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हम आपके हैं कौन

सूची हम आपके हैं कौन

हम आपके हैं कौन एक भारतीय हिन्दी फिल्म है, जिसका निर्माण सूरज बड़जात्या ने 1994 में किया था। इस फिल्म में सलमान खान और माधुरी दीक्षित मुख्य किरदार में हैं। इस फिल्म को 5 अगस्त 1994 में सिनेमाघरों में प्रदर्शित किया गया था। इसके बाद यह उस समय की बहुत बड़ी हिट फिल्म साबित हुई थी। 5 अगस्त 2014 को इसने अपने 20 साल पूरे कर लिए हैं। .

31 संबंधों: डिस्को डांसर, दीदी तेरा देवर दीवाना, नदिया के पार (१९८२ फ़िल्म), फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार, बिनाका गीत माला, बिन्दू, भारतीय सिनेमा, भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष, माधुरी दीक्षित, माधुरी दीक्षित की फ़िल्में, मोहनीश बहल, राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार - सर्वश्रेष्ठ नृत्य संयोजन, रेणुका शहाणे, रीमा लागू, लक्ष्मीकांत बेर्डे, शारदा सिन्हा, सतीश शाह, सलमान ख़ान, सलमान ख़ान फिल्मोग्राफी, स्टार स्क्रीन सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार, सूरज बड़जात्या, हिंदी चलचित्र, १९९० दशक, वरुण ग्रोवर (लेखक), कुछ कुछ होता है, अजीत वाच्छानी, अंजाम

डिस्को डांसर

डिस्को डांसर 1982 की एक भारतीय बॉलीवुड संगीत नाटक फिल्म है, जिसे राही मासुम रजा द्वारा लिखा एवं बब्बर सुभाष द्वारा निर्देशित किया गया। इसमें मिथुन चक्रवर्ती ने प्रमुख भूमिका अदा की है, इसके अलावा सहायक भूमिका में किम यशपाल और राजेश खन्ना हैं। यह फिल्म एक युवा नुक्कड़ कलाकार के "रंक से राजा" बनने की कहानी बताती है। यह फिल्म विशेष रूप से बप्पी लाहिड़ी द्वारा रचित फिल्मी डिस्को बॉलीवुड गाने और उस पर अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के नृत्य के लिए प्रसिद्ध है। "आई एम ए डिस्को डांसर", "जिमी जिमी जिमी आजा" (पार्वती खान द्वारा गाया गया), "याद आ रहा है" (विजय बेनेडिक्ट और बप्पी लाहिड़ी द्वारा गाया गया) और "गोरो की ना कालो की" (सुरेश वाडेकर व उशा मंगेशकर द्वारा गाया गया) सहित गाने बहुत लोकप्रिय हो गए। इस फिल्म को विश्वव्यापी सफलता मिली, इसकी लोकप्रियता दक्षिणी/मध्य/पूर्वी एशिया, सोवियत संघ, पूर्वी यूरोप, चीन, मध्य पूर्व, तुर्की और पूर्वी/पश्चिमी अफ्रीका में फैली हुई थी। यह सोवियत संघ में हिन्दी की सबसे सफल फिल्मों में से एक थी, जहाँ इसने 60.9 मिलियन दर्शकों को आकर्षित किया। यह भारत की सबसे पहली 100 करोड़ रूपए वाली फिल्म थी, जिसें बाद में "हम आपके हैं कौन" (1994) ने पीछे छोड़ दिया। इस फिल्म ने मिथुन को दक्षिणी एशिया और सोवियत संघ में काफी लोकप्रिय बना दिया। चीन में, इसका संगीत काफी लोकप्रिय रहा और उसे गोल्ड अवार्ड भी दिया गया। .

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दीदी तेरा देवर दीवाना

"दीदी तेरा देवर दीवाना" १९९४ की हिन्दी फ़िल्म हम आपके हैं कौन में लता मंगेशकर और एस॰ पी॰ बालासुब्रमण्यम का गाया हुआ गीत हैं। इस गीत को रामलक्ष्मण द्वारा संगीत दिया गया हैं और गीत देव कोहली ने लिखा है। हम आपके हैं कौन सूरज बड़जात्या द्वारा लिखित और निर्देशित फ़िल्म थी जो राजश्री प्रोडक्शन्स के बैनर के तहत बनी थी। गीत में मुख्यतः फ़िल्म के कलाकार माधुरी दीक्षित और सलमान खान गोद भराई के समारोह में नृत्य करते दिखते हैं। गीत के प्रदर्शन के बाद उसे खूब लोकप्रियता हासिल हुई और मंगेशकर को फ़िल्मफ़ेयर विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया। एना सिंह द्वारा तैयार की गई और दीक्षित द्वारा पहनी गई चमकीले बैंगनी रंग की साटन साड़ी और बैकलेस (खिड़की) ब्लाउज बाज़ार में फ़ैशन का रुझान बनी और खूब बिकी। दीक्षित के नृत्य और पूरे गीत में दिखने वाले उनके रूप को अच्छी समीक्षा मिली। चित्रकार मकबूल फ़िदा हुसैन ने ये गीत देखकर दीक्षित को अपनी प्रेरणा स्रोत मानकर दीक्षित से प्रेरित चित्रों की एक श्रृंखला को पर काम किया। .

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नदिया के पार (१९८२ फ़िल्म)

नदिया के पार १९८२ में निर्मित बॉलीवुड फ़िल्म है जिसका निर्देशन गोविन्द मुनिस ने किया। यह फ़िल्म उत्तर प्रदेश में फ़िल्माई गई और इसमें मुख्य अभिनय भूमिका में सचिन, साधना सिंह, इन्द्र ठाकुर, मिताली, सविता बजाज, शीला डेविड, लीला मिश्रा और सोनी राठौड़ हैं। यह केश्व प्रसाद मिश्र के हिन्दी उपन्यास कोहबर की शर्त पर आधारित फ़िल्म है। यह फ़िल्म उत्तर प्रदेश और बिहार क्षेत्र की स्थानीय भाषा में बनी हुई है। इसे भोजपुरी और अवधि बोलियों का मिश्रित रूप माना जा सकता है जो बिहार तथा उत्तर प्रदेश के मध्य और पूर्वी इलाकों में बोली जाती है। फ़िल्म का निर्माण राजश्री प्रोडक्शन्स के बैनर तले हुआ। इसको तेलुगु में प्रेमलयम नाम से डब किया गया। इसके बाद १९९४ में राजश्री प्रोडक्शन्स ने ही हम आपके हैं कौन शीर्षक के साथ पुनः निर्माण किया। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार हिंदी फिल्मों के लिए वार्षिक फिल्मफेयर पुरस्कार के हिस्से के रूप में फिल्मफेयर द्वारा दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह किसी पुरुष पार्श्व गायक को दिया जाता है जिसने फिल्म गीत में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यद्यपि पुरस्कार समारोह की स्थापना 1954 में हुई थी लेकिन 1959 में सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक की श्रेणी शुरू की गई थी। यह पुरस्कार 1967 तक पुरुष और माहिला गायक दोनों के लिए शुरू में एक ही था। इस श्रेणी को अगले वर्ष विभाजित किया गया था और जब से पुरुष और महिला गायक को अलग पुरस्कार से प्रस्तुत किया जाता है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह हिन्दी फ़िल्म में बेहतर अभिनय के लिये अभिनेत्री फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार समारोह में दिया जाता है। .

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बिनाका गीत माला

अमीन सयानी; बिनाका गीत माला के उद्धोषक जिनके मनमोहक अंदाज़ ने सबको दीवाना बना दिया था बिनाका गीतमाला भारतीय फिल्मी संगीत का सबसे पहला काउंट डाउन (count down) कार्यक्रम था रेडियो पर| 1950 और 1960 के दशक फिल्म, फिल्म संगीत और रेडियो के दशक थे| फिल्म और रेडियो के अलावा कोई और विशेष साधन नहीं था उन दिनों मनोरंजन का| लोकप्रिय फिल्मी गीतों पर आधारित एक कार्यक्रम प्रसारित होता था उन दिनों रेडियो सीलोन से - बिनाका गीतमाला| फिल्मी गीतों से सम्बंधित सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम था ये उस समय का| हर बुधवार को रात 8 बजे से 9 बजे तक बिनाका गीतमाला सुनने के लिये लोग रेडियो से चिपक जाया करते थे| मेलोडियस धुनों और मधुर कंठस्वरों का संगम श्रोताओं को पूरे एक घंटे तक भाव विभोर बनाये रखता था। .

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बिन्दू

बिन्दू हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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भारतीय सिनेमा

भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बॉलीवुड शामिल हैं। भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाना जाते हैं। दादा साहब फाल्के के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है। २०वीं सदी में भारतीय सिनेमा, संयुक्त राज्य अमरीका का सिनेमा हॉलीवुड तथा चीनी फिल्म उद्योग के साथ एक वैश्विक उद्योग बन गया।Khanna, 155 2013 में भारत वार्षिक फिल्म निर्माण में पहले स्थान पर था इसके बाद नाइजीरिया सिनेमा, हॉलीवुड और चीन के सिनेमा का स्थान आता है। वर्ष 2012 में भारत में 1602 फ़िल्मों का निर्माण हुआ जिसमें तमिल सिनेमा अग्रणी रहा जिसके बाद तेलुगु और बॉलीवुड का स्थान आता है। भारतीय फ़िल्म उद्योग की वर्ष 2011 में कुल आय $1.86 अरब (₹ 93 अरब) की रही। जिसके वर्ष 2016 तक $3 अरब (₹ 150 अरब) तक पहुँचने का अनुमान है। बढ़ती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। अब सुपर हीरो तथा विज्ञानं कल्प जैसी फ़िल्में न केवल बन रही हैं बल्कि ऐसी कई फिल्में एंथीरन, रा.वन, ईगा और कृष 3 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के रूप में सफल हुई है। भारतीय सिनेमा ने 90 से ज़्यादा देशों में बाजार पाया है जहाँ भारतीय फिल्मे प्रदर्शित होती हैं। Khanna, 158 सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, अडूर गोपालकृष्णन, बुद्धदेव दासगुप्ता, जी अरविंदन, अपर्णा सेन, शाजी एन करुण, और गिरीश कासरावल्ली जैसे निर्देशकों ने समानांतर सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वैश्विक प्रशंसा जीती है। शेखर कपूर, मीरा नायर और दीपा मेहता सरीखे फिल्म निर्माताओं ने विदेशों में भी सफलता पाई है। 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधान से 20वीं सेंचुरी फॉक्स, सोनी पिक्चर्स, वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स और वार्नर ब्रदर्स आदि विदेशी उद्यमों के लिए भारतीय फिल्म बाजार को आकर्षक बना दिया है। Khanna, 156 एवीएम प्रोडक्शंस, प्रसाद समूह, सन पिक्चर्स, पीवीपी सिनेमा,जी, यूटीवी, सुरेश प्रोडक्शंस, इरोज फिल्म्स, अयनगर्न इंटरनेशनल, पिरामिड साइमिरा, आस्कार फिल्म्स पीवीआर सिनेमा यशराज फिल्म्स धर्मा प्रोडक्शन्स और एडलैब्स आदि भारतीय उद्यमों ने भी फिल्म उत्पादन और वितरण में सफलता पाई। मल्टीप्लेक्स के लिए कर में छूट से भारत में मल्टीप्लेक्सों की संख्या बढ़ी है और फिल्म दर्शकों के लिए सुविधा भी। 2003 तक फिल्म निर्माण / वितरण / प्रदर्शन से सम्बंधित 30 से ज़्यादा कम्पनियां भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध की गयी थी जो फिल्म माध्यम के बढ़ते वाणिज्यिक प्रभाव और व्यसायिकरण का सबूत हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की। भारत से बाहर निवास कर रहे प्रवासी भारतीय जिनकी संख्या आज लाखों में हैं, उनके लिए भारतीय फिल्में डीवीडी या व्यावसायिक रूप से संभव जगहों में स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। Potts, 74 इस विदेशी बाजार का भारतीय फिल्मों की आय में 12% तक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके अलावा भारतीय सिनेमा में संगीत भी राजस्व का एक साधन है। फिल्मों के संगीत अधिकार एक फिल्म की 4 -5 % शुद्ध आय का साधन हो सकते हैं। .

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भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

3 मई 2013 (शुक्रवार) को भारतीय सिनेमा पूरे सौ साल का हो गया। किसी भी देश में बनने वाली फिल्में वहां के सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज का दर्पण होती हैं। भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों के इतिहास में हम भारतीय समाज के विभिन्न चरणों का अक्स देख सकते हैं।उल्लेखनीय है कि इसी तिथि को भारत की पहली फीचर फ़िल्म “राजा हरिश्चंद्र” का रुपहले परदे पर पदार्पण हुआ था। इस फ़िल्म के निर्माता भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहब फालके थे। एक सौ वर्षों की लम्बी यात्रा में हिन्दी सिनेमा ने न केवल बेशुमार कला प्रतिभाएं दीं बल्कि भारतीय समाज और चरित्र को गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। .

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माधुरी दीक्षित

माधुरी दीक्षित (जन्म: 15 मई, 1965) हिन्दी फ़िल्मों की एक सुप्रसिद्ध अभिनेत्री एवं नृत्यांगना हैं। .

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माधुरी दीक्षित की फ़िल्में

माधुरी का 2012 का चित्र माधुरी दीक्षित भारतीय अभिनेत्री है जिन्हें बॉलीवुड की फिल्मों में उनके अभिनय के लिए जाना जाता है। 1984 की फिल्म अबोध में उन्होंने एक युवा दुल्हन की भूमिका के साथ अभिनय करियर की शुरुआत की थी। अगले चार वर्षों में माधुरी ने कई फिल्मों में काम किया, जिसमें आवारा बाप (1985), स्वाति (1986), उत्तर दक्षिण (1987) और दयावान (1988) शामिल थीं। हालांकि उनमें से कोई भी उन्हें ज्यादा पहचान नहीं दिला पाई। उनकी सफलता की शुरुआत 1988 में एन चन्द्रा की थ्रिलर तेज़ाब के साथ हुई, जो उस वर्ष की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। उन्होंने व्यावसायिक रूप से सफल एक्शन-नाटकीय फ़िल्में राम लखन (1989), त्रिदेव (1989), और किशन कन्हैया (1990) में मुख्य भूमिका निभाई। 1990 की रूमानी नाटकीय फ़िल्म दिल में एक अमीर बिगड़ैल लड़की की भूमिका के लिये उन्होंने पहला सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार अर्जित किया। अगले वर्ष उन्होंने साजन में अभिनय किया जो 1991 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म थी। 1992 में बेटा में अपनी चालाक सास के खिलाफ विद्रोह करने वाली महिला का किरदार निभाने के लिये उन्होंने अपना दूसरा फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार जीता। माधुरी ने जैकी श्रॉफ और संजय दत्त के साथ एक्शन थ्रिलर खलनायक (1993) में अभिनय किया जो उस वर्ष की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक थी। उसके बाद उन्होंने अंजाम (1994) में सकारात्मक समीक्षाओं के साथ प्रतिशोधी की भुमिका अदा की। माधुरी की अगली फ़िल्म सूरज बड़जात्या की परिवारिक नाटक हम आपके हैं कौन (1994) थी, जो उस बिंदु तक सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म थी। उसने उन्हें बॉलीवुड की प्रमुख अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया। अगले वर्ष उनकी राजा और याराना आई। दोनों फ़िल्में सफल रही। हालांकि 1996 की उनकी दोनों फ़िल्में, राजकुमार और प्रेम ग्रंथ वित्तीय विफलता थीं। यश चोपड़ा की 1997 की रोमांटिक फिल्म दिल तो पागल है, उनके लिए बड़ी सफलता थी। इस फिल्म में उनके अभिनय के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए चौथा फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। तीन साल बाद समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फ़िल्म पुकार में, उन्हें अनिल कपूर के साथ देखा गया। जिसके बाद उन्होंने प्रयोगात्मक फिल्म गज गामिनी में पाँच भूमिकाएं चित्रित कीं। 2001 में महिलाओं के अधिकारों पर फ़िल्म, लज्जा में लिंग भेदभाव के खिलाफ लड़ने वाली महिला के रूप में उनकी सहायक भूमिका के लिए माधुरी की प्रशंसा की गई। वर्ष 2002 में दीक्षित ने दो रोमांटिक फ़िल्मों में अभिनय किया, जिसमें शाहरुख खान के विपरीत देवदास भी शामिल थी। इसमें उन्होंने चंद्रमुखी चरित्र निभाया था। जिसके लिये उन्होंने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री श्रेणी में फिल्मफेयर पुरस्कार जीता था। फ़िल्मों से पांच साल की अनुपस्थिति के बाद, माधुरी ने नृत्य फिल्म आजा नचले (2007) में एक प्रमुख भूमिका निभाई। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की विफलता के बावजूद, उनके प्रदर्शन की सराहना की गई। अभिषेक चौबे की ब्लैक कॉमेडी फिल्म डेढ़ इश्किया (2014) में एक जालसाज महिला की भूमिका उनकी सात साल में पहली अभिनय भूमिका थी। उन्होंने आगे जूही चावला के साथ अपराध नाटकीय फ़िल्म गुलाब गैंग में एक नेता की भूमिका चित्रण की। उनके फिल्म के कार्य के अलावा, माधुरी ने नृत्य रियलिटी शो झलक दिखला जा के चार सत्रों के लिए प्रतिभा जज (judge) के रूप में कार्य किया है। .

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मोहनीश बहल

मोहनीश बहल (जन्म: 14 फरवरी, 1961) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। वह नूतन के पुत्र हैं। .

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राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार - सर्वश्रेष्ठ नृत्य संयोजन

राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार - सर्वश्रेष्ठ नृत्य संयोजन ये राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार कि एक श्रेणी हैं। इस श्रेणी के विजेता को फ़िल्म में नृत्यरचना के कार्य के लिये रजत कमल प्रदान किया जाता हैं। यह पुरस्कार १९९१ में ३९वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों पर स्थापित किया गया था लेकिन ४०वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों पर पहली बार प्रदान किया गया था। .

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रेणुका शहाणे

रेणुका शहाणे (27 मार्च 1965 को जन्म) एक भारतीय अभिनेत्री हैं। वे बॉलीवुड फिल्म उद्योग और भारतीय टेलिविज़न में काम करती हैं। .

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रीमा लागू

रीमा लागू (21 जून 1958 – 18 मई 2017) एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री थीं। इन्हें हिन्दी और मराठी सिनेमा में सहायक और माँ के कई किरदार निभाने के कारण जाना जाता है। यह लगभग चार दशक से मराठी मंच पर कार्य कर रही थीं। इन्होंने मराठी धारावाहिक "तुजा मजा जामेना" में मुख्य किरदार निभाया था, इसके अलावा हिन्दी धारावाहिक "श्रीमान श्रीमती" और "तू तू मैं मैं" में भी महत्वपूर्ण किरदार निभा चुकी हैं। इन्हें कई हिन्दी फिल्मों में माँ के किरदार निभाने के कारण जाना जाता है, जिसमें मैंने प्यार किया, आशिक़ी, साजन, हम आपके हैं कौन, रंगीला, वास्तव, कुछ कुछ होता है, कल हो ना हो और हम साथ साथ हैं आदि है। .

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लक्ष्मीकांत बेर्डे

लक्ष्मीकांत बेर्डे (जन्म: 3 नवंबर, 1954 निधन: 16 दिसंबर, 2004) हिन्दी एवं मराठी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता हैं। .

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शारदा सिन्हा

शारदा सिन्हा बिहार की एक लोकप्रिय गायिका हैं। इनका जन्म 1 अक्टुबर 1952 को हुआ। इन्होंने मैथिली, बज्जिका, भोजपुरी के अलावे हिन्दी गीत गाये हैं। मैंने प्यार किया तथा हम आपके हैं कौन जैसी फिल्मों में इनके द्वारा गाये गीत काफी प्रचलित हुए हैं। इनके गाये गीतों के कैसेट संगीत बाजार में सहजता से उपलब्ध है। दुल्हिन, पीरितिया, मेंहदी जैसे कैसेट्स काफी बिके हैं। बिहार एवं यहाँ से बाहर दुर्गा-पूजा, विवाह-समारोह या अन्य संगीत समारोहों में शारदा सिन्हा द्वारा गाये गीत अक्सर सुनाई देते हैं। लोकगीतों के लिए इन्हें 'बिहार-कोकिला', 'पद्म श्री' एवं 'पद्म भूषण' सम्मान से विभूषित किया गया है। .

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सतीश शाह

सतीश शाह भारत के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता हैं। .

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सलमान ख़ान

अब्दुल रशीद सलीम सलमान खान (سلمان خان. उच्चारण:, जन्म: २७ दिसम्बर १९६५) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता हैं, जो बॉलीवुड की फिल्मों में दिखाई देते हैं। इन्होंने सन १९८८ में अभिनय की दुनिया में अपनी पहली फिल्म बीवी हो तो ऐसी से शुरूआत की। सलमान को अपनी पहली बड़ी व्यावसायिक सफलता १९८९ में रिलीज़ हुई मैंने प्यार किया से मिली, जिसके लिए इन्हें फिल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ नवीन पुरूष अभिनेता पुरस्कार भी दिया गया। वे बॉलीवुड की कुछ सफल फिल्मों में स्टार कलाकार की भूमिका करते रहे, जैसे साजन (१९९१), हम आपके हैं कौन (१९९४) व बीवी नं. १ (१९९९) और ये ऐसी फिल्में थीं जिन्होंने उनके करियर में पाँच अलग सालों में सबसे अधिक कमाई की। १९९९ में खान ने १९९८ की फिल्म कुछ कुछ होता है में उनकी अतिथि-भूमिका के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार जीता और तब से इन्होंने कई आलोचनात्मक और व्यावसायिक फिल्मों में स्टार के रूप में सफलता प्राप्त की है, जिनमें हम दिल दे चुके सनम (१९९९), तेरे नाम (२००३), नो एन्ट्री (२००५) और पार्टनर (२००७) शामिल हैं। २०१७ में टाईगर जिंदा ने कमाई के मामले मे नया इतिहास बनाया इस तरह खान ने खुद को हिंदी सिनेमा के प्रमुख अभिनेताओं में सबसे महान अभिनेता की छवि बनाई। बाद में बनी फ़िल्में, वांटेड (२००९), दबंग (२०१०), रेड्डी (२०११) और बॉडीगार्ड (२०११) उनकी हिन्दी सिने जगत में सर्वाधिक कमाई वाली फ़िल्में रही। किक (२०१४ फिल्म) सलमान की पहली फिल्म है जो 200 करोड़ के क्लब में शामिल हुई है। किक सलमान की सातवीं फिल्म है जो 100 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस कर चुकी है। इससे पहले 6 फिल्में 100 करोड़ क्लब में शामिल हो चुकी हैं एक था टाइगर - 198 करोड़, दबंग-2 - 158 करोड़, बॉडीगार्ड - 142 करोड़, दबंग - 145 करोड़, Ready (2011 film) - 120 करोड़, जय हो (फ़िल्म) - 111 करोड़ है। (मुख्य सूचना सलमान खान एक भारतीय अभिनेता के साथ एक गायक भी है. जिन्होंने कई सुरीली आवाजो में गाने भी गाए हैं।) .

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सलमान ख़ान फिल्मोग्राफी

सलमान खान एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता हैं। इन्होंने सन १९८८ में अभिनय की दुनिया में अपनी पहली फिल्म बीवी हो तो ऐसी से शुरूआत की। .

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स्टार स्क्रीन सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार

स्टार स्क्रीन सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार का चुनाव फ़िल्म उद्योम के एक विशिष्ट निर्णायक-मंडल द्वारा किया जाता है। विजेताओं की घोषणा जनवरी में होती है। सबसे पहले यह पुरस्कार माधुरी दीक्षित को 1994 में दिया गया। .

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सूरज बड़जात्या

सूरज बड़जात्या हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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हिंदी चलचित्र, १९९० दशक

1990 दशक के हिंदी चलचित्र। .

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वरुण ग्रोवर (लेखक)

वरुण ग्रोवर (जन्म 26 जनवरी, 1980) एक भारतीय हास्य अभिनेता, पटकथा लेखक और गीतकारहै.|उन्होंने  63 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (भारत) 2015-16  में सर्व-श्रेष्ठ गीतकार का पुरस्कार जीता।  .

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कुछ कुछ होता है

कुछ कुछ होता है 1998 की हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म फिल्म है। इसे करण जौहर ने लिखा और निर्देशित किया और लोकप्रिय ऑन-स्क्रीन जोड़ी शाहरुख खान और काजोल ने अपनी चौथी फिल्म में एक साथ अभिनय किया। रानी मुखर्जी ने सहायक भूमिका निभाई, जबकि सलमान खान की एक विस्तारित विशेष उपस्थिति भी थी। इस फिल्म से सना सईद जिन्होंने सहायक भूमिका निभाई, अपनी फिल्म करियर की शुरुआत की। यह करण जौहर की निर्देशन शुरुआत थी। फिल्म भारत और विदेशों में सफल रही और साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई। साथ ही यह हम आपके हैं कौन और दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे के बाद सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनी। भारत के बाहर, यह फिल्म कभी खुशी कभी ग़म द्वारा रिकॉर्ड तोड़े जाने से पहले सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म थी। कुछ कुछ होता है को आलोचकों से सकारात्मक समीक्षा मिली। विशेष प्रशंसा काजोल के प्रदर्शन को मिली। साउंडट्रैक भी साल का सबसे बड़ा विक्रेता बन गया। फिल्म ने फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, ज़ी सिने पुरस्कार और स्टार स्क्रीन पुरस्कार में "सर्वश्रेष्ठ फिल्म" पुरस्कार जीता। .

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अजीत वाच्छानी

अजीत वाच्छानी हिन्दी फ़िल्मों के एक चरित्र अभिनेता एवं दूरदर्शन कलाकार थे। .

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अंजाम

अंजाम राहुल रवैल द्वारा 1994 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। फ़िल्म में माधुरी दीक्षित, शाहरुख खान, दीपक तिजोरी, हिमानी शिवपुरी, टिन्नू आनन्द, कल्पना अय्यर और किरण कुमार मुख्य कलाकार हैं। फिल्म का संगीत आनंद-मिलिंद द्वारा बनाया गया था, जिसमें समीर द्वारा लिखे गए गीत थे। फ़िल्म गलती के अंजाम पर केन्द्रित है। साथ ही यह महिलाओं के खिलाफ किए गए अत्याचारों पर भी केन्द्रित है। इस फिल्म में यह पहली बार था कि माधुरी दीक्षित और शाहरुख खान की एक साथ जोड़ी बनाई गई थी। माधुरी दीक्षित ने अपनी भूमिका के लिए फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री की श्रेणी में नामांकन अर्जित किया था। लेकिन उन्हें पुरस्कार हम आपके हैं कौन में उनके प्रदर्शन के लिए मिला। शाह रुख खान ने नकारात्मक किरदार निभाया था जिसके लिये उन्हें भी फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ था। इस फिल्म के सर्वाधिकार रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के पास है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

हम आप के हैं कौन, हम आपके हैं कौन (1994 फ़िल्म), हम आपके हैं कौन, १९९४ फ़िल्म

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