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विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (भारत)

सूची विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (भारत)

आयोग की स्थापना के समय मौलाना आजाद एवं डॉ॰सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत का विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (अंग्रेज़ी:University Grants Commission, लघु:UGC) केन्द्रीय सरकार का एक उपक्रम है जो सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अनुदान प्रदान करता है। यही आयोग विश्वविद्यालयों को मान्यता भी देता है। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में है और इसके छः क्षेत्रीय कार्यालय पुणे, भोपाल, कोलकाता, हैदराबाद, गुवाहाटी एवं बंगलुरु में हैं।। हिन्दुस्तान लाइव। २२ फ़रवरी २०१० .

165 संबंधों: चितकारा विश्वविद्यालय, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, टेरी - ऊर्जा और संसाधन संस्थान, टेरी विश्वविद्यालय, एनटीआर स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, एम बी एम अभियान्त्रिकी महाविद्यालय, एमिटी विश्वविद्यालय, एस० ई० एस० हाई स्कूल एंड जूनियर कॉलेज, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय, डॉ॰ ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, डॉ॰ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, तमिल नाडु फिजिकल एजुकेशन एण्ड स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, त्रिपुरा विश्वविद्यालय, तेजपुर विश्‍वविद्यालय, दयाल सिंह कॉलेज, करनाल, दिल्ली विश्‍वविद्यालय, दक्षिण बिहार केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय, द्रविड़ विश्वविद्यालय, दौलत सिंह कोठारी, दून विश्वविद्यालय, दूरस्थ शिक्षा, देव संस्कृति विश्वविद्यालय, दीवान आनंद कुमार, नालन्दा खुला विश्वविद्यालय, नागालैण्ड विश्वविद्यालय, नोएडा इंटरनेशनल युनिवर्सिटी, पण्डित सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, पंजाबी विश्वविद्यालय, प्रतापगढ़, राजस्थान, प्रभु लाल भटनागर, प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन विश्वविद्यालय, पैसिफिक विश्वविद्यालय उदयपुर, पूर्वोत्‍तर पर्वतीय विश्‍वविद्यालय, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, बंगलौर विश्वविद्यालय, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय, भारत में विश्वविद्यालयों की सूची, भारत सारावली, भारत के निजी विश्वविद्यालयों की सूची, भारत २०१०, भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, भारतीय प्रेस परिषद्, भारतीय मनोविज्ञान, ..., भारतीय शिक्षा का इतिहास, भारतीय शैक्षिक प्रशासन, भारतीय वानिकी संस्थान, भारतीय विज्ञान संस्थान, भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, मणिपुर विश्वविद्यालय, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर, मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, मनमोहन सिंह, महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक, महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, महात्मा गान्धी अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, महाराज सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय, महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, मानित विश्वविद्यालय, मिज़ोरम विश्वविद्यालय, मंगलौर विश्वविद्यालय, मुन्नालाल गर्ल्स कॉलेज, सहारनपुर, मुंबई विश्वविद्यालय, मोहनलाल सुखाड़िया विश्‍वविद्यालय, मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय, यशपाल (वैज्ञानिक), राम शरण शर्मा, रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिची, राष्ट्रीय मानसिक जाँच एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद, राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, भोपाल, राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, तिरुपति, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, राजस्थान क्रीड़ा विश्वविद्यालय, राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय, राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय, रैगिंग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय, ग्‍वालियर, शासकीय दिग्विजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजनांदगाँव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, शोधगंगा, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, सरगुजा विश्वविद्यालय, सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ, सुखदेव थोरात, स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (भारत), सी॰ डी॰ देशमुख, हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, जबलपुर अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर, जयन्त विष्णु नार्लीकर, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, ज़ाकिर हुसैन (राजनीतिज्ञ), जामिया हमदर्द, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय, जेपी सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वनस्थली विद्यापीठ, विभिन्न संस्थान और उनके संस्कृत ध्येय-वाक्य, विश्व-भारती विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, गंगाधरन नायर, गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गुरु गोबिन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, गुरू घासीदास विश्‍वविद्यालय, गुलबर्ग विश्वविद्यालय, गुजरात विद्यापीठ, ग्राफ़िक एरा विश्वविद्यालय, गोखले राजनीति एवं अर्थशास्त्र संस्थान, आन्ध्र विश्वविद्यालय, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, आंध्र प्रदेश के विश्वविद्यालयों और कालेजों की सूची, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इंटीग्रल विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, कमलानाथ, कर्नाटक विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, काशी हिन्दू विश्‍वविद्यालय, कुमाऊँ विश्वविद्यालय, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, क्राइस्ट विश्वविद्यालय, केन्द्रीय भारतीय औषधि परिषद, केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद, कोठारी आयोग, अनिल कुमार त्यागी, अन्तरराष्‍ट्रीय अध्ययन संस्थान (जे. एन. यू.), अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, बरेली, अरुण निगवेकर, असम विश्वविद्यालय, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, अंग्रेजी और विदेशी भाषाओ का केन्द्रीय संस्थान, उच्चतर शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा परिषद, उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय, उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय, उत्तराखण्ड आवासीय विश्वविद्यालय, उत्कल विश्वविद्यालय, उदय प्रताप कॉलिज, छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय सूचकांक विस्तार (115 अधिक) »

चितकारा विश्वविद्यालय

चितकारा विश्वविद्यालय बरोटीवाला, हिमाचल प्रदेश, भारत में स्थित एक निजि विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम मुख्यत: इंजीनियरिंग तथा व्यवसाय प्रबंधन अध्ययन में स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर का है। श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के विश्वविद्यालय श्रेणी:निजी विश्वविद्यालय.

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चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार स्थित एक विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना १९७० में हुई थी। यह विश्वविद्यालय एशिया के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है। इसका नाम भारत के सातवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर रखा गया है। पहले यह संस्थान पंजाब कृषि विश्वविद्यालय का हिसार में 'उपग्रह कैम्पस' था। हरियाणा राज्य के निर्माण के बाद यह स्वायत्त संस्थान घोषित किया गया। ३१ अक्टूबर १९९१ को इसका नामकरण चौधरी चरण सिंह के नाम पर किया गया। यह विश्वविद्यालय भारत के सभी कृषि विश्वविद्यालयों में सर्वाधिक शोधपत्र प्रकाशित करता है। १९९७ में इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा सर्वश्रेष्ठ संस्थान का सम्मान दिया गया। भारत के हरित क्रांति तथा श्वेत क्रांति में इस विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। .

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चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय

चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय (CBLU), हरियाणा के भिवानी में स्थित एक राज्य विश्वविद्यालय है। २०१४ में स्थापित इस विश्वविद्यालय में विभिन्न विषयों के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम है। महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक इससे ५२ किमी की दूरी पर है। .

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टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान

टाटा समाजिक विज्ञान संस्थान भारत का एक प्रमुख सामाजिक विज्ञान संस्थान है। यह मुंबई के अन्दर देवनार में स्थित है। .

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टेरी - ऊर्जा और संसाधन संस्थान

ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान, जो आमतौर पर टेरी के नाम से जाना जाता है (पूर्व में टाटा ऊर्जा अनुसंधान संस्थान), १९७४ में स्थापित, ऊर्जा, पर्यावरण और टिकाऊ विकास के क्षेत्रों में अनुसंधान गतिविधियों पर केंद्रित नई दिल्ली में आधारित शोध संस्थान है। .

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टेरी विश्वविद्यालय

टेरी विश्वविद्यालय, को १९ अगस्त १९९८ को नई दिल्ली में स्थापित किया गया था और एक विश्वविद्यालय के रूप में इसे १९९९ में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मान्यता प्रदान की गई। १९९८ में टेरी विस्तृत अध्ययन स्कूल के रूप में स्थापित, संस्था को बाद में टेरी विश्वविद्यालय नाम दिया गया था। टेरी विश्वविद्यालय भारत में अपनी तरह का पहला संस्थान है जो स्थायी विकास के लिए पर्यावरण, ऊर्जा और प्राकृतिक विज्ञान के अध्ययन के लिए समर्पित है। विश्वविद्यालय जैव प्रौद्योगिकी नियामक और नीति पहलुओं, ऊर्जा और पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन में पीएचडी कार्यक्रम प्रदान करता है। परास्नातक कार्यक्रम सार्वजनिक नीति एवं सतत विकास, पर्यावरण अध्ययन, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, संसाधन और पर्यावरण अर्थशास्त्र, जलवायु परिवर्तन विज्ञान और नीति, नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और प्रबंधन, जल संसाधन प्रबंधन, जियोइन्फारमैटिक्स, पादप जैव प्रौद्योगिकी, व्यापार स्थिरता में और इन्फ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट मे उपलब्ध हैं। टेरी विश्वविद्यालय की नींव टेरी जो एक प्रमुख गैर लाभ पर्यावरणीय कारणों के लिए समर्पित संगठन के अनुसंधान परामर्श और पर्यावरण संबंधी गतिविधियों द्वारा किये गए एक विस्तार के रूप में पडी थी। .

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एनटीआर स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय

डॉ एनटीआर स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (ఎన్.టి.ఆర్. ఆరోగ్యశాస్త్ర విశ్వవిద్యాలయము), पूर्व में आंध्र प्रदेश स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय कहलाता था, लेकिन अब डॉ एनटीआर स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय कहलाता है। भारत आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा, में एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। इसका नाम इसके संस्थापक, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन टी रामा राव के नाम पर रखा गया है। .

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एम बी एम अभियान्त्रिकी महाविद्यालय

एम॰बी॰एम॰ अभियांत्रिकी महाविद्यालय (MBM Engineering College; मगनीराम बांगड़ मैमोरियल इंजीनियरिंग कॉलेज; एमबीएम), जोधपुर भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित अभियान्त्रिकी महाविद्यालयों में से एक है। इस कॉलेज की स्थापना राजस्थान सरकार द्वारा 15 अगस्त 1951 को की गई थी। यह महाविद्यालय अभियांत्रिकी के क्षेत्र में अपने उच्च शैक्षिक स्तर के कारण न केवल राजस्थान राज्य में ही, बल्कि पूरे देश में अग्रणी तकनीकी संस्थान के रूप में प्रतिष्ठित है। इस महाविद्यालय में अनेक तकनीकी विषयों में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा प्रदान की जाती है। शोधार्थी यहाँ स्नातकोत्तर शिक्षा के बाद पी.एचडी. डिग्री तथा स्नातकोत्तर डिप्लोमा के लिए भी अध्ययन करते हैं। सम्प्रति यह महाविद्यालय जुलाई 1962 से जोधपुर, राजस्थान के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के अंतर्गत अभियांत्रिकी तथा स्थापत्यकला संकाय के रूप में मान्यता प्राप्त है। .

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एमिटी विश्वविद्यालय

एमिटी विश्वविद्यालय भारत का सबसे बड़ा निजी विश्वविद्यालय है। यहां ९०,००० से अधिक विद्यार्थी हैं। इसकी स्थापना २००३ में हुई थी। इसके परिसर नोएडा, जयपुर एवं लखनऊ में हैं। इसकी स्थापना अशोक चौहान ने किया जिन्होने 'ऋतनन्द बालवेद शिक्षा फाउन्डेशन' की भी स्थापना की है। चित्र:Amity Univ NOIDA1.jpg चित्र:Amity Univ NOIDA2.jpg चित्र:Amity Univ NOIDA3.jpg चित्र:Amity Univ NOIDA4.jpg श्रेणी:दिल्ली के विश्वविद्यालय श्रेणी:उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय श्रेणी:निजी विश्वविद्यालय.

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एस० ई० एस० हाई स्कूल एंड जूनियर कॉलेज

सरस्वती एजुकेशन सोसाइटी'ज़ हाई स्कूल एंड जूनियर कॉलेज, आम तौर पर एस० ई० एस० हाई स्कूल के नाम से प्रख्यात, पाँचपखाड़ी स्तिथ, भारत के ठाणे शहर के प्राचीनतम शैक्षणिक संस्थानों में से एक हैं, जो बालवाड़ी (जूनियर और सीनियर), प्राथमिक (पहली से चौथी कक्षा तक), माध्यमिक (पांचवी से दसवी कक्षा तक) और कनिष्ठ महाविद्यालय (ग्यारहवी और बारहवी) की,अपने ३५००+ छात्रों और ८२ अध्यापकों की टीम के साथ, सेवा करती हैं। वह एक महानगरीय सहशिक्षा संस्था हैं। उच्च माध्यमिक एवं कनिष्ठ महाविद्यालय को राज्य सरकार की ओंर से अनुदान मिलता हैं जबकि प्राथमिक विभाग आत्मनिर्भर हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा पूरे महाराष्ट्र में इस विद्यालय को छः सर्वश्रेष्ठ प्रशासित विद्यालयों में से एक की मान्य प्राप्त हैं। .

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डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय

डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय भारतीय राज्य असम में एक विश्वविद्यालय है। यह 1965 में डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम, 1965 के प्रावधानों के तहत स्थापित किया गया था, यह शिक्षण-सह-संबद्ध विश्वविद्यालय है। .

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डॉ॰ ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय

डॉ॰ ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय(अंग्रेजी: Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University) (पूर्व मे उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ८ मई, २००० स्थापित हुआ एक विश्वविद्यालय है। यह एशिया में सबसे बड़ा तकनीकी विश्वविद्यालय है। इसके अंतर्गत ५०० महाविद्यालय आते हैं। यह लखनऊ में आई ई टी परिसर, सीतापुर मार्ग पर स्थित था जो अब जानकीपूरम extension योजना shift हो गया है.

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डॉ॰ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय

डॉ॰ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, पूर्व नाम आगरा विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक नगर आगरा के सबसे प्राचीन संस्थानों में से एक है। .

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डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय

डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय भारत के मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। इसको सागर विश्वविद्यालय के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना डॉ॰ हरिसिंह गौर ने १८ जुलाई १९४६ को अपनी निजी पूंजी से की थी। अपनी स्थापना के समय यह भारत का १८वाँ विश्वविद्यालय था। किसी एक व्यक्ति के दान से स्थापित होने वाला यह देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है। वर्ष १९८३ में इसका नाम डॉ॰ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय कर दिया गया। २७ मार्च २००८ से इसे केन्द्रीय विश्वविद्यालय की श्रेणी प्रदान की गई है। .

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तमिल नाडु फिजिकल एजुकेशन एण्ड स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी

तमिल नाडु फिजिकल एजुकेशन एण्ड स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी (TNPESU) अथवा तमिल नाडु शारीरिक शिक्षा एवं क्रीड़ा विश्वविद्यालय अथवा तमिल नाडु शारीरिक शिक्षा और खेल विश्वविद्यालय, चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में स्थति एक विश्वविद्यालय है। यह भारत में अपनी तरह का पहला शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय (स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी) है। .

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त्रिपुरा विश्वविद्यालय

त्रिपुरा विश्वविद्यालय (Tripura University) भारत के त्रिपुरा राज्य में स्थित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना २ अक्टूबर १९८७ को हुई थी। यह अगरतला से १० कि॰मी॰ दक्षिण में सूर्यमणिनगर में है। विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य तेजी से हुआ तथा राज्य विधानसभा ने सन १९८७ में त्रिपुरा विश्वविद्यालय अधिनियम पारित किया। २ अक्टूबर महात्मा गांधी की जन्म पुण्यतिथि पर त्रिपुरा विश्वविद्यालय औपचारिक रूप से स्थापित हुआ। २००६ के संसद अधिनियम द्वारा २ जुलाई २००७ को विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय में परिवर्तित कर दिया गया। वर्तमान में त्रिपुरा विश्वविद्यालय ३२ विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है। इसके अंतर्गत विभिन्न विभाग, निदेशालय और केन्द्र हैं जो जिनमें ३८ स्नातक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाते हैं। राज्य में सभी २४ सामान्य और तकनीकी कॉलेज त्रिपुरा विश्वविद्यालय से संबद्ध है जो अब राज्य में उच्च शिक्षा के मुख्य केन्द्र हैं तथा सभी क्षेत्रों में इसे उच्च स्थान प्राप्त है। .

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तेजपुर विश्‍वविद्यालय

तेजपुर विश्वविद्यालय भारत का एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय की स्थापना १९९४ में एक संसदीय अधिनियम के तहत की गई थी। इसका परिसर नाप्पम, तेजपुर से पूर्व दिशा में १५ कि॰मी॰ पर, में स्थित है और करीब २४२ एकड़ के क्षेत्र में फिला हुआ है। विश्वविद्यालय में ४ संकायों के अंतर्गत १८ विभाग हैं। इसके अधिनियम के अनुसार इस केंद्रीय विश्वविद्यालय का उद्देश्य क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने के साथ साथ एक विकसित असम गढ़ने हेतु रोजगारपरक तथा बहु-विषयक पाठ्यक्रम चलाने का प्रयास करना होगा। साथ ही विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के उन नवीनतम क्षेत्रों से संबन्धित पाठ्यक्रम तथा शोध कार्यों को बढ़ावा देना होगा जिनका इस क्षेत्र से विशेष तथा सीधा संबंध हो। अप्रैल २०१६ में मानव संसाधन विकास मन्त्रालय द्वारा प्रकाशित रपट में तेजपुर विश्वविद्यालय, भारत के शीर्ष ५ उच्च शिक्षा संस्थानों में सम्मिलित है। .

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दयाल सिंह कॉलेज, करनाल

दयाल सिंह कॉलेज, करनाल, हरियाणा में एक स्नातकोत्तर महाविद्यालय है। यह सरदार दयाल सिंह मजीठिया द्वारा १९१० में स्थापित किया गया था, जिन्होंने दयाल सिंह कालेज, लाहौर और दयाल सिंह कॉलेज, दिल्ली की भी स्थापना की थी। यह दयाल सिंह कॉलेज ट्रस्ट सोसाइटी दिल्ली द्वारा प्रबंधित है। .

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दिल्ली विश्‍वविद्यालय

दिल्ली विश्वविद्यालय (अंग्रेजी:University of Delhi), भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। भारत की राजधानी दिल्ली स्थित यह विश्वविद्यालय 1922 में स्थापित हुआ था। यह स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है। भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलाधिपति हैं। THES-QS की विश्व के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग के अनुसार यह भारत का शीर्ष गैर-आईआईटी विश्वविद्यालय है। दिल्ली विश्वविद्यालय के दो परिसर हैं जो दिल्ली के उत्तरी और दक्षिणी भाग में स्थित हैं। इन्हें क्रमश: उत्तरी परिसर और दक्षिणी परिसर कहा जाता है। दिल्ली विश्वविद्यालय का उत्तरी परिसर में दिल्ली मेट्रो की पीली लाइन के साथ सुनियोजित ढंग से जुड़ा हुआ है और मेट्रो स्टेशन का नाम 'विश्वविद्यालय' है। उत्तरी परिसर दिल्ली विधान सभा से 2.5 किमी और अंतरराज्यीय बस अड्डे से 7.0 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।तो वहीं इसका दक्षिणी परिसर गुलाबी (पिंक)लाइन से जुड़ा है और मेट्रो स्टेशन का नाम 'दुर्गाबाई देशमुख साउथ केम्पस 'है| .

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दक्षिण बिहार केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय

दक्षिण बिहार केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय भारत के बिहार राज्य में स्थित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कानून 2009 (धारा 2009 की 25) और (संशोधन) अधिनियम, 2014 (CUSB) के द्वारा हुयी है। इसका आदर्श वाक्य है -Collective Reasoning, यानी 'सामूहिक तर्क' और यह विश्वविद्यालय बिहार के पटना और गया में अस्थायी परिसर से अपनी अकादमिक और प्रशासनिक गतिविधियों का आयोजन कर रहा है। इसकी स्थापना बिहार केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय के नाम से हुयी थी जिसे बाद में बदल कर दक्षिण बिहार केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय कर दिया गया। .

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द्रविड़ विश्वविद्यालय

द्रविड़ विश्वविद्यालय, कुप्पम, चित्तूर जिला, आन्ध्र प्रदेश, भारत में स्थित विश्वविद्यालय है जिसे आन्ध्र प्रदेश सरकार द्वारा एक विधानमण्डल अधिनियम के अन्तर्गत अक्टूबर १९९७ में स्थापित किया गया था जिसे अन्य दक्षिणी राज्यों कर्णाटक, केरल और तमिल नाडु का भी समर्थन प्राप्त था। द्रविड़ विश्वविद्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य द्रविड़ भाषा भाषियों की साझी विरासत पर एकीकृत अध्ययन द्वारा उन के बीच एकता की मज़बूत धारणा को सुगम बनाना है। इस विश्वविद्यालय ने १९९८ से दो विभागों के साथ कार्यारम्भ किया था और अब इसमें २० शैक्षणिक और ६ शोध केन्द्र हैं। ई. ऍस. ऍल. नरसिंहन यहाँ के वर्तमान कुलाधिपति हैं। .

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दौलत सिंह कोठारी

भारत के महान रक्षावैज्ञानिक '''श्री दौलत सिंह कोठारी''' दौलत सिंह कोठारी (1905–1993) भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की विज्ञान नीति में जो लोग शामिल थे उनमें डॉ॰ कोठारी, होमी भाभा, डॉ॰ मेघनाथ साहा और सी.वी.

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दून विश्वविद्यालय

दून विश्वविद्यालय एक विश्वविद्यालय है जो भारत के उत्तराखण्ड राज्य की राजधानी देहरादून में स्थित है। विश्वविद्यालय की स्थापना उत्तराखण्ड विधानसभा के अक्टूबर २००५ के एक अधिनियम के बाद हुई थी। इसका पहला अकादमिक सत्र ९ मई, २००९ से प्रारम्भ हुआ। .

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दूरस्थ शिक्षा

दूरस्थ शिक्षा (Distance education), शिक्षा की वह प्रणाली है जिसमें शिक्षक तथा शिक्षु को स्थान-विशेष अथवा समय-विशेष पर मौजूद होने की आवश्यकता नहीं होती। यह प्रणाली, अध्यापन तथा शिक्षण के तौर-तरीकों तथा समय-निर्धारण के साथ-साथ गुणवत्ता संबंधी अपेक्षाओं से समझौता किए बिना प्रवेश मानदंडों के संबंध में भी उदार है। भारत की मुक्त तथा दूरस्थ शिक्षा प्रणाली में राज्यों के मुक्त विश्वविद्यालय, शिक्षा प्रदान करने वाली संस्थाएं तथा विश्वविद्यालय शामिल है तथा इसमें दोहरी पद्धति के परंपरागत विश्वविद्यालयों के पत्राचार पाठयक्रम संस्थान भी शामिल हैं। यह प्रणाली, सतत शिक्षा, सेवारत कार्मिकों के क्षमता-उन्नयन तथा शैक्षिक रूप से वंचित क्षेत्रों में रहने वाले शिक्षुओं के लिए गुणवत्तामूलक व तर्कसंगत शिक्षा के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। .

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देव संस्कृति विश्वविद्यालय

देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार में स्थित है। इस संस्थान की स्थापना गायत्री परिवार के पितृपुरुष पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा 11 अप्रैल 2002 में की गयी। .

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दीवान आनंद कुमार

दीवान आनन्द कुमार शिक्षा से एक वैज्ञानिक और न्यायविज्ञानी, व्यवसाय से एक ज्ञानी और शैक्षिक प्रशासक थे और विचार और कर्म से एक सुधारवादी और परोपकारवादी व्यक्ति थे। .

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नालन्दा खुला विश्वविद्यालय

नालन्दा खुला विश्वविद्यालय बिहार के पटना में स्थित एक खुला विश्वविद्यालय है। बिहार का यह एकमात्र विश्वविद्यालय है जो दूरस्थ एवं मुक्त शिक्षा प्रदान करता है। इसकी स्थापना १९८७ में हुई थी। .

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नागालैण्ड विश्वविद्यालय

नागालैण्ड विश्वविद्यालय भारत का एक केन्द्रीय विश्‍वविद्यालय है। .

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नोएडा इंटरनेशनल युनिवर्सिटी

नोएडा इंटरनेशनल युनिवर्सिटी विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय है। इसके प्रायोजक मारुति एजुकेशन ट्रस्ट है। .

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पण्डित सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय

पं.

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पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय

पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय (Pandit Deendayal Upadhyaya Shekhawati University, पूर्व नाम: शेखावाटी विश्वविद्यालय) राजस्थान के सीकर जिले में एक नव स्थापित राज्य विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय की स्थापना का एकमात्र उद्देश्य शेखावाटी अंचल के छात्रों की अध्ययन की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया गया है। .

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पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय

पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले में स्थित विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना १९६४ में हुई थी। इसका नामकरण अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पं॰ रविशंकर शुक्ल के नाम पर किया गया है। यह एक मई १९६४ को अस्तित्व में आया और १ जून १९६४ से ४६ संबद्ध महाविद्यालयों, ५ विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग (यूटीडी) और ३४ हजार छात्रों के साथ काम करना शुरू किया। तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने २ जून १९६४ को विश्चविद्यालय के पांच स्नातकोत्तर विभागों का शुभारंभ किया। दुर्ग में दुर्ग विश्वविद्यालय के नाम से नए विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ पं रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कार्यक्षेत्र में पांच जिले-रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा, धमतरी, महासमुंद और गरियाबंद के ४० सरकारी तथा ८४ गैर सरकारी कॉलेज शामिल रह गए हैं, इस तरह से संबद्ध महाविद्यालयों की संख्या घटकर १२४ रह गई है। .

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पंजाबी विश्वविद्यालय

पंजाबी विश्वविद्यालय, (पंजाबी:ਪੰਜਾਬੀ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ, अंग्रेजी:Punjabi University) भारत के पंजाब राज्य के शहर पटियाला में स्थित एक विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना 30 अप्रैल 1962 को हुई थी। इस विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य पंजाबी भाषा के विकास और पंजाबी संस्कृति के प्रसार को प्रोत्साहित करना था। यह विश्व का दूसरा ऐसा विश्वविद्यालय है जिसका नाम किसी भाषा के नाम पर रखा गया है, पहला विश्वविद्यालय, इब्रानी (हिब्रू) विश्वविद्यालय, इस्राइल है। पंजाबी विश्वविद्यालय का परिसर 316 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है और बागों के शहर पटियाला से ७ किलोमीटर दूर चंडीगढ़ रोड पर स्थित है। विश्वविद्यालय में 55 विभाग कार्यरत हैं। विश्वविद्यालय में मानविकी और विज्ञान के क्षेत्र में, ललित कला, कम्प्यूटर विज्ञान और व्यवसायिक प्रबंधन जैसे विषयों के अध्ययन की व्यवस्था है। यहाँ लगभग 15000 छात्र शिक्षा प्राप्त करते हैं। शिवराज पाटिल विश्वविद्यालय के कुलपति और डाक्टर जसपाल सिंह उपकुलपति हैं। .

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प्रतापगढ़, राजस्थान

प्रतापगढ़, क्षेत्रफल में भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान के ३३वें जिले प्रतापगढ़ जिले का मुख्यालय है। प्राकृतिक संपदा का धनी कभी इसे 'कान्ठल प्रदेश' कहा गया। यह नया जिला अपने कुछ प्राचीन और पौराणिक सन्दर्भों से जुड़े स्थानों के लिए दर्शनीय है, यद्यपि इसके सुविचारित विकास के लिए वन विभाग और पर्यटन विभाग ने कोई बहुत उल्लेखनीय योगदान अब तक नहीं किया है। .

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प्रभु लाल भटनागर

प्रभुलाल भटनागर, (8 अगस्त, 1912 - 5 अक्टूबर, 1976) विश्वप्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ थे। इन्हें गणित के लैटिस-बोल्ट्ज़मैन मैथड में प्रयोग किये गए भटनागर-ग्रॉस-क्रूक (बी.जी.के) कोलीज़न मॉडल के लिये जाना जाता है।। इंडियन मैथ सोसायटी। ऑब्सोल्यूट एस्ट्रॉनोमी .

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प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन विश्वविद्यालय

प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन विश्वविद्यालय भारत के शिलांग शहर में स्थित एक डीम्ड विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना 2010 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम की धारा 2 (च) के अनुसार की गई। .

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पैसिफिक विश्वविद्यालय उदयपुर

पैसिफिक विश्वविद्यालय राजस्थान के उदयपुर में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना सन २०१० में हुई थी। सन २०१४ में इसको भारतीय विश्वविद्यालय संघ की अस्थायी सदस्यता प्रदान की गयी। सम्प्रति भगवती प्रकाश शर्मा इसके अध्यक्ष हैं। .

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पूर्वोत्‍तर पर्वतीय विश्‍वविद्यालय

पूर्वोत्‍तर पर्वतीय विश्वविद्यालय भारत का एक केन्द्रीय विश्‍वविद्यालय है। विश्वविद्यालय की स्थापना संसदीय अधिनियम के तहत की गई जिसे १९ जुलाई १९७३ को अधिसूचित किया गया। विश्वविद्यालय का मुख्य कार्यालय एवं स्थाई परिसर शिलांग है तथा दूसरा परिसर तुरा में स्थित है। विश्वविद्यालय के अंतर्गत ८ अध्ययन संकाय हैं, जिनके अंतर्गत ३४ विभाग एवं २ अध्ययन केंद्र हैं। ६६ महाविद्यालय भी इसके अंतर्गत अंगीभूत किये गये हैं। .

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बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ में स्थित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। यह रायबरेली मार्ग पर चारबाग रेलवे स्टेशन से से १० कि.मी दक्षिण में विद्या विहार में स्थित है। .

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बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान

बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान मेसरा (अंग्रेज़ी: Birla Institute of Technology Mesra; जो बीआईटी मेसरा या बीआईटी राँची के नाम से भी प्रसिद्ध है) झारखंड के राँची में स्थित भारत का अग्रणी स्वायत्त अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी उन्मुख संस्थान है। इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम १९५६ के अनुभाग ३ के तहत एक डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्ज़ा हासिल है। मुख्य परिसर के अतिरिक्त लालपुर (रांची), इलाहाबाद, कोलकाता, नोएडा, जयपुर, चेन्नई, पटना और देवघर में बीआईटी के भारतीय विस्तार पटल हैं। इनके अतिरिक्त बहरीन, मस्कट, संयुक्त अरब अमीरात और मॉरिशस में बीआईटी के अंतरराष्ट्रीय केंद्र हैं। जून २००५ में एसी निलसन एवं इंडिया टुडे द्वारा किये गये एक सर्वेक्षण के अनुसार इसे देश के दस श्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में शुमार किया गया था। .

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बंगलौर विश्वविद्यालय

बैंगलोर विश्वविद्यालय (BU) एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है, जो कर्नाटक राज्य, भारत के बैंगलोर शहर में स्थित है। यह विश्वविद्यालय भारत के पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है जिसकी स्थापना सन 1886 में हुई थी तथा यह भारत के अग्रणी बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है। विश्वविद्यालय, भारतीय विश्वविद्यालयों के संघ (AIU) का एक भाग है तथा 'उत्कृष्टता के लिये संभावित' (Potential for Excellence) की प्रतिष्ठा के नजदीक है जो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के दिशा निर्देशों के अनुसार भारत के 10 शीर्ष विश्वविद्यालयों के लिये आरक्षित है। विश्वविद्यालय, प्रतिष्ठित विदेशी तथा स्थानीय विश्वविद्यालयों, संगठनों तथा संस्थाओं के साथ एमओयू के द्वारा शोध कार्य में संलग्न है। इसके कई विभाग उत्कृष्टता के केन्द्र के रूप में UGC द्वारा चिन्हित किये गये हैं। .

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बुंदेलखंड विश्वविद्यालय

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के झांसी नगर में स्थित एक विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना १९७५ में हुई थी। इस विश्वविद्यालय में व्यावसायिक, तकनीकी तथा रोजगारपरक शिक्षा पाठ्यक्रम चलते हैं। .

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भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय

भातखण्डे संगीत संस्थान विश्वविद्यालय लखनऊ में स्थित भारत का एक बड़ा ललित-कला (नृत्य-संगीत) समविश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय का नाम यहां के महान संगीतकार पंडित विष्णु नारायण भातखण्डे के नाम पर रखा हुआ है। इस महाविद्यालय की स्थापना १९२६ में राय उमानाथ बली एवं राजराजेश्वर बली, संयुक्त प्रान्त के तत्कालीन शिक्षा मंत्री के प्रयासों से पंडित भातखंडे द्वारा की गई थी। पूर्व नाम मैरिस कॉलेज ऑव म्यूज़िक हुआ करता था। यह संगीत का पवित्र मंदिर है। श्रीलंका, नेपाल आदि बहुत से एशियाई देशों एवं विश्व भर से साधक यहाँ नृत्य-संगीत की साधना करने आते हैं। लखनऊ ने कई विख्यात गायक दिये हैं, जिनमें से नौशाद अली, तलत महमूद, अनूप जलोटा और बाबा सहगल कुछ हैं। .

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भारत में विश्वविद्यालयों की सूची

यहाँ भारत में विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है। भारत में सार्वजनिक और निजी, दोनों विश्वविद्यालय हैं जिनमें से कई भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा समर्थित हैं। इनके अलावा निजी विश्वविद्यालय भी मौजूद हैं, जो विभिन्न निकायों और समितियों द्वारा समर्थित हैं। शीर्ष दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालयों के तहत सूचीबद्ध विश्वविद्यालयों में से अधिकांश भारत में स्थित हैं। .

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भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

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भारत के निजी विश्वविद्यालयों की सूची

भारत में उच्च शिक्षा प्रणाली के अन्तर्गत सार्वजनिक और निजी दोनों प्रकार के विश्वविद्यालय सम्मिलित हैं। सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को भारत के केन्द्रीय सरकार तथा राज्य सरकारों से सहायता मिलती है जबकि निजी विश्वविद्यालय विभिन्न निजी संस्थाओं एवं सोसायटी के द्वारा संचालित होते हैं। भारत में विश्वविद्यालयों की मान्यता विश्वविद्यालय अनुदान आयोग देता है। .

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भारत २०१०

इन्हें भी देखें 2014 भारत 2014 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2014 साहित्य संगीत कला 2014 खेल जगत 2014 .

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भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्

अंगूठाकार भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद (आईसीपीआर) भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय का एक अनुसंधानपरक स्वायत्त संस्थान है। इसकी स्थापना 1977 की गयी थी। इसका उद्देश्य भारतीय दर्शन की पूरी परंपरा को अपने प्राचीन मूल रूप से वापस लाना, उसका पोषण करना तथा नए विचारों को आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करना है। .

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भारतीय प्रेस परिषद्

भारतीय प्रेस परिषद (Press Council of India; PCI) एक संविघिक स्वायत्तशासी संगठन है जो प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने व उसे बनाए रखने, जन अभिरूचि का उच्च मानक सुनिश्चित करने से और नागरिकों के अघिकारों व दायित्वों के प्रति उचित भावना उत्पन्न करने का दायित्व निबाहता है। सर्वप्रथम इसकी स्थापना ४ जुलाई सन् १९६६ को हुई थी। अध्यक्ष परिषद का प्रमुख होता है जिसे राज्यसभा के सभापति, लोकसभा अघ्यक्ष और प्रेस परिषद के सदस्यों में चुना गया एक व्यक्ति मिलकर नामजद करते हैं। परिषद के अघिकांश सदस्य पत्रकार बिरादरी से होते हैं लेकिन इनमें से तीन सदस्य विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, बार कांउसिल ऑफ इंडिया और साहित्य अकादमी से जुड़े होते हैं तथा पांच सदस्य राज्यसभा व लोकसभा से नामजद किए जाते हैं - राज्य सभा से दो और लोकसभा से तीन। प्रेस परिषद, प्रेस से प्राप्त या प्रेस के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर विचार करती है। परिषद को सरकार सहित किसी समाचारपत्र, समाचार एजेंसी, सम्पादक या पत्रकार को चेतावनी दे सकती है या भर्त्सना कर सकती है या निंदा कर सकती है या किसी सम्पादक या पत्रकार के आचरण को गलत ठहरा सकती है। परिषद के निर्णय को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती। काफी मात्रा में सरकार से घन प्राप्त करने के बावजूद इस परिषद को काम करने की पूरी स्वतंत्रता है तथा इसके संविघिक दायित्वों के निर्वहन पर सरकार का किसी भी प्रकार का नियंत्रण नहीं है। .

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भारतीय मनोविज्ञान

भारतीय मनोविज्ञान भारत में अति प्राचीन काल से आज तक हुए मनोवैज्ञानिक अध्ययनों और अनुसंधानों का समग्र रूप है।'भारतीय' कहने से यही तात्पर्य है कि भारतीय संस्कृति की पृष्टभूमि में जिस मनोविज्ञान का विकास हुआ वह इस क्षेत्र में भारत का विशेष योगदान माना जा सकता है। .

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भारतीय शिक्षा का इतिहास

शिक्षा का केन्द्र: तक्षशिला का बौद्ध मठ भारतीय शिक्षा का इतिहास भारतीय सभ्यता का भी इतिहास है। भारतीय समाज के विकास और उसमें होने वाले परिवर्तनों की रूपरेखा में शिक्षा की जगह और उसकी भूमिका को भी निरंतर विकासशील पाते हैं। सूत्रकाल तथा लोकायत के बीच शिक्षा की सार्वजनिक प्रणाली के पश्चात हम बौद्धकालीन शिक्षा को निरंतर भौतिक तथा सामाजिक प्रतिबद्धता से परिपूर्ण होते देखते हैं। बौद्धकाल में स्त्रियों और शूद्रों को भी शिक्षा की मुख्य धारा में सम्मिलित किया गया। प्राचीन भारत में जिस शिक्षा व्यवस्था का निर्माण किया गया था वह समकालीन विश्व की शिक्षा व्यवस्था से समुन्नत व उत्कृष्ट थी लेकिन कालान्तर में भारतीय शिक्षा का व्यवस्था ह्रास हुआ। विदेशियों ने यहाँ की शिक्षा व्यवस्था को उस अनुपात में विकसित नहीं किया, जिस अनुपात में होना चाहिये था। अपने संक्रमण काल में भारतीय शिक्षा को कई चुनौतियों व समस्याओं का सामना करना पड़ा। आज भी ये चुनौतियाँ व समस्याएँ हमारे सामने हैं जिनसे दो-दो हाथ करना है। १८५० तक भारत में गुरुकुल की प्रथा चलती आ रही थी परन्तु मकोले द्वारा अंग्रेजी शिक्षा के संक्रमण के कारण भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था का अंत हुआ और भारत में कई गुरुकुल तोड़े गए और उनके स्थान पर कान्वेंट और पब्लिक स्कूल खोले गए। .

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भारतीय शैक्षिक प्रशासन

किसी भी देश का शैक्षिक प्रशासन बहुधा उसके राष्ट्रीय हितों के अनुरूप सुनिर्देशित प्रयोजनों से संबद्ध होता है। ब्रिटिश शासन काल में भारत की शैक्षिक नीति एवं प्रशासन विदेशी सत्ता द्वारा संचालित होने के कारण राष्ट्रीय परंपराओं संस्कृति तथा देशवासियों की आवश्यकताओं के अनुकूल न था भारत सरकार का शैक्षिक प्रशासन १९१९ के अधिनियम से पूर्व पूर्णत: केंद्रीकृत था। इस अधिनियम से आंशिक प्रादेशिक स्वायता प्रदान की गई और तदुपरांत शिक्षा प्रादेशिक मंत्रालयों के अधीन एक अंतरित विषय बन गई। समुचित समन्वय के अभाव में वित्तीय कठिनाइयों के साथ ही इससे प्रादेशिकता की भावना जाग्रत हुई। महत्वपूर्ण विषयों पर सलाह देने के लिये एक केंद्रीय शिक्षा सलाहकार मंडल की स्थापना १९२१ में की गई, पर दो वर्ष उपरांत इसे भंग कर दिया गया। किंतु १९३५ में इसकी पुन: स्थापना हुई। भारतीय शैक्षिक सेवा में भर्ती १८९६ में प्रारंभ की गई थी किंतु १९२४ में इसे स्थगित कर दिया गया। भारत सरकार के १९३५ के अधिनियम ने राज्यों को अधिक स्वायत्तता प्रदान की और इसके फलस्वरूप भारतीय शिक्षा मंत्री अधिक अधिकार संपन्न हो गए। १९४५ से भारत सरकार में शिक्षा के लिए पृथक्‌ विभाग की स्थापना की गई और १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत स्वर्गीय मौलाना अबुल कलाम अजाद के मंत्रित्व में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की स्थापना हुई। भारतीय संविधान के निर्माण के समय सन्‌ १९४४ से शिक्षा तथा विश्वविद्यालय राज्य सूची के अंतर्गत रखे गए। केंद्र की गतिविधियों का केंद्रीय विश्वविद्यालयों तथा राष्ट्रीय महत्व की वैज्ञानिक और प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के परस्पर समन्वय तथा उच्च शिक्षा अथवा अनुसंधान एवं वैज्ञानिक और प्राविधिक संस्थाओं के मानकों के संकल्प तक सीमित कर दिया गया। व्यावसायिक तथा श्रमिकों को प्राविधिक शिक्षण केंद्र तथा राज्यों की समवर्ती सूची में रखा गया। यह अनुभव किया जाता है कि इस नवीन प्रजातंत्र में शैक्षिक प्रशासन का मुख्य कार्य शिक्षा को मानवीय रूप देना एवं जनता को प्रजातांत्रिक विधियों एवं स्थितियों में प्रशिक्षित करना है। नए शिक्षकों तथा निरीक्षण अधिकारियों को ऐसी विशिष्ट दृष्टि से संपन्न करना है, जिससे कि वे सत्ता की धाक जमाए बिना ही शिक्षार्थियों को प्रेरित कर सकें। स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत देश की परिवर्तित परिस्थतियों के अनुकूल शैक्षिक प्रशासन के सुधार की ओर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया जा सका। वर्तमान काल में राज्यों में शिक्षा की व्यवस्था राज्य के शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में की जाती है, जिसके अधीन अनेक उपनिदेशक एवं सहायक होते हैं। राज्य अनेक मंडलों अथवा अंचलों में विभक्त होता है, प्रत्येक मंडल के अंतर्गत अनेक जिले होते हैं। प्रत्येक मंडल एक निरीक्षक के अधीन तथा हर जिला स्कूल निरीक्षक के अधीन होता है। इससे निम्न स्तर पर नागरिक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में प्राय: प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था स्थानीय निकायों द्वारा की जाती है। पंचायती राज्य के प्रादुर्भाव तथा प्रजातांत्रिक विकेंद्रीकरण के कारण इन निकायों का विशेष महत्व है। विविध स्तरों पर शिक्षण संस्थाओं के नियंत्रण तथा प्रशासन में प्रवृत स्वैच्छिक अभिकरण भी इस प्रसंग में उल्लेखनीय हैं। सरकारी प्रशासन इन अभिकरणों को मान्यता प्रदान कर अथवा वित्तीय सहायता देकर इन पर नियंत्रण रखता है। केंद्रीय शिक्षामंत्री राज्यों के शैक्षिक प्रशासन पर परोक्ष रूप से नियंत्रण रखता है। वह समन्वय स्थपना तथा स्तरों में सुधार के अतिरिक्त अन्य विषयों से संबंधित निर्देश नहीं देता। किंतु केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड तथा भारतीय प्राविधिक शिक्षा परिषद् तथा अन्य समानांतर निकायों के अध्यक्ष के नाते वह इन निकायों के राज्यप्रतिनिधि शिक्षा मंत्रियों को रष्ट्रीय शिक्षानीति में एकरूपता की स्थापना के लिये अवश्य प्रभावित करता है। हाल में ही सरकार ने राज्यों से परामर्श कर अखिल भारतीय शिक्षा सेवा की स्थापना के लिये महत्वपूर्ण पग उठाया है। इसके फलस्वरूप केंद्र तथा अन्य स्वायत्त संस्थाओं के क्षेत्र में प्रशासनीय अधिकार तत्संबंधी उच्चतम निकाय में निहित रहते हैं। विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति अब कार्यकारी शक्ति के आदेश पर नहीं की जाती वरन्‌ सरकार तथा विश्वविद्यालय को स्वीकार्य प्रक्रिया के अनुसार की जाती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग इन संस्थाओं की वित्तव्यवस्था के लिये उत्तरदायी है और इन पर परोक्ष रीति में प्रशासकीय नियंत्रण रखता है। श्रेणी:शिक्षा.

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भारतीय वानिकी संस्थान

भारतीय वानिकी संस्थान, का एक संस्थान है और भारत में वानिकी शोध के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान है। यह देहरादून, उत्तराखण्ड में स्थिर है। इसकी स्थापना १९०६ में की गई थी और यह अपने प्रकार के सब्से पुराने संथानों में से एक है। १९९१ में इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा डीम्ड विश्वविद्यालय घोषित कर दिया गया। भारतीय वानिकी संस्थान ४.५ किमी² के क्षेत्रफल में फैला हुआ है, बाहरी हिमालय की निकटता में। मुख्य भवन का वास्तुशिल्प यूनानी-रोमन और औपनिवेशिक शैली में बना हुआ है। यहाँ प्रयोगशालाएँ, एक पुस्तकालय, वनस्पतिय-संग्राह, वनस्पति-वाटिका, मुद्रण - यंत्र और प्रयोगिक मैदानी क्षेत्र हैं जिनपर वानिकी शोध किया जाता है। इसके संग्रहालय, वैज्ञानिक जानकारी के अतिरिक्त, पर्यटकों के लिए आकर्षण भी है। एफ़आरआई और कॉलेज एरिया प्रांगण एक जनगणना क्षेत्र है, उत्तर में देहरादून छावनी और दक्षिण में भारतीय सैन्य अकादमी के बीच। टोंस नदी इसकी पश्चिमी सीमा बनाती है। देहरादून के घण्टाघर से इस संस्थान की दूरी लगभग ७ किमी है। भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को यहाँ प्रशिक्षण दिया जाता है, क्योंकि भारतीय वानिकी शोध और शिक्षा परिषद जो इस संस्थान का संचालन करता है आईएफ़एस भी चलाता है और इसके अतिरिक्त भारतीय वन्यजीव संस्थान और भारतीय वन प्रबन्धन संस्थान भी संचालित करता है। एफ़आरआई में एक वानिकी संग्रहालय भी है। यह प्रतिदिन प्रातः ९:३० से सांय ५:०० बजे तक खुला रहता है और प्रवेश शुल्क है १५ रू प्रति व्यक्ति और वाहनों के लिए भी नाममात्र का शुल्क है। इस संग्रहालय में छः अनुभाग हैं.

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भारतीय विज्ञान संस्थान

भारतीय विज्ञान संस्थान का प्रशासकीय भवन भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science) भारत का वैज्ञानिक अनुसंधान और उच्च शिक्षा के लिये अग्रगण्य शिक्षा संस्थान है। यह बंगलुरु में स्थित है। इस संस्थान की गणना भारत के इस तरह के उष्कृष्टतम संस्थानों में होती है। संस्थान ने प्रगत संगणन, अंतरिक्ष, तथा नाभिकीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान किया है।  2016 तक यह संस्थान दुनिया के सर्वश्रेष्ठ 250 संस्थानों में से एक था .

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भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान

भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST / आई॰ आई॰ एस॰ टी॰) भारत एवं एशिया का प्रथम अंतरिक्ष विश्वविद्यालय है। यह तिरुवनंतपुरम शहर के वलियमला क्षेत्र में स्थित है। इसकी स्थापना १४ सितम्बर २००७ को गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर हुई थी। भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक डॉ॰ ए. पी.

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मणिपुर विश्वविद्यालय

मणिपुर विश्वविद्यालय का प्रवेशद्वार मणिपुर विश्वविद्यालय भारत का एक केन्द्रीय विश्‍वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय मणिपुर की राजधानी इम्फाल में स्थित है। इसकी स्थापना ५ जून १९८० को मणिपुर विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत की गई। १३ अक्टूबर २००५ को इसे केन्द्रीय विश्‍वविद्यालय का दर्जा दिया गया। विश्वविद्यालय का परिसर मणिपुर के पुराने महल, ऐतिहासिक कांचीपुर में स्थित है और २८७ एकड़ के क्षेत्र में फैला है। विश्वविद्यालय से ७६ महाविद्यालय सम्बद्ध हैं। .

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मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वद्यालय, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित एक प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना १९६२ में हुई थी और १ दिसम्बर २०१३ के पहले इसका नाम 'मदन मोहन मालवीय इंजिनियरिंग कॉलेज' था। .

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मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय

मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर में स्थित एक चिकित्सा महाविद्यालय है। यह २०११ में मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम २०११ के अन्तर्गत स्थापित किया गया था। यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्य भारत का केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय ने मई २०१८ में निर्णय लिया कि इस विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में अब प्रश्नों के उत्तर अंग्रेजी या हिन्दी में लिखे जा सकेंगे। एेसा करने वाला यह भारत का पहला मेडिकल विश्वविद्यालय है। .

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मनमोहन सिंह

मनमोहन सिंह (ਮਨਮੋਹਨ ਸਿੰਘ; जन्म: २६ सितंबर १९३२) भारत गणराज्य के १३वें प्रधानमन्त्री थे। साथ ही साथ वे एक अर्थशास्त्री भी हैं। लोकसभा चुनाव २००९ में मिली जीत के बाद वे जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमन्त्री बन गये हैं, जिनको पाँच वर्षों का कार्यकाल सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला है। इन्हें २१ जून १९९१ से १६ मई १९९६ तक पी वी नरसिंह राव के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मन्त्री के रूप में किए गए आर्थिक सुधारों के लिए भी श्रेय दिया जाता है। .

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महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक

'''महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक''' का मुख्य द्वार महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, भारत का एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। यह हरियाणा के रोहतक में स्थित है। इसकी स्थापना सन १९७६ में हुई थी। यह विश्वविद्यालय तथा भारतीय प्रबन्धन संस्थान, रोहतक दोनों एक ही परिसर में स्थित हैं। .

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महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ

महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी में स्थित एक विश्वविद्यालय है। पहले इसे केवल काशी विद्यापीठ के नाम से ही जाना जाता था किन्तु बाद में इसे भारत के महान नेता महात्मा गाँधी को पुनः समर्पित किया गया और उनका नाम इसके साथ जोड़ दिया गया (११ जुलाई १९९५)। इस विश्वविद्यालय में स्नातक, परास्नातक एवं अनुसंधान स्तर की शिक्षा उपलब्ध है। विश्वविद्यालय ने देश के प्रतिष्ठित पत्रिका इंडिया टुडे के सर्वे में देश भर में 13वां स्थान अर्जित किया। .

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महात्मा गान्धी अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय भारत का एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय की स्थापना भारत सरकार ने सन् १९९६ में संसद द्वारा पारित एक अधिनियम द्वारा की थी। इस अधिनियम को भारत के राजपत्र में ८ जनवरी सन् १९९७ को प्रकाशित किया गया। यह विश्वविद्यालय महाराष्ट्र के वर्धा में स्थित है। गान्धी जी, हिन्दी तथा भारतीय भाषाओं के प्रबल पक्षधर थे। इसलिये इस विश्वविद्यालय का नाम उनके नाम पर रखना सर्वथा सार्थक है। वर्धा भारत के केन्द्र में स्थित होने के कारण इस विश्वविद्यालय के लिये यह स्थान भी सर्वथा उपयुक्त है। प्रारम्भ में इसके 8 विद्यापीठ अधिकल्पित किये गये जिनके नाम तथा विभाग इस प्रकार हैं: .

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महाराज सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय

सयाजीराव गायकवाड विश्वविद्यालय गुजरात, भारत का एक विश्वविद्यालय है। यह बड़ौदा में स्थित है। .

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महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय

महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित एक विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना साल २००३ में हुई थी। यह राजस्थान में तृतीयक शिक्षा के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। बीकानेर विश्वविद्यालय स्थानीय क्षेत्र को प्रभावित करने वाले अद्वितीय मुद्दों की बेहतर समझ हासिल करने के लिए शिक्षण और अनुसंधान के माध्यम से प्रयास करता है। .

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मानित विश्वविद्यालय

भारत में उन उच्‍चतर शिक्षा संस्थाओं को मानद विश्वविद्यालय या समविश्वविद्यालय (डीम्ड यूनिवर्सिटी) कहते हैं जिन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सलाह पर भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस प्रकार की (अर्थात 'मानित विश्वविद्यालय' की) मान्यता दी जाती है। जिन संस्‍थानों को 'मानित विश्वविद्यालय' घोषित किया जाता है, वे विश्वविद्यालय के शैक्षिक स्‍तरों और विशेषाधिकारों का उपयोग करते हैं। मानित विश्वविद्यालय शिक्षा के किसी विशिष्‍ट क्षेत्र में ऊंचे स्‍तर पर कार्य करने वाले संस्थान हैं। डीम्ड विश्वविद्यालय की स्थिति प्राप्त संस्थान न केवल अपने पाठ्यक्रम को निर्धारित करने की पूर्ण स्वायत्तता प्राप्त करते हैं बल्कि प्रवेश नीति, विभिन्न पाठ्यक्रमों के शुल्क तथा छात्रों के लिए निर्देश भी बनाने के लिये स्वतन्त्र होते हैं। डीम्ड विश्वविद्यालय के अभिभावक विश्वविद्यालय इनके प्रशासन पर नियंत्रण नहीं कर सकते, तथापि इनकी डिग्रियाँ अभिभावक विश्वविद्यालय द्वारा ही प्रदान की जाती हैं। हालांकि, कई समविश्वविद्यालयों को उनके अपने नाम के तहत डिग्री प्रदान करने की अनुमति है। इन 'मानित विश्वविद्यालय' संस्‍थानों ने भारत में उच्‍चतर शिक्षा के आधार को विस्‍तार प्रदान किया है और ये विभिन्‍न विषयों जैसे चिकित्‍सा शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, मात्स्यिकी शिक्षा, भाषाओं, सामाजिक विज्ञानों, जनसंख्‍या विज्ञानों, पशुपालन शोध, वन शोध, आयुध प्रौद्योगिकी, तटीय शिक्षा, योग, संगीत और सूचना प्रौद्योगिकी आदि में शिक्षा और शोध सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। .

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मिज़ोरम विश्वविद्यालय

मिजोरम विश्वविद्यालय भारत का एक केन्द्रीय विश्‍वविद्यालय है। विश्वविद्यालय की स्थापना २ जुलाई २००१ को संसदीय अधिनियम के तहत की गई जिसे २५ अप्रैल २००० को अधिसूचित किया गया। विश्वविद्यालय के अंतर्गत ७ संकाय एवं ३० विभाग हैं। २७ महाविद्यालय भी इसके अंतर्गत अंगीभूत किये गये हैं। .

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मंगलौर विश्वविद्यालय

मंगलौर विश्वविद्यालय (कन्नड: ಮಂಗಳೂರು ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯ) (MU) कर्नाटक राज्य के मंगलौर शहर से १८ कि.मी दूर कोनाजे में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय कला, वाणिज्य, विज्ञान, विधि, और प्रबन्धन के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्रदान करता है। .

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मुन्नालाल गर्ल्स कॉलेज, सहारनपुर

मुन्नालाल एवं जयनारायण खेमका गर्ल्स कालेज भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित सहारनपुर जिले का एक महिला विद्यालय है जिसमें स्नातकोत्तर शिक्षा तक की व्यवस्था है। इस विद्यालय की स्थापना पद्मश्री सेठ बद्री प्रसाद बाजोरिया की प्रेरणा से बृज ट्रांसपोर्ट कम्पनी, सहारनपुर के मालिक स्वर्गीय सेठ मुन्ना लाल द्वारा दान की गई एक लाख रुपये की धनराशि से हुआ था। स्थानीय जे.

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मुंबई विश्वविद्यालय

मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई, महाराष्ट्र का विश्वविद्यालय है। 1860 से 70 के दौरान जब भवनों का निर्माण तेजी से किया जा रहा था, उस समय, विशेषकर ओवल मैदान के किनारे, अधिकांश विक्टोरियन भवनों का निर्माण हुआ। उन दिनों मैदान समुद्र के नजदीक हुआ करता था और मुंबई विश्वविद्यालय, पश्चिम रेलवे मुख्यालय का भवन तथा उच्च न्यायालय सीधे अरब सागर के सामने थे। इनमें मुंबई विश्वविद्यालय भवन सबसे शानदार है। गिलबर्ट स्कॉट ने इसका डिजाइन तैयार किया था, यह 15वीं शताब्दी का इटेलियन भवन जैसा दिखता है। इसका भवन, इसका विशाल पुस्तकालय, कन्वोकेशन हॉल और 80 मी.

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मोहनलाल सुखाड़िया विश्‍वविद्यालय

मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (Mohanlal Sukhadia University) भारत में राजस्थान राज्य के उदयपुर शहर में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। इसे उदयपुर विश्वविद्यालय के नाम से भी जाना जाता है। १९६४ में स्थापित इस विश्वविद्यालय में चार घटक महाविद्यालय और ६0 संबद्ध महाविद्यालय सम्मिलित हैं। सन् १९८४ में इसका नाम राजस्थान के भूतपूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया के नाम पर कर दिया गया। .

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मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय

मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय: एक निजी विश्वविद्यालय है जो रामपुर में मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट, उत्तर प्रदेश, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, (यूजीसी) द्वारा मान्यता प्राप्त 2006 में स्थापित किया गया था इसके चांसलर समाजवादी पार्टी के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान है। यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2012 में विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया था। इस पर 28 अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय आयोग (NCMEI) द्वारा अल्पसंख्यक का दर्जा मई 2013 को दिया गया था।.

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यशपाल (वैज्ञानिक)

प्रोफेसर यशपाल (जन्म: २६ नवंबर १९२६, मृत्यु: २४ जुलाई २०१७) भारतीय शिक्षाविद व वैज्ञानिक थे। .

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राम शरण शर्मा

राम शरण शर्मा (जन्म 26 नवम्बर 1919 - 20 अगस्त 2011) एक भारतीय इतिहासकार हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय (1973-85) और टोरंटो विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य किया है और साथ ही लंदन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज में एक सीनियर फेलो, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नेशनल फेलो (1958-81) और 1975 में इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 1970 के दशक में दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के डीन के रूप में प्रोफेसर आर.एस.

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रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विश्वविद्यालय

रामकृष्ण मिशन विवेकानन्द विश्वविद्यालय रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित एक विश्वविद्यालय है। भारत सरकार ने यूजीसी अधिनियम १९५६ की धारा ३ के अन्तर्गत इसे मानित विश्वविद्यालय घोषित किया है। इसके चार प्रांगण (कैम्पस) हैं जो बेलूड़, पश्चिम बंगाल, कोयंबटूर, राँची तथा नरेन्द्रपुर में स्थित हैं। यह विश्वविद्यालय विभिन्न विषयों की शिक्षा देता है जिनमें ग्रामीण एवं जनजाति विकास से लेकर अपंगता प्रबन्धन तथा विशेष शिक्षा, मूलभूत विज्ञान, भारतीय संस्कृति तथा आध्यात्मिक विरासत आदि सम्मिलित हैं। .

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राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा

एनटीएसई- परीक्षा राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (National Talent Search Examination अथवा एनटीएसई) भारत में राष्ट्रीय-स्तर की छात्रवृत्ति योजना है, जिसमें उच्च बौद्धिक एवं शैक्षिक क्षमता वाले छात्रों की पहचान की जाती है। इसके लिये केवल वे छात्र ही परीक्षा में बैठ सकते हैं, जो दसवीं कक्षा में पढ़ रहे हों। यह राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा संचालित है। वर्ष 2012-13 से निम्नलिखित नियम लागू है- एनटीएसई को कक्षा १० के विद्यार्थियों के लिए संचालित किया जाएगा। छात्रवृत्तियां: संचालित परीक्षा के आधार पर दसवीं कक्षा की परीक्षा में सम्मिलित होनेवाले छात्रों के प्रत्येक समूह में से १००० छात्रवृत्तियां दी जायेंगी। योग्यता: मान्यता प्राप्त स्कूलों की दसवीं कक्षा में पढ़नेवाले छात्र उन राज्यों या संघ शासित प्रदेशों, जहां स्कूल संचालित हैं, द्वारा संचालित जांच परीक्षा में शामिल होने के योग्य हैं। इसमें स्थानीयता का प्रतिबंध नहीं होता है। इस परीक्षा में मानसिक योग्यगता परीक्षा (एमएटी) और शैक्षिक योग्यता परीक्षा (एसएटी) शामिल होगी। कक्षा ९ और १० में विद्यार्थियों को नामांकन के आधार पर राज्य/संघ राज्य - क्षेत्र हेतु कोटे का अनुपातिक परिकलन किया जाएगा। कक्षा १० से आगे (कक्षा/पाठ्यक्रम के निरपेक्ष) पढ़ रहे सभी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति की राशि रु.

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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिची

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तिरुचिरापल्ली (एनआईटीटी), जो पहले रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज, तिरुचिरापल्ली था, भारत के तिरुचिरापल्ली शहर में स्थित एक सार्वजनिक इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है। इस संस्थान की स्थापना 1964 में देश की तकनीकी जनशक्ति की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए की गयी थी। आज यह भारत के 18 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक है और इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता दी जाती है। संस्थान में लगभग 3,400 छात्र विभिन्न पूर्वस्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में नामांकित हैं। एनआईटीटी को नियमित रूप से देश के शीर्ष 15 इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्थान दिया जाता रहा है। यह संस्थान तिरुचिरापल्ली के बाहरी इलाके में एक परिसर पर स्थित है। अधिकांश छात्र परिसर के आवासीय हॉस्टलों में रहते हैं। यहाँ 35 से अधिक ऐसे छात्र समूह हैं जो विभिन्न गतिविधियों और रुचियों को पूरा करने में जुटे हुए हैं। संस्थान वार्षिक सांस्कृतिक और तकनीकी समारोहों का भी आयोजन करता है जो देश और विदेश के प्रतिभागियों को आकर्षित करता है। .

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राष्ट्रीय मानसिक जाँच एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान

राष्ट्रीय मानसिक जाँच एवं स्नायु विज्ञान संस्थान(अंग्रेज़ी:नेशनल इंस्टिटयूट ऑफ मेण्टल हेल्थ एण्ड न्यूरो साइंसेस) बंगलुरु स्थित एशिया के सम्मानित मानसिक संस्थानों में से एक है। नेशनल मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो (निमहांस), मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका तंत्र के क्षेत्र में एक बहुकषेत्रीय संस्थान है। दिनांक २७ दिसंबर, १९७४ को पूर्व मानसिक अस्पताल और अखिल भारतीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के एकीकरण का परिणाम यह संसथान था। १४ नवंबर, १९९४ को संस्थान को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की धारा-३ १९५६ के तहत, मानित विश्वविद्यालय का स्तर प्राप्त हुआ था। .

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राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (National Assessment and Accreditation Council) (NAAC, नैक) एक संस्थान है जो भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों का आकलन तथा प्रत्यायन (मान्यता) का कार्य करती है। इसकी स्थापना १९९४ में की गयी थी। .

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राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा

राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा या 'यूजीसी नेट' भारत में एक राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा है। ये स्नातकोत्तर प्रतियोगियों के लिये विश्वविद्यालयों में शिक्षण प्रवेश हेतु अर्हक परीक्षा होती हैं। इसका आयोजन अर्ध-वार्षिक रूप से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा किया जाता है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2009 के दिशानिर्देश के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कालेजों में प्रोफेसर बनने के लिए इस परीक्षा की पात्रता को अनिवार्य बना दिया था। .

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राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली

राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान नई दिल्ली में स्थित एक शैक्षणिक संस्थान है। यह भारत सरकार द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित मानित विश्वविद्यालय है। भारत सरकार ने संस्कृत आयोग (1956-1957) की अनुशंसा के आधार पर संस्कृत के विकास तथा प्रचार-प्रसार हेतु संस्कृत सम्बद्ध केन्द्र सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के उद्देश्य से 15 अक्टूबर 1970 को एक स्वायत्त संगठन के रूप में इसकी स्थापना की। 7 मई 2002 को मानव संसाधन विकास मन्त्रालय, भारत सरकार ने इसे बहुपरिसरीय मानित विश्वविद्यालय के रूप में घोषित किया। .

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राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, भोपाल

राष्ट्रिय संस्कृत संस्थानम्, भोपाल एक शैक्षणिक संस्थान है। यह भारत सरकार द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित मानित विश्वविद्यालय है। भारत सरकार ने संस्कृत आयोग (1956-1957) की अनुशंसा के आधार पर संस्कृत के विकास तथा प्रचार-प्रसार हेतु संस्कृत सम्बद्ध केन्द्र सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के उद्देश्य से 15 अक्टूबर, 1970 को एक स्वायत्त संगठन के रूप में राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान की स्थापना की थी। वर्तमान में इस मानित विश्वविद्यालय के तेरह परिसर देश के विभिन्न प्रदेशों में कार्यरत हैं। उनमें मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल नगर में शिक्षासत्र 2002-2003 से भोपाल परिसर संचालित है। .

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राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, तिरुपति

राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, आंध्र प्रदेश के तिरुपति में स्थित भारत का मानित विश्वविद्यालय है। यह पारम्परिक शास्त्राध्ययन का विशिष्ट केन्द्र है। यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अनुभाग 3, अधिनियम 1956 के आधीन उच्च शिक्षा एवं शोध हेतु स्थापित हुआ है। तिरुमला पर्वत के पादतल में स्थित यह राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ गत चार दशकों से संस्कृत के अध्ययन एवं अध्यापन की दृष्टि से छात्रों एवं विद्वानों का लक्ष्य हो गया है। यहाँ देश के विभिन्न भाग से विभिन्न धर्म जाति एवं भाषा के छात्र आते हैं जिससे यह विद्यापीठ एक घोटे भारत की तरह दिखता है। यहाँ अध्ययन एवं अनुसंधान के लिए उत्कृष्ट सुविधा एव अत्यन्त अनुकूल वातावरण उपलब्ध है। नए पाठ्यक्रम,भव्य भवन्,कम्प्यूटर आदि आधुनिक उपसाधनों ने संस्कृत अध्ययन-अध्यापन के क्षेत्र में इस विद्यापीठ को उन्नत बना दिया है। तिरुपति शहर के मध्यभाग में अवस्थित विद्यापीठ परिसर विशाल तरु छाया, सुन्दर बगीचे एवं मनोहर वन से अत्यंत आकर्षणीय लगता है। सुविख्यात विद्वान् एवं राजनेता भारत के पूर्वमुख्य न्यायाधीश पतंजलि शास्त्री विद्यापीठ सोसाइटी के अध्यक्ष रहे हैं। उसके बाद प्राच्यविद्या के प्रसिद्धविद्वान् पी.राघवन् तथा लोकसभा के भूतपूर्व अध्यक्ष श्री एम्. अनन्तशयनं अय्यंगार जी अध्यक्ष हुए। डा.बी.आर्.

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राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय

राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (Rajasthan Technical University, लघु: आरटीयू या RTU) भारत के पश्चिमी प्रान्त राजस्थान के कोटा में स्थित मान्यताप्राप्त तकनीकी विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना 2006 में हुई थी। इससे पूर्व यहाँ अभियान्त्रिकी कॉलेज, कोटा ही था। राजस्थान के सभी अभियान्त्रिकी और एम॰बी॰ए॰ से सम्बन्धित परीक्षा कार्यक्रम यहीं से संचालित होते हैं। .

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राजस्थान क्रीड़ा विश्वविद्यालय

राजस्थान क्रीड़ा विश्वविद्यालय, झुंझुनूं जिले, राजस्थान में क्रीड़ा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित एक विश्वविद्यालय है। यह तमिल नाडु फिजिकल एजुकेशन एण्ड स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी एवं स्वर्णिम गुजरात स्पोर्ट्स युनिवर्सिटी की तर्ज पर स्थापित एक क्रीड़ा विश्वविद्यालय (स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी) है। .

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राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय

राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय, अजमेर के निकट,राजस्थान, भारत में एक शैक्षणिक संस्थान है। यह संसद के एक अधिनियम के माध्यम से स्थापित किया गया है: "केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009" भारत सरकार द्वारा स्थापित। राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय को एक नए केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में संसद के एक अधिनियम (2009 के अधिनियम सं. 25, भारत के गजट सं. 27, 20 मार्च 2009 को प्रकाशित) द्वारा स्थापित किया गया था और यह पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। .

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राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय

राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (अंग्रेज़ी:Rajiv Gandhi University of Health Sciences), कर्नाटक की राजधानी बंगलुरु में स्थित एक विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना १९९६ में कर्नाटक सरकार द्वारा की गई थी। .

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रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय

रवीन्द्र भारती (भाषा: রবীন্দ্রভারতী বিশ্ববিদ্যালয় रॉबिन्द्रोभारोति बिश्शोबिद्दैलॉय) भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल का एक विश्वविद्यालय है। श्रेणी:पश्चिम बंगाल के विश्वविद्यालय श्रेणी:शांति निकेतन श्रेणी:रवीन्द्रनाथ ठाकुर के स्मारक.

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रैगिंग

रैगिंग का शब्द अधिकांश रूप से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका में प्रयोग किया जाता है। इस शब्द का मतलब है कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में वरिष्ठ छात्र नए छात्रों से अपनी बड़ाई प्रकट करने के लिए बहुत ही अपमानजनक रूप से पेश आते हैं, अभद्र हरकतें और अभद्र तरीकों का प्रदर्शन करने पर जोर देते हैं। यह कई बार घिनौना रूप धारण करता है जब नए छात्र मानसिक या शारीरिक यातना झेलने लगते हैं। --> वर्तमान रूप में कहा जाता है कि श्रीलंका दुनिया में रैगिंग से सर्वाधिक प्रभावित देश है। भारत में विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग ने भारतीय विश्वविद्यालयों में इसको रोकने के लिए कई निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन भी शुरू की गई है। .

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लखनऊ विश्वविद्यालय

लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय भारत के प्रमुख शैक्षिक-संस्थानों में से एक है। यह लखनऊ के समृद्ध इतिहास को तो प्रकट करता ही है नगर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से भी एक है। इसका प्राचीन भवन मध्यकालीन भारतीय स्थापत्य का सुंदर उदाहरण है। इसमें पढ़ने और पढाने वाले अनेक शिक्षक और विद्यार्थी देश और विदेश में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके हैं। .

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लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय, ग्‍वालियर

लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय, ग्‍वालियर भारत का एक विश्वविद्यालय है। .

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शासकीय दिग्विजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजनांदगाँव

शासकीय दिग्विजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगाँव में स्थित एक स्नातकोत्तर महाविद्यालय है। इसकी स्थापना १९५७ में हुई थी। यह महाविद्यालय शासन द्वारा वित्तपोषित है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने १९९२-९३ में इसे स्वशासी (आटोनॉमस) घोषित किया। २००७ में इस महाविद्यालय ने स्वर्ण जयन्ती मनाया। .

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शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास भारत में शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में कार्य करने वाला न्यास है। इसकी स्थापना १८ मई २००७ को की गयी थी। इसके संस्थापक दीनानाथ बत्रा हैं जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक तथा विद्या भारती के पूर्व निदेशक हैं। यह न्यास अपने सहयोगी संगठनों जैसे, शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के निकट सहयोग से काम करता है। इस न्यास का घोषित लक्ष्य वर्तमान शिक्षा व्यवस्था की वैकल्पिक व्यवस्था की स्थापना करना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये लिये यह संस्था शिक्षा के पाठ्यक्रम, प्रणाली, विधि और नीति को बदलने तथा शिक्षा के 'भारतीयकरण' को आवश्यक मानती है। .

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श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ

श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ भारत की राजधानी दिल्ली स्थित एक मानित विश्वविद्यालय है। वर्तमान कुलपति प्रोफेसर रमेश कुमार पाण्डेय हैं। .

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श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान

श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (Shri Govindram Seksaria Institute of Technology and Science (SGSITS)), इन्दौर ही नहीं वरन् मध्य प्रदेश का प्रमुख अभियांत्रिकी महाविद्यालय है। इसकी स्थापना सन् १९५२ में हुई थी। यह स्वशासी संस्थान है और विश्वविद्यालय की उपाधि की प्राप्ति के लिये प्रयासरत है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), नई दिल्ली और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), नई दिल्ली ने १९८९ में एक स्वायत्त संस्थान का दर्जा दिया था। इस स्थिति के तहत, संस्थान यूजी और पीजी स्तर दोनों में अपनी परीक्षाएं आयोजित करता है तथा एसजीएसआईटीएस एक शासक मंडल के प्रशासन के तहत परिचालित हो गया। सम्प्रति इस संस्थान में ९ स्नातकस्तरीय एवं १७ परास्नातक-स्तरीय पाठ्यक्रम चल रहे हैं जिनमें क्रमश: ६५० एवं १५० छात्र लिये जाते हैं। इसके अतिरिक्त यह संस्थान अंशकालिक स्नातक पाठयक्रम भी चलाता है। .

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शोधगंगा

शोधगंगा भारत के शोधप्रबन्धों का आनलाइन एलेक्ट्रानिक भण्डार है। यह इन्फ्लिबनेट केन्द्र (INFLIBNET Centre) द्वारा स्थापित किया गया है। इनफ्लिबीनेट अहमदाबाद की ऑनलाइन कम्पनी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के जून २००९ के एक आदेश के अनुसार विश्वविद्यालयों के शोधार्थियों के लिए अपने शोध-प्रबन्धों का एलेक्ट्रानिक रूप में भी जमा करना अनिवार्य बना दिया गया है। .

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सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के वाराणसी नगर में स्थित एक संस्कृत विश्वविद्यालय है। यह पूर्वात्य शिक्षा एवं संस्कृत से सम्बन्धित विषयों पर उच्च शिक्षा का केन्द्र है। यह विश्वविद्यालय मूलतः 'शासकीय संस्कृत महाविद्यालय' था जिसकी स्थापना सन् १७९१ में की गई थी। वर्ष 1894 में सरस्वती भवन ग्रंथालय नामक प्रसिद्ध भवन का निर्माण हुआ जिसमें हजारों पाण्डुलिपियाँ संगृहीत हैं। 22 मार्च 1958 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ सम्पूर्णानन्द के विशेष प्रयत्न से इसे विश्वविद्यालय का स्तर प्रदान किया गया। उस समय इसका नाम 'वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय' था। सन् १९७४ में इसका नाम बदलकर 'सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय' रख दिया गया। भारत और नेपाल के महाविद्यालय इसके विश्वविद्यालय बनने के पहले से ही इससे सम्बद्ध थे। केवल उत्तर प्रदेश के सम्बद्ध महाविद्यालयों की संख्या 1441 थी। इस प्रकार यह संस्थान न केवल भारत के लिए बल्कि दूसरे देशों के महाविद्यालयों के लिए भी विश्वविद्यालय के समान ही था। .

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सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश का एक विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना ०२ अक्टूबर सन २००० को उत्तर प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय अधिनियम (संशो.) १९५८ के अनुसार हुई थी। इसका उद्घाटन २८ मार्च २००२ को हुआ। यह उत्तर प्रदेश सरकार तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा वित्तपोषित एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त है। .

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सरगुजा विश्वविद्यालय

सरगुजा विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर में स्थित विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना २ सितंबर २००८ में की गई थी। विश्वविद्यालय के कुलपति आयुक्त सरगुजा हैं। .

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सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ

सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ (पूराना नाम: पुणे विद्यापीठ) पुणे मे स्थित एक विश्वविद्यालय है, जो पुणे के उत्तरपश्चिम में स्थित है। यह भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है। इसकी स्थापना १० फरवरी, १९४९ को की गई थी। ४०० एकड़ (१.६ किमी²) में फैले इस विश्वविद्यालय मॅम ४६ शैक्षणिक विभाग हैं। .

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सुखदेव थोरात

सुखदेव थोरात भारतीय अर्थशास्त्री, सामाजिक कार्यकर्ता एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (भारत) के वर्तमान अध्यक्ष हैं। वे इस पद पर फरवरी, २००६ से आसीन हैं। .

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स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय

स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर में स्थित राजस्थान सरकार का एक कृषि विश्वविद्यालय है। इसका नाम पहले 'राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय' था। इसके पहले यह संस्थान मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर का भाग था। .

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सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (भारत)

सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (इनफ्लिबनेट) केन्द्र विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का एक स्वायत्त अंतर विश्वविद्यालय केन्द्र (IUC) है। 1991 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा शुरू किया गया यह एक प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रम है जिसका प्रधान कार्यालय गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद के परिसर में है। IUCAA के तहत इसकी शुरूआत एक परियोजना के रूप में हुई और 1996 में यह एक स्वतंत्र अंतर विश्वविद्यालय केन्द्र बना। इनफ्लिबनेट भारत में विश्वविद्यालय के पुस्तकालयों के आधुनिकीकरण और सूचना के इष्टतम उपयोग के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए देशव्यापी उच्च गति डेटा नेटवर्क के द्वारा देश में सूचना केंद्रों को जोड़ने में शामिल है। इनफ्लिबनेट भारत में शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों के बीच विद्वानों के संचार को बढ़ावा देने में एक प्रमुख खिलाड़ी है। .

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सी॰ डी॰ देशमुख

सी॰ डी॰ देशमुख (पूरा नाम: चिन्तामणि द्वारकानाथ देशमुख, जन्म: 14 जनवरी 1896, मृत्यु: 2 अक्टूबर 1982) भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर थे, जिन्हें 1943 में ब्रिटिश राज द्वारा नियुक्त किया गया। ब्रिटिश राज ने उन्हें सर की उपाधि दी थी। इसके पश्चात् उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में भारत के तीसरे वित्त मंत्री के रूप में भी सेवा की। .

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हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय

हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (Hidayatullah National Law University) भारत के पहले मुस्लिम मुख्य न्यायाधीश मुहम्मद हिदायतुल्लाह के नाम पर छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में वर्ष २००३ में की गई। यह विधि विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा यूजीसी अधिनियम १९५६ के सेक्शन २(एफ) के तहत अनुदान प्रदान करने वाले विश्वविद्यालय की सूची में शामिल है। विश्वविद्यालय को बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्रदान की गई है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस नवीन सिन्हा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और प्रो.

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हैदराबाद विश्वविद्यालय

यह भारत का सबसे प्र्सिद विशव्विद्याल्य है विश्वविध्यालय हैदराबाद विश्वविद्यालय भारत का एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय का परिसर गाचीबावली, एक सूचना प्रौद्योगिकी हब, हैदराबाद में स्थित है। यह परिसर करीब २३२४ एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। विश्वविद्यालय में १० संकाय हैं, जिनके अंतर्गत ४६ विभाग एवं केंद्र आते हैं। .

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जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय

जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के बलिया नगर में स्थित एक राजकीय विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना उत्तर प्रदेश शासन द्वारा २०१६ में की गयी। विश्वविद्यालय से वर्तमान में १२२ महाविद्यालय सम्बद्ध हैं। ये सभी महाविद्यालय इससे पहले बनारस के महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ से सम्बद्ध थे। विश्वविद्यालय का प्रथम सत्र २०१६-१७ में शुरू हुआ। इस सत्र में हालांकि परीक्षाएं महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ द्वारा ही संचालित करवाई गई थी, परंतु विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के नाम से दिए गए। .

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जबलपुर अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर

जबलपुर अभियांत्रिकी महाविद्यालय (जेईसी), जिसे पहले शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर के नाम से जाना जाता था, जबलपुर, मध्य प्रदेश, भारत में स्थित एक संस्थान है। यह भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान, शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर के रूप में स्थापित किया गया था और यह भारत का १५ वां सबसे पुराना अभियांत्रिकी संस्थान है। यह भारत का पहला संस्थान है जिसने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार अभियांत्रिकी की शिक्षा शुरू की और यह भारत में ब्रिटिश द्वारा स्थापित अंतिम शैक्षिक संस्थान भी है। संस्थान अभियांत्रिकी अनुप्रयुक्त विज्ञान में स्नातक, स्नाकोत्तर और डॉक्टरेट उपाधि प्रदान करता है। संस्थान ने मार्च २०१३ में एक घोषणा की, कि वह अभियांत्रिकी में नए पाठ्यक्रम शुरू कर रहा है जैसे प्रबंधन, रचना विज्ञान, वास्तुकला, नगर नियोजन, भेषज विज्ञान, साइबर और व्यवसाय और कानून में स्नाकोत्तर आदि। .

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जयन्त विष्णु नार्लीकर

जयन्त विष्णु नार्लीकर जयन्त विष्णु नार्लीकर (मराठी: जयन्त विष्णु नारळीकर; जन्म 19 जुलाई 1938) प्रसिद्ध भारतीय भौतिकीय वैज्ञानिक हैं जिन्होंने विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए अंग्रेजी, हिन्दी और मराठी में अनेक पुस्तकें लिखी हैं। ये ब्रह्माण्ड के स्थिर अवस्था सिद्धान्त के विशेषज्ञ हैं और फ्रेड हॉयल के साथ भौतिकी के हॉयल-नार्लीकर सिद्धान्त के प्रतिपादक हैं। .

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जयप्रकाश विश्वविद्यालय

जयप्रकाश विश्वविद्यालय बिहार का एक विश्वविद्यालय है जो छपरा में स्थित है। बिहार स्टेट यूनिवर्सिटी एक्ट, 1976 की धारा 3 (बी) के अधिनियमन द्वारा जय प्रकाश विश्वविद्यालय  की स्थापना बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर (अब बीआरए बिहार विश्वविद्यालय) से बाहर निकालने के बाद छपरा में अपने मुख्यालयों के साथ की गई थी। विश्वविद्यालय का क्षेत्राधिकार पूरे सारण प्रमण्डल  यानि सारण, सिवान और गोपालगंज तीन जिलों में फैला हुआ है। इन जिलों में स्थित कॉलेजों को स्वचालित रूप से जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा में स्थानांतरित कर दिया गया था। कुल 21 कंस्ट्रक्शन कॉलेज हैं, 11 संबद्ध कॉलेज जिनमें 2 अनुदान वाले -कॉलेज हैं (एक अल्पसंख्यक कॉलेज समेत)। कुछ प्रस्तावित कॉलेज हैं जिनमें से कुछ पेशेवर कॉलेज हैं। .

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ज़ाकिर हुसैन (राजनीतिज्ञ)

डाक्टर ज़ाकिर हुसैन (8 फरवरी, 1897 - 3 मई, 1969, indiapress.org पर भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों की जीवनी) भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे जिनका कार्यकाल 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक था। डा.

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जामिया हमदर्द

जामिया हमदर्द उच्च शिक्षा का एक संस्थान है, भारत में नई दिल्ली में स्थित मानित विश्वविद्यालय है । इसे भारत के राष्ट्रीय आकलन और मान्यता परिषद द्वारा 'ए' ग्रेड विश्वविद्यालय की स्थिति से सम्मानित किया गया है और यह 1989 में स्थापित किया गया। यह एक सरकारी वित्त पोषित मानित विश्वविद्यालय है जो मुख्य रूप से अपने फार्मेसी कार्यक्रम के लिए जाना जाता है। .

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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, (Jawaharlal Nehru University) संक्षेप में जे॰एन॰यू॰, नई दिल्ली के दक्षिणी भाग में स्थित केन्द्रीय विश्‍वविद्यालय है। यह मानविकी, समाज विज्ञान, विज्ञान, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन आदि विषयों में उच्च स्तर की शिक्षा और शोध कार्य में संलग्न भारत के अग्रणी संस्थानों में से है। जेएनयू को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NACC) ने जुलाई 2012 में किये गए सर्वे में भारत का सबसे अच्छा विश्वविद्यालय माना है। NACC ने विश्वविद्यालय को 4 में से 3.9 ग्रेड दिया है, जो कि देश में किसी भी शैक्षिक संस्थान को प्रदत उच्चतम ग्रेड है .

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जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय

जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित एक कृषि विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना वर्ष 1964 में हुई।http://mp.gov.in/krishi/jnau-jabalpurhttp://www.jnkvv.nic.in/यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त है।http://www.ugc.ac.in/stateuniversitylist.aspx?id.

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जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय

जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय (अथवा मात्र जराविवि) (संस्कृतभाषा: जगद्गुरुरामभद्राचार्यविकलांगविश्वविद्यालयः), चित्रकूट धाम, उत्तर प्रदेश, भारतवर्ष में स्थापित एक विश्वविद्यालय है। यह भारतवर्ष में और विश्व में विकलांगों के लिए सर्वप्रथम विशिष्टविश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना आश्विनपूर्व २७, २००१ को जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा हुई थी और इसे जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांगशिक्षण संस्थान नामक एक संस्थान द्वारा संचालित किया जाता है, जो समस्तयोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी है। इस विश्वविद्यालय का सृजन उत्तर प्रदेश सरकार के एक अध्यादेश द्वारा किया गया था, जो पश्चात् उत्तर प्रदेश विधायिका द्वारा उत्तर प्रदेश राज्यअधिनियम ३२ (२००१) के रूप में पारित किया गया था। अधिनियम के अनुरूप जगद्गुरु रामभद्राचार्य को विश्वविद्यालय के जीवनपर्यन्त कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया। विश्वविद्यालय में संस्कृतभाषा, हिन्दीभाषा, आंग्लभाषा, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, गानविद्या, चित्रकला, चित्रकारी, ललितकला, विशिष्टशिक्षण, शिक्षण, इतिवृत्त, संस्कृति एवं पुरातत्व, अभिकलित्र एवं सूचना विज्ञान, व्यावसायिकशिक्षा, विधि, अर्थशास्त्र, प्रोस्थेटिक्स और ओर्थोटिक्स सहित विभिन्न धाराओं में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की जाती है। विश्वविद्यालय की २०१३ तक आयुर्वेद और चिकित्सवीय विज्ञान के पाठ्यक्रम के प्रदान को प्रारंभ करने की योजना है। प्रवेश चार प्रकार के विकलांग विद्यार्थीयों के लिए प्रतिबंधित किया गया है – दृष्टिबाधित, मूकबधिर, अस्थिविकलांग (पंगु अथवा भुजाहीन) और मानसिक विकलांग, जैसा कि भारतवर्ष सरकार के विकलांगता अधिनियम १९९५ में निरूपित है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, यह विश्वविद्यालय राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी और विद्युतीय अध्ययन के लिए प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक है। ३५४ विकलांग विद्यार्थीयों को चैत्र २०१० में आयोजित विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांतसमारोह में विभिन्न उपाधियों से सम्मानित किया गया।पूर्वमाघ २०११ में आयोजित तृतीय दीक्षांतसमारोह में ३८८ विद्यार्थीयों को उपाधियों से सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय का उद्देश्य विकलांग विद्यार्थीयों का स्वाधीनवृत्तिकों में रूपांतर करना और विकलांगजनसंख्या की संरक्षण करने के लिए सक्षम मानवीयसंसाधनों को उत्पन्न करना है। संकुल में समस्त सुविधाएं जैसे की कक्षाएँ, विद्यार्थीवास, क्रीड़ासुविधाएँ और प्रयोगशाला आदि अत्यंत विकलांगअनुकूल है। .

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जेपी सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान

जेपी सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान उच्च शिक्षा का एक संस्थान है, जो एक समन्वित विश्वविद्यालय है यह उत्तरप्रदेश के नोएडा शहर में स्थित है। यह संस्थान जेपी समूह द्वारा 2001 में स्थापित किया गया था और जुलाई 2001 से इसका अकादमिक सत्र प्रारम्भ हुआ। प्रारंभ में यह राज्य विश्वविद्यालय जेपी विश्वविद्यालय, सूचना प्रौद्योगिकी, वखनाघाट से संबद्ध था और केवल डिप्लोमा पाठ्यक्रम ही उपलब्ध थे। 1 नवंबर 2004 तक, इसे यूजीसी द्वारा समन्वित विश्वविद्यालय घोषित किया गया।इसका उद्घाटन तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ° अर्जुन सिंह ने किया। उन्होंने उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भी अध्यक्षता की। .

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जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय

जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय (JNU) राजस्थान की एक निजी विश्वविद्यालय है। यह जोधपुर के उपनगरीय क्षेत्र में स्थित है। इसका प्रांगण लगभग ३० एकड़ में फैला है। इसमें १३००० से अधिक विद्यार्थी हैं। यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यताप्राप्त है। .

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वनस्थली विद्यापीठ

वनस्थली विद्यापीठ महिला शिक्षा की राष्ट्रीय संस्था है जो राजस्थान के टोंक जिले की निवाई में स्थित है। जहॉ शिशु कक्षा से लेकर स्नातकोत्तर शिक्षण एंव अनुसंधान कार्य हो रहा है। विद्यापीठ को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम की धारा 3 के अधीन भारत सरकार द्वारा समविश्वविद्यालय घोषित किया गया है। विद्यापीठ भारतीय विश्वविद्यालय संघ तथा एसोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटीज का सदस्य है। वनस्थली का वातावरण स्वतंत्रता का वातावरण है। छात्राओं को अधिकतम स्वतन्त्रता दी जाती है और उनके व्यक्तित्व के निर्माण का प्रयास किया जाता है। जो छात्रा दो-चार वर्ष वनस्थली में पढ़ लेती है उसके व्यक्तित्व मे वनस्थली की झलक देखी जा सकती है। वनस्थली के विशाल पुस्तकालय में लगभग एक लाख पुस्तकें हैं जिनमें उच्चकोटि के अनेक दुर्लभ ग्रन्थ भी हैं। लगभग 750 पत्रिकाएँ नियमित रूप से आती हैं जिनमें उच्च स्तर की विदेशी पत्रिकाएँ भी हैं। क्षेत्रीय स्तर पर, राज्य के स्तर पर, तथा राष्ट्रीय स्तर पर भी वनस्थली की छात्राएँ खेलकूद के विभिन्न कार्यक्रमों में पुरस्कृत होती है। घुड़सवारी के प्रशिक्षण की यहाँ जो व्यवस्था है वह यही का एक विशिष्ट और सराहनीय पक्ष है। लगभग प्रतिवर्ष ही राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड तथा राजस्थान विश्वविद्यालय की मेरिट लिस्ट में यहाँ की छात्राएँ भी स्थान पाती हैं। वनस्थली का उच्च माध्यमिक विद्यालय देश का प्रथम 'गर्ल्स ऑटोनॉमस स्कूल' है। .

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विभिन्न संस्थान और उनके संस्कृत ध्येय-वाक्य

नीचे कुछ महत्वपूर्ण संस्थानों के नाम और उनके संस्कृत में ध्येय-वाक्य या मोट्टो दिये गये हैं: ।श्रीमद्द्यानन्द वेदार्ष महाविद्यालय।गुरुकुल गौतम नगर नई दिल्ली ।पावका न: सरस्वती । .

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विश्व-भारती विश्वविद्यालय

विश्वभारती विश्वविद्यालय की स्थापना 1921 में रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने पश्चिम बंगाल के शान्तिनिकेतन नगर में की। यह भारत के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है। अनेक स्नातक और परास्नातक संस्थान इससे संबद्ध हैं। शान्ति निकेतन के संस्थापक रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म १८६१ ई में कलकत्ता में एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। इनके पिता महर्षि देवेन्द्रनाथ ठाकुर ने १८६३ ई में अपनी साधना हेतु कलकत्ते के निकट बोलपुर नामक ग्राम में एक आश्रम की स्थापना की जिसका नाम `शांति-निकेतन' रखा गया। जिस स्थान पर वे साधना किया करते थे वहां एक संगमरमर की शिला पर बंगला भाषा में अंकित है--`तिनि आमार प्राणेद आराम, मनेर आनन्द, आत्मार शांति।' १९०१ ई में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इसी स्थान पर बालकों की शिक्षा हेतु एक प्रयोगात्मक विद्यालय स्थापित किया जो प्रारम्भ में `ब्रह्म विद्यालय,' बाद में `शान्ति निकेतन' तथा १९२१ ई। `विश्व भारती' विश्वविद्यालय के नाम से प्रख्यात हुआ। टैगोर बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे। .

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विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय (युनिवर्सिटी) वह संस्था है जिसमें सभी प्रकार की विद्याओं की उच्च कोटि की शिक्षा दी जाती हो, परीक्षा ली जाती हो तथा लोगों को विद्या संबंधी उपाधियाँ आदि प्रदान की जाती हों। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के मैदान, भवन, प्रभाग, तथा विद्यार्थियों का संगठन आदि भी सम्मिलित हैं। .

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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूएसटीएम, USTM) भारत के मेघालय राज्य के री-भोई जिले में स्थित एक स्वायत्त विश्वविद्यालय है। समूचे पूर्वोत्तर भारत में स्थापित यह पहला निजी विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय अधिनियम, २००८ के तहत स्थापित किया गया था। इस विश्वविद्यालय की स्थापना शिक्षा अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन (ERDF), जो कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का सबसे बड़ा शैक्षिक नेटवर्क है; उसकी एक परियोजना के तहत की गयी थी। .

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वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग

वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग (सीएसटीटी) हिन्दी और अन्य सभी भारतीय भाषाओं के वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दों को परिभाषित एवं नए शब्दों का विकास करता है। भारत की स्वतंत्रता के बाद वैज्ञानिक-तकनीकी शब्दावली के लिए शिक्षा मंत्रालय ने सन् १९५० में बोर्ड की स्थापना की। सन् १९५२ में बोर्ड के तत्त्वावधान में शब्दावली निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ। अन्तत: १९६० में केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय और 1961 ई. में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना हुई। इस प्रकार विभिन्न अवसरों पर तैयार शब्दावली को 'पारिभाषिक शब्द संग्रह' शीर्षक से प्रकाशित किया गया, जिसका उद्देश्य एक ओर वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के समन्वय कार्य के लिए आधार प्रदान करना था और दूसरी ओर अन्तरिम अवधि में लेखकों को नई संकल्पनाओं के लिए सर्वसम्मत पारिभाषिक शब्द प्रदान करना था। स्वतंत्रता के बाद भारत के संविधान के निर्माताओं का ध्यान देश की सभी प्रमुख भाषाओं के विकास की ओर गया। संविधान में हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई और केंद्रीय सरकार को यह दायित्व सौंपा गया कि वह हिंदी का विकास-प्रसार करें एवं उसे समृद्ध करे। तदनुसार भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संविधान के अनुच्छेद 351 के अधीन हिंदी का विकास एवं समृद्धि की अनेक योजनाएँ आरंभ कीं। इन योजनाओं में हिंदी में तकनीकी शब्दावली के निर्माण का कार्यक्रम भी शामिल किया गया ताकी ज्ञान-विज्ञान की सभी शाखाओं में हिंदी के माध्यम से अध्ययन एवं अध्यापन हो सके। शब्दावली निर्माण कार्यक्रम को सही दिशा देने के लिए 1950 में शिक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में वैज्ञानिक शब्दावली बोर्ड की स्थापना की गई। पहले यह कार्य शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत हिंदी एकक द्वारा किया जाता था किन्तु बाद में विभिनन विषयों की हिंदी शब्दावली का निर्माण करने के दौरान यह ज्ञात हुआ कि यह काम बहुत ही अधिक विशाल, गहन और बहुआयामी है। इसके पूरे होने में बहुत सकय लगेगा और इस कार्य के लिए सभी विषयों के विशेषज्ञों एवं भाषाविदों की आवश्यकता होगी। अतः भारत सरकार ने 1 अक्तूबर, 1961 को प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ॰ डी.एस. कोठारी की अध्यक्षता में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना की ताकि शब्दावली निर्माण का कार्य सही एवं व्यापक परिप्रेक्ष्य में कार्यान्वित किया जा सके। .

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गंगाधरन नायर

जी० गंगाधरन नायर (जन्म अकतूबर 2, 1946) एक अंतर्राष्ट्रीय संस्कृत भाषा के विद्वान और आधुनिक युग में सामान्य बोलचाल की संस्कृत की दिशा में पथ प्रदर्शक रहे हैं। उन्होंने संस्कृत व्याकरण में पी० एच० डी० की शिक्षा पूरी की और रूसी और संस्कृत में एम० ए० की डिग्रियाँ प्राप्त की थी। उनके पास संस्कृत कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा का चालीस साल से अधिक अनुभव है। उन्होंने पहल की और एम॰ फातिमा बीबी को शोध की दिशा में मार्गदर्शन किया। फ़ातिमा पहली मुसलमान महिला है जिसने वेदान्त में शोध करके पी० एच० डी० की डिग्री प्राप्त की। .

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गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार स्थित एक विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना १९९५ में हुई थी। यह विश्वविद्यालय, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, फार्मेसी तथा प्रबन्धन के पाठ्यक्रम चलाता है। .

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गुरु गोबिन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय

गुरु गोबिंद सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (अनौपचारिक रूप से, इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय अथवा आई.पी.) दिल्ली में एक सार्वजानिक, वृतिक विश्वविद्यालय है। १९९८ में यह संस्थापित की गयी थी, जो की अब १२० से भी अधिक महाविद्यालयों को संबद्ध करती है जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तक फैले हुए है। विश्वविद्यालय के कैम्पस में १५ शिक्षालय और एक संघटक महाविद्यालय - इंदिरा गाँधी प्रौद्योगिकी संसथान है। गुरु गोबिंद सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय को देश के शिक्षा के क्षेत्र में प्रवर्तकों में गिना जाता है। यह पहली और एकमात्र भारतीय और एशिआइ विश्वविद्यालय है जिसको "प्लाटिनम टेकनोलौजी अवार्ड फॉर क्वालिटी एंड एक्सीलेंस", जीनीवा, स्वीजरलैंड में शिक्षा के क्षेत्र में मिला है। यह पुरस्कार "अदरवेज मैनेजमेंट एंड कनसलटिंग", पैरिस द्वारा दिया गया है। विश्वविद्यालय, राष्ट्रमंडल विश्वविद्यालय संघ, भारतीय विश्वविद्यालय संघ, भारतीय चिकित्सा परिषद, दूरशिक्षा परिषद का एक सदस्य है। .

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गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय भारत के उत्तराखण्ड राज्य के हरिद्वार शहर में स्थित है। इसकी स्थापना सन् १९०२ में स्वामी श्रद्धानन्द ने की थी। भारत में लार्ड मैकाले द्वारा प्रतिपादित अंग्रेजी माध्यम की पाश्चात्य शिक्षा नीति के स्थान पर राष्ट्रीय विकल्प के रूप में राष्ट्रभाषा हिन्दी के माध्यम से भारतीय साहित्य, भारतीय दर्शन, भारतीय संस्कृति एवं साहित्य के साथ-साथ आधुनिक विषयों की उच्च शिक्षा के अध्ययन-अध्यापन तथा अनुसंधान के लिए यह विश्वविद्यालय स्थापित किया गया था। इस विश्वविद्यालय का प्रमुख उद्देश्य जाति और छुआ-छूत के भेदभाव के बिना गुरु-शिष्य परम्परा के अन्तर्गत् अध्यापकों एवं विद्यार्थियों के मध्य निरन्तर घनिष्ट सम्बन्ध स्थापित कर छात्र-छात्राओं को प्राचीन एवं आधुनिक विषयों की शिक्षा देकर उनका मानसिक और शारीरिक विकास कर चरित्रवान आदर्श नागरिक बनाना है। विश्वविद्यालय हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लगभग 5 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। जून 1962 में भारत सरकार ने इस शिक्षण संस्था के राष्ट्रीय स्वरूप तथा शिक्षा के क्षेत्र में इसके अप्रतिम् योगदान को दृष्टि में रखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के एक्ट 1956 की धारा 3 के अन्तर्गत् समविश्वविद्यालय (डीम्ड यूनिवर्सिटी) की मान्यता प्रदान की और वैदिक साहित्य, संस्कृत साहित्य, दर्शन, हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी, मनोविज्ञान, गणित तथा प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्त्व विषयों में स्नातकोत्तर अध्ययन की व्यवस्था की गई। उपरोक्त विषयों के अतिरिक्त वर्तमान में विश्वविद्यालय में भौतिकी, रसायन विज्ञान, कम्प्यूटर विज्ञान, अभियांत्रिकी, आयुर्विज्ञान व प्रबन्धन के अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्थापित स्वायत्तशासी संस्थान ‘राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद्’ (NACC) द्वारा मई 2002 में विश्वविद्यालय को चार सितारों (****) से अलंकृत किया गया था। परिषद् के सदस्यों ने विश्वविद्यालय की संस्तुति यहां के परिवेश, शैक्षिक वातावरण, शुद्ध पर्यावरण, बृहत् पुस्तकालय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय आदि से प्रभावित होकर की थी। विश्वविद्यालय की सभी उपाधियां भारत सरकार/विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्य हैं। यह विश्वविद्यालय भारतीय विश्वविद्यालय संघ (A.I.U.) तथा कामनवैल्थ विश्वविद्यालय संघ का सदस्य है। .

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गुरू घासीदास विश्‍वविद्यालय

गुरु घासीदास विश्‍वविद्यालय भारत का एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इसकी स्‍थापना 16 जून 1983 को तत्‍कालीन मध्‍यप्रदेश के बिलासपुर में हुई थी। मप्र के विभाजन के पश्‍चात बिलासपुर छत्तीसगढ़ में शामिल हो गया। जनवरी 2009 में केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश में केंद्रीय विश्‍वविद्यालय अधिनियम 2009 के माध्‍यम से इसे केंद्रीय विश्‍वविद्यालय का दर्जा दिया गया। औपचारिक रूप से गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (GGU), राज्य विधानसभा के अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया था, औपचारिक रूप से 16 जून 1983 को उद्घाटन किया गया। यह भारतीय विश्वविद्यालयों के संघ और राष्ट्रमंडल विश्वविद्यालय संघ का एक सक्रिय सदस्य है। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) से बी+ के रूप में मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय है। सामाजिक और आर्थिक रूप से चुनौती वाले क्षेत्र में स्थित विश्वविद्यालय को उचित नाम, महान संत गुरू घासीदास (जन्म 17 वीं सदी में) के सम्मान स्वरूप दिया गया जिन्होने दलितों, सभी सामाजिक बुराइयों और समाज में प्रचलित अन्याय के खिलाफ एक अनवरत संघर्ष छेड़ा था। विश्वविद्यालय एक आवासीय सह सम्बद्ध संस्था है, इसका अधिकार क्षेत्र छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर राजस्व डिवीजन है। .

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गुलबर्ग विश्वविद्यालय

गुलबर्ग विश्वविद्यालय कर्नाटक राज्य में कर्नाटक विश्वविद्यालय का एक स्नातकोत्तर केन्द्र है। १९८० में कर्नाटक सरकार ने एक कानून के तहत इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दिया था। इस विश्वविद्यालय के अधिकारक्षेत्र में गुलबर्ग जिला, बीदर जिला, रायचूर जिला, बेल्लारी जिला एवं कोप्पल जिला आते हैं। .

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गुजरात विद्यापीठ

गुजरात विद्यापीठ का प्रतीक चिह्न गुजरात विद्यापीठ की स्थापना महात्मा गांधी ने १८ अक्टूबर सन् १९२० में की थी। यह गुजरात के अहमदाबाद नगर में स्थित है। इसकी स्थापना का उद्देश्य भारतीय युवकों को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराना था। गंधीजी इस बात को अच्छी तरह समझते थे कि मैकाले द्वारा रची गयी ब्रिटेन की औपनिवेशिक शिक्षा नीति का उद्देश्य दमनकारी ब्रिटिश साम्राज्य के लिये मानव संसाधन (क्लर्क?) तैयार करना है। उस शिक्षा नीति के विरुद्ध गांधीजी ने राष्ट्रीय पुनर्निर्माण व हिन्द स्वराज के लिये युवकों को तैयार करने के उद्देश्य से इस विद्यापीठ की स्थापना की। गांधीजी आजीवन इसके कुलाधिपति रहे। प्राध्यापक ए टी गिडवानी इसके प्रथम उपकुलपति रहे। गांधीजी के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल, डा राजेन्द्र प्रसाद, मोरार जी देसाई आदि ने इसके कुलपति पद को सुशोभित किया। सन् १९६३ में भारत सरकार ने इसे मानद विश्वविद्यालय का दर्जा दिया। .

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ग्राफ़िक एरा विश्वविद्यालय

ग्राफ़िक एरा विश्वविद्यालय (जीईयू) यूजीसी की धारा ३ के अन्तर्गत एक डीम्ड विश्वविद्यालय है, जो देहरादून, उत्तराखण्ड, भारत में स्थित है। इसे पूर्व में ग्राफ़िक एरा प्रौद्योगिकी संस्थान के नाम से जाना जाता था। जीईयू, १९९३ में ग्राफ़िक एरा एक छोटे से कम्प्यूटर सेण्टर के नाम से आरम्भ हुआ था। इस स्कूल ने प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम १९९८ में आरम्भ किए। २००१ में, इसने कम्प्यूटर साइन्स, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्यूनिकेश्न्स में अभियान्त्रिकी पाठ्यक्रम आरम्भ किए। जीईयू ने अपने पहले स्नातक कोर्स १९९८ की गर्मियों में आरम्भ किए जब इसने बेचलर ऑफ़ कम्प्यूटर एप्लिकेशन (बीसीए) और बेचलर्स इन मैनिजमण्ट पाठ्यक्रम आरम्भ किए। आरम्भिक कक्षाएँ दो कमरों और एक कम्प्यूटर लैब से आरम्भ हुईं जो एक छोटे वाणिज्यिक भवन में थी। प्रथम बैच बीसीए या बीएमआईटी की उपाधियों के साथ २००१ में पास हुआ। जीईयू, भारत के मानव विकास संसाधन मन्त्रालय द्वारा संकलित सूची में उन ४४ विश्वविद्यालयों में हैं जिन्हें अमान्यित डीम्ड विश्वविद्यालय घोषित किया जाना है। यह सूची जनवरी २०१० में संकलित हुई थी। .

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गोखले राजनीति एवं अर्थशास्त्र संस्थान

आम तौर पर गोखले संस्थान के नाम से मशहूर गोखले राजनीति एवं अर्थशास्त्र संस्थान (गोखले इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एण्ड इकोनॉमिक्स / जीआईपीई) अर्थशास्त्र के क्षेत्र में भारत के सबसे पुराने अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है। यह महाराष्ट्र के पुणे के डेक्कन जिमखाना क्षेत्र में बीएमसीसी रोड पर स्थित है - इस शहर को अक्सर पूर्व का ऑक्सफोर्ड कहा जाता है। .

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आन्ध्र विश्वविद्यालय

आन्ध्र विश्वविद्यालय या आंध्र विश्व कला परिषद (ఆంధ్ర యూనివర్శిటి / ఆంధ్ర విశ్వకళాపరిషత్), विशाखापट्ट्नम, पूर्व तटीय आंध्र प्रदेश में स्थित भारत के प्राचीनतम प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है। इसकी स्थापना १९२५ में की गई थी। तब इस विश्वविद्यालय ने मद्रास विश्वविद्यालय के साथ एफिलिएशन योग्यताएं बांटीं थीं। यह एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। यह 1926 में स्थापित किया गया। यह 250 हेक्टेयर (620 एकड़) के परिसर में स्थित है। .

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आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय बिहार का एक विश्वविद्यालय है जो बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम २००८ द्वारा शासित है। यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यताप्राप्त है। बिहार सरकार द्वारा इस विश्वविद्यालय की स्थापना राज्य के तकनीकी, चिकित्सीय, प्रबन्ध तथा व्यावसायिक शिक्षा के विकास एवं प्रबन्धन के लिये किया गया है। वर्तमान समय में यह CNLU पटना के अस्थायी कार्यालय से चलाया जा रहा है। बिहार सरकार ने इसके अपने प्रांगण (कैम्पस) के निर्माणार्थ 95 करोड़ रूपये निर्धारित किये हैं। .

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आंध्र प्रदेश के विश्वविद्यालयों और कालेजों की सूची

आंध्र प्रदेश में विश्वविद्यालयों और कालेजों की सूची आंध्र प्रदेश में विश्वविद्यालयों की व्यवस्था केंद्रीय, राज्य, मानित, स्वयंवत्त और प्राइवेट विश्वविद्यालयों के रूप में देखी जासकती है.

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय

इलाहाबाद विश्वविद्यालय भारत का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है। यह एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। यह आधुनिक भारत के सबसे पहले विश्वविद्यालयों में से एक है। इसे 'पूर्व के आक्सफोर्ड' नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना सन् 1887 ई को एल्फ्रेड लायर की प्रेरणा से हुयी थी। इस विश्वविद्यालय का नक्शा प्रसिद्ध अंग्रेज वास्तुविद इमरसन ने बनाया था। १८६६ में इलाहाबाद में म्योर कॉलेज की स्थापना हुई जो आगे चलकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हुआ। आज भी यह इलाहाबाद विश्वविद्यालय का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। म्योर कॉलेज का नाम तत्कालीन संयुक्त प्रांत के गवर्नर विलियम म्योर के नाम पर पड़ा। उन्होंने २४ मई १८६७ को इलाहाबाद में एक स्वतंत्र महाविद्यालय तथा एक विश्वविद्यालय के निर्माण की इच्छा प्रकट की थी। १८६९ में योजना बनी। उसके बाद इस काम के लिए एक शुरुआती कमेटी बना दी गई जिसके अवैतनिक सचिव प्यारे मोहन बनर्जी बने। ९ दिसम्बर १८७३ को म्योर कॉलेज की आधारशिला टामस जार्ज बैरिंग बैरन नार्थब्रेक ऑफ स्टेटस सीएमएसआई द्वारा रखी गई। ये वायसराय तथा भारत के गवर्नर जनरल थे। म्योर सेंट्रल कॉलेज का आकल्पन डब्ल्यू एमर्सन द्वारा किया गया था और ऐसी आशा थी कि कॉलेज की इमारतें मार्च १८७५ तक बनकर तैयार हो जाएँगी। लेकिन इसे पूरा होने में पूरे बारह वर्ष लग गए। १८८८ अप्रैल तक कॉलेज के सेंट्रल ब्लॉक के बनाने में ८,८९,६२७ रुपए खर्च हो चुके थे। इसका औपचारिक उद्घाटन ८ अप्रैल १८८६ को वायसराय लार्ड डफरिन ने किया। २३ सितंबर १८८७ को एक्ट XVII पास हुआ और कलकत्ता, बंबई तथा मद्रास विश्वविद्यालयों के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय उपाधि प्रदान करने वाला भारत का चौथा विश्वविद्यालय बन गया। इसकी प्रथम प्रवेश परीक्षा मार्च १८८९ में हुई। .

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इंटीग्रल विश्वविद्यालय

इंटीग्रल विश्ववियालय लखनऊ में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय है। यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा धारा-९, २००४ द्वारा २००४ में विश्वविद्यालय ब्नाया गया था। यह कुर्सी मार्ग, पर स्थित है। .

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इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ रायपुर में स्थित कृषि विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना २० जनवरी १९८७ को हुई थी। .

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इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय

इन्दिरा कला संगीत विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना खैरागढ़ रियासत के 24वें राजा विरेन्‍द्र बहादुर सिंह तथा रानी पद्मावती देवी द्वारा अपनी राजकुमारी 'इन्दिरा' के नाम पर उनके जन्‍म दिवस 14 अक्‍टूबर 1956 को की गई थी। .

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कमलानाथ

कमलानाथ शर्मा (के.एन.शर्मा भी) जलविज्ञान, सिंचाई तथा जल-निकास, एवं जल-विद्युत अभियांत्रिकी के अन्तरराष्ट्रीय विशेषज्ञ, वैदिक ग्रंथों में जलविज्ञान, पर्यावरण आदि विषयों के लेखक, साहित्यकार, तथा हिंदी के जानेमाने व्यंग्य लेखक और कहानीकार हैं। जलविज्ञान, जल-विद्युत अभियांत्रिकी व विश्व खाद्यान्न में उल्लेखनीय योगदान के अतिरिक्त के॰एन॰शर्मा ने वेदों, उपनिषदों आदि वैदिक वाङ्मय में जल, पर्यावरण, पारिस्थितिकी आदि पर भी शोध करके प्रचुरता से लिखा है। हिंदी साहित्य में साठ के दशक से कमलानाथ के नाम से उनके व्यंग्य तथा कहानियां भी देश की विभिन्न पत्रिकाओं में छपते रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान आपने विश्व के लगभग सभी देशों की यात्रा की, वहां के सिंचाई, जलनिकास, जलविज्ञान आदि के विकास में योगदान दिया तथा अनेक अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के कार्यक्रमों तथा परियोजनाओं से संबद्ध रहे। .

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कर्नाटक विश्वविद्यालय

कर्नाटक विश्वविद्यालय (ಕರ್ನಾಟಕ್ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾನಿಲಯ) की स्थापना आरंभ में मुंबई में १९४९ में हुई थी, जिसे बाद में धारवाड़ में अक्टूबर १९४९ में स्थानांतरित किया गया। मार्च, १९५० को इसका आधिकारिक उद्घाटन हुआ था। यह परिसर ७५० एकड़ (३ कि.मी²) में फैला हुआ है। कर्नाटक विश्वविद्यालय धारवाड़, उत्तर कन्नड़, कर्नाटक, भारत .

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कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय

कामेश्वरसिंह-दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय बिहार का एक विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना 26 जनवरी 1961 को हुई। इस विश्वविद्यालय की स्थापना दरभंगा के महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह की अविस्मरणीय दानशीलता के कारण दरभंगा में हुई। अतः इस विश्वविद्यालय के साथ कामेश्वरसिंह-दरभंगा का नाम भी उनके सम्मान में जुटा हुआ है। यह विश्वविद्यालय भारतीय विश्वविद्यालय संघ का एक सदस्य और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय है। यह बिहार राज्य का प्रथम तथा भारत का दूसरा संस्कृत विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय के मुख्यालय में स्नातकोत्तर (आचार्य) के अध्यापन के साथ-साथ संस्कृत के व्याकरण आदि शास्त्रों में शोध कार्य की भी व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय मुख्यालय में शिक्षाशास्त्री (B. Ed.) के अध्यापन की भी व्यवस्था है। इस विश्वविद्यालय के अधीन राज्य के विभिन्न भागों में 31 अंगीभूत महाविद्यालय, 31 वित्तसहित शास्त्री स्तरीय सम्बद्ध महाविद्यालय तथा 15 वित्तसहित उपशास्त्री स्तरीय सम्बद्ध महाविद्यालय संस्कृत के अध्यापन हेतु कार्यरत हैं। इनके अतिरिक्त कई वित्तरहित महाविद्यालय भी मान्यताप्राप्त हैं।;विश्वविद्यालय मुख्यालय के शैक्षणिक विभागों के नाम-.

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काशी हिन्दू विश्‍वविद्यालय

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय या बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (आम तौर पर बी.एच.यू.) वाराणसी में स्थित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना (बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय एक्ट, एक्ट क्रमांक १६, सन् १९१५) महामना पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा सन् १९१६ में वसंत पंचमी के पुनीत दिवस पर की गई थी। दस्तावेजों के अनुसार इस विधालय की स्थापना मे मदन मोहन मालवीय जी का योगदान सिर्फ सामान्य संस्थापक सदस्य के रूप मे था,महाराजा दरभंगा रामेश्वर सिंह ने विश्वविद्यालय की स्थापना में आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था दान ले कर की ।इस विश्वविद्यालय के मूल में डॉ॰ एनी बेसेन्ट द्वारा स्थापित और संचालित सेन्ट्रल हिन्दू कॉलेज की प्रमुख भूमिका थी। विश्वविद्यालय को "राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान" का दर्ज़ा प्राप्त है। संप्रति इस विश्वविद्यालय के दो परिसर है। मुख्य परिसर (१३०० एकड़) वाराणसी में स्थित है जिसकी भूमि काशी नरेश ने दान की थी। मुख्य परिसर में ६ संस्थान्, १४ संकाय और लगभग १४० विभाग है। विश्वविद्यालय का दूसरा परिसर मिर्जापुर जनपद में बरकछा नामक जगह (२७०० एकड़) पर स्थित है। ७५ छात्रावासों के साथ यह एशिया का सबसे बड़ा रिहायशी विश्वविद्यालय है जिसमे ३०,००० से ज्यादा छात्र अध्यनरत हैं जिनमे लगभग ३४ देशों से आये हुए छात्र भी शामिल हैं। इसके प्रांगण में विश्वनाथ का एक विशाल मंदिर भी है। सर सुंदरलाल चिकित्सालय, गोशाला, प्रेस, बुक-डिपो एवं प्रकाशन, टाउन कमेटी (स्वास्थ्य), पी.डब्ल्यू.डी., स्टेट बैंक की शाखा, पर्वतारोहण केंद्र, एन.सी.सी.

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कुमाऊँ विश्वविद्यालय

कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल, उत्तराखण्ड में स्थित है। विश्वविद्यालय की स्थापना १ मार्च १९७३ में उप्र राज्य अधिनियम के अन्तर्गत हुई थी। विश्वविद्यालय के दो कैम्पस है नैनीताल और अल्मोड़ा में और पूरे कुमाऊँ क्षेत्र में २७ महाविद्यालय इससे संबद्धीकृत हैं। भीमताल में एक और कैम्पस बनाया जा रहा है, जो व्यवसायिक, तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा की माँग को पूरा करेगा। उत्कृष्ट शिक्षण और उच्च गुणवत्ता शोध के साथ-साथ चौतरफा विकास इस विध्वविद्यालय का ध्येय है और मुख्य बल कुमाऊँ क्षेत्र पर है। .

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कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ का पहला व देश का दूसरा पत्रकारिता विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय की नींव सन् २००४ में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने रखी थी। यहां पत्रकारिता से संबंधित पाठ्यक्रम एम जे, एम एस सी इलेक्ट्रानिक मीडिया, एम ए एपीआर एवं एम ए एम सी सहित डिप्लोमा कोर्स संचालित है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ॰ एमएस परमार नियुक्त किए गए हैं। श्रेणी:छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालय श्रेणी:भारत के विश्वविद्यालय.

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क्राइस्ट विश्वविद्यालय

क्राइस्ट विश्वविद्यालय भारत के कर्नाटक राज्य की राजधानी बंगलुरु में स्थित एक मानित विश्वविद्यालय है। यह बेंगलुरू के होसूर मार्ग पर स्थित है। .

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केन्द्रीय भारतीय औषधि परिषद

केन्द्रीय भारतीय औषधि परिषद (अंग्रेज़ी: सेन्ट्रल काउन्सिल ऑफ इण्डियन मेडिसिन, लघु:CCIM) आयुर्वेद, योग एवं नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन इंडियन मेडिसिन सेन्ट्रल काउन्सिल अधिनियम, १९७०, धारा ४८ के अंतर्गत्त १९७१ में स्थापित एक स्वायत्त संस्था है। यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की व्यावसायिक परिषद है, जिसका ध्येय भारतीय औषधि क्षेत्र में आयुर्वेद, यूनानी एवं सिद्ध प्रणालियों सहित उच्च शिक्षा का पर्यवेक्षण करना है।, अभिगमन तिथि: १५ जनवरी २०१० .

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केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद

केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद (अंग्रेज़ी:सेंट्रल काउन्सिल ऑफ होम्योपैथी, लघु:CCH) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत्त एकं सांविधिक संस्था है। इसके संबद्ध भारतीय औषधि एवं होम्योपैथी प्रणालियां है। यह संस््था विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अधीन भारत में उच्च शिक्षा के नियमन हेतु स्थापित की गई थी। .

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कोठारी आयोग

सन् १९६४ में भारत की केन्द्रीय सरकार ने डॉ दौलतसिंह कोठारी की अध्यक्षता में स्कूली शिक्षा प्रणाली को नया आकार व नयी दिशा देने के उद्देश्य से एक आयोग का गठन किया। इसे कोठारी आयोग के नाम से जाना जाता है। डॉ कोठारी उस समय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष थे। आयोग ने भारतीय स्कूली शिक्षा की गहन समीक्षा प्रस्तुत की जो भारत के शिक्षा के इतिहास में आज भी सर्वाधिक गहन अध्ययन माना जाता है। कोठारी आयोग (1964-66) या राष्ट्रीय शिक्षा आयोग, भारत का ऐसा पहला शिक्षा आयोग था जिसने अपनी रिपार्ट में सामाजिक बदलावों को ध्यान में रखते हुए कुछ ठोस सुझाव दिए l .

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अनिल कुमार त्यागी

अनिल कुमार त्यागी (जन्म: २ अप्रैल १९५१) गुरु गोबिन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति है। इस से पहले वह यूजीसी सैप कार्यक्रम के संयोजक और दिल्ली विश्वविद्यालय के रसायन विभाग के प्रमुख उपाध्यक्ष के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर में नियुक्त थे। .

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अन्तरराष्‍ट्रीय अध्ययन संस्थान (जे. एन. यू.)

अन्तरराष्‍ट्रीय अध्ययन संस्थान (School of International Studies) जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय का सबसे पुराना संस्थान है। इतने लम्बे समय से अन्तरराष्‍ट्रीय संबंधों और क्षेत्रीय अध्ययन के शिक्षण एवं शोध में संलग्न इस संस्थान ने अपने आपको पूरे देश में एक अग्रणी संस्थान के रूप में स्थापित किया है। संस्थान ने भारत में अन्तरराष्‍ट्रीय सम्बन्धों का अध्ययन एक शैक्षिक विषय के रूप में विकसित करने और अन्तरराष्‍ट्रीय मामलों के ज्ञान एवं समझ को अन्तरविषयक परिप्रेक्ष्य में उन्नत करने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। यह 'क्षेत्रीय अध्ययन' को उन्नत करने तथा विश्‍व के विभिन्न देशों एवं क्षेत्रों में सुविज्ञता विकसित करने वाला देश में पहला संस्थान है। संस्थान ने उच्च शिक्षा केंद्र के रूप में भी अन्तरराष्‍ट्रीय ख्याति हासिल की है। स्वतंत्रता प्राप्‍ति के तुरन्त बाद के वर्षों में इस तरह के संस्थान की आवश्यकता महसूस की गई थी। उस समय देश भर में विदेशी मामलों से सम्बन्धित केवल एक ही संस्थान - विश्‍व मामलों की भारतीय परिषद् - ने भारत में अन्तरराष्‍ट्रीय मामलों का अध्ययन शुरू करने की बात को समझा। पूरे विश्‍व में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में हो रहे विकास को समझने के लिए युवा वर्ग को प्रशिक्षित करना ज़रूरी था। पंडित हृदयनाथ कुंजरू की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों पर अक्टूबर 1955 में इंडियन स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की स्थापना हुई और डॉ॰ ए. अप्पादुरई इस संस्थान के पहले निदेशक नियुक्‍त हुए। शुरू में यह संस्थान दिल्ली विश्‍वविद्यालय से सम्बद्ध था। वर्ष 1961 से लेकर जून 1970 में जेएनयू का एक हिस्सा बनने तक इस संस्थान ने सम-विश्‍वविद्यालय के रूप में कार्य किया। जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय का हिस्सा बनने के बाद इसके नाम से 'इंडियन` हटाकर इसे "अन्तरराष्‍ट्रीय अध्ययन संस्थान" नाम दिया गया और फिर यह जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय का एक संस्थान बन गया। लम्बे समय तक संस्थान के शैक्षिक कार्यक्रम केवल शोध पर आधारित रहे और संस्थान केवल पी-एच.डी.

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अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, बरेली

इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान, बरेली (आईईटी) उत्तर प्रदेश, बरेली में राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित इंजीनियरिंग कॉलेज है। यह एम॰जे॰पी॰ रोहिलखंड विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित है। यह बिहार प्रान्त में स्थित प्रतिष्ठित अभियांत्रिकी संस्थानों में से एक है जिसमें विभिन्न शाखाएं है। प्रारंभ में (१९९५-२००७ तक) प्रवेश एम.जे.पी.

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अरुण निगवेकर

डॉ अरुण निगवेकर (जन्म: १९४२) भारत के एक शिक्षाविद हैं। वे २००० से २००५ तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष थे। वे पुणे विश्वविद्यालय के उपकुलपति भी रह चुके हैं। श्रेणी:भारतीय शिक्षाविद श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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असम विश्वविद्यालय

असम विश्वविद्यालय (আসাম বিশ্ববিদ্যালয়) भारत का एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय दक्षिण असम में स्थित है, जिसकी सीमाएँ बांग्लादेश, मिजोरम, मणिपुर, मेघालय और नागालैंड से मिलती हैं। विश्वविद्यालय का परिसर सिलचर से लगभग 20 किमी दूर, दुर्गाकोणा में के क्षेत्र में स्थित है। विश्वविद्यालय के अंतर्गत नौ संकाय (संस्थान) हैं, जो कि सामाजिक विज्ञान, मानविकी, भाषा, जीवन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, सूचना विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन अध्ययन संबंधी शैक्षणिक पाठ्यक्रम का प्रस्ताव करते है। इन नौ संकायों के अंतर्गत 29 विभाग हैं। असम विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत पांच जिलों के 51 स्नातक महाविद्यालय आते हैं। देश के कोने कोने से विविध अनुशासनों के शिक्षकों को आकर्षित कर असम विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के प्रति अंतरानुशासनात्मक दृष्टिकोण का उदाहरण प्रस्तुत करता है। .

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अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय

अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश के रीवा में स्थित एक स्वायत्त विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय का नाम कप्तान अवधेश प्रताप सिंह के नाम पर रखा गया है जो भारत के ख्यातनाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। यह विश्वविद्यालय सन 1968 में बनाया गया। इसे फरवरी 1972 में यूजीसी से इस मान्यता मिली। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय भारतीय विश्वविद्यालय संघ और सभी विश्वविद्यालयों के राष्ट्रमंडल एसोसिएशन के सदस्य है। .

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अंग्रेजी और विदेशी भाषाओ का केन्द्रीय संस्थान

अंग्रेजी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय (EFLU) (जिसे पहले CIEFL के नाम से जाना जाता था) भारत में स्थित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। यह उच्चतर शिक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर का विश्वविद्यालय है। इसका मुख्य परिसर में हैदराबाद में स्थित है। हालांकि लखनऊ और शिलौंग में भी इसके परिसर हैं। ईएफएलयू (EFLU) में अंग्रेजी और विदेशी भाषाओं के साथ उनके साहित्य के बारे में भी पढ़ाया जाता है। साथ ही ये इन भाषाओं से जुड़े अनुसंधान (रिसर्च), शिक्षकों के प्रशिक्षण, प्रशिक्षण सामग्री को मुहैया कराने का भी काम करता है, एक तरह से कहा जाए तो ईएफएलयू सेवाओं का शिक्षा विस्तार है जिसका मुख्य उदेश्य भारत में अंग्रेजी और विदेशी भाषाओं की पढ़ाई के स्तर को सुधारना है। ये देश का अकेला ऐसा शिक्षण संस्थान है जो पूरी तरह से अंग्रेजी और विदेशी भाषाओं की पढ़ाई को लेकर प्रतिबद्ध है। ईन वर्षोमें ईएफएलयु (EFLU) ने विभिन्न विदेशी भाषाओं की पढाई शरू की है जिनकी काफी माग थी। यहां अंग्रेजी, अरबी, फ्रेंच, जर्मन, जापानी, रशियन, स्पैनिश, पोर्टेगीज, पर्सियन, तुर्की, इटालियन, चीनी, कोरियन और हिंदी जैसी भाषाओं की पढ़ाई होती है। ईएफएलयु (EFLU) एम.ए. (M.A) के साथ उस विषय में एक सांस्कृतिक अध्ययन पाठ्यक्रम शुरू करने वाला देश का पहला शिक्षण संस्थान भी है। ईएफएलयु (EFLU) समाजशास्त्र, फिल्म स्टूडियो, मानवशास्त्र, इतिहास और साहित्य जैसे क्षेत्र, जहां ईन शिक्षा शाखाओं को पृथक करना कठिन हो जाता है, एसे क्षत्रोमें एम.फिल.

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उच्चतर शिक्षा विभाग

उच्चतर शिक्षा विभाग भारत में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत बना उच्च शिक्षा के संवर्धन के लिए एक विभाग है। यह विभाग विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की धारा 3 (यूजीसी) अधिनियम, 1956 के तहत, भारत के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की सलाह पर शिक्षण संस्थानों को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा देने का अधिकार है .

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उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा परिषद

उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा परिषद (Uttar Pradesh Board of Technical Education (UPBTE या BTEUP) उत्तर प्रदेश के क्षात्रों को डिप्लोमा स्तर की प्राविधिक शिक्षा देता है। इसका पाठ्यक्रम ३ वर्ष पूर्णकालिक या ४ वर्ष अंशकालिक होता है। BTEUP ज्यादातर सरकारी कॉलेजों, और कुछ निजी कॉलेजों के साथ संबद्ध है। वहाँ 30 से अधिक इस तरह के कंप्यूटर विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, और नागरिक की तरह के रूप में ग्रुप ए में की पेशकश की ट्रेडों, कर रहे हैं। वहाँ 80 से अधिक कॉलेजों BTEUP के साथ संबद्ध है कि प्रस्ताव समूह ए अन्य समूहों में पाठ्यक्रम वस्त्रों में पाठ्यक्रम, गृह विज्ञान, कृषि, और दूसरों को प्रदान करते हैं।बोर्ड परीक्षा अनुसूची घोषित करने, वार्षिक परीक्षा के आयोजन और उनके परिणाम घोषित करने का कार्य करता है। अन्य कार्यों, सम्बद्ध संस्थानों में शामिल भवन और उपकरण के अपने मानकों को निर्धारित करता है। तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण के राज्य बोर्ड "मई, 1958 में राज्य में स्थापित किया गया था। बोर्ड 1960 में अपनी पहली परीक्षा आयोजित की, डिप्लोमा स्तर के पाठ्यक्रमों के लिए और भी Draughtsman सर्टिफिकेट कोर्स के लिए। राज्य बोर्ड के नाम में बदल गया था" तकनीकी शिक्षा बोर्ड "1962 में एक ही वर्ष में," उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा अधिनियम - 1962 "बोर्ड वैधानिक दर्जा देने अधिनियमित किया गया था वर्ष 1962 में अपनी स्थापना के वर्ष, बोर्ड के बारे में 2500 छात्रों की परीक्षा 25 विभिन्न केन्द्रों पर आयोजित की, सिविल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीन प्रमुख विषयों में /। संस्थाओं। यह एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 40 सदस्यों, राज्य सरकार द्वारा नामित.सचिव, तकनीकी शिक्षा बोर्ड, उत्तर प्रदेश अन्य संस्थानों द्वारा तैयार पाठ्यक्रम के बोर्ड पदेन सदस्य सचिव मंडल द्वारा अपनाया गया था, 1980 तक लेकिन उसके बाद के पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम विकसित और संशोधित किया गया था, अपने पाठ्यक्रम विकास केंद्र के माध्यम से बोर्ड स्तर पर हर पांच साल में। पाठ्यक्रम विकास कार्य IRDT कानपुर को सौंपा गया है। बोर्ड अब जांच करने और पाठ्यक्रम IRDT, कानपुर द्वारा विकसित की मंजूरी और एक साल, दो साल के निम्नलिखित 52 विभिन्न विषयों में तकनीकी शिक्षा बोर्ड से संबद्ध संस्थानों के लिए यह लिख, के बारे में 38,000 छात्रों, तीन साल और चार साल durations संस्थानों में वर्तमान में जांच की जा रही हैं, बोर्ड से संबद्ध। की बोर्ड "- 1962 यूपी Pravidhic शिक्षा अधिनियम" के तहत गठित की गई है। यह एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष और 40 memebers राज्य सरकार द्वारा नामित किया गया है। सचिव, तकनीकी शिक्षा बोर्ड बोर्ड के पदेन सदस्य सचिव है। श्रेणी:भारत की प्राविधिक परिषद श्रेणी:उत्तर प्रदेश के शिक्षा संस्थान श्रेणी:लखनऊ के संस्थान.

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उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय

सी॰ विद्यासागर राव - उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय के कुलपति। उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय भारत के सबसे आशाजनक आगामी विश्वविद्यालयों में से एक है। यह विश्वविद्यालय पहले पुणे विश्वविद्यालय का भाग था, लेकिन यह उससे विलग हो गया और १५ अगस्त, १९८९ को इसकी स्थापना की गई। ४०४ एकड़ में फैला इसका प्राणंग बहुत विशाल और सुंदर बनाया गया है। विश्वविद्यालय प्राणंग में मिट्टी की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कार्यकरम चलाया गया है। यहाँ छः स्नातकोत्तर विभाग हैं: रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, गणितीय विज्ञान और तुलनात्मक भाषाएँ जिनके विभिन्न अनुभाग हैं: रसायन प्रौद्योगिकी, प्रबंधन शिक्षा, संगणक विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी, पुस्तकालय और सूचना विज्ञान जो विश्वविद्यालय प्राणंग में ही स्थित हैं। इस सभी विभागों और अनुभागों की अध्यापक-मंडली अनुभवी है और सभी देश के प्रतिष्ठित संस्थानों और उद्योगों से आते हैं। वर्तमान में अध्यापक-मंडली की संख्या ६२ है। .

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उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय

उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय भारत के उत्तराखण्ड राज्य के हल्द्वानी में स्थित एक विश्वविद्यालय है। यह इस राज्य का एकमात्र मुक्त विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना उत्तराखण्ड विधानसभा के एक अधिनियम से ३१ अक्टूबर, २००५ को हुई थी, जिसका उद्देश्य शिक्षा का लोकतांत्रीकरण करना था, ताकि जनसंख्या के एक बड़े भाग तक व्यावसायिक शिक्षा की पहुँच हो सके। .

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उत्तराखण्ड आवासीय विश्वविद्यालय

उत्तराखण्ड आवासीय विश्वविद्यालय एक विश्वविद्यालय है जो भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा नगर में स्थित है। विश्वविद्यालय की स्थापना, उत्तराखण्ड विधानसभा के सितम्बर २०१६ के अधिनियम संख्या २० के तहत, दिल्ली में स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के तर्ज़ पर हुई थी। देहरादून में स्थित दून विश्वविद्यालय के बाद यह उत्तराखंड का दूसरा आवासीय विश्वविद्यालय है। कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके प्रो॰ एच.एस धामी को विश्वविद्यालय का पहला कुलपति नियुक्त किया गया। .

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उत्कल विश्वविद्यालय

उत्कल विश्वविद्यालय (ଉତ୍କଳ ବିଶ୍ୱବିଦ୍ୟାଳୟ) ओडिशा का सबसे पुराना विश्वविद्यालय और भारत का 17 वाँ सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। राजधानी भुवनेश्वर में स्थित यह विश्वविद्यालय ओडिशा का प्रमुख शैक्षिक केंद्र है। .

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उदय प्रताप कॉलिज

उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी शहर में स्थित यूजीसी का एक स्वायत्त महाविद्यालय है। इस कॉलेज की स्थापना १९०९ में राजर्षि उदय प्रताप सिंह ने की थी। आरंभ में इसे एक हाई स्कूल के रूप में चलाया गया था, किन्तु १९४९ से इसे स्नातकोत्तर महाविद्यालय बनाया ग्या और कॉलिज डिग्रियाँ भी देने लगा। यहाँ कला, मानविकी, विज्ञान एवं प्रबंधन से संबंधित विषय और पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। .

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छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय

सीएसवीटीयू का नेवईभाठा स्थित नवीन भवन छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग जिले के भिलाई शहर में स्थित तकनीकी विश्वविद्यालय है। इसे संक्षिप्त रूप से सीएसवीटीयू के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के हाथों ३० जुलाई २००५ को हुई थी। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्ध राज्य में ४५ इंजीनियरिंग महाविद्यालय, एक आर्किटेक्चर महाविद्यालय, ३८ पॉलीटेक्निक और ११ फार्मेसी महाविद्यालय शामिल हैं। .

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छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय

छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना 2008 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा की गई थी। विश्वविद्यालय के कुलपति डा जी बी गुप्ता हैं। विश्वविद्यालय से पं॰ जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कालेज, सीजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (सिम्स) व सीएम मेडिकल कालेज, दुर्ग संबद्ध है। विश्वविद्यालय में १५० एमबीबीएम व ७१ एमडी-एमएस मेडिकल कोर्स में प्रवेश प्रदान किया जाता है। इसके अलावा बीएसपी (मेडिकल टेक्नालाजी), रेडियोग्राफी, नर्सिंग व मेडिकल लेबोरेटरी इन सर्विस ट्रेनिंग में डिप्लोमा कोर्स संचालित किया जाता है। .

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छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय

छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के अंजोरा में स्थित पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना छत्तीसगढ़ के राज्यपाल द्वारा छत्तीसगढ़ कामधेनु अधिनियम २०११ की घोषणा के साथ ११ अप्रैल २०१२ को की गई। छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय से वर्तमान में प्रदेश के तीन कालेज - कालेज ऑफ वेटनरी साइंस एंड एनीमल हसबेंड्री, अंजोरा, दुर्ग, कालेज ऑफ डेयरी टेक्नालाजी, रायपुर और कालेज ऑफ फिशरिज, कवर्धा संबद्ध हैंं। .

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