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सुखोई एसयू-३० एमकेआई

सूची सुखोई एसयू-३० एमकेआई

सुखोई ३० एमकेआई भारतीय वायुसेना का अग्रिम पन्क्ति का लड़ाकू विमान है। यह बहु-उपयोगी लड़ाकू विमान रूस के सैन्य विमान निर्माता सुखोई तथा भारत के हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड के सहयोग से बना है। इस के नाम में स्थित एम के आई का विस्तार मॉडर्नि रोबान्बि कॉमर्स्कि इंडिकि (модернизированный коммерческий индийский) है यानि आधुनिक व्यावसायिक भारतीय (विमान)। इसी श्रृंखला के सुखोई ३०-एमकेके तथा एमके२ विमानों को चीन तथा बाद में इण्डोनेशिया को बेचा गया था। इसके अलावा एमकेएम, एमकेवी तथा एमकेए संस्करणों को मलेशिया, वेनेजुएला तथा अल्जीरिया को भी बेचा गया है। विमान ने सन १९९७ में पहली उड़ान भरी थी। सन २००२ में इसे भारतीय वायुसेना में सम्मिलित कर लिया गया। सन २००४ से इनका निर्माण भारत में ही हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। यह एक ४++ पीढ़ी का लडाकू विमान है। अकतूबर २००९ में ऐसे १०५ विमानो की ६ स्क्वाड्रन भारतीय वायुसेना की सेवा में थी। ऐसे कुल २८० विमान हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाये जाने की योजना है। यह विमान ३००० किमी की दूरी तक जा कर हमला कर सकता है। इसे शक्ति इसके दो एएल-३१ तर्बोफैन इन्जनो से मिलती है जो इसे २६०० किमी प्रति घण्टे की गति देते हैं। यह विमान हवा में ईन्धन भर सकता है। इस विमान में अलग अलग तरह के बम तथा प्रक्षेपास्त्र ले जाने के लिये १२ स्थान है। भविष्य में इसे ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र से लैस किया जायेगा। इसके अतिरिक्त इसमे एक ३० मिमि की तोप भी लगी है। .

12 संबंधों: डीआरडीओ एंटी रेडिएशन मिसाइल, डीआरडीओ स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार, डीआरडीओ ग्लाइड बम, ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र, भारतीय वायुसेना, सुदर्शन लेजर निर्देशित बम, सुखोई एसयू-30एमकेएम, सुखोई एसयू-30एमकेके, सुखोई एसयू-9, सुखोई सुपरजेट 100, वायुसेना, अस्त्र प्रक्षेपास्त्र

डीआरडीओ एंटी रेडिएशन मिसाइल

डीआरडीओ एंटी रेडिएशन मिसाइल (DRDO Anti-Radiation Missile) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित की जा रही एंटी रेडिएशन मिसाइल है। यह भारत की पहली एंटी रेडिएशन मिसाइल है। यह मिसाइल दुश्मन के राडार व ट्रांसिमट सिग्नलों को खराब कर देती है। जिससे दुसमन अपनी राडार व ट्रांसिमट सिग्नलों की क्षमता खो देता है। वर्तमान में यह टेक्नोलॉजी सिर्फ अमेरिका, रूस और जर्मनी के पास है। .

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डीआरडीओ स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार

डीआरडीओ स्मार्ट विरोधी एयरफील्ड हथियार (DRDO Smart Anti-Airfield Weapon or SAAW) एक लंबी दूरी की परिशुद्धता निर्देशित एंटी एयरफील्ड हथियार है। जो वर्तमान में भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित की जा रही है इसे 100 किलोमीटर (62 मील) की सीमा तक उच्च परिशुद्धता के साथ जमीन के लक्ष्य को मारने के लिए तैयार किया गया है। .

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डीआरडीओ ग्लाइड बम

डीआरडीओ ग्लाइड बम (DRDO Glide Bombs) रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन का उत्पाद है, जो एक मानकीकृत मध्यम रेंज सटीक निर्देशित हथियार के लिए प्रोयोग किया जाएगा। यह बम भारतीय वायुसेना के लिए बहुत उपयोगी है यह लड़ाकू विमानो को सहूलित देगा की वह खतरे वाले क्षेत्र में जाए वैगैर उस लक्ष्य को खत्म कर सके। जिससे लड़ाकू विमानो की उम्र बढ़ जाएगी। क्यूकी विमान को नुकसान की कम संभावना होगी। और लक्ष्य पर सटीक वार से आस-पास के नुकसान को भी कम किया जा सकता है। प्रख्यात मिसाइल वैज्ञानिक, डॉ जी.

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ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र

'''ब्रह्मोस''' विश्व की सबसे तीव्रगामी मिसाइल है। ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया (NPO Mashinostroeyenia) तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ब्रह्मोस के समुद्री तथा थल संस्करणों का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है तथा भारतीय सेना एवं नौसेना को सौंपा जा चुका है। ब्रह्मोस भारत और रूस के द्वारा विकसित की गई अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है और इसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी देश बना दिया है। .

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भारतीय वायुसेना

भारतीय वायुसेना (इंडियन एयरफोर्स) भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है जो वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, एवं वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है। इसकी स्थापना ८ अक्टूबर १९३२ को की गयी थी। आजादी (१९५० में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) से पूर्व इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था और १९४५ के द्वितीय विश्वयुद्ध में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आजादी (१९५० में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) के पश्च्यात इसमें से "रॉयल" शब्द हटाकर सिर्फ "इंडियन एयरफोर्स" कर दिया गया। आज़ादी के बाद से ही भारतीय वायुसेना पडौसी मुल्क पाकिस्तान के साथ चार युद्धों व चीन के साथ एक युद्ध में अपना योगदान दे चुकी है। अब तक इसने कईं बड़े मिशनों को अंजाम दिया है जिनमें ऑपरेशन ''विजय'' - गोवा का अधिग्रहण, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस व ऑपरेशन पुमलाई शामिल है। ऐसें कई विवादों के अलावा भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का भी सक्रिय हिसा रही है। भारत के राष्ट्रपति भारतीय वायु सेना के कमांडर इन चीफ के रूप में कार्य करते है। वायु सेनाध्यक्ष, एयर चीफ मार्शल (ACM), एक चार सितारा कमांडर है और वायु सेना का नेतृत्व करते है। भारतीय वायु सेना में किसी भी समय एक से अधिक एयर चीफ मार्शल सेवा में कभी नहीं होते। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में स्थित है एवं २००६ के आंकडों के अनुसार इसमें कुल मिलाकर १७०,००० जवान एवं १,३५० लडाकू विमान हैं जो इसे दुनिया की चौथी सबसे बडी वायुसेना होने का दर्जा दिलाती है। .

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सुदर्शन लेजर निर्देशित बम

सुदर्शन लेजर निर्देशित बम (Sudarshan laser-guided bomb) भारतीय वायु सेना के लिए द्वारा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन विकसित एक लेजर निर्देशित बम है।, .

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सुखोई एसयू-30एमकेएम

सुखोई एसयू-30एमकेएम (Sukhoi Su-30MKM) (नाटो रिपोर्टिंग नाम: फ्लैकर-एच) रॉयल मलेशियाई वायु सेना का एक सुपरमैन्युएरेबल लड़ाकू विमान है। यह सुखोई एसयू-30 लड़ाकू विमान श्रृंखला का एक प्रकार है जिसे मूल सुखोई एसयू-30 से निर्यात संस्करण के लिए महत्वपूर्ण सुधारों के साथ बनाया गई है। सुखोई एसयू-30 एमकेएम को सुखोई डिजाइन ब्यूरो द्वारा विकसित किया गया था और यह भारतीय वायु सेना के सुखोई एसयू-30एमकेआई पर आधारित है। दोनों विमानों में सामान्य एयरफ्रेम, थ्रास्ट व्क्टरिंग इंजन और डिजिटल फ़्लाई-बाय-वायर सिस्टम हैं, हालांकि एमकेएम संस्करण मुख्य रूप से विमान की संरचना के कारण एमकेआई से अलग है। यह 8,000 किग्रा/17,650 पौंड हथियार तक ले जा सकता है और 700 नॉटिकल मील से अधिक अनफ़िल्टेड लड़ाकू त्रिज्या से पेलोड ले कर जा सकता है। .

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सुखोई एसयू-30एमकेके

सुखोई एसयू-30एमकेके (Sukhoi Su-30MKK) (नाटो रिपोर्टिंग नाम: फ्लेंकर-जी) सुखोई एसयू-30 का एक संशोधन है, जिसमें सुखोई एसयू-35 संस्करण से उन्नत तकनीक शामिल की गई है।MKK stands for Russian Mnogofunktzionniy Kommercheskiy Kitayski (Cyrillic: Многофунктзионний Коммерческий Китайски), "Multifunctional Commercial for China".

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सुखोई एसयू-9

सुखोई एसयू-9 (Sukhoi Su-9) (नाटो रिपोर्टिंग नाम: फिशपॉट) सोवियत संघ द्वारा विकसित एक एकल इंजन, सभी मौसम मे काम करने वाला, मिसाइल-सशस्त्र इंटरसेप्टर विमान था। .

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सुखोई सुपरजेट 100

सुखोई सुपरजेट 100 (Sukhoi Superjet 100) 8 (वीआईपी) और 108 (सामान्य) यात्री सीट वाला फ्लाई-बाय-वाइर दो इंजन वाला क्षेत्रीय जेट है। इसका विकास 2000 में शुरू हुआ था एयरलाइनर को रूसी नागरिक एयरोस्पेस कंपनी (यूएसी) के एक डिवीजन सुखोई द्वारा तैयार किया गया था, जिसने कई विदेशी भागीदारों के साथ सहयोग किया था। इसकी पहली उड़ान 1 9 मई 2008 को आयोजित की गई थी। 21 अप्रैल 2011 को, सुपरजेकेट 100 ने येरेवन से मॉस्को तक अरमावीया मार्ग पर अपनी पहली वाणिज्यिक यात्री उड़ान शुरू की। इसे एन-148, एम्ब्रेयर ई-जेट और बॉम्बार्डियर सीरीज समकक्षों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सुपरजेकेट 100 के दावों कहा गया है कि यह काफी कम लागत पर भी संचलित किया जा सकता है और इसे $ 3.5 करोड़ की कम खरीद मूल्य मे खरीदा जा सकता है। सुपरजेकेट 100 की अंतिम असेंबली को कोसोमोल्स्क-ऑन-अमूर एयरक्राफ्ट प्रोडक्शन एसोसिएशन द्वारा किया जाता है। इसके एसएएम-147 इंजन को फ्रेंच-रूसी पावरजेट संयुक्त उद्यम द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है। और इतालवी-रूसी सुपरजेट इंटरनेशनल संयुक्त उद्यम द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विमान का विपणन (मार्किटिंग) किया जाता है। .

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वायुसेना

एक वायुसेनिक अड्डा, चित्र में उड़नपट्टी पे गोर करे वायुसेना एक राष्ट्र की सैन्य संगठन की एक शाखा होती है जिसका मुख्य कार्य उस देश की वायु सुरक्षा, वायु चौकसी एव जरूरत होने पर वायु युद्ध करना होता है। इस सेन्य संगठन की संरचना थलसेना, नौसेना या अन्य शाखाओं से अलग और स्वतंत्र होती है। आमतौर पर वायुसेना अपना कर्तव्य पालन करने के लिए वायु नियंत्रण करती है जिसमे की दुश्मन सेना के विमान विशेष तोर पर लड़ाकू विमानों को नष्ट करना, शत्रु पर बमबारी और सतेही सेना को सामरिक सहायता प्रदान करना होता है। वायुसेना कई प्रकार के साजो सामान काम में लेती है व जिसमे विभिन्न प्रकार के हथियार व विमान शामिल होते है। किसी भी वायुसेना के बेड़े में कई प्रकार के लड़ाकू, बम डोही, टोही, तेल टेंकर व सेन्य परिवहन विमान शामिल हो सकते है। सुखोई एसयु-३० एमकेआई लड़ाकू विमान .

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अस्त्र प्रक्षेपास्त्र

अस्त्र दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), भारत ने विकसित किया है। यह हवा से हवा में मार करने वाला भारत द्वारा विकसित पहला प्रक्षेपास्त्र है। यह उन्नत प्रक्षेपास्त्र लड़ाकू विमानचालको को ८० किलोमीटर की दूरी से दुश्मन के विमानों पर निशाना लगाने और मार गिराने की क्षमता देता है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने प्रक्षेपास्त्र को मिराज २००० एच, मिग २९, सी हैरियर, मिग २१, एच ए एल तेजस और सुखोई एसयू-३० एमकेआई विमानो में लगाने के लिए विकसित किया है। अस्त्र एक लम्बी मैट्रा ५३० सुपर जैसी दिखती है। यह ठोस ईंधन प्रणोदक इस्तेमाल करती है हालांकि डीआरडीओ इसके लिये आकाश प्रक्षेपास्त्र जैसी प्रणोदन प्रणाली विकसित करना चाहती है। प्रक्षेपास्त्र पराध्वनि गति से लक्ष्य विमान अवरोधन करने में सक्षम है। .

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