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सितम्बर

सूची सितम्बर

सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर और जूलियन कैलेंडर का नौवां महीना है और इस में दिनों की संख्या ३० होती है।.

58 संबंधों: चेन्नई का प्रशासन, एंजियोग्राफी, एकादशी तिथि, तात्या टोपे, द्वितीय गोलमेज सम्मेलन, देहरादून जिला, नासिक, नीबू, प्रसार भारती, पृथ्वीराज चौहान, बदरपुर बॉर्डर, बादाम, बासमती चावल, बीरबल साहनी पुरावनस्पतिविज्ञान संस्थान, भारतीय पुनर्वास परिषद, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, मन प्रसाद सुब्बा, महत्त्वपूर्ण दिवस, मानसून, मास, मिताली राज, मंजुल प्रकाशन, मुम्बई, मुंबई की जलवायु, मैराथन का युद्ध, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, रज्जब, रॉकेट, लखनऊ, लखनऊ में यातायात, साधना शिवदासानी, संयुक्त राजशाही में आतंकवाद, सुनीता विलियम्स, स्लोवाक विकिपीडिया, हर्बट होप रिस्ली, हिमानी शिवलिंग, जम्मू (शहर), विषुव, वक़ार अहमद शाह, वीणा टंडन, गन्स एण्ड रोज़ेज़, गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य, ग्रेगोरी कैलेंडर, ओणम, करोंदा, कश्मीर का इतिहास, कालिंजर दुर्ग, कक्षीय ताख, कृष्ण धिमिरे, ..., कोलकाता, कोलकाता का मौसम, कोलकाता की संस्कृति, अज़रबैजान का इतिहास, ऋतु, १८६९ का राजपूताना अकाल, २०१०, ८ मार्च सूचकांक विस्तार (8 अधिक) »

चेन्नई का प्रशासन

शहर के अधिकारीगण, (सितं.,०७) | --> राइपन बिल्डिंग, १९१३ में निर्मित, चेन्नई नगर निगम का मुख्यालय तत्कालिण वाइसरॉय लॉर्ड राइपन के नाम पर है। चेन्नई शहर का प्रशासन चेन्नई नगर निगम के पास है। १६८८ में स्थापित हुआ यह निगम भारत में ही नहीं, ब्रिटेन के बाहर किसी भी राष्ट्रमंडल देश में सबसे पहला नगर निगम है। इसमें १५५ पार्षद है, जो चेन्नई के १५५ वार्डों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनका चुनाव सीधे चेन्नई की जनता ही करती है। ये लोग अपने आप में से ही एक महापौर एवं एक उप-महापौर चुनते हैं जो छः समितियों का संचालन करता है। चेन्नई, तमिल नाडु राज्य की राजधानी होने से राज्य की कार्यपालिका और न्यायपालिका के मुख्यालय शहर में मुख्य रूप से फोर्ट सेंट जॉर्ज में सचिवालय इमारत में और शेष कार्यालय शहर में विभिन्न स्थानों पर अनेक इमारतों में स्थित हैं। मद्रास उच्च न्यायालय का अधिकार-क्षेत्र तमिल नाडु राज्य और पुदुच्चेरी तक है। यह राज्य की सर्वोच्च न्याय संस्था है और चेन्नई में ही स्थापित है। चेन्नई में तीन लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं – सेन्नई उत्तर, चेन्नई मध्य और चेन्नई दक्षिण और १८ विधान-सभा निर्वाचन क्षेत्र हैं। चेन्नई मेट्रोपॉलिटन पुलिस पैट्रोल चेन्नई का महानगरीय क्षेत्र कई उपनगरों तक व्याप्त है, जिसमें कांचीपुरम जिला और तिरुवल्लुर जिला के भी क्षेत्र आते हैं। बडए उपनगरों में वहां की टाउन-नगर पालिकाएं हैं और छोटे क्षेत्रों में टाउन-परिषद हैं जिन्हें पंचायत कहते हैं। शहर का क्षेत्र जहां १७४ कि॰मी॰² (६७ मील²) है, वहीं उपनगरीय क्षेत्र ११८९ कि॰मी॰² (४५८ मील²) तक फैले हुए हैं। चेन्नई महानगर विकास प्राधिकरण (सी.एम.डी.ए) ने शहर के निकट उपग्रह-शहरों के विकास के उद्देश्य से एक द्वितीय मास्टर प्लान का ड्राफ़्ट तैयार किया है। निकटस्थ उपग्रह शहरों में महाबलिपुरम (दक्षिण में), चेंगलपट्टु और मरियामलाइ नगर दक्षिण-पश्चिम में, श्रीपेरंबुदूर, तिरुवल्लुर और अरक्कोणम पश्चिम में आते हैं। ग्रेटर चेन्नई पुलिस विभाग तमिल नाडु पुलिस का ही एक अनुभाग है, जो शहर में कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था की देखरेख में संलग्न है। शहर की पुलिस के अध्यक्ष पुलिस आयुक्त, चेन्नई हैं और प्रशासनिक नियंत्रण राज्य गृह मंत्रालय के पास है। इस विभाग में ३६ उप-भाग और १२१ पुलिस-स्टेशन है। शहर खा यातायात चेन्नई सिटी ट्रैफिक पुलिस द्वारा नियंत्रित होता है। महानगर के उपनगर चेन्नई मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अधीन आते हैं, एवं बाहरी जेले कांचीपुरम एवं तिरुवल्लुर पुलिस विभागों के अन्तर्गत्त हैं। चेन्नई नगर निगम और उपनगरीय नगरपालिकाएं नागरिक सुविधाएं मुहैया कराती हैं। अधिकांश क्षेत्रों में कूड़ा-प्रबंधन नील मेटल फैनालिका एन्वायरनमेंट मैनेजमेंट; एक निजी कंपनी और कुछ अन्य क्षेत्रोंमें नगर निगम देखता है। जल-आपूर्ति एवं मल-निकास (सीवेज ट्रीटमेंट) चेन्नई मेट्रोपॉलिटन वॉटर सप्लाई एंड सीवेज बोर्ड देखाता है। विद्युत आपूर्ति तमिल नाडु विद्युत बोर्ड प्रबंध करता है। शहर की दूरभाष सेवा छः मोबाइल और चार लैंडलाइन कंपनियों के द्वारा प्रबंध होता है, और यही कंपनियां तथा सिफी और हैथवे ब्रॉडबैंड सेवा द्वारा इंटरनेट भी उपलब्ध कराती हैं। .

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एंजियोग्राफी

जाँघ से किये गये एक एन्जियोग्राफ के ट्रान्स्वर्स प्रोजेक्शन में वर्टीब्रो बेसीलर तथा पोस्टीरियर सेरेब्रल एंजियोग्राफी (अंग्रेजी: Angiography), वाहिकाचित्रण अथवा वाहिकालेख रक्त वाहिनी नलिकाओं धमनी व शिराओं का एक प्रकार का एक्सरे जैसा चिकित्सकीय अध्ययन है, जिसका प्रयोग हृदय रोग, किडनी संक्रमण, ट्यूमर एवं खून का थक्का जमने आदि की जाँच करने में किया जाता है। एंजियोग्राफ में रेडियोधर्मी तत्व या डाई का प्रयोग किया जाता है, ताकि रक्त वाहिनी नलिकाओं को एक्स रे द्वारा साफ साफ देखा जा सके। डिजिटल सबस्ट्रेक्शन एंजियोग्राफी नामक एक नयी तकनीक में कंप्यूटर धमनियों की पृष्ठभूमि को गायब कर देता है जिससे चित्र ज्यादा साफ दिखने लगते हैं। यह तकनीक रक्त वाहिकाओं में अवरोध होने की स्थिति में ही की जाती है। इससे हृदय की धमनी में रुकावट एवं सिकुड़न की जानकारी का तत्काल पता चल जाता है। एंजियोग्राफी के बाद बीमारी से ग्रसित धमनियों को एंजियोप्लास्टी द्वारा खोला जाता है। इस उपचार के बाद रोगी के हृदय की रक्तविहीन मांसपेशियों में खून का प्रवाह बढ़ जाता है और उसे तत्काल आराम मिल जाता है। यही नहीं, हृदयाघात की सम्भावना में भी भारी कमी आ जाती है। याहू जागरण सितंबर, २००८ एंजियोग्राफी दो यूनानी शब्दों ‘एंजियॉन’ यानी वाहिकाओं और ‘ग्रेफियन’ यानी रिकॉर्ड करने से मिलकर बना है। यह तकनीक १९२७ में पहली बार एक पुर्तगाली फिज़ीशियन व न्यूरोलॉजिस्ट इगास मोनिज ने खोजी थी। इगास मोनिज को१९४९ में इस उल्लेखनीय कार्य के लिये नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। .

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एकादशी तिथि

हिंदू पंचांग की ग्यारहवी तिथि को एकादशी कहते हैं। यह तिथि मास में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते हैं। इन दोने प्रकार की एकादशियों का भारतीय सनातन संप्रदाय में बहुत महत्त्व है। .

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तात्या टोपे

तात्या टोपे (1814 - 18 अप्रैल 1859) भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के एक प्रमुख सेनानायक थे। सन १८५७ के महान विद्रोह में उनकी भूमिका सबसे महत्त्वपूर्ण, प्रेरणादायक और बेजोड़ थी। सन् सत्तावन के विद्रोह की शुरुआत १० मई को मेरठ से हुई थी। जल्दी ही क्रांति की चिन्गारी समूचे उत्तर भारत में फैल गयी। विदेशी सत्ता का खूनी पंजा मोडने के लिए भारतीय जनता ने जबरदस्त संघर्ष किया। उसने अपने खून से त्याग और बलिदान की अमर गाथा लिखी। उस रक्तरंजित और गौरवशाली इतिहास के मंच से झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहब पेशवा, राव साहब, बहादुरशाह जफर आदि के विदा हो जाने के बाद करीब एक साल बाद तक तात्या विद्रोहियों की कमान संभाले रहे।nice and thanks .

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द्वितीय गोलमेज सम्मेलन

द्वितीय गोलमेज सम्मेलन 7 सितम्बर,1931 को शुरू हुआ था,जिसमें कांग्रेस ने भी भाग लिया था और 1 दिसम्बर 1931 को समाप्त हुआ था। यह सम्मेलन भी लन्दन में ही था। यह सम्मेलन साम्प्रदायिक समस्या पर विवाद के कार असफल रहा। लन्दन से वापस आकर गाँधीजी ने पुनः सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ किया। .

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देहरादून जिला

यह लेख देहरादून जिले के विषय में है। नगर हेतु देखें देहरादून। देहरादून, भारत के उत्तराखंड राज्य की राजधानी है इसका मुख्यालय देहरादून नगर में है। इस जिले में ६ तहसीलें, ६ सामुदायिक विकास खंड, १७ शहर और ७६४ आबाद गाँव हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ १८ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ कोई नहीं रहता। देश की राजधानी से २३० किलोमीटर दूर स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह नगर अनेक प्रसिद्ध शिक्षा संस्थानों के कारण भी जाना जाता है। यहाँ तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान आदि जैसे कई राष्ट्रीय संस्थान स्थित हैं। देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय मिलिटरी कालेज और इंडियन मिलिटरी एकेडमी जैसे कई शिक्षण संस्थान हैं। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। अपनी सुंदर दृश्यवाली के कारण देहरादून पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और विभिन्न क्षेत्र के उत्साही व्यक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। विशिष्ट बासमती चावल, चाय और लीची के बाग इसकी प्रसिद्धि को और बढ़ाते हैं तथा शहर को सुंदरता प्रदान करते हैं। देहरादून दो शब्दों देहरा और दून से मिलकर बना है। इसमें देहरा शब्द को डेरा का अपभ्रंश माना गया है। जब सिख गुरु हर राय के पुत्र रामराय इस क्षेत्र में आए तो अपने तथा अनुयायियों के रहने के लिए उन्होंने यहाँ अपना डेरा स्थापित किया। www.sikhiwiki.org.

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नासिक

नासिक अथवा नाशिक भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक शहर है। नसिक महाराष्ट्र के उत्तर पश्चिम में, मुम्बई से १५० किमी और पुणे से २०५ किमी की दुरी में स्थित है। यह शहर प्रमुख रूप से हिन्दू तीर्थयात्रियों का प्रमुख केन्द्र है। नासिक पवित्र गोदावरी नदी के तट पर स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 565 मीटर है। गोदावरी नदी के तट पर बहुत से सुंदर घाट स्थित है। इस शहर का सबसे प्रमुख भाग पंचवटी है। इसके अलावा यहां बहुत से मंदिर भी है। नासिक में त्योहारों के समय में बहुत अधिक संख्या में भीड़ दिखलाई पड़ती है। .

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नीबू

नीबू का वृक्ष नीबू (Citrus limon, Linn.) छोटा पेड़ अथवा सघन झाड़ीदार पौधा है। इसकी शाखाएँ काँटेदार, पत्तियाँ छोटी, डंठल पतला तथा पत्तीदार होता है। फूल की कली छोटी और मामूली रंगीन या बिल्कुल सफेद होती है। प्रारूपिक (टिपिकल) नीबू गोल या अंडाकार होता है। छिलका पतला होता है, जो गूदे से भली भाँति चिपका रहता है। पकने पर यह पीले रंग का या हरापन लिए हुए होता है। गूदा पांडुर हरा, अम्लीय तथा सुगंधित होता है। कोष रसयुक्त, सुंदर एवं चमकदार होते हैं। नीबू अधिकांशत: उष्णदेशीय भागों में पाया जाता है। इसका आदिस्थान संभवत: भारत ही है। यह हिमालय की उष्ण घाटियों में जंगली रूप में उगता हुआ पाया जाता है तथा मैदानों में समुद्रतट से 4,000 फुट की ऊँचाई तक पैदा होता है। इसकी कई किस्में होती हैं, जो प्राय: प्रकंद के काम में आती हैं, उदाहरणार्थ फ्लोरिडा रफ़, करना या खट्टा नीबू, जंबीरी आदि। कागजी नीबू, कागजी कलाँ, गलगल तथा लाइम सिलहट ही अधिकतर घरेलू उपयोग में आते हैं। इनमें कागजी नीबू सबसे अधिक लोकप्रिय है। इसके उत्पादन के स्थान मद्रास, बंबई, बंगाल, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र हैदराबाद, दिल्ली, पटियाला, उत्तर प्रदेश, मैसूर तथा बड़ौदा हैं। नीबू की उपयोगिता जीवन में बहुत अधिक है। इसका प्रयोग अधिकतर भोज्य पदार्थों में किया जाता है। इससे विभिन्न प्रकार के पदार्थ, जैसे तेल, पेक्टिन, सिट्रिक अम्ल, रस, स्क्वाश तथा सार (essence) आदि तैयार किए जाते हैं। .

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प्रसार भारती

प्रसार भारती (ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया के नाम से भी जानते हैं) भारत की एक सार्वजनिक प्रसारण संस्था है। इसमें मुख्य रूप से दूरदर्शन एवं आकाशवाणी शामिल हैं। प्रसार भारती का गठन २३ नवंबर, १९९७ प्रसारण संबंधी मुद्दों पर सरकारी प्रसारण संस्थाओं को स्वायत्तता देने के मुद्दे पर संसद में काफी बहस के बाद किया गया था। संसद ने इस संबंध में १९९० में एक अधिनियम पारित किया लेकिन इसे अंततः १५ सितंबर १९९७ में लागू किया गया। प्रसार भारती के वर्तमान अध्यक्ष मृणाल पाण्डे एवं सीईओ जवाहर सर्कार हैं। .

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पृथ्वीराज चौहान

पृथ्वीराज चौहान (भारतेश्वरः पृथ्वीराजः, Prithviraj Chavhan) (सन् 1178-1192) चौहान वंश के हिंदू क्षत्रिय राजा थे, जो उत्तर भारत में १२ वीं सदी के उत्तरार्ध में अजमेर (अजयमेरु) और दिल्ली पर राज्य करते थे। वे भारतेश्वर, पृथ्वीराजतृतीय, हिन्दूसम्राट्, सपादलक्षेश्वर, राय पिथौरा इत्यादि नाम से प्रसिद्ध हैं। भारत के अन्तिम हिन्दूराजा के रूप में प्रसिद्ध पृथ्वीराज १२३५ विक्रम संवत्सर में पंद्रह वर्ष (१५) की आयु में राज्य सिंहासन पर आरूढ हुए। पृथ्वीराज की तेरह रानीयाँ थी। उन में से संयोगिता प्रसिद्धतम मानी जाती है। पृथ्वीराज ने दिग्विजय अभियान में ११७७ वर्ष में भादानक देशीय को, ११८२ वर्ष में जेजाकभुक्ति शासक को और ११८३ वर्ष में चालुक्य वंशीय शासक को पराजित किया। इन्हीं वर्षों में भारत के उत्तरभाग में घोरी (ग़ोरी) नामक गौमांस भक्षण करने वाला योद्धा अपने शासन और धर्म के विस्तार की कामना से अनेक जनपदों को छल से या बल से पराजित कर रहा था। उसकी शासन विस्तार की और धर्म विस्तार की नीत के फलस्वरूप ११७५ वर्ष से पृथ्वीराज का घोरी के साथ सङ्घर्ष आरंभ हुआ। उसके पश्चात् अनेक लघु और मध्यम युद्ध पृथ्वीराज के और घोरी के मध्य हुए।विभिन्न ग्रन्थों में जो युद्ध सङ्ख्याएं मिलती है, वे सङ्ख्या ७, १७, २१ और २८ हैं। सभी युद्धों में पृथ्वीराज ने घोरी को बन्दी बनाया और उसको छोड़ दिया। परन्तु अन्तिम बार नरायन के द्वितीय युद्ध में पृथ्वीराज की पराजय के पश्चात् घोरी ने पृथ्वीराज को बन्दी बनाया और कुछ दिनों तक 'इस्लाम्'-धर्म का अङ्गीकार करवाने का प्रयास करता रहा। उस प्रयोस में पृथ्वीराज को शारीरक पीडाएँ दी गई। शरीरिक यातना देने के समय घोरी ने पृथ्वीराज को अन्धा कर दिया। अन्ध पृथ्वीराज ने शब्दवेध बाण से घोरी की हत्या करके अपनी पराजय का प्रतिशोध लेना चाहा। परन्तु देशद्रोह के कारण उनकी वो योजना भी विफल हो गई। एवं जब पृथ्वीराज के निश्चय को परिवर्तित करने में घोरी अक्षम हुआ, तब उसने अन्ध पृथ्वीराज की हत्या कर दी। अर्थात्, धर्म ही ऐसा मित्र है, जो मरणोत्तर भी साथ चलता है। अन्य सभी वस्तुएं शरीर के साथ ही नष्ट हो जाती हैं। इतिहासविद् डॉ.

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बदरपुर बॉर्डर

बदरपुर या बदरपुर बॉर्डर, दिल्ली के दक्षिणी जिले में स्थित एक उपमण्डल है। यह उपमण्डल हरियाणा राज्य की सीमा पर स्थित फरीदाबाद से लगता हुआ है, जो दिल्ली का एक उपनगर है। बदरपुर में ही एनटीपीसी की एक तापविद्युत उत्पादन इकाई भी स्थित है। बदरपुर, दिल्ली की सबसे व्यस्त सड़को में से दो बदरपुर-फरीदाबाद और बदरपुर-महरौली सड़क पर स्थित है, जिस कारण यहाँ पर जाम की स्थिति बनी रहती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए दिल्ली मैट्रो की बैंगनी लाइन और बदरपुर-फरीदाबाद सड़क सेतु यहाँ पर निर्माणाधीन हैं। इन दोनो ही परियोजनाओं को सितंबर २०१० तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। .

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बादाम

बादाम (अंग्रेज़ी:ऑल्मंड, वैज्ञानिक नाम: प्रूनुस डल्शिस, प्रूनुस अमाइग्डैलस) मध्य पूर्व का एक पेड़ होता है। यही नाम इस पेड़ के बीज या उसकी गिरि को भी दिया गया है। इसकी बड़े तौर पर खेती होती है। बादाम एक तरह का मेवा होता है। संस्कृत भाषा में इसे वाताद, वातवैरी आदि, हिन्दी, मराठी, गुजराती व बांग्ला में बादाम, फारसी में बदाम शोरी, बदाम तल्ख, अंग्रेजी में आलमंड और लैटिन में एमिग्ड्रेलस कम्युनीज कहते हैं। आयुर्वेद में इसको बुद्धि और नसों के लिये गुणकारी बताया गया है। भारत में यह कश्मीर का राज्य पेड़ माना जाता है। एक आउंस (२८ ग्राम) बादाम में १६० कैलोरी होती हैं, इसीलिये यह शरीर को उर्जा प्रदान करता है।|नीरोग लेकिन बहुत अधिक खाने पर मोटापा भी दे सकता है। इसमें निहित कुल कैलोरी का ¾ भाग वसा से मिलता है, शेष कार्बोहाईड्रेट और प्रोटीन से मिलता है। इसका ग्लाईसेमिक लोड शून्य होता है। इसमें कार्बोहाईड्रेट बहुत कम होता है। इस कारण से बादाम से बना केक या बिस्कुट, आदि मधुमेह के रोगी भी ले सकते हैं। बादाम में वसा तीन प्रकार की होती है: एकल असंतृप्त वसीय अम्ल और बहु असंतृप्त वसीय अम्ल। यह लाभदायक वसा होती है, जो शरीर में कोलेस्टेरोल को कम करता है और हृदय रोगों की आशंका भी कम करता है। इसके अलावा दूसरा प्रकार है ओमेगा – ३ वसीय अम्ल। ये भी स्वास्थवर्धक होता है। इसमें संतृप्त वसीय अम्ल बहुत कम और कोलेस्टेरोल नहीं होता है। फाईबर या आहारीय रेशा, यह पाचन में सहायक होता है और हृदय रोगों से बचने में भी सहायक रहता है, तथा पेट को अधिक देर तक भर कर रखता है। इस कारण कब्ज के रोगियों के लिये लाभदायक रहता है। बादाम में सोडियम नहीं होने से उच्च रक्तचाप रोगियों के लिये भी लाभदायक रहता है। इनके अलावा पोटैशियम, विटामिन ई, लौह, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस भी होते हैं।। हिन्दी मीडिया.इन। २५ सितंबर २००९। मीडिया डेस्क .

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बासमती चावल

लाल बासमती चावल बासमती (Basmati,, باسمتى) भारत की लम्बे चावल की एक उत्कृष्ट किस्म है। इसका वैज्ञानिक नाम है ओराय्ज़ा सैटिवा। यह अपने खास स्वाद और मोहक खुशबू के लिये प्रसिद्ध है। इसका नाम बासमती अर्थात खुशबू वाली किस्म होता है। इसका दूसरा अर्थ कोमल या मुलायम चावल भी होता है। भारत इस किस्म का सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसके बाद पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश आते हैं। पारंपरिक बासमती पौधे लम्बे और पतले होते हैं। इनका तना तेज हवाएं भी सह नहीं सकता है। इनमें अपेक्षाकृत कम, परंतु उच्च श्रेणी की पैदावार होती है। यह अन्तर्राष्ट्रीय और भारतीय दोनों ही बाजारों में ऊँचे दामों पर बिकता है। बासमती के दाने अन्य दानों से काफी लम्बे होते हैं। पकने के बाद, ये आपस में लेसदार होकर चिपकते नहीं, बल्कि बिखरे हुए रहते हैं। यह चावल दो प्रकार का होता है:- श्वेत और भूरा। के अनुसार, बासमती चावल में मध्यम ग्लाइसेमिक सूचकांक ५६ से ६९ के बीच होता है, जो कि इसे मधुमेह रोगियों के लिये अन्य अनाजों और श्वेत आटे की अपेक्षा अधिक श्रेयस्कर बनाता है। .

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बीरबल साहनी पुरावनस्पतिविज्ञान संस्थान

बीरबल साहनी पुरावनस्पतिविज्ञान संस्थान लखनऊ का एक पुरावनस्पतिविज्ञान पर अनुसंधान संस्थान है। यह भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान है। से बीरबल साहनी: संस्थापक एवं प्रथम मानित निदेशक यह ५३, विश्वविद्यालय मार्ग, लखनऊ पर स्थित है। इसका नाम इसके संस्थापक श्री बीरबल साहनी, प्रसिद्ध परावनस्पति वैज्ञानिक के नाम पर रखा गया है। सितंबर, १९३९ में इनको अध्यक्ष बनाकर एक पुरावनस्पतिज्ञों की समिति अनुसंधान हेतु गठित हुई थी। इसकी प्रथम रिपोर्ट १९४० एवं अंतिम रिपोर्ट १९५० में प्रकाशित हुई। ३ जून, १९५३ को आठ वैज्ञानिकों के नाम से एक न्यास की स्थापना भारतीय सोसायटी पंजीकरण धारा-२१ (१८६०) के अंतर्गत हुई। इसका उद्देश्य पुरावनस्पति विज्ञान पर प्रो॰ बीरबल साहनी एवं सावित्री साहनी के मूल शोध में एकत्रित किए गये जीवाश्म संग्रह एवं एक सन्दर्भ पुस्त्तकालय के गठन हेतु फंड जुटाना था। और अंततः इस संस्थान की स्थापना १० सितंबर, १९४६ को हुई। इसके प्रथम मानित निदेशक बीरबल साहनी को बनाया गया। सरकार ने इसके लिए ३.५ एकड़ भूमि भी आवंटित की। संस्थान की इमारत ३ अप्रैल, १९४९ को इसकी नींव प्रथम प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने रखी। हालाँकि दुर्भाग्य से बीरबल साहनी की मृत्यु १० अप्रैल, १९४९ को ही हो गयी। किंतु १९५२ के अंत तक इसकी इमारत भी बनकर तैयार हो गयी। १९५१ में यूनेस्को ने इसे अपने तकनीकी सहयोग कार्यक्रम में भी सम्मिलित कर लिया। इतिहास .

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भारतीय पुनर्वास परिषद

भारतीय पुनर्वास परिषद (अंग्रेज़ी:रीहैबिलिटेशन काउन्सिल ऑफ इंडिय) को एक पंजीकृत सोसायटी के रूप मे १९८६ में स्थापित किया गया था। सितम्बर १९९२ को भारतीय पुनर्वास परिषद अधिनियम संसद द्वारा पारित किया गया और उस अधिनियम के द्वारा भारतीय पुनर्वास परिषद एक सांविधिक निकाय के रूप में २२ जून १९९३ को अस्तित्व मे आयी। अधिनियम को संसद द्वारा वर्ष २००० में इसे और अधिक व्यापक बनाने के लिए इसमे संसोधन किया गया। इस जनादेश के द्वारा भारतीय पुनर्वास परिषद के नीतियो व कार्यक्रमो को विनियमित करने, विकलांगता वाले व्यक्तियों के पुनर्वास एवं शिक्षा का दायित्व दिया गया, पाट्यक्रमो का मानकीकरण करना और एक केन्द्रिय पुनर्वास रजिस्टर सभी योग्य पेशेवरों और विशेष शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले व्यवसायिको और कर्मिको को एक केन्द्रिय पुनर्वास पंजिका में पंजीकृत करने का कार्य सौपा गया। इस अधिनियम के तहत अयोग्य व्यक्तियों के द्वारा विक्लांगता वाले व्यक्तियों को सेवाएं देने के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाई करने का अधिकार प्रदान किया गया है। इसके वर्तमान अध्यक्ष मेजर जेनरल (सेवा निवृत) इआन कार्डोजो हैं। संस्थान बी-२२, कुतुब इन्स्टीटयूशनल एरिया, नई दिल्ली ११० ०१६ में स्थित है। .

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भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम

भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम डॉ विक्रम साराभाई की संकल्पना है, जिन्हें भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा गया है। वे वैज्ञानिक कल्पना एवं राष्ट्र-नायक के रूप में जाने गए। वर्तमान प्रारूप में इस कार्यक्रम की कमान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के हाथों में है। .

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, (संक्षेप में- इसरो) (Indian Space Research Organisation, ISRO) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय बेंगलुरू कर्नाटक में है। संस्थान में लगभग सत्रह हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं। संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक उपलब्ध करवाना है। अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है। 1969 में स्थापित, इसरो अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए तत्कालीन भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR) स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के प्रयासों से 1962 में स्थापित किया गया। भारत का पहला उपग्रह, आर्यभट्ट, जो 19 अप्रैल 1975 सोवियत संघ द्वारा शुरू किया गया था यह गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था बनाया।इसने 5 दिन बाद काम करना बंद कर दिया था। लेकिन ये अपने आप में भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि थी। 7 जून 1979 को भारत ने दूसरा उपग्रह भास्कर 445 किलो का था, पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया। 1980 में रोहिणी उपग्रह पहला भारतीय-निर्मित प्रक्षेपण यान एसएलवी -3 बन गया जिस्से कक्षा में स्थापित किया गया। इसरो ने बाद में दो अन्य रॉकेट विकसित किये। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान उपग्रहों शुरू करने के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी),भूस्थिर कक्षा में उपग्रहों को रखने के लिए ध्रुवीय कक्षाओं और भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान। ये रॉकेट कई संचार उपग्रहों और पृथ्वी अवलोकन गगन और आईआरएनएसएस तरह सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम तैनात किया उपग्रह का शुभारंभ किया।जनवरी 2014 में इसरो सफलतापूर्वक जीसैट -14 का एक जीएसएलवी-डी 5 प्रक्षेपण में एक स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया गया। इसरो के वर्तमान निदेशक ए एस किरण कुमार हैं। आज भारत न सिर्फ अपने अंतरिक्ष संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है बल्कि दुनिया के बहुत से देशों को अपनी अंतरिक्ष क्षमता से व्यापारिक और अन्य स्तरों पर सहयोग कर रहा है। इसरो एक चंद्रमा की परिक्रमा, चंद्रयान -1 भेजा, 22 अक्टूबर 2008 और एक मंगल ग्रह की परिक्रमा, मंगलयान (मंगल आर्बिटर मिशन) है, जो सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश पर 24 सितंबर 2014 को भारत ने अपने पहले ही प्रयास में सफल होने के लिए पहला राष्ट्र बना। दुनिया के साथ ही एशिया में पहली बार अंतरिक्ष एजेंसी में एजेंसी को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने के लिए इसरो चौथे स्थान पर रहा। भविष्य की योजनाओं मे शामिल जीएसएलवी एमके III के विकास (भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए) ULV, एक पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान, मानव अंतरिक्ष, आगे चंद्र अन्वेषण, ग्रहों के बीच जांच, एक सौर मिशन अंतरिक्ष यान के विकास आदि। इसरो को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए साल 2014 के इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के लगभग एक वर्ष बाद इसने 29 सितंबर 2015 को एस्ट्रोसैट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित किया। जून 2016 तक इसरो लगभग 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है, और इसके द्वारा उसने अब तक 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए हैं।http://khabar.ndtv.com/news/file-facts/in-record-launch-isro-flies-20-satellites-into-space-10-facts-1421899?pfrom.

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मन प्रसाद सुब्बा

मन प्रसाद सुब्बा का जन्म 3 सितंबर 1952 को दार्जिलिंग में। ये नेपाली भाषा के भारतीय कवि और उपन्यासकार हैं। 'बिब्लियंटों युगमित्र कार्टून मांछे हरू', 'बुख्यंचा हरू को देश माँ', 'ऊष्मा' (कविता संग्रह) एवं 'त्यो मोरसम्म पुगे को माछे' (उपन्यास) प्रकाशित। .

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महत्त्वपूर्ण दिवस

कोई विवरण नहीं।

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मानसून

जब ITCZ(उष्ण कटिबंधीय संरक्षित क्षेत्र)से जब व्यापारिक एवं समाॅगी हवाये ऊपर की ओर कोरियोलिस बल के कारण भारत के राज्य केरल मे 2महिना 10दिन मे मानसून पहुंचता है जो कि यहां सबसे पहले सबसे बाद मे भी मानसून यही होता है लेकिन भारत मे सबसे ज्यादा मानसून मासिनराम(मेघालय) मे होती है जो कि वहा पर औषतन बरसात 11873मिमी॰ की होती है । तमिलनाडु के नागरकायल (कन्याकुमारी के पास) में मानसून के बादल मानसून मूलतः हिन्द महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग ब्रिटिश भारत में (वर्तमान भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश) एवं पड़ोसी देशों के संदर्भ में किया गया था। ये बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिये प्रयोग हुआ था, जो दक्षिण-पश्चिम से चलकर इस क्षेत्र में भारी वर्षाएं लाती थीं। हाइड्रोलोजी में मानसून का व्यापक अर्थ है- कोई भी ऐसी पवन जो किसी क्षेत्र में किसी ऋतु-विशेष में ही अधिकांश वर्षा कराती है। यहां ये उल्लेखनीय है, कि मॉनसून हवाओं का अर्थ अधिकांश समय वर्षा कराने से नहीं लिया जाना चाहिये। इस परिभाषा की दृष्टि से संसार के अन्य क्षेत्र, जैसे- उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, उप-सहारा अफ़्रीका, आस्ट्रेलिया एवं पूर्वी एशिया को भी मानसून क्षेत्र की श्रेणी में रखा जा सकता है। ये शब्द हिन्दी व उर्दु के मौसम शब्द का अपभ्रंश है। मॉनसून पूरी तरह से हवाओं के बहाव पर निर्भर करता है। आम हवाएं जब अपनी दिशा बदल लेती हैं तब मॉनसून आता है।.

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मास

अंग्रेज़ी कैलेण्डर के अनुसार एक साल में बारह महीने होते हैं | हिन्दी में इन्हें निम्न नामों से जाना जाता है |.

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मिताली राज

मिताली राज (जन्म: 3 दिसम्बर 1982) भारतीय महिला क्रिकेट की मौजूदा कप्तान हैं। वे टेस्ट क्रिकेट मैच में दोहरा शतक बनाने वाली पहली महिला है। जून 2018 में, मिताली राज ट्वेन्टी-२० अंतर्राष्ट्रीय में 2000 रन बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने। मिताली राज भारत की पहली ऐसी महिला खिलाड़ी है जिन्होंने टी२० अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में २ हजार या इससे ज्यादा रन बनाये। .

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मंजुल प्रकाशन

मन्जुल प्रकाशन एक जाना माना प्रकाशक है, जो हैरी पौटर की पुस्तको को भारत में प्रकाशित करता है। यह प्रकाशन भवन भोपाल में है। यह हैरी पौटर उपन्यासों को हिन्दी में प्रकाशित करता है। मन्जुल प्रकाशन द्वारा पहली हैरी पौटर पुस्तक, हैरी पौटर और पारस पत्थर ने भारत में एक रिकार्ड कायम किया। हैरी पौटर और पारस पत्थर की पहले हफ़ते ही १६ हज़ार प्रतियां बिकीं.

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मुंबई की जलवायु

मुंबई में औसत तापमान एवं वर्षण (प्रैसिपिटेशन) की सारणी उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में अरब सागर के निकट स्थित मुंबई की जलवायु में दो मुख्य ऋतुएं हैं: शुष्क एवं आर्द्र ऋतु। आर्द्र ऋतु मार्च एवं अक्टूबर के बीच आती है। इसका मुख्य लक्षण है उच्च आर्द्रता व तापमन लगभग से भी अधिक। जून से सितंबर के बीच मानसून वर्षाएं नगर भिगोतीं हैं, जिससे मुंबई का वार्षिक वर्षा स्तर तक पहुँचता है। अधिकतम अंकित वार्षिक वर्षा १९५४ में थी। मुंबई में दर्ज एक दिन में सर्वोच्च वर्षा २६ जुलाई,२००५ को हुई थी। नवंबर से फरवरी तक शुष्क मौसम रहता है, जिसमें मध्यम आर्द्रता स्तर बना रहता है, व हल्का गर्म से हल्का ठंडा मौसम रहता है। जनवरी से फरवरी तक हल्की ठंड पड़ती है, जो यहाँ आने वाली ठंडी उत्तरी हवाओं के कारण होती है। मुंबई का वार्षिक तापमान उच्चतम से न्यूनतम तक रहता है। अब तक का रिकॉर्ड सर्वोच्च तापमान तथा २२ जनवरी,१९६२ को नयूनतम रहा।। हालाँकि यहाँ के मौसम विभाग के दो में से एक स्टेशन द्वारा अंकित न्यूनतम तापमान कन्हेरी गुफाओं के निकट नगर की सीमाओं के भीतर स्थित स्टेशन द्वारा न्यूनतम तापमान ८ फरवरी,२००८ को अंकित किया गया। .

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मैराथन का युद्ध

मैराथन का युद्ध (Μάχη τοῦ Μαραθῶνος) प्राचीन यूनान में लडा गया जिसमें फारस की सेना परास्त हुई। इस घटना की सूचना देने हेतु एक सेनिक ने पहली बार मैराथन की दोड लगाई थी। .

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राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद (अंग्रेज़ी:नेशनल काउन्सिल ऑफ एड्युकेशनल रिसर्च एण्ड ट्रेनिंग, लघु:NCERT National Council of Educational Research and Training) भारत सरकार द्वारा स्थापित संस्थान है जो विद्यालयी शिक्षा से जुड़े मामलों पर केन्द्रीय सरकार एवं प्रान्तीय सरकारों को सलाह देने के उद्देश्य से स्थापित की गयी है। यह परिषद भारत में स्कूली शिक्षा संबंधी सभी नीतियों पर कार्य करती है।। हिन्दुस्तान लाइव। २१ फ़रवरी २०१० इसका मुख्य कार्य शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्रालय को विशेषकर स्कूली शिक्षा के संबंध में सलाह देने और नीति-निर्धारण में मदद करने का है। इसके अतिरिक्त एनसीईआरटी के अन्य कार्य हैं शिक्षा के समूचे क्षेत्र में शोधकार्य को सहयोग और प्रोत्साहित करना, उच्च शिक्षा में प्रशिक्षण को सहयोग देना, स्कूलों में शिक्षा पद्धति में लाए गए बदलाव और विकास को लागू करना, राज्य सरकारों और अन्य शैक्षणिक संगठनों को स्कूली शिक्षा संबंधी सलाह आदि देना और अपने कार्य हेतु प्रकाशन सामग्री और अन्य वस्तुओं के प्रचार की दिशा में कार्य करना। इसी तरह भारत में शिक्षा से जुड़े लगभग हरेक कार्य में एनसीईआरटी की उपस्थिति किसी न किसी रूप में रहती है। कई अन्य शैक्षणिक संस्थान एनसीईआरटी के सहयोगी के तौर पर कार्यरत हैं, इनमें प्रमुख हैं.

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रज्जब

रज्जब (अरबी: رجب) इस्लामी कैलेण्डर का सातवां मास है। रज्जब की शब्दकोषीय या शाब्दिक परिभाषा है "आदर करना", जिससे कि रज्जब शब्द निकला है। रज्जब बतलाता है 'सम्मनित मास'। इस मास को अति आदर सूचक माना जाता था, पागान अरबों द्वारा, रमजाज्ञ की तरह ही इसमें भी युद्ध वर्जित था। .

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रॉकेट

अपोलो १५ अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण रॉकेट एक प्रकार का वाहन है जिसके उड़ने का सिद्धान्त न्यूटन के गति के तीसरे नियम क्रिया तथा बराबर एवं विपरीत प्रतिक्रिया पर आधारित है। तेज गति से गर्म वायु को पीछे की ओर फेंकने पर रॉकेट को आगे की दिशा में समान अनुपात का बल मिलता है। इसी सिद्धांत पर कार्य करने वाले जेट विमान, अंतरिक्ष यान एवं प्रक्षेपास्त्र विभिन्न प्रकार के राकेटों के उदाहरण हैं। रॉकेट के भीतर एक कक्ष में ठोस या तरल ईंधन को आक्सीजन की उपस्थिति में जलाया जाता है जिससे उच्च दाब पर गैस उत्पन्न होती है। यह गैस पीछे की ओर एक संकरे मुँह से अत्यन्त वेग के साथ बाहर निकलती है। इसके फलस्वरूप जो प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है वह रॉकेट को तीव्र वेग से आगे की ओर ले जाती है। अंतरिक्ष यानों को वायुमंडल से ऊपर उड़ना होता है इसलिए वे अपना ईंधन एवं आक्सीजन लेकर उड़ते हैं। जेट विमान में केवल ईँधन रहता है। जब विमान चलना प्रारम्भ करता है तो विमान के सिरे पर बने छिद्र से बाहर की वायु इंजन में प्रवेश करती है। वायु के आक्सीजन के साथ मिलकर ईँधन अत्यधिक दबाव पर जलता है। जलने से उत्पन्न गैस का दाब बहुत अधिक होता है। यह गैस वायु के साथ मिलकर पीछे की ओर के जेट से तीव्र वेग से बाहर निकलती है। यद्यपि गैस का द्रव्यमान बहुत कम होता है किन्तु तीव्र वेग के कारण संवेग और प्रतिक्रिया बल बहुत अधिक होता है। इसलिए जेट विमान आगे की ओर तीव्र वेग से गतिमान होता है। रॉकेट का इतिहास १३वी सदी से प्रारंभ होता है। चीन में राकेट विद्या का विकास बहुत तेज़ी से हुआ और जल्दी ही इसका प्रयोग अस्त्र के रूप में किया जाने लगा। मंगोल लड़ाकों के द्वारा रॉकेट तकनीक यूरोप पहुँची और फिर विभिन्न शासकों द्वारा यूरोप और एशिया के अन्य भागों में प्रचलित हुई। सन १७९२ में मैसूर के शासक टीपू सुल्तान ने अंग्रेज सेना के विरुद्ध लोहे के बने रॉकेटों का प्रयोग किया। इस युद्ध के बाद अंग्रेज सेना ने रॉकेट के महत्त्व को समझा और इसकी तकनीक को विकसित कर विश्व भर में इसका प्रचार किया। स्पेस टुडे पर--> .

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लखनऊ

लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .

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लखनऊ में यातायात

चारबाग रेलवे स्टेशन लखनऊ में कई रेलवे स्टेशन हैं। शहर में मुख्य रेलवे स्टेशन चारबाग रेलवे स्टेशन है। इसकी शानदार महल रूपी इमारत १९२३ में बनी थी। मुख्य टर्मिनल उत्तर रेलवे का है (स्टेशन कोड: LKO)। दूसरा टर्मिनल पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) मंडल का है। (स्टेशन कोड: LJN)। लखनऊ एक प्रधान जंक्शन स्टेशन है, जो भारत के लगभग सभी मुख्य शहरों से रेल द्वारा जुड़ा हुआ है। यहां और १३ रेलवे स्टेशन हैं.

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साधना शिवदासानी

साधना (२ सितम्बर, १९४१ को कराची, सिन्ध, पाकिस्तान - 25 दिसंबर 2015) एक प्रसिद्ध भारतीय सिने तारिका थी। हरि शिवदासानी जो अभिनेत्री बबीता के पिता हैं, उनके पिता के भाई हैं। .

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संयुक्त राजशाही में आतंकवाद

यूनाइटेड किंगडम में आतंकवाद गृह मन्त्रालय बोलता है कि राष्ट्र को एक महात्वपूर्ण धमकी दिखाते है। ब्रितानी सरकार के गृह मंत्रालय से सितंबर 2001 से जनवरी 2007 तक 1,000 लोग से ज़्यादा संयुक्त राजशाही में गिरफ़्तार किया गया टेररिज़म एक्ट 2000 को भ्रष्ट करने लिए। .

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सुनीता विलियम्स

सुनीता विलियम्स (जन्म: १९ सितंबर, १९६५ यूक्लिड, ओहायो में) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के माध्यम से अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला है। यह भारत के गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखती है। इन्होंने एक महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में १९५ दिनों तक अंतरिक्ष में रहने का विश्व किर्तिमान स्थापित किया है। उनके पिता दीपक पाण्डया अमेरिका में एक डॉक्टर हैं। .

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स्लोवाक विकिपीडिया

स्लोवाक विकिपीडिया (Slovenská Wikipédia) विकिपीडिया का स्लोवाक भाषा का संस्करण है। यह अक्टूबर २००३ में आरंभ किया गया था, लेकिन २००४ की गर्मियों में ही यह सक्रिय हो पाया था। सितंबर २००५ में इसने १५,००० लेखों का आँकड़ा पार कर लिया था और अगस्त २००६ तक ५०,००० लेखों का और अगस्त २००८ तक १,००,००० लेखों का। स्लोवाक विकिपीडिया पर २५ मई, २००९ तक लेखों की संख्या १,०७,०००+ है। स्लोवाक विकिपीडिया, स्लाविक-भाषा के विकिपीडियाओं के सबसे बड़े संस्करणों में से है।.

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हर्बट होप रिस्ली

हर्बट होप रिस्ली .

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हिमानी शिवलिंग

अमरनाथ स्थित हिमानी शिवलिंगहिमानी शिवलिंग अमरनाथ की गुफा में हिम से अपने आप बनने वाले शिवलिंग को कहले हैं जिसका भारतीय जीवन में धार्मिक महत्व है और जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। यह शिवलिंग मौसम में बदलाव के अनुसार चंद्रमा की कलाओं के रूप में घटता बढ़ता रहता है और पूर्णिमा के दिन लगभग 10 या 12 फीट की ऊंचाई तक बनता है। हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन जुलाई-अगस्त माह में शिवलिंग अपनी अधिकतम ऊँचाई पाता है और इस दिन संसार भर के श्रद्धालु गुफा में स्थित मंदिर में इकट्ठा होते हैं। अमरनाथ श्रीनगर के पूर्व में १४५ किलोमीटर दूर स्थित है। अमरनाथ गुफा जहां स्थित है वह जगह बर्फ से ढकी घाटी है और समुद्र तल से १३७०० फीट ऊँचाई पर स्थित है। सितंबर से जून तक यह पूरी घाटी बर्फ से ढकी होती है और यहां पहुँचना दुष्कर ही नहीं नामुमकिन होता है। अमरनाथ गुफा लगभग १५० फीट ऊंची और ९० फीट लंबी है। .

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जम्मू (शहर)

जम्मू शहर जम्मू क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर है और साथ ही भारत के उत्तरतम राज्य जम्मू एवं कश्मीर की शीतकालीन राजधानी भी है। यह नगरमहापालिका वाला शहर तवी नदी के तट पर बसा है। नगर में ढेरों पुराने व नये मन्दिरों के बाहुल्य के कारण इसे मन्दिरों का शहर भी कहा जाता है। तेजी से फैलती शहरी आबादी एवं बढ़ते अवसंरचना के कारण ये शीतकालीन राजधानी राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। .

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विषुव

सूर्य द्वारा पृथ्वी पर विषुव के दिन प्रकाश (संध्या छोड़कर) विषुव (अंग्रेज़ी:इक्विनॉक्स) ऐसा समय-बिंदु होता है, जिसमें दिवस और रात्रि लगभग बराबर होते हैं। इसका शब्दिक अर्थ होता है - समान। 'विषुव' शब्द संस्कृत से है और इसका अर्थ दिन और रात्रि के समान होने से है (दिनरात्र्योः साम्यं वाति वा) | इक्वीनॉक्स शब्द लैटिन भाषा के शब्द एक्वस (समान) और नॉक्स (रात्रि) से लिया गया है। किसी क्षेत्र में दिन और रात की लंबाई को प्रभावित करने वाले कई दूसरे कारक भी होते हैं। पृथ्वी अपनी धुरी पर २३½° झुके हुए सूर्य के चक्कर लगाती है, इस प्रकार वर्ष में एक बार पृथ्वी इस स्थिति में होती है, जब वह सूर्य की ओर झुकी रहती है, व एक बार सूर्य से दूसरी ओर झुकी रहती है।|हिन्दुस्तान लाइव। १७ मई २०१०। तैयारी डेस्क इसी प्रकार वर्ष में दो बार ऐसी स्थिति भी आती है, जब पृथ्वी का झुकाव न सूर्य की ओर ही होता है और न ही सूर्य से दूसरी ओर, बल्कि बीच में होता है। इस स्थिति को विषुव या इक्विनॉक्स कहा जाता है। इन दोनों तिथियों पर दिन और रात की बराबर लंबाई लगभग बराबर होती है। यदि दो लोग भूमध्य रेखा से समान दूरी पर खड़े हों तो उन्हें दिन और रात की लंबाई बराबर महसूस होगी। ग्रेगोरियन वर्ष के आरंभ होते समय (जनवरी माह में) सूरज दक्षिणी गोलार्ध में होता है और वहां से उत्तरी गोलार्ध को अग्रसर होता है। वर्ष के समाप्त होने (दिसम्बर माह) तक सूरज उत्तरी गोलार्द्ध से होकर पुनः दक्षिणी गोलार्द्ध पहुचं जाता है। इस तरह से सूर्य वर्ष में दो बार भू-मध्य रेखा के ऊपर से गुजरता है। हिन्दू नव वर्ष एवं भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर व विश्व में अन्य कई नव वर्ष इसी समय के निकट ही आरंभ हुआ करते हैं। .

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वक़ार अहमद शाह

वक़ार अहमद शाह,भारत के उत्तर प्रदेश की सोलहवीं विधानसभा सभा में विधायक रहे। 2012 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश की बहराइच विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र (निर्वाचन संख्या-286)से चुनाव जीता। डॉक्टर वक़ार अहमद शाह का जन्म 06 जुलाई 1943 में मुहल्ला क़ाज़ीपुरा शहर बहराइच में शहर के एक प्रसिद्ध परिवार में हुई थी । आपके पिता का नाम ख़्वाजा क़मरउद्दीन था। .

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वीणा टंडन

वीणा टंडन एक भारतीय परजीव विज्ञानी,शैक्षिक एवं बायोटेक पार्क,लखनऊ में एक नासी वरिष्ठ वैज्ञानिक है। वह नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी में जूलॉजी की भूतपूर्व प्रोफेसर है एवं पूर्व भारत में पेट के परजीवी से जुड़ी जानकारी का डेटाबेस जुटाने में मुख्य रूप से कार्यरत है।  उन्हें उनके कीड़ा संक्रमण पर शोध के लिए जाना है जोकि भोजन के लिए मुल्यवान जानवरों को प्रभावित करते हैं। वह दो पुस्तकों की लेखिका हैं और परजीवी विज्ञान पर उनके काफी लेख है। भारत सरकार ने विज्ञान में योगदान के लिए उन्हें देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री, से २०१६ में सम्मानित किया। .

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गन्स एण्ड रोज़ेज़

गन्स एण्ड रोज़ेज़ (जिसे कभी-कभी संक्षेप में GN'R या GnR भी कहा/लिखा जाता है) एक अमेरिकी हार्ड रॉक बैंड है। इस बैंड का गठन 1985 में कैलिफोर्निया के लॉस एंजिलिस के हॉलीवुड में हुआ था। प्रमुख गायक और सह-संस्थापक एक्सल रोज़ (जन्म विलियम ब्रूस रोज़, जूनियर) के नेतृत्व में इस बैंड के गठन के बाद से इसके सदस्यों में कई बार परिवर्तन हुए हैं और कई विवादों ने जन्म लिया है। इस बैंड ने अपने कॅरियर के दौरान छः स्टूडियो एल्बम, तीन EPs और एक लाइव एल्बम रिलीज़ किया है। बैंड ने दुनिया भर में 1000 लाख से अभी अधिक एल्बम बेचा है जिसमें से 460 लाख से अभी अधिक एल्बमों की बिक्री संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई है। बैंड के 1987 के प्रमुख लेबल के पहले एल्बम एपेटाइट फॉर डिस्ट्रक्शन की 280 लाख प्रतियों की दुनिया भर में बहुत ज्यादा बिक्री हुई है और संयुक्त राज्य अमेरिका के ''बिलबोर्ड'' 200 में नंबर एक पर पहुंच गया है। इसके अतिरिक्त, इस एल्बम ने ''बिलबोर्ड'' हॉट 100 में तीन टॉप 10 सफल गाने दिए जिसमें "स्वीट चाइल्ड ओ' माइन" भी शामिल था जो नंबर एक पर पहुंच गया था। 1991 की एल्बमों, यूज़ योर इल्यूज़न I और यूज़ योर इल्यूज़न II ने बिलबोर्ड 200 पर दो सर्वोच्च स्थानों पर अपनी शुरुआत की और दुनिया भर में कुल 350 लाख प्रतियों की बिक्री की है जिसमें से केवल संयुक्त राज्य अमेरिका में 140 लाख प्रतियों की बिक्री हुई है। एक दशक से भी अधिक समय तक काम करने के बाद बैंड ने 2008 में अपना अगला एल्बम, चाइनीज़ डेमोक्रेसी रिलीज़ की। वर्तमान लाइन-अप (सदस्य-मण्डली) में प्रमुख गायक एक्सल रोज़, प्रमुख गिटारवादक रॉन "बम्बलफूट" थाल और डीजे अश्बा, ताल गिटारवादक रिचर्ड फोर्टस, बासवादक टॉमी स्टिन्सन, ड्रमवादक फ्रैंक फेरर, कीबोर्डवादक डिज़ी रीड और सिन्थेसाइज़र वादक क्रिस पिटमैन शामिल हैं। उनके अस्सी के दशक के मध्य से लेकर अंत तक और नब्बे के दशक के शुरू के वर्षों को संगीत उद्योग के व्यक्तियों द्वारा एक ऐसी अवधि के रूप में वर्णित किया जाता है जिसमें "उन्होंने सुखवादी अक्खड़पन को जन्म दिया और आरंभिक रोलिंग स्टोन्स की याद दिलाने वाले पंक (उग्र) प्रवृत्ति वाले हार्ड रॉक दृश्य को पुनर्जीवित किया।"http://www.rollingstone.com/artists/gunsnroses/biography .

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गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य

गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य भारत में गुजरात में स्थित राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यप्राणी अभयारण्य है। एशिया में सिंहों के एकमात्र निवास स्थान के लिए जाना जाता है। गिर अभयारण्य 1424 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है जिसमें, २५८ वर्ग किलोमीटर में राष्ट्रीय उद्यान और ११५३ वर्ग किलोमीटर वन्यप्राणियों के लिए आरक्षित अभयारण्य विस्तार है। इसके अतिरिक्त पास में ही मितीयाला वन्यजीव अभयारण्य है जो १८.२२ किलोमीटर में फैला हुआ है। ये दोनों आरक्षित विस्तार गुजरात में जूनागढ़, अमरेली और गिर सोमनाथ जिले के भाग है। सिंहदर्शन के लिए ये उद्यान एवं अभयारण्य विश्व में प्रवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। विश्व में सिंहों की कम हो रही संख्या की समस्या से निपटने और एशियाटिक सिंहों के रक्षण हेतु सिंहों के एकमेव निवासस्थान समान इस विस्तार को आरक्षित घोषित किया गया था। विश्व में अफ़्रीका के बाद इसी विस्तार में सिंह बचे हैं। .

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ग्रेगोरी कैलेंडर

ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian calendar), दुनिया में लगभग हर जगह उपयोग किया जाने वाला कालदर्शक या तिथिपत्रक है। यह जूलियन कालदर्शक (Julian calendar) का रूपान्तरण है। इसे पोप ग्रेगोरी (Pope Gregory XIII) ने लागू किया था। इससे पहले जूलियन कालदर्शक प्रचलन में था, लेकिन उसमें अनेक त्रुटियाँ थीं, जिन्हें ग्रेगोरी कालदर्शक में दूर कर दिया गया। .

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ओणम

ओणम केरल का एक प्रमुख त्योहार है। ओणम केरल का एक राष्ट्रीय पर्व भी है। ओणम का उत्सव सितम्बर में राजा महाबली के स्वागत में प्रति वर्ष आयोजित किया जाता है जो दस दिनों तक चलता है। उत्सव त्रिक्काकरा (कोच्ची के पास)  केरल के एक मात्र वामन मंदिर से प्रारंभ होता है। ओणम में प्रत्येक  घर के आँगन में फूलों की पंखुड़ियों से सुन्दर सुन्दर रंगोलिया (पूकलम) डाली जाती हैं। युवतियां  उन रंगोलियों के चारों तरफ वृत्त बनाकर उल्लास पूर्वक नृत्य (तिरुवाथिरा कलि) करती हैं। इस पूकलम का प्रारंभिक स्वरुप पहले (अथम के दिन) तो छोटा होता है परन्तु हर रोज इसमें एक और वृत्त फूलों का बढ़ा दिया जाता है। इस तरह बढ़ते बढ़ते दसवें दिन (तिरुवोनम)  यह पूकलम वृहत आकार धारण कर लेता है। इस पूकलम के बीच त्रिक्काकरप्पन (वामन अवतार में विष्णु), राजा महाबली तथा उसके अंग  रक्षकों की प्रतिष्ठा होती है जो कच्ची मिटटी से बनायीं जाती है। ओणम मैं नोका दौड जैसे खेलों का आयोजन भी होता है। ओणम एक सम्पूर्णता से भरा हुआ त्योहार है जो सभी के घरों को ख़ुशहाली से भर देता है। .

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करोंदा

करोंदा का पौधा करोंदा एक झाड़ी नुमा पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम कैरिसा कैरेंडस (Carissa carandus) है। करोंदा फलों का उपयोग सब्जी और अचार बनाने में किया जाता है। यह पौधा भारत में राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हिमालय के क्षेत्रों में पाया जाता है। यह नेपाल और अफगानिस्तान में भी पाया जाता है। करोंदा फल यह पौधा बीज से अगस्त या सितम्बर में १.५ मीटर की दूरी पर लगाया जाता है। कटिंग या बडिंग से भी लगाया जा सकता है। दो साल के पौधे में फल आने लगते हैं। फूल आना मार्च के महीने में शुरू होता है और जुलाई से सितम्बर के बीच फल पक जाता है। .

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कश्मीर का इतिहास

भारत के उत्तरतम राज्य जम्मू और कश्मीर का इतिहास अति प्राचीन काल से आरंभ होता है। राजधानी में डल झील में एक शिकारे से दृश्य .

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कालिंजर दुर्ग

कालिंजर, उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के बांदा जिले में कलिंजर नगरी में स्थित एक पौराणिक सन्दर्भ वाला, ऐतिहासिक दुर्ग है जो इतिहास में सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण रहा है। यह विश्व धरोहर स्थल प्राचीन मन्दिर नगरी-खजुराहो के निकट ही स्थित है। कलिंजर नगरी का मुख्य महत्त्व विन्ध्य पर्वतमाला के पूर्वी छोर पर इसी नाम के पर्वत पर स्थित इसी नाम के दुर्ग के कारण भी है। यहाँ का दुर्ग भारत के सबसे विशाल और अपराजेय किलों में एक माना जाता है। इस पर्वत को हिन्दू धर्म के लोग अत्यंत पवित्र मानते हैं, व भगवान शिव के भक्त यहाँ के मन्दिर में बड़ी संख्या में आते हैं। प्राचीन काल में यह जेजाकभुक्ति (जयशक्ति चन्देल) साम्राज्य के अधीन था। इसके बाद यह दुर्ग यहाँ के कई राजवंशों जैसे चन्देल राजपूतों के अधीन १०वीं शताब्दी तक, तदोपरांत रीवा के सोलंकियों के अधीन रहा। इन राजाओं के शासनकाल में कालिंजर पर महमूद गजनवी, कुतुबुद्दीन ऐबक, शेर शाह सूरी और हुमांयू जैसे प्रसिद्ध आक्रांताओं ने आक्रमण किए लेकिन इस पर विजय पाने में असफल रहे। अनेक प्रयासों के बाद भी आरम्भिक मुगल बादशाह भी कालिंजर के किले को जीत नहीं पाए। अन्तत: मुगल बादशाह अकबर ने इसे जीता व मुगलों से होते हुए यह राजा छत्रसाल के हाथों अन्ततः अंग्रेज़ों के अधीन आ गया। इस दुर्ग में कई प्राचीन मन्दिर हैं, जिनमें से कई तो गुप्त वंश के तृतीय -५वीं शताब्दी तक के ज्ञात हुए हैं। यहाँ शिल्पकला के बहुत से अद्भुत उदाहरण हैं। .

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कक्षीय ताख

कक्षीय ताख (orbital node) वह दो बिन्दु होते हैं जहाँ किसी परिक्रमा करती हुई खगोलीय वस्तु की कक्षा (ऑरबिट) किसी सन्दर्भ समतल को भेदती है। ध्यान दें कि अगर परिक्रमा का समतल और सन्दर्भ समतल एक ही हो तो कक्षीय ताख होते ही नहीं, यानि उनके लिए इन कक्षीय समतल और सन्दर्भ समतल का एक-दूसरे से तिरछा होना आवश्यक है। .

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कृष्ण धिमिरे

7 सितंबर 1963 को जन्में कृष्ण धिमिरे विज्ञान से स्नातक हैं। ये नेपाली भाषा के भारतीय अनुवादक हैं। .

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कोलकाता

बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .

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कोलकाता का मौसम

कोलकाता में मानसून के बादल कोलकाता में उष्णकटिबंधीय आर्द्र-शुष्क जलवायु रहती है। यह कोप्पेन जलवायु वर्गीकरण के अनुसार Aw श्रेणी में आती है। वार्षिक औसत तापमान २६.८ °से. (८० °फ़ै.); मासिक औसत तापमान १९ °से.

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कोलकाता की संस्कृति

श्रेणी:कोलकाता.

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अज़रबैजान का इतिहास

अज़रबैजान का इतिहास सातवीं सदी से भी पूर्व का है, जब इस क्षेत्र के लोगों का स्थानीय अरब राष्ट्रों ने इस्लाम में परिवर्तन किया। १६वीं और १७वीं शताब्दियों में, यह क्षेत्र हख़ामनी साम्राज्य और उस्मानी साम्राज्य के बीच विवाद का कारण था। अजरबैजान या अज़रबैजान प्रांत (آذربایجان, Azərbaycan.) पूर्वी यूरोप और पश्चिमी एशिया की सीमा पर एक ऐतिहासिक और भौगोलिक क्षेत्र है। यह कैस्पियन सागर द्वारा पूर्व में घिरा है, रूस के उत्तर पश्चिमोत्तर, तुर्की और आर्मेनिया के लिए दक्षिण पश्चिम करने के लिए जॉर्जिया को दागेस्तान क्षेत्र और ईरान के दक्षिण में.

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ऋतु

ऋतु एक वर्ष से छोटा कालखंड है जिसमें मौसम की दशाएँ एक खास प्रकार की होती हैं। यह कालखण्ड एक वर्ष को कई भागों में विभाजित करता है जिनके दौरान पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा के परिणामस्वरूप दिन की अवधि, तापमान, वर्षा, आर्द्रता इत्यादि मौसमी दशाएँ एक चक्रीय रूप में बदलती हैं। मौसम की दशाओं में वर्ष के दौरान इस चक्रीय बदलाव का प्रभाव पारितंत्र पर पड़ता है और इस प्रकार पारितंत्रीय ऋतुएँ निर्मित होती हैं यथा पश्चिम बंगाल में जुलाई से सितम्बर तक वर्षा ऋतु होती है, यानि पश्चिम बंगाल में जुलाई से अक्टूबर तक, वर्ष के अन्य कालखंडो की अपेक्षा अधिक वर्षा होती है। इसी प्रकार यदि कहा जाय कि तमिलनाडु में मार्च से जुलाई तक ग्रीष्म ऋतु होती है, तो इसका अर्थ है कि तमिलनाडु में मार्च से जुलाई तक के महीने साल के अन्य समयों की अपेक्षा गर्म रहते हैं। एक ॠतु .

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१८६९ का राजपूताना अकाल

१८६९ का राजपूताना अकाल जिसे ग्रेट राजपूताना अकाल भी कहा जाता है इसके अलावा हम इस अकाल को बुंदेलखंड अकाल भी कह सकते हैं 'ये अकाल १८६९ में पड़ा था ' इसमें १९६.००० वर्ग मील (७७०,००० किलोमीटर) प्रभावित हुए थे तथा उस वक्त की जनसंख्या लगभग ४४,५००,००० जिसमें मुख्य रूप से राजपूताना,अजमेर,भारत प्रभावित हुआ था ' इनके अलावा गुजरात,उत्तरी डेक्कन ज़िले,जबलपुर संभाग,आगरा और बुंदेलखंड संभाग और पंजाब का हिसार संभाग भी काफी प्रभावित हुए थे ' .

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२०१०

वर्ष २०१० वर्तमान वर्ष है। यह शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष २०१० को अंतराष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .

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८ मार्च

8 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 67वॉ (लीप वर्ष में 68 वॉ) दिन है। साल में अभी और 298 दिन बाकी है। अंतराष्ट्रीय नारी दिवस (संयुक्त राष्ट्र संघ) .

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