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हाजीपुर

सूची हाजीपुर

हाजीपुर (Hajipur) भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त के वैशाली जिला का मुख्यालय है। हाजीपुर भारत की संसदीय व्यवस्था के अन्तर्गत एक लोकसभा क्षेत्र भी है। 12 अक्टुबर 1972 को मुजफ्फरपुर से अलग होकर वैशाली के स्वतंत्र जिला बनने के बाद हाजीपुर इसका मुख्यालय बना। ऐतिहासिक महत्त्व के होने के अलावा आज यह शहर भारतीय रेल के पूर्व-मध्य रेलवे मुख्यालय है, इसकी स्थापना 8 सितम्बर 1996 को हुई थी।, राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केले, आम और लीची के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। .

41 संबंधों: चकसिकन्दर, चौदहवीं लोकसभा, नयागांव, सारण (बिहार), नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पटना, पटना के पर्यटन स्थल, पश्चिमी चंपारण, पं॰ दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन रेलवे स्टेशन, पूर्व मध्य रेलेवे, पूर्वमध्य रेलवे, पूर्वी चंपारण, बरी संगत , बिहार, बाढ प्रखण्ड (पटना), बिहार, बिहार में यातायात, बिहार का भूगोल, भरपुरा पहलेजा घाट जंक्शन रेलवे स्टेशन, भारत के शहरों की सूची, भारत के ज़िले, मटिया, महनार, महात्मा गाँधी सेतु, महेन्द्रनाथ मंदिर , सिवान , बिहार, मुजफ्फरपुर, रामविलास पासवान, राष्ट्रीय राजमार्ग १०३, राजापाकर, समस्तीपुर, सारन जिला, सोनपुर मेला, सीवान, हाजीपुर, हाजीपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, हाजीपुरा बहुविकल्पी, जन्दाहा, विराट् रामायण मंदिर, वैशाली, वैशाली जिला, गोविन्दपुर झखराहा, कविता राय, कोंकण रेलवे

चकसिकन्दर

मोटे अक्षरराष्ट्रीय राजमार्ग 103 पर स्थित यह कस्बा बिहार प्रांत के वैशाली जिले में पड़ता है। राघोपुर विधान सभा क्षेत्र के सीमा पर स्थित इस गाँव की आबादी २००१ की जनगणना के अनुसार 1902 है जिसमें 963 पुरूष और 939 स्त्रियाँ हैं। गोविन्दपुर झखराहा, दोबरकोठी, चकजैनब और श्यामपुर उर्फ मंसूरपुर इसके पड़ोसी गाँव हैं। चकसिकन्दर बाजार अपने और पास के गाँव के निवासियों का स्थानीय बाजार भी है। गाँव को विद्युतीकृत किया जा चुका है लेकिन बिजली के लिए अक्सर उपभोक्ताओं को निजी साघनों पर निर्भर होना पड़ता है। शिक्षा के लिए चकसिकन्दर में प्राथमिक, मध्य विद्यालय तथा उच्च विद्यालय के अतिरिक्त मदरसा भी है।.

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चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

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नयागांव, सारण (बिहार)

नयागांव (English: Nayagaon) सोनपुर, सारण, बिहार स्थित एक अर्द्ध शहरी क्षेत्र है। यह रसूलपुर मौजा में स्थित है। नयागांव 67 किलोमीटर लंबी हाजीपुर-छपरा फोर लेन सड़क (राष्ट्रीय राजमार्ग ३१/एनएच-31) के पास है। फोरलेन सड़क निर्माण का कार्य मधुकॉन प्रोजेक्ट इंडिया कंपनी कर रही है। निर्माण का काम वर्ष 2011 से चल रहा है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत नयागांव में विद्युत सब स्टेशन जल्द ही बनाया जायेगा। नयागांव में रसूलपुर के फोरलेन सड़क के पास विद्युत सब स्टेशन बनाये जायेगा। नयागांव में कसतूरबा गाँधी बालिका आवासीय विघालय (KGBV) और गोगल सिंह इंटर स्तरीय विद्यालय स्थित है। छपरा-हाजीपुर सडक मार्ग पर दिघवारा- सोनपुर के बीच नयागांव के समीप डुमरी बुजुर्ग गांव मे 550 वर्ष पुराना मां कालरात्रि का प्राचीनतम मंदिर है। भाद्र मास(अगस्त) के अमावस्या को विशेष पूजा होती है। सोनपुर अनुमंडल में नये आईटीआई भवन के लिए नयागांव में जमीन चिह्नित किया गया है। नयागांव बाजार में सन 1955 से ग्राम देवी मां दुर्गा का भव्य मंदिर है। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत नयागांव पंचायत में पानी टॉवर का निर्माण कराया गया। नयागांव पंचायत में निर्मित पानी टंकी की क्षमता 50 हजार गैलन है। रियल एस्‍टेट की कंपनियां जैसे RAV ग्लोबल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, टी.सी.डब्ल्यू.

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नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, भारत की स्थापना भारत सरकार द्वारा फार्मास्यूटिकल साइंस में उन्नत उच्च शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता के लिए एक समर्पित नोडल की स्थापना की वर्षों से चली आ रही मांग को पूरा करने के लिए की गई। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के तीव्र विकास के युग में औपनिवेशिक शासन ने विज्ञान में कभी अग्रदूतों की रही इस भूमि को अग्रणी शोधकर्ताओं से कुछ दशक पीछे धकेल दिया। प्रौद्योगिकी/अभियांत्रिकी में इसी तरह की पहल (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी), मेडिसीन (एआईआईएमएस) और मैनेजमेंट (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेनेजमेंट), की तर्ज पर नीति निर्माताओं ने फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में एक धीमी शुरूआत की। .

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पटना

पटना (पटनम्) या पाटलिपुत्र भारत के बिहार राज्य की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है। पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्राचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। अपने आप में इस शहर का ऐतिहासिक महत्व है। ईसा पूर्व मेगास्थनीज(350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों के हिसाब से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि॰मी॰) लम्बा तथा 1.75 मील (2.8 कि॰मी॰) चौड़ा था। पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है। जहां पर गंगा घाघरा, सोन और गंडक जैसी सहायक नदियों से मिलती है। सोलह लाख (2011 की जनगणना के अनुसार 1,683,200) से भी अधिक आबादी वाला यह शहर, लगभग 15 कि॰मी॰ लम्बा और 7 कि॰मी॰ चौड़ा है। प्राचीन बौद्ध और जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर या राजगृह, नालन्दा, बोधगया और पावापुरी पटना शहर के आस पास ही अवस्थित हैं। पटना सिक्खों के लिये एक अत्यंत ही पवित्र स्थल है। सिक्खों के १०वें तथा अंतिम गुरु गुरू गोबिंद सिंह का जन्म पटना में हीं हुआ था। प्रति वर्ष देश-विदेश से लाखों सिक्ख श्रद्धालु पटना में हरमंदिर साहब के दर्शन करने आते हैं तथा मत्था टेकते हैं। पटना एवं इसके आसपास के प्राचीन भग्नावशेष/खंडहर नगर के ऐतिहासिक गौरव के मौन गवाह हैं तथा नगर की प्राचीन गरिमा को आज भी प्रदर्शित करते हैं। एतिहासिक और प्रशासनिक महत्व के अतिरिक्त, पटना शिक्षा और चिकित्सा का भी एक प्रमुख केंद्र है। दीवालों से घिरा नगर का पुराना क्षेत्र, जिसे पटना सिटी के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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पटना के पर्यटन स्थल

वर्तमान बिहार राज्य की राजधानी पटना को ३००० वर्ष से लेकर अबतक भारत का गौरवशाली शहर होने का दर्जा प्राप्त है। यह प्राचीन नगर पवित्र गंगानदी के किनारे सोन और गंडक के संगम पर लंबी पट्टी के रूप में बसा हुआ है। इस शहर को ऐतिहासिक इमारतों के लिए भी जाना जाता है। पटना का इतिहास पाटलीपुत्र के नाम से छठी सदी ईसापूर्व में शुरू होता है। तीसरी सदी ईसापूर्व में पटना शक्तिशाली मगध राज्य की राजधानी बना। अजातशत्रु, चन्द्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त द्वितीय, समुद्रगुप्त यहाँ के महान शासक हुए। सम्राट अशोक के शासनकाल को भारत के इतिहास में अद्वितीय स्‍थान प्राप्‍त है। पटना एक ओर जहाँ शक्तिशाली राजवंशों के लिए जाना जाता है, वहीं दूसरी ओर ज्ञान और अध्‍यात्‍म के कारण भी यह काफी लोकप्रिय रहा है। यह शहर कई प्रबुद्ध यात्रियों जैसे मेगास्थनिज, फाह्यान, ह्वेनसांग के आगमन का भी साक्षी है। महानतम कूटनीतिज्ञ कौटिल्‍यने अर्थशास्‍त्र तथा विष्णुशर्मा ने पंचतंत्र की यहीं पर रचना की थी। वाणिज्यिक रूप से भी यह मौर्य-गुप्तकाल, मुगलों तथा अंग्रेजों के समय बिहार का एक प्रमुख शहर रहा है। बंगाल विभाजन के बाद 1912 में पटना संयुक्त बिहार-उड़ीसा तथा आजादी मिलने के बाद बिहार राज्‍य की राजधानी बना। शहर का बसाव को ऐतिहासिक क्रम के अनुसार तीन खंडों में बाँटा जा सकता है- मध्य-पूर्व भाग में कुम्रहार के आसपास मौर्य-गुप्त सम्राटाँ का महल, पूर्वी भाग में पटना सिटी के आसपास शेरशाह तथा मुगलों के काल का नगरक्षेत्र तथा बाँकीपुर और उसके पश्चिम में ब्रतानी हुकूमत के दौरान बसायी गयी नई राजधानी। पटना का भारतीय पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्‍थान है। महात्‍मा गाँधी सेतु पटना को उत्तर बिहार तथा नेपाल के अन्‍य पर्यटन स्‍थल को सड़क माध्‍यम से जोड़ता है। पटना से चूँकि वैशाली, राजगीर, नालंदा, बोधगया, पावापुरी और वाराणसी के लिए मार्ग जाता है, इसलिए यह शहर हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मावलंबियों के लिए पर्यटन गेटवे' के रूप में भी जाना जाता है। ईसाई धर्मावलंबियों के लिए भी पटना अतिमहत्वपूर्ण है। पटना सिटी में हरमंदिर, पादरी की हवेली, शेरशाह की मस्जिद, जलान म्यूजियम, अगमकुँआ, पटनदेवी; मध्यभाग में कुम्‍हरार परिसर, पत्थर की मस्जिद, गोलघर, पटना संग्रहालय तथा पश्चिमी भाग में जैविक उद्यान, सदाकत आश्रम आदि यहां के प्रमुख दर्शनीय स्‍थल हैं। मुख्य पर्यटन स्थलों इस प्रकार हैं: .

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पश्चिमी चंपारण

चंपारण बिहार के तिरहुत प्रमंडल के अंतर्गत भोजपुरी भाषी जिला है। हिमालय के तराई प्रदेश में बसा यह ऐतिहासिक जिला जल एवं वनसंपदा से पूर्ण है। चंपारण का नाम चंपा + अरण्य से बना है जिसका अर्थ होता है- चम्‍पा के पेड़ों से आच्‍छादित जंगल। बेतिया जिले का मुख्यालय शहर हैं। बिहार का यह जिला अपनी भौगोलिक विशेषताओं और इतिहास के लिए विशिष्ट स्थान रखता है। महात्मा गाँधी ने यहीं से अंग्रेजों के खिलाफ नील आंदोलन से सत्याग्रह की मशाल जलायी थी। .

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पं॰ दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन रेलवे स्टेशन

पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन रेलवे स्टेशन (पहले मुग़ल सराय जंक्शन) उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यह वाराणसी से लगभग ४ मील की दूरी पर स्थित है। मुगलसराय स्टेशन का निर्माण १८६२ में उस समय हुआ था, जब ईस्ट इंडिया कंपनी हावड़ा और दिल्ली को रेल मार्ग से जोड़ रही थी। यह पूर्वमध्य रेलवे, जिसका मुख्यालय हाजीपुर है, के सबसे व्यस्त एवं प्रमुख स्टेशनों में से गिना जाता है भारत रेलवे की बड़ी लाइन के लिये यह एक विशाल रेलवे स्टेशन है। एशिया के सबसे बड़े रेलवे मार्शलिंग यार्ड और भारतीय रेलवे का 'क्लास-ए' जंक्शन, मुग़लसराय में है। .

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पूर्व मध्य रेलेवे

पूर्व मध्य रेलेवे भारतीय रेल की एक इकाई है। इसे लघुरूप में ECR कहा जाता है। पूर्व मध्य रेलेवे भारतीय रेल की एक इकाई है। इसे लघुरूप में ECR कहा जाता है। इसकी स्थापना 1 अप्रैल 2003 में हुई थी। इसका मुख्यालय हाजीपुर में स्थित है। .

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पूर्वमध्य रेलवे

पूर्व मध्य रेलेवे भारतीय रेल की एक इकाई है। इसे लघुरूप में ECR कहा जाता है। इसकी स्थापना 1 अप्रैल 2003 में हुई थी। इसका मुख्यालय हाजीपुर में स्थित है। .

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पूर्वी चंपारण

पूर्वी चंपारण बिहार के तिरहुत प्रमंडल का एक जिला है। चंपारण को विभाजित कर 1971 में बनाए गए पूर्वी चंपारण का मुख्यालय मोतिहारी है। चंपारण का नाम चंपा + अरण्य से बना है जिसका अर्थ होता है- चम्‍पा के पेड़ों से आच्‍छादित जंगल। पूर्वी चम्‍पारण के उत्‍तर में एक ओर जहाँ नेपाल तथा दक्षिण में मुजफ्फरपुर स्थित है, वहीं दूसरी ओर इसके पूर्व में शिवहर और सीतामढ़ी तथा पश्चिम में पश्चिमी चम्‍पारण जिला है। .

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बरी संगत , बिहार

बरी संगत, भारतीय राज्य बिहार के हाजीपुर सहर का एक प्राचीन मंदिर। कहा जाता है यह आस्थान प्राची भारतीय सभ्यता के काल मे बनाया गया था।   कई हिन्दू संत इसी पाखंडी जगह पर एकजुट होते थे, धार्मिक आलोचना करते थे और उपासना भी करते थे। इसीलिए इसे " बरी संगत " का नाम दिया गया था।   .

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बाढ प्रखण्ड (पटना)

बाढ पटना, बिहार का एक प्रखण्ड है। .

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बिहार

बिहार भारत का एक राज्य है। बिहार की राजधानी पटना है। बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड स्थित है। बिहार नाम का प्रादुर्भाव बौद्ध सन्यासियों के ठहरने के स्थान विहार शब्द से हुआ, जिसे विहार के स्थान पर इसके अपभ्रंश रूप बिहार से संबोधित किया जाता है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। प्राचीन काल के विशाल साम्राज्यों का गढ़ रहा यह प्रदेश, वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था के सबसे पिछड़े योगदाताओं में से एक बनकर रह गया है। .

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बिहार में यातायात

यह लेख बिहार राज्य की सार्वजनिक और निजी परिवहन प्रणाली के बारे में है। .

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बिहार का भूगोल

बिहार 21°58'10" ~ 27°31'15" उत्तरी अक्षांश तथा 82°19'50" ~ 88°17'40" पूर्वी देशांतर के बीच स्थित भारतीय राज्य है। मुख्यतः यह एक हिंदी भाषी राज्य है लेकिन उर्दू, मैथिली, भोजपुरी, मगही, बज्जिका, अंगिका तथा एवं संथाली भी बोली जाती है। राज्य का कुल क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है जिसमें 92,257.51 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण क्षेत्र है। 2001 की जनगणना के अनुसार बिहार राज्य की जनसंख्या 8,28,78,796 है जिनमें ६ वर्ष से कम आयु का प्रतिशत 19.59% है। 2002 में झारखंड के अलग हो जाने के बाद बिहार का भूभाग मुख्यतः नदियों के बाढमैदान एवं कृषियोग्य समतल भूमि है। गंगा तथा इसकी सहायक नदियों द्वारा लायी गयी मिट्टियों से बिहार का जलोढ मैदान बना है जिसकी औसत ऊँचाई १७३ फीट है। बिहार का उपग्रह द्वारा लिया गया चित्र .

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भरपुरा पहलेजा घाट जंक्शन रेलवे स्टेशन

भरपुरा पहलेजा घाट जंक्शन रेलवे स्टेशन, स्टेशन कोड PHLJ, भारतीय राज्य बिहार के सारण जिले में स्थित एक रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे के उत्तर पूर्वी संभाग में पड़ता हैं एवं सोनपुर शहर एवं पटना के आस पास रहने वाले लोग इस स्टेशन का ज्यादातर प्रयोग करते है। यह शहर घाघरा और गंगा नदी के पास स्थित है। .

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भारत के शहरों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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भारत के ज़िले

तालुकों में बंटे हैं ज़िला भारतीय राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश का प्रशासनिक हिस्सा होता है। जिले फिर उप-भागों में या सीधे तालुकों में बंटे होते हैं। जिले के अधिकारियों की गिनती में निम्न आते हैं.

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मटिया

मटिया (Matiya) एक गांव है, जो कि भारत के बिहार राज्य के वैशाली जिले में स्थित है। यह बिहार के चार जिले से घिरा हुआ है, इसके पूर्व में समस्तीपुर, पश्चिम में सारण, उत्तर में मुजफ्फरपुर और दक्षिण में पटना है। इसके निकटतम शहर हाजीपुर यहां से लगभग 23 किमी (ट्रेन के माध्यम से) और 31 किमी (सड़क के माध्यम से) दूर है। यहां से निकटतम रेलवे स्टेशन पश्चिम में देसरी (लगभग 2 किमी) और पूर्व में सहदेई बुजुर्ग (लगभग 3 किमी) दूर है। .

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महनार

बिहार के वैशाली जिला के अंतर्गत महनार एक अनुमंडल तथा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र है। यह शहरी बसाव जिला मुख्यालय हाजीपुर से लगभग ३० किलोमीटर पूर्व में स्थित है। http://mahnarwap.tk.

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महात्मा गाँधी सेतु

महात्मा गाँधी सेतु। महात्मा गांधी सेतु पटना से हाजीपुर को जोड़ने को लिये गंगा नदी पर उत्तर-दक्षिण की दिशा में बना एक पुल है। यह दुनिया का सबसे लम्बा, एक ही नदी पर बना सड़क पुल है। इसकी लम्बाई 5,750 मीटर है। भारत की प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने इसका उद्घाटन मई 1982 में किया था। इसका निर्माण गैमोन इंडिया लिमिटेड ने किया था। वर्तमान में यह राष्ट्रीय राजमार्ग 19 का हिस्सा है। .

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महेन्द्रनाथ मंदिर , सिवान , बिहार

बिहार राज्य के सीवान जिला से लगभग 35 किमी दूर सिसवन प्रखण्ड के अतिप्रसिद्ध मेंहदार गांव में स्थित भगवान शिव के प्राचीन महेंद्रनाथ मन्दिर का निर्माण नेपाल नरेश महेंद्रवीर विक्रम सहदेव सत्रहवीं शताब्दी में करवाया था और इसका नाम महेंद्रनाथ रखा था। ऐसी मान्यता है कि मेंहदार के शिवलिंग पर जलाभिषेक करने पर नि:संतानों को संतान व चर्म रोगियों को चर्म रोग रोग से निजात मिल जाती है । .

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मुजफ्फरपुर

मुज़फ्फरपुर उत्तरी बिहार राज्य के तिरहुत प्रमंडल का मुख्यालय तथा मुज़फ्फरपुर ज़िले का प्रमुख शहर एवं मुख्यालय है। अपने सूती वस्त्र उद्योग, लोहे की चूड़ियों, शहद तथा आम और लीची जैसे फलों के उम्दा उत्पादन के लिये यह जिला पूरे विश्व में जाना जाता है, खासकर यहाँ की शाही लीची का कोई जोड़ नहीं है। यहाँ तक कि भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी यहाँ से लीची भेजी जाती है। 2017 मे मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी के लिये चयनित हुआ है। अपने उर्वरक भूमि और स्वादिष्ट फलों के स्वाद के लिये मुजफ्फरपुर देश विदेश मे "स्वीटसिटी" के नाम से जाना जाता है। मुजफ्फरपुर थर्मल पावर प्लांट देशभर के सबसे महत्वपूर्ण बिजली उत्पादन केंद्रो मे से एक है। .

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रामविलास पासवान

रामविलास पासवान वर्तमान भारतीय दलित राजनीति के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। वे लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी हैं। वे सोलहवीं लोकसभा में बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। .

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राष्ट्रीय राजमार्ग १०३

लगभग ५५ किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग सं॰ १०३ बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग ७७ को राष्ट्रीय राजमार्ग २८ को जोड़ता है।वैशाली जिला के मुख्यालय हाजीपुर से शुरु होकर यह राष्ट्रीय राजमार्ग चकसिकन्दर एवं जन्दाहा होते हुए समस्तीपुर जिला में मुसरीघरारी तक जाता है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राजापाकर

भारत में बिहार राज्य के वैशाली जिला अन्तर्गत राजापाकर एक प्रखंड एवं थाना है। जिला मुख्यालय हाजीपुर से २२ किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में स्थित इस कस्बा की आबादी लगभग २५००० है। शिक्षा के लिए यहाँ इन्टर स्तरीय महाविद्यालय, उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय एवं कई प्राथमिक विद्यालय है। .

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समस्तीपुर

समस्तीपुर भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त में दरभंगा प्रमंडल स्थित एक शहर एवं जिला है। समस्तीपुर के उत्तर में दरभंगा, दक्षिण में गंगा नदी और पटना जिला, पश्चिम में मुजफ्फरपुर एवं वैशाली, तथा पूर्व में बेगूसराय एवं खगड़िया जिले है। यहाँ शिक्षा का माध्यम हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी है लेकिन बोल-चाल में बज्जिका और मैथिली बोली जाती है। मिथिला क्षेत्र के परिधि पर स्थित यह जिला उपजाऊ कृषि प्रदेश है। समस्तीपुर पूर्व मध्य रेलवे का मंडल भी है। समस्तीपुर को मिथिला का प्रवेशद्वार भी कहा जाता है। .

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सारन जिला

सारण भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त में स्थित एक प्रमंडल (कमिशनरी) एवं जिला है। यहाँ का प्रशासनिक मुख्यालय छपरा है। गंगा, गंडक एवं घाघरा नदी से घिरा यह जिला भारत में मानव बसाव के सार्वाधिक प्राचीन केंद्रों में एक है। संपूर्ण जिला एक समतल एवं उपजाऊ प्रदेश है। भोजपुरी भाषी क्षेत्र की पूर्वी सीमा पर स्थित यह जिला सोनपुर मेला, चिरांद पुरातत्व स्थल एवं राजनीतिक चेतना के लिए प्रसिद्ध है। .

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सोनपुर मेला

सोनपुर मेला बिहार के सोनपुर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा (नवंबर-दिसंबर) में लगता हैं। यह एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला हैं। मेले को 'हरिहर क्षेत्र मेला' के नाम से भी जाना जाता है जबकि स्थानीय लोग इसे छत्तर मेला पुकारते हैं। बिहार की राजधानी पटना से लगभग 25 किमी तथा वैशाली जिले के मुख्यालय हाजीपुर से ३ किलोमीटर दूर सोनपुर में गंडक के तट पर लगने वाले इस मेले ने देश में पशु मेलों को एक अलग पहचान दी है। इस महीने के बाकी मेलों के उलट यह मेला कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के बाद शुरू होता है। एक समय इस पशु मेले में मध्य एशिया से कारोबारी आया करते थे। अब भी यह एशिया का सबसे बडा पशु मेला माना जाता है। सोनपुर पशु मेला में आज भी नौटंकी और नाच देखने के लिए भीड़ उमड़ती है। एक जमाने में यह मेला जंगी हाथियों का सबसे बड़ा केंद्र था। मौर्य वंश के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य (340 ई॰पु॰ -298 ई॰पु), मुगल सम्राट अकबर और 1857 के गदर के नायक वीर कुँवर सिंह ने भी से यहां हाथियों की खरीद की थी। सन् 1803 में रॉबर्ट क्लाइव ने सोनपुर में घोड़े के बड़ा अस्तबल भी बनवाया था। एक दौर में सोनपुर मेले में नौटंकी की मल्लिका गुलाब बाई का जलवा होता था। सोनपुर मेला में भू-राजस्व विभाग का स्टॉल से बिहार के सभी राजस्व ग्रामों का डिजिटल मानचित्र 150 रूपये मात्र सरकारी शुल्क के द्वारा कोई भी नागरिक तीन मिनट के अन्दर प्राप्त कर सकते हैं। यह कार्य राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र पटना के तकनीकी सहयोग के द्वारा किया गया है। समय के बदलते प्रभाव के असर से हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला, पशु बाजारों से हटकर अब आटो एक्स्पो मेले का रूप लेता जा रहा है। पिछले कई वर्षों से इस मेले में कई कंपनियों के शोरूम तथा बिक्री केंद्र यहां खुल रहे हैं। मेले में रेल ग्राम प्रदर्शनी लगी। रेलग्राम में टॉय ट्रेन चलाई जा रही। सोनपुर मेले के प्रति विदेशी पर्यटकों में भी खास आकर्षण देखा जाता है। जर्मनी, अमेरिका, फ्रांस एवं अन्य विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए स्विस कॉटेजों का निर्माण किया जाता है। पर्यटकों को पटना एयरपोर्ट से सोनपुर मेला आने व जाने के लिए प्रीपेड टैक्सी भी उपलब्ध कराई जायेगी। मेलों से जुडे तमाम आयोजन तो यहां होते ही हैं। यहां हाथियों व घोडों की खरीद हमेशा से सुर्खियों में रहती है। पहले यह मेला हाजीपुर में होता था। सिर्फ हरिहर नाथ की पूजा सोनपुर में होती थी लेकिन बाद में मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश से मेला भी सोनपुर में ही लगने लगा। 2001 में, सोनपुर मेला में लाया गया हाथियों की संख्या 92 थी, जबकि 2016 में 13 हाथियों ने इसे मेले में बनाया, केवल प्रदर्शन के लिए, बिक्री के लिए नहीं। 2017 में, मेले में 3 टस्कर था। हरिहर क्षेत्र 2017 सोनपुर मेला 32 दिनों का होगा। सोनपुर मेले का उदघाटन इस बार 2 नवंबर को तथा समापन 3 दिसंबर को किया जाएगा। मेला में नौका दौड़, दंगल, वाटर सर्फिंग, वाटर के¨नग सहित विभिन्न प्रकार के खेल व प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। .

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सीवान

सीवान या सिवान भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त में सारन प्रमंडल के अंतर्गत एक जिला तथा शहर है। यह बिहार के उत्तर पश्चिमी छोर पर उत्तर प्रदेश का सीमावर्ती जिला है। जिला मुख्यालय सिवान शहर दाहा नदी के किनारे बसा है। इसके उत्तर तथा पूर्व में क्रमश: बिहार का गोपालगंज तथा सारण जिला तथा दक्षिण एवं पश्चिम में क्रमश: उत्तर प्रदेश का देवरिया और बलिया जिला है। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा॰ राजेन्द्र प्रसाद तथा कई अग्रणी स्वतंत्रता सेनानियों की जन्मभूमि एवं कर्मस्थली के लिए सिवान को जाना जाता है। .

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हाजीपुर

हाजीपुर (Hajipur) भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त के वैशाली जिला का मुख्यालय है। हाजीपुर भारत की संसदीय व्यवस्था के अन्तर्गत एक लोकसभा क्षेत्र भी है। 12 अक्टुबर 1972 को मुजफ्फरपुर से अलग होकर वैशाली के स्वतंत्र जिला बनने के बाद हाजीपुर इसका मुख्यालय बना। ऐतिहासिक महत्त्व के होने के अलावा आज यह शहर भारतीय रेल के पूर्व-मध्य रेलवे मुख्यालय है, इसकी स्थापना 8 सितम्बर 1996 को हुई थी।, राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केले, आम और लीची के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। .

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हाजीपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

हाजीपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के बिहार राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। बिहार के वैशाली जिला में स्थित यह एक सुरक्षित चुनावक्षेत्र है। इसके अन्तर्गत हाजीपुर, महुआ, राजापाकर, जन्दाहा, महनार पातेपुर तथा राघोपुर विधान सभा क्षेत्र आते हैं। वर्तमान में लोक जनशक्ति पार्टी के श्री राम विलास पासवान यहां से संसद सदस्य है। जो चार बार सांसद रह चुके हैं। .

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हाजीपुरा बहुविकल्पी

* हाजीपुरा.

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जन्दाहा

हज़रत जन्दाहा या जन्दाहा बिहार में वैशाली जिला के अन्तर्गत एक प्रखंड एवं छोटा शहर है। जिला मुख्यालय हाजीपुर से ३२ किलोमीटर पूरब राष्ट्रीय राजमार्ग १०३ के किनारे यह कस्बा स्थित है। जन्दाहा में सूफी संत दिवान अली शाह की मजार है। यहाँ होकर बहने वाली बाया नदी तथा शहर के नाम के पीछे सूफी संत द्वारा किए गए चमत्कार की कहानी जुड़ी है। मध्यकाल (१४वीं सदी) में हाजीपुर के एक प्रसिद्ध सूफी मकदूम शाह अब्दुल फतेह जन्दाहा के सूफी दिवान अली शाह के चाचा थे। आमतौर से जन्दाहा कहा जाने वाला यह शहर आसपास के लोगों के लिए महत्वपूर्ण व्यवसायिक केंद्र है। यहाँ प्रखंड एवं अंचल कार्यालय, पुलिस थाना एवं पुलिस अनुमंडल कार्यालय है।.

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विराट् रामायण मंदिर

विराट् रामायण मंदिर, बिहार के पूर्वी चम्पारण के चकिया - केसरिया नगर के निकट जानकीपुर में बन रहा एक आगामी मंदिर है जिसे पटना की महावीर स्थल न्यास समिति (महावीर मंदिर न्यास) नामक संस्था द्वारा बनाया जा रहा है। कम्पूचिया के अंकोरवाट की रचना की तर्ज पर आधारित इस मंदिर को अंकोरवाट की दुगनी ऊंचाई एवं आकार का बनाए जाने की योजना है। इस मंदिर-समूह में कुल १८ देवताओं के मंदिर होंगे जिनमें मुख्य आराध्य भगवान राम होंगे। आकार में इस मंदिर का प्रमुख शिखर अंकोरवाट (जो २१५ फ़ुट ऊंचा है) से करीब दुगना, ४०५ फ़ुट ऊंचा होगा। साथ ही, यह २०० एकड़ के क्षेत्र पर फैला होगा। इस आकार के साथ, पूर्ण होने पर यह विश्व की सबसे बड़ा धार्मिक संरचना होगी। इस निर्माणकार्य की कुल लागत ₹५०० करोड़ होगी। .

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वैशाली

वैशाली बिहार प्रान्त के वैशाली जिला में स्थित एक गाँव है। ऐतिहासिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध यह गाँव मुजफ्फरपुर से अलग होकर १२ अक्टुबर १९७२ को वैशाली के जिला बनने पर इसका मुख्यालय हाजीपुर बनाया गया। वज्जिका यहाँ की मुख्य भाषा है। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार वैशाली में ही विश्व का सबसे पहला गणतंत्र यानि "रिपब्लिक" कायम किया गया था। भगवान महावीर की जन्म स्थली होने के कारण जैन धर्म के मतावलम्बियों के लिए वैशाली एक पवित्र स्थल है। भगवान बुद्ध का इस धरती पर तीन बार आगमन हुआ, यह उनकी कर्म भूमि भी थी। महात्मा बुद्ध के समय सोलह महाजनपदों में वैशाली का स्थान मगध के समान महत्त्वपूर्ण था। अतिमहत्त्वपूर्ण बौद्ध एवं जैन स्थल होने के अलावा यह जगह पौराणिक हिन्दू तीर्थ एवं पाटलीपुत्र जैसे ऐतिहासिक स्थल के निकट है। मशहूर राजनर्तकी और नगरवधू आम्रपाली भी यहीं की थी| आज वैशाली पर्यटकों के लिए भी बहुत ही लोकप्रिय स्थान है। वैशाली में आज दूसरे देशों के कई मंदिर भी बने हुए हैं। .

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वैशाली जिला

वैशाली (Vaishali) बिहार प्रान्त के तिरहुत प्रमंडल का एक जिला है। मुजफ्फरपुर से अलग होकर १२ अक्टुबर १९७२ को वैशाली एक अलग जिला बना। वैशाली जिले का मुख्यालय हाजीपुर में है। बज्जिका तथा हिन्दी यहाँ की मुख्य भाषा है। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार वैशाली में ही विश्व का सबसे पहला गणतंत्र यानि "रिपब्लिक" कायम किया गया था। वैशाली जिला भगवान महावीर की जन्म स्थली होने के कारण जैन धर्म के मतावलम्बियों के लिए एक पवित्र नगरी है। भगवान बुद्ध का इस धरती पर तीन बार आगमन हुआ। भगवान बुद्ध के समय सोलह महाजनपदों में वैशाली का स्थान मगध के समान महत्त्वपूर्ण था। ऐतिहासिक महत्त्व के होने के अलावे आज यह जिला राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केले, आम और लीची के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। .

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गोविन्दपुर झखराहा

गोविन्दपुर झखराहा भारत में बिहार राज्य के ऐतिहासिक वैशाली जिलान्तर्गत एक छोटा गाँव है। निकटस्थ शहर एवं जिला मुख्यालय हाजीपुर से यह गाँव १३ किलोमीटर पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवस्थित है। सघन आबादी वाले इस कृषिप्रधान गाँव में बज्जिका बोली जाती है लेकिन शिक्षा का माध्यम हिंदी और उर्दू है। लगभग १ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वाले इस छोटे से गाँव की वर्तमान जनसंख्या लगभग 1800 है। .

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कविता राय

कविता राय (Kavita Roy) (जन्म;१० अप्रैल १९८०, हाजीपुर) एक पूर्व भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी है। ये भारतीय टीम के लिए एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेला करती थी और ये गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों किया करती थी। .

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कोंकण रेलवे

कोंकण रेलवे भारतीय रेलवे की एक आनुषांगिक कंपनी है जो कोंकण के तटीय क्षेत्रों के लिए रेलों का परिचालन करती है। इसकी स्थापना 26 जनवरी 1998 में हुई थी। इसका मुख्यालय मुम्बई में स्थित है। .

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