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शहरीकरण

सूची शहरीकरण

शहरी क्षेत्रों के भौतिक विस्तार (क्षेत्रफल, जनसंख्या आदि का विस्तार) शहरीकरण (urbanization) कहलाता है। यह एक वैश्विक परिवर्तन है। संयुक्त राष्ट्र संघ की परिभाषा के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का शहरों में जाकर रहना और काम करना भी 'शहरीकरण' है। .

18 संबंधों: दक्षिण कोरिया, प्रतापगढ़ (राजस्थान) की संस्कृति, प्रतापगढ़, राजस्थान, भारत में शहरीकरण, भूमि उपयोग, मधुमेह टाइप 2, शहर, शहरी क्षेत्र, समाजशास्त्र, सामाजिक आन्दोलन, जल संसाधन, वनोन्मूलन, वानिका जिला, विश्व गौरैया दिवस, वैश्विक विकास सम्मेलन २०१२, गुन्नार म्यर्दल, औद्योगीकरण, काष्ठ कला

दक्षिण कोरिया

दक्षिण कोरिया (कोरियाई: 대한민국 (देहान् मिन्गुक), 大韩民国 (हंजा)), पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है जो कोरियाई प्रायद्वीप के दक्षिणी अर्धभाग को घेरे हुए है। 'शान्त सुबह की भूमि' के रूप में ख्यात इस देश के पश्चिम में चीन, पूर्व में जापान और उत्तर में उत्तर कोरिया स्थित है। देश की राजधानी सियोल दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र और एक प्रमुख वैश्विक नगर है। यहां की आधिकारिक भाषा कोरियाई है जो हंगुल और हंजा दोनो लिपियों में लिखी जाती है। राष्ट्रीय मुद्रा वॉन है। उत्तर कोरिया, इस देश की सीमा से लगता एकमात्र देश है, जिसकी दक्षिण कोरिया के साथ २३८ किलिमीटर लम्बी सीमा है। दोनो कोरियाओं की सीमा विश्व की सबसे अधिक सैन्य जमावड़े वाली सीमा है। साथ ही दोनों देशों के बीच एक असैन्य क्षेत्र भी है। कोरियाई युद्ध की विभीषिका झेल चुका दक्षिण कोरिया वर्तमान में एक विकसित देश है और सकल घरेलू उत्पाद (क्रय शक्ति) के आधार पर विश्व की तेरहवीं और सकल घरेलू उत्पाद (संज्ञात्मक) के आधार पर पन्द्रहवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।कोरिया मे १५ अंतराष्ट्रीय बिमानस्थल है और करीब ५०० विश्वविद्यालय है लोग बिदेशो यहा अध्ययन करने आते है। यहा औद्योगिक विकास बहुत हुऐ है और कोरिया मे चीन सहित १५ देशो के लोग रोजगार अनुमति प्रणाली(EPS) के माध्यम से यहा काम करते है। जिसमे दक्षिण एशिया के ४ देशो नेपाल बांग्लादेश श्रीलंका पाकिस्तान है। .

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प्रतापगढ़ (राजस्थान) की संस्कृति

सीतामाता मंदिर के सामने एक मीणा आदिवासी: छाया: हे. शे. हालाँकि प्रतापगढ़ में सभी धर्मों, मतों, विश्वासों और जातियों के लोग सद्भावनापूर्वक निवास करते हैं, पर यहाँ की जनसँख्या का मुख्य घटक- लगभग ६० प्रतिशत, मीना आदिवासी हैं, जो राज्य में 'अनुसूचित जनजाति' के रूप में वर्गीकृत हैं। पीपल खूंट उपखंड में तो ८० फीसदी से ज्यादा आबादी मीणा जनजाति की ही है। जीवन-यापन के लिए ये मीना-परिवार मूलतः कृषि, मजदूरी, पशुपालन और वन-उपज पर आश्रित हैं, जिनकी अपनी विशिष्ट-संस्कृति, बोली और वेशभूषा रही है। अन्य जातियां गूजर, भील, बलाई, भांटी, ढोली, राजपूत, ब्राह्मण, महाजन, सुनार, लुहार, चमार, नाई, तेली, तम्बोली, लखेरा, रंगरेज, रैबारी, गवारिया, धोबी, कुम्हार, धाकड, कुलमी, आंजना, पाटीदार और डांगी आदि हैं। सिख-सरदार इस तरफ़ ढूँढने से भी नज़र नहीं आते.

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प्रतापगढ़, राजस्थान

प्रतापगढ़, क्षेत्रफल में भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान के ३३वें जिले प्रतापगढ़ जिले का मुख्यालय है। प्राकृतिक संपदा का धनी कभी इसे 'कान्ठल प्रदेश' कहा गया। यह नया जिला अपने कुछ प्राचीन और पौराणिक सन्दर्भों से जुड़े स्थानों के लिए दर्शनीय है, यद्यपि इसके सुविचारित विकास के लिए वन विभाग और पर्यटन विभाग ने कोई बहुत उल्लेखनीय योगदान अब तक नहीं किया है। .

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भारत में शहरीकरण

भारत में शहरीकरण स्वतन्त्रता के बाद होने वाली वह घटना है जिसमें भारत में नगरों कि संख्या और आकार में तेज़ी से बढ़ोत्तरी हुई है और साथ ही कुल जनसंख्या में शहरी जनसंख्या का प्रतिशत भी बढ़ा है। .

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भूमि उपयोग

भूमि उपयोग पृथ्वी के किसी क्षेत्र का मनुष्य द्वारा उपयोग को सूचित करता है। सामान्यतः जमीन के हिस्से पर होने वाले आर्थिक क्रिया-कलाप को सूचित करते हुए उसे वन भूमि, कृषि भूमि, परती, चरागाह इत्यादि वर्गों में बाँटा जाता है। और अधिक तकनीकी भाषा में भूमि उपयोग को "किसी विशिष्ट भू-आवरण-प्रकार की रचना, परिवर्तन अथवा संरक्षण हेतु मानव द्वारा उस पर किये जाने वाले क्रिया-कलापों" के रूप में परिभाषित किया गया है। वृहत् स्तर पर ग्रेट ब्रिटेन में प्रथम भूमि उपयोग सर्वेक्षण सन् 1930 ई॰ में डडले स्टाम्प महोदय द्वारा किया गया था। इण्डिया वाटर पोर्टल पर। भारत में भूमि उपयोग से संबंधित मामले 'भारत सरकार' के 'ग्रामीण विकास मंत्रालय' के 'भूमि संसाधन विभाग' के अंतर्गत आते हैं। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर भूमि उपयोग से संबंधित सर्वेक्षणों का कार्य नागपुर स्थित 'राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो' नामक संस्था करती है। इस संस्था द्वारा भारत के विभिन्न हिस्सों के भूमि उपयोग मानचित्र प्रकाशित किये जाते हैं। भूमि उपयोग और इसमें परिवर्तन का किसी क्षेत्र के पर्यावरण और पारिस्थितिकी पर अत्यंत महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। प्राकृतिक संसाधन संरक्षण से जुड़े मुद्दों में भूमि उपयोग संरक्षण से जुड़े बिंदु हैं: मृदा अपरदन एवं संरक्षण, मृदा गुणवत्ता संवर्धन, जल गुणवत्ता और उपलब्धता, वनस्पति संरक्षण, वन्य-जीव आवास इत्यादि। .

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मधुमेह टाइप 2

मधुमेह मेलिटस टाइप 2जिसे पहले "गैर-इंसुलिन-निर्भर मधुमेह मेलिटस (NIDDM)" या "वयस्कता में शुरु होने वाला मधुमेह"कहा जाता था, एक चपापचय विकार है, जिसे इंसुलिन प्रतिरोध और सापेक्ष इंसुलिन कमी के संदर्भ में उच्च रक्त ग्लूकोस द्वारा पहचाना जाता है।यह मधुमेह मेलिटस टाइप 1 के विपरीत होता है जिसमें अग्नाशय में आइलेट कोशिकाओं के विघटन के कारण पूर्ण इंसुलिन की कमी होती है। अधिक प्यास लगना, बार-बार मूत्र लगना और लगातार भूख लगना कुछ चितपरिचित लक्षण हैं। मधुमेह टाइप 2 का आरंभिक प्रबंधन व्यायाम और आहार संबंधी सुधारको बढ़ा कर किया जाता है। यदि इन उपायों से रक्त ग्लूकोस स्तर पर्याप्त रूप से कम नहीं होते हैं तो मेटफॉर्मिनया इंसुलीन जैसी दवाओं की जरूरत हो सकती है। वे लोग जो इंसुलिन पर हैं, उनमें रक्त शर्करास्तरों की नियमित जांच की आवश्यकता होती है। मधुमेह की दर, मोटापे की दर के सामान पिछले 50 वर्षों में समांतर रूप से बढ़ी है। 2010 में लगभग 285 मिलियन लोग इस रोग से पीड़ित हैं, जबकि 1985 में इनकी संख्या लगभग 30 मिलियन थी। उच्च रक्त शर्करा से दीर्घावधि में होने वाली जटिलताओं में हृदय रोग, दौरे, मधुमेह रैटिनोपैथी जिसमें आंखो की देखने की क्षमता प्रभावित होती है, गुर्दे की विफलता जिसमें डायलिसिसकी जरूरत पड़ सकती है और अंगों में खराब संचरण के कारण अंग विच्छेदनशामिल हो सकता है। हलांकि मधुमेह टाइप 1 का गुण जो कि कीटोन बॉडी की अधिकताकी गंभीर जटिलता है, असमान्य है। हलांकि, नॉनएकेटोटिक हाइप्रोस्मोलर कोमाहो सकता है। .

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शहर

शहर बड़ी और स्थायी मानव बस्ती होती है। शहर में आम तौर पर आवास, परिवहन, स्वच्छता, भूमि उपयोग और संचार के लिए व्यापक सिस्टम होता हैं। ऐतिहासिक रूप से शहरवासियों का समग्र रूप से मानवता में छोटा सा अनुपात रहा है। लेकिन आज दो शताब्दियों से अभूतपूर्व और तेजी से शहरीकरण के कारण, कहा जाता है कि आज आधी आबादी शहरों में रह रही हैं। वर्तमान में शहर आमतौर पर बड़े महानगरीय क्षेत्र और शहरी क्षेत्र के केंद्र होते हैं। सबसे आबादी वाला उचित शहर शंघाई है। एक शहर अन्य मानव बस्तियों से अपने अपेक्षाकृत बड़े आकार के कारण भिन्न होता है। शहर अकेले आकार से ही अलग नहीं है, बल्कि यह एक बड़े राजनीतिक संदर्भ में भूमिका निभाता है। शहर अपने आसपास के क्षेत्रों के लिए प्रशासनिक, वाणिज्यिक, धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों के रूप में सेवा देता है। एक विशिष्ट शहर में पेशेवर प्रशासक, नियम-कायदे होते हैं और सरकार के कर्मचारियों को खिलाने के लिए कराधान भी। शहर शब्द फारसी से हिन्दी भाषा में आया है। पुराना संस्कृत शब्द नगर भी उपयोग किया जाता विशेषकर सरकारी कार्य में जैसे कि नगर निगम। .

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शहरी क्षेत्र

वो क्षेत्र जिनका जनसंख्या घनत्व उनके आसपास के क्षेत्रों की तुलना में अधिक और जहां मानवीय सुविधाओं की उपलब्धता प्रचुर मात्रा में होती है, शहरी क्षेत्र कहलाते हैं। एक शहरी क्षेत्र, शहर या कस्बा हो सकता है पर ग्रामीण क्षेत्र जैसे कि गांव और अर्ध ग्रामीण बस्तियाँ इसकी परिभाषा के अंतर्गत नहीं आते। शहरी क्षेत्रों का सृजन और विकास शहरीकरण नामक प्रक्रिया द्वारा होता है। किसी शहरी क्षेत्र का सीमा निर्धारण उस क्षेत्र के जनसंख्या घनत्व और शहरी फैलाव के विश्लेषण और शहरी और ग्रामीण जनसंख्या को निर्धारित करने में मदद करता है, (क्यूबिलास 2007)। .

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समाजशास्त्र

समाजशास्त्र मानव समाज का अध्ययन है। यह सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है, जो मानवीय सामाजिक संरचना और गतिविधियों से संबंधित जानकारी को परिष्कृत करने और उनका विकास करने के लिए, अनुभवजन्य विवेचनगिडेंस, एंथोनी, डनेर, मिशेल, एप्पल बाम, रिचर्ड.

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सामाजिक आन्दोलन

सामाजिक आन्दोलन एक प्रकार का 'सामूहिक क्रिया' है। सामाजिक आन्दोलन व्यक्तियों और/या संगठनों के विशाल अनौपचारिक समूह होते हैं जिनका ध्येय किसी विशिष्ट सामाजिक मुद्दे पर केंद्रित होता है। दूसरे शब्दों में ये ये कोई सामाजिक परिवर्तन करना चाहते हैं, उसका विरोध करते हैं या किसी सामाजिक परिवर्तन को समाप्त कर पूर्वस्थिति में लाना चाहते हैं आधुनिक पाश्चात्य जगत में सामाजिक आन्दोलन शिक्षा के प्रसार के द्वारा तथा उन्नीसवीं शदी में औद्योगीकरण व नगरीकरण के कारण श्रमिकों के आवागमन में वृद्धि के कारण सम्भव हुए। आधुनिक आन्दोलन संसार भर में लोगों को जागृत करने के लिये प्रौद्योगिकी तथा अन्तरजाल का सहारा लेते हैं। भारत के सामाजिक आन्दोलन के सबसे बड़े महानायक डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर है। डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर का शक्तिशाली सामाजिक आंदोलन विश्व के सबसे प्रभावशाली आन्दोलनों में से एक है तथा भारत का सबसे प्रभावशाली सामाजिक आंदोलन है। बाबासाहेब का आन्दोलन भारत देश के पिछडे, गरीब, शोषित, दलित लोगों को उनके सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, राजनैतिक विशेषत: मानव अधिकार देने के लिये था, यह भारत की सबसे बडी सामाजिक क्रांति भी थी। डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर संविधान निर्माता थे, इसलिए उन्होंने देश शोषित लोगों उनके अधिकारों के संघर्ष किया और उसमें सफलता पाई। डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर जी के महाड़ सत्याग्रह या चवदार तालाब आंदोलन, नाशिक का कालाराम मन्दिर आंदोलन और दलित बौद्ध आंदोलन प्रसिद्ध है। विश्व के सबसे महान मानवाधिकारी आंदोलनकारीयों में डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर जी का स्थान शिर्ष पर स्थान है। .

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जल संसाधन

जल संसाधन पानी के वह स्रोत हैं जो मानव के लिए उपयोगी हों या जिनके उपयोग की संभावना हो। पानी के उपयोगों में शामिल हैं कृषि, औद्योगिक, घरेलू, मनोरंजन हेतु और पर्यावरणीय गतिविधियों में। वस्तुतः इन सभी मानवीय उपयोगों में से ज्यादातर में ताजे जल की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर पानी की कुल उपलब्ध मात्रा अथवा भण्डार को जलमण्डल कहते हैं। पृथ्वी के इस जलमण्डल का ९७.५% भाग समुद्रों में खारे जल के रूप में है और केवल २.५% ही मीठा पानी है, उसका भी दो तिहाई हिस्सा हिमनद और ध्रुवीय क्षेत्रों में हिम चादरों और हिम टोपियों के रूप में जमा है। शेष पिघला हुआ मीठा पानी मुख्यतः जल के रूप में पाया जाता है, जिस का केवल एक छोटा सा भाग भूमि के ऊपर धरातलीय जल के रूप में या हवा में वायुमण्डलीय जल के रूप में है। मीठा पानी एक नवीकरणीय संसाधन है क्योंकि जल चक्र में प्राकृतिक रूप से इसका शुद्धीकरण होता रहता है, फिर भी विश्व के स्वच्छ पानी की पर्याप्तता लगातार गिर रही है दुनिया के कई हिस्सों में पानी की मांग पहले से ही आपूर्ति से अधिक है और जैसे-जैसे विश्व में जनसंख्या में अभूतपूर्व दर से वृद्धि हो रही हैं, निकट भविष्य मैं इस असंतुलन का अनुभव बढ़ने की उम्मीद है। पानी के प्रयोक्ताओं के लिए जल संसाधनों के आवंटन के लिए फ्रेमवर्क (जहाँ इस तरह की एक फ्रेमवर्क मौजूद है) जल अधिकार के रूप में जाना जाता है। आज जल संसाधन की कमी, इसके अवनयन और इससे संबंधित तनाव और संघर्ष विश्वराजनीति और राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। जल विवाद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण विषय बन चुके हैं। .

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वनोन्मूलन

वनोन्मूलन का अर्थ है वनों के क्षेत्रों में पेडों को जलाना या काटना ऐसा करने के लिए कई कारण हैं; पेडों और उनसे व्युत्पन्न चारकोल को एक वस्तु के रूप में बेचा जा सकता है और मनुष्य के द्वारा उपयोग में लिया जा सकता है जबकि साफ़ की गयी भूमि को चरागाह (pasture) या मानव आवास के रूप में काम में लिया जा सकता है। पेडों को इस प्रकार से काटने और उन्हें पुनः न लगाने के परिणाम स्वरुप आवास (habitat) को क्षति पहुंची है, जैव विविधता (biodiversity) को नुकसान पहुंचा है और वातावरण में शुष्कता (aridity) बढ़ गयी है। साथ ही अक्सर जिन क्षेत्रों से पेडों को हटा दिया जाता है वे बंजर भूमि में बदल जाते हैं। आंतरिक मूल्यों के लिए जागरूकता का अभाव या उनकी उपेक्षा, उत्तरदायी मूल्यों की कमी, ढीला वन प्रबन्धन और पर्यावरण के कानून, इतने बड़े पैमाने पर वनोन्मूलन की अनुमति देते हैं। कई देशों में वनोन्मूलन निरंतर की जाती है जिसके परिणामस्वरूप विलोपन (extinction), जलवायु में परिवर्तन, मरुस्थलीकरण (desertification) और स्वदेशी लोगों के विस्थापन जैसी प्रक्रियाएं देखने में आती हैं। .

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वानिका जिला

वानिका सूरीनाम का जिला है, यह देश के उत्तर-पूर्व में स्थित है। इसकी राजधानी लैलीडोर्प है। 2004 में हुई जनगणना के अनुसार जिले की आबादी 86,072 है। इसका कुल क्षेत्रफल 442 वर्ग किलोमीटर तथा घनत्व 194.7 प्रति वर्ग किलोमीटर है। आबादी के मामले में यह देश का तीसरा सबसे बड़ा तथा क्षेत्रफल अनुसार नौवा सबसे बड़ा जिला है। जिले में सात रिसॉर्ट हैं। वानिका सूरीनाम के सबसे घनी आबादी वाले तथा सर्वाधिक शहरीकृत जिलों में से एक है। पपीता और गेहूँ यहाँ की मुख्य फसल हैं। यहाँ ताम्बे की भी खाने हैं। श्रेणी:सूरीनाम के जिले.

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विश्व गौरैया दिवस

एक नर गौरैया विश्व गौरैया दिवस २० मार्च को मनाया जाता है। .

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वैश्विक विकास सम्मेलन २०१२

वैश्विक विकास सम्मेलन (Global Development Conference) विश्व बैंक द्वारा १९९९ में प्रारंभ किया गया एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंच है। यह सम्मेलन प्रति वर्ष आयोजित किया जाता है। वैश्विक विकास सम्मेलन सतत विकास की चिंताओं से संबद्ध राष्ट्रों के मध्य दक्षिण-दक्षिण सहयोग का मंच है। इस मंच का १३ वाँ वार्षिक सम्मेलन हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में केंद्रीय यूरोपीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में १६ से १८ जून २0१२ तक आयोजित किया गया। इस बार के वार्षिक सम्मेलन का केंद्रीय विषय था- शहरीकरण और विकास। इस मंच के अनुसार जिन देशों में ५0% तक शहरीकरण हो चुका है, वहाँ गरीबी और शिशु मृत्यु दर में गिरावट दर्ज़ की गयी है। .

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गुन्नार म्यर्दल

गुन्नार म्यर्दल कार्ल गुन्नार म्यदाल (Karl Gunnar Myrdal; स्विडी भाषा:; ६ दिसम्बर १८९८ - १७ मई १९८७) एक स्वीडिश अर्थशास्त्री, राजनेता और नोबेल विजेता थे। १९७४ में, फ्रेडरिक हायेक के साथ अर्थशास्त्र के क्षेत्र में मुद्रा और आर्थिक विचलन के सिद्धांत के क्षेत्र में अग्रणी काम और आर्थिक, सामाजिक और संस्थागत के लिए घटना के तीक्ष्ण विश्लेषण के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। इन्हें वर्ष १९८१ में इनकी पत्नी अल्वा म्यर्दल के साथ जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार प्रदान किया गया था। .

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औद्योगीकरण

सन् १८६० के आस-पास जर्मनी के एक औद्योगिक कारखाने का दृष्य औद्योगीकरण एक सामाजिक तथा आर्थिक प्रक्रिया का नाम है। इसमें मानव-समूह की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बदल जाती है जिसमें उद्योग-धन्धों का बोलबाला होता है। वस्तुत: यह आधुनीकीकरण का एक अंग है। बड़े-पैमाने की उर्जा-खपत, बड़े पैमाने पर उत्पादन, धातुकर्म की अधिकता आदि औद्योगीकरण के लक्षण हैं। एक प्रकार से यह निर्माण कार्यों को बढ़ावा देने के हिसाब से अर्थप्रणाली का बड़े पैमाने पर संगठन है। .

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काष्ठ कला

काष्ठ कला (Wooden Arts) एक हस्तकला है जो भारतीय राज्य राजस्थान में बहुत प्रसिद्ध है। काष्ठ को आम भाषा में लकड़ी कहा जाता है। इस कला में लोग लकड़ी पर विभिन्न प्रकार के कलाकारी वस्तुएं बनाते हैं। बस्सी चित्तौड़गढ़ ज़िले का बस्सी कस्बा जो प्राचीन समय से काष्ठ कला के लिए प्रसिद्ध रहा है। बस्सी की काष्ठ क्ला के जन्म दाता प्रभात जी सुथार माने जाते हैं। इनके द्वारा सर्वप्रथम एक लकड़ी की गणगौर बनाई गई। जो लगभग आज से ३५५ साल पुरानी है। .

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