9 संबंधों: दीमापुर, महाभारत (२०१३ धारावाहिक), मोरवी (मोर्वी), हिडिम्बा देवी मंदिर, हिडिंब, हिडिंबा, घटोत्कच, खाटूश्यामजी, कामकटंककटा।
दीमापुर
दीमापुर भारत के नागालैंड प्रान्त का सबसे बड़ा नगर है। मध्यकाल में यह नगर दिमासा कछारी शासकों की राजधानी थी। यह भारत का ११५वाँ सबसे बड़ा नगर है। इसका निर्देशांक 25°54′45″ उत्तर 93°44′30″ पूर्व है। इस नगर के दक्षिण और पूर्व में कोहिमा जिला है, पश्चिम में असम का कार्बी आंग्लांग (Karbi Anglong) जिला है और उत्तर तथा पश्चिम दिशा में असम का गोलाघाट जिला है। 'दिमापुर' की उत्पत्ति 'दिमस' नामक एक कछारी शब्द से हुई है जो एक नदी का नाम है। दिमापुर, नागालैण्ड का प्रवेशद्वार है और यहाँ का एकमात्र रेलवे स्टेशन तथा एकमात्र कार्यशील हवाई अड्डा है। .
नई!!: हिडिंबा और दीमापुर · और देखें »
महाभारत (२०१३ धारावाहिक)
यह लेख 2013 में शुरु हुए धारावाहिक के उपर हैं, पुराने वाले के लिए देखे महाभारत (टीवी धारावाहिक)। फ़िल्म के लिए महाभारत (२०१३ फ़िल्म)। | show_name .
नई!!: हिडिंबा और महाभारत (२०१३ धारावाहिक) · और देखें »
मोरवी (मोर्वी)
मूर कन्या मोरवी को न मारने के लिये देवी कामाख्या का श्रीकृष्ण से अनुरोध किया जाना कामकटंककटा (मोरवी), द्वापरयुग के प्रागज्योतिषपुर (वर्तमान असाम) के राजा दैत्यराज मूर की पुत्री थी, एवं यह देवी कामख्या की परम भक्त थी।..
नई!!: हिडिंबा और मोरवी (मोर्वी) · और देखें »
हिडिम्बा देवी मंदिर
300px हिडिम्बा देवी मंदिर मनाली में है। यह एक प्राचीन गुफा-मन्दिर है जो हिडिम्बी देवी को समर्पित है। .
नई!!: हिडिंबा और हिडिम्बा देवी मंदिर · और देखें »
हिडिंब
हिडिंब महाभारत काल का एक राक्षस था, जो अपनी बहन हिडिंबा के साथ वन में रहा करता था। उसकी बहन हिडिंबा काली माता की भक्त थी और उसे प्रतिदिन चढा़वे के रूप में एक मनुष्य की बलि माता को देनी होती थी। एक दिन हिडिंब बहन के लिए मानव बलि हेतु वनवासरत् पांडवों में से एक भीम को पकड़ लाया। हिडिंबा भीम को देख उस पर मोहित हो गई और भीम से बोली कि वह अपने भाई हिडिंब से उसे बचा कर कहीं दूर स्थान पर भेज देगी। जब बहुत समय होने पर भी हिडिंबा मानव बलि के लिए भीम को लेकर नहीं आई, तो हिडिंब अपनी बहन के पास पहुँचा और भीम के साथ विहार करती हिडिंबा को मारने के लिए दौडा़। इसपर भीम ने उसे ललकारा और उसका वध कर दिया। भीम और हिडिंबा के गन्धर्व विवाह से हिडिंबा को घटोत्कच नामक पुत्र प्राप्त हुआ। महाभारत युद्ध में घटोत्कच ने पांडवों की ओर से वीरतापूर्वक भाग लिया था। श्रेणी:महाभारत के पात्र.
नई!!: हिडिंबा और हिडिंब · और देखें »
हिडिंबा
महाभारत काल में जब वनवास काल में जब पांडवों का घर (लाक्षागृह) जला दिया गया तो विदुर के परामर्श पर वे वहां से भागकर एक दूसरे वन में गए, जहाँ पीली आँखों वाला हिडिंब राक्षस अपनी बहन हिंडिबा के साथ रहता था। एक दिन हिडिंब ने अपनी बहन हिंडिबा से वन में भोजन की तलाश करने के लिये भेजा परन्तु वहां हिंडिबा ने पाँचों पाण्डवों सहित उनकी माता कुन्ति को देखा। इस राक्षसी का भीम को देखते ही उससे प्रेम हो गया इस कारण इसने उन सबको नहीं मारा जो हिडिंब को बहुत बुरा लगा। फिर क्रोधित होकर हिडिंब ने पाण्डवों पर हमला किया, इस युद्ध में भीम ने इसे मार डाला और फिर वहाँ जंगल में कुंती की आज्ञा से हिंडिबा एवं भीम दोनों का विवाह हुआ। इन्हें घटोत्कच नामक पुत्र हुआ। .
नई!!: हिडिंबा और हिडिंबा · और देखें »
घटोत्कच
घटोत्कच भीम और हिडिंबा पुत्र था और बहुत बलशाली था। वह महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक था। .
नई!!: हिडिंबा और घटोत्कच · और देखें »
खाटूश्यामजी
श्री खाटू श्याम जी भारत देश के राजस्थान राज्य के सीकर जिले में एक प्रसिद्ध कस्बा है, जहाँ पर बाबा श्याम का विश्व विख्यात मंदिर है। .
नई!!: हिडिंबा और खाटूश्यामजी · और देखें »
कामकटंककटा
मूर कन्या मोरवी को न मारने के लिये देवी कामाख्या का श्री कृष्ण से अनुरोध किया जाना कामकटंककटा (मोरवी), द्वापरयुग के प्रागज्योतिषपुर (वर्तमान असाम) के राजा दैत्यराज मूर की पुत्री थी, एवं यह देवी कामख्या की परम भक्त थी।..
नई!!: हिडिंबा और कामकटंककटा · और देखें »