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शागिर्द

सूची शागिर्द

शागिर्द शागिर्द (अंग्रेजी: disciple) 1967 में बनी समीर गांगुली निर्देशित हास्य हिन्दी फिल्म जिसके मुख्या कलाकार जॉय मुखर्जी और सायरा बानो है। .

8 संबंधों: ए के हंगल, तिग्मांशु धूलिया, बिनाका गीत माला, मैडोना (मनोरंजनकर्ता), मोईन आज़म ख़ान, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, हिंदी चलचित्र, १९६० दशक, अनुराग कश्यप

ए के हंगल

ए॰के॰ हंगल (१ फ़रवरी १९१४ – २६ अगस्त २०१२) एक हिन्दी फिल्म अभिनेता, रंगमंच एवं दूरदर्शन कलाकार थे। इनका पूरा नाम है-अवतार कृष्ण हंगल .

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तिग्मांशु धूलिया

तिग्मांशु धूलिया (जन्मः ३ जुलाई १९६७) भारतीय हिन्दी फिल्म उद्योग बॉलीवुड के एक प्रसिद्ध निर्माता, निर्देशक और अभिनेता हैं। उन्होने अपना कैरियर शेखर कपूर निर्देशित फिल्म बैंडिट क्वीन से बतौर कास्टिंग निर्देशक शुरू किया। .

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बिनाका गीत माला

अमीन सयानी; बिनाका गीत माला के उद्धोषक जिनके मनमोहक अंदाज़ ने सबको दीवाना बना दिया था बिनाका गीतमाला भारतीय फिल्मी संगीत का सबसे पहला काउंट डाउन (count down) कार्यक्रम था रेडियो पर| 1950 और 1960 के दशक फिल्म, फिल्म संगीत और रेडियो के दशक थे| फिल्म और रेडियो के अलावा कोई और विशेष साधन नहीं था उन दिनों मनोरंजन का| लोकप्रिय फिल्मी गीतों पर आधारित एक कार्यक्रम प्रसारित होता था उन दिनों रेडियो सीलोन से - बिनाका गीतमाला| फिल्मी गीतों से सम्बंधित सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम था ये उस समय का| हर बुधवार को रात 8 बजे से 9 बजे तक बिनाका गीतमाला सुनने के लिये लोग रेडियो से चिपक जाया करते थे| मेलोडियस धुनों और मधुर कंठस्वरों का संगम श्रोताओं को पूरे एक घंटे तक भाव विभोर बनाये रखता था। .

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मैडोना (मनोरंजनकर्ता)

मैडोना (मैडोना लुईस चिकोने जन्म, 16 अगस्त 1958) एक अमेरिकी रिकॉर्डिंग कलाकार, अभिनेत्री और उद्यमी है। बह सिटी, मिशिगन में जन्मी और रोचेस्टर हिल्स, मिशिगन में पली-बड़ी, वह सन् 1977 में न्यूयार्क शहर में आधुनिक नृत्य में करियर के लिए स्थानांतरित हो गई। पॉप संगीत समूहों के ब्रेकफास्ट क्लब तथा एम्मी के एक सदस्य के रूप में प्रदर्शन करने के बाद उसने अपने ही नाम मैडोना की टाइटल (शीर्षक) अपना पहला ऐल्बम सन् 1983 में सर रिकॉर्ड्स से रिलीज़ किया गया। लाइक अ वर्जिन (1984) और ट्रू ब्लू (1986) जैसे स्टूडियो ऐल्बमों से उसके हिट गानों की श्रृंखला ने गीतात्मक तत्व की सीमाओं को तोड़कर मुख्यधारा के लोकप्रिय संगीत और संगीत वीडियो की कल्पना में स्थापित कर उन्हें पॉप आइकॉन के रूप में वैश्विक मान्यता दिलाई, जो एमटीवी (MTV) पर एक नियमित कार्यक्रम बन गया। उसकी पहचान को डेस्परेटली सीकिंग सुज़ान (1985) फिल्म से बढ़ावा मिला, जिसमें मैडोना की मुख्य भूमिका नहीं होने के बावजूद भी उसे व्यापक रूप से मैडोना को प्रसिद्धि दिलाने का साधन माना गया। 'लाइक अ प्रेयर ' में धार्मिक कल्पना के व्यापक प्रयोग से, मैडोना को उसकी विविध संगीत प्रस्तुतियों के लिए उसे सकारात्मक समीक्षा प्राप्त हुई, जबकि उसी समय धार्मिक परंपरावादियों और वेटिकन से समालोचना का सामना करना पड़ा.

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मोईन आज़म ख़ान

मोईन आज़म ख़ान या (मोईन आज़म हुसैन) एक भारतीय टेलीविजन अभिनेता है जो वर्तमान में क्राइम पेट्रोल नामक धारावाहिक में अभिनय करते हैं। इन्होंने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत कुमकुम धारावाहिक से की ई के अलावा ये फांस फ़िल्म में भी अभिनय कर चुके है। .

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लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल

लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल एक लोकप्रिय भारतीय संगीतकार की जोड़ी है, लक्ष्मीकांत शांताराम कुदलकर (१९३७-१९९८) और प्यारेलाल रामप्रसाद शर्मा (जन्म १९४०) से मिलकर बनी थी। उन्होंने १९६३ से १९९८ तक ६३५ हिंदी फिल्मों के लिए संगीत रचना की और इस समय के लगभग सभी उल्लेखनीय फिल्म निर्माताओं के लिए काम किया जिसमे सम्मिलित थे राज कपूर, देव आनंद, बी.आर.

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हिंदी चलचित्र, १९६० दशक

1960 दशक के हिंदी चलचित्र .

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अनुराग कश्यप

अनुराग सिंह कश्यप (जन्म 10 सितम्बर 1972) एक भारतीय फ़िल्म निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश कें गोरखपुर जिले में हुआ और वह विभिन्न शहरों में पले-बढे। उन्होनें अपनी शिक्षा देह्ररादून और ग्वालियर में की और उनकी कुछ फिल्मों में इन शहरों की छाप देखने को मिलती हैं, विशेष रूप से गैग्स ऑफ वासेपुर, जहाँ उन्होनें उस घर का प्रयोग किया जहाँ वह पले-बढे। फिल्में देखने का शौक उनहें बचपन से ही था, पर यह स्कूली शिक्षा के के द्वारान छूट गाया। यह शौक दोबरा कॉलेज में जागृत हुआ। यहाँ एक थिएटर टोली से संगठित होकर जब वह एक अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में उपस्थित हुए तो उनमें फिल्मे' बनाने की चेतान जागी। यहीँ से उनकी कैरियर की शुरुआत हुई। टेलीविजन सीरियल के लिए लिखने के बाद, अनुराग को रामगोपाल वर्मा के अपराध नाटक फिल्म सत्या में सह-लेखन का कार्य मिला। उन्होंने अपने निर्देशन का कार्य फिल्म पाँच से शुरुआत की। जो कि केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के कारण प्रदर्शित नहीं हो सकी। इसके बाद उन्होंने 1993 के मुंबई पर बम विस्फोट के बारे में हुसैन जैदी लिखित पुस्तक पर आधारित एक फिल्म ब्लैक फ्राइडे (2007) का निर्देशन किया। लेकिन इसका प्रदर्शन केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा लंबित किए जाने के कारण 2 साल बाद हो सका, लेकिन 2007 में प्रदर्शित होने के बाद इसे काफी सराहना प्राप्त हुई। इसके बाद अनुराग ने नो स्मोकिंग (2007) बनाई जिसने बॉक्स ऑफिस पर खराब प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने देवदास के आधुनिक संस्करण पर आधारित पर फिल्म देव डी (2009) बनाई जिसे काफी व्यवसायिक सफलता प्राप्त हुई। उसके बाद उन्होंने एक राजनीतिक नाटक फिल्म गुलाल (2009) और दैट गर्ल इन यैलो बूट्स (2011) फिल्मों का भी निर्देशन किया। 2012 में आई उनकी फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर-भाग १ और भाग २ ने इनके निर्देशन का नया किर्तीमान बनाया। इस फिल्म ने न केवल व्यवसायिक रुप से सफल रही बल्कि समीक्षकों ने भी इसे काफी सराहा। .

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