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हल्दिया

सूची हल्दिया

हल्दिया, पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिला में स्थित एक औद्योगिक शहर है। यह भारत के पूर्वी समुद्रतट का एक प्रमुख बंदरगाह और औद्योगिक केन्द्र है, जो कलकत्ता से लगभग 125 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम की ओर, हुगली नदी के मुहाने के पास स्थित है। हल्दिया नगर की सीमा हल्दी नदी से सटी है, जो गंगा नदी की एक शाखा है। हल्दिया शहर कई पेट्रोकेमिकल व्यवसायों का केंद्र है, और इसे कोलकाता और इसके अंतर्देशीय क्षेत्र के लिए एक प्रमुख व्यापारी बंदरगाह के रूप में कार्य करने के लिए विकसित किया जा रहा है। .

14 संबंधों: दुरन्त एक्सप्रेस, नंदीग्राम, पटना, बिहार में यातायात, बिहार का भूगोल, भारत में स्मार्ट नगर, भारत के तेल शोधनागारों की सूची, भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार, राष्ट्रीय जलमार्ग 1, सेतुसमुद्रम जहाजरानी नहर परियोजना, वैशाली जिला, कोलकाता, कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट, कोलकाता में यातायात

दुरन्त एक्सप्रेस

दुरन्त एक्सप्रेस (बांग्ला: দুরন্ত "तुरंत"), भारतीय रेल की लंबी दूरी की गाड़ियों का एक वर्ग है। इन गाड़ियों की विशेषता यह है कि, तकनीकी विरामों को छोड़कर यह स्रोत से गंतव्य तक का सफर बिना रुके (अविराम) तय करती हैं। सभी दुरन्त एक्सप्रेस गाड़ियों को आसानी से उनके विशेष पीले हरे रंग के यात्री डिब्बों (परिच्छद) द्वारा पहचाना जा सकता है। कई दुरन्त एक्सप्रेस सेवायें भारत के महानगरों और प्रमुख राज्यों की राजधानियों के बीच संचालित होती। अधिकतर समय, किन्हीं दो शहरो के बीच दुरन्त एक्सप्रेस गाड़ियां सबसे तेज परिवहन उपलब्ध कराती हैं, हालांकि यह जरूरी नहीं कि यह तथ्य सभी सेवाओं के लिए सच हो। .

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नंदीग्राम

नंदीग्राम भारत के पश्चिमी बंगाल राज्य के पूर्बा मेदिनीपुर ज़िले का एक ग्रामीण क्षेत्र है। यह क्षेत्र, कोलकाता से दक्षिण-पश्चिम दिशा में 70 कि॰मी॰ दूर, औद्योगिक शहर हल्दिया के सामने और हल्दी नदी के दक्षिण किनारे पर स्थित है। यह क्षेत्र हल्दिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के तहत आता है। 2007 में, पश्चिम बंगाल की सरकार ने सलीम ग्रूप को 'स्पेशल इकनॉमिक ज़ोन' नीति के तहत, नंदीग्राम में एक 'रसायन केन्द्र' (केमिकल हब) की स्थापना करने की अनुमति प्रदान करने का फ़ैसला किया। ग्रामीणों ने इस फ़ैसले का प्रतिरोध किया जिसके परिणामस्वरूप पुलिस के साथ उनकी मुठभेड़ हुई जिसमें 14 ग्रामीण मारे गए और पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगा। ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की सुश्री फिरोज़ा बीबी, नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र से, 5 जनवरी 2009 को हुए उप-चुनाव में, विधान सभा की नवनिर्वाचित सदस्या चुनी गईं.

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पटना

पटना (पटनम्) या पाटलिपुत्र भारत के बिहार राज्य की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है। पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्राचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। अपने आप में इस शहर का ऐतिहासिक महत्व है। ईसा पूर्व मेगास्थनीज(350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों के हिसाब से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि॰मी॰) लम्बा तथा 1.75 मील (2.8 कि॰मी॰) चौड़ा था। पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है। जहां पर गंगा घाघरा, सोन और गंडक जैसी सहायक नदियों से मिलती है। सोलह लाख (2011 की जनगणना के अनुसार 1,683,200) से भी अधिक आबादी वाला यह शहर, लगभग 15 कि॰मी॰ लम्बा और 7 कि॰मी॰ चौड़ा है। प्राचीन बौद्ध और जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर या राजगृह, नालन्दा, बोधगया और पावापुरी पटना शहर के आस पास ही अवस्थित हैं। पटना सिक्खों के लिये एक अत्यंत ही पवित्र स्थल है। सिक्खों के १०वें तथा अंतिम गुरु गुरू गोबिंद सिंह का जन्म पटना में हीं हुआ था। प्रति वर्ष देश-विदेश से लाखों सिक्ख श्रद्धालु पटना में हरमंदिर साहब के दर्शन करने आते हैं तथा मत्था टेकते हैं। पटना एवं इसके आसपास के प्राचीन भग्नावशेष/खंडहर नगर के ऐतिहासिक गौरव के मौन गवाह हैं तथा नगर की प्राचीन गरिमा को आज भी प्रदर्शित करते हैं। एतिहासिक और प्रशासनिक महत्व के अतिरिक्त, पटना शिक्षा और चिकित्सा का भी एक प्रमुख केंद्र है। दीवालों से घिरा नगर का पुराना क्षेत्र, जिसे पटना सिटी के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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बिहार में यातायात

यह लेख बिहार राज्य की सार्वजनिक और निजी परिवहन प्रणाली के बारे में है। .

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बिहार का भूगोल

बिहार 21°58'10" ~ 27°31'15" उत्तरी अक्षांश तथा 82°19'50" ~ 88°17'40" पूर्वी देशांतर के बीच स्थित भारतीय राज्य है। मुख्यतः यह एक हिंदी भाषी राज्य है लेकिन उर्दू, मैथिली, भोजपुरी, मगही, बज्जिका, अंगिका तथा एवं संथाली भी बोली जाती है। राज्य का कुल क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है जिसमें 92,257.51 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण क्षेत्र है। 2001 की जनगणना के अनुसार बिहार राज्य की जनसंख्या 8,28,78,796 है जिनमें ६ वर्ष से कम आयु का प्रतिशत 19.59% है। 2002 में झारखंड के अलग हो जाने के बाद बिहार का भूभाग मुख्यतः नदियों के बाढमैदान एवं कृषियोग्य समतल भूमि है। गंगा तथा इसकी सहायक नदियों द्वारा लायी गयी मिट्टियों से बिहार का जलोढ मैदान बना है जिसकी औसत ऊँचाई १७३ फीट है। बिहार का उपग्रह द्वारा लिया गया चित्र .

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भारत में स्मार्ट नगर

भारत में स्मार्ट नगर की कल्पना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की है जिन्होंने देश के १०० नगरों को स्मार्ट नगरों के रूप में विकसित करने का संकल्प किया है। सरकार ने २७ अगस्त २०१५ को ९८ प्रस्तावित स्मार्ट नगरों की सूची जारी कर दी। .

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भारत के तेल शोधनागारों की सूची

भारत में कुल मिलाकर २३ तेल शोधनागार है। दिसंबर २०१७ के अनुसार इन सब की मिलाकर कुल क्षमता २४७.६ एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) है। .

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भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (संख्या के क्रम में) भारत के राजमार्गो की एक सूची है। .

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राष्ट्रीय जलमार्ग 1

गंगा नदी से गुजरनेवाले 1680 किलोमीटर लंबे इलाहाबाद-हल्दिया जलमार्ग को भारत में राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-१ का दर्जा दिया गया है। गंगा नदी का प्रयोग नागरिक यातायात तथा भारवहन के लिए के लिए काफी समय से किया जाता रहा है। इस जलमार्ग पर स्थित प्रमुख शहर इलाहाबाद, वाराणसी, मुगलसराय, बक्सर, आरा, पटना, मोकामा, बाढ, मुंगेर, भागलपुर, फरक्का, कोलकाता तथा हल्दिया है। देश में जल परिवहन को बढावा देने के लिए स्थापित एकमात्र राष्ट्रीय अंतर्देशीय नौकायन संस्थान इस जलमार्ग पर बसे पटना के गायघाट में स्थित है।.

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सेतुसमुद्रम जहाजरानी नहर परियोजना

सेतुसमुद्रम जहाजरानी नहर परियोजना भारत एवं श्रीलंका के मध्य पाक जलडमरूमध्य और मन्नार की खाड़ी को जोड़ने का प्रस्ताव है। इसके द्वारा सेतुसमुद्रम क्षेत्र के छिछले सागर में एक जहाजरानी उपयुक्त नहर बनाकर भारतीय प्रायद्वीप की परिधि पर एक नौवहन मार्ग सुलभ होगा। अभी यह मार्ग छिछले सागर एवं उसमें स्थित द्वीपों एवं चट्टानों की शृंखल जिसे रामार पालम (तमिल: இராமர் பாலம் Rāmar pālam), रामसेतु और ऍडम्स ब्रिज कहा जाता है, के कारण यह मार्ग सुलभ नहीं है और जहाजों को श्रीलंका द्वीप का पूरा चक्कर लगाकर अनावश्यक लम्बा मार्ग तय करना पड़ता है। इस परियोजना में 44.9 नॉटिकल मील (83 कि.मी) लम्बा एक गहरा जल मार्ग खोदा जायेगा जिसके द्वारा पाक जलडमरुमध्य को मनार की खाड़ी से जोड़ दिया जायेगा। १८६० में अल्फ़्रेड डुन्डास टेलर द्वारा इसकी अभिकल्पना पहली बार की गयी थी, जिसे हाल ही के वर्षों में भारत सरकार द्वारा स्वीकृति मिली है। इस परियोजना के तहत रामसेतु के चूनापत्थर की शिलाओं को तोड़ा जायेगा, जिसके कारण कुछ संगठनों ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि इससे हिन्दुओं की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचेगी, साथ ही पर्यावरण और आर्थिक स्तर पर भी हानि होगी। इसके अलावा कुछ सुरक्षा कारण भि बताये गए हैं। इनमें से कई पार्टियां या संगठन इस परियोजना का कार्यान्वयन पहले दिये गए ५ वैकल्पिक तरीकों से करने का अनुमोदन करती हैं। इन वैकल्पिक तरीकों से श्रीरामसेतु को हानि भी नहीं पहुंचेगी जिससे उसे पवित्र मानने वाले हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचेगी। फ़िल्हाल निर्धारित परियोजना में एक मध्य मार्ग चुना गया है जिससे लघुतम मार्ग सुलभ होगा और साथ ही न्यूनतम रखरखाव एवं अनुरक्षण व्यय होगा। इससे पूर्व विश्व के अन्य जहाजरानी नहर परियोजनाएं जैसे स्वेज नहर एवं पनामा नहर भूमि स्थित नहर परियोजनाएं थी। .

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वैशाली जिला

वैशाली (Vaishali) बिहार प्रान्त के तिरहुत प्रमंडल का एक जिला है। मुजफ्फरपुर से अलग होकर १२ अक्टुबर १९७२ को वैशाली एक अलग जिला बना। वैशाली जिले का मुख्यालय हाजीपुर में है। बज्जिका तथा हिन्दी यहाँ की मुख्य भाषा है। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार वैशाली में ही विश्व का सबसे पहला गणतंत्र यानि "रिपब्लिक" कायम किया गया था। वैशाली जिला भगवान महावीर की जन्म स्थली होने के कारण जैन धर्म के मतावलम्बियों के लिए एक पवित्र नगरी है। भगवान बुद्ध का इस धरती पर तीन बार आगमन हुआ। भगवान बुद्ध के समय सोलह महाजनपदों में वैशाली का स्थान मगध के समान महत्त्वपूर्ण था। ऐतिहासिक महत्त्व के होने के अलावे आज यह जिला राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केले, आम और लीची के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। .

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कोलकाता

बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .

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कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट

कोलकाता पत्तन भारत का एकमात्र नदी पत्तन है, जिसमें दो गोदी प्रणालियां हैं:-.

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कोलकाता में यातायात

वी.आई.पी मार्ग, शहर को हवाई अड्डे से जोड़ता एक व्यस्त मार्ग भारत में एकमात्र कोलकाता शहर में ट्राम चलती हैं। विद्यासागर सेतु कोलकाता को हावड़ा से जोड़ता है कोलकाता में जन यातायात कोलकाता उपनगरीय रेलवे, कोलकाता मेट्रो, ट्राम और बसों द्वारा उपलब्ध है। व्यापक उपनगरीय जाल सुदूर उपनगरीय क्षेत्रों तक फैला हुआ है। भारतीय रेल द्वारा संचालित कोलकाता मेट्रो भारत में सबसे पुरानी भूमिगत यातायात प्रणाली है। ये शहर में उत्तर से दक्षिण दिशा में हुगली नदी के समानांतर शहर की लंबाई को १६.४५ कि.मी.

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