लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

वैदिक परम्परा

सूची वैदिक परम्परा

वैदिक परम्परा वेद धर्म अथवा हिन्दू धर्म का दूसरा नाम है। इस के अनुसार इस परम्परा का गूढ रहस्य चेतना अथवा आत्मज्ञान विज्ञान है। श्रेणी:वैदिक धर्म.

3 संबंधों: महाभारत, राम स्वरूप, आत्मज्ञान

महाभारत

महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति वर्ग में आता है। कभी कभी केवल "भारत" कहा जाने वाला यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं। विश्व का सबसे लंबा यह साहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्य, हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। इस ग्रन्थ को हिन्दू धर्म में पंचम वेद माना जाता है। यद्यपि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कृतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह ग्रंथ प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। यह कृति प्राचीन भारत के इतिहास की एक गाथा है। इसी में हिन्दू धर्म का पवित्रतम ग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित है। पूरे महाभारत में लगभग १,१०,००० श्लोक हैं, जो यूनानी काव्यों इलियड और ओडिसी से परिमाण में दस गुणा अधिक हैं। हिन्दू मान्यताओं, पौराणिक संदर्भो एवं स्वयं महाभारत के अनुसार इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है। इस काव्य के रचयिता वेदव्यास जी ने अपने इस अनुपम काव्य में वेदों, वेदांगों और उपनिषदों के गुह्यतम रहस्यों का निरुपण किया हैं। इसके अतिरिक्त इस काव्य में न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, कामशास्त्र, खगोलविद्या तथा धर्मशास्त्र का भी विस्तार से वर्णन किया गया हैं। .

नई!!: वैदिक परम्परा और महाभारत · और देखें »

राम स्वरूप

राम स्वरूप राम स्वरूप (1920-26 दिसंबर, 1998) वैदिक परम्परा के प्रमुख बुद्धिजीवी थे। उनके लेखन ने सीता राम गोयल और अन्य कई लेखको को प्रभावित किया। .

नई!!: वैदिक परम्परा और राम स्वरूप · और देखें »

आत्मज्ञान

आत्मज्ञान मन के भीतर की जागरूपता है। भारतीय दर्शन में इसका प्रतीक शिव, विष्णु अथवा शक्ति हैं। इसका वर्णन बहुत वेद और उपनिषद में मिलता है। वैदिक परम्परा के अनुसार इस परम्परा का गूढ रहस्य चेतना अथवा आत्मज्ञान विज्ञान है। श्रेणी:भारतीय दर्शन आत्माज्ञान अस्तित्व के साथ एकत्व की अनुभूति है।.

नई!!: वैदिक परम्परा और आत्मज्ञान · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »