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हरिजन

सूची हरिजन

''हरिजन'' समाचार-पत्र हरि का अर्थ है "ईश्वर या भगवान" और जन का अर्थ है "लोग" महात्मा गाँधी ने "हरिजन" शब्द का प्रयोग हिन्दू समाज के उन समुदायों के लिये करना शुरु किया था जो सामाजिक रूप से बहिष्कृत माने जाते थे। इनके साथ ऊँची जाति के लोग छुआछूत का व्यवहार करते थे अर्थात उन्हें अछूत समझा जाता था। सामाजिक पुर्ननिर्माण और इनके साथ भेदभाव समाप्त करने के लिये गाँधी ने उन्हें ये नाम दिया था और बाद में उन्होंने "हरिजन" नाम से एक समाचार-पत्र भी निकाला जिसमें इस सामाजिक बुराई के लिये वे नियमित लेख लिखते थे। लेकिन अब हरिजन शब्द को प्रतिबन्धित कर दिया गया है! हरिजन शब्द के स्थान पर अनुसूचित जाति का स्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया गया है ! हरिजन शब्द पाकिस्तान के दलितों के लिये भी प्रयुक्त होता है जिन्हें हरी कहा जाता है और जो मिट्टी के झोपड़े बनाने के लिये जाने जाते हैं। .

16 संबंधों: ठठावता, नारायण गुरु, बांसपार, बिड़ोदी छोटी, बीदसर, भारतीय मीडिया, भीमराव आम्बेडकर, महात्मा गांधी, मिर्जवास, राममनोहर लोहिया, शूद्र, सामाजिक स्तरीकरण, सीता राम गोयल, वाल्मीकि जाति, गांधीवाद, आर्य समाज

ठठावता

ठठावता राजस्थान प्रांत के चूरु जिले का गांव है। यह थार रेगिस्तान में स्थित है। यहां बालू रेत के टीले बहुत हैं। यहां वर्षा कम होती है। गांव का मुख्य व्यवसाय खेती है। काफी संख्या में लोग भारतीय सेना में हैं। कुछ लोग अरब के देशों में भी नौकरी करते हैं। यहां जाट, राजपूत और हरिजन जाति के लोग निवास करते हैं। यह गांव बिरमसर से तीन किमी की दूरी पर है। श्रेणी:चूरू जिले के गाँव.

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नारायण गुरु

नारायण गुरु नारायण गुरु भारत के महान संत एवं समाजसुधारक थे। कन्याकुमारी जिले में मारुतवन पहाड़ों की एक गुफा में उन्होंने तपस्या की थी। गौतम बुद्ध को गया में पीपल के पेड़ के नीचे बोधि की प्राप्ति हुई थी। नारायण गुरु को उस परम की प्राप्ति गुफा में हुई। .

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बांसपार

बांसपार उत्तर प्रदेश के जनपद महाराजगंज में तहसील सदर, ब्लॉक के अंतर्गत एक बड़ी एवं प्रसिद्ध ग्रामसभा है। .

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बिड़ोदी छोटी

बिड़ोदी छोटी या बिड़ोदी छोट्टी, भारतीय राज्य राजस्थान के सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील का एक गाँव है। जिसे स्वामी की बिड़ोदी के नाम से जाना जाता है, गाँव २५० वर्ष पुराना है और लक्ष्मणगढ़ से १८ किलोमीटर (११ मील) पूर्व में और नवलगढ से ३ किलोमीटर (१.९ मील) पश्चिम में स्थित है। बिड़ोदी छोटी की सीमाओं से कोलिडा, खींवासर, बीदासर, बीदसर, बिड़ोदी बड़ी, झाड़ेवा, जोगिया का बास और ब्राह्मणों की ढाणी (रामसिंह पुरा) और मालियों की ढाणी (भूधा का बास) गाँव लगते हैं। 500 एकड़ (२.० वर्ग किमी) भूमी वाले इस गाँव की कुल आबादी लगभग १४३० में जाट जाति का बाहुल्य है जबकि गाँव की प्रमुख गोत्र भास्कर (भाखर) है। अन्य जतियों में खाती, ब्राह्मण और हरिजन हैं। .

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बीदसर

सीकर जिले के नक्शे पर बीदसर। बीदसर राजस्थान में सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील का एक गाँव है। यह लक्ष्मणगढ़ के पूर्व में और नवलगढ़ से दूर पड़ता है। बीदसर के सीमावर्ती गाँव और कस्बे बिड़ोदी, बीदासर, मिर्जवास, डुण्डलोद और नवलगढ़ हैं। २०११ की जनगणना के अनुसार बीदसर की जनसँख्या 1547 है। .

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भारतीय मीडिया

भारत के संचार माध्यम (मीडिया) के अन्तर्गत टेलीविजन, रेडियो, सिनेमा, समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, तथा अन्तरजालीय पृष्ट आदि हैं। अधिकांश मीडिया निजी हाथों में है और बड़ी-बड़ी कम्पनियों द्वारा नियंत्रित है। भारत में 70,000 से अधिक समाचार पत्र हैं, 690 उपग्रह चैनेल हैं (जिनमें से 80 समाचार चैनेल हैं)। आज भारत विश्व का सबसे बड़ा समाचार पत्र का बाजार है। प्रतिदिन १० करोड़ प्रतियाँ बिकतीं हैं। .

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भीमराव आम्बेडकर

भीमराव रामजी आम्बेडकर (१४ अप्रैल, १८९१ – ६ दिसंबर, १९५६) बाबासाहब आम्बेडकर के नाम से लोकप्रिय, भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) के खिलाफ सामाजिक भेद भाव के विरुद्ध अभियान चलाया। श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री, भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। आम्बेडकर विपुल प्रतिभा के छात्र थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त की। उन्होंने विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के शोध कार्य में ख्याति प्राप्त की। जीवन के प्रारम्भिक करियर में वह अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवम वकालत की। बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में बीता; वह भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रचार और बातचीत में शामिल हो गए, पत्रिकाओं को प्रकाशित करने, राजनीतिक अधिकारों की वकालत करने और दलितों के लिए सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत और भारत की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। 1990 में, उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था। आम्बेडकर की विरासत में लोकप्रिय संस्कृति में कई स्मारक और चित्रण शामिल हैं। .

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महात्मा गांधी

मोहनदास करमचन्द गांधी (२ अक्टूबर १८६९ - ३० जनवरी १९४८) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले १९१५ में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था।। उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू यानी पिता) के नाम से भी याद किया जाता है। सुभाष चन्द्र बोस ने ६ जुलाई १९४४ को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं। प्रति वर्ष २ अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है। सबसे पहले गान्धी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिये संघर्ष हेतु सत्याग्रह करना शुरू किया। १९१५ में उनकी भारत वापसी हुई। उसके बाद उन्होंने यहाँ के किसानों, मजदूरों और शहरी श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिये एकजुट किया। १९२१ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण व आत्मनिर्भरता के लिये अस्पृश्‍यता के विरोध में अनेकों कार्यक्रम चलाये। इन सबमें विदेशी राज से मुक्ति दिलाने वाला स्वराज की प्राप्ति वाला कार्यक्रम ही प्रमुख था। गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कर के विरोध में १९३० में नमक सत्याग्रह और इसके बाद १९४२ में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की। दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। गांधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी की। उन्होंने साबरमती आश्रम में अपना जीवन गुजारा और परम्परागत भारतीय पोशाक धोती व सूत से बनी शाल पहनी जिसे वे स्वयं चरखे पर सूत कातकर हाथ से बनाते थे। उन्होंने सादा शाकाहारी भोजन खाया और आत्मशुद्धि के लिये लम्बे-लम्बे उपवास रखे। .

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मिर्जवास

मिर्जवास भारत के राजस्थान में सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील का एक गाँव है। यह लक्ष्मणगढ़ के पूर्व में और नवलगढ़ से दूर पड़ता है। मिर्जवास के सीमावर्ती गाँव और कस्बे बीदसर, बीदासर, डुन्डलोद, खेड़ी राड़ान और सान्खु हैं। २०११ की जनगणना के अनुसार मिर्जवास की जनसँख्या १,९७७ है। .

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राममनोहर लोहिया

डॉ॰ राममनोहर लोहिया डॉ॰ राममनोहर लोहिया (जन्म - मार्च २३, इ.स. १९१० - मृत्यु - १२ अक्टूबर, इ.स. १९६७) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानी, प्रखर चिन्तक तथा समाजवादी राजनेता थे। .

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शूद्र

शूद्रों का सर्वप्रथम उल्लेख ऋग्वेद के दसवें मण्डल के पुरुष सुक्त में मिलता है, जिसमें शूद्रों को विराट पुरुष के पैरों से उत्पन्न बताया गया है। यजुर्वेद में शूद्रों की उपमा समाजरूपी शरीर के पैरों से दी गई है; इसीलिये कुछ लोग इनकी उत्पत्ति ब्रह्मा के पैरों से मानते हैं। परन्तु वैज्ञानिक दृष्टि से भी देखा जाए तो किसी मानव के विभिन्न अंगों से किसी व्यक्ति को पैदा नहीं किया जा सकता है l यह केवल भारतीय काल्पनिक ग्रंथों में ही संभव है l हालाँकि की कुछ मुर्ख स्टेम सेल के उदाहरण देते हैं, परन्तु जहां लोगों को रहने और खाने का तरीका न वहां स्टेम सेल की बात करना मूर्खता है l शूद्रों को दलित, हरिजन, अछूत आदि नामो से संबोधित किया जाता है l .

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सामाजिक स्तरीकरण

सामाजिक स्तरीकरण (social stratification) वह प्रक्रिया है जिसमे व्यक्तियों के समूहों को उनकी प्रतिष्ठा, संपत्ति और शक्ति की मात्रा के सापेक्ष पदानुक्रम में विभिन्न श्रेणियों में उच्च से निम्न रूप में स्तरीकृत किया जाता है। वर्ग स्‍तरीकरण वि‍श्‍वव्‍यापी है और उसके उत्‍पन्‍न होने के अनेक कारण हैं जैसे पूंजीपति‍ और श्रमि‍क वर्ग औद्योगीकरण की देन हैं; धन की वि‍भि‍न्‍न अवस्‍था धनी, मध्‍यम और र्नि‍धन वर्ग को जन्‍म देती है। .

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सीता राम गोयल

सीता राम गोयल (१९२१ - २००३) भारत के बीसवीं शती के प्रमुख इतिहाकार, लेखक, उपन्यासकार और प्रकाशक थे। उन्होने हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में पुस्तकों का प्रकाशन किया। विख्यात ऋषि और दार्शनिक राम स्वरूप उनके गुरु और सहयोगी थे। १९४० के दशक में उनका झुकाव मार्क्सवाद की तरफ था किन्तु बाद में वे घोर साम्यवाद-विरोधी हो गये। बाद में वे इसाईयत, इस्लाम एवं भारतीय इतिहास एवं राजनीति के प्रमुख व्याख्याता (कमेंटेटर) बनकर उभरे। .

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वाल्मीकि जाति

वाल्मीकि दलित समुदाय व जाति है। इनका पारम्परिक काम मल-मूत्र को साफ करना और अन्य सफाई कार्य करना होता है। इन्हें भारतीय जाति व्यवस्था में सबसे नीचा स्थान दिया जाता है और इस कारण ये बहुत शोषित वर्ग है। पंजाब में बसे चूहड़ा को भी इनका भाग माना जाता है जो सिख धर्म के मजहबी सिख अनुभाग को बनाते हैं। वाल्मीकि नाम वाल्मीकि से लिया गया है जिन्हें ये समुदाय अपना गुरू मानता है (देखें वाल्मीकि समुदाय)। इनका मूल नाम भंगी है जिसका अर्थ भांग पीने वाला होता है। लेकिन ये अब अपमानजनक माना जाता है और इसका उपयोग सामाजिक रूप से सही नहीं माना जाता है। कुछ वाल्मीकि अपने को हरिजन कहलाना भी पसंद करते हैं। वाल्मीकि आज भी साफ सफाई का कार्य ही करते हैं और ये उनका रोजगार का मुख्य हिस्सा है। उनके कई सगंठन भी मौजूद है जो सरकारी नौकरी में इस कार्य में किसी और जाति के लोगों के आगमन का विरोध करते हैं। .

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गांधीवाद

गांधीवाद मोहनदास करमचंद गांधी (जिन्हे ज्यादातर महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है) के आदर्शों, विश्वासों एवं दर्शन से उदभूत विचारों के संग्रह को कहा जाता है, जो स्वतंत्रता संग्राम के सबसे बड़े राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेताओं में से थे। यह ऐसे उन सभी विचारों का एक समेकित रूप है जो गांधीजी ने जीवन पर्यंत जिया एवं किया था। जब किसी व्यक्ति या संस्थान को गांधीवादी कहकर संबोधित करते हैं तो उसका तात्पर्य होता है गांधीजी द्वारा स्थापित मूल्यों एवं आदर्शों का अनुपालन करनेवाला होता है। .

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आर्य समाज

आर्य समाज एक हिन्दू सुधार आंदोलन है जिसकी स्थापना स्वामी दयानन्द सरस्वती ने १८७५ में बंबई में मथुरा के स्वामी विरजानंद की प्रेरणा से की थी। यह आंदोलन पाश्चात्य प्रभावों की प्रतिक्रिया स्वरूप हिंदू धर्म में सुधार के लिए प्रारंभ हुआ था। आर्य समाज में शुद्ध वैदिक परम्परा में विश्वास करते थे तथा मूर्ति पूजा, अवतारवाद, बलि, झूठे कर्मकाण्ड व अंधविश्वासों को अस्वीकार करते थे। इसमें छुआछूत व जातिगत भेदभाव का विरोध किया तथा स्त्रियों व शूद्रों को भी यज्ञोपवीत धारण करने व वेद पढ़ने का अधिकार दिया था। स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा रचित सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रन्थ आर्य समाज का मूल ग्रन्थ है। आर्य समाज का आदर्श वाक्य है: कृण्वन्तो विश्वमार्यम्, जिसका अर्थ है - विश्व को आर्य बनाते चलो। प्रसिद्ध आर्य समाजी जनों में स्वामी दयानन्द सरस्वती, स्वामी श्रद्धानन्द, महात्मा हंसराज, लाला लाजपत राय, भाई परमानन्द, पंडित गुरुदत्त, स्वामी आनन्दबोध सरस्वती, स्वामी अछूतानन्द, चौधरी चरण सिंह, पंडित वन्देमातरम रामचन्द्र राव, बाबा रामदेव आदि आते हैं। .

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