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सागर (जलनिकाय)

सूची सागर (जलनिकाय)

पृथ्वी की सतह के 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में फैला, सागर, खारे पानी का एक सतत निकाय है। पृथ्वी पर जलवायु को संयमित करने, भोजन और ऑक्सीजन प्रदान करने, जैव विविधता को बनाये रखने और परिवहन के क्षेत्र में सागर अत्यावश्यक भूमिका निभाते हैं। प्राचीन काल से लोग सागर की यात्रा करने और इसके रहस्यों को जानने की कोशिश में लगे रहे हैं, परंतु माना जाता है कि सागर के वैज्ञानिक अध्ययन जिसे समुद्र विज्ञान कहते हैं की शुरुआत कप्तान जेम्स कुक द्वारा 1768 और 1779 के बीच प्रशांत महासागर के अन्वेषण के लिए की गयीं समुद्री यात्राओं से हुई। सागर के पानी की विशेषता इसका खारा या नमकीन होना है। पानी को यह खारापन मुख्य रूप से ठोस सोडियम क्लोराइड द्वारा मिलता है, लेकिन पानी में पोटेशियम और मैग्नीशियम के क्लोराइड के अतिरिक्त विभिन्न रासायनिक तत्व भी होते हैं जिनका संघटन पूरे विश्व मे फैले विभिन्न सागरों में बमुश्किल बदलता है। हालाँकि पानी की लवणता में भीषण परिवर्तन आते हैं, जहां यह पानीकी ऊपरी सतह और नदियों के मुहानों पर कम होती है वहीं यह पानी की ठंडी गहराइयों में अधिक होती है। सागर की सतह पर उठती लहरें इनकी सतह पर बहने वाली हवा के कारण बनती है। भूमि के पास उथले पानी में पहँचने पर यह लहरें मंद पड़ती हैं और इनकी ऊँचाई में वृद्धि होती है, जिसके कारण यह अधिक ऊँची और अस्थिर हो जाती हैं और अंतत: सागर तट पर झाग के रूप में टूटती हैं। सुनामी नामक लहरें समुद्र तल पर आये भूकंप या भूस्खलन की वजह से उत्पन्न होती है और सागर के बाहर बमुश्किल दिखाई देती हैं, लेकिन किनारे पर पहँचने पर यह लहरें प्रचंड और विनाशकारी साबित हो सकती हैं। हवायें सागर की सतह पर घर्षण के द्वारा धाराओं का निर्माण करती हैं जिसकी वजह से पूरे सागर के पानी एक धीमा लेकिन स्थिर परिसंचरण स्थापित होता है। इस परिसंचरण की दिशा कई कारकों पर निर्भर करती है जिनमें महाद्वीपों का आकार और पृथ्वी का घूर्णन शामिल हैं। गहरे सागर की जटिल धारायें जिन्हें वैश्विक वाहक पट्टे के नाम से भी जाना जाता है ध्रुवों के ठंडे सागरीय जल को हर महासागर तक ले जाती हैं। सागरीय जल का बड़े पैमाने पर संचलन ज्वार के कारण होता है, दैनिक रूप से दो बार घटने वाली यह घटना चंद्रमा द्वारा पृथ्वी पर लगाये जाने वाला गुरुत्व बल के कारण घटित होती है, हालाँकि पृथ्वी, सूर्य द्वारा लगाये जाने वाला गुरुत्व बल से भी प्रभावित होती है पर चंद्रमा की तुलना में यह बहुत कम होता है। उन खाड़ियों और ज्वारनदमुखों में इन ज्वारों का स्तर बहुत अधिक हो सकता है जहां ज्वारीय प्रवाह संकीर्ण वाहिकों में बहता है। सागर में जीवित प्राणियो के सभी प्रमुख समूह जैसे कि जीवाणु, प्रोटिस्ट, शैवाल, कवक, पादप और जीव पाए जाते हैं। माना जाता है कि जीवन की उत्पत्ति सागर में ही हुई थी, साथ ही यहाँ पर ही जीवों के बड़े समूहों मे से कइयों का विकास हुआ। सागरों में पर्यावास और पारिस्थितिकी प्रणालियों की एक विस्तृत श्रृंखला समाहित है। सागर दुनिया भर के लोगों के लिए भोजन, मुख्य रूप से मछली उपलब्ध कराता है किंतु इसके साथ ही यह कस्तूरों, सागरीय स्तनधारी जीवों और सागरीय शैवाल की भी पर्याप्त आपूर्ति करता है। इनमें से कुछ को मछुआरों द्वारा पकड़ा जाता है तो कुछ की खेती पानी के भीतर की जाती है। सागर के अन्य मानव उपयोगों में व्यापार, यात्रा, खनिज दोहन, बिजली उत्पादन और नौसैनिक युद्ध शामिल हैं, वहीं आन्न्द के लिए की गयी गतिविधियों जैसे कि तैराकी, नौकायन और स्कूबा डाइविंग के लिए भी सागर एक आधार प्रदान करता है। इन गतिविधियों मे से कई गतिविधियां सागरीय प्रदूषण का कारण बनती हैं। मानव संस्कृति में सागर महत्वपूर्ण है और इसका प्रयोग सिनेमा, शास्त्रीय संगीत, साहित्य, रंगमंच और कलाओं में बहुतायत से किया जाता है। हिंदु संस्कृति में सागर को एक देव के रूप में वर्णित किया गया है। विश्व के कई हिस्सों में प्रचलित पौराणिक कथाओं में सागर को विभिन्न रूपों में दर्शाया गया है। हिन्दी भाषा में सागर के कई पर्यायवाची शब्द हैं जिनमें जलधि, जलनिधि, नीरनिधि, उदधि, पयोधि, नदीश, तोयनिधि, कम्पती, वारीश, अर्णव आदि प्रमुख हैं। .

33 संबंधों: एपोगोनिडाए, एबीबी एसिया ब्राउन बॉवेरी, डूगोंग, तितलीमीन, तिमिगण, त्रिबिन्दु, परिवहन की विधि, पोर्टलैंड, ऑरेगॉन, पीने का पानी, बाधा द्वीप, भू-आकृति विज्ञान, भूवैज्ञानिक समय-मान, मालदीव, मैनाटी, लियन, सागर, सागरगत ज्वालामुखी, साइरेनिया, संयुक्त राष्ट्र की समुद्री क़ानून संधि, संरक्षित जैवमंडल, सेरानिडाए, हाइड्रोचैरिटेसिए, जल निकाय, ज़ोस्टेरेसिए, जैव संरक्षण, ग्रहणाधिकार (लियन), ग्रीनलैण्ड हिमचादर, करैंजिडाए, क्रिल, क्लाउनफ़िश, केरल अनूपझीलें, अलिस्मातालेस, अश्वनाल केकड़ा

एपोगोनिडाए

एपोगोनिडाए (Apogonidae), जिसे कार्डिनल मछली (Cardinalfish) भी कहा जाता है, हड्डीदार किरण-फ़िन मछलियों के पर्सिफ़ोर्मेज़ गण का एक कुल है। इसमें लगभग ३७० जातियाँ सम्मिलित हैं जो हिन्द, अटलांटिक और प्रशांत महासागरों में रहती हैं। यह अधिकतर समुद्री मछलियाँ हैं लेकिन इसकी कुछ जातियाँ अर्ध-खारे और कुछ मीठे पानी में भी रहती हैं। .

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एबीबी एसिया ब्राउन बॉवेरी

ए॰बी॰बी, पूरा नाम ए॰एस॰ई॰ए ब्राउन बॉवेरी, मुख्यतः ऊर्जा और स्वचालन के क्षेत्रों में काम करने वाला एक स्विस-स्वीडिश बहुराष्ट्रीय निगम है। इसका मुख्यालय ज़्यूरिख़, स्विटज़रलैंड में है। एबीबी दुनिया की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग कंपनियों तथा सबसे बड़ी सामूहिक कंपनियों में से एक है। एबीबी विश्व के लगभग 100 देशों में कार्यरत है और इसमें तकरीबन 117,000 कर्मचारियों काम करते हैं। एबीबी ज़्यूरिक के सिक्स स्विस एक्सचेंज में, स्वीडेन के स्टॉकहोम स्टॉक एक्सचेंज में, तथा अमेरिका के न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है। .

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डूगोंग

डूगोंग (dugong) एक मध्यम आकार का समुद्री स्तनधारी प्राणी है जो विश्व के कई भागों में समुद्री तटीय क्षेत्रों के जल में पाया जाता है। यह साइरेनिया जीववैज्ञानिक गण का सदस्य है, जिसमें चार जीववैज्ञानिक जातियाँ पाई जाती हैं। डूगोंग इस गण के अधीन डूगोंगिडाए (Dugongidae) नामक कुल की इकलौती जीवित जाति है। इस कुल में स्टेलर समुद्री गाय (Steller's sea cow) नामक एक अन्य जाति भी थी लेकिन उसका इतना शिकार करा गया कि वह १८वीं शताब्दी में विलुप्त हो गई। साइरेनिया गण में डूगोंग के अलावा तीन मैनाटी की जातियाँ भी हैं। डूगोंग का हज़ारों वर्षों से तेल और माँस के लिये शिकार किया गया है। यह एक लम्बी आयु की जाति है - औसतन डूगोंग ७० वर्षों के लिये जीवित रहते हैं। इनके प्रजनन की गति धीमी है और इनकी संख्या धीरे-धीरे ही बढ़ती है। इन कारणों से इनका संरक्षण आवश्यक हो गया है और यह एक असुरक्षित जाति घोषित कर दी गई है। कई स्थानों पर इन्हें सुरक्षित रखने के लिये प्रयास करे जा रहे हैं, मसलन भारत की चिल्का झील में। .

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तितलीमीन

तितलीमीन (Butterflyfish) या केटोडोंटीडाए (Chaetodontidae) उष्णकटिबंधीय समुद्री मछलियों का एक कुल है। इस कुल में १२ वंशों में १२९ जातियाँ सम्मिलित हैं, जो अधिकतर हिन्द, प्रशांत और अटलांटिक महासागरों में रीफ़ो के ऊपर पाई जाती हैं। आकृति से अधिकतर तितलीमीन छोटी एंजलमीन (पोमाकैन्थीडाए) जैसी लगती हैं लेकिन तितलीमीनों के क्लोम पर्दों पर कांटे नहीं होते। .

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तिमिगण

तिमिगण (अंग्रेज़ी: Cetacea, सीटेशिया) विश्व भर के सागरों में विस्तृत एक मांसाहारी, फ़िन-धारी, समुद्री स्तनधारी प्राणी जातियों का क्लेड (जीववैज्ञानिक समूह) है। यह ओडोन्टोसेटाए (Odontoceti, दंतदार तिमि, जिनमें डॉलफ़िन शामिल है), मिस्टीसेटाए (Mysticeti, बैलीन तिमि) और आर्केओसेटाए (Archaeoceti, जो आधुनिक तिमि के पूर्वज थे और जिसके सदस्य विलुप्त हो चुके हैं) नामक जीववैज्ञानिक गणों में विभाजित हैं। कुल मिलाकर इस क्लेड में ८९ जातियाँ ज्ञात हैं जिनमें से ७० से अधिक ओडोन्टोसेटाए गण के भाग हैं। आणविक अनुवांशिक अध्ययन के आधार पर पता लगा है कि यह जातियाँ सम-ऊँगली खुरदार जानवरों की सम्बन्धी हैं। दरियाई घोड़ा इनका सबसे समीपी जीवित सम्बन्धी है और यह ऊँट, सूअर और अन्य रोमन्थक से भी सम्बन्धित है और इसके पूर्वज लगभग ५ करोड़ वर्ष पूर्व उनसे क्रम-विकास की प्रक्रिया द्वारा धीरे-धीरे अलग होते चले गये। .

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त्रिबिन्दु

त्रिबिन्दु (tripoint) या त्रिसीमा क्षेत्र (tri-border area) ऐसा भौगोलिक स्थान होता है जहाँ तीन देश या अन्य राजनैतिक भौगोलिक इकाईयाँ मिलें। अनुमानित किया जाता है कि विश्व में लगभग 176 त्रिबिन्दु हैं, जिनमें से क़रीब आधे नदियों, झीलों या सागरों पर स्थित हैं। जहाँ यह त्रिबिन्दु थल पर हैं वहाँ अक्सर स्तम्भों या अन्य निर्माणों द्वारा उन्हें अंकित किया जाता है। .

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परिवहन की विधि

परिवहन की विधि (या परिवहन के साधन या परिवहन प्रणाली या परिवहन का तरीका या परिवहन के रूप) वह शब्द हैं जो वस्तुत: परिवहन के अलग-अलग तरीकों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। सबसे प्रमुख परिवहन के साधन हैं हवाई परिवहन, रेल परिवहन सड़क परिवहन और जल परिवहन, लेकिन अन्य तरीके भी उपलब्ध हैं जिनमें पाइप लाइन, केबल परिवहन, अंतरिक्ष परिवहन और ऑफ-रोड परिवहन भी शामिल हैं। मानव संचालित परिवहन और पशु चालित परिवहन अपने तरीके का परिवहन है, लेकिन यह सामान्य रूप से अन्य श्रेणियों में आते हैं। सभी परिवहन में कुछ माल परिवहन के लिए उपयुक्त हैं और कुछ लोगों के परिवहन के लिए उपयुक्त हैं। प्रत्येक परिवहन की विधि को मौलिक रूप से विभिन्न तकनीकी समाधान और कुछ अलग वातावरण की आवश्यकता होती है। प्रत्येक विधी की अपनी बुनियादी सुविधाएं, वाहन, कार्य और अक्सर विभिन्न विनियमन हैं। जो परिवहन एक से अधिक मोड का उपयोग करते हैं उन्हें इंटरमोडल के रूप में वर्णित किया जा सकता है। .

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पोर्टलैंड, ऑरेगॉन

पोर्टलैंड, पश्चिमोत्तर संयुक्त राज्य अमेरिका में ऑरेगॉन राज्य की विल्मेट और कोलंबिया नदियों के संगम के पास स्थित एक शहर है। जुलाई 2009 तक, इसकी अनुमानित आबादी 582,130 थी और यह संयुक्त राज्य अमेरिका का सबसे अधिक आबादी वाला 29वां राज्य है। इसे दुनिया में दूसरा और संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे अधिक पर्यावरण के अनुकूल या "ग्रीन" शहर माना गया है। पोर्टलैंड ऑरेगॉन का सबसे अधिक आबादी वाला शहर है और सिएटल, वाशिंगटन और वैंकूवर, ब्रिटिश कोलंबिया के बाद पश्चिमोत्तर प्रशांत महासागर का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। जुलाई 2006 तक, संयुक्त राज्य अमेरिका के 23वें सबसे अधिक आबादी वाले पोर्टलैंड महानगरीय क्षेत्र (एमएसए) में लगभग 20 लाख लोग रहते थे। पोर्टलैंड को 1851 में शामिल किया गया और यह मल्टनोमाह काउंटी (मल्टनोमाह County) की काउंटी सीट है। शहर पश्चिम में थोड़ा वाशिंगटन काउंटी और दक्षिण में क्लैकामस काउंटी (क्लैकामस County) में फैला हुआ है। यह एक महापौर और अन्य चार आयुक्तों की अध्यक्षता वाली आयोग-आधारित सरकार द्वारा शासित है। यह शहर और क्षेत्र, सुदृढ़ भूमि-उपयोग योजना और मेट्रो द्वारा समर्थित, लाइट रेल में किए गए निवेश के लिए प्रसिद्ध एक विशिष्ट क्षेत्रीय सरकार है। पोर्टलैंड बड़ी संख्या में अपनी माइक्रो मद्यनिर्माणशाला और माइक्रो भट्टियों तथा कॉफ़ी के शौक के लिए जाना जाता है। यह ट्रेल ब्लेज़र्स एनबीए टीम का भी घर है। पोर्टलैंड पश्चिम समुद्री तटीय जलवायु क्षेत्र में पड़ता है जहां गर्म, शुष्क गर्मियां और बरसातें किन्तु समशीतोष्ण सर्दियां होती हैं। यह मौसम गुलाब की खेती के लिए आदर्श है और एक सदी से भी अधिक समय से पोर्टलैंड को "गुलाबों का शहर" के रूप में जाना जाता है, यहां कई गुलाब के उद्यान हैं जिनमें सबसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय गुलाब टेस्ट गार्डन है। .

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पीने का पानी

नल का पानी पीने का पानी या पीने योग्य पानी, समुचित रूप से उच्च गुणवत्ता वाला पानी होता है जिसका तत्काल या दीर्घकालिक नुकसान के न्यूनतम खतरे के साथ सेवन या उपयोग किया जा सकता है। अधिकांश विकसित देशों में घरों, व्यवसायों और उद्योगों में जिस पानी की आपूर्ति की जाती है वह पूरी तरह से पीने के पानी के स्तर का होता है, लेकिन वास्तविकता में इसके एक बहुत ही छोटे अनुपात का उपयोग सेवन या खाद्य सामग्री तैयार करने में किया जाता है। दुनिया के ज्यादातर बड़े हिस्सों में पीने योग्य पानी तक लोगों की पहुंच अपर्याप्त होती है और वे बीमारी के कारकों, रोगाणुओं या विषैले तत्वों के अस्वीकार्य स्तर या मिले हुए ठोस पदार्थों से संदूषित स्रोतों का इस्तेमाल करते हैं। इस तरह का पानी पीने योग्य नहीं होता है और पीने या भोजन तैयार करने में इस तरह के पानी का उपयोग बड़े पैमाने पर त्वरित और दीर्घकालिक बीमारियों का कारण बनता है, साथ ही कई देशों में यह मौत और विपत्ति का एक प्रमुख कारण है। विकासशील देशों में जलजनित रोगों को कम करना सार्वजनिक स्वास्थ्य का एक प्रमुख लक्ष्य है। सामान्य जल आपूर्ति नेटवर्क पीने योग्य पानी नल से उपलब्ध कराते हैं, चाहे इसका उपयोग पीने के लिए या कपड़े धोने के लिए या जमीन की सिंचाई के लिए किया जाना हो.

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बाधा द्वीप

बाधा द्वीप (barrier island) तटों पर स्थित एक प्रकार के द्वीप होते हैं जो बहुत चपटे या ढेरों के रूप में जमा रेत के बने होते हैं और समुद्री लहरों व ज्वारभाटाओं द्वारा तट के समानांतर बन जाते हैं। यह अक्सर शृंखलाओं में बन जाते हैं जिनमें चंद द्वीपों से लेकर दर्ज़न से भी अधिक द्वीप हो सकते हैं। आंधी-तूफ़ान और अन्य प्रक्रियाओं से इनमें बदलाव होते रहते हैं लेकिन बाधा द्वीप समुद्री लहरों की ऊर्जा झेलकर अपने पीछे स्थित खारी अनूप झीलों के पानी को शांत रखते हैं जिससे वहाँ आर्द्रभूमि वातावरण पनप सकते हैं। बाधा द्वीपों की शृंखलाएँ सैंकड़ों किलोमीटर तक चल सकती हैं जिनमें लम्बे आकार के द्वीप एक दूसरे से केवल ज्वारभाटा जल के प्रवाह द्वारा कटी हुई नहरों से से अलग परिभाषित होते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के टेक्सस राज्य का पादरे द्वीप विश्व का सबसे लम्बा बाधा द्वीप है और इसकी लम्बाई १८२ किमी है। अनुमान लगाया गया है कि दुनिया के लगभग १३% तटरेखाओं पर बाधा द्वीप बने हुए हैं।Smith, Q.H.T., Heap, A.D., and Nichol, S.L., 2010, "Origin and formation of an estuarine barrier island, Tapora Island, New Zealand:" Journal of Coastal Research, v. 26, p. 292–300.

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भू-आकृति विज्ञान

धरती की सतह भू-आकृति विज्ञान (Geomorphology) (ग्रीक: γῆ, ge, "पृथ्वी"; μορφή, morfé, "आकृति"; और λόγος, लोगोस, "अध्ययन") भू-आकृतियों और उनको आकार देने वाली प्रक्रियाओं का वैज्ञानिक अध्ययन है; तथा अधिक व्यापक रूप में, उन प्रक्रियाओं का अध्ययन है जो किसी भी ग्रह के उच्चावच और स्थलरूपों को नियंत्रित करती हैं। भू-आकृति वैज्ञानिक यह समझने की कोशिश करते हैं कि भू-दृश्य जैसे दिखते हैं वैसा दिखने के पीछे कारण क्या है, वे भू-आकृतियों के इतिहास और उनकी गतिकी को जानने का प्रयास करते हैं और भूमि अवलोकन, भौतिक परीक्षण और संख्यात्मक मॉडलिंग के एक संयोजन के माध्यम से भविष्य के बदलावों का पूर्वानुमान करते हैं। भू-आकृति विज्ञान का अध्ययन भूगोल, भूविज्ञान, भूगणित, इंजीनियरिंग भूविज्ञान, पुरातत्व और भू-तकनीकी इंजीनियरिंग में किया जाता है और रूचि का यह व्यापक आधार इस विषय के तहत अनुसंधान शैली और रुचियों की व्यापक विविधता को उत्पन्न करता है। पृथ्वी की सतह, प्राकृतिक और मानवोद्भव विज्ञान सम्बन्धी प्रक्रियाओं के संयोजन की प्रतिक्रिया स्वरूप विकास करती है और सामग्री जोड़ने वाली और उसे हटाने वाली प्रक्रियाओं के बीच संतुलन के साथ जवाब देती है। ऐसी प्रक्रियाएं स्थान और समय के विभिन्न पैमानों पर कार्य कर सकती हैं। सर्वाधिक व्यापक पैमाने पर, भू-दृश्य का निर्माण विवर्तनिक उत्थान और ज्वालामुखी के माध्यम से होता है। अनाच्छादन, कटाव और व्यापक बर्बादी से होता है, जो ऐसे तलछट का निर्माण करता है जिसका परिवहन और जमाव भू-दृश्य के भीतर या तट से दूर कहीं अन्य स्थान पर हो जाता है। उत्तरोत्तर छोटे पैमाने पर, इसी तरह की अवधारणा लागू होती है, जहां इकाई भू-आकृतियां योगशील (विवर्तनिक या तलछटी) और घटाव प्रक्रियाओं (कटाव) के संतुलन के जवाब में विकसित होती हैं। आधुनिक भू-आकृति विज्ञान, किसी ग्रह के सतह पर सामग्री के प्रवाह के अपसरण का अध्ययन है और इसलिए तलछट विज्ञान के साथ निकट रूप से संबद्ध है, जिसे समान रूप से उस प्रवाह के अभिसरण के रूप में देखा जा सकता है। भू-आकृतिक प्रक्रियाएं विवर्तनिकी, जलवायु, पारिस्थितिकी, और मानव गतिविधियों से प्रभावित होती हैं और समान रूप से इनमें से कई कारक धरती की सतह पर चल रहे विकास से प्रभावित हो सकते हैं, उदाहरण के लिए, आइसोस्टेसी या पर्वतीय वर्षण के माध्यम से। कई भू-आकृति विज्ञानी, भू-आकृतिक प्रक्रियाओं की मध्यस्थता वाले जलवायु और विवर्तनिकी के बीच प्रतिपुष्टि की संभावना में विशेष रुचि लेते हैं। भू-आकृति विज्ञान के व्यावहारिक अनुप्रयोग में शामिल है संकट आकलन जिसमें शामिल है भूस्खलन पूर्वानुमान और शमन, नदी नियंत्रण और पुनर्स्थापना और तटीय संरक्षण। .

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भूवैज्ञानिक समय-मान

यह घड़ी भूवैज्ञानिक काल के प्रमुख ईकाइयों के के साथ-साथ पृथ्वी के जन्म से लेकर आज तक की प्रमुख घटनाओं को भी दिखा रही है। भूवैज्ञानिक समय-मान (geologic time scale) कालानुक्रमिक मापन की एक प्रणाली है जो स्तरिकी (stratigraphy) को समय के साथ जोड़ती है। यह एक स्तरिक सारणी (stratigraphic table) है। भूवैज्ञानिक, जीवाश्मवैज्ञानिक तथा पृथ्वी का अध्ययन करने वाले अन्य वैज्ञानिक इसका प्रयोग धरती के सम्पूर्ण इतिहास में हुई सभी घटनाओं का समय अनुमान करने के लिये करते हैं। जिस प्रकार चट्टानो के अधिक पुराने स्तर नीचे होते हैं तथा अपेक्षाकृत नये स्तर उपर होते हैं, उसी प्रकार इस सारणी में पुराने काल और घटनाएँ नीचे हैं जबकि नवीन घटनाएँ उपर (पहले) दी गई हैं। विकिरणमितीय प्रमाणों (radiomeric evidence) से पता चलता है पृथ्वी की आयु लगभग 4.54 अरब वर्ष है। .

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मालदीव

मालदीव या (Dhivehi: ދ ި ވ ެ ހ ި ރ ާ އ ް ޖ ެ Dhivehi Raa'je) या मालदीव द्वीप समूह, आधिकारिक तौर पर मालदीव गणराज्य, हिंद महासागर में स्थित एक द्वीप देश है, जो मिनिकॉय आईलेंड और चागोस अर्किपेलेगो के बीच 26 प्रवाल द्वीपों की एक दोहरी चेन, जिसका फेलाव भारत के लक्षद्वीप टापू की उत्तर-दक्षिण दिशा में है, से बना है। यह लक्षद्वीप सागर में स्थित है, श्री लंका की दक्षिण-पश्चिमी दिशा से करीब सात सौ किलोमीटर (435 mi) पर.

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मैनाटी

मैनाटी एक मध्यम आकार का शाकाहारी समुद्री स्तनधारी प्राणी है जो विश्व के कई भागों में समुद्री तटीय क्षेत्रों के जल में पाया जाता है। यह साइरेनिया जीववैज्ञानिक गण का सदस्य है, जिसमें चार जीववैज्ञानिक जातियाँ पाई जाती हैं। इन चार में से तीन मैनाटी की जातियाँ हैं, जबकि चौथी डूगोंग की इकलौती जाति है। मैनाटी की तीनों जातियाँ ट्रिकेकिडाए (Trichechidae) जीववैज्ञानिक कुल के अंतर्गत ट्रिकेकुस (Trichechus) जीववैज्ञानिक वंश में आती हैं। .

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लियन

कानून में, ग्रहणाधिकार या लियन किसी संपत्ति के एवज में दिए गए ऋण शोधन या किसी अन्य दायित्व के निर्वाह के बदले में भुगतान को सुरक्षित करने के लिए हित सुरक्षा की मंजूरी का एक प्रकार है। संपत्ति का मालिक, जो लियन या ग्रहणाधिकार प्रदान करता है, को लियनर (lienor) और जिस व्यक्ति को लियन का लाभ मिलता है उसे लियनी (lienee) कहा जाता है। एंग्लो-फ्रेंच लियन (लियन), लोयेन "बोंड" (loyen "bond"), "रिस्ट्रेंट" ("restraint"), लैटिन लिगामेन (ligamen) से, लिगारे से "टु बाइंड" ("to bind") शब्द व्युत्पत्ति का मूल है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, शब्द लियन (lien) आमतौर पर शुल्क भार की एक विस्तृत श्रृंखला को दर्शाता है (संदर्भित या उद्धृत करता है) और इसमें अन्य प्रकार के बंधक या शुल्क शामिल होते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में, लियन विलक्षण रूप से गैर-स्वामित्वकारी सुरक्षा हितों या ब्याज प्रतिभूतियों के लिए संदर्भित है (देखें: प्रतिभूति-व्याज श्रेणियां).

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सागर

कोई विवरण नहीं।

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सागरगत ज्वालामुखी

सागरगत ज्वालामुखी (submarine volcanoes) सागर और महासागरों में पृथ्वी की सतह पर स्थित में चीर, दरार या मुख होते हैं जिनसे मैग्मा उगल सकता है। बहुत से सागरगत ज्वालामुखी भौगोलिक तख़्तों के हिलने वाले क्षेत्रों में होते हैं, जिन्हें मध्य-महासागर पर्वतमालाओं के रूप में देखा जाता है। अनुमान लगाया गया है कि पृथ्वी पर उगला जाने वाला 75% मैग्मा इन्हीं मध्य-महासागर पर्वतमालाओं में स्थित सागरगत ज्वालामुखियों से आता है।Martin R. Speight, Peter A. Henderson, "Marine Ecology: Concepts and Applications", John Wiley & Sons, 2013.

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साइरेनिया

साइरेनिया (Sirenia) या समुद्री गाय (sea cow) जल में रहने वाले शाकाहारी स्तनधारी प्राणियों का एक जीववैज्ञानिक गण है जिसके सदस्य नदियों और तट के पास वाले समुद्री क्षेत्रों में रहते हैं। साइरेनिया की चार जीववैज्ञानिक जातियाँ अस्तित्व में हैं, जो दो कुलों और वंशों में विभाजित हैं। इन चार जातियों में मैनाटी की तीन जातियाँ और डूगोंग की एक जाति शामिल है। १८वीं शताब्दी तक स्टेलर समुद्री गाय (Steller's sea cow) नामक एक जाति भी थी जो विलुप्त हो गई। .

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संयुक्त राष्ट्र की समुद्री क़ानून संधि

जिन देशों ने हस्ताक्षर नहीं किया संयुक्त राष्ट्र की समुद्री क़ानून संधि एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है जो विश्व के सागरों और महासागरों पर देशों के अधिकार और ज़िम्मेदारियाँ निर्धारित करता है और समुद्री साधनों के प्रयोगों के लिए नियम स्थापित करता है। यह संधि सन् 1982 में तैयार हो गयी लेकिन इसमें एक नियम था के जब तक 60 देशों के नुमाइंदे इसपर हस्ताक्षर नहीं कर देते यह किसी पर लागू नहीं होगी। सन् 1994 में गयाना इसपर दस्तख़त करने वाला साठवा देश बना। सन् 2011 तक 161 देश इसपर हस्ताक्षर कर चुके थे। .

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संरक्षित जैवमंडल

संरक्षित जैवमंडल (कई स्थानों पर आरक्षित जैवमंडल भी कहा जाता है) या बायोस्फेयर रिज़र्व, यूनेस्को द्वारा अपने कार्यक्रम मैन एंड द बाओस्फेयर (मानव और जैवमंडल) (MAB) के अंतर्गत दिया जाने वाला एक अंतरराष्ट्रीय संरक्षण उपनाम है। संरक्षित जैवमंडलों का विश्व नेटवर्क, विश्व के 107 देशों के सभी 533 संरक्षित जैवमंडलों का एक संग्रह है (मई, 2009 तक)।संरक्षित जैवमंडल के रूप में मान्यता प्राप्त स्थल, किसी अंतरराष्ट्रीय समझौते का विषय नहीं है बस इनके लिए एक समान मानदंडों का पालन करना होता है। यह उस देश के संप्रभु अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं जहाँ पर यह स्थित हैं, हालांकि, यह विचारों और अनुभवों को क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संरक्षित जैवमंडलों का विश्व नेटवर्क के अंतर्गत साझा करते हैं। संरक्षित जैवमंडलों का विश्व नेटवर्क के वैधानिक ढाँचे के अनुसार जैवमंडलों का निर्माण उद्देश्य “मानव और जैवमंडल के बीच एक संतुलित संबंध का प्रदर्शन करना और इसे बढ़ावा देना है”। अनुच्छेद 4 के अंतर्गत, किसी भी संरक्षित जैवमंडल के अंतर्गत सभी उपस्थित पारिस्थितिक तंत्रों का समावेश होना चाहिए यानि इसे तटीय, पार्थिव या समुद्री पारिस्थितिक तंत्रों के संयोजन से मिलकर बना होना चाहिए। उपयुक्त अंचलों के निर्माण और प्रबंधन के माध्यम से, इन पारिस्थितिक तंत्रों के संरक्षण और उनमें जैव विविधता को बनाए रखा जा सकता है। संरक्षित जैवमंडल का डिजाइन के अनुसार किसी भी जैवमंडल को तीन क्षेत्रों मे विभाजित होना चाहिए जिनमे पहला है एक कानूनी रूप से सुरक्षित प्रमुख क्षेत्र, दूसरा एक बफर क्षेत्र जहां गैर संरक्षण गतिविधियाँ निषिद्ध हों और तीसरा एक संक्रमण क्षेत्र जहां स्वीकृत प्रथाओं की सीमित अनुमति दी गयी हो। यह स्थानीय समुदायों के लाभों को ध्यान मे रख कर किया जाता है ताकि यह समुदाय प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग स्थाई रूप से (एक लंबे समय तक) कर सकें। इस प्रयास के लिए प्रासंगिक अनुसंधान, निगरानी, शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। उपरोक्त सुझाई सभी बातों पर अमल कर जैव विविधता समझौते की कार्यसूची 21 (एजेंडा 21) को लागू किया जाता है। 2007 में संरक्षित जैवमंडलों का विश्व नेटवर्क को दर्शाता मानचित्र। .

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सेरानिडाए

सेरानिडाए (Serranidae) हड्डीदार मछलियों के पर्सिफ़ोर्मेज़ गण का एक विस्तृत कुल है। इस कुल में ६५ वंशों के अंतर्गत लगभग ४५० मछली जातियाँ श्रेणीकृत हैं। इसमें समुद्री बैस और ग्रूपर मछलियाँ भी शामिल हैं। सेरानिडाए कुल की अधिकांश मछलियाँ छोटे आकार की हैं (कुछ तो १० सेंटीमीटर से भी कम), लेकिन महान ग्रूपर (Epinephelus lanceolatus) विश्व की सबसे बड़ी हड्डीदार मछलियों में से एक है: यह २.७ मीटर (८ फ़ुट १० इंच) तक लम्बी और ४०० किलोग्राम तक भारी हो जाती है। सेरानिडाए कुल की मछलियाँ विश्वभर के ऊष्णकटिबन्धीय और उपोष्णकटिबन्धीय सागरों में पाई जाती हैं। .

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हाइड्रोचैरिटेसिए

हाइड्रोचैरिटेसिए (Hydrocharitaceae) सपुष्पक पौधों का एक जीववैज्ञानिक कुल है जिसमें १६ ज्ञात वंशों के अंतर्गत १३५ जातियाँ आती हैं। इस कुल में मीठे पानी व समुद्री जल में उगने वाली कई जातियाँ हैं। यह मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में मिलती हैं हालांकि कुछ अन्य स्थानों पर भी उगती हैं। .

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जल निकाय

जल निकाय (अंग्रेजी:Body of water अथवा Waterbody) पृथ्वी की सतह पर जल के एकत्रित स्वरूप को कहते हैं। यह महासागर, सागर अथवा छोटे तालाबों एवं कुंडों के रूप में हो सकते हैं। इनमें सतह पर प्रवाहमान जल के रूप में स्थित नदियों और नालों इत्यादि को भी शामिल किया जाता है। .

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ज़ोस्टेरेसिए

ज़ोस्टेरेसिए (Zosteraceae) समुद्री बहुवर्षीय सपुष्पक पौधों का एक जीववैज्ञानिक कुल है। यह सागरघासों के चार कुलों में से एक है और इसकी सदस्य जातियाँ विश्व के सागरों व महासागरों में समशीतोष्णीय और उपोष्णकटिबन्धीय तटीय जल में मिलते हैं। .

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जैव संरक्षण

जैव संरक्षण, प्रजातियां, उनके प्राकृतिक वास और पारिस्थितिक तंत्र को विलोपन से बचाने के उद्देश्य से प्रकृति और पृथ्वी की जैव विविधता के स्तरों का वैज्ञानिक अध्ययन है। यह विज्ञान, अर्थशास्त्र और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के व्यवहार से आहरित अंतरनियंत्रित विषय है। शब्द कन्सर्वेशन बॉयोलोजी को जीव-विज्ञानी ब्रूस विलकॉक्स और माइकल सूले द्वारा 1978 में ला जोला, कैलिफ़ोर्निया स्थित कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय में आयोजित सम्मेलन में शीर्षक के तौर पर प्रवर्तित किया गया। बैठक वैज्ञानिकों के बीच उष्णकटिबंधीय वनों की कटाई, लुप्त होने वाली प्रजातियों और प्रजातियों के भीतर क्षतिग्रस्त आनुवंशिक विविधता पर चिंता से उभरी.

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ग्रहणाधिकार (लियन)

कानून में, ग्रहणाधिकार या लियन किसी संपत्ति के एवज में दिए गए ऋण शोधन या किसी अन्य दायित्व के निर्वाह के बदले में भुगतान को सुरक्षित करने के लिए हित सुरक्षा की मंजूरी का एक प्रकार है। संपत्ति का मालिक, जो लियन या ग्रहणाधिकार प्रदान करता है, को लियनर (lienor) और जिस व्यक्ति को लियन का लाभ मिलता है उसे लियनी (lienee) कहा जाता है। एंग्लो-फ्रेंच लियन (लियन), लोयेन "बोंड" (loyen "bond"), "रिस्ट्रेंट" ("restraint"), लैटिन लिगामेन (ligamen) से, लिगारे से "टु बाइंड" ("to bind") शब्द व्युत्पत्ति का मूल है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, शब्द लियन (lien) आमतौर पर शुल्क भार की एक विस्तृत श्रृंखला को दर्शाता है (संदर्भित या उद्धृत करता है) और इसमें अन्य प्रकार के बंधक या शुल्क शामिल होते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में, लियन विलक्षण रूप से गैर-स्वामित्वकारी सुरक्षा हितों या ब्याज प्रतिभूतियों के लिए संदर्भित है (देखें: प्रतिभूति-व्याज श्रेणियां).

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ग्रीनलैण्ड हिमचादर

ग्रीनलैण्ड हिमचादर (Greenland ice sheet) ग्रीनलैण्ड के ८०% भूभाग पर विस्तृत एक हिमचादर है। इसका कुल फैलाव १७,१०,००० वर्ग किमी पर है। अंटार्कटिक हिमचादर के बाद यह पृथ्वी का दूसरा सबसे बड़ा हिम का विस्तार है। यह हिमचादर उत्तर-दक्षिण दिशा में २,४०० किमी तक फैली हुई है, जबकि इसकी सर्वाधिक चौड़ाई इसकी उत्तरी हिस्से में ७७° उत्तर के रेखांश (लैटिट्यूड) पर १,१०० किमी है। बर्फ़ की औसत ऊँचाई २,१३५ मीटर (७,००५ फ़ुट) है। हिमचादर में जमा बर्फ़ की तहों की मोटाई अधिकतर स्थानों में २ किमी से अधिक है और अपने सबसे मोटे भाग में ३ किमी से भी ज़्यादा है। ग्रीनलैण्ड हिमचादर के अलावा ग्रीनलैण्ड में अन्य हिमसमूह भी हैं - अलग-थलग हिमानियाँ (ग्लेशियर) और छोटी बर्फ़ की टोपियाँ कुल मिलाकर ७६,००० अए १,००,००० वर्ग किमी के बीच के क्षेत्रफल पर इस मुख्य हिमचादर की बाहरी सीमाओं पर फैली हुई हैं। अगर इस हिमचादर में क़ैद पूरा २८,५०,००० घन किमी जल पिघलाया जाए तो पूरे विश्व के सागरों की सतह औसत ७.२ मीटर (२४ फ़ुट) बढ़ जाएगी।Climate Change 2001: The Scientific Basis.

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करैंजिडाए

करैंजिडाए (Carangidae) हड्डीदार मछलियों के पर्सिफ़ोर्मेज़ गण का एक कुल है जिसमें जैक मछलियाँ (Jacks) शामिल हैं। इस कुल में पोम्पानो, जैक मैकरल और स्कैड मछलियाँ भी सम्मिलित हैं। यह समुद्री मछलियाँ हैं जो अटलांटिक, प्रशांत और हिन्द महासागरों में पाई जाती हैं। करैंजिडाए कुल की मछलियाँ तेज़ तैरने वाली परभक्षी जातियाँ होती हैं जो रीफ़ों के ऊपर और खुले सागर में शिकार करती हैं और कुछ सागरतह में रेत में छुपे अकशेरुकों को खोदकर निकालती और खाती हैं। .

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क्रिल

क्रिल (Krill) छोटे आकार के क्रस्टेशिया प्राणी हैं जो विश्व-भर के सागरों-महासागरों में पाये जाते हैं। समुद्रों में क्रिल खाद्य शृंखला की सबसे निचली श्रेणियों में होते हैं - क्रिल सूक्ष्मजीवी प्लवक (प्लैन्कटन) खाते हैं और फिर कई बड़े आकार के प्राणी क्रिलों को खाते हैं। .

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क्लाउनफ़िश

क्लाउनफ़िश या अनेमनीफ़सश मछलियाँ हैं। समंदर में अनेमनियों के साथ रहते हैं। अनेमनी क्लाउनफ़िश दूसरे मछलियों से बचाती हैं और क्लाउनफ़िश अनेमनी को साफ़ करते हैं। जब दो ज़िंदा चीज़ें जैसे क्लाउनफ़िश और अनेमनी साथ काम करते हैं, इसका नाम है सहजीवन या सिंबायोसिसhttp://tolweb.org/treehouses/?treehouse_id.

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केरल अनूपझीलें

केरल अनूपझीलें या केरल बैकवॉटर्स भारत के दक्षिण में स्थित केरल राज्य में अरब सागर से सामांतर कुछ दूरी पर स्थित खारी अनूप झीलों और झीलों की एक शृंखला है। इसमें प्राकृतिक और कृत्रिम नहरों द्वारा जुड़ी हुई पाँच बड़ी झीलें हैं जिनमें ३८ नदियाँ जल लाती हैं। यह केरल की उत्तर-दक्षिण लम्बाई के लगभग आधे भाग पर विस्तृत है। केरल अनूपझीलें पश्चिमी घाट से उतरती हुई नदियों के नदीमुखों के सामने समुद्री लहरों व ज्वार-भाटा के प्रभाव से बने बाधा द्वीपों के पीछे बन गई हैं। केरल अनूपझील क्षेत्र में नहरों, झीलों, नदियों और समुद्री क्षेत्रों पर विस्तृत ९०० किलोमीटर से अधिक जलमार्ग हैं। यहाँ जल के किनारे कई गाँव और नगर बसे हुए हैं जहाँ से पर्यटक इन अनूपझीलों का आनंद लेने आते हैं। भारत का राष्ट्रीय जलमार्ग ३ यहाँ कोल्लम से कोट्टापुरम तक २०५ किमी तय करता है और दक्षिणी केरल में तट के साथ-साथ समानांतर चलता है। यह माल-वहन और पर्यटन के लिये महत्वपूर्ण है।Ayub, Akber (ed), Kerala: Maps & More, Backwaters, 2006 edition 2007 reprint, pp.

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अलिस्मातालेस

अलिस्मातालेस (Alismatales) सपुष्पक पौधों का एक जीववैज्ञानिक गण है, जिसमें लगभग ४,५०० जातियाँ वर्गीकृत हैं। यह जातियाँ अधिकतर उष्णकटिबंधीय या जलीय हैं। कुछ मीठे पानी में उगती हैं और कुछ समुद्री पर्यावासों में। .

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अश्वनाल केकड़ा

अश्वनाल केकड़ा (Horseshoe crab) समुद्री आर्थ्रोपोड हैं जो ज़िफ़ोसुरा गण के लिम्युलिडाए कुल में श्रेणीकृत हैं। यह तटों के पास सागरों व महासागरों के कम गहराई वाले क्षेत्रों में रहते हैं और के लिए बाहर भूमि पर आते हैं। क्रमविकास द्वारा इनकी उत्पत्ति लगभग ४५ करोड़ वर्ष पहले हुई थी और, क्योंकि तब से इनमें बहुत कम बदलाव आया है, इन्हें जीवित जीवाश्म बुलाया जाता है। अपने नाम और रूप के बावजूद यह केकड़ों से कम और मकड़ियों से अधिक अनुवांशिक सम्बन्ध रखते हैं। .

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समुद्री, सागर (जल घटक), सागरों

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