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हरिवंश राय बच्चन

सूची हरिवंश राय बच्चन

हरिवंश राय श्रीवास्तव "बच्चन" (२७ नवम्बर १९०७ – १८ जनवरी २००३) हिन्दी भाषा के एक कवि और लेखक थे। इलाहाबाद के प्रवर्तक बच्चन हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवियों मे से एक हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति मधुशाला है। भारतीय फिल्म उद्योग के प्रख्यात अभिनेता अमिताभ बच्चन उनके सुपुत्र हैं। उन्होने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। बाद में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ रहे। अनन्तर राज्य सभा के मनोनीत सदस्य। बच्चन जी की गिनती हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय कवियों में होती है। .

106 संबंधों: चार खेमे चौंसठ खूंटे, चौसठ रूसी कविताएँ, टूटी छूटी कड़ियां, एकांत संगीत, डब्लू बी यीट्स एंड औकल्टिज़्म, त्रिभंगिमा, तेरा हार, तेजेंद्र शर्मा, तेजी बच्चन, दशद्वार से सोपान तक, धार के इधर उधर, नये पुराने झरोखे, नागर गीत, निशा निमंत्रण, निशा निमंत्रण(हरिवंशराय बच्चन), नेहरू: राजनैतिक जीवनचित्र, नीड़ का निर्माण फिर, पंत के सौ पत्र, प्रणय पत्रिका, प्रतापगढ़ जिला, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश, प्रियतम, प्रवास की डायरी, प्रेयसी, पीयूष गोयल (लेखक), बचपन के लोकप्रिय गीत, बचपन के साथ क्षण भर, बच्चन परिवार, बच्चन रचनावली के नौ खंड, बस्ती, उत्तर प्रदेश, बसेरे से दूर, बहुत दिन बीते, बंगाल का काव्य, बुद्ध और नाचघर, भारतीय व्यक्तित्व, भारतीय कवियों की सूची, भाषा अपनी भाव पराये, मधुमय, मधुशाला, मधुकलश, मन्ना डे, मरकट द्वीप का स्वर, महाकवि, मिलन यामिनी, मेरी श्रेष्ठ कविताएँ, मेरी कविताई की आधी सदी, रमेश चन्द्र झा, रश्मिरथी(खंड काव्य), रामधारी सिंह 'दिनकर', रजनी, ..., लोकनायक फाउण्डेशन, श्री हिन्दी साहित्य समिति, भरतपुर, सतरंगिनी, सनोबर, समस्त रचनाकार, सरस्वती सम्मान, साहित्य अकादमी पुरस्कार मणिपुरी, साहित्य अकादमी पुरस्कार मराठी, साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी, सूत की माला, से॰रा॰ यात्री, सोपान, सोहं हंस, हरिवंशराय बच्चन-प्रतीक्षा, हलाहल, हलाहल (ग्रन्थ), हिन्दी पुस्तकों की सूची/त, हिन्दी पुस्तकों की सूची/प, हिन्दी पुस्तकों की सूची/श, हिन्दी कवि, हिन्दी कवियों की सूची, हिन्दी की सौ श्रेष्ठ पुस्तकें, जनगीता, जाल समेटा, घन, खय्याम की मधुशाला, खादी के फूल, गुलाब खंडेलवाल, गोशाला (काव्य), गोविन्द मिश्र, ओथेलो, आठवें दशक की प्रतिनिधी श्रेष्ठ कवितायें, आधुनिक कवि:७, आरती और अंगारे, आकुल अंतर, इलाहाबाद, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, कटती प्रतिमाओं की आवाज़, कायस्थ पाठशाला, प्रयाग, काशी हिन्दू विश्‍वविद्यालय, कवि सम्मेलन, कवियों के सौम्य संत: पंत, कुंवर सुरेश सिंह, क्या भूलूं क्या याद करूँ, अझ़दहा, अभिनव सोपान, अभिषेक बच्चन, अमिताभ बच्चन, उभरते प्रतिमानों के रूप, उमर खय्याम की रुबाइयाँ, १४ नवम्बर, १८ जनवरी, १९०७, १९७६ में पद्म भूषण धारक, २००३ में निधन, २७ नवम्बर सूचकांक विस्तार (56 अधिक) »

चार खेमे चौंसठ खूंटे

चार खेमे चौंसठ खूंटे हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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चौसठ रूसी कविताएँ

चौसठ रूसी कविताएँ हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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टूटी छूटी कड़ियां

टूटी छूटी कड़ियां हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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एकांत संगीत

एकांत संगीत हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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डब्लू बी यीट्स एंड औकल्टिज़्म

डब्लू बी यीट्स एंड औकल्टिज़्म हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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त्रिभंगिमा

त्रिभंगिमा हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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तेरा हार

तेरा हार हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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तेजेंद्र शर्मा

तेजेंद्र शर्मा (जन्म २१ अक्टूबर १९५२) ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के हिंदी कवि लेखक एवं नाटककार है। इनका जन्म 21 अक्टूबर 1952 में पंजाब के जगरांव शहर में हुआ। तेजेन्द्र शर्मा की स्कूली पढ़ाई दिल्ली के अंधा मुग़ल क्षेत्र के सरकारी स्कूल में हुई। दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी विषय में एम.ए. तथा कम्प्यूटर में डिप्लोमा करने वाले तेजेन्द्र शर्मा हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी, उर्दू तथा गुजराती भाषाओं का ज्ञान रखते हैं। उनके द्वारा लिखा गया धारावाहिक 'शांति' दूरदर्शन से १९९४ में अंतर्राष्ट्रीय लोकप्रियता प्राप्त कर चुका है। अन्नू कपूर निर्देशित फ़िल्म 'अमय' में नाना पाटेकर के साथ उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई है। वे इंदु शर्मा मेमोरियल ट्रस्ट के संस्थापक तथा हिंदी साहित्य के एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय सम्मान इन्दु शर्मा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान प्रदान करनेवाली संस्था 'कथा यू॰के॰' के सचिव हैं। .

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तेजी बच्चन

तेजी बच्चन (12 अगस्त, 1914 – 21 दिसम्बर, 2007) एक सामाजिक कार्यकर्ता, प्रसिद्ध हिन्दी कवि हरिवंश राय बच्चन की पत्नी तथा सुप्रसिद्ध हिन्दी फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन की माँ थीं। .

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दशद्वार से सोपान तक

दशद्वार से सोपान तक हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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धार के इधर उधर

धार के इधर उधर हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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नये पुराने झरोखे

नये पुराने झरोखे हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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नागर गीत

नागर गीत हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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निशा निमंत्रण

निशा निमंत्रण हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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निशा निमंत्रण(हरिवंशराय बच्चन)

निशा निमंत्रण हरिवंशराय बच्चन के गीतों का संकलन है जिसका प्रकाशन १९३८ ई० में हुआ। ये गीत १३-१३ पंक्तियों के हैं जो कि हिन्दी साहित्य की श्रेष्ठतम उपलब्धियों में से हें। ये गीत शैली और गठन की दृष्टि से अतुलनीय है। नितान्त एकाकीपन की स्थिति में लिखी गईं ये त्रयोदशपदियाँ अनुभूति की दृष्टि से वैसी ही सघन हैं जैसी भाषा शिल्प की दृष्टि से परिष्कृत। संकलन के सभी गीत स्वतंत्र हैं फिर भी प्रत्येक की रचना का गठन एक मूल भाव से अनुशासित है। पहला गीत "दिन जल्दी जल्दी ढलता है" से प्रारम्भ होकर "निशा निमंत्रण" रात्रि की निस्तब्धता के बड़े सघन चित्र करता हुआ प्रातःकालीन प्रकअश में समाप्त होता है। प्रत्येक दृष्टि से निशा निमंत्रण के गीत उच्चकोटि के हैं और बच्चन का कवि अपने चरम पर पहुँच गया प्रतीत होता है। श्रेणी:हिन्दी साहित्य.

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नेहरू: राजनैतिक जीवनचित्र

नेहरू: राजनैतिक जीवनचित्र हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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नीड़ का निर्माण फिर

नीड़ का निर्माण फिर हरिवंश राय बच्चन की एक प्रसिद्ध कृति है।ये पद्यखंड श्री हरिवंशराय ‘बच्चन’ के सतरंगिनी नामक काव्य से है | यह उनकी आत्मकथा का दूसरा भाग है, जिसका प्रकाशन 1970 में हुआ। डॉ॰ हरिवंश राय बच्चन को इसके लिए प्रथम सरस्वती सम्मान दिया गया था। ‘मधुशाला’, ‘एकांत संगीत’, ‘आकुल अंतर’, ‘निशा निमंत्रण’, ‘सतरंगिनी’ इत्यादि इनकी प्रमुख काव्य रचनाएँ हैं | इनकी काव्य रचना ‘दो चट्टानों’ पर इन्हें साहित्य अकादमी की ओर से पुरस्कार प्रदान किया गया | सन् १९७६ में इन्हें पद्मभूषण की उपाधि से अलंकृत किया गया | उनकी आत्मकथा के चार खण्ड हैं-.

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पंत के सौ पत्र

पंत के सौ पत्र हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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प्रणय पत्रिका

प्रणय पत्रिका हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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प्रतापगढ़ जिला

उत्तर प्रदेश के अन्तर्गत प्रतापगढ़ जिला प्रतापगढ़ भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। इसे को बेला, बेल्हा, परतापगढ़, या प्रताबगढ़ भी कहा जाता है। यह प्रतापगढ़ जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। यह उत्तर प्रदेश का 72वां जिला है। इसे लोग बेल्हा भी कहते हैं, क्योंकि यहां बेल्हा देवी मंदिर है जो कि सई नदी के किनारे बना है। इस जिले को ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां के विधानसभा क्षेत्र पट्टी से ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं॰ जवाहर लाल नेहरू ने अपना राजनैतिक करियर शुरू किया था। इस धरती को राष्ट्रीय कवि हरिवंश राय बच्चन की जन्म स्थली के नाम से भी जाना जाता है। .

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प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश

प्रतापगढ़ भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है, इसे लोग बेल्हा भी कहते हैं, क्योंकि यहां बेल्हा देवी मंदिर है जो कि सई नदी के किनारे बना है। इस जिले को ऐतिहासिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जाता है। यहां के विधानसभा क्षेत्र पट्टी से ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं॰ जवाहर लाल नेहरू ने पदयात्रा के माध्यम से अपना राजनैतिक करियर शुरू किया था। इस धरती को रीतिकाल के श्रेष्ठ कवि आचार्य भिखारीदास और राष्ट्रीय कवि हरिवंश राय बच्चन की जन्मस्थली के नाम से भी जाना जाता है। यह जिला धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी कि जन्मभूमि और महात्मा बुद्ध की तपोस्थली है। .

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प्रियतम

प्रियतम शब्द प्रिय शब्द में तम प्रत्यय लगा कर बनाया गया है। प्रिय का अर्थ होता है प्यारा अर्थात् जिसे हम चाहते हैं। इसमें तर प्रत्यय लगाने पर प्रियतर बनता जिसका अर्थ है प्रिय से भी अधिक प्रिय और इसमें तम प्रत्यय लगाने से बनता है प्रियतम जिसका अर्थ होता है सबसे अधिक प्रिय। साधारणतः प्रियतम शब्द का प्रयोग प्रेमी या पति के लिये होता है। .

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प्रवास की डायरी

प्रवास की डायरी हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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प्रेयसी

प्रेयसी का अर्थ होता है प्रेमिका। .

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पीयूष गोयल (लेखक)

डॉ॰ पीयूष गोयल (जन्म: १० फरवरी, १९६७, दादरी, उत्तर प्रदेश) एक भारतीय लेखक, साहित्यकार, विश्व रिकॉर्ड होल्डर, एवं कलाकार हैं। वें लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स, इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स और एवेरेस्ट वर्ल्डस रिकार्ड्स में नाम दर्ज करा चुके है। "पीयूषवाणी" नामक पुस्तक के रचयिता हैं। इन्हें वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी, लन्दन द्वारा वर्ष २०१४ में डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि प्राप्त है। .

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बचपन के लोकप्रिय गीत

बचपन के लोकप्रिय गीत हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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बचपन के साथ क्षण भर

बचपन के साथ क्षण भर हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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बच्चन परिवार

बच्चन परिवार, भारत का सुप्रसिद्ध परिवार है जिसके मुखिया सम्प्रति अमिताभ बच्चन हैं। इस परिवार के लोग हिन्दी साहित्यकार तथा बम्बई फिल्म उद्योग से जुड़े रहे हैं। .

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बच्चन रचनावली के नौ खंड

बच्चन रचनावली के नौ खंड हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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बस्ती, उत्तर प्रदेश

यह भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक शहर और बस्ती जिला का मुख्यालय है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। बस्ती जिला गोण्डा जिले के पूर्व और संत कबीर नगर के पश्चिम में स्थित है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भी यह उत्तर प्रदेश का सातवां बड़ा जिला है। प्राचीन समय में बस्ती को 'कौशल' के नाम से जाना जाता था। Created by_Deepak Patel .

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बसेरे से दूर

बसेरे से दूर, हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा,‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’ (1969), ‘नीड़ का निर्माण फिर’ (1970), ‘बसेरे से दूर’ (1978) और ‘दशद्वार से सोपान तक’ (1985) नामक चार खंडों में प्रकाशित उनकी आत्मकथा, का तीसरा खण्ड है। .

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बहुत दिन बीते

बहुत दिन बीते हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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बंगाल का काव्य

बंगाल का काव्य हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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बुद्ध और नाचघर

बुद्ध और नाचघर हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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भारतीय व्यक्तित्व

यहाँ पर भारत के विभिन्न भागों एवं विभिन्न कालों में हुए प्रसिद्ध व्यक्तियों की सूची दी गयी है। .

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भारतीय कवियों की सूची

इस सूची में उन कवियों के नाम सम्मिलित किये गये हैं जो.

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भाषा अपनी भाव पराये

भाषा अपनी भाव पराये हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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मधुमय

मधुमय का शाब्दिक अर्थ होता है शहदयुक्त। मिठास के भाव दर्शाने के लिये मधुमय शब्द का प्रयोग किया जाता है। मधु का एक अर्थ मदिरा होने के कारण नशीलापन का भाव दर्शाने के लिये भी मधुमय का प्रयोग किया जाता है। .

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मधुशाला

मधुशाला हिंदी के बहुत प्रसिद्ध कवि और लेखक हरिवंश राय बच्चन (1907-2003) का अनुपम काव्य है। इसमें एक सौ पैंतीस रूबाइयां (यानी चार पंक्तियों वाली कविताएं) हैं। मधुशाला बीसवीं सदी की शुरुआत के हिन्दी साहित्य की अत्यंत महत्वपूर्ण रचना है, जिसमें सूफीवाद का दर्शन होता है। .

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मधुकलश

मधुकलश हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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मन्ना डे

मन्ना डे (1 मई 1919 - 24 अक्टूबर 2013), जिन्हें प्यार से मन्ना दा के नाम से भी जाना जाता है, फिल्म जगत के एक सुप्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायक थे। उनका वास्तविक नाम प्रबोध चन्द्र डे था। मन्ना दा ने सन् 1942 में फ़िल्म तमन्ना से अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत की और 1942 से 2013 तक लगभग 3000 से अधिक गानों को अपनी आवाज दी। मुख्यतः हिन्दी एवं बंगाली फिल्मी गानों के अलावा उन्होंने अन्य भारतीय भाषाओं में भी अपने कुछ गीत रिकॉर्ड करवाये। भारत सरकार ने उन्हें 1971 में पद्म श्री, 2005 में पद्म भूषण एवं 2007 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। .

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मरकट द्वीप का स्वर

मरकट द्वीप का स्वर हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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महाकवि

महाकवि एक भारतीय टेलीविज़न श्रंखला है। इस श्रृंखला के एंकर प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास हैं। यह श्रृंखला एबीपी न्यूज़ पर प्रत्येक शनिवार रात 10 बजे और प्रत्येक रविवार सुबह 10 बजे और रात 10 बजे प्रसारित होती है। महाकवि का पहला प्रसारण 5 नवम्बर, 2016 को किया गया। । इस कार्यक्रम के शुरू होने से पूर्व 28 अक्टूबर 2016 को इसका प्रिव्यू प्रसारित किया गया था। इस कार्यक्रम के माध्यम से हिन्दी भाषा के दस सर्वश्रेष्ठ कवियों की जीवनी उनकी कविताओं की संगीतबद्ध प्रस्तुति के साथ प्रसारित की जाएगी। इस श्रृंखला के सूत्रधार प्रसिद्ध युवा हिन्दी कवि कुमार विश्वास हैं। महाकवि के निर्देशक हैं टेलीविज़न के जाने-माने निर्देशक पुनीत शर्मा और इसके लेखक हैं प्रबुद्ध सौरभ। इस कार्यक्रम के लिए कवियों की कविताओं को लय दिया है स्वयं डा कुमार विश्वास ने और उन गीतों को संगीतबद्ध किया है पोएटिका ने।.

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मिलन यामिनी

मिलन यामिनी हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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मेरी श्रेष्ठ कविताएँ

मेरी श्रेष्ठ कविताएँ हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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मेरी कविताई की आधी सदी

मेरी कविताई की आधी सदी हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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रमेश चन्द्र झा

रमेशचन्द्र झा (8 मई 1928 - 7 अप्रैल 1994) भारतीय स्वाधीनता संग्राम में सक्रिय क्रांतिकारी थे जिन्होंने बाद में साहित्य के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई। वे बिहार के एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ साथ हिन्दी के कवि, उपन्यासकार और पत्रकार भी थे। बिहार राज्य के चम्पारण जिले का फुलवरिया गाँव उनकी जन्मस्थली है। उनकी कविताओं, कहानियों और ग़ज़लों में जहाँ एक तरफ़ देशभक्ति और राष्ट्रीयता का स्वर है, वहीं दुसरी तरफ़ मानव मूल्यों और जीवन के संघर्षों की भी अभिव्यक्ति है। आम लोगों के जीवन का संघर्ष, उनके सपने और उनकी उम्मीदें रमेश चन्द्र झा कविताओं का मुख्य स्वर है। "अपने और सपने: चम्पारन की साहित्य यात्रा" नाम के एक शोध-परक पुस्तक में उन्होंने चम्पारण की समृद्ध साहित्यिक विरासत को भी बखूबी सहेजा है। यह पुस्तक न केवल पूर्वजों के साहित्यिक कार्यों को उजागर करता है बल्कि आने वाले संभावी साहित्यिक पीढ़ी की भी चर्चा करती है। .

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रश्मिरथी(खंड काव्य)

रश्मिरथी, जिसका अर्थ "सूर्य की सारथी" है, हिन्दी के महान कवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित प्रसिद्ध खण्डकाव्य है। यह १९५२ में प्रकाशित हुआ था। इसमें ७ सर्ग हैं। इसमें कर्ण के चरित्र के सभी पक्षों का सजीव चित्रण किया गया है। रश्मिरथी में दिनकर ने कर्ण की महाभारतीय कथानक से ऊपर उठाकर उसे नैतिकता और विश्वसनीयता की नयी भूमि पर खड़ा कर उसे गौरव से विभूषित कर दिया है। रश्मिरथी में दिनकर ने सारे सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को नए सिरे से जाँचा है। चाहे गुरु-शिष्य संबंधें के बहाने हो, चाहे अविवाहित मातृत्व और विवाहित मातृत्व के बहाने हो, चाहे धर्म के बहाने हो, चाहे छल-प्रपंच के बहाने। युद्ध में भी मनुष्य के ऊँचे गुणों की पहचान के प्रति ललक का काव्य है ‘रश्मिरथी’। ‘रश्मिरथी’ यह भी संदेश देता है कि जन्म-अवैधता से कर्म की वैधता नष्ट नहीं होती। अपने कर्मों से मनुष्य मृत्यु-पूर्व जन्म में ही एक और जन्म ले लेता है। अंततः मूल्यांकन योग्य मनुष्य का मूल्यांकन उसके वंश से नहीं, उसके आचरण और कर्म से ही किया जाना न्यायसंगत है। दिनकर में राष्ट्रवाद के साथ-साथ दलित मुक्ति चेतना का भी स्वर है, रश्मिरथी इसका प्रमाण है। दिनकर के अपने शब्दों में, कर्ण-चरित्र का उद्धार, एक तरह से नई मानवता की स्थापना का ही प्रयास है। .

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रामधारी सिंह 'दिनकर'

रामधारी सिंह 'दिनकर' (२३ सितंबर १९०८- २४ अप्रैल १९७४) हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। बिहार प्रान्त के बेगुसराय जिले का सिमरिया घाट उनकी जन्मस्थली है। उन्होंने इतिहास, दर्शनशास्त्र और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से की। उन्होंने संस्कृत, बांग्ला, अंग्रेजी और उर्दू का गहन अध्ययन किया था। 'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद राष्ट्रकवि के नाम से जाने गये। वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे। एक ओर उनकी कविताओ में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की पुकार है तो दूसरी ओर कोमल श्रृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है। इन्हीं दो प्रवृत्तिय का चरम उत्कर्ष हमें उनकी कुरुक्षेत्र और उर्वशी नामक कृतियों में मिलता है। उर्वशी को भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार जबकि कुरुक्षेत्र को विश्व के १०० सर्वश्रेष्ठ काव्यों में ७४वाँ स्थान दिया गया। .

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रजनी

रजनी का अर्थ होता है रात। स्त्रीवाचक सुन्दर शब्द होने के कारण लोग अपनी कन्या का नाम भी रजनी रख देते हैं। .

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लोकनायक फाउण्डेशन

लोकनायक फाउण्डेशन की स्थापना भारतीय साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों की पहचान करने और उन्हें पुरस्कृत करने के लिये की गयी है। यह फाउण्डेशन प्रतिवर्ष १८ जनवरी को पुरस्कार प्रदान करता है। १८ जनवरी तेलुगु सिनेमा तथा राजनीति के महारथी नन्दमूरि तारक रामाराव और हिन्दी के प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन की पुण्यतिथि है। .

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श्री हिन्दी साहित्य समिति, भरतपुर

श्री हिन्दी साहित्य समिति, भरतपुर की स्थापना सन १९१२ में हुई थी। प्रथम अध्यक्ष ओंकार सिंह परमार व प्रथम मंत्री अधिकारी जगन्नाथ दास विद्यारत्न निर्वाचित हुए। .

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सतरंगिनी

सतरंगिनी हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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सनोबर

सनोबर (अंग्रेज़ी: fir, फ़र) एक सदाबहार कोणधारी वृक्ष है जो दुनिया के उत्तरी गोलार्ध (हॅमिस्फ़ीयर) के पहाड़ी क्षेत्रों में मिलता है। इसकी ४५-५५ जातियाँ हैं और यह पायनेसीए नामक जीवैज्ञानिक कुल का सदस्य है। सनोबर १० से ८० मीटर (३० से २६० फ़ुट) तक के ऊँचे पेड़ होते हैं। इनके तीली जैसे पत्ते टहनी से जुड़ने वाली जगह पर एक मोटा गोला सा बनाते हैं जिस से आसानी से पहचाने जाते हैं। वनस्पति-विज्ञान की दृष्टि से इनका देवदार (सीडर) के वृक्ष के साथ गहरा सम्बन्ध है।, Theresa Greenaway, Steck-Vaughn Library, 1990, ISBN 978-0-8114-2727-2 भारतीय उपमहाद्वीप में यह हिमालय के क्षेत्र में मिलते हैं। .

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समस्त रचनाकार

अकारादि क्रम से रचनाकारों की सूची अ.

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सरस्वती सम्मान

Saraswathi samman 1.jpg सरस्वती सम्मान के.

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साहित्य अकादमी पुरस्कार मणिपुरी

साहित्य अकादमी पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं और मणिपुरी भाषा इन में से एक भाषा हैं। अकादमी ने १९७३ से इस भाषा के लिए पुरस्कारों को पेश किया। .

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साहित्य अकादमी पुरस्कार मराठी

साहित्य अकादमी पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं और मराठी भाषा इनमें से एक भाषा है। .

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साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी

साहित्य अकादमी पुरस्कार, सन् १९५४ से प्रत्येक वर्ष भारतीय भाषाओं की श्रेष्ठ कृतियों को दिया जाता है, जिसमें एक ताम्रपत्र के साथ नक़द राशि दी जाती है। नक़द राशि इस समय एक लाख रुपए हैं। साहित्य अकादेमी द्वारा अनुवाद पुरस्कार, बाल साहित्य पुरस्कार एवं युवा लेखन पुरस्कार भी प्रतिवर्ष विभिन्न भारतीय भाषाओं में दिए जाते हैं, इन तीनों पुरस्कारों के अंतर्गत सम्मान राशि पचास हजार नियत है। .

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सूत की माला

सूत की माला हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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से॰रा॰ यात्री

से.रा.यात्री (मूल नाम: सेवा राम यात्री, जन्म 10 जुलाई 1932) एक भारतीय लेखक, कथाकार, व्यंग्यकार और उपन्यासकार हैं। 1971 ई. में 'दूसरे चेहरे' नामक कथा संग्रह से शुरू हुई उनकी साहित्यिक यात्रा अनवरत जारी है। तकरीबन चार दशकों के अपने लेखकीय यात्रा में उन्होंने 18 कथा संग्रह, 33 उपन्यास, 2 व्यंग्य संग्रह, 1 संस्मरण तथा 1 संपादित कथा संग्रह हिंदी जगत के पाठकों को दी है। हाल ही में उत्‍तर प्रदेश सरकार ने उन्‍हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की ओर से संचालित पुरस्कार योजना के तहत 2008 का महात्‍मा गांधी पुरस्‍कार दिये जाने की घोषणा की है। .

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सोपान

सोपान हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। 'सोपान' का अर्थ है - सीढ़ी श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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सोहं हंस

सोहं हंस हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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हरिवंशराय बच्चन-प्रतीक्षा

प्रतीक्षा मधुर प्रतीक्षा ही जब इतनी, प्रिय तुम आते तब क्या होता? मौन रात इस भांति कि जैसे, कोई गत वीणा पर बज कर, अभी-अभी सोई खोई-सी, सपनों में तारों पर सिर धर और दिशाओं से प्रतिध्वनियाँ, जाग्रत सुधियों-सी आती हैं, कान तुम्हारे तान कहीं से यदि सुन पाते, तब क्या होता? तुमने कब दी बात रात के सूने में तुम आने वाले, पर ऐसे ही वक्त प्राण मन, मेरे हो उठते मतवाले, साँसें घूमघूम फिरफिर से, असमंजस के क्षण गिनती हैं, मिलने की घड़ियाँ तुम निश्चित, यदि कर जाते तब क्या होता? उत्सुकता की अकुलाहट में, मैंने पलक पाँवड़े डाले, अम्बर तो मशहूर कि सब दिन, रहता अपने होश सम्हाले, तारों की महफिल ने अपनी आँख बिछा दी किस आशा से, मेरे मौन कुटी को आते तुम दिख जाते तब क्या होता? बैठ कल्पना करता हूँ, पगचाप तुम्हारी मग से आती, रगरग में चेतनता घुलकर, आँसू के कणसी झर जाती, नमक डलीसा गल अपनापन, सागर में घुलमिलसा जाता, अपनी बाँहों में भरकर प्रिय, कण्ठ लगाते तब क्या होता? श्रेणी:पद्य.

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हलाहल

हलाहल के निम्नलिखित अर्थ हो सकते हैं.

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हलाहल (ग्रन्थ)

हलाहल हरिवंश राय बच्चन का एक काव्यग्रंथ है जो इसी नाम की एक लम्बी कविता के आधार पर नामित है। इसकी रचना बच्चन ने १९४६ में की थी। .

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हिन्दी पुस्तकों की सूची/त

* तकीषी की कहानियां - बी.डी. कृष्णन.

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हिन्दी पुस्तकों की सूची/प

* पंच परमेश्वर - प्रेम चन्द्र.

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हिन्दी पुस्तकों की सूची/श

संवाद शीर्षक से कविता संग्रह-ईश्वर दयाल गोस्वाामी.

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हिन्दी कवि

हिन्दी साहित्य राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त हिन्दी कविता परम्परा बहुत समृद्ध है। .

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हिन्दी कवियों की सूची

हिन्दी कविता की परम्परा बहुत लम्बी है। कुछ विद्बान सरहपाद को हिन्दी का पहला कवि मानते हैं। सरहपाद और उनके समवर्ती व परवर्ती सिद्धों ने दोहों और पदों के रूप में अपनी स्फुट रचनाएं प्रस्तुत कीं। रासोकाल तक आते-आते प्राचीन हिन्दी का रूप स्थिर हो चुका था। अपभ्रंश और शुरुआती हिन्दी परस्पर घुली-मिली दिखाई देती हैं। धीरे-धीरे हिन्दी में परिष्कार होता रहा और अपभ्रंश भाषा के पटल से लुप्त हो गई।.

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हिन्दी की सौ श्रेष्ठ पुस्तकें

चित्र:|350px|हिन्दी की सौ श्रेष्ठ पुस्तकें जयप्रकाश भारती की रचना है। इसमें सौ श्रेष्ठ हिन्दी पुस्तकों का प्रत्येक के लिये तीन-चार पृष्ठों में सकारात्मक परिचय दिया गया है। किताब में विवेचित अधिकतर पुस्तकें पुरस्कृत हैं और अपने विषय और प्रस्तुति में अनूठी हैं। इसमें स्वाधीनता से पहले की चौबीस और बाद की चौहत्तर पुस्तकों की चर्चा है। इस पुस्तक में हिन्दी के बाइस काव्यों और पच्चीस उपन्यासों पर चर्चा है। पुस्तक में रचनाओं का परिचय देते हुए लेखक की शब्द-संपदा, शैली और भाषा प्रवाह की झलक के लिए जहां-तहां उनकी कुछ पंक्तियां उद्धृत की हैं। हर पुस्तक का प्रथम प्रकाशन-वर्ष भी दिया है और पुस्तक को प्राप्त प्रमुख पुरस्कार-सम्मान का उल्लेख भी है। कृति-विशेष का परिचय देने के बाद लेखक की कुछ अन्य पुस्तकों का उल्लेख भी अंत में किया गया है। .

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जनगीता

जनगीता हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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जाल समेटा

जाल समेटा हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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घन

घन का अर्थ होता है बादल। .

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खय्याम की मधुशाला

खय्याम की मधुशाला हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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खादी के फूल

खादी के फूल हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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गुलाब खंडेलवाल

गुलाब खण्डेलवाल एक भारतीय कवि हैं। .

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गोशाला (काव्य)

आचार्य धर्मेन्द्र महाराज ने १९५९ में डॉक्टर हरिवंश राय बच्चन की "मधुशाला" के जवाब में "गोशाला" नामक काव्य लिखा.

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गोविन्द मिश्र

गोविन्द मिश्र (जन्म- १ अगस्त १९३९) हिन्दी के जाने-माने कवि और लेखक हैं। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, भारतीय भाषा परिषद कलकत्ता, साहित्य अकादमी दिल्ली तथा व्यास सम्मान द्वारा गोविन्द मिश्र को उनकी साहित्य सेवाओं के लिए सम्मानित किया जा चुका है। अभी तक उनके १० उपन्यास और १२ कहानी-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त यात्रा-वृत्तांत, बाल साहित्य, साहित्यिक निबंध और कविता-संग्रह भी प्रकाशित हुए हैं। अनेक विश्वविद्यालयों में उनकी रचनाओं पर शोध हुए हैं। वे पाठ्यक्रम की पुस्तकों में शामिल किए गए हैं, रंगमंच पर उनकी रचनाओं का मंचन किया गया है और टीवी धारावाहिकों में भी उनकी रचनाओं पर चलचित्र प्रस्तुत किए गए हैं। .

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ओथेलो

ओथेलो हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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आठवें दशक की प्रतिनिधी श्रेष्ठ कवितायें

आठवें दशक की प्रतिनिधी श्रेष्ठ कवितायें हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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आधुनिक कवि:७

आधुनिक कवि:७ हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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आरती और अंगारे

आरती और अंगारे हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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आकुल अंतर

आकुल अंतर हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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इलाहाबाद

इलाहाबाद उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित एक नगर एवं इलाहाबाद जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। इसका प्राचीन नाम प्रयाग है। इसे 'तीर्थराज' (तीर्थों का राजा) भी कहते हैं। इलाहाबाद भारत का दूसरा प्राचीनतम बसा नगर है। हिन्दू मान्यता अनुसार, यहां सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने सृष्टि कार्य पूर्ण होने के बाद प्रथम यज्ञ किया था। इसी प्रथम यज्ञ के प्र और याग अर्थात यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना और उस स्थान का नाम प्रयाग पड़ा जहाँ भगवान श्री ब्रम्हा जी ने सृष्टि का सबसे पहला यज्ञ सम्पन्न किया था। इस पावन नगरी के अधिष्ठाता भगवान श्री विष्णु स्वयं हैं और वे यहाँ माधव रूप में विराजमान हैं। भगवान के यहाँ बारह स्वरूप विध्यमान हैं। जिन्हें द्वादश माधव कहा जाता है। सबसे बड़े हिन्दू सम्मेलन महाकुंभ की चार स्थलियों में से एक है, शेष तीन हरिद्वार, उज्जैन एवं नासिक हैं। हिन्दू धर्मग्रन्थों में वर्णित प्रयाग स्थल पवित्रतम नदी गंगा और यमुना के संगम पर स्थित है। यहीं सरस्वती नदी गुप्त रूप से संगम में मिलती है, अतः ये त्रिवेणी संगम कहलाता है, जहां प्रत्येक बारह वर्ष में कुंभ मेला लगता है। इलाहाबाद में कई महत्त्वपूर्ण राज्य सरकार के कार्यालय स्थित हैं, जैसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रधान महालेखाधिकारी (एजी ऑफ़िस), उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (पी.एस.सी), राज्य पुलिस मुख्यालय, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय। भारत सरकार द्वारा इलाहाबाद को जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना के लिये मिशन शहर के रूप में चुना गया है। .

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय

इलाहाबाद विश्वविद्यालय भारत का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है। यह एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। यह आधुनिक भारत के सबसे पहले विश्वविद्यालयों में से एक है। इसे 'पूर्व के आक्सफोर्ड' नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना सन् 1887 ई को एल्फ्रेड लायर की प्रेरणा से हुयी थी। इस विश्वविद्यालय का नक्शा प्रसिद्ध अंग्रेज वास्तुविद इमरसन ने बनाया था। १८६६ में इलाहाबाद में म्योर कॉलेज की स्थापना हुई जो आगे चलकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हुआ। आज भी यह इलाहाबाद विश्वविद्यालय का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। म्योर कॉलेज का नाम तत्कालीन संयुक्त प्रांत के गवर्नर विलियम म्योर के नाम पर पड़ा। उन्होंने २४ मई १८६७ को इलाहाबाद में एक स्वतंत्र महाविद्यालय तथा एक विश्वविद्यालय के निर्माण की इच्छा प्रकट की थी। १८६९ में योजना बनी। उसके बाद इस काम के लिए एक शुरुआती कमेटी बना दी गई जिसके अवैतनिक सचिव प्यारे मोहन बनर्जी बने। ९ दिसम्बर १८७३ को म्योर कॉलेज की आधारशिला टामस जार्ज बैरिंग बैरन नार्थब्रेक ऑफ स्टेटस सीएमएसआई द्वारा रखी गई। ये वायसराय तथा भारत के गवर्नर जनरल थे। म्योर सेंट्रल कॉलेज का आकल्पन डब्ल्यू एमर्सन द्वारा किया गया था और ऐसी आशा थी कि कॉलेज की इमारतें मार्च १८७५ तक बनकर तैयार हो जाएँगी। लेकिन इसे पूरा होने में पूरे बारह वर्ष लग गए। १८८८ अप्रैल तक कॉलेज के सेंट्रल ब्लॉक के बनाने में ८,८९,६२७ रुपए खर्च हो चुके थे। इसका औपचारिक उद्घाटन ८ अप्रैल १८८६ को वायसराय लार्ड डफरिन ने किया। २३ सितंबर १८८७ को एक्ट XVII पास हुआ और कलकत्ता, बंबई तथा मद्रास विश्वविद्यालयों के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय उपाधि प्रदान करने वाला भारत का चौथा विश्वविद्यालय बन गया। इसकी प्रथम प्रवेश परीक्षा मार्च १८८९ में हुई। .

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कटती प्रतिमाओं की आवाज़

कटती प्रतिमाओं की आवाज़ हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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कायस्थ पाठशाला, प्रयाग

कायस्थ पाठशाला, इलाहाबाद का एक पुराना एवं प्रतिष्ठित विद्यालय है। गणेश शंकर 'विद्यार्थी', हरिवंशराय बच्चन आदि यहाँ के विद्यार्थी थे। इसकी स्थापना सन् १८७३ में अवध के प्रसिद्ध वकील मुंशी कालीप्रसाद कुलभास्कर द्वारा हुई थी। श्री हनुमान प्रसाद इस पाठशाला के प्रथम अध्यक्ष थे। आरम्भ में यह हाई स्कूल था जो सन् १८९५ में यह इण्टरमिडिएट कॉलेज बन गया। इसके आरम्भिक प्रधानाचार्यों में एक थे रमानन्द चटर्जी, जो बाद में बंगाली पुनर्जागरण की पत्रिका "मॉडर्न रिव्यू" के संस्थापक बने बने। 'वन्दे मातरम्' यहाँ की प्रार्थना थी। .

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काशी हिन्दू विश्‍वविद्यालय

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय या बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (आम तौर पर बी.एच.यू.) वाराणसी में स्थित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना (बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय एक्ट, एक्ट क्रमांक १६, सन् १९१५) महामना पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा सन् १९१६ में वसंत पंचमी के पुनीत दिवस पर की गई थी। दस्तावेजों के अनुसार इस विधालय की स्थापना मे मदन मोहन मालवीय जी का योगदान सिर्फ सामान्य संस्थापक सदस्य के रूप मे था,महाराजा दरभंगा रामेश्वर सिंह ने विश्वविद्यालय की स्थापना में आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था दान ले कर की ।इस विश्वविद्यालय के मूल में डॉ॰ एनी बेसेन्ट द्वारा स्थापित और संचालित सेन्ट्रल हिन्दू कॉलेज की प्रमुख भूमिका थी। विश्वविद्यालय को "राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान" का दर्ज़ा प्राप्त है। संप्रति इस विश्वविद्यालय के दो परिसर है। मुख्य परिसर (१३०० एकड़) वाराणसी में स्थित है जिसकी भूमि काशी नरेश ने दान की थी। मुख्य परिसर में ६ संस्थान्, १४ संकाय और लगभग १४० विभाग है। विश्वविद्यालय का दूसरा परिसर मिर्जापुर जनपद में बरकछा नामक जगह (२७०० एकड़) पर स्थित है। ७५ छात्रावासों के साथ यह एशिया का सबसे बड़ा रिहायशी विश्वविद्यालय है जिसमे ३०,००० से ज्यादा छात्र अध्यनरत हैं जिनमे लगभग ३४ देशों से आये हुए छात्र भी शामिल हैं। इसके प्रांगण में विश्वनाथ का एक विशाल मंदिर भी है। सर सुंदरलाल चिकित्सालय, गोशाला, प्रेस, बुक-डिपो एवं प्रकाशन, टाउन कमेटी (स्वास्थ्य), पी.डब्ल्यू.डी., स्टेट बैंक की शाखा, पर्वतारोहण केंद्र, एन.सी.सी.

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कवि सम्मेलन

यह पन्ना हिन्दी भाषा के कवि-सम्मेलन के लिए बनाया गया है। उर्दू कवि सम्मेलन के लिए मुशायरा पृष्ठ देखें। .

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कवियों के सौम्य संत: पंत

कवियों के सौम्य संत: पंत हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। पंत, कवियों के सौम्य संत.

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कुंवर सुरेश सिंह

कुंवर सुरेश सिंह अवध की एक एक जाने माने कालाकांकर राजघराने से ताल्लुक रखते थे। कालाकांकर नरेश राजा अवधेश सिंह के छोटे भाई थे। वे एक साहित्य और कला प्रेमी भी थ। वे सुमित्रानंदन पंत और हरिवंश राय बच्चन जैसे बड़े कवियों के निकटस्थ रहे। इन्ही के आग्रह पर कवि सुमित्रानंदन पंत जी कालाकांकर आकर बस गए थे, जिसकी निशानी 'नक्षत्र' (सुमित्रानंदन पन्त की कुटी) आज भी कालाकांकर में मौजूद हैं। कुंवर सुरेश जी "पन्त जी और कालाकांकर" एवं "यादों के झरोखे" नामक पुस्तके भी लिखी हैं। सन्‌ १९३८ ई. में कविवर सुमित्रानंदन पंत ने कुंवर सुरेश सिंह के आर्थिक सहयोग से नए सामाजिक-राजनीतिक, आर्थिक स्पंदनों से युक्त 'रूपाभ' नामक पत्र के संपादन करने का निर्णय लिया था। कुंवर सुरेश सिंह भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के आन्दोलन भी भी अधिक सक्रीय थे। वे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के करीबियों में से एक थे। बल्कि बापू ने सुरेश जी को आन्दोलनों में मार्गदर्शन हेतु कई पत्र भी लिखे। उत्तराखंड स्थित "सुमित्रानंदन पंत साहित्यिक वीथिका" नामक संग्रहालय में कालाकांकर के कुंवर सुरेश सिंह और हरिवंश राय बच्चन से किये गये उनके पत्र व्यवहार की प्रतिलिपियां यहां मौजूद हैं। .

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क्या भूलूं क्या याद करूँ

क्या भूलूं क्या याद करूँ हरिवंश राय बच्चन की बहुप्रशंसित आत्मकथा तथा हिन्दी साहित्य की एक कालजयी कृति है। यह चार खण्डों में हैः 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ', नीड़ का निर्माण फिर', 'बसेरे से दूर' और '"दशद्वार" से "सोपान" तक'। इसके लिए बच्चनजी को भारतीय साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कार 'सरस्वती सम्मान' से सम्मनित भी किया जा चुका है। हिन्दी प्रकाशनों में इस आत्मकथा का अत्यंत ऊचा स्थान है। डॉ॰ धर्मवीर भारती ने इसे हिन्दी के हज़ार वर्षों के इतिहास में ऐसी पहली घटना बताया जब अपने बारे में सब कुछ इतनी बेबाकी, साहस और सद्भावना से कह दिया है। डॉ॰ हजारीप्रसाद द्विवेदी के अनुसार इसमें केवल बच्चन जी का परिवार और उनका व्यक्तित्व ही नहीं उभरा है, बल्कि उनके साथ समूचा काल और क्षेत्र भी अधिक गहरे रंगों में उभरा है। डॉ॰ शिवमंगल सिंह सुमन की राय में ऐसी अभिव्यक्तियाँ नई पीढ़ी के लिए पाथेय बन सकेंगी, इसी में उनकी सार्थकता भी है।;आत्मकथा की प्रसिद्ध पंक्तियाँ .

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अझ़दहा

ताइवान के लॉन्गशान मंदिर के ऊपर अझ़दहे की आकृति बीजिंग की "नौ अझ़दहों की दीवार" पर शाही अझ़दहों की आकृतियाँ (जिनके पंजों में पाँच नाखून होते हैं) इटली के रेजियो कालाब्रिया राष्ट्रीय संग्राहलय की दीवार पर पच्चीकारी से बनी एक अझ़दहे की आकृति भारत के मणिपुर राज्य में पोउबी लइ पफल की प्रतिमा, जो पाखंगबा नामक अझ़दहा-रूपी देवता का एक रूप हैं अझ़दहा, अज़दहा, अजदहा या ड्रैगन एक काल्पनिक जीव है जिसमें सर्प की प्रकृति के बहुत से तत्व थे और कुछ संस्कृतियों में उड़ने और मुंह से आग उगलने की क्षमता भी थी। यह दुनिया की कई संस्कृतियों के मिथकों में पाया जाता है। कभी-कभी इस जीव को अजगर भी बुलाया जाता है, हालांकि यह थोड़ा सा ग़लत है क्योंकि "अजगर" उस सर्प का हिंदी नाम है जिसे अंग्रेज़ी में "पायथन" (python) कहते हैं। .

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अभिनव सोपान

अभिनव सोपान हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। सोपान, अभिनव श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अभिषेक बच्चन

अभिषेक बच्चन (जन्म: ५ फ़रवरी १९७६, मुंबई), एक भारतीय हिन्दी फिल्मो के अभिनेता हैं। वह भारतीय अभिनेता अमिताभ बच्चन और जया बच्चन के बेटे हैं। उनकी पत्नी पूर्व मिस वर्ल्ड एवं अभिनेत्री ऐश्वर्या राय हैं। बच्चन ने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत जे पि दत्ता की रिफ्यूजी (२०००) से की.

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अमिताभ बच्चन

अमिताभ बच्चन (जन्म-११ अक्टूबर, १९४२) बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता हैं। १९७० के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं। बच्चन ने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार शामिल हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है। अभिनय के अलावा बच्चन ने पार्श्वगायक, फ़िल्म निर्माता और टीवी प्रस्तोता और भारतीय संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में १९८४ से १९८७ तक भूमिका की हैं। इन्होंने प्रसिद्द टी.वी.

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उभरते प्रतिमानों के रूप

उभरते प्रतिमानों के रूप हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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उमर खय्याम की रुबाइयाँ

उमर खय्याम की रुबाइयाँ हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन.

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१४ नवम्बर

१४ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३१८वॉ (लीप वर्ष मे ३१९ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ४७ दिन बाकी है। .

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१८ जनवरी

18 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 18वाँ दिन है। साल में अभी और 347 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 348)। .

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१९०७

1907 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७६ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण.

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२००३ में निधन

निम्नलिखित सूची २००३ में निधन हो गये लोगों की है। यहाँ पर सभी दिनांक के क्रमानुसार हैं और एक दिन की दो या अधिक प्रविष्टियाँ होने पर उनके मूल नाम को वर्णक्रमानुसार में दिया गया है। यहाँ लिखने का अनुक्रम निम्न है.

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२७ नवम्बर

27 नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 331वॉ (लीप वर्ष मे 332 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 34 दिन बाकी है। .

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हरिवंशराय बच्चन

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