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वुडरो विल्सन

सूची वुडरो विल्सन

वुडरो विल्सन (Woodrow Wilson) (१८५६-१९२४) अमेरिका के २८ वें राष्ट्रपति थे। विल्सन को लोक प्रशासन के प्रकार्यों की व्याख्या करने वाले अकादमिक विद्वान, प्रशासक, इतिहासकार, विधिवेत्ता और राजनीतिज्ञ के रूप में जाना जाता है। .

21 संबंधों: तुलनात्मक लोक-प्रशासन, नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची, मार्गरेट वूड्रो विलसन, राष्ट्र संघ, राजनयिक दूत, राजनीति विज्ञान, लोक प्रशासन, लोक प्रशासन का इतिहास, संयुक्त राज्य के राष्ट्रपतियों की सूची, वर्साय की सन्धि, विल्सन के चौदह सिद्धान्त, विश्वयुद्धों के मध्य की अवधि, खोखला सींग भालू, ऑस्ट्रेलिया का इतिहास, आदर्शवाद (अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध), कु क्लुल्स क्लान, केरिन्थिया (Kärnten), कोलंबिया, दक्षिण कैरोलीना, अमेरिकन एक्सप्रेस, अंतरराष्ट्रीय संबंध सिद्धांत, १९१९

तुलनात्मक लोक-प्रशासन

सामान्य शब्दों में तुलनात्मक लोक-प्रशासन (Comparative Public Administration) का अर्थ है, दो या दो से अधिक प्रशासनिक इकाइयों की संरचना एवं कार्यात्मकता की तुलना की जाए। इसमें दो या दो से अधिक देशों, प्रान्तों तथा स्थानों की प्रशासनिक व्यवस्थाओं के मध्य तुलना की जाती है। तुलनात्मक लोक-प्रशासन का दृष्टिकोण सर्वप्रथम वुडरो विल्सन के नवीन लेख 'द स्टडी ऑफ ऐडमिनिस्ट्रेशन' (१८८७) में आया। इस लेख में विल्सन ने लोक-प्रशासन के तुलनात्मक अध्ययन पर बल दिया। तुलनात्मक लोक प्रशासन, लोक प्रशासन के अध्ययन के क्षेत्र में एक नवीन अवधारणा है। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात सामाजिक विज्ञानों ने अध्ययन के लिए तुलनात्मक आधार पर विशेष बल दिया। इसी दौरान सामाजिक शास्त्रों को विज्ञान की श्रेणी में रखने के लिए विद्वान प्रयत्न करने में लगे थे। लोक प्रशासन में सन् 1952 में प्रिन्सटन में आयोजित ‘तुलनात्मक प्रशासन सम्मेलन‘ द्वारा तुलनात्मक दृष्टिकोण का प्रथम प्रयास किया गया था। लेकिन राबर्ट ए. डहाल ने कहा कि जब तक लोक प्रशासन का अध्ययन तुलनात्मक नही होता तब तक विज्ञान होने का इसका दावा खोखला है। तुलनात्मक लोक प्रशासन के विकास में फैरल हैडी, ड्वाइड वाल्डो, रिचर्ड गैबल, फ्रेड रिग्स, जॉन मॉन्टगुमरी आदि विद्वानों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। लोक प्रशासन के विद्वानों ने तुलनात्मक विश्लेषण पर बल देना प्रारम्भ किया। प्रशासन का तुलनात्मक अध्ययन उनके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक तथा आर्थिक पर्यावरण के सन्दर्भ में किया जाना चाहिए। तुलनात्मक लोक प्रशासन एक नवीन अवधारणा है जिसमें विभिन्न प्रशासनिक व्यवस्थाओं का तुलनात्मक अध्ययन करके प्रशासन को अधिकाधिक वैज्ञानिक बनाने का प्रयास किया जाता है। तीसरी दुनिया के देशों के प्रशासनों का अध्ययन व्यापक पैमाने पर करने पर यह ज्ञात हुआ कि इन देशों की विकास प्रक्रिया स्वदेशी न होकर विदेशों की नकल-मात्र है यह देखा गया है कि विकासशील देशों की नौकरशाही औपचारिकताओं (Formalities) एवं लाल फीताशाही (Red Tapism) को अनावश्यक महत्व देती है। साथ ही इन देशों के प्रशासकों का जनता के प्रति व्यवहार सेवक जैसा नहीं वरन् मालिकों के समान है। इन देशों की नौकरशाही में विकास कार्यक्रमों को पूरा करने के लिये दक्ष एवं योग्य प्रशासकों का भी अभाव है। इन देशों में राजनीतिज्ञों का व्यवहार प्रशासकों के समान होता है, जबकि प्रशासक राजनीति के चक्र में फँसे रहते हैं। रिग्स (Riggs) ने यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि पारिस्थितिकी प्रशासन को प्रभावित करती है तथा इन देशों में विकास प्रशासन की स्थापना एक कारगर कदम सिद्ध हो सकता है। लोक प्रशासन के क्षेत्र में परम्परागत दृष्टिकोण की अपर्याप्तता, अनुसंधान के नए उपकरणों और नवीन सामाजिक संदर्भ, अन्तर्राष्ट्रीय निर्भरता आदि ने तुलनात्मक लोक-प्रशासन को जन्म दिया और उसे आगे बढ़ाया। लोक-प्रशासन के तुलनात्मक अध्ययन के परिणामों और प्रविधियों का समग्र लोक-प्रशासन के स्वरूप पर गंभीर प्रभाव पड़ा। .

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नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची

क्रोना (लगभग यूएस $ 1.2 मिलयन, INR 7.6 करोड़), डिप्लोमा और एक स्वर्ण पदक प्रदान किया जाता है। नोबेल पुरस्कार हर वर्ष रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस, द स्वीडिश एकेडमी, द कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट, एवं द नॉर्वेजियन नोबेल कमिटी द्वारा उन लोगों और संस्थाओं को प्रदान की जाती है जिन्होंने रसायनशास्त्र, भौतिकीशास्त्र, साहित्य, शांति, एवं औषधीविज्ञान के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया हो। नोबेल पुरस्कारों की स्थापना अल्फ्रेड नोबेल के वसीयतनामे के अनुसार १८९५ में हुई। वसीयतनामे के मुताबकि नोबेल पुरस्कारों का प्रशासकीय कार्य नोबेल फाउंडेशन देखेगा। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत १९६८ में स्वीडन की केंद्रीय बैंक स्वेरिंज रिक्सबैंक द्वारा हुई। यह पुरस्कार अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य करने वाले लोगों और संस्थाओं को हर वर्ष दिया जाता है। प्रत्येक पुरस्कार एक अलग समिति द्वारा प्रदान किया जाता है। द रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस भौतिकी, अर्थशास्त्र और रसायनशास्त्र में, कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट औषधी के क्षेत्र में, नॉर्वेजियन नोबेल समिति शांति के क्षेत्र में पुरस्कार प्रदान करती है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक मेडल, एक डिप्लोमा, एक मोनेटरी एवार्ड प्रदान की जाती है। .

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मार्गरेट वूड्रो विलसन

मार्गरेट वूड्रो विलसन सम्पादन मार्गरेट वूड्रो विलसन (१८६६-१९४४) अमेरिका के राष्ट्रपति वूड्रो विलसन की बडी बेटी थी। वह श्री अरविन्द की शिष्या बनी और उसने सनातन धर्म अपनाया। उसका देहान्त श्री अरविन्द के आश्रम में हुआ जहां उसने जीवन के अन्तिम ६ वर्ष बिताए। उसका हिन्दू नाम निष्ठा विलसन था। http://www.auroville.org/art&culture/theatre/nishtha.htm.

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राष्ट्र संघ

राष्ट्र संघ (लंदन) पेरिस शांति सम्मेलन के परिणामस्वरूप संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्ववर्ती के रूप में गठित एक अंतर्शासकीय संगठन था। 28 सितम्बर 1934 से 23 फ़रवरी 1935 तक अपने सबसे बड़े प्रसार के समय इसके सदस्यों की संख्या 58 थी। इसके प्रतिज्ञा-पत्र में जैसा कहा गया है, इसके प्राथमिक लक्ष्यों में सामूहिक सुरक्षा द्वारा युद्ध को रोकना, निःशस्त्रीकरण, तथा अंतर्राष्ट्रीय विवादों का बातचीत एवं मध्यस्थता द्वारा समाधान करना शामिल थे। इस तथा अन्य संबंधित संधियों में शामिल अन्य लक्ष्यों में श्रम दशाएं, मूल निवासियों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार, मानव एवं दवाओं का अवैध व्यापार, शस्त्र व्यपार, वैश्विक स्वास्थ्य, युद्धबंदी तथा यूरोप में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा थे। संघ के पीछे कूटनीतिक दर्शन ने पूर्ववर्ती सौ साल के विचारों में एक बुनियादी बदलाव का प्रतिनिधित्व किया। चूंकि संघ के पास अपना कोई बल नहीं था, इसलिए इसे अपने किसी संकल्प का प्रवर्तन करने, संघ द्वारा आदेशित आर्थिक प्रतिबंध लगाने या आवश्यकता पड़ने पर संघ के उपयोग के लिए सेना प्रदान करने के लिए महाशक्तियों पर निर्भर रहना पड़ता था। हालांकि, वे अक्सर ऐसा करने के लिए अनिच्छुक रहते थे। प्रतिबंधों से संघ के सदस्यों को हानि हो सकती थी, अतः वे उनका पालन करने के लिए अनिच्छुक रहते थे। जब द्वित्तीय इटली-अबीसीनिया युद्ध के दौरान संघ ने इटली के सैनिकों पर रेडक्रॉस के मेडिकल तंबू को लक्ष्य बनाने का आरोप लगाया था, तो बेनिटो मुसोलिनी ने पलट कर जवाब दिया था कि “संघ तभी तक अच्छा है जब गोरैया चिल्लाती हैं, लेकिन जब चीलें झगड़ती हैं तो संघ बिलकुल भी अच्छा नहीं है”.

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राजनयिक दूत

राजनयिक दूत (Diplomatic Envoys) संप्रभु राज्य या देश द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि होते हैं, जो अन्य राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन अथवा अंतरराष्ट्रीय संस्था में अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय विधि का प्रचलन आरंभ होने के बहुत पूर्व से ही रोम, चीन, यूनान और भारत आदि देशों में एक राज्य से दूसरे राज्य में दूत भेजने की प्रथा प्रचलित थी। रामायण, महाभारत, मनुस्मृति, कौटिल्यकृत अर्थशास्त्र और 'नीतिवाक्यामृत' में प्राचीन भारत में प्रचलित दूतव्यवस्था का विवरण मिलता है। इस काल में दूत अधिकांशत: अवसरविशेष पर अथवा कार्यविशेष के लिए ही भेजे जाते थे। यूरोप में रोमन साम्राज्य के पतन के उपरांत छिन्न भिन्न दूतव्यवस्था का पुनरारंभ चौदहवीं शताब्दी में इटली के स्वतंत्र राज्यों एवं पोप द्वारा दूत भेजने से हुआ। स्थायी राजदूत को भेजने की नियमित प्रथा का श्रीगणेश इटली के गणतंत्रों एवं फ्रांस के सम्राट् लुई ग्यारहवें ने किया। सत्रहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध तक दूतव्यवस्था यूरोप के अधिकांश देशों में प्रचलित हो गई थी। .

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राजनीति विज्ञान

राजनीति विज्ञान एक सामाजिक विज्ञान है जो सरकार और राजनीति के अध्ययन से सम्बन्धित है। राजनीति विज्ञान अध्ययन का एक विस्तृत विषय या क्षेत्र है। राजनीति विज्ञान में ये तमाम बातें शामिल हैं: राजनीतिक चिंतन, राजनीतिक सिद्धान्त, राजनीतिक दर्शन, राजनीतिक विचारधारा, संस्थागत या संरचनागत ढांचा, तुलनात्मक राजनीति, लोक प्रशासन, अंतर्राष्ट्रीय कानून और संगठन आदि। .

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लोक प्रशासन

लोक प्रशासन (Public administration) मोटे तौर पर शासकीय नीति (government policy) के विभिन्न पहलुओं का विकास, उन पर अमल एवं उनका अध्ययन है। प्रशासन का वह भाग जो सामान्य जनता के लाभ के लिये होता है, लोकप्रशासन कहलाता है। लोकप्रशासन का संबंध सामान्य नीतियों अथवा सार्वजनिक नीतियों से होता है। एक अनुशासन के रूप में इसका अर्थ वह जनसेवा है जिसे 'सरकार' कहे जाने वाले व्यक्तियों का एक संगठन करता है। इसका प्रमुख उद्देश्य और अस्तित्व का आधार 'सेवा' है। इस प्रकार की सेवा उठाने के लिए सरकार को जन का वित्तीय बोझ करों और महसूलों के रूप में राजस्व वसूल कर संसाधन जुटाने पड़ते हैं। जिनकी कुछ आय है उनसे कुछ लेकर सेवाओं के माध्यम से उसका समतापूर्ण वितरण करना इसका उद्देश्य है। किसी भी देश में लोक प्रशासन के उद्देश्य वहां की संस्थाओं, प्रक्रियाओं, कार्मिक-राजनीतिक व्यवस्था की संरचनाओं तथा उस देश के संविधान में व्यक्त शासन के सिद्धातों पर निर्भर होते हैं। प्रतिनिधित्व, उत्तरदायित्व, औचित्य और समता की दृष्टि से शासन का स्वरूप महत्व रखता है, लेकिन सरकार एक अच्छे प्रशासन के माध्यम से इन्हें साकार करने का प्रयास करती है। .

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लोक प्रशासन का इतिहास

एक व्यवस्थित अध्ययन के रूप में लोक-प्रशासन का विकास अभी नया ही है। लोक-प्रशासन के शैक्षिक अध्ययन का प्रारम्भ करने का श्रेय वुडरो विल्सन को जाता है जिसने १८८७ में प्रकाशित अपने लेख ‘द स्टडी ऑफ ऐडमिनिस्ट्रेशन' में इस शास्त्र के वैज्ञानिक आधार को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस लेख में राजनीति तथा प्रशासन के बीच स्पष्ट भिन्नता दिखाई गई और घोषित किया गया कि प्रशासन की राजनीति से दूर रहना चाहिए। इसी को तथाकथित ‘राजनीति-प्रशासन-द्विभाजन’ कहते हैं। लोक प्रशासन का इतिहास निम्नलिखित 5 चरणों में विभाज्य है- .

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संयुक्त राज्य के राष्ट्रपतियों की सूची

संयुक्त राज्य के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति देश और सरकार दोनों का प्रमुख है। देश की कार्यकारिणी शाखा और संघीय सरकार के मुखिया के रूप में राष्ट्रपति पद प्रभाव और मान्यता द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका में सर्वोच्च राजनीतिक पद है। राष्ट्रपति संयुक्त राज्य अमेरिका के सशस्त्र बलों का प्रमुख भी है। राष्ट्रपति परोक्ष रूप से एक निर्वाचक मंडल द्वारा चार साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है (या प्रतिनिधि सभा द्वारा अगर निर्वाचक मंडल किसी भी व्यक्ति को बहुमत नहीं देता है)। १९५१ में संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान में बाईसवें (22) संशोधन के बाद से कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक राष्ट्रपति निर्वाचित नहीं किया जा सकता है और कोई भी जिसने दो साल से ज़्यादा राष्ट्रपति का कार्यभार संभाला है जब कोई और निर्वाचित हुआ था (हत्या, मृत्यु या पद त्याग के कारण), एक से अधिक बार चुने नहीं जा सकते हैं। अगर कोई अवलंबी राष्ट्रपति कार्यालय के बीच में पद त्याग देता है या उन्हें हटा दिया जाता है या उनकी मृत्यु हो जा जाती है, इस परिस्थिति में उपराष्ट्रपति उनका पद संभाल लेता है। किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति बनने के लिये 35 या उससे अधिक वर्ष का होना जरूरी है, न्यूनतम 14 साल वो संयुक्त राज्य अमेरिका में रहे हों और वो "प्राकृतिक रूप से जन्मे" अमेरिका के नागरिक हो। आज तक 43 व्यक्ति राष्ट्रपति पद पर आसीन हुये हैं और 44 कार्यकाल हुये हैं, चूंकि ग्रोवर क्लीवलाण्ड गैरलगातार दो बार राष्ट्रपति बने थे। राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित व्यक्तियों में से चार लोगो की कार्यालय अवधि में मृत्यु हो गयी थी (विलियम हेनरी हैरिसन, ज़ेकरी टेलर, वारेन हार्डिंग, और फ्रेंकलिन रोज़वेल्ट), चार की हत्या कर दी गयी (अब्राहम लिंकन,Martin, Paul, Smithsonian Magazine, April 8, 2010, Retrieved November 15, 2010 जेम्स गार्फील्ड, विलियम मकिन्ली, और जाह्न केनेडी) और एक ने इस्तीफ़ा दे दिया (रिचर्ड निक्सन)। जार्ज वाशिंगटन 1789 में निर्वाचन मंडल के सर्वसम्मत वोट के बाद सबसे पहले राष्ट्रपति बने थे। विलियम हेनरी हैरिसन 1841 में केवल 32 दिन इस पद पर रहे थे, जो किसी भी राष्ट्रपति का सबसे छोटा कार्यकाल है। फ्रेंकलिन रोज़वेल्ट बारह से अधिक वर्षो तक इस पद पर रहे जो सबसे बड़ा कार्यकाल है, पर जल्द ही उनकी अपने चौथे कार्यकाल में मृत्यु हो गयी; वो अकेले राष्ट्रपति है जो इस पद पर दो बार से ज़्यादा चुने गये हैं। जाह्न केनेडी अकेले राष्ट्रपति रहे हैं जिनका धर्म रोमन कैथोलिक था (दूसरे या तो प्रोटेस्टैंट थे या नास्तिक) और निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा, अफ्रीकी मूल के पहले राष्ट्रपति थे, अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हैं। इस सूची में अमेरिका की मौजूदा सरकार के राष्ट्रपति के नाम है जो 1789 में अस्तित्व में आयी थी, हालांकि इससे पहले भी संयुक्त राज्य में सरकार रही है। इसके अलावा गृहयुद्ध के दौरान एक और राष्ट्रपति नामक पद था जो अपने अस्तित्व के दौरान केवल एक व्यक्ति के पास रहा। .

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वर्साय की सन्धि

वर्साय की सन्धि का इंगलिश कवर पेज वर्साय की सन्धि प्रथम विश्व युद्घ के अन्त में जर्मनी और गठबन्धन देशों (ब्रिटेन, फ्रान्स, अमेरिका, रूस आदि) के बीच में हुई थी। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद पराजित जर्मनी ने 28 जून 1919 के दिन वर्साय की सन्धि पर हस्ताक्षर किये। इसकी वजह से जर्मनी को अपनी भूमि के एक बड़े हिस्से से हाथ धोना पड़ा, दूसरे राज्यों पर कब्जा करने की पाबन्दी लगा दी गयी, उनकी सेना का आकार सीमित कर दिया गया और भारी क्षतिपूर्ति थोप दी गयी। वर्साय की सन्धि को जर्मनी पर जबरदस्ती थोपा गया था। इस कारण एडोल्फ हिटलर और अन्य जर्मन लोग इसे अपमानजनक मानते थे और इस तरह से यह सन्धि द्वितीय विश्वयुद्ध के कारणों में से एक थी। .

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विल्सन के चौदह सिद्धान्त

प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी परास्त हो चुका था और फ्रांस विजेताओं की कतार में खड़ा था। युद्ध की समाप्ति पर युद्धविराम की संधियों पर हस्ताक्षर करने हेतु फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक शांति सम्मेलन आयोजन किया गया। इस शांति सम्मेलन में भाग लेने के लिए 32 राज्यों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया। इस सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति के अतिरिक्त 11 देशों के प्रधानमंत्री, 12 विदेश मंत्री एवं अन्य राज्यों के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ एकत्रित हुए थे। चूँकि रूस में साम्यवादी क्रांति आंरभ हो गई थी और पश्चिमी राष्ट्र साम्यवाद के विरोधी थे अतः सोवियत रूस को इस सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया गया। इस सम्मेलन में पराजित राष्ट्रों - जर्मनी, आस्ट्रिया, तुर्की और बल्गारिया को भी स्थान नहीं दिया गया था। इस प्रकार इस सम्मेलन में 32 राज्यों के 70 प्रतिनिधि एकत्रित हुए। इस सम्मेलन में 5 पराजित राष्ट्रों के साथ पृथक-पृथक संधि की गयी जिसमें वर्साय की संधि प्रमुख है। अमेरिका के राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने अपने 14 सूत्रों में से एक सूत्र में कहा था कि 'छोटे बड़े सभी राष्ट्रों को समान रूप से राजनीतिक स्वतंत्रता तथा प्रादेशित अखण्डता का आश्वासन देने के लिये राष्ट्र संघ की स्थापना की जाये।' इस प्रकार विल्सन महोदय ने विश्व शांति की स्थापना के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था की स्थापना पर बल दिया था। वस्तुतः विल्सन के 14 सूत्रों के आधार पर ही प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी ने आत्म समर्पण किया था। इसी आधार पर 10 जनवरी 1920 ई. को राष्ट्र संघ की विधिवत् स्थापना हुई। .

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विश्वयुद्धों के मध्य की अवधि

१९२९ से १९३९ के बीच यूरोप का मानचित्र प्रथम विश्वयुद्ध 1919 ई. को समाप्त हुआ एवं इसके ठीक 20 वर्ष बाद 1939 ई. में द्वितीय विश्वयुद्ध आंरभ हो गया। इन दो विश्वयुद्धों के मध्य विश्व राजनीतिक का कई कटु अनुभवों से सामना हुआ। प्रथम विश्वयुद्ध की विभीषिका से यूरोपीय राजनीतिज्ञों ने कोई सबक नहीं सीखा। शांति की स्थापना हेतु आदर्शवादी बातें तो बहुत की गईं मगर व्यवहार में उनका पालन नहीं किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन के 14 सूत्रों से प्रतीत होता था कि, उन पर अमल कर विश्व शांति की स्थापन का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। पेरिस शांति सम्मेलन के दौरान जिस तरह फ्रांस के प्रधानमंत्री क्लीमेंशों ने विल्सन की आदर्शवादी बातों का उपहास उड़ाया, उससे पता चलता है कि पेरिस शांति सम्मेलन के प्रतिनिधि विश्व शांति की स्थापना को लेकर दृढ़ प्रतिज्ञ नहीं है। यही कारण था कि राष्ट्रसंघ की धज्जियाँ उड़ा दीं गयीं। इंग्लैण्ड एवं फ्रांस मूकदर्शक बने देखते रहे। प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् विश्व राजनीतिज्ञों ने निःशस्रीकरण की दिशा में सराहनीय प्रयास किये। इसके अलावा भी शांति स्थापना की दिशा में पहल की। जर्मनी ने हिटलर का उदय विश्व इतिहास को प्रभावित करने वाली सर्वप्रमुख घटना थी। उसका उदय 1919 ई. की वार्साय की संधि द्वारा जर्मनी के हुए अपमान का बदला लेने के लिए ही हुआ था। वार्साय की संधि की अपमानजनक धाराओं को देखकर मार्शल फौच ने तो 1919 में ही भविष्यवाणी कर दी थी यह कोई शांति संधि नहीं यह तो 20 वर्ष के लिए युद्धविराम मात्र है। मार्शल फौच की उक्त भविष्यवाणी अंततः हिटलर ने सत्य सिद्ध करा दी। .

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खोखला सींग भालू

खोखला सींग भालू खोखला सींग भालू (अंग्रेज़ी में: हॉलो हॉर्न बेयर') (१८५०-१९१३) ब्रूल सुज़ जनजाति के मूल अमरीकन आदिवासियों का एक नेता था। १८६६ और १८६८ के बीच में उसने संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना के कैप्टन विलियम फ़ेटर्मैन को हरा दिया। १८७० के दशक में उसने सरकार के साथ शान्ति प्रस्ताव की बातें करनी शुरु कर दीं। १९१३ में राष्ट्रपति वूड्रो विल्सन से मुलाकात के समय उसे निमोनिया हो गया, जिस कारण उसकी मौत हो गई। .

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ऑस्ट्रेलिया का इतिहास

ऑस्ट्रेलिया का इतिहास कॉमनवेल्थ ऑफ ऑस्ट्रेलिया और इससे पूर्व के मूल-निवासी तथा औपनिवेशिक समाजों के क्षेत्र और लोगों के इतिहास को संदर्भित करता है। ऐसा माना जाता है कि ऑस्ट्रेलिया की मुख्य भूमि पर ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों का पहली बार आगमन लगभग 40,000 से 60,000 वर्षों पूर्व इंडोनेशियाई द्वीप-समूह से नाव द्वारा हुआ। उन्होंने पृथ्वी पर सबसे लंबे समय तक बची रहने वाली कलात्मक, संगीतमय और आध्यात्मिक परंपराओं में कुछ की स्थापना की। सन् 1606 में ऑस्ट्रेलिया पहुँचे डच नाविक विलेम जैन्सज़ून यहाँ निर्विरोध उतरने वाले पहले यूरोपीय व्यक्ति थे। इसके बाद यूरोपीय खोजकर्ता लगातार यहाँ आते रहे। सन् 1770 में जेम्स कुक ने ऑस्ट्रेलिया की पूर्वी तट को ब्रिटेन के लिए चित्रित कर दिया और वे बॉटनी बे (अब सिडनी में), न्यू साउथ वेल्स में उपनिवेश बनाने का समर्थन करने वाले विवरणों के साथ वापस लौटे। एक दंडात्मक उपनिवेश की स्थापना करने के लिए ब्रिटिश जहाजों का पहला बेड़ा जनवरी 1788 में सिडनी पहुँचा। ब्रिटेन ने पूरे महाद्वीप में अन्य उपनिवेश भी स्थापित किए। पूरी उन्नीसवीं सदी के दौरान आंतरिक भागों में यूरोपीय खोजकर्ताओं को भेजा गया। इस अवधि के दौरान नए रोगों के संपर्क में आने और ब्रिटिश उपनिवेशवादियों के साथ हुए संघर्ष ने ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को बहुत अधिक कमज़ोर बना दिया। सोने की खानों और कृषि उद्योगों के कारण समृद्धि आई और उन्नीसवीं सदी के मध्य में सभी छः ब्रिटिश उपनिवेशों में स्वायत्त संसदीय लोकतंत्रों की स्थापना की शुरुआत हुई। सन् 1901 में इन उपनिवेशों ने एक जनमत-संग्रह के द्वारा एक संघ के रूप में एकजुट होने के लिए मतदान किया और आधुनिक ऑस्ट्रेलिया अस्तित्व में आया। विश्व-युद्धों में ऑस्ट्रेलिया ब्रिटेन की ओर से लड़ा और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान शाही जापान द्वारा संयुक्त राज्य अमरीका को धमकी मिलने पर ऑस्ट्रेलिया संयुक्त राज्य अमरीका का दीर्घकालिक मित्र साबित हुआ। एशिया के साथ व्यापार में वृद्धि हुई और युद्धोपरांत एक बहु-सांस्कृतिक आप्रवास कार्यक्रम के द्वारा 6.5 मिलियन से अधिक प्रवासी यहाँ आए, जिनमें प्रत्येक महाद्वीप के लोग शामिल थे। अगले छः दशकों में जनसंख्या तिगुनी होकर 2010 में लगभग 21 मिलियन तक पहुँच गई, जहाँ 200 देशों के मूल नागरिक मिलकर विश्व की चौदहवीं सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था का निर्माण करते हैं। .

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आदर्शवाद (अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध)

फ्रांसीसी क्रांति (1789) व अमेरिकी क्रान्ति (1776) को अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्धों में आदर्शवादी उपागम (Idealist Approach) की प्रेरणा माना गया है। इसके प्रमुख समर्थक रहे हैं - कौण्डरसैट, वुडरो विल्सन, बटन फिल्ड, बनार्ड रसल आदि। इनके द्वारा एक आदर्श विश्व की रचना की गई है जो अहिंसा व नैतिक आधारों पर आधारित होगा व युद्धों को त्याग देगा। .

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कु क्लुल्स क्लान

कू क्लक्स क्लान, जिसे अक्सर संक्षिप्त रूप से KKK व अनौपचारिक रूप से द क्लान नाम से जाना जाता है, विभिन्न पूर्व तथा वर्तमान अति दक्षिणपंथी घृणा समूहों का नाम है जिसका घोषित उद्देश्य हिंसा और भय के द्वारा संयुक्त राज्य अमरीका में श्वेत अमरीकियों के अधिकारों और हितों की रक्षा करना है। ऐसे शुरुआती संगठनों का उदय दक्षिणी राज्यों में हुआ और अंततः उनका दायरा राष्ट्रीय स्तर तक फैल गया। उन्होंने आदर्श सफेद परिधान विकसित किया, जिसमें मुखौटे, पोशाक और शंक्वाकार टोप शामिल थे। KKK का रिकार्ड आतंकवाद का प्रयोग करने का रहा है, 1999 में, चार्ल्सटन, दक्षिण कैरोलिना की नगर परिषद ने एक प्रस्ताव पारित करके क्लान को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया। ऐसा ही एक प्रयास 2004 में किया गया था जब लुईसविल विश्वविद्यालय के एक प्रोफ़ेसर ने क्लान को एक आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिये अभियान चलाया ताकि उसे परिसर से प्रतिबंधित किया जा सके.

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केरिन्थिया (Kärnten)

केरिन्थिया (Kärnten, Koroška) एक सुदूर दक्षिणी ऑस्ट्रियाई राज्य या क्षेत्र है। यह ईस्टर्न आल्प्स के भीतर स्थित है और मुख्यतः पर्वतों और झीलों के लिए यह प्रसिद्ध है। एक विशेष (आसानी से पहचानने योग्य) दक्षिणी ऑस्ट्रो-बवारियन बोली के साथ यहां के लोग मुख्य रूप से जर्मन बोलते हैं जिसमें मुख्य रूप से दोहरे व्यंजन से पहले सभी छोटे जर्मन स्वर लम्बे होते हैं ("केरिन्थियान वोवेल स्ट्रेचिंग").

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कोलंबिया, दक्षिण कैरोलीना

कोलंबिया दक्षिण कैरोलिना के अमेरिकी राज्य में राज्य की राजधानी एवं सबसे बड़ा शहर है। 2000 की जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या 116,278 थी, जबकि 2009 की जनगणना में शहर की आबादी के 129,333 होने का अनुमान लगाया गया। कोलंबिया रिचलैंड काउंटी की काउंटी सीट है, लेकिन शहर के एक हिस्से ने पड़ोसी लेक्जिंगटन काउंटी में विस्तार कर लिया है। शहर एक महानगरीय सांख्यिकीय क्षेत्र 744,730 का केंद्र है, यह राज्य में सबसे बड़ा और संयुक्त राज्य अमेरिका में 65वां-सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है।http://www.metrojacksoneda.com/demographics/JGA/index.htm शहर का नाम अमेरिका के लिए एक काव्यात्मक पर्याय से आया है, जो क्रिस्टोफर कोलंबस के नाम से व्युत्पन्न है। दक्षिण केरोलिना के भौगोलिक केंद्र के पास उत्तर पश्चिम में स्थित कोलंबिया दक्षिण केरोलिना के मध्य क्षेत्र (मिडलैंड्स) का प्राथमिक शहर है जिसमें राज्य के केंद्रीय भाग में कई प्रांत शामिल हैं। कोलंबिया दो नदियों सालुडा और ब्रॉड के संगम पर बसा है। सीएनएनमनी डॉट कॉम (CNNMoney.com) ने अमेरिका के में से एक के रूप में कोलंबिया का उल्लेख किया है औऱ यूएस न्यूज़ और वर्ल्ड रिपोर्ट ने 2009 की रिपोर्ट में शहर को की सूची में 6 ठवां स्थान दिया है। .

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अमेरिकन एक्सप्रेस

अमेरिकन एक्सप्रेस कंपनी, जिसे "एमेक्स" के रूप मे‍ भी जाना जाता है, विविध वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदान करने वाली एक कंपनी है, जिसका मुख्यालय न्यूयॉर्क सिटी में है। 1850 में संस्थापित यह कंपनी, डॉव जोन्स इ‍डस्ट्रियल एवरेज़ के 30 घटकों में से एक है। कंपनी विशेषकर अपने क्रेडिट कार्ड, चार्ज कार्ड और व्यवसायों के लिए ट्रैवेलर्स चेक के लिए जानी जाती है। एमेक्स कार्ड,‍ संपूर्ण अमेरिका में एकमात्र ऐसी कार्ड जारी करने वाली कंपनी है, जो क्रेडिट कार्ड के कुल मूल्य के लगभग 24 प्रतिशत तक का लेनदेन करने की अनुमति देती है। ^ $ में.

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अंतरराष्ट्रीय संबंध सिद्धांत

---- अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांत में सैद्धांतिक परिप्रेक्ष्य से अंतरराष्ट्रीय संबंधों का अध्ययन किया जाता है। यह एक ऐसा वैचारिक ढांचा प्रदान करने का प्रयास करता है जिससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों का विश्लेषणात्मक अध्ययन किया जा सके। ओले होल्स्ती कहता है की अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांत रंगीन धूप के चश्में की एक जोड़ी के रूप में कार्य करते हैं, जो उसे पहनने वाले व्यक्ति को केवल मुख्य सिद्धांत के लिए प्रासंगिक घटनाओं को देखने की अनुमति देता है। अंतरराष्ट्रीय संबंधों में यथार्थवाद, उदारवाद और रचनावाद, तीन सबसे लोकप्रिय सिद्धांत हैं। अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांत मुख्यत: दो सिद्धांतों में विभाजित किये जा सकते हैं, "प्रत्यक्षवादी/बुद्धिवादी" जो मुख्यत: राज्य स्तर के विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित करते हैं। और उत्तर-प्रत्यक्षवादी/चिंतनशील जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांत में उत्तर औपनिवेशिक युग में सुरक्षा, वर्ग, लिंग आदि के विस्तारित अर्थ को शामिल करवाना चाहते हैं। आईआर (IR) सिद्धांतो में443333 विचारों के अक्सर कई विरोधाभासी तरीके मौजूद हैं, जैसे अंतरराष्ट्रीय संबंधों (IR) में रचनावाद, संस्थावाद, मार्क्सवाद, नव-ग्रामस्कियनवाद (neo-Gramscianism), और अन्य। हालांकि, प्रत्यक्षवादी सिद्धांतों के स्कूलों में सबसे अधिक प्रचलित यथार्थवाद और उदारवाद हैं। यद्यपि, रचनावाद अंतरराष्ट्रीय संबंधों में तेजी से मुख्यधारा होता जा रहा है। .

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१९१९

1919 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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