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शिगात्से

सूची शिगात्से

शिगात्से (Shigatse, तिब्बती: གཞིས་ཀ་རྩེ་) तिब्बत का एक शहर है। ल्हासा के बाद यह चीन द्वारा नियंत्रित तिब्बत स्वशासित प्रदेश नामक प्रशासनिक इकाई का दूसरा सबसे बड़ा नगर भी है और उस प्रदेश के शिगात्से विभाग की राजधानी है। ३,८३६ मीटर (१२,५८५ फ़ुट) की ऊँचाई पर स्थित यह शहर भारत में ब्रह्मपुत्र नदी कहलाने वाली यरलुंग त्संगपो नदी और न्यांग नदी के संगम-स्थल के पास बसा हुआ है। शिगात्से तिब्बत के ऐतिहासिक उए-त्संग नामक प्रान्त की राजधानी भी हुआ करता था।Das, Sarat Chandra.

6 संबंधों: तिब्बत, तिब्बत का इतिहास, ल्हात्से, शिगात्से विभाग, ग्यांत्से, इउ-त्संग

तिब्बत

तिब्बत का भूक्षेत्र (पीले व नारंगी रंगों में) तिब्बत के खम प्रदेश में बच्चे तिब्बत का पठार तिब्बत (Tibet) एशिया का एक क्षेत्र है जिसकी भूमि मुख्यतः उच्च पठारी है। इसे पारम्परिक रूप से बोड या भोट भी कहा जाता है। इसके प्रायः सम्पूर्ण भाग पर चीनी जनवादी गणराज्य का अधिकार है जबकि तिब्बत सदियों से एक पृथक देश के रूप में रहा है। यहाँ के लोगों का धर्म बौद्ध धर्म की तिब्बती बौद्ध शाखा है तथा इनकी भाषा तिब्बती है। चीन द्वारा तिब्बत पर चढ़ाई के समय (1955) वहाँ के राजनैतिक व धार्मिक नेता दलाई लामा ने भारत में आकर शरण ली और वे अब तक भारत में सुरक्षित हैं। .

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तिब्बत का इतिहास

तिब्बत का ऐतिहासिक मानचित्र 300px मध्य एशिया की उच्च पर्वत श्रेणियों, कुनलुन एवं हिमालय के मध्य स्थित 16000 फुट की ऊँचाई पर स्थित तिब्बत का ऐतिहासिक वृतांत लगभग 7वीं शताब्दी से मिलता है। 8वीं शताब्दी से ही यहाँ बौद्ध धर्म का प्रचार प्रांरभ हुआ। 1013 ई0 में नेपाल से धर्मपाल तथा अन्य बौद्ध विद्वान् तिब्बत गए। 1042 ई0 में दीपंकर श्रीज्ञान अतिशा तिब्बत पहुँचे और बौद्ध धर्म का प्रचार किया। शाक्यवंशियों का शासनकाल 1207 ई0 में प्रांरभ हुआ। मंगोलों का अंत 1720 ई0 में चीन के माँछु प्रशासन द्वारा हुआ। तत्कालीन साम्राज्यवादी अंग्रेंजों ने, जो दक्षिण पूर्व एशिया में अपना प्रभुत्व स्थापित करने में सफलता प्राप्त करते जा रहे थे, यहाँ भी अपनी सत्ता स्थापित करनी चाही, पर 1788-1792 ई0 के गुरखों के युद्ध के कारण उनके पैर यहाँ नहीं जम सके। परिणामस्वरूप 19वीं शताब्दी तक तिब्बत ने अपनी स्वतंत्र सत्ता स्थिर रखी यद्यपि इसी बीच लद्दाख़ पर कश्मीर के शासक ने तथा सिक्किम पर अंग्रेंजों ने आधिपत्य जमा लिया। अंग्रेंजों ने अपनी व्यापारिक चौकियों की स्थापना के लिये कई असफल प्रयत्न किया। इतिहास के अनुसार तिब्बत ने दक्षिण में नेपाल से भी कई बार युद्ध करना पड़ा और नेपाल ने इसको हराया। नेपाल और तिब्बत की सन्धि के मुताबिक तिब्बत ने हर साल नेपाल को ५००० नेपाली रुपये हरज़ाना भरना पड़ा। इससे आजित होकर नेपाल से युद्ध करने के लिये चीन से सहायता माँगी। चीन के सहायता से उसने नेपाल से छुटकारा तो पाया लेकिन इसके बाद 1906-7 ई0 में तिब्बत पर चीन ने अपना अधिकार बनाया और याटुंग ग्याड्से एवं गरटोक में अपनी चौकियाँ स्थापित की। 1912 ई0 में चीन से मांछु शासन अंत होने के साथ तिब्बत ने अपने को पुन: स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया। सन् 1913-14 में चीन, भारत एवं तिब्बत के प्रतिनिधियों की बैठक शिमला में हुई जिसमें इस विशाल पठारी राज्य को भी दो भागों में विभाजित कर दिया गया.

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ल्हात्से

ल्हात्से (Lhatse, तिब्बती: ལྷ་རྩེ་), जो चुत्सर (Chusar या Quxar) भी बुलाया जाता है, तिब्बत का एक शहर है। प्रशासनिक रूप से यह चीन द्वारा नियंत्रित तिब्बत स्वशासित प्रदेश नामक प्रशासनिक प्रान्त मे स्थित है। ४,०५० मीटर (१३,२८७ फ़ुट) की ऊँचाई पर स्थित यह शहर भारत में ब्रह्मपुत्र नदी कहलाने वाली यरलुंग त्संगपो नदी की घाटी में बसा हुआ है। यह विभाग की राजधानी शिगात्से से १५१ किमी दक्षिण-पश्चिम में उस शहर जाने वाले एक पहाड़ी दर्रे से पश्चिम में स्थित है। आधुनिक ल्हात्से बस्ती से १० किमी उत्तर में पुराने ल्हात्से गाँव का स्थल है जहाँ एक प्राचीन गेलुगपा बौद्ध-मठ है और पास ही एक १५० मीटर (४९२ फ़ुट) ऊँची चट्टान पर यरलुंग त्संगपो महान घाटी के मुख पर खड़े एक पुराने क़िले (तिब्बती भाषा में 'द्ज़ोन्ग') के खंडहर हैं। .

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शिगात्से विभाग

शिगात्से विभाग (तिब्बती: གཞིས་ཀ་རྩེ་ས་ཁུལ་, अंग्रेज़ी: Shigatse Prefecture या Xigazê Prefecture) तिब्बत का एक प्रशासनिक विभाग है जो वर्तमान में जनवादी गणतंत्र चीन द्वारा नियंत्रित तिब्बत स्वशासित प्रदेश का हिस्सा है। यह क्षेत्र तिब्बत के दक्षिण में स्थित है और इसकी दक्षिणी सरहदें नेपाल, भारत के सिक्किम राज्य व भूटान से लगती हैं। इसका अधिकांश इलाक़ा पुराने तिब्बत के त्संग प्रान्त के बराबर है। शिगात्से विभाग की राजधानी भी शिगात्से नाम का शहर ही है। .

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ग्यांत्से

ग्यांत्से (Shigatse, तिब्बती: རྒྱལ་རྩེ་) तिब्बत का एक शहर है। ऐतिहासिक रूप से यह ल्हासा और शिगात्से के बाद तिब्बत का तीसरा सबसे बड़ा शहर हुआ करता था लेकिन अब तिब्बत में ग्यांत्से से बड़े दस और नगर हैं। यह चुम्बी घाटी, यातोंग और सिक्किम से आने वाले ऐतिहासिक व्यापारिक मार्गों पर स्थित है।, Michael Buckley, pp.

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इउ-त्संग

इउ-त्संग (तिब्बती: དབུས་གཙང་, अंग्रेज़ी: Ü-Tsang) या त्संग-इउ तिब्बत के तीन पारम्परिक प्रान्तों में से एक है, जिन्हे तिब्बती भाषा में तिब्बत के तीन 'चोलका' कहा जाता है। अन्य दो प्रान्त खम और अम्दो हैं।, Ashild Kolas, Monika P Thowsen, pp.

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