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सफ़ेद बारादरी

सूची सफ़ेद बारादरी

सफ़ेद बारादरी (سفید بارادری) (जिसका अर्थ है, 'श्वेत वर्ण का बारह द्वारों वाला महल') उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कैसरबाग मोहल्ले में स्थित एक श्वेत संगमर्मर निर्मित महल है जिसका निर्माण वाजिद अली शाह ने करवाया था। सफ़ेद बारादरी का निर्माण अवध के तत्कालीन नवाब वाजिद अली शाह ने मातमपुर्सी के महल के रूप में १८४५ में करवाया था और इसका नाम कस्र-उल-अज़ा रखा था। इसको इमाम हुसैन के लिये अज़ादारी अर्थात् मातमपुर्सी हेतु इमामबाड़ा रूप में करवाय़ा था। कुछ अन्य सूत्रों के अनुसार नवाब ने इसका निर्माण १८४८ में आरम्भ करवाया था जो १८५० में पूरा हुआ। इनके अनुसार इसको मुख्यतः नवाब वाजिद अली शाह के हरम में रहने वाली महिलाओं के लिए करवाया गया था। .

4 संबंधों: बड़ा इमामबाड़ा, लखनऊ, हुसैनाबाद इमामबाड़ा, कैसरबाग

बड़ा इमामबाड़ा

बड़े इमामबाड़ा में स्थित भूलभुलैया, लखनऊ बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ की एक एतिहासिक धरोहर है। इसे भूलभुलैया भी कहते हैं। इसे आसिफ उद्दौला ने बनवाया था। लखनऊ के इस प्रसिद्ध इमामबाड़े का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। .

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लखनऊ

लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .

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हुसैनाबाद इमामबाड़ा

हुसैनाबाद इमामबाड़ा, लखनऊलखनऊ में स्थित यह इमामबाड़ा मोहम्मद अली शाह की रचना है जिसका निर्माण १८३७ ई. में किया गया था। इसे छोटा इमामबाड़ा भी कहा जाता है। माना जाता है कि मोहम्मद अली शाह को यहीं दफनाया गया था। इस इमामबाड़े में मोहम्मद अली शाह की बेटी और उसके पति का मकबरा भी बना हुआ है। मुख्य इमामबाड़े की चोटी पर सुनहरा गुम्बद है जिसे अली शाह और उसकी मां का मकबरा समझा जाता है। मकबरे के विपरीत दिशा में सतखंड नामक अधूरा घंटाघर है। १८४० ई० में अली शाह की मृत्यु के बाद इसका निर्माण रोक दिया गया था। उस समय ६७ मीटर ऊँचे इस घंटाघर की चार मंजिल ही बनी थी। मोहर्रम के अवसर पर इस इमामबाड़े की आकर्षक सजावट की जाती है। .

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कैसरबाग

कैसरबाग परिसर लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत (1865-1882 के बीच ली गई तस्वीर।) कैसरबाग  (उर्दू: قيصر باغ‎,, बागों का सम्राट), भारत के उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी  लखनऊ में स्थित अवध क्षेत्र का एक मोहल्ला है। यह अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह (1847-1856), के द्वारा बनाया गया था। .

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