2 संबंधों: बिम्बवाद, साहित्यिक आन्दोलन।
बिम्बवाद
बिम्बवाद २०वीं सदी की आंग्ल-अमेरिकी कविता का एक आंदोलन था जिसमें बिम्ब अर्थात् इमेजरी की परिशुद्धता तथा स्पष्ट, तेज भाषा को महत्वपूर्ण माना जाता है। बिम्बवाद को अंग्रेजी कविता में पूर्व-राफ़ेलीय (Raphaelites) आंदोलन के बाद सबसे प्रभावशाली आंदोलन के रूप में वर्णित किया गया है। एक काव्य शैली के रूप में इसने २०वीं सदी की शुरूआत में आधुनिकतावाद का पथ-प्रदर्शन किया। अंग्रेजी भाषा के साहित्य में में इसे पहला संगठित आधुनिकतावादी साहित्यिक आंदोलन माना जाता है। बिम्बवाद पर एज़रा पाउण्ड का कथन है, "ऐसी कविता जिसमें चित्रकला और शिल्पकला मानों संवाद के लिये एकत्र हुए हों।" बिम्बवाद को कभी-कभी विकास की निरंतर या सतत अवधि के बजाय रचनात्मक क्षणों के एक सिलसले के रूप में देखा जाता है। रेने टॉपिन ने टिप्पणी की है कि, बिम्बवाद को एक सिद्धांत और एक काव्य संप्रदाय के रूप न समझ कर कुछ कवियों, जो एक निश्चित समय के लिए एक छोटी संख्या के महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर एकमत थे, की एक एसोसिएशन के रूप में समझना अधिक सटीक है। हिन्दी साहित्य में बिम्ब का नवीन अर्थ-प्रतिपादन रामचन्द्र शुक्ल की आलोचना द्वारा हुआ और उन्होंने अर्थ-ग्रहण पर बिम्ब-ग्रहण को वरीयता दी। .
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साहित्यिक आन्दोलन
साहित्यिक आन्दोलन उस विचारधारा का नाम जो किसी विशेष कारण से किसी विशेष काल के साहित्य को प्रभावित करते हैं। साहित्य को प्रभावित करने वाले ये विशेष कारण राजनैतिक, सामाजिक या धार्मिक हो सकते हैं। श्रेणी:साहित्यिक आंदोलन श्रेणी:साहित्य.
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