लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

सत्येन्द्र नारायण सिन्हा

सूची सत्येन्द्र नारायण सिन्हा

सत्येन्द्र नारायण सिन्हा (12 जुलाई 1917 – 4 सितम्बर 2006) एक भारतीय राजनेता थे। वे बिहार के मुख्यमंत्री रहे। प्यार से लोग उन्हें छोटे साहब कहते थे। वे भारत के स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ,सांसद, शिक्षामंत्री, जेपी आंदोलन के स्तम्भ तथा बिहार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं। .

13 संबंधों: झारखण्ड के मुख्यमन्त्रियों की सूची, नितीश कुमार, निखिल कुमार, बिहार के महत्वपूर्ण लोगों की सूची, बिहार के मुख्यमंत्रियों की सूची, बिहार के व्यक्तियों की सूची, बिंदेश्वरी दुबे, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (संगठन), लालू प्रसाद यादव, सारण लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, जगन्नाथ मिश्र, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, कर्पूरी ठाकुर

झारखण्ड के मुख्यमन्त्रियों की सूची

झारखण्ड पूर्वी भारत का एक राज्य है जिसकी स्थापना 15 नवम्बर 2000 को हुई और इसके प्रथमा मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी बने। .

नई!!: सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और झारखण्ड के मुख्यमन्त्रियों की सूची · और देखें »

नितीश कुमार

नीतीश कुमार (जन्म १ मार्च १९५१, बख्तियारपुर, बिहार, भारत) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो बिहार के मुख्य मंत्री हैं, 2017 के बाद से पूर्वी भारत में एक राज्य है। इससे पहले उन्होंने 2005 से 2014 तक बिहार के मुख्यमंत्री और 2015 से 2017; उन्होंने भारत सरकार के एक मंत्री के रूप में भी सेवा की। वह जनता दल यू राजनीतिक दल के प्रमुख नेताओं में से हैं। उन्होंने खुद को बिहारीओं के साथ मिलकर पिछली सरकारों से कम उम्मीदों का सामना किया, जब मुख्यमंत्री के रूप में, उनकी समाजवादी नीतियों ने 100,000 से अधिक स्कूल शिक्षकों को नियुक्त करने में लाभांश दिया, यह सुनिश्चित करना कि डॉक्टर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में काम करते हैं, गांवों के विद्युतीकरण, सड़कों पर, आधे से मादा निरक्षरता को काटने, अपराधियों पर टूटकर और औसत बिहारी की आय को दोगुना करके एक अराजक अवस्था में बदल दिया। उस अवधि के लिए अन्य राज्यों की तुलना में मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान बिहार के जीडीपी का संचयी विकास दर सर्वोच्च है। 17 मई 2014 को उन्होंने भारतीय आम चुनाव, 2014 में अपने पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी संभालने से इस्तीफा दे दिया और वह जीतन राम मांझी के पद पर रहे। हालांकि, वह बिहार में राजनीतिक संकट से फरवरी 2015 में कार्यालय में लौट आया और नवंबर 2015 की बिहार विधान सभा चुनाव,२०१५ जीता। वह 10 अप्रैल 2016 को अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए। 2019 के आगामी चुनाव में सहित कई राजनेताओं लालू यादव, तेजसवी यादव और अन्य ने भारत में प्रधान मंत्री पद के लिए उन्हें प्रस्तावित किया हालांकि उन्होंने ऐसी आकांक्षाओं से इनकार किया है उन्होंने 26 जुलाई, 2017 को बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में गठबंधन सहयोगी आरजेडी के बीच मतभेद के साथ फिर से इस्तीफा दे दिया था, सीबीआई द्वारा एफआईआर में उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव के नामकरण के कारण। कुछ घंटे बाद, वह एनडीए गठबंधन में शामिल हो गए, जो इस प्रकार अब तक विरोध कर रहे थे, और विधानसभा में बहुमत हासिल कर लेते थे, अगले दिन ही मुख्यमंत्री पद का त्याग कर रहे थे। .

नई!!: सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और नितीश कुमार · और देखें »

निखिल कुमार

निखिल कुमार भारत के केरल राज्य के पूर्व राज्यपाल हैं। भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें नागालैंड के राज्यपाल के पद से स्थानांतरित करके केरल का राज्यपाल नियुक्त किया था। वे औरंगाबाद, बिहार के रहने वाले है एवं वहाँ से सांसद रह चुके हैं। निखिल कुमार भारतीय पुलिस सेवा के 1963 बैच के अधिकारी है। वे दिल्ली के पुलिस आयुक्त, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के निदेशक, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सीमा सुरक्षा बल में निदेशक रहने के अलावा भारत सरकार के गृह मंत्रालय में विशेष सचिव भी रहे हैं। सेवानिवृत्ति के उपरांत उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का सलाहकार भी बनाया गया था। बाद में वे राजनीति में आये एवं औरंगाबाद से कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने। .

नई!!: सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और निखिल कुमार · और देखें »

बिहार के महत्वपूर्ण लोगों की सूची

बिहार के महत्वपूर्ण लोगों की सूची .

नई!!: सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और बिहार के महत्वपूर्ण लोगों की सूची · और देखें »

बिहार के मुख्यमंत्रियों की सूची

कोई विवरण नहीं।

नई!!: सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और बिहार के मुख्यमंत्रियों की सूची · और देखें »

बिहार के व्यक्तियों की सूची

यहाँ विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी बिहार के प्रमुख व्यक्तियों की सूची दी गयी है। .

नई!!: सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और बिहार के व्यक्तियों की सूची · और देखें »

बिंदेश्वरी दुबे

बिन्देश्वरी दूबे (१४ जनवरी, १९२३ - २० जनवरी, १९९३) एक भारतीय राजनेता, प्रशासक, स्वतंत्रता सेनानी एवं श्रमिक नेता थे जो बिहार के मुख्यमंत्री, केन्द्रीय काबीना मंत्री (कानून एवं न्याय तथा श्रम एवं रोजगार), इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष आदि भी रहे। इससे पूर्व ये अखंड बिहार (एवं झारखंड) सरकारों में भी शिक्षा, परिवहन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रहे। १९८० से १९८४ तक सातवीं लोक सभा के सदस्य, १९८८ से १९९३ तक राज्य सभा के सदस्य तथा छह बार विधान सभा के सदस्य रहे। इन्होंने देश की कोलियरियों के राष्ट्रीयकरण में अहम् भूमिका निभाई थी। .

नई!!: सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और बिंदेश्वरी दुबे · और देखें »

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (संगठन)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (संगठन) या कांग्रेस (ओ) भारत में एक राजनीतिक पार्टी थी जिसका गठन तब हुआ जब इंदिरा गांधी के निष्कासन के बाद कांग्रेस पार्टी विभाजित हुई।   १२ नवंबर १९६९ को, इंदिरा गांधी (तत्कालीन प्रधानमंत्री) को पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने के लिए कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। पार्टी का अंत में विभाजन हुआ और साथ ही, इंदिरा गांधी ने एक प्रतिद्वंद्वी संगठन की स्थापना की, जो कांग्रेस (आर) के रूप में जाना गया। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति में, 446 के अपने ७०५ सदस्यों में से, ४४६ इंदिरा के पक्ष में चले आएँ। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (संगठन) को कभी कभी अनौपचारिक रूप से सिंडिकेट और इंदिरा गुट को इंडीकेट कहा जाता था। कामराज और बाद में मोरारजी देसाई कांग्रेस(ओ) के नेता थे। .

नई!!: सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (संगठन) · और देखें »

लालू प्रसाद यादव

लालू प्रसाद यादव (जन्म: 11 जून 1948) भारत के बिहार राज्य के राजनेता व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष हैं। वे 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। बाद में उन्हें 2004 से 2009 तक केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में रेल मन्त्री का कार्यभार सौंपा गया। जबकि वे 15वीं लोक सभा में सारण (बिहार) से सांसद थे उन्हें बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत ने पांच साल कारावास की सजा सुनाई थी। इस सजा के लिए उन्हें बिरसा मुण्डा केन्द्रीय कारागार रांची में रखा गया था। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के विशेष न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखा जबकि उन पर कथित चारा घोटाले में भ्रष्टाचार का गम्भीर आरोप सिद्ध हो चुका था। 3 अक्टूबर 2013 को न्यायालय ने उन्हें पाँच साल की कैद और पच्चीस लाख रुपये के जुर्माने की सजा दी। दो महीने तक जेल में रहने के बाद 13 दिसम्बर को लालू प्रसाद को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिली। यादव और जनता दल यूनाइटेड नेता जगदीश शर्मा को घोटाला मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद लोक सभा से अयोग्य ठहराया गया। इसके बाद राँची जेल में सजा भुगत रहे लालू प्रसाद यादव की लोक सभा की सदस्यता समाप्त कर दी गयी। चुनाव के नये नियमों के अनुसार लालू प्रसाद अब 11 साल तक लोक सभा चुनाव नहीं लड़ पायेंगे। लोक सभा के महासचिव ने यादव को सदन की सदस्यता के अयोग्य ठहराये जाने की अधिसूचना जारी कर दी। इस अधिसूचना के बाद संसद की सदस्यता गँवाने वाले लालू प्रसाद यादव भारतीय इतिहास में लोक सभा के पहले सांसद हो गये हैं। .

नई!!: सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और लालू प्रसाद यादव · और देखें »

सारण लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

सारण लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के बिहार राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। सारण लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र पूर्व भारत में बिहार राज्य के 40 लोकसभा (संसदीय) निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह निर्वाचन क्षेत्र 2008 में गठित भारतीय आयोग की सिफारिशों के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के परिसीमन के कार्यान्वयन के एक भाग के रूप में अस्तित्व में आया। सीमांकन से पहले, यह छापरा (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) था। .

नई!!: सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और सारण लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र · और देखें »

जगन्नाथ मिश्र

डॉ जगन्नाथ मिश्र भारतीय राजनेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। श्री मिश्रा ने प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया था और बाद में बिहार विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने। डॉ० मिश्र तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनकी रुचि राजनीति में बचपन से ही थी, क्योंकि उनके बड़े भाई, ललित नारायण मिश्र राजनीति में थे और रेल मंत्री थे। डॉ जगन्नाथ मिश्रा विश्वविद्याल में पढ़ाने के दौरान ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए। डॉ मिश्र 1975 में पहली बार मुख्यमंत्री बने। दूसरी बार उन्हें 1980 में कमान सौंपी गई और आखिरी बार 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। वह 90 के दशक के बीच केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे। बिहार में डॉ मिश्र का नाम बड़े नेताओं के तौर पर जाना जाता है । कांग्रेस छोड़ने के बाद, वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और अब जनता दल (यूनाइटेड) के सदस्य हैं। 30 सितंबर 2013 को रांची में एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो ने फोडर घोटाले में 44 अन्य लोगों के साथ उन्हें दोषी ठहराया। उन्हें चार साल की कारावास और 200,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। .

नई!!: सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और जगन्नाथ मिश्र · और देखें »

इलाहाबाद विश्वविद्यालय

इलाहाबाद विश्वविद्यालय भारत का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है। यह एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। यह आधुनिक भारत के सबसे पहले विश्वविद्यालयों में से एक है। इसे 'पूर्व के आक्सफोर्ड' नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना सन् 1887 ई को एल्फ्रेड लायर की प्रेरणा से हुयी थी। इस विश्वविद्यालय का नक्शा प्रसिद्ध अंग्रेज वास्तुविद इमरसन ने बनाया था। १८६६ में इलाहाबाद में म्योर कॉलेज की स्थापना हुई जो आगे चलकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हुआ। आज भी यह इलाहाबाद विश्वविद्यालय का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। म्योर कॉलेज का नाम तत्कालीन संयुक्त प्रांत के गवर्नर विलियम म्योर के नाम पर पड़ा। उन्होंने २४ मई १८६७ को इलाहाबाद में एक स्वतंत्र महाविद्यालय तथा एक विश्वविद्यालय के निर्माण की इच्छा प्रकट की थी। १८६९ में योजना बनी। उसके बाद इस काम के लिए एक शुरुआती कमेटी बना दी गई जिसके अवैतनिक सचिव प्यारे मोहन बनर्जी बने। ९ दिसम्बर १८७३ को म्योर कॉलेज की आधारशिला टामस जार्ज बैरिंग बैरन नार्थब्रेक ऑफ स्टेटस सीएमएसआई द्वारा रखी गई। ये वायसराय तथा भारत के गवर्नर जनरल थे। म्योर सेंट्रल कॉलेज का आकल्पन डब्ल्यू एमर्सन द्वारा किया गया था और ऐसी आशा थी कि कॉलेज की इमारतें मार्च १८७५ तक बनकर तैयार हो जाएँगी। लेकिन इसे पूरा होने में पूरे बारह वर्ष लग गए। १८८८ अप्रैल तक कॉलेज के सेंट्रल ब्लॉक के बनाने में ८,८९,६२७ रुपए खर्च हो चुके थे। इसका औपचारिक उद्घाटन ८ अप्रैल १८८६ को वायसराय लार्ड डफरिन ने किया। २३ सितंबर १८८७ को एक्ट XVII पास हुआ और कलकत्ता, बंबई तथा मद्रास विश्वविद्यालयों के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय उपाधि प्रदान करने वाला भारत का चौथा विश्वविद्यालय बन गया। इसकी प्रथम प्रवेश परीक्षा मार्च १८८९ में हुई। .

नई!!: सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और इलाहाबाद विश्वविद्यालय · और देखें »

कर्पूरी ठाकुर

जननायक कर्पुरी ठाकुर (24 जनवरी 1924 - 17 फरवरी 1988) भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं।http://cm.bih.nic.in/formercm-bihar.htm लोकप्रियता के कारण उन्हें जन-नायक कहा जाता था।http://www.prabhatbooks.com/mahan-karmayogi-jannayak-karpuri-thakur-vol-2.htm कर्पूरी ठाकुर का जन्म भारत में ब्रिटिश शासन काल के दौरान समस्तीपुर के एक गाँव पितौंझिया, जिसे अब कर्पूरीग्राम कहा जाता है, में हुआ था। भारत छोड़ो आन्दोलन के समय उन्होंने २६ महीने जेल में बिताए थे। वह 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 तथा 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 के दौरान दो बार बिहार के मुख्यमंत्री पद पर रहे। .

नई!!: सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और कर्पूरी ठाकुर · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

सत्येंद्र नारायण सिन्हा

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »