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सालासर

सूची सालासर

सालासर गाँव.

6 संबंधों: बीकानेर के दर्शनीय स्थल, भारत के मेलों की सूची, मीठड़ी मारवाड़, राष्ट्रीय राजमार्ग ६५, लक्ष्मणगढ़, शेखावाटी

बीकानेर के दर्शनीय स्थल

नगर के मध्य में एक जैन मंदिर है जिसके मध्य से पाँच मार्ग निकले हैं, जो अन्य सड़कों से मिलते हुए शहरपनाह के किसी एक दरवाजे से जा मिलते हैं। कोट दरवाजे के बाहर अलखगिरि मतानुयायी लच्छीराम का बनवाया हुआ 'अलखसागर' नाम का प्रसिद्ध कुआं है, जो बीकानेर के सबसे अच्छे कुओं में से एक माना जाता हैं। अन्य कुओं की संख्या १४ है, जो बहुधा बहुत गहरे हैं। इन कुओं में अधिकांश जल सुस्वादु तथा पीने योग्य है। महाराजा अनूपसिंह का बनवाया हुआ 'अनोपसागर' कुआं भी उल्लेखनीय है। नगर के बाहर के तालाबों में महाराजा सूरसिंह का बनवाया हुआ 'सूरसागर' सबसे अच्छा माना जाता है। .

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भारत के मेलों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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मीठड़ी मारवाड़

ध्रुवीय निर्देशांक: 27°57'5975"N 74°68'7235"Eध्रुवीय निर्देशांक मीठड़ी मारवाड़ मीठड़ी मारवाड़http://www.fallingrain.com/world/IN/24/Mitri.htmlमीठड़ी मारवाड़ राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं तहसील का एक गाँव है। .

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राष्ट्रीय राजमार्ग ६५

राष्ट्रीय राजमार्ग ६५ हरियाणा में अंबाला से शुरु होकर कैथल व हिसार होते हुए राजस्थान के पाली तक जाता है। यह राजमार्ग लंबा है, जिसमें से हरियाणा में तथा राजस्थान में है। .

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लक्ष्मणगढ़

लक्ष्मणगढ़ भारत के राजस्थान राज्य के सीकर जिले में एक शहर है। सीकर जिले में लक्ष्मणगढ़ उप प्रभाग में उप प्रभागीय मुख्यालय है। लक्ष्मणगढ़ सीकर जिले में तहसील मुख्यालय भी है। लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति सीकर जिले में लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति का मुख्यालय भी है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 11 के उत्तर में, सीकर से 24 किमी की दूरी पर स्थित है। .

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शेखावाटी

शेखावाटी उत्तर-पूर्वी राजस्थान का एक अर्ध-शुष्क ऐतिहासिक क्षेत्र है। राजस्थान के वर्तमान सीकर और झुंझुनू जिले शेखावाटी के नाम से जाने जाते हैं इस क्षेत्र पर आजादी से पहले शेखावत क्षत्रियों का शासन होने के कारण इस क्षेत्र का नाम शेखावाटी प्रचलन में आया। देशी राज्यों के भारतीय संघ में विलय से पूर्व मनोहरपुर-शाहपुरा, खंडेला, सीकर, खेतडी, बिसाऊ, सुरजगढ, नवलगढ़,मंडावा, मुकन्दगढ़, दांता, खुड, * कंकङेऊ कलां खाचरियाबास, अलसीसर,यासर,मलसीसर,लक्ष्मणगढ,बीदसर आदि बड़े-बड़े प्रभावशाली संस्थान शेखा जी के वंशधरों के अधिकार में थे। वर्तमान शेखावाटी क्षेत्र पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में विश्व मानचित्र में तेजी से उभर रहा है, यहाँ पिलानी और लक्ष्मणगढ के भारत प्रसिद्ध शिक्षा केंद्र है। वही नवलगढ़, फतेहपुर, गंगियासर,अलसीसर, मलसीसर, लक्ष्मणगढ, मंडावा आदि जगहों पर बनी प्राचीन बड़ी-बड़ी हवेलियाँ अपनी विशालता और भित्ति चित्रकारी के लिए विश्व प्रसिद्ध है जिन्हें देखने देशी-विदेशी पर्यटकों का ताँता लगा रहता है। पहाडों में सुरम्य जगहों बने जीण माता मंदिर, शाकम्बरीदेवी का मन्दिर, लोहार्ल्गल के अलावा खाटू में बाबा खाटूश्यामजी का (बर्बरीक) का मन्दिर,सालासर में हनुमान जी का मन्दिर * कंकङेऊ कलां में बाबा माननाथ की मेङी आदि स्थान धार्मिक आस्था के ऐसे केंद्र है जहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं। इस शेखावाटी प्रदेश ने जहाँ देश के लिए अपने प्राणों को बलिदान करने वाले देशप्रेमी दिए वहीँ उद्योगों व व्यापार को बढ़ाने वाले सैकडो उद्योगपति व व्यापारी दिए जिन्होंने अपने उद्योगों से लाखों लोगों को रोजगार देकर देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दिया। भारतीय सेना को सबसे ज्यादा सैनिक देने वाला झुंझुनू जिला शेखावाटी का ही भाग है। .

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