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सारिपुत्त

सूची सारिपुत्त

शारिपुत्र की प्रतिमा नालन्दा मे शारिपुत्र का स्तूप सारिपुत्त या शारिपुत्र गौतम बुद्ध के दो प्रमुख छात्रों मे से एक थे। वे एक अर्हत थे और अपने ज्ञान के लिये माने जाते थे। उनके एक मित्र महामौदगल्यायन थे। वे दोनो एक ही दिन घर छोड़ कर श्रमण बन गए। पहले वे दोनो संजय नाम के श्रमण के अनुयायी बने और बाद मे वे दोनो बुद्ध के अनुयायी बन गए। शारिपुत्र और महामौदगल्यायन बुद्ध के दो प्रमुख छात्र थे। बुद्ध अक्सर शारिपुत्र की प्रशंसा करते थे और शारिपुत्र को धर्म सेनापति की उपाधि भी दी थी। बौद्ध धर्म के प्रज्ञापारमितह्रिदयसूत्र मे शारिपुत्र और अवलोकितेश्वर बोधिसत्त्व के बीच बात होती है। शारिपुत्र कि मृत्यु बुद्ध के कुछ समय पहले हुइ। .

4 संबंधों: नालंदा जिला, पालि भाषा का साहित्य, संयुक्त निकाय, संस्कृत भाषा में रचित बौद्ध ग्रन्थ

नालंदा जिला

नालंदा भारत के बिहार प्रान्त का एक जिला है जिसका मुख्यालय बिहार शरीफ है।। नालंदा अपने प्राचीन इतिहास के लिये विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ विश्व के सबसे पुराने नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष आज भी मौज़ूद है, जहाँ सुदूर देशों से छात्र अध्ययन के लिये भारत आते थे। बुद्ध और महावीर कइ बार नालन्दा मे ठहरे थे। माना जाता है कि महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति पावापुरी मे की थी, जो नालन्दा मे स्थित है। बुद्ध के प्रमुख छात्रों मे से एक, शारिपुत्र, का जन्म नालन्दा मे हुआ था। नालंदा पूर्व में अस्थामा तक पश्चिम में तेल्हारा तक दछिन में गिरियक तक उतर में हरनौत तक फैला है.

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पालि भाषा का साहित्य

पालि साहित्य में मुख्यत: बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान् बुद्ध के उपदेशों का संग्रह है। किंतु इसका कोई भाग बुद्ध के जीवनकाल में व्यवस्थित या लिखित रूप धारण कर चुका था, यह कहना कठिन है। .

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संयुक्त निकाय

संयुत्त निकाय (संस्कृत:संयुक्त निकाय) बुद्ध ग्रन्थ है। यह सुत्तपिटक के पाँच निकायों में से तीसरा निकाय (ग्रंथ) है। इसके अंतर्गत 2889 सुत्त हैं। .

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संस्कृत भाषा में रचित बौद्ध ग्रन्थ

बौद्ध धर्म के धर्मग्रन्थ केवल पालि में ही नहीं हैं बल्कि बहुत बड़ी संख्या में संस्कृत में भी हैं। कुछ ग्रन्थ पालि और संस्कृत के मिश्रित भाषा में भी रचे गये हैं। बुद्धवचनों के अलावा बौद्ध विद्वानों ने दर्शन, न्याय (तर्कशास्त्र), आदि के ग्रन्थ संस्कृत में लिखे हैं। बहुत से ग्रन्थ काल के गाल में समा गये किन्तु उसके बावजूद संस्कृत में रचित बौद्ध गर्न्थ विपुल मात्रा में मिलते हैं। .

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शारिपुत्र, सारिपुत्र

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