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साहित्य अकादमी पुरस्कार कोंकणी

सूची साहित्य अकादमी पुरस्कार कोंकणी

साहित्य अकादमी पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं और कोंकणी भाषा इन में से एक भाषा हैं। अकादमी ने १९७७ से इस भाषा के लिए पुरस्कारों को पेश किया। .

5 संबंधों: दामोदर माऊज़ो, बालकृष्ण भगवन्त बोरकर, माधवी सरदेसाई, रवीन्द्र केलकर, साहित्य अकादमी पुरस्कार

दामोदर माऊज़ो

दामोदर माऊज़ो (जन्म: १ अगस्त १९४४) गोवा के उपन्यासकार, कथाकार, आलोचक और निबन्धकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास कार्मेलिन के लिये उन्हें सन् १९८३ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कोंकणी) से सम्मानित किया गया। .

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बालकृष्ण भगवन्त बोरकर

बालकृष्ण भगवन्त बोरकर (कोंकणी: बाळकृष्ण भगवन्त शेणय बोरकार) (1910–1984) भारत के गोवा राज्य के एक कवि थे। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह ससया के लिये उन्हें सन् १९८१ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कोंकणी) से सम्मानित किया गया। उन्हें 'बा-कि-बाब' नाम से भी जाना जाता है। बा भा बोरकर ने कम आयु से ही कविताएँ लिखना आरम्भ कर दिया था। वी सा खाण्डेकर, बोरकर की कविताओं के एक प्रारम्भिक समर्थक थे। बोरकर ने 1950 के दशक में गोवा के स्वतन्त्रता संग्राम से जुड़े और पूना चले गए जहाँ उन्होंने रेडियों सेवा में काम किया। उनका अधिकांश साहित्य मराठी में लिखा हुआ है लेकिन कोंकणी भाषा में भी उन्होंने बहुत साहित्य लिखा था। उन्होंने कहा कि साथ ही एक गद्य लेखक के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वे गद्य लेखक के रूप में भी उत्कृष्ट लेख रहे थे। उनके द्वारा लिखी गई कविताएँ महात्मायन (गाँधी जी को समर्पित एक अधूरी कविता) और तमहस्तोत्र (मधुमेह और बुढ़ापे के कारण अन्धेपन की सम्भावना पर) प्रसिद्ध हैं। .

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माधवी सरदेसाई

माधवी सरदेसाई एक भारतीय अकादमिक थी, जो कोंकणी साहित्यिक जर्नल जाग के संपादक थी और लेखिका भी, जो मुख्य रूप से गोवा में कोंकणी भाषा में काम करती थी। वह गोवा विश्वविद्यालय के कोंकणी विभाग की प्रमुख थी। इनके द्वारा रचित एक निबंध-संग्रह मंथन के लिये उन्हें सन् २०१४ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कोंकणी) से सम्मानित किया गया। उन्होंने अंग्रेजी में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की कोंकणी पर लेक्सिकल प्रभावों की तुलनात्मक भाषावैज्ञानिक और सांस्कृतिक अध्ययन पर। सरदेसाई ने अपनी प्राथमिक शिक्षा को कोंकणी माध्यम से किया था और चौगुले महाविद्यालय, मडगांव से अंग्रेजी और दर्शन में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। कैंसर के साथ एक निश्चित लड़ाई के बाद उनका २२ दिसंबर, २०१४ को निधन हो गया। .

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रवीन्द्र केलकर

रवीन्द्र केलकर (7 मार्च 1925 – 27 अगस्त 2010) कोंकणी साहित्य के सबसे मजबूत स्तंभ थे। 85 वर्षीय इस महान हस्ती को वर्ष 2006 का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया। उनकी प्रमुख रचनाओं में आमची भास कोंकणीच, 'बहुभाषिक भारतान्त भाषान्चे समाजशास्त्र' शामिल हैं। रवीन्द्र केलकर का जन्म ७ मार्च १९२५ में दक्षिण गोवा के कोकुलिम क्षेत्र में हुआ। कोंकणी, हिन्दी और मराठी में उनकी 32 से अधिक मौलिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। वह स्वतंत्रता संग्राम और गोवा के मुक्ति संग्राम से जुड़े रहे। वह आधुनिक कोंकणी आंदोलन के प्रणेता थे और कोंकणी भाषा मंडल की स्थापना में उनकी अहम भूमिका रही। केलकर को ज्ञानपीठ पुरस्कार के अलावा 1976 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 2008 में पद्मभूषण प्रदान किया गया था और 2007 में उन्हें साहित्य अकादमी का फैलो चुना गया था। .

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साहित्य अकादमी पुरस्कार

साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत में एक साहित्यिक सम्मान है, जो साहित्य अकादमी प्रतिवर्ष भारत की अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त प्रमुख भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान करती है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल २२ भारतीय भाषाओं के अलावा ये राजस्थानी और अंग्रेज़ी भाषा; याने कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं। पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए। पुरस्कार की स्थापना के समय पुरस्कार राशि 5,000/- रुपए थी, जो सन् 1983 में ब़ढा कर 10,000/- रुपए कर दी गई और सन् 1988 में ब़ढा कर इसे 25,000/- रुपए कर दिया गया। सन् 2001 से यह राशि 40,000/- रुपए की गई थी। सन् 2003 से यह राशि 50,000/- रुपए कर दी गई है। .

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