लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

सोडियम कार्बोनेट

सूची सोडियम कार्बोनेट

सोडियम कार्बोनेट एक अकार्बनिक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र (Na2CO3) है। इसे 'धावन सोडा' या 'धोने का सोडा' (washing soda या soda ash और soda crystals) भी कहते हैं। यह एक सामान्य लवण है जिसका जलीय घोल क्षारीय होता है। इसलिए इसका उपयोग कपड़े धोने के लिये किया जाता है। इसलिये इसे धावन सोडा (वाशिंग सोडा) भी कहते हैं। जल की कठोरता दूर करने में भी इसका उपयोग होता है। यह जल में अति विलेय है। इसका अणुसूत्र Na2CO3.10H2O होता है, जिसका पूरा नाम सोडियम कार्बोनेट डेका हाईड्रेट है | सिर्फ Na2CO3 को सोडा ऐश कहते हैं | लेकिन जब इसमें जल के अणु जुड़ जाते हैं, तो यह धावन सोडा (Washing Powder) बन जाता है | धावन सोडा को जब गर्म किया जाता है, तो यह में बदल जाता हैं | .

14 संबंधों: नौसादर, यूरेनियम, रसायन विज्ञान, रासायनिक उद्योग, सम आयन प्रभाव, साधारण नमक, सूखी धुलाई, सोडियम, सोडियम बाईकार्बोनेट, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, वस्त्र धुलाई, गन्धकाम्ल, कल्लर भूमि, अकार्बनिक यौगिकों की सूची

नौसादर

नौसादर (अमोनियम नीरेय) एक अकार्बनिक यौगिक है जिसका अणुसूत्र NH4Cl है। यह श्वेत रंग का क्रिस्टलीय पदार्थ है जो जल में अत्यधिक विलेय है। इसका जलीय विलयन हल्का अम्लीय होता है। प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला साल अमोनियक (Sal ammoniac) अमोनियम नीरेय (क्लोराइड) का खनिज (mineralogical) रूप है। .

नई!!: सोडियम कार्बोनेट और नौसादर · और देखें »

यूरेनियम

यूरेनियम आवर्त सारणी की एक अंतर्वर्ती श्रेणी, ऐक्टिनाइड श्रेणी (actinide series), का तृतीय तत्व है। इस श्रेणी में आंतरिक इलेक्ट्रॉनीय परिकक्षा (5 परिकक्षा) के इलेक्ट्रॉन स्थान लेते हैं। प्रकृति में पाए गए तत्वों में यह सबसे भारी तत्व है। कुछ समय पहले तक इस तत्व को छठे अंतर्वर्ती समूह का अंतिम तत्व माना जाता था। .

नई!!: सोडियम कार्बोनेट और यूरेनियम · और देखें »

रसायन विज्ञान

300pxरसायनशास्त्र विज्ञान की वह शाखा है जिसमें पदार्थों के संघटन, संरचना, गुणों और रासायनिक प्रतिक्रिया के दौरान इनमें हुए परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है। इसका शाब्दिक विन्यास रस+अयन है जिसका शाब्दिक अर्थ रसों (द्रवों) का अध्ययन है। यह एक भौतिक विज्ञान है जिसमें पदार्थों के परमाणुओं, अणुओं, क्रिस्टलों (रवों) और रासायनिक प्रक्रिया के दौरान मुक्त हुए या प्रयुक्त हुए ऊर्जा का अध्ययन किया जाता है। संक्षेप में रसायन विज्ञान रासायनिक पदार्थों का वैज्ञानिक अध्ययन है। पदार्थों का संघटन परमाणु या उप-परमाण्विक कणों जैसे इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से हुआ है। रसायन विज्ञान को केंद्रीय विज्ञान या आधारभूत विज्ञान भी कहा जाता है क्योंकि यह दूसरे विज्ञानों जैसे, खगोलविज्ञान, भौतिकी, पदार्थ विज्ञान, जीवविज्ञान और भूविज्ञान को जोड़ता है। .

नई!!: सोडियम कार्बोनेट और रसायन विज्ञान · और देखें »

रासायनिक उद्योग

रासायन उत्पादक कारखाना रासायनिक उद्योग (chemical industry) में वे सब उद्योग आते हैं जो औद्योगिक रसायनों का उत्पादन करते हैं। रासायनिक उद्योग संसार की वर्तमान अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। ये उद्योग कच्चे माल (जैसे तेल, प्राकृतिक गैस, वायु, जल, धातुएं, खनिज आदि) को ७०,००० से भी अधिक विभिन्न उत्पादों में परिवर्तित करते हैं। .

नई!!: सोडियम कार्बोनेट और रासायनिक उद्योग · और देखें »

सम आयन प्रभाव

जब किसी विलयन में उपस्थित किसी आयन की मात्रा बढायी जाती है तो ला शातैलिए के सिद्धान्त के अनुसार उस विलयन में उपस्थित 'अतिरिक्त' आयन अपने से विपरीत आवेश वाले आयनों से संयुक्त हो जाते हैं ताकि आयनिक गुणफल का मान उत्पाद के विलेयता गुणफल के बराबर बना रहे। इसे ही सम आयन प्रभाव या उभयनिष्‍ठ आयन प्रभाव (common ion effect) कहते हैं। उदाहरण के लिये, कैल्सियम कार्बोनेट युक्त कठोर जल में सोडियम कार्बोनेट की थोड़ी सी मात्रा मिलाने पर कैल्सियम कार्बोनेट अवक्षेपित होकर नीचे बैठ जाता है। यह सम आयन प्रभाव के कारण होता है। यहाँ ध्यान देने योग्य है कि सोडियम कार्बोनेट अत्यन्त घुलनशील है जबकि कैल्सियम कार्बोनेट कम घुलनशील। इस कारण कठोर जल में सोडियम कार्बोनेट की बहुत कम मात्रा मिलाने पर भी बहुत सारे कार्बोनेट आयन पैदा होते हैं जो कैल्सियम कार्बोनेट के वियोजन से पैदा हुए कार्बोनेट आयनों को संयुक्त होकर कैल्सियम कार्बोनेट के रूप में अवक्षेपित होने के लिये बाध्य करते हैं। .

नई!!: सोडियम कार्बोनेट और सम आयन प्रभाव · और देखें »

साधारण नमक

नमक (Common Salt) से साधारणतया भोजन में प्रयुक्त होने वाले नमक का बोध होता है। रासायनिक दृष्टि से यह सोडियम क्लोराइड (NaCl) है जिसका क्रिस्टल पारदर्शक एवं घनाकार होता है। शुद्ध नमक रंगहीन होता है, किंतु लोहमय अपद्रव्यों के कारण इसका रंग पीला या लाल हो जाता है। समुद्र के खारापन के लिये उसमें मुख्यत: सोडियम क्लोराइड की उपस्थिति कारण होती है। भौमिकी में लवण को हैलाइट (Halite) कहते हैं। .

नई!!: सोडियम कार्बोनेट और साधारण नमक · और देखें »

सूखी धुलाई

शुष्क धुलाई किये हुए कपड़े सूखी धुलाई (Dry Cleaning) या शुष्क धुलाई में कार्बनिक विलायकों का उपयोग होता है। यह ऊनी, रेशमी, रेयन और इसी प्रकार के अन्य वस्त्रों के लिए उपयोग की जाती है। सामान्य धुलाई पानी, साबुन और सोडे से की जाती है। भारत में धोबी सज्जी मिट्टी का व्यवहार करते हैं, जिसका सक्रिय अवयव सोडियम कार्बोनेट होता है। सूती वस्त्रों के लिए यह धुलाई ठीक है पर ऊनी, रेशमी, रेयन और इसी प्रकार के अन्य वस्त्रों के लिए यह ठीक नहीं है। ऐसी धुलाई से वस्त्रों के रेशे कमजोर हो जाते हैं और यदि कपड़ा रंगीन है तो रंग भी फीका पड़ जाता है। ऐसे वस्त्रों की धुलाई सूखी रीति से की जाती है। केवल वस्त्र ही सूखी रीति से नहीं धोए जाते वरन् घरेलू सजावट के साज सामान भी सूखी धुलाई से धोए जाते हैं। सूखी धुलाई की कला अब बहुत उन्नति कर गई है। इससे धुलाई जल्दी तथा अच्छी होती है और वस्त्रों के रेशे और रंगों की कोई क्षति नहीं होती। विशेष रूप से ऊनी कंबल आदि के लिए यह बहुत उपयोगी है। .

नई!!: सोडियम कार्बोनेट और सूखी धुलाई · और देखें »

सोडियम

सोडियम (Sodium; संकेत, Na) एक रासायनिक तत्त्व है। यह आवर्त सारणी के प्रथम मुख्य समूह का दूसरा तत्व है। इस समूह में में धातुगण विद्यमान हैं। इसके एक स्थिर समस्थानिक (द्रव्यमान संख्या २३) और चार रेडियोसक्रिय समस्थानिक (द्रव्यमन संख्या २१, २२, २४, २४) ज्ञात हैं। .

नई!!: सोडियम कार्बोनेट और सोडियम · और देखें »

सोडियम बाईकार्बोनेट

सोडियम बाईकारोनेट के अणु की संरचना सोडियम बाई कार्बोनेट सोडियम बाईकार्बोनेट एक अकार्बनिक यौगिक है। इसे मीठा सोडा या 'खाने का सोडा' (बेकिंग सोडा) भी कहते हैं क्योंकि विभिन्न व्यंजनों को बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। इसका अणुसूत्र NaHCO3 है। इसका आईयूपीएसी नाम 'सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट' है। .

नई!!: सोडियम कार्बोनेट और सोडियम बाईकार्बोनेट · और देखें »

हाइड्रोक्लोरिक अम्ल

३०% सान्द्रता वाला हाइड्रोक्लोरिक अम्ल हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एक प्रमुख अकार्बनिक अम्ल है। वस्तुतः हाइड्रोजन क्लोराइड गैस के जलीय विलयन को ही हाइड्रोक्लोरिक अम्ल कहते हैं। इस अम्ल का उल्लेख ग्लौबर ने १६४८ ई. में पहले पहल किया था। जोसेफ़ प्रीस्टली ने १७७२ में पहले पहल तैयार किया और सर हंफ्री डेवी ने १८१० ई. में सिद्ध किया कि हाइड्रोजन और क्लोरीन का यौगिक है। इससे पहले लोगों की गलत धारणा थी कि इसमें ऑक्सीजन भी रहता है। तब इसका नाम 'म्यूरिएटिक अम्ल' पड़ा या जो आज भी कहीं कहीं प्रयोग में आता है। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल ज्वालामुखी गैसों में पाया जाता है। मानव जठर में इसकी अल्प मात्रा रहती है और आहार पाचन में सहायक होती है। .

नई!!: सोडियम कार्बोनेट और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल · और देखें »

वस्त्र धुलाई

धुले हुए वस्त्र सूखने के लिये पसारे गये हैं वस्त्रों की धुलाई या वस्त्र-धावन प्राचीन काल से चला आ रहा है। भारत में पारम्परिक रूप से यह कार्य धोबी करते थे। अब धुलाई की मशीनें भी इस कार्य में सहायक हैं। .

नई!!: सोडियम कार्बोनेट और वस्त्र धुलाई · और देखें »

गन्धकाम्ल

गन्धकाम्ल (सल्फ्युरिक एसिड) एक तीव्र अकार्बनिक अम्ल है। प्राय: सभी आधुनिक उद्योगों में गन्धकाम्ल अत्यावश्यक होता है। अत: ऐसा माना जाता है कि किसी देश द्वारा गन्धकाम्ल का उपभोग उस देश के औद्योगीकरण का सूचक है। गन्धकाम्ल के विपुल उपभोगवाले देश अधिक समृद्ध माने जाते हैं। शुद्ध गन्धकाम्ल रंगहीन, गंधहीन, तेल जैसा भारी तरल पदार्थ है जो जल में हर परिमाण में विलेय है। इसका उपयोग प्रयोगशाला में प्रतिकारक के रूप में तथा अनेक रासायनिक उद्योगों में विभिन्न रासायनिक पदार्थों के संश्लेषण में होता है। बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन करने के लिए सम्पर्क विधि का प्रयोग किया जाता है जिसमें गन्धक को वायु की उपस्थिति में जलाकर विभिन्न प्रतिकारकों से क्रिया कराई जाती है। खनिज अम्लों में सबसे अधिक प्रयोग किया जाने वाला यह महत्त्वपूर्ण अम्ल है। प्राचीन काल में हराकसीस (फेरस सल्फेट) के द्वारा तैयार गन्धक द्विजारकिक गैस को जल में घोलकर इसे तैयार किया गया। यह तेल जैसा चिपचिपा होता है। इन्ही कारणों से प्राचीन काल में इसका नाम 'आयँल ऑफ विट्रिआँल' रखा गया था। हाइड्रोजन, गन्धक तथा जारक तीन तत्वों के परमाणुओं द्वारा गन्धकाम्ल के अणु का संश्लेषण होता है। आक्सीजन युक्ति होने के कारण इस अम्ल को 'आक्सी अम्ल' कहा जाता है। इसका अणुसूत्र H2SO4 है तथा अणु भार ९८ है। गन्धकाम्ल प्राचीनकाल के कीमियागर एवं रसविद् आचार्यों को गन्धकाम्ल के संबंध में बहुत समय से पता था। उस समय हरे कसीस को गरम करने से यह अम्ल प्राप्त होता था। बाद में फिटकरी को तेज आँच पर गरम करने से भी यह अम्ल प्राप्त होने लगा। प्रारंभ में गन्धकाम्ल चूँकि हरे कसीस से प्राप्त होता था, अत: इसे "कसीस का तेल' कहा जाता था। तेल शब्द का प्रयोग इसलिए हुआ कि इस अम्ल का प्रकृत स्वरूप तेल सा है। .

नई!!: सोडियम कार्बोनेट और गन्धकाम्ल · और देखें »

कल्लर भूमि

कल्लर भूमि तीन प्रकार की होती है-.

नई!!: सोडियम कार्बोनेट और कल्लर भूमि · और देखें »

अकार्बनिक यौगिकों की सूची

इस सूची में अधिकांश रासायनिक यौगिकों के नाम आईयूपीएसी (IUPAC) नाम दिये गये हैं किन्तु कहीं-कहीं उनके पारम्परिक नाम भी साथ में दे दिये गये हैं।.

नई!!: सोडियम कार्बोनेट और अकार्बनिक यौगिकों की सूची · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

धावन सोडा, क्षारातु प्रांगारीय

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »