लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

सामान्य सेवा पदक

सूची सामान्य सेवा पदक

सामान्य सेवा पदक,1 9 65 (जनरल सर्विस मेडल 1 9 65) भारतीय सशस्त्र बलों को दिया जाने वाला एक सैन्य सेवा पदक है।इसकी स्थापना 8 मई 1 9 75 को की गयी थी तथा 26 जनवरी 1 9 65 से यहाँ प्रभावी हुआ। सामान्य सेवा पदक उस सक्रिय सेवा के लिए दिया जाता है जहां कोई अन्य पदक दिए जाने का प्रावधान नहीं है। .

3 संबंधों: भारतीय सेना के युद्ध सम्मान, सामान्य सेवा पदक १९४७, जोगिन्दर जसवन्त सिंह

भारतीय सेना के युद्ध सम्मान

भारतीय सेना के युद्ध सम्मान उन उल्लेखनीय सेवा देने वाले सैनिको को दिए जाते है जिन्होंने शांति अथवा युद्ध काल में अपनी विशेष सेवाए दी। भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ सैन्य सम्मान के असंख्य पदको की पात्र हैं। असाधारण बहादुरी और साहस के लिए इन्हें सम्मानित किया जाता है, साथ ही साथ युद्ध और शांति के दौरान अनेको सेवा और अभियान पदक से सम्मानित किया गया है। .

नई!!: सामान्य सेवा पदक और भारतीय सेना के युद्ध सम्मान · और देखें »

सामान्य सेवा पदक १९४७

सामान्य सेवा पदक १९४७ भारत का एक सैन्य सेवा पदक था। इसकी स्थापना भारत के राष्ट्रपति द्वारा ५ जून १९५० को की गई थी। यह सम्मान जम्मू कश्मीर राज्य में १९४७ के भारत-पाक युद्ध के समय तथा मीज़ो पर्वतों में १९७५ तक के समय के लिये दिया जाता था। .

नई!!: सामान्य सेवा पदक और सामान्य सेवा पदक १९४७ · और देखें »

जोगिन्दर जसवन्त सिंह

जनरल जोगिन्दर जसवन्त सिंह पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी (जन्म: ११ सितम्बर १९४५) भारतीय थल सेना के बाईसवें सेनाध्यक्ष थे। वह ३१ जनवरी २००५ से ३० सितम्बर २००७ तक सेना प्रमुख के रूप में कार्यरत रहे। सिंह को २७ नवंबर २००४ को जनरल एन सी विज की सेवानिवृति के बाद सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया था, और ३१ जनवरी २००५ को सेवानिवृत्त होने तक वह इस पद पर रहे। उनके बाद जनरल दीपक कपूर थल सेना के अगले सेनाध्यक्ष बने। जोगिन्दर जसवन्त सिंह भारतीय सेना का नेतृत्व करने वाले पहले सिख सिपाही हैं, और चण्डीमन्दिर में स्थित पश्चिमी कमान से आने वाले ग्यारहवें सैन्य प्रमुख हैं। सेवानिवृत्ति के बाद वह २७ जनवरी २००८ को अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल बने। .

नई!!: सामान्य सेवा पदक और जोगिन्दर जसवन्त सिंह · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »