लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

साहित्यकार

सूची साहित्यकार

साहित्य की रचना करने वालों को साहित्यकार कहते हैं। श्रेणी:साहित्य श्रेणी:व्यवसाय.

98 संबंधों: एच. आर. विश्वास, एम. एस. अणे, एस. श्रीनिवास शर्मा, दलीप कौर टिवाणा, नरसिंह चिंतामन केलकर, नरोत्तमदास, नैयर मसूद, नेवलदास, नीलम अहमद बशीर, पद्माकर, पंढरीनाथाचार्य गलगली, प्रशस्यमित्र शास्त्री, पी. श्रीरामचंद्रुडु, पी. के. नारायण पिळ्ळै, पी.सी. देवसिया, पीयूष गोयल (लेखक), फणीश्वर नाथ "रेणु", बच्चूलाल अवस्थी, बरेंद्र कृष्ण ढल, बाजे भगत, बिनेश्वर ब्रह्म, ब्राम स्टोकर, बी.एन. कृष्णमूर्ति शर्मा, भारत भूषण अग्रवाल, भास्कराचार्य त्रिपाठी, भीमनिधि तिवारी, मदनलाल वर्मा 'क्रान्त', मनुभाई पाँचोली, मनोज दास, महादेवी वर्मा, महेश एलकुंचवार, मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, मैत्रेयी पुष्पा, योगेश्वर, रबीन्द्रनाथ ठाकुर, रमेश कुंतल मेघ, रमेशचन्‍द्र शाह, रसिक बिहारी जोशी, राधाकान्‍त ठाकुर, राम प्रसाद 'बिस्मिल', रामदरश मिश्र, रामनरेश त्रिपाठी, रामनाथ निरंजनी, रामरूप पाठक, रामशंकर अवस्‍थी, रामसनेही लाल शर्मा 'यायावर', रामजी ठाकुर, रामकरण मिश्र, राहुल सांकृतायन, राहुल सांकृत्यायन, ..., रांगेय राघव की कृतियां, रेवाप्रसाद द्विवेदी, शम्सुर्रहमान फारुकी, शांतिभिक्षु शास्त्री, शिवानन्द गोस्वामी, शंख घोष, शंकर दयाल सिंह, श्यामदेव पाराशर, श्रीनाथ एस. हसूरकर, श्रीनिवास रथ, श्रीलाल शुक्ल, सुनीति कुमार चटर्जी, सुनील गंगोपाध्याय, सुरेन्द्र वर्मा, सुखबीर (पंजाबी उपन्यासकार), सीताराम अग्रहरि, हरिदत्त शर्मा, हरिनारायण दीक्षित, हरिभजन सिंह, हर्षदेव माधव, हरेकृष्ण शतपथी, हिमांशु श्रीवास्तव, जगदम्बा प्रसाद दीक्षित, जगन्नाथ पाठक, जग्गु वकुलभूषण, विश्व हिन्दी सम्मेलन, विश्वनारायण शास्त्री, वी. सुब्रह्मण्य शास्त्री, गाफिल स्वामी, गिरधर शर्मा चतुर्वेदी, गंगाराम, ओम्प्रकाश पाण्डेय, आद्या प्रसाद 'उन्मत्त', आगेटि परीक्षित शर्मा, इंदिरा पार्थसारथी, कबीर सम्मान, कल्याण मल लोढ़ा, कामताप्रसाद गुरु, कालिकाप्रसाद शुक्ल, काशीनाथ मिश्र, कुन्दन अमिताभ, कृष्ण बिहारी मिश्र, के. एन. एषुत्तचन, केशवचंद्र दाश, केशवराम काशीराम शास्त्री, के॰ अय्यप्प पणिक्कर, अचला नागर, अखिल भारतीय साहित्य परिषद सूचकांक विस्तार (48 अधिक) »

एच. आर. विश्वास

एच.

नई!!: साहित्यकार और एच. आर. विश्वास · और देखें »

एम. एस. अणे

एम.

नई!!: साहित्यकार और एम. एस. अणे · और देखें »

एस. श्रीनिवास शर्मा

एस.

नई!!: साहित्यकार और एस. श्रीनिवास शर्मा · और देखें »

दलीप कौर टिवाणा

दलीप कौर टिवाणा सरस्वती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार हैं। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम के लिए उनको 2004 में पद्मश्री सम्मान दिया गया था। उनको साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका है। दलीप कौर टिवाणा ने भारत में ‘‘बढ़ते सांप्रदायिक तनाव’’ के खिलाफ अक्टूबर 2015 में पद्मश्री लौटाने का ऐलान किया। .

नई!!: साहित्यकार और दलीप कौर टिवाणा · और देखें »

नरसिंह चिंतामन केलकर

नरसिंहन चिंतामन केलकर या तात्यासाहेब केलकर (२४ अगस्त, १८७२- १४ अक्तूबर, १९४७) एक उल्लेखानीय साहित्यकार थे जिन्हें 'साहित्य-सम्राट' की उपाधि से अलंकृत किया गया था। ये केसरी-महारत्त समाचार-पत्र के ४१ वर्षों तक संपादक रहे थे। इसके साथ ही ये केसरी न्यास के न्यासी (ट्रस्टी) भी थे। इन्होंने कला स्नातक व विधि स्नातक किया था। बाद में इन्होंने सतारा में वकालत की। इनको लोकमान्य तिल्क द्वारा १८६९ में मुंबई बुलाया गया था। १९१६ में इन्होंने तिलक क साठवें जन्मदिवस के आयोजन के लिए सक्रिय भाग लिया, व एक लाख रुपए का चंदा जमा किया। १९२० में तिलक की मृत्यु उपरांत कांग्रेस में तिलक समर्थकों के अग्रणी रहे। ये १९२४-१९२९ तक वाइसरॉय परिषद के सदस्य भी रहे थे। ये अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के दो बार अध्यक्ष निर्वाचित हुए (१९२८-जबलपुर सत्र एवं १९३२-दिल्ली सत्र)। .

नई!!: साहित्यकार और नरसिंह चिंतामन केलकर · और देखें »

नरोत्तमदास

नरोत्तमदास हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे। महाकवि नरोत्तमदास .

नई!!: साहित्यकार और नरोत्तमदास · और देखें »

नैयर मसूद

नैयर मसूद सरस्वती सम्मान से सम्मानित उर्दू साहित्यकार थे। 23 जुलाई 2017 को उनका निधन हुआ। .

नई!!: साहित्यकार और नैयर मसूद · और देखें »

नेवलदास

पंडित नेवलदास एक अवधी भाषा के साहित्यकार थे। .

नई!!: साहित्यकार और नेवलदास · और देखें »

नीलम अहमद बशीर

नीलम अहमद बशीर उर्दू की जानीमानी साहित्यकार हैं। श्रेणी:उर्दू साहित्यकार.

नई!!: साहित्यकार और नीलम अहमद बशीर · और देखें »

पद्माकर

रीति काल के ब्रजभाषा कवियों में पद्माकर (1753-1833) का महत्त्वपूर्ण स्थान है। वे हिंदी साहित्य के रीतिकालीन कवियों में अंतिम चरण के सुप्रसिद्ध और विशेष सम्मानित कवि थे। मूलतः हिन्दीभाषी न होते हुए भी पद्माकर जैसे आन्ध्र के अनगिनत तैलंग-ब्राह्मणों ने हिन्दी और संस्कृत साहित्य की श्रीवृद्धि में जितना योगदान दिया है वैसा अकादमिक उदाहरण अन्यत्र दुर्लभ है। .

नई!!: साहित्यकार और पद्माकर · और देखें »

पंढरीनाथाचार्य गलगली

पंढरीनाथाचार्य गलगली संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक जीवनी श्री शंबुलिंगेश्वर विजयचंपू के लिये उन्हें सन् 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और पंढरीनाथाचार्य गलगली · और देखें »

प्रशस्यमित्र शास्त्री

प्रशस्यमित्र शास्त्री संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह अनभीप्सितम् के लिये उन्हें सन् 2009 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और प्रशस्यमित्र शास्त्री · और देखें »

पी. श्रीरामचंद्रुडु

पी.

नई!!: साहित्यकार और पी. श्रीरामचंद्रुडु · और देखें »

पी. के. नारायण पिळ्ळै

पी.

नई!!: साहित्यकार और पी. के. नारायण पिळ्ळै · और देखें »

पी.सी. देवसिया

पी.सी.

नई!!: साहित्यकार और पी.सी. देवसिया · और देखें »

पीयूष गोयल (लेखक)

डॉ॰ पीयूष गोयल (जन्म: १० फरवरी, १९६७, दादरी, उत्तर प्रदेश) एक भारतीय लेखक, साहित्यकार, विश्व रिकॉर्ड होल्डर, एवं कलाकार हैं। वें लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स, इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स और एवेरेस्ट वर्ल्डस रिकार्ड्स में नाम दर्ज करा चुके है। "पीयूषवाणी" नामक पुस्तक के रचयिता हैं। इन्हें वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी, लन्दन द्वारा वर्ष २०१४ में डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि प्राप्त है। .

नई!!: साहित्यकार और पीयूष गोयल (लेखक) · और देखें »

फणीश्वर नाथ "रेणु"

फणीश्वर नाथ 'रेणु' (४ मार्च १९२१ औराही हिंगना, फारबिसगंज - ११ अप्रैल १९७७) एक हिन्दी भाषा के साहित्यकार थे। इनके पहले उपन्यास मैला आंचल को बहुत ख्याति मिली थी जिसके लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। .

नई!!: साहित्यकार और फणीश्वर नाथ "रेणु" · और देखें »

बच्चूलाल अवस्थी

बच्चूलाल अवस्थी संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संकलन प्रतानिनी के लिये उन्हें सन् 1998 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और बच्चूलाल अवस्थी · और देखें »

बरेंद्र कृष्ण ढल

बरेंद्र कृष्ण ढल(ओडिया:ବରେନ୍ଦ୍ର କୃଷ୍ଣ ଧଳ,अँग्रेजी:Barendra Krushna Dhal,25 मार्च 1941 – 9 अगस्त 2016), उड़िया भाषा के पत्रकार, साहित्यकार एवं स्तंभकार थे। उन्होंने 19 पुस्तकों की रचना की। उनकी प्रसिद्ध कृतियों में निषेदा प्रेमा, नाइका और मुखा का नाम आता है। उन्होंने 6 बांग्ला उपन्यासों का अनुवाद भी किया। समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में उनका लेख खुला विचार शीर्षक से प्रकाशित होता था। उनका जन्म 17 मार्च, 1939 को कटक जिले के बनाकी में हुआ था। उन्हें भुवनेश्वर में 1985 में राज्य का पहला पुस्तक मेला आयोजित करने का श्रेय जाता है। उन्हें वर्ष 1993 में बंगाली उपन्यास सम्बा के अनुवाद के लिए साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया था। 9 अगस्त, 2016 को 77 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। .

नई!!: साहित्यकार और बरेंद्र कृष्ण ढल · और देखें »

बाजे भगत

बाजे भगत (16 जुलाई, 1898 – 26 फरवरी, 1939) एक भारतीय साहित्यकार, कवि, रागनी लेखक, सांग कलाकार और हरियाणवी सांस्कृतिक कलाकार थे। .

नई!!: साहित्यकार और बाजे भगत · और देखें »

बिनेश्वर ब्रह्म

श्री बिनेश्वर ब्रह्म (जन्म: १९४६; - हत्या: १९ अगस्त २०००) असम के बोडो जनजातीय साहित्यकार थे एवं बोडो साहित्य सभा के अध्यक्ष थे। तेजस्वी, ओजस्वी वक्ता, देशभक्त और विदेशीश् षड्यंत्रों के खिलाफ निर्भीकता से लोहा लेने वाले। वे पूर्वांचल में देवनागरी और हिन्दी के लिए काम करते थे। अनेक वर्षों से बोडो साहित्य सभा ने बोडो भाषा देवनागरी में लिखने का संकल्प किया हुआ था, बोडो पुस्तकें देवनागरी में छपती थीं। यह सब उन ईसाई पृथकतावादियों को सहन नहीं हुआ जो वर्षों से पूर्वांचल की जनजातियों को शेष देश की मुख्यधारा से काटने में जुटे हुए हैं। उन्होंने छल-बल से बोडो भाषा के लिए रोमन लिपि प्रचलित करवाना शुरू किया। जब देशभक्त बोडो लोगों ने इसका विरोध करना शुरू किया तो परिणाम बिनेश्वर ब्रह्म की हत्या के रूप में सामने आया। देवनागरी का तिलक अपने लहू से करने वाले शहीद बिनेश्वर ब्रह्म इसीलिए "देवनागरी के नवदेवता' कहे गए। बिनेश्वर ब्रह्म सन्‌ १९९६ में बोडो साहित्य-सभा के अध्यक्ष बने और १९९९ में वे फिर से अध्यक्ष बनाये गए। असम में बोडो भाषा के लिए लिपि को लेकर कई बार आन्दोलन हुआ और बिनेश्वर ब्रह्म ने रोमन लिपि के स्थान पर देवनागरी लिपि का समर्थन किया और वह स्वीकार कर ली गयी। लेकिन राज्य में चर्च एवं उसके द्वारा समर्थित आतंकवादी गुट "नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैण्ड' (एन.डी.एफ.बी.) के दबाव से बोडो साहित्य सभा में फिर से लिपि का प्रश्न उठाया गया। बिनेश्वर ब्रह्म ने इस बार भी देवनागरी लिपि का समर्थन किया और एन.डी.एफ.बी.

नई!!: साहित्यकार और बिनेश्वर ब्रह्म · और देखें »

ब्राम स्टोकर

अब्राहम "ब्राम" स्टोकर (Abraham "Bram" Stoker; जन्म ८ नवम्बर १८४७; मृत्यु २० अप्रैल १९१२) एक आयरिश उपन्यासकार व लघुकहानी लेखक थे जो १८९७ में लिखी पुस्तक ड्रैकुला के लिए लोकप्रिय है। अपने जीवनकाल के दौरान वे अभिनेता हेनरी आइर्विंग के निजी सेवक और ल्य्सुम थिएटर, लंदन के व्यापारिक मैनेजर के रूप में जाने जाते थे।.

नई!!: साहित्यकार और ब्राम स्टोकर · और देखें »

बी.एन. कृष्णमूर्ति शर्मा

बी.एन.

नई!!: साहित्यकार और बी.एन. कृष्णमूर्ति शर्मा · और देखें »

भारत भूषण अग्रवाल

भारत भूषण अग्रवाल हिन्दी के प्रतिष्ठित साहित्यकार थे। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह उतना वह सूरज है के लिये उन्हें सन् 1978 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और भारत भूषण अग्रवाल · और देखें »

भास्कराचार्य त्रिपाठी

भास्कराचार्य त्रिपाठी संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता निर्झरिणी के लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और भास्कराचार्य त्रिपाठी · और देखें »

भीमनिधि तिवारी

भीमनिधि तिवारी (वि.सं. १९६८ – वि.सं. २०३०) नेपाली भाषा के अग्रज साहित्यकार है। .

नई!!: साहित्यकार और भीमनिधि तिवारी · और देखें »

मदनलाल वर्मा 'क्रान्त'

मदनलाल वर्मा 'क्रान्त' (जन्म: २० दिसम्बर १९४७, शाहजहाँपुर) मूलत: हिन्दी के कवि तथा लेखक हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने उर्दू, संस्कृत तथा अंग्रेजी में भी कविताएँ लिखी हैं। क्रान्तिकारी राम प्रसाद 'बिस्मिल' के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाशित "सरफरोशी की तमन्ना" उनकी उल्लेखनीय पुस्तक है। "क्रान्तिकारी हिन्दी साहित्य में राष्ट्रीय चेतना" विषय पर अतिविशिष्ट अनुसन्धान के लिये उन्हें भारत सरकार ने वर्ष २००४ में हिन्दी साहित्य की "सीनियर फैलोशिप" प्रदान की। .

नई!!: साहित्यकार और मदनलाल वर्मा 'क्रान्त' · और देखें »

मनुभाई पाँचोली

मनुभाई पाँचोली सरस्वती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार हैं। ये अपने उपनाम दर्शक़ से भी जाने जाते है। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास साक्रेटीज़ के लिये उन्हें सन् १९७५ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (गुजराती) से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और मनुभाई पाँचोली · और देखें »

मनोज दास

मनोज दास (जन्म) सरस्वती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार हैं। उनकी कृतियाँ ओडिया और अंग्रेजी में हैं। .

नई!!: साहित्यकार और मनोज दास · और देखें »

महादेवी वर्मा

महादेवी वर्मा (२६ मार्च १९०७ — ११ सितंबर १९८७) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती हैं। आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है। कवि निराला ने उन्हें “हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती” भी कहा है। महादेवी ने स्वतंत्रता के पहले का भारत भी देखा और उसके बाद का भी। वे उन कवियों में से एक हैं जिन्होंने व्यापक समाज में काम करते हुए भारत के भीतर विद्यमान हाहाकार, रुदन को देखा, परखा और करुण होकर अन्धकार को दूर करने वाली दृष्टि देने की कोशिश की। न केवल उनका काव्य बल्कि उनके सामाजसुधार के कार्य और महिलाओं के प्रति चेतना भावना भी इस दृष्टि से प्रभावित रहे। उन्होंने मन की पीड़ा को इतने स्नेह और शृंगार से सजाया कि दीपशिखा में वह जन-जन की पीड़ा के रूप में स्थापित हुई और उसने केवल पाठकों को ही नहीं समीक्षकों को भी गहराई तक प्रभावित किया। उन्होंने खड़ी बोली हिन्दी की कविता में उस कोमल शब्दावली का विकास किया जो अभी तक केवल बृजभाषा में ही संभव मानी जाती थी। इसके लिए उन्होंने अपने समय के अनुकूल संस्कृत और बांग्ला के कोमल शब्दों को चुनकर हिन्दी का जामा पहनाया। संगीत की जानकार होने के कारण उनके गीतों का नाद-सौंदर्य और पैनी उक्तियों की व्यंजना शैली अन्यत्र दुर्लभ है। उन्होंने अध्यापन से अपने कार्यजीवन की शुरूआत की और अंतिम समय तक वे प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधानाचार्या बनी रहीं। उनका बाल-विवाह हुआ परंतु उन्होंने अविवाहित की भांति जीवन-यापन किया। प्रतिभावान कवयित्री और गद्य लेखिका महादेवी वर्मा साहित्य और संगीत में निपुण होने के साथ-साथ कुशल चित्रकार और सृजनात्मक अनुवादक भी थीं। उन्हें हिन्दी साहित्य के सभी महत्त्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है। भारत के साहित्य आकाश में महादेवी वर्मा का नाम ध्रुव तारे की भांति प्रकाशमान है। गत शताब्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय महिला साहित्यकार के रूप में वे जीवन भर पूजनीय बनी रहीं। वर्ष २००७ उनकी जन्म शताब्दी के रूप में मनाया गया।२७ अप्रैल १९८२ को भारतीय साहित्य में अतुलनीय योगदान के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से इन्हें सम्मानित किया गया था। गूगल ने इस दिवस की याद में वर्ष २०१८ में गूगल डूडल के माध्यम से मनाया । .

नई!!: साहित्यकार और महादेवी वर्मा · और देखें »

महेश एलकुंचवार

महेश एलकुंचवार सरस्वती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार हैं। .

नई!!: साहित्यकार और महेश एलकुंचवार · और देखें »

मिथिला प्रसाद त्रिपाठी

मिथिला प्रसाद त्रिपाठी संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य भार्गवीयम् के लिये उन्हें सन् 2010 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और मिथिला प्रसाद त्रिपाठी · और देखें »

मैत्रेयी पुष्पा

मैत्रेयी पुष्पा एक हिंदी कथा लेखक है। हिन्दी में एक प्रख्यात लेखक, मैत्रेयी पुष्पा उसे क्रेडिट के लिए दस उपन्यास और सात लघु कहानी संग्रह है मैत्रेयी पुष्पा (30 नवंबर, 1944) हिंदी साहित्यकार है। मैत्रेयी पुष्पा को हिन्दी अकादमी दिल्ली का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। .

नई!!: साहित्यकार और मैत्रेयी पुष्पा · और देखें »

योगेश्वर

योगेश्वरजी (१५ अगस्त १९२१ - १८ मार्च १९८४) बीसवीं सदी में गुजरात में उत्पन्न संत, योगी, दार्शनिक और साहित्यकार थे। हिमालय में जाकर कड़ी तपस्या करने के बाद समाज को आध्यात्म के मार्ग पर चलने के लिए उन्होंने मार्गदर्शन दिया। .

नई!!: साहित्यकार और योगेश्वर · और देखें »

रबीन्द्रनाथ ठाकुर

रवीन्द्रनाथ ठाकुर (बंगाली: রবীন্দ্রনাথ ঠাকুর रोबिन्द्रोनाथ ठाकुर) (७ मई, १८६१ – ७ अगस्त, १९४१) को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता हैं। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्र-गान जन गण मन और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बाँग्ला गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं। .

नई!!: साहित्यकार और रबीन्द्रनाथ ठाकुर · और देखें »

रमेश कुंतल मेघ

रमेश कुंतल मेघ (जन्म: १९३१) हिंदी साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार व समालोचक हैं। इन्होंंने प्रगतिवादी आलोचना का क्षेत्र विस्तार किया। मेघ ने आलोचना में अंतरानुशासन को विशेष महत्व दिया है। आधुनिकता, सौंदर्यशास्त्र और समाजशास्त्र उनके अध्ययन के प्रमुख क्षेत्र हैं। .

नई!!: साहित्यकार और रमेश कुंतल मेघ · और देखें »

रमेशचन्‍द्र शाह

रमेशचन्‍द्र शाह हिन्दी के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्‍यास विनायक के लिये उन्हें सन् 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और रमेशचन्‍द्र शाह · और देखें »

रसिक बिहारी जोशी

रसिक बिहारी जोशी संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक काव्य श्रीराधापंचशती के लिये उन्हें सन् 1995 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और रसिक बिहारी जोशी · और देखें »

राधाकान्‍त ठाकुर

राधाकान्‍त ठाकुर संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता-संग्रह चलदूरवाणी के लिये उन्हें सन्2013 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और राधाकान्‍त ठाकुर · और देखें »

राम प्रसाद 'बिस्मिल'

राम प्रसाद 'बिस्मिल' (११ जून १८९७-१९ दिसम्बर १९२७) भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें ३० वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी-काण्ड जैसी कई घटनाओं में शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे। राम प्रसाद एक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू तखल्लुस (उपनाम) था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है आत्मिक रूप से आहत। बिस्मिल के अतिरिक्त वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी (निर्जला एकादशी) विक्रमी संवत् १९५४, शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में जन्मे राम प्रसाद ३० वर्ष की आयु में पौष कृष्ण एकादशी (सफला एकादशी), सोमवार, विक्रमी संवत् १९८४ को शहीद हुए। उन्होंने सन् १९१६ में १९ वर्ष की आयु में क्रान्तिकारी मार्ग में कदम रखा था। ११ वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और स्वयं ही उन्हें प्रकाशित किया। उन पुस्तकों को बेचकर जो पैसा मिला उससे उन्होंने हथियार खरीदे और उन हथियारों का उपयोग ब्रिटिश राज का विरोध करने के लिये किया। ११ पुस्तकें उनके जीवन काल में प्रकाशित हुईं, जिनमें से अधिकतर सरकार द्वारा ज़ब्त कर ली गयीं। --> बिस्मिल को तत्कालीन संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध की लखनऊ सेण्ट्रल जेल की ११ नम्बर बैरक--> में रखा गया था। इसी जेल में उनके दल के अन्य साथियोँ को एक साथ रखकर उन सभी पर ब्रिटिश राज के विरुद्ध साजिश रचने का ऐतिहासिक मुकदमा चलाया गया था। --> .

नई!!: साहित्यकार और राम प्रसाद 'बिस्मिल' · और देखें »

रामदरश मिश्र

डॉ॰ रामदरश मिश्र (जन्म: १५ अगस्त, १९२४) हिन्दी के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। ये जितने समर्थ कवि हैं उतने ही समर्थ उपन्यासकार और कहानीकार भी। इनकी लंबी साहित्य-यात्रा समय के कई मोड़ों से गुजरी है और नित्य नूतनता की छवि को प्राप्त होती गई है। ये किसी वाद के कृत्रिम दबाव में नहीं आये बल्कि उन्होंने अपनी वस्तु और शिल्प दोनों को सहज ही परिवर्तित होने दिया। अपने परिवेशगत अनुभवों एवं सोच को सृजन में उतारते हुए, उन्होंने गाँव की मिट्टी, सादगी और मूल्यधर्मिता अपनी रचनाओं में व्याप्त होने दिया जो उनके व्यक्तित्व की पहचान भी है। गीत, नई कविता, छोटी कविता, लंबी कविता यानी कि कविता की कई शैलियों में उनकी सर्जनात्मक प्रतिभा ने अपनी प्रभावशाली अभिव्यक्ति के साथ-साथ गजल में भी उन्होंने अपनी सार्थक उपस्थिति रेखांकित की। इसके अतिरक्त उपन्यास, कहानी, संस्मरण, यात्रावृत्तांत, डायरी, निबंध आदि सभी विधाओं में उनका साहित्यिक योगदान बहुमूल्य है। .

नई!!: साहित्यकार और रामदरश मिश्र · और देखें »

रामनरेश त्रिपाठी

रामनरेश त्रिपाठी (4 मार्च, 1889 - 16 जनवरी, 1962) हिन्दी भाषा के 'पूर्व छायावाद युग' के कवि थे। कविता, कहानी, उपन्यास, जीवनी, संस्मरण, बाल साहित्य सभी पर उन्होंने कलम चलाई। अपने 72 वर्ष के जीवन काल में उन्होंने लगभग सौ पुस्तकें लिखीं। ग्राम गीतों का संकलन करने वाले वह हिंदी के प्रथम कवि थे जिसे 'कविता कौमुदी' के नाम से जाना जाता है। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए उन्होंने गांव-गांव जाकर, रात-रात भर घरों के पिछवाड़े बैठकर सोहर और विवाह गीतों को सुना और चुना। वह गांधी के जीवन और कार्यो से अत्यंत प्रभावित थे। उनका कहना था कि मेरे साथ गांधी जी का प्रेम 'लरिकाई को प्रेम' है और मेरी पूरी मनोभूमिका को सत्याग्रह युग ने निर्मित किया है। 'बा और बापू' उनके द्वारा लिखा गया हिंदी का पहला एकांकी नाटक है। ‘स्वप्न’ पर इन्हें हिंदुस्तान अकादमी का पुरस्कार मिला। .

नई!!: साहित्यकार और रामनरेश त्रिपाठी · और देखें »

रामनाथ निरंजनी

रामप्रसाद निरंजनी हिन्दी साहित्यकार थे। अब तक की खोज के आधार पर ये हिंदी के प्रथम प्रौढ़ गद्यलेखक माने जाते हैं। आप पटियाला दरबार में कथावाचक थे। पटियाला रियासत की महारानी देसो (देस कौर) को सुनाने के लिए ही आपने 'भाषा योगवाशिष्ठ' (सन् १७४१) का परिमार्जित खड़ी बोली गद्य में प्रणयन किया था। यह आपकी एकमात्र रचना है। बीच-बीच में संस्कृत के शुद्ध तत्सम शब्द और हिंदी के कतिपय पुराने प्रयोग भी उपलब्ध होते हैं। .

नई!!: साहित्यकार और रामनाथ निरंजनी · और देखें »

रामरूप पाठक

रामरूप पाठक संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक काव्य चित्रकाव्य कौतुकम् के लिये उन्हें सन् 1967 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और रामरूप पाठक · और देखें »

रामशंकर अवस्‍थी

रामशंकर अवस्‍थी संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक काव्‍य वनदेवी के लिये उन्हें सन्2015 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और रामशंकर अवस्‍थी · और देखें »

रामसनेही लाल शर्मा 'यायावर'

डॉ॰ रामसनेही लाल शर्मा 'यायावर' (जन्म: ५ जुलाई १९४९; फिरोज़ाबाद, उत्तर प्रदेश) एक लेखक, कवि एवं साहित्यकार हैं। .

नई!!: साहित्यकार और रामसनेही लाल शर्मा 'यायावर' · और देखें »

रामजी ठाकुर

रामजी ठाकुर संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक खंडकाव्य लद्युपद्यप्रबन्धत्रयी के लिये उन्हें सन् 2012 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और रामजी ठाकुर · और देखें »

रामकरण मिश्र

रामकरण मिश्र संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संकलन संध्या के लिये उन्हें सन् 1989 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और रामकरण मिश्र · और देखें »

राहुल सांकृतायन

राहुल सांकृत्यायन जिन्हें महापंडित की उपाधि दी जाती है हिन्दी के एक प्रमुख साहित्यकार थे। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद् थे और बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत/यात्रा साहित्य तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। वह हिंदी यात्रासहित्य के पितामह कहे जाते हैं। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। इसके अलावा उन्होंने मध्य-एशिया तथा कॉकेशस भ्रमण पर भी यात्रा वृतांत लिखे जो साहित्यिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं। २१वीं सदी के इस दौर में जब संचार-क्रान्ति के साधनों ने समग्र विश्व को एक ‘ग्लोबल विलेज’ में परिवर्तित कर दिया हो एवं इण्टरनेट द्वारा ज्ञान का समूचा संसार क्षण भर में एक क्लिक पर सामने उपलब्ध हो, ऐसे में यह अनुमान लगाना कि कोई व्यक्ति दुर्लभ ग्रन्थों की खोज में हजारों मील दूर पहाड़ों व नदियों के बीच भटकने के बाद, उन ग्रन्थों को खच्चरों पर लादकर अपने देश में लाए, रोमांचक लगता है। पर ऐसे ही थे भारतीय मनीषा के अग्रणी विचारक, साम्यवादी चिन्तक, सामाजिक क्रान्ति के अग्रदूत, सार्वदेशिक दृष्टि एवं घुमक्कड़ी प्रवृत्ति के महान पुरूष राहुल सांकृत्यायन। राहुल सांकृत्यायन के जीवन का मूलमंत्र ही घुमक्कड़ी यानी गतिशीलता रही है। घुमक्कड़ी उनके लिए वृत्ति नहीं वरन् धर्म था। आधुनिक हिन्दी साहित्य में राहुल सांकृत्यायन एक यात्राकार, इतिहासविद्, तत्वान्वेषी, युगपरिवर्तनकार साहित्यकार के रूप में जाने जाते है। .

नई!!: साहित्यकार और राहुल सांकृतायन · और देखें »

राहुल सांकृत्यायन

राहुल सांकृत्यायन जिन्हें महापंडित की उपाधि दी जाती है हिन्दी के एक प्रमुख साहित्यकार थे। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद् थे और बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत/यात्रा साहित्य तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। वह हिंदी यात्रासहित्य के पितामह कहे जाते हैं। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। इसके अलावा उन्होंने मध्य-एशिया तथा कॉकेशस भ्रमण पर भी यात्रा वृतांत लिखे जो साहित्यिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं। २१वीं सदी के इस दौर में जब संचार-क्रान्ति के साधनों ने समग्र विश्व को एक ‘ग्लोबल विलेज’ में परिवर्तित कर दिया हो एवं इण्टरनेट द्वारा ज्ञान का समूचा संसार क्षण भर में एक क्लिक पर सामने उपलब्ध हो, ऐसे में यह अनुमान लगाना कि कोई व्यक्ति दुर्लभ ग्रन्थों की खोज में हजारों मील दूर पहाड़ों व नदियों के बीच भटकने के बाद, उन ग्रन्थों को खच्चरों पर लादकर अपने देश में लाए, रोमांचक लगता है। पर ऐसे ही थे भारतीय मनीषा के अग्रणी विचारक, साम्यवादी चिन्तक, सामाजिक क्रान्ति के अग्रदूत, सार्वदेशिक दृष्टि एवं घुमक्कड़ी प्रवृत्ति के महान पुरूष राहुल सांकृत्यायन। राहुल सांकृत्यायन के जीवन का मूलमंत्र ही घुमक्कड़ी यानी गतिशीलता रही है। घुमक्कड़ी उनके लिए वृत्ति नहीं वरन् धर्म था। आधुनिक हिन्दी साहित्य में राहुल सांकृत्यायन एक यात्राकार, इतिहासविद्, तत्वान्वेषी, युगपरिवर्तनकार साहित्यकार के रूप में जाने जाते है। .

नई!!: साहित्यकार और राहुल सांकृत्यायन · और देखें »

रांगेय राघव की कृतियां

यह सूची प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार रांगेय राघव की कृतियों की है:- .

नई!!: साहित्यकार और रांगेय राघव की कृतियां · और देखें »

रेवाप्रसाद द्विवेदी

रेवाप्रसाद द्विवेदी संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य स्वातंत्र्यसंभवम् के लिये उन्हें सन् 1991 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और रेवाप्रसाद द्विवेदी · और देखें »

शम्सुर्रहमान फारुकी

शम्सुर्रहमान फारुकी सरस्वती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार और उर्दू ज़बान व अदब के नामवर आलोचक हैं। उनको उर्दू आलोचना के टी.एस.एलियट के रूप में माना जाता है और उन्होंने साहित्यिक समीक्षा के नए मॉडल तैयार किए हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना तनक़ीदी अफ़कार के लिये उन्हें सन् १९८६ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू) से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और शम्सुर्रहमान फारुकी · और देखें »

शांतिभिक्षु शास्त्री

शांतिभिक्षु शास्त्री संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह बुद्धविजय काव्यम् के लिये उन्हें सन् 1977 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और शांतिभिक्षु शास्त्री · और देखें »

शिवानन्द गोस्वामी

शिवानन्द गोस्वामी | शिरोमणि भट्ट (अनुमानित काल: संवत् १७१०-१७९७) तंत्र-मंत्र, साहित्य, काव्यशास्त्र, आयुर्वेद, सम्प्रदाय-ज्ञान, वेद-वेदांग, कर्मकांड, धर्मशास्त्र, खगोलशास्त्र-ज्योतिष, होरा शास्त्र, व्याकरण आदि अनेक विषयों के जाने-माने विद्वान थे। इनके पूर्वज मूलतः तेलंगाना के तेलगूभाषी उच्चकुलीन पंचद्रविड़ वेल्लनाडू ब्राह्मण थे, जो उत्तर भारतीय राजा-महाराजाओं के आग्रह और निमंत्रण पर राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत के अन्य प्रान्तों में आ कर कुलगुरु, राजगुरु, धर्मपीठ निर्देशक, आदि पदों पर आसीन हुए| शिवानन्द गोस्वामी त्रिपुर-सुन्दरी के अनन्य साधक और शक्ति-उपासक थे। एक चमत्कारिक मान्त्रिक और तांत्रिक के रूप में उनकी साधना और सिद्धियों की अनेक घटनाएँ उल्लेखनीय हैं। श्रीमद्भागवत के बाद सबसे विपुल ग्रन्थ सिंह-सिद्धांत-सिन्धु लिखने का श्रेय शिवानंद गोस्वामी को है।" .

नई!!: साहित्यकार और शिवानन्द गोस्वामी · और देखें »

शंख घोष

शंख घोष सरस्वती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार हैं। .

नई!!: साहित्यकार और शंख घोष · और देखें »

शंकर दयाल सिंह

शंकर दयाल सिंह (२७ दिसम्बर,१९३७ - २७ नवम्बर १९९५) भारत के राजनेता तथा हिन्दी साहित्यकार थे। वे राजनीति व साहित्य दोनों क्षेत्रों में समान रूप से लोकप्रिय थे। उनकी असाधारण हिन्दी सेवा के लिये उन्हें सदैव स्मरण किया जाता रहेगा। उनके सदाबहार बहुआयामी व्यक्तित्व में ऊर्जा और आनन्द का अजस्र स्रोत छिपा हुआ था। उनका अधिकांश जीवन यात्राओं में ही बीता और यह भी एक विचित्र संयोग ही है कि उनकी मृत्यु यात्रा के दौरान उस समय हुई जब वे अपने निवास स्थान पटना से भारतीय संसद के शीतकालीन अधिवेशन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने दिल्ली आ रहे थे। नई-दिल्ली रेलवे स्टेशन पर २७ नवम्बर १९९५ की सुबह ट्रेन से कहकहे लगाते हुए शंकर दयाल सिंह तो नहीं उतरे, अपितु बोझिल मन से उनके परिजनों ने उनके शव को उतारा। .

नई!!: साहित्यकार और शंकर दयाल सिंह · और देखें »

श्यामदेव पाराशर

श्यामदेव पाराशर संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह त्रिवेणी के लिये उन्हें सन् 1997 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और श्यामदेव पाराशर · और देखें »

श्रीनाथ एस. हसूरकर

श्रीनाथ एस.

नई!!: साहित्यकार और श्रीनाथ एस. हसूरकर · और देखें »

श्रीनिवास रथ

श्रीनिवास रथ संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह तदेव गगनं सैवधरा के लिये उन्हें सन् 1999 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और श्रीनिवास रथ · और देखें »

श्रीलाल शुक्ल

श्रीलाल शुक्ल (31 दिसम्बर 1925 - 28 अक्टूबर 2011) हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे। वह समकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात थे। श्रीलाल शुक्ल (जन्म-31 दिसम्बर 1925 - निधन- 28 अक्टूबर 2011) को लखनऊ जनपद के समकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात साहित्यकार माने जाते थे। उन्होंने 1947 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा पास की। 1949 में राज्य सिविल सेवासे नौकरी शुरू की। 1983 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से निवृत्त हुए। उनका विधिवत लेखन 1954 से शुरू होता है और इसी के साथ हिंदी गद्य का एक गौरवशाली अध्याय आकार लेने लगता है। उनका पहला प्रकाशित उपन्यास 'सूनी घाटी का सूरज' (1957) तथा पहला प्रकाशित व्यंग 'अंगद का पाँव' (1958) है। स्वतंत्रता के बाद के भारत के ग्रामीण जीवन की मूल्यहीनता को परत दर परत उघाड़ने वाले उपन्यास 'राग दरबारी' (1968) के लिये उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके इस उपन्यास पर एक दूरदर्शन-धारावाहिक का निर्माण भी हुआ। श्री शुक्ल को भारत सरकार ने 2008 में पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया है। .

नई!!: साहित्यकार और श्रीलाल शुक्ल · और देखें »

सुनीति कुमार चटर्जी

सुनीति कुमार चटर्जी (बांग्ला: সুনীতি কুমার চ্যাটার্জী) (26 अक्टूबर, 1890 - 29 मई, 1977) भारत के जानेमाने भाषाविद्, साहित्यकार तथा भारतविद् के रूप में विश्वविख्यात व्यक्तित्व थे। वे एक लोकप्रिय कला-प्रेमी भी थे। .

नई!!: साहित्यकार और सुनीति कुमार चटर्जी · और देखें »

सुनील गंगोपाध्याय

सुनील गंगोपाध्याय या सुनील गांगुली (সুনীল গঙ্গোপাধ্যায়), (7 सितम्बर 1934 – 23 अक्टूबर 2012) सरस्वती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार थे। वो कवि और उपन्यासकार थे। .

नई!!: साहित्यकार और सुनील गंगोपाध्याय · और देखें »

सुरेन्द्र वर्मा

सुरेन्द्र वर्मा (जन्म: १९४१) हिन्दी के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास मुझे चाँद चाहिए के लिये उन्हें सन् 1996 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और सुरेन्द्र वर्मा · और देखें »

सुखबीर (पंजाबी उपन्यासकार)

सुखबीर, (पंजाबी: ਸੁਖਬੀਰ) (9 जुलाई 1925 - 22 फ़रवरी 2012), उर्फ़ बलबीर सिंह पंजाबी उपन्यासकार, कहानीकार, कवि और निबन्धकार थे। उनका जन्म 9 जुलाई 1925 को सरदार मंशा सिंह और श्रीमती शिव कौर के घर मुम्बई में हुआ था। ह्रदय रोग से 22 फ़रवरी 2012 को उनका निधन हुआ।http://www.countercurrents.org/date050312.htm .

नई!!: साहित्यकार और सुखबीर (पंजाबी उपन्यासकार) · और देखें »

सीताराम अग्रहरि

सीताराम अग्रहरि 'प्रकाश' (जन्म: १९५७) नेपाल के कवि, साहित्यकार एवं प्रख्यात पत्रकार हैं। वे नेपाल के सबसे पुराने समाचार पत्र गोरखापत्र के प्रधान संम्पादक हैं। .

नई!!: साहित्यकार और सीताराम अग्रहरि · और देखें »

हरिदत्त शर्मा

हरिदत्त शर्मा संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह लसल्लतिका के लिये उन्हें सन् 2007 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और हरिदत्त शर्मा · और देखें »

हरिनारायण दीक्षित

हरिनारायण दीक्षित संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य भीष्मचरितम् के लिये उन्हें सन् 1992 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और हरिनारायण दीक्षित · और देखें »

हरिभजन सिंह

हरिभजन सिंह (18 अगस्त 1920 - 21 अक्टूबर 2002) सरस्वती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार हैं। हरिभजन सिंह का जन्म 18 अगस्त 1920 को असम के लुमडिंग ज़िले में हुआ था। बाल्यावस्था में ही वह अनाथ हो गये थे। पहले पिता की मौत हुई, फिर माँ की। .

नई!!: साहित्यकार और हरिभजन सिंह · और देखें »

हर्षदेव माधव

हर्षदेव माधव संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह तव स्पर्शे स्पर्शे के लिये उन्हें सन् 2006 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और हर्षदेव माधव · और देखें »

हरेकृष्ण शतपथी

हरेकृष्ण शतपथी संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य भारतायनम् के लिये उन्हें सन् 2011 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और हरेकृष्ण शतपथी · और देखें »

हिमांशु श्रीवास्तव

हिमांशु श्रीवास्तव हिमांशु श्रीवास्तव (जन्म: ११ मार्च १९३४: हराजी, सारण जिला, बिहार; मृत्यू: २६ मई १९९६) एक साहित्यकार, उपन्यासकार थे, जिनकी लगभग ५० उपन्यास और कहानी संग्रह प्रकाशित हुई हैं। .

नई!!: साहित्यकार और हिमांशु श्रीवास्तव · और देखें »

जगदम्बा प्रसाद दीक्षित

जगदम्बा प्रसाद दीक्षित (१९३३-२०१४) हिंदी के जानेमाने साहित्यकार थे। .

नई!!: साहित्यकार और जगदम्बा प्रसाद दीक्षित · और देखें »

जगन्नाथ पाठक

जगन्नाथ पाठक संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह कापिशायनी के लिये उन्हें सन् 1981 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और जगन्नाथ पाठक · और देखें »

जग्गु वकुलभूषण

जग्गु वकुलभूषण संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक गद्य–गल्प जयंतिका के लिये उन्हें सन् 1993 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और जग्गु वकुलभूषण · और देखें »

विश्व हिन्दी सम्मेलन

विश्व हिन्दी सम्मेलन हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन है, जिसमें विश्व भर से हिन्दी विद्वान, साहित्यकार, पत्रकार, भाषा विज्ञानी, विषय विशेषज्ञ तथा हिन्दी प्रेमी जुटते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी के प्रति जागरुकता पैदा करने, समय-समय पर हिन्दी की विकास यात्रा का आकलन करने, लेखक व पाठक दोनों के स्तर पर हिन्दी साहित्य के प्रति सरोकारों को और दृढ़ करने, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में हिन्दी के प्रयोग को प्रोत्साहन देने तथा हिन्दी के प्रति प्रवासी भारतीयों के भावुकतापूर्ण व महत्त्वपूर्ण रिश्तों को और अधिक गहराई व मान्यता प्रदान करने के उद्देश्य से १९७५ में विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शृंखला शुरू हुई। इस बारे में पूर्व प्रधानमन्त्री स्व० श्रीमती इन्दिरा गान्धी ने पहल की थी। पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के सहयोग से नागपुर में सम्पन्न हुआ जिसमें प्रसिद्द हिंदी साहित्यकार विनोबा भावे ने अपना विवेक सन्देश भेजा। प्रारंभ में इसका आयोजन हर चौथे वर्ष आयोजित किया जाता था लेकिन अब यह अंतराल घटाकर ३ वर्ष कर दिया गया है। अब तक दस विश्व हिन्दी सम्मेलन हो चुके हैं- मारीशस, नई दिल्ली, पुन: मारीशस, त्रिनिडाड व टोबेगो, लन्दन, सूरीनाम न्यूयार्क और जोहांसबर्ग में। दसवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन २०१५ में भोपाल में आयोजित हुआ। २०१८ संस्करण का आयोजन मॉरीशस में प्रस्तावित है। .

नई!!: साहित्यकार और विश्व हिन्दी सम्मेलन · और देखें »

विश्वनारायण शास्त्री

विश्वनारायण शास्त्री संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास अविनाशि के लिये उन्हें सन् 1987 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और विश्वनारायण शास्त्री · और देखें »

वी. सुब्रह्मण्य शास्त्री

वी.

नई!!: साहित्यकार और वी. सुब्रह्मण्य शास्त्री · और देखें »

गाफिल स्वामी

गाफिल स्वामी (जन्म: २२ जुलाई १९५३, इगलास, अलीगढ) एक भारतीय साहित्यकार, कवि, लेखक एवं पत्रकार हैं। .

नई!!: साहित्यकार और गाफिल स्वामी · और देखें »

गिरधर शर्मा चतुर्वेदी

गिरधर शर्मा चतुर्वेदी संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक शोध वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति के लिये उन्हें सन् 1961 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और गिरधर शर्मा चतुर्वेदी · और देखें »

गंगाराम

सर गंगाराम राय बहादुर सर गंगा राम (अप्रैल १८५१-जुलाई १०, १९२७) CIE, MVO; एक प्रसिद्ध भारतीय इंजिनियर और, उद्यमी, साहित्यकार थे। .

नई!!: साहित्यकार और गंगाराम · और देखें »

ओम्प्रकाश पाण्डेय

ओम्प्रकाश पाण्डेय संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक काव्य रसप्रिया–विभावनम् के लिये उन्हें सन् 2008 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और ओम्प्रकाश पाण्डेय · और देखें »

आद्या प्रसाद 'उन्मत्त'

आद्या प्रसाद 'उन्मत्त' (जन्म: १३ जुलाई १९३५; प्रतापगढ़) अवधी भाषा के प्रख्यात साहित्यकार व कवि थेे। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में मल्हूपुर गाँव में हुआ था। "माटी अउर महतारी" इनकी अवधी कविताओ का संग्रह हैं। 'अवधी सम्राट' कहे जाने वाले उन्मत्त की रचनाएं अवध विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाती हैं। .

नई!!: साहित्यकार और आद्या प्रसाद 'उन्मत्त' · और देखें »

आगेटि परीक्षित शर्मा

आगेटि परीक्षित शर्मा संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक बृहत् काव्य श्रीमत्प्रतापराणायनं महाकाव्यम् के लिये उन्हें सन् 1990 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और आगेटि परीक्षित शर्मा · और देखें »

इंदिरा पार्थसारथी

इंदिरा पार्थसारथी सरस्वती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार हैं। .

नई!!: साहित्यकार और इंदिरा पार्थसारथी · और देखें »

कबीर सम्मान

राष्ट्रीय कबीर सम्मान मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग ने साहित्य और सृजनात्मक कलाओं में उत्कृष्टता तथा श्रेष्ठ उपलब्धि को सम्मानित करने, साहित्य और कलाओं में राष्ट्रीय मानदण्ड विकसित करने की दृष्टि से अखिल भारतीय सम्मानों और राज्य स्तरीय सम्मानों की स्थापना की है। उत्कृष्टता और सृजन को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने की अपनी सुप्रतिष्ठित परम्परा का अनुसरण करते हुए मध्यप्रदेश शासन ने भारतीय कविता के लिए राष्ट्रीय कबीर सम्मान की स्थापना की है। महान संत कवि कबीर ने सदियों पहले कविता का पुनराविष्कार किया था और उसे नयी निभीर्कता दी थी। देश के अनेक भागों में वे आज भी सबसे लोकप्रिय कवि हैं। ' .

नई!!: साहित्यकार और कबीर सम्मान · और देखें »

कल्याण मल लोढ़ा

प्रोफेसर कल्याणमल लोढ़ा कल्याण मल लोढ़ा (२१ सितम्बर १९२१ - २१ नवम्बर २००९) हिन्दी के लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार व जोधपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति थे। आप अपनी ओजपूर्ण वाक्शैली के लिए देश भर जाने जाते थे। विविध सम्मेलनों में आपने अपना ओजश्वी वक्तव्य देकर हिंदी का मान बढाया.

नई!!: साहित्यकार और कल्याण मल लोढ़ा · और देखें »

कामताप्रसाद गुरु

कामताप्रसाद गुरु (१८७५ - १९४७ ई.) हिंदी के लब्धप्रतिष्ठ वैयाकरण तथा साहित्यकार। .

नई!!: साहित्यकार और कामताप्रसाद गुरु · और देखें »

कालिकाप्रसाद शुक्ल

कालिकाप्रसाद शुक्ल संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य श्री राधाचरित महाकाव्यम् के लिये उन्हें सन् 1986 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और कालिकाप्रसाद शुक्ल · और देखें »

काशीनाथ मिश्र

काशीनाथ मिश्र संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह हर्षचरित–मंजरी के लिये उन्हें सन् 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और काशीनाथ मिश्र · और देखें »

कुन्दन अमिताभ

श्री कुन्दन अमिताभ हिन्दी एवं अंगिका भाषा के जाने-माने साहित्यकार हैं। वे अंगिका भाषा के विकास और वेब पर उसकी उपस्थिति बनाने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने २००३ में अंगिका भाषा का एक वेब साइट तैयार किया गया था। २००४ में उनके सहयोग से अंगिका भाषा का अपना एक सर्च इंजन भी तैयार किया गया है। .

नई!!: साहित्यकार और कुन्दन अमिताभ · और देखें »

कृष्ण बिहारी मिश्र

कृष्ण बिहारी मिश्र (जन्म: १ जुलाई, १९३६) हिंदी के शिक्षक, साहित्यकार और समीक्षक हैं। .

नई!!: साहित्यकार और कृष्ण बिहारी मिश्र · और देखें »

के. एन. एषुत्तचन

के.

नई!!: साहित्यकार और के. एन. एषुत्तचन · और देखें »

केशवचंद्र दाश

केशवचंद्र दाश संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संकलन ईशा के लिये उन्हें सन् 1996 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: साहित्यकार और केशवचंद्र दाश · और देखें »

केशवराम काशीराम शास्त्री

केशवराम काशीराम शास्त्री (जन्म:28 जुलाई 1905; मृत्यु:9 सितम्बर 2006) विश्व हिन्दू परिषद के वह संस्थापक सदस्य थे। वे एक जानमाने साहित्यकार और इतिहासकार थे। महामहर्षि पू.

नई!!: साहित्यकार और केशवराम काशीराम शास्त्री · और देखें »

के॰ अय्यप्प पणिक्कर

के॰ अय्यप्प पणिक्कर सरस्वती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार हैं। .

नई!!: साहित्यकार और के॰ अय्यप्प पणिक्कर · और देखें »

अचला नागर

अचला नागर (अंग्रेज़ी: Achala Nagar) भारत से साहित्यकार, कथाकार, हिन्दी फ़िल्म पटकथाकार एवं संवाद लेखिका हैं। ये साहित्यकार अमृतलाल नागर की पुत्री हैं। निकाह(1982), आखिर क्यों(1985), बागबान(2003), ईश्वर (1989,फ़िल्म पटकथा), मेरा पति सिर्फ मेरा है(1990), निगाहें(1989), नगीना(1986) आदि उनकी प्रदर्शित प्रमुख फिल्में हैं। एक साहित्यकार के रूप में उनके दो कथा संग्रह क्रमश: नायक-खलनायक और बोल मेरी मछली तथा एक संस्मरण संग्रह बाबूजी बेटाजी एंड कंपनी प्रकाशित है। उन्हें साहित्य भूषण पुरस्कार, हिन्दी उर्दू साहित्य एवार्ड कमेटी सम्मान, यशपाल अनुशंसा सम्मान, साहित्य शिरोमणि सम्मान आदि से सम्मानित किया जा चुका है। .

नई!!: साहित्यकार और अचला नागर · और देखें »

अखिल भारतीय साहित्य परिषद

अखिल भारतीय साहित्य परिषद् भारतीय भाषाओं का एक देशव्यापी संगठन है। इसकी स्थापना २७ अक्टूबर १९६६ को दिल्ली में हुई थी। उसी वर्ष इसका राष्ट्रीय अधिवेशन प्रसिद्ध साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ था। सरदार जीतसिंह 'जीत' को इसके संगठन का दायित्व दिया गया था। वर्तमान में इसके अध्यक्ष त्रिभुवन नाथ शुक्ल हैं। जबकि संगठन का कार्य श्रीधर पराडकर देखते हैं। सम्पूर्ण भारतवर्ष के २१ प्रान्तों में इसका कार्य चल रहा है। .

नई!!: साहित्यकार और अखिल भारतीय साहित्य परिषद · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »