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सौम

सूची सौम

सौम (صوم) और बहुवचन सियाम (صيام) अरबी भाषा के शब्द हैं। उपवास को अरबी में "सौम" कहते हैं। रमज़ान के पवित्र माह में रखे जाने वाले उपवास ही "सौम" हैं। उर्दू और फ़ारसी भाषा में सौम को "रोज़ा" कहते हैं। इस्लाम के पाँच मूलस्थंबों में से एक सौम है। .

12 संबंधों: फ़िक़्ह, मुसलमान, रमज़ान, हिजरी, ईद, ईस्टर, खजला, इफ़्तार, इबादह, इस्लाम, इस्लाम के पांच मूल स्तंभ, इस्लामी त्यौहार

फ़िक़्ह

फ़िक़्ह (فقه,फ़िक़्ह या फ़िक़ः) (Fiqh) इस्लामी धर्मशास्त्र (मज़हबी तौर-तरीके) को कहा जाता है। Encyclopædia Britannica फ़िक़्ह मुसलमानों के लिये इस्लामी जीवन के हर पहलू पर अपना असर रखता है। जबकि ''शरियत'' उस समुच्चय निति को कहते हैं। जो इस्लामी कानूनी, परंपराओं और इस्लामी व्यक्तिगत और नैतिक आचरणों पर आधारित होती है। फ़िक़्ह इस्लामी न्यायशास्त्र के लिए शब्दावली है, जो इस्लामी न्यायविदों के फैसलों से बना है। इस्लामी अध्ययन का बुनियादी घटक, फ़िक़्ह उस पद्धति को विस्तार से बतलाता है जिसके जरिए से इस्लामी कानून को प्राथमिक और माध्यमिक स्रोतों से बाहर निकाला गया है। .

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मुसलमान

मिसरी (ईजिप्ट) मुस्लिमान नमाज़ पढ रहे हैं, एक तस्वीर। मुसलमान (अरबी: مسلم، مسلمة फ़ारसी: مسلمان،, अंग्रेजी: Muslim) का मतलब वह व्यक्ति है जो इस्लाम में विश्वास रखता हो। हालाँकि मुसलमानों के आस्था के अनुसार इस्लाम ईश्वर का धर्म है और धर्म हज़रत मुहम्मद से पहले मौजूद था और जो लोग अल्लाह के धर्म का पालन करते रहे वह मुसलमान हैं। जैसे कुरान के अनुसार हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम भी मुसलमान थे। मगर आजकल मुसलमान का मतलब उसे लिया जाता है जो हज़रत मुहम्मद लाए हुए दीन का पालन करता हो और विश्वास रखता हो। मध्यकालीन मुस्लिम इतिहासकारों ने भारत को हिन्द अथवा हिन्दुस्तान कहा है । .

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रमज़ान

रमज़ान या रमदान (उर्दू - अरबी - फ़ारसी: رمضان) इस्लामी कैलेण्डर का नवां महीना है। मुस्लिम समुदाय इस महीने को परम पवित्र मानता है।; इस मास की विशेषताएं.

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हिजरी

हिजरी या इस्लामी पंचांग को (अरबी: التقويم الهجري; अत-तक्वीम-हिज़री; फारसी: تقویم هجری قمری ‎'तकवीम-ए-हिज़री-ये-क़मरी) जिसे हिजरी कालदर्शक भी कहते हैं, एक चंद्र कालदर्शक है, जो न सिर्फ मुस्लिम देशों में प्रयोग होता है बल्कि इसे पूरे विश्व के मुस्लिम भी इस्लामिक धार्मिक पर्वों को मनाने का सही समय जानने के लिए प्रयोग करते हैं। यह चंद्र-कालदर्शक है, जिसमें वर्ष में बारह मास, एवं 354 या 355 दिवस होते हैं। क्योंकि यह सौर कालदर्शक से 11 दिवस छोटा है इसलिए इस्लामी धार्मिक तिथियाँ, जो कि इस कालदर्शक के अनुसार स्थिर तिथियों पर होतीं हैं, परंतु हर वर्ष पिछले सौर कालदर्शक से 11 दिन पीछे हो जाती हैं। इसे हिज्रा या हिज्री भी कहते हैं, क्योंकि इसका पहला वर्ष वह वर्ष है जिसमें कि हज़रत मुहम्मद की मक्का शहर से मदीना की ओर हिज्ऱत (प्रवास) हुई थी। हर वर्ष के साथ वर्ष संख्या के बाद में H जो हिज्र को संदर्भित करता है या AH (लैटिनः अन्नो हेजिरी (हिज्र के वर्ष में) लगाया जाता है।हिज्र से पहले के कुछ वर्ष (BH) का प्रयोग इस्लामिक इतिहास से संबंधित घटनाओं के संदर्भ मे किया जाता है, जैसे मुहम्म्द साहिब का जन्म लिए 53 BH। वर्तमान हिज्री़ वर्ष है 1430 AH. .

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ईद

ईद: (अरबी और उर्दू: عید) यह शब्द अरबी है, उर्दू और फ़ारसी में भी ईद शब्द का ही उपयोग होता है। ईद का अर्थ हिन्दी में "पर्व" या "त्योहार" के हैं। ईद शब्द का अर्थ अरबी, उर्दू और फ़ारसी में "खुशी" या "हर्शोल्लास" के लिये जासक्ते हैं। इस्लामी धर्म मुस्ल्लिम संस्कृती में अनेक पर्व या ईद हैं। वह ये हैं।.

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ईस्टर

ईस्टर, Πάσχα ईसाई पूजन-वर्ष में सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक धार्मिक पर्व है। ईसाई धार्मिक ग्रन्थ के अनुसार, सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन यीशु मरे हुओं में से पुनर्जीवित हो गए थे। इस मृतोत्थान को ईसाई ईस्टर दिवस या ईस्टर रविवार मानते हैं। (इसे वो मृतोत्थान दिवस या मृतोत्थान रविवार भी कहते हैं), ये दिन गुड फ्राईडे के दो दिन बाद और पुन्य बृहस्पतिवार या मौण्डी थर्सडे के तीन दिन बाद आता है। 26 और 36 ई.प. के बीच में हुई उनकी मृत्यु और उनके जी उठने के कालक्रम को अनेकों तरीके से बताया जाता है। ईस्टर को चर्च के वर्ष का काल या ईस्टर काल या द ईस्टर सीज़न भी कहा जाता है। परंपरागत रूप से ईस्टर काल चालीस दिनों का होता है। ये ईस्टर दिवस से लेकर स्वर्गारोहण दिवस तक होता आया है लेकिन आधिकारिक तौर पर अब ये पंचाशती तक पचास दिनों का होता है। ईस्टर सीज़न या ईस्टर काल के पहले सप्ताह को ईस्टर सप्ताह या ईस्टर अष्टक या ओक्टेव ऑफ़ ईस्टर कहते हैं। ईस्टर को चालीस सप्ताहों के काल या एक चालीसे के अंत के रूप में भी देखा जाता है, इस काल को उपवास, प्रार्थना और प्रायश्चित करने के लिए माना जाता है। ईस्टर एक गतिशील त्यौहार है, जिसका अर्थ है कि ये नागरिक कैलेंडर के अनुसार नहीं चलता.

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खजला

खजला एक उत्तर भारतीय व्यंजन है। यह मुस्लिम वर्ग में अधिक लोकप्रिय है। इसका अधिकतर प्रयोग रोज़ा-इफ़्तार में बहुत होता है। श्रेणी:उत्तर भारत का खाना श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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इफ़्तार

इफ़्थार (या फ़तूर) (अरबी: अफ़्तार या "नाश्ता") शाम का खाना है, जब मुसलमान सूर्यास्त पर अपना दैनिक रमजान उपवास समाप्त करते हैं। शाम की प्रार्थना करने के लिए मुसलमानों ने अपने उपवास को पूरा करके तोड़ देना। .

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इबादह

इबादह (अरबी: عبادة, 'ibādah, ibada भी वर्तनी) एक अरबी शब्द अर्थ सेवा या दासता है। इस्लाम में, इबादाह को आम तौर पर "उपासना" के रूप में अनुवादित किया जाता है, और मुस्लिम धार्मिक अनुष्ठानों के इस्लामी न्यायशास्त्र (फिकह) के लिए इबादा बहुवचन रूप "इबादात" है। उर्दू और फारसी भाषाओं में और भारत और पाकिस्तान जैसे देशों में जहाँ उर्दू आम तौर पर बोली जाती है यहां इस शब्द को इबादत (एक वचन) और इबादात या इबादतें (बहुवचन) के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। माबूद (जिसकी इबादत की जाती है - अल्लाह) की इबादत करने वाले को आबिद कहते हैं। .

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इस्लाम

इस्लाम (अरबी: الإسلام) एक एकेश्वरवादी धर्म है, जो इसके अनुयायियों के अनुसार, अल्लाह के अंतिम रसूल और नबी, मुहम्मद द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय पुस्तक क़ुरआन की शिक्षा पर आधारित है। कुरान अरबी भाषा में रची गई और इसी भाषा में विश्व की कुल जनसंख्या के 25% हिस्से, यानी लगभग 1.6 से 1.8 अरब लोगों, द्वारा पढ़ी जाती है; इनमें से (स्रोतों के अनुसार) लगभग 20 से 30 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है। हजरत मुहम्मद साहब के मुँह से कथित होकर लिखी जाने वाली पुस्तक और पुस्तक का पालन करने के निर्देश प्रदान करने वाली शरीयत ही दो ऐसे संसाधन हैं जो इस्लाम की जानकारी स्रोत को सही करार दिये जाते हैं। .

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इस्लाम के पांच मूल स्तंभ

इस्लाम के पांच मूल स्तंभ (أركان الإسلام; also أركان الدين "pillars of the religion") मूल रूप से मुसलमानों के विशवास के अनुसार इस्लाम धर्म के पाँच मूल स्तंभ या फ़र्ज माना जाता है, जो हर मुस्लमान को अपनी ज़िंदगी का मूल विचार माना जाता है। यह बाते मशहूर हदीस "हदीस ए जिब्रील" में बताया गया है। .

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इस्लामी त्यौहार

मुस्लिम त्यौहार: दुनिया में मुस्लिम समूह, अलग अलग पर्वों को अलग अलग दिवसों में मनाते हैं। हर दिवस का अपना एक महत्व होता है। जैसे दीगर धार्मिक समूह विशेश पर्व दिन मनाते हैं, ठीक उसी तरह मुस्लिम समूह भी अनेक त्यौहार मनाता है। मास के अनुसार देखें तो मुस्लिम त्यौहार इस प्रकार हैं। .

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