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संगठन

सूची संगठन

संगठन (organisation) वह सामाजिक व्यवस्था या युक्ति है जिसका लक्ष्य एक होता है, जो अपने कार्यों की समीक्षा करते हुए स्वयं का नियन्त्रण करती है, तथा अपने पर्यावरण से जिसकी अलग सीमा होती है। संगठन तरह-तरह के हो सकते हैं - सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सैनिक, व्यावसायिक, वैज्ञानिक आदि। .

66 संबंधों: एकल स्वामित्व, तटरक्षक, दिवाला, ध्येयवाक्य, नियंत्रण (प्रबन्धन), नियंत्रण विस्तृति, निर्वाचन आयोग, नवरोहण, पदस्थ, पदानुक्रम, पदोन्नति, परियोजना, परिवर्तन तनाव और नवाचार के प्रबंध, पंचायत, पुनर्गमनवाद, पुलिस, प्रबन्धन, फ्रांको मोरेत्ति, भागीदारी, मामूट्टी, मेकियावेलियनिस्म, राम प्रसाद नौटियाल, राष्ट्रीय मीणा महासभा, राजनीति विज्ञान, राजनीतिक विचारधाराओं की सूची, लाभ निरपेक्ष संस्था, शिवपाल सिंह यादव, श्रम का विभाजन, समाज निर्माण, समाजशास्त्र, समूह, सामाजिक जालक्रम, सामाजिक आन्दोलन, सार्वजनिक प्रस्ताव, संयुक्त पूँजी कम्पनी, संगठन सिद्धान्त, संगठनात्मक विकास, स्वाभिशासन, स्वायत्तता, सोपानिक संगठन, सीमित देयता भागीदारी, हिन्दू ऐक्य वेदी, वर्दी, वांटेड (2008 फ़िल्म), वित्‍तीय प्रबंधन, वंशवाद, व्यवसाय मॉडल, व्यवसाय संगठन, ग़दर पार्टी, गुणवत्ता नियंत्रण, ..., ग्राहक सेवा, आचरण संहिता, इंट्रानेट, कम्युनिस्ट इंटरनेशनल, कार्मिक व्यवस्था, कार्य अभिकल्पन, अध्यक्ष, अपराध शास्त्र, अफसरशाही, अभिशासन, अशासकीय संस्था, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, अंतर्वैयक्तिक संबंध, उष्णकटिबंधीय चक्रवात, ऋण, SAT (सैट) सूचकांक विस्तार (16 अधिक) »

एकल स्वामित्व

एकल स्वामित्वएकल स्वामित्व (Sole proprietorship) एक प्रकार का व्यावसायिक संगठन है। इसका अर्थ है- 'एक व्यक्ति का स्वामित्व'। अर्थात् एक ही व्यक्ति व्यवसाय का स्वामी होता है। इस प्रकार एकल स्वामित्व वह व्यापार संगठन है, जिसमें एक ही व्यक्ति स्वामी होता है और व्यवसाय से संबंधित सभी कार्यकलापों का प्रबंधन और नियंत्रण उसी के हाथ में होता है। एकल व्यवसाय के स्वामी और संचालक ‘एकल स्वामी’ या ‘एकल व्यवसायी’ कहलाते हैं। एकल व्यवसायी अपने व्यवसाय से सम्बन्धित सभी संसाधनों को जुटाकर उन्हें योजनाबद्ध ढंग से व्यवस्थित करता हैं तथा लाभ कमाने के एकमात्र उद्देश्य से सारी गतिविधियों का संचालन करता है। इसे - जे.

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तटरक्षक

तटरक्षक या तटरक्षक बल एक नौसेना के समान सैन्य या अर्द्ध-सैन्य संगठन होता है, परन्तु इसका मुख्य कर्तव्य आतंकवाद और अपराध से एक देश के समुद्री क्षेत्रों की रक्षा करना है, इसके अतिरिक्त यह खतरे में पड़े पोतों और नौकाओं को बचाने का कार्य भी करते हैं। भारत का बल भारतीय तटरक्षक कहलाता है। कई देशों मे तटरक्षक बल एक कानून प्रवर्तन संगठन की भूमिका भी निभाते हैं। .

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दिवाला

जब कोई व्यक्ति या संस्था कानूनी रूप से घोषणा करती है कि वह अपने द्वारा लिये गये ऋण को चुकाने में असमर्थ है तो इसे दिवाला (Bankruptcy) कहते हैं तथा उस व्यक्ति/संस्था को दिवालिया (Bankrupt) कहा जाता है। कुछ स्थितियों में स्वयं ऋणदाता (Creditors) ही अपने ऋणी को दिवालिया घोषित करने की कानूनी प्रक्रिया आरम्भ करते हैं। .

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ध्येयवाक्य

ध्येयवाक्य (motto) उस वाक्यांश को कहते हैं जो किसी सामाजिक समूह या संस्था के लक्ष्य को औपचारिक रूप से, संक्षेप में, अभिव्यक्त करता है। ध्येयवाक्य किसी भी भाषा में हो सकता है किन्तु शास्त्रीय भाषाएं (जैसे लैटिन, संस्कृत आदि) का अधिकांशत: प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिये भारत का ध्येयवाक्य है - सत्यमेव जयते (सत्य की ही जीत होती है।) .

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नियंत्रण (प्रबन्धन)

नियन्त्रण (Controlling) प्रबन्धन के बहुत से कार्यों में से एक है। नियंत्रण के अलावा प्रबन्धन के अन्य कार्य हैं - नियोजन (planning), संगठन (organizing), कर्मचारी नियुक्तिकरण (staffing) तथा निदेशन (directing)। प्रबन्धन में नियंत्रण एक महत्वपूर्ण कार्य है क्योंकि यह गलतियाँ सुधारने तथा सुधारात्मक कदम उठाने में मदद करता है आधुनिक संकल्पना यह है कि नियंत्रण, भविष्य को देखने जैसा कार्य है जबकि पहले नियंत्रण को गलती (error) को सुधारने वाला कार्य समझा जाता था। प्रबन्धन में नियन्त्रण का अर्थ है - मानक घोषित करना (setting standards), वास्तविक परफॉर्मैंस को मापना तथा सुधारात्मक कार्यवाही करना। .

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नियंत्रण विस्तृति

Military parade in Iran's Army day (17April 2016) 01नियंत्रण विस्तृति । किसी भी संगठन में कार्यकुशलता का स्तर बनाए रखने तथा कार्यरत व्यक्तियों के कार्यकरण एवं व्यवहार को संतुलित बनाये रखने के लिए नियंत्रण की आवश्यकता होती है। नियंत्रण का कार्य, उच्चाधिकारियों का मुख्य दायित्व है। नियंत्रण–व्यवस्था का उद्देश्य यह देखना होता है कि संगठन की प्रत्येक इकाई में कार्यरत कार्मिक दिये गये आदेशों, निर्देशों तथा नियमों के अनुरूप कार्य कर रहे हैं अथवा नहीं। नियंत्रण का क्षेत्र (Span of Control), उस क्षमता या परिधि को प्रदर्शित करता है, जो किसी नियंत्रणकर्ता अधिकारी में होती है अर्थात एक अधिकारी एक समय में कितने अधीनस्थों को सफलतापूर्वक नियंत्रित कर सकता है। इसे प्राय: 'नियंत्रण विस्तृति', 'प्रबन्ध का क्षेत्र', 'पर्यवेक्षण का क्षेत्र' या 'सत्ता का क्षेत्र' भी कहा जाता है। .

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निर्वाचन आयोग

निर्वाचन आयोग या चुनाव आयोग एक निकाय अथवा संस्था होती है, जिसपर चुनाव प्रक्रियाओं के कार्यान्वयन की निगरानी रखने का प्रभार होता है। इस निकाय के लिये उपयोग किये जाने वाली सटीक शब्दावली, देश दर देश भिन्न हो सकता है, इनमें चुनाव आयोग, केंद्रीय चुनाव आयोग, चुनावी शाखा या चुनावी अदालत जैसे शब्द शामिल हैं। उसकी संरचना के अनुसार, चुनाव आयोग को स्वतंत्र, मिश्रित, न्यायिक या सरकारी की भेदों में वर्गीकृत किया जा सकता है। साथ ही उनपर चुनावी सीमा परिसीमन की जिम्मेदार भी हो सकती है। किसी संघत्व में प्रत्येक उप-राष्ट्रीय इकाई(अथवा प्रदेश) के लिए ऐसी अलग निकाय हो सकती है। .

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नवरोहण

नवरोहण नियुक्ति के लिए किसी योग्य व्यक्ति लुभाना (आकर्षित करना), जाँच करना, चयन करना और पदनियुक्ति की एक प्रक्रिया है। सामरिक स्तर पर यह नियोक्ता ब्राण्ड के विकास में शामिल हों जिसमें कर्मचारी भेण्ट भी शामिल है। .

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पदस्थ

पदस्थ शब्द का प्रयोग राजनीति अथवा किसी अन्य सरकारी / गैर सरकारी विभाग या संस्था में कार्य कर रहे उस व्यक्ति के लिए किया जाता है जो सम्बंधित पद पर उस समय कार्यरत हो। यह पद सामान्यतः चुनावों के संबंध में काम में लिया जाता है, जिसमें पदस्थ और अपदस्थ के मध्य मुकाबला होता है। उदाहरण के लिए अमेरिका में २०१२ के राष्ट्रपति चुनाव में बराक ओबामा पदस्थ थे। श्रेणी:राजनीतिक शब्दावली.

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पदानुक्रम

पदानुक्रम, अधिक्रम या पदसोपान (hierarchy) वस्तुओं का ऐसा विन्यास है जिसमें वस्तुएँ एक दूसरे के सापेक्ष 'ऊपर', 'नीचे', या 'समान स्तर पर' रखी जातीं हैं। ये वस्तुएं नाम, मान (वैल्यू), श्रेणी आदि हो सकती हैं। किसी भी संगठन की कार्यकुशलता एवं लक्ष्य प्राप्ति के लिए आवश्यक है कि संगठन की रचना करते समय कुछ आधारभूत सिद्धान्त अपनाए जाएं। संगठन के सिद्धान्त से तात्पर्य, प्रशासनिक संगठनों की उन प्रक्रियाओं तथा नियमो से है, जिसके अनुसार प्रशासनिक संगठनों का संचालन होता है। इन सिद्धान्तों में पदसोपान, आदेश की एकता, नियंत्रण का क्षेत्र, नेतृत्व, पर्यवेक्षण, प्रत्यायोजन, समन्वय, सत्ता तथा उत्तरदायित्व इत्यादि सम्मिलित हैं। .

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पदोन्नति

किसी संगठन में किसी कर्मचारी का पद बदलकर उसे उससे ऊपर वाला पद देना पदोन्नति (promotion) कहलाता है। .

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परियोजना

किसी व्यापार, विज्ञान या इंजीनियरिंग में किसी विशेष लक्ष्य की प्राप्ति हेतु जो विस्तृत कार्य-योजना बनायी और कार्यान्वित की जाती है उसे परियोजना (project) कहते हैं। इसके अन्तर्गत पूरे कार्य को छोटे-छोटे कार्यों के रूप में विभक्त करके उनका समयबद्ध क्रम प्रस्तुत किया जाता है। कौन सा काम कब आरम्भ होगा; कब समाप्त हो जायेगा; कितना धन और अन्य संसाधन लगेगा; समाप्ति पर मिलने वाला परिणाम क्या है; आदि का उल्लेख किया जाता है। परियोजना में कार्य की समयसीमा (डेडलाइन) तय करना जरूरी है। इसके साथ ही हर परियोजना के लिये एक निश्चित राशि (बजट) निर्धारित होता है। .

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परिवर्तन तनाव और नवाचार के प्रबंध

परिवर्तन एक संगठन के पर्यावरण, संरचना, प्रौद्योगिकी, या लोगों मे बद्लव् होता है। संगठनात्मक परिवर्तन तब होती है जब एक कंपनी एक संक्रमण से अपनी वर्तमान स्थिति के लिए कुछ वांछित भविष्य राज्य बनाता है। अगर परिव्रर्तन नही होता तो, प्रबंधक का काम आसान हो जाता। योजना करना आसान होता क्यूं कि आज और आने वाला कल मे कोई परिवर्तन नही होता। उसी तरह निर्णय लेना आसान हो क्यु कि अनिश्चितता नही होती। पर परिवर्तन तो हर संगठन कि सचाई है। परिवर्तन को संभालना हर प्रबंधक कि काम है। कर्मचारियों के लिए,परिवर्तन ही तनाव का कारण है। एक गतिशील और अनिश्चित माहौल से कर्मचारियों की बड़ी संख्या तनाव मे है। तनाव एक जटिल मुद्दा है। बाधाओं और मांगों के व्दारा तनाव कर्मचारियों मे बड रहा है। दबाव तनाव एक कारण है।इस संदर्भ में, शब्द 'तनाव' का केवल एक ही मतलब महत्वपूर्ण नकारात्मक परिणाम है, या संदर्भित संकट, हंस सेयेले(Hans Selye) के अनुसार जिसे वो युस्त्रेस्स् (eustress) कहता है, तनाव का परिणाम सहायक या अन्यथा सकारात्मक रहता है। तनाव कई शारीरिक और मानसिक लक्षण है जो प्रत्येक व्यक्ति की स्थिति के अनुसार बदलव् पैदा करता है। ये शारीरिक स्वास्थ्य गिरावट के रूप में अच्छी तरह से शामिल कर सकता है। तनाव प्रबंधन की प्रक्रिया आधुनिक समाज में एक खुश और सफल जीवन की कुंजी से एक के रूप में नामित किया गया है। नवाचार प्रबंधन नवाचार प्रक्रियाओं का प्रबंधन है। यह उत्पाद और संगठनात्मक दोनों का नवाचार है। नवाचार प्रबंधन एक प्रक्रिया हे जिस्मे रचनात्मक विचार को बदलकर एक उपयोगी उत्पाद,सेवा या आपरेशन की विधि बनाया जाता है। अभिनव प्रबंधन मे प्रबंधकों और इंजीनियरों के एक सामान्य समझ के साथ प्रक्रियाओं और लक्ष्यों को समज न चहिए। अभिनव प्रबंधन संगठन को बाहरी या आंतरिक अवसरों के लिए जवाब है, और अपनी रचनात्मकता का उपयोग विचारों, प्रक्रियाओं या उत्पादों नया पेश करने की अनुमति देता है। यह अनुसंधान एवं विकास में चलता नही है। यह एक कंपनी के उत्पाद विकास, विनिर्माण और विपणन के लिए रचनात्मक योगदान करने में हर स्तर पर कार्यकर्ताओं शामिल है।प्रबंधक को संगठन मे परिवर्तन लाने के लिए नवाचार लाना होता है। .

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पंचायत

भारत की पंचायती राज प्रणाली में गाँव या छोटे कस्बे के स्तर पर ग्राम पंचायत या ग्राम सभा होती है जो भारत के स्थानीय स्वशासन का प्रमुख अवयव है। सरपंच, ग्राम सभा का चुना हुआ सर्वोच्च प्रतिनिधि होता है। प्राचीन काल से ही भारतवर्ष के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन में पंचायत का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। सार्वजनिक जीवन का प्रत्येक पहलू इसी के द्वारा संचालित होता था। .

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पुनर्गमनवाद

पुनर्गमनवाद एक दार्शनिक दृष्टिकोण है जिससे याथार्थ्य की विवेचना भारतीय परम्परा में होती है। पुनर्गमन का अर्थ विधान अथवा व्यवस्था के रूप का विभिन्न स्थानों पर उत्थान। इसका उत्गम वेद के महावाक्य यद् पिण्डे तद् ब्रह्माण्डे है। एक ही समय पूरे ब्रह्माण्ड को ईश्वर का रूप और ईश्वर का आत्मा से समीकरण इस मत से आनुरूप्य हैं। पर इसका प्रमाण समकालीन विज्ञान में भी मिलता है। यह विरोधाभास है और अनोखी बात है कि इसे दर्शन का नव्योत्तर विषय अथवा वैदिक विचार का प्रबन्ध माना जा सकता है। सुभाष काक ने इस दार्शनिक मत पर कई कृतियां लिखीं हैं। इस विचारधारा से एक प्राचीन वैदिक ज्योतिष का ज्ञान हुआ है, जिससे भारत की संस्कृति, विज्ञान और कालक्रम पर नया प्रकाश पड़ता है। इनमें से सबसे रोचक १०८ अंक, जो भारतीय संस्कृति में बहुत आता है, की व्याख्या है। प्रमुख देवी-देवताओं के १०८ नाम हैं, जपमाला में १०८ दाने, १०८ धाम हैं, आदि। सुभाष काक के शोध ने दिखाया है कि वैदिक काल में यह ज्ञान था कि सूर्य और चन्द्रमा पृथिवी से लगभग १०८ निजि व्यास के गुणा दूर हैं। आधुनिक ज्योतिष ने तो यह भी दिखाया है कि सूर्य का व्यास पृथिवी के व्यास से लगभग १०८ गुणा है। .

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पुलिस

अमेरिकी खुफिया पुलिस सेवा के अधिकारी पुलिस (अंग्रेजी: Police, शुद्ध हिन्दी: आरक्षी या आरक्षक) एक सुरक्षा बल होता है जिसका उपयोग किसी भी देश की अन्दरूनी नागरिक सुरक्षा के लिये ठीक उसी तरह से किया जाता है जिस प्रकार किसी देश की बाहरी अनैतिक गतिविधियों से रक्षा के लिये सेना का उपयोग किया जाता है। .

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प्रबन्धन

व्यवसाय एवं संगठन के सन्दर्भ में प्रबन्धन (Management) का अर्थ है - उपलब्ध संसाधनों का दक्षतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करते हुए लोगों के कार्यों में समन्वय करना ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। प्रबन्धन के अन्तर्गत आयोजन (planning), संगठन-निर्माण (organizing), स्टाफिंग (staffing), नेतृत्व करना (leading या directing), तथा संगठन अथवा पहल का नियंत्रण करना आदि आते हैं। संगठन भले ही बड़ा हो या छोटा, लाभ के लिए हो अथवा गैर-लाभ वाला, सेवा प्रदान करता हो अथवा विनिर्माणकर्ता, प्रबंध सभी के लिए आवश्यक है। प्रबंध इसलिए आवश्यक है कि व्यक्ति सामूहिक उद्देश्यों की पूर्ति में अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकें। प्रबंध में पारस्परिक रूप से संबंधित वह कार्य सम्मिलित हैं जिन्हें सभी प्रबंधक करते हैं। प्रबंधक अलग-अलग कार्यों पर भिन्न समय लगाते हैं। संगठन के उच्चस्तर पर बैठे प्रबंधक नियोजन एवं संगठन पर नीचे स्तर के प्रबंधकों की तुलना में अधिक समय लगाते हैं। kisi bhi business ko start krne se phle prabandh yaani ke managements ki jaroort hoti h .

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फ्रांको मोरेत्ति

फ्रांकॉ मोरेत्ति (जन्म १९५०, सोन्द्रियो) इटली के साहित्यिक विशेषज्ञ थे। वे मार्क्सवादी थे और उनकी रचनायें उपन्यास के इतिहास को "प्लानेटरी फार्म" के दृष्टिकोण से परखने का प्रयास करते हैं। इनकी कुल छः पुस्तके हैं। ये हैं - सैन्स टॅकएन फर वंडर्स (१९८३), द वे ऑफ दि वर्ल्ड (१९८७), मोडर्न एपिक (१९९५), एट्लस ऑफ दि युरोपियन नवल - १८००-१९०० (१९९८), ग्राफ्स, म्याप्स, ट्रीस:एब्स्ट्राक्ट मोडेल्स फर ए लिटररी हिस्टरी (२००५), डिस्टेंट रीडिंग (२०१३)। इनकी हाल ही में लिखी हुई रचना, विवाद सहित, पारंपरिक ह्युमानिटीस के परिमाणात्मक मान्यताओं को सामाजिक विज्ञान संबंधी विशयो से आयात करने के बारे में चर्चा करती हैं। आज तक इनकी किताबें १५ भाषाओं में अनुवादित हुए हैं। .

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भागीदारी

भागीदारी या साझेदारी (partnership) व्यावसायिक संगठन का एक स्वरूप है। यह दो या दो से अधिक व्यक्तियों का पारस्परिक संबंध है, जिसमें लाभ कमाने के उद्देश्य से एक व्यावसायिक उद्यम का गठन किया जाता है। वे व्यक्ति जो एक साथ मिलकर व्यवसाय करते है, उन्हें व्यक्तिगत रूप से ‘साझेदारी’ और सामूहिक रूप से ‘फर्म’ कहा जाता है। जिस नाम से व्यवसाय किया जाता है उसे ‘फर्म का नाम’ कहते हैं। सुलतान एंड कंपनी, रामलाल एंड कंपनी, गुप्ता एंड कंपनी आदि कुछ फर्मों के नाम हैं। साझेदारी फर्म भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932 के प्रावधनों के अंतर्गत नियंत्रित होती है। भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932 की धरा 4 के अनुसार साझेदारी उन व्यक्तियों का आपसी संबंध है, जो उन सबके द्वारा या उन सबकी ओर से किसी एक साझेदार द्वारा संचालित व्यवसाय का लाभ आपस में बांटने के लिए सहमत होते हैं। चूंकि एकल स्वामित्व व्यवसायिक संगठन की कुछ सीमाएं होती हैं; इसके वित्तीय और प्रबंधकीय संसाधन बहुत सीमित होते हैं तथा एक निश्चित सीमा से आगे इस व्यवसाय का विस्तार करना भी संभव नहीं है। एकल स्वामित्व व्यावसायिक संगठन की इन्हीं सीमाओं से निपटने के लिए साझेदारी व्यवसाय अस्तित्व में आया है। उदाहरण मान लीजिए कि आप अपने इलाके में एक रेस्तराँ खोलना चाहते हैं। इसके लिए आपको पूँजी, काम करने वाले लोग, स्थान, बर्तन और कुछ अन्य वस्तुओं की आवश्यकता होगी। आपको लगा कि आप इसके लिए आवश्यक सारा धन नहीं जुटा पाएंगे और न ही आप इस काम को अकेले कर पाएंगे। इसलिए आपने अपने दोस्तों से बात की और उनमें से तीन व्यक्ति आपके साथ मिलकर इस रेस्तराँ को चलाने के लिए तैयार हो गए। वे तीनों रेस्तराँ चलाने के लिए कुछ पूँजी और कुछ दूसरी वस्तुओं की व्यवस्था करने के लिए भी तैयार हो गए। इस प्रकार आप चारों मिलकर रेस्तराँ के स्वामी बने और होने वाले लाभ हानि को भी आपस में बांटने के लिए तैयार हो गए। .

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मामूट्टी

मामूट्टी (मलयालम: മമ്മൂട്ടി) (जन्म नाम मोहम्मद कुट्टी, जन्म - 7 सितंबर,1948) एक पुरस्कृत भारतीय अभिनेता हैं जो मुख्य रूप से मलयालम सिनेमा में अभिनय करते हैं। अपने पच्चीस वर्षों से भी अधिक के कैरियर के दौरान, उन्होंने शीर्ष अभिनेता के रूप में 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है और ^ MusicIndiaOnLine.com. 11 अप्रैल 2007.

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मेकियावेलियनिस्म

निकोलो मेकियवेली ओक्सवोर्ड अंग्रेजी शब्दकोश के अनुसार मेकियावेलियनिस्म का अर्थ "शासन कला में या सामान्य आचरण में चालाक और कपट होना" है। यह इताल्वि रजनयिक निकोलो मेकियवेलि के प्रसिद्ध किताब "द प्रिंस" के मध्यम से प्राप्त हुआ है। इस शब्द का समान उपयोग आधुनिक मनोविज्ञान में भी किया जाता है, जहां यह अंधेरे त्रय हस्तियों का वर्णन करता है। जो विशेषता से निंदक विश्वासों और व्यावहारिक नैतिकता के साथ जुड़े एक duplicitous पारस्परिक शैली है। "मेकियावेलियनिस्म" एक शब्द के रूप में पहली बार १६२६ को ओक्स्वोर्ड अंग्रेजी शब्द्कोश में प्रकाशित हुआ था। .

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राम प्रसाद नौटियाल

लैंसडौन विधान सभा' क्षेत्र से विधायक के रूप में: प्रथम कार्यकाल:- 1951 to 1957, द्वितीय कार्यकाल - 1957 to 1962 राम प्रसाद नौटियाल (1 अगस्त, 1905 - 24 दिसम्बर, 1980) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी तथा राजनेता। .

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राष्ट्रीय मीणा महासभा

राष्ट्रीय मीणा महासभा समस्त भारत के मीणा जनजाति के लोगों के कल्याण के लिये काम करने वाली एक मात्र संस्था www.meenasamaj.com पर और जानकारी प्राप्त कर सकते हो। है। इसके वर्तमान में अध्यक्ष श्री भंवरलाल मीणा हैं। .

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राजनीति विज्ञान

राजनीति विज्ञान एक सामाजिक विज्ञान है जो सरकार और राजनीति के अध्ययन से सम्बन्धित है। राजनीति विज्ञान अध्ययन का एक विस्तृत विषय या क्षेत्र है। राजनीति विज्ञान में ये तमाम बातें शामिल हैं: राजनीतिक चिंतन, राजनीतिक सिद्धान्त, राजनीतिक दर्शन, राजनीतिक विचारधारा, संस्थागत या संरचनागत ढांचा, तुलनात्मक राजनीति, लोक प्रशासन, अंतर्राष्ट्रीय कानून और संगठन आदि। .

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राजनीतिक विचारधाराओं की सूची

यह राजनीतिक विचारधाराओं की सूची है। अनेक राजनीतिक दल अपने राजनीतिक कार्यों और चुनाव पत्र को किसी विचारधारा पर आधारित रखते हैं। सामाजिक अध्ययन में, राजनीतिक विचारधारा, किसी सामाजिक आन्दोलन, संस्था, वर्ग, और/या बड़े समूह के आदर्शों, सिद्धान्तों, उपदेशनों, मिथकों या प्रतीकों का एक नीतिशास्त्रीय समुच्चय है, जो समाज को कैसे काम करना चाहिए यह समझाती है, और किसी सामाजिक व्यवस्था के लिए कोई राजनीतिक या सांस्कृतिक ब्लूप्रिंट प्रदान करती हैं। राजनीतिक विचारधाराओं के दो आयाम होते हैं.

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लाभ निरपेक्ष संस्था

लाभ निरपेक्ष संगठन (लानिसं) ऐसे संगठनों को कहते हैं जो अपने अतिरिक्त धन को शेयरधारकों या मालिकों में नहीं बांटते बल्कि इसका उपयोग अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये करते हैं। धर्मार्थ संस्थाएं, मजदूर यूनियन एवं सार्वजनिक कला संगठन इसके अन्तर्गत आते हैं। अधिकांश देशों में लाभ निरपेक्ष संगठनों को आयकर एवं सम्पत्ति कर से मुक्त रखा गया है। .

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शिवपाल सिंह यादव

शिवपाल सिंह यादव (जन्म: 6 अप्रैल 1955, सैफई, इटावा जिला) भारत के एक राजनेता हैं। सन् 1955 को बसंत पंचमी के पावन दिन में पिता सुघर सिंह तथा माता मूर्ति देवी के कनिष्ठ पुत्र के रूप में जन्मे शिवपाल सिंह यादव को मानवता के प्रति उदात्त भाव विरासत में मिला। उन्होंने जनसंघर्षों में भाग लेना और नेतृत्व करना अपने नेता व अग्रज मुलायम सिंह यादव जी से सीखा। इनके पिता स्वर्गीय सुधर सिंह अत्यंत सरल हृदय एवं कर्मठ किसान थे एवं माता स्वर्गीय श्रीमती मूर्ती देवी एक कुशल गृहणी थी। वे समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं। मार्च 2017 में सम्पन्न हुए उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में वे इटावा जिले के जसवन्तनगर विधान सभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गये। ये मायावती सरकार के कार्यकाल में 5 मार्च 2012 तक प्रतिपक्ष के नेता भी रहे। शिक्षा: शिवपाल सिंह यादव ने गांव की प्राथमिक पाठशाला से पूर्व माध्यमिक शिक्षा उत्तम श्रेणी में उत्तीर्ण की। इसके पश्चात् हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की शिक्षा के लिए जैन इण्टर काॅलेज, करहल, मैनपुरी में प्रवेश लिया। जहाँ से उन्होंने सन् 1972 में हाईस्कूल तथा सन् 1974 में इण्टरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। तत्पश्चात् शिवपाल सिंह यादव ने स्नातक की पढ़ाई सन् 1976 में के०के०डिग्री कालेज इटावा (कानपुर विश्वविद्यालय) तथा सन् 1977 में लखनऊ विश्वविद्यालय से बी०पी०एड० शिक्षा प्राप्त की। परिवार: शिवपाल सिंह यादव का विवाह 23-मई-1981 को हुआ। इनकी पत्नी का नाम सरला यादव है। शिवपाल सिंह यादव की एक पुत्री डाॅ० अनुभा यादव तथा एक पुत्र आदित्य यादव है। जीवन: सामाजिक व राजनीतिक गतिविधियों में वे बाल्यकाल से ही सक्रिय रहे। क्षेत्र में घूम-घूमकर मरीजों को अस्पताल पहुँचाना, थाना-कचहरी में गरीबों को न्याय दिलाने के लिए प्रयास करना व सोशलिस्ट पार्टी के कार्यक्रमों में भाग लेना उनका प्रिय शगल था। वे नेताजी के चुनावों में पर्चें बाँटने से लेकर बूथ-समन्वयक तक की जिम्मेदारी उठाते रहे। मधु लिमये, बाबू कपिलदेव, चौधरी चरण सिंह, जनेश्वर मिश्र जी जैसे बड़े नेताओं के आगमन पर उनकी सभा करवाने की भी जिम्मेदारी भी शिवपाल जी के ही कंधे पर होती थी। वे 1988 से 1991 और पुनः 1993 में जिला सहकारी बैंक, इटावा के अध्यक्ष चुने गये। 1995 से लेकर 1996 तक इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहे। इसी बीच 1994 से 1998 के अंतराल में उत्तरप्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के भी अध्यक्ष का दायित्व संभाला। तेरहवीं विधानसभा में वे जसवन्तनगर से विधानसभा का चुनाव लड़े और ऐतिहासिक मतों से जीते। इसी वर्ष वे समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव बनाये गये। उन्होंने संगठन को मजबूत बनाने के लिए अनिर्वचनीय मेहनत की। पूरे उत्तर प्रदेश को कदमों से नाप दिया। उनकी लोकप्रियता और स्वीकारिता बढ़ती चली गयी। प्रमुख महासचिव के रूप में उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को नया आयाम दिया। प्रदेश अध्यक्ष रामशरण दास जी की अस्वस्थता को देखते हुए 01 नवम्बर, 2007 को मेरठ अधिवेशन में शिवपाल जी को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया। रामशरण दास जी के महाप्रयाण के पश्चात् 6 जनवरी, 2009 को वे पूर्णकालिक प्रदेश अध्यक्ष बने। शिवपाल जी ने सपा को और अधिक प्रखर बनाया। नेताजी और जनेश्वर जी के मार्गदर्शन और उनकी अगुवाई में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में स्थापित हुई। वे मई 2009 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे फिर उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विरोधी दल की भूमिका दी गई। बसपा की बहुमत की सरकार के समक्ष नेता विरोधी दल की जिम्मेदारी तलवार की धार पर चलने जैसा था। उन्होंने इस दायित्व को संभाला और विपक्ष तथा आम जनता के प्रतिकार के स्वर को ऊँचा रखा। वरिष्ठ नेता आजम खान की वापसी के दिन उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देने में एक पल का भी विलम्ब नहीं किया, जो दर्शाता है कि उन्हें पद से अधिक सिद्धान्त और दलहित प्रिय है। बाढ़-सूखा, भूकम्प जैसी आपदाओं में जाकर मदद करने वालों में शिवपाल आगे खड़े रहते हैं। उन्होंने कई बार गिरफ्तारी दी, पुलिसिया उत्पीड़न को झेला, आम कार्यकर्ताओं के रक्षा कवच बने। यही कारण है कि सोलहवीं विधानसभा में समाजवादी पार्टी के चुनाव निशान पर साठ फीसदी से अधिक मतों से जीतने वाले एक मात्र विधायक हैं। उन्होंने समय-समय पर कभी डा0 लोहिया, कभी अशफाक उल्ला खान, कभी चन्द्रशेखर आजाद तो कभी मधु लिमये की जयन्ती और अन्य अवसरों पर लेख लिखकर, छोटी-छोटी पुस्तकें प्रकाशित कर बँटवाकर नई पीढ़ी को गौरवमयी इतिहास से अवगत कराने का कार्य किया है। उनके अब तक दर्जनों लेख दैनिक जागरण, अमर उजाला, राष्ट्रीय सहारा, जनाग्रह (बंगलुरू), डेली न्यूज एक्टिविस्ट, जन संदेश, कैनविज टाइम्स समेत कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने डा0 लोहिया के कई ऐतिहासिक उद्बोधनों यथा ’’द्रौपदी व सावित्री’’ दो कटघरे आदि को प्रकाशित कर बँटवाया और समाजवादी पार्टी में पढ़ने-लिखने की परम्परा को प्रोत्साहन दिया। वे साहित्यकारों का काफी सम्मान करते हैं। गोपालदास ’’नीरज’’ उदय प्रताप सिंह जैसे साहित्यकार व कवि उन्हें काफी स्नेह करते हैं, जिससे उनकी साहित्यिक अभिरूचि का पता चलता है। विपक्ष के दौरान उन्होंने जन संघर्षों व सामूहिक प्रतिकार के प्रत्येक रण में सेनानी की भूमिका निभाई। कई बार जेल गये, आन्दोलनों में चोटिल हुए पर जब भी आन्दोलन की घोषणा होती, शिवपाल सिंह यादव प्रथम पंक्ति में खड़े दिखते। समाजवादी पार्टी की 2012 में पुनः सरकार बनने के बाद उन्हें लोक निर्माण, सिंचाई, सहकारिता मंत्री की जिम्मेदारी दी गयी, इन विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कई बड़े अधिकारियों व अभियन्ताओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की, एक अखबार ने उन्हें ’’कार्यवाही मिनिस्टर’’ तक की संज्ञा दे दी। उनका इतिहास समाजवादी पार्टी का इतिहास है, जन-संघर्षों व सक्रिय करूणा का जीवन-दर्शन है। .

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श्रम का विभाजन

जब किसी बड़े कार्य को छोटे-छोटे तर्कसंगत टुकड़ों में बाँटककर हर भाग को करने के लिये अलग-अलग लोग निर्धारित किये जाते हैं तो इसे श्रम विभाजन (Division of labour) या विशिष्टीकरण (specialization) कहते हैं। श्रम विभाजन बड़े कार्य को दक्षता पूर्वक करने में सहायक होता है। ऐतिहासिक रूप से श्रम-विभाजन व्यापार की वृद्धि, सम्पूर्ण आउटपुट की वृद्धि, पूंजीवाद का उदय तथा औद्योगीकरण की जटिलता में वृद्धि से जुड़ा रहा है। परिष्कृत होकर धीरे-धीरे श्रम-विभाजन वैज्ञानिक प्रबन्धन के स्तर तक जा पहुँचा। मोटे तौर पर यह कार्यकारी-समाज है जिसके अलग-अलग भाग भिन्न-भिन्न काम करते हैं। जैसे- कुछ लोग कृषि करते हैं; कुछ लोग कुम्भकारी करते हैं और कुछ लोग लोहारी करते हैं। भारत की वर्णाश्रम व्यवस्था मूलत: श्रम-विभाजन का ही रूप है। .

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समाज निर्माण

समाज निर्माण एक ऐसी व्यवस्था है जिसे बनाने के लिये किसी भी देश या सभ्यता को हजारों वर्ष लग जाते हैं। सामाजिक प्रणाली व उसके कार्य की रुपरेखा का संचालन इस बात पर निर्भर करता है कि उस सभ्यता का जन्म किन व कैसी परिस्थितियों में हुआ है। एक अच्छे व सुदृढ़ समाज निर्माण के लिये यह आवश्यक है कि समाज में रहने वाले प्रत्येक वर्ग व समुदाऐ के हितों को ध्यान में रखते हुऐ ही इसकी रुपरेखा व कार्य प्रणाली का संचालन किया जाऐ। जिसका ज्वलन्त उदाहरण भारतवर्ष का समाज निर्माण है जिसे बनाने के लिये हजारों ॠषि-मुनियों, बुद्दिजीवियों व अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपने सम्पूर्ण ज्ञान का अनुचित प्रयोग करते हुऐ एक ऐसे परिपक्व भारतीय समाज का निर्माण किया जिसे आज पूरा संसार आदरणीय दृष्टि से देखता है। श्रेणी:समाज.

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समाजशास्त्र

समाजशास्त्र मानव समाज का अध्ययन है। यह सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है, जो मानवीय सामाजिक संरचना और गतिविधियों से संबंधित जानकारी को परिष्कृत करने और उनका विकास करने के लिए, अनुभवजन्य विवेचनगिडेंस, एंथोनी, डनेर, मिशेल, एप्पल बाम, रिचर्ड.

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समूह

समूह इकट्ठे किए गए हैं या एक साथ वर्गीकृत हैं कई लोग या चीजें। .

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सामाजिक जालक्रम

व्यक्तियों अथवा संगठनों को परस्पर जोड़ने वाली संरचना सामाजिक जालक्रम या सोशल नेटवर्क (social network) कहलाती है। सामाजिक नेटवर्क (Social Network) एक सामाजिक ढांचा है जिसमें नोड (मिलन बिन्दु) व्यक्ति या संगठन होते हैं। ये नोड आपस में एक या अधिक प्रकार के संबंधों से जुड़े होते हैं। मित्र बनाना (friend), मित्रता वापस लेना (unfriend), पसंद करना (like), नापसंद करना (unlike), अनुसरण करना (follow), अनुसरण बंद करना (unfollow), समूह (group) अथवा आर्थिक लेन-देन और खरीदारी जैसे कुछ कार्य हैं जो सामाजिक नेटवर्क पर अधिकतर किए जाते हैं। अनेकों क्षेत्रों में अनुसंधान से यह बात सिद्ध हुई है कि सामाजिक नेटवर्क, परिवार से लेकर राष्ट्र तक के अनेक स्तरों पर काम करता है। किस तरह से समस्याओं का हल होता है; कैसे संस्थाएं चलायी जातीं हैं; व्यक्ति अपने लक्ष्यों को पाने में किस सीमा तक सफल होते हैं आदि के निर्धारण में सामाजिक नेटवर्क की बहुत भूमिका होती है। अपने सरलतम रूप में सामाजिक नेटवर्क अध्ययन की जा रही सभी नोडों के बीच उपस्थित सभी सम्बन्धों (ties) का प्रतिचित्रण (map) है। .

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सामाजिक आन्दोलन

सामाजिक आन्दोलन एक प्रकार का 'सामूहिक क्रिया' है। सामाजिक आन्दोलन व्यक्तियों और/या संगठनों के विशाल अनौपचारिक समूह होते हैं जिनका ध्येय किसी विशिष्ट सामाजिक मुद्दे पर केंद्रित होता है। दूसरे शब्दों में ये ये कोई सामाजिक परिवर्तन करना चाहते हैं, उसका विरोध करते हैं या किसी सामाजिक परिवर्तन को समाप्त कर पूर्वस्थिति में लाना चाहते हैं आधुनिक पाश्चात्य जगत में सामाजिक आन्दोलन शिक्षा के प्रसार के द्वारा तथा उन्नीसवीं शदी में औद्योगीकरण व नगरीकरण के कारण श्रमिकों के आवागमन में वृद्धि के कारण सम्भव हुए। आधुनिक आन्दोलन संसार भर में लोगों को जागृत करने के लिये प्रौद्योगिकी तथा अन्तरजाल का सहारा लेते हैं। भारत के सामाजिक आन्दोलन के सबसे बड़े महानायक डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर है। डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर का शक्तिशाली सामाजिक आंदोलन विश्व के सबसे प्रभावशाली आन्दोलनों में से एक है तथा भारत का सबसे प्रभावशाली सामाजिक आंदोलन है। बाबासाहेब का आन्दोलन भारत देश के पिछडे, गरीब, शोषित, दलित लोगों को उनके सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, राजनैतिक विशेषत: मानव अधिकार देने के लिये था, यह भारत की सबसे बडी सामाजिक क्रांति भी थी। डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर संविधान निर्माता थे, इसलिए उन्होंने देश शोषित लोगों उनके अधिकारों के संघर्ष किया और उसमें सफलता पाई। डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर जी के महाड़ सत्याग्रह या चवदार तालाब आंदोलन, नाशिक का कालाराम मन्दिर आंदोलन और दलित बौद्ध आंदोलन प्रसिद्ध है। विश्व के सबसे महान मानवाधिकारी आंदोलनकारीयों में डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर जी का स्थान शिर्ष पर स्थान है। .

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सार्वजनिक प्रस्ताव

Initial Public Offering (IPO), जब एक कंपनी अपने सामान्य स्टॉक (common stock) या शेयर पहली बार जनता के लिए जारी करती है तो उसे आइपीओ अथवा " सार्वजनिक प्रस्ताव " कहा जाता है यह अधिकतर छोटी, नई कंपनियों द्बारा जारी किए जाते हैं जो अपने व्यापार को बढाने के लिए पूँजी (capital) चाहती हैं, पर यह बड़ी निजी-स्वामित्व वाली कंपनियों (privately-owned companies) द्बारा भी जारी किए जा सकते हैं जो सार्वजनिक बाज़ार में कारोबार करना चाहती हैं (publicly traded).

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संयुक्त पूँजी कम्पनी

संयुक्त पूँजी कम्पनी (joint-stock company) वह व्यावसायिक संगठन है जिसके स्वामी बहुत से अंशपूंजीधारक (शेयरहोल्डर) होते हैं। शेयरहोल्डर का कम्पनी पर स्वामित्व शेयरहोल्डर के शेयरों के अनुपात में होता है। अतः संयुक्त पूँजी कम्पनी में असमान स्वामित्व का प्रावधान होता है। भारत में कंपनियाँ, भारतीय कंपनी अधिनियम 1956 द्वारा शासित होती हैं। अधिनियम के अनुसार एक कंपनी का अभिप्राय उस कंपनी से है जिसकी स्थापना तथा पंजीकरण इस अधिनियम के अंतर्गत हुआ हो। संयुक्त पूँजी कम्पनी विधान द्वारा निर्मित ऐसा 'कृत्रिम व्यक्ति' है जिसका स्वतंत्र वैधानिक अस्तित्व होता है, इसका शाश्वत जीवन तथा एक सार्वमुद्रा (कॉमन सील) होती है। कंपनी की पूँजी समान मूल्य वाले अंशों में विभाजित होती है। कंपनी के सदस्यों, जिनके पास एक या उससे अधिक अंश हों, कंपनी के अंशधारक कहलाते हैं। .

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संगठन सिद्धान्त

संगठन सिद्धान्त (Organizational theory) के अन्तर्गत राष्ट्रीय सामाजिक संगठन एक स्वयं सेवी एवं सामुदायिक संगठन है।जो की समाजशास्त्रीय अध्ययन किया जाता है। संगठन तथा मानव सेवा प्रकृत निर्मित प्राणियों की सेवा ही परम कर्तव्य है राष्ट्रीय सामाजिक संगठन की कार्य सम्पूर्ण भारत है। सभी वर्गी की राष्ट्रके हित में एकता स्थापित करना,मानव सेवा के लिए युवाओ को चरित्र निर्माण करना और भारत माता की सेवा व राष्ट्र भगति के लिए सादर समर्पित करना व देश स्मपुर भागीदारी सौपना जिससे देश व राष्ट्र बिकसित हो आदि कार्य है व भारत देश की संविधान की रक्षा करना,युवाओ की हक व अधिकार लड़ाई लड़ना भरतीय लोकतंत्र की हत्या होने से बचना। दिन दुखनियो को सेवा ही परम कर्तब व मुख सिद्धयन्त है। राष्ट्रीय अध्यक्ष सोशल वैज्ञानिक सह समाज सुधारक श्री शशीभूषण गाँन्धी Rashtriya samajik sangthan indian science reasurch organization welfare charitable mission head quater cnnagar nathpur narpatganj araria bihar.

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संगठनात्मक विकास

संगठनात्मक विकास (OD) किसी संगठन की प्रभावकारिता और व्यावहारिकता को बढ़ाने के लिये एक नियोजित, संगठन-स्तरीय प्रयास होता है। वॉरेन बेनिस (Warren Bennis) ने OD का उल्लेख परिवर्तन के प्रति एक प्रतिक्रिया, एक जटिल शिक्षात्मक रणनीति के रूप में किया है, जिसका उद्देश्य संगठन के विश्वासों, दृष्टिकोणों, मूल्यों और संरचना को बदलना होता है, ताकि उन्हें नई प्रौद्योगिकियों, विपणन और चुनौतियों, तथा स्वतः परिवर्तन की आश्चर्यचकित कर देने वाली दर के साथ बेहतर ढंग से अनुकूलित किया जा सके.

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स्वाभिशासन

स्वाभिशासन (Self-governance), या स्वायत्तता (autonomy), एक अमूर्त अवधारणा है, जो भिन्न पैमानों के संगठनों पर लागू होती है। इसका सन्दर्भ व्यक्तिगत व्यवहार या परिवार इकाईयों से हो सकता हैं, पर अधिक सामान्यतः इसका सन्दर्भ बड़े पैमानों की क्रियाओं से होता हैं: पेशे, उद्योग निगम, धर्म, राजनीतिक इकाई (आम तौर पर स्थानीय सरकार से सन्दर्भित), जिस में राज्य-राष्ट्रों के भीतर के स्वायत्त क्षेत्र, और/अथवा अन्य क्षेत्र भी शामिल हैं जिन्हें कुछ सम्प्रभु अधिकार प्राप्त होते हैं। यह अभिशासन के और अभिशासित की सहमति जैसे सिद्धान्तों के बड़े प्रसंग के दायरे में आता है, और इसका सम्बन्ध गैर-लाभकारी संगठनों से तथा कॉर्पोरेट अभिशासन से हो सकता हैं।.

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स्वायत्तता

विकास अथवा सदाचार, राजनैतिक और जैवनीति दर्शनशास्त्र में स्वायत्तता (autonomy) उस शक्ति को कहते हैं जिसमें किसी को अपना स्वयं पर फैसला लेने का अधिकार मिलता है। स्वायत्त संगठन अथवा संस्थायें स्वतंत्र और स्वयंशासी होती हैं। .

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सोपानिक संगठन

सोपानिक संगठन (hierarchical organization) उस संगठन को कहते हैं जिसकी संरचना इस प्रकार हो कि केवल एक ब्यक्ति को छोड़कर शेष सभी किसी न किसी के अधीन हों। 'सोपान' का अर्थ 'सीढ़ी' है। अधिकांश बड़े संगठन (जैसे अधिकांश कम्पनियाँ, सरकारें, संगठित मजहब आदि) सोपानिक ही होते हैं। .

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सीमित देयता भागीदारी

सीमित देयता भागीदारी (Limited liability partnership / एलएलपी) व्यापार संगठन का एक स्वरूप है, जिसमें प्रत्येक भागीदार की देयता कानूनी रूप से सीमित होती है। यह एक कंपनी को सीमित देयता लाभ प्रदान करता है, साथ ही इसके सदस्यों को आपसी सहमति के करार के आधार पर अपनी आंतरिक प्रबंधन व्यवस्था के आयोजन का लचीलापन प्रदान करता है, चाहे भागीदारी फर्म में जैसा भी मामला हो। यह एक कॉरपोरेट व्यापार माध्यम है, जो पेशेवर विशेषज्ञता और उद्यमशीलता की पहल को लचीले, अभिनव और कुशल तरीके से संचालित करने के लिए सक्षम बनाता है। एलएलपी तेजी से छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए व्यापार के पसंदीदा माध्यम बन रहे हैं, विशेष रूप से सेवा उद्योग और संगठन में पेशेवरों को शामिल करने के लिए इसे अपनाया जाता है। .

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हिन्दू ऐक्य वेदी

हिन्दू ऐक्य वेदी भारत के केरल प्रदेश में सक्रिय एक हिन्दू संगठन है। इसका प्रमुख उद्देश्य हिन्दू संगठनों को एकत्र करना है। इसकी स्थापना स्वामी सत्यानन्द सरस्वती ने की थी। श्रेणी:हिन्दू धर्म.

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वर्दी

किसी संस्था के सदस्यों द्वारा, संस्था का कार्य करते समय, पहना जाने वाला मानक वस्त्र वर्दी (यूनिफॉर्म / uniform) कहलाता है। आधुनिक समय में सेना के अधिकारी और सैनिक, अर्ध-सैनिक बल पुलिस, विद्यार्थी, वकील आदि वर्दी पहनते हैं। .

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वांटेड (2008 फ़िल्म)

वांटेड वर्ष 2008 की एक एक्शन फ़िल्म है, जो मार्क मिलर के इसी शीर्षक की एक कॉमिक पुस्तिका लघु-श्रृंखला पर आंशिक रूप से आधारित है। इस फ़िल्म का निर्देशन ताइमूर बेकममबेतोव ने किया है और जेम्स मैकएवॉय, एंजेलिना जोली, मॉर्गन फ़्रीमैन, थॉमस क्रेशमन, टेरेंस स्टैम्प और कॉन्सटान्टिन खाबेंस्की इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार हैं। इस फ़िल्म की कहानी वेसले गिब्सन के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक ऑफिस में काम करने वाला असंतुष्ट व्यक्ति है और जिसे पता चलता है कि वह एक पेशेवर हत्यारे का बेटा है तथा द फ़्रेटरनिटी नामक एक गुप्त संगठन में शामिल होने का फैसला करता है, जिसमें उसके पिता काम करते थे। अप्रैल 2007 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ और चेक रिपब्लिक में इसका पहले फ़िल्मांकन किया गया और बाद में उन सेट्स को शिकागो की छवियों पर अध्यारोपित कर दिया गया। वांटेड फ़िल्म 25 जून 2008 को यूनाइटेड किंगडम और 27 जून 2008 को संयुक्त राज्य अमेरिका में जारी किया गया, जिसने आलोचनात्मक और व्यावसायिक, दोनों सफलता हासिल की। 22 जनवरी 2009 को इसे दो अकादमी पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया: सर्वश्रेष्ठ ध्वनि संपादन और सर्वश्रेष्ठ ध्वनिमिश्रण.

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वित्‍तीय प्रबंधन

वित्तीय प्रबन्धन (Financial management) से आशय धन (फण्ड) के दक्ष एवं प्रभावी प्रबन्धन है ताकि संगठन के लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सके। वित्त प्रबन्धन का कार्य संगठन के सबसे ऊपरी प्रबन्धकों का विशिष्ट कार्य है। मनुष्य द्वारा अपने जीवन काल में प्रायः दो प्रकार की क्रियाएं सम्पादित की जाती है - आर्थिक क्रियायें तथा अनार्थिक क्रियाएं। आर्थिक क्रियाओं के अर्न्तगत हम उन समस्त क्रियाओं को सम्मिलित करते हैं जिनमें प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से धन की संलग्नता होती है जैसे रोटी, कपड़े, मकान की व्यवस्था आदि। अनार्थिक क्रियाओं के अन्तर्गत पूजा-पाठ, व अन्य सामाजिक व राजनैतिक कार्यों को सम्मिलित किया जा सकता है। जब हम किसी प्रकार का व्यवसाय करते हैं अथवा उद्योग लगाते हैं अथवा फिर कतिपय तकनीकी दक्षता प्राप्त करके किसी पेशे को अपनाते हैं तो हमें सर्वप्रथम वित्त (finance) धन (money) की आवश्यकता पड़ती है जिसे हम पूँजी (capital) कहते हैं। जिस प्रकार किसी मशीन को चलाने हेतु ऊर्जा के रूप में तेल, गैस या बिजली की आवश्यकता होती है उसी प्रकार किसी भी आर्थिक संगठन के संचालन हेतु वित्त की आवश्यकता होती है। अतः वित्त जैसे अमूल्य तत्व का प्रबन्ध ही वित्तीय प्रबन्धन कहलाता है। व्यवसाय के लिये कितनी मात्रा में धन की आवश्यकता होगी, वह धन कहॉं से प्राप्त होगा और उपयोग संगठन में किस रूप में किया जायेगा, वित्तीय प्रबन्धक को इन्हीं प्रश्नों के उत्तर खोजने पड़ते हैं। व्यवसाय का उद्देश्य अधिकतम लाभ अर्जन करना होता है जो दो प्रकार से किया जा सकता है।.

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वंशवाद

वंशवाद या परिवारवाद शासन की वह पद्धति है जिसमें एक ही परिवार, वंश या समूह से एक के बाद एक कई शासक बनते जाते हैं। वंशवाद, भाईभतीजावाद का जनक और इसका एक रूप है। ऐसा माना जाता है कि लोकतन्त्र में वंशवाद के लिये कोई स्थान नहीं है किन्तु फिर भी अनेक देशों में अब भी वंशवाद हाबी है। वंशवाद, निकृष्टतम कोटि का आरक्षण है। यह राजतन्त्र का एक सुधरा हुआ रूप कहा जा सकता है। वंशवाद, आधुनिक राजनैतिक सिद्धान्तों एवं प्रगतिशीलता के विरुद्ध है। .

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व्यवसाय मॉडल

एक व्यवसाय मॉडल है इस तर्क का विवरण प्रस्तुत करता है कि कैसे एक संगठन मूल्यों का निर्माण करता है और उन्हें डिलीवर करता है और उन पर नियंत्रण करता है। यहां आर्थिक, सामाजिक या अन्य प्रकार के मूल्यों की बात की जा रही है। ए ओस्टरवलदर, यवेस पिग्नेर, एलन स्मिथ और 45 देशों से 470 अभ्यासकर्ता, स्वयं प्रकाशित, 2010 व्यवसाय मॉडल के डिजाइन की प्रक्रिया व्यापार रणनीति का एक हिस्सा है। सिद्धांत और व्यवहार में व्यवसाय मॉडल शब्द का उपयोग व्यापार के केन्द्रीय पहलुओं को अभिव्यक्त करने के लिए औपचारिक और अनौपचारिक विवरण की एक व्यापक रेंज हेतु किया जाता है। व्यापार के इन पहलुओं में उद्देश्य, रणनीतियां, बुनियादी सरंचना, संचालनात्मक सरंचना, व्यापार की प्रक्रियाएं और संचालानात्मक प्रक्रियाएं और नीतियां शामिल हैं। इसलिए, यह उच्च स्तर के परिप्रेक्ष्य से एक संगठन की पूरी तस्वीर देता है। जब भी एक व्यापार की स्थापना की जाती है, यह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से एक विशेष व्यवसाय मॉडल को अपनाता है जो व्यापार उद्यम के द्वारा अपनाई जाने वाली मूल्य निर्माण, डिलीवरी और नियंत्रण प्रणाली के डिजाइन का वर्णन करता है। एक व्यवसाय मॉडल का सार यह है कि यह उस तरीके को परिभाषित करता है जिसके द्वारा व्यापार उद्यम ग्राहकों को मूल्यों की डिलीवरी देता है, उस मूल्य की कीमत चुकाने के लिए ग्राहक को प्रेरित करता है और इस भुगतान को लाभ में रूपांतरित करता है: इस प्रकार से यह प्रबंधन की एक परिकल्पना को प्रतिबिंबित करता है कि ग्राहक क्या चाहते हैं, वे इसे कैसे चाहते हैं और एक उद्यम इन आवश्यकताओं को सर्वोत्तम तरीके से कैसे पूरा कर सकता है, इस प्रकार प्राप्त भुगतान को कैसे लाभ में रूपांतरित कर सकता है। व्यवसाय मॉडलों का उपयोग व्यापार के विवरण और वर्गीकरण के लिए किया जाता है (विशेष रूप से एक उद्यम की स्थापना में), परन्तु इनका उपयोग एक कम्पनी के भीतर प्रबंधकों के द्वारा भावी विकास के लिए संभावनाओं का पता लगने के लिए भी किया जाता है। अंत में, एक प्रख्यात व्यवसाय मॉडल रचनात्मक प्रबंधकों के लिए एक व्यंजक का कार्य करता है। .

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व्यवसाय संगठन

उन संगठनों को व्यावसायिक संगठन (Business organization) कहते हैं जिनका निर्माण एवं प्रशासन कम्पनी कानूनों के अनुसार होता है और ये व्यावसायिक गतिविधियाँ (business activities), धर्मार्थ कार्य (charitable work) तथा कुछ अन्य कार्य करते हैं। अधिकतर व्यावसायिक संगठन कोई उत्पाद बेचने या कोई सेवा देने के निमित्त बनाए जाते हैं। विभिन्न देशों के विधान में भिन्न-भिन्न प्रकार के व्यावसायिक संगठन पारिभाषित हैं। इनमें से कुछ प्रमुख ये हैं- निगम (corporations), सहकारी संगठन (cooperatives), भागीदारी फर्म (partnerships), एकल व्यापारी (sole traders), सीमित देयता वाली कम्पनी (limited liability company) आदि। श्रेणी:संगठन श्रेणी:व्यावसायिक विधि श्रेणी:संगठन के प्रकार.

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ग़दर पार्टी

गदर पार्टी का झंडा ग़दर पार्टी पराधीन भारत को अंग्रेज़ों से स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से बना एक संगठन था। इसे अमेरिका और कनाडा के भारतीयों ने 25 जून1913 में बनाया था। इसे प्रशान्त तट का हिन्दी संघ (Hindi Association of the Pacific Coast) भी कहा जाता था। यह पार्टी "हिन्दुस्तान ग़दर" नाम का पत्र भी निकालती थी जो उर्दू और पंजाबी में छपता था। इस संगठन ने भारत को अनेक महान क्रांतिकारी दिए। ग़दर पार्टी के महान नेताओं सोहन सिंह भाकना, करतार सिंह सराभा, लाला हरदयाल आदि ने जो कार्य किये, उसने भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों को उत्प्रेरित किया। पहले महायुद्ध के छिड़ते ही जब भारत के अन्य दल अंग्रेज़ों को सहयोग दे रहे थे गदरियों ने अंग्रेजी राज के विरूध्द जंग घोषित कर दी। उनका मानना था- .

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गुणवत्ता नियंत्रण

इंजीनियरिंग और उत्पादन क्षेत्र में, गुणवत्ता नियंत्रण और गुणवत्ता इंजीनियरिंग का प्रयोग उत्पाद या सेवाएं ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु डिज़ाइन तथा उत्पादित की गई हैं या नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए सिस्टम को विकसित करने के लिए किया जाता है। गुणवत्ता नियंत्रण इंजीनियरिंग और निर्माण की शाखा है जो ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने या उससे ज्यादा करने के लिए, उत्पाद या सेवाओं के उत्पादन और डिजाईन में विश्वसनीयता और विफलता परीक्षण लेने का कार्य करता है। .

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ग्राहक सेवा

ग्राहक सेवा किसी सामान को खरीदने के बाद उसके उपयोग करने या उससे जुड़ी किसी भी परेशानी हेतु सहायता करने हेतु होता है। यह किसी भी प्रकार के समान से जुड़ी समस्या या प्रश्न हेतु होता है। जिसमें कोई भी व्यक्ति जो उस सामान को खरीदना चाहता है या खरीद चुका है, वह इस सेवा का उपयोग कर सामान से जुड़ा कोई प्रश्न पूछ सकता है या उससे जुड़ी समस्या बता कर सहायता प्राप्त कर सकता है। इसका एक अर्थ एक संगठन से भी होता है जो वस्तु के मूल्य निर्धारित करता है। इसके अलावा इसमें वे संगठन भी आते हैं, जो अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने में अधिक पैसे खर्च करते हैं या ग्राहक द्वारा उत्पाद की प्रतिक्रिया लेते हैं। .

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आचरण संहिता

किसी व्यक्ति, दल (पार्टी) या संगठन के लिये निर्धारित सामाजिक व्यवहार, नियम एवं उत्तरदायित्वों के समूह को आचरण संहिता (code of conduct) कहते हैं।; कुछ उदाहरण.

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इंट्रानेट

इंट्रानेट (intranet) कंप्युटरों का निजी नेटवर्क होता है जो इंटरनेट प्रोटोकोल तकनीकी का उपयोग करता है। इंट्रानेट के द्वारा कोई संस्था अपनी सूचनाओं का अपने कर्मचारियों के बीच सुरक्षित रूप से आदान-प्रदान कर सकती है। इंटरनेट विभिन्न संस्थाओं के बीच कम्प्यूटर नेटवर्क है जबकि इंट्रानेट किसी संगठन के अन्दर का कम्प्युटर नेटवर्क है। इंटरनेट और इंट्रानेट का नाम मिलता-जुलता है, मगर इनका प्रयोग अलग-अलग कामों के लिए किया जाता है। इंट्रानेट एक सॉफ्टवेयर होता है जिसका प्रयोग सूचना के आदान-प्रदान और नेटवर्क की सुरक्षा के लिए होता है। सामान्यत: इस साफ्टवेयर का इस्तेमाल बड़े संस्थानों द्वारा अपने कर्मचारियों के बीच इंटरनेट की तर्ज पर सूचना के आदान-प्रदान के लिए होता है। इंट्रानेट एक निजी कम्प्यूटर नेटवर्क की तरह काम करता है। इसमें इंटरनेट प्रोटोकॉल तकनीक की मदद से किसी कम्पनी में मौजूद सभी कम्यूटर को एक दूसरे के साथ जोडा जा सकता है। इसलिए इंट्रानेट को नेटवर्क बिट्वीन ऑर्गनाइजेशन या ‘इंटरनल लिंक ऑफ ऑर्गेनाइजेशन’ से जुड़ा सॉफ्टवेयर भी कहते हैं। मुख्यत: इंट्रानेट का प्रयोग कम्प्यूटर संचार से जुड़ा होता है, ताकि बिना हार्ड ड्राइव या पेन ड्राइव की मदद से सूचना का आदान-प्रदानर किया जा सके। इंट्रानेट इंटरनेट प्रणाली पर आधारित सॉफ्टवेयर है, जिसमें इंटरनेट की तरह ही क्लाइंट सर्वर कम्प्यूटिंग और इंटरनेट प्रोटोकॉल सुइट होते हैं। इंट्रानेट साफ्टवेयर के दो मुख्य पोर्टल होते हैं- इंट्रानेट और एंटरप्राइज पोर्टल। इंट्रानेट पोर्टल: इंट्रानेट पोर्टल का इस्तेमाल आंतरिक सूचना को संयोजित करने के लिए होता है। इसके अलावा, ऑर्गेनाइजेशन एंटरप्राइज इंफॉर्मेशन को प्रत्येक कम्प्यूटर तक पहुंचाने के लिए भी इसी पोर्टल का प्रयोग किया जाता है। एंटरप्राइज पोर्टल: एंटरप्राइज पोर्टल को एंटरप्राइज इंफॉर्मेशन पोर्टल (ईपीआई) नाम से भी जाना जाता है। ईपीआई का प्रयोग मुख्यत: संस्थान से सूचना बाहर भेजने के लिए होता है। इसमें एक सैक्योर यूनीसेफ एक्सेस पांइट होता है जिसे वेब-आधारित यूजर इंट्राफेस भी कहते हैं। सामान्यत: एंटरप्राइज पोर्टल संस्थान के डाटा कॉपी राइट से भी जुड़ा होता है, जिससे संस्थान की हर सूचना को कॉपी पेस्ट न किया जा सके। .

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कम्युनिस्ट इंटरनेशनल

कम्युनिस्ट इंटरनेशनल (Communist International) या तृतीय इंटरनेशनल (1919–1943) एक अन्तरराष्ट्रीय साम्यवादी संगठन था जो पूरे विश्व को साम्यवादी बनाने की वकालत करता था। इसकी स्थापना १९१५ में जिमरवाल्द सम्मेलन में हुई थी। १९१९ से लेकर १९३५ तक कम्युनिस्ट इंटरनेशनल ने सात सम्मेलन किये। जोसेफ स्तालिन ने १९४३ में इसे समाप्त कर दिया। .

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कार्मिक व्यवस्था

किसी संगठन के लिये कर्मचारियों को भर्ती करना, उनको सही जगह (काम) पर लगाना तथा उनका निरीक्षण करना कार्मिक व्यवस्था या नियुक्तिकरण (Staffing) कहलाता है। यह प्रबन्धन का प्रमुख कार्य है। .

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कार्य अभिकल्पन

कार्य अभिकल्पन (जॉब डिजाइन या वर्क डिजाइन), कार्य विश्लेषण के लिए तर्कसंगत अनुक्रम है। कार्य विश्लेषण, कार्य सम्बन्धी तथ्यों तथा किसी कार्य को सम्पन्न करने हेतु पद-धारक से अपक्षित ज्ञान एवं निपुणता सम्बन्धी सूचनायें प्रदान करता है। तत्पश्चात्, कार्य अभिकल्प, निश्चित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु कार्य की एक इकाई के अन्तर्गत कार्यों, कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों को व्यवस्थित रूप देने के लिए चेतन रूप से प्रयास करता है। मैथिस एवं जैक्सन ने कार्य अभिकल्प का अधिक स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हुए कहा है कि, कार्यों की अभिकल्पना का संगठन एवं इसके कर्मचारियों के उद्देश्यों पर एक निर्णायक प्रभाव पड़ता है। संगठन के परिप्रेक्ष्य में, जैसे ही कार्यों एवं उत्तरदायित्वों का समूहीकरण किया जाता है, वैसे ही वे उत्पादन क्षमता तथा मूल्य-लागत को प्रभावित कर सकते है। जो कार्य, सन्तुष्टि नहीं प्रदान करते हैं या फिर अधिक लागत की माँग करते हैं, उन पर नियुक्ति का किया जाना कठिन होता हैं नीरस कार्यो से उच्च कर्मचारी-परिवर्तन का अनुभव किया जा सकता है। .

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अध्यक्ष

अध्यक्ष एक संगठन, दल, सभा, पंचायत, बोर्ड या किसी विशेष कार्यक्रम का स्वामी होता है। अध्यक्ष को संगठन में सर्वोपरि सदस्य माना जाता है। अगर संगठन में सर्वोपरि कोई महिला है तो उसके लिए अध्यक्षा(शब्द) का प्रयोग होता है। अध्यक्ष अपने संगठन के सभी सदस्यों का मार्गदर्शन करता है। .

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अपराध शास्त्र

अपराध, अपराधी, आपराधिक स्वभाव तथा अपराधियों के सुधार का वैज्ञानिक अध्ययन अपराध शास्त्र (Criminology) के अन्तर्गत किया जाता है। इसके अन्तर्गत अपराध के प्रति समाज के रवैया, अपराध के कारण, अपराध के परिणाम, अपराध के प्रकार एवं अपराध की रोकथाम का भी अध्ययन किया जाता है। .

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अफसरशाही

प्राचीन चीन की नौकरशाही में स्थान पाने के लिये विद्यार्थियों में स्पर्धा होती थी। किसी बड़ी संस्था या सरकार के परिचालन के लिये निर्धारित की गयी संरचनाओं एवं नियमों को समग्र रूप से अफसरशाही या ब्यूरोक्रैसी (Bureaucracy) कहते हैं। तदर्थशाही (adhocracy) के विपरीत इस तंत्र में सभी प्रक्रियाओं के लिये मानक विधियाँ निर्धारित की गयी होती हैं और उसी के अनुसार कार्यों का निष्पादन अपेक्षित होता है। शक्ति का औपचारिक रूप से विभाजन एवं पदानुक्रम (hierarchy) इसके अन्य लक्षण है। यह समाजशास्त्र का प्रमुख परिकल्पना (कांसेप्ट) है। अफरशाही की प्रमुख विशेषताएँ ये हैं-.

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अभिशासन

अभिशासन का सन्दर्भ "शासन करने की सारी उन प्रक्रियाओं से हैं, भले वे किसी सरकार, बाज़ार या संजाल द्वारा संचालित हो, भले किसी परिवार, जनजाति, औपचारिक या अनौपचारिक संगठन या क्षेत्र पर हो, और भले किसी क़ानून, मानदण्ड, सत्ता अथवा भाषा से हो।" इसका सम्बन्ध, "सामूहिक समस्या में सम्मिलित अभिनायकों के बीच की परस्परी संक्रिया और निर्णायन की प्रक्रियाओं से है, जिससे सामजिक मानदण्डों और संस्थानों का निर्माण, सुदृढ़ीकरण और प्रजनन होता हैं।" .

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अशासकीय संस्था

गैर सरकारी संगठन (NGO) एक ऐसा शब्द है जो बिना किसी सरकारी भागीदारी या प्रतिनिधित्व के साथ प्राकृतिक या कानूनी व्यक्तियों के द्वारा बनाए गए विधिवत संगठित गैर सरकारी संगठनों को संदर्भित करने के लिए व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है। उन मामले में जिनमें गैर सरकारी संगठन पूरी तरह से या आंशिक रूप से सरकारों द्वारा निधिबद्ध होते हैं, NGO अपना गैर-सरकारी ओहदा बनाए रखता है और सरकारी प्रतिनिधिओं को संगठन में सदस्यता से बाहर रखता है। शब्द इंटरगवर्नमेंटल ओर्गेनाइज़ेशन के विपरीत, "गैर सरकारी संगठन" एक आम उपयोग का शब्द है, लेकिन एक कानूनी परिभाषा नहीं है। कई न्यायालयों में इस प्रकार के संगठनों को "नागरिक समाज संगठन" के रूप में परिभाषित किया जाता है या अन्य नामों से निर्दिष्ट किया जाता है। अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय गैर सरकारी संगठनों की संख्या 40,000 है। राष्ट्रीय संख्या और भी अधिक है: रूस में 277,000 गैर सरकारी संगठन हैं। भारत में 1 मिलियन और 2 मिलियन के बीच गैर सरकारी संगठन होने का अनुमान है। .

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अखिल भारतीय साहित्य परिषद

अखिल भारतीय साहित्य परिषद् भारतीय भाषाओं का एक देशव्यापी संगठन है। इसकी स्थापना २७ अक्टूबर १९६६ को दिल्ली में हुई थी। उसी वर्ष इसका राष्ट्रीय अधिवेशन प्रसिद्ध साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ था। सरदार जीतसिंह 'जीत' को इसके संगठन का दायित्व दिया गया था। वर्तमान में इसके अध्यक्ष त्रिभुवन नाथ शुक्ल हैं। जबकि संगठन का कार्य श्रीधर पराडकर देखते हैं। सम्पूर्ण भारतवर्ष के २१ प्रान्तों में इसका कार्य चल रहा है। .

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अंतर्वैयक्तिक संबंध

अंतर्वैयक्तिक संबंध, दो या अधिक लोगों के बीच का संबंध है जो अस्थायी या स्थिर स्वरूप का हो सकता है। यह संबंध विवाहेतर, प्रेम और पसंद, सामान्य व्यावसायिक मेलजोल या किसी अन्य प्रकार की सामाजिक प्रतिबद्धता पर आधारित हो सकता है। अंतर्वैयक्तिक संबंध सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य प्रभावों के संदर्भ में निर्मित होते हैं। संदर्भ पारिवारिक संबंध, दोस्ती, विवाह, सहयोगियों से संबंध, कार्य, क्लब, पड़ोस तथा पूजास्थलों के अनुसार भिन्न हो सकता है। वे कानून, प्रथा और आपसी समझौते द्वारा नियंत्रित हो सकते हैं, तथा सामाजिक समूहों एवं संपूर्ण समाज का आधार होते हैं। यद्यपि मानव मूलतः एक सामाजिक प्राणी है, किन्तु अंतर्वैयक्तिक संबंध सदैव स्वस्थ नहीं होते हैं। अस्वस्थ संबंधों के उदाहरणों में अत्याचारपूर्ण रिश्ते एवं सह-निर्भरता शामिल हैं। किसी भी रिश्ते को सामान्यतः दो व्यक्तियों के बीच के संबंध के तौर पर देखा जाता है, जैसे कि रूमानी या घनिष्ठ संबंध, या अभिभावक-संतान संबंध.

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उष्णकटिबंधीय चक्रवात

इसाबेल तूफान (2003) के रूप में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के 7 अभियान के दौरान कक्षा से देखा. आंख, आईव़ोल और आसपास के उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की विशेषता rainbands स्पष्ट रूप से कर रहे हैं अंतरिक्ष से इस दृश्य में दिखाई देता है। उष्णकटिबंधीय चक्रवात एक तूफान प्रणाली है जो एक विशाल निम्न दबाव केंद्र और भारी तड़ित-झंझावातों द्वारा चरितार्थ होती है और जो तीव्र हवाओं और घनघोर वर्षा को उत्पन्न करती है। उष्णकटिबंधीय चक्रवात की उत्पत्ति तब होती है जब नम हवा के ऊपर उठने से गर्मी पैदा होती है, जिसके फलस्वरूप नम हवा में निहित जलवाष्प का संघनन होता है। वे अन्य चक्रवात आंधियों जैसे नोर'ईस्टर, यूरोपीय आंधियों और ध्रुवीय निम्न की तुलना में विभिन्न ताप तंत्रों द्वारा उत्पादित होते है, अपने "गर्म केंद्र" आंधी प्रणाली के वर्गीकरण की ओर अग्रसर होते हुए.

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ऋण

ऋण वह है, जो किसी से माँगा या लिया जाता है; सामान्यतः यह ली गयी संपत्ति को व्यक्त करता है, लेकिन यह शब्द धन की आवश्यकता के परे नैतिक दायित्व एवं अन्य पारस्परिक क्रियाओं को भी व्यक्त करता है। परिसंपत्तियों के मामले में, ऋण कुल जोड़ अर्जित होने के पूर्व वर्तमान में भविष्य की क्रय शक्ति के प्रयोग का माध्यम है। कुछ कंपनियां एवं निगम ऋण का प्रयोग अपनी संपूर्ण संगठित (कॉरपोरेट) वित्तीय योजनाओं के भाग के रूप में करते हैं। ऋण तब सृजित होता है जब एक ऋणदाता एक ऋण प्राप्तकर्ता या ऋणी को कुछ परिसंपत्ति प्रदान करता है। आधुनिक समाज में, सामान्यतः ऋण को अपेक्षित पुनर्भुगतान के साथ प्रदान किया जाता है; ज़्यादातर मामलों में, ब्याज सहित.

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SAT (सैट)

SAT रिजनिंग टेस्ट (सैट तर्क परीक्षा) संयुक्त राज्य अमेरिका में कॉलेज में प्रवेश के लिए एक मानकीकृत परीक्षा है। संयुक्त राज्य अमेरिका में SAT एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो कॉलेज बोर्ड के स्वामित्व में है और उसके द्वारा प्रकाशित और विकसित किया गया है। और, यह पहले एडुकेशनल टेस्टिंग सर्विस (ETS) द्वारा विकसित, प्रकाशित किया जाता था और उसीके द्वारा अंक दिए जाते थे। ETS अब परीक्षा का प्रबंध करता है। कॉलेज बोर्ड का दावा है कि परीक्षा निर्धारित कर सकती हैं कि कोई व्यक्ति कॉलेज के लिए तैयार है या नहीं है। वर्तमान SAT रिजनिंग टेस्ट में तीन घंटे पैंतालीस मिनट लगते हैं और इसमें विलंब फीस के अलावा 45 डॉलर (71 डॉलर अंतर्राष्ट्रीय) का खर्च आता है। 1901 में SAT की शुरूआत से, इसके नाम और अंक दिए जाने के तरीके कई बार बदल चुके हैं। 2005 में, 800 नंबर के तीन विभाग (गणित, विवेचनात्मक पठन और लेखन) को मिलाकर परीक्षा परिणाम में 600 से 2400 तक संभाव्य अंक प्राप्त करने के साथ दूसरे उप-विभागों में भी अलग से प्राप्त किए गए अंक मिलाकर इस परीक्षा का फिर से नामकरण "SAT रिजनिंग टेस्ट" किया गया। .

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