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श्रीगंगानगर

सूची श्रीगंगानगर

गंगानगर राजस्थान का एक जिला है। श्रीगंगानगर शहर गंगानगर जिला का मुख्यालय है। यह राजस्थान प्रदेश का सबसे उत्तरी जनपद है जिसके उत्तर में फाजिल्का (पंजाब) एवं हनुमानगढ़, दक्षिण में बीकानेर तथा चू़रू (राजस्थान), तथा पश्चिम में पाकिस्तान है। पहले यह बीकानेर राज्य का एक भाग था। गंगानगर जनपद का प्रमुख प्रशासकीय केंद्र तथा विकासशील नगर भी है। इसका नामकरण बीकानेर के महाराज गंगासिंह के नाम पर हुआ है। यह जिले के सर्वाधिक समुन्नत तथा सिंचित कृषिक्षेत्र में स्थित होने के कारण प्रमुख व्यापारिक मंडी तथा यातायात केंद्र हो गया है। श्रीगंगानगर को राजस्थान का अन्न का कटोरा भी कहा जाता है | यहाँ जनपदीय प्रशासनिक कार्यालयों तथा न्यायालयों के अतिरिक्त कई स्नातक महाविद्यालय तथा अन्य सांस्कृतिक संस्थान हैं। यह नगर पूर्णतया 20वीं शताब्दी की देन है। प्रारंभिक दशाब्दियों में यह अज्ञात ग्राम रहा। लेकिन गंगा-नहर सिंचाई परियोजना द्वारा क्षेत्र में कृषि का विकास होने के कारण इसकी जनसंख्या अधिक बढ़ गई है। यहाँ 1945 में चीनी का कारखाना खोला गया। यहाँ एक औद्योगिक संस्थान की भी स्थापना हुई है। श्रीगंगानगर में श्री बुड्ढाजोहड़ गुरुद्वारा व लैला-मजनुं की मजार प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं | .

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चमार

चमार अथवा चर्मकार भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाने वाली जाति समूह है। वर्तमान समय में यह जाति अनुसूचित जातियों की श्रेणी में आती है। यह जाति अस्पृश्यता की कुप्रथा का शिकार भी रही है। इस जाति के लोग परंपरागत रूप से चमड़े के व्यवसाय से जुड़े रहे हैं। संपूर्ण भारत में चमार जाति अनुसूचित जातियों में अधिक संख्या में पाई जाने वाली जाति है, जिनका मुख्य व्यवसाय, चमड़े की वस्‍तु बनाना था । संविधान बनने से पूर्व तक इनकोअछूतों की श्रेणी में रखा जाता था। अंग्रेजों के आने से पहले तक भारत में चमार जाति के लोगों को उपर बहुत यातनाएं तथा जु़ल्‍म किए गए। आजादी के बाद इनके उपर हो रहे ज़ुल्‍मों व यातनाओं को रोकने के लिए इनको भारत के संविधान में अनुसूचित जाति की श्रेणी में रखा गया तथा सभी तरह के ज़ुल्‍मों तथा यातनाओं को प्रतिबंधित कर दिया गया। इसके बावजूद भी देश में कुछ जगहों पर इन जातियों तथा अन्‍य अनुसूचित जातियों के साथ यातनाएं आज भी होती हैं। .

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चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

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निहालचन्द चौहान

निहालचंद चौहान (जन्म ४ फ़रवरी १९७१) वर्तमान केन्द्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री तथा पूर्व में रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री, भारत सरकार है। वो भारतीय संसद की १६वीं और सोलहवीं लोकसभा के सांसद हैं। वो राजस्थान के श्रीगंगानगर लोकसभा से भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। .

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पन्नालाल बारुपाल

पन्नालाल बारुपाल (6 अप्रैल 1913-19 मई 1983, गंगानगर) एक भारतीय राजनीतिज्ञ, भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस राजनीतिक दल के सदस्य थे। 1952-1977 के बीच पाँच बार वह राजस्थान राज्य में गंगानगर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लोक सभा के सदस्य थे। वे राजस्थान में बीकानेर में पैदा हुए थे और सक्रिय रूप से असहयोग आंदोलन में भाग लिए थे। वे 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भी भाग लिए थे। भारत सरकार ने 2006 में उनके सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया था। .

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बीकानेर जिला

बीकानेर भारतीय राज्य राजस्थान का एक जिला है। जिले का मुख्यालय बीकानेर है। क्षेत्रफल - 27,244 वर्ग कि.मी.

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बीकानेर के दर्शनीय स्थल

नगर के मध्य में एक जैन मंदिर है जिसके मध्य से पाँच मार्ग निकले हैं, जो अन्य सड़कों से मिलते हुए शहरपनाह के किसी एक दरवाजे से जा मिलते हैं। कोट दरवाजे के बाहर अलखगिरि मतानुयायी लच्छीराम का बनवाया हुआ 'अलखसागर' नाम का प्रसिद्ध कुआं है, जो बीकानेर के सबसे अच्छे कुओं में से एक माना जाता हैं। अन्य कुओं की संख्या १४ है, जो बहुधा बहुत गहरे हैं। इन कुओं में अधिकांश जल सुस्वादु तथा पीने योग्य है। महाराजा अनूपसिंह का बनवाया हुआ 'अनोपसागर' कुआं भी उल्लेखनीय है। नगर के बाहर के तालाबों में महाराजा सूरसिंह का बनवाया हुआ 'सूरसागर' सबसे अच्छा माना जाता है। .

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भरत राम मेघवाल

भरत राम मेघवाल एक भारतीय राजनेता हैं और पूर्व में श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र से सांसद थे। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता है। .

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भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का संजाल भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची भारतीय राजमार्ग के क्षेत्र में एक व्यापक सूची देता है, द्वारा अनुरक्षित सड़कों के एक वर्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। ये लंबे मुख्य में दूरी roadways हैं भारत और के अत्यधिक उपयोग का मतलब है एक परिवहन भारत में। वे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा भारतीय अर्थव्यवस्था। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 laned (प्रत्येक दिशा में एक), के बारे में 65,000 किमी की एक कुल, जिनमें से 5,840 किमी बदल सकता है गठन में "स्वर्ण Chathuspatha" या स्वर्णिम चतुर्भुज, एक प्रतिष्ठित परियोजना राजग सरकार द्वारा शुरू की श्री अटल बिहारी वाजपेयी.

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भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (संख्या के क्रम में) भारत के राजमार्गो की एक सूची है। .

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भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

यह सूचियों भारत के सबसे बड़े शहरों पर है। .

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भारतीय थलसेना

भारतीय थलसेना, सेना की भूमि-आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है। भारत का राष्ट्रपति, थलसेना का प्रधान सेनापति होता है, और इसकी कमान भारतीय थलसेनाध्यक्ष के हाथों में होती है जो कि चार-सितारा जनरल स्तर के अधिकारी होते हैं। पांच-सितारा रैंक के साथ फील्ड मार्शल की रैंक भारतीय सेना में श्रेष्ठतम सम्मान की औपचारिक स्थिति है, आजतक मात्र दो अधिकारियों को इससे सम्मानित किया गया है। भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इण्डिया कम्पनी, जो कि ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में परिवर्तित हुई थी, और भारतीय राज्यों की सेना से हुआ, जो स्वतंत्रता के पश्चात राष्ट्रीय सेना के रूप में परिणत हुई। भारतीय सेना की टुकड़ी और रेजिमेंट का विविध इतिहास रहा हैं इसने दुनिया भर में कई लड़ाई और अभियानों में हिस्सा लिया है, तथा आजादी से पहले और बाद में बड़ी संख्या में युद्ध सम्मान अर्जित किये। भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना, राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से बचाव, और अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखना हैं। यह प्राकृतिक आपदाओं और अन्य गड़बड़ी के दौरान मानवीय बचाव अभियान भी चलाते है, जैसे ऑपरेशन सूर्य आशा, और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए सरकार द्वारा भी सहायता हेतु अनुरोध किया जा सकता है। यह भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के साथ राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख अंग है। सेना अब तक पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ चार युद्धों तथा चीन के साथ एक युद्ध लड़ चुकी है। सेना द्वारा किए गए अन्य प्रमुख अभियानों में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन कैक्टस शामिल हैं। संघर्षों के अलावा, सेना ने शांति के समय कई बड़े अभियानों, जैसे ऑपरेशन ब्रासस्टैक्स और युद्ध-अभ्यास शूरवीर का संचालन किया है। सेना ने कई देशो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों में एक सक्रिय प्रतिभागी भी रहा है जिनमे साइप्रस, लेबनान, कांगो, अंगोला, कंबोडिया, वियतनाम, नामीबिया, एल साल्वाडोर, लाइबेरिया, मोज़ाम्बिक और सोमालिया आदि सम्मलित हैं। भारतीय सेना में एक सैन्य-दल (रेजिमेंट) प्रणाली है, लेकिन यह बुनियादी क्षेत्र गठन विभाजन के साथ संचालन और भौगोलिक रूप से सात कमान में विभाजित है। यह एक सर्व-स्वयंसेवी बल है और इसमें देश के सक्रिय रक्षा कर्मियों का 80% से अधिक हिस्सा है। यह 1,200,255 सक्रिय सैनिकों और 909,60 आरक्षित सैनिकों के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना है। सेना ने सैनिको के आधुनिकीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसे "फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री सैनिक एक प्रणाली के रूप में" के नाम से जाना जाता है इसके साथ ही यह अपने बख़्तरबंद, तोपखाने और उड्डयन शाखाओं के लिए नए संसाधनों का संग्रह एवं सुधार भी कर रहा है।.

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मरू प्रदेश

मरू प्रदेश उत्तर-पश्चिम भारत का प्रस्तावित राज्य है जो राजस्थान के कुछ भूभागों को मिलाकर बनाने का प्रयास है। प्रस्तावित राज्य में बाडमेर, बीकानेर, चुरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, झुन्झुनू, ओसियां (जोधपुर की एक तहसील), नागौर और सीकर को शामिल हैं। .

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राठी गोवंश

राठी गाय राठी बैल राठी गोवंश राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी भागों (गंगानगर, बीकानेर और जैसलमेर) में पाए जाते हैं। इस नस्ल की गाय अत्यधिक दूध देने के लिये प्रसिद्ध है। गुजरात राज्य में भी राठी गाय बहुत पाली जाती है। वयस्क राठी गाय का वजन लगभग 280 - 300 किलोग्राम और बैल का 350-350 किलोग्राम होता है। राठी पशु की त्वचा भूरा व सफेद या काला व सफेद रंगों का मिश्रण होती है और अत्यन्त आकर्षक लगती है। भारतीय गायों में राठी नस्ल एक महत्वपूर्ण दुधारू नस्ल है। यह गाय प्रतिदन 6 -8 लीटर दूध देती है। कहीं–कहीं इसे 15 लीटर तक दूध देते हुए देखा गया है। राठी नस्ल के बैल बहुत मेहनती होते हैं। इस नस्ल के बैल गरम मौसम में भी लगातार 10 घंटे तक काम करतें हैं। ये रेगिस्तान में भरी-भरकम सामान खींचकर चल सकतें हैं। .

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राष्ट्रीय राजमार्ग १५

१५२६ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग पठानकोट, पंजाब को समाखियाली, गुजरात (काँदला) के पास) से जोड़ता है। इसका रूट पठानकोट - अमृतसर - भटिंडा - गंगानगर - बीकानेर - जैसलमेर - बाड़मेर - समाखियाली है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राजस्थान

राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। .

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राजस्थान पत्रिका

राजस्थान पत्रिका हिन्दी भाषा में प्रकाशित होने वाला एक भारतीय समाचार पत्र है। यह अखबार भारत के सात राज्यों से प्रकाशित हो रहा है। यह जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, कोटा और सीकर सहित कई अन्य क्षेत्रों से राजस्थान से प्रकाशित होता है और राजस्थान के अलावा भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, रायपुर, अहमदाबाद, ग्वालियर, कोलकाता, चेन्नई, नई दिल्ली और बंगलौर से प्रकाशित होता है। .

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राजस्थान के जिले

राजस्थान के ७ मंडलों में ३३ जिले हैं जो इस प्रकार हैं।- श्रेणी:राजस्थान से सम्बन्धित सूचियाँ.

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राजस्थान की मिट्टियाँ

साधारणतया जिसे हम मिट्टी कहते हैं, वह चट्टानों का चूरा होता है। ये चट्टानें मुख्यतया तीन प्रकार की होती हैं - स्तरीकृत, आग्नेय और परिवर्तित। क्षरण या नमीकरण के अभिकर्त्ता तापमान,वर्षा,हवा,हिमानी,बर्फ व नदियों द्वाया ये चट्टाने टुकड़ों में विभाजित होती हैं जो अंत में हमें के रूप में दिखाई देती हैं। .

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राजस्थान की जलवायु

उत्तर-पश्चिमी भारत में राजस्थान का जलवायु आम तौर पर शुष्क या अर्ध-शुष्क है और वर्ष भर में काफी गर्म तापमान पेश करता है, साथ ही गर्मी और सर्दियों दोनों में चरम तापमान होते हैं। भारत का यह राज्य राजस्थान उत्तरी अक्षांश एवं पूर्वी देशांतर पर स्थित है। उत्तरी ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव से मिलाने वाली रेखाएं देशांतर रेखाएं तथा देशांतर रेखाओं के अक्षीय कोण अथवा पृथ्वी के मानचित्र में पश्चिम से पूर्व अथवा भूमध्य रेखा के समानांतर रेखाएं खींची जाती हैं उन्हें अक्षांश रेखाएं कहा जाता है। राजस्थान का अक्षांशीय विस्तार २३°३ उत्तरी अक्षांश से ३०°१२ उत्तरी अक्षांश तक है तथा देशांतरीय विस्तार ६०°३० पूर्वी देशांतर से ७८°१७ पूर्वी देशांतर तक है। कर्क रेखा राजस्थान के दक्षिण अर्थात बांसवाड़ा जिले के मध्य (कुशलगढ़) से होकर गुजरती है इसलिए हर साल २१ जून को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले पर सूर्य सीधा चमकता है। राज्य का सबसे गर्म जिला चुरु जबकि राज्य का सबसे गर्म स्थल जोधपुर जिले में स्थित फलोदी है। इसी प्रकार राज्य में गर्मियों में सबसे ठंडा स्थल सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू है इसलिए माउंट आबू को राजस्थान का शिमला कहा जाता है। पृथ्वी के धरातल से क्षोभ मंडल में जैसे-जैसे ऊंचाई की ओर बढ़ते हैं तापमान कम होता है तथा प्रति १६५ मीटर की ऊंचाई पर तापमान १ डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है। राजस्थान का गर्मियों में सर्वाधिक दैनिक तापांतर वाला जिला जैसलमेर है जबकि राज्य में गर्मियों में सबसे ज्यादा धूल भरी आंधियां श्रीगंगानगर जिले में चलती है राज्य में विशेषकर पश्चिमी रेगिस्तान में चलने वाली गर्म हवाओं को लू कहा जाता है। राजस्थान में गर्मियों में स्थानीय चक्रवात के कारण जो धूल भरे बवंडर बनते हैं उन्हें भभुल्या कहा जाता है गर्मियों में राज्य के दक्षिण पश्चिम तथा दक्षिणी भागों में अरब सागर में चक्रवात के कारण तेज हवाओं के साथ चक्रवाती वर्षा भी होती है राजस्थान के पश्चिमी रेगिस्तान में गर्मियों में निम्न वायुदाब की स्थिति उत्पन्न होती है फलस्वरूप महासागरीय उच्च वायुदाब की मानसूनी पवने आकर्षित होती है तथा भारतीय उपमहाद्वीप के ऋतु चक्र को नियमित करने में योगदान देती है। राजस्थान में मानसून की सर्वप्रथम दक्षिण पश्चिम शाखा का प्रवेश करती है अरावली पर्वतमाला के मानसून की समानांतर होने के कारण राजस्थान में कम तथा अनियमित वर्षा होती है। राज्य का सबसे आर्द्र जिला झालावाड़ है जबकि राज्य का सबसे आर्द्र स्थल सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू है जबकि सबसे शुष्क जिला जैसलमेर है। राज्य का दक्षिण पश्चिम दक्षिण तथा दक्षिणी पूर्वी भाग सामान्यतया आर्द्र कहलाता है। जबकि पूर्वी भाग सामान्यतया उप आर्द्र कहलाता है जबकि पश्चिमी भाग शुष्क प्रदेश में आता है इसके अलावा राजस्थान का उत्तर तथा उत्तर पूर्वी भाग सामान्यतया अर्ध अर्ध शुष्क प्रदेश में आता है। .

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रावला मंडी

रावला मंडी (पंजाबी में: ਰਾਵਲਾ ਮਂਡੀ में, सिन्धी में: راولا) राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले का एक छोटा सा कस्बा है। यह रावला-घडसाना आंदोलन के कारण चर्चित हुआ। .

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रविन्द्र कौशिक

रविन्द्र कौशिक रॉ जासूस थे उन्हें वहाँ पकड़ लिया गया था और पाकिस्तान की जैल में डाल दिया गया अंत में वहाँ ही उनकी मौत हो गई। .

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श्री गंगानगर रेलवे स्टेशन

श्री गंगानगर रेलवे स्टेशन श्रीगंगानगर शहर का रेलवे स्टेशन है। श्रेणी:राजस्थान के रेलवे स्टेशन श्रेणी:रेलवे स्टेशन.

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श्रीगंगानगर जिला

गंगानगर जिला या श्रीगंगानगर जिला भारत के राजस्थान प्रान्त का एक शहर है। यहां का मुख्यालय श्रीगंगानगर शहर है। इस ज़िले को "राजस्थान का पंजाब " कहा जाता है इसका करण यहाँ पंजाबियो की बहुतायत है। यह "राजस्थान का अन्नदाता " जेसे नामो से भी मशहूर है। .

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सराइकी

पंजाबी की उपभाषाएँ सराइकी (अरबी-फारसी: سرائیکی, गुरुमुखी: ਸਰਾਇਕੀ) भारतीय-आर्य परिवार की एक भाषा है। यह पाकिस्तान के पंजाब के दक्षिणि भागों, उसके सीमावर्ती सिंध में, पंजाब के उत्तरी-पश्चिमी भाग आदि में बोली जाती है। भारत में राजस्थान के बीकानेर, जैसलमेर व श्री गंगानगर जिलो में भी पांच लाख के करीब लोग सराइकी बोलते हैं। इसके बोलने वालों की संख्या लगभग डेढ़ करोड़ है। .

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सिरसा

सिरसा भारत के हरियाणा प्रदेश का एक शहर और इसी नाम के जिले का मुख्यालय है। इस शहर के पास भारतीय वायुसेना का हवाई अड्डा स्थित है। .

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जिया ख़ान

जिया ख़ान (جیا خان;जन्म: 20 फरवरी, 1988 - मृत्यु: 3 जून 2013) जिसका असली नाम नफीसा खान था एक बॉलीवुड अभिनेत्री थी। उन्हें मुख्यतः २००८ की फिल्म गजनी में अभिनय के लिए जाना जाता है। वनइण्डिया 21 नवम्बर 2006 उनकी तृतीय और अन्तिम फिल्म २०१० में प्रदर्शित फिल्म हाउसफुल थी। 2012 में उन्होंने अपना नाम वापस बदलकर नफीसा रख लिया। 24 मई 2013 को उन्होंने अपना अन्तिम ट्विट लिखा था जिसमें उन्होंने अलविदा कह दिया था। जिया ने ट्विटर अकाउंट असली नाम नफीसा खान के नाम से ही बनाया था। उन्होंने 24 मई को आखिरी ट्वीट किया, 'सॉरी मैं ट्विटर से जा रही हूं। थोड़ा ब्रेक ले रही हूं...

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जगजीत सिंह

जगजीत सिंह (८ फ़रवरी १९४१ - १० अक्टूबर २०११) का नाम बेहद लोकप्रिय ग़ज़ल गायकों में शुमार हैं। उनका संगीत अंत्यंत मधुर है और उनकी आवाज़ संगीत के साथ खूबसूरती से घुल-मिल जाती है। खालिस उर्दू जानने वालों की मिल्कियत समझी जाने वाली, नवाबों-रक्कासाओं की दुनिया में झनकती और शायरों की महफ़िलों में वाह-वाह की दाद पर इतराती ग़ज़लों को आम आदमी तक पहुंचाने का श्रेय अगर किसी को पहले पहल दिया जाना हो तो जगजीत सिंह का ही नाम ज़ुबां पर आता है। उनकी ग़ज़लों ने न सिर्फ़ उर्दू के कम जानकारों के बीच शेरो-शायरी की समझ में इज़ाफ़ा किया बल्कि ग़ालिब, मीर, मजाज़, जोश और फ़िराक़ जैसे शायरों से भी उनका परिचय कराया। जगजीत सिंह को सन २००३ में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। फरवरी २०१४ में आपके सम्मान व स्मृति में दो डाक टिकट भी जारी किए गए। .

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खीचड़

खीचड़ (अथवा खींचड़) एक जाट जाति की गौत्र है जो भारतीय प्रान्त राजस्थान के झुन्झुनू, चुरू, नागपुर, गंगानगर, हनुमानगढ़ और सीकर जिलों में पाई जाती है। वीरभान खीचड़ ने राजस्थान के सीकर नगर की स्थापना की। उन्होंने हरियाणा के सिरसा और फतेहाबाद जिलों की भी स्थापना की। खीचड़ों की उत्पति जोइया से मानी जाती है। सम्भवतः वो चौहानों की खीची गौत्र के समान हैं। .

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गंगा सिंह

जनरल सर गंगासिंह(3 अक्टूबर 1880, बीकानेर – 2 फरवरी 1943, मुम्बई) १८८८ से १९४३ तक बीकानेर रियासत के महाराजा थे। उन्हें आधुनिक सुधारवादी भविष्यद्रष्टा के रूप में याद किया जाता है। पहले महायुद्ध के दौरान ‘ब्रिटिश इम्पीरियल वार केबिनेट’ के अकेले गैर-अँगरेज़ सदस्य थे। .

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औधोगिक नगर

राजस्थान में बहुत से शहरो में अनेकों कम्पनिया हैं इस द्रष्टि से राजस्थान मे प्रमुख औधोगिक नगर निम्न हैं १. भिवाडी़ (अलवर) २. नीमराणा (अलवर) ३. कोटा ४. भीलवाडा ५. अलवर ६. जयपुर ७. जोधपुर ८. किशनगढ़ (अजमेर) ९. पाली १०.

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इंदिरा गांधी नहर

इन्दिरा गाँधी नहर राजस्थान की प्रमुख नहर हैं। इसका पुराना नाम "राजस्थान नहर" था। यह राजस्थान प्रदेश के उत्तर-पश्चिम भाग में बहती है। राजस्थान की महत्वाकांक्षी इंदिरा गांधी नहर परियोजना से मरूस्थलीय क्षेत्र में चमत्कारिक बदलाव आ रहा है और इससे मरूभूमि में सिंचाई के साथ ही पेयजल और औद्योगिक कार्यो के लिए॰भी पानी मिलने लगा है। नहर निर्माण से पूर्व लोगों को कई मील दूर से पीने का पानी लाना पड़ता था। लेकिन अब परियोजना के अन्तर्गत बारह सौ क्यूसेक पानी केवल पेयजल उद्योग, सेना एवं ऊर्जा परियोजनाओं के लिए आरक्षित किया गया है। विशेषतौर से चुरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर और नागौर जैसे रेगिस्तानी जिलों के निवासियों को इस परियोजना से पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास जारी हैं। राजस्थान नहर सतलज और व्यास नदियों के संगम पर निर्मित हरिके बांध से निकाली गई है। यह नहर पंजाब व राजस्थान को पानी की आपूर्ति करती है। पंजाब में इस नहर की लम्बाई 132 किलोमीटर है और वहां इसे राजस्थान फीडर के नाम से जाना जाता है। इससे इस क्षेत्र में सिंचाई नहीं होती है बल्कि पेयजल की उपलब्धि होती है। राजस्थान में इस नहर की लम्बाई 470 किलोमीटर है। राजस्‍थान में इस नहर को राज कैनाल भी कहते हैं। राजस्‍थान नहर इसकी मुख्‍य शाखा या मेन कैनाल 256 किलोमीटर लंबी हे जबकि वितरिकाएं 5606 किलोमीटर और इसका सिंचित क्षेत्र 19.63 लाख हेक्‍टेयर आंका गया है। इसकी मेनफीडर 204 किलोमीटर लंबी है जिसका 35 किलोमीटर हिस्‍सा राजस्‍थान व 169 किलोमीटर हिस्‍सा पंजाब व हरियाणा में है।यह नहर राजस्थान की एक प्रमुख नहर है। इस नहर का उद्घाटन 31 मार्च 1958 को हुआ जबकि दो नवंबर 1984 को इसका नाम इंदिरा गांधी नहर परियोजना कर दिया गया। श्रेणी:राजस्थान की प्रमुख नहरें.

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अवतार सिंह चीमा

अवतार सिंह चीमा (1933–1989) प्रथम भारतीय थे जो सफलता पूर्वक माउंट ऐवरेस्ट फतह किया। वो भारतीय सेना के दो असफल प्रयासों के पश्चात १९६५ में माउंट ऐवरेस्ट पर चढ़ने के लिए तैयार किये गये तीसरे मिशन का हिस्सा थे। उन्होंने २० मई १९६५ को सफलतापूर्वक विजय प्राप्त की। वो भारतीय सेना में पैराशूट पलटन का हिस्सा थे। बाद में उन्हें कर्नल के रूप में प्रोन्नति मिली। उन्हें उनकी उपलब्द्धियों के लिए अर्जुन पुरस्कार और पद्म श्री से सम्मानित किया गया। वो राजस्थान राज्य के श्रीगंगानगर जिले के निवासी थे। .

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२०११ पाकिस्तान भूकम्प

२०११ पाकिस्तान भूकम्प १९ जनवरी २०११ को रात १:५३ (भारतीय समयानुसार) पर पाकिस्तान में आया शक्तिशाली भूकम्प था। दक्षिण पश्चिमी पाकिस्तान में रिक्टर पैमाने पर ७.४ की तीव्रता वाले इस भूकम्प का केन्द्र पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रान्त था। संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार इस भूकम्प का केन्द्र धरातल से ८४ किलोमीटर नीचे था जिस कारण इतनी अधिक तीव्रता ला सकने वाले इस भूकम्प से जन-धन की भारी क्षती नहीं हुई। इस भूकम्प के झटके पड़ोसी देशों और कुछ दूरी पर स्थित देशों तक में महसूस किए गए जैसे भारत, अफ़्गानिस्तान, ईरान, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन। मेर्साली परिमाप (मेप) पर इस भूकम्प की तीव्रता विभिन्न स्थानों पर इस प्रकार थी: इस्लामाबाद में मेप ४, कराची में मेप ४, मस्कट मेप मेप ४, दिल्ली में मेप ४, काबुल में मेप ३, दुबई में मेप ३ और अबू धाबी में मेप ३। इस भूकम्प से पाकिस्तान के दलबण्डिन में २०० मिट्टी के घरों के ढ़हने के समाचार हैं। क्वेटा में २ महिलाएँ भूकम्प के कारण हृदयाघात से मर गईं। क्वेटा भूकम्प-केन्द्र से लगभग ३३० किमी उत्तरपश्चिम में स्थित है, जहाँ तीव्रता मेप ४ थी। .

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