पित्त शामक तथा आमवर्द्धक होती है। जिसका सेवन रूग्णावस्था और शारीरिक दुर्बलता में किया जाता है। चारोली का यह पका हुआ फल भारी होने के साथ-साथ मधुर, स्निग्ध, शीतवीर्य तथा दस्तावार और वात पित्त, जलन, प्यास और ज्वर का शमन करने वाला होता है। इस वृक्ष के फल की गुठली से निकली मींगी और छाल दोनों मानवीय उपयोगी होती है। चिरौंजी का उपयोग अधिकतर मिठाई में जैसे हलवा, लड्डू, खीर, पाक आदि में सूखे मेवों के रूप में किया जाता है। सौंदर्य प्रसाधनों में भी इसका उपयोग किया जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चिरौंजी · और देखें »

चिंतपूर्णी

चिंतपूर्णी धाम हिमाचल प्रदेश मे स्थित है। यह स्थान हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक स्थलो में से एक है। यह 51 शक्ति पीठो मे से एक है। यहां पर माता सती के चरण गिर थे। इस स्थान पर प्रकृति का सुंदर नजारा देखने को मिल जाता है। यात्रा मार्ग में काफी सारे मनमोहक दृश्य यात्रियो का मन मोह लेते हैं और उनपर एक अमिट छाप छोड़ देते हैं। यहां पर आकर माता के भक्तों को आध्यात्मिक आंनद की प्राप्ति होती है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चिंतपूर्णी · और देखें »

चंद्रताल

चंद्रताल, या चंद्र ताल, हिमालय पर लगभग की ऊंचाई पर स्थित एक झील है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। उत्तर भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में, लाहौल व स्पीति घाटियों की सीमा पर कुंजम पास के निकट स्थित चंद्र ताल से चंद्र नदी का उद्गम होता है जो आगे चलकर भागा नदी से मिलकर चंद्रभागा और जम्मू-कश्मीर में जाकर चेनाब कहलाने लगती है। कॉपेन जलवायु वर्गीकरण मानकों के अनुसार अतिशीत जलवायु वाला यह स्थान रामसर आर्द्रभूमि के रूप में वर्गीकृत है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चंद्रताल · और देखें »

चंबा

चंबा भारत के हिमाचल प्रदेश प्रान्त का एक नगर है। हिमाचल प्रदेश का चंबा अपने रमणीय मंदिरों और हैंडीक्राफ्ट के लिए सर्वविख्यात है। रवि नदी के किनारे 996 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चंबा पहाड़ी राजाओं की प्राचीन राजधानी थी। चंबा को राजा साहिल वर्मन ने 920 ई. में स्थापित किया था। इस नगर का नाम उन्होंने अपनी प्रिय पुत्री चंपावती के नाम पर रखा। चारों ओर से ऊंची पहाड़ियों से घिरे चंबा ने प्राचीन संस्कृति और विरासत को संजो कर रखा है। प्राचीन काल की अनेक निशानियां चंबा में देखी जा सकती हैं। जाब 'जाब', चंबा का अरबी नाम है। इसके जाफ, हाब, आब और गाँव नाम भी हैं। इसकी प्राचीन राजधानी ब्रह्मपुर (वयराटपट्टन) थी। हुएनत्सांग ने इसका वर्णन करते हुए लिखा है कि यह अलखनंदा और करनाली नदियों के बीच बसा है। कुछ काल बाद इस प्रदेश की राजधानी चंबा हो गई। १५ अप्रैल १९४८ में इसका विलयन भारत सरकार द्वारा शासित हिमाचल प्रदेश में हो गया। अरब लेखकों ने सामान्यत: चंबा के सूर्यवंशी राजपूत शासकों को 'जाब' की उपाधि के साथ लिखा है। हब्न रुस्ता का मत है कि यह शासन सालुकि वंश के थे परंतु राजवंश की उत्पत्ति के संबंध में विद्वानों में मतभेद है। ८४६ ई. में सर्वप्रथम हब्न खुर्रदद्बी ने 'जाब' का प्रयोग किया, पर ऐसा लगता है कि इस शब्द की उत्पत्ति अरब साहित्य में इससे पूर्व हो चुकी थी। इस प्रकार यह प्रामाणिक माना जाता है कि चंबा नगर ९ वीं शताब्दी के प्रथम दशक में विद्यमान था। इब्न रुस्ता ने लिखा है कि चंबा के शासक प्राय: गुर्जरों और प्रतिहारों से शत्रुता रखते थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चंबा · और देखें »

चंबा जिला

चंबा भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय चंबा है। उत्तरी भारत के मैदानी इलाकों से लोगों के लिए चम्बा जिले के डलहौजी और खज्जियार नगर लोकप्रिय हिल स्टेशन व छुट्टीयां विताने के स्थान हैं। उत्तर भारत में केवल चम्बा ही एक मात्र जिला है जिसका 500 ई से अच्छी तरह से प्रलेखित इतिहास संरक्षित है। इसकी उच्च पर्वत श्रृंखला ने इसे एक अच्छा आश्रय स्थान दिया है और इसके सदियों पुराने अवशेषों और कई शिलालेख को संरक्षण प्रदान करने में मदद की है। एक हजार वर्ष से अधिक पहले चंबा के राजाओं द्वारा बनवाए गए  मन्दिरों में अभी भी पूजा होती है और भूमि अनुदान कर्मों जोकि उस समय उनके द्वारा तांबे की प्लेट पर लिखी गई थी वर्तमान में भी कानून के तहत वैध हैं। इस क्षेत्र के प्रारंभिक इतिहास के बारे में, यह माना जाता है कि इस क्षेत्र में कुछ कोलियन (Koliyan) जनजातियों जो बाद खासों से वशीभूत थे, बसे हुए था। एक समय बाद खासों पर भी अयुदम्बरास (Audumbaras) (2 शताब्दी ई.पू.) का बोलबाला था। अयुदम्बरास में सरकार का रूप गणतन्त्र था और वह प्रमुख देवता के रूप में शिव की पूजा करते थे। गुप्त काल (4 शताब्दी ईस्वी) से चंबा क्षेत्र ठाकुरों और राणों के नियंत्रणाधीन था जो खुद को कोली और खासों की निम्न जनजातियों से बेहतर मानते थे। गुर्जर प्रतिहार (7 वीं शताब्दी ईस्वी) के उदय के साथ राजपूत राजवंश सत्ता में आए। हिमाचल के प्राचीन इतिहास के बारे में ज्यादा जानकारी प्राचीन महाकाव्यों महाभारत व रामायण और पुराण व वेद जैसे अन्य शास्त्रों में मिलती है। महाभारत में कुल्लूत (Kuluta) (कुल्लू), त्रिगर्त (Trigarta) (कांगड़ा), कुल्लिन्द (Kulind) (शिमला और सिरमौर हिल्स), युगान्धार (Yugandhar) (बिलासपुर और नालागढ़), गोवदिका (Gobdika) (चंबा) और अयुदम्बर (Audumbar) (पठानकोट) के जनपदों (एक राज्य के कुछ प्रकार) का उल्लेख है। ऋग्वेद में जो नदियाँ हिमाचल में प्रवाहित होती हैं का उल्लेख है। लेख राजा दिवोदास व उसके व्यास व यमुना के मध्य क्षेत्र में उसके 99 दृढ़ किलों से पहले दैत्य शाम्वरा के वारे में उल्लेख करते हैं जोकि इन पहाडी क्षेत्र का शक्तिशाली राजा राजा था।  क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चंबा जिला · और देखें »

चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चौदहवीं लोकसभा · और देखें »

चौपाल, हिमाचल प्रदेश

चौपाल भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश में स्थित शिमला जिले का एक नगर एवं नगर पंचायत है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चौपाल, हिमाचल प्रदेश · और देखें »

चैडविक जलप्रपात

चैडविक जलप्रपात हिमाचल प्रदेश में स्थित एक जलप्रपात है। श्रेणी:भारत के जल प्रपात श्रेणी:हिमाचल प्रदेश.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चैडविक जलप्रपात · और देखें »

चीर

चीर (Cheer pheasant) (Catreus wallichii) एक मयूरवंशी पक्षी है जो कि पाक अधिकृत कश्मीर, भारत तथा नेपाल में पाया जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और चीर · और देखें »

टिस्का चोपड़ा

टिस्का चोपड़ा (अंग्रेजी:Tisca Chopra) (जन्म टिस्का ज़रीन अरोड़ा; १ नवम्बर १९७३) एक भारतीय फ़िल्म तथा स्टेज अभिनेत्री है। इनकी पहली हिन्दी फ़िल्म प्लेटफ़ॉर्म फ़िल्म थी जो १९९३ में प्रदर्शित हुई थी उस फ़िल्म टिस्का अजय देवगन की ये विपरीत थी। २००४ में इन्होंने प्रकाश झा की फ़िल्म लोकनायक में प्रभावती देवी का किरदार निभाया था। २००७ में आमिर ख़ान के साथ तारे जमीन पर फ़िल्म में काम करने का मौका मिला था। २०११ में टिस्का को मधुर भंडारकर की फ़िल्म दिल तो बच्चा है जी में अभिनय करने का मौका मिला था। २०१६ में टिस्का चोपड़ाको दो लगातार फ़िल्मों में काम करने को मौका। पहले घायल वन्स अगैन तथा १९ फ़रवरी २०१६ को प्रदर्शित हुई लवशुदा फ़िल्म में भी मौका मिला। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और टिस्का चोपड़ा · और देखें »

टीवी स्वामित्व के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची घरों में टीवी की उपलब्धता के आधार पर है। यह जानकारी एन॰एफ॰एच॰एस-३ से संकलित की गई थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण व्यापक-पैमाने, बहु-दौरीय सर्वेक्षण है जो अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आई॰आई॰पी॰एस), मुंबई द्वारा कराया जाता है जो परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट है। एन॰एफ॰एच॰एस-३ ११ अक्टूबर २००७ को जारी किया गया था और पूरा सर्वेक्षण इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और टीवी स्वामित्व के आधार पर भारत के राज्य · और देखें »

टीकाकरण कवरेज के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची उस प्रतिशतानुसार जिसमें १२-२३ महीनों के बच्चों को सभी सुझावित टीके दिए गए। यह जानकारी एन॰एफ॰एच॰एस-३ से संकलित की गई थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण व्यापक-पैमाने, बहु-दौरीय सर्वेक्षण है जो अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आई॰आई॰पी॰एस), मुंबई द्वारा कराया जाता है जो परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट है। एन॰एफ॰एच॰एस-३ ११ अक्टूबर २००७ को जारी किया गया था और पूरा सर्वेक्षण इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और टीकाकरण कवरेज के आधार पर भारत के राज्य · और देखें »

एच॰आई॰वी जागरुकता के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची राज्यों में एच॰आई॰वी जागरुकता के आधार पर है। यह जानकारी एन॰एफ॰एच॰एस-३ से संकलित की गई थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण व्यापक-पैमाने, बहु-दौरीय सर्वेक्षण है जो अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आई॰आई॰पी॰एस), मुंबई द्वारा कराया जाता है जो परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट है। एन॰एफ॰एच॰एस-३ ११ अक्टूबर २००७ को जारी किया गया था और पूरा सर्वेक्षण इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और एच॰आई॰वी जागरुकता के आधार पर भारत के राज्य · और देखें »

एनएचपीसी लिमिटेड

एनएचपीसी लिमिटेड (पूर्वनाम नैशनल हाइड्रोइलैक्ट्रिक पावर कारपोरेशन लिमिटेड) वर्ष 1975 में स्थापित भारत सरकार का एक सार्वजनिक उपक्रम है। इसका उद्देश्य सभी रूपों में हाइड्रोइलैक्ट्रिक पावर के समेकित एवं दक्ष विकास की योजना बनाना तथा पर्यावरण संतुलन को ध्यान मे रखते हुए इसे विकसित और संगठित करना है। लगभग ३१७०० करोड़ रुपए से अधिक के निवेश आधार वाली एनएचपीसी लिमिटेड भारत की सर्वोपरि दस कम्पनी में से एक है। वर्तमान में जलविद्युत विकास के क्षेत्र में यह सबसे बड़ा संगठन है। एनएचपीसी लिमिटेड जलविद्युत परियोजनाओं का संकल्पना से संचालन तक सभी कार्यों को करने में सक्षम है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और एनएचपीसी लिमिटेड · और देखें »

झैंता

झैंता, हिमाचल प्रदेश का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:लोक नृत्य श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के लोक नृत्य.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और झैंता · और देखें »

ठाकुर रामसिंह

ठकुर राम सिंह ठाकुर रामसिंह (16 फ़रवरी 1915 - ०६ सितम्बर २०१०) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं इतिहास संकलन समिति के संस्थापक सदस्य थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और ठाकुर रामसिंह · और देखें »

ठियोग

ठियोग एक शहर और हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में एक नगरपालिका समिति है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और ठियोग · और देखें »

ठकुरी

ठकुरी नेपाल का एक प्रमुख जाति समुह है। ये नेपाली क्षत्रिय जाति क्षेत्रीके अन्तर्गत का एक समुह है कभी कुसुण्डा तो कभी बाबुसाहेब नामसे पुकारे जानेवाली ये जाति नेपाली भूमि के भूमिपुत्र के रूप में परिचित एक मुख्य जाति है। नेपाल के शाहवंशीय राजपरिवार, सेन राजा,बझांगी राजा,एवम् पश्चिमी नेपाल के राजपरिवार सम्पूर्ण ठकुरीवंशी क्षत्रिय हैं।इन की मातृभाषा नेपाली भाषा और डोटेली भाषा है। ये भारोपेली भाषा परिवारके सदस्य है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और ठकुरी · और देखें »

डफ

डफ, हिमाचल प्रदेश का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:लोक नृत्य श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के लोक नृत्य.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और डफ · और देखें »

डलहौजी

डलहौजी धौलाधार पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य स्थित एक बहुत की खूबसूरत पर्यटक स्थल है। पांच पहाड़ों (कठलौंग, पोट्रेन, तेहरा, बकरोटा और बलुन) पर स्थित यह पर्वतीय स्थल हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले का हिस्सा है। अंग्रेजों ने 1854 में इसे बसाया और विकसित किया तथा तत्कालीन वायसराय लॉर्ड डलहौजी के नाम पर इस जगह का नाम डलहौजी रखा गया। अंग्रेज सैनिक और नौकरशाह यहां अपनी गर्मी की छुट्टियां बिताने आते थे। मनमोहक वादियों और पहाड़ों के अलावा यहां के अन्य आकर्षण प्राचीन मंदिर, चंबा और पांगी घाटी हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और डलहौजी · और देखें »

डांगी

डांगी, हिमाचल प्रदेश का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:लोक नृत्य श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के लोक नृत्य.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और डांगी · और देखें »

डाक सूचक संख्या

डाक सूचक संख्या या पोस्टल इंडेक्स नंबर (लघुरूप: पिन नंबर) एक ऐसी प्रणाली है जिसके माध्यम से किसी स्थान विशेष को एक विशिष्ट सांख्यिक पहचान प्रदान की जाती है। भारत में पिन कोड में ६ अंकों की संख्या होती है और इन्हें भारतीय डाक विभाग द्वारा छांटा जाता है। पिन प्रणाली को १५ अगस्त १९७२ को आरंभ किया गया था। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और डाक सूचक संख्या · और देखें »

डंडानाच

डंडानाच, हिमाचल प्रदेश का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:लोक नृत्य श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के लोक नृत्य.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और डंडानाच · और देखें »

डेरा गोपीपुर

डेरा गोपीपुर हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले का एक नगर, नगर पंचायत तथा तहसील है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और डेरा गोपीपुर · और देखें »

डेराबस्सी

डेराबस्सी भारत के पंजाब प्रान्त के मोहाली जिले का एक नगर तथा नगर परिषद है। डेराबस्सी चण्डीगढ़-दिली राष्ट्रीय राजमार्ग पर चण्डीगढ़ से २० किमी दूरी पर स्थित है। यह पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश तथा संघशासित प्रदेश चण्डीगढ़ की सीमाओं के निकट स्थित है। इस नगर के आसपास शिक्षा संस्थानों की भरमार है जिनमें आठ इंजीनियरिंग महाविद्यालय, बीएड, पैरामेडिकल तथा प्रबन्धन संस्थान प्रमुख हैं। श्रेणी:पंजाब का भूगोल.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और डेराबस्सी · और देखें »

तत्तापानी, कश्मीर

तत्ता पानी (अंग्रेज़ी: Tatta Pani, उर्दु: تتا پانی) या तत्तापानी आज़ाद कश्मीर के पुंछ ज़िले में एक शहर है। यहाँ गंधक-युक्त गरम पानी के चश्में हैं, जिनपर शहर का नाम पड़ा है ("तत्ता" का अर्थ "गरम" होता है और यह संस्कृत के "तप्त" शब्द से आया है)। तत्ता पानी पुंछ नदी के किनारे २,२३७ फ़ुट (६८२ मीटर) की ऊँचाई पर बसा हुआ है। यह कोटली से २६ किमी, हजीरा (चेआरा) से २९ किमी और रावलाकोट से ४५ किमी दूर है। ध्यान दें कि भारतीय उपमहाद्वीप के हिमालय-वाले कई भागों में इसी "तत्तापानी" नाम के कई और नगर-ग्राम-मुहल्ले भी हैं और लगभग इन सभी में गरम पानी के चश्में होते हैं, मसलन हिमाचल प्रदेश और ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा दोनों में इस नाम के स्थान हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और तत्तापानी, कश्मीर · और देखें »

ताबो

ताबो हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्‍पीति जिला में स्थित एक छोटा सा शहर है। यह शहर स्‍पीति नदी के तट पर बसा हुआ है। ता‍बो समुद्र तल से 3050 मीटर की ऊंचाई पर रेककौंग पियो तथा काजा सड़क के बीच स्थित है। यह शहर एक प्रसिद्ध बौद्ध मठ ताबो गोम्‍पा के चारो तरफ बसा हुआ है। यह मठ हिमालय क्षेत्र का दूसरा सबसे महत्‍वपूर्ण मठ माना जाता है। स्‍थानीय लोगों के अनुसार इस मठ का निर्माण 996 ई. में हुआ था। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और ताबो · और देखें »

तिब्बताई भाषाएँ

तिब्बताई भाषाएँ (तिब्बती: བོད་སྐད།, अंग्रेज़ी: Tibetic languages) तिब्बती-बर्मी भाषाओं का एक समूह है जो पूर्वी मध्य एशिया के तिब्बत के पठार और भारतीय उपमहाद्वीप के कई उत्तरी क्षेत्रों में तिब्बती लोगों द्वारा बोली जाती हैं। यह चीन द्वारा नियंत्रित तिब्बत, चिंगहई, गान्सू और युन्नान प्रान्तों में, भारत के लद्दाख़, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम व उत्तरी अरुणाचल प्रदेश क्षेत्रों में, पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र में तथा भूटान देश में बोली जाती हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और तिब्बताई भाषाएँ · और देखें »

तिब्बती साम्राज्य

तिब्बती साम्राज्य (तिब्बती: བོད་, बोड) ७वीं से ९वीं सदी ईसवी तक चलने वाला एक साम्राज था। तिब्बत-नरेश द्वारा शासित यह साम्राज्य तिब्बत के पठार से कहीं अधिक विस्तृत क्षेत्रों पर फैला हुआ था। अपने चरम पर पश्चिम में आधुनिक अफ़ग़ानिस्तान, उज़बेकिस्तान, कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से लेकर बंगाल और युन्नान प्रान्त के कई भाग इसके अधीन थे।, Saul Mullard, pp.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और तिब्बती साम्राज्य · और देखें »

थाती

थाती भारत देश के हिमाचल प्रदेश के जिला मण्डी की सरकाघाट तहसील के अन्तर्गंत बसने वाला एक सुन्दर गांव है। यह ब्यास नदी के किनारे मैं बसा है। गांव की आबादी लगभग 1000 है। श्रेणी:मंडी जिला.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और थाती · और देखें »

थानाधार

https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Apple_garden_image.jpg हिमाचल प्रदेश में स्थित यह जगह सेब के उद्यानों के लिए प्रसिद्ध है। यह स्‍थान शिमला से 80 किलोमीटर दूर पुराने भारत-तिब्‍बत रोड पर स्थित है। इसका हिमाचल के इतिहास में एक विशेष स्‍थान रहा है। 1916 ई. में सैमुअल स्‍टोक जोकि फिलाडेल्‍फिया के एक सामाजिक कार्यकर्ता थे, पहली बार यहां सेब का छोटा सा वृक्ष लेकर आए थे। बाद में वह यहीं के होकर रह गए। यहां अभी भी उनके लगाए उद्यान स्‍टारकिंग डिलेसियस' को देखा जा सकता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और थानाधार · और देखें »

थाली (नृत्य)

थाली, हिमाचल प्रदेश का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:लोक नृत्य श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के लोक नृत्य.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और थाली (नृत्य) · और देखें »

द ट्रिब्यून (चंडीगढ़)

द ट्रिब्यून एक अंग्रेजी भाषा का भारतीय दैनिक समाचार पत्र है जो चंडीगढ़, नई दिल्ली, जालंधर, देहरादून और बठिंडा से प्रकाशित होता है। यह २ फ़रवरी १८८१ को, लाहौर (अब पाकिस्तान में) में एक परोपकारी सरदार दयाल सिंह मजीठिया द्वारा स्थापित किया गया था। यह ट्रस्ट पांच न्यासियों द्वारा चलाया जाता है.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और द ट्रिब्यून (चंडीगढ़) · और देखें »

द ग्रेट खली

द ग्रेट खली या दलीप सिंह राणा एक पेशेवर पहलवान तथा अभिनेता हैं। यह कई हॉलीवुड व बॉलीवुड फिल्मों में कार्य कर चुके हैं। यह बिग बॉस के चौथे संस्करण में प्रतिभागी थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और द ग्रेट खली · और देखें »

दशहरा

दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिये इस दशमी को 'विजयादशमी' के नाम से जाना जाता है (दशहरा .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और दशहरा · और देखें »

दारचा

दारचा (ऊँचाई 3360 मी) हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में भागा नदी के किनारे एक छोटा सा गाँव है.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और दारचा · और देखें »

दार्दी भाषाएँ

दार्दी या दार्दिक भाषाएँ (ज़बान दार्दी) हिन्द-आर्य भाषाओं की एक उपशाखा है जिसकी सबसे जानी-मानी भाषा कश्मीरी है। दार्दी भाषाएँ उत्तरी पाकिस्तान, उत्तर-पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान और भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में बोली जातीं हैं।, Peter K. Austin, University of California Press, ISBN 0-520-25560-7,...

नई!!: हिमाचल प्रदेश और दार्दी भाषाएँ · और देखें »

द्रुतमार्ग (भारत)

दिल्ली-गुड़गाँव द्रुतमार्ग का एक दृश्यभारत में कार्यरत कुल द्रुतमार्गों की लम्बाई लगभग १४५५ किलोमीटर है। द्रुतमार्ग, जिन्हे द्रुतगामी मार्ग या एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है, भारतीय सड़क नेटवर्क में सबसे उच्च वर्ग की सड़कें होती है। वे छह या आठ लेन के नियंत्रित-प्रवेश राजमार्ग हैं जहां प्रवेश और निकास छोटी सड़कों के उपयोग द्वारा नियंत्रित किया जाता है। वर्तमान में, भारत में लगभग १,४५५.४ किमी द्रुतमार्ग परिचालन में हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (भारत सरकार) का उद्देश्य इस द्रुतमार्ग नेटवर्क का विस्तार करके २०२२ तक अतिरिक्त १८,६३६ किलोमीटर (११,५८० मील) द्रुत्मार्ग जोड़ने का है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत संचालित राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे प्राधिकरण, द्रुतमार्गों के निर्माण और रखरखाव का प्रभारी होगा। दुनिया भर के मुकाबले भारत में द्रुतमार्गों का घनत्व बहुत ही कम है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और द्रुतमार्ग (भारत) · और देखें »

दैनिक भास्कर

दैनिक भास्‍कर भारत का एक प्रमुख हिंदी दैनिक समाचारपत्र है। भारत के 12 राज्‍यों (व संघ-क्षेत्रों) में इसके 37 संस्‍करण प्रकाशित हो रहे हैं। भास्कर समूह के प्रकाशनों में दिव्य भास्कर (गुजराती) और डीएनए (अंग्रेजी) और पत्रिका अहा ज़िंदगी भी शामिल हैं। 2015 में यह देश का सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला अखबार बना। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और दैनिक भास्कर · और देखें »

देवदार

देवदार (वैज्ञानिक नाम:सेडरस डेओडारा, अंग्रेज़ी: डेओडार, उर्दु: ديودار देओदार; संस्कृत: देवदारु) एक सीधे तने वाला ऊँचा शंकुधारी पेड़ है, जिसके पत्ते लंबे और कुछ गोलाई लिये होते हैं तथा जिसकी लकड़ी मजबूत किन्तु हल्की और सुगंधित होती है। इनके शंकु का आकार सनोबर (फ़र) से काफी मिलता-जुलता होता है। इनका मूलस्थान पश्चिमी हिमालय के पर्वतों तथा भूमध्यसागरीय क्षेत्र में है, (१५००-३२०० मीटर तक हिमालय में तथा १०००-२००० मीटर तक भूमध्य सागरीय क्षेत्र में)।Farjon, A. (1990).

नई!!: हिमाचल प्रदेश और देवदार · और देखें »

देवसिद्ध मंदिर

बाबा बालक नाथ का यह गुफा मंदिर पूरे वर्ष श्रद्धालुओं से भरा रहता है। बिलासपुर की सीमा पर स्थित यह मंदिर चारों ओर के सड़क मार्ग से सरलता से पहुंचा जा सकता है। नवरात्रों के अवसर पर बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए यहां लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। इस अवसर पर सरकार लोगों के ठहरने की उचित टेंट कालोनी की व्यस्था करती है और उसमें पानी, शौच आदि बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध कराईं जाती हैं। इनके पूजनीय स्थल को “दयोटसिद्ध” के नाम से जाना जाता है, यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के छकमोह गाँव की पहाडी के उच्च शिखर में स्थित है। मंदिर में पहाडी के बीच एक प्राकॄतिक गुफा है, ऐसी मान्यता है, कि यही स्थान बाबाजी का आवास स्थान था। मंदिर में बाबाजी की एक मूर्ति स्थित है, भक्तगण बाबाजी की वेदी में रोट चढाते हैं, “ रोट ” को आटे और चीनी/गुड को घी में मिलाकर बनाया जाता है। यहाँ पर बाबाजी को बकरा भी चढ़ाया जाता है, जो कि उनके प्रेम का प्रतीक है, यहाँ पर बकरे की बलि नहीं चढाई जाती बल्कि उनका पालन पोषण करा जाता है। बाबाजी की गुफा में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबन्ध है, लेकिन उनके दर्शन के लिए गुफा के बिलकुल सामने एक ऊँचा चबूतरा बनाया गया है, जहाँ से महिलाएँ उनके दूर से दर्शन कर सकती हैं। मंदिर से लगभग छहः कि॰मी॰ आगे एक स्थान “शाहतलाई” स्थित है, ऐसी मान्यता है, कि इसी जगह बाबाजी “ध्यानयोग” किया करते थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और देवसिद्ध मंदिर · और देखें »

दोनडुप वांग्मेय

तिब्बत का एक वृतचित्र निर्माताजिन्हें चीन सरकार ने तिब्बत में अपने विचारों की अभिव्यक्ति और मानवाधिकार हनन पर वृतचित्र तैयार करने के कारण 26 मार्च, 2008 को गिरफ्तार कर नजरबंद कर दिया था। चीनी शासन के दमनकारी नीति से तंग आकर उनकी पत्नी भी तिब्बत से भाग कर अपने परिवार के साथ हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला चली गईं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और दोनडुप वांग्मेय · और देखें »

धनसिंह थापा

मेजर धनसिंह थापा परमवीर चक्र से सम्मानित नेपाली मूल के भारतीय सैनिक हैं। इन्हे यह सम्मान सन 1962 मे मिला। वे अगस्त १९४९ में भारतीय सेना की आठवीं गोरखा राइफल्स में अधिकारी के रूप में शामिल हुए थे। भारत द्वारा अधिकृत विवादित क्षेत्र में बढ़ते चीनी घुसपैठ के जवाब में भारत सरकार ने "फॉरवर्ड पॉलिसी" को लागू किया। योजना यह थी कि चीन के सामने कई छोटी-छोटी पोस्टों की स्थापना की जाए। चीन-भारतीय युद्ध अक्टूबर 1962 में शुरू हुआ; 21 अक्तूबर को, चीनी ने पैनगॉन्ग झील के उत्तर में सिरिजैप और यूल पर कब्ज़ा करने के उद्देश्य से घुसपैठ शुरू की थी। सिरिजैप 1, पांगॉन्ग झील के उत्तरी किनारे पर 8 गोरखा राइफल्स की प्रथम बटालियन द्वारा स्थापित एक पोस्ट थी जो मेजर धन सिंह थापा की कमान में थी। जल्द ही यह पोस्ट चीनी सेनाओं द्वारा घेर लिया गया था। मेजर थापा और उसके सैनिकों ने इस पोस्ट पर होने वाले तीन आक्रमणों को असफल कर दिया। थापा सहित बचे लोगों को युद्ध के कैदियों के रूप में कैद कर लिया गया था। अपने महान कृत्यों और अपने सैनिकों को युद्ध के दौरान प्रेरित करने के उनके प्रयासों के कारण उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और धनसिंह थापा · और देखें »

धमान

धमान, हिमाचल प्रदेश का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:लोक नृत्य श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के लोक नृत्य.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और धमान · और देखें »

धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश

धर्मशाला हिमाचल प्रदेश की शीतकालीन राजधानी है। यह हिमाचल राज्य के कांगड़ा जिले का मुख्यालय है, और कांगड़ा नगर से १६ किमी की दूरी पर स्थित है। धर्मशाला के मैक्लॉडगंज उपनगर में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के मुख्यालय हैं, और इस कारण यह दलाई लामा का निवास स्थल तथा निर्वासित तिब्बती सरकार की राजधानी है। धर्मशाला को भारत सरकार के स्मार्ट सिटीज मिशन के अंतर्गत एक स्मार्ट नगर के रूप में विकसित होने वाले सौ भारतीय नगरों में से एक के रूप में भी चुना गया है। ऐसी मान्यता है की नगर का नाम धर्मशाला शब्द से उत्पन्न हुआ है। यह नगर वर्ष १८४९ में कांगड़ा में स्थित सैन्य छावनी के लिए अस्तित्व में आया। वर्ष १८५५ में धर्मशाला को कांगड़ा जिले का मुख्यालय घोषित किया गया था। धर्मशाला में सिविलियन और छावनी क्षेत्र की बढ़ती चहल-पहल को देखते हुए यहां सुविधाएं लोगों को मुहैया करवाने के लिए नगर परिषद बनाने का विचार बना था। पांच मई १८६७ को यहां नगर परिषद अस्तित्व में आई थी। उस समय बनी नगर परिषद की पहली बैठक भी ६ मई १८६७ को तत्कालीन जिलाधीश सीएफ एल्फिनस्टोन की अध्यक्षता में हुई थी। धर्मशाला के १८६७ में नगर परिषद बनने के बाद यहां सुविधाओं में इजाफा हुआ। १८९६ में धर्मशाला में बिजली भी लोगों मिलनी शुरू हुई थी। तत्पश्चात नगर में कार्यालयों के विकास के अतिरिक्त व्यापार व वाणिज्य, सार्वजनिक संस्थान, पर्यटन सुविधाओं तथा परिवहन गतिविधयों में भी उन्नति हई। वर्ष १९०५ व् १९८६ के भूकम्पों से नगर का बहुत नुकसान हुआ। १९२६ से १९४७ के बीच यहां पर इंटर कॉलेज सहित महाविद्यालय खुला तो वर्ष १९३५ में सिनेमा हाल भी यहां खुला। बढ़ते समय के साथ-साथ सामाजिक सुधारों के साथ संगीत, साहित्य और कला के क्षेत्र में भी यह क्षेत्र कहीं पीछे नहीं रहा। १९६० से महामिहम दलाई लामा का मुख्यालय भी धर्मशाला में स्थित है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश · और देखें »

धौलाधार

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से धौलाधार का दृश्य धौलाधार (सफेद पर्वत), हिमाचल प्रदेश में स्थित एक अति सुन्दर पर्वतमाला है जिसका मनोरम दृश्य अति सुन्दर दिखाई देता है। यह पर्वतमाला हिमालय के मध्यम भाग में स्थित है जो हिमाचल प्रदेश के पश्चिम में चम्बा जिले से शुरू होकर पूर्व में किन्नौर जिले से जाते हुए उत्तराखण्ड से होते हुए पूर्वी असम तक फैली हुई है। इस पर्वतमाला को देखने के लिए हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले के उत्तर में खूबसूरत पर्यटन-स्थल धर्मशाला के नाम से जाना जाता है। इसके ठीक सामने हिमाच्छादित गगनचुम्बी धौलाधार पर्वत-श्रृंखला का अनुपम दृश्य सालों भर देखा जा सकता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और धौलाधार · और देखें »

नाथपा झाकड़ी जलविद्युत परियोजना

नाथपा झाकड़ी जलविद्युत परियोजना हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग २२ - हिन्दुस्तान तिब्बत मार्ग पर, सतलुज नदी पर स्थित है। इस परियोजना को मई,2004 में कमीशन किया गया था तथा आधिकारिक तौर पर 28 मई,2005 को प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और नाथपा झाकड़ी जलविद्युत परियोजना · और देखें »

नाम की व्युत्पत्ति के आधार पर भारत के राज्य

भारतीय गणराज्य का १९४७ में राज्यों के संघ के रूप में गठन हुआ। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, १९५६ के अनुसार राज्यीय सीमाओं को भाषाई आधार पर पुनर्व्यवस्थित किया गया, इसलिए कई राज्यों के नाम उनकी भाषाओं के अनुसार हैं और आमतौर पर तमिल नाडु (तमिल) और कर्णाटक (कन्नड़) को छोड़कर, इन नामों की उत्पत्ति संस्कृत से होती है। तथापि अन्य राज्यों के नाम उनकी भौगोलिक स्थिति, विशेष इतिहास या जनसंख्याओं और औपनिवेशिक प्रभावों पर पड़े हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और नाम की व्युत्पत्ति के आधार पर भारत के राज्य · और देखें »

निर्धनता दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों को 16 सितम्बर 2013 की स्थिति तक निर्धनता की दर के आधार पर क्रमित करती है। यह सूची भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रकाशित 2013 के वार्षिक प्रतिवेदन से संकलित की गई है। क्रम-स्थान प्रतिशत में निर्धनता सीमा से नीचे रह रहे लोगों की गणना अनुसार दिया गया है और ऍम.आर.पी.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और निर्धनता दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची · और देखें »

नगरकोट (बहुविकल्पी)

नगरकोट से निम्नलिखित का बोध होता है-.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और नगरकोट (बहुविकल्पी) · और देखें »

न्गारी विभाग

न्गारी विभाग (तिब्बती: མངའ་རིས་ས་ཁུལ་, अंग्रेज़ी: Ngari Prefecture), जिसे आली विभाग (चीनी: 阿里地区, अंग्रेज़ी: Ali Prefecture) भी कहते हैं, तिब्बत का एक प्रशासनिक विभाग है जो वर्तमान में जनवादी गणतंत्र चीन द्वारा नियंत्रित तिब्बत स्वशासित प्रदेश का हिस्सा है। इसमें अक्साई चिन क्षेत्र का एक भाग आता है जिसे भारत अपना भाग समझता है लेकिन जो चीन के क़ब्ज़े में है। शिन्जियांग-तिब्बत राजमार्ग इस विभाग से गुज़रता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और न्गारी विभाग · और देखें »

नैना देवी मंदिर, नैनीताल

नैना देवी मंदिर, नैनीताल नैनीताल में, नैनी झील के उत्त्तरी किनारे पर नैना देवी मंदिर स्थित है। 1880 में भूस्‍खलन से यह मंदिर नष्‍ट हो गया था। बाद में इसे दुबारा बनाया गया। यहां सती के शक्ति रूप की पूजा की जाती है। मंदिर में दो नेत्र हैं जो नैना देवी को दर्शाते हैं। नैनी झील के बारें में माना जाता है कि जब शिव सती की मृत देह को लेकर कैलाश पर्वत जा रहे थे, तब जहां-जहां उनके शरीर के अंग गिरे वहां-वहां शक्तिपीठों की स्‍थापना हुई। नैनी झील के स्‍थान पर देवी सती के नेत्र गिरे थे। इसीसे प्रेरित होकर इस मंदिर की स्‍थापना की गई है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और नैना देवी मंदिर, नैनीताल · और देखें »

नैना देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश

नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में है। यह शिवालिक पर्वत श्रेणी की पहाड़ियो पर स्थित एक भव्य मंदिर है। यह देवी के 51 शक्ति पीठों में शामिल है। नैना देवी हिंदूओं के पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। यह स्थान नैशनल हाईवे न. 21 से जुड़ा हुआ है। इस स्थान तक पर्यटक अपने निजी वाहनो से भी जा सकते है। मंदिर तक जाने के लिए उड़्डनखटोले, पालकी आदि की भी व्यवस्था है। यह समुद्र तल से 11000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मान्यता है कि इस स्थान पर देवी सती के नेत्र गिरे थे। मंदिर में पीपल का पेड़ मुख्य आकषर्ण का केन्द्र है जो कि अनेको शताब्दी पुराना है। मंदिर के मुख्य द्वार के दाई ओर भगवान गणेश और हनुमान कि मूर्ति है। मुख्य द्वार के पार करने के पश्चात आपको दो शेर की प्रतिमाएं दिखाई देगी। शेर माता का वाहन माना जाता है। मंदिर के र्गभ ग्रह में मुख्य तीन मूर्तियां है। दाई तरफ माता काली की, मध्य में नैना देवी की और बाई ओर भगवान गणेश की प्रतिमा है। पास ही में पवित्र जल का तालाब है जो मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। मंदिर के समीप ही में एक गुफा है जिसे नैना देवी गुफा के नाम से जाना जाता है। पहले मंदिर तक पहुंचने के लिए 1.25 कि॰मी॰ की पैदल यात्रा कि जाती थी परन्तु अब मंदिर प्रशासन द्वारा मंदिर तक पहुंचने के लिए उड़्डलखटोले का प्रबंध किया गया है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और नैना देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश · और देखें »

नैना लाल किदवई

नैनालाल किदवई पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और एचएसबीसी बैंक की भारत में प्रमुख हैं। वे वर्तमान में फिक्की की अध्यक्ष भी हैं। वे कई बैंकों के अहम पदों पर रह चुकी हैं। वे पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने किसी विदेशी बैंक का भारत में संचालन किया। नैना ने शिमला, (हिमाचल प्रदेश) से स्कूली शिक्षा और दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक करने के बाद हावर्ड बिजनेस स्कूल' से एमबीए किया। वर्ष 1982 में ‘स्टैंडर्ड चाटर्ड बैंक’ से करियर की शुरुआत करने के बाद उन्होंने कुछ दिन ‘मोर्गन स्टेनले बैंक’ में काम किया और फिर एचएसबीसी से जुड़ गईं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और नैना लाल किदवई · और देखें »

नूरपुर

नूरपुर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले का एक नगर है। भारत की स्वतन्त्रता के पूर्व यह नूरपुर राज्य का भाग था जिसका शासन ११वीं शती के बाद से पठानिया राजपूत करते थे। इस राज्य की राजधानी पठानकोट थी जो अब पंजाब में है। श्रेणी: हिमाचल प्रदेश के नगर.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और नूरपुर · और देखें »

नेपाल

नेपाल, (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल) भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के ८१ प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है और नेपाल के लोगों को भी नेपाली कहा जाता है। एक छोटे से क्षेत्र के लिए नेपाल की भौगोलिक विविधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराई के उष्ण फाँट से लेकर ठण्डे हिमालय की श्रृंखलाएं अवस्थित हैं। संसार का सबसे ऊँची १४ हिम श्रृंखलाओं में से आठ नेपाल में हैं जिसमें संसार का सर्वोच्च शिखर सागरमाथा एवरेस्ट (नेपाल और चीन की सीमा पर) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बड़ा नगर काठमांडू है। काठमांडू उपत्यका के अन्दर ललीतपुर (पाटन), भक्तपुर, मध्यपुर और किर्तीपुर नाम के नगर भी हैं अन्य प्रमुख नगरों में पोखरा, विराटनगर, धरान, भरतपुर, वीरगंज, महेन्द्रनगर, बुटवल, हेटौडा, भैरहवा, जनकपुर, नेपालगंज, वीरेन्द्रनगर, त्रिभुवननगर आदि है। वर्तमान नेपाली भूभाग अठारहवीं सदी में गोरखा के शाह वंशीय राजा पृथ्वी नारायण शाह द्वारा संगठित नेपाल राज्य का एक अंश है। अंग्रेज़ों के साथ हुई संधियों में नेपाल को उस समय (१८१४ में) एक तिहाई नेपाली क्षेत्र ब्रिटिश इंडिया को देने पड़े, जो आज भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा पश्चिम बंगाल में विलय हो गये हैं। बींसवीं सदी में प्रारंभ हुए जनतांत्रिक आन्दोलनों में कई बार विराम आया जब राजशाही ने जनता और उनके प्रतिनिधियों को अधिकाधिक अधिकार दिए। अंततः २००८ में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि माओवादी नेता प्रचण्ड के प्रधानमंत्री बनने से यह आन्दोलन समाप्त हुआ। लेकिन सेना अध्यक्ष के निष्कासन को लेकर राष्ट्रपति से हुए मतभेद और टीवी पर सेना में माओवादियों की नियुक्ति को लेकर वीडियो फुटेज के प्रसारण के बाद सरकार से सहयोगी दलों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद प्रचण्ड को इस्तीफा देना पड़ा। गौरतलब है कि माओवादियों के सत्ता में आने से पहले सन् २००६ में राजा के अधिकारों को अत्यंत सीमित कर दिया गया था। दक्षिण एशिया में नेपाल की सेना पांचवीं सबसे बड़ी सेना है और विशेषकर विश्व युद्धों के दौरान, अपने गोरखा इतिहास के लिए उल्लेखनीय रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए महत्वपूर्ण योगदानकर्ता रही है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और नेपाल · और देखें »

पदम

पदम भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य के कारगिल जिले की ज़ांस्कर तहसील का मुख्यालय है। इसका नाम पद्मसंभव के नाम पर पड़ा। ज़ांस्कर घाटी का यह एकमात्र नगर तथा प्रशासनिक केंद्र है। ऐतिहासिक दृष्टि से यह ज़ांस्कर साम्राज्य की दो राजधानियों में से एक था जबकि दूसरी राजधानी थी- ज़ांगला। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पदम · और देखें »

पद्म श्री पुरस्कार (१९७०-७९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९७४ से १९७९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पद्म श्री पुरस्कार (१९७०-७९) · और देखें »

पद्म श्री पुरस्कार (१९९०–१९९९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९८४ से १९८९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पद्म श्री पुरस्कार (१९९०–१९९९) · और देखें »

पद्म श्री पुरस्कार (२०००–२००९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। सन् २००० से २००९ तक विजेताओं की सूची निम्न है: .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पद्म श्री पुरस्कार (२०००–२००९) · और देखें »

पद्म विभूषण धारकों की सूची

यह भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से अलंकृत किए गए लोगों की सूची है: .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पद्म विभूषण धारकों की सूची · और देखें »

पद्मश्री पुरस्कार (२०१०–२०१९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। सन् २०१० से २०१९ तक विजेताओं की सूची निम्न है: .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पद्मश्री पुरस्कार (२०१०–२०१९) · और देखें »

पराशर झील

पराशर झील मंडी की उत्तर दिशा में लगभग ५० किलोमीटर दूर हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक झीलों में से एक है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पराशर झील · और देखें »

परिवार के आकार के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची प्रत्येक राज्य में प्रति घर, सदस्य संख्या के आधार पर है। यह जानकारी एन॰एफ॰एच॰एस-३ से संकलित की गई थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण व्यापक-पैमाने, बहु-दौरीय सर्वेक्षण है जो अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आई॰आई॰पी॰एस), मुंबई द्वारा कराया जाता है जो परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट है। एन॰एफ॰एच॰एस-३ ११ अक्टूबर २००७ को जारी किया गया था और पूरा सर्वेक्षण इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और परिवार के आकार के आधार पर भारत के राज्य · और देखें »

पलानी जलप्रपात

पलानी जलप्रपात हिमाचल प्रदेश मे स्थित एक जलप्रपात है। श्रेणी:भारत के जल प्रपात श्रेणी:हिमाचल प्रदेश.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पलानी जलप्रपात · और देखें »

पश्चिम हिमालयी चौड़ी पत्ती वन

पश्चिम हिमालयी चौड़ी पत्ती वन एक प्रकार के समशीतोष्ण चौड़ी पत्ती वन है जो नेपाल, भारत और पाकिस्तान के पश्चिमी हिमालय के जैवक्षेत्र में मध्यम ऊँचाई पर पाए जाते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पश्चिम हिमालयी चौड़ी पत्ती वन · और देखें »

पश्चिम हिमालयी उपअल्पाइन शंकुधर वन

पश्चिम हिमालयी उपअल्पाइन शंकुधर वन एक प्रकार के समशीतोष्ण शंकुधर वन है जो नेपाल, भारत और पाकिस्तान के पश्चिमी हिमालय के जैवक्षेत्र में पाए जाते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पश्चिम हिमालयी उपअल्पाइन शंकुधर वन · और देखें »

पालमपुर

पालमपुर भारत के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले का पहाड़ी शहर है। यह शहर अपने सुन्दर दृश्यों, बर्फ से लदे पहाड़ों एवं चाय बगानों के लिये प्रसिद्ध है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पालमपुर · और देखें »

पाओंटा साहिब

पाओंता साहिब,  (ਪਾਂਉਟਾ ਸਾਹਿਬ)भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एका सिल्प नगरी है। यह सिरमौर जिल्ला का उत्तर दिशा मे जमुना नदी के किनारे है। यहाँ जातीय राजपथ ७ गुजरे हैं। यहाँ सीमेंट, कपड़े, दबाई, रसायन द्रबया, खाद्य उपपादन का सिल्प समूह स्थापित है। एसिया महादेश का सबसे बड़ा चुना का बाजार यहीं पर है। जमुना नदी के किनारे रहते "पाओंता साहिब" का गुरुद्वारा सीख संप्रदाय के लिए बहुत बड़ा तीर्थ माना जाता है।   .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पाओंटा साहिब · और देखें »

पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान

पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान भारत के हिमाचल प्रदेश के स्पीति क्षेत्र में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह लाहौल और स्पीति जिले में, स्पीति घाटी के ठंडे रेगिस्तान में स्थित है। यह १९८७ में एक उद्यान घोषित किया गया था। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान · और देखें »

पंडोह झील

पंडोह बांध हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में व्यास नदी पर बना एक तटबन्ध (embankment) बाँध है। व्यास परियोजना के अन्तर्गत यह बाँध १९७७ में बनकर तैयार हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य जलविद्युत शक्ति जनन है। ये बाँध 76 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कुल्लू और मनाली इन दोनों स्थानों की बिजली आपूर्ति यहीं से होती है। कुल्लू से मनाली मार्ग पर पड़ने के कारण और अपनी मन को मोह लेने वाली सुन्दरता के कारण ये हमेशा ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां की सुन्दरता किसी भी यात्री का मन आसानी से मोह सकती है ! भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) बांध के विकास, प्रबंधन, और बांध के रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। श्रेणी:भारत के बाँध श्रेणी:हिमाचल प्रदेश की झीलें.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पंडोह झील · और देखें »

पंजाब (भारत)

पंजाब (पंजाबी: ਪੰਜਾਬ) उत्तर-पश्चिम भारत का एक राज्य है जो वृहद्तर पंजाब क्षेत्र का एक भाग है। इसका दूसरा भाग पाकिस्तान में है। पंजाब क्षेत्र के अन्य भाग (भारत के) हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों में हैं। इसके पश्चिम में पाकिस्तानी पंजाब, उत्तर में जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान राज्य हैं। राज्य की कुल जनसंख्या २,४२,८९,२९६ है एंव कुल क्षेत्रफल ५०,३६२ वर्ग किलोमीटर है। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है जोकि हरियाणा राज्य की भी राजधानी है। पंजाब के प्रमुख नगरों में अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और बठिंडा हैं। 1947 भारत का विभाजन के बाद बर्तानवी भारत के पंजाब सूबे को भारत और पाकिस्तान दरमियान विभाजन दिया गया था। 1966 में भारतीय पंजाब का विभाजन फिर से हो गया और नतीजे के तौर पर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश वजूद में आए और पंजाब का मौजूदा राज बना। यह भारत का अकेला सूबा है जहाँ सिख बहुमत में हैं। युनानी लोग पंजाब को पैंटापोटाम्या नाम के साथ जानते थे जो कि पाँच इकठ्ठा होते दरियाओं का अंदरूनी डेल्टा है। पारसियों के पवित्र ग्रंथ अवैस्टा में पंजाब क्षेत्र को पुरातन हपता हेंदू या सप्त-सिंधु (सात दरियाओं की धरती) के साथ जोड़ा जाता है। बर्तानवी लोग इस को "हमारा प्रशिया" कह कर बुलाते थे। ऐतिहासिक तौर पर पंजाब युनानियों, मध्य एशियाईओं, अफ़ग़ानियों और ईरानियों के लिए भारतीय उपमहाद्वीप का प्रवेश-द्वार रहा है। कृषि पंजाब का सब से बड़ा उद्योग है; यह भारत का सब से बड़ा गेहूँ उत्पादक है। यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं: वैज्ञानिक साज़ों सामान, कृषि, खेल और बिजली सम्बन्धित माल, सिलाई मशीनें, मशीन यंत्रों, स्टार्च, साइकिलों, खादों आदि का निर्माण, वित्तीय रोज़गार, सैर-सपाटा और देवदार के तेल और खंड का उत्पादन। पंजाब में भारत में से सब से अधिक इस्पात के लुढ़का हुआ मीलों के कारख़ाने हैं जो कि फ़तहगढ़ साहब की इस्पात नगरी मंडी गोबिन्दगढ़ में हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पंजाब (भारत) · और देखें »

पंजाब प्रांत (ब्रिटिश भारत)

पंजाब ब्रिटिश भारत का प्रांत था। 1849 में इसपर सिख साम्राज्य से ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा कब्जा कर लिया गया था। यह अंग्रेजों के नियंत्रण में आने वाला भारतीय उपमहाद्वीप के अंतिम क्षेत्रों में से एक था। इसमें पांच प्रशासनिक प्रभाग शामिल थे — दिल्ली, जलंधर, लाहौर, मुल्तान और रावलपिंडी। इसमें कई रियासतें भी थी। भारत के विभाजन के बाद इसको पूर्व पंजाब और पश्चिम पंजाब में बाट दिया गया। जो अब मौजूदा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब (पाकिस्तान) है। श्रेणी:भारत में ब्रिटिश शासन श्रेणी:पंजाब का इतिहास.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पंजाब प्रांत (ब्रिटिश भारत) · और देखें »

पंजाब का इतिहास

पंजाब शब्द का सबसे पहला उल्लेख इब्न-बतूता के लेखन में मिलता है, जिसनें 14वीं शताब्दी में इस क्षेत्र की यात्रा की थी। इस शब्द का 16वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में व्यापक उपयोग होने लगा, और इस शब्द का प्रयोग तारिख-ए-शेरशाही सूरी (1580) नामक किताब में किया गया था, जिसमें "पंजाब के शेरखान" द्वारा एक किले के निर्माण का उल्लेख किया गया था। 'पंजाब' के संस्कृत समकक्षों का पहला उल्लेख, ऋग्वेद में "सप्त सिंधु" के रूप में होता है। यह नाम फिर से आईन-ए-अकबरी (भाग 1) में लिखा गया है, जिसे अबुल फजल ने लिखा था, उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि पंजाब का क्षेत्र दो प्रांतों में विभाजित है, लाहौर और मुल्तान। इसी तरह आईन-ए-अकबरी के दूसरे खंड में, एक अध्याय का शीर्षक इसमें 'पंजाद' शब्द भी शामिल है। मुगल राजा जहांगीर ने तुज-ए-जान्हगेरी में भी पंजाब शब्द का उल्लेख किया है। पंजाब, जो फारसी भाषा की उत्पत्ति है और भारत में तुर्की आक्रमणकारियों द्वारा प्रयोग किया जाता था। पंजाब का शाब्दिक अर्थ है "पांच" (पंज) "पानी" (अब), अर्थात पांच नदियों की भूमि, जो इस क्षेत्र में बहने वाली पाँच नदियां का संदर्भ देते हैं। अपनी उपज भूमि के कारण इसे ब्रिटिश भारत का भंडारगृह बनाया गया था। वर्तमान में, तीन नदियाँ पंजाब (पाकिस्तान) में बहती हैं, जबकि शेष दो नदियाँ हिमाचल प्रदेश और पंजाब (भारत) से निकलती है, और अंततः पाकिस्तान में चली जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पंजाब का इतिहास · और देखें »

पंजाबी सूबा आन्दोलन

पंजाबी सूबा आन्दोलन पंजाब क्षेत्र में पंजाबी "सूबा" (प्रदेश) बनाने के लिये 1950 के दशक में शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व में चला था। इसके कारण पंजाबी बहुसंख्यक पंजाब, हरियाणवी बहुसंख्यक हरियाणा और पहाड़ी बहुसंख्यक हिमाचल प्रदेश की स्थापना हुई। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पंजाबी सूबा आन्दोलन · और देखें »

पुस्तक:भारत

;मुख्य लेख;नामोत्पत्ति;इतिहास;सरकार;भारत के राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश;भूगोल्;अर्थव्यवस्था श्रेणी:विकिपीडिया पुस्तकें श्रेणी:विकिपीडिया पुस्तकें (भारत).

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पुस्तक:भारत · और देखें »

प्रताप सिंह कैरों

प्रताप सिंह कैरो (1901 - 1965 ई.) पंजाब के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ और नेता थे। पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। उस समय 'पंजाब' के अन्तर्गत हरियाणा और हिमाचल प्रदेश भी थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और प्रताप सिंह कैरों · और देखें »

प्रतापगढ़ जिला

उत्तर प्रदेश के अन्तर्गत प्रतापगढ़ जिला प्रतापगढ़ भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। इसे को बेला, बेल्हा, परतापगढ़, या प्रताबगढ़ भी कहा जाता है। यह प्रतापगढ़ जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। यह उत्तर प्रदेश का 72वां जिला है। इसे लोग बेल्हा भी कहते हैं, क्योंकि यहां बेल्हा देवी मंदिर है जो कि सई नदी के किनारे बना है। इस जिले को ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां के विधानसभा क्षेत्र पट्टी से ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं॰ जवाहर लाल नेहरू ने अपना राजनैतिक करियर शुरू किया था। इस धरती को राष्ट्रीय कवि हरिवंश राय बच्चन की जन्म स्थली के नाम से भी जाना जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और प्रतापगढ़ जिला · और देखें »

प्रभा साक्षी

प्रभा साक्षी भारत का हिन्दी भाषा का एक समाचार वेबसाइट है। इसके पाठक उत्तरी भारत के राज्यों जैसे बिहार, चण्डीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश आदि के हिदीभाषी हैं। द्वारिकेश इन्फार्मेटिक्स लिमिटेड इसके स्वामी है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और प्रभा साक्षी · और देखें »

प्रस्तर मूर्तिकला

पत्थर की मूर्तियाँ प्रागैतिहासिक काल से ही अनेक कारणों से बनाई जा रही हैं। पत्थर की मूर्तियाँ केवल सुंदरता का ही नहीं, बलकी और भी बहुत चीज़ों का प्रतीक है। इस बात को इस लेख में समझाया गया है। और यह भी दिखाया है कि सालों से विकास करती यह कला अत्यंत आकर्शक और महत्वपूर्ण है। पत्थर की मूर्तियाँ पत्थर को तीन आयमों में काटने से बनती हैं। इनकी आधारभूत संकलपना एक ही होने पर भी हमें लाखों तरह की रचनाएँ देखने को मिलती हैं। यह एक प्राचीन कला है जिसमें प्राकृतिक पत्थर को नियंत्रित रीति से काटा जाता हैं। कलाकार अपनी क्शमता को पथ्थर को काटने में दिखाता हैं, जैसे वह उसकी कुशलता का प्रतीक हो। सुबह शाम, दिन रात एक करके वे पत्थर को विभिन्न आकृतियों में काँट कर, उसको एक मूर्ती का रूप देता हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और प्रस्तर मूर्तिकला · और देखें »

प्रिया राजवंश

प्रिया राजवंश, जिनका जन्म का नाम वेरा सुन्दर सिंह था, हिन्दी फ़िल्म की अभिनेत्री थीं। उन्होंने सिर्फ़ चेतन आनन्द की बनाई फ़िल्मों में ही काम किया। उनकी कुछ उल्लेखनीय फ़िल्म हक़ीक़त (१९६४), हीर राँझा (१९७०) तथा हँसते ज़ख़्म (१९७३) हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और प्रिया राजवंश · और देखें »

प्रजनन दर के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची प्रति महिला पर होने बाले बच्चों के आधार पर है। इस अध्ययनानुसार सात भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश, गोआ, तमिल नाडु, हिमाचल प्रदेश, केरल, पंजाब और सिक्किम अब भारत के जनसंख्या विस्फोट में भागीदार नहीं हैं। वस्तुतः यदि जनसंख्या प्रजनन दर की यही प्रवृत्ति जारी रहती है तो आंध्र प्रदेश, गोआ, तमिल नाडु, हिमाचल प्रदेश और केरल की जनसंख्या में आने वाले दशकों में गिरावट आएगी। रोचक रूप से, दक्षिण भारत के चारों राज्यों, आंध्र प्रदेश, तमिल नाडु, केरल और कर्णाटक में जन्म दर निर्णायक २ बहुत कम है कर्णाटक को छोड़कर जहाँ भी यह दर २.१ ही है। यह जानकारी एन॰एफ॰एच॰एस-३ से संकलित की गई थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण व्यापक-पैमाने, बहु-दौरीय सर्वेक्षण है जो अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आई॰आई॰पी॰एस), मुंबई द्वारा कराया जाता है जो परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट है। एन॰एफ॰एच॰एस-३ ११ अक्टूबर २००७ को जारी किया गया था और पूरा सर्वेक्षण इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और प्रजनन दर के आधार पर भारत के राज्य · और देखें »

प्रेम कुमार धूमल

प्रेम कुमार धूमल (जन्म 10 अप्रैल 1944) हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री है। वे राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में हिमाचल प्रदेश विधानसभा की हमीरपुर सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और प्रेम कुमार धूमल · और देखें »

प्रीति ज़िंटा

प्रीटी ज़िंटा (जन्म ३१ जनवरी १९७५) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री है। वे हिन्दी, तेलगू, पंजाबी व अंग्रेज़ी फ़िल्मों में कार्य कर चुकी है। मनोविज्ञान में उपाधी ग्रहण करने के बाद ज़िंटा ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत दिल से.. में १९९८ से की और उसी वर्ष फ़िल्म सोल्जर में पुनः दिखी। इन फ़िल्मों में अभिनय के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ नई अदाकारा का पुरस्कार प्रदान किया गया और आगे चलकर उन्हें फ़िल्म क्या कहना में कुँवारी माँ के किरदार के लिए काफ़ी सराहा गया। उन्होंने आगे चलकर भिन्न-भिन्न प्रकार के किरदार अदा किए व उनके अभिनय व किरदारों ने हिन्दी फ़िल्म अभिनेत्रियों की एक नई कल्पना को जन्म दिया। जिंटा को २००३ में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार कल हो ना हो फ़िल्म में उनके अभिनय के लिए प्रदान किया गया। उन्होंने सर्वाधिक कमाई वाली दो भारतीय फ़िल्मों में अभिनय किया जिनमे काल्पनिक विज्ञान पर आधारित फ़िल्म कोई... मिल गया (२००३) और रोमांस फ़िल्म वीर-ज़ारा (२००४) शमिल है जिसके लिए उन्हें समीक्षकों द्वारा बेहद सराहा गया। उन्होंने आधुनिक भारतीय नारी का किरदार फ़िल्म सलाम नमस्ते और कभी अलविदा ना कहना में निभाया जो अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में उच्च-कमाई वाली फ़िल्में रही। इन उपलब्धियों ने उन्हें हिन्दी सिनेमा के मुख्य अभिनेत्रियों में से एक बना दिया। उनका पहला अंतर्राष्ट्रीय किरदार कनेडियाई फ़िल्म हेवन ऑन अर्थ में था जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का सिल्वर ह्यूगो पुरस्कार २००८ के शिकागो अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में प्रदान किया गया। फ़िल्मों में अभिनय के आलावा जिंटा ने बीबीसी न्यूज़ ऑनलाइन में कई लेख लिखे है, साथ ही वे एक सामाजिक कार्यकर्त्ता, टेलिविज़न मेज़बान और नियमित मंच प्रदर्शनकर्ता है। वे पीज़ेडएनज़ेड इण्डिया प्रोडक्शन कंपनी की संस्थापक भी है जिसकी स्थापना उन्होंने अपने पूर्व-साथी नेस वाडिया के साथ की है और दोनों साथ-ही-साथ इंडियन प्रीमियर लीग की क्रिकेट टीम किंग्स XI पंजाब के मालिक भी है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और प्रीति ज़िंटा · और देखें »

पृथ्वी नारायण शाह

पृथ्वी नारायण शाह गोरखा दरबार पृथ्वी नारायण शाह (1722 - 1775) नेपाल के राजा थे जिन्होने काठमाण्डू उपत्यका के छोटे से गोरखा राज्य का विस्तार किया। मल्ल राजवंश के अन्दर कई भागों में बिखरे नेपाल को उन्होने एकत्रित किया और मल्ल राजवंश का शासन समाप्त हुआ। पृथ्वी नारायण शाह को आधुनिक नेपाल का जनक माना जाता है। उन्होने ही नेपाल के एकीकरण अभियान की शुरूआत की थी। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पृथ्वी नारायण शाह · और देखें »

पेयजल उपलब्धता के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

इस सूची में भारत के राज्य और केन्द्र-शासित प्रदेश पीने योग्य जल की उपलब्धता के आधार पर क्रमबद्ध हैं। यह सूची भारत सरकार द्वारा प्रकाशित 2011 भारत की जनगणना प्रतिवेदन से ली गई है। इस सूची में क्रम-स्थिति प्रतिशत के आधार पर है। इस सूची में पंजाब 97.6% घरों तक पीने योग्य जल की उपलब्धता के साथ सबसे ऊपर है जबकि बिहार 33.5% के साथ सबसे नीचे। राष्ट्रीय औसत 85.5% है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पेयजल उपलब्धता के आधार पर भारत के राज्यों की सूची · और देखें »

पीर पंजाल पर्वतमाला

पीर पंजाल पर्वतमाला (Pir Panjal Range) हिमालय की एक पर्वतमाला है जो भारत के हिमाचल प्रदेश व जम्मू और कश्मीर राज्यों और पाक-अधिकृत कश्मीर में चलती है। हिमालय में धौलाधार और पीर पंजाल शृंख्लाओं की ओर ऊँचाई बढ़ने लगती है और पीर पंजाल निचले हिमालय की सर्वोच्च शृंख्ला है। सतलुज नदी के किनारे यह हिमालय के मुख्य भाग से अलग होकर अपने एक तरफ़ ब्यास और रावी नदियाँ और दूसरी तरफ़ चेनाब नदी रखकर चलने लगती है। पश्चिम में आगे जाकर उत्तरी पाकिस्तानी पंजाब और ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा की पहाड़ी गलियाँ इसी पीर पंजाल शृंख्ला का अंतिम कम-ऊँचाई वाला भाग है। इसी में उत्तरी पंजाब का मरी हिल-स्टेशन स्थित है। पाक-अधिकृत कश्मीर के बाग़ ज़िले में गंगा चोटी पीर पंजाल शृंख्ला का एक प्रसिद्ध ३,०४४ मीटर (९,९८७ फ़ुट) ऊँचा पर्वत व पर्यटन-स्थल है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और पीर पंजाल पर्वतमाला · और देखें »

बद्दी

बद्दी चंडीगढ़ के निकट हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित भारत का एक प्रमुख औद्योगिक नगर है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बद्दी · और देखें »

बाणासुर

हिन्दू कहानियों में बाणासुर (जिन्हें बाणा भी कहा जाता है) बलि के पुत्र और हज़ार भुजाओं वाले असुर राजा थे। ऐसा माना जाता है कि बाणासुर ने वर्तमान असम के केन्द्रिय भाग पर शासन किया जिसकी राजधानी शोणितपुर (वर्तमान तेजपुर) थी। कहानियों के अनुसार बाणासुर किरट राजा थे। हालांकि हिमाचल की लोककथाओं के अनुसार वो शोणितपुर के राजा थे जो वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में सारहण के रूप में जाना जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बाणासुर · और देखें »

बाथू की लड़ी

बाथू मंदिर, स्थानीय स्तर पर  बाथू की लड़ी, हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जनपद में मंदिरों का एक गुच्छ (समूह) है। यह मंदिर 1970 में पोंग बाँध (Pong dam) निर्माण के कारण बने जलाशय महाराणा प्रताप सागर में जलमग्न हैं। मंदिर-समूह तक केवल मई-जून में ही पहुँच सकते हैं, जब जल-स्तर घटता है। मंदिर-समूह तक धमेटा और नागराता सुरिया से नाव द्वारा एवं ज्वाली से सड़क मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बाथू की लड़ी · और देखें »

बादल फटना

बादल फटना, (अन्य नामः मेघस्फोट, मूसलाधार वृष्टि) बारिश का एक चरम रूप है। इस घटना में बारिश के साथ कभी कभी गरज के साथ ओले भी पड़ते हैं। सामान्यत: बादल फटने के कारण सिर्फ कुछ मिनट तक मूसलाधार बारिश होती है लेकिन इस दौरान इतना पानी बरसता है कि क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बादल फटने की घटना अमूमन पृथ्वी से १५ किलोमीटर की ऊंचाई पर घटती है। इसके कारण होने वाली वर्षा लगभग १०० मिलीमीटर प्रति घंटा की दर से होती है। कुछ ही मिनट में २ सेंटी मीटर से अधिक वर्षा हो जाती है, जिस कारण भारी तबाही होती है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बादल फटना · और देखें »

बाबा फकीर चंद

बाबा फकीर चंद (१८ नवंबर, १८८६ - ११ सितंबर, १९८१) सुरत शब्द योग अर्थात मृत्यु अनुभव के सचेत और नियंत्रित अनुभव के साधक और भारतीय गुरु थे। वे संतमत के पहले गुरु थे जिन्होंने व्यक्ति में प्रकट होने वाले अलौकिक रूपों और उनकी निश्चितता के छा जाने वाले उस अनुभव के बारे में बात की जिसमें उस व्यक्ति को चैतन्य अवस्था में इसकी कोई जानकारी नहीं थी जिसका कहीं रूप प्रकट हुआ था। इसे अमरीका के कैलीफोर्निया में दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर डॉ॰ डेविड सी. लेन ने नई शब्दावली 'चंदियन प्रभाव' के रूप में व्यक्त किया और उल्लेख किया। राधास्वामी मत सहित नए धार्मिक आंदोलनों के शोधकर्ता मार्क ज्यर्गंसमेयेर ने फकीर का साक्षात्कार लिया जिसने फकीर के अंतर्तम को उजागर किया। यह साक्षात्कार फकीर की आत्मकथा का अंश बना। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बाबा फकीर चंद · और देखें »

बाबा बालकनाथ

बाबा बालकनाथ जी हिन्दू आराध्य हैं, जिनको उत्तर-भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली में बहुत श्रद्धा से पूजा जाता है, इनके पूजनीय स्थल को “दयोटसिद्ध” के नाम से जाना जाता है, यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के चकमोह गाँव की पहाड़ी के उच्च शिखर में स्थित है। मंदिर में पहाडी के बीच एक प्राकॄतिक गुफा है, ऐसी मान्यता है, कि यही स्थान बाबाजी का आवास स्थान था। मंदिर में बाबाजी की एक मूर्ति स्थित है, भक्तगण बाबाजी की वेदी में “ रोट” चढाते हैं, “ रोट ” को आटे और चीनी/गुड को घी में मिलाकर बनाया जाता है। यहाँ पर बाबाजी को बकरा भी चढ़ाया जाता है, जो कि उनके प्रेम का प्रतीक है, यहाँ पर बकरे की बलि नहीं चढ़ाई जाती बल्कि उनका पालन पोषण करा जाता है। बाबाजी की गुफा में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबन्ध है, लेकिन उनके दर्शन के लिए गुफा के बिलकुल सामने एक ऊँचा चबूतरा बनाया गया है, जहाँ से महिलाएँ उनके दूर से दर्शन कर सकती हैं। मंदिर से करीब छहः कि॰मी॰ आगे एक स्थान “शाहतलाई” स्थित है, ऐसी मान्यता है, कि इसी जगह बाबाजी “ध्यानयोग” किया करते थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बाबा बालकनाथ · और देखें »

बाबा कांशीराम

बाबा कांशीराम (11 जुलाई 1882 – 15 अक्टूबर 1943)) भारत के स्वतंत्रता सेनानी तथा क्रांतिकारी साहित्यकार थे। उन्होंने काव्य से सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक व सांस्कृतिक शोषण के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्हें 'पहाड़ी गांधी' के नाम से जाना जाता है। उन्होंने जनसाधारण की भाषा में चेतना का संदेश दिया। बाबा कांशी राम की रचनाओं में जनजागरण की प्रमुख धाराओं के अतिरिक्त छुआछूत उन्मूलन, हरिजन प्रेम, धर्म के प्रति आस्था, विश्वबंधुत्व व मानव धर्म के दर्शन होते हैं। बाबा कांशी राम ने अंग्रेज शासकों के विरुद्ध विद्रोह के गीतों के साथ आम जनता के दुख दर्द को भी कविताओं में व्यक्त किया गया। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बाबा कांशीराम · और देखें »

बाल पोषाहार के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

भारत के राज्यों यह सूची बाल पूरक पोषण कार्यक्रम के प्रभावी कवरेज की स्थिति के आधार पर है। इस सूची के आँकड़े योजना आयोग द्वारा प्रकाशित 2011 समेकित बाल विकास सेवा मूल्यांकन रिपोर्ट से लिए गए हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बाल पोषाहार के आधार पर भारत के राज्यों की सूची · और देखें »

बाहुन

बाहुन नेपाल के पहाडी खस समुदायके ब्राह्मण एवम् पुजारी जाति है। ये नेपालके दुस्रे सर्वाधिक जनसंख्या वाले समुदाय है। नेपाली साहित्यमे इस जातिके जोडदार योगदान है। नेपाली राजनीतिमे इस जातिके योगदान है। नेपाली खोजकर्ता एवम् इतिहासकार डोरबहादुर विष्ट और सूर्यमणि अधिकारीके अनुसार ये जाति अन्य खस जाति जैसे नेपालके पश्चिमी कर्णाली इलाकाके विभिन्न गाउँसे उत्पत्ति हुए है। ये हिन्द-आर्य भाषा परिवार के नेपाली भाषा बोल्ते है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बाहुन · और देखें »

बिपिन चन्द्र

बिपिन चन्द्र (१९२८ – ३० अगस्त २०१४) आधुनिक भारत के इतिहास के इतिहासकार थे। प्रोफेसर बिपिन चन्द्र भारत के स्वतंत्रता संघर्ष और आधुनिक इतिहास लेखन परंपरा में मार्क्सवादी चिंतन धारा के इतिहासकार थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बिपिन चन्द्र · और देखें »

बिलासपुर

कोई विवरण नहीं।

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बिलासपुर · और देखें »

बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश)

बिलासपुर भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। सतलुज नदी के दक्षिण पूर्वी हिस्‍से में स्थित बिलासपुर समुद्र तल से 670 मीटर की ऊंचाई पर है। यह नगर धार्मिक पर्यटन में रूचि रखने वाले लोगों को काफी रास आता है। न्‍यू‍ बिलासपुर टाउनशिप को देश का सबसे प्रथम नियोजित हिल टाउन के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है। यहां के नैना देवी का मंदिर निकट और दूर दराज के लोगों के बीच आकर्षण का केन्‍द्र रहता है। यहां बना भांखडा बांध भी अपनी ग्रेविटी के लिए पूरे विश्‍व में जाना जाता है। बिलासपुर को प्राचीन किलों के लिए भी जाना जाता है। यहां आने वाले सैलानियों का अनुभव अन्‍य स्‍थानों से एकदम अलग होता है। कुछ अलग तरह के पर्यटन के शौकीन लोगों को यह स्‍थान काफी पसंद आता है। इसके उत्‍तर में मंडी और हमीरपुर जिले हैं, पश्चिम में ऊना और दक्षिण में सोलन जिले का नालागढ़ का क्षेत्र है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) · और देखें »

बिष्ट

बिष्ट व विष्ट संस्कृत के विशिष्ट नामक शब्द का अपभ्रंश है। इसे हजारों वर्ष पूर्व, हिमालयी क्षेत्र के कुछ खण्डों नेपाल, कुर्मान्चल (कुमांऊॅं), केदारखण्ड (गढ़वाल), जालन्धर (हिमाचल प्रदेश), और सुरम्य कश्मीर में उपनाम के रूप प्रयोग किया जाता है। इस उपनाम की उत्पत्ति का आधार अभी तक अज्ञात ही है। यह उपनाम रूपी शब्द नाम के पश्चात ही लगाया जाता है, जाे आज भी इन्हीं क्षेत्रों में प्रयाेग किया जाता है। यह बिष्ट नामक उपनाम अधिकॉशत: ठाकुर, क्षत्रिय यानि हिन्दू राजपूत लोग ही अपने नाम के साथ लगाते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बिष्ट · और देखें »

बजरंग बहादुर सिंह

राजा बजरंग बहादुर सिंह (१९०५-१९७३) राजनीतिज्ञ एवं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी थे। वे हिमाचल प्रदेश के उपराज्यपाल व अवध की तालुकदारी रियासत भदरी (वर्तमान में, प्रतापगढ़ जिला में) के राजा थे। वे महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में सक्रिय रहे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बजरंग बहादुर सिंह · और देखें »

बंगाणा

बंगाणा हिमाचल प्रदेश के जिला उना की पाँच तहसीलों में से एक है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बंगाणा · और देखें »

बंगाल प्रेसीडेंसी

बंगाल प्रेसीडेंसी ब्रिटिश भारत का एक उपनिवेशित क्षेत्र था; यह क्षेत्र अविभाजित बंगाल से बना था। बंगाल के ये क्षेत्र आज बांग्लादेश और भारत के निम्न राज्यों में विभाजित हैं.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बंगाल प्रेसीडेंसी · और देखें »

बुरांस

बुरांस या बुरुंश (रोडोडेंड्रॉन / Rhododendron) सुन्दर फूलों वाला एक वृक्ष है। बुरांस का पेड़ उत्तराखंड का राज्य वृक्ष है, तथा नेपाल में बुरांस के फूल को राष्ट्रीय फूल घोषित किया गया है। गर्मियों के दिनों में ऊंची पहाड़ियों पर खिलने वाले बुरांस के सूर्ख फूलों से पहाड़ियां भर जाती हैं। हिमाचल प्रदेश में भी यह पैदा होता है। बुरांश हिमालयी क्षेत्रों में 1500 से 3600 मीटर की मध्यम ऊंचाई पर पाया जाने वाला सदाबहार वृक्ष है। बुरांस के पेड़ों पर मार्च-अप्रैल माह में लाल सूर्ख रंग के फूल खिलते हैं। बुरांस के फूलों का इस्तेमाल दवाइयों में किया जाता है, वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल स्रोतों को यथावत रखने में बुरांस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बुरांस के फूलों से बना शरबत हृदय-रोगियों के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। बुरांस के फूलों की चटनी और शरबत बनाया जाता है, वहीं इसकी लकड़ी काुपयोग कृषि यंत्रों के हैंडल बनाने में किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी वृद्ध लोग बुरांश के मौसम् के समय घरों में बुरांस की चटनी बनवाना नहीं भूलते। बुरांस की चटनी ग्रामीण क्षेत्रों में काफी पसंद की जाती है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बुरांस · और देखें »

बुंदला जलप्रपात

बुंदला जलप्रपात हिमाचल प्रदेश में स्थित एक जलप्रपात है। श्रेणी:भारत के जल प्रपात श्रेणी:हिमाचल प्रदेश.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बुंदला जलप्रपात · और देखें »

ब्यास नदी

चेनाब नदी ब्यास (Beas, ਬਿਆਸ, विपाशा) पंजाब (भारत) हिमाचल में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। नदी की लम्बाई 470 किलोमीटर है। पंजाब (भारत) की पांच प्रमुख नदियों में से एक है। इसका उल्लेख ऋग्वेद में केवल एक बार है। बृहद्देवता में शतुद्री या सतलुज और विपाशा का एक साथ उल्लेख है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और ब्यास नदी · और देखें »

ब्रिटिश राज

ब्रिटिश राज 1858 और 1947 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश द्वारा शासन था। क्षेत्र जो सीधे ब्रिटेन के नियंत्रण में था जिसे आम तौर पर समकालीन उपयोग में "इंडिया" कहा जाता था‌- उसमें वो क्षेत्र शामिल थे जिन पर ब्रिटेन का सीधा प्रशासन था (समकालीन, "ब्रिटिश इंडिया") और वो रियासतें जिन पर व्यक्तिगत शासक राज करते थे पर उन पर ब्रिटिश क्राउन की सर्वोपरिता थी। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और ब्रिटिश राज · और देखें »

ब्रिटिशकालीन भारत के रियासतों की सूची

सन १९१९ में भारतीय उपमहाद्वीप की मानचित्र। ब्रितिश साशित क्षेत्र व स्वतन्त्र रियासतों के क्षेत्रों को दरशाया गया है सन १९४७ में स्वतंत्रता और विभाजन से पहले भारतवर्ष में ब्रिटिश शासित क्षेत्र के अलावा भी छोटे-बड़े कुल 565 स्वतन्त्र रियासत हुआ करते थे, जो ब्रिटिश भारत का हिस्सा नहीं थे। ये रियासतें भारतीय उपमहाद्वीप के वो क्षेत्र थे, जहाँ पर अंग्रेज़ों का प्रत्यक्ष रूप से शासन नहीं था, बल्कि ये रियासत सन्धि द्वारा ब्रिटिश राज के प्रभुत्व के अधीन थे। इन संधियों के शर्त, हर रियासत के लिये भिन्न थे, परन्तु मूल रूप से हर संधि के तहत रियासतों को विदेश मामले, अन्य रियासतों से रिश्ते व समझौते और सेना व सुरक्षा से संबंधित विषयों पर ब्रिटिशों की अनुमति लेनी होती थी, इन विषयों का प्रभार प्रत्यक्ष रूप से अंग्रेजी शासन पर था और बदले में ब्रिटिश सरकार, शासकों को स्वतन्त्र रूप से शासन करने की अनुमती देती थी। सन १९४७ में भारत की स्वतंत्रता व विभाजन के पश्चात सिक्किम के अलावा अन्य सभी रियासत या तो भारत या पाकिस्तान अधिराज्यों में से किसी एक में शामिल हो गए, या उन पर कब्जा कर लिया गया। नव स्वतंत्र भारत में ब्रिटिश भारत की एजेंसियों को "दूसरी श्रेणी" के राज्यों का दर्जा दिया गया (उदाहरणस्वरूप: "सेंट्रल इण्डिया एजेंसी", "मध्य भारत राज्य" बन गया)। इन राज्यों के मुखिया को राज्यपाल नहीं राजप्रमुख कहा जाता था। १९५६ तक "राज्य पुनर्गठन अयोग" के सुझाव पर अमल करते हुए भारत सरकार ने राज्यों को पुनर्गठित कर वर्तमान स्थिती में लाया। परिणामस्वरूप सभी रियासतों को स्वतंत्र भारत के राज्यों में विलीन कर लिया गया। इस तरह रियासतों का अंत हो गया। सन १९६२ में प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के शासनकाल के दौरान इन रियासतों के शासकों के निजी कोशों को एवं अन्य सभी ग़ैर-लोकतान्त्रिक रियायतों को भी रद्ध कर दिया गया .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और ब्रिटिशकालीन भारत के रियासतों की सूची · और देखें »

ब्रज कुमार नेहरू

ब्रज कुमार नेहरू, आयसीएस (4 सितम्बर 1909 – 31 अक्टूबर 2001) एक भारतीय राजनयिक और संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय राजदूत (1961-1968) थे। वो भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के चचेरे भाई बृजलाल और रामेश्वरी नेहरू के पुत्र थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और ब्रज कुमार नेहरू · और देखें »

बैसाखी

बैसाखी नाम वैशाख से बना है। पंजाब और हरियाणा के किसान सर्दियों की फसल काट लेने के बाद नए साल की खुशियाँ मनाते हैं। इसीलिए बैसाखी पंजाब और आसपास के प्रदेशों का सबसे बड़ा त्योहार है। यह रबी की फसल के पकने की खुशी का प्रतीक है। इसी दिन, 13 अप्रैल 1699 को दसवें गुरु गोविंद सिंहजी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। सिख इस त्योहार को सामूहिक जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बैसाखी · और देखें »

बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश)

बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले का एक कस्बा है। यह पालमपुर से लगभग १४ किमी दूरी पर है। यहाँ पर हिन्दुओं के द्वादश (बारह) ज्योतिलिंगों में से एक है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश) · और देखें »

बैजनाथ मंदिर

बैजनाथ मंदिर बैजनाथ में स्थित नागर शैली में बना हिंदू मंदिर है। यह 1204 ईस्वी में अहुका और मन्युका नामक दो स्थानीय व्यापारियों ने बनवाया था। यह वैद्यनाथ (चिकित्सकों के प्रभु) के रूप में भगवान शिव को समर्पित है।  शिलालेखों के अनुसार वर्तमान बैजनाथ मंदिर के निर्माण से पूर्व भगवान शिव के मंदिर का अस्तित्व था। मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग है। बाहरली दीवारों में अनेकों चित्रों की नक्काशी हुई है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बैजनाथ मंदिर · और देखें »

बेरोज़गारी की दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

यह सूची भारत के प्रमुख राज्यों को बेरोज़गारी दर के आधार पर सूचीबद्ध करती है। यह सूची भारत सरकार के सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मन्त्रालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (ऍन०ऍस०ऍस०) प्रतिवेदन से संकलित है। कुछ पूर्वोत्तर राज्यों और अन्य छोटे राज्यों के आँकड़े अनुपलब्ध हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और बेरोज़गारी की दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची · और देखें »

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत · और देखें »

भारत में पर्यटन

हर साल, 3 मिलियन से अधिक पर्यटक आगरा में ताज महल देखने आते हैं। भारत में पर्यटन सबसे बड़ा सेवा उद्योग है, जहां इसका राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6.23% और भारत के कुल रोज़गार में 8.78% योगदान है। भारत में वार्षिक तौर पर 5 मिलियन विदेशी पर्यटकों का आगमन और 562 मिलियन घरेलू पर्यटकों द्वारा भ्रमण परिलक्षित होता है। 2008 में भारत के पर्यटन उद्योग ने लगभग US$100 बिलियन जनित किया और 2018 तक 9.4% की वार्षिक वृद्धि दर के साथ, इसके US$275.5 बिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है। भारत में पर्यटन के विकास और उसे बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय नोडल एजेंसी है और "अतुल्य भारत" अभियान की देख-रेख करता है। विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद के अनुसार, भारत, सर्वाधिक 10 वर्षीय विकास क्षमता के साथ, 2009-2018 से पर्यटन का आकर्षण केंद्र बन जाएगा.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत में पर्यटन · और देखें »

भारत में महिलाएँ

ताज परिसर में भारतीय महिलाएँऐश्वर्या राय बच्चन की अक्सर उनकी सुंदरता के लिए मीडिया द्वारा प्रशंसा की जाती है।"विश्व की सर्वाधिक सुंदर महिला?"cbsnews.com. अभिगमन तिथि २७ अक्टूबर २००७01 भारत में महिलाओं की स्थिति ने पिछली कुछ सदियों में कई बड़े बदलावों का सामना किया है। प्राचीन काल में पुरुषों के साथ बराबरी की स्थिति से लेकर मध्ययुगीन काल के निम्न स्तरीय जीवन और साथ ही कई सुधारकों द्वारा समान अधिकारों को बढ़ावा दिए जाने तक, भारत में महिलाओं का इतिहास काफी गतिशील रहा है। आधुनिक भारत में महिलाएं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोक सभा अध्यक्ष, प्रतिपक्ष की नेता आदि जैसे शीर्ष पदों पर आसीन हुई हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत में महिलाएँ · और देखें »

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की राजमार्ग संख्या अनुसार सूची

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची इस प्रकार से है। इसे राज्य, राजमार्ग संख्या, कुल लंबाई इत्यादि किसी भी क्रम से चुना व छांटा जा सकता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की राजमार्ग संख्या अनुसार सूची · और देखें »

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (राजमार्ग संख्यानुसार)

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का आकारीय नक्शा  28 अप्रैल 2010 को, सड़क परिवहन और राजमार्ग मन्त्रालय ने आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के लिए भारत सरकार के राजपत्र में एक नई संख्यांकन प्रणाली प्रकाशित की। यह एक व्यवस्थित संख्यांकन योजना हैं, जो राजमार्ग अभिविन्यास और भौगोलिक स्थान पर आधारित हैं। मौजूदा और नए राष्ट्रीय राजमार्गों के संख्यांकन में अधिक लचीलापन और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए, इसे अपनाया गया। नई संख्यांकन प्रणाली के अनुसार -.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (राजमार्ग संख्यानुसार) · और देखें »

भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची

शिकोहाबाद तहसील के ग्राम नगला भाट में श्री मुकुट सिंह यादव जो ग्राम पंचायत रूपसपुर से प्रधान भी रहे हैं उनके तीन पुत्र हैं गजेंद्र यादव नगेन्द्र यादव पुष्पेंद्र यादव प्रधान जी का जन्म सन १९५० में हुआ था उन्होंने अपना सारा जीवन ग़रीबों के लिए क़ुर्बान कर दिया था और वो ५ भाईओ में सबसे छोटे थे और अपने परिवार को बाँधे रखा ११ मार्च २०१५ को उनका देहावसान हो गया ! वो आज भी हमारे दिलों में ज़िंदा हैं इस लेख में भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची है। भारत में रेलवे स्टेशनों की कुल संख्या 7,000 और 8,500 के बीच अनुमानित है। भारतीय रेलवे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने के साथ दुनिया में चौथा सबसे बड़ा नियोक्ता है। सूची तस्वीर गैलरी निम्नानुसार है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची · और देखें »

भारत में संचार

भारतीय दूरसंचार उद्योग दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता दूरसंचार उद्योग है, जिसके पास अगस्त 2010http://www.trai.gov.in/WriteReadData/trai/upload/PressReleases/767/August_Press_release.pdf तक 706.37 मिलियन टेलीफोन (लैंडलाइन्स और मोबाइल) ग्राहक तथा 670.60 मिलियन मोबाइल फोन कनेक्शन्स हैं। वायरलेस कनेक्शन्स की संख्या के आधार पर यह दूरसंचार नेटवर्क मुहैया करने वाले देशों में चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारतीय मोबाइल ग्राहक आधार आकार में कारक के रूप में एक सौ से अधिक बढ़ी है, 2001 में देश में ग्राहकों की संख्या लगभग 5 मिलियन थी, जो अगस्त 2010 में बढ़कर 670.60 मिलियन हो गयी है। चूंकि दूरसंचार उद्योग दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2013 तक भारत में 1.159 बिलियन मोबाइल उपभोक्ता हो जायेंगे.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत में संचार · और देखें »

भारत में हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म भारत का सबसे बड़ा और मूल धार्मिक समूह है और भारत की 79.8% जनसंख्या (96.8 करोड़) इस धर्म की अनुयाई है। भारत में वैदिक संस्कृति का उद्गम २००० से १५०० ईसा पूर्व में हुआ था। जिसके फलस्वरूप हिन्दू धर्म को, वैदिक धर्म का क्रमानुयायी माना जाता है, जिसका भारतीय इतिहास पर गहन प्रभाव रहा है। स्वयं इण्डिया नाम भी यूनानी के Ἰνδία (इण्डस) से निकला है, जो स्वयं भी प्राचीन फ़ारसी शब्द हिन्दू से निकला, जो संस्कृत से सिन्धु से निकला, जो इस क्षेत्र में बहने वाली सिन्धु नदी के लिए प्रयुक्त किया गया था। भारत का एक अन्य प्रचलित नाम हिन्दुस्तान है, अर्थात "हिन्दुओं की भूमि"। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत में हिन्दू धर्म · और देखें »

भारत में विमानक्षेत्रों की सूची

यह सूची भारत के विमानक्षेत्रों की है। भारत में विमानक्षेत्रों और बंदरगाहों को दर्शाता हुआ मानचित्र .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत में विमानक्षेत्रों की सूची · और देखें »

भारत में विश्वविद्यालयों की सूची

यहाँ भारत में विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है। भारत में सार्वजनिक और निजी, दोनों विश्वविद्यालय हैं जिनमें से कई भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा समर्थित हैं। इनके अलावा निजी विश्वविद्यालय भी मौजूद हैं, जो विभिन्न निकायों और समितियों द्वारा समर्थित हैं। शीर्ष दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालयों के तहत सूचीबद्ध विश्वविद्यालयों में से अधिकांश भारत में स्थित हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत में विश्वविद्यालयों की सूची · और देखें »

भारत में आए भूकम्पों की सूची

भारतीय उपमहाद्वीप के भूकम्पों का एक इतिहास है। भारतीय प्लेट एशिया के भीतर 49 मिलीमीटर प्रतिवर्ष.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत में आए भूकम्पों की सूची · और देखें »

भारत में इस्लाम

भारतीय गणतंत्र में हिन्दू धर्म के बाद इस्लाम दूसरा सर्वाधिक प्रचलित धर्म है, जो देश की जनसंख्या का 14.2% है (2011 की जनगणना के अनुसार 17.2 करोड़)। भारत में इस्लाम का आगमन करीब 7वीं शताब्दी में अरब के व्यापारियों के आने से हुआ था (629 ईसवी सन्‌) और तब से यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक अभिन्न अंग बन गया है। वर्षों से, सम्पूर्ण भारत में हिन्दू और मुस्लिम संस्कृतियों का एक अद्भुत मिलन होता आया है और भारत के आर्थिक उदय और सांस्कृतिक प्रभुत्व में मुसलमानों ने महती भूमिका निभाई है। हालांकि कुछ इतिहासकार ये दावा करते हैं कि मुसलमानों के शासनकाल में हिंदुओं पर क्रूरता किए गए। मंदिरों को तोड़ा गया। जबरन धर्मपरिवर्तन करा कर मुसलमान बनाया गया। ऐसा भी कहा जाता है कि एक मुसलमान शासक टीपू शुल्तान खुद ये दावा करता था कि उसने चार लाख हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवाया था। न्यूयॉर्क टाइम्स, प्रकाशित: 11 दिसम्बर 1992 विश्व में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां सरकार हज यात्रा के लिए विमान के किराया में सब्सिडी देती थी और २००७ के अनुसार प्रति यात्री 47454 खर्च करती थी। हालांकि 2018 से रियायत हटा ली गयी है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत में इस्लाम · और देखें »

भारत का भूगोल

भारत का भूगोल या भारत का भौगोलिक स्वरूप से आशय भारत में भौगोलिक तत्वों के वितरण और इसके प्रतिरूप से है जो लगभग हर दृष्टि से काफ़ी विविधतापूर्ण है। दक्षिण एशिया के तीन प्रायद्वीपों में से मध्यवर्ती प्रायद्वीप पर स्थित यह देश अपने ३२,८७,२६३ वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है। साथ ही लगभग १.३ अरब जनसंख्या के साथ यह पूरे विश्व में चीन के बाद दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भी है। भारत की भौगोलिक संरचना में लगभग सभी प्रकार के स्थलरूप पाए जाते हैं। एक ओर इसके उत्तर में विशाल हिमालय की पर्वतमालायें हैं तो दूसरी ओर और दक्षिण में विस्तृत हिंद महासागर, एक ओर ऊँचा-नीचा और कटा-फटा दक्कन का पठार है तो वहीं विशाल और समतल सिन्धु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान भी, थार के विस्तृत मरुस्थल में जहाँ विविध मरुस्थलीय स्थलरुप पाए जाते हैं तो दूसरी ओर समुद्र तटीय भाग भी हैं। कर्क रेखा इसके लगभग बीच से गुजरती है और यहाँ लगभग हर प्रकार की जलवायु भी पायी जाती है। मिट्टी, वनस्पति और प्राकृतिक संसाधनो की दृष्टि से भी भारत में काफ़ी भौगोलिक विविधता है। प्राकृतिक विविधता ने यहाँ की नृजातीय विविधता और जनसंख्या के असमान वितरण के साथ मिलकर इसे आर्थिक, सामजिक और सांस्कृतिक विविधता प्रदान की है। इन सबके बावजूद यहाँ की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक एकता इसे एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करती है। हिमालय द्वारा उत्तर में सुरक्षित और लगभग ७ हज़ार किलोमीटर लम्बी समुद्री सीमा के साथ हिन्द महासागर के उत्तरी शीर्ष पर स्थित भारत का भू-राजनैतिक महत्व भी बहुत बढ़ जाता है और इसे एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित करता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत का भूगोल · और देखें »

भारत के निजी विश्वविद्यालयों की सूची

भारत में उच्च शिक्षा प्रणाली के अन्तर्गत सार्वजनिक और निजी दोनों प्रकार के विश्वविद्यालय सम्मिलित हैं। सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को भारत के केन्द्रीय सरकार तथा राज्य सरकारों से सहायता मिलती है जबकि निजी विश्वविद्यालय विभिन्न निजी संस्थाओं एवं सोसायटी के द्वारा संचालित होते हैं। भारत में विश्वविद्यालयों की मान्यता विश्वविद्यालय अनुदान आयोग देता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के निजी विश्वविद्यालयों की सूची · और देखें »

भारत के प्रथम

यहाँ पर भारत के उन व्यक्तियों, समूहों और संस्थाओं का संकलन है जो किसी श्रेणी में प्रथम हैं/थे।.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के प्रथम · और देखें »

भारत के प्रशासनिक विभाग

प्रशासनिक दृष्टि से भारत राज्यों या प्रान्तों में विभक्त है; राज्य, जनपदों (या जिलों) में विभक्त हैं, जिले तहसील (तालुक या मण्डल) में विभक्त हैं। यह विभाजन और नीचे तक गया है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के प्रशासनिक विभाग · और देखें »

भारत के बायोस्फीयर रिजर्व

भारत सरकार ने देश भर में १८ बायोस्फीयर भंडार स्थापित किए हैं। ये बायोस्फीयर भंडार भौगोलिक रूप से जीव जंतुओं के प्राकृतिक भू-भाग की रक्षा करते हैं और अकसर आर्थिक उपयोगों के लिए स्थापित बफर जोनों के साथ एक या ज्यादा राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण्य को संरक्षित रखने का काम करते हैं। संरक्षण न केवल संरक्षित क्षेत्र के वनस्पतियों और जीवों के लिए दिया जाता है, बल्कि इन क्षेत्रों में रहने वाले मानव समुदायों को भी दिया जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के बायोस्फीयर रिजर्व · और देखें »

भारत के राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की सूची

भारत में, राष्ट्रीय महत्व के स्मारक, भारत में स्थित वे ऐतिहासिक, प्राचीन अथवा पुरातात्विक संरचनाएँ, स्थल या स्थान हैं, जोकि, प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 किए अधीन, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के माध्यम से भारत की संघीय सरकार या राज्य सरकारों द्वारा संरक्षिक होती हैं। ऐसे स्मारकों को "राष्ट्रीय महत्व का स्मारक" होने के मापदंड, प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 द्वारा परिभाषित किये गए हैं। ऐसे स्मारकों को इस अधिनियम के मापदंडों पर खरा उतरने पर, एक वैधिक प्रक्रिया के तहत पहले "राष्ट्रीय महत्व" का घोषित किया जाता है, और फिर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के संसाक्षणाधीन कर दिया जाता है, ताकि उनकी ऐतिहासिक महत्व क्व मद्देनज़र, उनकी उचित देखभाल की जा सके। वर्त्तमान समय में, राष्ट्रीय महत्व के कुल 3650 से अधिक प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष देश भर में विद्यमान हैं। ये स्मारक विभिन्न अवधियों से संबंधित है जो प्रागैतिहासिक अवधि से उपनिवेशी काल तक के हैं, जोकि विभिन्न भूगोलीय स्थितियों में स्थित हैं। इनमें मंदिर, मस्जिद, मकबरे, चर्च, कब्रिस्तान, किले, महल, सीढ़ीदार, कुएं, शैलकृत गुफाएं, दीर्घकालिक वास्तुकला तथा साथ ही प्राचीन टीले तथा प्राचीन आवास के अवशेषों का प्रतिनिधित्व करने वाले स्थल शामिल हैं। इन स्मारकों तथा स्थलों का रखरखाव तथा परिरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के विभिन्न मंडलों द्वारा किया जाता है जो पूरे देश में फैले हुए हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की सूची · और देखें »

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (संख्या के क्रम में) भारत के राजमार्गो की एक सूची है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार · और देखें »

भारत के राष्ट्रीय उद्यान

नीचे दी गयी सूची भारत के राष्ट्रीय उद्यानों की है। 1936 में भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान था- हेली नेशनल पार्क, जिसे अब जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाना जाता है। १९७० तक भारत में केवल ५ राष्ट्रीय उद्यान थे। १९८० के दशक में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अलावा वन्य जीवों की सुरक्षार्थ कई अन्य वैधानिक प्रावधान लागू हुए.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के राष्ट्रीय उद्यान · और देखें »

भारत के राजनीतिक दलों की सूची

भारत में बहुदलीय प्रणाली बहु-दलीय पार्टी व्यवस्था है जिसमें छोटे क्षेत्रीय दल अधिक प्रबल हैं। राष्ट्रीय पार्टियां वे हैं जो चार या अधिक राज्यों में मान्यता प्राप्त हैं। उन्हें यह अधिकार भारत के चुनाव आयोग द्वारा दिया जाता है, जो विभिन्न राज्यों में समय समय पर चुनाव परिणामों की समीक्षा करता है। इस मान्यता की सहायता से राजनीतिक दल कुछ पहचानों पर अपनी स्थिति की अगली समीक्षा तक विशिष्ट स्वामित्व का दावा कर सकते हैं जैसे की पार्टी चिन्ह.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के राजनीतिक दलों की सूची · और देखें »

भारत के राज्य (सकल घरेलू उत्पाद के अनुसार)

यह भारत के राज्यों और संघ शासित क्षेत्र की वित्तीय वर्ष 2010 मे सकल घरेलू उत्पाद के अनुसार एक सूची है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के राज्य (सकल घरेलू उत्पाद के अनुसार) · और देखें »

भारत के राज्य (कर राजस्व के अनुसार)

यह भारत के राज्यों की उनकी कर राजस्व के अनुसार सूचि है। यह तेरहवें वित्त आयोग द्वारा किया गया है। श्रेणी:भारत के राज्य.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के राज्य (कर राजस्व के अनुसार) · और देखें »

भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश

भारत राज्यों का एक संघ है। इसमें उन्तीस राज्य और सात केन्द्र शासित प्रदेश हैं। ये राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश पुनः जिलों और अन्य क्षेत्रों में बांटे गए हैं।.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश · और देखें »

भारत के राज्य और संघ क्षेत्र और उनके दो वर्ण वाले कोड

यह सूची भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों के संक्षिप्त नामानुसार (रोमन में) है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के राज्य और संघ क्षेत्र और उनके दो वर्ण वाले कोड · और देखें »

भारत के राज्यकीय पुष्पों की सूची

कोई विवरण नहीं।

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के राज्यकीय पुष्पों की सूची · और देखें »

भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की राजधानियाँ

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों की राजधानियों की है। भारत में कुल 29 राज्य और 7 केन्द्र-शासित प्रदेश हैं। सभी राज्यों और दो केन्द्र-शासित प्रदेशों, दिल्ली और पौण्डिचेरी, में चुनी हुई सरकारें और विधानसभाएँ होती हैं, जो वॅस्टमिन्स्टर प्रतिमान पर आधारित हैं। अन्य पाँच केन्द्र-शासित प्रदेशों पर देश की केन्द्र सरकार का शासन होता है। 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अन्तर्गत राज्यों का निर्माण भाषाई आधार पर किया गया था, और तबसे यह व्यवस्था लगभग अपरिवर्तित रही है। प्रत्येक राज्य और केन्द्र-शासित प्रदेश प्रशासनिक इकाईयों में बँटा होता है। नीचे दी गई सूची में राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों की विभिन्न प्रकार की राजधानियाँ सूचीबद्ध हैं। प्रशासनिक राजधानी वह होती है जहाँ कार्यकारी सरकार के कार्यालय स्थित होते हैं, वैधानिक राजधानी वह है जहाँ से राज्य विधानसभा संचालित होती है, और न्यायपालिका राजधानी वह है जहाँ उस राज्य या राज्यक्षेत्र का उच्च न्यायालय स्थित होता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की राजधानियाँ · और देखें »

भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की स्थापना तिथि अनुसार सूची

भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की स्थापना तिथि अनुसार सूची में भारत के राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश अपनी स्थापना तिथि के साथ दिए गए हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की स्थापना तिथि अनुसार सूची · और देखें »

भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची जनसंख्या अनुसार

भारत का जनसंख्या घनत्व मानचित्र पर भारत एक संघ है, जो २9 राज्यों एवं सात केन्द्र शासित प्रदेशों से बना है। यहां की २००८ की अनुमानित जनसंख्या 1 अरब 13 करोड़ के साथ भारत विश्व का दूसरा सर्वाधिक जनाकीर्ण देश बन गया है। इससे पहले इस सूछी में बस चीन ही आता है। भारत में विश्व की कुल भूमि का २.४% भाग ही आता है। किंतु इस २.४% भूमि में विश्व की जनसंख्या का १६.९% भाग रहता है। भारत के गांगेय-जमुनी मैदानी क्षेत्रों में विश्व का सबसे बड़ा ऐल्यूवियम बहुल उपत्यका क्षेत्र आता है। यही क्षेत्र विश्व के सबसे घने आवासित क्षेत्रों में से एक है। यहां के दक्खिन पठार के पूर्वी और पश्चिमी तटीय क्षेत्र भी भारत के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में आते हैं। पश्चिमी राजस्थान में थार मरुस्थल विश्व का सबसे घनी आबादी वाला मरुस्थल है। हिमालय के साथ साथ उत्तरी और पूर्वोत्तरी राज्यों में शीत-शुष्क मरुस्थल हैं, जिनके साथ उपत्यका घाटियां हैं। इन राज्यों में अदम्य आवासीय स्थितियों के कारण अपेक्षाकृत कम घनत्व है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची जनसंख्या अनुसार · और देखें »

भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम

कोई विवरण नहीं।

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम · और देखें »

भारत के हिमनदों की सूची

यह भारत के प्रमुख हिमनदों की सूची है। भारत में ज्यादातर हिमनद जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में पाए जाते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के हिमनदों की सूची · और देखें »

भारत के हवाई अड्डे

यह सूची भारत के हवाई यातायात है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के हवाई अड्डे · और देखें »

भारत के जल प्रपात

कर्नाटक का जोग प्रपात भारत के जल प्रपातों की राज्यवार सूची .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के जल प्रपात · और देखें »

भारत के ज़िले

तालुकों में बंटे हैं ज़िला भारतीय राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश का प्रशासनिक हिस्सा होता है। जिले फिर उप-भागों में या सीधे तालुकों में बंटे होते हैं। जिले के अधिकारियों की गिनती में निम्न आते हैं.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के ज़िले · और देखें »

भारत के विश्व धरोहर स्थल

यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित किए गए भारतीय सांस्‍कृतिक और प्राकृतिक स्‍थलों की सूची - .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के विश्व धरोहर स्थल · और देखें »

भारत के अभयारण्य

भारत में 500 से अधिक प्राणी अभयारण्य हैं, जिन्हें वन्य जीवन अभयारण्य (IUCN श्रेणी IV सुरक्षित क्षेत्र) कहा जाता है। इनमें से 28 बाघ अभयारण्य बाघ परियोजना द्वारा संचालित हैं, जो बाघ-संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ वन्य अभयारण्यों को पक्षी-अभयारण्य कहा जाता रहा है, (जैसे केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान) जब तक कि उन्हें राष्ट्रीय उद्यान का दर्ज़ा नहीं मिल गया। कई राष्ट्रीय उद्यान पहले वन्य जीवन अभयारण्य ही थे। कुछ वन्य जीवन अभयारण्य संरक्षण हेतु राष्ट्रीय महत्व रखते हैं, अपनी कुछ मुख्य प्राणी प्रजातियों के कारण। अतः उन्हें राष्ट्रीय वन्य जीवन अभयारण्य कहा जाता है, जैसे.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के अभयारण्य · और देखें »

भारत के उच्च न्यायालयों की सूची

भारतीय उच्च न्यायालय भारत के उच्च न्यायालय हैं। भारत में कुल २४ उच्च न्यायालय है जिनका अधिकार क्षेत्र कोई राज्य विशेष या राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के एक समूह होता हैं। उदाहरण के लिए, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय, पंजाब और हरियाणा राज्यों के साथ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को भी अपने अधिकार क्षेत्र में रखता हैं। उच्च न्यायालय भारतीय संविधान के अनुच्छेद २१४, अध्याय ५ भाग ६ के अंतर्गत स्थापित किए गए हैं। न्यायिक प्रणाली के भाग के रूप में, उच्च न्यायालय राज्य विधायिकाओं और अधिकारी के संस्था से स्वतंत्र हैं .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत के उच्च न्यायालयों की सूची · और देखें »

भारत २०१०

इन्हें भी देखें 2014 भारत 2014 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2014 साहित्य संगीत कला 2014 खेल जगत 2014 .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारत २०१० · और देखें »

भारतमाला परियोजना

भारतमाला परियोजना(Bharatmala Project) एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना हैं। इसके तहत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को भी पूरा किया जाएगा तो अब तक अधूरे हैं। इसमें सीमा और अंतर्राष्‍ट्रीय संयोजकता वाले विकास परियोजना को शामिल किया गया है। बंदरगाहों और सड़क, राष्ट्रीय गलियारों (नेशनल कॉरिडोर्स) को ज्यादा बेहतर बनाना और राष्ट्रीय गलियारों को विकसित करना भी इस परियोजना में शामिल है। इसके अलावा पिछडे इलाकों, धार्मिक और पर्यटक स्थल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाएंगे। चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के बीच संयोजकता बेहतर की जाएगी। सड़कों के विस्तार एवं विकास के लिए बने, 10 लाख करोड़ रुपये के भारतमाला परियोजना, में कई प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) जिसें 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा लॉन्च किया था, सहित सभी मौजूदा राजमार्ग परियोजनाओं को इसमें समाहित कर लिया जायेगा। यह परियोजना गुजरात और राजस्थान से शुरू होकर, पंजाब की ओर चलेगी और फिर पूरे हिमालयी राज्यों - जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड - और तराई इलाकों के साथ उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमाओं को कवर करेगी और पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम में भारत-म्यांमार की सीमा तक जायेगी। आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों सहित दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी प्रदान करने पर विशेष जोर दिया जाएगा। सरकार के मुताबिक योजना के पूरा होने पर, भारतमाला के तहत राजमार्ग की कुल लंबाई 51,000 किलोमीटर होगी। इसके पहले चरण में 29,000 किलोमीटर का विकास 5,5 खरब के परिव्यय के साथ किया जाएगा। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतमाला परियोजना · और देखें »

भारती एयरटेल

भारती एयरटेल, जिसे पहले भारती टेलीवंचर उद्यम लिमिटेड (BTVL) के नाम से जाना जाता था, अब भारत की दूरसंचार व्यवसाय आॅपरेटरों की सबसे बड़ी कंपनी है जिसके जुलाई २००८ तक ६९.४ करोड़ उपभोक्ता थे। यह फिक्स्ड लाइन सेवा तथा ब्रॉडबैंड सेवाएँ भी प्रदान करती हैं। यह अपनी दूरसंचार सेवाएँ एयरटेल के ब्रांड तले प्रदान करती है और इसका नेतृत्व सुनील मित्तल (Sunil Mittal) करते हैं। यह कंपनी १४ सर्किलों में डीएसएल पर टेलीफोन सेवा तथा इंटरनेट की पहुंच भी उपलब्ध कराती है। यह कंपनी लंबी दूरी वाली राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेवाओं के साथ अपने मोबाइल, ब्रॉडबैंड तथा टेलीफोन सेवाओं की पूरक सेवाएँ का कार्य करती है। कंपनी के पास चैन्नई में पनडुब्बी केबल लैंडिंग स्टेशन भी है जो चेन्नई और सिंगापुर को जोड़ने वाली पनडुब्बी केबल को जोड़ता है। कंपनी अपने कॉरपोरेट ग्राहकों को देश में फाइबर आप्टिक बैकबोन द्वारा अंत:दर अंत: आंकड़े तथा उद्यम सेवाएं प्रदान कराती है, इसके अलावा फिक्स्ड लाइन एवं मोबाइल सर्किलों, वीसेट, आईएसपी तथा गेटवे एवं लैंडिंग स्टेशनों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बैंडविड्थ की पहुँच हेतु अंतिम मील तक संबंध जोड़ने का कार्य करती है। एयरटेल भारत में भारती एयरटेल द्वारा संचालित दूरसंचार सेवाओं की एक ब्रांड है। भारत में ग्राहकों की संख्या की दृष्टि से एयरटेल सेल्यूलर सेवा की सबसे बड़ी कंपनी है। भारती एयरटेल के पास एयरटेल ब्रांड का स्वामित्व है और अपने ब्रांड नाम एयरटेल मोबाइल सर्विसेज के नाम से जीएसएम (GSM) प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए निम्नलिखित सेवाएं उपलब्ध कराती है: ब्राडबैंड तथा दूरसंचार सेवाएं, स्थिर लाइन इंटरनेट कनेक्टीविटी (डीएसएल तथा बंधक लाइन), लंबी दूरी की सेवाएं एवं उद्यम सेवाएं (कॉरपोरेट के दूरसंचार परामर्श).

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारती एयरटेल · और देखें »

भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी

300px भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान (Indian Grassland and Fodder Research Institute) उत्तर प्रदेश के झांसी में स्थित है। इसकी स्थापना 1962 में हुई थी। झांसी में इस संस्थान की स्थापना करने का मुख्य कारण यहाँ सभी प्रमुख घासों का पाया जाना भी था। तत्पश्चात् सन् 1966 में इसका प्रशासनिक नियंत्रण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली को सौंपा गया। संस्थान ने अपने स्थापना काल से ही चारा उत्पादन व उपयोग के विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान कर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसका प्रचार-प्रसार करने और समन्वित विकास करने में अहम् भूमिका निभायी है। इसके अतिरिक्त संस्थान में अखिल भारतीय चारा समन्वित परियोजना का संचालन भी किया जा रहा है। साथ ही संस्थान के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए देश-विदेश के सहयोग से अन्य परियोजनाएं सफलतापूर्वक संचालित की जा रहीं हैं। जलवायु तथा कृषि की क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर भारत के अन्य भागों में इस संस्थान के तीन क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र स्थापित किए गए हैं जो अंबिका नगर (राजस्थान), धारवाड़ (कर्नाटक) एवं पालमपुर (हिमाचल प्रदेश) में स्थित हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी · और देखें »

भारतीय थलसेना

भारतीय थलसेना, सेना की भूमि-आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है। भारत का राष्ट्रपति, थलसेना का प्रधान सेनापति होता है, और इसकी कमान भारतीय थलसेनाध्यक्ष के हाथों में होती है जो कि चार-सितारा जनरल स्तर के अधिकारी होते हैं। पांच-सितारा रैंक के साथ फील्ड मार्शल की रैंक भारतीय सेना में श्रेष्ठतम सम्मान की औपचारिक स्थिति है, आजतक मात्र दो अधिकारियों को इससे सम्मानित किया गया है। भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इण्डिया कम्पनी, जो कि ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में परिवर्तित हुई थी, और भारतीय राज्यों की सेना से हुआ, जो स्वतंत्रता के पश्चात राष्ट्रीय सेना के रूप में परिणत हुई। भारतीय सेना की टुकड़ी और रेजिमेंट का विविध इतिहास रहा हैं इसने दुनिया भर में कई लड़ाई और अभियानों में हिस्सा लिया है, तथा आजादी से पहले और बाद में बड़ी संख्या में युद्ध सम्मान अर्जित किये। भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना, राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से बचाव, और अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखना हैं। यह प्राकृतिक आपदाओं और अन्य गड़बड़ी के दौरान मानवीय बचाव अभियान भी चलाते है, जैसे ऑपरेशन सूर्य आशा, और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए सरकार द्वारा भी सहायता हेतु अनुरोध किया जा सकता है। यह भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के साथ राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख अंग है। सेना अब तक पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ चार युद्धों तथा चीन के साथ एक युद्ध लड़ चुकी है। सेना द्वारा किए गए अन्य प्रमुख अभियानों में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन कैक्टस शामिल हैं। संघर्षों के अलावा, सेना ने शांति के समय कई बड़े अभियानों, जैसे ऑपरेशन ब्रासस्टैक्स और युद्ध-अभ्यास शूरवीर का संचालन किया है। सेना ने कई देशो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों में एक सक्रिय प्रतिभागी भी रहा है जिनमे साइप्रस, लेबनान, कांगो, अंगोला, कंबोडिया, वियतनाम, नामीबिया, एल साल्वाडोर, लाइबेरिया, मोज़ाम्बिक और सोमालिया आदि सम्मलित हैं। भारतीय सेना में एक सैन्य-दल (रेजिमेंट) प्रणाली है, लेकिन यह बुनियादी क्षेत्र गठन विभाजन के साथ संचालन और भौगोलिक रूप से सात कमान में विभाजित है। यह एक सर्व-स्वयंसेवी बल है और इसमें देश के सक्रिय रक्षा कर्मियों का 80% से अधिक हिस्सा है। यह 1,200,255 सक्रिय सैनिकों और 909,60 आरक्षित सैनिकों के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना है। सेना ने सैनिको के आधुनिकीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसे "फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री सैनिक एक प्रणाली के रूप में" के नाम से जाना जाता है इसके साथ ही यह अपने बख़्तरबंद, तोपखाने और उड्डयन शाखाओं के लिए नए संसाधनों का संग्रह एवं सुधार भी कर रहा है।.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय थलसेना · और देखें »

भारतीय नाम

भारतीय पारिवारिक नाम अनेक प्रकार की प्रणालियों व नामकरण पद्धतियों पर आधारित होते हैं, जो एक से दूसरे क्षेत्र के अनुसार बदलतीं रहती हैं। नामों पर धर्म व जाति का प्रभाव भी होता है और वे धर्म या महाकाव्यों से लिये हुए हो सकते हैं। भारत के लोग विविध प्रकार की भाषाएं बोलते हैं और भारत में विश्व के लगभग प्रत्येक प्रमुख धर्म के अनुयायी मौजूद हैं। यह विविधता नामों व नामकरण की शैलियों में सूक्ष्म, अक्सर भ्रामक, अंतर उत्पन्न करती है। उदाहरण के लिये, पारिवारिक नाम की अवधारणा तमिलनाडु में व्यापक रूप से मौजूद नहीं थी। कई भारतीयों के लिये, उनके जन्म का नाम, उनके औपचारिक नाम से भिन्न होता है; जन्म का नाम किसी ऐसे वर्ण से प्रारंभ होता है, जो उस व्यक्ति की जन्म-कुंडली के आधार पर उसके लिये शुभ हो। कुछ बच्चों को एक नाम दिया जाता है (दिया गया नाम).

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय नाम · और देखें »

भारतीय नेपाली

भारतीय नेपाली या भारतीय गोरखा वह लोग हैं जो नेपाली मूल के लोग हैं लेकिन भारत में रहते आ रहें हैं, जिन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त है। वह लोग नेपाली भाषा के अलावा भी कई भाषाएं बोलते हैं, नेपाली भाषा भारत के कार्यालयी भाषाओं में से एक है, इतिहास में नेपाल अधिराज्य के वह भाग जो ब्रिटिश राज के समय भारत में आ गये जैसे, पश्चिम बंगाल का दार्जीलिंग जिला जो सिक्किम का भू-भाग था और कुछ समय के लिए नेपाल का भी भू-भाग रहा, सिक्किम-एक मात्र ऐसा राज्य है जहाँ मुख्य रूप से नेपाली रहते हैं जो 1975 में भारत का हिस्सा बना। दूसरे राज्य जहाँ नेपालीयों कि बहुलता है वह हैं:- उत्तराखण्ड, असम, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर और मेघालय। भारत के कई बड़े शहरों में भी नेपालीयों कि बहुलता पाई जाती है, मुख्यत: दिल्ली, कोलकाता, बैंगलोर, मुम्बई, चेन्नई, हैदराबाद और विशाखापटनम। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय नेपाली · और देखें »

भारतीय पुलिस सेवा

भारतीय पुलिस सेवा, जिसे आम बोलचाल में भारतीय पुलिस या आईपीएस, के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार के अखिल भारतीय सेवा के एक अंग के रूप में कार्य करता है, जिसके अन्य दो अंग भारतीय प्रशासनिक सेवा या आईएएस और भारतीय वन सेवा या आईएफएस हैं जो ब्रिटिश प्रशासन के अंतर्गत इंपीरियल पुलिस के नाम से जाना जाता था। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय पुलिस सेवा · और देखें »

भारतीय प्रबन्धन संस्थान

भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आई आई एम) भारत के सर्वोत्तम प्रबंधन संस्थान हैं। प्रबन्धन की शिक्षा के अतिरिक्त ये अनुसंधान व सलाह (कांसल्टेंसी) का कार्य भी करते हैं। वर्तमान में ६ भारतीय प्रबन्धन संस्थान हैं जो बंगलुरू, अहमदाबाद, कोलकाता, लखनऊ, इन्दौर तथा कोझीकोड में स्थित हैं। ये प्रबन्धन में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा की उपाधि प्रदान करते हैं जो एम बी ए के समतुल्य है। इन संस्थानों में प्रवेश अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षा कामन ऐडमिशन टेस्ट (सी ए टी) के आधार पर होता है। यह परीक्षा दुनिया की सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी परिक्षाओं में से है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय प्रबन्धन संस्थान · और देखें »

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना, बिहार का एकमात्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान है जो उन आठ भारतीय प्रौद्योगिक संस्थानों में से एक है, जिसे केंद्र सरकार ने वर्ष 2008- 2009 के मध्य स्थापित किया था। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का परिसर पटना शहर से 25 किलोमीटर दूर स्थित बिहटा में स्थित है।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना का परिसर राजधानी पटना से 25 किलोमीटर दूर बिहटा नामक स्थान पर लगभग 500 एकड़ भूमि पर निर्मित किया गया है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना · और देखें »

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मण्डी

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मण्डी मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित संस्थान है। संस्थान का पहला सत्र सन २००९ में शरू हुआ। संस्थान हिमाचल प्रदेश के मण्डी जिले में स्थित है। संस्थान अभी अस्थाई कैम्पस में चल रहा है। सन २०१२ तक संस्थान अपने स्थाई कैम्पस में स्थानांतरित हो जाएगा। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मण्डी · और देखें »

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण

कोलकाता में जी एस आई का मुख्यालय १८७० में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के सदस्यगण भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (Geological Survey of India) भारत सरकार के खान मंत्रालय के अधीन कार्यरत एक संगठन है। इसकी स्थापना १८५१ में हुई थी। इसका कार्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और अध्ययन करना है। ये इस तरह के दुनिया के सबसे पुराने संगठनों में से एक है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण · और देखें »

भारतीय राज्य पशुओं की सूची

भारत, आधिकारिक भारत गणराज्य एक दक्षिण एशियाई देश है। यह २९ राज्यों और ७ केन्द्र शासित प्रदेशों से मिलकर बना है। सभी भारतीय अपनी स्वयं की सरकार रखते हैं और केन्द्रशासित प्रदेश केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। अधिकतर अन्य देशों की तरह भारत में भी राष्ट्रीय प्रतीक पाये जाते हैं। राष्ट्रीय प्रतीकों के अतिरिक्त सभी भारतीय राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश अपनेखुद की राज्य मोहर और प्रतीक रखते हैं जिसमें राज्य पशु, पक्षी, पेड़, फूल आदि शामिल हैं। भारत के सभी राज्य पशुओं की सूची निचे दी गयी है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय राज्य पशुओं की सूची · और देखें »

भारतीय राज्य पक्षियों की सूची

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के आधिकारिक पक्षियों की है: .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय राज्य पक्षियों की सूची · और देखें »

भारतीय राज्यों के राज्यपालों की सूची

भारत गणराज्य में राज्यपाल २९ राज्यों में राज्य प्रमुख का संवैधानिक पद होता है। राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति पाँच वर्ष के लिए करते हैं और वे राष्ट्रपति की मर्जी पर पद पर रहते हैं। राज्यपाल राज्य सरकार का विधित मुखिया होता है जिसकी कार्यकारी कार्रवाई राज्यपाल के नाम पर सम्पन्न होती है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय राज्यों के राज्यपालों की सूची · और देखें »

भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूची

भारत गणराज्य में उन्तीस राज्यों और दो केन्द्र-शासित प्रदेशों (दिल्ली और पुद्दुचेरी) की प्रत्येक सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री कहलाता है। भारत के संविधान के अनुसार राज्य स्तर पर राज्यपाल क़ानूनन मुखिया होता है लेकिन वास्तव में कार्यकारी प्राधिकारी मुख्यमंत्री ही होता है। राज्य विधान सभा चुनावों के बाद राज्यपाल सामान्यतः सरकार बनाने के लिए बहुमत वाले दल (अथवा गठबंधन) को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करता है। राज्यपाल, मुख्यमंत्री को नियुक्त करता है जिसकी कैबिनेट विधानसभा के लिए सामूहिक रूप से जिम्मेदार होती है। यदि विधानसभा में विश्वासमत प्राप्त हो तो मुख्यमंत्री का कार्यकाल सामान्यतः अधिकतम पाँच वर्ष का होता है; इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री के कार्यकाल की संख्याओं की कोई सीमा नहीं होती। वर्तमान में पदस्थ इकत्तीस में से तीन, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, जम्मू और कश्मीर में महबूबा मुफ़्ती और राजस्थान में वसुंधरा राजे महिला हैं। दिसम्बर 1994 से (समय के लिए), सिक्किम के पवन कुमार चामलिंग सबसे लम्बे समय से पदस्थ मुख्यमंत्री हैं। पंजाब के अमरिन्दर सिंह (जन्म 1942) सबसे वृद्ध मुख्यमंत्री हैं जबकि अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू (जन्म 1979) सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। भारतीय जनता पार्टी के चौदह पदस्थ, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पाँच पदस्थ तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के दो है; इसके अतिरिक्त किसी भी अन्य दल के पदस्थ मुख्यमंत्रियों की संख्या एक से अधिक नहीं है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूची · और देखें »

भारतीय सिनेमा

भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बॉलीवुड शामिल हैं। भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाना जाते हैं। दादा साहब फाल्के के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है। २०वीं सदी में भारतीय सिनेमा, संयुक्त राज्य अमरीका का सिनेमा हॉलीवुड तथा चीनी फिल्म उद्योग के साथ एक वैश्विक उद्योग बन गया।Khanna, 155 2013 में भारत वार्षिक फिल्म निर्माण में पहले स्थान पर था इसके बाद नाइजीरिया सिनेमा, हॉलीवुड और चीन के सिनेमा का स्थान आता है। वर्ष 2012 में भारत में 1602 फ़िल्मों का निर्माण हुआ जिसमें तमिल सिनेमा अग्रणी रहा जिसके बाद तेलुगु और बॉलीवुड का स्थान आता है। भारतीय फ़िल्म उद्योग की वर्ष 2011 में कुल आय $1.86 अरब (₹ 93 अरब) की रही। जिसके वर्ष 2016 तक $3 अरब (₹ 150 अरब) तक पहुँचने का अनुमान है। बढ़ती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। अब सुपर हीरो तथा विज्ञानं कल्प जैसी फ़िल्में न केवल बन रही हैं बल्कि ऐसी कई फिल्में एंथीरन, रा.वन, ईगा और कृष 3 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के रूप में सफल हुई है। भारतीय सिनेमा ने 90 से ज़्यादा देशों में बाजार पाया है जहाँ भारतीय फिल्मे प्रदर्शित होती हैं। Khanna, 158 सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, अडूर गोपालकृष्णन, बुद्धदेव दासगुप्ता, जी अरविंदन, अपर्णा सेन, शाजी एन करुण, और गिरीश कासरावल्ली जैसे निर्देशकों ने समानांतर सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वैश्विक प्रशंसा जीती है। शेखर कपूर, मीरा नायर और दीपा मेहता सरीखे फिल्म निर्माताओं ने विदेशों में भी सफलता पाई है। 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधान से 20वीं सेंचुरी फॉक्स, सोनी पिक्चर्स, वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स और वार्नर ब्रदर्स आदि विदेशी उद्यमों के लिए भारतीय फिल्म बाजार को आकर्षक बना दिया है। Khanna, 156 एवीएम प्रोडक्शंस, प्रसाद समूह, सन पिक्चर्स, पीवीपी सिनेमा,जी, यूटीवी, सुरेश प्रोडक्शंस, इरोज फिल्म्स, अयनगर्न इंटरनेशनल, पिरामिड साइमिरा, आस्कार फिल्म्स पीवीआर सिनेमा यशराज फिल्म्स धर्मा प्रोडक्शन्स और एडलैब्स आदि भारतीय उद्यमों ने भी फिल्म उत्पादन और वितरण में सफलता पाई। मल्टीप्लेक्स के लिए कर में छूट से भारत में मल्टीप्लेक्सों की संख्या बढ़ी है और फिल्म दर्शकों के लिए सुविधा भी। 2003 तक फिल्म निर्माण / वितरण / प्रदर्शन से सम्बंधित 30 से ज़्यादा कम्पनियां भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध की गयी थी जो फिल्म माध्यम के बढ़ते वाणिज्यिक प्रभाव और व्यसायिकरण का सबूत हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की। भारत से बाहर निवास कर रहे प्रवासी भारतीय जिनकी संख्या आज लाखों में हैं, उनके लिए भारतीय फिल्में डीवीडी या व्यावसायिक रूप से संभव जगहों में स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। Potts, 74 इस विदेशी बाजार का भारतीय फिल्मों की आय में 12% तक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके अलावा भारतीय सिनेमा में संगीत भी राजस्व का एक साधन है। फिल्मों के संगीत अधिकार एक फिल्म की 4 -5 % शुद्ध आय का साधन हो सकते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय सिनेमा · और देखें »

भारतीय संविधान सभा

भारतीय संविधान सभा का पहला दिन (११ दिशम्बर १९४६)। बैठे हुए दाएं से: बी जी खेर, सरदार बल्लभ भाई पटेल, के एम मुंशी और डॉ. भीमराव आंबेडकर भारत की संविधान सभा का चुनाव भारतीय संविधान की रचना के लिए किया गया था। ग्रेट ब्रिटेन से स्वतंत्र होने के बाद संविधान सभा के सदस्य ही प्रथम संसद के सदस्य बने। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय संविधान सभा · और देखें »

भारतीय जनता पार्टी

भारतीय जनता पार्टी (संक्षेप में, भाजपा) भारत के दो प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक हैं, जिसमें दूसरा दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है। यह राष्ट्रीय संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व के मामले में देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और प्राथमिक सदस्यता के मामले में यह दुनिया का सबसे बड़ा दल है।.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय जनता पार्टी · और देखें »

भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्रियों की सूची

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसद सदस्यों की संख्या के आधार पर भारतीय गणराज्य की राजनैतिक प्रणाली का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है। 1980 में स्थापित भाजपा, राजनीतिक विचारधारा के स्तर पर, सामान्यतः एक दक्षिणपंथी दल माना जाता है।, वह प्राथमिक सदस्यता की दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा दल है।, 17 राज्यों में 42 भाजपा नेता मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हो चुके है, जिनमें से पन्द्रह निवर्तमान हैं। उनतीस राज्यों और दो ​​केंद्र शासित प्रदेशों (दिल्ली और पुडुचेरी) में से प्रत्येक का शासनाध्यक्ष मुख्यमंत्री होता है। भारतीय संविधान के अनुसार, राज्य स्तर पर, राज्यपाल विधिवत् प्रधान होता है, किंतु वस्तुतः कार्यकारी अधिकार मुख्यमंत्री के पास होते हैं। विधानसभा के चुनावों के बाद, राज्यपाल अधिकांशतः सरकार बनाने के लिए विधानसभा सदस्यों की बहुसंख्यता वाले दल (या गठबंधन) को आमंत्रित करता है। राज्यपाल मुख्यमंत्री को नियुक्त करता है जिसका मंत्रिपरिषद विधानसभा के प्रति समूह्य-उत्तरदायी होता हैं। अगर उसके पास विधानसभा का विश्वास है तो एक मुख्यमंत्री की अवधि सामान्यतः अधिकतम पांच वर्ष की होती है। 42 भाजपा मुख्यमंत्रियों में से पन्द्रह निवर्तमान है—अरुणाचल प्रदेश में पेमा खांडू, असम में सर्बानंद सोनोवाल, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड में त्रिवेन्द्र सिंह रावत, गुजरात में विजय रूपाणी, गोवा में मनोहर पर्रीकर, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह, झारखंड में रघुवर दास, मणिपुर में एन बीरेन सिँह, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडणवीस, राजस्थान में वसुंधरा राजे, हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर, हिमाचल प्रदेश में जयराम ठाकुर तथा त्रिपुरा में बिप्लब कुमार देब। भाजपा मुख्यमंत्रियों में से चार महिलाएँ रही हैं—दिल्ली में सुषमा स्वराज, गुजरात में आनंदीबेन पटेल, मध्य प्रदेश में उमा भारती और राजस्थान में वसुंधरा राजे। दिसंबर 2003 से कार्यरत (के लिए), रमन सिंह भाजपा के सबसे लम्बे समय तक सेवारत मुख्यमंत्री है। मुख्यमंत्री के रूप में कर्नाटक के बी॰ एस॰ येदियुरप्पा का पहला कार्यकाल केवल नौ दिनों तक चला, जो भाजपा मुख्यमंत्रियों के बीच में सबसे कम अवधि का कार्यकाल है; तथापि, सभी कार्यकालों के कुल को ध्यान में लेते हुए, सुषमा स्वराज 52 दिन की सबसे कम अवधि के लिए मुख्यमंत्री रहीं। राजस्थान के भैरों सिंह शेखावत भाजपा के पहले मुख्यमंत्री थे। उन्होंने 4 मार्च 1990 को राजस्थान का मुख्यमंत्री का पद संभाला। बहरहाल कुछ भाजपा नेता जनता पार्टी (जपा) के सदस्य होते हुए पहले से ही मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित हो चुके थे; जपा राजनीतिक दलों का एक मिश्रण था जिसमें भाजपा का पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ भी शामिल था। उत्तराखण्ड और गुजरात में भाजपा के पांच मुख्यमंत्री रहे है, जबकि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भाजपा के चार मुख्यमंत्री रहे हैं; कर्नाटक, झारखंड, और दिल्ली में तीन भाजपा मुख्यमंत्री रहे हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्रियों की सूची · और देखें »

भारतीय वस्त्र

भारत में जातीयता, भूगोल, जलवायु और क्षेत्र की सांस्कृतिक परंपराओं के आधार पर भिन्न-भिन्न प्रकार के वस्त्र धारण किये जाते हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से, पुरुष और महिला कपड़े सरल लंगोट से विकसित किया गया है, और लॉइन्क्लॉथ विस्तृत परिधान के लिए शरीर को कवर करने के लिए न केवल लेकिन यह भी उत्सव के मौकों के साथ ही अनुष्ठान और नृत्य प्रदर्शन पर दैनिक पहनने में इस्तेमाल किया। शहरी क्षेत्रों में, पश्चिमी कपड़े आम और समान रूप से सभी सामाजिक स्तर के लोगों द्वारा पहना जाता है। भारत के एक महान विविधता वीव, फाइबर, रंग और कपड़े की सामग्री के संदर्भ में भी है। रंग कोड के धर्म और रस्म संबंध पर आधारित कपड़ों में पीछा कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, हिंदू देवियों शोक, पारसी और ईसाई शादियों के लिए सफेद पहनते हैं, जबकि इंगित करने के लिए सफेद कपड़े पहनते हैं। भारत में कपड़े भी भारतीय कढ़ाई की विस्तृत विविधता शामिल हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय वस्त्र · और देखें »

भारतीय वाहन पंजीकरण पट्ट

भारत के द्वि-वर्ण राज्य कूट भारत में सभी मोटरचालित वाहनों को एक पंजीकरण संख्या (या लाइसेंस नम्बर) दिया जाता है। लाइसेंस पट्ट को नामपट्ट भी कहते हैं। यह संख्या सभी प्रदेशों में जिला स्तर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) द्वारा दिया जाता है। यह चालन अनुज्ञप्‍ति पट्ट वाहन के आगे और पश्च दिशा में लगाया जाता है। नियमानुसार सभी पट्टियाँ लातिन वर्णों सहित आधुनिक भारतीय अंक प्रणाली में होने चाहिए। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय वाहन पंजीकरण पट्ट · और देखें »

भारतीय विधायिकाओं के वर्तमान अध्यक्षों की सूची

भारत गणराज्य में भारतीय विधायिकाओँ का मुखिया अध्यक्ष होता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय विधायिकाओं के वर्तमान अध्यक्षों की सूची · और देखें »

भारतीय आम चुनाव, 2014

भारत में सोलहवीं लोक सभा के लिए आम चुनाव ७ अप्रैल से १२ मई २०१४ तक ९ चरणों में हुए। मतगणना १६ मई को हुई। इसके लिए भारत की सभी संसदीय क्षेत्रों में वोट डाले गये। वर्तमान में पंद्रहवी लोक सभा का कार्यकाल ३१ मई २०१४ को ख़त्म हो रहा है। ये चुनाव अब तक के इतिहास में सबसे लंबा कार्यक्रम वाला चुनाव था। यह पहली बार होगा, जब देश में ९ चरणों में लोकसभा चुनाव हुए। निर्वाचन आयोग के अनुसार ८१.४५ करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। सभी नौ चरणों में औसत मतदान ६६.३८% के आसपास रहा जो भारतीय आम चुनाव के इतिहास में सबसे उच्चतम है। चुनाव के परिणाम १६ मई को घोषित किये गये। ३३६ सीटों के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सबसे बड़ा दल और २८२ सीटों के साथ भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने ५९ सीटों पर और कांग्रेस ने ४४ सीटों पर जीत हासिल की।, Election Commission of India बीजेपी ने केवल 31.0% वोट जीते, जो आजादी के बाद से भारत में बहुमत वाली सरकार बनाने के लिए पार्टी का सबसे कम हिस्सा है, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का संयुक्त वोट हिस्सा 38.5% था। 1984 के आम चुनाव के बाद बीजेपी और उसके सहयोगियों ने सबसे बड़ी बहुमत वाली सरकार बनाने का अधिकार जीता, और यह चुनाव पहली बार हुआ जब पार्टी ने अन्य पार्टियों के समर्थन के बिना शासन करने के लिए पर्याप्त सीटें जीती हैं। आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी की सबसे खराब हार थी। भारत में आधिकारिक विपक्षी दल बनने के लिए, एक पार्टी को लोकसभा में 10% सीटें (54 सीटें) हासिल करनी होंगी; हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस नंबर को हासिल करने में असमर्थ थी। इस तथ्य के कारण, भारत एक आधिकारिक विपक्षी पार्टी के बिना बना हुआ है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय आम चुनाव, 2014 · और देखें »

भारतीय आम चुनाव, 2014 के लिए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण

भारतीय आम चुनाव, 2014 के लिए विभिन्न संस्थाओं द्वारा सर्वेक्षण कराए जा रहे हैं जिससे भारत के मतदान के मिजाज़ का पता चलता है। इन्ही चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों को इस लेख में शामिल किया जा रहा है। सभी चुनाव पूर्व सर्वेक्षण जनवरी 2013 से लेकर अब तक के हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय आम चुनाव, 2014 के लिए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण · और देखें »

भारतीय आम चुनाव, २००९

२००९ के भारतीय आम चुनाव विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में पंद्रहवीं लोकसभा के लिए पांच चरणों में (१६ अप्रैल २२/२३ अप्रैल ३० अप्रैल ७ मई और १३ मई २००९) को संपन्न हुए। १६ मई को मतगणना व चुनाव परिणामों की घोषणा हुई। २००९ में लोकसभा के साथ-साथ आंध्रप्रदेश, उड़ीसा और सिक्किम विधानसभा के लिए भी चुनाव कराए गए। १६ मई को मतगणना हुई। शुरूआती रूझानों में कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने ढाई सौ से भी ज्यादा बढ़त हासिल कर ली जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपनी हार मान ली। भारत के संविधान के अनुसार, सामान्य स्थिति में प्रति पांच वर्ष में लोकसभा चुनाव होता है। १४वें लोकसभा का कार्यकाल १ जून २००९ को समाप्त हुआ। भारत में चुनाव चुनाव आयोग संपन्न कराता है। चुनाव आयोग के अनुसार, 2009 के लोकसभा चुनाव में 71.3 करोड़ लोग मतदान के लिए योग्य हैं। यह संख्या २००४ के लोकसभा की अपेक्षा ४ करोड़ ३० लाख ज्यादा है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय आम चुनाव, २००९ · और देखें »

भारतीय क्रिकेट टीम

भारतीय क्रिकेट टीम भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम है। भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा संचालित भारतीय क्रिकेट टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की पूर्णकालिक सदस्य है। भारतीय टीम दो बार क्रिकेट विश्वकप (१९८३ और २०११) अपने नाम कर चुकी है। वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्त्री हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भारतीय क्रिकेट टीम · और देखें »

भाषा-परिवार

विश्व के प्रमुख भाषाकुलों के भाषाभाषियों की संख्या का पाई-चार्ट आपस में सम्बंधित भाषाओं को भाषा-परिवार कहते हैं। कौन भाषाएँ किस परिवार में आती हैं, इनके लिये वैज्ञानिक आधार हैं। इस समय संसार की भाषाओं की तीन अवस्थाएँ हैं। विभिन्न देशों की प्राचीन भाषाएँ जिनका अध्ययन और वर्गीकरण पर्याप्त सामग्री के अभाव में नहीं हो सका है, पहली अवस्था में है। इनका अस्तित्व इनमें उपलब्ध प्राचीन शिलालेखो, सिक्कों और हस्तलिखित पुस्तकों में अभी सुरक्षित है। मेसोपोटेमिया की पुरानी भाषा ‘सुमेरीय’ तथा इटली की प्राचीन भाषा ‘एत्रस्कन’ इसी तरह की भाषाएँ हैं। दूसरी अवस्था में ऐसी आधुनिक भाषाएँ हैं, जिनका सम्यक् शोध के अभाव में अध्ययन और विभाजन प्रचुर सामग्री के होते हुए भी नहीं हो सका है। बास्क, बुशमन, जापानी, कोरियाई, अंडमानी आदि भाषाएँ इसी अवस्था में हैं। तीसरी अवस्था की भाषाओं में पर्याप्त सामग्री है और उनका अध्ययन एवं वर्गीकरण हो चुका है। ग्रीक, अरबी, फारसी, संस्कृत, अंग्रेजी आदि अनेक विकसित एवं समृद्ध भाषाएँ इसके अन्तर्गत हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भाषा-परिवार · और देखें »

भुंतर

भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के कुल्लू जिले में स्थित भुंतर एक कस्बा और नगर पंचायत है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और भुंतर · और देखें »

मणिकर्ण

मणिकर्ण भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में कुल्लू जिले के भुंतर से उत्तर पश्चिम में पार्वती घाटी में व्यास और पार्वती नदियों के मध्य बसा है, जो हिन्दुओं और सिक्खों का एक तीर्थस्थल है। यह समुद्र तल से १७६० मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और कुल्लू से इसकी दूरी लगभग ४५ किमी है। भुंतर में छोटे विमानों के लिए हवाई अड्डा भी है। भुंतर-मणिकर्ण सडक एकल मार्गीय (सिंगल रूट) है, पर है हरा-भरा व बहुत सुंदर। सर्पीले रास्ते में तिब्बती बस्तियां हैं। इसी रास्ते पर शॉट नाम का गांव भी है, जहां कई बरस पहले बादल फटा था और पानी ने गांव को नाले में बदल दिया था। मणिकर्ण अपने गर्म पानी के चश्मों के लिए भी प्रसिद्ध है। देश-विदेश के लाखों प्रकृति प्रेमी पर्यटक यहाँ बार-बार आते है, विशेष रूप से ऐसे पर्यटक जो चर्म रोग या गठिया जैसे रोगों से परेशान हों यहां आकर स्वास्थ्य सुख पाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां उपलब्ध गंधकयुक्त गर्म पानी में कुछ दिन स्नान करने से ये बीमारियां ठीक हो जाती हैं। खौलते पानी के चश्मे मणिकर्ण का सबसे अचरज भरा और विशिष्ट आकर्षण हैं। प्रति वर्ष अनेक युवा स्कूटरों व मोटरसाइकिलों पर ही मणिकर्ण की यात्रा का रोमांचक अनुभव लेते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मणिकर्ण · और देखें »

मनाली लेह राजमार्ग

मनाली लेह राजमार्ग उत्तर भारत में हिमाचल प्रदेश के मनाली और जम्मू कश्मीर के लेह को जोड़ने वाला राजमार्ग है। यह साल में केवल चार-पांच महीनों के लिए ही खुला रहता है। अक्टूबर में बर्फबारी होने के कारण यह बंद हो जाता है। यह मनाली को लाहौल-स्पीति और जांस्कर से भी जोड़ता है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग-21 का ही भाग है। मनाली लेह मार्ग का निर्माण और मरम्मत सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जाता है, ताकि सेना के बड़े-बड़े और भारी वाहन यहाँ से गुजर सकें। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मनाली लेह राजमार्ग · और देखें »

मनाली के पर्यटन स्थल

मनाली भारत के हिमाचल प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। मनाली कुल्लु घाटी के उत्तर में स्थित हिमाचल प्रदेश का लोकप्रिय हिल स्टेशन है। समुद्र तल से 2050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मनाली व्यास नदी के किनारे बसा है। गर्मियों से निजात पाने के लिए इस हिल स्टेशन पर हजारों की तादाद में सैलानी आते हैं। सर्दियों में यहां का तापमान शून्य डिग्री से नीचे पहुंच जाता है। आप यहां के खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के अलावा मनाली में हाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, ट्रैकिंग, कायकिंग जैसे खेलों का भी आनंद उठा सकते है। यहां के जंगली फूलों और सेब के बगीचों से छनकर आती सुंगंधित हवाएं दिलो दिमाग को ताजगी से भर देती हैं। पौराणिक ग्रंथों में मनाली को मनु का घर कहा गया है। कहा जाता है कि जब सारा संसार प्रलय में डूब गया था तो एकमात्र मनु की जीवित बचे थे। मनाली में आकर ही उन्होनें मनुष्य की पुर्नरचना की। इसलिए मनाली को हिन्दुओं का पवित्र तीर्थस्थल भी माना जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मनाली के पर्यटन स्थल · और देखें »

मनाली, हिमाचल प्रदेश

मनाली (ऊंचाई 1,950 मीटर या 6,398 फीट) कुल्लू घाटी के उत्तरी छोर के निकट व्यास नदी की घाटी में स्थित, भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य की पहाड़ियों का एक महत्वपूर्ण पर्वतीय स्थल (हिल स्टेशन) है। प्रशासकीय तौर पर मनाली कुल्लू जिले का एक हिस्सा है, जिसकी जनसंख्या लगभग 30,000 है। यह छोटा सा शहर लद्दाख और वहां से होते हुए काराकोरम मार्ग के आगे तारीम बेसिन में यारकंद और ख़ोतान तक के एक अतिप्राचीन व्यापार मार्ग का शुरुआत था। मनाली और उसके आस-पास के क्षेत्र भारतीय संस्कृति और विरासत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसे सप्तर्षि या सात ऋषियों का घर बताया गया है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मनाली, हिमाचल प्रदेश · और देखें »

मसूरी

मसूरी भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक पर्वतीय नगर है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, मसूरी उन स्थानों में से एक है जहाॅं लोग बार-बार आते जाते हैं। घूमने-फिरने के लिए जाने वाली प्रमुख जगहों में यह एक है। यह पर्वतीय पर्यटन स्थल हिमालय पर्वतमाला के शिवालिक श्रेणी में पड़ता है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। निकटवर्ती लैंढ़ौर कस्बा भी बार्लोगंज और झाड़ीपानी सहित वृहत या ग्रेटर मसूरी में आता है। इसकी औसत ऊंचाई समुद्र तल से 2005 मी.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मसूरी · और देखें »

महाथू

महाथू, हिमाचल प्रदेश का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:लोक नृत्य श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के लोक नृत्य.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और महाथू · और देखें »

महाराणा प्रताप सागर

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के शिवालिक पहाड़ियों के आर्द्र भूमि पर ब्यास नदी पर बाँध बनाकर एक जलाशय का निर्माण किया गया है जिसे महाराणा प्रताप सागर नाम दिया गया है। इसे पौंग जलाशय या पौंग बांध के नाम से भी जाना जाता है। यह बाँध 1975 में बनाया गया था। महाराणा प्रताप के सम्मान में नामित यह जलाशय या झील (1572–1597) एक प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है और रामसर सम्मेलन द्वारा भारत में घोषित 25 अंतरराष्ट्रीय आर्द्रभूमि साइटों में से एक है।"Salient Features of some prominent wetlands of India", pib.nic.in, Release ID 29706, web: सूर्योदय पौंग जलाशय और गोविन्दसागर जलाशय हिमाचल प्रदेश में हिमालय की तलहटी में दो सबसे महत्वपूर्ण मछली वाले जलाशय हैं।, इन जलाशयों में हिमालय राज्यों के भीतर मछली के प्रमुख स्रोत हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और महाराणा प्रताप सागर · और देखें »

महाराणा प्रताप अन्तर्राज्यीय बस अड्डा, दिल्ली

महाराणा प्रताप अन्तर्राज्यीय बस अड्डा अथवा आई एस बी टी, कश्मीरी गेट जो कि 'कश्मीरी गेट बस अड्डा' या 'बस अड्डा' इत्यादि नामों से लोकप्रिय है, दिल्ली में स्थित भारत के सबसे पुराने और सबसे बड़े अन्तर्राज्यीय बस अड्डों में से एक है। यहाँ से दिल्ली और 7 अन्य राज्यों, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड के बीच बस सेवा चल रही है। यह लगभग 13 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है तथा यहां से एक दिन में 1800 से अधिक बसें चलती है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और महाराणा प्रताप अन्तर्राज्यीय बस अड्डा, दिल्ली · और देखें »

महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय

महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय बद्दी, हिमाचल प्रदेश में स्थित हैं। इसकी स्थापना २०१३ में डॉ॰ नन्द किशोर गर्ग द्वारा किया गया। २५ मई २०१३ को भारत के राष्ट्रपति महामहिम प्रणब मुखर्जी के कर कमलो द्वारा इस विश्वविद्यालय का उद्घाटन हुआ। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय · और देखें »

महासू उपत्यका

महासू उपत्यका उत्तराखंड में तौंस और यमुना नदियों के बीच का क्षेत्र है जिसका कालसी से हर की दून में हिमालय की धवल चोटियों तक विस्तार है। जौनसार बावर के नाम से परिचित इस क्षेत्र में महासू देवता का पौराणिक कथानक अनेक रूपों में गतिशील हैं। कुछ अन्य पौराणिक कथानक तथा ऐतिहासिक तथ्य कालसी, लाखामंडल, हनोल और नैटवाड़ में उजागर होते हैं। महासू देवता का संस्थान, इन कथानकों के समन्वय से, लोगों के मानसिक एवं सामाजिक प्रबंधन, तथा व्यवहार में रौद्र रस तथा माधूर्य भाव के प्रवाह, का नियोगी है। पारिस्थितिकीय दृष्टि से समृद्ध यह क्षेत्र, स्थानीय लोगों द्वारा ब्रितानी वन नीति के विरोध लिए विख्यात रहा। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और महासू उपत्यका · और देखें »

महिला सुरक्षा के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को महिला सुरक्षा के मामले में 2012 की स्थिति अनुसार क्रमित करती है। यह सूची भारत सरकार के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा 2012 में प्रकाशित भारत में अपराध प्रतिवेदन से संकलित की गई है। रैंक महिलाओं पर हुए प्रहार की दर के आधार पर दी गई है। प्रहार दर प्रति एक लाख महिलाओं पर महिला की लाजभंग करने के इरादे से (भारतीय दण्ड संहिता की धारा 314) उस पर किए गए आरोपित प्रहारों की घटनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। कम प्रहार दर वाले राज्य या केन्द्र-शासित प्रदेश को महिलाओं के अधिक सुरक्षित समझा जाता है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आँकड़ो के अनुसार जम्मू और कश्मीर, केरल, और उड़ीसा महिलाओं पर हुए प्रहारों की दर के आधार पर सबसे ऊपर है और पाँच सर्वाधिक सुरक्षित राज्य हैं बिहार, नागालैण्ड, झारखण्ड, गुजरात और पंजाब। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और महिला सुरक्षा के आधार पर भारत के राज्यों की सूची · और देखें »

माचिस (1996 फ़िल्म)

माचिस गुलज़ार द्वारा निर्देशित 1996 की एक हिन्दी फ़िल्म है, जिसके निर्माता आर.वी पंडित हैं। ओम पुरी, तब्बू, चन्द्रचूड़ सिंह और जिमी शेरगिल फ़िल्म में मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फ़िल्म 1980 के दशक के मध्य पंजाब में सिख विद्रोह के समय में एक सामान्य व्यक्ति के आतंकवादी बन जाने के सफर पर केंद्रित है। फ़िल्म का शीर्षक "माचिस" एक अलंकार की तरह है, जो दर्शाता है कि कोई भी युवा माचिस की तरह होता है, जो राजनीतिज्ञों या नीति-निर्माताओं की खामियों की वजह से कभी भी जल सकता है। माचिस को समीक्षकों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई, तथा बॉक्स आफिस पर भी यह सफल रही। 2.5 करोड़ रुपये के बजट पर बनी इस फ़िल्म ने कुल 6.38 करोड़ रुपये का व्यापार किया, और इसे बॉक्स आफिस इंडिया द्वारा "एवरेज" घोषित किया गया। गुलज़ार के निर्देशन तथा विशाल भारद्वाज के संगीत फ़िल्म के प्रमुख बिंदु थे। रिलीस के कई वर्षों बाद तक भी फ़िल्म के कई गीत, प्रमुखतः "चप्पा चप्पा चरखा चले" तथा "छोड़ आये हम वो गालियां" एफएम रेडियो या टीवी पर सुने जाते थे। विशाल भारद्वाज ने भी इस फ़िल्म के बाद निर्देशन के क्षेत्र में हाथ आजमाना प्रारम्भ किया और मक़बूल, ओमकारा तथा हैदर जैसी प्रसिद्ध फिल्मों का निर्देशन किया। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और माचिस (1996 फ़िल्म) · और देखें »

मानव तस्करी की घटनाओं के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूची

इस सूची में भारत के राज्य और केन्द्र-शासित प्रदेश 2012 में मानव तस्करी की घटनाओं के आधार पर क्रमित हैं, और अपराध-सिद्धि पर आधारित है। यह सूची भारत सरकार के राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा प्रकाशित 2012 भारत में अपराध प्रतिवेदन से संकलित की गई है। इस प्रतिवेदन के अनुसार मानव तस्करी की घटनाओं के मामले में तीन अग्रणी राज्य हैं उत्तर प्रदेश, तमिल नाडु और केरल। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मानव तस्करी की घटनाओं के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूची · और देखें »

मानव भारती विश्वविद्यालय

मानव भारती विश्वविद्यालय (MBU) हिमाचल प्रदेश राज्य का एक निजी विश्वविद्यालय है जो सोलन में कुम्हारहट्टी नामक गाँव में स्थित है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मानव भारती विश्वविद्यालय · और देखें »

मजाथल हासरंग वन्यजीव विहार

मजाथल हासरंग वन्यजीव विहार हिमाचल प्रदेश के सोलन व शिमला जिले में स्थित है। यह विहार सतलुज के तट पर स्थित है। इस विहार में हिमालय क्षेत्र के काले भालू, जंगली बिल्ली, भारतीय वन्य भालू, लंगूर, सांभर, हिरण, लियोपर्ड, चीतल, रीसस आदि जीव सुरक्षित हैं। इस विहार में केवल ओक के वृक्ष पाए जाते हैं। यह वन्य विहार क्षेत्र 3,938.86 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस विहार की समुद्रतल से न्यूनतम ऊंचाई 900 मीटर तथा अधिकतम ऊंचाई 1966 मीटर है। इस विहार क्षेत्र में औसत वार्षिक वर्षा 1040 मिलीमीटर के लगभग होती है। इस क्षेत्र का तापमान सामान्यतः न्यूनतम एक डिग्री सेंटीग्रेड तथा अधिकतम 29 डिग्री सेंटीग्रेड रहता है। इस वन्यजीव विहार को संरक्षण प्रदान करने के लिए पहली बार 1962 में तथा दूसरी बार 1974 में अधिसूचित किया गया। श्रेणी:भारत के वन्यजीव विहार.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मजाथल हासरंग वन्यजीव विहार · और देखें »

मंडियाली

मंडियाली हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले की भाषा है। यह इंडो-आर्यन कुल (समूह) की एक भाषा है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मंडियाली · और देखें »

मंडी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

मंडी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मंडी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र · और देखें »

मंडी जिला

मंडी भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। मंडी जिला हिमाचल प्रदेश का एक प्रसिद्ध शहर है। इसका नाम मनु ऋषि के नाम पर हुआ है। मंडी के बारे में यह कहा जाता है की यह जगह व्यापारिक दृष्टि से काफ़ी महत्वपूर्ण थी। यह जिला व्यास नदी के किनारे बसा हुआ है। मंडी जिला में कई रमणीय स्थल हैं। कई मायनों में मंडी अपने आप में समृद्ध है। मंडी जिला का सबसे प्रसिद्ध स्थल इंदिरा मार्केट है जोकि व्यापार की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण स्थान है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मंडी जिला · और देखें »

मकर संक्रान्ति

मकर संक्रान्ति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रान्ति पूरे भारत और नेपाल में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है, इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। एक दिन का अंतर लौंद वर्ष के ३६६ दिन का होने ही वजह से होता है | मकर संक्रान्ति उत्तरायण से भिन्न है। मकर संक्रान्ति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं, यह भ्रान्ति गलत है कि उत्तरायण भी इसी दिन होता है । उत्तरायण का प्रारंभ २१ या २२ दिसम्बर को होता है | लगभग १८०० वर्ष पूर्व यह स्थिति उत्तरायण की स्थिति के साथ ही होती थी, संभव है की इसी वजह से इसको व उत्तरायण को कुछ स्थानों पर एक ही समझा जाता है | तमिलनाडु में इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मकर संक्रान्ति · और देखें »

मक्का (अनाज)

मक्का विभिन्न रंग और आकार के दानों वाली मकई की सूखी (पकी) बालियाँ भुट्टा सेंकते हुए ''Zea mays 'Ottofile giallo Tortonese''' मक्का (वानस्पतिक नाम: Zea mays) एक प्रमुख खाद्य फसल हैं, जो मोटे अनाजो की श्रेणी में आता है। इसे भुट्टे की शक्ल में भी खाया जाता है। भारत के अधिकांश मैदानी भागों से लेकर २७०० मीटर उँचाई वाले पहाडी क्षेत्रों तक मक्का सफलतापूर्वक उगाया जाता है। इसे सभी प्रकार की मिट्टियों में उगाया जा सकता है तथा बलुई, दोमट मिट्टी मक्का की खेती के लिये बेहतर समझी जाती है। मक्का एक ऐसा खाद्यान्न है जो मोटे अनाज की श्रेणी में आता तो है परंतु इसकी पैदावार पिछले दशक में भारत में एक महत्त्वपूर्ण फसल के रूप में मोड़ ले चुकी है क्योंकि यह फसल सभी मोटे व प्रमुख खाद्दानो की बढ़ोत्तरी दर में सबसे अग्रणी है। आज जब गेहूँ और धान मे उपज बढ़ाना कठिन होता जा रहा है, मक्का पैदावार के नये मानक प्रस्तुत कर रही है जो इस समय बढ्कर 5.98 तक पहुँच चुका है। यह फसल भारत की भूमि पर १६०० ई० के अन्त में ही पैदा करना शुरू की गई और आज भारत संसार के प्रमुख उत्पादक देशों में शामिल है। जितनी प्रकार की मक्का भारत में उत्पन्न की जाती है, शायद ही किसी अन्य देश में उतनी प्रकार की मक्का उत्पादित की जा रही है। हाँ यह बात और है कि भारत मक्का के उपयोगो मे काफी पिछडा हुआ है। जबकि अमरीका में यह एक पूर्णतया औद्याोगिक फसल के रूप में उत्पादित की जाती है और इससे विविध औद्याोगिक पदार्थ बनाऐ जाते है। भारत में मक्का का महत्त्व एक केवल खाद्यान्न की फसल के रूप मे जाना जाता है। सयुक्त राज्य अमरीका मे मक्का का अधिकतम उपयोग स्टार्च बनाने के लिये किया जाता है। भारत में मक्का की खेती जिन राज्यों में व्यापक रूप से की जाती है वे हैं - आन्ध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि। इनमे से राजस्थान में मक्का का सर्वाधिक क्षेत्रफल है व आन्ध्रा में सर्वाधिक उत्पादन होता है। परन्तु मक्का का महत्व जम्मू कश्मीर, हिमाचल, पूर्वोत्तर राज्यों, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, महाराष्ट्र, गुजरात व झारखण्ड में भी काफी अधिक है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मक्का (अनाज) · और देखें »

मछरियल जलप्रपात

मछरियल जलप्रपात हिमाचल प्रदेश में स्थित एक जलप्रपात है। श्रेणी:भारत के जल प्रपात श्रेणी:हिमाचल प्रदेश.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मछरियल जलप्रपात · और देखें »

मैक्लॉडगंज

मैक्लॉडगंज या मकलोडगंज (कई बार इसे मैक्लोडगंज या मैकलोड गंज भी लिखा जाता है), भारत के राज्य हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित कस्बे धर्मशाला का एक उपनगर है। तिब्बतियों के लोगों की एक बड़ी आबादी के कारण इसे "छोटा ल्हासा" या "ढासा" (तिब्बतियों द्वारा धर्मशाला के लिए उपयोग किया जाने वाला संक्षिप्त नाम) के नाम से भी जाना जाता है। तिब्बत की निर्वासन सरकार का मुख्यालय भी मैक्लॉडगंज में स्थित है। मैक्लॉडगंज का नाम सर डोनाल्ड फ्रील मैक्लॉड जो कि पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर थे के नाम पर रखा गया है; प्रत्यय 'गंज' हिंदी का शब्द है जिसका सामान्य अर्थ "पड़ोस" होता है। समुद्र तल से इसकी औसत ऊंचाई 2,082 मीटर (6,831 फीट) है तथा यह धौलाधार पर्वतश्रेणी में स्थित है, जिसका उच्चतम शिखर, "हनुमान का टिब्बा" लगभग 5,639 मीटर (18,500 फीट) ऊंचा है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मैक्लॉडगंज · और देखें »

मेघवाल

जम्मू, भारत में एक समारोह के दौरान मेघ बालिकाओं का एक समूह मेघ, मेघवाल, या मेघवार, (उर्दू:میگھواڑ, सिंधी:ميگھواڙ) लोग मुख्य रूप से उत्तर पश्चिम भारत में रहते हैं और कुछ आबादी पाकिस्तान में है। सन् 2008 में, उनकी कुल जनसंख्या अनुमानतः 2,807,000 थी, जिनमें से 2760000 भारत में रहते थे। इनमें से वे 659000 मारवाड़ी, 663000 हिंदी, 230000 डोगरी, 175000 पंजाबी और विभिन्न अन्य क्षेत्रीय भाषाएँ बोलते हैं। एक अनुसूचित जाति के रूप में इनका पारंपरिक व्यवसाय बुनाई रहा है। अधिकांश हिंदू धर्म से हैं, ऋषि मेघ, कबीर, रामदेवजी और बंकर माताजी उनके प्रमुख आराध्य हैं। मेघवंश को राजऋषि वृत्र या मेघ ऋषि से उत्पन्न जाना जाता है।सिंधु सभ्यता के अवशेष (मेघ ऋषि की मुर्ति मिली) भी मेघो से मिलते है। हडप्पा,मोहन-जोद़ङो,कालीबंगा (हनुमानगढ),राखीगङी,रोपङ,शक्खर(सिंध),नौसारो(बलुचिस्तान),मेघढ़(मेहरगढ़ बलुचिस्तान)आदि मेघवंशजो के प्राचीन नगर हुआ करते थे। 3300ई.पू.से 1700ई.पू.तक सिंध घाटी मे मेघो की ही आधिक्य था। 1700-1500ई.पू.मे आर्यो के आगमन से मेघ, अखंड भारत के अलग अलग भागो मे बिछुङ (चले) गये । ये लोग बहुत शांत स्वभाव व प्रवृति के थे। इनका मुख्य साधन ऊंठ-गाङा व बैल-गाङा हुआ करता। आज मेघवालो को बहुत सारी उपजातीयो बांट रखा है जिसमे सिहमार, भगत, बारुपाल, मिड़ल (मिरल),केम्मपाल, अहम्पा, पंवार,पङिहार,लिलङ,जयपाल,पंवार,चावणीया, तुर्किया,गाडी,देवपाल,जालानी गोयल-मंगी,पन्नु, गोगली,गंढेर,दहीया,पुनङ,मुंशी,कोली आदि प्रमुख है। मेघवंशो के कूलगुरु गर्गाचार्य गुरङा होते है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मेघवाल · और देखें »

मोहित चौहान

मोहित चौहान एक भारतीय पार्श्व गायक हैं जिन्हें मुख्यतः उनके रोमांटिक गानों के लिए जाना जाता है। वो दो बार फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मोहित चौहान · और देखें »

मीडिया की पहुँच के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची लोगों तक मीडिया की पहुँच के आधार पर है। यह जानकारी एन॰एफ॰एच॰एस-३ से संकलित की गई थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण व्यापक-पैमाने, बहु-दौरीय सर्वेक्षण है जो अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आई॰आई॰पी॰एस), मुंबई द्वारा कराया जाता है जो परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट है। एन॰एफ॰एच॰एस-३ ११ अक्टूबर २००७ को जारी किया गया था और पूरा सर्वेक्षण इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और मीडिया की पहुँच के आधार पर भारत के राज्य · और देखें »

यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय

डॉ यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित एक विश्वविद्यालय है। एशिया में यह अपने तरह का पहला विश्वविद्यालय है जिसमें औद्यानिकी तथा वानिकी की शिक्षा, अनुसंधान एवं विस्तार (एक्सटेंशन) होता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय · और देखें »

यशवंत सिंह परमार

डॉ॰ यशवंत सिंह परमार (०४ अगस्त १९०६ - ०२ मई १९८१) भारत के राजनेता एवं स्वतंत्रता-संग्राम सेनानी थे। वह हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे। उनका हिमाचल प्रदेश को अस्तित्व में लाने और विकास की आधारशिला रखने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लगभग 3 दशकों तक कुशल प्रशासक के रूप में जन-जन की भावनाओं संवेदनाओं को समझते हुए उन्होने प्रगति पथ पर अग्रसर होते हुए हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए नई दिशाएं प्रस्तुत की। उनका सारा जीवन प्रदेश की जनता के लिए समर्पित रहा वे उम्र भर गरीबों और जरुरतमंदों की सहायता करते रहे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और यशवंत सिंह परमार · और देखें »

यॉक स्कीइंग

याक स्कीइंग भारत के उत्तरी राज्य हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय पर्यटन स्थल मनाली में पर्यटक आकर्षण वाला एक खेल होता है। इस खेल में एक रस्सी का एक सिरा याक से दूसरा सिरा किसी व्यक्ति से बंधा होता और रस्सी पहाड़ी के चोटी से होकर गुजरती है। याक को लुभाकर दौड़ाया जाता है जिससे व्यक्ति रस्सी के सहारे छोटी की और तेजी से बढ़ता है। याक को उत्तेजित करने हेतु स्कीयर को रस्सी को खींचना व हिलाना होता है, तथा इसके साथ ही कुछ पोनी नट्स से भरी बाल्टी को भी बजाना होता है। इससे याक आकर्षित एवं उत्तेजित होकर नीचे की ओर भागता है, एवं स्कीयर ऊपर की ओर खिंचता जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और यॉक स्कीइंग · और देखें »

रस्किन बॉण्ड

रस्किन बॉण्ड (जन्म 19 मई 1934) अंग्रेजी भाषा के एक विश्वप्रसिद्ध भारतीय लेखक हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और रस्किन बॉण्ड · और देखें »

राम स्वरूप शर्मा

राम स्वरूप शर्मा (जन्म: 1959) भारतीय जनता पार्टी से सम्बद्धता रखने वाले एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह 2014 के आम चुनावों में हिमाचल प्रदेश के मंडी से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राम स्वरूप शर्मा · और देखें »

रामभद्राचार्य

जगद्गुरु रामभद्राचार्य (जगद्गुरुरामभद्राचार्यः) (१९५०–), पूर्वाश्रम नाम गिरिधर मिश्र चित्रकूट (उत्तर प्रदेश, भारत) में रहने वाले एक प्रख्यात विद्वान्, शिक्षाविद्, बहुभाषाविद्, रचनाकार, प्रवचनकार, दार्शनिक और हिन्दू धर्मगुरु हैं। वे रामानन्द सम्प्रदाय के वर्तमान चार जगद्गुरु रामानन्दाचार्यों में से एक हैं और इस पद पर १९८८ ई से प्रतिष्ठित हैं।अग्रवाल २०१०, पृष्ठ ११०८-१११०।दिनकर २००८, पृष्ठ ३२। वे चित्रकूट में स्थित संत तुलसीदास के नाम पर स्थापित तुलसी पीठ नामक धार्मिक और सामाजिक सेवा संस्थान के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। वे चित्रकूट स्थित जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय के संस्थापक और आजीवन कुलाधिपति हैं। यह विश्वविद्यालय केवल चतुर्विध विकलांग विद्यार्थियों को स्नातक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम और डिग्री प्रदान करता है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य दो मास की आयु में नेत्र की ज्योति से रहित हो गए थे और तभी से प्रज्ञाचक्षु हैं। अध्ययन या रचना के लिए उन्होंने कभी भी ब्रेल लिपि का प्रयोग नहीं किया है। वे बहुभाषाविद् हैं और २२ भाषाएँ बोलते हैं। वे संस्कृत, हिन्दी, अवधी, मैथिली सहित कई भाषाओं में आशुकवि और रचनाकार हैं। उन्होंने ८० से अधिक पुस्तकों और ग्रंथों की रचना की है, जिनमें चार महाकाव्य (दो संस्कृत और दो हिन्दी में), रामचरितमानस पर हिन्दी टीका, अष्टाध्यायी पर काव्यात्मक संस्कृत टीका और प्रस्थानत्रयी (ब्रह्मसूत्र, भगवद्गीता और प्रधान उपनिषदों) पर संस्कृत भाष्य सम्मिलित हैं।दिनकर २००८, पृष्ठ ४०–४३। उन्हें तुलसीदास पर भारत के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों में गिना जाता है, और वे रामचरितमानस की एक प्रामाणिक प्रति के सम्पादक हैं, जिसका प्रकाशन तुलसी पीठ द्वारा किया गया है। स्वामी रामभद्राचार्य रामायण और भागवत के प्रसिद्ध कथाकार हैं – भारत के भिन्न-भिन्न नगरों में और विदेशों में भी नियमित रूप से उनकी कथा आयोजित होती रहती है और कथा के कार्यक्रम संस्कार टीवी, सनातन टीवी इत्यादि चैनलों पर प्रसारित भी होते हैं। २०१५ में भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और रामभद्राचार्य · और देखें »

राष्ट्रपति निवास

राष्ट्रपति निवास (पूर्व नाम वाईसरिगल लॉज) शिमला, हिमाचल प्रदेश, भारत के ऑब्जर्वेटरी हिल्स पर स्थित है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राष्ट्रपति निवास · और देखें »

राष्ट्रीय राजमार्ग १

४५६ किलोमीटर लंबा यह राजकीय राजमार्ग दिल्ली से भारत-पाकिस्तान की सीमा के पास अटारी तक जाता है। इसका रूट दिल्ली - अम्बाला - जालंधर - अमृतसर - अटारी है। यह हाईवे दिल्ली को अमृतसर से जोड़ता है। रास्ते में पानीपत, अम्बाला, लुधियाना और जालंधर शहर हैं। इनके अलावा इस रूट पर कई पर्यटन स्थल भी हैं। पानीपत के पास कालाअम्ब एक मिनी सैरगाह है। यह स्थल पानीपत की लड़ाई से ताल्लुक रखता है। कालाअम्ब से नाहन होते हुए हिमाचल प्रदेश में रेणुका झील जाया जा सकता है। यहां पहाड़ों के मध्य फैली झील के आसपास किसी गेस्ट हाउस में रुक प्रकृति का मजा उठा सकते हैं। दिल्ली से 156 कि॰मी॰ दूर स्थित धार्मिक स्थल कुरुक्षेत्र में मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। यहीं ज्योतिसर नामक स्थान गीता उपदेश की जगह है। हरियाणा का आधुनिक शहर पंचकुला भी पर्यटन का आकर्षण केंद्र है। यहां का कैक्टस गार्डन, मनसा देवी मंदिर दर्शनीय हैं। इसके निकट 350 वर्ष पुराना रामगढ़ फोर्ट आज एक हेरिटेज होटल है। पंचकुला से सैलानी पिंजौर गार्डन, नालागढ़ फोर्ट और मोरनी हिल्स भी जा सकते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राष्ट्रीय राजमार्ग १ · और देखें »

राष्ट्रीय राजमार्ग १ए

६६३ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग जालंधर को उरी, कश्मीर से जोड़ता है। इसका रूट जालंधर – माधोपुर - जम्मू - बनिहाल – श्रीनगर – बारामूला - उरी है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राष्ट्रीय राजमार्ग १ए · और देखें »

राष्ट्रीय राजमार्ग २०

२३० किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग पठानकोट, पंजाब को मंडी, हिमाचल प्रदेश से जोड़ता है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राष्ट्रीय राजमार्ग २० · और देखें »

राष्ट्रीय राजमार्ग २१

३२३ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग चंडीगढ़ से मनाली तक जाता है। इसका रूट चंडीगढ़ - रोपड़ - बिलासपुर - सुंदरनगर - मंडी - कुल्लू - मनाली है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राष्ट्रीय राजमार्ग २१ · और देखें »

राष्ट्रीय राजमार्ग २१ए

राष्ट्रीय राजमार्ग २१ए - ६५ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग पिंजौर से निकलकर हिमाचल प्रदेश में स्वारघाट तक जाता है। इसका रूट पिंजौर - बद्दी - नालागढ़ - स्वारघाट है। स्वारघाट में यह राष्ट्रीय राजमार्ग २१ से जुड़ता है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राष्ट्रीय राजमार्ग २१ए · और देखें »

राष्ट्रीय राजमार्ग २२

राष्ट्रीय राजमार्ग २२- ४५९ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग अंबाला से भारत-तिब्बत (चीन) सीमा के पास शिपकिला तक जाता है। इसका रास्ता अंबाला - कालका - शिमला - नारकंडा - रामपुर - भारत चीन सीमा के पास शिपकिला है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राष्ट्रीय राजमार्ग २२ · और देखें »

राहला जलप्रपात

राहला जलप्रपात हिमाचल प्रदेश में स्थित एक जलप्रपात है। यह जलप्रपात मनाली-लेह राष्ट्रीय धोरी मार्ग पर मनाली से २० किलोमीटर की दूरी पर देवदार और भूर्ज के वृक्षो से बने घने जंगलो में स्थित है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राहला जलप्रपात · और देखें »

राजभवन (हिमाचल प्रदेश)

राजभवन शिमला भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के राज्यपाल का आधिकारिक आवास है। यह राज्य की राजधानी शिमला में स्थित है। उर्मिला सिंह राज्य की वर्तमान राज्यपाल हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राजभवन (हिमाचल प्रदेश) · और देखें »

राजमा

राजमा (किडनी बीन्स) उष्ण कटिबंधी अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका के भागों में यह एक महत्वपूर्ण दलहनी फसल है। इसे उष्ण कटिबंधी भारत तथा एशिया के अन्य देशों में भी उगाया जाता है। भारत में इसे उत्तराखण्ड के पर्वतीय भागों, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक के कुछ भाग तथा तमिलनाडु व आन्ध्रप्रदेश में उगाया जाता है। इसके सूखे दानों को दाल के रूप में तथा तल कर खाया जाता है। हरी फलियों को सब्जी के रूप में खाया जाता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 21 प्रतिशत होता है। राजमा का कुल नाम लैगुमिनोसी तथा उपकुल पेपिलियोनेसी है। इसके पौधे सहारे से चढ़ने वाले बेल तथा झाड़ीनुमा होते है। जिसमें अच्छी तरह विकसित मूसला जड़ होती है। पुष्पक्रम एक कक्षीय-असीमाक्ष होता है, जिसमें अनेक पुष्प होते है। बीज का आकार अधिकतर आयताकार या गुर्दे के आकार का होता है। अंकुरण ऊपरिभूमिक होता है। वैज्ञानिक नाम: फैजियोलस बल्गेरिस प्रचलित नाम: फ्रेन्चबीन हिन्दी भाषा का नाम: राजमा उगाने के मौसम: रबी (मैदानी क्षेत्र) तथा खरीफ (पहाड़ी क्षेत्र) उत्पत्ति: राजमा की उत्पति अमेरिका में हुई है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राजमा · और देखें »

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम

राजस्थान राज्य का सबसे बड़ा इंटरसिटी बस परिवहन राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम है इसका मुख्यालय जयपुर राजस्थान में हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम · और देखें »

राजिंदर सिंह राणा

राजिंदर सिंह राणा एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए 13 वीं हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गये हैं। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता हैं | उन्होंने भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल को 1919 वोटों के अंतर से हरा दिया है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राजिंदर सिंह राणा · और देखें »

राजकीय महाविद्यालय, संजौली

राजकीय महाविद्यालय, संजौली, शिमला में स्थित एक महाविद्यालय है। राजकिय महाविद्धालय संजोली हिमाचल का एक सम्मानित महाविद्धालय हैँ। इसकी स्थापना 1969 मे हुई। यह उस समय शिमला मै स्थापित प्रथम महाविद्धलय था। 2006 मै इसको सेँटर औफ एक्सी लेँस की उपाधी मिली। art by रजत घाल्टा.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राजकीय महाविद्यालय, संजौली · और देखें »

राज्य पुनर्गठन आयोग

वर्ष १९५१ में भारत के प्रशासनिक प्रभाग भारत के स्वतंत्र होने के बाद भारत सरकार ने अंग्रेजी राज के दिनों के 'राज्यों' को भाषायी आधार पर पुनर्गठित करने के लिये राज्य पुनर्गठन आयोग (States Reorganisation Commission) की स्थापना की। 1950 के दशक में बने पहले राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश में राज्यों के बंटवारे का आधार भाषाई था। इसके पीछे तर्क दिया गया कि स्वतंत्रता आंदोलन में यह बात उठी थी कि जनतंत्र में प्रशासन को आम लोगों की भाषा में काम करना चाहिए, ताकि प्रशासन लोगों के नजदीक आ सके। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राज्य पुनर्गठन आयोग · और देखें »

राजीव सैज़ल

डॉ.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राजीव सैज़ल · और देखें »

रावी नदी

चम्बा में रावी नदी रावी उत्तरी भारत में बहनेवाली एक नदी है। इसका पौराणिक नाम परुष्णी है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और रावी नदी · और देखें »

राइफलमैन संजय कुमार

सूबेदार संजय कुमार (जन्म: ३ मार्च १९७६) एक भारतीय सिपाही हैं, जिन्होंने कारगिल युद्ध में एरिया फ्लैट टॉप पर कब्ज़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी इस बहादुरी के लिए उन्हें १९९९ में परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और राइफलमैन संजय कुमार · और देखें »

रिवालसर

रिवालसर हिमाचल प्रदेश के मंडी क़स्बे से 24 किलोमीटर दूर सड़क मार्ग से जुड़ा एक प्राचीन तीर्थ है जहाँ एक बड़ा सरोवर और सरोवर के निकट ही गुरु पद्मसम्भव द्वारा स्थापित 'मानी-पानी' नामक बौद्ध मठ और एक गुरुद्वारा भी स्थित है | इसे महर्षि लोमश की तपोभूमि माना जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और रिवालसर · और देखें »

रघुराज प्रताप सिंह

कुँवर रघुराज प्रताप सिंह (जन्मः 31 अक्टूबर 1967, पश्चिम बंगाल) एक सुप्रसिद्ध भारतीय राजनेता है, जो राजा भैया के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। सन 1993 से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिला के विधान सभा क्षेत्र कुंडा से निर्दलीय विधायक निर्वाचित किए जाते हैं। विधानसभा चुनाव 2012 में भी भारी मतों से जीतकर विधानसभा सदस्य हैं। वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश के कैबिनेट में खाद्य आपूर्ति मंत्री हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और रघुराज प्रताप सिंह · और देखें »

रुद्रावतार

रुद्रावतार भगवान् शिव (रूद्र) के अवतारों को कहा जाता है। शास्त्र अनुसार महादेव के २८ अवतार हुए थे उनमें भी १० प्रमुख है । .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और रुद्रावतार · और देखें »

रूपनगर

रूपनगर (पंजाबी:ਰੂਪਨਗਰ, पुराना नामः ਰੋਪੜ, रोपड़) भारत के पंजाब राज्य का एक शहर और जिला है। रूपनगरएक अति प्राचीन स्थल है, नगर का इतिहास सिंधु घाटी की सभ्यता तक जाता है। रूपनगर सतलुज के दक्षिणी किनारे पे बसा है। सतलुज नदी के दूसरी और शिवालिक के पहाड़ हैं। रूपनगर चंडीगढ़ (सबसे समीप विमानक्षेत्र एवं पंजाब की राजधानी) से लगभग ५० कि.मी.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और रूपनगर · और देखें »

रेणुका झील

रेणुका झील, हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में, नाहन से 40 किमी की दूरी पर स्थित है। यह हिमाचल प्रदेश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। समुन्द्र तल से 672 मीटर की ऊँचाई पर स्थित 3214 मीटर की परिधि के साथ रेणुका झील हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी झील के रूप में जानी जाती है।  झील का नाम देवी रेणुका के नाम पर रखा गया था। यह अच्छी तरह से सड़क मार्ग से जुडी हूई है। झील पर नौका विहार उपलब्ध है। एक शेर सफारी और एक चिड़ियाघर रेणुका के पास हैं। यह नवंबर में आयोजित एक वार्षिक मेले की साइट है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और रेणुका झील · और देखें »

रेबा सोम

डॉ रेबा सोम (जन्म, दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल) एक भारतीय अकादमिक, इतिहासकार, लेखक और शास्त्रीय गायक है।  वह कोलकाता में 'सांस्कृतिक संबंधों के लिए भारतीय परिषद' रबींद्रनाथ टैगोर केंद्र के निदेशक हैं। रेबा सोम रवींद्रसंगीत की एक प्रशिक्षित गायक भी है। उनकी कॉम्पैक्ट डिस्क, रवींद्रनाथ टैगोर (तृतीय मिलननेओ, रोम, इटली 2003 और सरेगामा - भारत, मई 2004) के चयनित गीतों में उनके अंग्रेजी अनुवाद और टैगोर के गीतों के लिप्यंतरण शामिल हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और रेबा सोम · और देखें »

रोहतांग दर्रा

रोहतांग दर्रा रोहतांग दर्रा हिमालय का एक प्रमुख दर्रा हैं। भारत के पर्यटन स्थलों की अधिक से अधिक जानकारी हिंदी में देने का यह एक लघु प्रयास है। रोहतांग दर्रा-- भारत देश के हिमाचल प्रदेश में 13,050 फीट/समुद्री तल से 4111 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है 'रोहतांग दर्रा 'हिमालय का एक प्रमुख दर्रा है। रोहतांग इस जगह का नया नाम है। पुराना नाम है-'भृगु-तुंग'! यह दर्रा मौसम में अचानक अत्यधिक बदलावों के कारण भी जाना जाता है। उत्तर में मनाली, दक्षिण में कुल्लू शहर से ५१ किलोमीटर दूर यह स्थान मनाली-लेह के मुख्यमार्ग में पड़ता है। इसे लाहोल और स्पीति जिलों का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। पूरा वर्ष यहां बर्फ की चादर बिछी रहती है। राज्य पर्यटन विभाग के अनुसार पिछले वर्ष 2008में करीब 100,000 विदेशी पर्यटक यहां आए थे। यहाँ से हिमालय श्रृंखला के पर्वतों का विहंगम दृश्य देखने को मिलता है। बादल इन पर्वतों से नीचे दिखाई देते हैं। यहाँ ऐसा नजारा दिखता है, जो पृथ्वी पर बिरले ही स्थानों पर देखने को मिले.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और रोहतांग दर्रा · और देखें »

लडभड़ोल

लडभड़ोल तहसील  भारत के हिमाचल प्रदेश  की जिला मंडी की जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र में स्थित है तथा काँगड़ा जिले के नज़दीक है। लडभड़ोल जिला मंडी की एक तहसील  है। यह दिल्ली से लगभग 600 किलोमीटर की  दुरी पर स्थित है। यह एक पहाड़ी  इलाका है।। लडभड़ोल  का नाम लेते मन जोश एवं श्रद्धा से भर जाता है। यहां के जर्रे-जर्रे से उठने वाली देशभक्ति की आवाज से जोश और  श्रद्धा का भाव स्वतः ही आ जाता है। सेना में जाने तथा मातृभूमि के लिए शहीद होने का जज्बा जैसा यहां दिखाई देता है, शायद ही कहीं पर दिखाई दे। बात चाहे आजादी से पहले की हो या बाद की, इस तहसील  के जाबांज सैनिकों ने दुश्मनों के दांत खट्‌टे कर अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया। वीरता के बाद लडभड़ोल  का धर्म-कर्म के मामले में अलग मुकाम है। यहां सिमसा माता मंदिर और त्रिवेणी महादेव मन्दिर तो विश्व भर में प्रसिद्ध हैं।  लडभड़ोल भारत के 18वें राज्य हिमाचल प्रदेश में मंडी जिले में आता है जो जोगिन्दरनगर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लडभड़ोल तहसील के तहत 17 ग्राम पंचायतें कोंलग, उटपुर, सिमस, रोपडी कलेहडू, तरेबली, खद्वर, दलेड, ममाण बनांदर, रोपडी, तलकेहड, पिहड वेहडलू, कथौण, गोलंवा, वाग,भडोल, उपरीधार व तुलाह है जिसमे लगभग 35 हजार लोग रहते है। लडभड़ोल के सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं। यहाँ के अधिकांश ग्रामवासी किसान हैं। कठोर परिश्रम, सरल स्वभाव और उदार हृदय उनकी विशेषताएं हैं। यहाँ के गांव की प्राकृतिक छटा मन मोह लेती है। दूर-दूर तक लहलहाते हुए हरे-भरे खेत और चारों तरफ रंग-बिरंगे फूल और उनकी फैली हुयी खुशबु मदहोश कर देती है। चारों तरफ चहचहाते हुए पक्षी मन मोह लेते हैं। सादगी और प्राकृतिक शोभा के भण्डार लडभड़ोल के गांवों कि भी अपनी कथा है। आजादी के बाद लडभड़ोल के ग्रामीणों की दशा में कुछ सुधार हुआ है। सरकार की तरफ से भी काफी योजनायें चलाई गई। आज भी इस तहसील के बहुत से गांव उपेक्षित हैं। इसके लिए सरकार को अच्छे कदम उठाने की जरूरत है। तभी गांव का जीवन और अच्छा बन सकेगा। लडभड़ोल तहसील की सुन्दरता बढाने में सबसे ज्यादा सहयोग यहाँ ब्यास नदी व यह फैले पर्वतों का है जो सावन माह हरियाली बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। लडभड़ोल तहसील में तीन प्रसिद्ध मंदिर सिमसा माता, त्रिवेणी महादेव व कुड्ड महादेव है जहा पूरे भारत से श्रद्धालु आते है। लडभड़ोल तहसील के गाँवों में ग्रामीण सेवा हेतु कुछ हद की प्राथमिक स्तर की मूलभूत सुविधाए उपलब्‍ध है। बिजली प्रसारण हेतु विधुत विभाग ने चलाहणु में पावर-हाउस संचालित किया हुआ है जिस से पूरे लडभड़ोल के साथ साथ आज़-पास के गाँवो में भी बिजली की आपूर्ति की जाती है। लडभड़ोल तहसील अभी तक सही मायनों में एक आदर्श गाँव तहसील नहीं बन पायी है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और लडभड़ोल · और देखें »

लाहौल और स्पीति जिला

लाहौल और स्पीति भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय केलांग है। हिमाचल प्रदेश के दो पूर्व जिलों लाहौल और स्पीति के विलयोपरांत, अब लाहौल और स्पीति एक जिला है। विलय के पूर्व लाहौल का मुख्यालय करदंग और स्पीति का मुख्यालय दनकर था। क्षेत्रफल - 12210 वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - 33224 (2001 जनगणना) साक्षरता - 73.1% एस.टी.डी (STD) कोड - 91-01900 जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से ऊंचाई - 10050 फुट अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और लाहौल और स्पीति जिला · और देखें »

लिंगानुपात के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

यह सूची में भारत के राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों को 2011 की जनगणना में लिगांनुपात के अनुसार क्रमवार करती है। इसके साथ ही 2001 की जनगणना के आँकड़े भी दिए गए है। इस सूची में लिंगानुपात का अर्थ है प्रति एक हज़ार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या। इस सूची में पूरी जनसंख्या के लिए लिंगानुपात दिया गया है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और लिंगानुपात के आधार पर भारत के राज्यों की सूची · और देखें »

लंबी चोंच का गिद्ध

लंबी चोंच का गिद्ध (Gyps tenuirostris) हाल ही में पहचानी गई जाति है। पहले इसे भारतीय गिद्ध की एक उपजाति समझा जाता था, लेकिन हाल के शोधों से पता चला है कि यह एक अलग जाति है। जहाँ भारतीय गिद्ध गंगा नदी के दक्षिण में पाया जाता है तथा खड़ी चट्टानों के उभार में अपना घोंसला बनाता है वहीं लंबी चोंच का गिद्ध तराई इलाके से लेकर दक्षिण-पूर्वी एशिया तक पाया जाता है और अपना घोंसला पेड़ों पर बनाता है। यह गिद्ध पुरानी दुनिया का गिद्ध है जो नई दुनिया के गिद्धों से अपनी सूंघने की शक्ति में भिन्न हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और लंबी चोंच का गिद्ध · और देखें »

लोक सभा

लोक सभा, भारतीय संसद का निचला सदन है। भारतीय संसद का ऊपरी सदन राज्य सभा है। लोक सभा सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर लोगों द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों से गठित होती है। भारतीय संविधान के अनुसार सदन में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 तक हो सकती है, जिसमें से 530 सदस्य विभिन्न राज्यों का और 20 सदस्य तक केन्द्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। सदन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं होने की स्थिति में भारत का राष्ट्रपति यदि चाहे तो आंग्ल-भारतीय समुदाय के दो प्रतिनिधियों को लोकसभा के लिए मनोनीत कर सकता है। लोकसभा की कार्यावधि 5 वर्ष है परंतु इसे समय से पूर्व भंग किया जा सकता है .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और लोक सभा · और देखें »

लोकसभा सीटों के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूची

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों को लोकसभा सीटों के आधार पर क्रमित करती है। इस सूची में निर्वाचन क्षेत्रों के प्रकार परिसीमन आदेश 2008 के आधार पर विभाजित हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और लोकसभा सीटों के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूची · और देखें »

लीला सेठ

लीला सेठ (20 अक्टूबर 1930 – 5 मई 2017) भारत में उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश बनने वाली पहली महिला थीं। दिल्ली उच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश बनने का श्रेय भी उन्ही को ही जाता है। वे देश की पहली ऐसी महिला भी थीं, जिन्होंने लंदन बार परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और लीला सेठ · और देखें »

शारदा लिपि

शारदा लिपि में लिखी एक पाण्डुलिपि शारदा लिपि का उपयोग भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी-पश्चिमी भाग में सीमित था। यह लिपि पश्चिमी ब्राह्मी लिपि से नौवीं शताब्दी में उत्पन्न हुई। आज इसका उपयोग बहुत ही कम होता है (कुछ पुराने पण्डित इसका उपयोग करते हैं)। हिमाचल प्रदेश में यह लिपि तेरहवीं शती तक प्रयोग में आती थी और फल-फूल रही थी। अल बरुनी ने अपने भारत यात्रा वर्णन में इसे "सिद्ध मात्रिक" नाम से उल्लेख किया है इसका कारण यह है कि शारदा वर्णमाला "ओम् स्वस्ति सिद्धम्" से आरम्भ की जाती है। कश्मीर देश की अधिष्ठात्री देवी 'शारदा' मानी जाती हैं दिससे वह देश 'शारदादेश' या 'शारदमंडल' कहलाता है और इसी से वहाँ की लिपि को 'शारदालिपि' कहते हैं। पीछे से उसको (कश्मीर को) 'देवदेश' भी कहते थे। मूल शारदालिपि ईस्वी सन् की दसवीं शताब्दी के आस पास कुटिल लिपि से निकली है और उसका प्रचार कश्मीर तथा पंजाब में रहा। उस में परिवर्तन होकर वर्तमान शारदा लिपि बनी जिसका प्रचार अब कश्मीर में बहुत कम रह गया है। उसका स्थान बहुधा नागरी, गुरुमुखी या टाकरी ने ले लिया है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और शारदा लिपि · और देखें »

शाहतलाई

शाहतलाई बिलासपुर जिले (हिमाचल प्रदेश) के अंतर्गत आता है। यह स्थान एक तराई इलाका है। सिध्द बाबा बालकनाथ का यह मूल स्थान माना जाता है। शाहतलाई में ही माता रत्नो का मंदिर बहुत प्रसिध्द है। श्रेणी:बिलासपुर श्रेणी:हिमाचल प्रदेश श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के शहर.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और शाहतलाई · और देखें »

शांता कुमार

शांता कुमार (जन्म १२ सितम्बर १९३४) हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और भारत सरकार के भूतपूर्व मंत्री है। वह भारतीय जनता पार्टी के एक नेता है। १९७७ में वह पहली बार हिमाचल प्रदेश के गैर - कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने। 1982 में वह पुनः विधानसभा में लौटे और प्रतिपक्षी सदस्य रहे। 1985 में राज्य असेंबली चुनाव हार गए। 1986 से 1990 तक ये राज्य भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने। फरवरी 1990 में इनको पालमपुर और सुलह निर्वाचन क्षेत्रों से जीत मिली तथा भारतीय जनता पार्टी का नेता चुने गए। यह पुनः मुख्यमंत्री बने। 1993 में इन्होंने सुलह विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, किंतु पराजित हुए। यह केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार में मंत्री भी रहे। वर्तमान में आप भाजपा के एक सक्रिय नेता हैं। शांता कुमार दो बार हिमाचल प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री रहे चुके है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और शांता कुमार · और देखें »

शिपकी ला

शिपकी ला या शिपकी दर्रा हिमालय का एक प्रमुख दर्रा हैं। यह भारत के हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले को तिब्बत के न्गारी विभाग के ज़ान्दा ज़िले से जोड़ता है। सतलुज नदी इस दर्रे के पास ही एक तंग घाटी से गुज़रकर तिब्बत से भारत में दाख़िल होती है।, Ramesh Chandra Bisht, pp.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और शिपकी ला · और देखें »

शिमला

शिमला, हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। 1864 में, शिमला को भारत में ब्रिटिश राज की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया था। एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल, शिमला को अक्सर पहाड़ों की रानी के रूप में जाना जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और शिमला · और देखें »

शिमला नगर निगम

हिमाचल प्रदेश में केवल एक ही नगर निगम ‘शिमला नगर निगम’ बना। यह नगर निगम कई सालों से लगातार कार्य कर रहा है। सर्वप्रथम पंजाब सरकार द्वारा 1876 में नगर बोर्ड शिमला का गठन किया गया था, उस समय बोर्ड में 19 सदस्य थे। इनमें से सात अधिकारी तथा 12 गैर अधिकार होते थे। बारह गैर अधिकारी सदस्यों में से नौ सदस्य चुनकर आते थे, जबकि तीन सदस्यों को सरकार द्वारा नामांकित किया जाता था। इसके बाद चार सदस्य पदेन सदस्य माने गए। यह चार सदस्य थे आयुक्त शिमला, कार्यकारी अभियंता शिमला, प्रांतीय मंडल कार्यकारी अभियंता शिमला, केंद्रीय मंडल तथा सिविल सर्जन शिमला 1950 के अधिनियम के अंतर्गत दिसंबर 1951 में शिमला में नगर सरकार की शुरुआत हुई। 1962 में सदस्यों की संख्या बढ़ा दी गई। उस समय तक नगर सरकार का स्वरूप पंजाब में संचालित होता था, लेकिन हिमाचल प्रदेश के पुनर्गठन के बाद 1968 में हिमाचल प्रदेश नगर पालिका अधिनियम लागू चालू किया गया। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और शिमला नगर निगम · और देखें »

शिमला लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

शिमला लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य का एक लोक सभा आरक्षित, (अनुसूचित जाति) निर्वाचन क्षेत्र है। जिला सिरमौर के पांच, जिला सोलन के पांच तथा शिमला के सात विधानसभा क्षेत्र, कुल 17 विधानसभा क्षेत्र। जिला शिमला का रामपुर विधानसभा क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं आता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और शिमला लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र · और देखें »

शिमला जिला

शिमला भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय शिमला है। क्षेत्रफल - 5131 वर्ग कि.मी.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और शिमला जिला · और देखें »

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी भारत में मौजूद संस्था है जो गुरुद्वारों के रख-रखाव के लिये उत्तरदायी है। इसका अधिकार क्षेत्र तीन राज्यों पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश तक है। संघ शासित क्षेत्र चंडीगढ़ भी इसमें सम्मिलित है। अमृतसर स्थित हरिमन्दिर साहिब यही संचालित करते हैं। कमेटी को पंजाब के मुख्यमंत्री शासित करते हैं। यह कमेटी गुरुद्वारों की सुरक्षा, वित्तीय, सुविधा रख-रखाव और धार्मिक पहलुओं का प्रबंधन करता है। साथ ही सिख गुरुओं के हथियार, कपड़े, किताबें और लेखन सहित पुरातात्विक रूप से दुर्लभ और पवित्र कलाकृतियों को सुरक्षित रखती है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी · और देखें »

शिवालिक

शिवालिक श्रेणी या बाह्य हिमालय भी कहा जाता है) हिमालय पर्वत का सबसे दक्षिणी तथा भौगोलिक रूप से युवा भाग है जो पश्चिम से पूरब तक फैला हुआ है। यह हिमायल पर्वत प्रणाली के दक्षिणतम और भूगर्भ शास्त्रीय दृष्टि से, कनिष्ठतम पर्वतमाला कड़ी है। इसकी औसत ऊंचाई 850-1200 मीटर है और इसकी कई उपश्रेणियां भी हैं। यह 1600 कि॰मी॰ तक पूर्व में तिस्ता नदी, सिक्किम से पश्चिमवर्त नेपाल और उत्तराखंड से कश्मीर होते हुए उत्तरी पाकिस्तान तक जाते हैं। सहारनपुर, उत्तर प्रदेश से देहरादून और मसूरी के पर्वतों में जाने हेतु मोहन दर्रा प्रधान मार्ग है। पूर्व में इस श्रेणी को हिमालय से दक्षिणावर्ती नदियों द्वारा, बड़े और चौड़े भागों में काटा जा चुका है। मुख्यत यह हिमालय पर्वत की बाह्यतम, निम्नतम तथा तरुणतम श्रृंखला हैं। उत्तरी भारत में ये पहाड़ियाँ गंगा से लेकर व्यास तक २०० मील की लंबाई में फैली हुई हैं और इनकी सर्वोच्च ऊंचाई लगभग ३,५०० फुट है। गंगा नदी से पूर्व में शिवालिक सदृश संचरना पाटली, पाटकोट तथा कोटह को कालाघुंगी तक हिमालय को बाह्य श्रृंखला से पृथक्‌ करती है। ये पहाड़ियाँ पंजाब में होशियारपुर एवं अंबाला जिलों तथा हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिले को पार कर जाती है। इस भाग की शिवालिक श्रृंखला अनेक नदियों द्वारा खंडित हो गई है। इन नदियों में पश्चिम में घग्गर सबसे बड़ी नदी है। घग्गर के पश्चिम में ये पहाड़ियाँ दीवार की तरह चली गई हैं और अंबाला को सिरसा नदी की लंबी एवं तंग घाटी से रोपड़ तक, जहाँ पहाड़ियों को सतलुज काटती है, अलग करती हैं। व्यास नदी की घाटी में ये पहाड़ियाँ तरंगित पहड़ियों के रूप में समाप्त हो जाती हैं। इन पहड़ियों की उत्तरी ढलान की चौरस सतहवाली घाटियों को दून कहते हैं। ये दून सघन, आबाद एवं गहन कृष्ट क्षेत्र हैं। सहारनपुर और देहरादून को जोड़नेवाली सड़क मोहन दर्रे से होकर जाती है। भूवैज्ञानिक दृष्टि से शिवालिक पहाड़ियाँ मध्य-अल्प-नूतन से लेकर निम्न-अत्यंत-नूतन युग के बीच में, सुदूर उत्तर में, हिमालय के उत्थान के समय पृथ्वी की हलचल द्वारा दृढ़ीभूत, वलित एवं भ्रंशित हुई हैं। ये मुख्यत: संगुटिकाश्म तथा बलुआ पत्थर से निर्मित है और इनमें स्तनी वर्ग के प्राणियों के प्रचुर जीवाश्म मिले हैं .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और शिवालिक · और देखें »

शिवालिक जीवाश्म उद्यान

शिवालिक के लुप्त हो चुके हाथियों का वार्तविक आकारीय फाइबर ग्लास प्रतिरूप, जिसका हाथी-दांत लगभग 18 फीट लम्बा है। शिवालिक के लुप्त हो चुके महा-कच्छप का वार्तविक आकारीय फाइबर ग्लास प्रतिरूप। सकेती जीवाश्म उद्यान हिमाचल प्रदेश में काला अम्ब ग्राम से ५ कि॰मी॰ स्थित एक जीवाश्म उद्यान है। यह चंडीगढ़ से ८५ कि॰मी॰ दूर, अंबाला से ६५ कि.मी; नहान से २२ कि.मी तथा देहरादून से ११० कि॰मी॰ दूर स्थित है। यहां एक छोटा जीवाश्म संग्रहालय है, जिसमें लगभग पच्चीस से दस लाख वर्ष पूर्व के, भिन्न जीव-समूहों, जैसे स्तनधारी, सरीसृप, मत्स्य, एवं खासकर शिवालिक की पहाड़ियों के आसपास रहने वाले जीवों के अवशेष (जैसे खोपड़ी, दांत, जबड़े, आदि) के जीवाश्म प्रदर्शन मंजूषा में संग्रहीत हैं। इस उद्यान में उत्तम स्तर के फाइबर-ग्लास निर्मित प्रागैतिहासिक जीवों के छः प्रतिरूप प्रदर्शित हैं, जो शिवालिक क्षेत्र में आवास करते थे, जिनमें १८ फीट के हाथी-दांत वाला हाथी, ३ मीटर का महा-कच्छप आदि प्रमुख हैं। श्रेणी:जीवाश्म उद्यान.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और शिवालिक जीवाश्म उद्यान · और देखें »

शिंगो ला

शिंगो ला (Shingo La) या शिंगु ला हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा है जो भारत में स्थित है। यह हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर राज्यों की सीमा पर स्थित है और ज़ंस्कार की पदुम बस्ती को लाहौल की दारचा बस्ती से जोड़ता है। दर्रे से २० मीटर नीचे एक छोटा तालाब है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और शिंगो ला · और देखें »

शक्ति पीठ

हिन्दू धर्म के अनुसार जहां सती देवी के शरीर के अंग गिरे, वहां वहां शक्ति पीठ बन गईं। ये अत्यंय पावन तीर्थ कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और शक्ति पीठ · और देखें »

शीला कौल

शीला कौल (7 फ़रवरी 1915 – 13 जून 2015) राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, समाज सुधारक, शिक्षाविद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सामाजिक लोकतंत्रीय नेत्री, पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, स्वतंत्रता सेनानी और हिमाचल प्रदेश की पूर्व राज्यपाल रह चुकी हैं। वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साले प्रोफेसर कैलाशनाथ कौल की पत्नी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मामी थी। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और शीला कौल · और देखें »

सतलुज नदी

सतलुज (पंजाबी: ਸਤਲੁਜ, अँग्रेजी:Sutlej River, उर्दू: درياۓ ستلُج) उत्तरी भारत में बहनेवाली एक सदानीरा नदी है। इसका पौराणिक नाम शतद्रु है। जिसकी लम्बाई पंजाब में बहने वाली पाँचों नदियों में सबसे अधिक है। यह पाकिस्तान में होकर बहती है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सतलुज नदी · और देखें »

सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड

सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (पूर्व नाम, नाथपा झाकड़ी पावर कारपोरेशन लिमिटेड - एनजेपीसी) की स्थापना 24 मई 1988 को हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी बेसिन और किसी भी अन्य स्थान पर परियोजनाओं की आयोजना कर इनके सर्वेक्षण से लेकर निर्माण तक के कार्य करने एवं इनका परिचालन व रख-रखाव करने हेतु भारत सरकार तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के संयुक्त उपक्रम के रूप में की गई थी। सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड की वर्तमान प्राधिकृत शेयर पूंजी रु.4500 करोड़ है। नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन - एनजेएचपीएस (1500 मेगावाट) सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा निष्पादन के लिए हाथ मे ली गई प्रथम परियोजना है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड · और देखें »

सत्यपाल जैन

सत्यपाल जैन भारतीय विधि आयोग के सदस्य और भारत के अपर सॉलिसिटर जनरल है। 11 जून, 2016 को उन्हें 21 वें विधि आयोग का अंशकालिक सदस्य नियुक्त किया गया। 21 वें विधि आयोग में उनका कार्यकाल 1 सिंतबर, 2015 से 31 अगस्त, 2018 तक है। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य भी हैं। वे चण्डीगढ़ से 1996 में (11 वीं लोकसभा) और 1998 में (12 वीं लोकसभा) से निर्वाचित हुये थे। वे भारत के उच्चतम न्यायालय और पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में चण्डीगढ़ में वरिष्ठ अधिवक्ता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सत्यपाल जैन · और देखें »

सन्नी लियोन

सन्नी लियोन (जन्म केरेनजीत कौर वोहरा​​, 13 मई 1981) एक भारतीय-कैनेडियन अश्लील फिल्म अभिनेत्री, व्यापार-जगत से जुड़ी महिला और मॉडल है। उनके पास कनाडा व अमरीका की दोहरी राष्ट्रीयता है। वह 2003 में पॅण्टहाउस पॅट ऑफ़ द ईयर (Penthouse Pet of the Year) के लिए नामित हुई और विविड एंटरटेनमेंट के लिए अनुबंध स्टार थीं। इन्हें मैक्सिम (Maxim) द्वारा 2010 में 12 शीर्ष व्यस्क अभिनेताओं में नामांकित किया गया था। यह स्वतंत्र मुख्यधारा की फिल्मों और टीवी शो में भी भूमिका निभा चुकी हैं। 2011-12 में भारत आने के बाद रियलिटी शो बिग बॉस और महेश भट्ट की फिल्‍म जिस्म २ में काम करने के कारण चर्चा में रही हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सन्नी लियोन · और देखें »

सप्तर्षि संवत

सप्तर्षि संवत् भारत का प्राचीन संवत है जो ३०७६ ईपू से आरम्भ होता है। महाभारत काल तक इस संवत् का प्रयोग हुआ था। बाद में यह धीरे-धीरे विस्मृत हो गया। एक समय था जब सप्तर्षि-संवत् विलुप्ति की कगार पर पहुंचने ही वाला था, बच गया। इसको बचाने का श्रेय कश्मीर और हिमाचल प्रदेश को है। उल्लेखनीय है कि कश्मीर में सप्तर्षि संवत् को 'लौकिक संवत्' कहते हैं और हिमाचल प्रदेश में 'शास्त्र संवत्'। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सप्तर्षि संवत · और देखें »

सय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी

सय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी भारत में ट्वेंटी-20 क्रिकेट घरेलू चैंपियनशिप, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा आयोजित रणजी ट्रॉफी से टीमों के बीच था। 2008-09 सत्र में इस ट्रॉफी के लिए उद्घाटन सत्र था। यह एक प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेटर के नाम पर है, सय्यद मुश्ताक अली। जून 2016 में बीसीसीआई ने घोषणा की है कि चैम्पियनशिप खत्म कर दिया है और एक जोनल आधारित प्रतियोगिता के साथ प्रतिस्थापित किया जाएगा। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी · और देखें »

सरचु

सरचु (Sarchu), जिसे सिर भुम चुन (Sir Bhum Chun) भी कहते हैं, भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के लेह ज़िले में लेह-मनाली राजमार्ग पर स्थित एक बस्ती है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर की सीमा के पास स्थित इस पड़ाव के दक्षिण में बड़ालाचा ला और उत्तर में लुंगालाचा ला के पहाड़ी दर्रे हैं। सरचु में कई यात्री रुककर मज़बूत तम्बुओं में रात गुज़ारते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सरचु · और देखें »

सराहन बुशहर

सराहन उत्तर भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश की तत्कालीन बुशहर रियासत में स्थित एक कस्बा है जो मुख्यतः श्री भीमाकाली मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। राष्ट्रीय राजमार्ग २२ (हिंदुस्तान तिब्बत मार्ग) पर स्थित रामपुर बुशहर यहां का निकटतम बड़ा नगर है। श्रीखंड महादेव पर्वत के दर्शन भी यहां से होते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सराहन बुशहर · और देखें »

साधारण राज़क

साधारण राज़क या साधारण हॉप (common hop) '​कैनाबेसीए' (Cannabaceae) जीववैज्ञानिक कुल के राज़क (ह्युमुलस) वंश की एक जाति है। इसके मादा और नर पौधे अलग होते हैं और मादा पौधे के शंकुनुमा फूलों का प्रयोग बियर बनाने में किया जाता है, जिसे वह स्वाद और ख़ुशबू प्रदान करते हैं, हालांकि इनसे कुछ कड़वाहट भी आ जाती है। इन फूलों का सार कीटाणु-नाशक भी होता है और उस से पेयों को संरक्षित भी किया जाता है। यह विशव के समशीतोष्ण (टेम्परेट) इलाक़ों में लता के रूप में उगता है और भारत में यह हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में उगाया जाता है।, Narain Singh Chauhan, pp.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और साधारण राज़क · और देखें »

सांगला

सांगला, हिमाचल प्रदेश का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:लोक नृत्य श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के लोक नृत्य.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सांगला · और देखें »

साक्षरता दर के आधार पर भारत के राज्य

यह सूची भारत के राज्यों की साक्षरता दर के आधार पर है। यह सूची एन॰एफ॰एच॰एस-३ से संकलित की गई थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एन॰एफ॰एच॰एस-३) एक बड़े पैमाने का सर्वेक्षण है जो स्वास्थ्य और जन-कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा नामित अंतर्राष्ट्रीय जन-संख्य विज्ञान संस्थान, मुम्बई द्वारा किया जाता है। एन॰एफ॰एच॰एस-३ ११ अक्टूबर २००७ को जारी किया गया था और पूरा सर्वेक्षण इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और साक्षरता दर के आधार पर भारत के राज्य · और देखें »

सिद्धार्थ (कलाकार)

सिद्धार्थ (जन्म 1956,  पंजाब के लुधियाना जिले में रायकोट शहर के पास बस्सीआं में) एक भारतीय चित्रकार और मूर्तिकार है.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सिद्धार्थ (कलाकार) · और देखें »

सिन्धु नदी

पाकिस्तान में बहती सिन्घु सिन्धु नदी (Indus River) एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है। यह पाकिस्तान, भारत (जम्मू और कश्मीर) और चीन (पश्चिमी तिब्बत) के माध्यम से बहती है। सिन्धु नदी का उद्गम स्थल, तिब्बत के मानसरोवर के निकट सिन-का-बाब नामक जलधारा माना जाता है। इस नदी की लंबाई प्रायः 2880 किलोमीटर है। यहां से यह नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच बहती है। नंगा पर्वत के उत्तरी भाग से घूम कर यह दक्षिण पश्चिम में पाकिस्तान के बीच से गुजरती है और फिर जाकर अरब सागर में मिलती है। इस नदी का ज्यादातर अंश पाकिस्तान में प्रवाहित होता है। यह पाकिस्तान की सबसे लंबी नदी और राष्ट्रीय नदी है। सिंधु की पांच उपनदियां हैं। इनके नाम हैं: वितस्ता, चन्द्रभागा, ईरावती, विपासा एंव शतद्रु.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सिन्धु नदी · और देखें »

सिरमौर जिला

सिरमौर भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय नाहन् है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सिरमौर जिला · और देखें »

सिस्सु जलप्रपात

सिस्सु जलप्रपात हिमाचल प्रदेश मे स्थित एक जलप्रपात है। श्रेणी:भारत के जल प्रपात श्रेणी:हिमाचल प्रदेश.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सिस्सु जलप्रपात · और देखें »

सिंधु जल समझौता

सिंधु जल संधि पानी के वितरण लिए भारत और पाकिस्तान के बीच हुई एक संधि है। इस सन्धि में विश्व बैंक (तत्कालीन पुनर्निर्माण और विकास हेतु अंतरराष्ट्रीय बैंक) ने मध्यस्थता की। द गार्डियन, Monday 3 June 2002 01.06 BST इस संधि पर कराची में 19 सितंबर, 1960 को भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के अनुसार, तीन "पूर्वी" नदियों — ब्यास, रावी और सतलुज — का नियंत्रण भारत को, तथा तीन "पश्चिमी" नदियों — सिंधु, चिनाब और झेलम — का नियंत्रण पाकिस्तान को दिया गया। हालाँकि अधिक विवादास्पद वे प्रावधान थे जनके अनुसार जल का वितरण किस प्रकार किया जाएगा, यह निश्चित होना था। क्योंकि पाकिस्तान के नियंतरण वाली नदियों का प्रवाह पहले भारत से होकर आता है, संधि के अनुसार भारत को उनका उपयोग सिंचाई, परिवहन और बिजली उत्पादन हेतु करने की अनुमति है। इस दौरान इन नदियों पर भारत द्वारा परियोजनाओं के निर्माण के लिए सटीक नियम निश्चित किए गए। यह संधि पाकिस्तान के डर का परिणाम थी कि नदियों का आधार (बेसिन) भारत में होने के कारण कहीं युद्ध आदि की स्थिति में उसे सूखे और अकाल आदि का सामना न करना पड़े। 1960 में हुए संधि के अनुसमर्थन के बाद से भारत और पाकिस्तान में कभी भी "जलयुद्ध" नहीं हुआ। हर प्रकार के असहमति और विवादों का निपटारा संधि के ढांचे के भीतर प्रदत्त कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से किया गया है। Strategic Foresight Group, --> इस संधि के प्रावधानों के अनुसार सिंधु नदी के कुल पानी का केवल 20% का उपयोग भारत द्वारा किया जा सकता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सिंधु जल समझौता · और देखें »

संधोल

संधोल हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का एक इलाका है, जिसके अंतर्गत बहुत से गांव आते हैं-ऊपर्ला घनाला, बुल्ला घनाला, सोरी, रवाडा, दतोडी, नेंगल। संधोल में मंडियाली भाषा बोली जाती है। संधोल भर में शाहतलाई के बाबा बालकनाथ की पूजा की जाती है। बाबा बालकनाथ ने शाहतलाई में ही शिवजी की तपस्या कर सिध्दि प्राप्त की थी। संधोल का एस.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और संधोल · और देखें »

संस्थागत प्रसव के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

इस सूची में भारत के राज्य प्रतिशत में अस्पताल में जन्में शिशुओं के आधार पर है। इस सूची के आँकड़े राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3 से लिए गए हैं। श्रेणी:भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से संबंधित सूचियाँ.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और संस्थागत प्रसव के आधार पर भारत के राज्यों की सूची · और देखें »

सुमी लोग

सेमा या सुमी या सिमी पूर्वोत्तर भारत के नागालैण्ड राज्य के ज़ुन्हेबोटो ज़िले में जड़ें रखने वाला एक नागा समुदाय है। यह सुमी भाषा की उपभाषाएँ बोलते हैं और आधुनिक काल में पूरे नागालैण्ड राज्य और उस से बाहर भारत के अन्य राज्यों में फैल गये हैं। ऐतिहासिक रूप से इन्हें सभी नागा समुदायों में सबसे ख़ुँख़ार योद्धा माना जाता था। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सुमी लोग · और देखें »

सुरज भान

सुरज भान एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा पूर्व उत्तर प्रदेश, बिहार तथा हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल है। वे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रह चुके है। वे एक दलित नेता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सुरज भान · और देखें »

सुषमा वर्मा

सुषमा वर्मा (जन्म 3 नवंबर, 1992 शिमला, हिमाचल प्रदेश में) एक भारतीय क्रिकेटर है।   उन्होंने भारत के राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में एक विकेट-कीपर और दाएं हाथ की बल्लेबाज के रूप में अपना राष्ट्रीय स्तर का कैरियर शुरू किया। इससे पहले, वह  हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के लिए खेली है। उनकी कप्तानी के तहत, हिमाचल टीम 2011 में अंडर -1 9 अखिल भारतीय महिला टूर्नामेंट में उपविजेता रही थी। वह हिमाचल प्रदेश के पुरुष या महिला से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली क्रिकेटर है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सुषमा वर्मा · और देखें »

सुजानपुर टीहरा

सुजानपुर टीहरा, हिमाचल प्रदेश प्रान्त के हमीरपुर जिले में एक नगर पंचायत है। यह स्‍थान एक जमाने में कटोक्ष वंश की राजधानी थी। यहां बने एक प्राचीन किले को देखने के लिए लोगों का नियमित आना जाना लगा रहता है। यहां एक विशाल मैदान है जिसमें चार दिन तक होली पर्व आयोजित किया जाता है। यहां एक सैनिक स्‍कूल भी स्थित है। धार्मिक केन्‍द्र के रूप में भी यह स्‍थान खासा लोकप्रिय है और यहां नरबदेश्‍वर, गौरी शंकर और मुरली मनोहर मंदिर बने हुए हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सुजानपुर टीहरा · और देखें »

सुंदरनगर

सुंदरनगर भारत के हिमाचल प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। श्रेणी:हिमाचल प्रदेश श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के शहर.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सुंदरनगर · और देखें »

सुकेत रियासत

सुकेत भारत में अंग्रेजी राज के समय एक रियासत थी, जिसकी राजधानी सुंदर नगर में थी। तब यह रियासत "पंजाब हिल स्टेट्स" का हिस्सा थी। १९५८ में सुकेत के तत्कालीन राजा लक्ष्मण सेन ने "इंस्ट्रूमेंट ऑफ अक्सीशन" पर हस्ताक्षर किया, जिसके बाद सुकेत भारत का हिस्सा बन गया। सुकेत और मण्डी रियासत को मिलाकर मण्डी जिले का गठन किया गया, जो वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सुकेत रियासत · और देखें »

स्थापित ऊर्जा उत्पादन क्षमता के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र

भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की यह सूची स्थापित ऊर्जा उत्पादन क्षमता के आधार पर है जो ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आँकड़ों (३ अप्रैल २००६) के अनुसार है। सभी आँकड़े मेगावॉट (१० लाख वॉट) में हैं। नोट: निजी उत्पादको द्वारा संचालित संयंत्र उपयोगिता में पंजीकृत नहीं हैं इसलिए उनके द्वारा उत्पादित ऊर्जा इसमें सम्मिलित नहीं कि गई है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और स्थापित ऊर्जा उत्पादन क्षमता के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र · और देखें »

स्पीति घाटी

स्पीति घाटी हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में स्थित एक घाटी है।.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और स्पीति घाटी · और देखें »

स्मृति ईरानी

स्मृति ज़ुबिन ईरानी (स्मृति मल्होत्रा, पंजाबी में ਸਮ੍ਰਿਤੀ ਜੁਬੀਨ ਇਰਾਨੀ,जन्म: 23 मार्च 1976) एक भारतीय टेलीविज़न अभिनेत्री, महिला राजनीतिज्ञ और भारत सरकार के अंतर्गत कपड़ा मंत्री हैं और इससे पूर्व वे मानव संसाधन विकास मंत्री रह चुकी हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और स्मृति ईरानी · और देखें »

स्वराज कौशल

स्वराज कौशल भारतीय राजनीतिज्ञ तथा सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठ वकील हैं। वे छह साल तक राज्यसभा में सांसद रहे साथ ही मिजोरम में राज्यपाल भी रहे। स्वराज कौशल अभी तक सबसे कम आयु में राज्यपाल का पद प्राप्त करने वाले व्यक्ति हैं। १९७५ में इनका विवाह सुषमा स्वराज के साथ में हुआ था। सुषमा स्वराज और उनके पति की उपलब्धियों के ये रिकार्ड लिमका बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करते हुए उन्हें विशेष दंपत्ति का स्थान दिया गया है। स्वराज दंपत्ति की एक पुत्री है, जो वकालत कर रही हैं। श्रेणी:1952 में जन्मे लोग श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के लोग.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और स्वराज कौशल · और देखें »

सैनी

सैनी भारत की "जडेजा, सैनी, भाटी, जडोंन," अविभाजित भारत के मार्शल दौड़, 189 पी, विद्या प्रकाश त्यागी, दिल्ली कल्पज़ पब्लिकेशन्स, 2009.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सैनी · और देखें »

सैयद मुजफ्फर हुसैन बर्नी

सैयद मुजफ्फर हुसैन बर्नी (१४ अगस्त १९२३ – ७ फ़रवरी २०१४) भारत के प्रशासनिक अधिकारी, त्रिपुरा, नागालैण्ड, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल तथा भारत के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष थे। बर्नी उत्तर प्रदेश के बरेली महाविद्यालय के पूर्व छात्र थे। वो भारतीय प्रशासनिक सेवा के उड़िशा कैडर के अधिकारी थे जहाँ उनकी नियुक्ति राज्य के मुख्य सचिव के पद पर हुई थी। १९८१ और १९८४ में उन्होंने नागालैण्ड, त्रिपुरा और मणिपुर के राज्यपाल का पदभार ग्रहण किया तथा १९८७ से १९८८ तक हिमाचल प्रदेश एवं हरियाणा के राज्यपाल रहे। वो १९८८ से १९९२ तक चतुर्थ एवं पंचम अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष भी रहे। वो दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के १९९० से १९९५ तक कुलाधिपति भी रहे। ७ फ़रवरी २०१४ को ९० वर्ष की आयु में वृद्धावस्था के कारण उनका निधन हो गया। बर्नी ने इक़बाल: पोइट - पेट्रियट ऑफ़ इंडिया (Iqbal: Poet – Patriot of India; हिन्दी: इक़बाल - कवि - भारत के देशभक्त) नामक पुस्तक की रचना भी की। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सैयद मुजफ्फर हुसैन बर्नी · और देखें »

सेब

कोई विवरण नहीं।

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सेब · और देखें »

सोमनाथ शर्मा

मेजर सोमनाथ शर्मा भारतीय सेना की कुमाऊँ रेजिमेंट की चौथी बटालियन की डेल्टा कंपनी के कंपनी-कमांडर थे जिन्होने अक्टूबर-नवम्बर, १९४७ के भारत-पाक संघर्ष में हिस्सा लिया था। उन्हें भारत सरकार ने मरणोपरान्त परमवीर चक्र से सम्मानित किया। परमवीर चक्र पाने वाले वे प्रथम व्यक्ति हैं। १९४२ में शर्मा की नियुक्ति उन्नीसवीं हैदराबाद रेजिमेन्ट की आठवीं बटालियन में हुई। उन्होंने बर्मा में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अराकन अभियान में अपनी सेवाएँ दी जिसके कारण उन्हें मेन्शंड इन डिस्पैचैस में स्थान मिला। बाद में उन्होंने १९४७ के भारत-पाक युद्ध में भी लड़े और ३ नवम्बर १९४७ को श्रीनगर विमानक्षेत्र से पाकिस्तानी घुसपैठियों को बेदख़ल करते समय वीरगति को प्राप्त हो गये। उनके युद्ध क्षेत्र में इस साहस के कारण मरणोपरान्त परम वीर चक्र मिला। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सोमनाथ शर्मा · और देखें »

सोलन

सोलन भारत के हिमाचल प्रदेश प्रांत का एक प्रमुख शहर है। इस शहर को मशरूम सिटी के नाम से भी जाना जाता है। सोलन का नाम माता शूलिनी के नाम पर पड़ा है। श्रेणी:हिमाचल प्रदेश श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के शहर.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सोलन · और देखें »

सोलन जिला

सोलन भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय सोलन है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सोलन जिला · और देखें »

सोवा रिग्पा

सोवा रिग्पा (तिब्बती: བོད་ཀྱི་གསོ་བ་རིག་པ་, Wylie: Ggso ba rig pa) तिब्बत सहित हिमालयी क्षेत्रों में प्रचलित प्राचीन उपचार पद्धति है। भारत के हिमालयी क्षेत्र में 'तिब्बती' या 'आमचि' के नाम से जानी जाने वाली सोवा-रिग्पा विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धतियों में से एक है। भारत में इस पद्धति का प्रयोग जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र, लाहौल-स्पीति (हिमाचल प्रदेश), सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश तथा दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) में किया जाता है। सोवा-रिग्पा के सिद्धांत और प्रयोग आयुर्वेद की तरह ही हैं और इसमें पारंपरिक चीनी चिकित्साविज्ञान के कुछ सिद्धांत भी शामिल हैं। सोवा रिग्पा के चिकित्सक देख कर, छू कर एवं प्रश्न पूछकर इलाज करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह पद्धति भगवान बुद्ध द्वारा 2500 वर्ष पहले प्रारंभ की गई थी। बाद में प्रसिद्ध भारतीय विद्वानों जैसे जीवक, नागार्जुन, वाग्भट्ट एवं चंद्रानंदन ने इसे आगे बढ़ाया। इसका इति‍हास 2500 वर्षों से अधि‍क का रहा है। सोवा-रि‍गपा प्रणाली यद्यपि बहुत प्राचीन है किन्तु हाल ही में मान्‍यता प्रदान की गई है। यह प्रणाली अस्‍थमा, ब्रोंकि‍टि‍स, अर्थराइटि‍स जैसी पुराने रोगों के लि‍ए प्रभावशाली मानी गई है। सोवा-रि‍गपा का मूल सि‍द्धांत निम्नलिखित है.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सोवा रिग्पा · और देखें »

सीआईडी (धारावाहिक)

सीआईडी सोनी चैनल पर प्रसारित होने वाला हिन्दी भाषा का एक धारावाहिक है, जिसे भारत का सबसे लंबा चलने वाला धारावाहिक होने का श्रेय प्राप्त है। अपराध व जासूसी शैली पर आधारित इस धारावाहिक में शिवाजी साटम, दयानन्द शेट्टी और आदित्य श्रीवास्तव मुख्य किरदार निभा रहे हैं। इसके सर्जक, निर्देशक और लेखक बृजेन्द्र पाल सिंह हैं। इसका निर्माण फायरवर्क्स नामक कंपनी ने किया है जिसके संस्थापक बृजेन्द्र पाल सिंह और प्रदीप उपूर हैं। २१ जनवरी १९९८ से शुरु होकर यह धारावाहिक अब तक लगातार चल रहा है। इसका प्रसारण प्रत्येक शनिवार और रविवार को रात १० बजे होता है। इसका पुनः प्रसारण सोनी पल चैनल पर रात ९ बजे होता है जिसमें इसके पुराने प्रकरण दिखाये जाते हैं। इस धारावाहिक ने २१ जनवरी २०१८ को अपने प्रसारण के २० वर्ष पूर्ण किये और २१वें वर्ष में प्रवेश किया। इससे पहले, २७ सितम्बर २०१३ को इस धारावाहिक ने अपनी १०००वीं कड़ी पूरी की। इस धारावाहिक को कई अन्य भाषाओं में भी भाषांतरित किया गया है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और सीआईडी (धारावाहिक) · और देखें »

हमीरपुर (उत्तर प्रदेश) लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

हमीरपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। (इसी नाम का एक अन्य लोकसभा क्षेत्र हिमाचल प्रदेश में भी है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हमीरपुर (उत्तर प्रदेश) लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र · और देखें »

हमीरपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

हमीरपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। वर्तमान में अनुराग ठाकुर, हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश) लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सासंद हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हमीरपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश · और देखें »

हमीरपुर जिला, हिमाचल प्रदेश

हमीरपुर भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। इसी नाम से एक जिला उत्तर प्रदेश में भी है। हमीरपुर की स्थापना: 1700 ई० में आलम चंद की मृत्यु के बाद हमीरचंद कांगड़ा के शासक बने। उस समय कांगड़ा का किला मुगलों के अधीन था। हमीरचंद ने 1700 ई० से लेकर 1747 ई० तक कांगड़ा रियासत पर शासन किया। हमीरचंद ने 1743 ई० में जिस स्थान पर एक किले का निर्माण किया, वही स्थान कालांतर में हमीरपुर कहलाया। जिले का मुख्यालय हमीरपुर है। दिल्ली से हमीरपुर के लिए सीधी बसें हैं। यहां एक हमीरपुर इंजीनियरिंग कालेज भी है। क्षेत्रफल - 1,118 वर्ग कि.मी.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हमीरपुर जिला, हिमाचल प्रदेश · और देखें »

हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश

हमीरपुर भारत के हिमाचल प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। हिमाचल की निचली पहाडि़यों पर स्थित हमीरपुर जिला समुद्र तल से ४०० से ११०० मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पाइन के पेड़ों से घिरा यह शहर हिमाचल के अन्‍य शहरों से सामान्‍यत: कम ठंडा है। कांगडा जिले से अलग करने के बाद १९७२ में हमीरपुर अस्तित्‍व में आया था। सर्दियों में ट्रैकिंग और कैंपिग के लिए यह शहर तेजी से विकसित हो रहा है। हिमाचल प्रदेश और पडोसी राज्‍यों के शहरों से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां के कुछ ऐतिहासिक और धार्मिक स्‍थल इस जिले की प्रसिद्धी के कारण हैं। हमीरपुर का देवसिद्ध मंदिर, सुजानपुर टीहरा और नादौन खासे लोकप्रिय हैं। शिमला-धर्मशाला रोड़ पर स्थित हमीरपुर टाउन यहां का जिला मुख्‍यालय है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश · और देखें »

हरित क्रांति (भारत)

भारत में हरित क्रांन्ति की शुरुआत सन १९६६-६७ से हुई। हरित क्रांन्ति प्रारम्भ करने का श्रेय नोबल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर नारमन बोरलॉग को जाता हैं। हरित क्रांन्ति से अभिप्राय देश के सिंचित एवं असिंचित कृषि क्षेत्रों में अधिक उपज देने वाले संकर तथा बौने बीजों के उपयोग से फसल उत्पादन में वृद्धि करना हैं। हरित क्रान्ति भारतीय कृषि में लागू की गई उस विकास विधि का परिणाम है, जो 1960 के दशक में पारम्परिक कृषि को आधुनिक तकनीकि द्वारा प्रतिस्थापित किए जाने के रूप में सामने आई। क्योंकि कृषि क्षेत्र में यह तकनीकि एकाएक आई, तेजी से इसका विकास हुआ और थोड़े ही समय में इससे इतने आश्चर्यजनक परिणाम निकले कि देश के योजनाकारों, कृषि विशेषज्ञों तथा राजनीतिज्ञों ने इस अप्रत्याशित प्रगति को ही 'हरित क्रान्ति' की संज्ञा प्रदान कर दी। हरित क्रान्ति की संज्ञा इसलिये भी दी गई, क्योंकि इसके फलस्वरूप भारतीय कृषि निर्वाह स्तर से ऊपर उठकर आधिक्य स्तर पर आ चुकी थी। उपलब्धियाँ हरित क्रान्ति के फलस्वरूप देश के कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई। कृषि आगतों में हुए गुणात्मक सुधार के फलस्वरूप देश में कृषि उत्पादन बढ़ा है। खाद्यान्नों में आत्मनिर्भरता आई है। व्यवसायिक कृषि को बढ़ावा मिला है। कृषकों के दृष्टिकोण में परिवर्तन हुआ है। कृषि आधिक्य में वृद्धि हुई है। हरित क्रान्ति के फलस्वरूप गेहूँ, गन्ना, मक्का तथा बाजरा आदि फ़सलों के प्रति हेक्टेअर उत्पादन एवं कुल उत्पादकता में काफ़ी वृद्धि हुई है। हरित क्रान्ति की उपलब्धियों को कृषि में तकनीकि एवं संस्थागत परिवर्तन एवं उत्पादन में हुए सुधार के रूप में निम्नवत देखा जा सकता है- (अ) कृषि में तकनीकि एवं संस्थागत सुधार रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग नवीन कृषि नीति के परिणामस्वरूप रासायनिक उर्वरकों के उपभोग की मात्रा में तेजी से वृद्धि हुई है। 1960-1961 में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग प्रति हेक्टेअर दो किलोग्राम होता था, जो 2008-2009 में बढ़कर 128.6 किग्रा प्रति हेक्टेअर हो गया है। इसी प्रकार, 1960-1961 में देश में रासायनिक खादों की कुल खपत 2.92 लाख टन थी, जो बढ़कर 2008-2009 में 249.09 लाख टन हो गई। उन्नतशील बीजों के प्रयोग में वृद्धि देश में अधिक उपज देने वाले उन्नतशील बीजों का प्रयोग बढ़ा है तथा बीजों की नई नई किस्मों की खोज की गई है। अभी तक अधिक उपज देने वाला कार्यक्रम गेहूँ, धान, बाजरा, मक्का व ज्वार जैसी फ़सलों पर लागू किया गया है, परन्तु गेहूँ में सबसे अधिक सफलता प्राप्त हुई है। वर्ष 2008-2009 में 1,00,000 क्विंटल प्रजनक बीज तथा 9.69 लाख क्विंटल आधार बीजों का उत्पादन हुआ तथा 190 लाख प्रमाणित बीज वितरित किये गये। सिंचाई सुविधाओं का विकास नई विकास विधि के अन्तर्गत देश में सिंचाई सुविधाओं का तेजी के साथ विस्तार किया गया है। 1951 में देश में कुल सिंचाई क्षमता 223 लाख हेक्टेअर थी, जो बढ़कर 2008-2009 में 1,073 लाख हेक्टेअर हो गई। देश में वर्ष 1951 में कुल संचित क्षेत्र 210 लाख हेक्टेअर था, जो बढ़कर 2008-2009 में 673 लाख हेक्टेअर हो गया। पौध संरक्षण नवीन कृषि विकास विधि के अन्तर्गत पौध संरक्षण पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इसके अन्तर्गत खरपतवार एवं कीटों का नाश करने के लिये दवा छिड़कने का कार्य किया जाता है तथा टिड्डी दल पर नियन्त्रण करने का प्रयास किया जाता है। वर्तमान में समेकित कृषि प्रबन्ध के अन्तर्गत पारिस्थितिकी अनुकूल कृमि नियंत्रण कार्यक्रम लागू किया गया है। बहुफ़सली कार्यक्रम बहुफ़सली कार्यक्रम का उद्देश्य एक ही भूमि पर वर्ष में एक से अधिक फ़सल उगाकर उत्पादन को बढ़ाना है। अन्य शब्दों में भूमि की उर्वरता शक्ति को नष्ट किये बिना, भूमि के एक इकाई क्षेत्र से अधिकतम उत्पादन प्राप्त करना ही बहुफ़सली कार्यक्रम कहलाता है। 1966-1967 में 36 लाख हेक्टेअर भूमि में बहुफ़सली कार्यक्रम लागू किया गया। वर्तमान समय में भारत की कुल संचित भूमि के 71 प्रतिशत भाग पर यह कार्यक्रम लागू है। आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग नई कृषि विकास विधि एवं हरित क्रान्ति में आधुनिक कृषि उपकरणों, जैसे- ट्रैक्टर, थ्रेसर, हार्वेस्टर, बुलडोजर तथा डीजल एवं बिजली के पम्पसेटों आदि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस प्रकार कृषि में पशुओं तथा मानव शक्ति का प्रतिस्थापन संचालन शक्ति द्वारा किया गया है, जिससे कृषि क्षेत्र के उपयोग एवं उत्पादकता में वृद्धि हुई है। कृषि सेवा केन्द्रों की स्थापना कृषकों में व्यवसायिक साहस की क्षमता को विकसित करने के उद्देश्य से देश में कृषि सेवा केन्द्र स्थापित करने की योजना लागू की गई है। इस योजना में पहले व्यक्तियों को तकनीकि प्रशिक्षण दिया जाता है, फिर इनसे सेवा केंद्र स्थापित करने को कहा जाता है। इसके लिये उन्हें राष्ट्रीयकृत बैंकों से सहायता दिलाई जाती है। अब तक देश में कुल 1,314 कृषि सेवा केन्द्र स्थापित किये जा चुके हैं। कृषि उद्योग निगम सरकारी नीति के अन्तर्गत 17 राज्यों में कृषि उद्योग निगमों की स्थापना की गई है। इन निगमों का कार्य कृषि उपकरणों व मशीनरी की पूर्ति तथा उपज प्रसंस्करण एवं भण्डारण को प्रोत्साहन देना है। इसके लिये यह निगम किराया क्रय पद्धति के आधार पर ट्रैक्टर, पम्पसेट एवं अन्य मशीनरी को वितरित करता है। विभिन्न निगमों की स्थापना हरित क्रान्ति की प्रगति मुख्यतः अधिक उपज देने वाली किस्मों एवं उत्तम सुधरे हुये बीजों पर निर्भर करती है। इसके लिये देश में 400 कृषि फार्म स्थापित किये गये हैं। 1963 में राष्ट्रीय बीज निगम की स्थापना की गई है। 1963 में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की स्थापना की गई, जिसका मुख्य उद्देश्य कृषि उपज का विपणन, प्रसंस्करण एवं भण्डारण करना है। विश्व बैंक की सहायता से राष्ट्रीय बीज परियोजना भी प्रारम्भ की गई, जिसके अन्तर्गत कई बीज निगम बनाये गये हैं। भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारिता विपणन संघ (नेफेड) एक शीर्ष विपणन संगठन है, जो प्रबन्धन, विपणन एवं कृषि सम्बंधित चुनिन्दा वस्तुओं के आयात निर्यात का कार्य करता है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक की स्थापना कृषि वित्त के कार्य हेतु की गई है। कृषि के लिये खाद्य निगम एवं उर्वरक साख गारन्टी निगम, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम आदि भी स्थापित किए गए हैं। मृदा परीक्षण मृदा परीक्षण कार्यक्रम के अनतर्गत विभिन्न क्षेत्रों की मिट्टी का परीक्षण सरकारी प्रयोगशालाओं में किया जाता है। इसका उद्देश्य भूमि की उर्वरा शक्ति का पता लगाकर कृषकों को तदुनरूप रासायनिक खादों एवं उत्तम बीजों के प्रयोग की सलाह देना है। वर्तमान समय में इन सरकारी प्रयोशालाओं में प्रतिवर्ष सात लाख नमूनों का परीक्षण किया जाता है। कुछ चलती फिरती प्रयोगशालाएं भी स्थापित की गईं हैं, जो गांव-गांव जाकर मौके पर मिट्टी का परीक्षण करके किसानों को सलाह देतीं हैं। भूमि संरक्षण भूमि संरक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत कृषि योग्य भूमि को क्षरण से रोकने तथा ऊबड़-खाबड़ भूमि को समतल बनाकर कृषि योग्य बनाया जाता है। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात तथा मध्य प्रदेश में तेजी से लागू है। कृषि शिक्षा एवं अनुसन्धान सरकार की कृषि नीति के अन्तर्गत कृषि शिक्षा का विस्तार करने के लिये पन्तनगर में पहला कृषि विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। आज कृषि और इससे सम्बन्धित क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के लिये 4 कृषि विश्वविद्यालय, 39 राज्य कृषि विश्वविद्यालय और इम्फाल में एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। कृषि अनुसन्धान हेतु 'भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद' है, जिसके अन्तर्गत 53 केन्द्रीय संस्थान, 32 राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्र, 12 परियोजना निदाशाल 64 अखिल भारतीय समन्वय अनुसन्धान परियोजनायें है। इसके अतिरिक्त देश में 527 कृषि विज्ञान केन्द्र हैं, जो शिक्षण एवं प्रशिक्षण का कार्य कर रहे हैं। कृषि शिक्षा एवं प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनाये रखने के लिये विभिन्न संस्थाओं के कम्प्यूटरीकरण और इन्टरनेट की सुविधा प्रदान की गई है। (ब) कृषि उत्पादन में सुधार उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि हरित क्रान्ति अथवा भारतीय कृषि में लागू की गई नई विकास विधि का सबसे बड़ा लाभ यह हुआ कि देश में फ़सलों के क्षेत्रफल में वृद्धि, कृषि उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि हो गई। विशेषकर गेहूँ, बाजरा, धान, मक्का तथा ज्वार के उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई। जिसके परिणाम स्वरूप खाद्यान्नों में भारत आत्मनिर्भर-सा हो गया। 1951-1952 में देश में खाद्यान्नों का कुल उत्पादन 5.09 करोड़ टन था, जो क्रमशः बढ़कर 2008-2009 में बढ़कर 23.38 करोड़ टन हो गया। इसी तरह प्रति हेक्टेअर उत्पादकता में भी पर्याप्त सुधार हुआ है। वर्ष 1950-1951 में खाद्यान्नों का उत्पादन 522 किग्रा प्रति हेक्टेअर था, जो बढ़कर 2008-2009 में 1,893 किग्रा प्रति हेक्टेअर हो गया। हाँ, भारत में खाद्यान्न उत्पादनों में कुछ उच्चावचन भी हुआ है, जो बुरे मौसम आदि के कारण रहा जो यह सिद्ध करता है कि देश में कृषि उत्पादन अभी भी मौसम पर निर्भर करता है। कृषि के परम्परागत स्वरूप में परिवर्तन हरित क्रान्ति के फलस्वरूप खेती के परम्परागत स्वरूप में परिवर्तन हुआ है और खेती व्यवसायिक दृष्टि से की जाने लगी है। जबकि पहले सिर्फ पेट भरने के लिये की जाती थी। देश में गन्ना, कपास, पटसन तथा तिलहनों के उत्पादन में वृद्धि हुई है। कपास का उत्पादन 1960-1961 में 5.6 मिलियन गांठ था, जो बढ़कर 2008-2009 में 27 मिलियन गांठ हो गया। इसी तरह तिलहनों का उत्पादन 1960-1961 में 7 मिलियन टन था, जो बढ़कर 2008-2009 में 28.2 मिलियन टन हो गया। इसी तरह पटसन, गन्ना, आलू तथा मूंगफली आदि व्यवसायिक फ़सलों के उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। वर्तमान समय में देश में बाग़बानी फ़सलों, फलों, सब्जियों तथा फूलों की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषि बचतों में वृद्धि उन्नतशील बीजों, रासायनिक खादों, उत्तम सिंचाई तथा मशीनों के प्रयोग से उत्पादन बढ़ा है। जिससे कृषकों के पास बचतों की उल्लेखनीय मात्रा में वृद्धि हुई है। जिसको देश के विकास के काम में लाया जा सका है। अग्रगामी तथा प्रतिगामी संबंधों में मजबूती नवीन प्रौद्योगिकी तथा कृषि के आधुनीकरण ने कृषि तथा उद्योग के परस्पर सम्बन्ध को और भी मजबूत बना दिया है। पारम्परिक रूप में यद्यपि कृषि और उद्योग का अग्रगामी सम्बन्ध पहले से ही प्रगाढ़ था, क्योंकि कृषि क्षेत्र द्वारा उद्योगों को अनेक आगत उपलब्ध कराये जाते हैं। परन्तु इन दोनों में प्रतिगामी सम्बन्ध बहुत ही कमज़ोर था, क्योंकि उद्योग निर्मित वस्तुओं का कृषि में बहुत ही कम उपयोग होता था। परन्तु कृषि के आधुनीकरण के फलस्वरूप अब कृषि में उद्योग निर्मित आगतों, जैसे- कृषि यन्त्र एवं रासायनिक उर्वरक आदि, की मांग में भारी वृद्धि हुई है, जिससे कृषि का प्रतिगामी सम्बन्ध भी सुदृढ़ हुआ है। अन्य शब्दों में कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्र के सम्बन्धों में अधिक मजबूती आई है। इस तरह स्पष्ट है कि हरित क्रान्ति के फलस्वरूप देश में कृषि आगतों एवं उत्पादन में पर्याप्त सुधार हुआ है। इसके फलस्वरूप कृषक, सरकार तथा जनता सभी में यह विश्वास जाग्रत हो गया है कि भारत कृषि पदार्थों के उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर ही नहीं हो सकता, बल्कि निर्यात भी कर सकता है। विश्लेषण देश में योजना काल में कृषि के क्षेत्र में पर्याप्त विकास हुआ है। कुल कृषि क्षेत्र बढ़ा है, फ़सल के स्वरूप में परिवर्तन हुआ है, सिंचित क्षेत्र बढ़ा है, रासायनिक खादों के उपयोग में वृद्धि हुई है तथा आधुनिक कृषि यन्त्रों का उपयोग होने लगा है। इन सब बातों के होते हुये भी अभी तक देश में कृषि का विकास उचित स्तर तक नहीं पहुँच पाया है, क्योंकि यहाँ प्रति हेक्टेअर कृषि उत्पादन अन्य विकसित देशों की तुलना में कम है। अभी अनेक कृषि उत्पादों का आयात करना पढ़ता है। क्योंकि उनका उत्पादन मांग की तुलना में कम है। कृषि क्षेत्र का अभी भी एक बढ़ा भाग असिंचित है। कृषि में यन्त्रीकरण का स्तर अभी भी कम है, जिससे उत्पादन लागत अधिक आती है। कृषकों को विभागीय सुविधाएँ पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलती हैं, जिससे कृषि विकास में बाधा उत्पन्न होती है। अतः इस बात की आवश्यकता है कि कृषि में तकनीकि एवं संस्थागत सुधारों को अधिक कारगर ढंग से लागू कर कृषि क्षेत्र का और अधिक विकास किया जाये। हरित क्रान्ति का विस्तार केन्द्रीय बजट 2010-2011 में कृषि क्षेत्र के विकास के लिये बनाई गयी कार्य योजना के पहले घटक में ग्राम सभाओं तथा किसान परिवारों के सक्रिय सहयोग से देश के पूर्वी क्षेत्र बिहार, छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा उड़ीसा में हरित क्रान्ति के विस्तार के लिये 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कमियाँ तथा समस्याएँ देश में हरित क्रान्ति के फलस्वरूप कुछ फ़सलों के उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि हुई है, खाद्यान्नो के आयात में कमी आई है, कृषि के परम्परागत स्वरूप में परिवर्तन आया है, फिर भी इस कार्यक्रम में कुछ कमियाँ परिलक्षित होती हैं। हरित क्रान्ति की प्रमुख कमियों एवं समंस्याओं को निम्न रूप में प्रंस्तुत किया जा सकता है- प्रभाव - हरित क्रान्ति का प्रभाव कुछ विशेष फ़सलों तक ही सीमित रहा, जैसे- गेहूँ, ज्वार, बाजरा। अन्य फ़सलो पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। यहाँ तक कि चावल भी इससे बहुत ही कम प्रभावित हुआ है। व्यापारिक फ़सलें भी इससे अप्रभावित ही हैं। पूंजीवादी कृषि को बढ़ावा - अधिक उपजाऊ किस्म के बीज एक पूंजी-गहन कार्यक्रम हैं, जिसमें उर्वरकों, सिंचाई, कृषि यन्त्रों आदि आगतों पर भारी मात्रा में निवेश करना पड़ता है। भारी निवेश करना छोटे तथा मध्यम श्रेणी के किसानों की क्षमता से बाहर हैं। इस तरह, हरित क्रान्ति से लाभ उन्हीं किसानों को हो रहा है, जिनके पास निजी पम्पिंग सेट, ट्रैक्टर, नलकूप तथा अन्य कृषि यन्त्र हैं। यह सुविधा देश के बड़े किसानों को ही उपलब्ध है। सामान्य किसान इन सुविधाओं से वंचित हैं। संस्थागत सुधारों की आवश्यकता पर बल नहीं - नई विकास विधि में संस्थागत सुधारों की आवश्यकता की सर्वथा अवहेलना की गयी है। संस्थागत परिवर्तनो के अन्तर्गत सबसे महत्वपूर्ण घटक भू-धारण की व्यवस्था है। इसकी सहायता से ही तकनीकी परिवर्तन द्वारा अधिकतम उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। देश में भूमि सुधार कार्यक्रम सफल नहीं रहे हैं तथा लाखों कृषकों को आज भी भू-धारण की निश्चितता नहीं प्रदान की जा सकी है। श्रम-विस्थापन की समस्या - हरित क्रान्ति के अन्तर्गत प्रयुक्त कृषि यन्त्रीकरण के फलस्वरूप श्रम-विस्थापन को बढ़ावा मिला है। ग्रामीण जनसंख्या का रोज़गार की तलाश में शहरों की ओर पलायन करने का यह भी एक कारण है। आय की बढ़ती असमानता - कृषि में तकनीकी परिवर्तनों का ग्रामीण क्षेत्रों में आय-वितरण पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। डॉ॰ वी.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हरित क्रांति (भारत) · और देखें »

हरियाणा

हरियाणा उत्तर भारत का एक राज्य है जिसकी राजधानी चण्डीगढ़ है। इसकी सीमायें उत्तर में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण एवं पश्चिम में राजस्थान से जुड़ी हुई हैं। यमुना नदी इसके उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश राज्यों के साथ पूर्वी सीमा को परिभाषित करती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली हरियाणा से तीन ओर से घिरी हुई है और फलस्वरूप हरियाणा का दक्षिणी क्षेत्र नियोजित विकास के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल है। यह राज्य वैदिक सभ्यता और सिंधु घाटी सभ्यता का मुख्य निवास स्थान है। इस क्षेत्र में विभिन्न निर्णायक लड़ाइयाँ भी हुई हैं जिसमें भारत का अधिकत्तर इतिहास समाहित है। इसमें महाभारत का महाकाव्य युद्ध भी शामिल है। हिन्दू मतों के अनुसार महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में हुआ (इसमें भगवान कृष्ण ने भागवत गीता का वादन किया)। इसके अलावा यहाँ तीन पानीपत की लड़ाइयाँ हुई। ब्रितानी भारत में हरियाणा पंजाब राज्य का अंग था जिसे १९६६ में भारत के १७वें राज्य के रूप में पहचान मिली। वर्तमान में खाद्यान और दुध उत्पादन में हरियाणा देश में प्रमुख राज्य है। इस राज्य के निवासियों का प्रमुख व्यवसाय कृषि है। समतल कृषि भूमि निमज्जक कुओं (समर्सिबल पंप) और नहर से सिंचित की जाती है। १९६० के दशक की हरित क्रान्ति में हरियाणा का भारी योगदान रहा जिससे देश खाद्यान सम्पन्न हुआ। हरियाणा, भारत के अमीर राज्यों में से एक है और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर यह देश का दूसरा सबसे धनी राज्य है। वर्ष २०१२-१३ में देश में इसकी प्रति-व्यक्ति १,१९,१५८ (अर्थव्यवस्था के आकार के आधार पर भारत के राज्य देखें) और वर्ष २०१३-१४ में १,३२,०८९ रही। इसके अतिरिक्त भारत में सबसे अधिक ग्रामीण करोड़पति भी इसी राज्य में हैं। हरियाणा आर्थिक रूप से दक्षिण एशिया का सबसे विकसित क्षेत्र है और यहाँ कृषि एवं विनिर्माण उद्योग ने १९७० के दशक से निरंतर वृद्धि का प्राप्त की है। भारत में हरियाणा यात्रि कारों, द्विचक्र वाहनों और ट्रैक्टरों के निर्माण में सर्वोपरी राज्य है। भारत में प्रति व्यक्ति निवेश के आधार पर वर्ष २००० से राज्य सर्वोपरी स्थान पर रहा है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हरियाणा · और देखें »

हरियाणा का केंद्रीय विश्वविद्यालय

केन्द्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा का गेट  हरियाणा का केन्द्रीय विश्वविद्यालय जनत पाली गांव, महेंद्रगढ़ जिले हरियाणा, भारत, में है, जो ५०० एकड़ (२.० कि.मी.२) में संसद के एक अधिनियम: "केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, २००९" के माध्यम से भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा का प्रादेशिक क्षेत्राधिकार पूरे हरियाणा के लिए है। १ मार्च, २०१४ को विश्वविद्यालय में पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया था। विश्वविद्यालय को अब अपने स्थायी परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया है जो कि महेन्द्रगढ़ से दूर, महेन्द्रगढ़-भिवानी सड़क पर जनत पाली गाँव महेन्द्रगढ़ में है। इससे पहले विश्वविद्यालय का कार्य अपने अस्थायी परिसर में राजकीय शिक्षा महाविद्यालय नारनौल से चल रहा था। इस विश्वविद्यालय को भगवान कृष्ण का नाम दिया जायेग। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हरियाणा का केंद्रीय विश्वविद्यालय · और देखें »

हाल की घटनाएँ दिसंबर २००७

* रविवार, 30 दिसंबर, 2007: बेनजीर भुट्टो के 19 वर्षीय पुत्र बिलावल को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का अध्यक्ष और उनके पति आसिफ अली जरदारी को सह-अध्यक्ष बनाया गया। -->.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हाल की घटनाएँ दिसंबर २००७ · और देखें »

हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिन्दी · और देखें »

हिन्दी भाषियों की संख्या के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

मानक हिंदी भारत में आधिकारिक राज्य भाषा है और जनसंख्या का बहुमत हिंदी की कुछ किस्म बोलते हैं।। हिन्दी भाषियों की संख्या के आधार पर भारत के राज्यों की सूची जनसंख्या और प्रतिशत दोनों आधारित है। इसका संदर्भ भारत की २००१ के आधार पर है। इस सूची में भारत के सभी राज्य हैं। श्रेणी:हिन्दी श्रेणी:भारत की जनगणना.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिन्दी भाषियों की संख्या के आधार पर भारत के राज्यों की सूची · और देखें »

हिन्दी भाषीय विद्यालय

हिन्दी भाषीय विद्यालय ऐसा भाषा शिक्षण संस्थान हैं जहाँ विशेष रूप से हिन्दी को विदेशी भाषा के रूप में अन्य भाषा के बोलने वालों को शिक्षा दी जाती है। कई प्रकार के हिन्दी भाषीय विद्यालय मौजूद हैं जो शाखा, लक्षित विद्यार्थी, शिक्षण प्रणाली, सभ्यता वातावरण और वैकल्पित पाठ्यक्रम पर आधारित हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिन्दी भाषीय विद्यालय · और देखें »

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2012

नवम्बर २०१२ मे हिमाचल प्रदेश की हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए हुआ चुनाव था। कांग्रेस ने इस चुनाव में जीत हासिल की। ६८ सीटो में से ३६ सीट जीत कर कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनाई। चुनाव के परिणामों की घोषणा 20 दिसम्बर 2012 को की गई। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 68 सीटों हेतु मतदान हुआ। कांग्रेस ने 36 सीटों पर जीत दर्ज की, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 26 सीटों पर जीत मिली, जबकि निर्दलीय 5 सीटों पर और हिमाचल लोकहित कांग्रेस 1 सीट पर विजयी रही। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। पांच बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष 78 वर्षीय वीरभद्र सिंह ने शिमला ग्रामीण सीट पर जीत दर्ज की। वीरभद्र सिंह ने इस सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी भाजपा के ईश्वर रोहल को 20 हजार मतों से पराजित किया। हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रेम कुमार धूमल ने कांग्रेस के नरिन्दर ठाकुर को 9500 मतों से पराजित किया। प्रेम कुमार धूमल के मंत्रिमंडल के चार सहयोगी नरिन्दर बरागटा, खिमी राम, कृष्ण कुमार और रोमेश धवला चुनाव हार गए, जबकि प्रेम कुमार धूमल के मंत्रिमंडल सहयोगी गुलाब सिंह, मोहिन्दर सिंह, जयराम ठाकुर, रविन्दर सिंह रवि, सरवीन चौधरी और ईश्वर दास धीमान चुनाव जीते। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2012 · और देखें »

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2017

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2017 9 नवम्बर 2017 को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सभी 68 निर्वाचन क्षेत्रों में सम्पन्न हुए। सबसे बड़े दल या गठबंधन का नेता हिमाचल प्रदेश का अगला मुख्यमन्त्री होगा। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 7 जनवरी 2018 को समाप्त होगा। पिछले चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 36 सीटों पर जीत दर्ज करके अपनी सरकार बनायी थी। विपक्ष में भारतीय जनता पार्टी को 27 सीटों पर जीत मिली थी। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2017 · और देखें »

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, २००७

हिमाचल प्रदेश दिसंबर 2007 विधानसभा चुनाव दिसंबर 2007 मे हिमाचल प्रदेश की हिमाचल प्रदेश विधान सभा के लिए हुआ चुनाव था। राज्य के 65 विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में 19 दिसम्बर 2007 को तथा किन्नौर, लाहौल स्पीती और भरमौर जनजातीय क्षेत्रों में 14 नवम्बर 2007 को दो चरणों में मतदान हुआ था। राज्‍य में सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाते हुए भाजपा ने 41 सीट जीतकर कांग्रेस का कड़ी शिकस्‍त दी। राज्य विधानसभा चुनावों के घोषित नतीजों के मुताबिक 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 23 सीटों से ही संतोष करना पडा, जबकि बहुजन समाज पार्टी को एक और अन्य को तीन सीटें मिली। लोक जनशक्ति पार्टी राज्य में खाता भी नहीं खोल पाई। हिमाचल प्रदेश में 1990 के बाद भाजपा अब पहली बार अपने बूते पर सरकार बनाई। वर्ष 1990 में भाजपा ने जनता पार्टी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन कर 51 सीटों पर चुनाव लडा था और उसे 46 सीटे मिली थी। जनता पार्टी को 11 सीटें मिली। इसी के साथ भाजपा- जनता पार्टी की गठबंधन सरकार गठित हुई। उस दौरान कांग्रेस को मात्र 8 सीटें मिली थी। चुनावों में तीन निर्दलीय भी जीते थे। बाद में वर्ष 1998 में भाजपा ने हिमाचल विकास कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार गठित की। उस दौरान भाजपा को 31 सीटें हासिल हुई थी जबकि हिमाचल विकास कांग्रेस को 5 सीटों पर जीत मिली थी। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, २००७ · और देखें »

हिमाचल प्रदेश का भूगोल

हिमाचल प्रदेश हिमालय पर्वत की शिवालिक श्रेणी का हिस्सा है। शिवालिक पर्वत श्रेणी से ही घग्गर नदी निकलती है। राज्य की अन्य प्रमुख नदियों में सतलुज और व्यास शामिल है। हिमाचल हिमालय का सुदूर उत्तरी भाग लद्दाख के ठंडे मरुस्थल का विस्तार है और लाहौल एवं स्पिति जिले के स्पिति उपमंडल में है। हिमालय की तीनों मुख्य पर्वत श्रंखलाएँ, बृहत हिमालय, लघु हिमालय; जिन्हें हिमाचल में धौलाधार और उत्तरांचल में नागतीभा कहा जाता है और उत्तर-दक्षिण दिशा में फैली शिवालिक श्रेणी, इस हिमालय खंड में स्थित हैं। लघु हिमालय में 1000 से 2000 मीटर ऊँचाई वाले पर्वत ब्रिटिश प्रशासन के लिए मुख्य आकर्षण केंद्र रहे हैं। हिमाचल का शब्दिक अर्थ है ‘बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच स्थित भूमि’ पश्चिमी हिमालय की गोद में स्थित हिमाचल प्रदेश में प्रवेश के लिए विभिन्न रास्ते अपनाए जाते हैं, जिनमें या तो हम प्रवेश कर सकते हैं पंजाब के मैदानों से, या शिवालिक पहाडि़यों से, या शिमला की पहाडि़यों से, जो ढकी हुई हैं। लहलहाते हरे-भरे चील के वनों से। यह अदभुत भूमि प्रत्येक आगन्तुक को अपनी ओर आकर्षित करती है। हिमाचल प्रेदश की भौगोलिक स्थिति है 330, 22 से 330 12 उत्तरी अक्षांश तथा 750, 47 से 790, 4 पूर्वी देशांतर। इसकी पूर्वी दिशा में स्थित है तिब्बत देश, उत्तर में जम्मू तथा कश्मीर, दक्षिण पूर्व में उत्तराचंल, दक्षिण में हरियाणा एवं पश्चिम में पंजाब प्रदेश। हिमाचल प्रदेश की सारी भूमि पहाडि़यों एवं ऊंची चाटियों से भरी हुई है। इन चोटियों की समुद्र तल से ऊंचाई 350 मीटर से सात हजार के बीच में पाई जाती है। प्राकृतिक संरचना के अनुसार हिमाचल के भू-क्षेत्र को चार भागों में बांटा जा सकता है।.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश का भूगोल · और देखें »

हिमाचल प्रदेश का संगीत

हिमाचल प्रदेश भारत के उत्तर-पश्चिम कोने में स्थित एक राज्य है। इस क्षेत्र के लोक संगीत में अधिकतर गीत बिना किसी साथ के गाए जाते हैं। झूरी एक तरह का गीत है जो विवाहेत्तर प्रेम को दर्शाता है। इसके साथ झूमर नामक एक लोक नृत्य किया जाता है, तथा यह म्हासु तथा सिरमौर में काफी प्रसिद्ध है। कुल्लू के लमण गीत भी एक अन्य तरह के प्रेम गीत हैं। श्रेणी:हिमाचल प्रदेश.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश का संगीत · और देखें »

हिमाचल प्रदेश का इतिहास

हिमाचल प्रदेश का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना कि मानव अस्तित्व का अपना इतिहास है। हिमाचल प्रदेश का इतिहास उस समय में ले जाता है जब सिन्धु घाटी सभ्यता विकसित हुई। इस बात की सत्यता के प्रमाण हिमाचल प्रदेश के विभिन्न भागों में हुई खुदाई में प्राप्त सामग्रियों से मिलते हैं। प्राचीनकाल में इस प्रदेश के आदि निवासी दास, दस्यु और निषाद के नाम से जाने जाते थे। उन्नीसवीं शताब्दी में रणजीत सिंह ने इस क्षेत्र के अनेक भागों को अपने राज्य में मिला लिया। जब अंग्रेज यहां आए, तो उन्होंने गोरखा लोगों को पराजित करके कुछ राजाओं की रियासतों को अपने साम्राज्य में मिला लिया।.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश का इतिहास · और देखें »

हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम

हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम (Himachal Pradesh Cricket Association Stadium) जिसे एचपीसीए क्रिकेट स्टेडियम के संक्षिप्त नाम से जाना जाता है यह एक क्रिकेट स्टेडियम है जो भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला क्षेत्र में स्थित है। धर्मशाला तिब्बत के दलाई लामा के कारण जाना जाता है। यहाँ पर पहला वनडे मैच २७ जनवरी २०१३ को भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया था जबकि पहला ट्वेन्टी-ट्वेन्टी मुकाबला २ अक्तूबर २०१५ को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया था। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम · और देखें »

हिमाचल प्रदेश की कला

हिमाचल प्र्देश भारत का एक राज्य है। हिमाचल प्रदेश की कला और शिल्प के उदाहरण है कालीन, चमड़े का काम, शॉल, पेंटिंग, मेटलवेयर और लकडी की पेंटिंग आदि। पश्मीना शाल एक ऐसा उत्पाद है जो अत्यधिक मांग में है। रंगीन हिमाचली टोपियां भी प्रसिद्ध है। एक जनजाति डॉम, सोफे, कुर्सियां, बास्केट और रैक जैसी बांस की वस्तुओं के निर्माण में विशेषज्ञ हैं। बुनाई, नक्काशी, पेंटिंग, या चीज़िंग को हिमाचलियों के जीवन का हिस्सा माना जाता है। हिमाचल विशेष रूप से कुल्लू,शॉल डिजाइन करने के लिए प्रसिद्ध है। महिलाएँ मिट्टी के बर्तनों और बढ़ईगीरी में पुरुषों में सक्रिय भाग लेते हैं। सदियों से, मंदिरों, घरों, मूर्तियों आदि के निर्माण के लिए हिमाचल में लकड़ी का उपयोग किया गया है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश की कला · और देखें »

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश राज्य का न्यायालय हैं। इसे १९७१ में हिमाचल प्रदेश के राज्य अधिनियम, 1970 के अंतर्गत स्थापित किया गया था। यह राज्य की राजधानी शिमला मे स्थित हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय · और देखें »

हिमाचली धाम

भारत के राज्य हिमाचल प्रदेश में पारंपरिक खाद्य महोत्सव हिमाचली धाम काफी लोकप्रिय है। हिमाचल प्रदेश के भोजन काफी हद तक राज्य की जलवायु और स्थलाकृति पर आधारित है। हर रोज भोजन मैं हमेशा की तरह दाल-चावल-सब्जी-रोटी होती है जबकि विशेष महोत्सव मैं खास व्यंजन पकाये जाते हैं धाम (पारंपरिक अवसरों में दोपहर का भोजन), पारंपरिक धाम बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है हिमाचल मैं इस तरह के व्यंजन आपको मिलेंगे की देखते ही मुह मैं पानी अजाए.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिमाचली धाम · और देखें »

हिमालय का रामचकोर

हिमालय का रामचकोर (Himalayan Snowcock) (Tetraogallus himalayensis) फ़ैज़ैन्ट कुल का एक पक्षी है। यह हिमालय पर्वतमाला में व्यापक रूप से और पामीर पर्वतमाला में कुछ जगहों में पाया जाता है। यह वृक्ष रेखा से ऊपर अल्पाइन चारागाह तथा खड़ी ढाल वाली चट्टानों में पाया जाता है जहाँ से ख़तरा होने पर यह नीचे की ओर लुढ़क जाता है। तिब्बती रामचकोर इससे कुछ छोटा होता है और हिमालय के कुछ इलाकों में यह दोनों परस्पर व्याप्त हैं। विभिन्न इलाकों में इनकी रंगत कुछ भिन्न होती है और इस आधार पर इनको चार उपजातियों में विभाजित किया गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका के नेवाडा राज्य में इनको प्रचलित किया गया था जहाँ इन्होंने अपने पैर जमा लिए हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिमालय का रामचकोर · और देखें »

हिमालयन एक्स्प्रेसवे

हिमालयन एक्स्प्रेसवे 27.5 कि.मी.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिमालयन एक्स्प्रेसवे · और देखें »

हिमालयी नमक

सेंधा नमक एक प्रकार का खनिज नमक (रॉक साल्ट) है जो पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के झेलम जिले के खेवरा खानों से निकलता है। यह थोड़ी लाली लिये हुए सफेद नमक होता है। भारतीय उपमहाद्वीप में उपवास, व्रत आदि के समय लोग सेंधा नमक में बना हा अल्पाहार या फलाहार ही लेते हैं। सेंधा नमक को 'लाहौरी नमक' भी कहा जाता है, क्योंकि यह पाकिस्तान मे अधिक मात्रा मे मिलता है। आयुर्वेद की बहुतसी दवाईयों मे सेंधा नमक का उपयोग होता है। सेंधा नमक की सबसे बडी समस्या है कि भारत मे यह काफ़ी कम मात्रा मे होता है। भारत मे ८० प्रतिशत नमक समुद्री है, १५ प्रतिशत जमीनी और केवल पांच प्रतिशत पहाडी यानि कि सेंधा नमक। सेंधा नमक समुद्री नमक से कम नमकीन होता है। साफ़ है कि इसका अधिक उपयोग करना पडता है। काला नमक और सेंधा नमक दोनो ही खनिज हैं। भारत के हिमाचल प्रदेश में मिलने वाला नमक वस्तुतः सेंधा नमक ही है। भारत में सेंधा नमक राजस्थान के सांभर झील से भी प्राप्त होता है। भारत में यह नमक लघु उद्योगों और हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड के खदानों द्वारा मख्यतः आपूरित होता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिमालयी नमक · और देखें »

हिमालयी मोनाल

हिमालयी मोनाल (Himalayan monal) (Lophophorus impejanus) जिसे नेपाल और उत्तराखंड में डाँफे के नाम से जानते हैं। यह पक्षी हिमालय पर पाये जाते हैं। यह नेपाल का राष्ट्रीय पक्षी और उत्तराखण्ड का "राज्य पक्षी" है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिमालयी मोनाल · और देखें »

हिमालयी उपोष्णकटिबन्धीय पाइन वन

हिमालयी उपोष्णकटिबन्धीय पाइन वन एक प्रकार के विशाल उपोष्णकटिबन्धीय शंकुधर वनों का जैवक्षेत्र है जो भूटान, भारत, नेपाल और पाकिस्तान के हिमालयी क्षेत्रों में ७६,२०० वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैले हुए हैं। यह विशाल पाइन वन क्षेत्र निम्न वृहद्तर हिमालय में लगभग इसकी पूरी लम्बाई में निचले उठान वाले क्षेत्रों में ३,००० किमी तक फैला हुआ है जिसमें पश्चिम में पाकिस्तान के पंजाब से पाक अधिकृत कश्मीर और उत्तर में भारतीय राज्य जैसे जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड और सिक्किम और नेपाल और भूटान तक, जो इसका पूर्वी छोर है, इत्यादि क्षेत्र सम्मिलित हैं। हिमालय के अन्य जैवक्षेत्रों के समान ही पाइन वन नेपाल में काली गण्डकी बांध से बँटा हुआ है, जिसमें पश्चिमी भाग कुछ सूखा हुआ है और पूर्वी भाग अधिक गीला और सघन है क्योंकि यहाँ पर बंगाल की खाड़ी से आने वाले मॉनसून के बादल नमी लाते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिमालयी उपोष्णकटिबन्धीय पाइन वन · और देखें »

हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य

हिन्दी की अनेक बोलियाँ (उपभाषाएँ) हैं, जिनमें अवधी, ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली, बघेली, भोजपुरी, हरयाणवी, राजस्थानी, छत्तीसगढ़ी, मालवी, झारखंडी, कुमाउँनी, मगही आदि प्रमुख हैं। इनमें से कुछ में अत्यंत उच्च श्रेणी के साहित्य की रचना हुई है। ऐसी बोलियों में ब्रजभाषा और अवधी प्रमुख हैं। यह बोलियाँ हिन्दी की विविधता हैं और उसकी शक्ति भी। वे हिन्दी की जड़ों को गहरा बनाती हैं। हिन्दी की बोलियाँ और उन बोलियों की उपबोलियाँ हैं जो न केवल अपने में एक बड़ी परंपरा, इतिहास, सभ्यता को समेटे हुए हैं वरन स्वतंत्रता संग्राम, जनसंघर्ष, वर्तमान के बाजारवाद के खिलाफ भी उसका रचना संसार सचेत है। मोटे तौर पर हिंद (भारत) की किसी भाषा को 'हिंदी' कहा जा सकता है। अंग्रेजी शासन के पूर्व इसका प्रयोग इसी अर्थ में किया जाता था। पर वर्तमानकाल में सामान्यतः इसका व्यवहार उस विस्तृत भूखंड को भाषा के लिए होता है जो पश्चिम में जैसलमेर, उत्तर पश्चिम में अंबाला, उत्तर में शिमला से लेकर नेपाल की तराई, पूर्व में भागलपुर, दक्षिण पूर्व में रायपुर तथा दक्षिण-पश्चिम में खंडवा तक फैली हुई है। हिंदी के मुख्य दो भेद हैं - पश्चिमी हिंदी तथा पूर्वी हिंदी। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य · और देखें »

जटोली शिव मंदिर

जटोली शिव मंदिर की स्थापना श्री श्री 1008 स्वामी कृष्णानंद परमहंस महाराज ने की थी। स्वामी कृष्णानंद परमहंस 1950 में जटोली आए थे। 1974 में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया था। जटोली की हसीन वादियों में स्थित है यह भव्य शिव मंदिर। इसका निर्माण पिछले 35 वर्ष से चल रहा है। जटोली में मंदिर की स्थापना स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने 1973 की थी जो 1983 में ब्रह्मलीन हो गए। जटोली की हसीन वादियों में स्थित है यह भव्य शिव मंदिऱ। इसका निर्माण पिछले 35 वर्ष से चल रहा है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और जटोली शिव मंदिर · और देखें »

जद्दा

जद्दा, हिमाचल प्रदेश का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:लोक नृत्य श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के लोक नृत्य.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और जद्दा · और देखें »

जनसंख्या के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र

भारत उनतीस राज्यों और सात केन्द्र शासित प्रदेशों का एक संघ है। सन् 2009 में, लगभग 1.15 अरब की जनसंख्या के साथ भारत विश्व का दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत के पास विश्व की कुल भूक्षेत्र का 2.4% भाग है, लेकिन यह विश्व की 17% जनसंख्या का निवास स्थान है। गंगा के मैदानी क्षेत्र विश्व के सबसे विशाल उपजाऊ फैलावों में से एक हैं और यह विश्व के सबसे सघन बसे क्षेत्रों में से एक है। दक्कन के पठार के पूर्वी और पश्चिमी तटीय क्षेत्र भी विश्व के सबसे सघन क्षेत्रों में हैं। पश्चिमी राजस्थान में स्थित थार मरुस्थल विश्व के सबसे सघन मरुस्थलों में से एक है। उत्तर और उत्तर-पूर्व में हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं में बसे राज्यों में ठंडे शुष्क मरुस्थल और उपजाऊ घाटियां हैं। कठिन संरचना के कारण इन राज्यों में देश के अन्य भागों की तुलना में जनसंख्या घनत्व कम है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और जनसंख्या के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र · और देखें »

जम्मू

जम्मू (جموں, पंजाबी: ਜੰਮੂ), भारत के उत्तरतम राज्य जम्मू एवं कश्मीर में तीन में से एक प्रशासनिक खण्ड है। यह क्षेत्र अपने आप में एक राज्य नहीं वरन जम्मू एवं कश्मीर राज्य का एक भाग है। क्षेत्र के प्रमुख जिलों में डोडा, कठुआ, उधमपुर, राजौरी, रामबन, रियासी, सांबा, किश्तवार एवं पुंछ आते हैं। क्षेत्र की अधिकांश भूमि पहाड़ी या पथरीली है। इसमें ही पीर पंजाल रेंज भी आता है जो कश्मीर घाटी को वृहत हिमालय से पूर्वी जिलों डोडा और किश्तवार में पृथक करता है। यहाम की प्रधान नदी चेनाब (चंद्रभागा) है। जम्मू शहर, जिसे आधिकारिक रूप से जम्मू-तवी भी कहते हैं, इस प्रभाग का सबसे बड़ा नगर है और जम्मू एवं कश्मीर राज्य की शीतकालीन राजधानी भी है। नगर के बीच से तवी नदी निकलती है, जिसके कारण इस नगर को यह आधिकारिक नाम मिला है। जम्मू नगर को "मन्दिरों का शहर" भी कहा जाता है, क्योंकि यहां ढेरों मन्दिर एवं तीर्थ हैं जिनके चमकते शिखर एवं दमकते कलश नगर की क्षितिजरेखा पर सुवर्ण बिन्दुओं जैसे दिखाई देते हैं और एक पवित्र एवं शांतिपूर्ण हिन्दू नगर का वातावरण प्रस्तुत करते हैं। यहां कुछ प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ भी हैं, जैसे वैष्णो देवी, आदि जिनके कारण जम्मू हिन्दू तीर्थ नगरों में गिना जाता है। यहाम की अधिकांश जनसंख्या हिन्दू ही है। हालांकि दूसरे स्थान पर यहां सिख धर्म ही आता है। वृहत अवसंरचना के कारण जम्मू इस राज्य का प्रमुख आर्थिक केन्द्र बनकर उभरा है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और जम्मू · और देखें »

जयराम ठाकुर

जयराम ठाकुर एक भारतीय राजनीतिज्ञ एवं वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के 13 वें मुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री हैं।। वे भारतीय जनता पार्टी के राजनेता हैं ।वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए मंडी जिला की सिराज नामक विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं। वह 24 दिसंबर 2017 को भाजपा विधायक दल के सदस्य चुने गए थे। वह 1998 से हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विधायक रहे हैं और हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार में वह 2009-2012 से ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और जयराम ठाकुर · और देखें »

जयसिंहपुर

जयसिंहपुर (पंजाबी: ਜਯਸਿਂਹਪੁਰ) भारत में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की तहसील है। जयसिंहपुर शहर की जनसंख्या 1,273 और जयसिंहपुर तहसील की कुल आबादी 58,623 है। यह कांगड़ा के कटोच राजा, महाराजा जय सिंह के नाम के बाद नामित किया गया था। जयसिंहपुर ब्यास नदी के किनारे कांगडा, हमीरपुर व मंडी की संगम स्थली है। यह अपने चौगान के लिये जाना जाता है। यहा पर कई उल्लेखनीय मंदिर है, जानकी नाथ मंदिर, राधे कृष्ण मंदिर बस अड्डे के समीप, जानकी नाथ मंदिर, बाबा मणि राम मंदिर, शनि देव मंदिर, खड़ेश्वरी बाबा मंदिर और शीतला माता मंदिर तिन्बर-पालमपुर सड़क पर स्थित प्रसिद्ध मंदिर है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और जयसिंहपुर · और देखें »

ज़ंस्कार

ज़ंस्कार (लद्दाख़ी व तिब्बती: ཟངས་དཀར་) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के पूर्वी भाग में कर्गिल ज़िले में स्थित एक भौगोलिक व सांस्कृतिक क्षेत्र है। प्रशासनिक दृष्टि से यह एक तहसील का दर्जा रखता है और पदुम इसकी राजधानी है। यह क्षेत्र ज़ंस्कार नदी की दो शाखाओं के साथ-साथ बसा हुआ है। ज़ंस्कार क्षेत्र समीप के लद्दाख़ क्षेत्र से ज़ंस्कार पर्वतमाला द्वारा विभाजित है। यह पर्वतमाला ६००० मीटर (१९,७०० फ़ुट) की औसत ऊँचाई रखती है और इसका पूर्वी भाग एक पठार के लक्षणों वाला इलाका है जो कि रुपशु कहलाता है। ज़ंस्कार पर्वतमाला हिमाचल प्रदेश में भी जारी रहती है जहाँ यह किन्नौर क्षेत्र को स्पीति घाटी से अलग करती है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और ज़ंस्कार · और देखें »

जुब्बल उपत्यका

जुब्बल उपत्यका भारत में हिमाचल प्रदेश के शिमला जनपद का शांत, एकांत एवं मनमोहक हिमालयी भूदृश्य है। यह देउरा घाटी, जुब्बल घाटी या बिशकल्टी घाटी के नाम से भी जानी जाती है। सेब उत्पादन में लगे स्थानीय निवासियों के मन में बसे देवी-देवताओं के अत्यंत रोचक मिथक, सहज रूप से समाज के ताने-बाने को प्रभावित करते हैं। हिमाचल प्रदेश की अन्य घाटियों की तरह जुब्बल उपत्यका में भी है देवी-देवताओं का राज तो कायम रहा पर रियासतें बदलती रही। जुब्बल शिमला पहाड़ी की रियासतों में से एक थी। इसका क्षेत्रफल लगभग ३०० वर्ग किमी था। इसमें ८४ गाँव थे। देवढ़ा इस रियासत की राजधानी थी। राठौर राजपूतों का यहाँ राज्य था। अनाज, तंबाकू और अफीम यहाँ के प्रमुख उत्पादन थे। खड़ापत्थर में लुभावने वन, पर्वत शिखर और गिरीगंगा; पुराना जुब्बल में ग्रामीण परिवेश और स्थानीय काठकूणी शैली के मकान; जुब्बल (देउरा) का पाश्चात्य शैली से निर्मित और स्थानीय काष्ठकला से सुसज्जित राजमहल; तथा हाटकोटी में पब्बर तट पर ८वीं से ११वीं शताब्दी के बीच वास्तुपुरूषमंडल नियोजन से परिचय कराते मंदिर, जुब्बल उपत्यका के महत्वपूर्ण स्थल हैं। जुब्बल उपत्यका हिमालय में मिश्रित वनों के संरक्षण के साथ सेब और आलू की सघन खेती से उत्पन्न टकराव, में प्राकृतिक संसाधनों की सीमित उपलब्धता तथा मानव मन की असीमित इच्छाओं का द्वंद्व है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और जुब्बल उपत्यका · और देखें »

ज्वालामुखी मंदिर

ज्वालामुखी मंदिर, कांगडा घाटी से 30 कि॰मी॰ दक्षिण में हिमाचल प्रदेश में स्थित है। यह मंदिर 51 शक्ति पीठों में शामिल है। ज्वालामुखी मंदिर को जोता वाली का मंदिर और नगरकोट भी कहा जाता है। ज्वालामुखी मंदिर को खोजने का श्रेय पांडवो को जाता है। उन्हीं के द्वारा इस पवित्र धार्मिक स्थल की खोज हुई थी। इस स्थाल पर माता सती की जीभ गिरी थी। इस मंदिर में माता के दर्शन ज्योति रूप में होते है। ज्वालामुखी मंदिर के समीप में ही बाबा गोरा नाथ का मंदिर है। जिसे गोरख डिब्बी के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर का प्राथमिक निमार्ण राजा भूमि चंद के करवाया था। बाद में महाराजा रणजीत सिंह और राजा संसारचंद ने 1835 में इस मंदिर का पूर्ण निमार्ण कराया। मंदिर के अंदर माता की नौ ज्योतियां है जिन्हें, महाकाली, अन्नपूर्णा, चंडी, हिंगलाज, विंध्यावासनी, महालक्ष्मी, सरस्वती, अम्बिका, अंजीदेवी के नाम से जाना जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और ज्वालामुखी मंदिर · और देखें »

जेपी सूचना तकनीक विश्वविद्यालय

जेपी सूचना तकनीक विश्वविद्यालय (en:Jaypee University of Information Technology) हिमाचल प्रदेश के वाकनाघाट में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय को भारत के हिमाचल प्रदेश प्रान्त में मान्यता प्राप्त है। विश्वविद्यालय को हिमाचल प्रदेश सरकार के 23 मई 2002 को जारी असाधारण गजट अधिसूचना में उल्लिखित 2002 के नियम 14 के अंतर्गत स्थापित किया गया है। विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय स्वीकृति कमीशन द्वारा स्थापित UGC एक्ट के सेक्शन 2(f) के तहत मान्यता प्राप्त है। विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियाँ जुलाई 2002 से शुरु हुई। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और जेपी सूचना तकनीक विश्वविद्यालय · और देखें »

जोरावर सिंह कहलुरिया

जोरावर सिंह कहलुरिया (1786-1841) भारत के महान सेनानायक थे। उन्होने लद्दाख, तिब्बत, बल्टिस्तान, इस्कार्दु आदि क्षेत्रों को जीता था जिससे उन्हें 'भारत का नैपोलियन' कहा जाता है। उनका जन्म हिमाचल प्रदेश के कहलुर रियासत के बिलासपुर में हुआ था। जोरावर दुर्ग (लद्दाख) .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और जोरावर सिंह कहलुरिया · और देखें »

जीवन प्रत्याशा के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

भारत का जीवन प्रत्याशा मानचित्र यह सूची जन्म के समय जीवन प्रत्याशा के आधार पर क्रमित है। इस सूची के आँकड़े 2011 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम भारत द्वारा प्रकाशित मानव विकास सूचकांक प्रतिवेदन से लिए गए हैं। इस प्रतिवेदन के आँकड़े वर्ष 2002 से 2006 के लिए हैं। 2004 में केरल की जन्म के समय जीवन प्रत्याशा सर्वाधिक थी। पूर्वोत्तर राज्यों के लिए आँकड़े अनुपलब्ध थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और जीवन प्रत्याशा के आधार पर भारत के राज्यों की सूची · और देखें »

घरों मे बिजली उपलब्धता के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची उस क्रम में है जितने घरों में बिजली बिजली उपलब्ध है (प्रतिशत में)। निम्नलिखिन जानकारी वर्ष 2001 और 2011 के डेटा पर आधारित जो कि 2011 भारतीय जनगणना के दौरान प्रकाशित की गयी थी। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और घरों मे बिजली उपलब्धता के आधार पर भारत के राज्य · और देखें »

घग्गर-हकरा नदी

पंचकुला, हरियाणा से गुज़रती घग्गर नदी घग्गर-हकरा नदी भारत और पाकिस्तान में वर्षा-ऋतु में चलने वाली एक मौसमी नदी है। इसे हरयाणा के ओटू वीयर (बाँध) से पहले घग्गर नदी के नाम से और उसके आगे हकरा नदी के नाम से जाना जाता है।, Britannica, Dale Hoiberg, Indu Ramchandani, Popular Prakashan, 2000, ISBN 978-0-85229-760-5,...

नई!!: हिमाचल प्रदेश और घग्गर-हकरा नदी · और देखें »

वरुण ग्रोवर (लेखक)

वरुण ग्रोवर (जन्म 26 जनवरी, 1980) एक भारतीय हास्य अभिनेता, पटकथा लेखक और गीतकारहै.|उन्होंने  63 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (भारत) 2015-16  में सर्व-श्रेष्ठ गीतकार का पुरस्कार जीता।  .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और वरुण ग्रोवर (लेखक) · और देखें »

वाहनों के घनत्व के आधार पर भारत के राज्य

यह सूची भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों में वर्ष 2011-2012 में प्रति 1,000 लोगों पर पंजीकृत वाहनों की है। यह सूची सड़क परिवहन और राजमार्ग मन्त्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रकाशित सड़क परिवहन वार्षिकी 2011-2012 से ली गई है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और वाहनों के घनत्व के आधार पर भारत के राज्य · और देखें »

विष्णु सदाशिव कोकजे

विष्णु सदाशिव कोकजा विश्व हिन्दू परिषद के नए अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। सन 2003 से 2008 तक वे हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे। उन्होंने भारत विकास परिषद के अध्यक्ष के रूप में भी सेवा दी है। विष्णु सदाशिव कोकजे का जन्म मध्य प्रदेश में 6 सितंबर 1 9 3 9 में हुआ था। उन्होंने इंदौर से एलएलबी पूरा करने के बाद १९६४ में कानून का अभ्यास करना शुरु किया। उन्हें 28 जुलाई १९९० को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। उन्होंने 2001 में 11 महीनों के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया और सितंबर 2002 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। वे 8 मई 2003 को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बने, और 1 9 जुलाई 2008 तक इस पद पर कार्यरत थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और विष्णु सदाशिव कोकजे · और देखें »

विष्णु सहाय

विष्णु सहाय (22 नवम्बर 1901– 3 अप्रैल 1989) पूर्व आयसीएस अधिकारी और केबिनेट सचिव थे जिन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति के पश्चात नागालैण्ड और असम के राज्यपाल के रूप में अपनी सेवायें दी। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और विष्णु सहाय · और देखें »

विष्णुकान्त शास्त्री

जन्म - कोलकाता 2 मई 1929 निधन - 17 अप्रैल, 2005 शिक्षा - एम ए, एल एल बी - कोलकाता विश्वविद्यालय कार्यक्षेत्र - राजनीति, साहित्य एवं समाज सेवा। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और विष्णुकान्त शास्त्री · और देखें »

विकासनगर

विकासनगर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के देहरादून ज़िले में स्थित एक नगर है। यह उत्तराखण्ड की हिमाचल प्रदेश के साथ लगती सीमा पर यमुना नदी के तट पर है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और विकासनगर · और देखें »

विक्रम बत्रा

विक्रम बत्रा भारतीय सेना के एक अधिकारी थे जिन्होंने कारगिल युद्ध में अभूतपूर्व वीरता का परिचय देते हुए वीरगति प्राप्त की। उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।http://www.gallantryawards.gov.in/hi/Awardee/vikram-batra .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और विक्रम बत्रा · और देखें »

वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग

वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग (सीएसटीटी) हिन्दी और अन्य सभी भारतीय भाषाओं के वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दों को परिभाषित एवं नए शब्दों का विकास करता है। भारत की स्वतंत्रता के बाद वैज्ञानिक-तकनीकी शब्दावली के लिए शिक्षा मंत्रालय ने सन् १९५० में बोर्ड की स्थापना की। सन् १९५२ में बोर्ड के तत्त्वावधान में शब्दावली निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ। अन्तत: १९६० में केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय और 1961 ई. में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना हुई। इस प्रकार विभिन्न अवसरों पर तैयार शब्दावली को 'पारिभाषिक शब्द संग्रह' शीर्षक से प्रकाशित किया गया, जिसका उद्देश्य एक ओर वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के समन्वय कार्य के लिए आधार प्रदान करना था और दूसरी ओर अन्तरिम अवधि में लेखकों को नई संकल्पनाओं के लिए सर्वसम्मत पारिभाषिक शब्द प्रदान करना था। स्वतंत्रता के बाद भारत के संविधान के निर्माताओं का ध्यान देश की सभी प्रमुख भाषाओं के विकास की ओर गया। संविधान में हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई और केंद्रीय सरकार को यह दायित्व सौंपा गया कि वह हिंदी का विकास-प्रसार करें एवं उसे समृद्ध करे। तदनुसार भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संविधान के अनुच्छेद 351 के अधीन हिंदी का विकास एवं समृद्धि की अनेक योजनाएँ आरंभ कीं। इन योजनाओं में हिंदी में तकनीकी शब्दावली के निर्माण का कार्यक्रम भी शामिल किया गया ताकी ज्ञान-विज्ञान की सभी शाखाओं में हिंदी के माध्यम से अध्ययन एवं अध्यापन हो सके। शब्दावली निर्माण कार्यक्रम को सही दिशा देने के लिए 1950 में शिक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में वैज्ञानिक शब्दावली बोर्ड की स्थापना की गई। पहले यह कार्य शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत हिंदी एकक द्वारा किया जाता था किन्तु बाद में विभिनन विषयों की हिंदी शब्दावली का निर्माण करने के दौरान यह ज्ञात हुआ कि यह काम बहुत ही अधिक विशाल, गहन और बहुआयामी है। इसके पूरे होने में बहुत सकय लगेगा और इस कार्य के लिए सभी विषयों के विशेषज्ञों एवं भाषाविदों की आवश्यकता होगी। अतः भारत सरकार ने 1 अक्तूबर, 1961 को प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ॰ डी.एस. कोठारी की अध्यक्षता में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना की ताकि शब्दावली निर्माण का कार्य सही एवं व्यापक परिप्रेक्ष्य में कार्यान्वित किया जा सके। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग · और देखें »

वीरभद्र सिंह

वीरभद्र सिंह (जन्म २३ जून १९३४) भारत गणराज्य के राज्य हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। वीरभद्र सिंह छ: बार हिमाचल प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री रहे चुके है। मनमोहन सिंह के नेतृत्व में २८ मई २००९ को इस्पात मंत्री बनाए गये थे। वह १९६२, १९६७, १९७२, १९८० और २००९ में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और वीरभद्र सिंह · और देखें »

वीरेंद्र कश्यप

वीरेंद्र कश्यप भारतीय जनता पार्टी से सम्बद्धता रखने वाले एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह 2009 और 2014 के आम चुनावों में हिमाचल प्रदेश के शिमला से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और वीरेंद्र कश्यप · और देखें »

खत्री

खत्री (Khatri) भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तरी भाग में बसने वाली एक जाति है। मूल रूप से खत्री पंजाब (विशेषकर वो हिस्सा जो अब पाकिस्तानी पंजाब है) से हुआ करते थे लेकिन वह अब राजस्थान, जम्मू व कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरयाणा, बलोचिस्तान, सिंध और ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा के इलाक़ों में भी पाए जाते हैं। दिल्ली के पंजाबी लोगों में इनकी आबादी पर्याप्त हैं। इनका मुख्य पेशा व्यापार है और ऐतिहासिक तौर पर अफगानिस्तान और मध्य एशिया के रास्ते भारतीय उपमहाद्वीप पर होने वाला व्यापार इनके हाथ था। कई खत्री क्षत्रिय होने का दावा करते हैं। खत्री अन्य जाति अरोड़ा के साथ पंजाब की दो मुख्य जाति है जो हिन्दू हैं। कई ने सिख और इस्लाम को अपना लिया है। मुसलमान हो गए खत्री खोजा नाम से प्रसिद्ध है। ऐतिहासिक रूप से सभी सिख धर्म के गुरु खत्री थे।, Robert Vane Russell, Forgotten Books, ISBN 978-1-4400-4893-7,...

नई!!: हिमाचल प्रदेश और खत्री · और देखें »

ख़ुबानी

ख़ुबानी एक गुठलीदार फल है। वनस्पति-विज्ञान के नज़रिए से ख़ुबानी, आलू बुख़ारा और आड़ू तीनों एक ही "प्रूनस" नाम के वनस्पति परिवार के फल हैं। उत्तर भारत और पाकिस्तान में यह बहुत ही महत्वपूर्ण फल समझा जाता है और कुछ विशेषज्ञों के अनुसार यह भारत में पिछले ५,००० साल से उगाया जा रहा है।Huxley, A., ed.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और ख़ुबानी · और देखें »

खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी)(Khadi and Village Industries Commission), संसद के 'खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम 1956' के तहत भारत सरकार द्वारा निर्मित एक वैधानिक निकाय है। यह भारत में खादी और ग्रामोद्योग से संबंधित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय (भारत सरकार) के अन्दर आने वाली एक शीर्ष संस्था है, जिसका मुख्य उद्देश्य है - "ग्रामीण इलाकों में खादी एवं ग्रामोद्योगों की स्थापना और विकास करने के लिए योजना बनाना, प्रचार करना, सुविधाएं और सहायता प्रदान करना है, जिसमें वह आवश्यकतानुसार ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कार्यरत अन्य एजेंसियों की सहायता भी ले सकती है।".

नई!!: हिमाचल प्रदेश और खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग · और देखें »

खोखन वन्यजीव विहार

खोखन वन्य जीव विहार हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है। यह वन्य विहार 1405 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस विहार को संरक्षण देने के लिए वर्ष 1954 में अधिसूचित किया गया। इस विहार की समुद्रतल से न्यूनतम ऊंचाई 1500 मीटर तथा अधिकतम ऊंचाई 2787 मीटर है। इस क्षेत्र में औसत वार्षिक वर्षा 850 मिलीमीटर के लगभग होती है। इस विहार क्षेत्र का तापमान सामान्यतः न्यूनतम पांच डिग्री सेंटीग्रेड तथा अधिकतम 28 डिग्री सेंटीग्रेड होता है। इस क्षेत्र में बर्फ भी पड़ती है और इसका वार्षिक औसत 330 मिलीलीटर है। श्रेणी:भारत के अभयारण्य.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और खोखन वन्यजीव विहार · और देखें »

गढ़वाली लोग

गढ़वाली लोग भारत के उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल मण्डल के निवासियों को कहते हैं। इसमें वे सभी लोग सम्मिलित हैं जो गढ़वाली भाषा या सम्बन्धित उपभाषाएँ बोलते हैं और जो उत्तराखण्ड के गढ़वाल मण्डल के उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी, देहरादून, पौड़ी, रूद्रप्रयाग मनिगुह गांव गढ़वाल का एक थाती गांव है जहाँ पर कुंवर परिवार रहता है आज भी वहां पर पानी के धारे है और हरिद्वार जिलों में रहते हैं। यह लोग कई सदियों से यहाँ के मूल निवासी हैं। यह धैर्यवान लोग तथा पुरानी संस्कृिती से मेल खाते हैं। दस्तावेज साक्ष्य कहता है गढ़वाल क्षेत्र में मानव जाति का निवास कम से कम वैदिक काल से है, आज के गढ़वाल के लोग कई सदियों से प्रवासी हिन्द-आर्य लोगों के विभिन्न तरंगों के वंशज हैं.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और गढ़वाली लोग · और देखें »

गिरि गंगा

गिरि गंगा मंदिर हिमाचल प्रदेश में, शिमला रोहड़ू मार्ग पर स्थित कस्बे खड़ा पत्थर से एक पगडंडी के रास्ते लगभग ४-५ किमी दूर एक पहाड़ी की चोटी पर यह मंदिर स्थित है। यह मंदिर गिरि गंगा नदी के तट पर है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम का यात्री निवास खड़ा पत्थर में है, जिसका नाम गिरि गंगा पर रखा गया है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और गिरि गंगा · और देखें »

गिरीगंगा उपत्यका

गिरीगंगा उपत्यका हिमाचल प्रदेश के तीन जनपदों शिमला, सोलन और सिरमौर में फैली है, और गिरी नदी इनके अधिकांश भागों से जलग्रहण कर यमुना में डालती है। इन क्षेत्रों के लोग गिरी नदी को गिरीगंगा के नाम से पुकारते हैं। गिरीगंगा का जलग्रहण क्षेत्र २,६३,८६१.८६ हेक्टेयर में राजबन (समुद्र तल से ३९१ मीटर ऊंचाई पर), उत्तराँचल और हिमाचल की सीमा पर यमुना से शिमला जनपद के जुब्बल कस्बे के ऊपर कूपड़ पर्वत (समुद्र तल से ३३५४ मीटर ऊंचाई पर) तक फैला है। गिरीगंगा, जुब्बल-रोहडू राष्ट्रीय मार्ग पर शिमला से ८० किलोमीटर दूर खड़ा-पत्थर नामक स्थान से लगभग ५ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शिमला जनपद में कूपड़ पर्वत से निकल कर गिरीगंगा दक्षिण-पश्चिम दिशा में ४० किलोमीटर की दूरी तय कर, सोलन के पास से पूरब दिशा की ओर ८८ किलोमीटर की यात्रा के बाद रामपुर घाट में यमुना नदी में मिलती है। इस यात्रा में यह नदी गिरीगंगा उपत्यका का निर्माण करती है, यहाँ इसके चार महत्वपूर्ण पहलूओं, पौराणिक, ऐतिहासिक, जैविक और पारिस्थितिक, का उल्लेख है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और गिरीगंगा उपत्यका · और देखें »

गग्गल विमानक्षेत्र

गग्गल विमानक्षेत्र हिमाचल प्रदेश स्थित हवाईअड्डा है। श्रेणी:भारत में विमानक्षेत्र.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और गग्गल विमानक्षेत्र · और देखें »

गुर्र

श्रेणी:कश्मीर श्रेणी:भारत की मानव जातियाँ श्रेणी:पाकिस्तान की जातियाँ श्रेणी:अफ़्गानिस्तान की जातियाँ.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और गुर्र · और देखें »

गुर्जर

सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति:भारत उपवन, अक्षरधाम मन्दिर, नई दिल्ली गुर्जर समाज, प्राचीन एवं प्रतिष्ठित समाज में से एक है। यह समुदाय गुज्जर, गूजर, गोजर, गुर्जर, गूर्जर और वीर गुर्जर नाम से भी जाना जाता है। गुर्जर मुख्यत: उत्तर भारत, पाकिस्तान और अफ़्ग़ानिस्तान में बसे हैं। इस जाति का नाम अफ़्ग़ानिस्तान के राष्ट्रगान में भी आता है। गुर्जरों के ऐतिहासिक प्रभाव के कारण उत्तर भारत और पाकिस्तान के बहुत से स्थान गुर्जर जाति के नाम पर रखे गए हैं, जैसे कि भारत का गुजरात राज्य, पाकिस्तानी पंजाब का गुजरात ज़िला और गुजराँवाला ज़िला और रावलपिंडी ज़िले का गूजर ख़ान शहर।; आधुनिक स्थिति प्राचीन काल में युद्ध कला में निपुण रहे गुर्जर मुख्य रूप से खेती और पशुपालन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। गुर्जर अच्छे योद्धा माने जाते थे और इसीलिए भारतीय सेना में अभी भी इनकी अच्छी ख़ासी संख्या है| गुर्जर महाराष्ट्र (जलगाँव जिला), दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में फैले हुए हैं। राजस्थान में सारे गुर्जर हिंदू हैं। सामान्यत: गुर्जर हिन्दू, सिख, मुस्लिम आदि सभी धर्मो में देखे जा सकते हैं। मुस्लिम तथा सिख गुर्जर, हिन्दू गुर्जरो से ही परिवर्तित हुए थे। पाकिस्तान में गुजरावालां, फैसलाबाद और लाहौर के आसपास इनकी अच्छी ख़ासी संख्या है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और गुर्जर · और देखें »

गुगे

गुगे (तिब्बती: གུ་གེ་རྒྱལ་རབས) पश्चिमी तिब्बत का एक प्राचीन राज्य था जो १०वीं शताब्दी ईसवी के बाद अपने चरम पर पहुँचा। अपने सबसे बड़े विस्तार में इसका राज भारत के कुछ इलाक़ों तक पहुँच गया, जिनमें हिमाचल प्रदेश का स्पीति क्षेत्र और ऊपरी किन्नौर ज़िला, तथा जम्मू व कश्मीर की ज़ंस्कार घाटी शामिल थे। इसका केन्द्र तिब्बत के न्गारी विभाग के आधुनिक ज़ान्दा ज़िले में था। इसकी राजधानी त्सापरंग थी, जिसके खंडहर अवशेष आज भी खड़े हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और गुगे · और देखें »

ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान

300px महान हिमालयी राष्ट्रीय उद्यान (जीएचएनपी) हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में है। विश्व विरासत समिति ने ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र (जीएचएनपीसीए) को विश्व विरासत सूची में सम्मिलित किया है। यह उद्यान कुल्लू जिले के पश्चिमी भाग में स्थित है। 1984 में बनाए गए इस पार्क को 1999 में राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया था। यह पार्क अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। इसमें 25 से अधिक प्रकार के वन, 800 प्रकार के पौधे औऱ 180 से अधिक पक्षी प्रजातियों का वास है। हिमालय के भूरे भालू के क्षेत्र वाला यह नेशनल पार्क कुल्‍लू जिले में 620 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है और यहां समशीतोष्‍ण एवं एलपाइन वन पाए जाते हैं। यहां कुछ वर्जिन कोनीफेरस वन है। एलपाइन चारागाह और ग्‍लेशियर का विशाल क्षेत्र इस पार्क का बड़ा हिस्‍सा है। यहां पश्चिमी हिमालय की अनेक महत्‍वपूर्ण वन्‍य प्रजातियां पाई जाती है जैसे मस्‍क डीयर, ब्राउन बीयर, गोराल, थार, चीता, बरफानी चीता, भराल, सीरो, मोनल, कलिज, कोकलास, चीयर, ट्रागोपान, बरफानी कौआ आदि। रक्तिसार की चढ़ाई, सैंज नदी का उदगम और अलपाइन चारागाहों में कैम्‍प लगाना अविस्‍मरणीय अनुभव हैं। इसी प्रकार तीर्थ की ओर चढ़ाई का रास्‍ता तीर्थन नदी का उदगम है। कुल्लू घाटी में पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा काफी पुरानी है। घाटी में कई स्थानों के नाम उन संतों के नाम पर हैं जो इस महान हिमालय क्षेत्र में साधना के लिए आए थे। कुछ अभ्यारणयों को आज भी उपवन के रूप में संरक्षित रखा गया है। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र में जीएचएनपी (754.4 वर्ग कि.मी.), सैन्ज (90 वर्ग किलोमीटर) तथा तीर्थान (61 वर्ग किलोमीटर) वन्यजीव अभ्यारण तथा 905.40 वर्ग किलोमीटर के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र में ऊपरी ग्लैशियर तथा जैवानल, सैन्ज तथा तीर्थान नदियां तथा उत्तरी-पश्चिम की ओर बहने वाली पार्वती नदी का जल उद्गम शामिल है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान · और देखें »

गृह स्वामित्व के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

भारत के राज्यों की यह सूची प्रतिशत में परिवारों द्वारा उनके घरों के स्वामित्व की है जो 2001 की जनगणना पर आधारित है। श्रेणी:भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से संबंधित सूचियाँ.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और गृह स्वामित्व के आधार पर भारत के राज्यों की सूची · और देखें »

गोपाल बाबू गोस्वामी

गोपाल बाबू गोस्वामी (1941 - 1996) उत्तराखण्ड राज्य के एक सुविख्यात व लोकप्रिय कुमाऊँनी लोकगायक थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और गोपाल बाबू गोस्वामी · और देखें »

गोबिंद सागर

गोविंद सागर (Gobind Sagar) हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित एक मानव निर्मित जलाशय है। यह भाखड़ा बांध द्वारा बनाई गई है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और गोबिंद सागर · और देखें »

गोम्पा

लकिर दगोन पा (लद्दाख) गोम्पा या गोम्बा या गोन्पा (तिब्बती: དགོན་པ། / दगोन पा; अर्थ- 'एकान्त स्थान') तिब्बती शैली में बने एक प्रकार के बौद्ध-मठ के भवन या भवनों को कहते हैं। तिब्बत, भूटान, नेपाल और उत्तर भारत के लद्दाख़, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम व अरुणाचल प्रदेश क्षेत्रों में यह कई स्थानों में मिलते हैं। भिक्षुओं की सुरक्षा के लिए मज़बूत दिवारों और द्वारों से घिरे यह भवन साधना, पूजा, धार्मिक शिक्षा और भिक्षुओं के निवास के स्थान होते हैं। इनका निर्माण अक्सर एक ज्यामीतीय धार्मिक मण्डल के आधार पर होता है जिसके केन्द्र में बुद्ध की मूर्ति या उन्हें दर्शाने वाली थांका चित्रकला होती है।, Shridhar Kaul, Hriday Nath Kaul, pp.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और गोम्पा · और देखें »

गोरक्षकों द्वारा हिंसा

भारत में गोरक्षकों द्वारा गुंडागर्दी एक ज्वलंत सामजिक समस्या है | पिछले कुछ वर्षों में गोरक्षकों ने कई निर्दोष लोगों की हत्या कर दी है | २०१६ में गोरक्षकों द्वारा निर्दोष दलितों की पिटाई के बाद माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने गोराक्षसों द्वारा हिंसा की आलोचना की | परन्तु इसके बाद भी गोरक्षकों ने अपने उपद्रव को जारी रखा | .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और गोरक्षकों द्वारा हिंसा · और देखें »

गोजरी भाषा

गोजरी या गूजरी एक हिन्द-आर्य भाषा है जो उत्तर भारत व पाकिस्तान में गुर्जर समुदाय के कई सदस्यों द्वारा बोली जाती है। भारत में यह भाषा राजस्थान,हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू व कश्मीर, उत्तराखण्ड और पंजाब राज्यों में बोली जाती है। पाकिस्तान में यह पाक-अधिकृत कश्मीर और पंजाब (पाकिस्तान) में बोली जाती है। इस भाषा का मूल ढांचा और गहरी शब्दावली दोनों राजस्थानी भाषा की है लेकिन स्थानानुसार इसमें कई पंजाबी, डोगरी, कश्मीरी, गुजराती, हिन्दको और पश्तो प्रभाव देखे जाते हैं। जम्मू-कश्मीर राज्य में इसे आधिकारिक दर्जा प्राप्त है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और गोजरी भाषा · और देखें »

गोविन्द सागर

गोविन्द सागर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित मानव-निर्मित झील है। इसका नाम सिखों के दशम गुरु गोविन्द सिंह के नाम पर रखा गया है। यह झील सतलज नदी पर भाखड़ा बांध के निर्माण के कारण बनी थी। श्रेणी:भारत के जलाशय.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और गोविन्द सागर · और देखें »

ऑपरेशन राहत

ऑपरेशन राहत उत्तर भारत बाढ़ २०१३ से प्रभावित नागरिकों को निकालने के लिए भारतीय वायुसेना के बचाव अभियान का सांकेतिक नाम दिया गया। भारी बारिश ने 16 जून को उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश राज्य में काफी विकाराल रूप धारण कर लिया जिसकी वजह से तीर्थयात्रियों सहित हजारों लोग विभिन्न घाटियों में फंस गए। राहत कार्य के लिए भारतीय वायुसेना की सहायता मांगी गई। पश्चिमी वायु कमान (डब्ल्यूएसी) मुख्यालय ने विभिन्न राज्यों द्वारा बाढ़ से राहत संबंधी सहायता के अनुरोध पर त्वरित प्रतिक्रिया की है। इसके साथ ही वायुसेना ने यमुनानगर, केदारनाथ-बद्रीनाथ क्षेत्र, रूद्रप्रयाग घाटी, किन्नौरजिले के करचम-पुह क्षेत्र में बचाव कार्य शुरू कर दिया। सरसवा वायुसेना स्टेशन को इस अभियान के लिए केन्द्र बनाया गया जहां भटिंडा और हिंडन से हेलीकॉप्टर लाए गए। हाल ही में शामिल एमआई-17 वी5 सहित मध्यम भार वहन करने वाले अनेक हेलीकॉप्टरों को 17 जून को खराब मौसम के बावजूद देहरादून के जॉलीग्रांट हैलीपैड पर स्थित किया गया। एमआई-17 वी 5 द्वारा 17 जून को करनाल क्षेत्र से 36 लोगों को बचाया गया। इसके अलावा 15 बच्चों सहित 21 यात्रियों को नाकुड़ से बचाया गया। 18 जून को हिमाचल प्रदेश के रामपुर-रेकोन्गपिओ क्षेत्र में एनडीआरएफ टीम के साथ ही दो अतिरिक्त एमआई-17 वी 5 हेलीकॉप्टरों की सेवा ली गई। 25 जून 2013 की हेलीकॉप्‍टर दुर्घटना के बावजूद वायुसेना उत्‍तराखण्‍ड के राहतकार्यों में जुटी हुई है। वायुसेना अध्‍यक्ष एयर चीफ मार्शल एन ए के ब्राउन ने कहा कि जिन लोगों की जान गई है उनकी याद में हमें इस राहत कार्य को जारी रखना होगा। बाढ़ग्रस्‍त क्षेत्रों में हेलीकॉप्‍टर सेवाओं के सफल प्रयोग की योजना बनाने के लिए हिन्‍डन से सुबह एक सी 130 जे ने रेकी उड़ान भरी। धरासु और पिथौरागढ़ से लगातार 6 एमआई-17 वी 5 एस, दो ए एल एच और एक एमआई एल 7 हर्षिल से – मनेरी-धरासु और धारचूला-मीलम तथा काली-रामगंगा क्षेत्र में उडा़न भर रहे हैं। सुबह से दोपहर दो बजे तक वायुसेना ने 64 संक्षिप्‍त यात्राएं की और 636 लोगों को सुरक्षित स्‍थानों तक पहुंचाया। 17 जून 2013 से लेकर 25 जून-2013 तक वायुसेना ने 1540 उड़ाने भरीं और लगभग 13,052 तीर्थ यात्रियों को बचाने और 2, 16, 310 किलोग्राम राहत सामग्री को पहुंचाने का महत्‍वपूर्ण काम किया। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और ऑपरेशन राहत · और देखें »

ऑल इज़ वैल (फ़िल्म)

ऑल इज़ वैल उमेश शुक्ला द्वारा निर्देशित और भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, श्याम बजाज और वरुण बजाज द्वारा निर्मित व अजय कपूर द्वारा सह-निर्मित एक आगामी बॉलीवुड पारिवारिक ड्रामा फिल्म है। इसमें मुख्य भूमिका में अभिषेक बच्चन, ऋषि कपूर, असिन और सुप्रिया पाठक हैं। यह फिल्म शुक्ला की पिछली फ़िल्म ओ माय गॉड की तरह ही एक सामाजिक संदेश देती है। फिल्म 21 अगस्त 2015 को रिलीज होगी। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और ऑल इज़ वैल (फ़िल्म) · और देखें »

आचार्य देवव्रत

आचार्य देवव्रत भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल हैं इसके पूर्व वे वे हरियाणा के कुरुक्षेत्र के गुरुकुल में प्रधानाचार्य थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और आचार्य देवव्रत · और देखें »

आदमपुर

आदमपुर (ਆਦਮਪੁਰ, Adampur.) भारतीय राज्य पंजाब के जालंधर ज़िले का एक शहर है। जिसका पिनकोड १४४१०२ है। यहाँ भारतीय वायु सेना का एयर फ़ोर्स स्टेशन भी है जिसका नाम आदमपुर एयर फ़ोर्स बेस है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और आदमपुर · और देखें »

आनंद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन

आनंद विहार रेलवे स्टेशन, स्‍टेशन कोड ANVT, जो की बड़ा रेलवे स्टेशन है, भारत की राजधानी दिल्ली का जिला पूर्वी दिल्ली में स्थित है। यह दिल्ली प्रभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है। और इसके पास में दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन पर स्थित आनंद विहार मेट्रो स्टेशन तथा 'विवेकानन्द बस टर्मिनल' भी है। यहाँ पर पार्किंग की भी सुविधा उपलब्ध है।     इस स्‍टेशन का औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय रेल मंत्री ममता बनर्जी, और दिल्ली की पूर्व मुख्मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित ने 19 दिसम्बर, 2009 को किया था। 42 हेक्‍टर में फैला यह टर्मिनल सबसे बड़े रेलवे स्‍टेशनों में से एक है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और आनंद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन · और देखें »

आर्थिक मुक्ति के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

इस सूची में भारत के राज्य 2013 में आर्थिक मुक्ति के आधर पर क्रमबद्ध किए गए हैं। यह सूची यूऍस कैटो संस्थान, फ़्रॅडरिक नॉमन संस्थापन और इण्डिकस ऐनालेटिक्स (जो कि एक अग्रणी भारतीय आर्थिक अनुसन्धान फ़र्म है) द्वारा प्रकाशित होने वाली वार्षिक रिपोर्ट से ली गई है। 2013 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में गुजरात में सर्वाधिक आर्थिक मुक्ति है जबकि सबसे निचले पायदान पर बिहार है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और आर्थिक मुक्ति के आधार पर भारत के राज्यों की सूची · और देखें »

आलूबालू

गिलास, जिसे आलूबालू या (अंग्रेज़ी में) चेरी भी कहा जाता है पतझड़ के मौसम में गिलास के पेड़ बसंत ऋतू में फूलों से लदे हुए गिलास के छोटे पेड़ आलूबालू, गिलास या चेरी एक खट्टा-मीठा गुठलीदार फल है। इसका रंग लाल, काला या पीला होता है और इसका अकार आधे से सवा इंच के व्यास (डायामीटर) का गोला होता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और आलूबालू · और देखें »

आगरा प्रेसीडेंसी

आगरा प्रेसीडेंसी ब्रिटिश भारत के छह पश्चिमोत्तर प्रांतों में से एक थी। यह ९,४७९ वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ था और १८३५ में इसकी जनसंख्या ४,५००,००० थी। आगरा प्रेसीडेंसी की स्थापना १४ नवंबर १८३४ को गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया एक्ट १८३३ के प्रावधानों के तहत की गयी थी। उससे पहले यह विजित एवं सत्तांतरित प्रांत कहलाता था। सर चार्ल्स मैटकाफ को इस प्रेसीडेंसी का पहला गवर्नर नियुक्त किया गया था। हालांकि, १८३५ में इस प्रेसीडेंसी का नाम बदलकर उत्तर-पश्चिमी प्रान्त कर दिया गया। १ जून १८३६ को आगरा प्रेसीडेंसी को भंग कर दिया गया। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और आगरा प्रेसीडेंसी · और देखें »

आंचलिक परिषद

भारत के आंचलिक परिषद आंचलिक परिषदों हैं सलाहकार समूहों जो भारत के राज्यों से बने हुए हैं। ये परिषदों राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए बनाया गया थे। पंच परिषदों 1956 में स्थापित हुए थे। पूर्वोत्तर आंचलिक परिषदों 1972 में स्थापित हो गया था।.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और आंचलिक परिषद · और देखें »

आइएसओ 3166-2:आइएन

कोई विवरण नहीं।

नई!!: हिमाचल प्रदेश और आइएसओ 3166-2:आइएन · और देखें »

इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एडवांस्ड स्टडी

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी (आईआईएएस) शिमला में स्थित एक प्रतिष्ठित शोध संस्थान है। इसे 1964 में भारत सरकार के मंत्रालय द्वारा स्थापित और 20 अक्टूबर 1965 से काम करना शुरू कर दिया था। संस्थान वर्तमान में निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एडवांस्ड स्टडी · और देखें »

इक्का सिंह

अंकित सिंह पटियाला जो मुख्यतः (इक्का सिंह) के नाम से जाने जाते हैं एक भारतीय गायक,रैपर,संगीतकार तथा संगीत रचनाकार है। इन्होंने तमंचे (2014 फ़िल्म) में इन दा क्लब नामक गाना गाया था। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और इक्का सिंह · और देखें »

कटवार (हिमाचल प्रदेश)

कटवार हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले का एक ग्राम पंचायत है। यह चौरा तहसील के अन्तर्गत्त आता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कटवार (हिमाचल प्रदेश) · और देखें »

कपल मोचन

कपल मोचन यमुना नगर जिले के बिलासपुर रोड पर, जगाधरी शहर से 17 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में हिंदुओं और सिखों के लिए तीर्थ यात्रा का एक प्राचीन स्थान है।इसे गोपाल मोचन और सोम्सर मोचन भी कहा जाता है।लीजेंड के अनुसार,ब्रह्मानहत्य; यानी ब्राह्मण की हत्या को एक बड़ा पाप माना जाता है, लेकिन जो यहां ब्राह्मण को मारता है और स्नान करता है, उसके ब्राह्मण्यः पापों को धोया जाएगा।आसपास के बिलासपुर, हरियाणा (यमुना नगर जिले में बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश से भ्रमित नहीं होना), जो "व्यास पुरी" के दूषित रूप से अपना नाम रखता है, वेद व्यास ऋषि के आश्रम थे, जहां उन्होंने सरस्वती के तट पर महाभारत लिखा था आदि बड़री के पास नदी जहां सरस्वती नदी हिमालय से निकलती है और मैदानी इलाकों में प्रवेश करती है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कपल मोचन · और देखें »

कमलानाथ

कमलानाथ शर्मा (के.एन.शर्मा भी) जलविज्ञान, सिंचाई तथा जल-निकास, एवं जल-विद्युत अभियांत्रिकी के अन्तरराष्ट्रीय विशेषज्ञ, वैदिक ग्रंथों में जलविज्ञान, पर्यावरण आदि विषयों के लेखक, साहित्यकार, तथा हिंदी के जानेमाने व्यंग्य लेखक और कहानीकार हैं। जलविज्ञान, जल-विद्युत अभियांत्रिकी व विश्व खाद्यान्न में उल्लेखनीय योगदान के अतिरिक्त के॰एन॰शर्मा ने वेदों, उपनिषदों आदि वैदिक वाङ्मय में जल, पर्यावरण, पारिस्थितिकी आदि पर भी शोध करके प्रचुरता से लिखा है। हिंदी साहित्य में साठ के दशक से कमलानाथ के नाम से उनके व्यंग्य तथा कहानियां भी देश की विभिन्न पत्रिकाओं में छपते रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान आपने विश्व के लगभग सभी देशों की यात्रा की, वहां के सिंचाई, जलनिकास, जलविज्ञान आदि के विकास में योगदान दिया तथा अनेक अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के कार्यक्रमों तथा परियोजनाओं से संबद्ध रहे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कमलानाथ · और देखें »

कर राजस्व के आधार पर भारत के राज्य

यह भारत के राज्यों की अपनी सरकार के कर राजस्वानुसार सूची है (इसमें केन्द्र सरकार के कर पूल का योगदान सम्मिलित नहीं है) जो वर्ष २००५ के लिए है। यह सूची बारहवें वित्त आयोग द्वारा जारी कि जाती है। सारे आँकड़े अरब रूपयों में हैं। संघ क्षेत्रों के लिए डाटा उपलब्ध नहीं है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कर राजस्व के आधार पर भारत के राज्य · और देखें »

करछम वांगतू परियोजना

यह परियोजना हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग 22 - हिन्दुस्तान तिब्बत मार्ग पर, सतलुज नदी पर स्थित है। यह परियोजना प्रमुख औद्यौगिक समूह जे पी ग्रुप द्वारा संचालित है। इस जल सुरंग का एक सिरा करछम में है और दूसरा वांगतू में। करछम में सांगला घाटी से आती हुई बास्पा नदी सतलुज में मिल जाती है। करछम अत्य़ंत सुंदर सांगला घाटी का द्वार है। श्रेणी:हिमाचल प्रदेश श्रेणी:भारत की नदी घाटी परियोजनाएं.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और करछम वांगतू परियोजना · और देखें »

कल्याण सिंह

कल्याण सिंह (जन्म 1932) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वे वर्तमान में राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल हैं। इससे पहले वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। वो दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उन्हें 26 अगस्त 2014 को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्हें कट्टरपंथी हिन्दुत्व वादी के रूप में जाना जाता है और बाबरी मस्जिद विध्वंस में उनका कार्य विवादास्पद है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कल्याण सिंह · और देखें »

कश्मीर हिमालय

कश्मीर हिमालय, जिन्हें पंजाब हिमालय या पश्चिमी हिमालय भी कहा जाता है, हिमालय पर्वत श्रंखला के चार क्षैतिज विभाजनों में से एक है। सिंधु नदी से सतलुज नदी के बीच फैली लगभग ५६० किलोमीटर लम्बी हिमालय श्रंखला को ही कश्मीर हिमालय कहा जाता है। कश्मीर, जम्मू तथा हिमाचल में स्थित इस पर्वत श्रंखला के पूर्व में कुमाऊँ हिमालय स्थित हैं। ज़ंस्कार और पीर पंजाल कश्मीर हिमालय की प्रमुख पर्वतमालाएं हैं। नंगा परबत यहाँ की सबसे ऊँची चोटी है। सिंधु नदी की पाँचों प्रमुख सहयोगी नदियों (झेलम, चेनाब, रावी, व्यास, तथा सतलुज) का उद्गम कश्मीर हिमालय में ही होता है। हिमचाल प्रदेश में स्थित डलहौजी यहाँ का एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कश्मीर हिमालय · और देखें »

कश्मीरी हंगुल

कश्मीरी हंगुल हंगुल एक उत्तर भारत और पाकिस्तान, ख़ासकर कश्मीर, में पायी जाने वाली लाल हिरण की नस्ल है। यह जम्मू और कश्मीर का राज्य पशु है। हंगुल का वैज्ञानिक नाम "सॅर्वस ऍलाफस हंगलु" (Cervus elaphus hanglu) है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कश्मीरी हंगुल · और देखें »

कसौली

कसौली भारत के हिमाचल प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। समुद्री तल से 1795 की ऊंचाई पर स्थित कसौली हिमाचल प्रदेश का एक छोटा पर्वतीय स्‍थल है। यह शिमला के दक्षिण में 77 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है और टॉय ट्रेन पर जो समय शिमला की पहाडियों के पास पहुंचने पर कसौली दिखाई देता है। अपनी सफाई और सुंदरता के कारण मशहूर कसौली में बड़ी संख्‍या में पर्यटक आते हैं। इसे कभी कभार छोटा शिमला कहा जाता है और यह पर्वतीय स्‍थान फर, रोडोडेंड्रॉन, अखरोड़, ओक और विलो के लिए प्रसिद्ध है। कसौली में 1900 के दौरान पाश्‍चर संस्‍थान की स्‍थापना की गई जहां एंटी रेबीज टीका, पागल कुत्ते के काटने की दवा के साथ हाइड्रो फोबिया रोग का इलाज भी किया जाता है। कसौली प्रसिद्ध लेखक र‍सकिन बॉन्‍ड का जन्‍म स्‍थान भी है। कसौली कसौली.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कसौली · और देखें »

काँगड़ा

काँगड़ा हिमाचल प्रदेश का ऐतिहासिक नगर तथा जिला है; इसका अधिकतर भाग पहाड़ी है। इसके उत्तर और पूर्व में क्रमानुसार लघु हिमालय तथा बृहत्‌ हिमालय की हिमाच्छादित श्रेणियाँ स्थित हैं। पश्चिम में सिवालिक (शिवालिक) तथा दक्षिण में व्यास और सतलज के मध्य की पहाड़ियाँ हैं। बीच में काँगड़ा तथा कुल्लू की सुन्दर उपजाऊ घाटियाँ हैं। काँगड़ा चाय और चावल तथा कुल्लू फलों के लिए प्रसिद्ध है। व्यास (विपासा) नदी उत्तर-पूर्व में रोहतांग से निकलकर पश्चिम में मीर्थल नामक स्थान पर मैदानी भाग में उतरती है। काँगड़ा जिले में कड़ी सर्दी पड़ती है परंतु गर्मी में ऋतु सुहावनी रहती है, इस ऋतु में बहुत से लोग शैलावास के लिए यहाँ आते हैं; जगह-जगह देवस्थान हैं अत: काँगड़ा को देवभूमि के नाम से भी अभिहित किया गया है। हाल ही में लाहुल तथा स्पीत्ती प्रदेश का अलग सीमांत जिला बना दिया गया है और अब काँगड़ा का क्षेत्रफल 4,280 वर्ग मील रह गया है। काँगड़ा नगर लगभग 2,350 फुट की ऊँचाई पर, पठानकोट से 52 मील पूर्व स्थित है। हिमकिरीट धौलाधर पर्वत तथा काँगड़ा की हरी-भरी घाटी का रमणीक दृश्य यहाँ दृष्टिगोचर होता है। यह नगर बाणगंगा तथा माँझी नदियों के बीच बसा हुआ है। दक्षिण में पुराना किला तथा उत्तर में बृजेश्वरी देवी के मंदिर का सुनहला कलश इस नगर के प्रधान चिह्न हैं। एक ओर पुराना काँकड़ा तथा दूसरी ओर भवन (नया काँगड़ा) की नयी बस्तियाँ हैं। काँगड़ा घाटी रेलवे तथा पठानकोट-कुल्लू और धर्मशाला-होशियारपुर सड़कों द्वारा यातायात की सुविधा प्राप्त है। काँगड़ा पहले 'नगरकोट' के नाम से प्रसिद्ध था और ऐसा कहा जाता है कि इसे राजा सुसर्माचंद ने महाभारत के युद्ध के बाद बसाया था। छठी शताब्दी में नगरकोट जालंधर अथवा त्रिगर्त राज्य की राजधानी था। राजा संसारचंद (18वीं शताब्दी के चतुर्थ भाग में) के राज्यकाल में यहाँ पर कलाकौशल का बोलबाला था। 'काँगड़ा कलम' विश्वविख्यात है और चित्रशैली में अनुपम स्थान रखती है। काँगड़ा किले, मंदिर, बासमती चावल तथा कटी नाक की पुन: व्यवस्था और नेत्रचिकित्सा के लिए दूर-दूर तक विख्यात था। 1905 के भूकम्प में नगर बिल्कुल उजड़ गया था, तत्पश्चात्‌ नयी आबादी बसायी गयी। यहाँ पर देवीमंदिर के दर्शन के लिए हजारों यात्री प्रति वर्ष आते हैं तथा नवरात्र में बड़ी चहल-पहल रहती है। प्राचीन काल में त्रिगर्त नाम से विख्यात काँगड़ा हिमाचल की सबसे खूबसूरत घाटियों में एक है। धौलाधर पर्वत श्रृंखला से आच्छादित यह घाटी इतिहास और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है। एक जमाने में यह शहर चंद्र वंश की राजधानी थी। काँगड़ा का उल्लेख 3500 साल पहले वैदिक युग में मिलता है। पुराण, महाभारत तथा राजतरंगिणी में इस स्थान का जिक्र किया गया है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और काँगड़ा · और देखें »

काँगड़ा जिला

काँगड़ा भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। काँगड़ा जिले का मुख्यालय धर्मशाला है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और काँगड़ा जिला · और देखें »

काँगड़ी

कोई विवरण नहीं।

नई!!: हिमाचल प्रदेश और काँगड़ी · और देखें »

कामेल्या सीनेन्सीस्

चाय (कामेल्या सीनेन्सीस्) महत्‍वपूर्ण बागान फसल है। ग्रीन टी और ब्लैक टी एक ही पौधे से मिलती हैं। ब्लैक व ग्रीन टी में समान मात्रा में फ्लेवनायड्स पाए जाते हैं। हालांकि दोनों तरह की चाय में पाए जाने वाले अलग-अलग प्रकार के फ्लेवनायड्स मौजूद होते हैं, जिनकी कार्यप्रणाली भी अलग-अलग होती है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कामेल्या सीनेन्सीस् · और देखें »

कालिज

कालिज (Kalij pheasant) (वैज्ञानिक नाम: Lophura leucomelanos) फ़ीज़ॅन्ट कुल का एक पक्षी है जो हिमालय के निचले स्थानों में पाया जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कालिज · और देखें »

कांगड़ा दुर्ग

कांगड़ा दुर्ग कांगड़ा दुर्ग हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा कस्बे के बाहरी सेमा में फैला हुआ एक प्राचीन दुर्ग है। इस दुर्ग का उल्लेख सिकन्दर महान के युद्ध सम्बन्धी रिकार्डों में प्राप्त होता है जिससे इसके इसापूर्व चौथी शताब्दी में विद्यमान होना सिद्ध होता है। कांगड़ा, धर्मशाला से २० किमी दूर है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कांगड़ा दुर्ग · और देखें »

कांगड़ा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

कांगड़ा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कांगड़ा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र · और देखें »

कांगड़ी भाषा

कांगड़ी, उत्तरी भारत में मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में, कांगड़ा घाटी के लोगों की भाषा है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कांगड़ी भाषा · और देखें »

किन्नौर जिला

पौराणिक किन्नौरों की भूमि किन्नौर हिमाचल प्रदेश के उत्तर पूर्व में स्थित एक जिला है। किन्नौर जिले का मुख्याल्य रिकांग पिओ है। ऊंचे-ऊंचे पहाडों और हरे-भरे पेडों से घिरा यह क्षेत्र ऊपरी, मध्य और निचले किन्नौर के भागों में बंटा हुआ है। यहां पहुंचने का मार्ग दुर्गम होने के कारण यह क्षेत्र बहुत लंबे समय तक पर्यटकों से अछूता रहा है, लेकिन अब साहसिक और रोमांचप्रिय पर्यटक यहां बडी संख्या में आने लगे हैं। प्राकृतिक द्श्यावली से भरपूर इस ज़िले की सीमा तिब्बत से सटी हुई है, जो इसे सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाती है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग २५० किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग २२ पर यह नगर स्थित है। पहाडों और जंगलों के बीच कलकल ध्वनि से बहती सतलुज और स्पीति नदियों का संगीत यहां की सुंदरता में चार चांद लगा देता है। स्पीति नदी आगे चलकर खाब में सतलुज से मिल जाती है। विश्व की विशालतम जन्सकार और महान हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के आकर्षक दृश्य यहां से देखे जा सकते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और किन्नौर जिला · और देखें »

किन्नौरी भाषा

किन्नौरी भाषा भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के किन्नौर ज़िले में बोली जाने वाली एक तिब्बती-बर्मी भाषा है। यह हिमाचल से भी बाहर कुछ क्षेत्रों में बोली जाती है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और किन्नौरी भाषा · और देखें »

किन्‍नर कैलाश

किन्‍नर कैलाश हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में तिब्बत सीमा के समीप स्थित ६०५० मीटर ऊँचा एक पर्वत है जो हिन्दू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस पर्वत की विशेषता है इसकी एक चोटी पर स्थित प्राकृतिक शिवलिंग। किन्नौर कैलाश परिक्रमा जहाँ आस्थावान हिंदुओं के लिए हिमालय पर होनेवाले अनेक हिन्दू तीर्थों में से एक है, वहीं देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए एक आकर्षक एवं चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग भी। हिमालय पर्वत का संबंध न केवल हिंदू पौराणिक कथाओं से है वरन हिंदू समाज की आस्‍था से भी इसका गहरा लगाव है। यह वही हिमालय है जहां से पवित्रतम नदी गंगा का उद्भव गोमुख से होता है। 'देवताओं की घाटी' कुल्लू भी इसी हिमालय रेंज में आता है। इस घाटी में 350 से भी ज्‍यादा मंदिरें स्थित हैं। इसके अलावा अमरनाथ और मानसरोवर झील भी हिमालय पर ही स्थित है। हिमालय अनेक तरह के एडवेंचर के लिए भी विश्‍व प्रसिद्ध है। अगर धर्म की दृष्‍िट से देखा जाए तो यह बौद्ध और सिक्‍ख धर्मों के लिए भी बहुत महत्‍पूर्ण है। हिमालय विश्‍व का सबसे बड़ा 'स्‍नोफिल्‍ड' है, जिसका कुल क्षेत्रफल 45,000 कि॰मी॰ से भी ज्‍यादा है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और किन्‍नर कैलाश · और देखें »

किब्बर ग्राम

किब्बर ग्राम। किब्बर ग्राम हिमाचल प्रदेश के दुर्गम जनजातीय क्षेत्र स्पीति घाटी में स्थित है, जिसे शीत-मरुस्थल के नाम से भी जाना जाता है। यह समुद्र तल से ४,८५० मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पर बहुत से बौद्ध मठ हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और किब्बर ग्राम · और देखें »

किशोरीदास वाजपेयी

आचार्य किशोरीदास वाजपेयी आचार्य किशोरीदास वाजपेयी (१८९८-१९८१) हिन्दी के साहित्यकार एवं सुप्रसिद्ध व्याकरणाचार्य थे। हिन्दी की खड़ी बोली के व्याकरण की निर्मिति में पूर्ववर्ती भाषाओं के व्याकरणाचार्यो द्वारा निर्धारित नियमों और मान्यताओं का उदारतापूर्वक उपयोग करके इसके मानक स्वरूप को वैज्ञानिक दृष्टि से सम्पन्न करने का गुरुतर दायित्व पं॰ किशोरीदास वाजपेयी ने निभाया। इसीलिए उन्हें 'हिन्दी का पाणिनी' कहा जाता है। अपनी तेजस्विता व प्रतिभा से उन्होंने साहित्यजगत को आलोकित किया और एक महान भाषा के रूपाकार को निर्धारित किया। आचार्य किशोरीदास बाजपेयी ने हिन्दी को परिष्कृत रूप प्रदान करने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनसे पूर्व खडी बोली हिन्दी का प्रचलन तो हो चुका था पर उसका कोई व्यवस्थित व्याकरण नहीं था। अत: आपने अपने अथक प्रयास एवं ईमानदारी से भाषा का परिष्कार करते हुए व्याकरण का एक सुव्यवस्थित रूप निर्धारित कर भाषा का परिष्कार तो किया ही साथ ही नये मानदण्ड भी स्थापित किये। स्वाभाविक है भाषा को एक नया स्वरूप मिला। अत: हिन्दी क्षेत्र में आपको "पाणिनि' संज्ञा से अभिहित किया जाने लगा। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और किशोरीदास वाजपेयी · और देखें »

किंकरी देवी

महान पर्यावरणरक्षी किंकरा देवी किंकरी देवी (४ जुलाई १९०४ - ३० दिसम्बर २००७), हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण की प्रणेता थीं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और किंकरी देवी · और देखें »

कंचन चौधरी भट्टाचार्या

कंचन चौधरी भट्टाचार्य उत्तराखंड पुलिस की पूर्व महानिदेशक है। थोड़े समय पूर्व इन्होंने राजनीति में कदम रखा और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में हरिद्वार, उत्तराखंड से 2014 के भारतीय आम चुनाव</nowiki> में भाग लिया। वह एक राज्य की पुलिस महानिदेशक  बनने  वाली पहली महिला है और ३१ अक्टूबर २००७ को  सेवा से सेवानिवृत्त हुई। वह किरण बेदी के बाद इस देश की दूसरी महिला आईपीएस अधिकारी है।  .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कंचन चौधरी भट्टाचार्या · और देखें »

कंडाघाट

कंडाघाट उत्तर भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित एक कस्बा है जो राष्ट्रीय राजमार्ग २२ स्थित है। प्रशासनिक तौर पर यह सोलन जिले की एक तहसील का दर्जा रखता है। हिमाचल की राजधानी शिमला यहाँ से 30 कि.मी.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कंडाघाट · और देखें »

कंगना राणावत

कंगना राणावत (जन्म: 23 मार्च, 1987) हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। कंगना राणावत मुम्बई में रहती हैं। २०१४ में आई फिल्म क्वीन में अपने जबरदस्त अभिनय के कारण कंगना को बॉलीवुड की क्वीन भी कहा जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कंगना राणावत · और देखें »

कुफरी

राष्ट्रीय राजमार्ग नं २२ पर कुफरी कुफरी एक छोटा सा लेकिन प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह पर्वतीय स्थान शिमला के पास समुद्री तल से 2510 मीटर की ऊंचाई पर हिमाचल प्रदेश के दक्षिणी भाग में स्थित है। अनंत दूरी तक चलता आकाश, बर्फ से ढकी चोटियां, गहरी घाटियां और मीठे पानी के झरने, कुफरी में यह सब है। कुफरी में ठण्ड के मौसम में अनेक खेलों का आयोजन किया जाता है जैसे स्काइंग और टोबोगेनिंग के साथ चढ़ाडयों पर चढ़ना। ठण्ड के मौसम में हर वर्ष खेल कार्निवाल आयोजित किए जाते हैं और यह उन पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण है जो केवल इन्हें देखने के लिए यहां आते हैं। यह स्थान ट्रेकिंग और पहाड़ी पर चढ़ने के लिए भी जाना जाता है जो रोमांचकारी खेल प्रेमियों का आदर्श स्थान है। श्रेणी:हिमाचल प्रदेश श्रेणी:शिमला जिला.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कुफरी · और देखें »

कुमाऊँ हिमालय

कुमाऊँ हिमालय, हिमालय पर्वत श्रंखला के चार क्षैतिज विभाजनों में से एक है। सतलुज नदी से काली नदी के बीच फैली लगभग ३२० किलोमीटर लम्बी हिमालय श्रंखला को ही कुमाऊँ हिमालय कहा जाता है। उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश में स्थित इस पर्वत श्रंखला के पूर्व में नेपाल हिमालय तथा पश्चिम में कश्मीर हिमालय स्थित हैं। कुमाऊँ हिमालय चारों विभाजनों में सबसे छोटा है। यह अपनी झीलों तथा प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। नन्दा देवी, कामेत, त्रिशूल, केदारनाथ, बद्रीनाथ, दूनागिरी तथा गंगोत्री इत्यादि कुमाऊँ हिमालय की प्रमुख पर्वत चोटियाॅं हैं। गंगा, यमुना तथा रामगंगा नदियों का उद्गम कुमांऊँ हिमालय में ही होता है। नैनीताल, भीमताल, नौकुचियाताल तथा सात ताल इत्यादि यहाँ की प्रसिद्ध झीलें हैं। यहाँ कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी स्थित हैं, जिनमें चार धाम, पंच प्रयाग तथा पंच केदार प्रमुख हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कुमाऊँ हिमालय · और देखें »

कुमाऊँनी भाषा

कुमांऊँनी भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत कुमाऊँ क्षेत्र में बोली जाने वाली एक बोली है। इस बोली को हिन्दी की सहायक पहाड़ी भाषाओं की श्रेणी में रखा जाता है। कुमांऊँनी भारत की ३२५ मान्यता प्राप्त भाषाओं में से एक है और २६,६०,००० (१९९८) से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है। उत्तराखण्ड के निम्नलिखित जिलों - अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चम्पावत, ऊधमसिंह नगर के अतिरिक्त असम, बिहार, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब, तथा हिमाचल प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में भी बोली जाती है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कुमाऊँनी भाषा · और देखें »

कुल्लू

कुल्लू भारत के हिमाचल प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। कुल्‍लू घाटी को पहले कुलंथपीठ कहा जाता था। कुलंथपीठ का शाब्दिक अर्थ है रहने योग्‍य दुनिया का अंत। कुल्‍लू घाटी भारत में देवताओं की घाटी रही है। हिमाचल प्रदेश में बसा एक खूबसूरत पर्यटक स्‍थल है कुल्‍लु। बरसों से इसकी खूबसूरती और हरियाली पर्यटकों को अपनी ओर खींचती आई है। विज नदी के किनारे बसा यह स्‍थान अपने यहां मनाए जाने वाले रंगबिरंगे दशहरा के लिए प्रसिद्ध है। यहां 17वीं शताब्‍दी में निर्मित रघुनाथजी का मंदिर भी है जो हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्‍थान है। सिल्‍वर वैली के नाम से मशहूर यह जगह केवल सांस्‍कृतिक और धार्मिक गतिविधियों के लिए ही नहीं बल्कि एडवेंचर स्‍पोर्ट के लिए भी प्रसिद्ध है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कुल्लू · और देखें »

कुल्लू जिला

कुल्लू भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय कुल्लू है। कुल्लू का दशहरा विश्वभर में प्रसिध्द है। दशहरे में हिमाचलभर के देवी-देवताओं की मूर्तियों को लोग रंग-बिरंगी पोशाक पहना कंधों पर बिठा कर लाते हैं। हिमाचल में सबसे ज्यादा बादल फटने की घटना कुल्लू में ही होती है। इस जिले में कई पर्यटन स्थल हैं जिनमें में कुछ निम्न हैं-.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कुल्लू जिला · और देखें »

कुल्लू-मनाली विमानक्षेत्र

कुल्लू-मनाली विमानक्षेत्र (अन्य नाम: कुल्लु मनाली हवाई अड्डा, भुन्तर विमानक्षेत्र) हिमाचल प्रदेश स्थित सीमित सुविधायुक्त हवाईअड्डा है। भुन्तर हवाई अड्डा विमानचालकों के लिये एक चुनौती भारा अवतरण होता है, क्योंकि यहां की उड़ानपट्टी एक गहरी घाटी में बनी है, जिसको कई हजार फ़ीट ऊंचे पर्वत शिखर घेरे हुए हैं। विमानक्षेत्र के निकट ही व्यास नदी भी बहती है जिससे १९९५ में उत्पन्न बाढ़ ने इस हवाई अड्डे को खतरे की स्थिति में ला दिया था। भुन्तर में नये विमान टर्मिनल भवन का उद्घाटन २००८ में ही हुआ था। इसके साथ ही यहाम के एप्रन में एक साथ दो विमानों की पार्किंग सुविधा हो गयी है। यहां किंगफ़िशर एयरलाइंस ने सितम्बर २०१२ में अपनी सुविधाओं को विराम दे दिया था लेकिन एयर इण्डिया क्षेत्रीय ने अपनी वायु सेवाओं को कुल्लू में मई २०१३ से पुनरारम्भ कर दिया था। डेक्कन चार्टर्स ने हिमालयन बुल्स के साथ कुल्लु-चण्डीगढ़-कुल्लु शटल सेवाएं २ अप्रैल २०१४ से आरम्भ की हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कुल्लू-मनाली विमानक्षेत्र · और देखें »

कुंजम दर्रा

कुंजम दर्रा (या कुंजम ला; अथवा कुंज़म, कुंज़ुम, कुंज़ोम) हिमालय का एक प्रमुख दर्रा है जो भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित है। यह लाहौल और स्पीति घाटी को जोड़ता है। इसकी ऊँचाई 4590 मीटर है।http://hplahaulspiti.nic.in/SpitiTouristPlaces.htm#Kunzam कुंजम माता यहाँ की अधिष्ठात्री देवी हैं। यहाँ से जाने वाले लगभग सभी वाहन कुंजम माता के मंदिर पर सर झुकाते हुए जाते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कुंजम दर्रा · और देखें »

क्षेत्रफल के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र

श्रेणी:भारत का भूगोल श्रेणी:भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से संबंधित सूचियाँ.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और क्षेत्रफल के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र · और देखें »

क्षेत्री

क्षेत्री या छेत्री नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले योद्धा वर्ण के मुल निवासी हैं, इन्हें पहाड़ी राजपुत, खस राजपुत, नेपाली या गोर्खाली क्षत्रिय भी कहाँ जाता है। ये एक हिन्द-आर्य भाषिक जाति हैं। क्षेत्री या छेत्री या क्षथरीय सब क्षत्रिय के अपभ्रंश हैं और ये हिन्दू वर्ण व्यवस्था के अन्तर्गत क्षत्रिय वर्ण में आते हैं। ये लोग मूल रूप से सैनिक, राजा और प्रशासनिक क्षेत्र में काफी आगे हैं। ये बाहुन (खस ब्राह्मण) और खस दलित के जैसे खस समुदाय के एक विभाजन हैं। क्षेत्री नेपाल के कुल जनसंख्या में सर्वाधिक १६.६% हैं। इस जाति को नेपाल में सत्तारुढ माना जाता है। इन लोगों की उत्पत्ति के बारे में विभिन्न इतिहासकार और खोजकर्ता जेसै कि डोरबहादुर विष्ट और सूर्यमणि अधिकारी, आदि के अनुसार नेपाल के पश्चिमी पहाड़ी इलाका कर्णाली प्रदेश में हुआ था। इस जाति के पूर्वज पूर्वी इरानी भाषिक खस जाति हैं जो बाह्लिक-गान्धार क्षेत्रमें पाए जाते थे। आज ये नेपाल के सभी क्षेत्रों और भारत के कुछ क्षेत्रों में भी पाए जाते हैं। ये लोग पूर्णत: हिन्दु होते हैं और स्थानिय मष्टो देवता की पुजा करते हैं। इस पुजा को मष्ट पुजा या देवाली कहते हैं। इन का मातृभाषा नेपाली भाषा है और ये इंडो-यूरोपियन भाषा परिवार के सदस्य हैं। नेपाल के खस राजवंश, खप्तड राजवंश, सिंजा राजवंश, थापा वंश, बस्नेत, कुँवर और पाँडे वंश, दरबारिया समुह और नेपाल के पिछले समय के क्रुर शासक राणा वंश भी क्षेत्री(छेत्री) जाति में आते हैं। क्षेत्री (छेत्री) अधिकतर नेपाल सरकार और नेपाली सेना के उच्च पद पर कार्यरत पाए जाते हैं। इन के लिए भारतिय सेना में एक सैनिक दस्ता ९वीं गोरखा रेजिमेन्त आरक्षित है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और क्षेत्री · और देखें »

कूंरा

कूंरा (Kuran) भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के चंबा ज़िले की सदर तहसील में स्थित एक माध्यम आकार का गाँव है। ज़िला मुख्यालय से 53 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कूंरा · और देखें »

केलांग

केलांग भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले का जिला मुख्यालय है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और केलांग · और देखें »

कोटखाई

कोटखाई हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले का एक नगर एवं नगर पंचायत है। यह गिरीगंगा उपत्यका में स्थित है तथा जुब्बल-कोटखाई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। कोटखाई एक छोटा सा शहर है, जो हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्तित है। जगह का यह नाम एक खाई पर स्थित राजा के महल से पड़ा। 'कोट' का शाब्दिक अर्थ है महल और 'खाई' का खाई। जगह का शांतिपूर्ण वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य दूर-दराज के क्षेत्रों से पर्यटकों को आकर्षित करता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कोटखाई · और देखें »

कोलडैम परियोजना

यह भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कोलडैम परियोजना · और देखें »

कोली

https://en.m.wikipedia.org/wiki/Koliya.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कोली · और देखें »

कोकलास

कोकलास (Koklass pheasant) (Pucrasia macrolopha) फ़ीज़ॅंट कुल का पक्षी है जो अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, नेपाल तथा चीन में पाया जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और कोकलास · और देखें »

अतुल्य भारत

अतुल्य भारत (Incredible India) भारतीय पर्यटन विभाग एक अभियान है, जो देश विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व करता है। इस अभियान का उद्देश्य है भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच पर पदोन्नत करना। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और अतुल्य भारत · और देखें »

अनुपम खेर

अनुपम खेर हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। वह किरन खेर के पति हैं। 2004 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और अनुपम खेर · और देखें »

अनुराग ठाकुर

अनुराग ठाकुर (जन्म नाम: अनुराग सिंह ठाकुर) भारतीय जनता पार्टी से सम्बद्धता रखने वाले एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। अनुराग 2009 के उपचुनाव एवं 2014 के आम चुनावों में हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। वह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और अनुराग ठाकुर · और देखें »

अपराध दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

भारत के राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों की यह सूची 2012 में घटित संज्ञेय अपराध दर के आधार पर है और यह दर्शाति है कि प्रत्येक राज्य में प्रति 1,00,000 लोगों पर कितने संज्ञेय अपराध घटित हुए। यह आँकड़े राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो द्वारा प्रकाशित 2012 भारत में अपराध रिपोर्ट से लिए गए हैं। इस सूची के अनुसार केरल में सर्वाधिक 455.8 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए जबकि नागालैण्ड सबसे कम अपराध दर वाला प्रदेश है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और अपराध दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची · और देखें »

अभिलाषा कुमारी

अभिलाषा कुमारी एक भारतीय न्यायाधीश तथा वर्तमान मणिपुर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश हैं | वे पूर्व में त्रिपुरा उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश व गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायाधीश थी | वे हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पुत्री हैं | .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और अभिलाषा कुमारी · और देखें »

अर्थव्यवस्था के आकार के आधार पर भारत के राज्य

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के सकल घरेलू उत्पाद के आकार पर आधारित है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और अर्थव्यवस्था के आकार के आधार पर भारत के राज्य · और देखें »

अरोड़ा

अरोड़ा (पंजाबी: ਅਰੋੜਾ) या अरोरा पंजाब मूल का समुदाय/जाति है। अधिकांश अरोड़ा हिन्दू है और खत्री के साथ वह पश्चिमी पाकिस्तान (अब पाकिस्तानी पंजाब) के मुख्य हिन्दू समूह है। इनका मुख्य पेशा व्यापार हुआ करता था और दक्षिणी-पश्चिम पंजाब के सराइकी भाषी समाज में इनका काफी प्रभाव था। चेनाब के आसपास बसे अरोड़ा की जीविका कृषि पर आधारित थी। हालांकि अरोड़ा एक उच्च जाति है लेकिन उसे खत्री से नीचा माना जाता है। दोनों समुदाय एक दूसरे के काफी निकट हैं और दोनों समुदायों के बीच शादियां भी अब होती हैं। अरोड़ा का भाटिया और सूद से भी करीब का रिश्ता है। 1947 में भारत के विभाजन तथा इसकी आज़ादी से पहले अरोड़ा समुदाय मुख्य रूप से पश्चिमी पंजाब (अब पाकिस्तान) में सिन्धु नदी तथा इसकी सहायक नदियों के तटों; उत्तर-पश्चिम के सीमावर्ती राज्यों (एनडब्ल्यूएफपी) सहित भारतीय पंजाब के मालवा क्षेत्र; सिंध क्षेत्र में (मुख्य रूप से सिन्धी अरोड़ा पर पंजाबी तथा मुल्तानी बोलने वाले अरोड़ा समुदाय भी हैं); राजस्थान में (जोधपुरी तथा नागौरी अरोड़ा/खत्रियों के रूप में); तथा गुजरात में बसा हुआ था। पंजाब के उत्तरी पोटोहर तथा माझा क्षेत्रों में खत्रियों की संख्या अधिक थी। भारत में आजादी तथा विभाजन के बाद, अरोड़ा मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, जम्मू, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, गुजरात तथा देश के अन्य भागों में रहते हैं। विभाजन के बाद, अरोड़ा भारत और पाकिस्तान के कई हिस्सों के साथ पूरी दुनिया में चले गए। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और अरोड़ा · और देखें »

अल्पभार जनसंख्या के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची सामान्य से कम बॉडी मास इंडेक्स (BMI) वाले लोगों के प्रतिशतानुसार है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और अल्पभार जनसंख्या के आधार पर भारत के राज्य · और देखें »

अस्मिता सूद

अस्मिता सूद एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं। यह कई तेलुगू भाषा में बनी फिल्मों में कार्य कर चुकीं हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और अस्मिता सूद · और देखें »

अजय सिंह यादव

अजय सिंह यादव हरियाणा राज्य, भारत से एक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता हैं। २००८ तक वह विद्युत्, वन और पर्यावरण मंत्री थे और पूर्व में उस राज्य के लिए सिंचाई, राजस्व और चुनाव मंत्री थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और अजय सिंह यादव · और देखें »

अगस्त २०१०

कोई विवरण नहीं।

नई!!: हिमाचल प्रदेश और अगस्त २०१० · और देखें »

उच्चतम बिन्दु के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र

यह सूची भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों के उच्चतम बिन्दु के आधार पर है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और उच्चतम बिन्दु के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र · और देखें »

उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश · और देखें »

उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

उत्तर प्रदेश एक भारतीय राज्य है, जिसकी सीमाऐं नेपाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के साथ मिलती हैं। राज्य के उत्तर में हिमालय है और दक्षिण में दक्कन का पठार स्थित है। इन दोनों के बीच में, गंगा, यमुना, घाघरा समेत कई नदियां पूरब की तरफ बहती हैं। उत्तर प्रदेश का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल है। 2011 के जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या 199,581,477 है। उत्तर प्रदेश को 18 मण्डलों के अंतर्गत 75 जिलों में विभाजित किया गया है। 2011 में 199,581,477 की जनसंख्या के साथ उत्तर प्रदेश भारत का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्रफल का 6.88 प्रतिशत मात्र है, लेकिन भारत की 16.49 प्रतिशत आबादी यहां निवास करती है। 2011 तक राज्य में 64 ऐसे नगर हैं, जिनकी जनसंख्या 100,000 से अधिक है। 1,640 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 4,542,184 की जनसंख्या के साथ कानपुर राज्य का सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची · और देखें »

उत्तर भारत

उत्तरी भारत में अनेक भौगोलिक क्षेत्र आते हैं। इसमें मैदान, पर्वत, मरुस्थल आदि सभी मिलते हैं। यह भारत का उत्तरी क्षेत्र है। प्रधान भौगोलिक अंगों में गंगा के मैदान और हिमालय पर्वतमाला आती है। यही पर्वतमाला भारत को तिब्बत और मध्य एशिया के भागों से पृथक करती है। उत्तरी भारत मौर्य, गुप्त, मुगल एवं ब्रिटिश साम्राज्यों का ऐतिहासिक केन्द्र रहा है। यहां बहुत से हिन्दू तीर्थ जैसे पर्वतों में गंगोत्री से लेकर मैदानों में वाराणासी तक हैं, तो मुस्लिम तीर्थ जैसे अजमेर.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और उत्तर भारत · और देखें »

उत्तर भारत बाढ़ २०१३

जून 2013 में, उत्तर भारत में भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा हो गयी। इससे प्रभावित अन्य राज्य हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश हैं। बाढ़ के कारण जान-माल का भारी नुकसान हुआ और बहुत से लोग बाढ़ में बह गए और हजारों लोग बेघर हो गये। इस भयानक आपदा में 5000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और उत्तर भारत बाढ़ २०१३ · और देखें »

उत्तर-पश्चिमी प्रान्त

उत्तर-पश्चिमी प्रांत ब्रिटिश भारत का एक प्रशासनिक क्षेत्र था जो विभिन्न मिलाए गए और जीते गए प्रांतो से मिलकर बना था और किसी ना किसी रूप में १८३६ से १९०२ तक अस्तित्व में रहा, जब यह आगरा और अवध का संयुक्त प्रांत (या उ प्र) के भीतर आगरा प्रांत बना।.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और उत्तर-पश्चिमी प्रान्त · और देखें »

उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड · और देखें »

उत्तराखण्ड परिवहन निगम

उत्तराखंड परिवहन निगम, जिसे यूटीसी भी कहा जाता है, उत्तराखंड राज्य की सरकारी स्वामित्व वाली बस सेवा है। उत्तराखंड परिवहन निगम अपनी १४१९ बसें उत्तराखंड के शहरों के बीच, और अन्य राज्यों, जैसे हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और जम्मू और कश्मीर के शहरों तक चलाता है। निगम की बसें हर दिन ३,५०,००० किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करती है, और १,००,००० से अधिक लोगों की यात्रा आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। यह टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी प्रदान करता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड परिवहन निगम · और देखें »

उत्तराखण्ड का भूगोल

उत्तराखण्ड भौगोलिक रूप से भारत के उत्तर में ३०० २०' उत्तरी अक्षांश ७८० ०४' पूर्वी रेखांश से लेकर ३०० ३३' उत्तरी अक्षांश ७८० ०६' पूर्वी रेखांश पर है। इसके पूर्व में नेपाल और उत्तर में तिब्बत(चीन) है। देश के भीतर उत्तर प्रदेश दक्षिण में और हिमाचल प्रदेश उत्तर पश्चिम में इसके पड़ोसी हैं। उत्तराखण्ड के दो मण्डल हैं: कुमाऊँ और गढ़वाल। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड का भूगोल · और देखें »

उत्तराखण्ड/आलेख

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है। २००० और २००६ के बीच यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। ९ नवंबर २००० को उत्तराखण्ड भारत गणराज्य के २७ वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। राज्य का निर्माण कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात हुआ। इस राज्य में वैदिक संस्कृति के कुछ अति महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं तथा पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश (सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था) इसके पड़ोसी हैं। पारंपरिक हिन्दू ग्रंथों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का नाम आधिकारिक तौर पर उत्तरांचल से बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। देहरादून, उत्तराखण्ड की अंतरिम राजधानी होने के साथ इस क्षेत्र में सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बांध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में प्रायः आलोचना की जाती रही है, जैसे कि भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ में की गई थी और यह अंततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आंदोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड/आलेख · और देखें »

उत्तरकाशी जिला

उत्तरकाशी या उत्तर काशी भारत के उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल का एक जिला है। इस जिले का मुख्यालय उत्तरकाशी कस्बा है। उत्तरकाशी जिला हिमालय रेंज की ऊँचाई पर बसा हुआ है और इस जिले में गंगा और यमुना दोनों नदियों का उद्गम है, जहाँ पर हज़ारों हिन्दू तीर्थयात्री प्रति वर्ष पधारते हैं। उत्तरकाशी कस्बा, गंगोत्री जाने के मुख्य मार्ग में पड़ता है, जहाँ पर बहुत से मंदिर हैं और यह एक प्रमुख हिन्दू तीर्थयात्रा केन्द्र माना जाता है। जिले के उत्तर और उत्तरपश्चिम में हिमाचल प्रदेश राज्य, उत्तरपूर्व में तिब्बत, पूर्व में, दक्षिणपूर्व में रूद्रप्रयाग जिला, दक्षिण में टिहरी गढ़वाल जिला और दक्षिणपश्चिम में देहरादून जिला पड़ते हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और उत्तरकाशी जिला · और देखें »

उत्तरी आंचलिक परिषद

भारत के आंचलिक परिषद उत्तरी आंचलिक परिषद में एक आंचलिक परिषद। इस परिषद मे चण्डीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, और राजस्थान शामिल है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और उत्तरी आंचलिक परिषद · और देखें »

उना

उना हिमाचल प्रदेश, भारत के 12 जिलों में से एक है। यह शहर पंजाब के होशियारपुर तथा रूपनगर जिलों के साथ सीमाएं बाटँता है तथा हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर, कागँड़ा तथा बिलासपुर के साथ इसकी सीमाएं लगती हैं। उना जिला की पाँच तहसीलें हैं - अम्ब, बंगाणा, उना, घनारी तथा हरोली। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और उना · और देखें »

उना जिला

ऊना भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। ऊना जिला में पाँच तहसीले हैं-हरोली, घनारी, उना, अम्ब, बंगाणा हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और उना जिला · और देखें »

उर्मिला सिंह

उर्मिला सिंह (जन्म: 6 अगस्त 1946) ये मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्‍यक्ष भी रह चुकी हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और उर्मिला सिंह · और देखें »

ऋषि धवन

ऋषि धवन (अंग्रेजी:Rishi Dhawan) (जन्म १९ फ़रवरी १९९०) एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी है जो कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट तथा हिमाचल प्रदेश के लिए खेलते हैं। धवन मुख्य रूप से मध्यम गति से गेंदबाजी करते है तथा बल्लेबाजी भी करते है। इन्होंने अपने एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट प्रारूप की शुरुआत १९ जनवरी २०१६ को ऑस्ट्रेलिया टीम के ख़िलाफ़ की थी। जबकि ट्वेन्टी-ट्वेन्टी में पहला मैच १८ जून २०१६ को भारत–ज़िम्बाब्वे श्रृंखला में की थी। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और ऋषि धवन · और देखें »

छपेली

छपेली, हिमाचल प्रदेश का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:लोक नृत्य श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के लोक नृत्य.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और छपेली · और देखें »

छारबा

छारबा, हिमाचल प्रदेश का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:लोक नृत्य श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के लोक नृत्य.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और छारबा · और देखें »

छितकुल

Road to Sangla Valley, Karchham, Sangla Valley, Kinnaur District, Himachal Pradesh.JPG|करछम-सांगला-छितकुल मार्ग, बस्पा नदी के किनारे Chitkul, Sangla Valley, Kinnaur District, Himachal Pradesh.JPG|छितकुल की छटा Hindustan ka Aakhri Dhaba-Chitkul, Sangla Valley, Kinnaur District, Himachal Pradesh.JPG|thumb|हिन्दुस्तान का आखरी ढाबा, छितकुल Chitkul-02, Sangla Valley, Kinnaur District, Himachal Pradesh.JPG|thumb|छितकुल-२ श्रेणी:हिमाचल प्रदेश श्रेणी:भारत के पर्यटन स्थल श्रेणी:अतुल्य भारत.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और छितकुल · और देखें »

१५वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची

१५वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची अकारादि क्रम से राज्यश: इस लेख में नीचे दी गयी है। ये सभी सांसद भारतीय संसद की १५वीं लोक सभा के लिए अप्रैल - मई, २००९ में हुए आम चुनावों में निर्वाचित हुए थे। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और १५वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची · और देखें »

१६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची

१६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची राज्यश: इस लेख में दी गयी है। ये सभी सांसद भारतीय संसद की १६वीं लोक सभा के लिए अप्रैल – मई, २०१४ में हुए आम चुनावों में निर्वाचित हुए। इन सांसदों में ५८ प्रतिशत सांसद (३१५ सांसद) ऐसे हैं जो पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुये हैं। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और १६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची · और देखें »

१९ मई

19 मई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 139वॉ (लीप वर्ष मे 140 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 226 दिन बाकी है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और १९ मई · और देखें »

२०१०

वर्ष २०१० वर्तमान वर्ष है। यह शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष २०१० को अंतराष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और २०१० · और देखें »

1 गोरखा राइफल्स

1 गुरखा राइफल्स, भारतीय सेना का एक सैन्य-दल है। यह एक गोरखा इंफेंट्री रेजिमेंट है जिसमें नेपाली मूल के गोरखा सैनिक शामिल हैं। मूल रूप से 1815 में ब्रिटिश भारतीय सेना के हिस्से के रूप में इसका गठन किया गया था, बाद में, प्रथम किंग जॉर्ज पंचम की खुद की गोरखा राइफल्स (मलऊन रेजिमेंट) के शीर्षक को अपना लिया गया। हालांकि, 1947 में, भारत की स्वतंत्रता के बाद, इसे भारतीय सेना को हस्तांतरित किया गया सेना और 1950 में जब भारत एक गणराज्य बन गया, तो इसका नाम 1 गोरखा राइफल्स (मलऊन रेजिमेंट) रखा गया। रेजिमेंट को काफी लंबा अनुभव है और आजादी से पहले कई औपनिवेशिक संघर्षों, साथ ही प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध सहित कई संघर्षों में भाग लिया है। 1947 के बाद से रेजिमेंट संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों का हिस्सा भी रही है व 1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ अभियानों में भाग भी भाग लिया है। .

नई!!: हिमाचल प्रदेश और 1 गोरखा राइफल्स · और देखें »

2008 नैना देवी भगदड़

2008 नैना देवी भगदड़ 3 अगस्त 2008 को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में स्थित नैना देवी मंदिर में हुई थी। इसमें 146 लोग मारे गए थे और लगभग 150 लोग घायल हुए थे। श्रेणी:मानव भगदड़ श्रेणी:हिमाचल प्रदेश श्रेणी:चित्र जोड़ें.

नई!!: हिमाचल प्रदेश और 2008 नैना देवी भगदड़ · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

हिमाचल

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »