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सड़क

सूची सड़क

सड़क ऐसे भूमि पर बने हुए ऐसे मार्ग को कहते हैं जिसे समतल बनाकर या अन्य रूप से विकसित करके उसपर किसी वाहन के ज़रिए परिवहन में आसानी कर दी गई हो। आधुनिक गाड़ियों के चलाने के लिए सड़कों पर अक्सर टूटे पत्थरों की परत के ऊपर तारकोल फैलाया हुआ होता है। विकसित सड़कों पर विपरीत दिशाओं में जाने वाले वाहनों को सड़क विभाजित करके अलग लेनों में भी डाला जाता है। पैदल चल रहे व्यक्तियों की सुविधा के लिए अक्सर सड़कों के साथ-साथ फ़ुटपाथ भी बनाए जाते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में सड़कें लगभग ३००० ईसापूर्व काल से बन रही हैं। .

30 संबंधों: ऐस्फाल्ट, देहरादून जिला, नवजोत सिंह सिद्धू, पुरानी कार (विंटेज कार), पैदलपथ, फतेहपुर जिला, फोरेंसिक पॉलिमर इंजीनियरिंग, बुढ़वल जंक्शन, भुज, महादेव सिंह खण्डेला, महामार्ग इंजीनियरी, माध्यिका (सड़क), मार्ग, यातायात संकेत (ट्रैफिक साइन), राना टिग्रिना, राजमार्ग, लापासरी, सड़क परिवहन, सड़क सतह, सड़कों की ज्यामितीय डिजाइन, सर्वेक्षण पट्ट, सिविल इंजीनियरी, संगमील, सेतुक, जल निकासी, ग्रैंड ट्रंक रोड, कुट्टिम, कोर, अग्नि-१, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम

ऐस्फाल्ट

मृत सागर से प्राप्त प्राकृतिक ऐसफाल्ट सड़क निर्माण में अस्फाल्ट कंक्रीट की मूल पर्त ऐस्फाल्ट (अंग्रेजी: Asphalt) एक चिपचिपा, काला और गाढ़ा तरल या अर्ध-तरल पदार्थ होता है, जिसे कच्चे पैट्रोलियम से प्राप्त किया जाता है। यह प्राकृतिक रूप से भी मिलता है। पहले इसे अस्फाल्टम भी कहा जाता है। इसका प्रयोग सड़क निर्माण, उड़ान पट्टी निर्माण इत्यादि में होता है। 'अस्फाल्ट' शब्द एक यूनानी शब्द से निकला है जिसका अर्थ है दृढ़, अचल तथा सुरक्षित। पुरातन काल में अस्फाल्ट का प्रथम उपयोग विभिन्न प्रकार के दो पदार्थो को आपस में जोड़ने में, जैसे हाथीदाँत, सीप या रत्नों से बनी आँखों को मूर्तियों के चक्षु गह्वरों में बैठाने के लिए, किया जाता था। ज्ञात हुआ है कि संभवत: भारत में अस्फाल्ट का सर्वप्रथम उपयोग लगभग 3,000 वर्ष ई.पू.

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देहरादून जिला

यह लेख देहरादून जिले के विषय में है। नगर हेतु देखें देहरादून। देहरादून, भारत के उत्तराखंड राज्य की राजधानी है इसका मुख्यालय देहरादून नगर में है। इस जिले में ६ तहसीलें, ६ सामुदायिक विकास खंड, १७ शहर और ७६४ आबाद गाँव हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ १८ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ कोई नहीं रहता। देश की राजधानी से २३० किलोमीटर दूर स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह नगर अनेक प्रसिद्ध शिक्षा संस्थानों के कारण भी जाना जाता है। यहाँ तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान आदि जैसे कई राष्ट्रीय संस्थान स्थित हैं। देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय मिलिटरी कालेज और इंडियन मिलिटरी एकेडमी जैसे कई शिक्षण संस्थान हैं। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। अपनी सुंदर दृश्यवाली के कारण देहरादून पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और विभिन्न क्षेत्र के उत्साही व्यक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। विशिष्ट बासमती चावल, चाय और लीची के बाग इसकी प्रसिद्धि को और बढ़ाते हैं तथा शहर को सुंदरता प्रदान करते हैं। देहरादून दो शब्दों देहरा और दून से मिलकर बना है। इसमें देहरा शब्द को डेरा का अपभ्रंश माना गया है। जब सिख गुरु हर राय के पुत्र रामराय इस क्षेत्र में आए तो अपने तथा अनुयायियों के रहने के लिए उन्होंने यहाँ अपना डेरा स्थापित किया। www.sikhiwiki.org.

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नवजोत सिंह सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू (अंग्रेजी: Navjot Singh Sidhu, पंजाबी: ਨਵਜੋਤ ਸਿੰਘ ਸਿੱਧੂ, जन्म: 20 अक्टूबर 1963, पटियाला) भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी (बल्लेबाज) एवं अमृतसर लोक सभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद हैं। खेल से संन्यास लेने के बाद पहले उन्होंने दूरदर्शन पर क्रिकेट के लिये कमेंट्री करना आरम्भ किया उसके बाद राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे। राजनीति के अलावा उन्होंने टेलीविजन के छोटे पर्दे पर टी.वी.

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पुरानी कार (विंटेज कार)

एक बेहतर तरीके से पुनर्स्थापित 1925 की फ्लिंट कार (यूएसए), ऑस्ट्रेलिया की एक रैली में 1926 की बेंटले स्पीड सिक्स टूरर, विंटेज युग की एक प्रसिद्ध ब्रिटिश कार है। विंटेज कार (पुरानी कार) को आम तौर पर एक ऐसी कार के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसका निर्माण 1919 के आरम्भ से 1930 के अंत के बीच किया गया है; इस अवधि को "विंटेज युग" के नाम से जाना जाता है। विंटेज युग की आरम्भ तिथि को लेकर कोई विवाद नहीं है - प्रथम विश्व युद्ध का अंत को इसकी शुरुआत के रूप में माना जाता है - लेकिन अंतिम तिथि को लेकर विवाद थोड़ा ज्यादा है। ब्रिटिश परिभाषा के अनुसार इसकी अंतिम तिथि 1930 है और इसे व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है, जबकि कुछ अमेरिकी स्रोत इसकी अंतिम तिथि 1925 मानते हैं, क्योंकि क्लासिक कार क्लब ऑफ अमेरिका की परिभाषा के अनुसार यह क्लासिक कार से पहले की अवधि है। अन्य लोग क्लासिक अवधि को विंटेज अवधि के ओवरलैप के रूप में देखते हैं, जिसका मुख्य कारण यह है कि विंटेज नाम में इस अवधि में निर्मित सभी वाहन शामिल हैं, जबकि आधिकारिक क्लासिक परिभाषा में ऐसा नहीं है, जिसमें केवल उस अवधि के हाई-एंड वाहन ही शामिल हैं। कुछ लोग द्वितीय विश्व युद्ध के आरम्भ को विंटेज अवधि की अंतिम तिथि मानते हैं। .

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पैदलपथ

ब्राज़ील के साओ पाउलो का एक पैदलपथ पैदलपथ या फुटपाथ, किसी सड़क के एक या फिर दोनों किनारों के साथ बना एक रास्ता है, जिसका प्रयोग पैदल चलने के लिए किया जाता है। आवश्यक नहीं है कि किसी पैदलपथ की ऊँचाई उसकी संपूर्ण लंबाई में समान रहे, अक्सर इसकी ऊँचाई लंबाई के साथ साथ परिवर्तित होती रहती है। पैदलपथ का तल अमूमन साथ लगने वाली सड़क की सतह से ऊँचा होता है, जो इसे सड़क पर चलने वाले यातायात से पृथक करता है। पैदलपथ का किनारा जो इसे यातायात अनुभाग से अलग करता है, कोर या कर्ब (अंग्रेजी:Kerb) कहलाता है और अक्सर पत्थर या कंक्रीट से निर्मित होता है। कभी कभी पैदलपथ के एक किनारे पर एक हरित पट्टी उपस्थित होती है जिसका प्रयोग झाड़ियों, घास, मौसमी फूल और पेड़ लगाने के लिए भी किया जाता है। भारत जैसे गर्म देश में पैदलपथ पर लगे पेड़ गर्मियों के मौसम में पैदल चलने वालों को छाया और ठंडक प्रदान करते हैं। .

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फतेहपुर जिला

फतेहपुर जिला उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है जो कि पवित्र गंगा एवं यमुना नदी के बीच बसा हुआ है। फतेहपुर जिले में स्थित कई स्थानों का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है जिनमें भिटौरा, असोथर अश्वस्थामा की नगरी) और असनि के घाट प्रमुख हैं। भिटौरा, भृगु ऋषि की तपोस्थली के रूप में मानी जाती है। फतेहपुर जिला इलाहाबाद मंडल का एक हिस्सा है और इसका मुख्यालय फतेहपुर शहर है। .

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फोरेंसिक पॉलिमर इंजीनियरिंग

बहुलक उत्पादों में विफलता के अध्ययन को फोरेंसिक पॉलिमर इंजीनियरिंग कहा जाता है। इस विषय में शामिल है, प्लास्टिक उत्पादों के फ्रैक्चर या कोई भी अन्य कारण है जिसे एक उत्पाद सेवा में विफल क्यों रहता है, या इसके विनिर्देश को पूरा करने में विफल रहता है। विषय अपराध या दुर्घटना के दृश्य से साक्ष्यों पर केंद्रित करता है, उन सामग्रियों को समझा सकता है कि क्यों एक दुर्घटना हुई है। .

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बुढ़वल जंक्शन

बुढ़वल जंक्शन (BUW) भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में स्थित रामनगर के पास बुढ़वल गांव में एक रेलवे स्टेशन है। .

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भुज

भुज भारत के गुजरात प्रांत का एक प्रमुख शहर है। भुज शहर की स्थापना 1548 में राव खेंगारजी ने की थी। राव लखपतिजी के शासनकाल में निर्मित आइना महल स्थापत्य कला का एक सुंदर नमूना है, जिसे अब संग्रहालय में बदल दिया गया है। २००१ में ईस ईलाके में भयनकार भूकंप आया था। .

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महादेव सिंह खण्डेला

महादेव सिंह खण्डेला एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा पूर्व केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री तथा केन्द्रीय जनजातीय मामलात राज्य मंत्री थे, वे सीकर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सांसद हैं | .

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महामार्ग इंजीनियरी

१९३६ से १९३९ की अवधि में जर्मन सड़कें (जर्मन आटोबान) महामार्ग इंजीनियरी या जनपथ इंजीनियरी (Highway engineering), सिविल इंजीनियरी की एक शाखा है जो सड़कों, पुलों, सुरंगों के नियोजन, डिजाइन, निर्माण, परिचालन, और रखरखाव से सम्बन्धित है। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात २०वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में महामार्ग इंजीनियरी का महत्व काफी बढ़ गया। .

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माध्यिका (सड़क)

एक उठी हुयी माध्यिका जो रोचेस्टर, मिनेसोटा में यू.एस. रूट 52 को विभाजित कर रही है। विभाजित राजमार्गों / महामार्गों या सड़कों, पर माध्यिका वह क्षेत्र होता है जो यातायात की विपरीत लेनों (वीथियों) को अलग करता है। सामान्य शब्दों में माध्यिका किसी सड़क को बीच से, दो भागों में विभाजित करती है और इस दोनों भागों में यातायात की दिशा एक दूसरे से विपरीत होती है। इस क्षेत्र को यदि पक्का ना बनाया जाये तो यह अक्सर एक हरित पट्टी के रूप में विकसित किया जाता है और इसमें विभिन्न झाड़ियां और पेड़ लगाये जाते हैं। जहाँ यातायात अधिक हो या सुरक्षा एक अहम मुद्दा हो, वहाँ माध्यिका में अक्सर एक जर्सी अवरोध भी उपस्थित होता है। .

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मार्ग

मार्ग (street) किसी निर्मित वातावरण में स्थित एक सार्वजनिक रास्ता होता है जिसे आमतौर पर सामग्री डालकर पक्का कर दिया गया होता है। अक्सर इन्हें वाहन चलाने के लिये डामर (ऐस्फ़ाल्ट) डालकर समतल बनाया गया होता है। .

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यातायात संकेत (ट्रैफिक साइन)

क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया में वारेगो राजमार्ग पर एक "मार्ग पुष्टि" संकेत, जो चालकों को सूचीबद्ध स्थानों से उनकी दूरी (किलोमीटर में) के बारे में जानकारी देता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में एक संकेत जो मील प्रति घंटे में स्थानीय गति सीमा के बारे में बताता है आगे आने वाले एक दोहरे मोड़ की चेतावनी देने वाले एक ताइवान संकेत के डिजाइन विनिर्देश एक स्तंभ पर दो या इससे अधिक संकेतों को प्रदर्शित किया जा सकता है। यहाँ एक कनाडाई सड़क-अंत का निशान एक ग्रामीण हवाई अड्डे के संकेत के साथ दिखाई देता है। यातायात संकेत (ट्रैफिक साइन) या सड़क संकेत (रोड साइन), सड़क का उपयोग करने वालों को जानकारी प्रदान करने के लिए सड़कों के किनारे लगाए गए संकेतों को कहते हैं। पिछले आठ दशकों में वाहनों की संख्या में वृद्धि के साथ कई देशों ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा को सुविधाजनक बनाने (जहाँ भाषा संबंधी अंतर अवरोध पैदा करते हैं) तथा आम तौर पर यातायात सुरक्षा को बढ़ाने में मदद के लिए सचित्र संकेतों को अपनाया है या अन्यथा अपने संकेतों को सरलीकृत और मानकीकृत किया है। इस तरह के सचित्र संकेतों में शब्दों के स्थान पर चिन्हों (अक्सर छायाचित्रों) का उपयोग किया जाता है और ये आम तौर पर अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल पर आधारित होते हैं। ऐसे संकेतों को सबसे पहले यूरोप में विकसित किया गया था और इन्हें देशों द्वारा विभिन्न स्तरों पर अपनाया गया है। .

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राना टिग्रिना

भारतीय मेढ़क '''राना टिग्रिना''' राना टिग्रिना नामक मेढ़क भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला बड़े आकार का मेढ़क है। .

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राजमार्ग

राजमार्ग (highway) किसी ऐसी सड़क या अन्य सार्वजनिक मार्ग को कहते हैं जो थल यातायात के लिए महत्वपूर्ण माना जाए। यह अक्सर अन्य सड़कों की तुलना में अधिक चौड़े या अन्य साधनों वाले होते हैं और महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ते हैं। .

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लापासरी

लापासरी भारत देश के गुजरात राज्य कें राजकोट जिला के राजकोट तालुकमें आया हुआ गाँव है। इस गाँव में क्षत्रिय राजपूत जाति के लोग ज्यादा रहते हैं। यहाँ क मुख्य रोजगार खेती है। इस गाँव में १ से ७ कक्षा तक पढने के लिए पाठशाला भी है। यह गाँव राजकोट शहर से केवल ६ किलोमीटर की दुरी पे पक्की सड़क से जुडा हुआ है। लापासरी गाँव में पीने और खेती के लिए पानी की भी अच्छी सुविधा है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के गाँव.

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सड़क परिवहन

सड़क परिवहन (Road transport या road transportation) से आशय मनुष्यों या माल को सड़क से होकर (वाहनों द्वारा) ले जाना। श्रेणी:परिवहन.

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सड़क सतह

पत्थर की छोटी फर्शियों से बनी सड़क की सतह एक सड़क जिसकी ऊपरी स्तह ऐस्फाल्ट की बनी है। गाड़ियों के चलने के उद्देश्य से बनायी गयी या पैदल चलने के बनी किसी मार्ग के सतह पर बिछाए सतह को कुट्टिम (pavement) कहते हैं। पूर्वकाल में बजरी (ग्रेवेल), फर्शी पत्थर (cobblestone) और ग्रेनाइट सेटों का बहुधा प्रयोग होता था। किन्तु अब इनकी जगह अधिकांशतः ऐस्फ़ाल्ट और कांक्रीट ने ले लिया है। किसी सड़क का काम केवल यही नहीं है कि वह गाड़ियाँ चलाने के लिए पर्याप्त पुष्ट हो, बल्कि वह गाड़ियों के भार और मौसम के प्रभाव से होनेवाली टूट फूट भी सहे। स्थानीय मिट्टी में ये सब उद्देश्य भली भाँति पूरा करने की सामर्थ्य संभवतः न हो, अत: संरचना की दृष्टि से उपयुक्त सतह की व्यवस्था करने का बड़ा महत्व है। संरचनात्मक दृष्टिकोण से उपयुक्त होने के अतिरिक्त सड़क की सतह में सर्वाधिक अपेक्षित गुण ये हैं: स्थिरीकृत मिट्टीवाली निकृष्ट कोटि से लेकर, सीमेंट ओर ऐस्फाल्टी कंक्रीट की उत्कृष्ट कोटि तक की विभिन्न प्रकार की सतहें होती हैं। इनके बीच बजरी की, पानीकुटौ मैकेडम और हलके बिटूमेनी आवरणवाली सड़कें होती हैं। किसी सड़क के लिए किस प्रकार की सतह उपयुक्त होगी, इसका चुनाव करने में यातायात की प्रगाढ़ता एवं प्रकार, सड़क का महत्व और धन की उपलब्धता सरीखे घटक ध्यान में रखने चाहिए। आरंभ में सोच विचारकर व्यय किया हुआ धन बाद में घटी हुई अनुरक्षण लागत के रूप में भली भाँति वसूल हो सकता है। निवारक उपाय उपचार से उत्तम होता है। यह सड़क के लिए उपयुक्त सतह चुनने के क्षेत्र में भी भली भाँति लागू होता है। .

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सड़कों की ज्यामितीय डिजाइन

सड़कों की दिशा या ढाल में परिवर्तन लाने के लिये, विशेषकर जिन सड़कों पर तेज गाड़ियाँ चलने की संभावना हो, भली भाँति आकल्पित (डिजाइन किये) मोड़ आवश्यक होते हैं। मूलत: मोड़ दो प्रकार के होते हैं: क्षैतिज मोड़ (वृतीय और संक्रामी) तथा ऊर्ध्वाधर मोड़। .

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सर्वेक्षण पट्ट

सर्वेक्षण पट्ट की सहायता से सर्वेक्षण में लगा हुआ एक सर्वेक्षक सर्वेक्षण पट्ट या 'प्लेन टेबुल' (plane table; १८३० के पहले 'plain table') सर्वेक्षण में उपयोगी एक उपकरण है। सर्वेक्षण पट्ट एक ठोस समतल प्रदान करता है जिस पर ड्राइंग, चार्ट और मानचित्र बनाए जाते हैं। .

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सिविल इंजीनियरी

द पेट्रोनस ट्विन टावर्स, जिसे वास्तुकार सीज़र पेली और थोरनटन-टोमेसिटी और रेन हिल बरसेकुटू एस.डी. एन. बी. एच. डी. इंजीनियरों ने बनाया था। ये इमारत 1998-2004 तक दुनिया की सबसे ऊँची इमारत थी। सिविल इंजीनियरी, व्यावसायिक इंजीनियरिंग की एक शाखा है जो कि भौतिक और प्राकृतिक रूप से बने परिवेश में पुल, सड़क,नहरें, बाँध और भवनों आदि के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव से जुड़ी है।सिविल इंजीनियरिंग, सैन्य अभियान्त्रिकी के बाद आने वाली इंजीनियरिंग की सबसे पुरानी शाखा है। इसे सैन्य इंजीनियरिंग से अलग करने के लिए 'असैनिक इंजीनियरिंग' (सिविल इंजीनियरी) के रूप में परिभाषित किया गया। परंपरागत रूप से इसे कई उप-शाखाओं में बांटा गया है, जिनमें -पर्यावरण इंजीनियरिंग, भू-तकनीक इंजीनियरिंग, संरचनात्मक इंजीनियरिंग, परिवहन इंजीनियरिंग, नगरपालिका या शहरी इंजीनियरिंग, जल संसाधन इंजीनियरिंग, पदार्थ इंजीनियरिंग, तटीय इंजीनियरिंग, सर्वेक्षण और निर्माण इंजीनियरिंग. सिविल इंजीनियरिंग हर स्तर पर होती है: सार्वजनिक क्षेत्र में नगरपालिका के क्षेत्र से संघीय स्तरों तक और निजी क्षेत्र में व्यक्तिगत घरों के मालिकों से अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों तक.

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संगमील

राजस्थान के जोधपुर ज़िले में भीकमकोर के पास लगा एक संगमील संगमील या मील का पत्थर ऐसे पत्थर या चिह्न को कहा जाता है जो किसी मार्ग या सीमा पर हर मील, किलोमीटर, कोस या अन्य दूरी पर लगा हो। उसपर अक्सर कोई संख्या लिखी होती है जिस से वहाँ पर स्थित किसी वाहन या व्यक्ति को ज्ञात हो सकता है के वह उस मार्ग या सीमा पर कहाँ है और अपनी मंज़िल से कितना दूर है। किसी दुर्घटना की स्थिति में पुलीस या सहायता पहुँचाने के लिए भी इन संगमीलों का होना अति आवश्यक है। .

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सेतुक

सेतुक आमतौर पर किसी जल निकाय या आद्रभूमि के आर-पार, रेत के आधार पर बना एक पक्का सड़क या रेल मार्ग होता है। .

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जल निकासी

न्यू साउथ वेल्स में एक सिडनी नाली की अत्यंत गहराई में किसी क्षेत्र की सतह या उप-सतह के पानी को प्राकृतिक या कृत्रिम ढंग से हटाना जल निकासी कहलाता है। कृषि भूमि के उत्पादन को सुधारने या पानी की आपूर्ति के प्रबंधन के लिए जल निकासी की आवश्यकता पड़ती है। .

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ग्रैंड ट्रंक रोड

ग्रैंड ट्रंक रोड, दक्षिण एशिया के सबसे पुराने एवं सबसे लम्बे मार्गों में से एक है। दो सदियों से अधिक काल के लिए इस मार्ग ने भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी एवं पश्चिमी भागों को जोड़ा है। यह हावड़ा के पश्चिम में स्थित बांगलादेश के चटगाँव से प्रारंभ होता है और लाहौर (पाकिस्तान) से होते हुए अफ़ग़ानिस्तान में काबुल तक जाता है। पुराने समय में इसे, उत्तरपथ,शाह राह-ए-आजम,सड़क-ए-आजम और बादशाही सड़क के नामों से भी जाना जाता था। यह मार्ग, मौर्य साम्राज्य के दौरान अस्तित्व में था और इसका फैलाव गंगा के मुँह से होकर साम्राज्य के उत्तर-पश्चिमी सीमा तक हुआ करता था। आधुनिक सड़क की पूर्ववर्ती का पुनःनिर्माण शेर शाह सूरी द्वारा किया गया था। सड़क का काफी हिस्सा १८३३-१८६० के बीच ब्रिटिशों द्वारा उन्नत बनाया गया था। .

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कुट्टिम

कुट्टिम (pavement) ऐस्फाल्ट, पत्थर या खपरैल (टाइल) से बनी संरचना है जो फर्श या किसी मार्ग पर लगायी जाती है। .

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कोर

नाली और बरसाती नाली किसी सड़क के संदर्भ में एक कोर वह किनारा होता है जहाँ एक उठा हुआ पैदलपथ/फुटपाथ, सड़क माध्यिका या सड़क स्कंध किसी बिना उठी हुई सड़क या बिना उठे हुये रास्ते से मिलता है। आमतौर पर किसी कोर को कंक्रीट, डामर, या लंबे पत्थर (कोराश्म या उपांताश्म: अक्सर ग्रेनाइट) से बनाया जाता है। कोर दो उद्देश्यों की पूर्ति करता है: पहला यह सड़क से उचित जल निकासी के लिए एक नाली मुहैया कराता है और दूसरा यह किसी वाहन चालक को स्कंध, माध्यिका या पैदलपथ पर चढ़ने से रोक कर, उसे और पैदल यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करता है। .

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अग्नि-१

अग्नि-1 मिसाइल स्वदेशी तकनीक से विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली परमाणु सक्षम मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता सात सौ किलोमीटर है। मिसाइल का परीक्षण ओड़िशा के बालासोर से करीब 100 किलोमीटर दूर व्हीलर द्वीप स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया गया। 15 मीटर लंबी व 12 टन वजन की यह मिसाइल एक क्विंटल भार के पारंपरिक तथा परमाणु आयुध ले जाने में समक्ष है। मिसाइल को रेल व सड़क दोनों प्रकार के मोबाइल लांचरों से छोड़ा जा सकता है। अग्नि-१ में विशेष नौवहन प्रणाली लगी है जो सुनिश्चत करती है कि मिसाइल अत्यंत सटीक निशाने के साथ अपने लक्ष्य पर पहुंचे। इस मिसाइल का पहला परीक्षण 25 जनवरी 2002 को किया गया था। अग्नि-१ को डीआरडीओ की प्रमुख मिसाइल विकास प्रयोगशाला "एडवास्ड सिस्टम्स लैबोरैटरी" (एएसएल) द्वारा रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला और अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) के सहयोग से विकसित और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) हैदराबाद द्वारा एकीकृत किया गया था। .

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उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) उत्तर प्रदेश राज्य की सड़क परिवहन की सरकारी कंपनी है। यह अंतर्राज्यीय एवं उ.प्र.

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