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सिकंदराबाद जंक्शन

सूची सिकंदराबाद जंक्शन

सिकंदराबाद जंक्शन हैदराबाद शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। .

4 संबंधों: सिकंदराबाद राजधानी एक्स्प्रेस डाउन, सिकंदराबाद राजधानी एक्स्प्रेस अप, हैदराबाद, हैदराबाद मेट्रो रेल

सिकंदराबाद राजधानी एक्स्प्रेस डाउन

सिकंदराबाद राजधानी एक्स्प्रेस (ट्रेन संख्या: 2438) भारतीय रेल की एक राजधानी एक्स्प्रेस रेलगाड़ी है। यह ह निजामुद्दीन (स्टेशन कोड: NZM) से 08:50PM बजे छूटती है। यह ट्रेन सिकंदराबाद जंक्शन (स्टेशन कोड: SC) पर 06:35PM बजे पहुंचती है। यह ट्रेन रविवार, के दिन चलती है। इसका कुल यात्रा का समय 21 घंटे 45 मिनट है। श्रेणी:राजधानी रेल.

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सिकंदराबाद राजधानी एक्स्प्रेस अप

सिकंदराबाद राजधानी एक्स्प्रेस (ट्रेन संख्या: 2437) भारतीय रेल की एक राजधानी एक्स्प्रेस रेलगाड़ी है। यह सिकंदराबाद जंक्शन (स्टेशन कोड: SC) से 07:50AM बजे छूटती है। यह ट्रेन ह निजामुद्दीन (स्टेशन कोड: NZM) पर 05:50AM बजे पहुंचती है। यह ट्रेन बुधवार, के दिन चलती है। इसका कुल यात्रा का समय 22 घंटे 0 मिनट है। श्रेणी:राजधानी रेल.

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हैदराबाद

हैदराबाद (तेलुगु: హైదరాబాదు,उर्दू: حیدر آباد) भारत के राज्य तेलंगाना तथा आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी है, जो दक्कन के पठार पर मूसी नदी के किनारे स्थित है। प्राचीन काल के दस्तावेजों के अनुसार इसे भाग्यनगर के नाम से जाना जाता था। आज भी यह प्राचीन नाम अत्यन्त ही लोकप्रिय है। कहा जाता है कि किसी समय में इस ख़ूबसूरत शहर को क़ुतुबशाही परम्परा के पाँचवें शासक मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह ने अपनी प्रेमिका भागमती को उपहार स्वरूप भेंट किया था, उस समय यह शहर भागनगर के नाम से जाना जाता था। भागनगर समय के साथ हैदराबाद के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसे 'निज़ामों का शहर' तथा 'मोतियों का शहर' भी कहा जाता है। यह भारत के सर्वाधिक विकसित नगरों में से एक है और भारत में सूचना प्रौधोगिकी एवं जैव प्रौद्यौगिकी का केन्द्र बनता जा रहा है। हुसैन सागर से विभाजित, हैदराबाद और सिकंदराबाद जुड़वां शहर हैं। हुसैन सागर का निर्माण सन १५६२ में इब्राहीम कुतुब शाह के शासन काल में हुआ था और यह एक मानव निर्मित झील है। चारमीनार, इस क्षेत्र में प्लेग महामारी के अंत की यादगार के तौर पर मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने १५९१ में, शहर के बीचों बीच बनवाया था। गोलकुंडा के क़ुतुबशाही सुल्तानों द्वारा बसाया गया यह शहर ख़ूबसूरत इमारतों, निज़ामी शानो-शौक़त और लजीज खाने के कारण मशहूर है और भारत के मानचित्र पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में अपनी अलग अहमियत रखता है। निज़ामों के इस शहर में आज भी हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक सौहार्द्र से एक-दूसरे के साथ रहकर उनकी खुशियों में शरीक होते हैं। अपने उन्नत इतिहास, संस्कृति, उत्तर तथा दक्षिण भारत के स्थापत्य के मौलिक संगम, तथा अपनी बहुभाषी संस्कृति के लिये भौगोलिक तथा सांस्कृतिक दोनों रूपों में जाना जाता है। यह वह स्थान रहा है जहां हिन्दू और मुसलमान शांतिपूर्वक शताब्दियों से साथ साथ रह रहे हैं। निजामी ठाठ-बाट के इस शहर का मुख्य आकर्षण चारमीनार, हुसैन सागर झील, बिड़ला मंदिर, सालारजंग संग्रहालय आदि है, जो देश-विदेश इस शहर को एक अलग पहचान देते हैं। यह भारतीय महानगर बंगलौर से 574 किलोमीटर दक्षिण में, मुंबई से 750 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में तथा चेन्नई से 700 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। किसी समय नवाबी परम्परा के इस शहर में शाही हवेलियाँ और निज़ामों की संस्कृति के बीच हीरे जवाहरात का रंग उभर कर सामने आया तो कभी स्वादिष्ट नवाबी भोजन का स्वाद। इस शहर के ऐतिहासिक गोलकुंडा दुर्ग की प्रसिद्धि पार-द्वार तक पहुँची और इसे उत्तर भारत और दक्षिणांचल के बीच संवाद का अवसर सालाजार संग्रहालय तथा चारमीनार ने प्रदान किया है। वर्ष २०११ की जनगणना के अनुसार इस महानगर की जनसंख्या ६८ लाख से अधिक है। .

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हैदराबाद मेट्रो रेल

हैदराबाद मेट्रो रेल हैदराबाद के लिए एक तेजी से पारगमन प्रणाली है। यह सिक्वेल ऑपरेशनल मॉडल में है। इसे पूरी तरह से सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) आधार पर लागू किया जा रहा है, जिसमें राज्य सरकार अल्पसंख्यक इक्विटी हिस्सेदारी रखती है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 28 नवंबर 2017 को मियापुर से नगोल तक 30 किमी की दूरी का उद्घाटन किया। पहले चरण के 30 किमी लंबे मार्ग पर 24 स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें हैदराबाद के व्यस्ततम इलाके जैसे राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, उस्मानिया विश्वविद्यालय, सिकंदराबाद जंक्शन आदि आते हैं। 30 किमी की लंबी दूरी पर सार्वजनिक संचालन के लिए कोई अन्य तेजी से ट्रांजिट मेट्रो सेवा नहीं खोली गई। यह देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक-निजी भागीदारी की परियोजना है और इसकी लागत करीब 15,000 करोड़ रुपए है। 72 किलोमीटर के क्षेत्र में बनने वाला यह प्रोजेक्ट तीन चरणों में पूरा होगा। .

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