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सीस्तान द्रोणी

सूची सीस्तान द्रोणी

सीस्तान द्रोणी क्षेत्र सीस्तान क्षेत्र का अंतरिक्ष से नज़ारा - एक रेतीला तूफ़ान चलता हुआ दिख रहा है सीस्तान द्रोणी या सीस्तान बेसिन (अंग्रेज़ी: Sistan Basin) दक्षिण-पश्चिमी अफ़्ग़ानिस्तान और दक्षिण-पूर्वी ईरान में स्थित एक बंद जलसंभर इलाका है। यह दुनिया के सबसे शुष्क क्षेत्रों में से एक है और यहाँ अक्सर सूखा पड़ता है। यहाँ पर अफ़्ग़ानिस्तान के पर्वती क्षेत्रों से बहुत से नदी-झरने पानी लाते हैं तो अफ़्ग़ानिस्तान की गोदज़रेह द्रोणी में जाते हैं (यह सीस्तान द्रोणी का एक धंसा हुआ क्षेत्र है)। यहाँ पर हिन्दु कुश पर्वतों से उभरने वाली हेलमंद नदी भी अपना पानी लाती है।, World Book, Inc, World Book.com, 2002, ISBN 978-0-7166-1295-7,...

7 संबंधों: दश्त-ए-मारगो, नीमरूज़ प्रान्त, फ़राह नदी, सफ़्फ़ारी राजवंश, हामून-ए-हेलमंद, हेलमंद नदी, कजकी बाँध

दश्त-ए-मारगो

सीस्तान द्रोणी क्षेत्र में दश्त-ए-मारगो दश्त-ए-मारगो (फ़ारसी) दक्षिण-पश्चिमी अफ़्ग़ानिस्तान के हेलमंद और नीमरूज़ प्रान्तों में स्थित एक रेगिस्तान है। इस मरुस्थल का कुल क्षेत्रफल १,५०,००० वर्ग किमी है और इसकी ऊंचाई ५०० से ७०० मीटर के बीच है। .

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नीमरूज़ प्रान्त

अफ़्ग़ानिस्तान का नीमरूज़ प्रान्त (लाल रंग में) नीमरूज़ प्रान्त में शुष्क-पथरीली ज़मीन पर उगने वाला 'चश्त' नामक पौधा नीमरूज़ प्रान्त के चख़ानसूर ज़िले का एक नज़ारा नीमरूज़ (पश्तो:, अंग्रेजी: Nimruz) अफ़्ग़ानिस्तान का एक प्रांत है जो उस देश के पश्चिम में स्थित है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल ४१,००५ वर्ग किमी है और इसकी आबादी सन् २००२ में लगभग १.५ लाख अनुमानित की गई थी।, Central Intelligence Agency (सी आइ ए), Accessed 27 दिसम्बर 2011 इस प्रान्त की राजधानी ज़रंज शहर है। इस प्रान्त की सरहदें ईरान और पाकिस्तान से लगती हैं। नीमरूज़ प्रान्त अफ़्ग़ानिस्तान की सब से कम घनी आबादी वाला सूबा है और इसका एक बड़ा भूभाग सीस्तान द्रोणी और दश्त-ए-मारगो के भयंकर रेगिस्तान में आता है। .

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फ़राह नदी

अमेरिकी सैनिक इंजिनियर आधी-सूखी हुई फ़राह नदी का मुआइना करते हुए - इस स्थान पर बाद में तोग्ज पुल नाम सेतु बनाया गया था फ़राह नदी (अंग्रेज़ी: Farah river) या फ़राह रूद (फ़ारसी और पश्तो) पश्चिमी अफ़ग़ानिस्तान की एक ५६० किमी लम्बी नदी है जो बंद-ए-बायान पहाड़ों से उभरकर ईरान और अफ़ग़ानिस्तान की सरहद पर सीस्तान द्रोणी में स्थित हेलमंद नदी के नदीमुख (डेल्टा) क्षेत्र में जाकर ख़ाली हो जाती है। अफ़ग़ानिस्तान के फ़राह प्रान्त की राजधानी फ़राह शहर इसी नदी के किनारे बसी हुई है। फ़राह रूद एक मौसमी नदी है जिसका पानी कभी ज़्यादा और कभी बहुत ही कम हो जाता है।, Encyclopaedia Britannica, 1998, ISBN 978-0-85229-633-2,...

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सफ़्फ़ारी राजवंश

सफ़्फ़ारी राजवंश (फ़ारसी:, अंग्रेज़ी: Saffarids) सीस्तान क्षेत्र से उत्पन्न एक मध्यकालीन राजवंश था जिसने पूर्वी ईरान, ख़ुरासान, अफ़ग़ानिस्तान व बलोचिस्तान पर ८६१ ईसवी से १००२ ईसवी तक राज किया। इस राजवंश की नीव याक़ूब बिन लैथ़ अस-सफ़्फ़ार ने रखी जो एक स्थानीय अय्यार (लड़ाका) था। उसके पिता लैथ़ ताम्बे का काम करते था जिसे व्यवसाय को फ़ारसी भाषा में 'सफ़्फ़ार' कहते हैं, लेकिन उसने यह पारिवारिक पेशा छोड़कर अय्यारी शुरू कर दी। उसने इस्लाम के नाम पर पहले सीस्तान क्षेत्र और फिर अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा कर लिया। .

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हामून-ए-हेलमंद

सन् १९७६ में अंतरिक्ष से ली गई तस्वीर जिसमें ऊपर-दाएँ में हामून-ए-पुज़क, बाएँ में हामून-ए-सबरी, नीचे-बाएँ में हामून-ए-हेलमंद नज़र आ रहे हैं सन् २००१ में ली गई तस्वीर में तीनों हामून सूखे पड़े हैं हामून-ए-हेलमंद (अंग्रेज़ी: Hamun-e Helmand), जिसे दरियाचेह-ए-हामून (फ़ारसी) भी कहते हैं, पूर्वी ईरान के सीस्तान व बलोचिस्तान प्रांत में अफ़ग़ानिस्तान की सरहद के नज़दीक मौसमी तौर पर बन जानी वाली एक कम गहराई की दलदली झील है। यह हेलमंद नदी के पानी से बनती है जो अफ़ग़ानिस्तान के हिन्दू कुश पर्वतों से शुरू होती है। ईरान के पठार पर ऐसी अधिक प्रवाह वाले मौसम में भर जाने वाली झीलों को हामून कहा जाता है। १९७६ में अफ़ग़ानिस्तान से नदियाँ पूरे प्रवाह पर चला करती थी, जिस से यह झील भी फैलकर लगभग ४,००० वर्ग किमी तक विस्तृत हो जाया करती थी। १९९९ से २००१ के काल में सूखा पड़ा और झील क़रीब-क़रीब ग़ायब ही हो गई। उसके बाद से कभी बन जाती है और कभी नहीं। जब अफ़ग़ानिस्तान में सूखा पड़ता है या वहाँ हेलमंद का पानी रोक देने से प्रवाह कम होता है जो यहाँ रेत के बड़े टीले बन जाते हैं और पूरा रेगिस्तान लौट आता है। इस झील के किनारे कुछ मछुआरे गाँव हैं और इसके सूख जाने पर वह भी कभी-कभी रेत से ढके जाते हैं।, John Whitney, U.S. Geological Survey, 2006, Accessed 2010-08-31 .

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हेलमंद नदी

हेलमंद नदी के मार्ग का मानचित्र अफ़ग़ानिस्तान के हेलमंद प्रान्त में हेलमंद नदी एक तंग घाटी से गुज़रती हुई हेलमंद नदी पर लगा कजकी बाँध हेलमंद नदी (पश्तो: हीरमंद दरिया या हेलमंद दरिया) अफ़्गानिस्तान की सबसे लम्बी नदी है.

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कजकी बाँध

कजकी बाँध कजकी बाँध (फ़ारसी:, सद कजकी; अंग्रेजी: Kajaki Dam), जिसे कजकई बाँध भी कहा जाता है दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान के हेलमंद प्रान्त में हेलमंद नदी पर स्थित एक बड़ा जलविद्युत बाँध है। यह कंदहार शहर से १६१ किमी पश्चिमोत्तर में स्थित है। इस से ३३ मेगावाट बिजली बनाई जाती है और इसके पानी के ज़रिये ६,५०,००० हेकटर ज़मीन सींची जाती है जो इस बाँध के बिना बंजर होती। बाँध की ऊंचाई १०० मीटर है और नदी को २७० मीटर की चौड़ाई पर लांघता है। यह सीस्तान द्रोणी में पानी पहुँचाने वाले मुख्य जलसम्भर को नियंत्रित करता है।, Jon Boone, The Guardian, Accessed 14 दिसम्बर 2009 .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

सिस्तान द्रोणी, सिस्तान जलाधार

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