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सस्यविज्ञान

सूची सस्यविज्ञान

पौधों से भोजन, ईंधन, चारा एवं तन्तु (फाइबर) की प्राप्ति के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को सस्यविज्ञान (Agronomy) कहते हैं। सस्यविज्ञान के अन्तर्गत पादप अनुवांशिकी, पादप क्रियाविज्ञान, मौसमविज्ञान तथा मृदा विज्ञान समाहित हैं। यह जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान, अर्थशास्त्र, पर्यावरण, मृदा विज्ञान तथा आनुवांशिकी आदि विषयों का सम्मिलित अनुप्रयोग है। वर्तमान में सस्यवैज्ञानिक अनेकों कार्यों में संलग्न हैं, जैसे- अन्न उत्पादन, अधिक स्वास्थ्यकर भोजन का उत्पादन, पादपों से ऊर्जा का उत्पादन आदि। सस्यवैज्ञानिक प्रायः सस्य आवर्तन (crop rotation), सिंचाई एवं जलनिकास, पादप प्रजनन, पादपकार्यिकी (plant physiology), मृदा-वर्गीकरण, मृदा-उर्वरकता, खरपतवार-प्रबन्धन, कीट-प्रबन्धन आदि में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं। .

2 संबंधों: भारत में कॉफी उत्पादन, वनस्पति विज्ञान

भारत में कॉफी उत्पादन

भारत में कॉफी वन भारत में कॉफी बागान भारत में कॉफ़ी का उत्पादन मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय राज्यों के पहाड़ी क्षेत्रों में होता है। यहां कुल 8200 टन कॉफ़ी का उत्पादन होता है जिसमें से कर्नाटक राज्य में अधिकतम 53 प्रतिशत, केरल में 28 प्रतिशत और तमिलनाडु में 11 प्रतिशत उत्पादन होता है। भारतीय कॉफी दुनिया भर की सबसे अच्छी गुणवत्ता की कॉफ़ी मानी जाती है, क्योंकि इसे छाया में उगाया जाता है, इसके बजाय दुनिया भर के अन्य स्थानों में कॉफ़ी को सीधे सूर्य के प्रकाश में उगाया जाता है। भारत में लगभग 250000 लोग कॉफ़ी उगाते हैं; इनमें से 98 प्रतिशत छोटे उत्पादक हैं। 2009 में, भारत का कॉफ़ी उत्पादन दुनिया के कुल उत्पादन का केवल 4.5% था। भारत में उत्पादन की जाने वाली कॉफ़ी का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा निर्यात कर दिया जाता है। निर्यात किये जाने वाले हिस्से का 70 प्रतिशत हिस्सा जर्मनी, रूस संघ, स्पेन, बेल्जियम, स्लोवेनिया, संयुक्त राज्य, जापान, ग्रीस, नीदरलैंड्स और फ्रांस को भेजा जाता है। इटली को कुल निर्यात का 29 प्रतिशत हिस्सा भेजा जाता है। अधिकांश निर्यात स्वेज़ नहर के माध्यम से किया जाता है। कॉफी भारत के तीन क्षेत्रों में उगाई जाती है। कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु दक्षिणी भारत के पारम्परिक कॉफ़ी उत्पादक क्षेत्र हैं। इसके बाद देश के पूर्वी तट में उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के गैर पारम्परिक क्षेत्रों में नए कॉफ़ी उत्पादक क्षेत्रों का विकास हुआ है। तीसरे क्षेत्र में उत्तर पूर्वी भारत के अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर और आसाम के राज्य शामिल हैं, इन्हें भारत के "सात बन्धु राज्यों" के रूप में जाना जाता है। भारतीय कॉफी, जिसे अधिकतर दक्षिणी भारत में मानसूनी वर्षा में उगाया जाता है, को "भारतीय मानसून कॉफ़ी" भी कहा जाता है। इसके स्वाद "सर्वश्रेष्ठ भारतीय कॉफ़ी के रूप में परिभाषित किया जाता है, पेसिफिक हाउस का फ्लेवर इसकी विशेषता है, लेकिन यह एक साधारण और नीरस ब्रांड है।" कॉफ़ी की चार ज्ञात किस्में हैं अरेबिका, रोबस्टा, पहली किस्म जिसे 17 वीं शताब्दी में कर्नाटक के बाबा बुदान पहाड़ी क्षेत्र में शुरू किया गया, का विपणन कई सालों से केंट और S.795 ब्रांड नामों के तहत किया जाता है। .

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वनस्पति विज्ञान

बटरवर्थ का पुष्प जीव जंतुओं या किसी भी जीवित वस्तु के अध्ययन को जीवविज्ञान या बायोलोजी (Biology) कहते हैं। इस विज्ञान की मुख्यतः दो शाखाएँ हैं: (1) प्राणिविज्ञान (Zoology), जिसमें जंतुओं का अध्ययन होता है और (2) वनस्पतिविज्ञान (Botany) या पादपविज्ञान (Plant Science), जिसमें पादपों का अध्ययन होता है। .

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शस्य विज्ञान

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