लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

सिन्धी भाषा

सूची सिन्धी भाषा

सिंधी भारत के पश्चिमी हिस्से और मुख्य रूप से गुजरात और पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। इसका संबंध भाषाई परिवार के स्तर पर आर्य भाषा परिवार से है जिसमें संस्कृत समेत हिन्दी, पंजाबी और गुजराती भाषाएँ शामिल हैं। अनेक मान्य विद्वानों के मतानुसार, आधुनिक भारतीय भाषाओं में, सिन्धी, बोली के रूप में संस्कृत के सर्वाधिक निकट है। सिन्धी के लगभग ७० प्रतिशत शब्द संस्कृत मूल के हैं। सिंधी भाषा सिंध प्रदेश की आधुनिक भारतीय-आर्य भाषा जिसका संबंध पैशाची नाम की प्राकृत और व्राचड नाम की अपभ्रंश से जोड़ा जाता है। इन दोनों नामों से विदित होता है कि सिंधी के मूल में अनार्य तत्व पहले से विद्यमान थे, भले ही वे आर्य प्रभावों के कारण गौण हो गए हों। सिंधी के पश्चिम में बलोची, उत्तर में लहँदी, पूर्व में मारवाड़ी और दक्षिण में गुजराती का क्षेत्र है। यह बात उल्लेखनीय है कि इस्लामी शासनकाल में सिंध और मुलतान (लहँदीभाषी) एक प्रांत रहा है और 1843 से 1936 ई. तक सिन्ध, बम्बई प्रांत का एक भाग होने के नाते गुजराती के विशेष संपर्क में रहा है। पाकिस्तान में सिंधी भाषा नस्तालिक (यानि अरबी लिपि) में लिखी जाती है जबकि भारत में इसके लिये देवनागरी और नस्तालिक दोनो प्रयोग किये जाते हैं। .

153 संबंधों: चालीह–चोरासी, चीख़, टांडाणा (अंधेरी रात में), टांक ज़िला, एच. आई. सदारंगाणी, एम. यू. मलकाणी, एम. कमल, ठट्टा, ढोलण राही, तहक़ीक़ एन तनक़ीद, तारा मीरचंदाणी, तक तोर, तीर्थ वसंत, दिक्, दक्षिण एशिया, देशी भाषाओं में देशों और राजधानियों की सूची, देवनागरी का इतिहास, धर्ती–अ–जो–साद, नामदेव ताराचंदाणी, नारायण श्याम, नेपाली भाषाएँ एवं साहित्य, परम ए. अबीचंदाणी, पल पल जो परलाओ, पाकिस्तान में हिन्दू धर्म, पाकिस्तान खपे, पाकिस्तान की भाषाएँ, पंजाब (पाकिस्तान), प्यार जी प्यास, प्राचीन भारत, पोपटी आर. हीरानंदाणी, फहमीदा हुसैन, फ़ारसी-अरबी लिपि, बर्फ जो ठहेयलु, बाहि जा वारिस, भाटिया जाति, भारत, भारत सारावली, भारत की भाषाएँ, भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी, भारत की आधिकारिक भाषाओं में भारत गणराज्य के नाम, भाषा सम्मान पुरस्कार, भाषा संस्थानों की सूची, भगत, मँहगी मुर्क, माया राही, मिटीअ खां मिट्टीअ तार्इं, मंश-नगरी, मुहीजी हयाती–आ–जा सोना रोपा वर्क, मेरो सिज, मोती प्रकाश, ..., मोहन गेहाणी, मोहन कल्पना, मीर ज़फ़रुल्लाह ख़ान जमाली, याद हिक प्यार जी, राम पंजवाणी, राष्ट्रभाषा, राष्ट्रीय सिन्धी भाषा संवर्धन परिषद, राजा धच, रिश्तन जी सियासत, रोहड़ी, लसबेला ज़िला, लहन्दा भाषाएँ, लाल पुष्प, लखमी खिलाणी, लक्ष्मण दुबे, लक्ष्मण भाटिया कोमल, लेखराज किशनचंद अज़ीज़, लेग़ारी, शफी मुहम्मद बरफात, शाह जो रिसालो मुजामिल, शाह अब्दुल लतीफ़, श्याम जयसिंघाणी, शीशे–जा घर, सतीश रोहरा, सम्माँ राजवंश, साहित्य अकादमी पुरस्कार सिन्धी, सिन्धी नस्र जी तारीख़, सिन्धी भाषा विधेयक, १९७२, सिन्धी भाषा का साहित्य, सिन्धी भाषा की लिपियाँ, सिन्धी लोग, सिन्धी संस्कृति, सिन्धी विकिपीडिया, सिबि ज़िला, सिजा अज्ञान बुकु, सिंधी, सख्खर, संस्कृत भाषा, सक्खर ज़िला, सुराही, सुंदरी ए. उत्तमचंदाणी, सृजन जो संकट ऐं सिन्धी कहाणी, से सभ सांध्यम साह सें, सोच जूं सूरतूं, हठयोगी, हरि दरयाणी दिलगीर, हरि मोटवाणी, हरिकान्त जेठवाणी, हरीश वासवाणी, हिन्द-आर्य भाषाएँ, हुनजे आतम जो मौत, हैदर बख़्श जतोई, हीरो ठाकुर, हीरो शेवकाणी, ज़लज़लों, जैकबाबाद ज़िला, जी–आ–झरोको, ईद उल-फ़ित्र, ईश्वर आँचल, वारी–अ–भर्यो पलांदु, वासदेव मोही, वासुदेव निर्मल, विजूं वसण आयूं, विछोरो, खुदाबादी लिपि, गुणो सामताणी, गुफ़ा जे हुन पार, गूगल खोज, गोपे कमल, गोष्ठी, गोवर्धन महबूबाणी भारती, गोविन्द माल्ही, आझो, आठवीं अनुसूची, आदिम हिन्द-ईरानी भाषा, आनंद खेमानी, आन्ध्र प्रदेश, आबिदा परवीन, आरसी–आ–आडो, इन्दौर, इन्साइक्लोपीडिया सिंधियाना, इंदरा वासवाणी, कँवर, कला प्रकाश, कल्याण बी– आडवाणी, कल्होड़ा राजवंश, कशमोर ज़िला, कविता खाँ कविता तार्इं, कुमाच, कृशिन राही, कृशिन खटवाणी, कीरत बाबाणी, अञा याद आहे, अँधेरो रोशन थिये, अनोखा अज़मूदा, अफगानिस्तान में हिन्दू धर्म, अर्नेस्ट ट्रम्प, अर्जन मीरचंदाणी शाद, अर्जन हासिद, अंधो दूहों, उपभाषा सतति, उहा शाम, ...त ख्वाबनि जो छा थींदो सूचकांक विस्तार (103 अधिक) »

चालीह–चोरासी

चालीह–चोरासी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हरीश वासवाणी द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1987 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और चालीह–चोरासी · और देखें »

चीख़

चीख़ सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार एच. आई. सदारंगाणी द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1978 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और चीख़ · और देखें »

टांडाणा (अंधेरी रात में)

टांडाणा (अंधेरी रात में) सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार ईश्वर आँचल द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1997 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और टांडाणा (अंधेरी रात में) · और देखें »

टांक ज़िला

ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रांत में टांक ज़िला (गाढ़े नारंगी रंग में) टांक (उर्दू:, टांक; पश्तो:, टक; सराइकी:, टंक; अंग्रेज़ी: Tank) पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रांत का एक ज़िला है। यह पहले डेरा इस्माइल ख़ान ज़िले का हिस्सा हुआ करता था। .

नई!!: सिन्धी भाषा और टांक ज़िला · और देखें »

एच. आई. सदारंगाणी

एच.

नई!!: सिन्धी भाषा और एच. आई. सदारंगाणी · और देखें »

एम. यू. मलकाणी

एम.

नई!!: सिन्धी भाषा और एम. यू. मलकाणी · और देखें »

एम. कमल

एम.

नई!!: सिन्धी भाषा और एम. कमल · और देखें »

ठट्टा

ठट्टा या ठठ्ठा (सिन्धी:, उर्दू:, अंग्रेज़ी: Thatta) पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में कराची से 98 किमी पूर्व में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। यहाँ एक 'मकली क़ब्रिस्तान' (अंग्रेज़ी: Makli Hill) नामक मशहूर समाधि-क्षेत्र है जहाँ बहुत से शानदार मक़बरे हैं और जो एक विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्य है।, Sarina Singh, Lindsay Brown, Paul Clammer, Rodney Cocks, John Mock, pp.

नई!!: सिन्धी भाषा और ठट्टा · और देखें »

ढोलण राही

ढोलण राही सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह अँधेरो रोशन थिये के लिये उन्हें सन् 2005 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और ढोलण राही · और देखें »

तहक़ीक़ एन तनक़ीद

तहक़ीक़ एन तनक़ीद सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हीरो ठाकुर द्वारा रचित एक निबंध है जिसके लिये उन्हें सन् 2003 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और तहक़ीक़ एन तनक़ीद · और देखें »

तारा मीरचंदाणी

तारा मीरचंदाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास हठयोगी के लिये उन्हें सन् 1993 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और तारा मीरचंदाणी · और देखें »

तक तोर

तक तौर सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार परम ए. अबीचंदाणी द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 2000 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और तक तोर · और देखें »

तीर्थ वसंत

तीर्थ वसंत सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक जीवनी कँवर के लिये उन्हें सन् 1959 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और तीर्थ वसंत · और देखें »

दिक्

तीन आयाम या डिमॅनशन वाली दिक् में तीन निर्देशांकों से किसी भी बिंदु के स्थान का पता चल जाता है दिक् जगह के उस विस्तार या फैलाव को कहते हैं जिसमें वस्तुओं का अस्तित्व होता है और घटनाएँ घटती हैं। मनुष्यों के नज़रिए से दिक् के तीन पहलू होते हैं, जिन्हें आयाम या डिमॅनशन भी कहते हैं - ऊपर-नीचे, आगे-पीछे और दाएँ-बाएँ। .

नई!!: सिन्धी भाषा और दिक् · और देखें »

दक्षिण एशिया

thumb दक्षिण एशिया एक अनौपचारिक शब्दावली है जिसका प्रयोग एशिया महाद्वीप के दक्षिणी हिस्से के लिये किया जाता है। सामान्यतः इस शब्द से आशय हिमालय के दक्षिणवर्ती देशों से होता है जिनमें कुछ अन्य अगल-बगल के देश भी जोड़ लिये जाते हैं। भारत, पाकिस्तान, श्री लंका और बांग्लादेश को दक्षिण एशिया के देश या भारतीय उपमहाद्वीप के देश कहा जाता है जिसमें नेपाल और भूटान को भी शामिल कर लिया जाता है। कभी कभी इसमें अफगानिस्तान और म्याँमार को भी जोड़ लेते हैं। दक्षिण एशिया के देशों का एक संगठन सार्क भी है जिसके सदस्य देश निम्नवत हैं.

नई!!: सिन्धी भाषा और दक्षिण एशिया · और देखें »

देशी भाषाओं में देशों और राजधानियों की सूची

निम्न चार्ट विश्व के देशों को सूचीबद्ध करता है (जैसा की यहां परिभाषित किया गया है), इसमें उनके राजधानीयों के नाम भी शामिल है, यह अंग्रेजी के साथ साथ उस देश की मूल भाषा और/या सरकारी भाषा में दी गयी है। ज टी की कोण नॉन en .

नई!!: सिन्धी भाषा और देशी भाषाओं में देशों और राजधानियों की सूची · और देखें »

देवनागरी का इतिहास

देवनागरी लिपि की जड़ें प्राचीन ब्राह्मी परिवार में हैं। गुजरात के कुछ शिलालेखों की लिपि, जो प्रथम शताब्दी से चौथी शताब्दी के बीच के हैं, नागरी लिपि से बहुत मेल खाती है। ७वीं शताब्दी और उसके बाद नागरी का प्रयोग लगातार देखा जा सकता है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और देवनागरी का इतिहास · और देखें »

धर्ती–अ–जो–साद

धर्ती–अ–जो–साद सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार कीरत बाबाणी द्वारा रचित एक नाटक है जिसके लिये उन्हें सन् 2006 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और धर्ती–अ–जो–साद · और देखें »

नामदेव ताराचंदाणी

नामदेव ताराचंदाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता-संग्रह मंश-नगरी के लिये उन्हें सन् 2013 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और नामदेव ताराचंदाणी · और देखें »

नारायण श्याम

नारायण श्याम सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह वारी–अ–भर्यो पलांदु के लिये उन्हें सन् 1970 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और नारायण श्याम · और देखें »

नेपाली भाषाएँ एवं साहित्य

नेपाल में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं, जैसे किराँती, गुरुंग, तामंग, मगर, नेवारी, गोरखाली आदि। काठमांडो उपत्यका में सदा से बसी हुई नेवार जाति, जो प्रागैतिहासिक गंधर्वों और प्राचीन युग के लिच्छवियों की आधुनिक प्रतिनिधि मानी जा सकती है, अपनी भाषा को नेपाल भाषा कहती रही है जिसे बोलनेबालों की संख्या उपत्यका में लगभग 65 प्रतिशत है। नेपाली, तथा अंग्रेजी भाषाओं में प्रकाशित समाचार पत्रों के ही समान नेवारी भाषा के दैनिक पत्र का भी प्रकाशन होता है, तथापि आज नेपाल की सर्वमान्य राष्ट्रभाषा नेपाली ही है जिसे पहले परवतिया "गोरखाली" या खस-कुरा (खस (संस्कृत: कश्यप; कुराउ, संस्कृत: काकली) भी कहते थे। .

नई!!: सिन्धी भाषा और नेपाली भाषाएँ एवं साहित्य · और देखें »

परम ए. अबीचंदाणी

परम ए. अबीचंदाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना तक तोर के लिये उन्हें सन् 2000 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और परम ए. अबीचंदाणी · और देखें »

पल पल जो परलाओ

पल पल जो परलाओ सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हरि दरयाणी ‘दिलगीर’ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1979 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और पल पल जो परलाओ · और देखें »

पाकिस्तान में हिन्दू धर्म

पाकिस्तान में हिंदु धर्म का अनुसरण करने वाले कुल जनसंख्या के लगभग 2% है। पूर्वतन जनगणना के समय पाकिस्तानी हिंदुओं को जाति (1.6%) और अनुसूचित जाति (0.25%) में विभाजित किया गया।  पाकिस्तान को ब्रिटेन से स्वतन्त्रता 14 अगस्त, 1947 मिली उसके बाद 44 लाख हिंदुओं और सिखों ने आज के भारत की ओर स्थानान्तरण किया, जबकि भारत से 4.1 करोड़ मुसलमानों ने पाकिस्तान में रहने के लिये स्थानातरण किया।Boyle, Paul; Halfacre, Keith H.; Robinson, Vaughan (2014).

नई!!: सिन्धी भाषा और पाकिस्तान में हिन्दू धर्म · और देखें »

पाकिस्तान खपे

पाकिस्तान खपे (नस्तालीक़) पंजाबी, सिन्धी और उर्दू भाषाओँ का एक विवादित नारा है। इसका पंजाबी और उर्दू में अर्थ होता है "पाकिस्तान खप जाए (यानि उसका नाश हो)" लेकिन सिन्धी में अर्थ होता है "पाकिस्तान चाहिए (यानि नाश से बचा रहे)।" इसके विपरीत सिन्धी भाषा में "पाकिस्तान न खपे" का मतलब है के "हमें पाकिस्तान नहीं चाहिए।" सिन्धी अलगाववादी अक्सर अपने जलसों में "पाकिस्तान न खपे" के नारे लगते हैं। बेनज़ीर भुट्टो की मौत पर उनकी "पाकिस्तान पीपल्ज़ पार्टी" के कार्यकर्ताओं ने "पाकिस्तान न खपे" के राष्ट्र-विरोधी नारे लगाए थे। इस विद्रोही भावना को शांत करने के लिए बेनज़ीर भुट्टो के पति और आगे चलकर पाकिस्तान के बनने वाले राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी ने "पाकिस्तान खपे" का जवाब दिया। इसपर उनके आलोचकों ने प्रश्न उठाया है के उनका तात्पर्य इस नारे का सिन्धी अर्थ है या पंजाबी। .

नई!!: सिन्धी भाषा और पाकिस्तान खपे · और देखें »

पाकिस्तान की भाषाएँ

पाकिस्तान में अनेक प्रकार की भाषाएँ एवं बोलिया बोली जाती हैं। जिन में से पश्तो, पंजाबी, सिंधी और बलूची प्रमुख भाषाएँ हैं। .

नई!!: सिन्धी भाषा और पाकिस्तान की भाषाएँ · और देखें »

पंजाब (पाकिस्तान)

पंजाब पंजाब पाकिस्तान का एक प्रान्त है। इसमें ३६ जिले हैं। पंजाब आबादी के अनुपात से पाकिस्तान का सब से बड़ा राज्य है। पंजाब में रहने वाले लोग पंजाबी कहलाते हैं। पंजाब की दक्षिण की तरफ़ सिंध, पश्चिम की तरफ़ ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा और बलोचिस्तान,‎‎‎ उत्तर की तरफ़ कश्मीर और इस्लामाबाद और पूर्व में हिन्दुस्तानी पंजाब और राजस्थान से मिलता है। पंजाब में बोली जाने वाली भाषा भी पंजाबी कहलाती है। पंजाबी के अलावा वहां उर्दु और सराइकी भी बोली जाती है। पंजाब की (राजधानी) लाहौर है। पंजाब फ़ारसी भाषा के दो शब्दों - 'पंज' यानि 'पांच' (५) और 'आब' यानि 'पानी' से मिल कर बना है। इन पांच दरियाओं के नाम हैं.

नई!!: सिन्धी भाषा और पंजाब (पाकिस्तान) · और देखें »

प्यार जी प्यास

प्यार जी प्यास सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार गोविन्द माल्ही द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1973 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और प्यार जी प्यास · और देखें »

प्राचीन भारत

मानव के उदय से लेकर दसवीं सदी तक के भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास कहलाता है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और प्राचीन भारत · और देखें »

पोपटी आर. हीरानंदाणी

पोपटी आर.

नई!!: सिन्धी भाषा और पोपटी आर. हीरानंदाणी · और देखें »

फहमीदा हुसैन

डॉ फहमीदा हुसैन (मूल नाम: फहमीदा मेमन; जन्म: ०५ जुलाई, १९४८) (ڊاڪٽر فهميده حسين ميمڻ) सिन्धी साहित्यकार, शिक्षाविद एवं शिक्षक हैं। वे पाकिस्तान की सुप्रसिद्ध लेखिका, विद्वान, भाषाविद तथा बुद्धिजीवी हैं। उन्होने साहित्य, भाषाविज्ञान, स्त्री अध्ययन, तथा नृविज्ञान के क्षेत्र में कार्य किया है। उन्हें शाह अब्दुल लतीफ़ के काव्य में विशेषज्ञता प्राप्त है। सन २००८ से २०१५ तक वे सिन्धी भाषा प्राधिकरण (सिन्धी लैंग्वेज एथारिटी) की अध्यक्षा थीं। डॉ फहमीदा हुसैन का जन्म पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त के हैदराबाद जिले के टंडो जाम में हुआ था। उनके पिता मोहम्मद याकून 'नियाज' भी विद्वान थे जिन्होने हाफ़िज़ शिराज़ी के काव्य का फारसी से सिन्धी भाषा में अनुवाद किया था। उनके भाई सिराजुल हक़ मेमन भी एक प्रसिद्ध लेखक एवं शोधकर्ता थे। .

नई!!: सिन्धी भाषा और फहमीदा हुसैन · और देखें »

फ़ारसी-अरबी लिपि

फ़ारसी-अरबी लिपि या सिर्फ़ फ़ारसी लिपि (अलिफ़बाई फ़ारसी) अरबी लिपि पर आधारित एक लिपि है जिसका प्रयोग फ़ारसी, उर्दू, सिन्धी, पंजाबी और अन्य भाषाओँ को लिखने के लिए किया जाता है। इसका इजाद मुख्य रूप से इसलिए हुआ क्योंकि फ़ारसी में कुछ ध्वनियाँ हैं जो अरबी भाषा में नहीं हैं इसलिए उन्हें दर्शाने के लिए अरबी लिपि में कुछ नए अक्षरों को जोड़ना पड़ा।, Guy Ankerl, INU PRESS, 2000, ISBN 978-2-88155-004-1,...

नई!!: सिन्धी भाषा और फ़ारसी-अरबी लिपि · और देखें »

बर्फ जो ठहेयलु

बर्फ जो ठहेयलु सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार वासदेव मोही द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1999 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और बर्फ जो ठहेयलु · और देखें »

बाहि जा वारिस

बाहि जा वारिस सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार एम. कमल द्वारा रचित एक ग़ज़ल–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1989 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और बाहि जा वारिस · और देखें »

भाटिया जाति

भाटिया मूल रूप से कच्छ, सिंध और काठियावाड़ में रहने वाली जाति है। इनका मुख्य पेशा व्यापार हुआ करता था लेकिन वह राजपूत होने का दावा करते हैं। पंजाब के लाहौर जिले और मुल्तान जिले में भी इनकी पर्याप्त आबादी थी। भाटिया के दो मुख्य समूह है:- कच्छी और सिंधी। इनकी मातृभाषा कच्छी और सिंध में सिंधी है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और भाटिया जाति · और देखें »

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और भारत · और देखें »

भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और भारत सारावली · और देखें »

भारत की भाषाएँ

भारत बहुत सारी भाषाओं का देश है, लेकिन सरकारी कामकाज में व्यवहार में लायी जाने वाली दो भाषायें हैं, हिन्दी और अंग्रेज़ी। वृहद भारत के भाषा परिवार .

नई!!: सिन्धी भाषा और भारत की भाषाएँ · और देखें »

भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी

हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में १४ सितम्बर सन् १९४९ को स्वीकार किया गया। इसके बाद संविधान में अनुच्छेद ३४३ से ३५१ तक राजभाषा के साम्बन्ध में व्यवस्था की गयी। इसकी स्मृति को ताजा रखने के लिये १४ सितम्बर का दिन प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। धारा ३४३(१) के अनुसार भारतीय संघ की राजभाषा हिन्दी एवं लिपि देवनागरी है। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिये प्रयुक्त अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतरराष्ट्रीय स्वरूप (अर्थात 1, 2, 3 आदि) है। हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। संसद का कार्य हिंदी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। परन्तु राज्यसभा के सभापति महोदय या लोकसभा के अध्यक्ष महोदय विशेष परिस्थिति में सदन के किसी सदस्य को अपनी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुमति दे सकते हैं। किन प्रयोजनों के लिए केवल हिंदी का प्रयोग किया जाना है, किन के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का प्रयोग आवश्यक है और किन कार्यों के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाना है, यह राजभाषा अधिनियम 1963, राजभाषा नियम 1976 और उनके अंतर्गत समय समय पर राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए निदेशों द्वारा निर्धारित किया गया है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी · और देखें »

भारत की आधिकारिक भाषाओं में भारत गणराज्य के नाम

निम्नलिखित सूची में भारत की सभी २३ आधिकारिक भाषाओं में भारत के नाम दिए गए है।.

नई!!: सिन्धी भाषा और भारत की आधिकारिक भाषाओं में भारत गणराज्य के नाम · और देखें »

भाषा सम्मान पुरस्कार

भाषा सम्मान पुरस्कार एक भारतीय साहित्यिक पुरस्कार जो हर साल प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के वितरण का प्रारंभ साहित्य अकादमी ने १९९६ से किया। साहित्य अकादमी मान्यता-प्राप्त २४ भारतीय भाषाओं में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान करती है। इसलिए भाषा सम्मान पुरस्कार को गैर-मान्यता प्राप्त भाषाओं में साहित्यिक रचनात्मकता के साथ ही शैक्षिक अनुसंधान को स्वीकार और बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था। यह लेखकों, विद्वानों, संपादकों, संग्रहकर्ताओं, कलाकारों या अनुवादकों को प्रस्तुत किया जाता है जिन्होंने संबंधित भाषाओं के प्रचार, आधुनिकीकरण या संवर्धन में काफी योगदान दिया है। सन्मान में एक पुरस्कार पट्टिका के साथ १ लाख रुपये दिये जाते है। १९९६ में पुरस्कार की धनराशी रुपये २५,००० थी। ये सन २००१ में बढ कर रुपये ४०,०००, सन २००३ में रुपये ५०,०००, और सन २००९ में १ लाख रुपये हुई। यह सम्मन प्रत्येक वर्ष ३-४ व्यक्तियों को विभिन्न भाषाओं में दिए जाते हैं जो कि विशेषज्ञों की समितियों की सिफारिश के आधार पर होता है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और भाषा सम्मान पुरस्कार · और देखें »

भाषा संस्थानों की सूची

यहाँ भाषा-नियामक संस्थानों की सूची दी गई है जो मानक भाषाओं का नियमन करतीं हैं। इन्हें प्रायः 'भाषा अकादमी' कहा जाता है। भाषा अकादमियाँ भाषाई शुद्धता (linguistic purism) के उद्देश्य से काम करतीं हैं तथा भाषा से सम्बन्धित नीतियाँ बनाती एवं प्रकाशित करतीं हैं। .

नई!!: सिन्धी भाषा और भाषा संस्थानों की सूची · और देखें »

भगत

भगत सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार प्रेम प्रकाश द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2001 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और भगत · और देखें »

मँहगी मुर्क

मँहगी मुर्क सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार माया राही द्वारा रचित एक कहानी है जिसके लिये उन्हें सन् 2015 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और मँहगी मुर्क · और देखें »

माया राही

माया राही सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी मँहगी मुर्क के लिये उन्हें सन् 2015 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और माया राही · और देखें »

मिटीअ खां मिट्टीअ तार्इं

मिटीअ खां मिट्टीअ तार्इं सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार इंदरा वासवाणी द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2012 में सिन्धी भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और मिटीअ खां मिट्टीअ तार्इं · और देखें »

मंश-नगरी

मंश-नगरी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार नामदेव ताराचंदाणी द्वारा रचित एक कविता-संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2013 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और मंश-नगरी · और देखें »

मुहीजी हयाती–आ–जा सोना रोपा वर्क

मुहीजी हयाती–आ–जा सोना रोपा वर्क सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार पोपटी आर. हीरानंदाणी द्वारा रचित एक आत्मकथा है जिसके लिये उन्हें सन् 1982 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और मुहीजी हयाती–आ–जा सोना रोपा वर्क · और देखें »

मेरो सिज

मेरो सिज सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार अर्जन ‘हासिद’ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1985 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और मेरो सिज · और देखें »

मोती प्रकाश

मोती प्रकाश सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक यात्रा–वृत्तांत से सभ सांध्यम साह सें के लिये उन्हें सन् 1988 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और मोती प्रकाश · और देखें »

मोहन गेहाणी

मोहन गेहाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक नाट्य–संकलन...त ख्वाबनि जो छा थींदो के लिये उन्हें सन् 2011 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और मोहन गेहाणी · और देखें »

मोहन कल्पना

मोहन कल्पना सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह उहा शाम के लिये उन्हें सन् 1984 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और मोहन कल्पना · और देखें »

मीर ज़फ़रुल्लाह ख़ान जमाली

मीर ज़फ़रुल्लाह खान जमाली पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। वह एक जनवरी 1944 को बलूचिस्तान के जिला नसीरआबाद के गांव रोझान जमाली में पैदा हुए। प्रारंभिक शिक्षा रोझान जमाली में ही प्राप्त की। बाद में सेंट लॉरेंस कॉलेज घोड़ा गली मरी, एलिसन कॉलेज लाहौर और 1965 में गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। ज़फ़रुल्लाह जमाली प्रांत बलूचिस्तान द्वारा अब तक पाकिस्तान के एकमात्र प्रधानमंत्री हैं। ज़फ़रुल्लाह जमाली अंग्रेजी, उर्दू, सिंधी, बलोची, पंजाबी और पश्तो भाषा में महारत रखते हैं। .

नई!!: सिन्धी भाषा और मीर ज़फ़रुल्लाह ख़ान जमाली · और देखें »

याद हिक प्यार जी

याद हिक प्यार जी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार कृशिन खटवाणी द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1980 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और याद हिक प्यार जी · और देखें »

राम पंजवाणी

राम पंजवाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक संस्मरण अनोखा अज़मूदा के लिये उन्हें सन् 1964 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और राम पंजवाणी · और देखें »

राष्ट्रभाषा

राष्ट्रभाषा एक देश की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जिसे सम्पूर्ण राष्ट्र में भाषा कार्यों में (जैसे लिखना, पढ़ना और वार्तालाप) के लिए प्रमुखता से प्रयोग में लाया जाता है। वह भाषा जिसमें राष्ट्र के काम किए जायें। राष्ट्र के काम-धाम या सरकारी कामकाज के लिये स्वीकृत भाषा। .

नई!!: सिन्धी भाषा और राष्ट्रभाषा · और देखें »

राष्ट्रीय सिन्धी भाषा संवर्धन परिषद

राष्ट्रीय सिन्धी भाषा संवद्धन परिषद (एनसीपीएसएल) मानव संसाधन विकास मंत्रालय, उच्चतर शिक्षा विभाग के अंतर्गत पूर्ण रूप से वित्तपोषित एक स्वायत्तशासी संगठन है। इसका मुख्‍यालय नई दिल्‍ली में है। एनसीपीएसएल के मुख्य उद्देश्य सिन्धी भाषा का प्रोत्साहन, विकास तथा संवर्धन तथा वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी विकास और आज के युग के संदर्भ में विकसित ज्ञान के विचारों को सिन्धी भाषा में उपलब्ध करवाने के लिए कदम उठाने तथा सिन्धी भाषा से संबंधित मुद्दों पर भारत सरकार को सलाह देने तथा इसको भेजे जाने वाली शिक्षा सामग्री पर प्रभाव पैदा करना हैं। सिन्धी भाषा के संवर्धन तथा विकास के उद्देश्यार्थ संगठन कई योजनाएं संचालित करता है जिनके माध्यम से सिन्धी विद्वानों, लेखकों, गैर-सरकारी संगठनों इत्यादि को सिन्धी भाषा के संवर्धन हेतु सहायता प्रदान की जाती है। संगठन के मुख्य क्रियाकलाप/योजनाएं इस प्रकार है: (i) सिन्धी भाषा से संबंधित कुछ चुनिंदा प्रोत्साहन क्रियाकलापों हेतु स्वैच्छिक संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करना। (ii) साहित्यिक पुस्तकों के लेखन हेतु सिन्धी लेखकों को पुरस्कार प्रदान करना। इस वर्ग के तहत सिन्धी लेखकों को 20,000 रूपये के पाँच पुरस्कार, 50,000 रूपये साहित्यकार सम्मान पुरस्कार के रूप में तथा 50,000 रूपये साहित्य रचना सम्मान पुरस्कार दिये जाते हैं। (iii) संबंधित वित्त वर्ष के दौरान शैक्षिक संस्थाओं/स्कूलों/कॉलेजों/सार्वजनिक पुस्तकालयों इत्यादि के नि:शुल्क वितरण हेतु सिन्धी पुस्तकों/पत्रिकाओं/सिन्धी भाषा से संबंधित श्रव्य-दृश्य कैसेटों की व्यापक खरीददारी। (iv) सिन्धी भाषा में पुस्तकों के प्रकाशन एवं खरीददारी हेतु भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है; और (v) सिन्धी भाषा अध्ययन कक्षाओं का आयोजन करना। .

नई!!: सिन्धी भाषा और राष्ट्रीय सिन्धी भाषा संवर्धन परिषद · और देखें »

राजा धच

राजा धज या रोर कुमार या राय दियाच (सिन्धी भाषा: راجاراءِ ڏياچ‎), सिन्धु राज्य का एक व्यक्ति था जिसकी कथा सिन्ध में आज भी चाव से सुनी-सुनायी जाती है। उसने सोरठ नामक अत्यन्त सुन्दर स्त्री का हरण किया था। राजा धज की कथा आज भी हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और सिन्ध में बहुत प्रचलित हैं। यह अविस्मरणीय रोमांस एक वास्तविक इतिहास पर आधारित है जो सिंध में रोड़ी सख्खर की स्थापना से प्रचलित हैं। जो इस कहानी के नायक हैं। रोड़ी की स्थापना के बाद धज रोड़ कुमार ने रोड़ राजवंश की स्थापना की जिसने ४५० ई॰पू॰ सिंध पर अगले हज़ार वर्षों तक शासन किया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और राजा धच · और देखें »

रिश्तन जी सियासत

रिश्तन जी सियासत सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार आनंद खेमानी द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2009 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और रिश्तन जी सियासत · और देखें »

रोहड़ी

रोहड़ी (सिन्धी:, उर्दू:, अंग्रेज़ी: Rohri), जिसे मध्यकाल में 'अरोर' और 'अलोर' कहा जाता था, पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के सक्खर ज़िले में सिन्धु नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित एक शहर है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और रोहड़ी · और देखें »

लसबेला ज़िला

लसबेला या लस बेला (उर्दू व बलोच:, अंग्रेज़ी: Lasbela) पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रान्त का एक तटवर्ती ज़िला है। इसे सिन्धी लहजे में लस बेलो कहते हैं। यह ३० जून १९५४ को उस समय के कलात विभाग के अन्दर एक अलग ज़िले के रूप में गठित किया गया था। इस ज़िले में ९ तहसीलें और २१ संघीय काउंसिल​ आती हैं। .

नई!!: सिन्धी भाषा और लसबेला ज़िला · और देखें »

लहन्दा भाषाएँ

लहन्दा (ਲਹੰਦਾ) या लाहन्दा (ਲਾਹੰਦਾ) पंजाबी भाषा की पश्चिमी उपभाषाओं के समूह को कहा जाता है। पंजाबी में 'लहन्दा' शब्द का मतलब 'पश्चिम' होता है, जिस से इन भाषाओं का यह नाम पड़ा है - तुलना के लिए हिन्दी की पूर्वी उपभाषाओं को पारम्परिक रूप से अक्सर 'पूरबिया' कहा जाता है।, Andrew John Jukes (Missionary of the Church Missionary Society, Dera Ghazi Khan), pp.

नई!!: सिन्धी भाषा और लहन्दा भाषाएँ · और देखें »

लाल पुष्प

लाल पुष्प सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास हुनजे आतम जो मौत के लिये उन्हें सन् 1974 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और लाल पुष्प · और देखें »

लखमी खिलाणी

लखमी खिलाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह गुफ़ा जे हुन पार के लिये उन्हें सन् 1996 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और लखमी खिलाणी · और देखें »

लक्ष्मण दुबे

लक्ष्मण दुबे सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक ग़ज़ल–संग्रह अञा याद आहे के लिये उन्हें सन् 2010 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और लक्ष्मण दुबे · और देखें »

लक्ष्मण भाटिया कोमल

लक्ष्मण भाटिया कोमल सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह जी–आ–झरोको के लिये उन्हें सन् 1976 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और लक्ष्मण भाटिया कोमल · और देखें »

लेखराज किशनचंद अज़ीज़

लेखराज किशनचंद अज़ीज़ सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह सुराही के लिये उन्हें सन् 1966 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और लेखराज किशनचंद अज़ीज़ · और देखें »

लेग़ारी

लेग़ारी या लग़ारी (बलोच व सिन्धी) एक बलोच समुदाय है जो पकिस्तान के बलोचिस्तान, सिन्ध और पंजाब प्रान्तो में बसा हुआ है। वे बलोच, सिन्धी और सराईकी भाषाएँ बोलते हैं और सुन्नी मुस्लिम हैं। .

नई!!: सिन्धी भाषा और लेग़ारी · और देखें »

शफी मुहम्मद बरफात

शफ़ी मुहम्मद बुरफ़त (सिन्धी भाषा: شفيع محمد برفت); जन्म: 25 नवम्बर, 1965), जीयै सिंध मुत्ताहिदा महाज़ के संस्थापक अध्यक्ष हैं। यह पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त का एक उदार राजनैतिक दल है जो पाकिस्तान से स्वतंत्र सिन्धुदेश का समर्थक है। शफ़ी बराफात १९८८ से ही छिपकर (अज्ञातवास में) रह रहे हैं। समाचार माध्यमों के अनुसार शफ़ी मुहम्मद, अफगानिस्तान चले गए हैं और वहीं काबुल में अपना नियंत्रण केन्द्र स्थापित कर लिया है। जिनेवा में एक सम्मेलन में शफ़ी मुहम्मद बुरफ़त .

नई!!: सिन्धी भाषा और शफी मुहम्मद बरफात · और देखें »

शाह जो रिसालो मुजामिल

शाह जो रिसालो मुजामिल सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार कल्याण बी– आडवाणी द्वारा रचित एक मूल्यांकन है जिसके लिये उन्हें सन् 1968 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और शाह जो रिसालो मुजामिल · और देखें »

शाह अब्दुल लतीफ़

शाह अब्दुल लतीफ शाह अब्दुल लतीफ़ भटाई (1689-1752) सिंध के प्रसिद्ध सूफ़ी कवि थे, जिन्होंने सिन्धी भाषा को विश्व के मंच पर स्थापित किया। शाह लतीफ़ का कालजयी काव्य-संकलन 'शाह जो रसालो' सिन्धी समुदाय के हृदयकी धड़कन सा है। सिन्ध का सन्दर्भ विश्व में शाह लतीफ़ की भूमि के रूप में भी दिया जाता है, जिस की सात नायिकाओं मारुई, मूमल, सस्सी, नूरी, सोहनी, हीर तथा लीला को सात रानियाँ भी कहा जाता है। ये सातों रानियाँ पवित्रता, वफादारी और सतीत्व के प्रतीक रूप में शाश्वत रूप से प्रसिद्ध हैं। इन सब की जीत प्रेम और वीरता की जीत है। शाह अब्दुल लतीफ़ एक सूफी संत थे जिन के बारे में राजमोहन गाँधी ने अपनी पुस्तक 'अण्डरस्टैण्डिंग द मुस्लिम माइण्ड' में लिखा है कि जब उनसे कोई पूछता था कि आप का मज़हब क्या है, तो कहते थे कोई नहीं। फिर क्षण भर बाद कहते थे कि सभी मज़हब मेरे मज़हब हैं। सूफी दर्शन कहता है कि जिस प्रकार किसी वृत्त के केंद्र तक असंख्य अर्द्ध- व्यास पहुँच सकते हैं, वैसे ही सत्य तक पहुँचने के असंख्य रास्ते हैं। हिन्दू या मुस्लिम रास्तों में से कोई एक आदर्श रास्ता हो, ऐसा नहीं है। कबीर की तरह शाह भी प्रेम को उत्सर्ग से जोड़ते हैं। प्रेम तो सरफरोशी चाहता है। इसीलिए शाह अपने एक पद में कहते हैं: .

नई!!: सिन्धी भाषा और शाह अब्दुल लतीफ़ · और देखें »

श्याम जयसिंघाणी

श्याम जयसिंघाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक नाटक ज़लज़लों के लिये उन्हें सन् 1998 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और श्याम जयसिंघाणी · और देखें »

शीशे–जा घर

शीशे–जा घर सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार गोवर्धन महबूबाणी ‘भारती’ द्वारा रचित एक कविता–संकलन है जिसके लिये उन्हें सन् 1990 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और शीशे–जा घर · और देखें »

सतीश रोहरा

सतीश रोहरा सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना कविता खाँ कविता तार्इं के लिये उन्हें सन् 2004 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और सतीश रोहरा · और देखें »

सम्माँ राजवंश

सम्माँ राजवंश (सिन्धी:, सम्मन जो राज) या सम्मा राजवंश (अंग्रेज़ी: Samma Dynasty) 1335 ईसवी से 1520 ईसवी काल में सिंध तथा बलोचिस्तान व पंजाब के कुछ हिस्सों में राज करने वाला एक राजपूत वंश था। उनकी राजधानी ठठ्ठा शहर था। वे स्वयं को श्रीकृष्ण का वंशज बताते थे। इस वंश की स्थापना जाम उनड़​ (Jam Unar) ने करी जो श्रीकृष्ण के बाद की 95वीं पीढ़ी के थे। बाद में इन राजाओं ने इस्लाम में धर्म-परिवर्तन कर लिया। उन्होंने सिंध में कुछ महान पुरातन-स्थल छोड़े हैं जिनमें ठठ्ठा का शाही समाधि-क्षेत्र शामिल है। इस राजवंश के बाद सिंध में अरग़ून​ राजवंश का क़ब्ज़ा हो गया।, James Tod, pp.

नई!!: सिन्धी भाषा और सम्माँ राजवंश · और देखें »

साहित्य अकादमी पुरस्कार सिन्धी

साहित्य अकादमी पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं और सिन्धी भाषा इन में से एक भाषा हैं। अकादमी ने १९५९ से इस भाषा के लिए पुरस्कारों को पेश किया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और साहित्य अकादमी पुरस्कार सिन्धी · और देखें »

सिन्धी नस्र जी तारीख़

सिन्धी नस्र जी तारीख़ सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार एम. यू. मलकाणी द्वारा रचित एक सिन्धी गद्य का इतिहास है जिसके लिये उन्हें सन् 1969 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और सिन्धी नस्र जी तारीख़ · और देखें »

सिन्धी भाषा विधेयक, १९७२

सिन्धी भाषा विधेयक, १९७२ पाकिस्तान के सिन्ध विधानसभा में १९७२ में प्रस्तुत एक विधेयक (बिल) था जिसे ३ जुलाई को तत्कालीन मुख्यमन्त्री मुमताज भुट्टो ने प्रस्तुत किया। इस विधेयक ने सिन्ध प्रान्त में सिन्धी भाषा को एकमात्र आधिकारिक भाषा घोषित कर दिया। इसके बाद ७ जुलाई से सिन्ध में भाषाई दंगे शुरू हो गये। तब पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने घोषणा की कि उर्दू और सिन्धी दोनों ही सिन्ध की राजभाषाएँ होंगी। आधिकारिक रूप से सिन्धी को उर्दू के समकक्ष बनाये जाने से उर्दू बोलने वाले लोग निराश हो गये क्योंकि वे सिन्धी नहीं बोलते थे। श्रेणी:पाकिस्तान के विधेयक श्रेणी:पाकिस्तान की भाषाएँ.

नई!!: सिन्धी भाषा और सिन्धी भाषा विधेयक, १९७२ · और देखें »

सिन्धी भाषा का साहित्य

सिन्धी साहित्य सिन्धी साहित्य गद्य और पद्य दोनों में है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और सिन्धी भाषा का साहित्य · और देखें »

सिन्धी भाषा की लिपियाँ

सिन्धी वर्णमाला तथा उसके तुल्य देवनागरी, उर्दू, तथा रोमन वर्ण एक शताब्दी से कुछ पहले तक सिन्धी लेखन के लिए चार लिपियाँ प्रचलित थीं। हिन्दू पुरुष देवनागरी का, हिंदु स्त्रियाँ प्राय: गुरुमुखी का, व्यापारी लोग (हिंदू और मुसलमान दोनों) "हटवाणिको" का (जिसे 'सिंधी लिपि' भी कहते हैं) और मुसलमान तथा सरकारी कर्मचारी अरबी-फारसी लिपि का प्रयोग करते थे। सन 1853 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी के निर्णयानुसार लिपि के स्थिरीकरण हेतु सिंध के कमिश्नर मिनिस्टर एलिस की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की गई। इस समिति ने अरबी-फारसी-उर्दू लिपियों के आधार पर "अरबी सिंधी " लिपि की सर्जना की। सिंधी ध्वनियों के लिए सवर्ण अक्षरों में अतिरिक्त बिंदु लगाकर नए अक्षर जोड़ लिए गए। अब यह लिपि सभी वर्गों द्वारा व्यवहृत होती है। इधर भारत के सिंधी लोग नागरी लिपि को सफलतापूर्वक अपना रहे हैं। .

नई!!: सिन्धी भाषा और सिन्धी भाषा की लिपियाँ · और देखें »

सिन्धी लोग

सिन्धी हिन्दुओं के एक समूह का फोटो सिन्ध के मूल निवासियों को सिन्धी (सिन्धी भाषा: سنڌي‎) कहते हैं। यह एक हिन्द-आर्य प्रजाति है। १९४७ में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद सिन्ध के अधिकांश हिन्दू और सिख वहाँ से भारत या अन्य देशों में जाकर बस गये। १९९८ की जनगणना के अनुसार सिन्ध में ६.५% हिन्दू हैं। सिन्धी संस्कृति पर सूफी सिद्धान्तों का गहरा प्रभाव है। सिन्ध के लोकप्रिय सांस्कृतिक पहचान वाले कुछ लोग ये हैं- राजा दाहिर, शाह अब्दुल लतीफ, लाल शाहबाज कलन्दर, झूलेलाल, सचल सरमस्त, और शंबूमल तुलसियानी। .

नई!!: सिन्धी भाषा और सिन्धी लोग · और देखें »

सिन्धी संस्कृति

सिन्धी संस्कृति (सिन्धी: سنڌ جي ثقافت‎,Urdu: سندھ کی ثقافت‎) की जड़ें सिन्धु घाटी की सभ्यता तक गयी हुई हैं। .

नई!!: सिन्धी भाषा और सिन्धी संस्कृति · और देखें »

सिन्धी विकिपीडिया

सिन्धी विकिपीडिया विकिपीडिया का सिन्धी भाषा का संस्करण है। २८ मई, २००९ तक इस पर लेखों की संख्या ३२८ है और यह विकिपीडिया का २०७वां सबसे बड़ा संस्करण है।.

नई!!: सिन्धी भाषा और सिन्धी विकिपीडिया · और देखें »

सिबि ज़िला

सिबि (उर्दू व बलोच: سبی, अंग्रेज़ी: Sibi) पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रान्त का एक ज़िला है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और सिबि ज़िला · और देखें »

सिजा अज्ञान बुकु

सिजा अज्ञान बुकु सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार गोपे कमल द्वारा रचित एक कविता है जिसके लिये उन्हें सन् 2014 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और सिजा अज्ञान बुकु · और देखें »

सिंधी

सिंधी शब्द सिंध के विशेषण के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसलिये सिंधी का अर्थ सिंध में रहने वाले या वहाँ से संबंध रखने वाले लोगों से भी लगाया जाता है और सिंधी भाषा से भी।.

नई!!: सिन्धी भाषा और सिंधी · और देखें »

सख्खर

सख्खर बांध सख्खर (Sukkur) पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त का तीसरा सबसे बड़ा नगर है। यह सिन्धु नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित है। सिन्धी भाषा में 'सख्खर' शब्द का अर्थ 'श्रेष्ठ' है। श्रेणी:पाकिस्तान के शहर.

नई!!: सिन्धी भाषा और सख्खर · और देखें »

संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

नई!!: सिन्धी भाषा और संस्कृत भाषा · और देखें »

सक्खर ज़िला

पाकिस्तान के सिंध प्रांत का एक ज़िला। इसकी पूर्वी सीमा भारत के राजस्थान राज्य से लगती है। इसकी चार तहसीलें हैं - सक्खर, रोहड़ी, पन्नो आक़िल और सालेह पट। पन्नो आक़िल में एक बड़ी सैनिक छावनी है। सक्खर इस ज़िले का सबसे बड़ा शहर है। यह नगर रोहरी नगर के सामने, सिंध नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। उपर्युक्त दोनों नगरों के मध्य, सक्खर में प्राचीन किले के पत्थर बहुत अधिक संख्या में हैं। यहाँ के पत्थरों का ही उपयोग लैसडाउन पुल के बनाने में हुआ है। इस पुल पर से उत्तर-पश्चिमी रेल मार्ग नदी को पार करता है। सक्खर में लॉयड बाँध हैं, जो संसार के प्रसिद्ध सिंचाई बाँधों में से एक है। बोलन दर्रा तथा 'शिवि' नामक निम्न भूमि भी यही है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और सक्खर ज़िला · और देखें »

सुराही

सुराही सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार लेखराज किशनचंद ‘अज़ीज़’ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1966 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और सुराही · और देखें »

सुंदरी ए. उत्तमचंदाणी

सुंदरी ए. उत्तमचंदाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह विछोरो के लिये उन्हें सन् 1986 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और सुंदरी ए. उत्तमचंदाणी · और देखें »

सृजन जो संकट ऐं सिन्धी कहाणी

सृजन जो संकट ऐं सिन्धी कहाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हीरो शेवकाणी द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 2008 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और सृजन जो संकट ऐं सिन्धी कहाणी · और देखें »

से सभ सांध्यम साह सें

से सभ सांध्यम साह सें सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार मोती प्रकाश द्वारा रचित एक यात्रा–वृत्तांत है जिसके लिये उन्हें सन् 1988 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और से सभ सांध्यम साह सें · और देखें »

सोच जूं सूरतूं

सोच जूं सूरतूं सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हरिकान्त जेठवाणी द्वारा रचित एक कविता–संकलन है जिसके लिये उन्हें सन् 1991 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और सोच जूं सूरतूं · और देखें »

हठयोगी

हठयोगी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार तारा मीरचंदाणी द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1993 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और हठयोगी · और देखें »

हरि दरयाणी दिलगीर

हरि दरयाणी दिलगीर सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह पल पल जो परलाओ के लिये उन्हें सन् 1979 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और हरि दरयाणी दिलगीर · और देखें »

हरि मोटवाणी

हरि मोटवाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास आझो के लिये उन्हें सन् 1995 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और हरि मोटवाणी · और देखें »

हरिकान्त जेठवाणी

हरिकान्त जेठवाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संकलन सोच जूं सूरतूं के लिये उन्हें सन् 1991 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और हरिकान्त जेठवाणी · और देखें »

हरीश वासवाणी

हरीश वासवाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना चालीह–चोरासी के लिये उन्हें सन् 1987 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और हरीश वासवाणी · और देखें »

हिन्द-आर्य भाषाएँ

हिन्द-आर्य भाषाएँ हिन्द-यूरोपीय भाषाओं की हिन्द-ईरानी शाखा की एक उपशाखा हैं, जिसे 'भारतीय उपशाखा' भी कहा जाता है। इनमें से अधिकतर भाषाएँ संस्कृत से जन्मी हैं। हिन्द-आर्य भाषाओं में आदि-हिन्द-यूरोपीय भाषा के 'घ', 'ध' और 'फ' जैसे व्यंजन परिरक्षित हैं, जो अन्य शाखाओं में लुप्त हो गये हैं। इस समूह में यह भाषाएँ आती हैं: संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, बांग्ला, कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, रोमानी, असमिया, गुजराती, मराठी, इत्यादि। .

नई!!: सिन्धी भाषा और हिन्द-आर्य भाषाएँ · और देखें »

हुनजे आतम जो मौत

हुनजे आतम जो मौत सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार लाल पुष्प द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1974 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और हुनजे आतम जो मौत · और देखें »

हैदर बख़्श जतोई

हैदर बख़्स जतोई (सिन्धी: حيدر بخش جتوئي) (1970 - 1901) सिन्ध, पाकिस्तान से एक इंक़लाबी, वामपन्थी, किसान अगुआ थे। उनके समर्थक उनको "बाबा-ए-सिन्ध" के नाम से सम्बोधित करते थे। वे सिन्धी ज़बान के लेखक और कवि भी थे। वे कई साल सिन्ध हरी समिति (सिंध किसान समिति) के प्रधान रहे थे जो नैशनल आवामी पार्टी का एक हिस्सा थी। .

नई!!: सिन्धी भाषा और हैदर बख़्श जतोई · और देखें »

हीरो ठाकुर

हीरो ठाकुर सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक निबंध तहक़ीक़ एन तनक़ीद के लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और हीरो ठाकुर · और देखें »

हीरो शेवकाणी

हीरो शेवकाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना सृजन जो संकट ऐं सिन्धी कहाणी के लिये उन्हें सन् 2008 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और हीरो शेवकाणी · और देखें »

ज़लज़लों

ज़लज़लों सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार श्याम जयसिंघाणी द्वारा रचित एक नाटक है जिसके लिये उन्हें सन् 1998 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और ज़लज़लों · और देखें »

जैकबाबाद ज़िला

जैकबाबाद पाकिस्तान के सिंध प्रांत का एक ज़िला है। उत्तर में इसकी सरहद बलोचिस्तान से लगती है। हलांकि अंग्रेज़ी में इसे 'जैकोबाबाद' लिखा जाता है, इसका वास्तविक उच्चारण 'जैकबाबाद' किया जाता है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और जैकबाबाद ज़िला · और देखें »

जी–आ–झरोको

जी–आ–झरोको सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार लक्ष्मण भाटिया ‘कोमल’ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1976 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और जी–आ–झरोको · और देखें »

ईद उल-फ़ित्र

ईद उल-फ़ित्र या ईद उल-फितर (अरबी: عيد الفطر) मुस्लमान रमज़ान उल-मुबारक के महीने के बाद एक मज़हबी ख़ुशी का त्यौहार मनाते हैं जिसे ईद उल-फ़ित्र कहा जाता है। ये यक्म शवाल अल-मुकर्रम्म को मनाया जाता है। ईद उल-फ़ित्र इस्लामी कैलेण्डर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। इसलामी कैलंडर के सभी महीनों की तरह यह भी नए चाँद के दिखने पर शुरू होता है। मुसलमानों का त्योहार ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है और खुदा से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं। पूरे विश्व में ईद की खुशी पूरे हर्षोल्लास से मनाई जाती है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और ईद उल-फ़ित्र · और देखें »

ईश्वर आँचल

ईश्वर आँचल सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह टांडाणा (अंधेरी रात में) के लिये उन्हें सन् 1997 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और ईश्वर आँचल · और देखें »

वारी–अ–भर्यो पलांदु

वारी–अ–भर्यो पलांदु सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार नारायण श्याम द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1970 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और वारी–अ–भर्यो पलांदु · और देखें »

वासदेव मोही

वासदेव मोही सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह बर्फ जो ठहेयलु के लिये उन्हें सन् 1999 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और वासदेव मोही · और देखें »

वासुदेव निर्मल

वासुदेव निर्मल सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक एकांकी–संग्रह विजूं वसण आयूं के लिये उन्हें सन् 2007 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और वासुदेव निर्मल · और देखें »

विजूं वसण आयूं

विजूं वसण आयूं सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार वासुदेव ‘निर्मल’ द्वारा रचित एक एकांकी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2007 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और विजूं वसण आयूं · और देखें »

विछोरो

विछोरो सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार सुंदरी ए. उत्तमचंदाणी द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1986 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और विछोरो · और देखें »

खुदाबादी लिपि

खुदाबादी लिपि में लिखा 'सिंधी' खुदाबादी लिपि एक लिपि है जो सिन्धी भाषा को लिखने के लिये उपयोग की जाती है। इसे वानिकी, हटवानिकी या हटकई भी कहते हैं। इस लिपि का आविष्कार खुदाबंद के निवासी सिन्धी स्वर्णकार समुदाय के लोगों ने १५५० में किया था। खुदाबादी लिपि वर्णमाला .

नई!!: सिन्धी भाषा और खुदाबादी लिपि · और देखें »

गुणो सामताणी

गुणो सामताणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह अपराजित के लिये उन्हें सन् 1972 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और गुणो सामताणी · और देखें »

गुफ़ा जे हुन पार

गुफ़ा जे हुन पार सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार लखमी खिलाणी द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1996 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और गुफ़ा जे हुन पार · और देखें »

गूगल खोज

गूगल खोज या गूगल वेब खोज वेब पर खोज का एक इंजन है, जिसका स्वामित्व गूगल इंक के पास है और यह वेब पर सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला खोज इंजन है। अपनी विभिन्न सेवाओं के जरिये गूगल प्रति दिन कई सौ लाख विभिन्न प्रश्न प्राप्त करता है। गूगल खोज का मुख्य उद्देश्य अन्य सामग्रियों, जैसे गूगल चित्र खोज के मुकाबले वेबपृष्ठों से सामग्री की खोज करना है। मूलतः गूगल खोज का विकास 1997 में लैरी पेज और सेर्गेई ब्रिन ने किया। गूगल खोज मूल शब्द खोज क्षमता से परे कम से कम 22 विशेष सुविधाएं प्रदान करता है। इनमें समानार्थी शब्द, मौसम पूर्वानुमान, समय क्षेत्र, स्टॉक उद्धरण, मानचित्र, भूकंप डेटा, मूवी शोटाइम, हवाई अड्डा, होम लिस्टिंग और खेल स्कोर शामिल है। (नीचे देखें: विशेष सुविधाएं).

नई!!: सिन्धी भाषा और गूगल खोज · और देखें »

गोपे कमल

गोपे कमल सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता सिजा अज्ञान बुकु के लिये उन्हें सन् 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और गोपे कमल · और देखें »

गोष्ठी

गोष्ठी .

नई!!: सिन्धी भाषा और गोष्ठी · और देखें »

गोवर्धन महबूबाणी भारती

गोवर्धन महबूबाणी भारती सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संकलन शीशे–जा घर के लिये उन्हें सन् 1990 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और गोवर्धन महबूबाणी भारती · और देखें »

गोविन्द माल्ही

गोविन्द माल्ही सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास प्यार जी प्यास के लिये उन्हें सन् 1973 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और गोविन्द माल्ही · और देखें »

आझो

आझो सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हरि मोटवाणी द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1995 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और आझो · और देखें »

आठवीं अनुसूची

भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची भारत की भाषाओं से संबंधित है। इस अनुसूची में २२ भारतीय भाषाओं को शामिल किया गया है। इनमें से १४ भाषाओं को संविधान में शामिल किया गया था। सन १९६७ में, सिन्धी भाषा को अनुसूची में जोड़ा गया। इसके बाद, कोंकणी भाषा, मणिपुरी भाषा, और नेपाली भाषा को १९९२ में जोड़ा गया। हाल में २००४ में बोड़ो भाषा, डोगरी भाषा, मैथिली भाषा, और संथाली भाषा शामिल किए गए। .

नई!!: सिन्धी भाषा और आठवीं अनुसूची · और देखें »

आदिम हिन्द-ईरानी भाषा

हिन्द-ईरानी भाषा आदिम हिन्द-ईरानी भाषा वह लुप्त भाषा थी जो हिन्द-ईरानी भाषा परिवार की सभी भाषाओँ की जननी थी, जिनमें संस्कृत, हिन्दी, कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, असमिया, अवस्ताई, फ़ारसी, पश्तो, बलोची और कुर्दी भाषाएँ शामिल हैं। यह हिन्द-यूरोपी भाषा परिवार की एक भाषा थी और इस से ही हिन्द-ईरानी भाषा शाखा शुरू हुई। अनुमान किया जाता है के इसे बोलने वाले आदिम-हिन्दी-ईरानी लोग 2500 ईसा-पूर्व के आसपास के दौर में रहते थे। .

नई!!: सिन्धी भाषा और आदिम हिन्द-ईरानी भाषा · और देखें »

आनंद खेमानी

आनंद खेमानी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह रिश्तन जी सियासत के लिये उन्हें सन् 2009 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और आनंद खेमानी · और देखें »

आन्ध्र प्रदेश

आन्ध्र प्रदेश ఆంధ్ర ప్రదేశ్(अनुवाद: आन्ध्र का प्रांत), संक्षिप्त आं.प्र., भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित राज्य है। क्षेत्र के अनुसार यह भारत का चौथा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से आठवां सबसे बड़ा राज्य है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैदराबाद है। भारत के सभी राज्यों में सबसे लंबा समुद्र तट गुजरात में (1600 कि॰मी॰) होते हुए, दूसरे स्थान पर इस राज्य का समुद्र तट (972 कि॰मी॰) है। हैदराबाद केवल दस साल के लिये राजधानी रहेगी, तब तक अमरावती शहर को राजधानी का रूप दे दिया जायेगा। आन्ध्र प्रदेश 12°41' तथा 22°उ॰ अक्षांश और 77° तथा 84°40'पू॰ देशांतर रेखांश के बीच है और उत्तर में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा, पूर्व में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण में तमिल नाडु और पश्चिम में कर्नाटक से घिरा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से आन्ध्र प्रदेश को "भारत का धान का कटोरा" कहा जाता है। यहाँ की फसल का 77% से ज़्यादा हिस्सा चावल है। इस राज्य में दो प्रमुख नदियाँ, गोदावरी और कृष्णा बहती हैं। पुदु्चेरी (पांडीचेरी) राज्य के यानम जिले का छोटा अंतःक्षेत्र (12 वर्ग मील (30 वर्ग कि॰मी॰)) इस राज्य के उत्तरी-पूर्व में स्थित गोदावरी डेल्टा में है। ऐतिहासिक दृष्टि से राज्य में शामिल क्षेत्र आन्ध्रपथ, आन्ध्रदेस, आन्ध्रवाणी और आन्ध्र विषय के रूप में जाना जाता था। आन्ध्र राज्य से आन्ध्र प्रदेश का गठन 1 नवम्बर 1956 को किया गया। फरवरी 2014 को भारतीय संसद ने अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी दे दी। तेलंगाना राज्य में दस जिले तथा शेष आन्ध्र प्रदेश (सीमांन्ध्र) में 13 जिले होंगे। दस साल तक हैदराबाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी होगी। नया राज्य सीमांन्ध्र दो-तीन महीने में अस्तित्व में आजाएगा अब लोकसभा/राज्यसभा का 25/12सिट आन्ध्र में और लोकसभा/राज्यसभा17/8 सिट तेलंगाना में होगा। इसी माह आन्ध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन भी लागू हो गया जो कि राज्य के बटवारे तक लागू रहेगा। .

नई!!: सिन्धी भाषा और आन्ध्र प्रदेश · और देखें »

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन (जन्म 20 फ़रवरी 1954), पाकिस्तान से दुनिया के सबसे बड़े सूफी गायकों में से एक, संगीतकार, चित्रकार और उद्यमी है। उसे अक्सर 'सूफी संगीत की रानी' कहा जाता है। सार्क द्वारा उन्हें 'शांति राजदूत' बनाया जा रहा है। वह लार्काणा में एक सिंधी सूफी परिवार में पैदा हुई और पली। उनके पिता गुलाम हैदर, एक प्रसिद्ध गायक और संगीत शिक्षक थे। उन्होंने उसे प्रशिक्षित किया। वह पंप आर्गन, कीबोर्ड और सितार बजाती है।1970 के दशक के शुरूआत में परवीन ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और 1990 के दशक में वैश्विक प्रमुखता में आई। 1993 से, परवीन ने विश्व स्तर पर दौरे करना शुरू किया, जब उसने कैलिफ़ोर्निया के ब्यूना पार्क में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय संगीत कार्यक्रम किया। परवीन पाकिस्तान के लोकप्रिय संगीत शो कोक स्टूडियो में भी आती हैं और वह दक्षिण एशिया प्रतियोगिता में सुर क्षेत्र पर एक जज रही हैं, जिसमें रूणा लैला और आशा भोसले के साथ आयशा टाकिया द्वारा होस्ट किया गया है। इसमें आतिफ असलम और हिमेश रेशमिया भी शामिल हैं। वह कई भारतीय और पाकिस्तानी संगीत रियलिटी शो में प्रकाशित हुई थी जिसमें पाकिस्तान आइडोल, छोटे उस्ताद और स्टार वॉयस ऑफ इंडिया शामिल हैं। सूफी सनसनी होने के कारण वह दुनिया के 500 सबसे प्रभावशाली मुसलमानों में से एक है। अपने दर्शकों में हिस्टीरिया को प्रेरित करने की शक्ति के साथ परवीन एक "ग्लोबल मिस्टिक सूफी एंबेसडर" है। परवीन को दुनिया के सबसे महान रहस्यवादी गायकों में से एक के रूप में जाना जाता है। वह, मुख्य रूप से गजल, ठुमरी, ख़याल, कव्वाली, राग, सूफी रॉक, शास्त्रीय, अर्द्ध-शास्त्रीय संगीत ख़याल गाती है और एक एकल शैली के साथ तबला और हारमोनियम का उपयोग कर सूफी कवियों की शाइरी को लेकर काफ़ी गायन उस की ख़ास ख़ास ताकत है। परवीन उर्दू, सिंधी, सरायकी, पंजाबी, अरबी और फारसी में गाती है। नेपाल में काठमांडू में एक संगीत कार्यक्रम जिसमें गोविंदा ने भाग लिया था, में नेपाली गायक तारा देवी के नेपाली भाषा में एक प्रसिद्ध गीत "उकली ओरारी हारुमा" को भी उसने गाया था। परवीन को अपने गीतों  एल्बम राक-ए-बिस्मिल से यार को हमने, बुलेह शाह की कविता तेरे इश्क नाचाया  का गायन बेहद ज़ोर की आवाज से करने के लिए सबसे बिहतर जाना जाता है।  पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार हिलाल-ए-इम्तियाज़ उसको 2012 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और आबिदा परवीन · और देखें »

आरसी–आ–आडो

आरसी–आ–आडो सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार कला प्रकाश द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1994 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और आरसी–आ–आडो · और देखें »

इन्दौर

इन्दौर (अंग्रेजी:Indore) जनसंख्या की दृष्टि से भारत के मध्य प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा शहर है। यह इन्दौर ज़िला और इंदौर संभाग दोनों के मुख्यालय के रूप में कार्य करता है। इंदौर मध्य प्रदेश राज्य की वाणिज्यिक राजधानी भी है। यह राज्य के शिक्षा हब के रूप में माना जाता है। इंदौर भारत का एकमात्र शहर है, जहाँ भारतीय प्रबन्धन संस्थान (IIM इंदौर) व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT इंदौर) दोनों स्थापित हैं। मालवा पठार के दक्षिणी छोर पर स्थित इंदौर शहर, राज्य की राजधानी से १९० किमी पश्चिम में स्थित है। भारत की जनगणना,२०११ के अनुसार २१६७४४७ की आबादी सिर्फ ५३० वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में वितरित है। यह मध्यप्रदेश में सबसे अधिक घनी आबादी वाले प्रमुख शहर है। यह भारत में के तहत आता है। इंदौर मेट्रोपोलिटन एरिया (शहर व आसपास के इलाके) की आबादी राज्य में २१ लाख लोगों के साथ सबसे बड़ी है। इंदौर अपने स्थापना के इतिहास में १६वीं सदी क डेक्कन (दक्षिण) और दिल्ली के बीच एक व्यापारिक केंद्र के रूप में अपने निशान पाता है। मराठा पेशवा बाजीराव प्रथम के मालवा पर पूर्ण नियंत्रण ग्रहण करने के पश्चात, १८ मई १७२४ को इंदौर मराठा साम्राज्य में सम्मिलित हो गया था। और मल्हारराव होलकर को वहाँ का सुबेदार बनाया गया। जो आगे चल कर होलकर राजवंश की स्थापना की। ब्रिटिश राज के दिनों में, इन्दौर रियासत एक १९ गन सेल्यूट (स्थानीय स्तर पर २१) रियासत था जो की उस समय (एक दुर्लभ उच्च रैंक) थी। अंग्रेजी काल के दौरान में भी यह होलकर राजवंश द्वारा शासित रहा। भारत के स्वतंत्र होने के कुछ समय बाद यह भारत अधिराज्य में विलय कर दिया गया। इंदौर के रूप में सेवा की राजधानी मध्य भारत १९५० से १९५६ तक। इंदौर एक वित्तीय जिले के समान, मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी के रूप में कार्य करता है। और भारत का तीसरा सबसे पुराने शेयर बाजार, मध्यप्रदेश स्टॉक एक्सचेंज इंदौर में स्थित है। यहाँ का अचल संपत्ति (रीयल एस्टेट) बज़ार, मध्य भारत में सबसे महंगा है। यह एक औद्योगिक शहर है। यहाँ लगभग ५,००० से अधिक छोटे-बडे उद्योग हैं। यह सारे मध्य प्रदेश में सबसे अधिक वित्त पैदा करता है। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में ४०० से अधिक उद्योग हैं और इनमे १०० से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के उद्योग हैं। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के प्रमुख उद्योग व्यावसायिक वाहन बनाने वाले व उनसे सम्बन्धित उद्योग हैं। व्यावसायिक क्षेत्र में मध्य प्रदेश की प्रमुख वितरण केन्द्र और व्यापार मंडीयाँ है। यहाँ मालवा क्षेत्र के किसान अपने उत्पादन को बेचने और औद्योगिक वर्ग से मिलने आते है। यहाँ के आस पास की ज़मीन कृषि-उत्पादन के लिये उत्तम है और इंदौर मध्य-भारत का गेहूँ, मूंगफली और सोयाबीन का प्रमुख उत्पादक है। यह शहर, आस-पास के शहरों के लिए प्रमुख खरीददारी का केन्द्र भी है। इन्दौर अपने नमकीनों व खान-पान के लिये भी जाना जाता है। प्र.म. नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटी मिशन में १०० भारतीय शहरों को चयनित किया गया है जिनमें से इंदौर भी एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। स्मार्ट सिटी मिशन के पहले चरण के अंतर्गत बीस शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा और इंदौर भी इस प्रथम चरण का हिस्सा है। 'स्वच्छ सर्वेक्षण २०१७' के परिणामों के अनुसार इन्दौर भारत का सबसे स्वच्छ नगर है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और इन्दौर · और देखें »

इन्साइक्लोपीडिया सिंधियाना

इन्साइक्लोपीडिया सिंधियाना (सिन्धी: انسائيڪلوپيڊيا سنڌيانا‎), सिन्धी भाषा में प्रकाशित सामान्य ज्ञान का विश्वकोश है। इसमें सिन्ध से सम्बन्धित विविध विषयों को विशेष रूप से महत्व दिया गया है। इसका प्रकाशन सिन्धी भाषा प्राधिकरण (Sindhi Language Authority) ने किया है। कुल १५ भागों में इसको प्रकाशित करने की योजना है जिसमें से ८ भाग प्रकाशित हो चुके हैं। इसकी लगभग ८०% सामग्री सिन्ध से सम्बन्धित है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और इन्साइक्लोपीडिया सिंधियाना · और देखें »

इंदरा वासवाणी

इंदरा वासवाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह मिटीअ खां मिट्टीअ तार्इं के लिये उन्हें सन् 2012 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित(मरणोपरांत) किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और इंदरा वासवाणी · और देखें »

कँवर

कँवर सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार तीर्थ वसंत द्वारा रचित एक जीवनी है जिसके लिये उन्हें सन् 1959 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और कँवर · और देखें »

कला प्रकाश

कला प्रकाश सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास आरसी–आ–आडो के लिये उन्हें सन् 1994 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और कला प्रकाश · और देखें »

कल्याण बी– आडवाणी

कल्याण बी– आडवाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक मूल्यांकन शाह जो रिसालो मुजामिल के लिये उन्हें सन् 1968 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और कल्याण बी– आडवाणी · और देखें »

कल्होड़ा राजवंश

कल्होड़ा राजवंश (सिन्धी:, कल्होड़ा राज; या, सिलसिला कल्होड़ा) सिन्ध और आधुनिक पाकिस्तान के कुछ अन्य हिस्सों पर लगभग एक शताब्दी तक शासन करने वाला एक राजवंश था। .

नई!!: सिन्धी भाषा और कल्होड़ा राजवंश · और देखें »

कशमोर ज़िला

कशमोर पाकिस्तान के सिंध प्रांत का एक ज़िला है। यह तीन तहसीलों में बंटा है - तंगवानी, कंधकोट और कशमोर। ३,१२,५०० लोगों की आबादी वाला कशमोर शहर इसकी राजधानी है। यहाँ गाय-बैलों की एक बड़ी मंडी है और यह अपनी चावल की पैदावार के लिये जाना जाता है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और कशमोर ज़िला · और देखें »

कविता खाँ कविता तार्इं

कविता खाँ कविता तार्इं सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार सतीश रोहरा द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 2004 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और कविता खाँ कविता तार्इं · और देखें »

कुमाच

कुमाच सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार कृशिन राही द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1971 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और कुमाच · और देखें »

कृशिन राही

कृशिन राही सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह कुमाच के लिये उन्हें सन् 1971 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और कृशिन राही · और देखें »

कृशिन खटवाणी

कृशिन खटवाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास याद हिक प्यार जी के लिये उन्हें सन् 1980 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और कृशिन खटवाणी · और देखें »

कीरत बाबाणी

कीरत बाबाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक नाटक धर्ती–अ–जो–साद के लिये उन्हें सन् 2006 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और कीरत बाबाणी · और देखें »

अञा याद आहे

अञा याद आहे सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार लक्ष्मण दुबे द्वारा रचित एक ग़ज़ल–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2010 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और अञा याद आहे · और देखें »

अँधेरो रोशन थिये

अँधेरो रोशन थिये सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार ढोलण ‘राही’ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2005 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और अँधेरो रोशन थिये · और देखें »

अनोखा अज़मूदा

अनोखा अज़मूदा सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार राम पंजवाणी द्वारा रचित एक संस्मरण है जिसके लिये उन्हें सन् 1964 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और अनोखा अज़मूदा · और देखें »

अफगानिस्तान में हिन्दू धर्म

एक मुखी लिंग (शिव लिंग के साथ एक मुख), अफगानिस्तान काबुल संग्रहालय मूर्ति अफगानिस्तान में हिन्दू धर्म  का अनुसरण करने वाले बहुत कम लोग हैं। इनकी संख्या कोई 1,000 अनुमानित है। ये लोग अधिकतर काबुल एवं अफगानिस्तान के अन्य प्रमुख नगरों में रहते हैं।, by Tony Cross.

नई!!: सिन्धी भाषा और अफगानिस्तान में हिन्दू धर्म · और देखें »

अर्नेस्ट ट्रम्प

अर्नेस्ट ट्रम्प (Ernest Trumpp, 13 मार्च 1828 – 5 अप्रैल 1885) एक जर्मन भाषाविद और मिशनरी थे जो अंग्रेज़ी शासन के वक़्त पंजाब और सिंध क्षेत्रों में विचरते रहे थे। उन्होंने सिंधी भाषा की सबसे पहली व्याकरण पुस्तक लिखी जिसका शीर्षक था, "सिंधी अलफ़ाबैट एंड गरामर"। उन्होंने अफ़ग़ानी भाषा पश्तो की एक व्याकरण पुस्तक भी लिखी। इसके अलावा उन्होंने सिख धर्म की धार्मिक पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब का भी काफ़ी हिस्सा को अंग्रेज़ी भाषा में अनुवाद किया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और अर्नेस्ट ट्रम्प · और देखें »

अर्जन मीरचंदाणी शाद

अर्जन मीरचंदाणी शाद सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह अंधो दूहों के लिये उन्हें सन् 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और अर्जन मीरचंदाणी शाद · और देखें »

अर्जन हासिद

अर्जन हासिद सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह मेरो सिज के लिये उन्हें सन् 1985 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और अर्जन हासिद · और देखें »

अंधो दूहों

अंधो दूहों सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार अर्जन मीरचंदाणी ‘शाद’ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1983 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और अंधो दूहों · और देखें »

उपभाषा सतति

उपभाषा सतति (dialect continuum) किसी भौगोलिक क्षेत्र में विस्तृत उपभाषाओं की ऐसी शृंखला को कहते हैं जिसमें किसी स्थान की उपभाषा पड़ोस में स्थित स्थान से बहुत कम भिन्नता रखती है। बोलने वालों को वह दोनों उपभाषाएँ लगभग एक जैसी प्रतीत होती हैं, लेकिन यदी एक-दूसरे से दूर स्थित उपभाषाओं की तुलना की जाये तो वे काफ़ी भिन्न प्रतीत होती हैं और बहुत दूर स्थित उपभाषाओं को बोलने वालो को एक-दूसरे को समझने में कठिनाई हो सकती है। भारतीय उपमहाद्वीप में यह कई स्थानों पर देखा जाता है। मसलन ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा की हिन्दको भाषा से दक्षिण चलकर पोठोहारी भाषा, पंजाबी भाषा, सराइकी भाषा, सिन्धी भाषा, कच्छी भाषा, गुजराती भाषा, अहिराणी भाषा, और फिर मुम्बई क्षेत्र में मराठी भाषा तक एक विशाल उपभाषा सतति है, जिसमें एक बस्ती से पड़ोस की बस्ती तक कहीं भी लोगों को आपस में बोलचाल में कठिनाई नहीं होती लेकिन यदी हिन्दको की मराठी से सीधी तुलना की जाये तो वे बहुत भिन्न हैं। यूरोप, उत्तर अफ़्रीका के मग़रेब क्षेत्र और विश्व के अन्य भागों में यह बहुत देखा जाता है। पिछले १०० वर्षों में कई देशों में भाषाओं के मानकीकरण से कई उपभाषाएँ विलुप्त हो गई हैं, जिस से ऐसे कई उपभाषा सतति क्षेत्रों का भी अन्त हो गया है। .

नई!!: सिन्धी भाषा और उपभाषा सतति · और देखें »

उहा शाम

उहा शाम सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार मोहन कल्पना द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1984 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और उहा शाम · और देखें »

...त ख्वाबनि जो छा थींदो

...त ख्वाबनि जो छा थींदो सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार मोहन गेहाणी द्वारा रचित एक नाट्य–संकलन है जिसके लिये उन्हें सन् 2011 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: सिन्धी भाषा और ...त ख्वाबनि जो छा थींदो · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

सिंधी भाषा

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »