लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

शाहजहाँपुर जिला

सूची शाहजहाँपुर जिला

शाहजहाँपुर जिला (अंग्रेजी: Shahjahanpur district) भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है जिसका मुख्यालय शाहजहाँपुर है। यह एक ऐतिहासिक क्षेत्र है जिसकी पुष्टि भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा यहाँ के कुछ उत्साही व प्रमुख व्यक्तियों के माध्यन से कराये गये उत्खनन में मिले सिक्कों, बर्तनों व अन्य बस्तुओं के सर्वेक्षण से हुई है। उत्तर वैदिक काल से लेकर वर्तमान समय की वस्तुस्थितियों तक इस जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि सदैव ही चर्चा में रही है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सन् १८५७ के प्रथम स्वातन्त्र्य समर से लेकर १९२५ के काकोरी काण्ड तथा १९४२ के भारत छोड़ो आन्दोलन तक इस जिले की प्रमुख भूमिका रही है। इसे शहीद गढ़ या शहीदों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। शाहजहांपुर को 2018 में उत्तर प्रदेश का 17 वां नगर निगम का दर्जा मिला है । .

94 संबंधों: चौदहवीं लोकसभा, तिलहर, तिलहर (तहसील), शाहजहांपुर, तिलोकपुर, दल सिंह, दामोदर स्वरूप 'विद्रोही', दिबियापुर, देवनारायण भारतीय, नारायण साईं, प्रेमकृष्ण खन्ना, पोवायन (तहसील), शाहजहांपुर, फतेहगंज पूर्वी, बनवारी लाल, बालक राम, बिशन चंद्र सेठ, बिस्मिल, ब्रजभाषा साहित्य, बैगुल नदी, बेगम हज़रत महल, भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार, भारत में इस्लाम, भारत के शहरों की सूची, भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची, भुवनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव, मदनलाल वर्मा 'क्रान्त', माउज़र पिस्तौल, मुरारी शर्मा, मुहम्‍मद रफी खां, मैनपुरी षड्यन्त्र, यदुनाथ सिंह, राम प्रसाद 'बिस्मिल', राम मूर्ति "अंचल", रामदुलारे त्रिवेदी, रामनाथ दीक्षित, राममूर्ति अंचल, रामगंगा नदी, राजपाल यादव, राजबहादुर 'विकल', राजा, विक्रम शाह, राजकुमार सुरेन्‍द्र सिंह, राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया), राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, राजेश कुमार, रुहेलखंड व कुमाऊँ रेलवे, रूम सिंह, रोशन सिंह, रोहिलखंड, शारदा नहर, शाहजहाँपुर जिला, शाहजहांपुर (तहसील), शाहजहांपुर, ..., श्याम बहादुर वर्मा, सरफरोशी की तमन्ना, सुरेन्‍द्र विक्रम, सुरेश कुमार खन्ना, स्वामी शुकदेवानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय, स्वामी सोमदेव, सीतापुर जिला, हनुमत धाम, हरदयाल सिंह, हरदोई, हरदोई जिला, हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन, हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य, जलालाबाद (तहसील), शाहजहांपुर, जलालाबाद (शाहजहाँपुर), जितिन प्रसाद, गान्धी-फैज़ाम कॉलेज, आसाराम, कन्नौजी भाषा, कन्‍धई लाल, कमर रहमान, कमलेश चन्‍द्र उर्फ कमले, काँट (शाहजहाँपुर), काशीपुर का इतिहास, काशीपुर, उत्तराखण्ड, काकोरी काण्ड, कंधई लाल, केशव सिंह, अमरनाथ एक्स्प्रेस, अरिशफा खान, अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ, अवधी, अंजली भारती, उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश पुलिस, उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग २५, उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग २६, उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग २९, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2017, उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची, उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची, उत्तर प्रदेश के ज़िले, उदय प्रताप सिंह, ११ (संख्या) सूचकांक विस्तार (44 अधिक) »

चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और चौदहवीं लोकसभा · और देखें »

तिलहर

तिलहर (अंग्रेजी: Tilhar) भारतवर्ष के राज्य उत्तर प्रदेश में स्थित शाहजहाँपुर जिले का एक महत्वपूर्ण नगर होने के साथ-साथ तहसील भी है। केवल इतना ही नहीं, यह उत्तर प्रदेश विधान सभा का एक प्रमुख क्षेत्र भी है। मुगल काल में सेना के लिये तीर और कमान बनाने के कारण प्राचीन भारत में इसे कमान नगर के नाम से ही जाना जाता था। तीर कमान तो अब नहीं बनते पर यहाँ के परम्परागत कारीगर मजबूत बाँस की निचले हिस्से पर लोहे का खोल चढ़ी गुलाही लाठी बनाने में आज भी माहिर हैं। टेढ़े से टेढ़े बाँस को शीरा लगाकर तेज आँच में गरम करके सीधा करना जब उन्हें आता है तो निस्सन्देह सीधे बाँस को इसी तकनीक से धनुष का आकार देने की कला भी उनके पूर्वजों को अवश्य ही आती होगी। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और तिलहर · और देखें »

तिलहर (तहसील), शाहजहांपुर

यह तहसील शाहजहांपुर जिला, उत्तर प्रदेश में स्थित है। 2011 में हुई भारत की जनगणना के अनुसार इस तहसील में 630 गांव हैं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और तिलहर (तहसील), शाहजहांपुर · और देखें »

तिलोकपुर

तिलोकपुर (अंग्रेजी:Tilokpur) भारतवर्ष के राज्य उत्तर प्रदेश के जिला शाहजहाँपुर का एक बहुत ही पुराना गाँव है। यह शाहजहाँपुर जिले के भौगोलिक क्षेत्र से बहने वाली शारदा नहर के किनारे बसा हुआ है। यह नहर मीरानपुर कटरा से तिलोकपुर और काँट होते हुए कुर्रिया कलाँ तक जाती है। काकोरी काण्ड के अभियुक्तों में से एक बनवारी लाल जो मुकदमें के दौरान वायदा माफ गवाह (अंगेजी में अप्रूवर) बन गया था, इसी गाँव का रहने वाला था। बाद में उसने ब्राह्मणों से जान का खतरा होने के कारण यह गाँव छोड़ दिया और पास के ही दूसरे गाँव केशवपुर में रहने लगा जहाँ उसकी कायस्थ बिरादरी के लोग रहते थे। मध्यम आकार के इस गाँव में कुल 167 घर हैं। इन घरों के परिवारों में 1036 लोग रहते हैं जिनमें स्त्री, पुरुष व बच्चे सभी शामिल हैं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और तिलोकपुर · और देखें »

दल सिंह

दल सिंह,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 64 - जलालाबाद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से अ0 भा0 जनसंघ की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और दल सिंह · और देखें »

दामोदर स्वरूप 'विद्रोही'

दामोदर स्वरूप 'विद्रोही' (जन्म:2 अक्टूबर 1928 - मृत्यु: 11 मई 2008) अमर शहीदों की धरती के लिये विख्यात शाहजहाँपुर जनपद के चहेते कवियों में थे। यहाँ के बच्चे-बच्चे की जुबान पर विद्रोही जी का नाम आज भी उतना ही है जितना कि तब था जब वे जीवित थे। विद्रोही की अग्निधर्मा कविताओं ने उन्हें कवि सम्मेलन के अखिल भारतीय मंचों पर स्थापित ही नहीं किया अपितु अपार लोकप्रियता भी प्रदान की। उनका एक मुक्तक तो सर्वाधिक लोकप्रिय हुआ: सम्पूर्ण हिन्दुस्तान में उनकी पहचान वीर रस के सिद्धहस्त कवि के रूप में भले ही हुई हो परन्तु यह भी एक सच्चाई है कि उनके हृदय में एक सुमधुर गीतकार भी छुपा हुआ था। गीत, गजल, मुक्तक और छन्द के विधान पर उनकी जबर्दस्त पकड़ थी। भ्रष्टाचार, शोषण, अत्याचार, छल और प्रवचन के समूल नाश के लिये वे ओजस्वी कविताओं का निरन्तर शंखनाद करते रहे। उन्होंने चीन व पाकिस्तान युद्ध और आपातकाल के दिनों में अपनी आग्नेय कविताओं की मेघ गर्जना से देशवासियों में अदम्य साहस का संचार किया। हिन्दी साहित्य के आकाश में स्वयं को सूर्य-पुत्र घोषित करने वाले यशस्वी वाणी के धनी विद्रोही जी भौतिक रूप से भले ही इस नश्वर संसार को छोड़ गये हों परन्तु अपनी कालजयी कविताओं के लिये उन्हें सदैव याद किया जायेगा। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और दामोदर स्वरूप 'विद्रोही' · और देखें »

दिबियापुर

दिबियापुर भारत में सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में औरैया ज़िले का एक नगर और एक नगर पंचायत है। यह नगर राज्य राजमार्ग 21 पर स्थित है। यह हावड़ा-दिल्ली मुख्य लाइन के कानपुर-दिल्ली खण्ड पर फफूँद रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है जो उत्तर मध्य रेलवे द्वारा संचालित है। नगर का प्रशासनिक मुख्यालय औरैया है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और दिबियापुर · और देखें »

देवनारायण भारतीय

देवनारायण भारतीय,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 83 - जमौर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से सोशलिस्‍ट पार्टी की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और देवनारायण भारतीय · और देखें »

नारायण साईं

नारायण साईं (जन्म: 29 जनवरी 1972, नारायण सिरुमलानी/हरपलानी) एक भारतीय अध्यात्मिक प्रवचनकर्ता हैं। वे वर्तमान में सूरत के लाजपोर जेल में एक साधिका का बलात्कार के विचाराधीन मामले में बंद हैं। वे आसाराम बापू के इकलौते पुत्र है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और नारायण साईं · और देखें »

प्रेमकृष्ण खन्ना

प्रेमकृष्ण खन्ना (अंग्रेजी: Prem Krishna Khanna, जन्म: २ फ़रवरी १८९४ मृत्यु:३ अगस्त १९९३) हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के एक प्रमुख सदस्य थे। शाहजहाँपुर के रेल विभाग में ठेकेदार (काण्ट्रेक्टर) थे। इन्हें ब्रिटिश सरकार ने माउजर पिस्तौल का लाइसेन्स दे रखा था। सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी राम प्रसाद 'बिस्मिल' से इनकी घनिष्ठ मित्रता थी। क्रान्तिकारी कार्यों के लिये वे इनका माउजर प्राय: माँग कर ले जाया करते थे। यही नहीं, आवश्यकता पडने पर कभी कभी इनके लाइसेन्स पर कारतूस भी खरीद लिया करते थे। काकोरी काण्ड में प्रयुक्त माउजर पिस्तौल के कारतूस इन्हीं के शस्त्र-लाइसेन्स पर खरीदे गये थे जिसके पर्याप्त साक्ष्य मिल जाने के कारण इन्हें ५ वर्ष की कठोर कैद की सजाभुगतनी पडी थी। २ वर्ष तक काकोरी-काण्ड का मुकदमा चला अत: कुल मिलाकर सन १९२५ से १९३२ तक ७ वर्ष कारागार में बिताये। छूटकर आये तो आजीवन अविवाहित रहकर देश-सेवा का व्रत ले लिया। ४० वर्षाँ तक कांग्रेस की कार्यकारिणी के सदस्य रहे। कांग्रेस के टिकट पर कई वर्ष (१९६२ से १९७१ तक) लोकसभा के सांसद भी रहे। ३ अगस्त १९९३ को शाहजहाँपुर के जिला अस्पताल में उस समय प्राणान्त हुआ जब जीवन का शतक पूर्ण करने में मात्र ६ महीने शेष रह गये थे। बडे ही जीवट के व्यक्ति थे। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और प्रेमकृष्ण खन्ना · और देखें »

पोवायन (तहसील), शाहजहांपुर

यह तहसील शाहजहांपुर जिला, उत्तर प्रदेश में स्थित है। 2011 में हुई भारत की जनगणना के अनुसार इस तहसील में 717 गांव हैं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और पोवायन (तहसील), शाहजहांपुर · और देखें »

फतेहगंज पूर्वी

फतेहगंज पूर्वी, उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की एक नगर पंचायत है। यह नगर बरेली जिले की पूर्बी सीमा पर स्थित है, इसी नगर के बाद शाहजहाँपुर जिले की सीमा प्रारम्भ होती है, लखनऊ से बरेली आने पर यह नगर बरेली से 40 किलोमीटर पहले स्थित है। नगर के पूर्व में कटरा, पश्चिम में फरीदपुर, उत्तर में खुदागंज, और दक्षिण में दातागंज(बदायूं) स्थित हैं। यह नगर, बहगुल नदी के किनारे बसा हुआ है। इसकी जनसंख्या (२००१) ७७०६ है। इसकी वर्तमान अध्यक्षा किशबरी बेगम हैं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और फतेहगंज पूर्वी · और देखें »

बनवारी लाल

बनवारी लाल (अंग्रेजी: Banwari Lal, जन्म: ग्राम तिलोकपुर जिला शाहजहाँपुर) ब्रिटिश काल के दौरान उत्तर प्रदेश में गठित क्रान्तिकारी संगठन हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन का सक्रिय सदस्य ही नहीं अपितु रायबरेली का जिला संगठनकर्ता भी था। ९ अगस्त १९२५ को काकोरी के समीप हुई ऐतिहासिक डकैती में समूचे हिन्दुस्तान से ४० व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था। बनवारी लाल की गिरफ्तारी रायबरेली से हुई थी। काकोरी काण्ड के मुकदमे के दौरान जब उस पर पुलिस ने दबाव डाला तो वह टूट गया और वायदा माफ गवाह (अंगेजी में अप्रूवर) बन गया। बनवारी लाल शाहजहाँपुर सदर तहसील के तिलोकपुर गाँव का रहने वाला था। अप्रूवर बन जाने के कारण काकोरी काण्ड में उसे एक अन्य अभियुक्त रामनाथ पाण्डेय से भी कम सजा हुई थी। जेल से छूटने के बाद वह अपने बाल-बच्चों के साथ अपने गाँव में रहने लगा। कुछ समय बाद जब उसे अपने गाँव के ब्राह्मणों से जान का खतरा महसूस हुआ तो उसने वह गाँव छोड़ दिया और पास के ही दूसरे गाँव केशवपुर में रहने लगा जहाँ उसकी कायस्थ बिरादरी के काफी लोग रहते थे। सन् २००० के आसपास उसकी मृत्यु हो गयी।.

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और बनवारी लाल · और देखें »

बालक राम

बालक राम,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 84 - तिलहर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से सोशलिस्‍ट पार्टी की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और बालक राम · और देखें »

बिशन चंद्र सेठ

बिशनचंद्र सेठ हिन्दू महासभा के जुझारू नेता थे। वे शाहजहाँपुर के थे। वे एटा से कई बार सांसद रहे। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और बिशन चंद्र सेठ · और देखें »

बिस्मिल

भारतीय क्रान्तिकारी बिस्मिल के बारे में जानने के लिये कृपया रामप्रसाद 'बिस्मिल' देखें। बिस्मिल (तुर्क: Bismil) तुर्की के दियारबाकिर राज्य का एक जिला है। 2012 की जनगणना के मुताबिक इसकी कुल जनसंख्या (ग्रामीण व शहरी क्षेत्र को मिलाकर)1,11,746 है। यहाँ के अधिकांश निवासी कुर्द लोग हैं। इस जिले के मुख्यालय का नाम भी बिस्मिल के ही नाम पर रखा गया है। ठीक उसी तरह जैसे भारत में शाहजहाँपुर जिला व उसके मुख्यालय दोनों का ही नाम शाहजहाँपुर है। बिस्मिल शहर की जनसंख्या 60,150 है। इस शहर के मेयर केमिले एमिनोग्लू हैं जो पीस एण्ड डिमोक्रेसी पार्टी से ताल्लुक रखते हैं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और बिस्मिल · और देखें »

ब्रजभाषा साहित्य

ब्रजभाषा विक्रम की १३वीं शताब्दी से लेकर २०वीं शताब्दी तक भारत के मध्यदेश की मुख्य साहित्यिक भाषा एवं साथ ही साथ समस्त भारत की साहित्यिक भाषा थी। विभिन्न स्थानीय भाषाई समन्वय के साथ समस्त भारत में विस्तृत रूप से प्रयुक्त होने वाली हिन्दी का पूर्व रूप यह ‘ब्रजभाषा‘ अपने विशुद्ध रूप में यह आज भी आगरा, धौलपुर, मथुरा और अलीगढ़ जिलों में बोली जाती है जिसे हम 'केंद्रीय ब्रजभाषा' के नाम से भी पुकार सकते हैं। ब्रजभाषा में ही प्रारम्भ में हिन्दी-काव्य की रचना हुई। सभी भक्त कवियों, रीतिकालीन कवियों ने अपनी रचनाएं इसी भाषा में लिखी हैं जिनमें प्रमुख हैं सूरदास, रहीम, रसखान, केशव, घनानन्द, बिहारी, इत्यादि। हिन्दी फिल्मों के गीतों में भी बृज के शब्दों का प्रमुखता से प्रयोग किया गया है। वस्तुतः उस काल में हिन्दी का अर्थ ही ब्रजभाषा से लिया जाता था | .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और ब्रजभाषा साहित्य · और देखें »

बैगुल नदी

बैगुल या बहगुल (अंग्रेजी: Bahgul) एक नदी है जो जलालाबाद (शाहजहाँपुर) के भौगोलिक क्षेत्र से होकर बहती है। अमरीका की नेशनल ज्योस्पैटियल इन्टेलीजेंस एजेंसी के सूत्रों के हवाले से इसे पूर्वी बहगुल नदी (अंग्रेजी: East Bahgul River) भी कहते हैं। यह भारतवर्ष के प्रमुख प्रान्त उत्तर प्रदेश के जनपद शाहजहाँपुर के मैदानी इलाकों को सींचती हुई आगे चलकर रामगंगा नदी में मिल जाती है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और बैगुल नदी · और देखें »

बेगम हज़रत महल

बेगम हज़रत महल (नस्तालीक़:, 1820 - 7 अप्रैल 1879), जो अवध (अउध) की बेगम के नाम से भी प्रसिद्ध थीं, अवध के नवाब वाजिद अली शाह की दूसरी पत्नी थीं। अंग्रेज़ों द्वारा कलकत्ते में अपने शौहर के निर्वासन के बाद उन्होंने लखनऊ पर क़ब्ज़ा कर लिया और अपनी अवध रियासत की हकूमत को बरक़रार रखा। अंग्रेज़ों के क़ब्ज़े से अपनी रियासत बचाने के लिए उन्होंने अपने बेटे नवाबज़ादे बिरजिस क़द्र को अवध के वली (शासक) नियुक्त करने की कोशिश की थी; मगर उनके शासन जल्द ही ख़त्म होने की वजह से उनकी ये कोशिश असफल रह गई। उन्होंने 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के ख़िलाफ़ विद्रोह किया। अंततः उन्होंने नेपाल में शरण मिली जहाँ उनकी मृत्यु 1879 में हुई थी। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और बेगम हज़रत महल · और देखें »

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का संजाल भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची भारतीय राजमार्ग के क्षेत्र में एक व्यापक सूची देता है, द्वारा अनुरक्षित सड़कों के एक वर्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। ये लंबे मुख्य में दूरी roadways हैं भारत और के अत्यधिक उपयोग का मतलब है एक परिवहन भारत में। वे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा भारतीय अर्थव्यवस्था। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 laned (प्रत्येक दिशा में एक), के बारे में 65,000 किमी की एक कुल, जिनमें से 5,840 किमी बदल सकता है गठन में "स्वर्ण Chathuspatha" या स्वर्णिम चतुर्भुज, एक प्रतिष्ठित परियोजना राजग सरकार द्वारा शुरू की श्री अटल बिहारी वाजपेयी.

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार · और देखें »

भारत में इस्लाम

भारतीय गणतंत्र में हिन्दू धर्म के बाद इस्लाम दूसरा सर्वाधिक प्रचलित धर्म है, जो देश की जनसंख्या का 14.2% है (2011 की जनगणना के अनुसार 17.2 करोड़)। भारत में इस्लाम का आगमन करीब 7वीं शताब्दी में अरब के व्यापारियों के आने से हुआ था (629 ईसवी सन्‌) और तब से यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक अभिन्न अंग बन गया है। वर्षों से, सम्पूर्ण भारत में हिन्दू और मुस्लिम संस्कृतियों का एक अद्भुत मिलन होता आया है और भारत के आर्थिक उदय और सांस्कृतिक प्रभुत्व में मुसलमानों ने महती भूमिका निभाई है। हालांकि कुछ इतिहासकार ये दावा करते हैं कि मुसलमानों के शासनकाल में हिंदुओं पर क्रूरता किए गए। मंदिरों को तोड़ा गया। जबरन धर्मपरिवर्तन करा कर मुसलमान बनाया गया। ऐसा भी कहा जाता है कि एक मुसलमान शासक टीपू शुल्तान खुद ये दावा करता था कि उसने चार लाख हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवाया था। न्यूयॉर्क टाइम्स, प्रकाशित: 11 दिसम्बर 1992 विश्व में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां सरकार हज यात्रा के लिए विमान के किराया में सब्सिडी देती थी और २००७ के अनुसार प्रति यात्री 47454 खर्च करती थी। हालांकि 2018 से रियायत हटा ली गयी है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और भारत में इस्लाम · और देखें »

भारत के शहरों की सूची

कोई विवरण नहीं।

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और भारत के शहरों की सूची · और देखें »

भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

यह सूचियों भारत के सबसे बड़े शहरों पर है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची · और देखें »

भुवनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव

भुवनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव (१९११ - १९५७) हिन्दी साहित्यकार थे। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और भुवनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव · और देखें »

मदनलाल वर्मा 'क्रान्त'

मदनलाल वर्मा 'क्रान्त' (जन्म: २० दिसम्बर १९४७, शाहजहाँपुर) मूलत: हिन्दी के कवि तथा लेखक हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने उर्दू, संस्कृत तथा अंग्रेजी में भी कविताएँ लिखी हैं। क्रान्तिकारी राम प्रसाद 'बिस्मिल' के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाशित "सरफरोशी की तमन्ना" उनकी उल्लेखनीय पुस्तक है। "क्रान्तिकारी हिन्दी साहित्य में राष्ट्रीय चेतना" विषय पर अतिविशिष्ट अनुसन्धान के लिये उन्हें भारत सरकार ने वर्ष २००४ में हिन्दी साहित्य की "सीनियर फैलोशिप" प्रदान की। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और मदनलाल वर्मा 'क्रान्त' · और देखें »

माउज़र पिस्तौल

माउज़र पिस्तौल (अंग्रेजी: Mauser C96) मूल रूप से जर्मनी में बनी एक अर्द्ध स्वचालित पिस्तौल है। इस पिस्तौल का डिजाइन जर्मनी निवासी दो माउज़र बन्धुओं ने सन् 1895 में तैयार किया था। बाद में 1896 में जर्मनी की ही एक शस्त्र निर्माता कम्पनी माउज़र ने इसे माउज़र सी-96 के नाम से बनाना शुरू किया। 1896 से 1937 तक इसका निर्माण जर्मनी में हुआ। 20वीं शताब्दी में इसकी नकल करके स्पेन और चीन में भी माउज़र पिस्तौलें बनीं। इसकी मैगज़ीन ट्रिगर के आगे लगती थी जबकि सामान्यतया सभी पिस्तौलों में मैगज़ीन ट्रिगर के पीछे और बट के अन्दर होती है। इस पिस्तौल का एक अन्य मॉडल लकड़ी के कुन्दे के साथ सन 1916 में बनाया गया। इसमें बट के साथ लकड़ी का बड़ा कुन्दा अलग से जोड़ कर किसी रायफल या बन्दूक की तरह भी प्रयोग किया जा सकता था। विंस्टन चर्चिल को यह पिस्तौल बहुत पसन्द थी। भारतीय क्रान्तिकारी रामप्रसाद 'बिस्मिल' ने महज़ 4 माउज़र पिस्तौलों के दम पर 9 अगस्त 1925 को काकोरी के पास ट्रेन रोक कर सरकारी खजाना लूट लिया था। स्पेन ने सन् 1927 में इसी की नक़ल करते हुए अस्त्र मॉडल बनाया। रेलवे गार्डों की सुरक्षा हेतु सन् 1929 में चीन ने इसकी नकल करके.45 कैलिबर का माउज़र बनाया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और माउज़र पिस्तौल · और देखें »

मुरारी शर्मा

मुरारी शर्मा (अंग्रेजी: Murari Sharma, जन्म: १ जनवरी १९०१, मृत्यु: २ अप्रैल १९८२) विश्वविख्यात काकोरी काण्ड में प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा लेने वाले क्रान्तिकारी थे जिन्हें अन्त तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पायी। इनका वास्तविक नाम मुरारीलाल गुप्त था परन्तु मुरारी शर्मा के छद्म नाम से इन्होंने हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन की सदस्यता ली, काकोरी काण्ड में भाग लिया और फरार हो गये। यह रहस्योद्घाटन उनके यशस्वी पुत्र दामोदर स्वरूप 'विद्रोही' ने १९ जून १९९७ को हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा राजेन्द्र भवन दिल्ली में आयोजित "राम प्रसाद 'बिस्मिल' जयन्ती" समारोह में बोलते हुए किया था। मुरारीलाल जी कुछ दिनों दिल्ली जाकर छिपे रहे फिर शाहजहाँपुर जनपद स्थित अपने गाँव मुडिया पँवार चले गये। आप पक्के आर्य समाजी थे कभी भी रिक्शे पर नहीं बैठे। कहा करते थे इसे आदमी खींचता है मैं एक आदमी होकर एक आदमी से अपना बोझा उठवाऊँ यह नहीं हो सकता। २ अप्रैल १९८२ को आपने अपने घर पर स्वेच्छा से प्राण त्याग दिये। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और मुरारी शर्मा · और देखें »

मुहम्‍मद रफी खां

मुहम्‍मद रफी खां,भारत के उत्तर प्रदेश की तीसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1962 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 65 - शाहजहांपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और मुहम्‍मद रफी खां · और देखें »

मैनपुरी षड्यन्त्र

पं० गेंदालाल दीक्षित (मैनपुरी काण्ड के नेता) का चित्र परतन्त्र भारत में स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने के लिये उत्तर प्रदेश के जिला मैनपुरी में सन् १९१५-१६ में एक क्रान्तिकारी संस्था की स्थापना हुई थी जिसका प्रमुख केन्द्र मैनपुरी ही रहा। मुकुन्दी लाल, दम्मीलाल, करोरीलाल गुप्ता, सिद्ध गोपाल चतुर्वेदी, गोपीनाथ, प्रभाकर पाण्डे, चन्द्रधर जौहरी और शिव किशन आदि ने औरैया जिला इटावा निवासी पण्डित गेंदालाल दीक्षित के नेतृत्व में अंग्रेजों के विरुद्ध काम करने के लिये उनकी संस्था शिवाजी समिति से हाथ मिलाया और एक नयी संस्था मातृवेदी की स्थापना की। इस संस्था के छिप कर कार्य करने की सूचना अंग्रेज अधिकारियों को लग गयी और प्रमुख नेताओं को पकड़कर उनके विरुद्ध मैनपुरी में मुकदमा चला। इसे ही बाद में अंग्रेजों ने मैनपुरी षडयन्त्र कहा। इन क्रान्तिकारियों को अलग-अलग समय के लिये कारावास की सजा हुई। मैनपुरी षडयन्त्र की विशेषता यह थी कि इसकी योजना प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश के निवासियों ने ही बनायी थी। यदि इस संस्था में शामिल मैनपुरी के ही देशद्रोही गद्दार दलपतसिंह ने अंग्रेजी सरकार को इसकी मुखबिरी न की होती तो यह दल समय से पूर्व इतनी जल्दी टूटने या बिखरने वाला नहीं था। मैनपुरी काण्ड में शामिल दो लोग - मुकुन्दीलाल और राम प्रसाद 'बिस्मिल' आगे चलकर सन् १९२५ के विश्वप्रसिद्ध काकोरी काण्ड में भी शामिल हुए। मुकुन्दीलाल को आजीवन कारावास की सजा हुई जबकि राम प्रसाद 'बिस्मिल' को तो फाँसी ही दे दी गयी क्योंकि वे भी मैनपुरी काण्ड में गेंदालाल दीक्षित को आगरा के किले से छुडाने की योजना बनाने वाले मातृवेदी दल के नेता थे। यदि कहीं ये लोग अपने अभियान में कामयाब हो जाते तो न तो सन् १९२७ में राजेन्द्र लाहिडी व अशफाक उल्ला खाँ सरीखे होनहार नवयुवक फाँसी चढते और न ही चन्द्रशेखर आजाद जैसे नर नाहर तथा गणेशशंकर विद्यार्थी सरीखे प्रखर पत्रकार की सन् १९३१ में जघन्य हत्याएँ हुई होतीं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और मैनपुरी षड्यन्त्र · और देखें »

यदुनाथ सिंह

नायक यदुनाथ सिंह परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिक हैं। इन्होने भारत-पाकिस्तान युद्ध 1947 में अद्वितीय साहस का योगदान दिया तथा वीरगति को प्राप्त हुए। इन्हे यह सम्मान सन 1950 में मरणोपरांत मिला था। श्री सिंह को 1941 में ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल किया गया था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इन्होने बर्मा में जापान के खिलाफ लड़ाई में भाग लिया था। उन्होंने बाद में भारतीय सेना के सदस्य के रूप में 1947 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में भाग लिया। 6 फरवरी 1948 को नौशेरा, जम्मू और कश्मीर के उत्तर में युद्ध में योगदान के कारण नायक सिंह को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और यदुनाथ सिंह · और देखें »

राम प्रसाद 'बिस्मिल'

राम प्रसाद 'बिस्मिल' (११ जून १८९७-१९ दिसम्बर १९२७) भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें ३० वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी-काण्ड जैसी कई घटनाओं में शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे। राम प्रसाद एक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू तखल्लुस (उपनाम) था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है आत्मिक रूप से आहत। बिस्मिल के अतिरिक्त वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी (निर्जला एकादशी) विक्रमी संवत् १९५४, शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में जन्मे राम प्रसाद ३० वर्ष की आयु में पौष कृष्ण एकादशी (सफला एकादशी), सोमवार, विक्रमी संवत् १९८४ को शहीद हुए। उन्होंने सन् १९१६ में १९ वर्ष की आयु में क्रान्तिकारी मार्ग में कदम रखा था। ११ वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और स्वयं ही उन्हें प्रकाशित किया। उन पुस्तकों को बेचकर जो पैसा मिला उससे उन्होंने हथियार खरीदे और उन हथियारों का उपयोग ब्रिटिश राज का विरोध करने के लिये किया। ११ पुस्तकें उनके जीवन काल में प्रकाशित हुईं, जिनमें से अधिकतर सरकार द्वारा ज़ब्त कर ली गयीं। --> बिस्मिल को तत्कालीन संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध की लखनऊ सेण्ट्रल जेल की ११ नम्बर बैरक--> में रखा गया था। इसी जेल में उनके दल के अन्य साथियोँ को एक साथ रखकर उन सभी पर ब्रिटिश राज के विरुद्ध साजिश रचने का ऐतिहासिक मुकदमा चलाया गया था। --> .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और राम प्रसाद 'बिस्मिल' · और देखें »

राम मूर्ति "अंचल"

राम मूर्ति "अंचल",भारत के उत्तर प्रदेश की तीसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1962 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 64 - जमौर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और राम मूर्ति "अंचल" · और देखें »

रामदुलारे त्रिवेदी

रामदुलारे त्रिवेदी (जन्म: 1902, मृत्यु: 1975) संयुक्त राज्य आगरा व अवध (वर्तमान उत्तर प्रदेश) के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्होंने असहयोग आन्दोलन में भाग लिया था जिसके कारण उन्हें छ: महीने के कठोर कारावास की सज़ा काटनी पड़ी। जेल से छूटकर आये तो राम प्रसाद 'बिस्मिल' द्वारा गठित हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बन गये। वे एक सच्चे स्वतन्त्रता सेनानी थे। उन्हें काकोरी काण्ड में केवल पाँच वर्ष के सश्रम कारावास का दण्ड मिला था। स्वतन्त्र भारत में उनका देहान्त 11 मई 1975 को कानपुर में हुआ। 1921 से 1945 तक कई बार जेल गये किन्तु स्वर नहीं बदला। प्रताप और टंकार जैसे दो दो साप्ताहिक समाचार पत्रों का सम्पादन किया। त्रिवेदी जी ने कुछ पुस्तकें भी लिखी थीं जिनमें उल्लेखनीय थी-काकोरी के दिलजले जो 1939 में छपते ही ज़ब्त हो गयी। उनकी यह पुस्तक इतिहास का एक दुर्लभ दस्तावेज़ है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और रामदुलारे त्रिवेदी · और देखें »

रामनाथ दीक्षित

रामनाथ दीक्षित,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 62 - निगोही विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से प्रजा सोशलिस्‍ट पार्टी की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और रामनाथ दीक्षित · और देखें »

राममूर्ति अंचल

राममूर्ति अंचल,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 65 - ददरौल विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और राममूर्ति अंचल · और देखें »

रामगंगा नदी

रामगंगा नदी भारत की प्रमुख तथा पवित्र नदियों में से एक हैं। स्कंदपुराण के मानसखण्ड में इसका उल्लेख रथवाहिनी के नाम से हुआ है। उत्तराखण्ड के हिमालयी पर्वत श्रृंखलाओं के कुमाऊँ मण्डल के अन्तर्गत अल्मोड़ा जिले के दूनागिरी (पौराणिक नाम द्रोणगिरी) के विभिन्न प्राकृतिक जलस्रोत निकलकर कई गधेरों अर्थात लघु सरिताओं के रूप में तड़ागताल पहुंचते हैं। इस झील का कोई मुहाना नहीं है। चन्द कदमों की दूरी के उपरान्त स्वच्छ स्वेत धवल सी भूगर्भ से निकलती है और इसी अस्तित्व में प्रकट होकर रामगंगा नाम से पुकारी जाती है। दूसरी ओर गढ़वाल मण्डल के चमोली जिले के अन्तर्गत ग्वालदम तथा दूधातोली के मध्यवर्ती क्षेत्र के कई गधेरों के ताल नामक गॉंव के समीप मिलने पर रामगंगा कहलाती है। यहीं से रामगंगा का उद्गम होता है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और रामगंगा नदी · और देखें »

राजपाल यादव

राजपाल यादव हिन्दी फिल्मों के एक हास्य अभिनेता हैं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और राजपाल यादव · और देखें »

राजबहादुर 'विकल'

काव्यपाठ करते हुए विकल जी की एक भावमुद्रा राजबहादुर 'विकल' (जन्म: 2 जुलाई 1924 - म्रत्यु: 15 अक्टूबर 2009) वीर रस के सिद्धहस्त कवियों में थे। विकल उनका उपनाम था जिसका शाब्दिक अर्थ होता है बेचैन आत्मा। निस्संदेह उनके शरीर में किसी शहीद की बेचैन आत्मा प्रविष्ट हो गयीं थी। काकोरी शहीद इण्टर कालेज जलालाबाद (शाहजहाँपुर) में काफी समय तक अध्यापन करते रहने के कारण उन्हें विकल जलालाबादी के नाम से भी जाना जाता था। "दुनिया मत पन्थ बने, इसका, अपने हाथों निपटारा है। रणभेरी के स्वर में गरजो, पूरा कश्मीर हमारा है।" इन पंक्तियों से अवाम को झकझोर कर रख देने वाले आग्नेय कवि राजबहादुर 'विकल' का जीवन-दीप सन् 2009 की दीपावली को उस समय बुझ गया जब पूरा देश रोशनी में नहा रहा था। उन्होंने 85 वर्ष का यशस्वी जीवन पाया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और राजबहादुर 'विकल' · और देखें »

राजा, विक्रम शाह

राजा, विक्रम शाह,भारत के उत्तर प्रदेश की तीसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1962 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 66 - पुवायां विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और राजा, विक्रम शाह · और देखें »

राजकुमार सुरेन्‍द्र सिंह

राजकुमार सुरेन्‍द्र सिंह,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 81 - पुवायां विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से स्‍वतंत्र प्रगतिशील विधान मण्‍डलीय दल की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और राजकुमार सुरेन्‍द्र सिंह · और देखें »

राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया)

प्रो॰ राजेन्द्र सिंह (२९ जनवरी १९२२ - १४ जुलाई २००३) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चौथे सरसंघचालक थे, जिन्हें सर्वसाधारण जन से लेकर संघ परिवार तक सभी जगह रज्जू भैया के नाम से ही जाना जाता है। वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय में १९३९ से १९४३ तक विद्यार्थी रहे। तत्पश्चात् १९४३ से १९६७ तक भौतिकी विभाग में पहले प्रवक्ता नियुक्त हुए, फिर प्राध्यापक और अन्त में विभागाध्यक्ष हो गये। रज्जू भैया भारत के महान गणितज्ञ हरीशचन्द्र के बी०एससी० और एम०एससी० (भौतिक शास्त्र) में सहपाठी थे। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) · और देखें »

राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी

राजेन्द्र लाहिडी की दुर्लभ फोटो राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी (अंग्रेजी:Rajendra Nath Lahiri, बाँग्ला:রাজেন্দ্র নাথ লাহিড়ী, जन्म:१९०१-मृत्यु:१९२७) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानी थे। युवा क्रान्तिकारी लाहिड़ी की प्रसिद्धि काकोरी काण्ड के एक प्रमुख अभियुक्त के रूप में हैं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी · और देखें »

राजेश कुमार

राजेश कुमार - जनवादी नाटककार। जन्म -११ जनवरी १९५८ पटना, बिहार। राजेश कुमार नुक्कड़ नाटक आंदोलन के शुरुआती दौर १९७६ से सक्रिय है। अब तक दर्जनों नाटक एवं नुक्कड़ नाट्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। आरा की नाट्य संस्था युवानीति, भागलपुर की दिशा और शाहजहाँपुर की नाट्य संस्था अभिव्यक्ति के संस्थापक सदस्य। पेशे से ईन्जीनियर है। इन दिनो लखनऊ में कार्यरत। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और राजेश कुमार · और देखें »

रुहेलखंड व कुमाऊँ रेलवे

रुहेलखंड व कुमाऊँ रेलवे (R&KR) भारत में मीटरगेज की रेलवे कंपनी थी, जिसका नेटवर्क 953 किलोमीटर था।; Retrieved 8 Dec 2016 1 जनवरी 1943 को इसे भारत सरकार को हस्तांतरित कर दिया गया और इसका विलय अवध व तिरहुत रेलवे में हो गया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और रुहेलखंड व कुमाऊँ रेलवे · और देखें »

रूम सिंह

रूम सिंह,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 85 - खेरा वजेरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से सोशलिस्‍ट पार्टी की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और रूम सिंह · और देखें »

रोशन सिंह

रोशन सिंह (जन्म:१८९२-मृत्यु:१९२७) ठाकुर रोशन सिंह (१८९२ - १९२७) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के एक क्रान्तिकारी थे। असहयोग आन्दोलन के दौरान उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हुए गोली-काण्ड में सजा काटकर जैसे ही शान्तिपूर्ण जीवन बिताने घर वापस आये कि हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसियेशन में शामिल हो गये। यद्यपि ठाकुर साहब ने काकोरी काण्ड में प्रत्यक्ष रूप से भाग नहीं लिया था फिर भी आपके आकर्षक व रौबीले व्यक्तित्व को देखकर काकोरी काण्ड के सूत्रधार पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व उनके सहकारी अशफाक उल्ला खाँ के साथ १९ दिसम्बर १९२७ को फाँसी दे दी गयी। ये तीनों ही क्रान्तिकारी उत्तर प्रदेश के शहीदगढ़ कहे जाने वाले जनपद शाहजहाँपुर के रहने वाले थे। इनमें ठाकुर साहब आयु के लिहाज से सबसे बडे, अनुभवी, दक्ष व अचूक निशानेबाज थे। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और रोशन सिंह · और देखें »

रोहिलखंड

रोहिलखंड या रुहेलखण्ड उत्तर प्रदेश के उत्तर-पश्चिम में एक क्षेत्र है।.

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और रोहिलखंड · और देखें »

शारदा नहर

शारदा नहर उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक लम्बी नहर है। शाखा-प्रशाखाओं सहित शारदा नहर की कुल लम्बाई 12,368 किलोमीटर है। यह उत्तर प्रदेश और नेपाल सीमा के समीप गोमती नदी के किनारे "वनबासा" नामक स्थान से निकाली गई है। नहर का निर्माण कार्य सन् 1920 में प्रारम्भ हुआ और 1928 में पूर्ण हुआ था। इस नहर द्वारा पीलीभीत, बरेली, शाहजहाँपुर, लखीमपुर, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद आदि जिलों की लगभग 8 लाख हैक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है। नहर की मुख्य शाखाएँ खीरी, शारदा-देवा, बीसलपुर, निगोही, सीतापुर, लखनऊ और हरदोई आदि जिलों में हैं। इस नहर पर "खातिमा शक्ति केन्द्र" भी स्थापित किया गया है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और शारदा नहर · और देखें »

शाहजहाँपुर जिला

शाहजहाँपुर जिला (अंग्रेजी: Shahjahanpur district) भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है जिसका मुख्यालय शाहजहाँपुर है। यह एक ऐतिहासिक क्षेत्र है जिसकी पुष्टि भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा यहाँ के कुछ उत्साही व प्रमुख व्यक्तियों के माध्यन से कराये गये उत्खनन में मिले सिक्कों, बर्तनों व अन्य बस्तुओं के सर्वेक्षण से हुई है। उत्तर वैदिक काल से लेकर वर्तमान समय की वस्तुस्थितियों तक इस जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि सदैव ही चर्चा में रही है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सन् १८५७ के प्रथम स्वातन्त्र्य समर से लेकर १९२५ के काकोरी काण्ड तथा १९४२ के भारत छोड़ो आन्दोलन तक इस जिले की प्रमुख भूमिका रही है। इसे शहीद गढ़ या शहीदों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। शाहजहांपुर को 2018 में उत्तर प्रदेश का 17 वां नगर निगम का दर्जा मिला है । .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और शाहजहाँपुर जिला · और देखें »

शाहजहांपुर (तहसील), शाहजहांपुर

यह तहसील शाहजहांपुर जिला, उत्तर प्रदेश में स्थित है। 2011 में हुई भारत की जनगणना के अनुसार इस तहसील में 543 गांव हैं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और शाहजहांपुर (तहसील), शाहजहांपुर · और देखें »

श्याम बहादुर वर्मा

श्याम बहादुर वर्मा (जन्म: 10 अप्रैल 1932 बरेली मृत्यु: 20 नवम्बर 2009 दिल्ली) हिन्दी के उद्भट विद्वान थे। उन्होंने विवाह नहीं किया। पुस्तकें ही उनकी जीवन संगिनी थीं। तीन कमरों वाले फ्लैट में श्याम बहादुर अकेले रहते थे। उनके प्रत्येक कमरे में फर्श से लेकर छत तक पुस्तकें ही पुस्तकें नज़र आती थीं। उन्होंने हिन्दी साहित्य को कई शब्द कोश प्रदान किये। दिल्ली विश्वविद्यालय से विजयेन्द्र स्नातक के मार्गदर्शन में उन्होंने हिन्दी काव्य में शक्तितत्व विषय पर शोध करके पीएच॰डी॰ की और डी॰ए॰वी॰ कॉलेज में प्राध्यापक हो गये। परन्तु अध्ययन का क्रम फिर भी न टूटा। गणित में एम॰एससी॰ से लेकर अंग्रेजी, संस्कृत, हिन्दी और प्राचीन भारतीय इतिहास जैसे अनेकानेक विषयों में उन्होंने एम॰ए॰ की परीक्षाएँ न केवल उत्तीर्ण कीं अपितु प्रथम श्रेणी के अंक भी अर्जित किये। बौद्धिक साधना के साक्षात् स्वरूप थे। उनकी सम्पूर्ण साहित्यिक सेवाओं के लिये हिन्दी अकादमी, दिल्ली ने वर्ष 1997-98 में साहित्यकार सम्मान प्रदान किया। 20 नवम्बर 2009 को नई दिल्ली में उनका निधन हुआ। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और श्याम बहादुर वर्मा · और देखें »

सरफरोशी की तमन्ना

सरफरोशी की तमन्ना को मशहूर करने वाले पण्डित राम प्रसाद 'बिस्मिल'का चित्र सरफरोशी की तमन्ना भारतीय क्रान्तिकारी बिस्मिल अज़ीमाबादी द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध देशभक्तिपूर्ण गजल है जिसमें उन्होंने आत्मोत्सर्ग की भावना को व्यक्त किया था। उनकी यह तमन्ना क्रान्तिकारियों का मन्त्र बन गयी थी यह गजल उर्दू छ्न्द बहरे-रमल में लिखी गई है जिसका अर्कान (छन्द-सूत्र) है: "फाइलातुन, फाइलातुन, फाइलातुन, फाइलुन"। हिन्दी में यदि इसे देवनागरी लिपि में लिखा जाये तो यह परिवर्तित अष्टपदीय गीतिका छन्द के अन्तर्गत आती है इस छन्द का सूत्र है: "राजभा गा, राजभा गा, राजभा गा, राजभा"। मैनपुरी षडयन्त्र व काकोरी काण्ड में शामिल होने वाले भारत के एक महान क्रान्तिकारी नेता रामप्रसाद 'बिस्मिल' ने न सिर्फ इसे लिखा बल्कि मुकदमे के दौरान अदालत में अपने साथियों के साथ सामूहिक रूप से गाकर लोकप्रिय भी बनाया।'बिस्मिल' ने इसे भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के नौजवान स्वतन्त्रता सेनानियों के लिये सम्बोधि-गीत के रूप में लिखा था। 'बिस्मिल' की शहादत के बाद इसे स्वतन्त्रता सेनानियों की नौजवान पीढ़ी जैसे शहीद भगत सिंह तथा चन्द्रशेखर आजाद आदि के साथ भी जोड़ा जाता रहा है। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित वन्दे मातरम जैसे सुप्रसिद्ध गीत के बाद बिस्मिल अज़ीमाबादी की यह अमर रचना, जिसे गाते हुए न जाने कितने ही देशभक्त फाँसी के तख्ते पर झूल गये, उसके वास्तविक इतिहास सहित नीचे दी जा रही है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और सरफरोशी की तमन्ना · और देखें »

सुरेन्‍द्र विक्रम

सुरेन्‍द्र विक्रम,भारत के उत्तर प्रदेश की तीसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1962 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 62 - खेड़ा-बझेड़ा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और सुरेन्‍द्र विक्रम · और देखें »

सुरेश कुमार खन्ना

सुरेश कुमार खन्ना (अंग्रेजी: Suresh Kumar Khanna, जन्म: 1954) भारतीय जनता पार्टी के एकमात्र ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने शाहजहाँपुर शहर से उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव 1989 से 2017 तक लगातार 8 बार जीता। शहर में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा ने उन्हें सन् 2004 में शाहजहाँपुर जिले से लोक सभा का चुनाव लड़ाया जिसमें उन्हें केवल 16.34% मत प्राप्त हुए। शाहजहाँपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सन् 2004 में सांसद का चुनाव हारने के बाद उन्होंने विधायक के रूप में ही राजनीति में रहना पसन्द किया। वे सुरेश खन्ना के नाम से ही अधिक लोकप्रिय हैं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और सुरेश कुमार खन्ना · और देखें »

स्वामी शुकदेवानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय

स्वामी शुकदेवानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय (अंग्रेजी:S.S.P.G. College) भारत में उत्तर प्रदेश के जिला शाहजहाँपुर का एक ऐसा उल्लेखनीय शिक्षा संस्थान है जिसने स्व-वित्तपोषित परियोजना के सहारे उन्नति की। रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली से सम्बद्ध यह महाविद्यालय शाहजहाँपुर नगर में दिल्ली लखनऊ राजमार्ग के समीप मुमुक्षु आश्रम परिसर में स्थित है। इस महाविद्यालय की स्थापना सन् 1964 में स्वामी शुकदेवानन्द सरस्वती ने अपनी मृत्यु से केवल एक वर्ष पूर्व की थी। सन् 1965 में स्वामीजी के निधन के पश्चात् इसका नामकरण इसके संस्थापक के नाम पर ही स्वामी शुकदेवानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर दिया गया। वैसे इसे एस॰एस॰पी॰जी॰ कॉलेज के संक्षिप्त नाम से भी जाना जाता है। सन् 1964 में स्थापना के एक वर्ष बाद 1965 में केवल बी॰एड॰ की कक्षाओं के साथ इस विद्यालय की शुरुआत हुई थी। उस समय बी॰एड॰ की कक्षाओं के लिये ही सरकार द्वारा अनुमति मिली थी। बाद में स्व-वित्तपोषित परियोजना के माध्यम से यह विद्यालय उत्तरोत्तर प्रगति करता गया। कला, विज्ञान, वाणिज्य और शिक्षा संकाय के अलावा इस विद्यालय में कम्प्यूटर साइंस की शिक्षा भी दी जाती है। प्राचार्य, आचार्य, प्रवक्ता व अन्य सहकर्मियों के समर्पण भाव से काम करने के कारण इस संस्थान ने शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता के साथ कभी समझौता नहीं किया। और उसी के चलते आज इस मुकाम तक पहुँचा है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और स्वामी शुकदेवानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय · और देखें »

स्वामी सोमदेव

स्वामी सोमदेव आर्य समाज के एक विद्वान धर्मोपदेशक थे। ब्रिटिश राज के दौरान पंजाब प्रान्त के लाहौर शहर में जन्मे सोमदेव का वास्तविक नाम ब्रजलाल चोपड़ा था। सन १९१५ में जिन दिनों वे स्वास्थ्य लाभ के लिये आर्य समाज शाहजहाँपुर आये थे उन्हीं दिनों समाज की ओर से राम प्रसाद 'बिस्मिल' को उनकी सेवा-सुश्रूषा में नियुक्त किया गया था। किशोरावस्था में स्वामी सोमदेव की सत्संगति पाकर बालक रामप्रसाद आगे चलकर 'बिस्मिल' जैसा बेजोड़ क्रान्तिकारी बन सका। रामप्रसाद बिस्मिल ने अपनी आत्मकथा में मेरे गुरुदेव शीर्षक से उनकी संक्षिप्त किन्तु सारगर्भित जीवनी लिखी है। सोमदेव जी उच्चकोटि के वक्‍ता तो थे ही, बहुत अच्छे लेखक भी थे। उनके लिखे हुए कुछ लेख तथा पुस्तकें उनके ही एक भक्‍त के पास थीं जो उसकी लापरवाही से नष्‍ट हो गयीं। उनके कुछ लेख प्रकाशित भी हुए थे। लगभग 57 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और स्वामी सोमदेव · और देखें »

सीतापुर जिला

सीतापुर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय सीतापुर है। यह जिला नैमिषारण्य तीर्थ के कारण प्रसिद्ध है। प्रारंभिक मुस्लिम काल के लक्षण केवल भग्न हिंदू मंदिरों और मूर्तियों के रूप में ही उपलब्ध हैं। इस युग के ऐतिहासिक प्रमाण शेरशाह द्वारा निर्मित कुओं और सड़कों के रूप में दिखाई देते हैं। उस युग की मुख्य घटनाओं में से एक तो खैराबाद के निकट हुमायूँ और शेरशाह के बीच और दूसरी श्रावस्ती नरेस सुहेलदेव राजभर और सैयद सालार के बीच बिसवाँ और तंबौर के युद्ध हैं।जिले के ब्लॉक गोंदलामऊ में चित्रांशों का प्राकृतिक छठा बिखेरता खूबसूरत व ऐतिहासिक गांव असुवामऊ है।इस धार्मिक गांव में शारदीय नवरात्रि के मौके पर सप्तमी की रात भद्रकाली की पूजा पूरी आस्था से मनाई जाती है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और सीतापुर जिला · और देखें »

हनुमत धाम

हनुमत धाम हनुमत धाम भारत में उत्तरप्रदेश के ऐतिहासिक नगर शाहजहाँपुर में बिसरात घाट पर खन्नौत नदी के बीचोबीच स्थित एक पर्यटन स्थल है। यहाँ पर 104 फुट ऊँची हनुमान की विशालकाय मूर्ति स्थापित है। हनुमत धाम को बनाने का संकल्प शहर के विधायक सुरेश कुमार खन्ना ने उस समय लिया था जब वे पहली वार उत्तर प्रदेश सरकार में मन्त्री बने थे। ऐसा माना जाता है कि भारतवर्ष में हनुमानजी की यह सबसे बड़ी प्रतिमा है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और हनुमत धाम · और देखें »

हरदयाल सिंह

हरदयाल सिंह,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 86 - जलालाबाद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से सोशलिस्‍ट पार्टी की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और हरदयाल सिंह · और देखें »

हरदोई

हरदोई भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की नगरपालिका और नगर है। यह हरदोई जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और हरदोई · और देखें »

हरदोई जिला

हरदोई ज़िला भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक ज़िला है जिसका ज़िला मुख्यालय हरदोई नगर है। हरदोई ज़िला लखनऊ सम्भाग में है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और हरदोई जिला · और देखें »

हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन

हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन, जिसे संक्षेप में एच॰आर॰ए॰ भी कहा जाता था, भारत की स्वतंत्रता से पहले उत्तर भारत की एक प्रमुख क्रान्तिकारी पार्टी थी जिसका गठन हिन्दुस्तान को अंग्रेजों के शासन से मुक्त कराने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश तथा बंगाल के कुछ क्रान्तिकारियों द्वारा सन् १९२४ में कानपुर में किया गया था। इसकी स्थापना में लाला हरदयाल की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी। काकोरी काण्ड के पश्चात् जब चार क्रान्तिकारियों को फाँसी दी गई और एच०आर०ए० के सोलह प्रमुख क्रान्तिकारियों को चार वर्ष से लेकर उम्रकैद की सज़ा दी गई तो यह संगठन छिन्न-भिन्न हो गया। बाद में इसे चन्द्रशेखर आजाद ने भगत सिंह के साथ मिलकर पुनर्जीवित किया और एक नया नाम दिया हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन। सन् १९२४ से लेकर १९३१ तक लगभग आठ वर्ष इस संगठन का पूरे भारतवर्ष में दबदबा रहा जिसके परिणामस्वरूप न केवल ब्रिटिश सरकार अपितु अंग्रेजों की साँठ-गाँठ से १८८५ में स्थापित छियालिस साल पुरानी कांग्रेस पार्टी भी अपनी मूलभूत नीतियों में परिवर्तन करने पर विवश हो गयी। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन · और देखें »

हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य

हिन्दी की अनेक बोलियाँ (उपभाषाएँ) हैं, जिनमें अवधी, ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली, बघेली, भोजपुरी, हरयाणवी, राजस्थानी, छत्तीसगढ़ी, मालवी, झारखंडी, कुमाउँनी, मगही आदि प्रमुख हैं। इनमें से कुछ में अत्यंत उच्च श्रेणी के साहित्य की रचना हुई है। ऐसी बोलियों में ब्रजभाषा और अवधी प्रमुख हैं। यह बोलियाँ हिन्दी की विविधता हैं और उसकी शक्ति भी। वे हिन्दी की जड़ों को गहरा बनाती हैं। हिन्दी की बोलियाँ और उन बोलियों की उपबोलियाँ हैं जो न केवल अपने में एक बड़ी परंपरा, इतिहास, सभ्यता को समेटे हुए हैं वरन स्वतंत्रता संग्राम, जनसंघर्ष, वर्तमान के बाजारवाद के खिलाफ भी उसका रचना संसार सचेत है। मोटे तौर पर हिंद (भारत) की किसी भाषा को 'हिंदी' कहा जा सकता है। अंग्रेजी शासन के पूर्व इसका प्रयोग इसी अर्थ में किया जाता था। पर वर्तमानकाल में सामान्यतः इसका व्यवहार उस विस्तृत भूखंड को भाषा के लिए होता है जो पश्चिम में जैसलमेर, उत्तर पश्चिम में अंबाला, उत्तर में शिमला से लेकर नेपाल की तराई, पूर्व में भागलपुर, दक्षिण पूर्व में रायपुर तथा दक्षिण-पश्चिम में खंडवा तक फैली हुई है। हिंदी के मुख्य दो भेद हैं - पश्चिमी हिंदी तथा पूर्वी हिंदी। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य · और देखें »

जलालाबाद (तहसील), शाहजहांपुर

यह तहसील शाहजहांपुर जिला, उत्तर प्रदेश में स्थित है। 2011 में हुई भारत की जनगणना के अनुसार इस तहसील में 449 गांव हैं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और जलालाबाद (तहसील), शाहजहांपुर · और देखें »

जलालाबाद (शाहजहाँपुर)

जलालाबाद (शाहजहाँपुर) (अंग्रेजी: Jalalabad (Shahjahanpur), उर्दू: جلال آباد (Jalālābād) शाहजहाँपुर जिले का एक प्रमुख ऐतिहासिक नगर है जिसकी देखरेख यहाँ की नगरपालिका करती है। यह नगर भारतवर्ष के राज्य उत्तर प्रदेश के अन्तर्गत आता है। जलालाबाद सिर्फ़ एक नगर ही नहीं बल्कि शाहजहाँपुर जिले की तहसील भी है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और जलालाबाद (शाहजहाँपुर) · और देखें »

जितिन प्रसाद

जितिन प्रसाद के पिता जितेन्द्र प्रसाद (बाबा साहिब) भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी (1991), पी.वी.नरसिम्हा राव (1994) के राजनितिक सलाहकार,उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष(1995) तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। जितिन प्रसाद ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा दून पब्लिक स्कूल (देहरादून, उत्तराखंड) तथा स्नातक में दिल्ली विश्विवद्यालय से बी.कॉम तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान (दिल्ली) से MBA किया है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और जितिन प्रसाद · और देखें »

गान्धी-फैज़ाम कॉलेज

महात्मा गांधीजी का भाव चित्र गान्धी-फैज़ाम कॉलेज (अंग्रेजी:Gandhi Faiz-E-Aam College) भारत में उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक जिला शाहजहाँपुर का एक उल्लेखनीय शिक्षा संस्थान है। गान्धी के नाम पर स्थापित यह महाविद्यालय शाहजहाँपुर नगर में ऑर्डिनेंस क्लोदिंग फैक्ट्री व रेलवे लाइन के बीच सिविल लाइन्स क्षेत्र में स्थित है। इस महाविद्यालय की स्थापना सन् 1947 में मौलाना फज़लुर्रहमान खाँ ने की थी। सामान्यत: आम जनता में इसे जी॰ एफ कॉलेज के संक्षिप्त नाम से ही जाना जाता है। इसमें स्नातकोत्तर स्तर तक की शिक्षा दी जाती है। यह महाविद्यालय रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली से सम्बद्ध है। कला, विज्ञान, वाणिज्य और शिक्षा संकाय के अलावा इस विद्यालय में कम्प्यूटर साइंस, लाइब्रेरी विज्ञान तथा सामाजिक कार्य की शिक्षा भी दी जाती है। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की टीम द्वारा महाविद्यालय के विभिन्न क्रियाकलापों की गुणवत्ता का निरीक्षण करने के उपरांत वर्ष २०१४ में ग्रेड "बी" प्रदान किया गया है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और गान्धी-फैज़ाम कॉलेज · और देखें »

आसाराम

आसाराम (पूरा नाम: आसूमल थाऊमल सिरुमलानी अथवा आसूमल सिरूमलानी, जन्म: 17 अप्रैल 1941, नवाबशाह जिला, सिंध प्रान्त) भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय, आध्यात्मिक सन्त हैं जो अपने शिष्यों को एक सच्चिदानन्द ईश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते हैं। उन्हें उनके भक्त प्राय: बापू के नाम से सम्बोधित करते हैं। आसाराम 450 से अधिक छोटे-बड़े आश्रमों के संचालक हैं। उनके शिष्यों की संख्या करोड़ों में है। आसाराम सामान्यतः विवादों से जुड़े रहे हैं जैसे आपराधिक मामलों में उनके खिलाफ दायर याचिकाएँ, उनके आश्रम द्वारा अतिक्रमण, 2012 दिल्ली दुष्कर्म पर उनकी टिप्पणी एवं 2013 में नाबालिग लड़की का कथित यौन शोषण। उन पर लगे आरोपों की आँच उनके बेटे नारायण साईं तक भी पहुची। न्यायालय ने उन्हें 5 साल तक न्यायिक हिरासत में रखने के बाद 25 अप्रैल को नाबालिग से रेप के मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा का निर्णय लिया है। फ़िलहाल आसाराम जोधपुर जेल की सलाखों के पीछे कैद हैं। यौन छेडछाड का यह मामला 20 अगस्त 2013 को प्रकाश में आया जब एक एफ आई आर दिल्ली के कमला नगर थाने में रात 2 बजे दर्ज हुई। घटना जोधपुर के मड़ई में स्थित फार्म हाउस में 16 अगस्त की बताई जाती है। एफ़ आई आर में लड़की ने आरोप लगाया है बापू ने रात उसे कमरे में बुलाया व 1 घंटे तक व यौन छेड़छाड़ की। लड़की उत्तरप्रदेश के शाहजहा पुर की निवासी है जो 12 व्ही में छिंदवाड़ा में आश्रम के कन्या छात्रा वास में पड़ती थी। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और आसाराम · और देखें »

कन्नौजी भाषा

accessyear.

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और कन्नौजी भाषा · और देखें »

कन्‍धई लाल

कन्‍धई लाल,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 61 - पुवायां विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और कन्‍धई लाल · और देखें »

कमर रहमान

कमर रहमान एक भारतीय वैज्ञानिक, पिछले चालीस वर्षों में जो नैनो पार्टिकल के शारीरिक प्रभाव को समझने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही हैं। अंतरराष्ट्रीय तौर पर उन्हें एस्बेस्टोसिस, स्लेट धूल के प्रभाव और अन्य घरेलू और पर्यावरण कण प्रदूषण और व्यावसायिक स्वास्थ्य में सुधार के तरीकों पर काम के लिए जाना जाता है। आजकल वे एमिटी विश्वविद्यालय में अनुसंधान विज्ञान के डीन के रूप में एक काम क्र रही हैं।  रॉस्टॉक विश्वविद्यालय, जर्मनी ने 2009 में उन्हें डॉक्टरेट के मानक पदनाम से सम्मानित किया। डॉ रहमान 600 वर्ष पुराने विश्वविद्यालय से यह सम्मान पाने वाली पहली भारतीय है। उन्होंने खास तौर पर एस्बेस्टोसिस और कई और प्रदूषण तत्वों के विषैलेपन का अध्ययन किया है। उन्होंने काम के स्थान पर महिलाओं के जहरीले रसायनों के संपर्क में आने पर एक फिल्म भी बनाई है।  गूगल स्कालर के अनुसार उनकी सबसे प्रसिद्ध शोध दस्तावेज़  का संदर्भ 350 बार दिया गया है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और कमर रहमान · और देखें »

कमलेश चन्‍द्र उर्फ कमले

कमलेश चन्‍द्र उर्फ कमले,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 81 - पुवायां विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से स्‍वतंत्र प्रगतिशील विधान मण्‍डलीय दल की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और कमलेश चन्‍द्र उर्फ कमले · और देखें »

काँट (शाहजहाँपुर)

काँट (शाहजहाँपुर) भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर जिले की नगर पंचायत के साथ-साथ एक प्राचीन व ऐतिहासिक स्थान है जो एक समृद्ध नगर में तेजी से तब्दील हो रहा है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और काँट (शाहजहाँपुर) · और देखें »

काशीपुर का इतिहास

काशीपुर, भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उधम सिंह नगर जनपद का एक महत्वपूर्ण पौराणिक एवं औद्योगिक शहर है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और काशीपुर का इतिहास · और देखें »

काशीपुर, उत्तराखण्ड

काशीपुर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उधम सिंह नगर जनपद का एक महत्वपूर्ण पौराणिक एवं औद्योगिक शहर है। उधम सिंह नगर जनपद के पश्चिमी भाग में स्थित काशीपुर जनसंख्या के मामले में कुमाऊँ का तीसरा और उत्तराखण्ड का छठा सबसे बड़ा नगर है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार काशीपुर नगर की जनसंख्या १,२१,६२३, जबकि काशीपुर तहसील की जनसंख्या २,८३,१३६ है। यह नगर भारत की राजधानी, नई दिल्ली से लगभग २४० किलोमीटर, और उत्तराखण्ड की अंतरिम राजधानी, देहरादून से लगभग २०० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। काशीपुर को पुरातन काल से गोविषाण या उज्जयनी नगरी भी कहा जाता रहा है, और हर्ष के शासनकाल से पहले यह नगर कुनिन्दा, कुषाण, यादव, और गुप्त समेत कई राजवंशों के अधीन रहा है। इस जगह का नाम काशीपुर, चन्दवंशीय राजा देवी चन्द के एक पदाधिकारी काशीनाथ अधिकारी के नाम पर पड़ा, जिन्होंने इसे १६-१७ वीं शताब्दी में बसाया था। १८ वीं शताब्दी तक यह नगर कुमाऊँ राज्य में रहा, और फिर यह नन्द राम द्वारा स्थापित काशीपुर राज्य की राजधानी बन गया। १८०१ में यह नगर ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आया, जिसके बाद इसने १८१४ के आंग्ल-गोरखा युद्ध में कुमाऊँ पर अंग्रेजों के कब्जे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। काशीपुर को बाद में कुमाऊँ मण्डल के तराई जिले का मुख्यालय बना दिया गया। ऐतिहासिक रूप से, इस क्षेत्र की अर्थव्यस्था कृषि तथा बहुत छोटे पैमाने पर लघु औद्योगिक गतिविधियों पर आधारित रही है। काशीपुर को कपड़े और धातु के बर्तनों का ऐतिहासिक व्यापार केंद्र भी माना जाता है। आजादी से पहले काशीपुर नगर में जापान से मखमल, चीन से रेशम व इंग्लैंड के मैनचेस्टर से सूती कपड़े आते थे, जिनका तिब्बत व पर्वतीय क्षेत्रों में व्यापार होता था। बाद में प्रशासनिक प्रोत्साहन और समर्थन के साथ काशीपुर शहर के आसपास तेजी से औद्योगिक विकास हुआ। वर्तमान में नगर के एस्कॉर्ट्स फार्म क्षेत्र में छोटी और मझोली औद्योगिक इकाइयों के लिए एक इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल एस्टेट निर्माणाधीन है। भौगोलिक रूप से काशीपुर कुमाऊँ के तराई क्षेत्र में स्थित है, जो पश्चिम में जसपुर तक तथा पूर्व में खटीमा तक फैला है। कोशी और रामगंगा नदियों के अपवाह क्षेत्र में स्थित काशीपुर ढेला नदी के तट पर बसा हुआ है। १८७२ में काशीपुर नगरपालिका की स्थापना हुई, और २०११ में इसे उच्चीकृत कर नगर निगम का दर्जा दिया गया। यह नगर अपने वार्षिक चैती मेले के लिए प्रसिद्ध है। महिषासुर मर्दिनी देवी, मोटेश्वर महादेव तथा मां बालासुन्दरी के मन्दिर, उज्जैन किला, द्रोण सागर, गिरिताल, तुमरिया बाँध तथा गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब काशीपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और काशीपुर, उत्तराखण्ड · और देखें »

काकोरी काण्ड

काकोरी-काण्ड के क्रान्तिकारी सबसे ऊपर या प्रमुख बिस्मिल थे राम प्रसाद 'बिस्मिल' एवं अशफाक उल्ला खाँ नीचे ग्रुप फोटो में क्रमश: 1.योगेशचन्द्र चटर्जी, 2.प्रेमकृष्ण खन्ना, 3.मुकुन्दी लाल, 4.विष्णुशरण दुब्लिश, 5.सुरेशचन्द्र भट्टाचार्य, 6.रामकृष्ण खत्री, 7.मन्मथनाथ गुप्त, 8.राजकुमार सिन्हा, 9.ठाकुर रोशानसिंह, 10.पं० रामप्रसाद 'बिस्मिल', 11.राजेन्द्रनाथ लाहिडी, 12.गोविन्दचरण कार, 13.रामदुलारे त्रिवेदी, 14.रामनाथ पाण्डेय, 15.शचीन्द्रनाथ सान्याल, 16.भूपेन्द्रनाथ सान्याल, 17.प्रणवेशकुमार चटर्जी काकोरी काण्ड (अंग्रेजी: Kakori conspiracy) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रान्तिकारियों द्वारा ब्रिटिश राज के विरुद्ध भयंकर युद्ध छेड़ने की खतरनाक मंशा से हथियार खरीदने के लिये ब्रिटिश सरकार का ही खजाना लूट लेने की एक ऐतिहासिक घटना थी जो ९ अगस्त १९२५ को घटी। इस ट्रेन डकैती में जर्मनी के बने चार माउज़र पिस्तौल काम में लाये गये थे। इन पिस्तौलों की विशेषता यह थी कि इनमें बट के पीछे लकड़ी का बना एक और कुन्दा लगाकर रायफल की तरह उपयोग किया जा सकता था। हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के केवल दस सदस्यों ने इस पूरी घटना को अंजाम दिया था। क्रान्तिकारियों द्वारा चलाए जा रहे आजादी के आन्दोलन को गति देने के लिये धन की तत्काल व्यवस्था की जरूरत के मद्देनजर शाहजहाँपुर में हुई बैठक के दौरान राम प्रसाद बिस्मिल ने अंग्रेजी सरकार का खजाना लूटने की योजना बनायी थी। इस योजनानुसार दल के ही एक प्रमुख सदस्य राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी ने ९ अगस्त १९२५ को लखनऊ जिले के काकोरी रेलवे स्टेशन से छूटी "आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेन्जर ट्रेन" को चेन खींच कर रोका और क्रान्तिकारी पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में अशफाक उल्ला खाँ, पण्डित चन्द्रशेखर आज़ाद व ६ अन्य सहयोगियों की मदद से समूची ट्रेन पर धावा बोलते हुए सरकारी खजाना लूट लिया। बाद में अंग्रेजी हुकूमत ने उनकी पार्टी हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के कुल ४० क्रान्तिकारियों पर सम्राट के विरुद्ध सशस्त्र युद्ध छेड़ने, सरकारी खजाना लूटने व मुसाफिरों की हत्या करने का मुकदमा चलाया जिसमें राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ तथा ठाकुर रोशन सिंह को मृत्यु-दण्ड (फाँसी की सजा) सुनायी गयी। इस मुकदमें में १६ अन्य क्रान्तिकारियों को कम से कम ४ वर्ष की सजा से लेकर अधिकतम काला पानी (आजीवन कारावास) तक का दण्ड दिया गया था। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और काकोरी काण्ड · और देखें »

कंधई लाल

कंधई लाल,भारत के उत्तर प्रदेश की तीसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1962 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 67 - खुटार (अ0जा0) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और कंधई लाल · और देखें »

केशव सिंह

केशव सिंह,भारत के उत्तर प्रदेश की तीसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1962 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के 63 - जलालाबाद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और केशव सिंह · और देखें »

अमरनाथ एक्स्प्रेस

15653/54 गुवाहाटी - जम्मु तवी अमरनाथ एक्सप्रेस भारतीय रेल की पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे जोन की एक एक्सप्रेस ट्रेन है - जो भारत के गुवाहाटी और जम्मु तवी के बीच चलती है। यह ट्रेन नंबर 15653 के रूप में जम्मू तवी से गुवाहाटी एवं विपरीत दिशा में ट्रेन नंबर 15654 के रूप में चल रही है। यह भारत के ८ राज्यों असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में सेवारत हैं। इसका नामकरण प्रसिद्ध अमरनाथ गुफा पर रखा गया हैं जो भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में स्थित है। लोहित एक्सप्रेस के अलावा यह दूसरी ट्रैन हैं जो गुहाटी एवं जम्मू तवी को जोड़ती है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और अमरनाथ एक्स्प्रेस · और देखें »

अरिशफा खान

अरिशफ़ा खान एक भारतीय अभिनेत्री और मॉडल है। उनका जन्म 3 अप्रैल, 2003 (आयु 15) में शाहजहांपुर,लखनऊ, भारत, में हुआ था। मुंबई, महाराष्ट्र, वह अपने कैरियर की शुरुआत के साथ उसके अभिनय धारावाहिक छल (टीवी धारावाहिक) पर कलर्स टीवी में 08 अगस्त 2012 में, वह अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत की | फिर इस शो एक वीर की अरदास...वीरा के रूप में गुंजन के रूप मे स्टार प्लस 2013 में दिखाई दी, बाद में वह कई अन्य टीवी शौस् जैसे जीनी और जूजू में जूनजून में 2013, उतरन में कलर्स टीवी से 16 सितंबर 2014, ये है मोहब्बतें में स्टार प्लस 2015 में, गंगा के रूप में राधिका 2017 में, मेरी दुर्गा के रूप में आरती में 2017, चक्र धरी अजय कृष्ण 2017 में, के बाद कि वह भी खेला रोल में अपराध गश्ती (टीवी श्रृंखला) में 2010 2018 के लिए, अब उसे आगामी पता चलता है Jal Pari (टीवी श्रृंखला) जल्द ही शुरू होगा पर बिग मैजिक टीवी चैनल है । अरिशफ़ा खान का पूरा नाम है अरिशफ़ा खान वह भी काम में 15+ TVCs ब्रांडों की तरह माउंट लीटर ज़ी स्कूल, मोगा जोड़ने, और कई अन्य कहते हैं इसके अलावा, .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और अरिशफा खान · और देखें »

अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ

अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ, (उर्दू: اشفاق اُللہ خان, अंग्रेजी:Ashfaq Ulla Khan, जन्म:22 अक्तूबर १९००, मृत्यु:१९२७) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्होंने काकोरी काण्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। ब्रिटिश शासन ने उनके ऊपर अभियोग चलाया और १९ दिसम्बर सन् १९२७ को उन्हें फैजाबाद जेल में फाँसी पर लटका कर मार दिया गया। राम प्रसाद बिस्मिल की भाँति अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ भी उर्दू भाषा के बेहतरीन शायर थे। उनका उर्दू तखल्लुस, जिसे हिन्दी में उपनाम कहते हैं, हसरत था। उर्दू के अतिरिक्त वे हिन्दी व अँग्रेजी में लेख एवं कवितायें भी लिखा करते थे। उनका पूरा नाम अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ वारसी हसरत था। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के सम्पूर्ण इतिहास में बिस्मिल और अशफ़ाक़ की भूमिका निर्विवाद रूप से हिन्दू-मुस्लिम एकता का अनुपम आख्यान है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ · और देखें »

अवधी

अवधी हिंदी क्षेत्र की एक उपभाषा है। यह उत्तर प्रदेश में "अवध क्षेत्र" (लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, फैजाबाद, प्रतापगढ़), इलाहाबाद, कौशाम्बी, अम्बेडकर नगर, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती तथा फतेहपुर में भी बोली जाती है। इसके अतिरिक्त इसकी एक शाखा बघेलखंड में बघेली नाम से प्रचलित है। 'अवध' शब्द की व्युत्पत्ति "अयोध्या" से है। इस नाम का एक सूबा के राज्यकाल में था। तुलसीदास ने अपने "मानस" में अयोध्या को 'अवधपुरी' कहा है। इसी क्षेत्र का पुराना नाम 'कोसल' भी था जिसकी महत्ता प्राचीन काल से चली आ रही है। भाषा शास्त्री डॉ॰ सर "जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन" के भाषा सर्वेक्षण के अनुसार अवधी बोलने वालों की कुल आबादी 1615458 थी जो सन् 1971 की जनगणना में 28399552 हो गई। मौजूदा समय में शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 6 करोड़ से ज्यादा लोग अवधी बोलते हैं। उत्तर प्रदेश के 19 जिलों- सुल्तानपुर, अमेठी, बाराबंकी, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, कौशांबी, फतेहपुर, रायबरेली, उन्नाव, लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, फैजाबाद व अंबेडकर नगर में पूरी तरह से यह बोली जाती है। जबकि 6 जिलों- जौनपुर, मिर्जापुर, कानपुर, शाहजहांपुर, बस्ती और बांदा के कुछ क्षेत्रों में इसका प्रयोग होता है। बिहार के 2 जिलों के साथ पड़ोसी देश नेपाल के 8 जिलों में यह प्रचलित है। इसी प्रकार दुनिया के अन्य देशों- मॉरिशस, त्रिनिदाद एवं टुबैगो, फिजी, गयाना, सूरीनाम सहित आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड व हॉलैंड में भी लाखों की संख्या में अवधी बोलने वाले लोग हैं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और अवधी · और देखें »

अंजली भारती

अंजली भारती (जन्म: 17 मार्च 1972, शाहजहाँपुर) भारत से हिन्दी की एक लेखिका हैं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और अंजली भारती · और देखें »

उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और उत्तर प्रदेश · और देखें »

उत्तर प्रदेश पुलिस

उत्तर प्रदेश पुलिस भारत के राज्य उत्तर प्रदेश में २३६,२८६वर्ग.कि.मी के क्षेत्र में २० करोड़ जनसंख्या (वर्ष 2011 के अनुसार) में न्याय एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु उत्तरदायी पुलिस सेवा है। ये पुलिस सेवा न केवल भारत वरन विश्व की सबसे बड़ी पुलिस सेवा है। सेवा के महानिदेशक-पुलिस की कमान की शक्ति १.७० लाख के लगभग है जो 75 जिलों में ३१ सशस्त्र बटालियनों एवं अन्य विशिष्ट स्कंधों में बंटी व्यवस्था का नियामन करती है। इन स्कंधों में प्रमुख हैं: इंटेलिजेंस, इन्वेस्टिगेशन, एंटी-करप्शन, तकनीकी, प्रशिक्षण एवं अपराध-विज्ञान, आदि। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और उत्तर प्रदेश पुलिस · और देखें »

उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग २५

उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग २५ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक राज्य राजमार्ग है। २६५.५० किलोमीटर लम्बा यह राजमार्ग पलिया से शुरू होकर लखनऊ तक जाता है। इसे पलिया-लखनऊ मार्ग भी कहा जाता है। यह लखीमपुर खेरी, शाहजहाँपुर, हरदोइ, और लखनऊ जिलों से होकर गुजरता है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग २५ · और देखें »

उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग २६

उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग २६ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक राज्य राजमार्ग है। ४०२.०३ किलोमीटर लम्बा यह राजमार्ग पीलीभीत से शुरू होकर बस्ती तक जाता है। इसे पीलीभीत-लखीमपुर-बहराइच-बस्ती मार्ग भी कहा जाता है। यह पीलीभीत, शाहजहाँपुर, लखीमपुर खेरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, और बस्ती जिलों से होकर गुजरता है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग २६ · और देखें »

उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग २९

उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग २९ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक राज्य राजमार्ग है। २१४.८७ किलोमीटर लम्बा यह राजमार्ग लिपुलेख से शुरू होकर इटावा तक जाता है। इसे लिपुलेख-पीलीभीत-शाहजहाँपुर-इटावा मार्ग भी कहा जाता है। यह पीलीभीत, शाहजहाँपुर, फ़र्रूख़ाबाद और मैनपुरी जिलों से होकर गुजरता है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग २९ · और देखें »

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2017

उत्तर प्रदेश की सत्तरहवीं विधानसभा के लिए आम चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक सात चरणों में आयोजित हुए। इन चुनावों में मतदान प्रतिशत लगभग 61% रहा। भारतीय जनता पार्टी ने 312 सीटें जीतकर तीन-चौथाई बहुमत प्राप्त किया जबकि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी गठबन्धन को 54 सीटें और बहुजन समाज पार्टी को 19 सीटों से संतोष करना पड़ा। पिछले चुनावों में समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बनायीं थी। 18 मार्च 2017 को भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य एवं दिनेश शर्मा को उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2017 · और देखें »

उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची

उत्तर प्रदेश राज्य में कुल ३५ राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई ४०६३५ किमी है; और ८३ राज्य राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई ८४३२ किमी है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची · और देखें »

उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

उत्तर प्रदेश एक भारतीय राज्य है, जिसकी सीमाऐं नेपाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के साथ मिलती हैं। राज्य के उत्तर में हिमालय है और दक्षिण में दक्कन का पठार स्थित है। इन दोनों के बीच में, गंगा, यमुना, घाघरा समेत कई नदियां पूरब की तरफ बहती हैं। उत्तर प्रदेश का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल है। 2011 के जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या 199,581,477 है। उत्तर प्रदेश को 18 मण्डलों के अंतर्गत 75 जिलों में विभाजित किया गया है। 2011 में 199,581,477 की जनसंख्या के साथ उत्तर प्रदेश भारत का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्रफल का 6.88 प्रतिशत मात्र है, लेकिन भारत की 16.49 प्रतिशत आबादी यहां निवास करती है। 2011 तक राज्य में 64 ऐसे नगर हैं, जिनकी जनसंख्या 100,000 से अधिक है। 1,640 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 4,542,184 की जनसंख्या के साथ कानपुर राज्य का सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची · और देखें »

उत्तर प्रदेश के ज़िले

उत्तर प्रदेश भारत का एक राज्य है और प्रशासनिक रूप से कई ज़िलों में बंटा हुआ है। इन ज़िलों को 'विभाग' नामक भौगोलिक व प्रशासनिक समूहों में एकत्रित किया गया है। वर्तमान काल में उत्तर प्रदेश १८ विभागों में बांटा गया है जो आगे स्वयं ७५ ज़िलों में बंटे हैं।, Lalmani Verma, The Indian Express, 01 Dec 2011 .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और उत्तर प्रदेश के ज़िले · और देखें »

उदय प्रताप सिंह

उदय प्रताप सिंह (अंग्रेजी: Uday Pratap Singh, जन्म: 1932, मैनपुरी) एक कवि, साहित्यकार तथा राजनेता हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश से वर्ष 2002-2008 के लिये समाजवादी पार्टी की ओर से राज्य सभा का प्रतिनिधित्व किया। राज्य सभा में यद्यपि उनका कार्यकाल 2008 में समाप्त हो गया तथापि पूर्णत: स्वस्थ एवं सजग होने के बावजूद समाजवादी पार्टी ने उन्हें दुबारा राज्य सभा के लिये नामित नहीं किया। जबकि वे पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के गुरू रह चुके हैं और जाति से यादव भी हैं। उदय प्रताप सिंह को उनकी बेवाक कविता के लिये आज भी कवि सम्मेलन के मंचों पर आदर के साथ बुलाया जाता है। साम्प्रदायिक सद्भाव पर उनका यह शेर श्रोता बार-बार सुनना पसन्द करते हैं: न तेरा है न मेरा है ये हिन्दुस्तान सबका है। नहीं समझी गयी ये बात तो नुकसान सबका है॥ इसी प्रकार सत्तासीनों द्वारा शहीदों के प्रति बरती जा रही उदासीनता पर उनका यह आक्रोश उनके चेले भी बर्दाश्त नहीं कर पाते किन्तु उदय प्रताप सिंह उनके मुँह पर भी अपनी बात कहने से कभी नहीं चूकते: कभी-कभी सोचा करता हूँ वे वेचारे छले गये हैं। जो फूलों का मौसम लाने की कोशिश में चले गये हैं॥ उदय प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष रह चुके हैं। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और उदय प्रताप सिंह · और देखें »

११ (संख्या)

11 (महिला की आवाज में, पुरुष की आवाज में,(उच्चारण: ग्यारह) एक प्राकृतिक संख्या है। इससे पूर्व 10 और इसके पश्चात् 12 आता है अर्थात् ग्यारह 10 से एक अधिक होता है एवं 12 में से एक कम करने पर ग्यारह प्राप्त होता है। इसे शब्दों में ग्यारह से लिखा जाता है। छः और पाँच का योग ग्यारह होता है। .

नई!!: शाहजहाँपुर जिला और ११ (संख्या) · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

शाहजहाँपुर, शाहजहाँपुर ज़िला, शाहजहांपुर, शाहजहांपुर जिला

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »