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शतपाद

सूची शतपाद

गोजर शतपाद (सेन्टीपीड, गोजर या कांतर या कनखजूरा) एक स्थलवासी आर्थ्रोपोडा है जो जमीन में, बिलों में या पेड़ों की छाल के नीचे छिपे पाये जाते हैं। इसका शरीर लंबा एवं खंडयुक्त होता है तथा सिर पर दो स्पर्श सूत्र पाये जाते हैं। इसके प्रत्येक खंड में दो पैर जुड़े होती हैं जो जोड़ युक्त होते हैं। पहला जोड़ा पैर विषैले पंजों में रूपांतरित हो जाता है। दुनिया में गोजर की लगभग ८००० प्रजातियां हैं। n .

10 संबंधों: एक्डीसोज़ोआ, धारीदार नेवला, प्रोटोस्टोमिया, फॉरेंसिक कीटविज्ञान, मिरियापोडा, यूरेशियाई वृक्ष गौरैया, सन्धिपाद, सहस्रपाद, जन्तुदंश, किंगफिशर

एक्डीसोज़ोआ

एक्डीसोज़ोआ (Ecdysozoa) प्रोटोस्टोम प्राणियों की एक श्रेणी है जिसमें आर्थ्रोपोडा (कीट, केलीसेराटा, क्रस्टेशिया, मिरियापोडा), नेमाटोडा (सूत्रकृमि) और कई अन्य छोटे जीववैज्ञानिक संघ शामिल हैं। इस श्रेणी को सन् 1997 में कई प्राणियों के राइबोसोम आर एन ए के अनुवांशिक अध्ययन में मिली समानताओं के आधार पर प्रस्तावित करा गया था। सन् 2008 में हुई एक जाँच में यह साबित हो गया कि यह एक क्लेड है, यानि इसकी सभी सदस्य जातियाँ अतिप्राचीन काल में एक ही सांझी पूर्वज जाति से क्रमविकसित हुई हैं। .

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धारीदार नेवला

धारीदार नेवला (अंग्रेज़ी: Banded mongoose) एक प्रकार का नेवला है जो मध्य और पूर्वी अफ़्रीका में पाया जाता है। यह सवाना, खुले जंगल और घास के मैदानों में रहता है और कनखजूरों और भृंगों पर पेट भरता है। हालांकि अधिकतर नेवले अकेला रहना पसंद करते हैं, धारीदार नेवले समुदायों में रहते हैं और अक्सर दीमकों की ख़ाली बाँबियों में अपना घर बनाते हैं।, Lex Hes, pp.

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प्रोटोस्टोमिया

प्रोटोस्टोमिया (Protostomia, लातीनी भाषा में अर्थ: पहला मुँह) प्राणियों का एक जीववैज्ञानिक अधिसंघ है। यह अपनी बहन क्लेड, ड्यूटेरोस्टोमिया, के साथ अपने से ऊँचा नेफ़्रोज़ोआ (Nephrozoa) नामक क्लेड बनाता है। ड्यूटेरोस्टोमिया और प्रोटोस्टोमिया के सदस्य प्राणियों में यह अंतर है कि ड्यूटेरोस्टोमिया के भ्रूण (एम्ब्रियो) के विकास में सबसे पहले जो छिद्र खुलता है वह गुदा बनता है जबकि अधिकतर प्रोटोस्टोमिया भ्रूण में सबसे पहले विकसित होने वाला छिद्र उसका मुँह होता है। नेफ़्रोज़ोआ स्वयं बाइलेटेरिया क्लेड का सदस्य है। .

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फॉरेंसिक कीटविज्ञान

फॉरेंसिक कीटविज्ञान (अंग्रेज़ी भाषा: Forensic entomology) विज्ञान का क्षेत्र है जिसमें हम कीट और अन्य संधिपाद प्राणियों के जीवन के बारे में आपराधिक मामलों की जाँच की जाती है। इस शेत्र में कीट, संधिपाद प्राणी, अर्चिंड, गोजर, सहस्त्रपाद, क्रस्टेशिया के भी जीवन के विज्ञान को शामिल किया गया है। आपराधिक मामलों को सुलझाने के लिए यह क्षेत्र मुख्य रूप से मौत की जाँच से जुड़े मामले सुलझाने के लिए है परंतु इसके द्वारा हम कई और मामलों की जाँच भी कर सकते हैं जैसे- ज़ेहर और दवाइयों की जाँच, किसी घटना के होने की जगह और किसी भी घाव के होने के समय का भी जाँच भी की जा सकती है। फॉरेंसिक कीटविज्ञान ३ उप-क्षेत्रों में बाँटा गया है: शहरी, संग्रीहित उत्पाद और मेडिकोलेगल (चिकित्या एवं न्याय प्रणाली) .

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मिरियापोडा

मिरियापोडा (Myriapoda) एक प्राणी उपसंघ है जो आर्थ्रोपोडा संघ का एक मुख्य उपविभाग है। इसमें सहस्त्रपाद व गोजर सहित लगभग १३,००० जातियाँ सम्मिलित हैं। लातीनी भाषा में "मिरियापोडा" का अर्थ "बहुत पैर" है और इसकी सदस्य जातियों के ७५० से लेकर दस से कम टांगें होती है। .

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यूरेशियाई वृक्ष गौरैया

यूरेशियाई वृक्ष गौरैया, पास्सेर गौरैया परिवार का एक पासेराइन पक्षी है जिसके सिर का ऊपरी हिस्सा और गर्दन का पिछला हिस्सा लाल-भूरे रंग का होता है और प्रत्येक पूर्णतः सफेद गाल पर एक काला धब्बा होता है। इस प्रजाति के दोनों ही लिंगों मे एक समान पंख होते हैं और युवा पक्षी वयस्क पक्षियों के ही एक छोटे रूप जैसे दिखते हैं। गौरैया पक्षी अधिकांश समशीतोष्ण यूरेशिया और दक्षिणपूर्व एशिया में प्रजनन करती हैं जहां यह वृक्ष गौरैया के नाम से जानी जाती हैं और इन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका सहित अन्य क्षेत्रों में भी भेजा गया है, जहां इन्हें यहां की मूलनिवासी और इनसे असम्बद्ध अमेरिकी वृक्ष गौरैया से विभेदित करने के लिए यूरेशियाई वृक्ष गौरैया या जर्मन गौरैया के नाम से जाना जाता है। हालांकि इनकी अनेकों उप-प्रजातियों की पहचान हो चुकी है, लेकिन अपनी व्यापक उप-प्रजातियों के बीच भी इस पक्षी का रूप-रंग बहुत अधिक नहीं बदलता है। यूरेशियाई वृक्ष गौरैया का गन्दा घोंसला किसी भी प्राकृतिक कोटर में बना होता है, जो कि किसी ईमारत में बना छेद या मैग्पाई (मुटरी) अथवा सारस पक्षी का बड़ा घोंसला हो सकता है। आदर्शतः ये एक समुच्चय (clutch) में 5 से 6 अंडे देती हैं जो दो सप्ताह में परिपक्व हो जाते हैं। यह गौरैया अपने भोजन के लिए मुख्यतः बीजों पर निर्भर करती है लेकिन ये अकशेरुकी प्राणियों को भी अपना भोजन बनाती हैं, मुख्यतः प्रजनन काल के दौरान.

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सन्धिपाद

आर्थ्रोपोडा संघ के प्राणी सन्धिपाद (अर्थोपोडा) प्राणी जगत का सबसे बड़ा संघ है। पृथ्वी पर सन्धिपाद की लगभग दो तिहाई जातियाँ हैं, इसमें कीट भी सम्मिलित हैं। इनका शरीर सिर, वक्ष और उदर में बँटा रहता है। शरीर के चारों ओर एक खोल जैसी रचना मिलती है। प्रायः सभी खंडों के पार्श्व की ओर एक संधियुक्त शाखांग होते हैं। सिर पर दो संयुक्त नेत्र होते हैं। ये जन्तु एकलिंगी होते हैं और जल तथा स्थल दोनों स्थानों पर मिलते हैं। तिलचट्टा, मच्छर, मक्खी, गोजर, झिंगा, केकड़ा आदि इस संघ के प्रमुख जन्तु हैं। .

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सहस्रपाद

मिलिपीड सहस्रपाद आर्थोपोडा संघ का एक प्राणी है। इसका शरीर लंबा एवं खण्डयुक्त तथा काइटिन के बाह्य कंकाल से ढका होता है। सिर पर एक जोड़ी श्रृंगिकाएँ होती हैं। धड़ के प्रत्येक खण्ड में दो जोड़े संधियुक्त पैर होते हैं। इसमें श्वसन अंग वायुनलियाँ हैं। .

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जन्तुदंश

कोई विवरण नहीं।

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किंगफिशर

किंगफिशर कोरासीफोर्म्स वर्ग के छोटे से मध्यम आकार के चमकीले रंग के पंक्षियों का एक समूह है। इनका एक सर्वव्यापी वितरण है जिनमें से ज्यादातर प्रजातियाँ ओल्ड वर्ल्ड और ऑस्ट्रेलिया में पायी जाती हैं। इस समूह को या तो एक एकल परिवार एल्सिडिनिडी के रूप में या फिर उपवर्ग एल्सिडाइन्स में माना जाता है जिनमें तीन परिवार शामिल हैं, एल्सिडिनिडी (नदीय किंगफिशर), हैल्सियोनिडी (वृक्षीय किंगफिशर) और सेरीलिडी जलीय किंगफिशर). किंगफिशर की लगभग 90 प्रजातियां हैं। सभी के बड़े सिर, लंबे, तेज, नुकीले चोंच, छोटे पैर और ठूंठदार पूंछ हैं। अधिकांश प्रजातियों के पास चमकीले पंख हैं जिनमें अलग-अलग लिंगों के बीच थोड़ा अंतर है। अधिकांश प्रजातियां वितरण के लिहाज से उष्णकटिबंधीय हैं और एक मामूली बड़ी संख्या में केवल जंगलों में पायी जाती हैं। ये एक व्यापक रेंज के शिकार और मछली खाते हैं, जिन्हें आम तौर पर एक ऊंचे स्थान से झपट्टा मारकर पकड़ा जाता है। अपने वर्ग के अन्य सदस्यों की तरह ये खाली जगहों में घोंसला बनाते हैं, जो आम तौर पर जमीन पर प्राकृतिक या कृत्रिम तरीके से बने किनारों में खोदे गए सुरंगों में होते हैं। कुछ प्रजातियों, मुख्यतः द्वीपीय स्वरूपों के विलुप्त होने का खतरा बताया जाता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

गोजर, कनखजूरा

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