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शैल

सूची शैल

कलराडो स्प्रिंग्स कंपनी का गार्डेन ऑफ् गॉड्स में स्थित ''संतुलित शैल'' कोस्टा रिका के ओरोसी के निकट की चट्टानें पृथ्वी की ऊपरी परत या भू-पटल (क्रस्ट) में मिलने वाले पदार्थ चाहे वे ग्रेनाइट तथा बालुका पत्थर की भांति कठोर प्रकृति के हो या चाक या रेत की भांति कोमल; चाक एवं लाइमस्टोन की भांति प्रवेश्य हों या स्लेट की भांति अप्रवेश्य हों, चट्टान अथवा शैल (रॉक) कहे जाते हैं। इनकी रचना विभिन्न प्रकार के खनिजों का सम्मिश्रण हैं। चट्टान कई बार केवल एक ही खनिज द्वारा निर्मित होती है, किन्तु सामान्यतः यह दो या अधिक खनिजों का योग होती हैं। पृथ्वी की पपड़ी या भू-पृष्ठ का निर्माण लगभग २,००० खनिजों से हुआ है, परन्तु मुख्य रूप से केवल २० खनिज ही भू-पटल निर्माण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। भू-पटल की संरचना में ऑक्सीजन ४६.६%, सिलिकन २७.७%, एल्यूमिनियम ८.१ %, लोहा ५%, कैल्सियम ३.६%, सोडियम २.८%, पौटैशियम २.६% तथा मैग्नेशियम २.१% भाग का निर्माण करते हैं। .

86 संबंधों: टफ़, एमरी, ऐस्फाल्ट, द डोर्स, द हू, दक्कन उद्भेदन, निर्माण सामग्री, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट, पर्यावरण, पर्वतमाला, पाल निगली, पाइरॉक्सीन, पिंक फ़्लॉइड, पुराचुम्बकत्व, प्रस्तर, पृथ्वी का इतिहास, बलुआ पत्थर, बहिर्भेदी शैल, बालू, ब्रूस ली, ब्रेकिंग बेंजामिन, ब्लैक सब्बाथ, भारतीय शैलकर्तित स्थापत्य, भाजे, भौतिक भूगोल, भौतिकी की शब्दावली, भू-आकृति विज्ञान, भूरसायन, भूस्तम्भ, भूजल, भूविज्ञान, भूवैज्ञानिक, भूगोल, भूकालानुक्रम, महाद्वीपीय विस्थापन, मिट्टी के प्रकार, मृदा, रन्ध्राकाश, रायोलाइट, रोहतास दुर्ग, लिम्प बिज़किट, लौह अयस्क, लैटेराइट मृदा, शैल लक्षण, शैल स्फोटन, शैल-भित्ति, शैलविज्ञान, संयंत्र सेल, संरचना-भूविज्ञान, स्तरिकी, ..., स्थलीय ग्रह, सौर मण्डल, हल्क होगन, जल निकासी, जल संसाधन, जलभर, जिम मॉरिसन, जेम्स ब्लंट, जीवाश्मविज्ञान, विशाल दादलानी, गन्स एण्ड रोज़ेज़, ग्रीन डे, ओपल, आमेर दुर्ग, आरोहण मार्ग, इनलीएर्स और आउटलाइयर्स (भूविज्ञान), इनक्यूबस, कर्ट कोबेन, कायान्तरण (भूविज्ञान), कालिंजर दुर्ग, किंग्स ऑफ़ लियोन, क्रिस कॉर्नेल, क्ले कोर्ट, क्वेस्टा, कैटी पेरी, कैल्सियम कार्बोनेट, अनुप्रयुक्त भूभौतिकी, अपरदन, अपक्षय, अफ़्रीका, अफ़्रीका की भू-प्रकृति, अयस्क, अव-ज्वालामुखीय चट्टानें, अवसादी शैल, अंतरीप, अंग्गुन सिप्ता सस्मी सूचकांक विस्तार (36 अधिक) »

टफ़

नये मैक्सिको का वेल्डेड टफ़ टफ़ (इतालवी: टूफ़ो), किसी ज्वालामुखीय उद्गार के दौरान बाहर निकली ज्वालामुखीय राख के संपिंडन से गठित शैल का एक प्रकार है। टफ़ को कभी कभी टूफा भी कहा जाता है, खासकर तब, जब इसे एक निर्माण सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, हालांकि टूफा भी एक अलग प्रकार का शैल है। यदि किसी शैल में टफ़ का प्रतिशत 50% से अधिक होता है तो वह शैल टफ़मय कहलाता है।.

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एमरी

नैक्सोस (ग्रीस) से प्राप्त एमरी नैक्सोस (ग्रीस) से प्राप्त एमरी शैल का एक टुकड़ा एमरी (Emery या corundite) एक गहरे रंग की दानेदार शैल है जिससे अपघर्षक चूर्ण (abrasive powder) बनाया जाता है। इसका नाम नैक्सोस द्वीप के केप एमरी (Cape Emeri) पर पड़ा है जहाँ सबसे पहले इस तरह की शैल प्राप्त हुई थी। इस शैल में मुख्यतः खनिज कोरण्डम (अलुमिनियम आक्साइड) होता है। .

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ऐस्फाल्ट

मृत सागर से प्राप्त प्राकृतिक ऐसफाल्ट सड़क निर्माण में अस्फाल्ट कंक्रीट की मूल पर्त ऐस्फाल्ट (अंग्रेजी: Asphalt) एक चिपचिपा, काला और गाढ़ा तरल या अर्ध-तरल पदार्थ होता है, जिसे कच्चे पैट्रोलियम से प्राप्त किया जाता है। यह प्राकृतिक रूप से भी मिलता है। पहले इसे अस्फाल्टम भी कहा जाता है। इसका प्रयोग सड़क निर्माण, उड़ान पट्टी निर्माण इत्यादि में होता है। 'अस्फाल्ट' शब्द एक यूनानी शब्द से निकला है जिसका अर्थ है दृढ़, अचल तथा सुरक्षित। पुरातन काल में अस्फाल्ट का प्रथम उपयोग विभिन्न प्रकार के दो पदार्थो को आपस में जोड़ने में, जैसे हाथीदाँत, सीप या रत्नों से बनी आँखों को मूर्तियों के चक्षु गह्वरों में बैठाने के लिए, किया जाता था। ज्ञात हुआ है कि संभवत: भारत में अस्फाल्ट का सर्वप्रथम उपयोग लगभग 3,000 वर्ष ई.पू.

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द डोर्स

द डोर्स अमेरिकी रॉक बैंड थे, जिसका गठन 1965 में कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स में हुआ। इसके अस्तित्व के ज्यादातर वक्त इस ग्रुप में गायक जिम मॉरिसन, कीबोर्ड वादक रे मैनजारेक, ड्रमर जॉन डेंसमोर और गिटार वादक रॉबी क्रीजर रहे हैं। वे 1960 के दशक के बीच सबसे विवादास्पद रॉक में से एक रहे हैं, खासतौर पर मॉरिसन की मनमानी, काव्यात्मक गीत और करिश्माई व्यक्तित्व के कारण, लेकिन वहीं उनकी अप्रत्याशित मंचीय छवि भी रही है। 1971 में मॉरिसन की मौत के बाद, इसके बाकी बचे तीन सदस्य त्रयी के रूप में 1973 के अंत में बैंड के तितर-बितर होने तक साथ रहे। हालांकि द डोर्स का सक्रिय कैरियर 1973 में खत्म हो गया, लेकिन उनकी लोकप्रियता कायम रही। RIAA के अनुसार, इनलोगों ने अकेले US में 32.5 मिलियन एलबम बेचा। पूरी दुनिया में बैंड ने 75 मिलियन एलबम बेचा। .

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द हू

द हू एक अंग्रेजी रॉक बैंड है, जिसका गठन 1964 में गायक रोजर डाल्ट्रे, गिटारवादक पीट टाउनशेंड, बासवादक जॉन एंटविसल और ड्रम वादक कीथ मून ने मिलकर किया था। वे अपने ऊर्जावान लाइव प्रदर्शन के जरिये मशहूर हुए जिसमें अक्सर वाद्य यंत्रों की क्षति होती थी। द हू 100 मिलियन रिकॉर्ड बेच चुका है और ब्रिटेन में शीर्ष 27 चालीस एकल एलबम तथा संयुक्त राज्य अमेरिका में 17 टॉप टेन (शीर्ष दस) एलबम ला चुका है, जिनमें 18 स्वर्ण, 12 प्लेटिनम और 5 मल्टी प्लेटिनम एलबम पुरस्कार सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका में शामिल हैं.

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दक्कन उद्भेदन

भारत में दक्कन ट्रैप (बैगनी रंग में) मुम्बई के पूर्व में स्थित माथेरान के दक्कन ट्रैप दक्कन उद्भेदन अथवा दकन ट्रैप भारत के पश्चिमी हिस्से में एक प्रदेश है जहाँ की भूवैज्ञानिक संरचना क्रीटाशियस युग के के ज्वालामुखी उद्भेदन के दौरान बनी बेसाल्ट चट्टानों है और इस इलाके में बेसाल्ट के ऊपर बनी काली रेगुर मिट्टी पायी जाती है। यह 17°–24° उत्तर तथा 73°–74° पूर्व के मध्य स्थित है। यह विश्व के कुछ सबसे बड़े ज्वालामुखी निर्मित स्थलरूपों में से एक है। श्रेणी:भारत का भूविज्ञान.

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निर्माण सामग्री

बहुत से प्राकृतिक पदार्थ (मिट्टी, बालू, लकड़ी, चट्टानें, पत्तियाँ, आदि) निर्माण के लिये प्रयुक्त होते रहे हैं। इसके अलावा अब अनेक प्रकार के कृत्रिम या मानव-निर्मित पदार्थ भी निर्माण के लिये प्रयोग किये जाने लगे हैं; जैसे सीमेंट, इस्पात, अलुमिनियम, आदि। .

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नगरपालिका ठोस अपशिष्ट

मिश्रित नगर पालिका अपशिष्ट, हिरिया, तेल अवीव नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (MSW), जिसे शहरी ठोस अपशिष्ट भी कहा जाता है, एक अपशिष्ट प्रकार है जिसमें मुख्य रूप से घर का कचरा (घरेलू अपशिष्ट) और कभी-कभी वाणिज्यिक अपशिष्ट भी शामिल होता है जिसे एक दिए गए क्षेत्र से नगरपालिका एकत्रित करती है। वे या तो ठोस रूप में होते हैं या अर्ध-ठोस रूप में और आम तौर पर इसमें औद्योगिक घातक अपशिष्ट शामिल नहीं होता.

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पर्यावरण

पर्यावरण प्रदूषण - कारखानों द्वारा धुएँ का उत्सर्जन पर्यावरण (Environment) शब्द का निर्माण दो शब्दों से मिल कर हुआ है। "परि" जो हमारे चारों ओर है और "आवरण" जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारकों की समष्टिगत इकाई है जो किसी जीवधारी अथवा पारितंत्रीय आबादी को प्रभावित करते हैं तथा उनके रूप, जीवन और जीविता को तय करते हैं। सामान्य अर्थों में यह हमारे जीवन को प्रभावित करने वाले सभी जैविक और अजैविक तत्वों, तथ्यों, प्रक्रियाओं और घटनाओं के समुच्चय से निर्मित इकाई है। यह हमारे चारों ओर व्याप्त है और हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी के अन्दर सम्पादित होती है तथा हम मनुष्य अपनी समस्त क्रियाओं से इस पर्यावरण को भी प्रभावित करते हैं। इस प्रकार एक जीवधारी और उसके पर्यावरण के बीच अन्योन्याश्रय संबंध भी होता है। पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, सभी जीव-जंतु और पेड़-पौधे आ जाते हैं और इसके साथ ही उनसे जुड़ी सारी जैव क्रियाएँ और प्रक्रियाएँ भी। अजैविक संघटकों में जीवनरहित तत्व और उनसे जुड़ी प्रक्रियाएँ आती हैं, जैसे: चट्टानें, पर्वत, नदी, हवा और जलवायु के तत्व इत्यादि। .

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पर्वतमाला

अंतरिक्ष से देखने पर हिमालय पर्वतमाला एक पर्वतमाला या पर्वत श्रृंखला पहाड़ों की एक श्रृंखला होती है जहाँ एक पर्वत दूसरे से सटा रहता हैं और इन पर्वतों को कोई दर्रा या घाटी ही से दूसरे पर्वतों से अलग करती है। यह आवश्यक नहीं है कि एक ही पर्वत श्रृंखला के भीतर आने वाले हर पर्वत का भूविज्ञान (संगठन) एक समान ही हो पर अक्सर ऐसा ही होता है और एक ही श्रृंखला में पृथक उत्पत्ति के पर्वत हो सकते हैं, उदाहरणत: ज्वालामुखी, प्रोत्थान पर्वत या वलित पर्वत एक ही श्रृंखला में हो सकते हैं जो वस्तुतः अलग अलग चट्टान से बने होते हैं। हिमालय पर्वत श्रृंखला में पृथ्वी की सतह पर स्थित दुनिया के कुछ सर्वोच्च पर्वत शामिल हैं और जिसमें से उच्चतम माउंट एवरेस्ट है। एण्डीज़ पृथ्वी की सतह पर विश्व की सबसे लंबी पर्वत श्रृंखला है। सबसे लंबी पर्वत श्रृंखला वास्तव में मध्याह्न अटलांटिक पर्वतश्रेणी है, जिसका फैलाव अटलांटिक महासागर के तल पर बीच में है। आर्कटिक कॉर्डिलेरा विश्व के सबसे उत्तर में स्थित पर्वतमाला है जिसमे पूर्वी उत्तरी अमेरिका के कुछ ऊँचे पर्वत समाहित हैं। .

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पाल निगली

पाल निगली (Paul Niggli; १८८२ - १९५३) स्विट्जरलैण्ड के क्रिस्टलवैज्ञानिक थे। वे एक्स-किरण क्रिस्टलिकी में अग्रणी थे। इंजीनियरी की शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् इन्होंने खनिज (mineralogy) एवं प्रस्तरविज्ञान (petrology) का अध्ययन किया। इनका कार्यक्षेत्र क्रिस्टलिकी (crystallography) या खनिज एवं प्रस्तरविज्ञान ही रहा है। इन्होंने खनिज की रचना तथा उद्गम ज्ञात करने के लिए भौतिक रसायन के सिद्धान्तों का उपयोग किया। इन्होंने रासायनिक विश्लेषणों की गणना द्वारा नए मान उपलब्ध किए, जिन्हें इन्हीं के नाम पर निगली मान (Niggly values) कहते हैं। शिलाओं के रासायनिक संघटन प्रदर्शित करने के लिए इन्होंने लेखाचित्रीय विधियों का निर्माण किया। यूरोप के कई विश्वविद्यालयों ने इन्हें डॉक्टरेट को सम्मानित उपाधि से विभूषित किया। अमरीका तथा रीओ डे जानेरो की खनिज संस्थानों ने आपको पदक देकर सम्मानित किया। श्रेणी:वैज्ञानिक.

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पाइरॉक्सीन

'''पाइरॉक्सीन''' का एक नमूना पाइरॉक्सीन (Pyroxene) खनिजों का एक महत्वपूर्ण समूह है जो शैल-निर्माण करने वाले इनोसिलिकेट (inosilicate) होते हैं। ये बहुत सी आग्नेय एवं रूपान्तरित शैलों में पाये जाते हैं। .

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पिंक फ़्लॉइड

पिंक फ़्लॉइड एक अंग्रेज़ी रॉक बैंड था, जिसने 1960 के दशक के उत्तरार्ध में, अपने साइकेडेलिक और स्पेस रॉक संगीत के लिए और 1970 के दशक में, जब उन्होंने विकास किया, अपने प्रगतिशील रॉक संगीत के लिए पहचान बनाई। पिंक फ़्लॉइड का काम, दार्शनिक गीत, ध्वनि के प्रयोगों, नवीन एल्बम कवर कला और विशाल लाइव शो द्वारा अंकित हैं। रॉक संगीत में आलोचनात्मक रूप से सर्वाधिक प्रशंसित और व्यावसायिक रूप से सफल प्रदर्शनों सहित, इस समूह ने दुनिया भर में 200 मिलियन एल्बम बेचे हैं, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका में 74.5 मिलियन प्रमाणित इकाइयां शामिल हैं। पिंक फ़्लॉइड ने नाइन इंच नेल्स और ड्रीम थियेटर जैसे समकालीन कलाकारों को प्रभावित किया। पिंक फ़्लॉइड के 1965 में गठन के तुरंत बाद सिड बैरेट, द टी सेट में शामिल हो गए, एक समूह जो वास्तुकला के छात्र, निक मेसन, रोजर वाटर्स, रिचर्ड राइट और बॉब क्लोज़ से निर्मित था। क्लोज़ ने शीघ्र ही इसे छोड़ दिया, लेकिन समूह को मुख्यधारा में औसत दर्जे की सफलता मिली और लंदन के भूमिगत संगीत परिदृश्य पर जम कर ये चहेते बने रहे। बैरेट के अनियमित व्यवहार ने उनके सहयोगियों को गिटार वादक और गायक डेविड गिल्मर को जोड़ने के लिये विवश किया। बैरेट के प्रस्थान के बाद, गायक और बैस वादक रोजर वाटर्स, बैंड के गीतकार और एक प्रभावकारी व्यक्ति बन गए, जिसे आगे चलकर, अवधारणा एल्बम द डार्क साइड ऑफ़ द मून, विष यू वर हिअर, एनिमल्स और रॉक ओपेरा द वॉल से विश्व भर में महत्वपूर्ण और व्यावसायिक सफलता हासिल हुई। राइट ने 1979 में बैंड छोड़ दिया और वाटर्स ने 1985 में, लेकिन गिल्मर और मेसन (राइट के साथ) ने पिंक फ़्लॉइड नाम के तहत रिकॉर्डिंग और दौरा जारी रखा। वाटर्स ने उन्हें नाम का उपयोग करने से रोकने के लिए, कानूनी सहारा लिया। उन्होंने पिंक फ़्लॉइड को एक भुक्तशेष शक्ति घोषित किया, लेकिन इन पक्षों ने न्यायालय से बाहर समझौता किया, जिसके तहत गिल्मर, मेसन और राइट को पिंक फ़्लॉइड के रूप में आगे बढ़ने की अनुमति मिल गई। बैंड को एक बार फिर अ मोमेंट्री लैप्स ऑफ़ रीज़न (1987) और द डिविज़न बेल (1994) से विश्वभर में सफलता मिली और वाटर्स ने एक एकल संगीतकार के रूप में अपना सफ़र जारी रखा और तीन स्टूडियो एल्बम जारी किए। यद्यपि कुछ वर्षों तक वाटर्स और शेष तीन सदस्यों के बीच संबंधों में खटास रही, इस बैंड ने Live-8 पर वन-ऑफ़ प्रदर्शन के लिए पुनर्गठन किया। .

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पुराचुम्बकत्व

पुराचुम्बकत्व अध्ययन की वह शाखा है जो चट्टानों, अवसादों या अन्य ऐसी चीजों में उनके निर्माण के समय संरक्षित चुम्बकीय गुणों का अध्ययन करती है। इस प्रकार विज्ञान की यह शाखा प्राचीन भूवैज्ञानिक घटनाओं के अध्ययन में सहायक होती है। समुद्री क्रस्ट की चट्टानों के पुराचुम्बकत्व के अध्ययन से इनके निर्माण के समय का पता चलता है और सागर नितल प्रसरण की पुष्टि हुई थी तथा प्लेट विवर्तनिकी का सिद्धान्त मजबूती से स्थापित हुआ (चित्र देखें)। .

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प्रस्तर

प्रस्तर का अर्थ होता है पत्थर। .

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पृथ्वी का इतिहास

पृथ्वी के इतिहास के युगों की सापेक्ष लंबाइयां प्रदर्शित करने वाले, भूगर्भीय घड़ी नामक एक चित्र में डाला गया भूवैज्ञानिक समय. पृथ्वी का इतिहास 4.6 बिलियन वर्ष पूर्व पृथ्वी ग्रह के निर्माण से लेकर आज तक के इसके विकास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं और बुनियादी चरणों का वर्णन करता है। प्राकृतिक विज्ञान की लगभग सभी शाखाओं ने पृथ्वी के इतिहास की प्रमुख घटनाओं को स्पष्ट करने में अपना योगदान दिया है। पृथ्वी की आयु ब्रह्माण्ड की आयु की लगभग एक-तिहाई है। उस काल-खण्ड के दौरान व्यापक भूगर्भीय तथा जैविक परिवर्तन हुए हैं। .

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बलुआ पत्थर

बलुआ पत्थर का शैल बालुकाश्म या बलुआ पत्थर (सैण्डस्टोन) ऐसी दृढ़ शिला है जो मुख्यतया बालू के कणों का दबाव पाकर जम जाने से बनती है और किसी योजक पदार्थ से जुड़ी होती है। बालू के समान इसकी रचना में भी अनेक पदार्थ विभिन्न मात्रा में हो सकते हैं, किंतु इसमें अधिकांश स्फटिक ही होता है। जिस शिला में बालू के बहुत बड़े बड़े दाने मिलते हैं, उसे मिश्रपिंडाश्म और जिसमें छोटे छोटे दाने होते हैं उसे बालुमय शैल या मृण्मय शैल कहते हैं। .

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बहिर्भेदी शैल

बहिर्भेदी आग्नेय चट्टानें वे चट्टानें हैं जो मैग्मा के पृथ्वी कि सतह के ऊपर निकल कर लावा के रूप में आकर ठंढे होकर जमने से बनती हैं। चूँकि इस प्रकार के उद्भेदन को ज्वालामुखी उद्भेदन कहा जाता है, अतः ऐसी चट्टानों को ज्वालामुखीय चट्टानें भी कहते हैं। .

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बालू

लिबिया में बालू का ढ़ेर गोबी मरुस्थल के बालू का पास से लिया गया फोटो (1 x 1 सेमी) चट्टानें और अन्य धात्विक पदार्थ विविध प्राकृतिक और अप्राकृतिक साधनों से टूट फूटकर बजरी, बालू, गाद या चिकनी मिट्टी का रूप ले लेते हैं। यदि टुकड़े बड़े हुए तो बजरी और यदि छोटे हुए तो कणों, के विस्तार के हिसाब से उन्हें क्रमश: बालू (sand), गाद (silt) या मृत्तिका (चिकनी मिट्टी / clay) कहते हैं। .

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ब्रूस ली

ब्रूस ली (जून फान,李振藩,李小龙; पिनयिन: Lǐ Zhènfān, Lǐ Xiăolóng; 27 नवंबर, 1940 - 20 जुलाई, 1973) अमेरिका में जन्मे, चीनी हांगकांग अभिनेता, मार्शल कलाकार, दार्शनिक, फ़िल्म निर्देशक, पटकथा लेखक, विंग चुन के अभ्यासकर्ता और जीत कुन डो अवधारणा के संस्थापक थे। कई लोग उन्हें 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली मार्शल कलाकार और एक सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में मानते हैं। वे अभिनेता ब्रैनडन ली और अभिनेत्री शैनन ली के पिता भी थे। उनका छोटा भाई रॉबर्ट एक संगीतकार और द थंडरबर्ड्स नामक हांगकांग के एक लोकप्रिय बीट बैंड का सदस्य था। ली सैन फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया में पैदा हुए थे और किशोर वय के अंत से कुछ पहले तक हांगकांग में पले-बढ़े. उनकी हांगकांग और हॉलीवुड निर्मित फ़िल्मों ने, परंपरागत हांगकांग मार्शल आर्ट फ़िल्मों को लोकप्रियता और ख्याति के एक नए स्तर पर पहुंचा दिया और पश्चिम में चीनी मार्शल आर्ट के प्रति दिलचस्पी की दूसरी प्रमुख लहर छेड़ दी। उनकी फ़िल्मों की दिशा और लहजे ने मार्शल आर्ट तथा हांगकांग के साथ-साथ बाक़ी दुनिया में मार्शल आर्ट फ़िल्मों को परिवर्तित और प्रभावित किया। वे मुख्य रूप से पांच फ़ीचर फ़िल्मों में अपने अभिनय के लिए जाने जाते हैं, लो वाई की द बिग बॉस (1971) और फ़िस्ट ऑफ़ फ़्यूरी (1972); ब्रूस ली द्वारा निर्देशित और लिखित वे ऑफ़ द ड्रैगन (1972); वार्नर ब्रदर्स की एंटर द ड्रैगन (1973), रॉबर्ट क्लाउस द्वारा निर्देशित और द गेम ऑफ़ डेथ (1978). ली एक अनुकरणीय व्यक्तित्व बन गए, विशेष रूप से चीनियों में, क्योंकि उन्होंने अपनी फिल्मों में चीनी राष्ट्रीय गौरव और चीनी राष्ट्रवाद का चित्रण किया। वे मुख्यतः चीनी मार्शल आर्ट, विशेषकर विंग चुन, का अभ्यास करते थे (लोकप्रिय पाश्चात्यीकृत शब्दावली में "कुंग फू, ") .

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ब्रेकिंग बेंजामिन

ब्रेकिंग बेंजामिन विल्क्स-बर्रे, पेन्सिल्वेनिया का एक रॉक बैंड है जिसमें वर्तमान में बेंजामिन बर्नले, ऐरॉन फ़िंक, मार्क क्लेपैस्की और चैड स्ज़ेलिगा शामिल हैं। आज तक उन्होने चार एलबम जारी किये हैं। उनके संगीत को अक्सर वैकल्पिक रॉक या पोस्ट-ग्रंज के वर्ग में रखा जाता है। .

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ब्लैक सब्बाथ

ब्लैक सब्बाथ एक अंग्रेजी रॉक बैंड है, जिसे 1968 में टोनी इयोमी (गिटार), ओजी ऑजबॉर्न (मुख्य गायक), टेरी "गीजर" बटलर (बास) और बिल वार्ड (ड्रम और तालवाद्य) ने बर्मिंघम में बनाया.

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भारतीय शैलकर्तित स्थापत्य

अजन्ता की गुफा संख्या-९ का चैत्य (५वीं शताब्दी) भारतीय शैलकर्तित स्थापत्य (Indian rock-cut architecture) विश्व में पाये जाने वाले अन्य शैलकर्तित स्थापत्यों की तुलना में बहुत अधिक विविधता लिए हुए और संख्या में बहुत अधिक है। शैलकर्तित स्थापत्य, कठोर प्राकृतिक शैलों को काट-काटकर बनाये गये मंदिरों, भवनों आदि को कहते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में पाये जाने वाले शैलकर्तित स्थापत्य मुख्यतः धार्मिक स्थापत्य है। महाबलिपुरम का गंगावतरण शैल श्रेणी:भारतीय स्थापत्य.

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भाजे

भाजे का चैत्य भाजे गुफाएँ महाराष्ट्र के पुणे जिले में लोणावला के निकट स्थित २२ गुफाओं का समूह है। ये दूसरी शताब्दी ईसापूर्व में शैल काटकर निर्मित गुफाएँ हैं। श्रेणी:भारत की गुफाएँ.

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भौतिक भूगोल

पृथ्वी के धरातल और वतावरण का रंगीन चित्र भौतिक भूगोल (Physical geography) भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसमें पृथ्वी के भौतिक स्वरूप का अध्ययन किया जाता हैं। यह धरातल पर अलग अलग जगह पायी जाने वाली भौतिक परिघटनाओं के वितरण की व्याख्या व अध्ययन करता है, साथ ही यह भूविज्ञान, मौसम विज्ञान, जन्तु विज्ञान और रसायनशास्त्र से भी जुड़ा हुआ है। इसकी कई उपशाखाएँ हैं जो विविध भौतिक परिघटनाओं की विवेचना करती हैं। .

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भौतिकी की शब्दावली

* ढाँचा (Framework).

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भू-आकृति विज्ञान

धरती की सतह भू-आकृति विज्ञान (Geomorphology) (ग्रीक: γῆ, ge, "पृथ्वी"; μορφή, morfé, "आकृति"; और λόγος, लोगोस, "अध्ययन") भू-आकृतियों और उनको आकार देने वाली प्रक्रियाओं का वैज्ञानिक अध्ययन है; तथा अधिक व्यापक रूप में, उन प्रक्रियाओं का अध्ययन है जो किसी भी ग्रह के उच्चावच और स्थलरूपों को नियंत्रित करती हैं। भू-आकृति वैज्ञानिक यह समझने की कोशिश करते हैं कि भू-दृश्य जैसे दिखते हैं वैसा दिखने के पीछे कारण क्या है, वे भू-आकृतियों के इतिहास और उनकी गतिकी को जानने का प्रयास करते हैं और भूमि अवलोकन, भौतिक परीक्षण और संख्यात्मक मॉडलिंग के एक संयोजन के माध्यम से भविष्य के बदलावों का पूर्वानुमान करते हैं। भू-आकृति विज्ञान का अध्ययन भूगोल, भूविज्ञान, भूगणित, इंजीनियरिंग भूविज्ञान, पुरातत्व और भू-तकनीकी इंजीनियरिंग में किया जाता है और रूचि का यह व्यापक आधार इस विषय के तहत अनुसंधान शैली और रुचियों की व्यापक विविधता को उत्पन्न करता है। पृथ्वी की सतह, प्राकृतिक और मानवोद्भव विज्ञान सम्बन्धी प्रक्रियाओं के संयोजन की प्रतिक्रिया स्वरूप विकास करती है और सामग्री जोड़ने वाली और उसे हटाने वाली प्रक्रियाओं के बीच संतुलन के साथ जवाब देती है। ऐसी प्रक्रियाएं स्थान और समय के विभिन्न पैमानों पर कार्य कर सकती हैं। सर्वाधिक व्यापक पैमाने पर, भू-दृश्य का निर्माण विवर्तनिक उत्थान और ज्वालामुखी के माध्यम से होता है। अनाच्छादन, कटाव और व्यापक बर्बादी से होता है, जो ऐसे तलछट का निर्माण करता है जिसका परिवहन और जमाव भू-दृश्य के भीतर या तट से दूर कहीं अन्य स्थान पर हो जाता है। उत्तरोत्तर छोटे पैमाने पर, इसी तरह की अवधारणा लागू होती है, जहां इकाई भू-आकृतियां योगशील (विवर्तनिक या तलछटी) और घटाव प्रक्रियाओं (कटाव) के संतुलन के जवाब में विकसित होती हैं। आधुनिक भू-आकृति विज्ञान, किसी ग्रह के सतह पर सामग्री के प्रवाह के अपसरण का अध्ययन है और इसलिए तलछट विज्ञान के साथ निकट रूप से संबद्ध है, जिसे समान रूप से उस प्रवाह के अभिसरण के रूप में देखा जा सकता है। भू-आकृतिक प्रक्रियाएं विवर्तनिकी, जलवायु, पारिस्थितिकी, और मानव गतिविधियों से प्रभावित होती हैं और समान रूप से इनमें से कई कारक धरती की सतह पर चल रहे विकास से प्रभावित हो सकते हैं, उदाहरण के लिए, आइसोस्टेसी या पर्वतीय वर्षण के माध्यम से। कई भू-आकृति विज्ञानी, भू-आकृतिक प्रक्रियाओं की मध्यस्थता वाले जलवायु और विवर्तनिकी के बीच प्रतिपुष्टि की संभावना में विशेष रुचि लेते हैं। भू-आकृति विज्ञान के व्यावहारिक अनुप्रयोग में शामिल है संकट आकलन जिसमें शामिल है भूस्खलन पूर्वानुमान और शमन, नदी नियंत्रण और पुनर्स्थापना और तटीय संरक्षण। .

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भूरसायन

१८वीं शताब्दी से २०वीं शताब्दी तह समुद्र की सतह के pH मेम परिवर्तन का मानचित्र भूरासायनिक चक्र का योजनामूलक निरूपण भूरसायन (Geochemistry) पृथ्वी तथा उसके अवयवों के रसायन से संबंधित विज्ञान है। भू-रसायन पृथ्वी में रासायनिक तत्वों के आकाश तथा काल (time and space) में वितरण तथा अभिगमन के कार्य से संबद्ध है। नवीन खोजों की ओर अग्रसर होते हुए कुछ भू-विज्ञानियों तथा रसायनज्ञों ने नूतन विज्ञान भू-रसायन को जन्म दिया। .

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भूस्तम्भ

शुष्क प्रदेशों में जहां पर असंगठित तथा कोमल शैल के ऊपर तथा प्रतिरोधी शैल का आवरण होता हैं, वहां पर इस आवरण के कारण नीचे की कोमल शैल का अपरदन नहीं हो पाता हैं, क्योंकि ऊपरी कठोर शैल के आवरण से निचली कोमल शैल को संरक्षण प्राप्त होता हैं। परन्तु समीपी कोमल चट्टान का अपरदन होता रहता हैं, जिस कारण अगल-बगल की शैल कट जाती हैं और कठोर शैल के आवरण वाला भाग एक स्तम्भ के रूप में सतह पर दिखाई पडता हैं। इसे भूस्तम्भ कहते हैं। श्रेणी:पवन द्वारा उत्पन्न स्थलाकृति श्रेणी:पवन द्वारा अपरदनात्मक स्थलरुप.

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भूजल

भूजल (अंग्रेजी: Groundwater) या भूगर्भिक जल धरती की सतह के नीचे चट्टानों के कणों के बीच के अंतरकाश या रन्ध्राकाश में मौजूद जल को कहते हैं। सामान्यतः जब धरातलीय जल से अंतर दिखाने के लिये इस शब्द का प्रयोग सतह से नीचे स्थित जल (अंग्रेजी: Sub-surface water या Subsurface water) के रूप में होता है तो इसमें मृदा जल को भी शामिल कर लिया जाता है। हालाँकि, यह मृदा जल से अलग होता है जो केवल सतह से नीचे कुछ ही गहराई में मिट्टी में मौज़ूद जल को कहते हैं। भूजल एक मीठे पानी के स्रोत के रूप में एक प्राकृतिक संसाधन है। मानव के लिये जल की प्राप्ति का एक प्रमुख स्रोत भूजल के अंतर्गत आने वाले जलभरे अंग्रेजी: Aquifers) हैं जिनसे कुओं और नलकूपों द्वारा पानी निकाला जाता है। जो भूजल पृथ्वी के अन्दर अत्यधिक गहराई तक रिसकर प्रविष्ट हो चुका है और मनुष्य द्वारा वर्तमान तकनीक का सहारा लेकर नहीं निकला जा सकता या आर्थिक रूप से उसमें उपयोगिता से ज्यादा खर्च आयेगा, वह जल संसाधन का भाग नहीं है। संसाधन केवल वहीं हैं जिनके दोहन की संभावना प्रबल और आर्थिक रूप से लाभकार हो। अत्यधिक गहराई में स्थित भूजल को जीवाश्म जल या फोसिल वाटर कहते हैं। .

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भूविज्ञान

पृथ्वी के भूवैज्ञनिक क्षेत्र पृथ्वी से सम्बंधित ज्ञान ही भूविज्ञान कहलाता है।भूविज्ञान या भौमिकी (Geology) वह विज्ञान है जिसमें ठोस पृथ्वी का निर्माण करने वाली शैलों तथा उन प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है जिनसे शैलों, भूपर्पटी और स्थलरूपों का विकास होता है। इसके अंतर्गत पृथ्वी संबंधी अनेकानेक विषय आ जाते हैं जैसे, खनिज शास्त्र, तलछट विज्ञान, भूमापन और खनन इंजीनियरी इत्यादि। इसके अध्ययन बिषयों में से एक मुख्य प्रकरण उन क्रियाओं की विवेचना है जो चिरंतन काल से भूगर्भ में होती चली आ रही हैं एवं जिनके फलस्वरूप भूपृष्ठ का रूप निरंतर परिवर्तित होता रहता है, यद्यपि उसकी गति साधारणतया बहुत ही मंद होती है। अन्य प्रकरणों में पृथ्वी की आयु, भूगर्भ, ज्वालामुखी क्रिया, भूसंचलन, भूकंप और पर्वतनिर्माण, महादेशीय विस्थापन, भौमिकीय काल में जलवायु परिवर्तन तथा हिम युग विशेष उल्लेखनीय हैं। भूविज्ञान में पृथ्वी की उत्पत्ति, उसकी संरचना तथा उसके संघटन एवं शैलों द्वारा व्यक्त उसके इतिहास की विवेचना की जाती है। यह विज्ञान उन प्रक्रमों पर भी प्रकाश डालता है जिनसे शैलों में परिवर्तन आते रहते हैं। इसमें अभिनव जीवों के साथ प्रागैतिहासिक जीवों का संबंध तथा उनकी उत्पत्ति और उनके विकास का अध्ययन भी सम्मिलित है। इसके अंतर्गत पृथ्वी के संघटक पदार्थों, उन पर क्रियाशील शक्तियों तथा उनसे उत्पन्न संरचनाओं, भूपटल की शैलों के वितरण, पृथ्वी के इतिहास (भूवैज्ञानिक कालों) आदि के अध्ययन को सम्मिलित किया जाता है। .

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भूवैज्ञानिक

भूवैज्ञानिक एक प्रकार के विज्ञान में अध्ययनरत व्यक्ति हैं जो पृथ्वी की चट्टानों और आतंरिक संरचना के विविध पहलुओं का अध्ययन करते हैं। संक्षेप में ये वे लोग हैं जो भूविज्ञान का अध्ययन करते हैं। .

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भूगोल

पृथ्वी का मानचित्र भूगोल (Geography) वह शास्त्र है जिसके द्वारा पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप और उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन आदि) का ज्ञान होता है। प्राकृतिक विज्ञानों के निष्कर्षों के बीच कार्य-कारण संबंध स्थापित करते हुए पृथ्वीतल की विभिन्नताओं का मानवीय दृष्टिकोण से अध्ययन ही भूगोल का सार तत्व है। पृथ्वी की सतह पर जो स्थान विशेष हैं उनकी समताओं तथा विषमताओं का कारण और उनका स्पष्टीकरण भूगोल का निजी क्षेत्र है। भूगोल शब्द दो शब्दों भू यानि पृथ्वी और गोल से मिलकर बना है। भूगोल एक ओर अन्य शृंखलाबद्ध विज्ञानों से प्राप्त ज्ञान का उपयोग उस सीमा तक करता है जहाँ तक वह घटनाओं और विश्लेषणों की समीक्षा तथा उनके संबंधों के यथासंभव समुचित समन्वय करने में सहायक होता है। दूसरी ओर अन्य विज्ञानों से प्राप्त जिस ज्ञान का उपयोग भूगोल करता है, उसमें अनेक व्युत्पत्तिक धारणाएँ एवं निर्धारित वर्गीकरण होते हैं। यदि ये धारणाएँ और वर्गीकरण भौगोलिक उद्देश्यों के लिये उपयोगी न हों, तो भूगोल को निजी व्युत्पत्तिक धारणाएँ तथा वर्गीकरण की प्रणाली विकसित करनी होती है। अत: भूगोल मानवीय ज्ञान की वृद्धि में तीन प्रकार से सहायक होता है: सर्वप्रथम प्राचीन यूनानी विद्वान इरैटोस्थनिज़ ने भूगोल को धरातल के एक विशिष्टविज्ञान के रूप में मान्यता दी। इसके बाद हिरोडोटस तथा रोमन विद्वान स्ट्रैबो तथा क्लाडियस टॉलमी ने भूगोल को सुनिइतिहासश्चित स्वरुप प्रदान किया। इस प्रकार भूगोल में 'कहाँ' 'कैसे 'कब' 'क्यों' व 'कितनें' प्रश्नों की उचित वयाख्या की जाती हैं। .

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भूकालानुक्रम

धरती के इतिहास की प्रमुख घटनाओं का योजनामूलक चित्रण शैलों, जीवाश्मों, तथा अवसादों की आयु निर्धारित करने वाला विज्ञान भूकालानुक्रम (Geochronology) कहलाता है। .

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महाद्वीपीय विस्थापन

करोड़ों वर्षों तक चल रहे महाद्वीपीय प्रवाह से अंध महासागर खुलकर विस्तृत हो गया महाद्वीपीय विस्थापन (Continental drift) पृथ्वी के महाद्वीपों के एक-दूसरे के सम्बन्ध में हिलने को कहते हैं। यदि करोड़ों वर्षों के भौगोलिक युगों में देखा जाए तो प्रतीत होता है कि महाद्वीप और उनके अंश समुद्र के फ़र्श पर टिके हुए हैं और किसी-न-किसी दिशा में बह रहे हैं। महाद्वीपों के बहने की अवधारणा सबसे पहले १५९६ में डच वैज्ञानिक अब्राहम ओरटेलियस​ ने प्रकट की थी लेकिन १९१२ में जर्मन भूवैज्ञानिक ऐल्फ़्रेड वेगेनर​ ने स्वतन्त्र अध्ययन से इसका विकसित रूप प्रस्तुत किया। आगे चलकर प्लेट विवर्तनिकी का सिद्धांत विकसित हुआ जो महाद्वीपों की चाल को महाद्वीपीय प्रवाह से अधिक अच्छी तरह समझा पाया।, Wallace Gary Ernst, pp.

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मिट्टी के प्रकार

विभिन्न प्रकार की मृदा कणों (texture) के आधार पर मिट्टी को कई वर्गों में बांटा जा सकता है। मिट्टी के किसी नमूने में उपस्थित विभिन्न खनिज-कणों के आकार के आधार बनाकर यह वर्गीकरण किया जाता है। मिट्टी के मुख्य घटक हैं- महीन पिसे हुए शैल-कण, मृत्तिका (क्ले), जैविक पदार्थ (जैसे विघटित रूप में पौधों के भाग)आदि। .

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मृदा

पृथ्वी ऊपरी सतह पर मोटे, मध्यम और बारीक कार्बनिक तथा अकार्बनिक मिश्रित कणों को मृदा (मिट्टी / soil) कहते हैं। ऊपरी सतह पर से मिट्टी हटाने पर प्राय: चट्टान (शैल) पाई जाती है। कभी कभी थोड़ी गहराई पर ही चट्टान मिल जाती है। 'मृदा विज्ञान' (Pedology) भौतिक भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसमें मृदा के निर्माण, उसकी विशेषताओं एवं धरातल पर उसके वितरण का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता हैं। पृथऽवी की ऊपरी सतह के कणों को ही (छोटे या बडे) soil कहा जाता है .

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रन्ध्राकाश

रन्ध्राकाश अथवा रन्ध्राकाशता किसी ठोस पदार्थ, जैसे कि चट्टान या मिट्टी, के कणों के बीच की खाली जगह को कहते हैं। यह भूजल के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण कारक है और पानी के लिये चट्टानों की पारगम्यता इसी रंध्राकाश की मात्रा के ऊपर निर्भर होती है। किसी चट्टान संस्तर के के रूप में स्थापिईत होने के लिये यह आवश्यक है कि उसकी पारगम्यता और रंध्रावकाश दोनों अधिक हों। सतह के समीप के मण्डल में मृदा जल इसी मृदा के अन्दर पाए जाने वाले रन्ध्राकाश में स्थित होता है। .

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रायोलाइट

एक पोर्फिरी रायोलाइट शैल रायोलाइट (Rhyolite) एक आग्नेय शैल है। .

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रोहतास दुर्ग

रोहतासगढ़ दुर्ग या रोहतास दुर्ग, बिहार के रोहतास जिले में स्थित एक प्राचीन दुर्ग है। यह भारत के सबसे प्राचीन दुर्गों में से एक है। यह बिहार के रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम से लगभग 55 और डेहरी आन सोन से 43 किलोमीटर की दूरी पर सोन नदी के बहाव वाली दिशा में पहाड़ी पर स्थित है। यह समुद्र तल से 1500 मीटर ऊँचा है। कहा जाता है कि इस प्राचीन और मजबूत किले का निर्माण त्रेता युग में अयोध्या के सूर्यवंशी राजा त्रिशंकु के पौत्र व राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने कराया था। बहुत दिनों तक यह हिन्दू राजाओं के अधिकार में रहा, लेकिन 16वीं सदी में मुसलमानों के अधिकार में चला गया और अनेक वर्षों तक उनके अधीन रहा। इतिहासकारों का मत है कि किले की चारदीवारी का निर्माण शेरशाह ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से कराया था, ताकि कोई किले पर हमला न कर सके। बताया जाता है कि स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई (1857) के समय अमर सिंह ने यहीं से अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का संचालन किया था। रोहतास गढ़ का किला काफी भव्य है। किले का घेरा ४५ किमी तक फैला हुआ है। इसमें कुल 83 दरवाजे हैं, जिनमें मुख्य चार- घोड़ाघाट, राजघाट, कठौतिया घाट व मेढ़ा घाट हैं। प्रवेश द्वार पर निर्मित हाथी, दरवाजों के बुर्ज, दीवारों पर पेंटिंग अद्भुत है। रंगमहल, शीश महल, पंचमहल, खूंटा महल, आइना महल, रानी का झरोखा, मानसिंह की कचहरी आज भी मौजूद हैं। परिसर में अनेक इमारतें हैं जिनकी भव्यता देखी जा सकती है। .

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लिम्प बिज़किट

लिम्प बिज़किट जैक्सन-विले, फ्लोरिडा का अमेरिकन रॉक बैंड है। बैंड में फ्रैड डर्स्ट (मुख्य गायक), वेस बोर्लेन्ड (गिटार), सैम रिवर्ज़ (बास), जान ओटो (ड्रमज़) तथा डी जे लीथल शामिल हैं। लिम्प बिज़किट को तीन ग्रेमी पुरस्कारों के लिये नामित किया गया है तथा इसने कई अन्य पुरस्कार जीते है। बैंड ने विश्वभर में लगभग 35 मिलियन एलबम विक्रय किये हैं। 1995 में स्थापित होने के बाद बैंड ने मुख्य धारा की सफलता 1999 में जारी अपने दूसरे स्टूडियो एलबम सिग्निफिकेन्ट अदर के साथ ही प्राप्त की.

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लौह अयस्क

हैमेताईट: ब्राजील की खानों में मुख्य लौह अयस्क लौह अयस्क के छर्रों के इस ढेर का उपयोग इस्पात के उत्पादन में किया जाएगा। लौह अयस्क (Iron ores) वे चट्टानें और खनिज हैं जिनसे धात्विक लौह (iron) का आर्थिक निष्कर्षण किया जा सकता है। इन अयस्कों में आमतौर पर आयरन (लौह या iron) ऑक्साइडों की बहुत अधिक मात्रा होती है और इनका रंग गहरे धूसर से लेकर, चमकीला पीला, गहरा बैंगनी और जंग जैसा लाल तक हो सकता है। लौह आमतौर पर मेग्नेटाईट (magnetite), हैमेटाईट (hematite), जोईथाईट (goethite), लिमोनाईट (limonite), या सिडेराईट (siderite), के रूप में पाया जाता है। हैमेटाईट को "प्राकृतिक अयस्क" भी कहा जाता है। यह नाम खनन के प्रारम्भिक वर्षों से सम्बंधित है, जब हैमेटाईट के विशिष्ट अयस्कों में 66% लौह होता था और इन्हें सीधे लौह बनाने वाली ब्लास्ट फरनेंस (एक विशेष प्रकार की भट्टी जिसका उपयोग धातुओं के निष्कर्षण में किया जाता है) में डाल दिया जाता था। लौह अयस्क कच्चा माल है, जिसका उपयोग पिग आयरन (ढलवां लोहा) बनाने के लिए किया जाता है, जो इस्पात (स्टील) बनाने के लिए बनाने में काम आता है। वास्तव में, यह तर्क दिया गया है कि लौह अयस्क "संभवतया तेल को छोड़कर, किसी भी अन्य वस्तु की तुलना में वैश्विक अर्थव्यवस्था का अधिक अभिन्न अंग है।" .

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लैटेराइट मृदा

भारत के अंगदिपुरम में लैटेराइट की खुली खान लैटेराइट मृदा या 'लैटेराइट मिट्टी'(Laterite) का निर्माण ऐसे भागों में हुआ है, जहाँ शुष्क व तर मौसम बार-बारी से होता है। यह लेटेराइट चट्टानों की टूट-फूट से बनती है। यह मिट्टी चौरस उच्च भूमियों पर मिलती है। इस मिट्टी में लोहा, ऐल्युमिनियम और चूना अधिक होता है। गहरी लेटेराइट मिट्टी में लोहा ऑक्साइड और पोटाश की मात्रा अधिक होती है। लौह आक्साइड की उपस्थिति के कारण प्रायः सभी लैटराइट मृदाएँ जंग के रंग की या लालापन लिए हुए होती हैं। लैटराइट मिट्टी चावल, कपास, गेहूँ, दाल, मोटे अनाज, सिनकोना, चाय, कहवा आदि फसलों के लिए उपयोगी है। लैटराइट मिट्टी वाले क्षेत्र अधिकांशतः कर्क रेखा तथा मकर रेखा के बीच में स्थित हैं। भारत में लैटेराइट मिट्टी तमिलनाडु के पहाड़ी भागों और निचले क्षेत्रों, कर्नाटक के कुर्ग जिले, केरल राज्य के चौडे समुद्री तट, महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले, पश्चिमी बंगाल के बेसाइट और ग्रेनाइट पहाड़ियों के बीच तथा उड़ीसा के पठार के ऊपरी भागों में मिलती है। .

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शैल लक्षण

शैल लक्षण (lithology) भूविज्ञान की वह शाखा है जिसमें शैलों के दानों का आकार, कण-आकार तथा भौतिक एवं रासायनिक गुणों आदि का अध्ययन किया जाता है। श्रेणी:भूविज्ञान.

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शैल स्फोटन

छेद में ए एन एफ ओ भरी जा रही है। विस्फोटकों की सहायता से चट्टानों या इसी प्रकार के कठोर पदार्थों के तोड़ने फोड़ने की प्रक्रिया को शैल स्फोटन या चट्टान स्फोटन (Rock blasting) कहते हैं। विस्फोटन से बड़ी मात्रा में उच्च ताप पर गैसें बनती हैं जिससे अकस्मात् इतना तनाव उत्पन्न होता है कि वह पदार्थों के बीच प्रतिरोध हटाकर उन्हें छिन्न-भिन्न कर देता है। विस्फोटक के रूप में साधारणतया बारूद, कार्डाइट, डाइनेमाइट और बारूदी रूई (gun cotton) प्रयुक्त होते है। विस्फोटकों के उपयोग से पूर्व छेनी और हथौड़े से चट्टानें तोड़ी जाती थीं। यह बहुत परिश्रमसाध्य होता था। चट्टानों पर आग लगाकर गर्म कर ठंढा करने से चट्टानें विर्दीर्ण होकर टूटती थीं। तप्त चट्टानों पर पानी डालकर भी चट्टानों को चिटकाते थे। .

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शैल-भित्ति

एक द्वीप के चारों ओर एक शैल-भित्ति समुद्री शब्दावली में, एक शैल-भित्ति या रीफ़ एक चट्टान, रेती या पानी की सतह के नीचे उपस्थित अन्य कोई संरचना है। बहुत सी शैल-भित्तियां अजैविक प्रक्रियाओं जैसे कि रेत के जमाव, लहरों द्वारा चट्टानों के कटाव आदि के द्वारा निर्मित होती हैं लेकिन इनका सबसे उत्तम उदाहरण उष्णकटिबंधीय समुद्रों में जैविक प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित प्रवाल-भित्तियां है जो मृत मूंगों (प्रवाल) और चूनेदार शैवालों से बनती है। .

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शैलविज्ञान

शैलविज्ञान (Petrology) शैलों का, अर्थात् जिन निश्चित इकाइयों से पृथ्वी न्यूनाधिक निर्मित है उनका, अध्ययन है। .

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संयंत्र सेल

संयंत्र सेल संरचना वनस्पति कोशिकाएं सुकेन्द्रिक कोशिकाएं हैं जो अन्य यूकार्योटिक जीवों की कोशिकाओं से कई महत्वपूर्ण तरीकों से भिन्न होती हैं। उनके विशिष्ट गुण निम्न प्रकार हैं -.

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संरचना-भूविज्ञान

शैलों के विरूपण इतिहास के सन्दर्भ में शैल-इकाइयों के त्रिविमीय वितरण के अध्ययन को संरचना-भूविज्ञान (Structural geology) कहा जाता है। श्रेणी:भूविज्ञान श्रेणी:संरचनात्मक भूविज्ञान.

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स्तरिकी

अर्जेंटीना में भूवैज्ञानिक तबके साइप्रस में एक चट्टान में चाक की परतें स्तरित शैलविज्ञान या स्तरिकी (Stratigraphy) भौमिकी की वह यह शाखा है जिसके अंतर्गत पृथ्वी के शैलसमूहों, खनिजों और पृथ्वी पर पाए जानेवाले जीव-जंतुओं का अध्ययन होता है। पृथ्वी के धरातल पर उसके प्रारम्भ से लेकर अब तक हुए विभिन्न परिवर्तनों के विषय में स्तरित शैलविज्ञान हमें जानकारी प्रदान करता है। शैलों और खनिजों के अध्ययन के लिए स्तरिकी, शैलविज्ञान (petrology) की सहायता लेता है और जीवाश्म अवशेषों के अध्ययन में पुराजीवविज्ञान की। स्तरित शैलविज्ञान के अध्ययन का ध्येय पृथ्वी के विकास और इतिहास के विषय में ज्ञान प्राप्त करना है। स्तरित शैलविज्ञान न केवल पृथ्वी के धरातल पर पाए जानेवाले शैलसमूहों के विषय में ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि यह पुरातन भूगोल, जलवायु और जीव जंतुओं की भी एक झलक प्रदान करता है और हम स्तरित शैलविज्ञान को पृथ्वी के इतिहास का एक विवरण कह सकते हैं। स्तरित शैलविज्ञान को कभी कभी ऐतिहासिक भौमिकी (हिस्टोरिकल जिओलोजी) भी कहते हैं जो वास्तव में स्तरित शैलविज्ञान की एक शाखा मात्र है। इतिहास में पिछली घटनाओं का एक क्रमवार विवरण होता है; पर स्तरित शैलविज्ञान पुरातन भूगोल और विकास पर भी प्रकाश डालता है। प्राणिविज्ञानी (Zoologist), जीवों के पूर्वजों के विषय में स्तरित शैलविज्ञान पर निर्भर हैं। वनस्पतिविज्ञानी (Botanist) भी पुराने पौधों के विषय में अपना ज्ञान स्तरित शैलविज्ञान से प्राप्त करते हैं। यदि स्तरित शैलविज्ञान न होता तो भूआकृतिविज्ञानी (geomorphologists) का ज्ञान भी पृथ्वी के आधुनिक रूप तक ही सीमित रहता। शिल्पवैज्ञानिक (Technologists) को भी स्तरित शैलविज्ञान के ज्ञान के बिना अँधेरे में ही कदम उठाने पड़ते। इस प्रकार स्तरित शैलविज्ञान बहुत ही विस्तृत विज्ञान है जो शैलों और खनिजों तक ही सीमित नहीं वरन् अपनी परिधि में उन सभी विषयों को समेट लेता है जिनका संबंध पृथ्वी से है। .

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स्थलीय ग्रह

सीरीस (बौना ग्रह)। स्थलीय ग्रह या चट्टानी ग्रह मुख्य रूप से सिलिकेट शैल अथवा धातुओ से बना हुआ ग्रह होता है। हमारे सौर मण्डल में स्थलीय ग्रह, सूर्य के सबसे निकटतम, आंतरिक ग्रह है। स्थलीय ग्रह अपनी ठोस सतह की वजह से गैस दानवों से काफी अलग होते हैं, जो कि मुख्यतः हाइड्रोजन, हीलियम और विभिन्न प्रावस्थाओ में मौजूद पानी के मिश्रण से बने होते हैं। .

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सौर मण्डल

सौर मंडल में सूर्य और वह खगोलीय पिंड सम्मलित हैं, जो इस मंडल में एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हैं। किसी तारे के इर्द गिर्द परिक्रमा करते हुई उन खगोलीय वस्तुओं के समूह को ग्रहीय मण्डल कहा जाता है जो अन्य तारे न हों, जैसे की ग्रह, बौने ग्रह, प्राकृतिक उपग्रह, क्षुद्रग्रह, उल्का, धूमकेतु और खगोलीय धूल। हमारे सूरज और उसके ग्रहीय मण्डल को मिलाकर हमारा सौर मण्डल बनता है। इन पिंडों में आठ ग्रह, उनके 166 ज्ञात उपग्रह, पाँच बौने ग्रह और अरबों छोटे पिंड शामिल हैं। इन छोटे पिंडों में क्षुद्रग्रह, बर्फ़ीला काइपर घेरा के पिंड, धूमकेतु, उल्कायें और ग्रहों के बीच की धूल शामिल हैं। सौर मंडल के चार छोटे आंतरिक ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ग्रह जिन्हें स्थलीय ग्रह कहा जाता है, मुख्यतया पत्थर और धातु से बने हैं। और इसमें क्षुद्रग्रह घेरा, चार विशाल गैस से बने बाहरी गैस दानव ग्रह, काइपर घेरा और बिखरा चक्र शामिल हैं। काल्पनिक और्ट बादल भी सनदी क्षेत्रों से लगभग एक हजार गुना दूरी से परे मौजूद हो सकता है। सूर्य से होने वाला प्लाज़्मा का प्रवाह (सौर हवा) सौर मंडल को भेदता है। यह तारे के बीच के माध्यम में एक बुलबुला बनाता है जिसे हेलिओमंडल कहते हैं, जो इससे बाहर फैल कर बिखरी हुई तश्तरी के बीच तक जाता है। .

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हल्क होगन

टेरी ज़ीन बोलिआ (जन्म 11 अगस्त 1953), जो अपने रिंग नाम हल्क होगन द्वारा बेहतर जाने जाते हैं, एक पेशेवर पहलवान हैं, जो अभी टोटल नॉन स्टॉप ऐक्शन रेस्लिंग के साथ अनुबंधित हैं। होगन को 1980 के दशक के मध्य से 1990 के दशक के प्रारंभ तक वर्ल्ड रेस्लिंग फ़ेडरेशन (WWF-अब वर्ल्ड रेस्लिंग एन्टरटेन्मेंट) में संपूर्ण अमरीकी, श्रमजीवी समुदाय के नायक चरित्र हल्क होगन के रूप में अमरीकी मुख्यधारा में लोकप्रियता हासिल हुई और 1990 के दशक के मध्य-से-अंत तक वे केविन नैश और स्कॉट हॉल के साथ वर्ल्ड चैंपियनशिप रेस्लिंग (WCW) में "हॉलीवुड" होगन, खलनायक nWo नेता, के रूप में प्रसिद्ध थे। WCW की समाप्ति के बाद उन्होंने 2000 के दशक के प्रारंभ में अपनी दो सर्वाधिक प्रसिद्ध छवियों के तत्वों को संयोजित करके अपने वीरतापूर्ण चरित्र को दोहराते हुए WWE में एक संक्षिप्त वापसी की। बाद में 2005 में होगन को WWE के हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया और वे बारह बार विश्व हेवीवेट विजेता: छः बार WWF/E विजेता व छः बारWCW विश्व हेवीवेट विजेता और साथ ही एज के साथ पूर्व विश्व टैग टीम विजेता रहे हैं। वे 1990 और 1991 में रॉयल रम्बल के विजेता भी रहे हैं और वे लगातार दो रॉयल रम्बल जीतने वाले पहले व्यक्ति हैं। .

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जल निकासी

न्यू साउथ वेल्स में एक सिडनी नाली की अत्यंत गहराई में किसी क्षेत्र की सतह या उप-सतह के पानी को प्राकृतिक या कृत्रिम ढंग से हटाना जल निकासी कहलाता है। कृषि भूमि के उत्पादन को सुधारने या पानी की आपूर्ति के प्रबंधन के लिए जल निकासी की आवश्यकता पड़ती है। .

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जल संसाधन

जल संसाधन पानी के वह स्रोत हैं जो मानव के लिए उपयोगी हों या जिनके उपयोग की संभावना हो। पानी के उपयोगों में शामिल हैं कृषि, औद्योगिक, घरेलू, मनोरंजन हेतु और पर्यावरणीय गतिविधियों में। वस्तुतः इन सभी मानवीय उपयोगों में से ज्यादातर में ताजे जल की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर पानी की कुल उपलब्ध मात्रा अथवा भण्डार को जलमण्डल कहते हैं। पृथ्वी के इस जलमण्डल का ९७.५% भाग समुद्रों में खारे जल के रूप में है और केवल २.५% ही मीठा पानी है, उसका भी दो तिहाई हिस्सा हिमनद और ध्रुवीय क्षेत्रों में हिम चादरों और हिम टोपियों के रूप में जमा है। शेष पिघला हुआ मीठा पानी मुख्यतः जल के रूप में पाया जाता है, जिस का केवल एक छोटा सा भाग भूमि के ऊपर धरातलीय जल के रूप में या हवा में वायुमण्डलीय जल के रूप में है। मीठा पानी एक नवीकरणीय संसाधन है क्योंकि जल चक्र में प्राकृतिक रूप से इसका शुद्धीकरण होता रहता है, फिर भी विश्व के स्वच्छ पानी की पर्याप्तता लगातार गिर रही है दुनिया के कई हिस्सों में पानी की मांग पहले से ही आपूर्ति से अधिक है और जैसे-जैसे विश्व में जनसंख्या में अभूतपूर्व दर से वृद्धि हो रही हैं, निकट भविष्य मैं इस असंतुलन का अनुभव बढ़ने की उम्मीद है। पानी के प्रयोक्ताओं के लिए जल संसाधनों के आवंटन के लिए फ्रेमवर्क (जहाँ इस तरह की एक फ्रेमवर्क मौजूद है) जल अधिकार के रूप में जाना जाता है। आज जल संसाधन की कमी, इसके अवनयन और इससे संबंधित तनाव और संघर्ष विश्वराजनीति और राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। जल विवाद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण विषय बन चुके हैं। .

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जलभर

जलभर, जलभृत अथवा जलभरा (Aquifer) धरातल की सतह के नीचे चट्टानों का एक ऐसा संस्तर है जहाँ भूजल एकत्रित होता है और मनुष्य द्वारा नलकूपों से निकालने योग्य अनुकूल दशाओं में होता है। वैसे तो जल स्तर के नीचे की सारी चट्टानों में पानी उनके रन्ध्राकाश में अवश्य उपस्थित होता है लेकिन यह जरूरी नहीं कि उसे मानव उपयोग के लिये निकाला भी जा सके। जलभरे ऐसी चट्टानों के संस्तर हैं जिनमें रन्ध्राकाश बड़े होते हैं जिससे पानी की ज्यादा मात्रा इकठ्ठा हो सकती है तथा साथ ही इनमें पारगम्यता ज्यादा होती है जिससे पानी का संचरण एक जगह से दूसरी जगह को तेजी से होता है। सामन्यतय जलभर के लिये एक और दशा का होना आवश्यक है और वह है इस उच्च पारगम्य संस्तर के ठीक नीचे एक अपारगम्य जलरोधी शैल (Aquiclude) संस्तर की उपस्थिति। अतः जलभर ज्यादातर ऐसी बलुआ पत्थर चट्टानों में पाए जाते हैं जिनके नीचे शेल या सिल्टस्टोन की परत पायी जाती हो। जलभर को इस अपारगम्य जलरोधी परत की उपस्थिति के आधार पर प्रकारों में बाँटा जाता है - मुक्त जलभर (Unconfined aquifer) और संरोधित जलभर (Confined aquifer)। संरोधित जलभर वे हैं जिनमें ऊपर और नीचे दोनों तरफ जलरोधी संस्तर पाया जाता है और इनके रिचार्ज क्षेत्र दूसरे ऊँचाई वाले भागों में होते हैं। इन्ही संरोधित जलभरों में उत्स्रुत कूप (Artesian wells) भी पाए जाते हैं। जलभर की अन्य कई भौतिक विशेषताएँ होती हैं।जलभर के वर्गीकरण का एक और आधार है हाईड्रोलिक कंडक्टिविटी की दिशा। इसके आधार पर इन्हें समप्राय और असमप्राय जलभर में विभाजित किया जाता है। जलभरों में जल का धीमा किन्तु निरंतर प्रवाह होता रहता है जिसे अधोप्रवाह (underflow) कहते है। .

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जिम मॉरिसन

जेम्स डगलस "जिम" मॉरिसन (8 दिसम्बर 1943 - 3 जुलाई 1971) एक अमेरिकी गायक, गीतकार, कवि, लेखक और फिल्म निर्माता थे। वे द डोर्स के प्रमुख गायक और गीतकार के रूप में सबसे अधिक जाने जाते हैं और उन्हें व्यापक रूप से रॉक संगीत के इतिहास में सबसे करिश्माई अगुआ व्यक्तियों में से एक माना जाता है।"देखे उदाहरण., मॉरिसन पोएम बैक्स क्लाइमेट प्ले", BBC न्यूज़, 31 जनवरी 2007.

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जेम्स ब्लंट

जेम्स ब्लंट, (जन्मतः जेम्स हिलियर ब्लॉन्ट; 22 फ़रवरी 1974 को जन्मे) ग्रैमी एवार्ड के लिये नामांकित अंग्रेज़ गायक-गीतकार द्वारा अपनाया गया स्टेज नेम (मंच नाम) है। अपने पहले एल्बम बैक टू बेडलैम ' और "यू'आर ब्यूटीफुल" तथा "गुडबाय माय लवर" जैसे गानों के रिलीज होने के साथ 2005 में उन्हें प्रसिद्धि प्राप्त हुई.

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जीवाश्मविज्ञान

जीवाश्मिकी या जीवाश्म विज्ञान या पैलेन्टोलॉजी (Paleontology), भौमिकी की वह शाखा है जिसका संबंध भौमिकीय युगों के उन प्राणियों और पादपों के अवशेषों से है जो अब भूपर्पटी के शैलों में ही पाए जाते हैं। जीवाश्मिकी की परिभाषा देते हुए ट्वेब होफ़ेल और आक ने लिखा है: जीवाश्मिकी वह विज्ञान है, जो आदिम पौधें तथा जंतुओं के अश्मीभूत अवशेषों द्वारा प्रकट भूतकालीन भूगर्भिक युगों के जीवनकी व्याख्या करता है। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि जीवाश्म विज्ञान आदिकालीन जीवजंतुओं का, उने अश्मीभूत अवशेषों के आधार पर अध्ययन करता है। जीवाश्म शब्द से ही यह इंगित होता है कि जीव + अश्म (अश्मीभूत जीव) का अध्ययन है। अँग्रेजी का Palaentology शब्द भी Palaios .

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विशाल दादलानी

विशाल दादलानी एक भारतीय गायक,म्यूज़िक रिकॉर्ड निर्माता, रचनाकार है। अब तक विशाल दादलानी लगभग ३०० से ४०० गाने जा चुके है। इनका जन्म मुम्बई में सन २८ जून १९७३ को हुआ था। इन्हें बचपन से ही संगीत से विशेष लगाव था इस कारण इनके माता-पिता भी बहुत प्रेम करते थे। विशाल का जन्म एक सिंधी परिवार में हुआ था जो मुम्बई महाराष्ट्र में रहते थे। ये एक स्वयं सीखे संगीतकार है और ये रॉक,इलेक्ट्रॉनिका तथा हिप-हॉप शैली में गायन करते हैं। इन्होंने अपनी शिक्षा हिल ग्रेंज हाई स्कूल से शुरू की थी .

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गन्स एण्ड रोज़ेज़

गन्स एण्ड रोज़ेज़ (जिसे कभी-कभी संक्षेप में GN'R या GnR भी कहा/लिखा जाता है) एक अमेरिकी हार्ड रॉक बैंड है। इस बैंड का गठन 1985 में कैलिफोर्निया के लॉस एंजिलिस के हॉलीवुड में हुआ था। प्रमुख गायक और सह-संस्थापक एक्सल रोज़ (जन्म विलियम ब्रूस रोज़, जूनियर) के नेतृत्व में इस बैंड के गठन के बाद से इसके सदस्यों में कई बार परिवर्तन हुए हैं और कई विवादों ने जन्म लिया है। इस बैंड ने अपने कॅरियर के दौरान छः स्टूडियो एल्बम, तीन EPs और एक लाइव एल्बम रिलीज़ किया है। बैंड ने दुनिया भर में 1000 लाख से अभी अधिक एल्बम बेचा है जिसमें से 460 लाख से अभी अधिक एल्बमों की बिक्री संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई है। बैंड के 1987 के प्रमुख लेबल के पहले एल्बम एपेटाइट फॉर डिस्ट्रक्शन की 280 लाख प्रतियों की दुनिया भर में बहुत ज्यादा बिक्री हुई है और संयुक्त राज्य अमेरिका के ''बिलबोर्ड'' 200 में नंबर एक पर पहुंच गया है। इसके अतिरिक्त, इस एल्बम ने ''बिलबोर्ड'' हॉट 100 में तीन टॉप 10 सफल गाने दिए जिसमें "स्वीट चाइल्ड ओ' माइन" भी शामिल था जो नंबर एक पर पहुंच गया था। 1991 की एल्बमों, यूज़ योर इल्यूज़न I और यूज़ योर इल्यूज़न II ने बिलबोर्ड 200 पर दो सर्वोच्च स्थानों पर अपनी शुरुआत की और दुनिया भर में कुल 350 लाख प्रतियों की बिक्री की है जिसमें से केवल संयुक्त राज्य अमेरिका में 140 लाख प्रतियों की बिक्री हुई है। एक दशक से भी अधिक समय तक काम करने के बाद बैंड ने 2008 में अपना अगला एल्बम, चाइनीज़ डेमोक्रेसी रिलीज़ की। वर्तमान लाइन-अप (सदस्य-मण्डली) में प्रमुख गायक एक्सल रोज़, प्रमुख गिटारवादक रॉन "बम्बलफूट" थाल और डीजे अश्बा, ताल गिटारवादक रिचर्ड फोर्टस, बासवादक टॉमी स्टिन्सन, ड्रमवादक फ्रैंक फेरर, कीबोर्डवादक डिज़ी रीड और सिन्थेसाइज़र वादक क्रिस पिटमैन शामिल हैं। उनके अस्सी के दशक के मध्य से लेकर अंत तक और नब्बे के दशक के शुरू के वर्षों को संगीत उद्योग के व्यक्तियों द्वारा एक ऐसी अवधि के रूप में वर्णित किया जाता है जिसमें "उन्होंने सुखवादी अक्खड़पन को जन्म दिया और आरंभिक रोलिंग स्टोन्स की याद दिलाने वाले पंक (उग्र) प्रवृत्ति वाले हार्ड रॉक दृश्य को पुनर्जीवित किया।"http://www.rollingstone.com/artists/gunsnroses/biography .

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ग्रीन डे

ग्रीन डे सन् 1987 में गठित एक अमेरिकी रॉक ट्रायो है।http://www.sanfran.com/archives/view_story/96/ बैंड में बिली जो आर्मस्ट्रांग (गायन, गिटार), माइक डिर्न्ट (बेस गिटार, गायन) और ट्रे कूल (ड्रम्स, परकशन) को शामिल कर गठन किया गया। ग्रीन डे मूलतः 924 गिलमैन स्ट्रीट, बर्कले, कैलिफोर्निया के पंक रॉक नाटक का हिस्सा था। इसके आरंभिक रिलीज़ों में स्वतंत्र रिकॉर्ड लेबल लुकआउट! जारी हुआ।रिकॉर्ड ने उन्हें ज़मीनी स्तर पर प्रशंसक दिये, जिनमें से कुछ उस समय अलग-थलग महसूस करने लगे जब बैंड ने एक बड़े लेबल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किये.

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ओपल

ओपल या दूधिया पत्थर धातु से बना जैल है जो बहुत कम तापमान पर किसी भी प्रकार के चट्टान की दरारों में जमा हो जाता है, आमतौर पर चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, आग्नेय चट्टान, मार्ल और बेसाल्ट के बीच पाया जा सकता है। ओपल शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द ओपलस और यूनानी शब्द ओपैलियस से हुई है। पानी की मात्रा अक्सर तीन और दस प्रतिशत के बीच होती है लेकिन बहुत ऊंची बीस प्रतिशत तक हो सकती है। ओपल धवल से सफेद, भूरे, लाल, नारंगी, पीले, हरे, नीले, बैंगनी, गुलाबी, स्लेटी, ऑलिव, बादामी और काले रंगों में पाई जाती हैं। इन विविध रंगों में, काले रंग के खिलाफ लाल सबसे अधिक दुर्लभ है जबकि सफेद और हरा सबसे आम है। इन रंगों में भिन्नता लाल और अवरक्त तरंगदैर्घ्य के आकार और विकास के कारण आती है। ओपल ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय रत्न है। .

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आमेर दुर्ग

आमेर दुर्ग (जिसे आमेर का किला या आंबेर का किला नाम से भी जाना जाता है) भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के आमेर क्षेत्र में एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित एक पर्वतीय दुर्ग है। यह जयपुर नगर का प्रधान पर्यटक आकर्षण है। आमेर का कस्बा मूल रूप से स्थानीय मीणाओं द्वारा बसाया गया था, जिस पर कालांतर में कछवाहा राजपूत मान सिंह प्रथम ने राज किया व इस दुर्ग का निर्माण करवाया। यह दुर्ग व महल अपने कलात्मक विशुद्ध हिन्दू वास्तु शैली के घटकों के लिये भी जाना जाता है। दुर्ग की विशाल प्राचीरों, द्वारों की शृंखलाओं एवं पत्थर के बने रास्तों से भरा ये दुर्ग पहाड़ी के ठीक नीचे बने मावठा सरोवर को देखता हुआ प्रतीत होता है। लाल बलुआ पत्थर एवं संगमर्मर से निर्मित यह आकर्षक एवं भव्य दुर्ग पहाड़ी के चार स्तरों पर बना हुआ है, जिसमें से प्रत्येक में विशाल प्रांगण हैं। इसमें दीवान-ए-आम अर्थात जन साधारण का प्रांगण, दीवान-ए-खास अर्थात विशिष्ट प्रांगण, शीश महल या जय मन्दिर एवं सुख निवास आदि भाग हैं। सुख निवास भाग में जल धाराओं से कृत्रिम रूप से बना शीतल वातावरण यहां की भीषण ग्रीष्म-ऋतु में अत्यानन्ददायक होता था। यह महल कछवाहा राजपूत महाराजाओं एवं उनके परिवारों का निवास स्थान हुआ करता था। दुर्ग के भीतर महल के मुख्य प्रवेश द्वार के निकट ही इनकी आराध्या चैतन्य पंथ की देवी शिला को समर्पित एक मन्दिर बना है। आमेर एवं जयगढ़ दुर्ग अरावली पर्वतमाला के एक पर्वत के ऊपर ही बने हुए हैं व एक गुप्त पहाड़ी सुरंग के मार्ग से जुड़े हुए हैं। फ्नोम पेन्ह, कम्बोडिया में वर्ष २०१३ में आयोजित हुए विश्व धरोहर समिति के ३७वें सत्र में राजस्थान के पांच अन्य दर्गों सहित आमेर दुर्ग को राजस्थान के पर्वतीय दुर्गों के भाग के रूप में युनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। .

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आरोहण मार्ग

एक आरोहण मार्ग या आरोहण पथ या चढ़ाई का रास्ता वह रास्ता होता है जिसके द्वारा एक पर्वतारोही किसी पहाड़, चट्टान, या बर्फ शिला की चोटी तक पहुँचता है। विभिन्न मार्ग नाटकीय रूप से मुश्किल और भिन्न हो सकते हैं और एक बार अगर कोई चोटी पर पहुँच भी जाये तो वहाँ पर ठहरना और अवरोहण (उतरना) मुश्किल हो सकता है। मार्ग के विकल्प महत्वपूर्ण हो सकते हैं। निर्देशक पुस्तिका, यदि उपलब्ध हो तो इसमे दिए गये मार्गों के विस्तृत चित्र और तस्वीरें सहायक सिद्ध हो सकते हैं। श्रेणी:आरोहण मार्ग.

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इनलीएर्स और आउटलाइयर्स (भूविज्ञान)

एक आंतरक (इनलीएर्स) बड़े चट्टानों का वह क्षेत्र होता है जो छोटी चट्टानों से घिरा होता है। विपरीत एक ग़ैर युवा रॉक (आउटलाइयर्स) पूरी तरह से बड़े चट्टानों से घिरा हुआ एक क्षेत्र होता है।| .

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इनक्यूबस

इनक्यूबस कैलिफोर्निया के कालाबसस का एक अमेरिकी रॉक बैंड है। इस बैंड की स्थापना 1991 में गायक ब्रैंडन बॉयड, मुख्य गिटारवादक माइक आइन्ज़िगर और ड्रमवादक जोस पसिलास ने उस समय की जब उन्होंने हाई स्कूल में दाखिला लिया था। बासवादक एलेक्स "डिर्क लांस" कैटुनिख और गेविन "डीजे लीफ" कोपेल के शामिल होने पर बैंड का विस्तार हुआ जिनमें से दोनों की जगह अंत में क्रमशः बासवादक बेन केनी और डीजे किल्मोर को शामिल किया गया। बहु-प्लेटिनम बिक्री तक पहुंचने के साथ-साथ कई अत्यधिक सफल एकलों को रिलीज़ करके इनक्यूबस ने आलोचकों की प्रशंसा के साथ-साथ वाणिज्यिक सफलता भी प्राप्त कर ली है। बैंड ने रचनात्मक ढंग से शाखाओं की तरह फैलना शुरू कर दिया और अपने 1999 एल्बम मेक योरसेल्फ की रिलीज़ के साथ मुख्यधारा की मान्यता हासिल की। 2001 में, "ड्राइव" नामक एकल और अपने अनुवर्ती एल्बम, मॉर्निंग व्यू, की सफलता के साथ इनक्यूबस एक बहुत ज्यादा कामयाब बैंड बन गया। उनकी नवीनतम स्टूडियो एल्बम, लाइट ग्रेनेड्स, ने 2006 में #1 पर शुरुआत की और अमेरिका में इसने स्वर्ण की प्रमाणिकता प्राप्त की है। इनक्यूबस ने जून 2009 में अपनी पहली सबसे बड़ी हिट्स एल्बम मोनुमेंट्स एण्ड मेलोडीज़ को रिलीज़ किया और इसके साथ संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा का दौरा किया। .

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कर्ट कोबेन

कर्ट डोनाल्ड कोबेन (उच्चारण / koʊbeɪn /, / kʌbeɪn /; 20 फ़रवरी 1967 - सी 5 अप्रैल 1994) एक अमेरिकी गीतकार और संगीतकार और रॉक बैंड निर्वाण के मुख्य गायक और गिटारवादक थे। निर्वाण के दूसरे एलबम नेवरमाइंड (1991) के मुख्य सिंगल "स्‍मेल्‍स लाइक टीन स्पिरिट" के साथ निर्वाण ने मुख्यधारा में प्रवेश किया और वैकल्पिक रॉक की उपशैली को लोकप्रिय किया जिसे ग्रूंज कहते हैं। अन्य सिएटल ग्रूंज बैंड जैसे एलिस इन चैन्स, पर्ल जैम और साउंडगार्डन को भी व्यापक श्रोता प्राप्त हुए और परिणामस्वरूप वैकल्पिक रॉक 1990 के दशक के प्रारम्भ से मध्य के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका में रेडियो और संगीत टेलीविजन पर एक प्रमुख अंग बन गया। निर्वाण को "जनरेशन X" के "प्रमुख बैंड" के तौर पर देखा गया और कोबेन ने पाया कि उसका अग्रणी व्यक्ति होने के नाते मीडिया ने जनरेशन के प्रवक्ता के तौर पर नियुक्त किया है। कोबेन चौकसी से परेशान थे और उन्होंने बैंड के संगीत पर अपना ध्यान केंद्रित रखा और उनका मानना था कि बैंड के तीसरे स्टूडिओ एलबम इन उटेरो (1993) के श्रोताओं को चुनौती देकर बैंड के संदेश और कलात्मक दृष्टि की जनता द्वारा गलत व्याख्या की जा रही है। अपने जीवन के अंतिम वर्षों के दौरान कोबेन ने अपनी हेरोइन की लत, बीमारी और अवसाद, अपनी प्रसिद्धि और सार्वजनिक छवि के साथ ही पेशेवर और अपने तथा अपनी संगीतकार पत्नी कर्टनी लव के आसपास जीवन पर्यन्त व्यक्तिगत दबाव के साथ संघर्ष किया। 8 अप्रैल 1994 को कोबेन सिएटल में अपने घर पर मृत पाये गये, जो आधिकारिक तौर पर अपने सिर पर गोली मार कर की गयी आत्महत्या थी। उनकी मौत की परिस्थितियां कई बार आकर्षण और विवाद का विषय बन गयीं। निर्वाण में गीतकार के तौर पर कोबेन के पहले प्रयास के बाद से अकेले अमेरिका में पच्चीस मिलियन और दुनिया भर में पचास मिलिनय से अधिक एलबम बिके.

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कायान्तरण (भूविज्ञान)

भौमिकी के सन्दर्भ में, जब किसी शैल का भूवैज्ञानिक स्वरूप (टेक्चर), बिना पिघलकर मैग्मा बने ही, बदल जाय तो इसे कायान्तरण (Metamorphism) कहते हैं। अर्थात यह एक ठोस से दूसरे ठोस में परिवर्तन की प्रक्रिया है। यह परिवर्तन मुख्यतः ऊष्मा, दाब, तथा रासायनिक रूप से सक्रिय द्रवों के प्रवेश के कारण सम्भव होता है। .

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कालिंजर दुर्ग

कालिंजर, उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के बांदा जिले में कलिंजर नगरी में स्थित एक पौराणिक सन्दर्भ वाला, ऐतिहासिक दुर्ग है जो इतिहास में सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण रहा है। यह विश्व धरोहर स्थल प्राचीन मन्दिर नगरी-खजुराहो के निकट ही स्थित है। कलिंजर नगरी का मुख्य महत्त्व विन्ध्य पर्वतमाला के पूर्वी छोर पर इसी नाम के पर्वत पर स्थित इसी नाम के दुर्ग के कारण भी है। यहाँ का दुर्ग भारत के सबसे विशाल और अपराजेय किलों में एक माना जाता है। इस पर्वत को हिन्दू धर्म के लोग अत्यंत पवित्र मानते हैं, व भगवान शिव के भक्त यहाँ के मन्दिर में बड़ी संख्या में आते हैं। प्राचीन काल में यह जेजाकभुक्ति (जयशक्ति चन्देल) साम्राज्य के अधीन था। इसके बाद यह दुर्ग यहाँ के कई राजवंशों जैसे चन्देल राजपूतों के अधीन १०वीं शताब्दी तक, तदोपरांत रीवा के सोलंकियों के अधीन रहा। इन राजाओं के शासनकाल में कालिंजर पर महमूद गजनवी, कुतुबुद्दीन ऐबक, शेर शाह सूरी और हुमांयू जैसे प्रसिद्ध आक्रांताओं ने आक्रमण किए लेकिन इस पर विजय पाने में असफल रहे। अनेक प्रयासों के बाद भी आरम्भिक मुगल बादशाह भी कालिंजर के किले को जीत नहीं पाए। अन्तत: मुगल बादशाह अकबर ने इसे जीता व मुगलों से होते हुए यह राजा छत्रसाल के हाथों अन्ततः अंग्रेज़ों के अधीन आ गया। इस दुर्ग में कई प्राचीन मन्दिर हैं, जिनमें से कई तो गुप्त वंश के तृतीय -५वीं शताब्दी तक के ज्ञात हुए हैं। यहाँ शिल्पकला के बहुत से अद्भुत उदाहरण हैं। .

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किंग्स ऑफ़ लियोन

किंग्स ऑफ़ लियोन एक अमेरिकी रॉक बैंड है जिसका गठन 1999 में नैशविले, टेनेसी, संयुक्त राज्य में हुआ था, यह रौक बैंड चार भाइयोंएंथनी कालेब फोलोविल (मुख्य गायक, ताल गिटार), इवान नाथन फोलोविल (ड्रमज़, तालवाद्य, समर्थक गायक) और माइकल जेरेड फोलोविल (बास, समर्थक गायक) और उनके कज़न कैमरून मैथ्यू फोलोविल (मुख्य गिटार, समर्थक गायक) शामिल हैं। इस पारिवारिक ग्रुप का प्रत्येक सदस्य दिए गए पहले नाम की बजाय अपने मध्य (दिए गए दूसरे नाम) नाम से जाना जाता है। बैंड का शुरुआती संगीत दक्षिणी रॉक और ब्ल्यूज़ के प्रभावों का एक आशावादी मिश्रण है मगर बैंड ने धीरे-धीरे कई तरह की शैलियां और अधिक वैकल्पिक रॉक और एरीना रॉक साउंड शामिल करते हुए अपने रॉक संगीत को फैलाया। 2008 में दो बीआरआईटी (BRIT) पुरस्कारों तथा नौ शीर्ष 40 एकलों के साथ और उस समय बैंड की तीनों एल्बमों के यूके एल्बमों के चार्ट के शीर्ष पांच पर पहुँचने के बाद किंग्स ऑफ़ लियोन ने यूनाइटेड किंगडम में शुरुआती सफलता हासिल की.

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क्रिस कॉर्नेल

क्रिस कॉर्नेल (जन्म का नाम क्रिस्टोफर जॉन बॉयल; 20 जुलाई 1964), एक अमेरिकी रॉक संगीतकार है जो कि प्रमुख रूप से साउंडगार्डन (Soundgarden) के मुख्य गायक के रूप में जाने जाते हैं। वे ऑडियोस्लेव (Audioslave) के पूर्व प्रमुख गायक और 1998 से ही अपने कई एकल गानों तथा संगीत के प्रति योगदान के लिए भी जाने जाते हैं। उन्हें अपने ऊंचे सप्तक स्वर की गायन रेंज तथा शक्तिशाली आवाज़ पर नियंत्रण की तकनीक के लिए जाना जाता है। वे टेम्पल ऑफ़ द डॉग (Temple of the Dog) के संस्थापक तथा मुखिया थे, एक ऐसा बैंड जो उनके भूतपूर्व कक्ष सहयोगी (रूम मेट) एंड्रयू वुड को समर्पित था। उन्होनें तीन एकल एल्बम जारी किये हैं, यूफोरिया मोर्निंग (Euphoria Morning)(1999), कैरी ऑन (Carry On) (2007) तथा स्क्रीम (Scream) (2009).

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क्ले कोर्ट

2006 के फ्रेंच ओपन के दौरान पेरिस के स्टेड रोलैंड गैरोज़ में कोर्ट फिलिप चैट्रियर क्ले कोर्ट, चार भिन्न प्रकार के टेनिस के मैदानों (टेनिस कोर्ट्स) में से एक है। क्ले कोर्ट कुचले हुए शेल (एक प्रकार के पत्थर), पत्थर और ईंटों द्वारा बनाया जाता है। लाल क्ले, हरी क्ले या अमेरिकी हार-ट्रू क्ले की अपेक्षा धीमी होती है। फ्रेंच ओपन क्ले कोर्ट्स में ही खेला जाता है, जो इसे ग्रैंड स्लैम की अन्य प्रतियोगिताएं के मध्य विशिष्ट दर्जा देता है। संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा या ब्रिटेन की अपेक्षा यूरोपीय महाद्वीप और लैटिन अमेरिका में क्ले कोर्ट्स का प्रचलन अधिक है। संयुक्त राज्य अमेरिका में हरी मिट्टी द्वारा बने कोर्ट (मैदान), जिन्हें "रुबिको" के नाम से भी जाना जाता है, को प्रायः "क्ले" ही कहा जाता है, लेकिन वह उस मिट्टी द्वारा नहीं बने होते हैं जो अधिकांश यूरोपीय और लैटिन अमेरिकी देशों में प्रयोग की जाती है। हालांकि इसे बनाना अन्य प्रकार के टेनिस मैदानों को बनाने की अपेक्षा सस्ता होता है, किन्तु इसके रखरखाव की लागत अधिक होती है क्योंकि सपाटपन बनाये रखने के लिए सतह को निरंतर बराबर करते रहना पड़ता है। इसमें पानी के स्तर का संतुलन बनाये रखना भी बहुत ज़रूरी होता है; पानी निकालते रहने के लिए हरे मैदान प्रायः ढालयुक्त बनाये जाते हैं। .

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क्वेस्टा

क्वेस्टा एक संरचनात्मक स्थलरूप है जो उन इलाको में बनती है जहाँ कठोर और कोमल चट्टानों की परतें एक के बाद एक और झुकाव युक्त संस्तर के रूप में पायी जाती हैं। परिणाम यह होता है कि कोमल या मृदु चट्टान का कटाव तेज़ी से होता है और कठोर चट्टान एक लम्बी पहाड़ियों की शृंखला के रूप में शेष बचती है। इसका एक ढाल तेज़ होता है और दूसरा ढाल सामान्य होता है। इससे संबंधित एक और स्थलरूप हॉगबैक या शूकरपीठ शैल है जिसमें दोनों ढालों की तीव्रता बराबर होती है। .

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कैटी पेरी

कैथरिन एलिज़ाबेथ हडसन (जन्म 25 अक्टूबर 1984), अपने मंचीय नाम कैटी पेरी द्वारा अधिक प्रसिद्ध, एक अमरीकी गायक-गीतकार और संगीतकार हैं। पेरी 2007 में अपने इंटरनेट हिट "यूर सो गे" से प्रसिद्ध हुईं और 2008 में उन्होंने अपना भेदक एकल गीत "आय किस्ड अ गर्ल" प्रस्तुत किया। पेरी का जन्म और लालन-पालन सैन्टा बार्बरा, कैलिफोर्निया में ईसाई पादरी अभिभावकों द्वारा हुआ और वे केवल गॉस्पेल संगीत को सुनते हुए बड़ी हुईं.

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कैल्सियम कार्बोनेट

कैल्सियम कार्बोनेट (Calcium carbonate) एक रासायनिक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र CaCO3 है। यह संसार के सभी भागों की शैलों में पाया जाने वाला आम पदार्थ है। समुद्री जन्तुओं (घोंघा, सीपी, कोलबाल आदि) के कवचों (shells) का यह प्रमुख अवयव है। यह कृषि चूने का सक्रिय घटक है। चिकित्सा के क्षेत्र में यह कैल्सियम की कमी को दूर करने के लिये तथा अम्लरोधी (antacid) के रूप में प्रयुक्त होता है। .

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अनुप्रयुक्त भूभौतिकी

अनुप्रयुक्त भूभौतिकी (Applied Geophysics), या भूभौतिक पूर्वेक्षण में पृथ्वी के पृष्ठ पर भौतिक मापों के द्वारा अधस्थल (subsurface) भूवैज्ञानिक जानकारियों का संग्रह किया जाता है। इसका उद्देश्य खनिज, पेट्रोलियम, जल, घात्विक निक्षेप, विखंडनीय पदार्थो (fissile material) का स्थान-निर्धारण और बाँध, रेलमार्ग, हवाई अड्डों, सैनिक और कृषि प्रायोजनाओं के निर्माणार्थ सतह के निकटस्थ स्तर के भूवैज्ञानिक लक्षणों से आँकड़ों का संग्रह है। .

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अपरदन

गेहूँ के एक खेत में अत्यधिक भूक्षरण का दृष्य अपरदन (Erosion) या वह प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें चट्टानों का विखंडन और परिणामस्वरूप निकले ढीले पदार्थ के जल, पवन, इत्यादि प्रक्रमों द्वारा स्थानांतरण होता है। अपरदन के प्रक्रमों में वायु, जल तथा हिमनद और सागरीय लहरें प्रमुख हैं। .

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अपक्षय

अपक्षय (Weathering) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पृथ्वी की सतह पर मौजूद चट्टानें में टूट-फूट होती है। यह अपरदन से अलग है, क्योंकि इसमें टूटने से निर्मित भूपदार्थों का एक जगह से दूसरी जगह स्थानान्तरण या परिवहन नहीं होता। यह अवघटना इन सितु (अपने ही स्थान पर) होती है, इसके बाद निर्मित पदार्थों का कुछ हिस्सा अवश्य अपरदन के कारकों द्वारा परिवहन हेतु उपलब्ध हो जाता है। आमतौर पर इसे एक जटिल प्रक्रिया माना जाता है जिसमें वातावरण का तापमान, नमी, चट्टान की संरचना, दाब और विविध रासायनिक और जैविक कारक एक साथ मिलकर कार्य करते हैं। चट्टानों के टूटने के कारण के आधार पर अपक्षय के तीन प्रकार बताये जाते हैं: भौतिक, रासायनिक और जैविक अपक्षय। .

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अफ़्रीका

अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्‍ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्‍थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्‍त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्‍यता की जन्‍मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .

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अफ़्रीका की भू-प्रकृति

अफ्रीका का भौतिक मानचित्र ड्रेकेन्सबर्ग पर्वत इथियोपिया का पठार अफ्रीका ऊँचे पठारों का महाद्वीप है, इसका निर्माण अत्यन्त प्राचीन एवं कठोर चट्टानों से हुआ है। इस लावा निर्मित पठार को ढाल (शील्ड) कहते हैं। जर्मनी के प्रसिद्ध जलवायुवेत्ता तथा भूशास्त्रवेत्ता अल्फ्रेड वेगनर ने पूर्व जलवायु शास्त्र, पूर्व वनस्पति शास्त्र, भूशास्त्र तथा भूगर्भशास्त्र के प्रमाणों के आधार पर यह प्रमाणित किया कि एक अरब वर्ष पहले समस्त स्थल भाग एक स्थल भाग के रूप में संलग्न था एवं इस स्थलपिण्ड का नामकरण पैंजिया (पूर्ण पृथ्वी) किया। कार्बन युग में पैंजिया के दो टुकड़े हो गये जिनमें से एक उत्तर तथा दूसरा दक्षिण में चला गया। पैंजिया का उत्तरी भाग लारेशिया तथा दक्षिणी भाग गोंडवाना लैंड को प्रदर्शित करता था।अफ्रीका महादेश का धरातल प्राचीन गोंडवाना लैंड का ही एक भाग है। बड़े पठारों के बीच अनेक छोटे-छोटे पठार विभिन्न ढाल वाले हैं। इसके उत्तर में विश्व का बृहत्तम शुष्क मरुस्थल सहारा उपस्थित है। इसके नदी बेसिनों का मानव सभ्यता के विकास में उल्लेखनीय योगदान रहा है, जिसमें नील नदी बेसिन का विशेष स्थान है। समुद्रतटीय मैदानों को छोड़कर किसी भी भाग की ऊँचाई ३२५ मीटर से कम नहीं है। महाद्वीप के उत्तरी-पश्चिमी भाग तथा सुदूर दक्षिण में मोड़दार पर्वत मिलते हैं। अफ्रीका के उत्तर-पश्चिम में एटलस पर्वत की श्रेणियाँ हैं, जो यूरोप के आल्प्स पर्वतमाला की ही एक शाखा है। ये पर्वत दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा में फैले हुए हैं और उत्तर की अपेक्षा दक्षिण में अधिक ऊँचे हैं। इसकी सबसे ऊँची चोटी जेबेल टूबकल है जिसकी ऊँचाई ४,१६७ मीटर है। यहाँ खारे पानी की कई झीलें हैं जिन्हें शॉट कहते हैं। मध्य का निम्न पठार भूमध्य रेखा के उत्तर पश्चिम में अन्ध महासागर तट से पूर्व में नील नदी की घाटी तक फैला हुआ है। इसकी ऊँचाई ३०० से ६०० मीटर है। यह एक पठार केवल मरुस्थल है जो सहारा तथा लीबिया के नाम से प्रसिद्ध है। यह एक प्राचीन पठार है तथा नाइजर, कांगो (जायरे), बहर एल गजल तथा चाड नदियों की घाटियों द्वारा कट-फट गया है। इस पठार के मध्य भाग में अहगर एवं टिबेस्टी के उच्च भाग हैं जबकि पूर्वी भाग में कैमरून, निम्बा एवं फूटा जालौन के उच्च भाग हैं। कैमरून के पठार पर स्थित कैमरून (४,०६९ मीटर) पश्चिमी अफ्रीका की सबसे ऊँचा चोटी है। कैमरून गिनि खाड़ी के समानान्तर स्थित एक शांत ज्वालामुखी है। पठार के पूर्वी किनारे पर ड्रेकेन्सबर्ग पर्वत है जो समुद्र तट की ओर एक दीवार की भाँति खड़ा है। ड्रेकेन्सबर्ग का स्थानीय नाम क्वाथालम्बा है एवं यह ३,००० मीटर तक ऊँचा है। केप प्रान्त में यह पठार दक्षिण की ओर चबूतरे के रूप में समुद्र तक नीचे उतरता है। इन चबूतरों को कारू कहते हैं। इनमें उत्तरी चबूतरे को महान कारू तथा दक्षिणी चबूतरे को लघु कारू कहते हैं। दक्षिणी-पश्चिमी भाग में कालाहारी का मरूस्थल है। पूर्व एवं दक्षिण का उच्च पठार भूमध्य रेखा के पूर्व तथा दक्षिण में स्थित है तथा अपेक्षाकृत अधिक ऊँचा है। प्राचीन समय में यह पठार दक्षिण भारत के पठार से मिला था। बाद में बीच की भूमि के धँसने के कारण यह हिन्द महासागर द्वारा अलग हो गया। इस पठार का एक भाग अबीसिनिया में लाल सागर के तटीय भाग से होकर मिस्र देश तक पहुँचती है। इसमें इथोपिया, पूर्वी अफ्रीका एवं दक्षिणी अफ्रीका के पठार सम्मिलित हैं। अफ्रीका के उत्तर-पश्चिम में इथोपिया का पठार है। इस पठार का अधिकांश भाग २,४०० मीटर से ऊँचा है तथा प्राचीनकालीन ज्वालामुखी के उद्गार से निकले हुए लावा से निर्मित है। इसी पठार से नील नदी की सहायक नीली नील नदी निकलती है। नील नदी की कई सहायक नदियों ने इस पठार को काट कर घाटियाँ बना दी हैं। इथोपिया की पर्वतीय गाँठ से कई उच्च श्रेणियाँ निकलकर पूर्वी अफ्रीका के झील प्रदेश से होती हुई दक्षिण की ओर जाती हैं। इथोपिया की उच्च भूमि के दक्षिण में पूर्वी अफ्रीका की उच्च भूमि है। इस पठार का निर्माण भी ज्वालामुखी की क्रिया द्वारा हुआ है। इस श्रेणी में किलिमांजारो (५,८९५ मीटर), रोबेनजारो (५,१८० मीटर) और केनिया (५,४९० मीटर) की बर्फीली चोटियाँ भूमध्यरेखा के समीप पायी जाती हैं। ये तीनों ज्वालामुखी पर्वत हैं। केनिया तथा किलिमांजारो गुटका पर्वत भी हैं। किलिमंजारो अफ्रीका का सबसे ऊँचा पर्वत एवं चोटी है। अफ्रीका के दरार घाटी की कुछ झीलों का आकाशीय दृश्य दक्षिण अफ्रीका के तट का उपग्रह से खींचा गया चित्र अफ्रीका महाद्वीप की एक मुख्य भौतिक विशेषता पृथ्वी की आन्तरिक हलचलों के कारण अफ्रीका के पठार के पूर्वी भाग में भ्रंश घाटियों की उपस्थिति है। यह दरार घाटी पूर्वी अफ्रीका की महान दरार घाटी के नाम से प्रसिद्ध है तथा उत्तर से दक्षिण फैली है। भ्रंश घाटी एक लम्बी, संकरी एवं गहरी घाटी है जिसके किनारे के ढाल खड़े हैं। प्राचीन काल में पृथ्वी की आन्तरिक शक्तियों के कारण इस पठार पर दो विपरीत दिशाओं से दबाव पड़ा जिससे उसमें कई समानान्तर दरारें पड़ गयीं। जब दो समानान्तर दरारों के बीच का भाग नीचे धँस गया तो उस धँसे भाग को दरार घाटी कहते हैं। इनके दोनों किनारे दीवार की तरह ढाल वाले होते हैं। यह विश्व की सबसे लम्बी दरार घाटी है तथा ४,८०० किलोमीटर लम्बी है। अफ्रीका की महान दरार घाटी की दो शाखाएँ हैं- पूर्वी एवं पश्चिमी। पूर्वी शाखा दक्षिण में मलावी झील से रूडाल्फ झील तथा लाल सागर होती हुई सहारा तक फैली हुई है तथा पश्चिमी शाखा मलावी झील से न्यासा झील एवं टांगानिका झील होती हुई एलबर्ट झील तक चली गयी है। भ्रंश घाटियों में अनेक गहरी झीलें हैं। रुकवा, कियू, एडवर्ड, अलबर्ट, टाना व न्यासा झीलें भ्रंश घाटी में स्थित हैं। अफ्रीका महाद्वीप के चारो ओर संकरे तटीय मैदान हैं जिनकी ऊँचाई १८० मीटर से भी कम है। भूमध्य सागर एवं अन्ध महासागर के तटों के समीप अपेक्षाकृत चौड़े मैदान हैं। अफ्रीका महाद्वीप में तटवर्ती प्रदेश सीमित एवं अनुपयोगी हैं क्योंकि अधिकांश भागों में पठारी कगार तट तक आ गये हैं और शेष में तट में दलदली एवं प्रवाल भित्ति से प्रभावित हैं। मॉरीतानिया और सेनेगल का तटवर्ती प्रदेश काफी विस्तृत है, गिनी की खाड़ी का तट दलदली एवं अनूप झीलों से प्रभावित है। जगह-जगह पर रेतीले टीले हैं तथा अच्छे पोताश्रयों का अभाव है। पश्चिमी अफ्रीका का तट की सामान्यतः गिनी तट के समान है जिसमें लैगून एवं दलदलों की अधिकता है। दक्षिणी अफ्रीका में पठार एवं तट में बहुत ही कम अन्तर है। पूर्वी अफ्रीका में प्रवालभित्तियों की अधिकता है। अफ्रीका में निम्न मैदानों का अभाव है। केवल कांगो, जेम्बेजी, ओरेंज, नाइजर तथा नील नदियों के संकरे बेसिन हैं। .

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अयस्क

लोहे का एक अयस्क उन शैलों को अयस्क (ore) कहते हैं जिनमें वे खनिज हों जिनमें कोई धातु आदि महत्वपूर्ण तत्व हों। अयस्कों को खनन करके बाहर लाया जाता है; फिर इनका शुद्धीकरण करके महत्वपूर्ण तत्व प्राप्त किये जाते हैं। .

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अव-ज्वालामुखीय चट्टानें

अव-ज्वालामुखीय चट्टानें वे आग्नेय चट्टानें है जो मैग्मा के ऊपर उठ कर धरातल से ऊपर आने से पहले ही जम जाने से बनती हैं। ये काफ़ी कुछ अंतर्भेदी आग्नेय शैल के समान हैं। .

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अवसादी शैल

अवसादी शैल जिसके स्तर स्पष्ट दृष्टिगोचर हैं अपक्षय एवं अपरदन के विभिन्न साधनों द्वारा मौलिक चट्टनों के विघटन, वियोजन और टूटने से परिवहन तथा किसी स्थान पर जमाव के परिणामस्वरुप उनके अवसादों से निर्मित शैल को अवसादी शैल (sedimentary rock) कहा जाता हैं। वायु, जल और हिम के चिरंतन आघातों से पूर्वस्थित शैलों का निरंतर अपक्षय एवं विदारण होता रहता है। इस प्रकार के अपक्षरण से उपलब्ध पदार्थ कंकड़, पत्थर, रेत, मिट्टी इत्यादि, जलधाराओं, वायु या हिमनदों द्वारा परिवाहित होकर प्राय: निचले प्रदेशों, सागर, झील अथवा नदी की घाटियों में एकत्र हो जाते हैं। कालांतर में संघनित होकर वे स्तरीभूत हो जाते हैं। इन स्तरीभूत शैलों को अवसाद शैल (सेडिमेंटरी रॉक्स) कहते हैं। .

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अंतरीप

स्कॉटिश उच्चभूमि में स्थित एक अंतरीप अंतरीप, किसी समुद्र या कभी कभी भूमि से भी ऊपर की ओर उभरा हुये भूमि के भाग को कहते हैं। जब यह जल (अमूमन समुद्र) से उभरता है तो इसे प्रायद्वीप या रास कहा जाता है। अधिकतर अंतरीप, या तो किसी चट्टान के मुलायम हिस्सों के अपरदन के उपरांत बचे सख्त या कठोर हिस्सों से निर्मित होते हैं, या फिर यह दो नदी घाटियों के बीच जहां उनका संगम होता है, पर शेष बची उच्चभूमि होते हैं। ऐतिहसिक रूप से अपनी विशेष स्थिति और स्वाभाविक रक्षात्मक गुण के कारण कई किलों और दुर्गों का निर्माण अंतरीपों पर किया गया है। आयरलैंड के अंतरीप किले इस का एक उदाहरण है। .

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अंग्गुन सिप्ता सस्मी

अंग्गुन सिप्ता सस्मी (Anggun Cipta Sasmi) (जन्म: अप्रैल 29, 1974) इंडोनेशिया में जन्मी एक गायिका व गीतकार हैं, जो अब फ्रांस की देशीयकृत नागरिक हैं। वह एक इंडोनेशियाई लेखक दार्तो सिंगो और गृहिणी डिएन हर्दिना की दूसरी संतान हैं। वह सात साल की उम्र से गायन का प्रशिक्षण लेने व मंच पर गाने लगीं, और दो ​​साल बाद उन्होंने बच्चों के लिए अपना पहला एलबम रिकॉर्ड किया। सन् 1986 में प्रसिद्ध इंडोनेशियाई संगीतकार इयन अन्टोनो के मार्गदर्शन में अंग्गुन ने अपना पहला स्टूडियो एलबम रिकॉर्ड किया, जिसका शीर्षक दुनिया अकु पुनया (अर्थात् दुनिया मेरी है) था। सन् 1989 में अपने नए गीत मिम्पि (अर्थात् सपने) के विमोचन के बाद उनकी लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ने लगी। तीन और स्टूडियो एलबम व विभिन्न एकाकी गीतों के विमोचन के बाद उनकी गिनती 1990 के दशक के विशिष्ट इंडोनेशियाई रॉक कलाकारों में होने लगी। 1991 में विमोचित अपने एलबम अनक पुतिह अबु अबु (शाब्दिक अर्थ उच्चतर विद्यालय के बच्चे) के लिए उन्हें सर्वाधिक लोकप्रिय इंडोनेशियाई कलाकार 1990-1991 का पुरस्कार मिला। श्रेणी:जीवित लोग श्रेणी:गायिका श्रेणी:1974 में जन्मे लोग.

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पाषाण, रॉक, चट्टान, चट्टानों, आग्नेय चट्टानें

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